#स्वस्थ रहने के उपाय
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sahyadrihospital22 · 8 days ago
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ब्लड कैंसर क्या है ?
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ब्लड कैंसर एक बीमारी है जिसमें खून में बनने वाली कोशिकाओं (सेल्स) की वृद्धि असामान्य तरीके से होती है। खून में मुख्यतः तीन प्रकार की कोशिकाएं होती हैं: लाल रक्त कोशिकाएं (RBCs), सफेद रक्त कोशिकाएं (WBCs), और प्लेटलेट्स। जब इनमें से किसी भी प्रकार की कोशिकाएं गलत तरीके से बढ़ने लगती हैं, तो इसे ब्लड कैंसर कहते हैं।
ब्लड कैंसर कैसे होता है?
ब्लड कैंसर क्यों होता है, इसका सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से पता नहीं चला है। लेकिन इसके होने के कुछ संभावित कारण ये हो सकते हैं:
आनुवांशिक समस्या: यदि परिवार में किसी को ब्लड कैंसर है, तो यह जोखिम बढ़ सकता है।
रेडिएशन या केमिकल्स: लंबे समय तक रेडिएशन या हानिकारक केमिकल्स के संपर्क में रहने से भी यह हो सकता है।
कमजोर इम्यून सिस्टम: अगर शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो, तो यह बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
ब्लड कैंसर का इलाज डॉक्टर की सलाह से किया जाता है, जिसमें कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, या बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसे विकल्प हो सकते हैं। शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देकर समय पर इलाज शुरू करना जरूरी है।
क्या ब्लड कैंसर ठीक हो सकता है?
खून का कैंसर (ब्लड कैंसर) इलाज़ किया जा सकता है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर का प्रकार क्या है, वह किस स्टेज पर है, और मरीज की उम्र व सेहत कैसी है। कुछ मामलों में पूरी तरह ठीक हो जाना संभव होता है, खासकर अगर जल्दी डायग्नोस हो और सही इलाज़ मिले। इलाज़ में कीमोथेरपी, रेडिएशन, बोन मैरो ट्रांसप्लांट और इम्यूनोथेरपी जैसी तकनीकें शामिल होती हैं। डॉक्टर से सलाह लेना और सही समय पर इलाज़ शुरू करना सबसे ज़रूरी है।
खून के कैंसर (ब्लड कैंसर) के लक्षण
ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण अक्सर हल्के होते हैं, लेकिन समय पर ध्यान देना ज़रूरी है। मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:
लगातार थकावट: बिना किसी कारण के हमेशा थका हुआ महसूस करना।
बार-बार बुखार या संक्रमण: इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण।
खून बहना या चोट लगने पर जल्दी से ठीक न होना: जैसे नाक से खून आना या चोट लगने पर ज्यादा समय तक खून बहना।
वजन कम होना: बिना डाइट या एक्सरसाइज़ के।
हड्डियों या जोड़ों में दर्द: अक्सर बिना किसी स्पष्ट कारण के।
सूजन या गांठें: गर्दन, बगल या कमर में सूजन।
त्वचा पर लाल या बैंगनी धब्बे: प्लेटलेट्स की कमी के कारण।
सांस लेने में तकलीफ: हल्के काम पर भी।
ब्लड कैंसर से बचाव के उपाय
खून के कैंसर को पूरी तरह से रोकना मुश्किल है, लेकिन कुछ सावधानियां अपनाकर इसका खतरा कम किया जा सकता है:
स्वस्थ भोजन करें: ताजे फल, सब्जियां और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार लें। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।
हानिकारक केमिकल्स से बचें: बेंजीन जैसे रसायनों और रेडिएशन के संपर्क में आने से बचें। ये फैक्ट्रियों, पेंट्स और कुछ क्लीनिंग प्रोडक्ट्स में हो सकते हैं।
धूम्रपान न करें: तंबाकू और सिगरेट का सेवन न करें, क्योंकि ये ब्लड कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं।
स्वच्छता का पालन करें: संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता बनाए रखें।
शारीरिक सक्रियता बनाए रखें: रोजाना हल्का व्यायाम करें और पर्याप्त धूप लें, जिससे विटामिन डी का स्तर ठीक रहे।
पारिवारिक इतिहास पर ध्यान दें: अगर परिवार में किसी को ब्लड कैंसर हुआ है, तो समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराएं।
क्या खून का कैंसर आनुवंशिक (जीन से जुड़ा) होता है?
खून का कैंसर पूरी तरह से आनुवंशिक (जीन से जुड़ा) नहीं होता, लेकिन कुछ मामलों में परिवार में जीन की गड़बड़ियां इसके जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
परिवारिक इतिहास का प्रभाव: अगर परिवार के किसी सदस्य को ब्लड कैंसर हुआ है, तो अगले पीढ़ी में इसका खतरा थोड़ा बढ़ सकता है।
जीन म्यूटेशन: कुछ आनुवंशिक गड़बड़ियां, जैसे डाउन सिंड्रोम या अन्य जन्मजात समस्याएं, ब्लड कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
आनुवंशिक स्थितियां: कुछ दुर्लभ बीमारियां, जैसे फैनेकोनी एनीमिया, भी ब्लड कैंसर से जुड़ी हो सकती हैं।
हालांकि, ज्यादातर मामलों में ब्लड कैंसर का कारण आनुवंशिक नहीं बल्कि पर्यावरणीय कारक, केमिकल एक्सपोजर या इम्यून सिस्टम की समस्याओं से जुड़ा होता है। अगर परिवार में किसी को ब्लड कैंसर हो, तो डॉक्टर से नियमित जांच करवाना सही कद��� हो सकता है।
ब्लड कैंसर से कैसे बचें?
खून के कैंसर से पूरी तरह बचना संभव नहीं है, लेकिन इसके खतरे को कम करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं:
धूम्रपान और तंबाकू से बचें: तंबाकू उत्पादों का सेवन न करें क्योंकि यह ब्लड कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है।
स्वस्थ आहार लें: फल, सब्जियां और पोषण से भरपूर आहार खाएं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
हानिकारक केमिकल्स से दूरी बनाएं: बेंजीन जैसे खतरनाक रसायनों और रेडिएशन के संपर्क में आने से बचें।
नियमित व्यायाम करें: शारीरिक रूप से सक्रिय रहना शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
संक्रमण से बचाव करें: स्वच्छता का ध्यान रखें और संक्रमणों से बचने के लिए जरूरी सावधानियां अपनाएं।
पारिवारिक इतिहास पर नजर रखें: अगर परिवार में किसी को ब्लड कैंसर हुआ है, तो समय-समय पर डॉक्टर से परामर्�� और स्वास्थ्य जांच कराएं।
खून के कैंसर (ब्लड कैंसर) के प्रकार
खून के कैंसर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं, जो खून में मौजूद अलग-अलग कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं:
ल्यूकेमिया (Leukemia)
यह रक्त और बोन मैरो (हड्डी का गूदा) को प्रभावित करता है।
इसमें सफेद रक्त कोशिकाएं (WBCs) असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं।
यह तीव्र (Acute) और दीर्घकालिक (Chronic) दोनों प्रकार का हो सकता है।
लिम्फोमा (Lymphoma)
यह शरीर के लिंफेटिक सिस्टम (lymphatic system) को प्रभावित करता है।
इसमें लिम्फोसाइट्स (एक प्रकार की सफेद रक्त कोशिका) असामान्य रूप से बढ़ जाती हैं।
मुख्यतः दो प्रकार: हॉजकिन लिम्फोमा (Hodgkin Lymphoma) और नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा (Non-Hodgkin Lymphoma)।
मायलोमा (Myeloma)
यह प्लाज्मा कोशिकाओं (plasma cells) को प्रभावित करता है, जो एंटीबॉडी बनाती हैं।
इसमें शरीर की इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाती है।
ब्लड कैंसर: पहचान, इलाज और बचाव के उपाय
ब्लड कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन अगर सही समय पर पहचान हो और उचित इलाज किया जाए, तो मरीज को बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। यह बीमारी आनुवंशिक कारणों, पर्यावरणीय कारकों और कमजोर इम्यून सिस्टम से उत्पन्न हो सकती है। सही आहार, शारीरिक सक्रियता और नियमित जांच से इसके जोखिम को कम किया जा सकता है। पुणे में सह्याद्री अस्पताल जैसी प्रमुख स्वास्थ्य सुविधाएं ब्लड कैंसर के इलाज में मदद करती हैं, जहां विशेषज्ञों द्वारा उच्चतम स्तर की देखभाल दी जाती है। समय पर इलाज और विशेषज्ञों की सलाह से इस बीमारी से जूझना संभव है और मरीजों को बेहतर जीवन जीने का अवसर मिल सकता है।
पुणे में ब्लड कैंसर के इलाज के लिए सबसे अच्छा अस्पताल
सह्याद्रि अस्पताल विशेषज्ञों की अत्यधिक कुशल टीम और रोगी देखभाल पर विशेष ध्यान के साथ रक्त कैंसर उपचार सेवाएं देता है। व्यक्तिगत उपचार योजनाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता, रक्त कैंसर रोगियों के लिए सर्वोत्तम संभव परिणाम सुनिश्चित करती है। सफलता के सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड और रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ, सह्याद्री अस्पताल रक्त कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए समर्पित है।
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fitnessclasses · 8 days ago
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मानव शरीर अपना तापमान कैसे सामान्य बनाए रखता है?
