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हरियाणा के अनेक सैनिक विश्व युद्ध अमर शहीद सैनिक सम्मान से वंचित
हरियाणा के अनेक सैनिक विश्व युद्ध अमर शहीद सैनिक सम्मान से वंचित
हरियाणा: इसे प्रशासन की उदासीनता कहे या फिर लापरवाही। अनेक गुमनाम सैनिक विश्व युद्ध अमर शहीद सैनिक सम्मान से वंचित रह गए है। फौगाट द्वारा राज्य के अनेकों गुमनाम रह गए आजाद हिन्द फौज सैनिकों का रिकॉर्ड ढूंढकर स्वतंत्रता सेनानी दर्जा देने के लिए छः सालों से ही अनुरोध किया जा रहा है लेकिन आज तक ऐसे सैनिकों को गांव के गौरव पटटौ पर स्वतंत्रता सेनानी होने का नाम नहीं लिखा गया है। इतना ही नहीं सरकार…
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#Shri Bhagwan Fogat#HARYANA NEWS#Many soldiers of Haryana were deprived of World War Amar Shaheed Sainik Honor#REWARI NEWS#आजाद हिन्द फौज#सैनिक विश्व युद्ध#सैनिक सम्मान से#हरियाणा के अनेक
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अनेक संतों ने हरियाणा में अवतरित होने वाले हरि के बारे में बताया, जिसके आधार पर संत रामपाल जी महाराज ही वह अवतार हैं, जिनका अवतरण हरियाणा प्रांत में एक जाट परिवार में 8 सितंबर 1951 को हुआ था। जिन्होंने सद्ग्रंथों से प्रमाणित करके के बताया कि कबीर जी ही वास्तविक परमात्मा हैं जिनकी भक्ति से मोक्ष प्राप्त हो सकता है।#हरि_आये_हरियाणे_नू
#धरती_पर_अवतार
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#हरि_आये_हरियाणे_नू
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अनेक संतों ने हरियाणा में अवतरित होने वाले हरि के बारे में बताया, जिसके आधार पर संत रामपाल जी महाराज ही वह अवतार हैं, जिनका अवतरण हरियाणा प्रांत में एक जाट परिवार में 8 सितंबर 1951 को हुआ था। जिन्होंने सद्ग्रंथों से प्रमाणित करके के बताया कि कबीर जी ही वास्तविक परमात्मा हैं जिनकी भक्ति से मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
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🔹अनेक संतों ने हरियाणा में अवतरित होने वाले हरि के बारे में बताया, जिसके आधार पर संत रामपाल जी महाराज ही वह अवतार हैं, जिनका अवतरण हरियाणा प्रांत में एक जाट परिवार में 8 सितंबर 1951 को हुआ था। जिन्होंने सद्ग्रंथों से प्रमाणित करके के बताया कि कबीर जी ही वास्तविक परमात्मा हैं जिनकी भक्ति से मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
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#हरि_आये_हरियाणे_नू
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🔹अनेक संतों ने हरियाणा में अवतरित होने वाले हरि के बारे में बताया, जिसके आधार पर संत रामप���ल जी महाराज ही वह अवतार हैं, जिनका अवतरण हरियाणा प्रांत में एक जाट परिवार में 8 सितंबर 1951 को हुआ था। जिन्होंने सद्ग्रंथों से प्रमाणित करके के बताया कि कबीर जी ही वास्तविक परमात्मा हैं जिनकी भक्ति से मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
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वाल्मिकी जयंती की हार्दिक शुभकामनाये।
पारस परिवार संगठन के सहयोग से वाल्मिकी जयंती मनाई गई।
