#हक का सवाल
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writerss-blog · 2 years ago
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हक का सवाल
सौजन्य: गूगल एक हक की क्या बात की उसने मुझे तबाह कर डाला, जब जीत का सेहरा बंधा था, फलक पर बैठा हमें इज्जत अदा कर डाला, आज हम एक न्याय की गुहार लगाए बैठे हैं, तो हमें गुनहगार बना डाला । क्या हमारा साहब इतना बेदर्द है की अपनी बेटियों को ही रुसवा कर दिया, एक बार हम पर भी नजर डाल देते तो शायद हमें भी इंसाफ का नजराना मिल जाता ।।
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helputrust · 1 year ago
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लखनऊ 14.10.2023 | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा कैरियर कान्वेंट कॉलेज, विकास नगर के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार विषयक "Our Minds, Our Rights" का आयोजन कैरियर कान्वेंट कॉलेज विकास नगर लखनऊ में किया गया| सेमिनार में डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, Ayurveda Doctor and Art of Living Yoga Instructor तथा वंदना त्रिभुवन सिंह, Expert in Leadership Communication and Image Management ने छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया तथा उस दुष्प्रभाव से किस तरह बचा जा सकता है यह भी बताया | सेमिनार में कैरियर कान्वेंट कॉलेज के करीब 200 छात्र छात्राओं, शिक्षिकाओं ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि "विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी देना है, इसलिए हमें भी जानना चाहिए कि मानसिक विकार से बचने के लिए क्या करना जरूरी है। वर्तमान जीवनशैली में युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण वे मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मानसिक विकार शरीर पर तो प्रभाव डालता ही है। साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाता है। मेरा यह मानना है कि हमारे दिमाग पर सिर्फ हमारा हक है हम इसे सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखें या नकारात्मक कार्यों से अपनी ऊर्जा खत्म करें यह हमारे ऊपर है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट अपने स्थापना वर्ष 2012 से ही निरंतर कमजोर और निर्धन वर्ग के उत्थान हेतु अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है | लोगों को उनके स्वास्थ देखभाल हेतु जागरूक करने के लिए ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, नेत्र जांच शिविर, TB अवेयरनेस शिविर, योगा शिविर, कैंसर चेकअप शिविर, रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किया जाता रहा है व आगे भी ट्रस्ट द्वारा सभी के सहयोग से जनहित में और भी कार्य किया जाएगा |" सेमिनार को संबोधित करते हुए कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की तथा कहा कि, "इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित होते रहने चाहिए| उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं ठीक उसी तरह हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए |" वंदना सिंह चौहान ने आज के परिप्रेक्ष्य में बढ़ रहे मानसिक तनाव के बारे में कहा कि "मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमारे दिमाग में यह धारणा बनी हुई है कि यदि कोई मानसिक तनाव में है तो वह पागल है | जब हम बीमार होते हैं तो हम डॉक्टर के पास जाते हैं और बड़े गर्व से बताते हैं कि हमें यह बीमारी है लेकिन जब हम मानसिक तनाव में ह��ते हैं तो थैरेपिस्ट के पास जाने में हमें शर्म आती है| आज हम अलग-अलग तनाव से गिरे हुए हैं लेकिन किसी के साथ साझा करने से घबराते हैं| मेरा यह मानना है कि मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत| अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है और आप मानसिक रूप से सशक्त हैं तो आपको कोई नहीं हरा सकता |" डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ने मानसिक स्वास्थ्य हेतु आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए कहा कि, "यदि हम शरीर से स्वस्थ हैं लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो हम संपूर्ण स्वस्थ नहीं हैं क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है| हम अपने शरीर की सफाई तो करते हैं लेकिन अपने दिमाग की सफाई कैसे करें इस पर ध्यान देने की जरूरत है जिसके लिए हमें योग क्रिया, प्राणायाम, ध्यान आदि करना चाहिए जिससे न सिर्फ हमारे मन को शांति मिलेगी बल्कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य और अधिक मजबूत होगा| आयुर्वेद में कहा गया है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के अनुकूल भोजन करना चाहिए और अगर हमारे मस्तिष्क में कोई समस्या चल रही हो तो उसे अपने माता-पिता शिक्षक या सहपाठियों के साथ साझा करना चाहिए| ऐसा करने से न सिर्फ हमें आत्मिक शांति मिलती है बल्कि उस समस्या का समाधान भी मिल जाता है |" सेमिनार में डॉ रूपल अग्रवाल ने गणमान्य वक्ताओं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह एवं कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन का प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया| सभी छात्र- छात्राओं ने सम्मानित वक्तागणों से मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई सवाल पूछे जिनका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे| सवाल पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में श्री जॉबी जॉन, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह सहित कैरियर कान्वेंट कॉलेज की शिक्षकों श्रीमती सुनीता गुनियाल, श्रीमती अरुणा श्रीवास्तव, मि. योगेश त्रिपाठी, मि. हृदेश पांडे, सराह खान, श्रीमती कविता उपाध्याय, श्रीमती नम्रता सक्सेना,श्रीमती पूनम सिंह, शाहीन, श्रीमती सुमित्रा, रजा अब्बास, सायरा खान, अनुराधा श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, गौहर, विवेकानंद, मि. मनोज पांडे, गिरीश द्विवेदी, रंजना तथा छात्र-छात्राओं नसरा आफरीन, तृषा कनौजिया, नैना भट्ट, तन्मय रावत, उस्मान, श्रेया, जोया, आयशा अशफेक, अयान खान, यश डेनियल आदि की उपस्थिति रही |
#mentalhealth #mentalhealthawareness #anxiety #mentalhealthmatters #depression #motivation #health #wellness #mindfulness #healing #inspiration #positivity #positivevibes #meditation #mentalillness #psychology #wellbeing #NarendraModi #PMOIndia #YogiAdityanath #ChiefMinisterUttarPradesh #Career_Convent_College_Vikas_Nagar #JobyJohn #DrShipraSrivastava #VandanaTribhuvanSingh #HelpUTrust #HelpUEducationalandCharitableTrust #KiranAgarwal #DrRupalAgarwal #HarshVardhanAgarwal
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ainnewsone · 6 days ago
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निजी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने पर जबलपुर हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड से जवाब मांगा?
