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गर्मियों में पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था: छोटा सा प्रयास, बड़ा उपकार
छोटी सी लड़की पक्षियों को पानी पिलाती हुई गर्मियों में पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करना क्यों महत्वपूर्ण है? जानें कैसे आप अपने छोटे से प्रयास से कर सकते हैं बड़ा उपकार। पढ़ें आसान टिप्स और तरीके। गर्मी का मौसम आते ही हमारे आसपास के पशु-पक्षियों के लिए पानी की समस्या बढ़ जाती है। क्या आपने कभी सोचा है कि हम अपने छोटे से प्रयास से इन मूक प्राणियों की कितनी बड़ी मदद कर सकते हैं? आइए…
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31 अक्टूबर, 2024 लखनऊ | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के परिसर में दीपावली पूजन का भव्य आयोजन पारंपरिक विधि-विधान और श्रद्धा से संपन्न हुआ ।यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि संस्था के उद्देश्यों और मूल्यों का भी सजीव चित्रण था । ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी, श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, ने इस पावन अवसर पर संस्था के समस्त सदस्यों, लाभार्थियों और सभी देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दीं और भगवान श्रीराम से सबके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की । श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या म��ं आयोजित "ग्रैंड दीपोत्सव" की सराहना की । उन्होंने कहा कि आदरणीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में अयोध्या दीपोत्सव त्रेता ��ुग की स्मृतियों को व्यक्त करता है और यह सभी धर्मों के लोगों के लिए गर्व का विषय है ।
पूजन और आरती के समय पूरा परिसर भक्तिमय वातावरण में सराबोर हो गया । सभी ने मिलकर दीपावली के महत्व को समझते हुए प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से अपने जीवन में सकारात्मकता और नई ऊर्जा का संचार किया । श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि दीपावली हमें अंधकार से प्रकाश की ओर, असत्य से सत्य की ओर, और स्वार्थ से परमार्थ की ओर अग्रसर करने का मार्ग दिखाती है । यह पर्व हमें सच्चाई, भाईचारे, और सहयोग का संदेश देता है, जो हमारे समाज की एकता और उन्नति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है । उन्होंने बताया कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट सदैव समाजसेवा के इस पथ पर आगे बढ़ता रहा है और आने वाले समय में भी जरूरतमंदों के कल्याण हेतु अपने प्रयासों को निरंतर जारी रखेगा । संस्था का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को हर संभव सहायता प्रदान करना है, जिससे वे एक बेहतर और आत्मनिर्भर जीवन जी सकें ।
पूजन कार्यक्रम के अंत में, श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी से पर्यावरण के प्रति जागरूक रहते हुए एक स्वच्छ, सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण दीपावली मनाने की अपील की । उन्होंने कहा कि हमें अपने उत्सवों में अपने कर्तव्यों का भी ध्यान रखना चाहिए, जिससे समाज और प्रकृति दोनों का संरक्षण हो सके ।
पूजन कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ. रूपल अग्रवाल एवं स्वयंसेवकों की उपस्थिति रही ।
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बेमिसाल एक साल: झोटवाड़ा विकास कार्य में कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का योगदान
झोटवाड़ा विकास: एक साल की झलक
कर्नल राठौड़ की प्राथमिकता झोटवाड़ा के हर वर्ग के विकास पर केंद्रित रही है। उनके नेतृत्व में, क्षेत्र में बुनियादी ढांचे से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता तक हर पहलू पर ध्यान दिया गया है।
1. बुनियादी ढांचे का कायाकल्प
झोटवाड़ा के विकास में सबसे बड़ा योगदान बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना रहा है।
सड़क निर्माण: क्षेत्र में 200 किमी से अधिक सड़कों का निर्माण और मरम्मत कार्य।
