#सूर्य का कर्क राशि में प्रवेश
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🌱 हरेला - Harela
» सुख, समृद्धि और खुशहाली का पर्व हरेला मूल रूप से देवभूमि उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला पर्व है। » हरेला सूर्य के मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश के कारण उत्पन्न कर्क संक्रांति के कारण मनाया जाता है। » संक्रांति कैलेंडर के अनुसार सावन मास का आगमन माना जाता है। » हरेला को उत्तराखण्ड सरकार राज्य स्तर पर पर्यावरण दिवस के रूप मे मानती है।
त्यौहार को हरेला क्यों कहा जाता है? | हरेला कैसे बोए? | हरेला कितने दिन पहले बोए? | हरेला कब बोए? 📲 https://www.bhaktibharat.com/festival/harela
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🔱 सावन - Sawan 2023 📲 https://www.bhaktibharat.com/blogs/sawan-shivaratri-specials
#harela #happyharela #Kumaon #gadhwal #uttarakhand #sawan #savan #ShivShaktiChowki #harelafestival #uttarakhandi #devbhoomi #almora #garhwali
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5 ग्रहों की स्थिति बदलते ही 3 राशियों को होगा बड़ा नुकसान! अब से सावधान रहें
राशि चक्र: हिंदू पंचांग के अनुसार, बुध 10 अक्टूबर को तुला राशि में और शुक्र 13 अक्टूबर को वृश्चिक राशि में गोचर करेगा। साथ ही 17 अक्टूबर को सूर्य तुला राशि में प्रवेश करेगा। जब 20 अक्टूबर को मंगल कर्क राशि में स्थित होगा। इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी 2 अक्टूबर को लगने वाला है. तो आइए जानते हैं किन तीन राशियों पर पड़ सकता है बुरा असर। मिथुन अक्टूबर माह में मिथुन राशि वालों को परेशानियों का सामना…
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Surya Gochar 16 July: सूर्य का कर्क राशि में गोचर, 3 राशियों की बढ़ेंगी मुश्किलेंSurya Gochar 16 July: सूर्य ग्रह 16 जुलाई से कर्क राशि मे प्रवेश करने जा रहे हैं, जिसके चलते तीन राशि के जातकों को नुकसान होते नजर आ रहा है। तो आइए जानते हैं कि किन तीन राशियों में सूर्य को गोचर नुकसानकारी हो सकता है।
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*🚩🏵️ॐगं गणपतये नमः 🏵️🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (प्रतिपदा तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
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#kedarnath
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-24-मई-2024
वार:--------शुक्रवार
तिथी:---01प्रतिपदा:-19:25
पक्ष:--------कृष्णपक्ष
माह:-------ज्येष्ठ
नक्षत्र:-----अनुराधा:-10:10
योग :--------शिव:-11:20
करण:------बालव:-07:28
चन्द्रमा:------वृश्चिक
सूर्योदय:------05:51
सूर्यास्त:-------19:18
दिशा शूल-----पश्चिम
निवारण उपाय:---दही का सेवन
ऋतु :-----ग्रीष्म ऋतु
गुलीक काल:---07:35से 09:16
राहू काल:---10:55से12:36
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:----कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-05:51से07:32तक
लाभ:-07:32से09:15तक
अमृत:-09:15से10:56तक
शुभ:-12:36से14:17तक
चंचल:-17:37से19:18तक
🌓चोघङिया रात🌗
लाभ:-21:54से23:14तक
शुभ:-00:34से01:54तक
अमृत:-01:54से03:14तक
चंचल:-03:14से04:34तक
आज के विशेष योग
वर्ष का46वा दिन, वीणादान, श्री नारद जयंती, सूर्य रोहिणी में (नौतपा) 27:15, वज्रमुसलयोग 10:10 से सूर्योदय,
🌹 👉 टिप्स 👈🌹
आयताकार प्लोट में मकान आगे के हिस्से में बनाएं।
सुविचार