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मानव शरीर थर्मोरेग्यूलेशन (Thermoregulation) नामक प्रक्रिया के माध्यम से अपने तापमान को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है। मानक शरीर का तापमान लगभग 37°C (98.6°F) होता है, और यह सुनिश्चित करने के लिए कई तरह के तंत्र मौजूद हैं कि यह तापमान स्थिर रहे। आइए इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया की बारीकियों पर गौर करें:
 1. हाइपोथैलेमस का कार्य
- हमारे मस्तिष्क का एक हिस्सा, हाइपोथैलेमस, शरीर का थर्मोस्टेट है। यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और इसे स्थिर बनाए रखने का काम करता है। - जब शरीर का तापमान बढ़ता है या घटता है, तो हाइपोथैलेमस शरीर को तदनुसार प्रतिक्रिया करने के लिए संकेत भेजता है।  
 2. पसीना आना (Sweating)
- जब शरीर का तापमान बढ़ने लगता है (जैसे गर्म मौसम में या शारीरिक मेहनत के दौरान), तो शरीर पसीना निकालता है। - पसीना त्वचा की सतह से वाष्पित होकर ठंडक पहुँचाता है, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित होता है।  
 3. रक्त वाहिकाओं का फैलना और संकुचन (Vasodilation and Vasoconstriction)
- वसोडिलेशन (Vasodilation): जब तापमान बढ़ता है, तो रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं ताकि त्वचा की सतह पर अधिक रक्त प्रवाहित हो और गर्मी बाहर निकल सके। - वसोकंस्ट्रिक्शन (Vasoconstriction): जब शरीर का तापमान कम हो जाता है (जैसे ठंडे मौसम में), तो रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं ताकि गर्मी बाहर न निकल सके और शरीर गर्म रहे।  
 4. कंपन (Shivering)
- ठंड में शरीर कंपने लगता है, जिससे मांसपेशियों में संकुचन होता है और गर्मी उत्पन्न होती है। यह शरीर को गर्म रखने में मदद करता है।  
5. मेटाबोलिक क्रियाएं (Metabolic Activities)
- भोजन के पाचन और ऊर्जा के उत्पादन के दौरान शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है। यह गर्मी भी शरीर के तापमान को बनाए रखने में सहायक होती है।  
 6. ब्राउन फैट (Brown Fat) का उपयोग
- ब्राउन फैट, जो मुख्य रूप से शिशुओं में पाया जाता है, गर्मी उत्पन्न करने के लिए वसा को जलाने में मदद करता है, विशेषकर ठंडे मौसम में।  
 7. परिधानों और वातावरण का सहारा लेना
- गर्म���यों में हल्के कपड़े पहनना और सर्��ियों में गर्म कपड़े पहनना, और पंखा, हीटर आदि का उपयोग करके शरीर का तापमान नियंत्रित करना सामान्य व्यवहार है जो हमें बाहरी तापमान में शरीर के तापमान को बनाए रखने में सहायक होता है। इन प्रक्रियाओं के संयोजन से मानव शरीर अपने तापमान को नियंत्रित करता है और बाहरी मौसम में होने वाले बदलावों के बावजूद शरीर को स्वस्थ और कार्यशील बनाए रखता है। यदि मानव शरीर तापमान बनाए रखने में असमर्थ हो जाए, तो यह स्थिति हाइपोथर्मिया (Hypothermia) या हाइपरथर्मिया (Hyperthermia) में बदल सकती है। ये दोनों ही स्थितियाँ खतरनाक हो सकती हैं और इससे शरीर की विभिन्न क्रियाएं प्रभावित हो सकती हैं। आइए इसके कारण और उपायों को विस्तार से समझें:
 1. शरीर द्वारा तापमान बनाए रखने में असमर्थता के कारण
 (a) हाइपोथर्मिया (Hypothermia) के कारण - अत्यधिक ठंडे वातावरण में लंबे समय तक रहना: जैसे बर्फीले स्थानों पर बिना उचित कपड़ों के रहना, A.C. में लम्बे समय तक रहना । - गीले कपड़े पहनना: ठंडे वातावरण में गीले कपड़े शरीर की गर्मी को तेजी से कम कर देते हैं। - मेटाबोलिज्म की कमी: बुजुर्गों, कुपोषण और कुछ बीमारियों के कारण शरीर के मेटाबोलिज्म में कमी आती है जिससे शरीर में गर्मी नहीं बनती। - शराब का सेवन: शराब शरीर में रक्त वाहिकाओं का विस्तार कर देती है जिससे शरीर की गर्मी बाहरी वातावरण में तेजी से निकल जाती है, इसलिए शराब के सेवन के समय थोड़े देर तक तो गर्मी का अनुभव होता है परन्तु फिर थोड़ी देर में hypothermia की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। - थकावट या कमजोरी: शरीर में ऊर्जा की कमी से गर्मी उत्पन्न करने की क्षमता कम हो जाती है।    (b) हाइपरथर्मिया (Hyperthermia) के कारण - अत्यधिक गर्म वातावरण में रहना: गर्मी में सीधे धूप में रहने से शरीर का तापमान बढ़ सकता है, जिसे हम आम भाषा में लू लगना कहते हैं। - शरीर में पानी की कमी: पसीने के माध्यम से शरीर ठंडा रहता है, लेकिन पानी कम पीने से और डिहाइड्रेशन से पसीना नहीं बन पाता, जिससे शरीर में गर्मी बढ़ जाती है। - मोटापा: अधिक वजन के कारण शरीर का तापमान नियंत्रण तंत्र सुस्त हो सकता है। - बुखार और संक्रमण: कुछ बीमारियों में शरीर का तापमान सामान्य से अधिक बढ़ सकता है। - तंत्रिका तंत्र की समस्या: हाइपोथैलेमस या अन्य तंत्रिका समस्याओं के कारण तापमान नियंत्रण प्रभावित हो सकता है। ---
 2. तापमान को नियंत्रित रखने के उपाय
> हाइपोथर्मिया से बचने के उपाय: - उपयुक्त कपड़े पहनना : ठंडे मौसम में गर्म और लेयरिंग कपड़े पहनें, ताकि शरीर से गर्मी बाहर न निकल सके। ऊनी और थर्मल कपड़े सबसे अच्छे होते हैं। - गीले कपड़े तुरंत बदलें: गीले कपड़े जल्दी बदलें, विशेषकर ठंडे मौसम में, क्योंकि ये तेजी से शरीर की गर्मी छीन सकते हैं और शरीर को गरम करने की प्रक्रिया को लागु करें। - ऊर्जा बढ़ाएं: गर्म पेय पदार्थ (कॉफ़ी,चाय)और ऊर्जावान भोजन का सेवन करें, जिससे शरीर की गर्मी बनी रहे। कैफीन या शराब से बचें, क्योंकि ये रक्त वाहिकाओं का विस्तार कर गर्मी खोने में सहायक हो सकते हैं। - घर के अंदर रहें: अत्यधिक ठंड में बाहर कम जाएं और घर में हीटर का उपयोग करें। शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए हीटर, गर्म पानी की बोतल या अन्य गर्म स्रोतों का उपयोग करें।    > हाइपरथर्मिया से बचने के उपाय: - ठंडे और हवादार स्थान पर रहें: गर्मी में सीधे धूप से बचें और जितना हो सके छाया में रहें। पंखा, कूलर, और एसी का उपयोग करें। - पानी की मात्रा बढ़ाएं: खूब पानी पिएं ताकि शरीर पसीना बना सके और ठंडा रह सके। नींबू पानी, नारियल पानी, और इलेक्ट्रोलाइट्स लें। - हल्के और ढीले कपड़े पहनें: सूती कपड़े पहनें ताकि पसीना आसानी से वाष्पित हो सके और त्वचा ठंडी रहे। - थकावट से बचें: गर्मियों में अधिक मेहनत न करें और शरीर को पर्याप्त आराम दें। - ठंडी वस्तुओं का उपयोग करें: ठंडे कपड़े या ठंडे पानी से स्नान करें। सिर, गर्दन और कलाई पर ठंडी पट्टी रखें ताकि शरीर की गर्मी कम हो सके।  
अन्य सामान्य उपाय:
- शरीर के तापमान पर नज़र रखें: बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि उनके शरीर का तापमान जल्दी प्रभावित हो सकता है। - समय-समय पर ठंडे और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें: मौसम के अनुसार अपने आहार में बदलाव करें तथा अत्यधिक गरम और अत्यधिक ठन्डे आहार के सेवन से भी बचे। - तत्काल चिकित्सा सहायता लें: यदि शरीर का तापमान अत्यधिक बढ़ जाए या कम हो जाए और सामान्य उपाय कारगर न हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।   निष्कर्ष: तापमान संतुलन बनाए रखने के लिए शरीर की प्राकृतिक थर्मोरग्युलेशन प्रणाली महत्वपूर्ण है। इन साधारण उपायों और सावधानियों से शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखा जा सकता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाव संभव है।
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drsunildubeyclinic · 1 month ago
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Finding Best Sexologist Patna, Bihar for Vaginal Dryness Treatment | Dr. Sunil Dubey
महिलाओं में होने वाले योनि की सूखापन या शोष के संबंध में:
महिलाओं में योनि का सूखापन, जिसे योनि शोष या एट्रोफिक योनिशोथ के रूप में भी जाना जाता है, यह एक सामान्य स्थिति है जिसकी विशेषता निम्नलिखित है: -
योनि की नमी में कमी,
योनि के ऊतकों का पतला, नाजुक या भंगुर होना,
दर्दनाक संभोग (डिस्पेरुनिया)
खुजली, जलन या चिड़चिड़ापन