पेयजल सुविधाएं: जल वितरण नेटवर्क का आधुनिकीकरण और पानी की आपूर्ति में सुधार।
परिवहन सुविधाएं: नई बस सेवाओं और सार्वजनिक परिवहन के बेहतर प्रबंधन की शुरुआत।
2. शिक्षा में सुधार और डिजिटल युग की शुरुआत
कर्नल राठौड़ के प्रयासों ने शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और समावेशी बनाने में मदद की।
डिजिटल क्लासरूम: सरकारी स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं की शुरुआत।
नई लाइब्रेरी: छात्रों के लिए डिजिटल और पारंपरिक पुस्तकालयों की स्थापना।
वित्तीय सहायता: गरीब छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और मुफ्त कोचिंग सुविधाएं।
3. स्वास्थ्य सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार
स्वास्थ्य के क्षेत्र में कर्नल राठौड़ ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
नए अस्पताल: झोटवाड़ा में कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण।
स्वास्थ्य शिविर: मुफ्त चिकित्सा शिविरों और स्वास्थ्य जांच अभियान का आयोजन।
कोविड प्रबंधन: टीकाकरण अभियान को प्रभावी तरीके से चलाना और जरूरतमंदों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना।
4. स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण
झोटवाड़ा में स्वच्छता अभियान और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई प्रयास किए गए हैं।
कचरा प्रबंधन प्रणाली: आधुनिक कचरा निपटान और पुनर्चक्रण इकाइयों की स्थापना।
पौधारोपण अभियान: हजारों पौधे लगाकर हरित क्षेत्र में वृद्धि।
साफ-सफाई अभियान: स्वच्छ भारत अभियान के तहत झोटवाड़ा को स्वच्छ और सुंदर बनाने के प्रयास।
5. युवा और खेल विकास
कर्नल राठौड़ के खेल प्रेम ने झोटवाड़ा में खेल संस्कृति को बढ़ावा दिया है।
खेल मैदानों का विकास: नए खेल परिसर और सुविधाओं का निर्माण।
युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम: खेलों में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर।
खेल उपकरण वितरण: स्कूलों और समुदायों में खेल उपकरणों का वितरण।
झोटवाड़ा के नागरिकों की राय
कर्नल राठौड़ के प्रयासों का झोटवाड़ा के नागरिकों ने खुले दिल से स्वागत किया है।
नवीन कुमार (व्यापारी): “कर्नल राठौड़ के आने से झोटवाड़ा में विकास को नई दिशा मिली है।”
सुमन देवी (गृहिणी): “हमारे क्षेत्र की सड़कें और पानी की समस्याएं अब दूर हो गई हैं।”
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का दृष्टिकोण
��र्नल राठौड़ का मानना है कि झोटवाड़ा का विकास समग्र और समावेशी होना चाहिए। उनके शब्दों में: “मेरा सपना है कि झोटवाड़ा विकास का प्रतीक बने। हर नागरिक को बेहतर सुविधाएं मिले और क्षेत्र आत्मनिर्भर बने।”
आगे की राह: झोटवाड़ा का भविष्य
कर्नल राठौड़ की योजना झोटवाड़ा को एक स्मार्ट और सतत विकासशील क्षेत्र में बदलने की है।
आने वाले प्रोजेक्ट्स:
स्मार्ट शहर सुविधाएं: डिजिटल सेवाओं और स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग।
आधुनिक कृषि पहल: किसानों के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों और बाजार तक पहुंच में सुधार।
शिक्षा और कौशल विकास केंद्र: युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर।
झोटवाड़ा का बेमिसाल साल
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की मेहनत और समर्पण ने झोटवाड़ा को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। ₹1112 करोड़ के निवेश और निरंतर प्रयासों ने क्षेत्र को एक नई पहचान दी है। यह न केवल झोटवाड़ा के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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सूचना: जोधवाड़ा में राजवर्धन सिंह द्वारा सीवरेज और वॉटर पाइपलाइन की घोषणा
परिचय
हम सभी जानते हैं कि जोधवाड़ा नगर राजस्थान के महत्वपूर्ण नगरों में से एक है। इस नगर में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और इसके साथ ही नगर की आधुनिकीकरण की मांग भी बढ़ रही है। इस आधुनिकीकरण के प्रयासों का हिस्सा बनते हुए, राजवर्धन सिंह ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और सीवरेज और वॉटर पाइपलाइन की घोषणा की है। इस घोषणा के माध्यम से, जोधवाड़ा की आधुनिक और स्वच्छ जल संरचना को मजबूती दी जाएगी।
