#सुंदर रमन
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विकास का दूसरा नाम है भाजपा: शिव रतन शर्मा
रायपुर, 9 नवंबर (हि.स.)।दक्षिण उपचुनाव प्रभारी और पूर्व विधायक शिव रतन शर्मा ने कांग्रेस के निराधार आरोपों पर कड़ा पलटवार करते हुए कहा कि आज का विकसित और सुंदर राजधानी रायपुर भारतीय जनता पार्टी की मेहनत और दृष्टिकोण का परिणाम है। भाजपा के डॉ रमन, बृजमोहन,मूणत के नेतृत्व में प्रत्याशी सुनील सोनी के महापौर और सांसद कार्यकाल के दौरान रायपुर को एक आदर्श और विकसित शहर बनाया गया है। इस दौरान रायपुर में…
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सेंट एंजेल्स पब्लिक स्कूल में धूमधाम से मनाया गया 74 वा गणतंत्र दिवस
बागपत, उत्तर प्रदेश। नगर के सेंट एंजेल्स पब्लिक स्कूल में 74वा गणतंत्र दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर स्कूल के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति एवं देश प्रेम की भावना को उजागर किया। इस अवसर पर एंसेंट एंजेल्स पब्लिक स्कूल प्रबंधक अजय गोयल ने ध्वजारोहण किया एवं तिरंगे को सलामी दी। इसके बाद प्रबंधक अजय गोयल ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि आप लोग भारत का भविष्य हैं। राष्ट्र सेवा व देश की प्रगति हमारा प्रथम कर्तव्य है। हमें अपने देश के शहीदों की शहादत को भी कभी नहीं भूलना चाहिए, जिन्होंने अपने प्राणों को बलिदान कर भारत माता को स्वतंत्र कराया। इसके बाद शगुन, पलक, आराध्या, ऋतिक, वंशिका, काजल, फैजा व आलिया ने सरस्वती वंदना से सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद शौर्य, अंबुज, सूर्या,आयुष, अभिनव, हार्दिक, शिवा, सर्वेश, आराध्या, अर्णव, पार्थ, नितिन, सम्यक, कार्तिक, आदित्य, सिद्धांत, रमन, लक्ष्य, अंश व ओम ने हर घर तिरंगा अदा, सुहाना, सानिया, असफ़ा, अनुप्रिया, अनन्या, नंदिनी, तनिष्का, अवनी, अविका, वैशाली, मानवी, अवंतिका व मनसा ने स्वर्ग से सुंदर देश हमारा वैष्णवी ने जलवा तेरा जलवा प्रतिक्षा, अंजली, आंचल, श्रेया, रिया, गुनगुन, दिया, वैष्णवी, माही, अविका, तन्वी, शगुन ने देश मेरा रंगीला अविका, प्रतीक्षा, वाणी व यशवी ने फिर भी दिल है हिंदुस्तानी आदि देशभक्ति गीतों पर अपनी भावुक व प्रेरणादायक प्रस्तुतीकरण से राष्ट्रीय एकता व अखंडता का परिचय दिया। कार्यक्रम का संचालन शिवम, भव्य, देवांश, यश आदि छात्रों ने किया। इस अवसर पर बबलेश, इमरान, गौरव, राजीव, ऋतुराज, कृष्ण, संजय, अजीत, आदि, ज्योति, गीता, ममता, निधि आदि शिक्षक व शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। Read the full article
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"मकान"
बीते हफ़्ते दो मित्रों ने अपना नया मकान देखने के लिए बुलाया।
एक को 11साल लगे.. मकान बनवाने में दूसरे को 9 साल।
इस एक दशक के समय में उन मित्रों ने बस एक ही काम किया ..वह यह कि "मकान बनवाया"
...औऱ उससे पहले 20 साल तक जो काम किया वो यह कि "मकान बनवाने" लायक पैसा जुटाया...
यानि
जीवन के बेशक़ीमती 30 साल सिर्फ़ "अपना मकान बनवा लूं'' इस फितूर में निकाल दिए
मेरी मकान,इंटीरियर,एलिवेशन,लक धक साजसज्जा जैसी चीज़ों में बिल्कुल भी रूचि नही है ..बल्कि साफ़ कहूं ..तॊ अरुचि ही है
वे मित्र उच्चता के घमंड से विकृत हुए एक एक कमरे, गैलरी,गार्डन,आर्किटेक्ट की बारीकियां,उनके निर्माण में लगी सामग्री,ख़र्च हुआ पैसा ..आदि का विवरण दे रहे थे.....
इधर मैं भी सौजन्यतावश "हूं , हां " अच्छा ", वाह , ग़ज़ब " जैसी प्रतिक्रियाएं देकर उनके अभिमान को पुष्ट किए दे रहा था !
जबकि हक़ीक़त यह थी कि मैंने शायद ही किसी चीज़ को गौर से देखा हो !!
बचपन से ही मुझे मकान,गाड़ी,कपड़े जैसी बातों में न्यूनतम रूचि रही है ।
उनकी रनिंग कॉमेंट्री रुकने का नाम नहीं ले रही थी - "ये देखिए,वो देखिए, गैरिज ऐसा है,गार्डन की लाइटिंग ऐसी है.... वगैरह वगैरह
जबकि मेरी दृष्टि उनके नवीन लक धक मकान से अधिक उनके रूखे और नीरस चेहरे पर थी !😎
जिस विषय में आपकी रूचि होती है वैसा ही आपका व्यक्तित्व बन जाता है !
वस्तुओं में अधिक रूचि रखने वाला व्यक्ति भी वस्तु की तरह ही हो जाता है पार्थिव,चेतना विहीन,निष्प्राण
ज़्यादातर वे सभी व्यक्ति जिनके "क़ीमती मकान" ��ोते हैं, कौडियों के आदमी होते हैं
उनका पूरा व्यक्तित्व लाभ हानि,गुणा भाग,जोड़ घटाना जैसे गणित के उबाऊ प्रमेय की तरह हो जाता है
पीछे उनकी सजी धजी पत्नियाँ भी थीं ...