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AIN NEWS 1 जबलपुर: जबलपुर हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड द्वारा याचिकाकर्ता की निजी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने के फैसले को लेकर महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कोर्ट ने वक्फ बोर्ड को यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए और इसे लेकर नोटिस जारी कर वक्फ बोर्ड से जवाब मांगा है। यह मामला उस समय का है जब याचिकाकर्ता हाजी मोहम्मद अली ने वक्फ बोर्ड के इस फैसले को चुनौती दी, जिसमें उनकी निजी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर लिया गया था। https://youtube.com/shorts/CnT3DwWZ6HM?si=WGmee1W2ZDuVYB9b मामला क्या है? रीवा निवासी हाजी मोहम्मद अली ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने वक्फ बोर्ड द्वारा उनकी निजी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने को गलत बताते हुए इसे निरस्त किए जाने की मांग की। याचिकाकर्ता का कहना है कि लगभग 100 साल पहले उनके दादा स्व. अब्दुल मन्नान ने अपनी निजी भूमि पर हाजी सैयद जहूर अली शाह के नाम से एक दरगाह बनवाई थी। यह भूमि उनके स्वामित्व में रही है, और इसे न तो वक्फ बोर्ड को दान किया गया था और न ही कभी इसे वक्फ संपत्ति के रूप में समर्पित किया गया था। इसके बावजूद, वक्फ बोर्ड ने बिना किसी सूचना या सुनवाई का अवसर दिए उनकी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर लिया। क्या था संपत्ति का इतिहास? याचिकाकर्ता ने बताया कि उनके दादा ने 1924-25 से पहले 400 वर्ग फीट भूमि पर अपनी संपत्ति पर दरगाह बनवाई थी, और 800 वर्ग फीट भूमि को खाली रखा था। यह भूमि पूरी तरह से उनके स्वामित्व में रही है और इसमें कभी भी वक्फ बोर्ड की कोई भूमिका नहीं रही। याचिकाकर्ता के अनुसार, 1977 में उनके पिता स्व. अनवरूल हक ने इस संपत्ति की देखभाल की। इसके बाद, 19 सितंबर, 2016 को पंजीकृत वसीयतनामा के तहत याचिकाकर्ता को इस संपत्ति का म���तवल्ली (देखभाल करने वाला) बनाया गया। याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि जब 30 नवंबर, 2020 को उनके पिता का निधन हो गया, तो उन्होंने इस संपत्ति की देखभाल जारी रखी। लेकिन, वक्फ बोर्ड ने बिना किसी सूचना या अनुमोदन के उनकी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में घोषित कर दिया और इसे राजपत्र में प्रकाशित कर दिया। इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट का आदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी किया और यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। कोर्ट ने वक्फ बोर्ड से जवाब देने के लिए निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने इस कार्रवाई को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग की है और अपनी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने को अवैध बताया है। वक्फ बोर्ड की कार्रवाई पर सवाल यह मामला वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है, जिसमें बिना किसी सूचना या अनुमोदन के निजी संपत्तियों को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर दिया जाता है। याचिकाकर्ता के अनुसार, न तो उनकी और न ही उनके किसी पूर्वज की ओर से कभी इस संपत्ति को वक्फ बोर्ड को दान किया गया था। ऐसे में यह सवाल उठता है कि वक्फ बोर्ड ने यह कार्रवाई कैसे की, और इसके लिए क्या कानूनी प्रक्रिया अपनाई गई थी? याचिका का मुख्य उद्देश्य याचिकाकर्ता का मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्ड द्वारा उनकी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने की पूरी प्रक्रिया को निरस्त करना है। उनका आरोप है कि यह कार्रवाई बिना किसी सूचना और सुनवाई के की गई, जो कि संविधान और कानून के खिलाफ है। याचिकाकर्ता ने अपनी संपत्ति के स्वामित्व को लेकर स्पष्ट रूप से बताया है कि यह संपत्ति उनके दादा के समय से उनके स्वामित्व में रही है, और इस पर उनका पूरा अधिकार है। English Paragraph:   The Jabalpur High Court has issued an interim order, directing the Waqf Board to maintain the status quo in a case where private property was declared as Waqf property. The petitioner, Haji Mohammad Ali, challenged this decision, claiming that the property, owned by his family for generations, was never donated or dedicated to the Waqf Board. The case involves a 100-year-old family-owned land in Rewa, which was wrongly registered as Waqf property by the Board without notice or hearing. The court has issued a notice to the Waqf Board and asked for a response. The petitioner seeks to cancel the entire process and retain ownership of the property. Read the full article
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sharpbharat · 1 month ago
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jamshedpur tata leadge demand : फिर आ गया टाटा लीज समझौते के नवीनीकरण का समय, समाजसेवी जवाहरलाल शर्मा ने सूचना के अधिकार के तहत सरकार से पूछा, क्या सबको एक समान नागरिक सुविधा की शर्त पर होगा नवीनीकरण या नहीं?
जमशेदपुर : जमशेदपुर के सभी नागरिकों को उसका हक दिलाने के लिए दशकों से संघर्षरत मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा ने संघर्ष जारी रखा है .एक तरफ जहां उनकी याचिका पर जमशेदपुर में नगर निगम का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है वहीं टाटा लीज समझौते के नवीनीकरण का समय नजदीक आ गया है. लेकिन इस मुद्दे पर राजनीतिक खामोशी के बीच जवाहरलाल शर्मा ने सूचना के अधिकार के तहत सरकार से कई सवाल पूछे हैं. उन्होंने…
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drrupal-helputrust · 1 month ago
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World Mental Health Day : Our Minds Our Rights | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस : हमारा मन हमारे अधिकार
लखनऊ 14.10.2023 | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा कैरियर कान्वेंट कॉलेज, विकास नगर के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार विषयक Our Minds Our Rights का आयोजन कैरियर कान्वेंट कॉलेज विकास नगर लखनऊ में किया गया| सेमिनार में डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, Ayurveda Doctor and Art of Living Yoga Instructor तथा वंदना त्रिभुवन सिंह, Expert in Leadership Communication and Image Management ने छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया तथा उस दुष्प्रभाव से किस तरह बचा जा सकता है यह भी बताया | सेमिनार में कैरियर कान्वेंट कॉलेज के करीब 200 छात्र छात्राओं, शिक्षिकाओं ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने ���हा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य ��ोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी देना है, इसलिए हमें भी जानना चाहिए कि मानसिक विकार से बचने के लिए क्या करना जरूरी है। वर्तमान जीवनशैली में युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण वे मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मानसिक विकार शरीर पर तो प्रभाव डालता ही है। साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाता है। मेरा यह मानना है कि हमारे दिमाग पर सिर्फ हमारा हक है हम इसे सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखें या नकारात्मक कार्यों से अपनी ऊर्जा खत्म करें यह हमारे ऊपर है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट अपने स्थापना वर्ष 2012 से ही निरंतर कमजोर और निर्धन वर्ग के उत्थान हेतु अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है | लोगों को उनके स्वास्थ देखभाल हेतु जागरूक करने के लिए ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, नेत्र जांच शिविर, TB अवेयरनेस शिविर, योगा शिविर, कैंसर चेकअप शिविर, रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किया जाता रहा है व आगे भी ट्रस्ट द्वारा सभी के सहयोग से जनहित में और भी कार्य किया जाएगा |