जिंदगी की हर सुबह कुछ शर्तें लेकर आती है और जिंदगी की हर शाम कुछ तजुर्बे देकर जाती है।👍 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
आम के बजाय नींबू का अचार खाने से लीवर सेहतमंद रहता हैं।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
☀️ मेष राशि :- आज समय रहते जरूरी कार्य पूरे करें। अपनी जिम्मेदारी निभाने में सफल होंगे। आकस्मिक धन प्राप्ति हो सकती है। पेट संबंधित रोग से ग्रस्त रहेंगे। कोयला कपड़ा कागज और कारखानों के स्वामियों के लिए समय उपयुक्त है।
☀️ वृषभ राशि :- आज अपनी क्षमता को पहचानें और कार्य करें आप कर सकते हैं, फिर भी रुके हुए हैं। आत्मविश्वास की कमी क�� कारण कोई भी कार्य या फैसला लेने में पीछे रहेंगे। संतान सुख संभव है। यात्रा निरस्त होगी।
☀️ मिथुन राशि :- आज आप क्यों दूसरे के मामलों में दखल देते हैं। अपने अधिकारियों से विवाद करना आपके लिए नुकसान दायक होगा। कारोबार में अनचाही अड़चनों से मन खिन्न रहेगा। लौह व्यवसायियों के लिए समय मध्यम है।
☀️ कर्क राशि :- आज सोचे कार्य समय पर होंगे। कार्यस्थल पर अनुकूल वातावरण मिलेगा। अधिकारी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। निजी कार्य में दूसरों को प्रवेश न दें। विदेश जाने के योग हैं। अध्ययन में रूचि कम ही रहेगी।
☀️ सिंह राशि :- आज आकस्मिक आये कार्यों की अधिकता से व्यस्त रहेंगे। संतों का सानिध्य प्राप्त होगा। मकान की मरम्मत पर धन लगेगा। विवाह योग्य जातकों के लिए समय उपयुक्त है। पारिवारिक रीति रिवाजों को करने के लिए धन लगेगा।
☀️ कन्या राशि :- मनमर्जी न करें। हालात को समझें फिर फैसले करें। संतान के व्यवहार पारिवारिक माहौल बिगड़ सकता है। नए काम के मिलने से उत्साहित रहेंगे। अध्ययन में आ रही परेशानी दूर होगी।
☀️ तुला राशि :- आज किसी के बहकावे में आकर बना काम बिगाड़ लेंगे। राजनीति से जुड़े लोगों के लिए समय संघर्ष पूर्ण है। धन का दुरूपयोग न करें। जीवन-साथी का साथ आगे बढ़ने में मदद करेगा। यात्रा हो सकती है।
☀️ वृश्चिक राशि :- आज व्यवसाय में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा। विरोधी आप को नीचा दिखाने का हर संभव प्रयास करेंगे। जो लोग कभी आपको अपना आदर्श मानते थे, वे ही आज आपके किये कार्यों में खामी निकालेंगे।
☀️ धनु राशि :- आज समय अनुकूल है, जितना पैसा कमा सकते हैं कमा लो। आजीविका के साधनों में कमी आयेगी। भूमि संबंधित किये निवेश से लाभ होगा। बुजूर्गों के स्वास्थ्य में कमी आयेगी। यात्रा आनंदप्रद रहेगी।
☀️ मकर राशि :- आज समय के साथ हो रहे बदलाव के कारण तनाव बढ़ेगा। कई महत्वपूर्ण कार्य रुकने के कारण परेशानी बढ़ सकती है। परिवार में हो रही अनदेखी से नाराज रहेंगे। संतान का साथ मन को उत्साहित करेगा।
☀️ कुंभ राशि :- आज जिन लोगों से आपने वादा किया था वह निभाने का वक्त आ गया है। पारिवारिक कार्यक्रमों में बड़ा खर्च होगा। अपने वर्चस्व को कायम रखने के लिए फिजूल खर्च होगा। कान से संबंधित पीड़ा संभव है।
☀️ मीन राशि :- आज राजनिति में आने का मन हो रहा है। जो भी करें विचार और गहन चिंतन के बाद निर्णय लें। पारिवारिक जनों से मनमुटाव होगा। मांगलिक कार्यों पर धन खर्च होगा। वाहन मशीनरी का प्रयोग सतर्कता से करें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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सूर्य कर रहे हैं कर्क राशि में प्रवेश, कैसा होगा आपकी राशि पर असर
ग्रहों के राजा सूर्य 17 जुलाई 2023 की सुबह कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के कर्क में प्रवेश का अलग-अलग राशियों पर क्या होगा प्रभाव.