ऐसे बर्तनों की तरह जिन्हें ऊपर से चमका दिया गया हो लेकिन जिनके भीतर फफूंद लगी हो
जो सिर्फ़ एक ही बात से मदमत्त थीं कि "मैं इतने क़ीमती घर की स्वामिनी हूं"
भारतवर्ष में लोगों को एक ही शौक है "अपने सपनों का मकान बनवाना" या फिर बने हुए मकान को रेनोवेट करवाना !!
वे पूरी ज़िंदगी इसी में खपाए रहते हैं !
थोड़ा मनोवैज्ञानिक शोध करने पर मैंने पाया कि यह मूलतः उनका शौक़ नहीं है,इसके पीछे गहरे में दिखावे की मनोवृत्ति काम करती हैं !
यह एक ऐसा भाव हैं जो समाज की सामूहिक दिखावा वृति से प्रसारित होता हैं और सभी अहंकारी, प्रतिस्पर्धी रडार इसे कैच करते जाते हैं !!
फिर उसी सिग्नल के अनुरूप उनका जीवन परिलक्षित होता है
वह हर वक़्त अपने आस-पास के लोगों से तुलना में व्यस्त रहता है
"तेरे पास ऐसी कार हैं ..तॊ मेरे पास वैसी कार हैं"
तेरे कपड़े इतने महंगे ..तॊ मेरे कपड़े उतने महंगे !
तेरा फार्म हाऊस ऐसा हैं ..तॊ मेरा फार्म हाऊस वैसा हैं
तू सिंगापुर गया ..तॊ मैं स्विट्जरलैंड जाऊंगा
तेरा मकान ऐसा हैं ..तॊ मेरा मकान वैसा हैं !
ऊपर लिखे "तू" "तेरा" उसके रिश्तेदार, पड़ोसी और सर्किल के लोग होते हैंं जिनकी प्रगति और जीवन शैली से प्रतिस्पर्धा में वह पूरा जीवन गुज़ार देता है
वह सुंदर मकान तॊ बना लेता है मगर सुंदर मकान के आस्वाद लायक़ अपनी चेतना नहीं बना पाता !!
वह बाहरी मकान तॊ बना लेता हैं मगर उसकी चेतना का घर खण्डहर ही रहता है
उसकी चेतना के सभी कमरे शरीर,प्राण,मन,भाव,बुद्धी, परम चैतन्य कभी खड़े ही नहीं हो पाते
अगर भोक्ता उपस्थित नहीं हैं तॊ भोग व्यर्थ हैं !
वर्ना तॊ आपके साथ आपका सूटकेस भी विदेश यात्रा कर आता है मगर सूटकेस को कोई रस नहीं हैं क्योंकि वह चेतनाशून्य है
..तॊ मेरी तॊ दृष्टि इस बात पर हैं कि चैतन्य की ईमारत कितनी भव्य और विराट हो !
क्योंकि अंततः भोग तॊ चेतना से ही होना है
ज़्यादातर भव्य घरों में अकेलेपन से जूझते बीमार, तनावग्रस्त प्रौढ़ या बूढ़े ही पाए जाते हैं क्योंकि अक्सर ..तॊ सपनों का मकान बनाते बनाते इतनी उम्र हो ही जाती हैं !!
अगर आपकी संगीत में रूचि नहीं हैं तॊ महंगा म्यूज़िक सिस्टम व्यर्थ है
अगर आपक�� फूलों में रस नहीं हैं तॊ फुलवारी व्यर्थ है
अगर आप रोमांटिक नही हैं तॊ सुंदर शयनकक्ष का क्या मज़ा ?
अगर आप रोगी हैं तॊ लज़ीज़ पकवान किस काम के ?
अगर आपके भीतर ही रस नहीं हैं तॊ क्या कीजिएगा इस महंगे दिखावे का ?
अच्छा मकान अच्छी बात है मगर चेतना की ईमारत भी बनाइए
जीवन बहुत छोटा और अनिश्चित है,इसे महज़ पदार्थो के संग्रहण में ही ना गुज़ार दें !
क्योंकि एक दिन तॊ यह देह भी मिट्टी में मिल जानी है और मकान भी !!