योजना का उद्देश्य
राजवर्धन सिंह द्वारा की गई इस घोषणा का मुख्य उद्देश्य जोधवाड़ा नगर के विकास को सुदृढ़ करना है। सीवरेज और वॉटर पाइपलाइन की यह योजना नगर को स्वच्छता और सुरक्षित जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए है। इससे न केवल जनसंख्या को स्वच्छ पानी की उपलब्धता मिलेगी, बल्कि साथ ही नगर की हाइजीन और स्वास्थ्य मानकों को भी बढ़ावा मिलेगा।
योजना की विशेषताएँ
सीवरेज लाइन्स
जोधवाड़ा में नए सीवरेज लाइन्स का निर्माण किया जाएगा। ये लाइन्स मौजूदा अवस्था से कई गुना ताकतवर और संवेदनशील होंगे, जिससे कि शहर में ��्वच्छता का स्तर ऊंचा होगा। सीवरेज सिस्टम को मॉडर्न तकनीकी परिप्रेक्ष्य में डिजाइन किया गया है ताकि इसकी देखरेख और रख-रखाव आसानी से किया जा सके।
वॉटर पाइपलाइन्स
वॉटर पाइपलाइन्स की योजना द्वारा जोधवाड़ा में जल संयंत्रों से लेकर नगर के विभिन्न इलाकों तक पानी का प्रदान सुनिश्चित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि नगर की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके, राजवर्धन सिंह ने प्रौद्योगिकी और स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखा है।
सामाजिक प्रभाव
इस योजना के माध्यम से, जोधवाड़ा के नागरिकों को सामूहिक रूप से लाभ होगा। सीवरेज और वॉटर पाइपलाइन्स के संचालन से न केवल पर्यावरण को हानि कम होगी, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी बड़े पैमाने पर समृद्धि मिलेगी। यह योजना नगर के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और नगर के लोगों को एक बेहतर जीवन गुणवत्ता प्रदान करेगी।
समाप्ति
राजवर्धन सिंह द्वारा इस स्वच्छता और जल संरचना के प्रोजेक्ट की घोषणा नगर के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकल्प से जोधवाड़ा नगर को विशेष रूप से लाभ होगा और यह उसके समृद्धिकरण के प्रति एक प्रेरणास्पद संकेत है।
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समस्त देश एवं प्रदेशवासियों को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
आइए, इस अवसर पर हम सभी पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा को संरक्षित करने, अनावश्यक दोहन न करने एवं नवीकरणीय ऊर्जा के अन्य विकल्पों को अपनाने के लिए एक दूसरे को प्रेरित करें तथा अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर व स्वच्छ वातावरण देने का संकल्प करें।
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Cycle ka Avishkar Kisne Kiya | साइकिल का आविष्कार किसने किया
इस पोस्ट में आप जानेंगे कि Cycle ka Avishkar Kisne Kiya। पहले के जमाने में दुनिया की सारी आबादी साइकिल का इस्तेमाल करती थी। एक साइकिल परिवहन का एक किफायती, स्वच्छ रूप है। साइकिल का उपयोग करने के लिए किसी पेट्रोल की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, आधुनिक युग में बहुत कम लोग साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। बाइक, कार और अन्य वाहनों के नए मॉडल हाल ही में बाजार में आए हैं, लेकिन पहला आधुनिक वाहन साइकिल था। क्योंकि आधुनिक ऑटोमोबाइल ईंधन और डीजल पर चलते हैं, जो हवा को प्रदूषित करते हैं, पूरी दुनिया अब वायु प्रदूषण से जूझ रही है। हालाँकि, साइकिल परिवहन का एक रूप है जो पर्यावरण को नष्ट नहीं करता है और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। दूसरी ओर, इलेक्ट्रॉनिक वाहन, हाल ही में विकसित किए गए हैं और किसी भी वायु प्रदूषण में योगदान नहीं करते हैं। आपने कभी न कभी बाइक के पैडल जरूर मारे होंगे। आप सोच रहे होंगे कि इस समय साइकिल का आविष्कार किसने किया था। हमारे लिए साइकिल का आविष्कार किसने किया का वर्णन करें।
साइकिल का आविष्कार किसने किया था
