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sharmilachauhan1234 · 4 hours
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श्राद्ध की शास्त्र अनुकूल विधि संत रामपाल जी महाराज के सभी सतलोक आश्रमों में हर दूसरे तीसरे महीने समागम में की जाती ही। वहां तो श्राद्ध हर दूसरे तीसरे महीने निकालते हैं। आप जी तो साल में एक ही बार निकालते हो।
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sharmilachauhan1234 · 4 hours
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#श्राद्ध_करने_की_श्रेष्ठ_विधि
JagatGuru Sant Rampal Ji
श्राद्ध किसके लिए निकालते हैं। श्राद्ध उनके लिए करते हैं जो मृत्यु को प्राप्त हो गए यानी प्रेत पित्तर बन गए। गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में इसके लिए मना किया गया है।
विष्णु पुराण के अंदर लिखा हुआ है, व्यास जी कह रहे हैं कि हे राजन! श्राद्ध के समय यदि एक हजार ब्राह्मण बैठे हों। भोजन करने आये हों।
और एक तरफ योगी बैठ जा। तो वो ब्राह्मणों समेत, पित्तरों समेत, यजमानों समेत सबका उद्धार कर देता है। वह योगी कौन है?
गीता अध्याय 2 श्लोक 53 में बताया है कि अर्जुन जब भिन्न भिन्न प्रकार से भर्मित करने वाले वचनों से तेरी बुद्धि हटकर एक तत्वज्ञान में स्थिर हो जाएगी। तब तो तू योगी बनेगा। तब तू योग को प्राप्त होगा। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सारे योगी हैं। और जैसे संत रामपाल जी महाराज जी के आश्रमों में समागम होते हैं उनमें लाखों योगी भोजन करते हैं। वहां दिए गए दान से पितरों का भी उद्धार, भूतों का भी उद्धार और दान करने वालों का भी उद्धार होता है।
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#रामचरितमानसअनुसारमोक्षकैसेहो
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आदि सनातनी पूजा पूर्ण संत के द्वारा तीन चरण में बताई जाती है। प्रथम चरण को प्राथमिक शिक्षा की तरह मानो जिसमें रामचरितमानस में वर्णित द्वादश अक्षरों के मंत्र को दिया जाता है।दूसरे चरण में पूर्ण संत सतनाम मंत्र का भेद अपने शिष्य को बताता है । जिसे उच्च शिक्षा की तरह मानो। तीसरे चरण में तत्वदर्शी संत सारनाम मंत्र का जाप अपने शिष्यों को देता है। जिसे आप सर्वोच्च शिक्षा की तरह मान सकते हैं।विस्तृत जानकारी जानने के लिए Factful Debates Youtube Channel पर देखिए वीडियो असली रामायण सार।
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#रामचरितमानसअनुसारमोक्षकैसेहो
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आदि सनातनी पूजा तीन चरण में पूरी होती है।
प्रथम चरण की पूजा में वही द्वादश अक्षर का मंत्र है जिसका वर्णन पवित्र रामचरितमानस के बालकांड में किया गया है।
सिर्फ संत रामपाल जी महाराज ही वर्तमान में आदि सनातनी पूजा करवा रहे हैं।
विस्तृत जानकारी के लिए Factful Debates Youtube Channel पर देखिए वीडियो असली रामायण सार।
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कबीर साहब जी गोरखनाथ जी💥 के साथ ज्ञान गोष्टी में जाने के लिए हुए तैयार #...
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भगवान से लाभ लेने का ये हैं तरीका? Sant Rampal Ji Maharaj Satsang | Ravi...
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#SantRampalJiMaharaj        
#KabirisGod                 
#SupremeGodKabir    
क्या आप जानते हैं कि सृष्टि की रचना कैसे हुई थी?
जानने के लिए देखिए Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel
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#SantRampalJiMaharaj        
#KabirisGod                 
#SupremeGodKabir    
हम कैसे इस दुनिया में आये? ये दुनिया किसने बनाई?
