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#स्विमिंग पूल के लिए वास्तु
mypanditastrologer · 6 months
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mks2011957-blog · 3 years
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🌹😊Good Morning 😊🌹 डॉक्टर सहदेव ने व्यापार में बहुत उन्नति की और उसमें से कुछ पैसा लगा कर लंदन में एक ज़मीन ख़रीदी और उस पर एक 3 मंज़िला आलीशान घर बनाया. उस भूमि पर पहले से ही एक खूबसूरत स्विमिंग पूल और पीछे की और एक 100 साल पुराना लीची का पेड़ था. इसे यूँ भी समझ सकते हैं की उन्होंने वो भूमि उस लीची के पेड़ के कारण ही ख़रीदी थी, क्यूँकि उनकी पत्नी को लीचियाँ बहुत पसंद थी.
लेकिन कुछ अरसे बाद renovation के समय उनके कुछ मित्रों ने उन्हें आग्रह किया कि उन्हें किसी वास्तु शास्त्र मास्टर की सलाह भी लेनी चाहिए. यद्यपि डॉक्टर सहदेव को ऐसी बातों पर कुछ ख़ास विश्वास नहीं था, फिर भी मित्रों का मन रखने के लिए उन्होंने ये बात मान ली और Hongkong से 30 साल से वास्तु शास्त्र के बेहद प्रसिद्ध Master Cao को बुलवा लिया.
उन्हें Airport से लिया, दोनों ने शहर में खाना खाया और उसके बाद डॉक्टर सहदेव उन्हें अपनी कार में ले कर अपने घर की ओर चल दिए. रास्ते में जब भी कोई कार उन्हें overtake करने की कोशिश करती, डॉक्टर सहदेव उसे रास्ता दे देते. Master Cao ने हंसते हुए कहा - डॉक्टर सहदेव आप बहुत safe driving करते हैं. डॉक्टर सहदेव ने भी हंसते हुए प्रत्युत्तर में कहा - लोग अक्सर overtake तभी करते हैं जब उन्हें कुछ आवश्यक कार्य हो, इसलिए हमें उन्हें रास्ता देना ही चाहिए.
घर के पास पहुँचते-पहुँचते सड़क थोड़ी संकरी हो गयी और डॉक्टर सहदेव ने कार थोड़ी और धीरे कर ली. तभी अचानक एक हंसता हुआ बच्चा गली से निकला और तेज़ी से भागते हुए उनकी कार के आगे से सड़क पार कर गया, तब भी डॉक्टर सहदेव ने कार तुरंत भगाई नहीं और वो उसी गति से चलते हुए उस गली की ओर देखते रहे, जैसे किसी का इंतज़ार कर रहे हों, तभी अचानक उसी गली से एक और बच्चा भागते हुए उनकी कार के आगे से निकल गया, शायद पहले बच्चे का पीछा करते हुए. Master Cao ने हैरान होते हुए पूछा - आपको कैसे पता कि कोई दूसरा बच्चा भी भागते हुए निकलेगा? डॉक्टर सहदेव ने बड़े सहज भाव से कहा ~ बच्चे अक्सर एक-दूसरे के पीछे भाग रहे होते हैं और इस बात पर विश्वास करना संभव ही नहीं कि कोई बच्चा बिना किसी साथी के ऐसी चुहल और भाग दौड़ कर रहा हो..
Master Cao इस बात पर बहुत ज़ोर से हंसे और बोले की आप निस्संदेह बहुत सुलझे हुए व्यक्ति हैं.
घर के बाहर पहुँच कर दोनों कार से उतरे. तभी अचानक घर के पीछे की ओर से 7-8 पक्षी बहुत तेज़ी से उड़ते नज़र आए. यह देख कर डॉक्टर सहदेव ने Master Cao से कहा कि यदि उन्हें बुरा न लगे तो क्या हम कुछ देर यहाँ रुक सकते हैं ? Master Cao ने कारण जानना चाहा.. डॉक्टर सहदेव ने कहा कि शायद कुछ बच्चे पेड़ से लीचियाँ चुरा रहे होंगे और हमारे अचानक पहुँचने से डर के मारे बच्चों में भगदड़ न मच जाए, इससे पेड़ से गिर कर किसी बच्चे को चोट भी लग सकती है.