जो अजर अमर हैं उस पर भी दृष्टि रखें ! चेतना का मकान बनाएं !! समय उतना ही है
अगर आप यहां लगाएंगे तॊ वहां नहीं लगा ाएंगे
महज़ दिखावे के ज़रा से रस के लिए जीवन की पूरी ऊर्जा और समय का निवेश कोई फ़ायदे का सौदा नहीं है.....🙏
��मन जी
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मुंबई इंडियंस, मैनचेस्टर यूनाइटेड के मालिक, शाहरुख खान छह-टीम अमीरात टी 20 लीग का हिस्सा | क्रिकेट समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया
मुंबई इंडियंस, मैनचेस्टर यूनाइटेड के मालिक, शाहरुख खान छह-टीम अमीरात टी 20 लीग का हिस्सा | क्रिकेट समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया
मुंबई: ग्लेज़र मैनचेस्टर यूनाइटेड फ़ुटबॉल क्लब का मालिक और चलाने वाला परिवार इंडियन प्रीमियर लीग खरीदने के अपने प्रयास में कुछ हज़ार करोड़ से कम हो सकता है (आईपीएल) पिछले महीने फ्रैंचाइज़ी लेकिन यह उन्हें क्रिकेट की दुनिया में कदम रखने से नहीं रोक रहा है। ग्लेज़र्स, पांच बार के आईपीएल चैंपियन के साथ मुंबई इंडियंस, शाहरुख खानकी नाइट राइडर्स फ्रैंचाइज़ी, वित्तीय सेवा कंपनी कैपरी ग्लोबल, के किरण…
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#आईपीएल#केकेआर#कोलकाता नाइट राइडर्स#ग्लेज़र#दिल्ली की राजधानियाँ#पार्थ जिंदल#मुंबई इंडियंस#शाहरुख खान#सिडनी सिक्सर्स#सुंदर रमन
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आईपीएल: आरपीएसजी ने 7 हजार करोड़ रुपये में लखनऊ फ्रेंचाइजी हासिल की, सीवीसी को 5.6 हजार करोड़ रुपये में अहमदाबाद फ्रेंचाइजी मिली | क्रिकेट समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया
आईपीएल: आरपीएसजी ने 7 हजार करोड़ रुपये में लखनऊ फ्रेंचाइजी हासिल की, सीवीसी को 5.6 हजार करोड़ रुपये में अहमदाबाद फ्रेंचाइजी मिली | क्रिकेट समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया
शीर्ष आईपीएल 08 में सभी 8 विजेताओं की दोगुने से अधिक बोली एक साथ रखें2008 में, जब इंडियन प्रीमियर लीग एक नवोदित उद्यम था और इसमें निवेश करना विश्वास की एक छलांग थी, आठ विजयी बोलीदाताओं ने सामूहिक रूप से आठ फ्रेंचाइजी हासिल करने के लिए लगभग 3,000 करोड़ रुपये का निवेश किया। तेरह साल बाद, आईपीएल को दुनिया की प्रमुख खेल संपत्तियों में से एक के रूप में मजबूती से स्थापित करने के साथ, एक कंपनी,…
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#अवराम ग्लेज़र#आईपीएल#आईपीएल 2021#आईपीएल लाइव स्कोर#आईपीएल समाचार#इंडियन प्रीमियर लीग#जय शाह#फार्मूला वन#बीसीसीआई#बृजेश पटेल#सुंदर रमन -#सौरव गांगुली
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Ramcharitmanas
-start of ep 34
छं0-जननिहि बहुरि मिलि चली उचित असीस सब काहूँ दईं।
फिरि फिरि बिलोकति मातु तन तब सखीं लै सिव पहिं गई॥
जाचक सकल संतोषि संकरु उमा सहित भवन चल��।
सब अमर हरषे सुमन बरषि निसान नभ बाजे भले॥
दो0-चले संग हिमवंतु तब पहुँचावन अति हेतु।
बिबिध भाँति परितोषु करि बिदा कीन्ह बृषकेतु॥102॥
तुरत भवन आए गिरिराई। सकल सैल सर लिए बोलाई॥
आदर दान बिनय बहुमाना। सब कर बिदा कीन्ह हिमवाना॥
जबहिं संभु कैलासहिं आए। सुर सब निज निज लोक सिधाए॥
जगत मातु पितु संभु भवानी। तेही सिंगारु न कहउँ बखानी॥
करहिं बिबिध बिधि भोग बिलासा। गनन्ह समेत बसहिं कैलासा॥
हर गिरिजा बिहार नित नयऊ। एहि बिधि बिपुल काल चल��� गयऊ॥
तब जनमेउ षटबदन कुमारा। तारकु असुर समर जेहिं मारा॥
आगम निगम प्रसिद्ध पुराना। षन्मुख जन्मु सकल जग जाना॥
छं0-जगु जान षन्मुख जन्मु कर्मु प्रतापु पुरुषारथु महा।
तेहि हेतु मैं बृषकेतु सुत कर चरित संछेपहिं कहा॥
यह उमा संगु बिबाहु जे नर नारि कहहिं जे गावहीं।
कल्यान काज बिबाह मंगल सर्बदा सुखु पावहीं॥
दो0-चरित सिंधु गिरिजा रमन बेद न पावहिं पारु।
बरनै तुलसीदासु किमि अति मतिमंद गवाँरु॥103॥
संभु चरित सुनि सरस सुहावा। भरद्वाज मुनि अति सुख पावा॥
बहु लालसा कथा पर बाढ़ी। नयनन्हि नीरु रोमावलि ठाढ़ी॥
प्रेम बिबस मुख आव न बानी। दसा देखि हरषे मुनि ग्यानी॥
अहो धन्य तव जन्मु मुनीसा। तुम्हहि प्रान सम प्रिय गौरीसा॥
सिव पद कमल जिन्हहि रति नाहीं। रामहि ते सपनेहुँ न सोहाहीं॥
बिनु छल बिस्वनाथ पद नेहू। राम भगत कर लच्छन एहू॥
सिव सम को रघुपति ब्रतधारी। बिनु अघ तजी सती असि नारी॥
पनु करि रघुपति भगति देखाई। को सिव सम रामहि प्रिय भाई॥
दो0-प्रथमहिं मै कहि सिव चरित बूझा मरमु तुम्हार।
सुचि सेवक तुम्ह राम के रहित समस्त बिकार॥104॥
मैं जाना तुम्हार गुन सीला। कहउँ सुनहु अब रघुपति लीला॥
सुनु मुनि आजु समागम तोरें। कहि न जाइ जस सुखु मन मोरें॥
राम चरित अति अमित मुनिसा। कहि न सकहिं सत कोटि अहीसा॥