डॉ. सुनील दुबे, विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य (आयुर्वेद में पीएचडी), जो पटना में सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर भी हैं, कहते हैं कि भारत में महिलाओ में योनि का सूखापन की व्यापकता अध्ययन, जनसंख्या और उपयोग किए गए मानदंडों के आधार पर भिन्न-भिन्न  होती है। विभिन्न आयु वर्ग की महिलाएँ इस यौन समस्या से प्रभावित होते हैं। भारत में, 20 से 50 वर्ष की आयु की महिलाएँ योनि के सूखापन यौन समस्या से प्रभावित हैं। उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत जैसे सभी क्षेत्रों की महिलाएँ इस आम यौन समस्याओं से पीड़ित हैं।
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40 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं में योनि का सूखापन यौन समस्या होने की सबसे अधिक संभावना होती है और लगभग 40% महिलाएँ इस यौन विकार से पीड़ित होती हैं। हालांकि, 20 से 24 वर्ष की आयु की महिलाएं भी इस यौन समस्या का होना सामान्य घटना हैं और भारत के महिलाओं में इनका प्रतिशत 20% से अधिक है। उनका कहना है कि इस यौन समस्या का मुख्य रूप से जुड़े कारक रजोनिवृत्ति, हार्मोनल असंतुलन, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा, धूम्रपान, शारीरिक गतिविधि की कमी और असंतुलित आहार संबंधी आदतें होती हैं।
महिलाओं में योनि के सूखेपन के सामान्य कारणों के बारे में:
हार्मोनल परिवर्तन: रजोनिवृत्ति (एस्ट्रोजन में कमी), रजोनिवृत्ति के बाद और अन्य कारक।
उम्र बढ़ने: 40 वर्ष की आयु के बाद, जब यौन हार्मोन का स्तर हर साल 1% कम होते जाता है, तब।
चिकित्सा स्थितियां: मधुमेह, थायरॉयड विकार और ऑटोइम्यून विकार होने पर।
दवा: एंटीहिस्टामाइन, डिकॉन्गेस्टेंट और कुछ एंटीडिप्रेसेंट की दवाएं।
जीवनशैली कारक: तनाव, अपर्याप्त जलयोजन, धूम्रपान और एस्ट्रोजन थेरेपी की कमी।
डॉ. सुनील दुबे जो भारत के सबसे सीनियर और अग्रणी क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टरों में से एक हैं दुबे क्लिनिक में नित्य दिन अभ्यास करते हैं। दरअसल, वे बिहार के शीर्ष  रैंक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं, जहां पुरुष और महिलाएं दोनों अपने-अपने गुप्त व यौन समस्याओं के इलाज के लिए हमेशा दुबे क्लिनिक आते हैं। उनका कहना है कि किसी भी गुप्त या यौन समस्या के लक्षणों को जानना उपचार, दवा और रोकथाम की कुंजी है। इसलिए; हमें हमेशा ��मस्या के शुरुआती चरण को जानना चाहिए, जहां  समस्या व्यक्ति को परेशान करना शुरू करती है। लक्षणों को जान���ा ही समस्या की रोकथाम के लिए शुरुवाती कदम है।
महिलाओं में होने वाले योनि के सूखेपन के लक्षण: -
संभोग दर्दनाक व असहनीय होगा।
योनि क्षेत्र में खुजली या जलन होना।
योनि क्षेत्र में सूजन या जलन होना।
संभोग सुख प्राप्त करने में कठिनाई होना।
मूत्र बार-बार आना या असंयम होना।
महिलाओं में योनि के सूखेपन का निदान और आयुर्वेदिक उपचार: -
महिलाओं में होने वाले यौन समस्या योनि के सूखेपन का निदान, रोगी के चिकित्सा इतिहास, शारीरिक परीक्षण, श्रोणि परीक्षा, योनि पीएच परीक्षण और हार्मोनल स्तर परीक्षण पर आधारित होता है। जहां तक उपचार का सवाल है तो महिलाओं में यौन हार्मोन के स्तर को बनाए रखने के लिए एस्ट्रोजन सपोसिटरी, योनि एस्ट्रोजन रिंग, सिस्टम एस्ट्रोजन थेरेपी फायदेमंद होता हैं। गैर-हार्मोनल उपचार के मामले में, योनि मॉइस्चराइज़र इसे नमीयुक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।
योनि के सूखेपन की इस स्थिति में स्वस्थ यौन जीवन जीने में जीवनशैली में बदलाव करना हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक महिला यौन रोगी को हाइड्रेटेड रहने, विश्राम तकनीकों का अभ्यास करने, नियमित रूप से व्यायाम करने और परेशान करने वाले उत्पादों से बचने की आवश्यकता होती है। आयुर्वेदिक उपचार, चिकित्सा, भस्म, और घरेलु उपाय बिना किसी दुष्प्रभाव के समस्या को जड़ से ठीक कर देते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन ई, एलोवेरा, नारियल तेल और प्रोबायोटिक्स जैसे कुछ प्राकृतिक उपचार है, जो महिला को स्वस्थ यौन जीवन बनाए रखने में मदद करते हैं।
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यौन समस्याओं से पूर्ण-कालिक राहत पाने के लिए दुबे क्लिनिक में अपॉइंटमेंट:
दुबे क्लिनिक के निदेशक और भारत के गोल्ड मेडलिस्ट व भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि यौन समस्याओं के मामले में, जोड़े (शादी-शुदा लोग) को हमेशा अतिरिक्त सुझावों का भी पालन करना चाहिए। ये अतिरिक्त सुझाव हैं साथी के साथ खुलकर संवाद करना, कामुक गतिविधियों की खोज करना, विश्राम का अभ्यास, युगल चिकित्सा और आत्म-देखभाल को प्राथमिकता देना। ये सभी सुझाव एक-दूसरे की भावनाओं और समस्या को समझने में मदद करते है।
अगर आप योनि के सूखेपन से संबंधित यौन समस्या का सामना कर रहे हैं, तो अपने साथी के साथ व्यक्तिगत मार्गदर्शन, सहायता, उपचार, चिकित्सा और रोकथाम के लिए दुबे क्लिनिक से संपर्क करें। डॉ सुनील दुबे भारत के सबसे अधिक मांग वाले पेशेवर गुप्त व यौन स्वास्थ्य चिकित्सक हैं जो आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने अब तक भारत में 4.57 लाख से अधिक गुप्त व यौन रोगियों (पुरुष और महिला) का सफलतापूर्वक इलाज किया है। उनके समर्पित और प्रभावी चिकित्सा -उपचार व सेवाओं के लिए, उन्हें बहुत सारे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शीर्ष-स्तरीय अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है। बस दुबे क्लिनिक के साथ अपॉइंटमेंट बुक करें जो सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक फोन पर उपलब्ध है और अपने सबसे भरोसेमंद और अनुभवी सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से मिलें। एक सही निर्णय और आप रहे हमेशा निरोगी।
सौजन्य सहित:
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी क्लिनिक
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350-92586
स्थल: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04
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shuddhi-77 · 2 months ago
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बीमारियों से खुद को कैसे दूर करें? | स्वस्थ रहने के आसान उपाय | SHUDDHI | ACHARYA MANISH JI
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fytikahealthcareproduct · 2 months ago
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विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस: पाचन को स्वस्थ रखें, खुशहाल जीवन जीएं!
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प्रकृति ने हमें एक अनमोल उपहार दिया है - हमारे शरीर को ऊर्जा प्राप्त करने के लिए भोजन। आहार लेना हमारे शरीर के नियमित कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, और पाचन तंत्र का स्वास्थ्य उनकी सच्ची संगतता पर निर्भर करता है। इस विश्व में, जहां लोग जीवन की गतिविधियों में अत्यधिक व्यस्त हैं और अनुयायी भोजनालयों और तेज फूड चेनों की विस्तारशीलता बढ़ती जा रही है,परन्तु  पाचन स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए हर साल 29 मई को "विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस" मनाया जाता है, जो विश्व पाचन संगठन (WGO) और विश्व पाचन संगठन फाउंडेशन (WGOF) के सहयोग से शुरू किया गया है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है जनता में पाचन संबंधी रोगों और विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना। यह दिवस 29 मई, 1958 को वॉशिंगटन, अमेरिका में आयोजित विश्व गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कांग्रेस की पहली बैठक में 'विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस' की घोषणा की गई थी, जिसका उद्देश्य हमें पाचन स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूक करना है।
पाचन स्वास्थ्य क्या है?