सेमिनार को संबोधित करते हुए कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की तथा कहा कि इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित होते रहने चाहिए| उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं ठीक उसी तरह हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए |
वंदना सिंह चौहान ने आज के परिप्रेक्ष्य में बढ़ रहे मानसिक तनाव के बारे में कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमारे दिमाग में यह धारणा बनी हुई है कि यदि कोई मानसिक तनाव में है तो वह पागल है | जब हम बीमार होते हैं तो हम डॉक्टर के पास जाते हैं और बड़े गर्व से बताते हैं कि हमें यह बीमारी है लेकिन जब हम मानसिक तनाव में होते हैं तो थैरेपिस्ट के पास जाने में हमें शर्म आती है | आज हम अलग-अलग तनाव से गिरे हुए हैं लेकिन किसी के साथ साझा करने से घबराते हैं| मेरा यह मानना है कि मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत| अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है और आप मानसिक रूप से सशक्त हैं तो आपको कोई नहीं हरा सकता |
डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ने मानसिक स्वास्थ्य हेतु आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए कहा कि यदि हम शरीर से स्वस्थ हैं लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो हम संपूर्ण स्वस्थ नहीं हैं क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है| हम अपने शरीर की सफाई तो करते हैं लेकिन अपने दिमाग की सफाई कैसे करें इस पर ध्यान देने की जरूरत है जिसके लिए हमें योग क्रिया, प्राणायाम, ध्यान आदि करना चाहिए जिससे न सिर्फ हमारे मन को शांति मिलेगी बल्कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य और अधिक मजबूत होगा| आयुर्वेद में कहा गया है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के अनुकूल भोजन करना चाहिए और अगर हमारे मस्तिष्क में कोई समस्या चल रही हो तो उसे अपने माता-पिता शिक्षक या सहपाठियों के साथ साझा करना चाहिए| ऐसा करने से न सिर्फ हमें आत्मिक शांति मिलती है बल्कि उस समस्या का समाधान भी मिल जाता है |
सेमिनार में डॉ रूपल अग्रवाल ने गणमान्य वक्ताओं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह एवं कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन का प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया| सभी छात्र- छात्राओं ने सम्मानित वक्तागणों से मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई सवाल पूछे जिनका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे| सवाल पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में श्री जॉबी जॉन, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह सहित कैरियर कान्वेंट कॉलेज की शिक्षकों श्रीमती सुनीता गुनियाल, श्रीमती अरुणा श्रीवास्तव, मि. योगेश त्रिपाठी, मि. हृदेश पांडे, सराह खान, श्रीमती कविता उपाध्याय, श्रीमती नम्रता सक्सेना,श्रीमती पूनम सिंह, शाहीन, श्रीमती सुमित्रा, रजा अब्बास, सायरा खान, अनुराधा श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, गौहर, विवेकानंद, मि. मनोज पांडे, गिरीश द्विवेदी, रंजना तथा छात्र-छात्राओं नसरा आफरीन, तृषा कनौजिया, नैना भट्ट, तन्मय रावत, उस्मान, श्रेया, जोया, आयशा अशफेक, अयान खान, यश डेनियल आदि की उपस्थिति रही |
#mentalhealth #mentalhealthawareness #anxiety #mentalhealthmatters #depression #motivation  #wellness #mindfulness #healing #inspiration #positivity #meditation #mentalillness #psychology #wellbeing
#NarendraModi #PMOIndia
#YogiAdityanath #ChiefMinisterUttarPradesh
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helpukiranagarwal · 1 month ago
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World Mental Health Day : Our Minds Our Rights | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस : हमारा मन हमारे अधिकार
लखनऊ 14.10.2023 | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा कैरियर कान्वेंट कॉलेज, विकास नगर के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार विषयक Our Minds Our Rights का आयोजन कैरियर कान्वेंट कॉलेज विकास नगर लखनऊ में किया गया| सेमिनार में डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, Ayurveda Doctor and Art of Living Yoga Instructor तथा वंदना त्रिभुवन सिंह, Expert in Leadership Communication and Image Management ने छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया तथा उस दुष्प्रभाव से किस तरह बचा जा सकता है यह भी बताया | सेमिनार में कैरियर कान्वेंट कॉलेज के करीब 200 छात्र छात्राओं, शिक्षिकाओं ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी देना है, इसलिए हमें भी जानना चाहिए कि मानसिक विकार से बचने के लिए क्या करना जरूरी है। वर्तमान जीवनशैली में युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगो�� में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण वे मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मानसिक विकार शरीर पर तो प्रभाव डालता ही है। साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाता है। मेरा यह मानना है कि हमारे दिमाग पर सिर्फ हमारा हक है हम इसे सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखें या नकारात्मक कार्यों से अपनी ऊर्जा खत्म करें यह हमारे ऊपर है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट अपने स्थापना वर्ष 2012 से ही निरंतर कमजोर और निर्धन वर्ग के उत्थान हेतु अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है | लोगों को उनके स्वास्थ देखभाल हेतु जागरूक करने के लिए ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, नेत्र जांच शिविर, TB अवेयरनेस शिविर, योगा शिविर, कैंसर चेकअप शिविर, रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किया जाता रहा है व आगे भी ट्रस्ट द्वारा सभी के सहयोग से जनहित में और भी कार्य किया जाएगा |
सेमिनार को संबोधित करते हुए कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की तथा कहा कि इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित होते रहने चाहिए| उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं ठीक उसी तरह हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए |
वंदना सिंह चौहान ने आज के परिप्रेक्ष्य में बढ़ रहे मानसिक तनाव के बारे में कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमारे दिमाग में यह धारणा बनी हुई है कि यदि कोई मानसिक तनाव में है तो वह पागल है | जब हम बीमार होते हैं तो हम डॉक्टर के पास जाते हैं और बड़े गर्व से बताते हैं कि हमें यह बीमारी है लेकिन जब हम मानसिक तनाव में होते हैं तो थैरेपिस्ट के पास जाने में हमें शर्म आती है | आज हम अलग-अलग तनाव से गिरे हुए हैं लेकिन किसी के साथ साझा करने से घबराते हैं| मेरा यह मानना है कि मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत| अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है और आप मानसिक रूप से सशक्त हैं तो आपको कोई नहीं हरा सकता |
डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ने मानसिक स्वास्थ्य हेतु आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए कहा कि यदि हम शरीर से स्वस्थ हैं लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो हम संपूर्ण स्वस्थ नहीं हैं क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है| हम अपने शरीर की सफाई तो करते हैं लेकिन अपने दिमाग की सफाई कैसे करें इस पर ध्यान देने की जरूरत है जिसके लिए हमें योग क्रिया, प्राणायाम, ध्यान आदि करना चाहिए जिससे न सिर्फ हमारे मन को शांति मिलेगी बल्कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य और अधिक मजबूत होगा| आयुर्वेद में कहा गया है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के अनुकूल भोजन करना चाहिए और अगर हमारे मस्तिष्क में कोई समस्या चल रही हो तो उसे अपने माता-पिता शिक्षक या सहपाठियों के साथ साझा करना चाहिए| ऐसा करने से न सिर्फ हमें आत्मिक शांति मिलती है बल्कि उस समस्या का समाधान भी मिल जाता है |
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सेमिनार में श्री जॉबी जॉन, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह सहित कैरियर कान्वेंट कॉलेज की शिक्षकों श्रीमती सुनीता गुनियाल, श्रीमती अरुणा श्रीवास्तव, मि. योगेश त्रिपाठी, मि. हृदेश पांडे, सराह खान, श्रीमती कविता उपाध्याय, श्रीमती नम्रता सक्सेना,श्रीमती पूनम सिंह, शाहीन, श्रीमती सुमित्रा, रजा अब्बास, सायरा खान, अनुराधा श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, गौहर, विवेकानंद, मि. मनोज पांडे, गिरीश द्विवेदी, रंजना तथा छात्र-छात्राओं नसरा आफरीन, तृषा कनौजिया, नैना भट्ट, तन्मय रावत, उस्मान, श्रेया, जोया, आयशा अशफेक, अयान खान, यश डेनियल आदि की उपस्थिति रही |
#mentalhealth #mentalhealthawareness #anxiety #mentalhealthmatters #depression #motivation  #wellness #mindfulness #healing #inspiration #positivity #meditation #mentalillness #psychology #wellbeing
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helputrust-harsh · 1 month ago
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World Mental Health Day : Our Minds Our Rights | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस : हमारा मन हमारे अधिकार
लखनऊ 14.10.2023 | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा कैरियर कान्वेंट कॉलेज, विकास नगर के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार विषयक Our Minds Our Rights का आयोजन कैरियर कान्वेंट कॉलेज विकास नगर लखनऊ में किया गया| सेमिनार में डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, Ayurveda Doctor and Art of Living Yoga Instructor तथा वंदना त्रिभुवन सिंह, Expert in Leadership Communication and Image Management ने छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया तथा उस दुष्प्रभाव से किस तरह बचा जा सकता है यह भी बताया | सेमिनार में कैरियर कान्वेंट कॉलेज के करीब 200 छात्र छात्राओं, शिक्षिकाओं ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी देना है, इसलिए हमें भी जानना चाहिए कि मानसिक विकार से बचने के लिए क्या करना जरूरी है। वर्तमान जीवनशैली में युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण वे मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मानसिक विकार शरीर पर तो प्रभाव डालता ही है। साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाता है। मेरा यह मानना है कि हमारे दिमाग पर सिर्फ हमारा हक है हम इसे सकारात्मक कार्यों मे�� व्यस्त रखें या नकारात्मक कार्यों से अपनी ऊर्जा खत्म करें यह हमारे ऊपर है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट अपने स्थापना वर्ष 2012 से ही निरंतर कमजोर और निर्धन वर्ग के उत्थान हेतु अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है | लोगों को उनके स्वास्थ देखभाल हेतु जागरूक करने के लिए ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, नेत्र जांच शिविर, TB अवेयरनेस शिविर, योगा शिविर, कैंसर चेकअप शिविर, रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किया जाता रहा है व आगे भी ट्रस्ट द्वारा सभी के सहयोग से जनहित में और भी कार्य किया जाएगा |
सेमिनार को संबोधित करते हुए कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की तथा कहा कि इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित होते रहने चाहिए| उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं ठीक उसी तरह हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए |
वंदना सिंह चौहान ने आज के परिप्रेक्ष्य में बढ़ रहे मानसिक तनाव के बारे में कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमारे दिमाग में यह धारणा बनी हुई है कि यदि कोई मानसिक तनाव में है तो वह पागल है | जब हम बीमार होते हैं तो हम डॉक्टर के पास जाते हैं और बड़े गर्व से बताते हैं कि हमें यह बीमारी है लेकिन जब हम मानसिक तनाव में होते हैं तो थैरेपिस्ट के पास जाने में हमें शर्म आती है | आज हम अलग-अलग तनाव से गिरे हुए हैं लेकिन किसी के साथ साझा करने से घबराते हैं| मेरा यह मानना है कि मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत| अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है और आप मानसिक रूप से सशक्त हैं तो आपको कोई नहीं हरा सकता |
डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ने मानसिक स्वास्थ्य हेतु आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए कहा कि यदि हम शरीर से स्वस्थ हैं लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो हम संपूर्ण स्वस्थ नहीं हैं क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है| हम अपने शरीर की सफाई तो करते हैं लेकिन अपने दिमाग की सफाई कैसे करें इस पर ध्यान देने की जरूरत है जिसके लिए हमें योग क्रिया, प्राणायाम, ध्यान आदि करना चाहिए जिससे न सिर्फ हमारे मन को शांति मिलेगी बल्कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य और अधिक मजबूत होगा| आयुर्वेद में कहा गया है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के अनुकूल भोजन करना चाहिए और अगर हमारे मस्तिष्क में कोई समस्या चल रही हो तो उसे अपने माता-पिता शिक्षक या सहपाठियों के साथ साझा करना चाहिए| ऐसा करने से न सिर्फ हमें आत्मिक शांति मिलती है बल्कि उस समस्या का समाधान भी मिल जाता है |