साइकिल बनाने का श्रेय जर्मन वन अधिकारी कार्ल वॉन ड्रैस को जाता है। करीब 200 साल पहले 1817 में इतिहास की पहली साइकिल बनाई गई थी। साइकिल के अलावा, कार्ल वॉन ड्रैस यूरोप के बिडेर्मियर युग के एक प्रसिद्ध आविष्कारक थे जिन्होंने कई अन्य वस्तुओं का भी निर्माण किया। कीबोर्ड के साथ पहला टाइपराइटर, सामान ले जाने के लिए साइकिल, 16-कैरेक्टर स्टेनोग्राफ मशीन, दुनिया की पहली मांस की चक्की, और 1812 में कागज पर पियानो संगीत लिखने के लिए एक उपकरण। कार्ल वॉन ड्रेस भी मान्यता के पात्र हैं।
बिना पैडल वाली लकड़ी की साइकिल कार्ल वॉन द्वारा बनाई गई थी। इस साइकिल का वजन करीब 23 किलो था। इस साइकिल को पैडल नहीं चलाया जा सकता था, इसलिए इसे धक्का देकर चलाया जाता था। मैनहेम और रेनौ के जर्मन शहरों में, कार्ल वॉन ने सार्वजनिक प्रदर्शनों का आयोजन किया। एक घंटे में यह साइकिल करीब 7 किमी का सफर तय कर सकती है।
ये भी पढ़े-
Bulb ka Avishkar Kisne Kiya ThaTrain ka Avishkar Kisne Kiya Radio ka Avishkar Kisne Kiya
साइकिल का आविष्कार कैसे और कब हुआ
इंडोनेशिया में माउंट टैम्बोरा ज्वालामुखी ने वर्ष 1815 में एक विशाल विस्फोट देखा, जिसका उत्तरी गोलार्ध के राष्ट्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। नतीजतन, दुनिया भर के तापमान में महत्वपूर्ण गिरावट आई, उत्तरी गोलार्ध में फसलों पर सबसे खराब प्रभाव पड़ा। अकाल जैसी स्थितियों के उद्भव के परिणामस्वरूप कई पालतू जानवरों की मृत्यु हो गई, क्योंकि उस समय उनका उपयोग लोगों और वस्तुओं के परिवहन के लिए किया जाता था। उनके आसन्न निधन के कारण, साइकिल को पालतू जानवरों का सामान ले जाने के विकल्प के रूप में बनाया गया था।
बिना पैडल वाली लकड़ी की साइकिल कार्ल वॉन द्वारा बनाई गई थी। इस साइकिल का वजन करीब 23 किलो था। इस साइकिल को पैडल नहीं चलाया जा सकता था, इसलिए इसे धक्का देकर चलाया जाता था। मैनहेम और राइ��ाउ के जर्मन शहरों में, कार्ल वॉन ने सार्वजनिक प्रदर्शनों का आयोजन किया। एक घंटे में यह साइकिल करीब 7 किलोमीटर का सफर तय कर सकती थी।
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ठोस अपशिष्ट से कंप्रेस्ड बायोगैस उत्पादन के लिए MOU, सीएम बोले, स्वच्छ पर्यावरण और नेट जीरो एमिशन के लक्ष्य को पाने की दिशा में की है बड़ी पहल
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar Date - 16 January 2025 Time 01.00 to 01.05 PM Language Marathi आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर प्रादेशिक बातम्या दिनांक १६ जानेवारी २०२५ दुपारी १.०० वा.
भारतीय अंतराळ संशोधन संस्था - इस्रोनं स्पेस डॉकिंग प्रयोगाअंतर्गत उ��ग्रहांचं डॉकिंग यशस्वीरित्या पूर्ण केलं आहे. इस्रोनं सामाजिक माध्यमावर ही घोषणा केली. या तंत्रज्ञानात यश मिळवणारा भारत जगातला चौथा देश बनला आहे. उपग्रहांच्या अंतराळ डॉकिंगच्या यशस्वी प्रात्यक्षिकासाठी पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी इस्रोच्या शास्त्रज्ञांचं अभिनंदन केलं आहे. येत्या काही वर्षांमध्ये भारताच्या महत्त्वाकांक्षी अंतराळ मोहिमांसाठी ही एक महत्त्वाची पायरी असल्याचं त्यांनी म्हटलं आहे.
सिंगापूरचे अध्यक्ष थरमन षण्मुगरत्नम भारत दौर्यावर आले असून, राष्ट्रपती भवनात आज त्यांचं औपचारिक स्वागत करण्यात आलं. राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू, पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी त्यांचं स्वागत केलं. पंतप्रधान मोदी आणि षण्मुगरत्नम यांच्यात आज द्विपक्षीय चर्चा होणार आहे.
मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बंगळुरु, हैदराबाद, कोचिन आणि अहमदाबाद विमानतळांवर जलदगती इमिग्रेशन म्हणजे देशप्रवेश प्रवासी विश्वास यंत्रणेचं उद्घाटन आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा यांच्या हस्ते होणार आहे. या यंत्रणेमुळे प्रवाशांना जागतिक दर्जाच्या इमिग्रेशन सुविधा मिळणार आहेत. त्यामुळे आंतरराष्ट्रीय प्रवास सहज आणि विनाअडथळा होण्यासाठी मदत होणार आहे. या प्रणालीची अंमलबजावणी देशातल्या २१ विमानतळांवर केली जाणार आहे.