तदपि जथाश्रुत कहउँ बखानी। सुमिरि गिरापति प्रभु धनुपानी॥
सारद दारुनारि सम स्वामी। रामु सूत्रधर अंतरजामी॥
जेहि पर कृपा करहिं ��नु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥
प्रनवउँ सोइ कृपाल रघुनाथा। बरनउँ बिसद तासु गुन गाथा॥
परम रम्य गिरिबरु कैलासू। सदा जहाँ सिव उमा निवासू॥
दो0-सिद्ध तपोधन जोगिजन सूर किंनर मुनिबृंद।
बसहिं तहाँ सुकृती सकल सेवहिं सिब सुखकंद॥105॥
--end of ep 34
pg106
--start of ep 35
हरि हर बिमुख धर्म रति नाहीं। ते नर तहँ सपनेहुँ नहिं जाहीं॥
तेहि गिरि पर बट बिटप बिसाला। नित नूतन सुंदर सब काला॥
त्रिबिध समीर सुसीतलि छाया। सिव बिश्राम बिटप श्रुति गाया॥
एक बार तेहि तर प्रभु गयऊ। तरु बिलोकि उर अति सुखु भयऊ॥
निज कर डासि नागरिपु छाला। बैठै सहजहिं संभु कृपाला॥
कुंद इंदु दर गौर सरीरा। भुज प्रलंब परिधन मुनिचीरा॥
तरुन अरुन अंबुज सम चरना। नख दुति भगत हृदय तम हरना॥
भुजग भूति भूषन त्रिपुरारी। आननु सरद चंद छबि हारी॥
दो0-जटा मुकुट सुरसरित सिर लोचन नलिन बिसाल।
नीलकंठ लावन्यनिधि सोह बालबिधु भाल॥106॥
बैठे सोह कामरिपु कैसें। धरें सरीरु सांतरसु जैसें॥
पारबती भल अवसरु जानी। गई संभु पहिं मातु भवानी॥
जानि प्रिया आदरु अति कीन्हा। बाम भाग आसनु हर दीन्हा॥
बैठीं सिव समीप हरषाई। पूरुब जन्म कथा चित आई॥
पति हियँ हेतु अधिक अनुमानी। बिहसि उमा बोलीं प्रिय बानी॥
कथा जो सकल लोक हितकारी। सोइ पूछन चह सैलकुमारी॥
बिस्वनाथ मम नाथ पुरारी। त्रिभुवन महिमा बिदित तुम्हारी॥
चर अरु अचर नाग नर देवा। सकल करहिं पद पंकज सेवा॥
दो0-प्रभु समरथ सर्बग्य सिव सकल कला गुन धाम॥
जोग ग्यान बैराग्य निधि प्रनत कलपतरु नाम॥107॥
जौं मो पर प्रसन्न सुखरासी। जानिअ सत्य मोहि निज दासी॥
तौं प्रभु हरहु मोर अग्याना। कहि रघुनाथ कथा बिधि नाना॥
जासु भवनु सुरतरु तर होई। सहि कि दरिद्र जनित दुखु सोई॥
ससिभूषन अस हृदयँ बिचारी। हरहु नाथ मम मति भ्रम भारी॥
प्रभु जे मुनि परमारथबादी। कहहिं राम कहुँ ब्रह्म अनादी॥
सेस सारदा बेद पुराना। सकल करहिं रघुपति गुन गाना॥
तुम्ह पुनि राम राम दिन राती। सादर जपहु अनँग आराती॥
रामु सो अवध नृपति सुत सोई। की अज अगुन अलखगति कोई॥
दो0-जौं नृप तनय त ब्रह्म किमि नारि बिरहँ मति भोरि।
देख चरित ��हिमा सुनत भ्रमति बुद्धि अति मोरि॥108॥
जौं अनीह ब्यापक बिभु कोऊ। कबहु बुझाइ नाथ मोहि सोऊ॥
अग्य जानि रिस उर जनि धरहू। जेहि बिधि मोह मिटै सोइ करहू॥
मै बन दीखि राम प्रभुताई। अति भय बिकल न तुम्हहि सुनाई॥
तदपि मलिन मन बोधु न आवा। सो फलु भली भाँति हम पावा॥
अजहूँ कछु संसउ मन मोरे। करहु कृपा बिनवउँ कर जोरें॥
प्रभु तब मोहि बहु भाँति प्रबोधा। नाथ सो समुझि करहु जनि क्रोधा॥
तब कर अस बिमोह अब नाहीं। रामकथा पर रुचि मन माहीं॥
कहहु पुनीत राम गुन गाथा। भुजगराज भूषन सुरनाथा॥
दो0-बंदउ पद धरि धरनि सिरु बिनय करउँ कर जोरि।
बरनहु रघुबर बिसद जसु श्रुति सिद्धांत निचोरि॥109॥
--end of ep 35
--page 109
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श्री कृष्ण की नगरी मथुरा हमारे देश में ही नही बल्कि दूर के देशो में भी प्रचलित है| मथुरा को भगवान् श्री कृष्ण का जन्म स्थान माना जाता है |मथुरा के बारे में कौन नही सुनना चाहता ,आप अक्सर कृष्ण की कहानियों का चित्रण करते हुए उन प्रतिष्ठित अमर चित्र कथा पुस्तकों को पढ़ते होंगे।
यह आपके घर के बुजुर्ग होंगे , जिन्होंने छोटे कृष्ण और उनके प्रिय नाटको के बारे में सोते समय कहानियाँ सुनाई थीं |मथुरा, उनकी जन्मभूमि हमारे जीवन चक्र के आसपास हमेशा जिवंत रहती है|
मथुरा एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत माना जाता है जो सैकड़ों और हजारों किंवदंतियों और मिथकों के माध्यम से पहचाना जाता है। इस तथ्य में कोई आश्चर्य नहीं, यह पूरे भारत में हिंदुओं द्वारा सात पवित्र शहरों में से एक के रूप में प्रचलित है। इस आधुनिक युग में भी, मथुरा का आकर्षण देश के सभी हिस्सों और उसके विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है।
एतिहासिक मंदिरों, धार्मिक संरचनाओं, ऐतिहासिक स्मारकों और शांत घाटों का एक आकर्षक स्थल मथुरा को एक असली सुंदरता देता है जो आपके नियमित पर्यटन स्थलों में मिलना मुश्किल है।
मथुरा में घूमने की प्रसिद्ध जगह श्री कृष्ण जन्मभूमि(Krishna janmbhumi in hindi)
मंदिर को भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि माना जाता है और इसे मथुरा का सबसे पवित्र स्थान माना गया है। यहां का विशेष आकर्षण भगवान कृष्ण की एक संगमरमर की प्रतिमा है, और यहाँ देवी-देवताओं की प्रतिमाये छोटे मंदिरों के रूप में हैं। दीपावली या होली जैसे प्रमुख त्योहारों में यहाँ बहुत ज्यादा संख्या में भक्तो की भीड़ यहाँ इकठ्ठा होती है ।