सेमिनार में डॉ रूपल अग्रवाल ने गणमान्य वक्ताओं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह एवं कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन का प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया| सभी छात्र- छात्राओं ने सम्मानित वक्तागणों से मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई सवाल पूछे जिनका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे| सवाल पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में श्री जॉबी जॉन, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह सहित कैरियर कान्वेंट कॉलेज की शिक्षकों श्रीमती सुनीता गुनियाल, श्रीमती अरुणा श्रीवास्तव, मि. योगेश त्रिपाठी, मि. हृदेश पांडे, सराह खान, श्रीमती कविता उपाध्याय, श्रीमती नम्रता सक्सेना,श्रीमती पूनम सिंह, शाहीन, श्रीमती सुमित्रा, रजा अब्बास, सायरा खान, अनुराधा श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, गौहर, विवेकानंद, मि. मनोज पांडे, गिरीश द्विवेदी, रंजना तथा छात्र-छात्राओं नसरा आफरीन, तृषा कनौजिया, नैना भट्ट, तन्मय रावत, उस्मान, श्रेया, जोया, आयशा अशफेक, अयान खान, यश डेनियल आदि की उपस्थिति रही |
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agra24 · 2 months ago
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हिट एंड रन मामलों में मुआवजे की उम्मीदें धूमिल
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हिट एंड रन दुर्घटनाओं में पीड़ितों के लिए घोषित मुआवज��� योजना धरातल पर विफल होती नजर आ रही है। 1 अप्रैल 2022 को केंद्र सरकार ने हिट एंड रन मोटर एक्सीडेंट मुआवजा योजना लागू की थी। इस योजना का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के शिकार पीड़ितों और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना था। हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि इस योजना का लाभ बेहद सीमित लोगों तक ही पहुंच पाया है। मुआवजा योजना के आंकड़े: हकीकत और निराशा योजना के तहत: - मृत्यु के मामले में ₹2,00,000 और गंभीर चोट के मामले में ₹50,000 का मुआवजा दिया जाना है। - पहले की सोलाटियम योजना में यह राशि क्रमशः ₹25,000 और ₹12,500 थी। - सरकार ने हर साल 60,000 मामलों के लिए ₹600 करोड़ का बजट आवंटित किया है।
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लेकिन, रोड सेफ्टी एक्टिविस्ट के.सी. जैन द्वारा आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी और अन्य आंकड़ों से योजना की खामियां उजागर हुईं: 2022-23: - केवल 205 दावे प्राप्त हुए, जिनमें से 95 को मुआवजा मिला। - मात्र ₹1.78 करोड़ वितरित किए गए। 2023-24: - 2,571 पीड़ितों को ₹50.76 करोड़ का मुआवजा दिया गया। - औसतन प्रति माह केवल 214 लोग लाभान्वित हुए, जबकि यह संख्या 5,000 होनी चाहिए थी। अप्रैल-अगस्त 2024: - 1,662 पीड़ितों को ₹32.26 करोड़ मुआवजा दिया गया। - मासिक वितरण केवल ₹6.45 करोड़ रहा, जबकि अपेक्षित राशि ₹50 करोड़ थी। सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी और निर्देश 12 जनवरी 2024 को, अधिवक्ता जैन की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने योजना के खराब प्रदर्शन पर चिंता जताई। अदालत ने निर्देश दिया: - पुलिस और प्रशासन पीड़ितों को योजना के बारे में जानकारी दें। - जिला और राज्य स्तर पर निगरानी समितियां गठित की जाएं। - जन जागरूकता अभियान चलाए जाएं। योजना की विफलता के मुख्य कारण अधिवक्ता जैन के अनुसार: - जागरूकता की कमी: अधिकांश पीड़ित योजना के बारे में नहीं जानते। - जटिल प्रक्रिया: दावे दर्ज करने और मुआवजा ��्राप्त करने में कठिनाई। - प्रशासनिक लापरवाही: स्थानीय अधिकारियों की जवाबदेही तय नहीं की गई। क्या हो सकता है समाधान? - जन जागरूकता अभियान चलाकर योजना को गांव-गांव तक पहुंचाया जाए। - दावा प्रक्रिया को सरल और डिजिटल किया जाए। - पुलिस और जिला अधिकारियों को जिम्मेदार बनाकर जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। विशेषज्ञ की राय अधिवक्ता के.सी. जैन ने कहा: "यह योजना पीड़ितों के लिए राहत प्रदान करने का एक सराहनीय प्रयास था, लेकिन इसका कार्यान्वयन पूरी तरह से विफल रहा है। 60,000 वार्षिक मामलों में से केवल 332 को मासिक लाभ मिल रहा है। प्रशासन की उदासीनता और जागरूकता की कमी इसके मुख्य कारण हैं। सरकार को इसे प्राथमिकता के आधार पर सुधारना चाहिए।" हिट एंड रन मामला क्या है? हिट एंड रन वह सड़क दुर्घटना है जिसमें वाहन का पता नहीं चल पाता। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 164 के तहत, मृतक के परिजन या घायल को मुआवजा देने का प्रावधान है। सवाल अभी भी कायम है: क्या सरकार पीड़ितों को उनका हक दिलाने के लिए ठोस कदम उठाएगी? Read the full article
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countryinsidenews · 3 months ago
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CIN /नवंबर में हो सकता है मोइनुल हक स्टेडियम का शिलान्यास- राकेश तिवारी
पटना: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की एस जी एम के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने कहा कि मोइनुल हक स्टेडियम को अंतराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बनाए जाने की योजना पर काम चल रहा है। हमारा प्रयास है कि इसका शिलान्यास नवंबर माह मे संपन्न हो जाय।पत्रकारों द्वारा वर्तमान में होने वाले रणजी मैचों में दर्शकों के प्रवेश पर पूछे गए सवाल पर श्री तिवारी ने कहा कि बीसीए…
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dainiksamachar · 5 months ago
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आरक्षण में कोटे की सवाल पर आमने-सामने मोदी सरकार के दो मंत्री, मांझी और चिराग में खिंच गई तलवार
पटना: केंद्रीय मंत्री भले ही एनडीए के सदस्य हैं। बावजूद इसके उनका स्टैंड आरक्षण में 'आरक्षण' को लेकर गठबंधन से बिल्कुल अलग है। उन्होंने साफ कर दिया है कि वो आरक्षण में 'आरक्षण' के खिलाफ हैं। वहीं, भाजपा के दूसरे घटक दल आरक्षण में 'आरक्षण' चाहते हैं। ताकि समाज के उन लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिल सके, जो आरक्षण के बावजूद आरक्षण के लाभ से वंचित रह गए हैं। इस मुद्दे पर ने साफ कर दिया है कि बिहार की 18 जातियां जिन्हें आरक्षण की जरूरत है। वो इसके लाभ से आजादी के 76 साल बाद भी वंचित हैं। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने चिराग पासवान के आरक्षण नीति पर बदलाव का विरोध करने पर तीखी प्रतिक्रिया दी। 'तालाब की बड़ी मछलियां छोटी मछलियों को खाकर मोटी हो रहीं' चिराग पासवान के आरक्षण में 'आरक्षण' की नीति पर विरोध पर जीतन राम मांझी ने कहा, 'चिराग पासवान आरक्षण नीति पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। ये बिल्कुल गलत है।' उन्होंने कहा, 'हम लोग आरक्षण विरोधी नहीं हैं। हम लोग केवल ये चाहते हैं कि जिस तरह से तालाब की कुछ मछलियां बाकी मछलियों को खा कर मोटी हो रही हैं। इससे बाकी मछलियां खत्म या समाप्त हो जाती हैं। ठीक उसी तरह से बिहार में 18 जातियां हैं। जिसका कहीं कोई अता पता नहीं है। नौकरियों में, एमएलए में, एमपी में 4 जातियों ने ही सारी चीजों को हड़प लिया है।' जीतन राम मांझी ने चिराग पासवान के फैसले पर उठाया सवाल जीतन राम मांझी ने दुख जाहिर करते हुए कहा, 'आज आजादी के इतने वर्षों बाद भी देश में पिछड़ी जातियों का विकास नहीं हो सका। उन्होंने कहा, 'बिहार की 18 जातियों की स्थिति जस की तस है।' उन्होंने चिराग पासवान के विरोध पर सवाल उठाया। पटना एयर पोर्ट पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पूछा कि 'क्या चिराग पासवान यही चाहते हैं? क्या यही न्याय है? क्या अति पिछड़ी जातियों की यही स्थिति बनी रहे? बड़ा भाई बेईमानी करके खाता रहे? और छोटा भाई को छोड़ दे? अब छोटा भाई अपने हिस्से का बंटवारा चाहता है: मांझी आरक्षण के बावजूद बिहार की 18 जातियां के आगे ना बढ़ पाने की समस्या से परेशान जीतन राम मांझी ने चिराग पासवान के विरोध पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अब छोटा भाई बंटवारा चाहता है। ताकि उसे भी उसका हक मिल सके। उन्होंने ये बताने की कोशिश की कि चिराग पासवान बड़े भाई होने के नाते बिहार के अन्य छोटी जातियों के हिस्से पर कब्जे की वकालत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'इसलिए हम बंटवारा चाह रहे हैं।' जीतन राम मांझी ने चिराग पासवान को पिछड़ी जातियों में बड़ा भाई बताते हुए कहा, 'आप बड़े भाई हैं, हमारा सारा हिस्सा खा रहे हैं। इसलिए अब गोतिया बनिए। जो आप हमारा हिस्सा खा रहे हो उसे छोड़ दो। हम 18 भाई हैं। अब हम 18 भाई भी मिलजुल कर खाएंगे।' http://dlvr.it/TCgN3T