पारस परिवार के संस्थापक, आदरणीय “महंत श्री पारस भाई ��ी” एक सच्चे म���र्गदर्शक, एक महान ज्योतिषी, एक आध्यात्मिक लीडर, एक असाधारण प्रेरक वक्ता और एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो देश और समाज के कल्याण के लिए खुद को समर्पित करते हैं। उनका एक ही लक्ष्य है लोगों के सुखी और समृद्ध जीवन की कामना करना। लोगों को अँधेरे से निकालकर उनके जीवन में रोशनी फैलाना।
“पारस परिवार” हर किसी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। पारस परिवार से जो भी जुड़ जाता है वो इस परिवार का एक अहम हिस्सा बन जाता है और यह संगठन और भी मजबूत बन जाता है। जिस तरह एक परिवार में एक दूसरे की जरूरतों का ख्याल रखा जाता है। ठीक उसी तरह पारस परिवार भी एक परिवार की तरह एक दूसरे का सम्मान करता है और जरूरतमंद लोगों के जीवन में बदलाव लाने के साथ यह परिवार एकजुट की भावना रखता है ।
‘महंत श्री पारस भाई जी’ एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहते हैं जहाँ कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, जहाँ जाति-धर्म के नाम पर झगड़े न हों और जहाँ आपस में लोग मिलजुलकर रहें। साथ ही लोगों में द्वेष न रहे और प्रेम की भावना का विकास हो। पारस परिवार निस्वार्थ रूप से जन कल्याण की विचारधारा से प्रभावित है।
इसी विचारधारा को लेकर वह भक्तों के आंतरिक और बाहरी विकास के लिए कई आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करते हैं। आध्यात्मिक क्षेत्र (Spiritual Sector) की बात करें तो महंत श्री पारस भाई जी “दुख निवारण महाचण्डी पाठ”, “प्रार्थना सभा” और “पवित्र जल वितरण” जैसे दिव्य कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
जिससे वे भक्तों के दुखों का निवारण, उनकी आंतरिक शांति और उनकी सुख-समृद्धि के लिए समर्पित हैं। इसी तरह सामाजिक क्षेत्र की बात करें तो पारस परिवार सामाजिक जागरूकता और समाज कल्याण के लिए भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने के लिए लंगर, धर्मरथ और गौ सेवा जैसे महान कार्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा हरियाणा और मध्य प्रदेश में “डेरा नसीब दा” जैसे महान कार्य का निर्माण भी है, जहाँ जाकर सोया हुआ नसीब भी जाग जाता है।
वाल्मिकी जयंती, जिसे परगट दिवस के नाम से भी जाना जाता है, प्रसिद्ध ऋषि और महाकाव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मिकी के जन्म की स्मृति में एक महत्वपूर्ण घटना है। हिंदू माह आश्विन की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह दिन कई भारतीय समुदायों, विशेषकर बाल्मीकि लोगों के लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। पारस परिवार संगठन में, हम साहित्य और आध्यात्मिकता में वाल्मिकी के योगदान पर ध्यान देने के साथ-साथ सामाजिक कल्याण के प्रति अपने समर्पण को नवीनीकृत करके इस कार्यक्रम को मनाते हैं।
महर्षि वाल्मिकी की विरासत
महर्षि वाल्मिकी एक कवि के साथ-साथ परिवर्तन और प्रायश्चित के प्रतीक के रूप में भी पूजनीय हैं। उनकी जीवन कहानी दर्शाती है कि कड़ी मेहनत और पश्चाताप किसी को भी महानता की ओर कैसे प्रेरित कर सकता है। एक समय उन्हें रत्नाकर के नाम से जाना जाता था, लेकिन गहन भक्ति और ध्यान से गुजरने के बाद, वह गुरु बन गए और रामायण लिखी, एक कहानी जो नैतिकता, धार्मिकता और बुराई पर अच्छाई की जीत का उपदेश देती है।