श्री कृष्णा के जन्मोत्सव का जश्न भगवान की जन्म के साथ मध्य रात्रि के दौरान शुरू होता है।मथुरा की यात्रा कभी भी श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर की यात्रा के बिना पूरी नही मानी जाती है, यहाँ एक ऐसा आकर्षण होता है जो पर्यटकों को मोहित करने में कभी विफल नहीं होता है।
आपको नाम से प्रतीत होता है कि, यह भगवान कृष्ण क�� जन्म का स्थान है। मथुरा में सबसे पवित्र स्थान के रूप में, मंदिर का निर्माण जेल की कोठरी के चारों ओर किया गया है, इसी स्थान पर माना जाता है कि देवकी ने लगभग 5000 साल पहले कृष्ण को जन्म दिया था।
जबकि मूल मंदिर का निर्माण भगवान कृष्ण के परपोते, राजा वज्र द्वारा कराया गया था, इतिहास के पाठ्यक्रम के अनुसार मंदिर को 17 बार नष्ट किया गया।आज के समय में , यह न केवल मथुरा में, बल्कि पूरे देश में सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है।
पर्यटक अगर होली या जन्माष्टमी के त्योहारों के दौरान मथुरा घूमने जाते हैं, तो यहाँ लाखों लोगों को आकर्षित करने वाले जीवंत समारोहों का हिस्सा बन सकते हैं। चाहे आप कृष्णा को मानते हो या न हों, इस पवित्र मंदिर में आए बिना शहर नहीं छोड़ना चाहिए।
स्थान: डेग गेट चौराहा के पास, जनम भूमि समय: शाम 5:00 बजे से 12:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से 09:30 बजे तक (ग्रीष्मकाल) प्रातः ५:३० से १२.०० बजे और अपराह्न ३:०० बजे से ९ :३० बजे तक (सर्दियो में )
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द्वारकाधीश मंदिर (dwarkadhish temple)
बांसुरी और मोर के पंख के बिना कृष्ण की एक मूर्ति द्वारकाधीश मंदिर में बनाई गयी है, बांसुरी और मोरपंख ये दो विशिष्ट विशेषताएं जिन्हें हम हमेशा उनके साथ जोड़ते हैं| मथुरा में द्वारकाधीश मंदिर में आप देख सकते हैं|
लगभग 200 साल पुराने हिंदू मंदिर को शहर के अन्य मंदिरों से अलग मानने की ख़ास बात यह है कि यहां भगवान कृष्ण की चमकदार काली संगमरमर की मूर्ति को उनकी मनपसंद बांसुरी और मोर पंख के बिना द्वारिकानाथ या द्वारका के राजा के रूप में बनाया गया है।इस मंदिर में उनके साथ उनकी पत्नी राधारानी हैं, जो सफेद संगमरमर से बनी हैं।
मथुरा के सबसे बड़े मंदिरों में से एक, यह मंदिर अपनी असाधारण वास्तुकला और सुंदर नक्काशी के लिए भी जाना जाता है। मंदिर का प्रवेश द्वार, जो स्थापत्य कला की राजस्थानी शैली में निर्मित किया गया है, भव्य रूप से नक्काशीदार स्तंभों के साथ एक खुला प्रांगण बनाया गया है।
मंदिर में जाने का सबसे अच्छा समय जुलाई के दौरान होता है जो हर साल मानसून की शुरुआत ��ें मनाया जाता है।इस विशेष उत्सव के दौरान, इस मूर्ति को एक सुंदर रूप से सजाए गए चांदी के झूले पर रखा जाता है, और पूरे मंदिर को रंगों और फूलो से सजाया जाता है। यह वास्तव में सम्मोहित करने वाला द्रश्य होता है, लेकिनहमेशा याद रखें, इस विशेष आयोजन पर मंदिर में काफी ज्यादा मात्रा में भीड़ उपस्थित होती हैं।
स्थान: राजा धीरज बाजार रोड समय: सुबह 6:30 से 10:30 और शाम 4.00 बजे से 7:00 बजे (ग्रीष्मकाल) सुबह 6:30 से 10:30 और शाम 3:30 से 7:00 बजे (सर्दियाँ)
जरूरी सूचना
दोस्तों अगर आप मथुरा की यात्रा पर है तो आप हमारी वेबसाइट के माध्यम से होटल बुकिंग और फ्लाइट बुकिंग कर सकते हैं यहां पर आपको travelpayout के माध्यम से बिग डिस्काउंट और सभी टिकट बुकिंग कंपनियों के रेट एक ही प्लेटफार्म के माध्यम से दिखाई देते हैं जिससे आप आसानी से सस्ते टिकट और रूम बुक कर सकते हैं हमारी वेबसाइट के साइड में और पोस्ट के नीचे आपको हमारीtravelpayout का डिस्प्ले शो हो रहा उस पर जाकर आप अपनी क्वेरी सर्च कर सकते हैं।
कुसुम सरोवर (kusum sarovar)
ये वो सरोवर है जाहा राधा जी और श्री कृष्णा की रास लीला की सुरुआत हुई है जहाँ राधा फूल लेने और अपने प्यारे कृष्ण से मिलने जाती थी|कृष्ण प्रेमी सरोवर की यात्रा जरुर करते है , इस सरोवर का एक और प्रमुख आकर्षण जो पर्यटकों के बीच मथुरा की ��ोकप्रियता को बढ़ाता है।
यह विशाल सरोवर 450 फीट लंबा और लगभग 60 फीट गहरा है। भरतपुर के शासकों की कब्रों को घेरने वाले कदंब के पेड़ और खूबसूरती से उकेरे गए यहाँ के पत्थर अपनी प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। मथुरा के इस लोकप्रिय स्थान पर अपनी यात्रा के दौरान अपना कैमरा ले जाना नही भूलना चाहिये |
स्थान: राधा कुंड समय: सभी दिन के माध्यम से
कंस किला (kans Qila)
कंस किला वो किला है जो हिंदू और इस्लामी स्थापत्य शैली की सुंदरता और कालातीतता की सजीव नमूना है। हालांकि इस किले का एकमात्र महत्वपूर्ण पहलू यही है। कथनों के अनुसार, यह कभी मथुरा के अत्याचारी राजा कंस का घर था।