प्रयागराज इथं कुंभमेळ्यात आज भव्य सांस्कृतिक महाकुंभ होत आहे. यामध्ये विख्यात कलाकार भारतीय संस्कृतीची समृद्धी दर्शवणारे कला प्रकार सादर करत आहेत. गंगा पंडालमध्ये होत असलेल्या मुख्य व्यासपीठावर प्रसिद्ध गायक शंकर महादेवन यांचं विशेष सादरीकरण होणार आहे. आज यमुना आणि सरस्वती मंडळांमध्ये, तर २१ जानेवारीपासून त्रिवेणी पंडालमध्ये कार्यक्रम सुरू होतील. दरम्यान, या मेळ्यात सरकार एकूण स्वच्छता तसंच भाविकांसाठी स्वच्छ आणि दर्जेदार जेवण पुरवण्यावर विशेष लक्ष देत आहे. या भव्य आणि दिव्य कुंभमेळ्यानं जगभराचं लक्ष वेधून घेतलं असून यात भाग घेण्यासाठी दहा देशांच्या एकवीस सदस्यांचं पथक आज संगमावर पवित्र स्नान करणार आहे.
देशांतर्गत व्यवसायाला आणि नव्या व्यावसायिकांना प्रोत्साहन देण्यासाठी के��द्र सरकारनं सुरु केलेल्या स्टार्ट अप उपक्रमाला आज नऊ वर्ष पूर्ण झाले. तंत्रज्ञानावर आधारित उपायांपासून ते ग्रामीण नवोपक्रमांपर्यंत, आरोग्यसेवेतील प्रगतीपासून ते बायोटेक प्रगतीपर्यंत, फिनटेक ते एडटेक, स्वच्छ ऊर्जा ते शाश्वत तंत्रज्ञानापर्यंत, भारतीय स्टार्टअप्स रोजगाराच्या संधी निर्माण करत आहेत आणि स्वावलंबी होण्याच्या प्रयत्नांना चालना देत असल्याचं पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी समाज माध्यमावरच्या संदेशात म्हटलं आहे. आजचा भारत गतिमान, आत्मविश्वासपूर्ण असून भविष्यासाठी सज्ज आहे, हे स्टार्ट अप इंडियाचं गेल्या नऊ वर्षाचं यश दर्शवतं, असं ते म्हणाले. प्रत्येक स्वप्नाला उभारी देणाऱ्या आणि आत्मनिर्भर भारतासाठी योगदान देणाऱ्या स्टार्टअपला चालना देण्यासाठी केंद्र सरकार वचनबद्ध असल्याचं पंतप्रधानांनी नमूद केलं.
दरम्यान, पंतप्रधान येत्या रविवारी १९ तारखेला आकाशवाणीवरच्या मन की बात या कार्यक्रमातून देशवासियांशी संवाद साधणार आहेत. या कार्यक्रमाचा हा ११८ वा भाग आहे.
जलप्रदूषण आणि काँक्रिटीकरणामुळे नाशिकमध्ये गोदावरी नदीचं आरोग्य बिघडलं असून, गोदावरी स्वच्छ राहण्यासाठी नागरिकांनी मोठा लढा उभारावा, असं आवाहन, जलतज्ज्ञ राजेंद्र सिंह यांनी केलं आहे. नाशिक मध्ये २०२७ मध्ये होणाऱ्या आगामी कुंभमेळ्याच्या पार्श्वभूमीवर आयोजित, गोदावरी आणि तिच्या उपनद्यांचे भवितव्य गोदावरी आणि सिंहस्थ कुंभमेळ्याचे भविष्यातील स्वरूप' या विषयावरील पर्यावरण प्रेमी नागरिकांच्या जलसंवाद कार्यक्रमात ते काल बोलत होते. देशभरातल्या नागरिकांचं श्रद्धास्थान असलेला गोदा घाट म्हणजेच रामकुंड हा तरण तलाव बनला आहे, त्याला पुन्हा रामकुंड बनवण्यासाठी नाशिककरांनी पुढाकार घ्यावा, असंही त्यांनी सांगितलं. शासनाकडून मिळणारा १५ हजार कोटीचा निधी नदी परिसरातल्या सुशोभीकरणावर खर्च न होता, नदीचा प्रवाह स्वच्छ आणि प्रदूषण मुक्त ठेवण्यासाठी खर्च व्हावा असं ते म्हणाले. दरम्यान अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर यांच्या उपस्थितीत काल गोदाकाठी गोदावरी पूजन आणि महाआरती करण्यात आली. गोदावरी नदीचा प्रवाह शुद्ध ठेवून प्रदूषण रोखण्याचा आवाहन रविशंकर यांनीही नागरिकांना केलं.
मुंबई - अमरावती, पुणे - अमरावती वंदे भारत एक्स्प्रेस सुरु करण्याचा निर्णय रेल्वे प्रशासनानं घेतला आहे. आतापर्यंत राज्यात पुणे आणि मुंबई इथून वंदे भारत रेल्वे धावत होत्या. मुंबईहून धाव��ाऱ्या वंदे भारत गाड्या सोलापूर, शिर्डी, गोवा, कोल्हापूर शहरांमध्ये जातात.