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।। नमो नमः ।। ।।भाग्यचक्र ।। आज का पञ्चाङ्ग :- संवत :- २०७९ दिनांक :- 28 जनवरी 2023 सूर्योदय :- 07:09 सूर्यास्त :- 18:12 सूर्य राशि :- मकर चंद्र राशि :- मेष मास :- माघ तिथि :- सप्तमी *(नर्मदा जयंती )* वार :- शनिवार नक्षत्र :- अश्विनी योग :- साध्य करण :- वणिज अयन:- उत्तरायण पक्ष :- शुक्ल ऋतू :- शिशिर लाभ :- 14:02 - 15:25 अमृत:- 15:26 - 16:48 शुभ :- 08:31 - 09:54 राहु काल :- 09:55 - 11:17 जय महाकाल महाराज :- *शनि देव का राशि परिवर्तन 17 जनवरी 2023 को हो गया है :-* नववर्ष के आगमन के साथ ही नवग्रहों में सबसे प्रमुख ग्रह माने जाने वाले शनि देव भी राशि परिवर्तन कर चुकें हैं। 17 जनवरी 2023 के दिन शनिदेव ने अपना राशि परिवर्तन किया हैं। शनिदेव 17 जनवरी को 26 महीनों के लिये अपनी राशि मकर से निकलकर मूल त्रिकोण राशि कुम्भ में प्रवेश कर चुकें हैं और अगले ढाई वर्षों तक इस राशि में ही रहेंगे व इस मध्य में समय समय पर वक्री व मार्गी होते रहेंगे। गुरु, शनि, राहु व केतु का राशि परिवर्तन नवग्रहों में सबसे विशेष एवं बड़ा माना जाता है व इन ग्रहों का एक राशि से किसी दूसरी राशि में जाना मानव जीवन को प्रभावित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नववर्ष 2023 में शनि ग्रह का यह राशि परिवर्तन हमारे जीवन को किस तरह प्रभावित करेगा, किस राशि पर शनिदेव का आशीर्वाद बना रहेगा, किस राशि व लग्न पर शनिदेव क�� क्रूर दृष्टि रहेगी, किसकी मनोकामनाएँ पूरी करेगें शनिदेव। ज्योतिषीय आधार पर यह निर्णय करना अत्यंत आवश्यक है। जानिये की किन राशियों पर शुरू हो गई है शनि की साढ़े साती और ढैय्या– जनवरी 17 को 2023 में शनि के कुम्भ राशि में आते ही *मीन* राशि पर शनि की साढ़े साती आरम्भ हो गई है और *कुम्भ* राशि पर साढ़े साती का दूसरा यानि मध्य चरण प्रारम्भ हो गया है व *मकर* राशि पर शनि की साढ़े साती का तीसरा यानि अन्तिम चरण प्रारम्भ हो गया है। हिन्दू पंचांग के आधार पर उपरोक्त तीनों राशियों मकर, कुम्भ व मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव स्पष्ट रूप से बना रहेगा। इसी के साथ इस वर्ष *कर्क* व *वृश्चिक* राशि पर शनि की ढैय्या भी आरम्भ हो गई है। आज का मंत्र :- ""|| ॐ शं शनैश्चराय नमः।। ||"" *🙏नारायण नारायण🙏* जय महाकालेश्वर महाराज। माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे। 🙏🌹जय महाकालेश्वर महाराज🌹🙏 महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का आज का भस्म आरती श्रृंँगार दर्शन। 28 जनवरी 2023 ( शनिवार ) जय महाकालेश्वर महाराज। सभी प्रकार के ज्योतिष समाधान हेतु। Whatsapp@9522222969 https://www.fac https://www.instagram.com/p/Cn8he67IetA/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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कुंभ, अर्धकुंभ, पूर्णकुंभ, महाकुंभ और सिंहस्थ में क्या फर्क है ?
कुंभ मेले का आयोजन चार नगरों में होता है:- हरिद्वार, प्रयाग, नासिक और उज्जैन। चारों नगरों के आने वाले कुंभ की स्थिति विशेष होती है। एक ओर जहां नासिक और उज्जैन के कुंभ को आमतौर पर सिंहस्थ कहा जाता है तो अन्य नगरों में कुंभ, अर्धकुंभ और महाकुंभ का आयोजन होता है।
कुंभ क्या है?:-कुंभ का अर्थ होता है घड़ा या कलश। प्रत्येक तीन वर्ष में उज्जैन को छोड़कर अन्य स्थानों पर कुंभ का आयोजन होता है।
अर्धकुंभ क्या है?:- अर्ध का अर्थ है आधा। हरिद्वार और प्रयाग में दो कुंभ पर्वों के बीच छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ का आयोजन होता है।
पूर्णकुंभ क्या है?:- प्रत्येक 12 वर्ष में पूर्णकुंभ का आयोजन होता है। जैसे मान लो कि उज्जैन में कुंभ का अयोजन हो रहा है, तो उसके बाद अब तीन वर्ष बाद हरिद्वार, फिर अगले तीन वर्ष बाद प्रयाग और फिर अगले तीन वर्ष बाद नासिक में कुंभ का आयोजन होगा। उसके तीन वर्ष बाद फिर से उज्जैन में कुंभ का आयोजन होगा। इसी तरह जब हरिद्वार, नासिक या प्रयागराज में 12 वर्ष बाद कुंभ का आयोजन होगा तो उसे पूर्णकुंभ कहेंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार देवताओं के बारह दिन अर्थात मनुष्यों के बारह वर्ष माने गए हैं इसीलिए पूर्णकुंभ का आयोजन भी प्रत्येक बारह वर्ष में ही होता है।
महाकुंभ क्या है?