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए, पाचन स्वास्थ्य का सही होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। खराब पाचन से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और इसलिए हमें अपने पाचन सिस्टम की देखभाल पर विशेष ध्यान देना चाहिए। पाचन तंत्र हमारे शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्यों का निर्वहन करता है और इसका 70% योगदान हमारी इम्यूनिटी के निर्माण में होता है। इसलिए, विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस का मकसद हमें लोगों को डाइजेस्टिव सिस्टम के महत्व को समझाना और उसे सुधारने के लिए क्या करना चाहिए, इसके बारे में जागरूक करना है।
समझिए, कैसे काम करता है पाचन तंत्र
पाचन स्वास्थ्य संबंधित है शरीर के खाद्य पदार्थों को पाचन और आवश्यक ऊर्जा में परिवर्त��त करने के साथ। यह शरीर के खाद्य पदार्थों को अवशोषित करने, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, मिनरल और अन्य पोषक तत्वों को अवशोषित करने के माध्यम से उपयोगी ऊर्जा का निर्माण करता है। एक स्वस्थ पाचन स्वास्थ्य में, खाद्य पदार्थों को उचित ढंग से पचाने के लिए पाचन तंत्र सही रूप से कार्य करता है। यह प्रक्रिया आहार के अलग-अलग तत्वों को विचलित करके खाद्य पदार्थों को उपयोगी पौष्टिकता में बदलती है। पाचन प्रक्रिया में भोजन को अवशोषित करने, पाचन ज्यूस बनाने, पचन प्रक्रिया के दौरान पोषक तत्वों को अवशोषित करने और उचित मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न करने जैसे कई चरण होते हैं। इस प्रक्रिया में, अवशोषित खाद्य पदार्थों से लिए गए पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न हिस्सों और ऊर्जा स्रोतों में वितरित किया जाता है।
आहार नाल से पेट तक जाने वाला पाचन तंत्र हमारे शरीर की पाचन प्रक्रिया को संचालित करता है। जब हम खाना खाते हैं, तो यह प्रक्रिया मुख से शुरू होती है और गुदा द्वार तक पहुंचती है। खाद्य पदार्थ यकृत और अग्नाशय के साथ मिश्रित होकर पेट में पहुंचते हैं, जहां शरीर के विभिन्न रासायनिक पदार्थ इन्हें रस के रूप में उत्पन्न करते हैं। यह रस फिर शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। पाचन के दौरान, खाद्य पदार्थों से पोषक तत्वों को अवशोषित किया जाता है और अपशिष्ट तत्व मल के रूप में बाहर निकल जाते हैं।
विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर, हमें अपने पाचन स्वास्थ्य को सुधारने के लिए कुछ उपाय अपनाने चाहिए। यहां कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं जो आपको इस मामले में मदद कर सकते हैं:
स्वस्थ आहार: स्वस्थ पाचन के लिए स्वस्थ आहार बहुत महत्वपूर्ण है। आपको अपने भोजन में पौष्टिक तत्वों को शामिल करने की कोशिश करनी चाहिए। स्वस्थ आहार में फल, सब्जियां, अखरोट, दाल, हरे पत्ते वाले पौधे, अदरक, लहसुन, अजवाइन, जीरा, गुड़, योगर्ट, धनिया, अनार आदि शामिल करें। तत्वों में पोषण होता है और पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ रखता है। जो भी खाएं खूब चबाकर खाएं। लगातार कब्ज की शिकायत हो तो त्रिफला सबसे कारगर होता है। त्रिफला लेते रहने से पाचन तंत्र में सुधार के साथ ही चेहरे की कांति भी बढ़ती है।
पैकेज्ड और प्रोसेस्ड भोजन की परहेज: आपको अधिक संयंत्रित और प्रोसेस्ड भोजन से बचना चाहिए, जैसे कि चिप्स, नमकीन, स्नैक्स, सोडा, बिस्किट, और तली हुई चीजें। ये भोजन अपशिष्ट तेल, शक्कर, मसाले और केमिकल युक्त पदार्थों से भरे होते हैं, जो पाचन स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
पर्याप्त पानी पीना: पानी पीना पाचन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आपको दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। यह आपके शरीर को साफ और हाइड्रेट���ड रखेगा और पाचन प्रक्रिया को स��चारू रूप से कार्यान्वित करेगा।
व्यायाम करें: नियमित शारीरिक गतिविधियां और व्यायाम पाचन को सुधारने में सहायक होते हैं। आपको रोजाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए, जैसे कि योग, ध्यान, चलना, जॉगिंग या व्यायाम करना। यह आपके पाचन सिस्टम को सक्रिय रखेगा और उसे मजबूत बनाएगा।
स्ट्रेस को नियंत्रित करें: स्ट्रेस पाचन को प्रभावित कर सकता है और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। आपको ध्यान देने और अपने मन को शांत और स्थिर रखने के लिए मेडिटेशन, प्राणायाम, योग, यात्रा, या किसी भी रिक्रिएशनल गतिविधि को शामिल करना चाहिए।
नियमित चेकअप: अपने पाचन स्वास्थ्य की निगरानी रखने के लिए नियमित चेकअप करवाना बहुत महत्वपूर्ण है। डॉक्टर से मार्गदर्शन लेना और समय-समय पर आवश्यक टेस्ट करवाना आपके स्वास्थ्य को सुरक्षित रखेगा और संभावित समस्याओं को पहले ही पहचानने में मदद करेगा।
अवसर पर जागरूकता फैलाएं: विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर, आप अपने परिवार, दोस्तों, और समाज के अन्य लोगों को पाचन स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूक कर सकते हैं। आप उन्हें स्वस्थ भोजन और पाचन के बारे में संबंधित सलाह और टिप्स दे सकते हैं। इससे लोगों की जागरूकता बढ़ेगी और वे अपने पाचन स्वास्थ्य को सुधारने के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगे।
आसान और सरल रूप से हम ऐसे समझ सकते है , तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:
अपना खाना चार या पांच बार में छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें और थोड़े-थोड़े खाएं।
अपने भोजन में रेसेदार फल और सब्जी को शामिल करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। गर्मियों में, छाछ का सेवन बढ़ाएं।
जंक फूड से बचें और चीनी की बजाय गुड़ का उपयोग करें, क्योंकि यह आपके लिए अधिक फायदेमंद होगा।
दिन में अधिक मात्रा में भोजन करें और रात में कम मात्रा में। रात को भारी भोजन न करें।
जल्दी सोएं और जल्दी उठें। रात को खाना खाने से कम से कम दो घंटे पहले सो जाएं।
सुबह व्यायाम करना अनिवार्य है। टहलना, साइकिल चलाना और अन्य शारीरिक गतिविधियों को अपनाएं, क्योंकि ये सबसे उपयुक्त होते हैं।
निष्कर्ष :- विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस एक अच्छा अवसर है जब हम अपने पाचन स्वास्थ्य पर विचार कर सकते हैं और उसे सुधारने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा सकते हैं। हमें अपने आहार, व्यायाम और जीवनशैली में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है ताकि हम स्वस्थ रह सकें। इस विशेष दिन पर हमें पाचन स्वास्थ्य के महत्व को समझना चाहिए और उसे सुधारने के लिए उपायों को अपनाना चाहिए। इन उपायों को अपनाकर आप अपने पाचन स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं और एक स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली का आनंद उठा सकते हैं। याद रखें, स्वस्थ पाचन स्वास्थ्य की नींव होती है और इसे सु��क्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर इन उपायों को अपनाकर हम स्वस्थ और प्रगतिशील जीवन जी सकते हैं।
एक स्वस्थ पाचन सिस्टम से हम अपनी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते हैं। इसलिए, आइए हम इस विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस पर अपने पाचन को स्वस्थ बनाने के लिए संकल्प लें और स्वस्थ जीवन जीने के लिए कदम उठाएं।
(डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग में दी गई जानकारी केवल शिक्षात्मक उद्देश्यों के लिए है और यह चिकित्सा परामर्श या निदान की जगह नहीं लेती है। हमारी प्रयास केवल संदर्भ के रूप में उपयोगी जानकारी प्रदान करना है, लेकिन हम किसी भी प्रकार की जटिल चिकित्सा परिस्थितियों के निदान, उपचार या सलाह की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं।)
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siyavati · 3 months ago
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1 घण्टे में स्वस्थ रहने के सभी उपाय - ऐसा नहीं वैसा नहीं अब संसय खत्म | ...