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गर्मियों में पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था: छोटा सा प्रयास, बड़ा उपकार
छोटी सी लड़की पक्षियों को पानी पिलाती हुई गर्मियों में पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करना क्यों महत्वपूर्ण है? जानें कैसे आप अपने छोटे से प्रयास से कर सकते हैं बड़ा उपकार। पढ़ें आसान टिप्स और तरीके। गर्मी का मौसम आते ही हमारे आसपास के पशु-पक्षियों के लिए पानी की समस्या बढ़ जाती है। क्या आपने कभी सोचा है कि हम अपने छोटे से प्रयास से इन मूक प्राणियों की कितनी बड़ी मदद कर सकते हैं? आइए…
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लखनऊ, 14.09.2024 | विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 2024 के उपलक्ष्य पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम “पर्यावरण बचाओ, जीवन बचाओ” का आयोजन भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज, विनीत खंड, गोमती नगर, लखनऊ में किया |
कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने महाविद्यालय की छात्राओं को पेड़ लगाने के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि, “पेड़ हमारे जीवन के आधार हैं । वे न केवल हमें स्वच्छ हवा और छाया प्रदान करते हैं, बल्कि हमारे पर्यावरण को संतुलित रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । पेड़ लगाना केवल एक पौधा रोपण नहीं है, बल्कि यह एक स्वस्थ और स्वच्छ भविष्य की नींव रखने जैसा है । पेड़ हमारी धरती के फेफड़े हैं, जो वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर हमें शुद्ध ऑक्सीजन देते हैं । पेड़ केवल पर्यावरण को ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को भी बेहतर बनाते हैं । एक पेड़ हजारों जीव-जंतुओं और पक्षियों का घर होता है, जिससे हमारी पृथ्वी पर जीवन का संतुलन बना रहता है । इसलिए पर्यावरण की रक्षा के लिए हम सभी को पेड़ लगाने के इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए । हर छात्रा को यह संकल्प लेना चाहिए कि वह न केवल आज बल्कि हर साल कम से कम एक पेड़ लगाएगा और उसकी देखभाल करेगा । यह छोटा सा कदम हमारे जीवन और धरती के भविष्य को सुरक्षित रखने की दिशा में एक बड़ा योगदान होगा ।“
जागरूकता कार्यक्रम “पर्यावरण बचाओ जीवन बचाओ” में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों सुश्री रितिका त्रिपाठी, सुश्री साक्षी राठौड़, सुश्री अंजलि सिंह (एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी) ने भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज की छात्राओं के सहयोग से महाविद्यालय के प्रांगण में मनोकामनी, मिनी चांदनी, गांधार चंपा और गुड़हल के पौधे लगाए तथा हमेशा पर्यावरण की सुरक्षा करने का संकल्प लिया । इस अवसर पर भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज की प्राचार्या डॉ. अलका निवेदन जी, उप प्राचार्य डॉ. संदीप बाजपेई जी और सहायक प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान, डॉ. छवि निगम जी की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
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Eco-Friendly Initiatives at Mahakumbh Mela 2025.
Eco-Friendly Initiatives at Mahakumbh Mela 2025. Mahakumbh Mela 2025 at Prayagraj is a spiritual and cultural gathering that takes a great step toward sustainability. The management of environmental impact due to such a huge inflow of pilgrims has become an important aspect. With the implementation of eco-friendly initiatives, the event is seeking to find a balance between devotion and ecological responsibility.
Eco-Friendly Initiatives at Mahakumbh Mela 2025- प्रयागराज महाकुंभ 2025 में पर्यावरण-अनुकूल पहल
Key Eco-Friendly Initiatives- मुख्य पर्यावरण-अनुकूल पहल
1. Plastic-Free Mahakumbh
प्लास्टिक-मुक्त महाकुंभSingle-use plastics will be completely banned. Biodegradable substitutes, like cloth bags and leaf-based cutlery, will replace plastic items. Authorities have launched awareness campaigns to make visitors aware of the reduction of plastic waste.
2. Zero Waste Management
शून्य कचरा प्रबंधनWaste segregation at the source, composting organic waste, and recycling non-biodegradable materials will be implemented. Special bins will be placed across the venue to ensure proper disposal.