मान्यता के अनुसार प्रयागराज में प्रत्येक 144 वर्षों में महाकुंभ का आयोजन होता है। 144 कैसे? 12 का गुणा 12 में करें तो 144 आता है। दरअसल, कुंभ भी बारह होते हैं जिनमें से चार का आयोजन धरती पर होता है शेष आठ का देवलोक में होता है।; इसी मान्यता के अनुसार प्रत्येक 144 वर्ष बाद प्रयागराज में महाकुम्भ का आयोजन होता है जिसका महत्व अन्य कुम्भों की अपेक्षा और बढ़ जाता है। सन् 201 3 में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हुआ था क्योंकि उस वर्ष पूरे 144 वर्ष पूर्ण हुए थे। संभवत: अब अगला महाकुंभ 138 वर्ष बाद आएगा।
सिंहस्थ क्या है?:- सिंहस्थ का संबंध सिंह राशि से है। सिंह राशि ���ें बृहस्पति एवं मेष राशि में सूर्य का प्रवेश ��ोने पर उज्जैन में कुंभ का आयोजन होता है। यह योग प्रत्येक 12 वर्ष पश्चात ही आता है। इसी तरह का योग नासिक में भी होता है अत: वहां भी सिंहस्थ का आयोजन होता है। दरअसल, उज्जैन में 12 वर्षों के बाद ही सिंहस्थ का आयोजन होता है। इस कुंभ के कारण ही यह धारणा प्रचलित हो गई की कुंभ मेले का आयोजन प्रत्येक 12 वर्ष में होता है, जबकि यह सही नहीं है। यह मेला उज्जैन को छोड़कर बाकी के तीन नगरों में क्रमवार तीन तीन वर्षों में ही आयोजित होता है।
4 जगह कुम्भ का पर्व:-
1. हरिद्वार में कुम्भ : कुम्भ राशि में बृहस्पति का प्रवेश होने पर एवं मेष राशि में सूर्य का प्रवेश होने पर कुम्भ का पर्व हरिद्वार में आयोजित किया जाता है। हरिद्वार और प्रयाग में दो कुंभ पर्वों के बीच छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ का आयोजन होता है।
2. प्रयागराज में कुम्भ : मेष राशि के चक्र में बृहस्पति एवं सूर्य और चन्द्र के मकर राशि में प्रवेश करने पर अमावस्या के दिन कुम्भ का पर्व प्रयाग में आयोजित किया जाता है। एक अन्य गणना के अनुसार मकर राशि में सूर्य का एवं वृष राशि में बृहस्पति का प्रवेश होनें पर कुम्भ पर्व प्रयाग में आयोजित होता है।
3. नासिक में कुम्भ : सिंह राशि में बृहस्पति के प्रवेश होने पर कुम्भ पर्व गोदावरी के तट पर नासिक में होता है। अमावस्या के दिन बृहस्पति, सूर्य एवं चन्द्र के कर्क राशि में प्रवेश होने पर भी कुम्भ पर्व गोदावरी तट पर आयोजित होता है। इस कुंभ को सिंहस्थ इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें सिंह राशि में बृहस्पति का प्रवेश होता है।
4. उज्जैन में कुम्भ : सिंह राशि में बृहस्पति एवं मेष राशि में सूर्य का प्रवेश होने पर यह पर्व उज्जैन में होता है। इसके अलावा कार्तिक अमावस्या के दिन सूर्य और चन्द्र के साथ होने पर एवं बृहस्पति के तुला राशि में प्रवेश होने पर मोक्ष दायक कुम्भ उज्जैन में आयोजित होता है। इस कुंभ को सिंहस्थ इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें सिंह राशि में बृहस्पति का प्रवेश होता है।
पौराणिक ग्रंथों जैसे नारदीय पुराण , शिव पुराण एवं वाराह पुराण और ब्रह्मा पुराण आदि में भी कुम्भ एवं अर्ध कुम्भ के आयोजन को लेकर ज्योतिषीय विश्लेषण उपलब्ध है। कुम्भ पर्व हर 3 साल के अंतराल पर हरिद्वार से शुरू होता है। हरिद्वार के बाद कुम्भ पर्व प्रयाग नासिक और उज्जैन में मनाया जाता है। प्रयाग और हरिद्वार में मनाए जानें वाले कुम्भ पर्व में एवं प्रयाग और नासिक में मनाए जाने वाले कुम्भ पर्व के बीच में 3 सालों का अंतर होता है।
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Jamshedpur tusu : नारी सम्मान का पर्व है टुसू, झारखंड क्षेत्र का सबसे बड़ा त्योहार है मकर संक्रांति, जानें क्यों मनाया जाता है टुसू पर्व
Jamshedpur tusu : नारी सम्मान का पर्व है टुसू, झारखंड क्षेत्र का सबसे बड़ा त्योहार है मकर संक्रांति, जानें क्यों मनाया जाता है टुसू पर्व
सुगम कुमार सिंह/जमशेदपुर : पौष माह में पूरे देश में अलग-अलग नाम से मकर संक्रांति मनाई जाती है. वैसे तो पूरे साल में 12 संक्रांतियां होती हैं. सूर्य जिस राशि में प्रवेश करता है उसे उसकी संक्रांति कहा जाता है. पौष मास में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रांति कहा जाता है. मकर संक्रांति के अलावा कर्क संक्रांति का भी विशेष महत्व माना गया है. मकर संक्रांति को पूरे देश में किसी न किसी पर्व…
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16 जुलाई को सूर्य का कर्क राशि में गोचर, जानें सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव
16 जुलाई को सूर्य का कर्क राशि में गोचर, जानें सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव
Surya Rashi Parivartan 2022: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य राशि परिवर्तन का विशेष महत्व है। ग्रहों के राजा सूर्य 16 जुलाई को कर्क राशि में गोचर करेंगे। कर्क राशि में सूर्य के जाने से कुछ राशि वालों को शुभ फलों की प्राप्ति होगी, जबकि कुछ राशि वालों को अशुभ फल मिल सकते हैं। जानें सूर्य राशि परिवर्तन का सभी 12 राशियों पर प्रभाव- मेष- मेष राशि वालों की सूर्य गोचर के प्रभाव से कार्यशैली में सुधार होगा।…
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तुला संक्रांति कब है, क्या करते हैं इस दिन #news4
Tula Sankranti 2022: सूर्य के किसी भी राशि में प्रवेश को संक्रांति कहते हैं। सूर्य के तुला राशि में प्रवेश को तुला संक्रांति कहेंगे। तुला राशि में सूर्य नीच का माना गया है जबकि मेष राशि में उच्च का। सौर मास के दो हिस्से है उत्तरायण और दक्षिणायम। सूर्य के मकर राशी में जाने से उत्तरायण प्रारंभ होता है और कर्क में जाने पर दक्षिणायन प्रारंभ होता है। इस बीच तुला संक्रांति होती है। आओ इस दिन क्या करते…
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सावधानी संसप्तक योग 17 अगस्त तक बढ़ेगी कठिनाई
सावधानी संसप्तक योग 17 अगस्त तक बढ़ेगी कठिनाई
16 जुलाई को सूर्य ने कर्क राशि में प्रवेश किया शनि का शत्रु ग्रह शनि मकर राशि में समसप्तक योग बना देगा कठिनाई 16 जुलाई को सूर्य कर्क राशि में और शनि का शत्रु शनि मकर राशि में है। ऐसी स्थिति में ये दोनों ग्रह आमने-सामने हैं, जिससे समसप्तक योग बन रहा है। हालांकि पिता और पुत्र, ये ग्रह एक दूसरे के शत्रु ग्रह हैं। आइए जानते हैं शनि और सूर्य के इस अशुभ योग से किन राशियों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। इन…
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🌱 हरेला - Harela
» सुख, समृद्धि और खुशहाली का पर्व हरेला मूल रूप से देवभूमि उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला पर्व है। » हरेला सूर्य के मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश के कारण उत्पन्न कर्क संक्रांति के कारण मनाया जाता है। » संक्रांति कैलेंडर के अनुसार सावन मास का आगमन माना जाता है। » हरेला को उत्तराखण्ड सरकार राज्य स्तर पर *पर्यावरण दिवस* के रूप मे मानती है।
त्यौहार को हरेला क्यों कहा जाता है? | हरेला कैसे बोए? | हरेला कितने दिन पहले बोए? | हरेला कब बोए? 📲 https://www.bhaktibharat.com/festival/harela
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Surya Gochar 16 July: सूर्य का कर्क राशि में गोचर, इन तीन राशि के जातकों को मिलेगा लाभSurya Gochar 16 July: सूर्य ग्रह कर्क राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं, जिसके चलते समस्त राशि के जातकों में परिवर्तन होने जा रहे हैं। लेकिन 3 ऐस राशियां हैं, जिन्हें इस गोचर का काफी लाभ होने वाला है। तो आइए जानते हैं कौन सी वो तीन राशियां।
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (तृतीया तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
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#kedarnath
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#JaiShriRam
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-14-जनवरी-2023
वार :-------रविवार
तिथी :---03तृतीया:-08:00/ 04चतुर्थी:-28:59
पक्ष:------शुक्लपक्ष
माह:------पौषमास
नक्षत्र:------धनिष्ठा:-10:23
योग:-----व्यतिपात:-26:40
करण:-----गर:-08:00
चन्द्रमा:-----कुम्भ
सूर्योदय:----07:31
सूर्यास्त:-----18:02
दिशा शूल-----पश्चिम
निवारण उपाय:---पान का सेवन
ऋतु :----- शिशिर ऋतु
गुलीक काल:-15:18से 16:40
राहू काल:-16:40से18:02
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
🌗चोघङिया दिन🌓
चंचल:-08:49से10:07तक
लाभ:-10:07से11:25तक
अमृत:-11:25से12:44तक
शुभ:-14:02से15:20तक
🌞चोघङिया रात🌞
शुभ:-18:02से19:44तक
अमृत:-19:44से21:26तक
चंचल:-21:26से23:06तक
लाभ :-02:30से04:12तक
शुभ :-05:50से07:31तक
🍁आज के विशेष योग🍁
वर्ष का 297वाँ दिन, भद्रा प्रारंभ 18:28 से 28:59 तक पृथ्वी-लोक अशुभ दिशा पश्चिम, सूर्य मकर पर 26:44, मंगल पूषा.पर 21:58 बं. माध मास प्रा. विनायक चतुर्थी, राजयोग 07:28 से08:00 तक, रवियोग 10:23 से, भोगी (दक्षिण भारत), व्यतिपात पुण्य,
🌺 👉 टिप्स 👈🌺
पौष मास में पिले रगं कि वस्तुओं का दान करे।
*सुविचार*
सफलता तुम्हारा परिचय दुनिया से करवाती है और असफलता तुम्हें दुनिया का परिचय करवाती है।
👍🏻 राधे राधे...