Master Cao कुछ देर चुप रहे, फिर संयत आवाज़ में बोले “डॉक्टर सहदेव, इस घर को किसी वास्तु शास्त्र जाँच और उपायों की आवश्यकता नहीं है..
डॉक्टर सहदेव ने बड़ी हैरानी से पूछा ऐसा क्यूँ !
Master Cao - जहां आप जैसे विवेकपूर्ण व आसपास के लोगों की भलाई सोचने वाले व्यक्ति उपस्थित/विद्यमान होंगे - वो स्थान/संपत्ति वास्तु शास्त्र नियमों के अनुसार *बहुत पवित्र-सुखदायी-फलदायी* होगी .
जब हमारा मन व मस्तिष्क दूसरों की ख़ुशी व शांति को प्राथमिकता देने लगे, तो इससे दूसरों को ही नहीं, स्वयं हमें भी मानसिक लाभ-शांति-प्रसन्नता मिलती है..
*जब कोई व्यक्ति सदा स्वयं से पहले दूसरों का भला सोचने लगे तो अनजाने में ही उसे संतत्व प्राप्त हो जाता है*
सही अर्थ में *संत* वो व्यक्ति है जिसके कारण दूसरों का भला हो रहा होता है व उसे *ज्ञानबोध* मिल जाता है.
भले ही प्रण न करें परंतु *क़ोशिश अवश्य करें* कि आप में भी ऐसे कुछ सदगुण विकसित हो जाएं |
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सही दिशा में बना हुआ एक स्विमिंग पूल अच्छी किस्मत को आमंत्रित करता है। इसीलिए कोई भी स्विमिंग पूल बनाने से पहले वास्तु नियमों की जानकारी ले लेनी चाहिए। • घर में एक स्विमिंग पूल के लिए आदर्श स्थान पूर्वोत्तर है। • यदि पूर्वोत्तर में स्थान नहीं है तो दूसरा सबसे अच्छा विकल्प पूर्व या उत्तर दिशा है। • स्विमिंग पूल कभी भी दक्षिण या पश्चिम दिशा में नहीं बनाना चाहिए। • घर के दक्षिणपूर्वी कोने में भी स्विमिंग पूल बनाने से बचना चाहिए। • स्विमिंग पूल तल मंजिल पर बनाना हमेशा अच्छा होता है। • स्विमिंग पूल भूमिगत होना चाहिए, न कि भूमि से ऊपर। • स्विमिंग पूल के लिए नीला, हरा, सफेद, और पीला रंग सबसे अच्छे हैं। लाल या काले रंग से बचें। http://shashwatatripti.wordpress.com #vastulokesh #pool https://www.instagram.com/p/CGJRc0DHpqE/?igshid=12eq95g9l2kg7
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Published by Shree Manglam News- सम्पत्ति की खरीदारी, न करें ये 8 गलतियां इंटरनल डेस्क। किसी भी प्रकार की सम्पत्ति की खरीदारी के साथ कई जटिलताएं जुड़ सकती हैं। जाहिर है कि कई सारे लोगों को अपने नए मकान से अपेक्षा अनुरूप संतुष्टि नहीं मिल पाती है। छोटी या अधिक चिंता पैदा न करने वाली समस्या का तो कोई नहीं परंतु कई बार लोगों को बाद में ही कई ऐसी बातों का पता चलता है,... https://www.shreemanglamnews.com/archives/928
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सम्पत्ति की खरीदारी, न करें ये 8 गलतियां