3. Clean Ganga Campaign
स्वच्छ गंगा अभियान Pilgrims are encouraged to use designated areas for bathing and washing clothes to reduce pollution in the Ganga. Authorities will also deploy water treatment units to ensure the cleanliness of the river.
Also Read- Prayagraj Mahakumbh Mela 2025 information in Hindi: जाने मेले से जुड़ी नवीनतम खबरें, अहम् जानकारियाँ, ऐतिहासिक तथ्य, धार्मिक मान्यताएँ, यात्रा से जुड़े विवरण और अपडेट।
4. Sustainable Transportation
सतत परिवहनTo reduce carbon footprint, electric vehicles (EVs), cycle rickshaws, and shuttle buses will be used. Pedestrian zones will be specifically created to walk, which in turn will minimize vehicular pollution.
5. Green Energy Solutions
हरित ऊर्जा समाधानSolar panels and renewable energy sources will power essential facilities like lighting, water pumps, and food stalls. This initiative aims to reduce the event’s dependence on fossil fuels.
Community Participation- समुदाय की भागीदारी
Active participation by pilgrims, volunteers, and residents is critical for the success of these eco-friendly measures. Workshops and awareness drives will educate attendees on adopting green habits, such as carrying reusable water bottles and avoiding littering.
Challenges and Solutions- चुनौतियां और समाधान
The task of managing millions of visitors with eco-friendly practices is a difficult one. Still, with the advancement of technology, proper planning, and public cooperation, the Mahakumbh Mela 2025 is expected to be an example of a sustainable mega-event
The eco-friendly initiatives at Mahakumbh Mela 2025 reflect a commitment to preserving the environment while honoring spiritual traditions. By integrating sustainability into such a massive event, Prayagraj sets a benchmark for organizing environmentally conscious gatherings globally. Devotion and responsibility can go hand-in-hand, creating a greener and cleaner future for generations to come.
Also Read- The History of Kumbh Mela- Prayagraj Mahakumbh 2025.
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चेट्टिनाड सीमेंट: तमिलनाडु में स्थायी उत्पादन
विश्वभर में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण इन दिनों प्रमुख महत्व प्राप्त कर रहे हैं, और इस दिशा में पर्यावरण पर प्रभाव को कम करने के प्रयास करतीं हुईं उद्योगों में सतर्कता बढ़ रही है। इसी दिशा में भारत में सीमेंट उत्पादन उद्योग भी शानदार प्रयास कर रहा है। तमिलनाडु में स्थायी सीमेंट उत्पादन में चेट्टिनाड सीमेंट अपने पर्यावरण अनुकूलता के लिए एक अच्छा उदाहरण बनकर उभरा है। इस ब्लॉग में हम देखेंगे कि कंपनी ने अपने उत्पादन प्रक्रिया में पर्यावरण संरक्षण के लिए कैसे ध्यान केंद्रित किया है।
चेट्टिनाड सीमेंट के बारे में परिचय चेट्टिनाड सीमें���, चेट्टिनाड ग्रुप का हिस्सा, तमिलनाडु के सबसे बड़े और प्रसिद्ध सीमेंट निर्माताओं में से एक है। कई दशकों से यह अपनी पर्यावरण अनुकूलता और विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, इसे विशेष रूप से अन्य कंपनियों से अलग करने वाली बात इसके स्थायी उत्पादन विधियां और पर्यावरण संरक्षण के प्रति इसकी प्रतिबद्धता है।
सीमेंट उत्पादन प्रक्रिया ऊर्जा की अत्यधिक खपत करने वाली होती है, जिसमें उच्च तापमान की आवश्यकता होती है, जिससे उच्च कार्बन पदचिह्न होता है। फिर भी, चेट्टिनाड सीमेंट अपने उत्पादन प्रक्रिया में पर्यावरण के अनुकूल बदलाव लाकर इस प्रभाव को कम करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है।
चेट्टिनाड सीमेंट की स्थायी उत्पादन विधियां
ऊर्जा दक्षता और वैकल्पिक ईंधनों का उपयोग सीमेंट उत्पादन प्रक्रिया में सबसे अधिक ऊर्जा की खपत उस क्लिंकर उत्पादन प्रक्रिया में होती है, जिसमें उच्च तापमान की आवश्यकता होती है। चेट्टिनाड सीमेंट ने अपनी संयंत्रों में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निवेश किया है। कंपनी ने आधुनिक किल तकनीक और उपकरणों का उपयोग करके सीमेंट उत्पादन में खपत होने वाली ऊर्जा को कम किया है।