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manvadhikarabhivyakti · 6 months ago
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सिद्धारमैया ने की 'मैसूर चलो' मार्च की निंदा, बोले- BJP-JDS को मेरा इस्तीफा मांगने का अधिकार नहीं
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैय ने कथित भूमि घोटाले को लेकर भाजपा-जद (एस) के ‘मैसूर चलो’ मार्च की शुक्रवार को आलोचना की। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के किसी भी नेता के पास उनसे सवाल करने का नैतिक हक नहीं है। उन्होंने जनता से ‘मनुवादियों’ को बाहर निकालने को कहा।  ‘मैसूर चलो’ अभियान से एक दिन पहले सिद्धारमैया ने अपने गृह नगर में शक्ति प्रदर्शन में विपक्ष पर हमला किया। बंगलूरू से मैसूर तक मार्च…
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shayarikitab · 7 months ago
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Famous 60+ Instagram Attitude Shayari in Hindi
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दोस्तों, हम हिंदी में 50 से ज़्यादा अनूठी और बेहद पसंद की जाने वाली Instagram attitude shayari in Hindi का अपना खास संग्रह पेश करते हुए रोमांचित हैं। ये शायरी आपको गर्व महसूस कराने और आपकी Instagram Stories, Reels और Post पर अलग दिखने के लिए तैयार की गई हैं।. आज की इंस्टाग्राम-प्रेमी दुनिया में, सही Attitude Shayari आपको बाकियों से अलग बना सकती है। हमारा क्यूरेटेड चयन उस अतिरिक्त आकर्षण को जोड़ने और एक बयान देने के लिए एकदम सही है। तो, गोता लगाएँ और उन्हें पढ़ने का आनंद लें!.
Instagram Attitude Shayari Collection in Hindi
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बहुत से आए थे हमे गिराने, कुछ ना कर सके बीत गए ज़माने..!!
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मौका मत दो मुझे, मैं वैसे भी सबको छोड़ने के इरादे में हूं..!!!
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दुनिया में आए हो तो जीने का हुनर रखना, दुश्मनों का डर ना होगा, बस अपनो पर नजर रखना..!!!
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वक्त लिया है तो, धमाका भी मजेदार होगा..!!!
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मेहनत इतनी करो के गरीबी ढल जाए, और मुस्कुराओ ऐसे की दुश्मन भी जल जाए..!!!
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खोफ तो हमारा उनसे पूछो, जो अपने ब्वॉयफ्रेंड से कहती हैं पहले इसे ब्लॉक करो.!!!
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अकड़ ना दिखा मेरी जान, इसी अकड़ के चक्कर में तो आधे खानदान से बोलचाल बन्द है..!!!
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बातें हम भी बहुत करते हे, पर उसी से जो बात मन से करे मतलब से नहीं..!!!
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अमीर इतना बनो की पापा की पारी, तुम्हे देख कर सदमे में चली जाए..!!!
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मेरी ब्लैक लिस्ट भी एक बहुत प्यारा सा सहर है, जहां पापा की परियां खुशी खुशी रहती है..!!!
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हर कीमती चीज सिंगल होती है, जैसे सूरज, चांद, और मैं..!!!
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हमारे दिल पर लड़कियां नहीं, पैसा राज करता है..!!!
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वैसे तो मुझमें attitude नहीं है, पर लोग दिखाने पर मजबूर करते है..!!!
Instagram Attitude Shayari for Boys Attitude
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जिनको खोने का डर था उन्हें तो खो दिया, अब किसी के आने जाने से फर्क नही पड़ता..!!!
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मैं हमेशा उन्ही लोगो को इग्नोर करता हु, जिनको लगता है सारी दुनिया उन्ही की दीवानी ��ै..!!!
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अभी तो हर उस आंख में चुभना है, जिसने हमे देखकर कभी नजरे फेरी थी..!!!
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हम शक्ल देख कर आदमी की, अकल का अंदाजा लगा लेते है..!!!
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कभी जरूरत पड़े तो याद कर लेना, हमने बात करना छोड़ा है, साथ देना नही..!!!
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मेर�� मिजाज का कोई कसूर नहीं, तेरे सलूक ने मेरा लहजा बदल दिया..!!!
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इज्जत पाने के लिए, इज्जत करनी भी पड़ती है दोस्त..!!!
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माना के घर का सबसे खोटा सिक्का हूं, याद रखना, दुनिया खरीद लूंगा जिस दिन चल पड़ा..!!!
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हथगड़ी और जेल की दीवारों का अब डर नहीं रहा, क्योंकि उम्र से ज्यादा अनुभव है यार..!!!
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देख भाई, मैं उतना ही खराब हु, जितना मेरा बाप शरीफ है..!!!
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कोई कान भरे, और हमारी यारी टूट जाए, ना ना मित्र, इतने कच्चे यार थोड़ी है..!!!
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इतिहास गवाह है के, तीन दोस्तो का ग्रुप, सबसे खतरनाक होता है..!!!
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ताकत का परिचय हम तब देंगे, जब बात हमारे दोस्त पर आयेगी.!!!
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खूबसूरती से धोखा मत खाइए जनाब, तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों ना हो, मांगती खून ही है..!!!
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मोहब्बत से मेरी कभी नहीं बनेगी, मोहब्बत गुलामी मांगती है हम आजाद परिदो की…!!!
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अपना उसूल है जनाब, धंधे में कोई धर्म नही, और दोस्ती में कोई धर्म नही..!!!
2 Line Instagram Attitude Shayari
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जब लोग आपको हल��के में लेने लगे, तब लोगो को अपनी ताकत का एहसास कराना जरूरी है..!!!
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मेरे बिना नहीं जी पाओगे, ये बोलने का हक सिर्फ पैसे का है..!!!
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हम टकराते भी उन्ही से है जनाब, जो अपने आप को शेर समझते है…!!!
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जब काटने की औकात ना हो तो, भोकना भी नही चाहिए..!!!
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सबसे बड़ा हथियार तो दिल है, अगर ये ना कांपा, तो दुनिया आपसे कांपेगी..!!!