पारस परिवार में हमारा मिशन
महंत श्री पारस भाई जी द्वारा स्थापित पारस परिवार संगठन जरूरतमंदों की मदद करने और सामाजिक सद्भाव को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है। हमारा मार्गदर्शक विश्वास, “उनकी मुस्कुराहट के पीछे माँ की खुशी है,” हर उस ��्यक्ति को महसूस कराने के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाता है जिसकी हम मदद करते हैं और उसे यह महसूस कराते हैं कि उसे प्यार और उसकी परवाह है। इस वाल्मिकी जयंती पर, हम उन सिद्धांतों का अनुकर��� करने की आशा करते हैं जिनका वाल्मिकी ने प्रतिनिधित्व किया:
करुणा: हम जरूरतमंद लोगों को भेदभाव रहित सहायता प्रदान करने में वाल्मिकी के विश्वास को साझा करते हैं। हमारा समूह वंचित लोगों को भोजन, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा तक पहुंच प्रदान करने के लिए अंतहीन प्रयास करता है।
सशक्तिकरण: शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से, हमारा लक्ष्य लोगों को सशक्त बनाना है ताकि वे स्वतंत्र जीवन जी सकें। यह परिवर्तन और मानव प्रगति पर वाल्मिकी की शिक्षाओं के अनुरूप है।
एकता: समुदाय वाल्मिकी जयंती के दौरान जश्न मनाने और चिंतन करने के लिए एक साथ इकट्ठा होते हैं। ऐसा माहौल बनाने के लिए जहां हर कोई समाज की भलाई में योगदान दे सके, हम विभिन्न समूहों के बीच सद्भाव को बढ़ावा देते हैं।
एक साथ वाल्मिकी जयंती मना रहे हैं
इस वर्ष जब हम वाल्मिकी जयंती मना रहे हैं तो हम आपको अनेक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए सादर आमंत्रित करते हैं:
सामुदायिक कार्यक्रम: हमारी बैठकों में भाग लें जहां हम अपने सांस्कृतिक इतिहास का जश्न मनाते हैं, वाल्मिकी की शिक्षाओं पर चर्चा करते हैं और रामायण के अंशों का पाठ करते हैं।
खाद्य वितरण अभियान: यह सुनिश्चित करने के लिए कि जरूरतमंद लोगों को पौष्टिक भोजन मिले, हम खाद्य वितरण अभियान की योजना बनाएंगे। हम आपकी सहायता से इस खुशी के समय में अधिक लोगों तक पहुंच सकते हैं।
शैक्षिक कार्यशालाएँ: हमारी कार्यशालाओं में आएँ, जो वाल्मिकी की अंधकार से ज्ञानोदय की यात्रा पर आधारित हैं और शिक्षा और व्यक्तिगत विकास के मूल्य पर जोर देती हैं।
बदलाव लाने में हमसे जुड़ें
जैसा कि हम वाल्मिकी जयंती मनाते हैं, आइए हम एकता, करुणा और परिवर्तन पर उनकी सीख को ध्यान में रखें। हम आपको इस साहसिक कार्य में पारस परिवार संगठन के साथ आने के लिए सादर आमंत्रित करते हैं। साथ मिलकर काम करके, हम उन लोगों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं जो कम भाग्यशाली हैं।
आइए हम महर्षि वाल्मिकी की विरासत को याद करने के लिए सांप्रदायिक एकजुटता, सेवा और करुणा के प्रति अपने समर्पण की पुष्टि करते हुए अपनी बात समाप्त करें। आइए हमारे साथ आएं क्योंकि हम एक ऐसा समुदाय बनाने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें हर कोई समृद्ध हो सके, जैसे वाल्मिकी ने शांति और नैतिकता से ��ुक्त दुनिया की कल्पना की थी।
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क्या संत रामपाल जी वाकई भगवान हैं? जानिए उनके अनुयायियों की राय!