इंटरनल डेस्क। किसी भी प्रकार की सम्पत्ति की खरीदारी के साथ कई जटिलताएं जुड़ सकती हैं। जाहिर है कि कई सारे लोगों को अपने नए मकान से अपेक्षा अनुरूप संतुष्टि नहीं मिल पाती है। छोटी या अधिक चिंता पैदा न करने वाली समस्या का तो कोई नहीं परंतु कई बार लोगों को बाद में ही कई ऐसी बातों का पता चलता है, जिनके बारे में वे पहले पता करके बच सकते थे। नई सम्पत्ति खरीदने वाले लोग अपने फैसले से कितने संतुष्ट हैं, इस बारे में लोगों से राय जानी गई तो उनकी ऐसी कई आम भूलों का पता चला, जो उनसे हुई थीं। उनकी राय थी कि यदि उन्हें इनके बारे में आभास होता तो वे पहले इनकी जांच करके फैसला लेते ताकि उन्हें बाद में निराश नहीं होना पड़ता।
1. महंगा मकान-
अक्सर खरीदारी से पहले तो आवासों की कीमत सही लगती है परंतु खरीदारी के बाद उनका मूल्य कम प्रतीत होने लगता है। असल में खरीदारी की जल्दी में या प्रॉपर्टी डीलर की लुभावनी बातों में आकर खरीदारी का फैसला लिया जाता है। कुछ सरल से तथ्य नजरों से बचे रह सकते हैं। मकान पर्याप्त बड़ा नहीं होता, उसमें हवा की पर्याप्त निकासी नहीं होती, इलाका अनुपयुक्त हो सकता है जैसी कई कमियों का बाद में एहसास होता है और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। बाद में यह भी महसूस हो सकता है कि फ्लैट में कोई बड़ी खामी न हो परंतु उसी जैसे अन्य फ्लैट्स की तुलना में वह आपको महंगा दिया गया हो। लोगों का यह महसूस करना आम बात है कि उन्होंने मकान के लिए जरूरत से ज्यादा कीमत चुका दी है।
2. घटिया निर्माण-
यह वह तथ्य है जिसका पता कुछ समय बीतने पर ही चलने लगता है। गहराई से पड़ताल करने पर ही जाना जा सकता है कि फर्श विकृत है, कमरों की सतह असमान है या वे सही कोण में नहीं बने हैं, दीवारों में कीलें टिकती नहीं हैं, रात के वक्त मकान में अजीब आवाजें महसूस होती हैं, छत में कहीं से लीकेज है और सीवरेज सिस्टम महज जुगाड़ू बंदोबस्त है।
3. बिल्डर की बुरी प्रतिष्ठा-
यदि आपने किसी ऐसे बिल्डर की परियोजना में आवास खरीदा है, जिसका पिछला रिकॉर्ड अच्छा नहीं है या उसकी प्रतिष्ठा बुरी है तो यह आपके लिए सच में बड़ी चिंता की बात है। बिल्डर की प्रतिष्ठा के बारे में पता न करने की आम भूल की वजह से भविष्य में कानूनी विवादों, खराब रखरखाव या खरीद के वक्त किए करार के उल्लंघन जैसी समस्याओं की सम्भावना बढ़ जाती है। अपनी सारी पूंजी आवास खरीदने में लगा देने के बाद यह बात पता लगना वाकई बहुत नुक्सान पहुंचा सकता है।
4. छुपी लागतें-
फ्लैट खरीदते वक्त आवासीय परियोजना में स्विमिंग पूल या क्लब आदि सुविधाओं ने आपको आकर्षित जरूरत किया होगा परंतु पहले शायद कोई आपको यह न बताए कि इनकी मैंटीनैंस के लिए आपको नियमित रूप से शुल्क अदा करने होंगे। यह भी हो सकता है कि सोसायटी की सदस्यता के लिए फीस बहुत ज्यादा रखी गई हो।
5. आवास वास्तु अनुरूप नहीं-