यमुना नदी के तट पर स्थित ये प्राचीन किला अब आज अपनी सबसे अच्छी स्थिति में नहीं है। परन्तु फिर भी , यह शहर में आने वाले पर्यटकों के लिए एक बहुत बड़ा आकर्षण है। कहा जाता है कि इस प्राचीन किले में एक बार वेधशाला रखी गई थी, लेकिन अब इसका कोई संकेत नहीं मिलता है।
हालांकि, इसकी किलेबंद दीवारें और विशाल संरचना इस��� आपके पर्यटन के लायक बनाती हैं।
स्थान: रतनकुंड समय: सुबह 8:00 से शाम 4:30 तक
नन्द भवन (nand bhavan)
श्री कृष्ण का जन्म तो मथुरा में हुआ था, परन्तु उन्होंने अपना बचपन अपने पालक माता-पिता, यशोदा और नंद राय के घर गोकुल में बिताया। गोकुल को कई सुंदर संरचनाओं और स्थानों के साथ बनाया गया है जहाँ आप कृष्ण के बचपन की झलक देख सकते हैं।
नन्द भवन गोकुल में घूमने के लिए प्रमुख स्थानों में से एक है| नंद भवन के बारे में कहा जाता है है कि एक विशाल हवेली है जहाँ कृष्ण और उनके भाई बलराम पले बढ़े थे। एक पहाड़ी पर स्थित विशाल भवन ,यह आसपास के क्षेत्रों का एक अद्भुत दृश्य प्रदान करता है|
इस प्रकार, यहा आप फोटोग्राफी का भी आनंद ले सकते है। वर्तमान में , आप उस स्थान पर जा सकते हैं जहाँ बालकृष्ण ने अपने साथियों के साथ बहुत पहले खेला होगा और यशोदा ने उन्हें उनकी पसंद का मक्खन खिलाया होगा।
स्थान: महाबन बांगर, गोकुल समय: शाम 5:00 बजे से 12:00 बजे और दोपहर 2:00 बजे से रात 9:00 बजे तक (ग्रीष्मकाल) सुबह 6:00 से 12:00 और दोपहर 2:00 से 8:30 बजे (सर्दियाँ)
प्रेम मंदिर (prem mandir)
प्रेम मंदिर मथुरा में हाल ही में बने श्रेष्ठ मंदिरों में गिना जाता है। प्रेम मंदिर 54 एकड़ की विशाल भूमि पर स्थित, सन 2012 में जनता के लिए खोला गया था। लेकिन, इस मंदिर की खूबसूरती एसी है कि इस थोड़े समय के भीतर ही , यह मथुरा की सैर करने वाले पर्यटकों के लिए सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक बन गया है|
इस मंदिर में राधा कृष्ण और राम सीता की पूजा की जाती है। लालित्य और स्थापत्य भव्यता का एक उत्कृष्ट उदाहरण इस मंदिर में देखने को मिलता है| इस विशाल मंदिर को भगवान के प्रेम के मंदिर के रूप में भी जाना जाता है।
इटली के सफेद संगमरमर से बनाया हुआ, 125 फीट ऊंचा मंदिर भगवान कृष्ण की विस्तृत नक्काशी और मूर्तियों से सुशोभित है जो कृष्णा जीवन से विभिन्न रोचक घटनाओं को दर्शाते हैं।
रात के समय इस मंदिर की यात्रा अधिक मनोरम मानी जाती है ,और यहा रंगीन रोशनी से जगमगाते हुए इसके शानदार नजारे को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। मंदिर में हर शाम होने वाले म्यूजिकल फाउंटेन शो का भी आनंद ले सकते हैं।
स्थान: रमन रीति समय: मंदिर: सुबह ५:०० बजे से १२:०० बजे और शाम ४:३० से to:३० बजे तक म्यूजिकल फाउंटेन: शाम 7:00 बजे (सर्दियां) और शाम 7:30 बजे (ग्रीष्मकाल)
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गोरखपुर के प्रमुख घुमने वाली जगहे
कृष्णा बलराम मंदिर(krishna balram mandir)
वृंदावन में कृष्ण बलराम मंदिर भगवान कृष्ण के भक्तों के बीच एक विशेष महत्व रखता है|यह मंदिर इस्कॉन (कृष्ण चेतना के लिए इंटरनेशनल सोसायटी) द्वारा प्रशासित है| कृष्णा बलराम मंदिर पर्यटकों के लिए, प्रभावशाली मंदिर आश्चर्यजनक वास्तुकला और असली सुंदरता का एक उदाहरण माना गया है। मंदिर के प्रमुख देवता कृष्ण बलराम, राधा स्यामसुंदरा और गौरा निताई हैं। मंदिर का मुख्य आकर्षण यह है कि यहा 24 घंटे कीर्तन की मधुर संगीत बजता रहता है।
स्थान: रमन रीति समय: 4:10 बजे से 8:45 बजे (ग्रीष्मकाल) 4:10 बजे से रात 8:15 बजे तक (सर्दियां)
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पूर्व इंडियन प्रीमियर लीग के सीओओ सुंदर रमन ने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए सलाहकार नामित किया
पूर्व इंडियन प्रीमियर लीग के सीओओ सुंदर रमन ने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए सलाहकार नामित किया
सूत्रों ने कहा कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) केएस विश्वनाथन क्रिकेट के मोर्चे पर प्रमुख होंगे। पूर्व इंडियन प्रीमियर लीग के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) सुंदर रमन को तीन बार के चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स द्वारा अगले महीने की शुरुआत में 2021 आईपीएल से पहले सलाहकार के रूप में चुना गया है। रविवार को सीएसके सूत्रों ने कहा कि सुंदर रमन आईपीएल फ्रेंचाइजी की वाणिज्यिक और विपणन रणनीतियों की देखभाल…
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ग्लेन मैक्सवेल पोस्ट जन्मदिन की शुभकामनाएं "कमाल" मंगेतर | क्रिकेट खबर