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विरासत से तय नहीं होंगे, सियासत के फैसले, उड़ान तय करेगी आसमान किसका है..!!!
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चार लोग नही, 400 लोग मेरे बारे में क्या सोचते है, मुझे उससे घंटा फर्क नही पड़ता..!!!
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अब प्यार नही होगा हमसे, जो पसंद आएगा, खरीदा जायेगा..!!!
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हमसे दुश्मनी, जरा संभल कर लेना, ना हम मरने से डरते है ना मारने से..!!!
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जिस जगह हमारी दुश्मनी सबसे ज्यादा है, वहां भी हम बेखौफ कदम रखते है..!!!
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हम गले लगाने से लेकर, घर से उठने तक का दम रखते है..!!!
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हालातो से हार जाने वाला मत समझना, आज हवा तेरी है, कल तूफान हमारा होगा..!!!
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जब बात हमारी इज्जत पर आए, तो हम भूल जाते है हम कहा खड़े है..!!!
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  बहुत सवाल उठ रहे है हमारी खामोशी पर, सब्र करो, जवान, खतरनाक, मिलेगा…!!!
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पहले तो block कर गई हवा में आके, अब story देखती है हमारी fake id बना के…!!!
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दोस्त ऐसे रक्खो, ��ो तुम्हारे गलत होने पर भी तुम्हारे साथ ह��ं…!!
Instagram Attitude Shayari For Alone Boy
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  पैसा कमाओ मेरे यार, रिश्ते बनेंगे भी, और चलेंगे भी…!!!
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मेरा दिमाग, Made in Chaina है, कब खराब हो जाए कुछ पता नही…!!!
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अंजाम चाहे जो भी हो, लेकिन खेल तो अब बड़ा ही खेलेंगे..!!!
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तितलियों के पास जाने से बेहतर है, फूल का बगीचा लगा लो तितलियां खुद आपके पास आएंगी..!!!
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खेलने की उम्र में नाम बनाया है, दुश्मन तो पैदा होने ही थे..!!! Instagram Attitude Shayari Video in Hindi Read Also Read the full article
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helputrust · 1 month ago
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World Mental Health Day : Our Minds Our Rights | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस : हमारा मन हमारे अधिकार
लखनऊ 14.10.2023 | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 के उपलक्ष्य में हेल्प यू ए��ुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा कैरियर कान्वेंट कॉलेज, विकास नगर के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार विषयक Our Minds Our Rights का आयोजन कैरियर कान्वेंट कॉलेज विकास नगर लखनऊ में किया गया| सेमिनार में डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, Ayurveda Doctor and Art of Living Yoga Instructor तथा वंदना त्रिभुवन सिंह, Expert in Leadership Communication and Image Management ने छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया तथा उस दुष्प्रभाव से किस तरह बचा जा सकता है यह भी बताया | सेमिनार में कैरियर कान्वेंट कॉलेज के करीब 200 छात्र छात्राओं, शिक्षिकाओं ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी देना है, इसलिए हमें भी जानना चाहिए कि मानसिक विकार से बचने के लिए क्या करना जरूरी है। वर्तमान जीवनशैली में युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण वे मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मानसिक विकार शरीर पर तो प्रभाव डालता ही है। साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाता है। मेरा यह मानना है कि हमारे दिमाग पर सिर्फ हमारा हक है हम इसे सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखें या नकारात्मक कार्यों से अपनी ऊर्जा खत्म करें यह हमारे ऊपर है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट अपने स्थापना वर्ष 2012 से ही निरंतर कमजोर और निर्धन वर्ग के उत्थान हेतु अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है | लोगों को उनके स्वास्थ देखभाल हेतु जागरूक करने के लिए ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, नेत्र जांच शिविर, TB अवेयरनेस शिविर, योगा शिविर, कैंसर चेकअप शिविर, रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किया जाता रहा है व आगे भी ट्रस्ट द्वारा सभी के सहयोग से जनहित में और भी कार्य किया जाएगा |
सेमिनार को संबोधित करते हुए कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की तथा कहा कि इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित होते रहने चाहिए| उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं ठीक उसी तरह हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए |
वंदना सिंह चौहान ने आज के परिप्रेक्ष्य में बढ़ रहे मानसिक तनाव के बारे में कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमारे दिमाग में यह धारणा बनी हुई है कि यदि कोई मानसिक तनाव में है तो वह पागल है | जब हम बीमार होते हैं तो हम डॉक्टर के पास जाते हैं और बड़े गर्व से बताते हैं कि हमें यह बीमारी है लेकिन जब हम मानसिक तनाव में होते हैं तो थैरेपिस्ट के पास जाने में हमें शर्म आती है | आज हम अलग-अलग तनाव से गिरे हुए हैं लेकिन किसी के साथ साझा करने से घबराते हैं| मेरा यह मानना है कि मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत| अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है और आप मानसिक रूप से सशक्त हैं तो आपको कोई नहीं हरा सकता |
डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ने मानसिक स्वास्थ्य हेतु आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए कहा कि यदि हम शरीर से स्वस्थ हैं लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो हम संपूर्ण स्वस्थ नहीं हैं क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है| हम अपने शरीर की सफाई तो करते हैं लेकिन अपने दिमाग की सफाई कैसे करें इस पर ध्यान देने की जरूरत है जिसके लिए हमें योग क्रिया, प्राणायाम, ध्यान आदि करना चाहिए जिससे न सिर्फ हमारे मन को शांति मिलेगी बल्कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य और अधिक मजबूत होगा| आयुर्वेद में कहा गया है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के अनुकूल भोजन करना चाहिए और अगर हमारे मस्तिष्क में कोई समस्या चल रही हो तो उसे अपने माता-पिता शिक्षक या सहपाठियों के साथ साझा करना चाहिए| ऐसा करने से न सिर्फ हमें आत्मिक शांति मिलती है बल्कि उस समस्या का समाधान भी मिल जाता है |
सेमिनार में डॉ रूपल अग्रवाल ने गणमान्य वक्ताओं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह एवं कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन का प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया| सभी छात्र- छात्राओं ने सम्मानित वक्तागणों से मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई सवाल पूछे जिनका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे| सवाल पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में श्री जॉबी जॉन, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह सहित कैरियर कान्वेंट कॉलेज की शिक्षकों श्रीमती सुनीता गुनियाल, श्रीमती अरुणा श्रीवास्तव, मि. योगेश त्रिपाठी, मि. हृदेश पांडे, सराह खान, श्रीमती कविता उपाध्याय, श्रीमती नम्रता सक्सेना,श्रीमती पूनम सिंह, शाहीन, श्रीमती सुमित्रा, रजा अब्बास, सायरा खान, अनुराधा श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, गौहर, विवेकानंद, मि. मनोज पांडे, गिरीश द्विवेदी, रंजना तथा छात्र-छात्राओं नसरा आफरीन, तृषा कनौजिया, नैना भट्ट, तन्मय रावत, उस्मान, श्रेया, जोया, आयशा अशफेक, अयान खान, यश डेनियल आदि की उपस्थिति रही |