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sarvodayanews · 6 months ago
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bkkm1973 · 8 months ago
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*लक्ष्य ख़ुद ही चल पड़ेगा*
*लक्ष्य ख़ुद ही चल पड़ेगा*
ले लो थोड़ी सांस पथिक, कितना तुम चलोगे
पांवों की पीड़ाओं में तुम, कितना और पलोगे
मंजिल पाना ज़रूरी, किन्तु स्वस्थ सदा रहना
विश्राम जरा लेकर, लक्ष्य धारा के संग बहना
अवसर पाते ही स्वयं में, शक्ति करना संचित
कदमों में बल के बिना, रहोगे लक्ष्य से वंचित
केवल चलते रहने से, तुम मंजिल ना पाओगे
आधे रस्ते में ही तुम, ख़ुद को पूरा थकाओगे
लक्ष्य पाने की पहले, सम्पूर्ण योजना बनाओ
कैसे आगे बढ़ोगे तुम, उसका उपाय सुझाओ
विघ्न मिटाने की शक्ति, पहले स्वयं में भरना
तब ही उनके सामने, रण क्षेत्र में तुम उतरना
हर बाधा पार करके, अनेक अनुभव पाओगे
आगे बढ़ने की शक्ति, स्वयं में खूब बढ़ाओगे
लक्ष्य बिंदु को पाना, समझो अपना अधिकार
किंतु बाधाओं से लड़ने का, तुम पर ही प्रभार
आत्मबल जितना खुद में, इकट्ठा कर पाओगे
उतना ही आसान अपना, लक्ष्य पथ बनाओगे
लक्ष्य पाने का सपना, होगा सहज ही साकार
लक्ष्य ख़ुद ही चल पड़ेगा, करने तुम्हें स्वीकार
*ॐ शांति*
*मुकेश कुमार मोदी, बीकानेर, राजस्थान*
*मोबाइल नम्बर 9460641092*
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astrovastukosh · 8 months ago
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*🌞~ आज दिनांक - 22 मार्च 2024 का वैदिक हिन्दू और होली के अचूक उपाय पंचांग ~🌞*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - वसंत*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - त्रयोदशी पूर्ण रात्रि तक*
*⛅नक्षत्र - मघा 23 मार्च ���्रातः 04:28 तक तत्पश्चात पूर्वा फाल्गुनी*
*⛅योग - धृति शाम 06:36 तक तत्पश्चात शूल*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:18 से 03:49 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:42*
*⛅सूर्यास्त - 06:52*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:07 से 05:54 तक*
*⛅अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12:22 से 01:11 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 से 01:10 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत*
*⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹प्रदोष व्रत : 22 मार्च🌹*
🌹 सूतजी कहते हैं - त्रयोदशी तिथि में सायंकाल प्रदोष कहा गया है । धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की इच्छा रखनेवाले पुरुषों को प्रदोष में नियम पूर्वक भगवान् शिव की पूजा, होम, कथा और गुणगान करने चाहिये ।*
🔹दरिद्रता के तिमिर से अन्धे और भवसागर में डूबे हुए संसार भय से भीरु मनुष्यों के लिये यह प्रदोषव्रत पार लगानेवाली नौका है ।*
🔸भगवान् शिव की पूजा करने से मनुष्य दरिद्रता, मुर्त्यु-दुःख और पर्वत के समान भारी ऋण-भार को शीघ्र ही दूर कर के सम्पत्तियों से पूजित होता है।*
*(स्कन्द पुराण : ब्रम्होत्तर खंड)*
*🔸कालसर्प योग से मुक्ति पाने के लिए🔸*
*🌹 ज्योतिष के अनुसार उनका कालसर्प योग नहीं रहता जिनके ऊपर केसुड़े (���लाश ) के रंग होली के रंग का फुवारा लग जाता है। फिर कालसर्प योग से मुक्ति हो गई । कालसर्प योग के भय से पैसा खर्चना नहीं है और अपने को ग्रह दोष है, कालसर्प है ऐसा मानकर डरना नहीं अपने को दुखी करना नहीं है*
*🔸पूरे साल स्वस्थ्य रहने के लिए क्या करें होली पर..??🔸*
🔹1- होली के बाद 15-20 दिन तक बिना नमक का अथवा कम नमकवाला भोजन करना स्वास्थ्य के लिए हितकारी है ।*
🔹2- इन दिनों में भुने हुए चने - ‘होला का सेवन शरीर से वात, कफ आदि दोषों का शमन करता है ।*
🔹3- एक महीना इन दिनों सुबह नीम के 20-25 कोमल पत्ते और एक काली मिर्च चबा के खाने से व्यक्ति वर्षभर निरोग रहता है ।*
🔹4- होली के दिन चैतन्य महाप्रभु का प्राकट्य हुआ था । इन दिनों में हरिनाम कीर्तन करना-कराना चाहिए । नाचना, कूदना-फाँदना चाहिए जिससे जमे हुए कफ की छोटी-���ोटी गाँठें भी पिघल जायें और वे ट्यूमर कैंसर का रूप न ले पाएं और कोई दिमाग या कमर का ट्यूमर भी न हो । होली पर नाचने, कूदने-फाँदने से मनुष्य स्वस्थ रहता है।*
🔹5 - लट्ठी-खेंच कार्यक्रम करना चाहिए, यह बलवर्धक है ।*
🔹6 - होली जले उसकी गर्मी का भी थोड़ा फायदा लेना, लावा का फायदा लेना ।*
*🔹7 - मंत्र सिद्धि के लिए होली की रात्रि को (इसबार 24 मार्च की रात्रि को) भगवान नाम का जप अवश्य करें ।*
https://chat.whatsapp.com/BsWPoSt9qSj7KwBvo9zWID 9837376839
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upayehealth · 9 months ago
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ragbuveer · 9 months ago
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (चतुर्थी तिथि व्रत)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-28-फरवरी-2024
वार:------बुधवार
तिथी :---04चतुर्थी:-28:19
पक्ष:-----कृष्णपक्ष
माह:-----फाल्गुन
नक्षत्र:----हस्त:-07:33
योग:-----गडं:-17:17
करण:-----बव:-15:08
चन्द्रमा:---कन्या21:00/तुला
सूर्योदय:-----07:07
सूर्यास्त:-----18:34
दिशा शूल----- उत्तर
निवारण उपाय:---गुड का सेवन
ऋतु :-----बंसत ऋतु
गुलीक काल:---11:26से 12:52
राहू काल:---12:52से14:18
अभीजित-------नहीं है
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
लाभ:-07:07से08:33तक
अमृत:-08:33से09:59तक
शुभ:-11:25से12:51तक
चंचल:-15:42से 17:08तक
लाभ:-17:08से 18:34तक
🌓चोघङिया रात🌗
शुभ:-20:06से21:40तक
अमृत :-21:40से23:14तक
चंचल :-23:14से00:48तक
लाभ :-03:56से05:30तक
🙏आज के विशेष योग 🙏
वर्ष का 342वा दिन, संकष्ट चतुर्थी व्रत, चन्द्रोदय 21:50, सर्वसिद्धि योग 07:01 से 07:33 तक, व्यतिपात महापात 10:18 से 14:31तक, विज्ञान दिवस, श्री संकल्प सिद्बि गणेश मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव (सिद्बि विनायक, गोरेगांव, मुम्बई),
👉वास्तु टिप्स👈
किंचन केबिनेट दक्षिण या पश्चिम कि दिवार पर बनाए।
*सुविचार*
माना दुख सताता है, पर यही तो सुख का महत्व बताता है। 👍🏻 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
☀️ मेष राशि :- आज कोई लोन पास होने की उम्मीद है। सेहतमंद रहने के लिए नियमित व्यायाम करते रहें। कार्यक्षेत्र पर किसी काम को पूरा कर अच्छा महसूस करेंगे। परिवार के किसी सदस्य के दूर जाने से भावुक होंगे। पढ़ाई में आपका प्रदर्शन अच्छा रहेगा। प्रोफेशनली और पर्सनली दिन अच्छा रहेगा।
प्रेम संबंधों की शुरुआत हो सकती है। शुभ अंक - 9 और शुभ रंग - हल्का लाल है।
☀️ वृषभ राशि :- आज अपने पंसदीदा काम को करने के लिए समय निकालने में कामयाब होंगे। सेहत के लिहाज से दिन अच्छा रहेगा। धन लाभ के योग बन रहे हैं। परिवार के सदस्यों के साथ किसी यात्रा पर जा सकते हैं। शैक्षणिक मोर्चे पर कोई खुशखबरी मिल सकती है। नए वाहन की खरीददारी के योग है। प्रेम संबंधों को लेकर संतुष्ट नजर आएंगे। शुभ अंक - 3 और शुभ रंग - ब्राउन है।
☀️ मिथुन राशि :- आज कार्यक्षेत्र पर किसी सकारात्मक बदलाव को महसूस करेंगे। सेहतमंद रहने के लिए अनुशासित जीवन जिएं। पैसों ��ा लेन-देन करते समय सतर्क रहें। पारिवारिक मोर्चे पर किसी स्थिति में शांत रहने की कोशिश करें। पढ़ाई में एक साथ कई कामों को संभालना पड़ सकता है। अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अपने समर्थकों को अपने साथ रखें। प्रेम संबंधों को आगे बढ़ाने की सोच सकते हैं। शुभ अंक - 6 और शुभ रंग - पीच है।
☀️ कर्क राशि :- आज आय के नए साधन खुल सकते हैं। सेहतमंद रहने के लिए स्वस्थ खाने की आदत डालें। अपनी नेटवर्किंग के चलते किसी डील को करने में कामयाब होंगे। अपने साथी पर पूरा ध्यान देने की जरूरत है। परिवार के साथ यात्रा पर जाकर अच्छा महसूस करेंगे। प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हो रहे छात्रों के लिए दिन अच्छा है। प्रेम संबंधों को लेकर किए गए प्रयास सफल होंगे। शुभ अंक - 8 और शुभ रंग - चॉकलेटी है।