इसके अलावा, चेट्टिनाड सीमेंट वैकल्पिक ईंधन जैसे बायोमास और औद्योगिक कचरे का भी उपयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके कारण, यह जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को कम करता है और औद्योगिक कचरे के निपटान की समस्या को हल करने में मदद करता है।
सीमेंट उत्पादन में कचरे के पदार्थों का उपयोग पर्यावरणीय लाभ को ध्यान में रखते हुए, चेट्टिनाड सीमेंट ने कचरे के पदार्थों को संसाधन में बदल दिया है। फ्लाई ऐश, स्लैग और चावल भूसा ऐश जैसे औद्योगिक पदार्थों का कंपनी अपने सीमेंट उत्पादन में उपयोग करती है। ये पदार्थ आमतौर पर कचरे के रूप में माने जाते हैं, लेकिन इन्हें पुनः उपयोग करने से चेट्टिनाड सीमेंट पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के साथ-साथ कच्चे माल की लागत को भी घटाता है।
फ्लाई ऐश और स्लैग सीमेंट को अतिरिक्त मजबूती प्रदान करते हैं, जिससे निर्माण अधिक स्थिर और टिकाऊ होता है।
जल संरक्षण और पुनः उपयोग सीमेंट उत्पादन के लिए बहुत अधिक जल की आवश्यकता होती है, विशेष रूप से शीतलन और सफाई प्रक्रियाओं में। चेट्टिनाड सीमेंट ने अपनी संयंत्रों में कई वर्षा जल संचयन प्रणालियों को लागू किया है, जिससे अधिकांश जल पुनः संचालित और उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा, चेट्टिनाड सीमेंट ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज (ZLD) तकनीक का उपयोग कर रही है, जिसके माध्यम से संयंत्रों से निकलने वाले जल को पुनः उपयोग में लाया जाता है। इस प्रकार, कंपनी अपनी संयंत्रों में जल की आवश्यकता को सीधे पर्यावरण से प्राप्त करने के बजा�� संरक्षित करती है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन सीमेंट उद्योग वायु प्रदूषण में योगदान कर सकता है, विशेष रूप से उत्पादन प्रक्रिया के दौरान अपशिष्ट पदार्थों और अन्य विषाक्त गैसों के उत्सर्जन के कारण। चेट्टिनाड सीमेंट ने वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरण जैसे बैग फ़िल्टर और इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर का उपयोग करके वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण निवेश किया है।
कार्बन पदचिह्न कम करने के लिए प्रतिबद्धताएं चेट्टिनाड सीमेंट अपने कार्बन पदचिह्न को कम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को बड़े पैमाने पर लागू कर रहा है। कंपनी ने स्वच्छ तकनीकों और वैकल्पिक ऊर्जा समाधानों में निवेश किया है, जिसमें सौर ऊर्जा भी शामिल है। इन प्रणालियों से कुछ हद तक पुनर्नवीनीकरण ऊर्जा के माध्यम से उपकरणों के संचालन में मदद मिलती है।
समाज परिवर्तन के लिए पहलें स्थायी उत्पादन के अलावा, चेट्टिनाड सीमेंट सामजिक लाभों को भी प्राथमिकता देता है। वे अपनी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) पहलों को बढ़ावा दे रहे हैं।
शिक्षा: स्थानीय स्कूलों को छात्रवृत्तियाँ और बुनियादी ढांचे की सुविधा प्रदान करना।
स्वास्थ्य सेवाएं: अस्पतालों और स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन।
सतत आजीविका: स्थानीय समुदायों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करना।
निष्कर्ष: चेट्टिनाड सीमेंट पर्यावरण संरक्षण में एक और उद्योग के लिए प्रेरणा बन कर उभरा है। स्थायी उत्पादन विधियों, पर्यावरणीय ईंधनों के उपयोग, और कचरे के पुनः उपयोग जैसी पहलों के साथ चेट्टिनाड सीमेंट ने अपने उत्पादों को विकसित किया है। इस प्रकार, चेट्टिनाड सीमेंट अपने उत्पादों को पर्यावरण को बचाते हुए, भविष्य में एक और स्थायी मार्ग को दिखाने में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
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!! शाकाहार - सर्वोत्तम आहार !!
समस्त देश एवं प्रदेश वासियों को 'विश्व शाकाहार दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं ।
शाकाहारी भोजन खाने से आपका शरीर स्वस्थ रहता है और आपका व्यवहार अच्छा व शांतिपूर्ण रहता है! शाकाहारी भोजन वेट लॉस में मदद करता है और डायबिटीज से बचाव करता है !
आइए स्वस्थ तन-मन एवं स्वच्छ पर्यावरण के लिए शाकाहारी जीवन शैली को अपनाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें ।
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