#mentalhealth #mentalhealthawareness #anxiety #mentalhealthmatters #depression #motivation  #wellness #mindfulness #healing #inspiration #positivity #meditation #mentalillness #psychology #wellbeing
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beardedbluebirdcheesecake · 8 months ago
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आदमखोर रहनुमा
हर राह में रहजन बैठे हैं राहबर बन करकिस राह से गुजरोगे तुम राही बन कर।वजूद से तुम्हारे किसी को क्या मतलब मौसम आया इंतखाबी आए हमदर्द बना करहै हक सवाल ब जवाब का  उन से जान लोनौकर जवाबदेह मालिक का बा अख्तियार बन कर सियासत तय करती है जिंद��ी और मौत भीहर रहनुमा हो सच्चा  सियासी रहनुमा बन करवतन के खाक को उड़ने ना दूं किसी आदमखोर के लिएहर आदमखोर रहनुमा बना है खाल बदल बदल कर।
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sharpbharat · 3 months ago
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Jamshedpur west seat : जमशेदपुर पश्चिम के निर्दलीय प्रत्याशी डॉ ओपी आनंद ने मानगो क्षेत्र का किया सघन दौरा, मालिकाना हक, 1932 के खतियान सहित विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस-भाजपा पर दागे सवाल
जमशेदपुर : झारखंड विधानसभा जमशेदपुर पश्चिम के प्रत्याशी डॉ ओमप्रकाश आनंद ने आज पूरे मानगो क्षेत्र का सघन दौरा किया. इस दौरान उन्होंने लोगों को 1932 खतियान आधारित नागरिकता के कानून के संबंध में जानकारी देते हुए जागरूक किया. उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस एवं उसके गठबंधन की पार्टिया सरकार में आने के साथ ही 1932 के खतियान आधारित नागरिकता के कानून को लागू करने का संकल्प लिया है. अगर…
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drrupal-helputrust · 9 months ago
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World Mental Health Day: Our Minds Our Rights | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस : हमारा मन हमारे अधिकार
लखनऊ 14.10.2023 | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा कैरियर कान्वेंट कॉलेज, विकास नगर के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार विषयक Our Minds Our Rights का आयोजन कैरियर कान्वेंट कॉलेज विकास नगर लखनऊ में किया गया | सेमिनार में डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, Ayurveda Doctor and Art of Living Yoga Instructor तथा वंदना त्रिभुवन सिंह, Expert in Leadership Communication and Image Management ने छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया तथा उस दुष्प्रभाव से किस तरह बचा जा सकता है यह भी बताया | सेमिनार में कैरियर कान्वेंट कॉलेज के करीब 200 छात्र छात्राओं, शिक्षिकाओं ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी देना है, इसलिए हमें भी जानना चाहिए कि मानसिक विकार से बचने के लिए क्या करना जरूरी है । वर्तमान जीवनशैली में युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण वे मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं । मानसिक विकार शरीर पर तो प्रभाव डालता ही है । साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाता है। मेरा यह मानना है कि हमारे दिमाग पर सिर्फ हमारा हक है हम इसे सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखें या नकारात्मक कार्यों से अपनी ऊर्जा खत्म करें यह हमारे ऊपर है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट अपने स्थापना वर्ष 2012 से ही निरंतर कमजोर और निर्धन वर्ग के उत्थान हेतु अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है | लोगों को उनके स्वास्थ देखभाल हेतु जागरूक करने के लिए ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, नेत्र जांच शिविर, TB अवेयरनेस शिविर, योगा शिविर, कैंसर चेकअप शिविर, रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किया जाता रहा है व आगे भी ट्रस्ट द्वारा सभी के सहयोग से जनहित में और भी कार्य किया जाएगा |
सेमिनार को संबोधित करते हुए कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की तथा कहा कि इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित होते रहने चाहिए| उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं ठीक उसी तरह हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए |
वंदना सिंह चौहान ने आज के परिप्रेक्ष्य में बढ़ रहे मानसिक तनाव के बारे में कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमारे दिमाग में यह धारणा बनी हुई है कि यदि कोई मानसिक तनाव में है तो वह पाग�� है | जब हम बीमार होते हैं तो हम डॉक्टर के पास जाते हैं और बड़े गर्व से बताते हैं कि हमें यह बीमारी है लेकिन जब हम मानसिक तनाव में होते हैं तो थेरेपिस्ट के पास जाने में हमें शर्म आती है | आज हम अलग-अलग तनाव से गिरे हुए हैं लेकिन किसी के साथ साझा करने से घबराते हैं | मेरा यह मानना है कि मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत| अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है और आप मानसिक रूप से सशक्त हैं तो आपको कोई नहीं हरा सकता |
डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ने मानसिक स्वास्थ्य हेतु आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए कहा कि यदि हम शरीर से स्वस्थ हैं लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो हम संपूर्ण स्वस्थ नहीं हैं क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है | हम अपने शरीर की सफाई तो करते हैं लेकिन अपने दिमाग की सफाई कैसे करें इस पर ध्यान देने की जरूरत है जिसके लिए हमें योग क्रिया, प्राणायाम, ध्यान आदि करना चाहिए जिससे न सिर्फ हमारे मन को शांति मिलेगी बल्कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य और अधिक मजबूत होगा | आयुर्वेद में कहा गया है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के अनुकूल भोजन करना चाहिए और अगर हमारे मस्तिष्क में कोई समस्या चल रही हो तो उसे अपने माता-पिता शिक्षक या सहपाठियों के साथ साझा करना चाहिए | ऐसा करने से न सिर्फ हमें आत्मिक शांति मिलती है बल्कि उस समस्या का समाधान भी मिल जाता है |
सेमिनार में डॉ रूपल अग्रवाल ने गणमान्य वक्ताओं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह एवं कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन का प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया| सभी छात्र- छात्राओं ने सम्मानित वक्तागणों से मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई सवाल पूछे जिनका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे | सवाल पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में श्री जॉबी जॉन, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह सहित कैरियर कान्वेंट कॉलेज की शिक्षकों श्रीमती सुनीता गुनियाल, श्रीमती अरुणा श्रीवास्तव, मि. योगेश त्रिपाठी, मि. हृदेश पांडे, सराह खान, श्रीमती कविता उपाध्याय, श्रीमती नम्रता सक्सेना,श्रीमती पूनम सिंह, शाहीन, श्रीमती सुमित्रा, रजा अब्बास, सायरा खान, अनुराधा श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, गौहर, विवेकानंद, मि. मनोज पांडे, गिरीश द्विवेदी, रंजना तथा छात्र-छात्राओं नसरा आफरीन, तृषा कनौजिया, नैना भट्ट, तन्मय रावत, उस्मान, श्रेया, जोया, आयशा अशफेक, अयान खान, यश डेनियल आदि की उपस्थिति रही |
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