☀️ सिंह राशि :- आज शेयर मार्केट से जुड़े लोगों को धन लाभ होगा। सेहतमंद रहने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। आर्थिक मोर्चे पर किसी मौके को तुरंत पकड़ने की आवश्यकता है। परिवार के किसी बुजुर्ग के साथ समय बिताकर अच्छा महसूस करेंगे। आयात-निर्यात के क्षेत्र से जुड़े लोगों को यात्रा पर जाना पड़ सकता है। प्रेम संबंधों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। शुभ अंक - 8 और शुभ रंग - ब्राउन है।
☀️ कन्या राशि :- आज कार्यक्षेत्र पर आपका प्रदर्शन शानदार रहेगा। सेहत को लेकर सतर्क रहें। धन संबंधित मामलों में भाग्य का साथ मिलेगा। दूर रह रहे परिवार के किसी सदस्य को मिस कर सकते हैं। पढ़ाई में अपने प्रतिद्वंदियों से आगे निकलने में कामयाब होंगे। कोई आपके व्यक्तित्व की तारीफ करेगा। किसी को लेकर आपका प्रेम अधिक देर तक छुपेगा। शुभ अंक - 6 और शुभ रंग - हरा है।
☀️ तुला राशि :- आज अपनी बुद्धिमानी और आत्मविश्वास से सफल होंगे। किसी व्यवसाय में सफलता प्राप्त होगी। किसी बीमारी से छुटकारा मिलेगा। फिजूलखर्चों को कम करने की कोशिश करें। कोई अमीर रिश्तेदार उपहार दे सकता है।
पढ़ाई में एकाग्रता के साथ मेहनत करते रहें। प्रेम संबंधों के लिए दिन अच्छा है। शुभ अंक - 7 और शुभ रंग - महरुन है।
☀️ वृश्चिक राशि :- आज किसी नए व्यवसाय को शुरु करने में सफल होंगे। सेहत को लेकर किए गए प्रयासों के सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। परिवार के साथ विंडो शॉपिंग का मजा ले सकते हैं। परिवार के किसी सदस्य की सफलता दिलाने में मदद करेंगे। सुदूर घूमने जाने का मौका मिल सकता है। शैक्षणिक मोर्चे पर नेटवर्किंग के चलते कई रास्ते खुलेंगे। आपका साथी आपको खु�� करने की कोशिश कर सकता है। शुभ अंक - 8 और शुभ रंग - चॉकलेटी है।
☀️ धनु राशि :- आज किसी वस्तु में निवेश करने से लाभ होगा। सेहत के लिहाज से दिन अच्छा रहेगा। कहीं सुदूर यात्रा पर जाना व्यवसाय के लिए फायदेमंद साबित होगा। किसी लंबी यात्रा पर जाना आरामदायक भी रहेगा। पढ़ाई के लिए दिन अच्छा रहेगा। सामाजिक मोर्चे पर कोई सरप्राइज मिल सकता है। अपने साथी की जरूरतों को समझने की कोशिश करें। शुभ अंक - 9 और शुभ रंग - सैंडी ब्राउन है।
☀️ मकर राशि :- आज कैरियर में तरक्की के लिए मेहनत करें। सेहत के लिहाज से दिन अच्चा रहेगा। शॉपिंग पर अधिक खर्चा करने से बचें। परिवार के किसी सदस्य को आपकी मदद की जरूरत है। पढ़ाई में सफल होने के लिए अच्छी प्लानिंग की आवश्यकता है। आज कोई आपकी तारीफ कर सकता है।
रिलेशनशिप को सुधारने की कोशिश कर सकते हैं। शुभ अंक - 5 और शुभ रंग - डार्क ग्रे है।
☀️ कुंभ राशि :- आज आय में वृद्धि के योग हैं। सेहत के लिये दिन अच्छा है। किसी महत्वाकांक्षी कार्य को पूरा करने में समय लग सकता है। परिवार में खुशियों का माहौल रहेगा। नियमित दिनचर्या से ब्रेक लेने की सोच सकते हैं। पढ़ाई को लेकर दबाव महसूस कर सकते हैं। प्रेम संबंधों के लिए दिन अच्छा रहेगा। शुभ अंक - 4 और शुभ रंग - हल्का नारंगी है।
☀️ मीन राशि :- आज किसी वस्तु में निवेश करने से लाभ होगा। सेहत पर ध्यान देने की जरूरत है। कार्यक्षेत्र पर अपनी कार्यशैली बनाने की कोशिश करेंगे। विवाह योग्य लोगों की शादी के योग बन रहे हैं। कहीं छुट्टियों पर जाने का प्लान भी बना सकते हैं। आज सभी आपसे प्रभावित होंगे। प्रेम संबंधों को लेकर संतुष्ठ नजर आएंगे। शुभ अंक - 2 और शुभ रंग - बेबी पिंक है।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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fitnessclasses · 19 days ago
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मानव शरीर अपना तापमान कैसे सामान्य बनाए रखता है?
  मानव शरीर थर्मोरेग्यूलेशन (Thermoregulation) नामक प्रक्रिया के माध्यम से अपने तापमान को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है। मानक शरीर का तापमान लगभग 37°C (98.6°F) होता है, और यह सुनिश्चित करने के लिए कई तरह के तंत्र मौजूद हैं कि यह तापमान स्थिर रहे। आइए इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया की बारीकियों पर गौर करें:
 1. हाइपोथैलेमस का कार्य
- हमारे मस्तिष्क का एक हिस्सा, हाइपोथैलेमस, शरीर का थर्मोस्टेट है। यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और इसे स्थिर बनाए रखने का काम करता है। - जब शरीर का तापमान बढ़ता है या घटता है, तो हाइपोथैलेमस शरीर को तदनुसार प्रतिक्रिया करने के लिए संकेत भेजता है।  
 2. पसीना आना (Sweating)
- जब शरीर का तापमान बढ़ने लगता है (जैसे गर्म मौसम में या शारीरिक मेहनत के दौरान), तो शरीर पसीना निकालता है। - पसीना त्वचा की सतह से वाष्पित होकर ठंडक पहुँचाता है, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित होता है।  
 3. रक्त वाहिकाओं का फैलना और संकुचन (Vasodilation and Vasoconstriction)
- वसोडिलेशन (Vasodilation): जब तापमान बढ़ता है, तो रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं ताकि त्वचा की सतह पर अधिक रक्त प्रवाहित हो और गर्मी बाहर निकल सके। - वसोकंस्ट्रिक्शन (Vasoconstriction): जब शरीर का तापमान कम हो जाता है (जैसे ठंडे मौसम में), तो रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं ताकि गर्मी बाहर न निकल सके और शरीर गर्म रहे।  
 4. कंपन (Shivering)
- ठंड में शरीर कंपने लगता है, जिससे मांसपेशियों में संकुचन होता है और गर्मी उत्पन्न होती है। यह शरीर को गर्म रखने में मदद करता है।  
5. मेटाबोलिक क्रियाएं (Metabolic Activities)
- भोजन के पाचन और ऊर्जा के उत्पादन के दौरान शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है। यह गर्मी भी शरीर के तापमान को बनाए रखने में सहायक होती है।  
 6. ब्राउन फैट (Brown Fat) का उपयोग
- ब्राउन फैट, जो मुख्य रूप से शिशुओं में पाया जाता है, गर्मी उत्पन्न करने के लिए वसा को जलाने में मदद करता है, विशेषकर ठंडे मौसम में।  
 7. परिधानों और वातावरण का सहारा लेना
- गर्मियों में हल्के कपड़े पहनना और सर्दियों में गर्म कपड़े पहनना, और पंखा, हीटर आदि का उपयोग करके शरीर का तापमान नियंत्रित करना सामान्य व्यवहार है जो हमें बाहरी तापमान में शरीर के तापमान को बनाए रखने में सहायक होता है। इन प्रक्रियाओं के संयोजन से मानव शरीर अपने तापमान को नियंत्रित करता है और बाहरी मौसम में होने वाले बदलावों के बावजूद शरीर को स्वस्थ और कार्यशील बनाए रखता है। यदि मानव शरीर तापमान बनाए रखने में असमर्थ हो जाए, तो यह स्थिति हाइपोथर्मिया (Hypothermia) या हाइपरथर्मिया (Hyperthermia) में बदल सकती है। ये दोनों ही स्थितियाँ खतरनाक हो सकती हैं और इससे शरीर की विभिन्न क्रियाएं प्रभावित हो सकती हैं। आइए इसके कारण और उपायों को विस्तार से समझें:
 1. शरीर द्वारा तापमान बनाए रखने में असमर्थता के कारण
 (a) हाइपोथर्मिया (Hypothermia) के कारण - अत्यधिक ठंडे वातावरण में लंबे समय तक रहना: जैसे बर्फीले स्थानों पर बिना उचित कपड़ों के रहना, A.C. में लम्बे समय तक रहना । - गीले कपड़े पहनना: ठंडे वातावरण में गीले कपड़े शरीर की गर्मी को तेजी से कम कर देते हैं। - मेटाबोलिज्म की कमी: बुजुर्गों, कुपोषण और कुछ बीमारियों के कारण शरीर के मेटाबोलिज्म में कमी आती है जिससे शरीर में गर्मी नहीं बनती। - शराब का सेवन: शराब शरीर में रक्त वाहिकाओं का विस्तार कर देती है जिससे शरीर की गर्मी बाहरी वातावरण में तेजी से निकल जाती है, इसलिए शराब के सेवन के समय थोड़े देर तक तो गर्मी का अनुभव होता है परन्तु फिर थोड़ी देर में hypothermia की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। - थकावट या कमजोरी: शरीर में ऊर्जा की कमी से गर्मी उत्पन्न करने की क्षमता कम हो जाती है।    (b) हाइपरथर्मिया (Hyperthermia) के कारण - अत्यधिक गर्म वातावरण में रहना: गर्मी में सीधे धूप में रहने से शरीर का तापमान बढ़ सकता है, जिसे हम आम भाषा में लू लगना कहते हैं। - शरीर में पानी की कमी: पसीने के माध्यम से शरीर ठंडा रहता है, लेकिन पानी कम पीने से और डिहाइड्रेशन से पसीना नहीं बन पाता, जिससे शरीर में गर्मी बढ़ जाती है। - मोटापा: अधिक वजन के कारण शरीर का तापमान नियंत्रण तंत्र सुस्त हो सकता है। - बुखार और संक्रमण: कुछ बीमारियों में शरीर का तापमान सामान्य से अधिक बढ़ सकता है। - तंत्रिका तंत्र की समस्या: हाइपोथैलेमस या अन्य तंत्रिका समस्याओं के कारण तापमान नियंत्रण प्रभावित हो सकता है। ---