कई लोग वास्तु में यकीन करते हैं परंतु खरीदारी से पहले वे इस पहलू की जांच पर खास ध्यान नहीं दे पाते हैं। ऐसे में बाद में यदि उन्हें यह पता चले कि उनका खरीदा मकान तो वास्तु के किसी भी सिद्धांत पर खरा नहीं उतरता है तो जाहिर है कि आपको अपने फैसले पर निराशा होगी। कई बार व्यक्ति को स्वयं तो वास्तु में अधिक विश्वास नहीं होता परंतु उनके परिवार वाले या परिचित उन्हें मकान के वास्तु दोषों के बारे में बता सकते हैं। ऐसा होने पर चिंता स्वाभाविक है।
6. कानूनी विवाद-
इसके कई पहलू हो सकते हैं। आपको वायदे के अनुरूप पार्किंग सुविधा न दी जाए, इमारत में लिफ्ट लगाई ही न जाए, परियोजना को ही अवैध करार दिया जाए, जिसकी वजह से आपको अपने आवास को खाली करने का नोटिस मिल जाए। खरीदारी से पहले सम्पत्ति की वैधता की पूरी जांच न करने से ऐसी किसी भी मुसीबत से दो-चार होना पड़ सकता है।
7. अलग-थलग पड़ जाना-
यदि सस्ते या खूबसूरत आवास से प्रभावित होकर इलाके तक आने-जाने की सरल सुविधाओं जैसी अन्य बातों पर गौर न किया जाए तो हो सकता है कि खरीदारी के बाद ही आपको एहसास हो कि आप तो अलग-थलग पड़ गए हैं। इसकी वजह होगी कि आपका आवास मुख्य सड़क, बाजार या अन्य महत्वपूर्ण स्थानों से इतना हट कर होगा कि वहां तक पहुंचना ही कठिनाई बन जाए।
8. पानी का संकट-
इलाके में पानी की आपूर्ति के मुद्दे पर आपने पहले विचार तक नहीं किया होगा। जाहिर है कि आकर्षक सुविधाओं के चक्कर में आपके मन में ख्याल ही न आए कि वहां पानी की आपूर्ति के बारे में किसी से पूछ लिया जाए। यदि आपके आवास में म्यूनिसिपैल्टी की तरफ से पानी की नियमित आपूर्ति के स्थान पर अन्य स्रोत से पानी उपलब्ध करवाने का दावा किया गया हो तो पता कर लें कि भविष्य में उसमें किस तरह की समस्याएं पेश आ सकती हैं।
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आज घरेलू बगीचे के लिए कुछ वास्तु सुझाव- • वास्तु अनुसार घर में हमेशा तुलसी का पौधा रखना चाहिए। • बगीचा घर की पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। • सुनिश्चित करें कि बगीचे में कम ऊँचाई के पौधे ही लगाए जाएँ। बहुत लंबे पेड़ नहीं लगाने चाहिए। • आपके बगीचे में एक छोटा फव्वारा, मछलीघर और शांतिपूर्ण मूर्तियाँ हो सकती हैं। • सूखे पौधे, मृत पत्तियाँ और फूल, खरपतवार और अधिक बढ़े पौधों को साफ करने की आदत बनाएँ। • नियमित रूप से बगीचे की घास की कटाई करने से ऊर्जा का एक सहज प्रवाह बना रहता है। • यदि पेड़ लगाने की आवश्यकता हो तो घर का दक्षिणपश्चिमी कोना सबसे अच्छा होता है। • स्विमिंग पूल का निर्माण उत्तर या पूर्वोत्तर दिशा में करें। • फव्वारे और कृत्रिम झरने बगीचे के मध्य भाग या उत्तरपूर्व में रखे जाने पर अधिक फायदेमंद होते हैं। http://shashwatatripti.wordpress.com #vastulokesh #garden https://www.instagram.com/p/CEdotbunTVO/?igshid=13dswb8t8xf7y
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