ग्लेन मैक्सवेल पोस्ट जन्मदिन की शुभकामनाएं “कमाल” मंगेतर | क्रिकेट खबर
ग्लेन मैक्सवेल ने अपनी मंगेतर विनी रमन के साथ अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में एक तस्वीर पोस्ट की।© इंस्टाग्राम ग्लेन मैक्सवेल ने बुधवार को अपने जन्मदिन की शुभकामना देने के लिए अपने भारतीय मूल के मंगेतर के साथ एक सुंदर तस्वीर साझा करने के लिए इंस्टाग्राम पर लिया। ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ने अपनी मंगेतर विनी रमन के साथ अपनी इंस्टाग्राम कहानी में एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा “हैप्पी बर्थडे टू माय अमेजिंग…
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विधानसभा अध्यक्ष ने की गढ़ी क्षेत्र में 100 स्ट्रीट लाइट लगाने की घोषणा, क्षेत्रवासियों ने जताया आभार
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विधानसभा अध्यक्ष ने की गढ़ी क्षेत्र में 100 स्ट्रीट लाइट लगाने की घोषणा, क्षेत्रवासियों ने जताया आभार
ऋषिकेश 4 दिसम्बर 2020, ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गढ़ी क्षेत्र में आज उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने एक कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र में 100स्ट्रीट लाइट लगवाने की घोषणा की। इस अवसर पर क्षेत्रवासियों द्वारा क्षेत्र में हो रहे विभिन्न विकास कार्यों के लिए विधानसभा अध्यक्ष का आभार भी व्यक्त किया गया।विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह ईमानदारी से समान रूप से हर क्षेत्र का विकास कार्य कर रहे हैं और अंतिम छोर के अंतिम व्यक्ति के विकास के लिए संकल्पित हैं। इस दौरान अग्रवाल ने स्थानीय लोगों की समस्याओं को भी सुना। साथ ही उनका समाधान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जो भी मांगें हैं, उन्हें वह पूरा कर रहे हैं।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जनकल्याण को सर्वोपरि मानते हुए अभूतपूर्व कार्यों के माध्यम से विकास के नए प्रतिमान स्थापित किए गए हैं। आधारभूत विकास के साथ जन कल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ पात्र व्यक्ति को सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार सभी वर्गों के कल्याण को संकल्पित है। इसके तहत आवास योजनाएं, उज्जवला योजना, सौभाग्य योजना, स्वच्छ भारत मिशन, अटल स्वास्थ्य बीमा योजना समेत विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जन-जन को लाभान्वित किया जा रहा है।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य रीना रांग���़, क्षेत्र पंचायत सदस्य बॉबी रांगड़, समाजसेवी रमन रांगड़, प्रताप सिंह पोखरियाल, स्वरूप सिंह पोखरियाल, मंगल सिंह रावत, गौरव कंडियाल, राजपाल पवार, गौतम राणा, आदित्य राणा, सुंदर रावत, शुभम बिष्ट सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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1. अपने दौर के सुपर स्टार विनोद खन्ना के बेटे अक्षय, फिल्म इंडस्ट्री और जिंदगी को लेकर एक अलग ही सोच रखते हैं। नेपोटिज्म जैसे मामलों पर भी स्पष्ट रूख है उनका। पढ़िए, अलहदा अक्षय से जुड़ी की खास बातें।
अलहदा अक्षय खन्नाः फिल्म वाले नेपोटिज़्म को बढ़ावा दे ही नहीं सकते, क्योंकि दर्शक उन्हें नकारने को आज़ाद हैं
2. ध्यान रमाने के लिए तन्यमता और मौन आवश्यक है, किंतु उत्फुल्ल चित्त भी तो ध्यानस्थ हो सकता है, प्रसन्न रहकर भी सहज-समाधि पाई जा सकती है। पढ़िए, ओशो के प्रवचन का ये अंश भी हंसते-खेलते ध्यान रमाने की ही बात करता है।
अतीत के विचार और भविष्य की योजनाओं को छोड़, वर्तमान में जीएं मौज से
3. उत्तराखंड के ज्योतिर्लिंग केदारनाथ की अपनी महिमा है, अपना महत्व है। पढ़िए, भगवान शिव की कथाओं और केदार के महत्व पर डॉ. विवेक चौरसिया का लेख।
भगवान शिव की अलौकिक कथाएं और हिमालय के इतिहास को दर्शाता है केदारनाथ
4. बाल दिवस आने वाला है। बच्चों के लिए ख़ास दिन। बचपन का उत्सव। इस उत्सव की शक्ल अब बहुत बदल चुकी है। पढ़िए, बचपन पर रचना समंदर का आलेख।
इंसानी जीवन का सबसे सुन्दर पड़ाव है बचपन, जिसे दर्शाती हैं ये कविताएं
5. अभिनेता अक्षय खन्ना अंतर्मुखी नहीं हैं, लेकिन लोगों से खुलते कम ही हैं। इंटरव्यू में कई सवालों को वो मुस्कुराकर टाल भी गए। पढ़िए, अक्षय से सवाल-जवाब के इस सिलसिले को...
अक्षय खन्ना से सवाल-जवाब, जब कोई रचनात्मक व्यक्ति काम नहीं कर रहा होता, तब वो और अधिक व्यस्त होता है
6. हंसना आप में ऊर्जा का संचार तो करेगा ही, खुशियों का आलोक भी फैलाएगा। इसी धवल आलोक में छिपा है प्रसन्नता का वरदान। हंसना कितना जरूरी है, जानिए डॉ. रमन कुमार के इस लेख से...