 2. तापमान को नियंत्रित रखने के उपाय
> हाइपोथर्मिया से बचने के उपाय: - उपयुक्त कपड़े पहनना : ठंडे मौसम में गर्म और लेयरिंग कपड़े पहनें, ताकि शरीर से गर्मी बाहर न निकल सके। ऊनी और थर्मल कपड़े सबसे अच्छे होते हैं। - गीले कपड़े तुरंत बदलें: गीले कपड़े जल्दी बदलें, विशेषकर ठंडे मौसम में, क्योंकि ये तेजी से शरीर की गर्मी छीन सकते हैं और शरीर को गरम करने की प्रक्रिया को लागु करें। - ऊर्जा बढ़ाएं: गर्म पेय पदार्थ (कॉफ़ी,चाय)और ऊर्जावान भोजन का सेवन करें, जिससे शरीर की गर्मी बनी रहे। कैफीन या शराब से बचें, क्योंकि ये रक्त वाहिकाओं का विस्तार कर गर्मी खोने में सहायक हो सकते हैं। - घर के अंदर रहें: अत्यधिक ठंड में बाहर कम जाएं और घर में हीटर का उपयोग करें। शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए हीटर, गर्म पानी की बोतल या अन्य गर्म स्रोतों का उपयोग करें।    > हाइपरथर्मिया से बचने के उपाय: - ठंडे और हवादार स्थान पर रहें: गर्मी में सीधे धूप से बचें और जितना हो सके छाया में रहें। पंखा, कूलर, और एसी का उपयोग करें। - पानी की मात्रा बढ़ाएं: खूब पानी पिएं ताकि शरीर पसीना बना सके और ठंडा रह सके। नींबू पानी, नारियल पानी, और इलेक्ट्रोलाइट्स लें। - हल्के और ढीले कपड़े पहनें: सूती कपड़े पहनें ताकि पसीना आसानी से वाष्पित हो सके और त्वचा ठंडी रहे। - थकावट से बचें: गर्मियों में अधिक मेहनत न करें और शरीर को पर्याप्त आराम दें। - ठंडी वस्तुओं का उपयोग करें: ठंडे कपड़े या ठंडे पानी से स्नान करें। सिर, गर्दन और कलाई पर ठंडी पट्टी रखें ताकि शरीर की गर्मी कम हो सके।  
अन्य सामान्य उपाय:
- शरीर के तापमान पर नज़र रखें: बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि उनके शरीर का तापमान जल्दी प्रभावित हो सकता है। - समय-समय पर ठंडे और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें: मौसम के अनुसार अपने आहार में बदलाव करें तथा अत्यधिक गरम और अत्यधिक ठन्डे आहार के सेवन से भी बचे। - तत्काल चिकित्सा सहायता लें: यदि शरीर का तापमान अत्यधिक बढ़ जाए या कम हो जाए और सामान्य उपाय कारगर न हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।   निष्कर्ष: तापमान संतुलन बनाए रखने के लिए शरीर की प्राकृतिक थर्मोरग्युलेशन प्रणाली महत्वपूर्ण है। इन साधारण उपायों और सावधानियों से शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखा जा सकता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाव संभव है।
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naturalhealingwellness · 9 months ago
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सर्दियों में सेहत का ख्याल कैसे रखें
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इस मौसम में स्किन, बालों के साथ हेल्थ का भी विशेष तौर पर ख्याल रखना पड़ता है क्योंकि इस मौसम में चलने वाली ठंडी हवाओं की वजह से आप आसानी से बीमार हो सकते हैं। इस मौसम में अधिकतर व्यक्तियों की इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती हैं। ऐसे मे इस मौसम में शरीर का ख्याल रखने के लिए डाइट में विटामिन सी फूड्स को अवश्य शामिल करना चाहिए। इन फूड्स के सेवन से मौसमी बीमारियों का खतरा कम होगा। सर्दी में अक्सर लोग अपने आसपास का, तो ख्याल रखते हैं। लेकिन कई बार जल्दबाजी में अपना ख्याल रखना भूल जाते हैं, जिस कारण कई बार वह बीमार हो जाते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी सर्दी से बचाव टिप्स के बारे में बताएंगे, जो आपको सर्दी के मौसम में बीमार होने से बचाएंगी।
ऊनी कपड़े पहनें
सर्दी में बीमार होने से बचने के लिए यह जरूरी होता हैं कि ऊनी कपड़े पहने। ऊनी कपड़े पहनने से शरीर गर्म रहता है, जिससे आप सर्दी से बच सकते हैं। सर्दी में ट्रैवलिंग के दौरान  अपने साथ एक अतिरिक्त जैकेट/श्रग/कार्डिगन और एक ऊनी टोपी रखें ताकि तापमान ग��रने पर आप इन्हें पहन सकें। साथ ही ध्यान रखें कि ज्यादा कपड़े भी न पहनें क्योंकि इसे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है।
हेल्दी डाइट लें
सर्दियों में स्वस्थ भोजन खाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। खासकर, ऐसा आहार जो आपको गरम रखे, यही सबसे अधिक आवश्यक है। अपने आहार में, साबुत अनाज, लीन मांस, अंडे, वसायुक्त मछली, गुड़, नट्स, और भरपूर मात्रा में ताजे फलों और सब्जियों को शामिल करें। मसाले और जड़ी-बूटियां भी इसमें शामिल होने चाहिए, जो आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देकर आपको स्वस्थ रखने में सहायक हो सकती हैं।
व्यायाम ज़रूर करें
अपनी फिटनेस को बनाए रखने के लिए सर्दियों में अपने आपको फिट रखने के लिए अपनी दिनचर्या में किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधियों जैसे योग, वॉकिंग आदि को शामिल करें। नियमित व्यायाम आपको अधिक कैलोरी बर्न करने में मदद करेगा। यह आपको गर्म रखेगा और आपकी प्रतिरक्षा में सुधार करेगा, जिससे खांसी और सर्दी जैसी मौसमी बीमारियों से शरीर की रक्षा भी बढ़ेगी। यदि आपको अस्थमा या हृदय रोग जैसी कोई समस्या है, तो हवा में प्रदूषकों और एलर्जी से बचने के लिए बाहर जाने पर मास्क पहनें।
हाइड्रेट रहें 
सुनिश्चित करें कि आप हर ��िन पर्याप्त पानी पिएं। यह आपको हाइड्रेटेड रहने और हानिकारक विषाक्त पदार्थों से आपके सिस्टम को साफ करने में मदद करेगा। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर में तरल पदार्थ को संतुलित करने के साथ-साथ पोषक तत्वों को शरीर की कोशिकाओं तक ले जाने में भी मदद मिलेगी। यह कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं को रोकने में भी मदद करता। पानी त्वचा को मॉइस्चराइज रखने और उसकी बनावट और उपस्थिति को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पर्याप्त नींद लें
नींद के महत्व को कम नहीं आंकना चाहिए। अच्छी नींद लेना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि व्यायाम करना और स्वस्थ भोजन करना। नींद की कमी से वजन बढ़ता है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है, जिससे बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। वास्तव में, नींद की कमी अवसाद और शारीरिक कमजोरी जैसी बीमारियों का कारण बन सकती है, और उत्तम नींद आपकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती है।
हाइजीन बनाए रखें
सही हाइजीन का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है। साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोना, आंख, नाक और मुंह को छूने से बचना आवश्यक है। ये सभी आदतें बैक्टीरिया और कीटाणुओं के खिलाफ सबसे अच्छे बचाव के तरीकों में से एक हैं। कोविड-19 का खतरा अभी भी है, इसलिए इन सभी बातों का खास ध्यान रखें। साथ ही, सामाजिक दूरी और मास्क जैसी अन्य सुरक्षा के उपायों का भी पालन करें।
लापरवाही कर सकती है बीमार
मौसम के साथ तालमेल बनाए रखना जरूरी है, ताकि बीमारियां दूर रहें। बदलते मौसम में डाइट और फिटनेस पर खास ध्यान दें। अखरोट और बादाम जरूर खाएं। यह व्यक्ति को हेल्दी रखने में मदद करेंगे। इन दिनों मौसम में काफी उतार-चढ़ाव हो रहा है। ऐसे में सेहत प्रभावित होती है। खुली हवा में सिर और माथा ढंक कर निकलें। सुबह भर पेट नाश्ता करें, ताकि इन्फेक्शन न हो। हल्का गुनगुना पानी पिएं। सूप, हरी सब्जियां, फल और ग्रीन टी शामिल करें। ये इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती हैं। साफ सफाई का ध्यान रखें।