*💊💉आरोग्य उपाय🌿🍃*
*बाल बढ़ाने के घरेलू उपाय -*
*एलोवेरा -*
एलोवेरा में मौजूद पोषक तत्व बालों के विकास बहुत ही सहायता करता है। इसके अलावा यह चमक को बरकरार रखने में मदद करता है। इसके लिए आप एलोवेरा को काटकर उसके अंदर का जेल निकाल लें और उसे अपने बालों में लगाएं। जेल लगाने के एक घंटे बाद अपने बालों को शैम्पू से धो लें। इस बात का ध्यान दीजिए कि अगर बालों पर एलोवेरा लगाने के बाद आपको खुजली महसूस हो, तो तुरंत अपने बाल धो लें।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
☀️ मेष राशि :- आज किसी विशेष व्यक्ति का प्रवेश जीवन में तौर-तरीके बदल देगा। आकस्मिक धन लाभ होगा। विरोधी आप को नीचा दिखाने के हर संभव प्रयास करेंगे। मन की बात अपनों को बता दें रास्ता मिल जायगा।
☀️ वृषभ राशि :- आज जरूरत से ज्यादा किसी की घनिष्ठता संबंधों को कमजोर कर देगी। आप सहने की शक्ति रखें। जल्द ही आप क्रोध से भर जाते हैं। स्वयं पर काबू रखें। व्यवसाय स्थल पर विवाद हो सकता है। उधार दिया पैसा न आने से मुश्किलें बढ़ेगी।
☀️ मिथुन राशि :- आज समय के साथ स्वयं को भी बदलें। अपने व्यवहार में नम्रता लाएं। कारोबार विस्तार के लिए धन एकत्रित करने में लगे रहेंगे। भूमि संबंधित विवाद के चलते चिंता रहेगी।
☀️ कर्क राशि :- आज अपने विवेक से हर कार्य सफल कर लेंगे। निजी जीवन में दूसरों को प्रवेश न दें। मित्रों के साथ यात्रा आनंदप्रद रहेगी। आजीविका के लिए भटकना पड़ेगा। माता-पिता के स्वास्थ्य में सुधार होगा। किसी विशेष जन से संबंध बनेंगे।
☀️ सिंह राशि :- आज व्यवसाय में नई योजना लाभदायक रहेगी। जीवन-साथी का साथ आपको आगे बढ़ने में मदद करेगा। संतान के विवाह संबंधित समस्या से परेशान रहेंगे। भवन परिवर्तन के योग है। वाहन का प्रयोग सावधानी से करें।
☀️ कन्या राशि :- आज अपनों स�� धोखा मिलेगा। राजनीति से जुड़े लोगों को पद मिल सकता है। पारिवारिक जनों की सहायता करनी होगी। आजीविका के श्रोत में वृद्धि होगी। पिता के साथ ताल मेल स्थापित न होने से तनाव हो सकता है।
☀️ तुला राशि :- आज भविष्य के प्रति चिंतित होंगे। मन में बुरे विचारों को न आने दें। स्वयं पर नियंत्रण रखें, नकारात्मक सोच के कारण ही आप पीछे हैं। पारिवारिक माहौल सामान्य रहेगा। मित्रों के साथ समय व्यतीत होगा। नौकरी में स्थान परिवर्तन संभव है।
☀️ वृश्चिक राशि :- आज कार्यस्थल पर सहकर्मियों से मन मुटाव होगा। क्रोध की अधिकता रहेगी। आय के नए श्रोत स्थापित होंगे। अपने कर्मचारियों के कारण परेशान होंगे। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। धार्मिक कार्यों में धन लगेगा।
☀️ धनु राशि :- आज स्वास्थ्य में सुधार होगा। अपने आगामी भविष्य को लेकर चिंतित रहेंगे। मन में कई विचार आएंगे। व्यवसाय में उन्नति होगी। भूमि भवन संबंधित मामले पक्ष में हल होंगे। प्रशासन से जुड़े कार्य सहज हो जाएंगे। यात्रा संभव है।
☀️ मकर राशि :- आज अपनी संतान से विवाद हो सकता है। आजीविका को लेकर आप चिंतित हैं। विवाह योग्य जातकों के लिए समय उपयुक्त है। कारोबार विस्तार करने का मन होगा। वाहन सुख की प्राप्ति संभव है।
☀️ कुंभ राशि :- आज अपने मन की बात हर किसी को बताने से नुकसान आपका ही है। सुख सुविधा की वस्तुओं पर धन खर्च होगा। आपकी उन्नति से विरोधी नाखुश होंगे। अपके वाक् चातुर्य से अधिकारी प्रभावित होंगे। बाहर जाने के योग बन रहे हैं।
☀️ मीन राशि :- आज मित्रों के सहयोग से कोई जरूरी कार्य पूर्ण होगा। अपनों से संबंधों में मजबूती आएगी। आलस की अधिकता से कार्य में रूचि नहीं रहेगी। आर्थिक मामले आज पक्ष में हल होंगे। राजनीति से जुड़े लोग सम्मान प्राप्त करेंगे।