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अनेक संतों ने हरियाणा में अवतरित होने वाले हरि के बारे में बताया, जिसके आधार पर संत रामपाल जी महाराज ही वह अवतार हैं, जिनका अवतरण हरियाणा प्रांत में एक जाट परिवार में 8 सितंबर 1951 को हुआ था। जिन्होंने सद्ग्रंथों से प्रमाणित करके के बताया कि कबीर जी ही वास्तविक परमात्मा हैं जिनकी भक्ति से मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
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#हरि_आये_हरियाणे_नू
अनेक संतों ने हरियाणा में अवतरित होने वाले हरि के बारे में बताया, जिसके आधार पर संत रामपाल जी महाराज ही वह अवतार हैं, जिनका अवतरण हरियाणा प्रांत में एक जाट परिवार में 8 सितंबर 1951 को हुआ था। जिन्होंने सद्ग्रंथों से प्रमाणित करके के बताया कि कबीर जी ही वास्तविक परमात्मा हैं जिनकी भक्ति से मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
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*बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय* 🧩
*#InspiredBy_SantRampalJi*
*मानवता की मिसाल*
🩸 रक्तदान महादान
मानवहित में संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके शिष्यों ने सतलोक आश्रम खमाणों (पंजाब) में 200 यूनिट रक्तदान कर समाज सेवा का अनुपम उदाहरण पेश किया।
🩸 संत रामपाल जी के शिष्य समाज हित में अग्रणी भूमिका निभाते हुए सैकड़ों यूनिट रक्तदान कर मानवता का सर्वोच्च कार्य कर रहे हैं।
🩸 रक्तदान, जीवनदान
सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश) में संत रामपाल जी के समर्थकों ने 472 यूनिट रक्तदान कर मानवता का सर्वोच्च कार्य किया।
🩸 सेवा का नया आयाम
सतलोक आश्रमों में संत रामपाल जी की सामाजिक शिक्षाओं से प्रभावित हो उनके अनुयायियों ने किया सैकड़ों यूनिट रक्तदान।
🩸 जीवन को बचाने की पहल, संत रामपाल जी के अनुयायियों का रक्तदान अभियान, जिसके तहत सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा) में किया गया 155 यूनिट रक्तदान।
🩸 जीवनदान का नया अध्याय
सतलोक आश्रम शामली (उत्तरप्रदेश) में संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस पर हुआ 300 यूनिट रक्तदान, जिससे बचेंगी अनेक जिंदगिया���।
🩸 मानवता की सेवा में संत रामपाल जी का रक्तदान में अनमोल योगदान देखने को मिला, जिसके तहत सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब) में हुआ संत रामपाल जी के सानिध्य में 80 यूनिट रक्तदान।
🩸 रक्तदान महादान
संत रामपाल जी की एक छोटी सी पहल से प्रेरित होकर उनके अनुयायी सैकड़ों यूनिट रक्तदान कर एक बड़ी सेवा कर रहे हैं। क्योंकि 'रक्तदान है महादान'
🩸 संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी मानवता की सेवा में अग्रसर हैं। इसलिए लाखों लोगों की जिंदगियाँ बचाने के लिए वे हर समागम में करते हैं सैकड़ों यूनिट रक्तदान।
🩸 संत रामपाल जी महाराज के शिष्य रक्तदान कर सच्ची मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं। जिससे सैकड़ों जिंदगियों की जान बच सकेगी।
🩸 रक्तदान, पुण्य का काम, हर बूंद में जीवन देने की शक्ति है और इस शक्ति को पहचाना है संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने, जिन्होंने लोगों की जिंदगियाँ बचाने के लिए संत रामपाल जी के 74वें अवतरण दिवस पर किया सैकड़ों यूनिट रक्तदान।
🩸 संत रामपाल जी महाराज के 74वें अवतरण दिवस पर सतलोक आश्रम धनाना धाम, हरियाणा में आयोजित रक्तदान शिविर में संत रामपाल जी के शिष्यों ने 335 यूनिट रक्तदान किया। जहाँ ब्लड लेने स्वयं रोहतक पीजीआई की टीम पहुंची। जिसने इस महापरोपकारी कार्य के लिए संत रामपाल जी की सराहना की।