निष्कर्ष
सर्दियों में सेहत का ख्याल रखना व्यक्ति के सम्पूर्ण विकास और सुखद जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस मौसम में सही आहार, उचित व्यायाम, नियमित नींद, व्यस्त और सक्रिय जीवनशैली, और हाइजीन का पालन करना आवश्यक है। ये सभी उपाय सर्दियों के मौसम में बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं और व्यक्ति को स्वस्थ और सुरक्षित रखने में साहायक होते हैं। सही सेहत का ध्यान रखने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।
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cardiologistdrfarhanshikoh · 10 months ago
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🌈 लड़कियों में हृदय स्वास्थ्य को समझना: डॉ. मोहम्मद फरहान शिकोह द्वारा अंतर्दृष्टि
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उम्र या लिंग की परवाह किए बिना, हृदय का स्वास्थ्य हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है। जब युवा लड़कियों की बात आती है, तो जागरूकता महत्वपूर्ण है। झारखंड के रांची में सुकून हार्ट केयर के प्रतिष्ठित हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद फरहान शिकोह ��ड़कियों में हृदय संबंधी समस्याओं की बारीकियों पर प्रकाश डालते हैं।
👧 हृदय स्वास्थ्य संबंधी जानकारी:
आम धारणा के विपरीत, हृदय संबंधी समस्याएं लड़कियों को भी प्रभावित कर सकती हैं। डॉ. शिकोह संभावित जोखिमों को पहले से ही समझने के महत्व पर जोर देते हैं। जीवनशैली के कारक, आनुवंशिकी और पर्यावरणीय तत्व युवा लड़कियों में हृदय संबंधी चिंताओं में योगदान कर सकते हैं।
🔍 सावधान रहने योग्य संकेत:
अभिभावकों का सतर्क रहना जरूरी है। लगातार थकान, सांस लेने में तकलीफ, सीने में तकलीफ या अनियमित दिल की धड़कन जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। डॉ. शिकोह माता-पिता को ऐसे कोई भी लक्षण उत्पन्न होने पर तुरंत स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लेने की सलाह देते हैं।
👩‍⚕️ निवारक उपाय:
छोटी उम्र से ही हृदय-स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना सर्वोपरि है। नियमित शारीरिक गतिविधि को प्रोत्साहित करना, संतुलित आहार और तनाव का प्रबंधन समग्र हृदय स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
📌 डॉ. मोहम्मद फरहान शिकोह से जुड़ें:
Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology) हृदय स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यदि आपकी कोई चिंता या प्रश्न है, तो बेझिझक संपर्क करें। आप उनसे सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मेन रो��, रांची, झारखंड - 834001 पर संपर्क कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए 6200784486 पर कॉल करें या drfarhancardiologist.com पर जाएं।
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fytikahealthcareproduct · 3 months ago
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अब सुबह की थकान और आलस से छुटकारा पाएं, जानिए इस पक्के इलाज से कैसे!
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नींद आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। दिनभर के काम से आपका तन और मन दोनों थके हुए हैं और इस थकान के बाद, आपके शरीर को आराम की जरूरत होती है ताकि वह अगले दिन के लिए तैयार हो सके। इसलिए जब आप आराम करने और सोने की कोशिश करते हैं, तो आपका दिमाग फिर से काम करना शुरू कर देता है और आपको सोने से रोकता है।
आपके दिमाग में तरह-तरह के विचार आने लगते हैं और आप करवटें बदलते रहते हैं । कई बार आप विचारों को थामने के लिए टीवी, मोबाइल या टैब पर अपने पसंदीदा प्रोग्राम देखने लगते हैं। हालांकि कई बार रात में 7-8 घंटे सोने के बाद भी आपको थकान महसूस हो सकती है। यह सामान्य है, लेकिन अगर ऐसा हर दिन होता है, तो आपको अपना अतिरिक्त ध्यान रखने की जरूरत है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप जल्द ही बीमार पड़ सकते हैं। यहां हम आपको कुछ आसान उपाय बताएँगे, जो आपको सुबह की थकान और आलस से मुक्ति दिलाने में मदद कर सकते हैं।
समय पर सोने और उठने का महत्व
एक अनुसंधान के अनुसार, समय पर सोने और उठने से सेहत को बेहतरीन लाभ मिलते हैं। आपको समय पर सोना चाहिए और एक नियमित रूटीन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। नियमित नींद लेने से आपके शरीर में एक संतुलित व्यवस्था होती है और आपको अधिक ऊर्जा का भंडार मिलता है। इससे आपके मन में शांति मिलती है और आप अधिक फोकस रख पाते हैं। इसलिए, समय पर सोने और उठने से आपकी सेहत बेहतर होती है।
​नियमित योग और प्राणायाम है जरूरी
एक अच्छा व्यायाम रूटीन आपकी सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। योग और प्राणायाम आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। योग और प्राणायाम करने से आपके शरीर के मुख्य अंगों तक सही मात्रा में रक्त पहुंचाने में मदद मिलती है, जिससे आपके शरीर को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलती है।
खूब सारा पानी पिंए
हाइड्रेटेड रहने और पर्याप्त ऊर्जा पाने के लिए खूब पानी पिएं। यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो आप थकान महसूस करेंगे और ऊर्जा की कमी महसूस करेंगे। इसलिए पानी खूब पिए ।
हर दिन करें मालिश
यदि आप रात को अच्छी तरह सोने के बाद सुबह उठकर थकान महसूस करते हैं, तो आप हर दिन तेल से मालिश करके ��पने शरीर को बेहतर आराम देने में मदद कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके पूरे तंत्रिका तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलेगी और आप पूरे दिन अधिक सक्रिय महसूस करेंगे।
ध्यान करने से बनी रहेगी ताजगी
ध्यान आपके विचारों को शांत करने और पूरे दिन सतर्क और केंद्रित रहने का एक तरीका है। यह एक बेस्ट प्रेक्टिस है जो आपके नर्वस सिस्टम और दिमाग को पूरे दिन के लिए तैयार करने का काम करता है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि ध्यान करने से आपका दिमाग मजबूत और उम्र से अप्रभावित रहेगा।
एक अच्छा नियंत्रित आहार
आपको अपनी डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करने की जरूरत होती है, जैसे कि फल, सब्जियां, अनाज, दूध आदि। सही मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, फैट्स, विटामिन्स और मिनरल्स का सेवन करना आपके शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। स्वस्थ आहार के लिए, आप खाने की विभिन्न पदार्थों का संतुलित समूह बनाने का प्रयास कर सकते हैं और अधिक तरल पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।
जब हमारा शरीर पूर्ण रुप से पोषण तत्वों को प्राप्त नही कर पाता है, तो हम कमजोर और सुस्त महसूस करते है। कई बार हमारे शरीर को पर्याप्त विटामिन नहीं मिलते इस वजह से भी शरीर हल्के काम में भी अधिक उर्जा को खर्च करने लगता है जिसकी वजह से थकान व अन्य स्वस्थ समस्याएँ होने लगती है । दिनचर्या में उपरोक्त दिए गए आसान उपायों को अपनी जीवनशैली में सम्मिलित करने के साथ ही Fytika Vita 365 टेबलेट को लेने से आप आप अधिक ऊर्जावान और फिट रह सकते हैं। | यह सप्लीमेंट हमारे शरीर के लिए वो पोषक तत्व है जो हमारे शरीर को स्वस्थ और सही से काम करने में मदद करते है ।हमारे शरीर में त्वचा के बनने और ठीक होने, हड्डियों के बनने और ठीक होने, कोशिकाओं के बनने और ठीक होने में मदद करते है। साथ ही ये हमारे इम्यून सिस्टम को भी बेहतर बनाते है जिससे हमारा शरीर बीमारियों से लड़ पाता है।
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roshni99 · 1 year ago
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