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मकर संक्रान्ति शुभ मुहूर्त 2022
सूर्य एक साल में 12 राशियों का भ्रमण करता है। हर महीने सूर्य का दूसरी राशि में परिवर्तन होता है। यह राशि परिवर्तन संक्रान्ति कहलाता है। इस तरह सूर्य की क्रमश मे�� संक्रान्ति, वृष संक्रान्ति, मिथुन संक्रान्ति तथा अंत में मीन संक्रान्ति होती है। इसी तरह जब सूर्य मकर राशि में आता है वह मकर संक्रान्ति कहलाती है। दूसरी सभी संक्रांतियां इतनी महत्वपूर्ण नहीं होती जितनी ये मकर संक्रान्ति होती है क्योकि सूर्य इस दिन उत्तरायण होता है। मकर संक्रान्ति को उत्तरायण संक्रान्ति, पौष संक्रान्ति, या माघी संक्रान्ति भी कहा जाता है। ये ज़्यादातर या यूँ कहे को तकरीबन 99% 14 जनवरी को मनाई जाती है, पर कभी कभी कई सालो में 15 जनवरी को मनाई जाती है। अलग अलग राज्यों में यह उत्सव अलग अलग तरीको से मनाया जाता है।
सूर्य की मकर संक्रान्ति से मिथुन संक्राति तक की स्थिति उत्तरायण कहलाती है तथा कर्क राशि से धनु राशि तक सूर्य की स्थिति दक्षिणायन कहलाती है। सूर्य की उत्तरायण स्थिति सबसे शुभ मानी जाती है। यदि व्यक्ति का जन्म या मृत्यु उत्तरायण में होती है तो वह शुभ कहलाती है। महाभारत के अहम पात्र भीष्मपितामह को इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था। महाभारत के भीषण युद्ध की समाप्ति के बाद जब श्री कृष्ण और पाँचो पांडव उनके अंतिम छणो में जब उनसे मिलने पहुंचे और पितामह ने अपने प्राणत्यागे तब उन्होंने सूर्य के उत्तरायण स्थिति में पहुंचने का इंतज़ार किया था हलाकि वो बाणौ की शैया पर थे और असीम पीड़ा सहन कर रहे थे।
ये पर्व सूर्य देवता को समर्पित है। इस विशेष दिन पर तीर्थ यात्रा करना, तीर्थ स्नान करना, दान-दक्षिणा, उपवास करना तथा अनुष्ठान करने का विशेष महत्व होता है। हरिद्वार, काशी, वाराणसी तथा प्रयागराज संगम, इन स्थानो पर खासा भीड़ होती है। इन जगहों की पवित्र नदियों में स्नान करने के हेतु भ्रममुहूर्त में ही लोगो के पदार्पण आरम्भ हो जाता है।
इस दिन में दान का अपना बहुत ज़्यादा महत्व होता है। सनातन धर्म के अनुसार मकर संक्रान्ति के दिन में किया गया दान कई गुना फल प्रदान करता है। दान की वस्तुओ में खिचड़ी, मीठा, चावल, गुड़, तिल, वस्त्र, गरम कम्बल, ऊनि वस्त्र आदि दान किये जाते है। इस दिन कई जगहों पर बच्चे और बड़े मिल कर पतंग उड़ाते है। हिन्दुओ में इस दिन बहिन-बेटी के घर श्रद्धानुसार दान देने का भी प्रचलन है। माता पिता अपनी बहिन और बेटी के घर श्रद्धानुसार सामान भेजते है।
मकर संक्रान्ति से मौसम में परिवर्तन शुरू हो जाता है। मकर संक्रान्ति से दिन बड़े और रात छोटी होनी शुरू हो जाती है। अंत में मकर संक्रान्ति के दौरान कोई भी पुण्य कार्य तथा दान-धर्म अधिक फलदायी माना जाता है।
इस वर्ष 2022 में सूर्य मकर राशि में 14 जनवरी, शुक्रवार के दिन दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर प्रवेश कर रहा है, इसलिए इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही मनाई जाएगी तथा संक्रांति पर्व सूर्योदय से सूर्यास्त तक मनाया जायगा। इस दिन को किसी पवित्र नदी में जाकर भोर में ही स्नान करें और अगर ये संभव न हो तो सवेरे घर में ही पानी में कुछ बूँद गंगाजल मिलकार स्नान करें और सूर्य भगवान् की पूजा-अर्चना करें। दान-दक्षिणा करें, गाय को हरा चारा खिलाये, ज़रूरत मंदो को नए कपडे, तील, लडू, मीठा अथवा पैसे आदि का दान करें तथा संक्रान्ति के इस पर्व को मनाये।
Wishing you all a very Happy and Prosperous Makar Sankranti from International School of Astrology.