🩸 संत रामपाल जी बताते हैं कि मानवता की सेवा, परम कर्तव्य है। इसी को ध्यान में रखकर उनके शिष्यों ने सतलोक आश्रम धनाना धाम, हरियाणा में 335 यूनिट रक्तदान किया। जहाँ ब्लड लेने स्वयं रोहतक पीजीआई की टीम पहुंची।
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#हरि_आये_हरियाणे_नू
अनेक संतों ने हरियाणा में अवतरित होने वाले हरि के बारे में बताया जिसके आधार पर संत रामपाल जी महाराज ही वह अवतार हैं,जिनका अवतरण हरियाणा प्रांत में एक जाट परिवार में 8 सितंबर 1951 को हुआ था।
जानने के लिए देखें संत रामपाल जी महाराज यूटयूब चैनल
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#हरि_आये_हरियाणे_नू
अनेक संतों ने हरियाणा में अवतरित होने वाले हरि के बारे में बताया, जिसके आधार पर संत रामपाल जी महाराज ही वह अवतार हैं, जिनका अवतरण हरियाणा प्रांत में एक जाट परिवार में 8 सितंबर 1951 को हुआ था। जिन्होंने सद्ग्रंथों से प्रमाणित करके के बताया कि कबीर जी ही वास्तविक परमात्मा हैं जिनकी भक्ति से मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
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अनेक संतों ने हरियाणा में अवतरित होने वाले हरि के बारे में बताया, जिसके आधार पर संत रामपाल जी महाराज ही वह अवतार हैं, जिनका अवतरण हरियाणा प्रांत में एक जाट परिवार में 8 सितंबर 1951 को हुआ था। जिन्होंने सद्ग्रंथों से प्रमाणित करके के बताया कि कबीर जी ही वास्तविक परमात्मा हैं जिनकी भक्ति से मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
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#हरि_आये_हरियाणे_नू
अनेक संतों ने हरियाणा में अवतरित होने वाले हरि के बारे में बताया, जिसके आधार पर संत रामपाल जी महाराज ही वह अवतार हैं, जिनका अवतरण हरियाणा प्रांत में एक जाट परिवार में 8 सितंबर 1951 को हुआ था। जिन्होंने सद्ग्रंथों से प्रमाणित करके के बताया कि कबीर जी ही वास्तविक परमात्मा हैं जिनकी भक्ति से मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
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💫अनेक संतों ने हरियाणा में अवतरित होने वाले हरि के बारे में बताया, जिसके आधार पर संत रामपाल जी महाराज ही वह अवतार हैं, जिनका अवतरण हरियाणा प्रांत में एक जाट परिवार में 8 सितंबर 1951 को हुआ था। जिन्होंने सद्ग्रंथों से प्रमाणित करके के बताया कि कबीर जी ही
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अनेक संतों ने हरियाणा में अवतरित होने वाले हरि के बारे में बताया, जिसके आधार पर संत रामपाल जी महाराज ही वह अवतार हैं, जिनका अवतरण हरियाणा प्रांत में एक जाट परिवार में 8 सितंबर 1951 को हुआ था। जिन्होंने सद्ग्रंथों से प्रमाणित करके के बताया कि कबीर जी ही वास्तविक परमात्मा हैं जिनकी भक्ति से मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
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कबीर साहिब पर हुए हमले का राज़ | जानें कैसे बचे अद्भुत चमत्कार से! SA News
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अनेक संतों ने हरियाणा में अवतरित होने वाले हरि के बारे में बताया, जिसके आधार पर संत रामपाल जी महाराज ही वह अवतार हैं, जिनका अवतरण हरियाणा प्रांत में एक जाट परिवार में 8 सितंबर 1951 को हुआ था। जिन्होंने सद्ग्रंथों से प्रमाणित करके के बताया कि कबीर जी ही वास्तविक परमात्मा हैं जिनकी भक्ति से मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
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