जानने के लिए देखिए Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel
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#SaintRampalJi          
#KabirisGod                 
#SupremeGod    
पवित्र कुरान शरीफ में लिखा है कि एक अल्लाह के सिवा किसी और की पूजा नहीं करनी चाहिए। लेकिन पूरा मुस्लिम समाज पीर पैगंबरों की पूजा में लगा है और दुर्भाग्यवश उस एक कादिर अल्लाह के नाम से भी परिचित नहीं है।
पवित्र कुरआन में वर्णित कादिर अल्लाह को पाने की शास्त्र अनुकूल साधना जानने के लिए देखिये Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel
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#SaintRampalJi          
#KabirisGod                 
#SupremeGod    
गीता अध्याय 3 श्लोक 6 व गीता अध्याय 17 श्लोक 5, 6 में मेडिटेशन, हठयोग (तपस्या) के लिए मना किया गया है और कुछ पंथों की मुख्य भक्ति साधना ही मेडिटेशन है जोकि शास्त्र विरुद्ध साधना है जिससे गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 के अनुसार लाभ नहीं होगा।
पवित्र सद्ग्रंथों में वर्णित पूर्ण परमात्मा को पाने की शास्त्र अनुकूल साधना जानने के लिए देखिये Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel
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भक्ति दान गुरु दीजियो,देवन के देवा हो..| Sant Rampal Ji Maharaj Shabad |...
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श्राद्ध की शास्त्र अनुकूल विधि संत रामपाल जी महाराज के सभी सतलोक आश्रमों में हर दूसरे तीसरे महीने समागम में की जाती ही। वहां तो श्राद्ध हर दूसरे तीसरे महीने निकालते हैं। आप जी तो साल में एक ही बार निकालते हो।
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श्राद्ध किसके लिए निकालते हैं। श्राद्ध उनके लिए करते हैं जो मृत्यु को प्राप्त हो गए यानी प्रेत पित्तर बन गए। गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में इसके लिए मना किया गया है।
विष्णु पुराण के अंदर लिखा हुआ है, व्यास जी कह रहे हैं कि हे राजन! श्राद्ध के समय यदि एक हजार ब्राह्मण बैठे हों। भोजन करने आये हों।
और एक तरफ योगी बैठ जा। तो वो ब्राह्मणों समेत, पित्तरों समेत, यजमानों समेत सबका उद्धार कर देता है। वह योगी कौन है?
गीता अध्याय 2 श्लोक 53 में बताया है कि अर्जुन जब भिन्न भिन्न प्रकार से भर्मित करने वाले वचनों से तेरी बुद्धि हटकर एक तत्वज्ञान में स्थिर हो जाएगी। तब तो तू योगी बनेगा। तब तू योग को प्राप्त होगा। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सारे योगी हैं। और जैसे संत रामपाल जी महाराज जी के आश्रमों में समागम होते हैं उनमें लाखों योगी भोजन करते हैं। वहां दिए गए दान से पितरों का भी उद्धार, भूतों का भी उद्धार और दान करने वालों का भी उद्धार होता है।
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कभी मन में ग़ुस्सा आये, पैसे की कमी लगे तो इस सत्संग ज़रूर सुने🔥Sant Ram...
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#श्राद्धकी_शास्त्रानुकूल_विधि
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श्राद्ध की शास्त्र अनुकूल विधि संत रामपाल जी महाराज के सभी सतलोक आश्रमों में हर दूसरे तीसरे महीने समागम में की जाती ही। वहां तो श्राद्ध हर दूसरे तीसरे महीने निकालते हैं। आप जी तो साल में एक ही बार निकालते हो।
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#श्राद्धकी_शास्त्रानुकूल_विधि
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श्राद्ध किसके लिए निकालते हैं। श्राद्ध उनके लिए करते हैं जो मृत्यु को प्राप्त हो गए यानी प्रेत पित्तर बन गए। गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में इसके लिए मना किया गया है।
विष्णु पुराण के अंदर लिखा हुआ है, व्यास जी कह रहे हैं कि हे राजन! श्राद्ध के समय यदि एक हजार ब्राह्मण बैठे हों। भोजन करने आये हों।
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श्राद्ध किसके लिए निकालते हैं। श्राद्ध उनके लिए करते हैं जो मृत्यु को प्राप्त हो गए यानी प्रेत पित्तर बन गए। गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में इसके लिए मना किया गया है।
विष्णु पुराण के अंदर लिखा हुआ है, व्यास जी कह रहे हैं कि हे राजन! श्राद्ध के समय यदि एक हजार ब्राह्मण बैठे हों। भोजन करने आये हों।
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