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भाद्रपद (भादो) महीने की संक्रांति जिसे सिंह संक्रांति कहते हैं उसी दिन उत्तराखंड में घी संक्रांति का आयोजन किया जाता है। कहीं कहीं ओलगिया के नाम से भी जाना जाता है। आज ही के दिन सूर्य देवता कर्�� राशि से सिंह राशि में प्रवेश करते हैं। दक्षिणी भारत में इस संक्रांति को सिंह संक्रमण भी कहा जाता है। सिंह संक्रांति के दिन भगवान विष्णु, सूर्य देव और भगवान नरसिंह की पूजा की जाती है। इस लोक पर्व के साथ तमाम मान्यताएं भी जुड़ी हैं। जो अग्रलिखित हैं।
(१) घी संक्रांति त्योह���र किसान अच्छी फसल की कामना में मनाते हैं। इसके अलावा एक और वजह यह भी बताई जाती है कि गर्मी और बरसात के मौसम में खान-पान को लेकर परहेज किया जाता था। इसके बाद बरसात के जाने और नया मौसम आने पर अपनी खाने की इच्छाएं पूरी की जाती थीं और घी से बनाए पकवान बनाए-खाए जाते थे। इसके अलावा किसान अपने घर के मुख्य दरवाजे पर गोबर चिपकाते हैं। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
(२) अखरोट के फल का सेवन भी घी त्योहार के बाद ही किया जाता है। इसके पीछे एक वजह ये भी है कि अखरोट का फल घी त्योहार के साथ ही तैयार होने लगता है। इसलिए घी त्योहार के बाद ही अखरोट को खाया जाता है।
(३) कुमाऊंनी और गढ़वाली सभ्यता के लोग घी संक्राति के दिन घी जरूर खाते हैं क्योंकि यह एक मान्यता है, जो कि सदियों से चली आ रही है। अगर घी संक्रांति पर उन्होंने घी नहीं खाया तो उन्हें अगले जन्म में घोंघा (गनेल) बनना पड़ेगा। (४)इस दिन घी का सेवन करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव से भी फायदा मिलता है। मुख्यत: कहा जाता है कि इस दिन घी खाने से राहु और केतु का व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
(५) गढ़वाली सभ्यता के लोग इस त्योहार को एक साथ मिलकर मनाते हैं। यही वजह है कि अगर किसी के घर पर दूध और घी का इंतजाम नहीं होता है तो वह उसके घर पर घी और दूध पहुंचाते हैं। ताकी सभी एक साथ इस लोक पर्व को मना सकें।
(६) इस दिन मुख्य व्यंजन में बेडू की रोटी शामिल है। यह उरद की दाल से बनती है। त्योहार के दिन यह जरूर बनाई जाती है। इसे घी और अरबी की सब्जी के साथ खाना शुभ माना जाता है।
(७) घी त्योहार के शुभ अवसर पर झोड़ा और चाचरी का भी गायन होता है।
(८) घी त्योहार के मौके पर जहां घी का खाना जरूरी माना गया है। वही मांग, कोहनी, और घुटनों पर घी जरूर लगाया जाता है।
(९) चरक संहिता के अनुसार घी खाने से शरीर की कई व्याधियां भी दूर होती हैं। मसलन कफ और पित्त दोष तो दूर होते ही हैं। साथ ही व्यक्ति की बुद्धि भी तीव्र होती है। Join- @vivid_uttarakhand #vividuttarakhand (at Uttarakhand) https://www.instagram.com/p/CSqBI93h6jY/?utm_medium=tumblr
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