हंसने से दिल, दिमाग और ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों से रहेंगे दूर
7. कोरोना वायरस बीमारी फैलाने वाले विषाणुओं के परिवार का बिलकुल नया अवतार है। इससे जुड़ी रिसर्च रोज कुछ नए तथ्य ला रही है, इसी से जुड़ा डॉ. नीलकमल कपूर का लेख ये समझने में मदद करता है कि रिसर्च होती कैसे है...
कोविड-19 पर चल रही रिसर्च को लेकर क्या कहना है शोधकर्ताओं का
8. दंतपंक्ति सुंदर हो तो मुस्कान भी काव्यभाषा में दंतुरित कहलाती है। जाड़ों में दांद किटकिटाने को दंतवीणा का वादन भी कहा गया है। पढ़िए, दांतों पर कैलाश मण्डलेकर का व्यंग्य आपको गुदगुदाएगा...
दांतों के मुहावरे, परेशानी और कई किस्सों को बयां करता है ये व्यंग्य
9. जिंदगी और प्रकृति के अलग-अलग रूप दिखाती कविता और गजलें। पढ़िए, कुछ चुनिंदा रचनाएं।
आंखों में टूटा एक तारा, चिड़िया शरारती जैसी यह है कवि की बेहतरीन रचनाएँ
10. पायथागोरस की प्रमेय गणित के विद्यार्थियों की नाक में दम कर देती है। लेकिन आपको आश्चर्य होगा कि पायथागोरस को भी एक चीज़ से डर लग��ा था, वह थी फलियां यानी बीन्स। पढ़िए, ऐसी ही कुछ रोचक बातें...
दुनिया की ऐसी घटनाएं जिन्हे जान कर आप भी रह जाएंगे आश्चर्यचकित
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बारिश के बाद विदेशी खिलाड़ियों के साथ आईपीएल हो सकता है, 14 दिन का क्वारैंटाइन बड़ी समस्या रहेगी: बीसीसीआई सीईओ
बारिश के बाद विदेशी खिलाड़ियों के साथ आईपीएल हो सकता है, 14 दिन का क्वारैंटाइन बड़ी समस्या रहेगी: बीसीसीआई सीईओ
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आईपीएल के पूर्व मुख्य कार्यकारी सुंदर रमन ने कहा- यदि टूर्नामेंट रद्द हुआ, तो वैश्विक क्रिकेट नुकसान बर्दाश्त नहीं कर पाएगा
कोरोनावायरस और लॉकडाउन के कारण 29 मार्च से होने वाले आईपीएल को बीसीसीआई ने अनिश्चितकाल के लिए टाला
दैनिक भास्कर
May 21, 2020, 12:05 PM IST
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को इस साल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) होने की उम्मीद है। बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी…
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#CEO#ForeignPlayers Quarantine Cricket BCCI#IPL Schedule in October November with Foreign Players Quarantine Cricket BCCI CEO Rahul Johri News Updates - क्रिकेट न्य���ज़#Rahul Johri News Updates#क्रिकेट समाचार
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#अक्टूबर नवंबर में विदेशी खिलाड़ियों संग क्रिकेट क्रिकेट बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी न्यूज़#क्रिकेट की दुनिया#फॉरेनपेलर्स क्वारंटाइन क्रिकेट बीसीसीआई#राहुल जौहरी न्यूज़ अपडेट#सी ई ओ
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तेजस, आत्मनिर्भर भारत, बच्चों की परीक्षाएं सहित इन मुद्दों पर पीएम मोदी ने की 'मन की बात', पढ़िए 10 बड़ी बातें Divya Sandesh
#Divyasandesh
तेजस, आत्मनिर्भर भारत, बच्चों की परीक्षाएं सहित इन मुद्दों पर पीएम मोदी ने की 'मन की बात', पढ़िए 10 बड़ी बातें
नई दिल्ली PM Modi Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने हरिद्वार कुंभ, बच्चों की परीक्षाएं, सफल खेती, पानी का बचाव, संत रविदास जयंती और विज्ञान दिवस सहित तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी। इस दौरान पीएम मोदी ने उन तमाम लोगों का जिक्र किया जिन्होंने साज के लिए कुछ बेहतर काम किया।
पीएम मोदी के मन की बात के कार्यक्रम
1- हम अपने सपनों के लिए किसी दूसरे पर निर्भर रहें, ये बिलकुल ठीक नहीं है। जो जैसा है वो वैसा चलता रहे, रविदास जी कभी भी इसके पक्ष में नहीं थे। आज हम देखते हैं कि देश का युवा भी इस सोच के पक्ष में बिलकुल नहीं है।
2- आज ‘National Science Day’ भी है। आज का दिन भारत के महान वैज्ञानिक, डॉक्टर सी.वी. रमन जी द्वारा की गई ‘Raman Effect’ खोज को समर्पित है। केरल से योगेश्वरन जी ने नमो ऐप पर लिखा है कि रमन प्रभाव ( Raman Effect) की खोज ने पूरी विज्ञान की दिशा को बदल दिया था।
3- इस कोरोना के समय में मैंने कुछ समय निकालकर exam warrior book में भी कई नए मंत्र जोड़ दिए हैं। इन मंत्रों से जुड़ी ढेर सारी इंट्रेस्टिंग एक्टीविटीज NarendraModi App पर दी हुई है जो आपके अंदर के exam warrior केा ignite करने में मदद करेंगी।
4- आने वाले कुछ महीने आप सब के जीवन में विशेष महत्व रखते हैं। अधिकतर युवा साथियों की परीक्षाएं होंगी। आप सबको warrior बनना है worrier नहीं। हंसते हुए परीक्षा देने जाना है और मुस्कुराते हुए लौटना है।
5- कुछ दिन पहले हैदराबाद की अपर्णा रेड्डी जी ने मुझसे ऐसा ही एक सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि आप इतने साल से पी.एम. हैं, इतने साल सी.एम. रहे, क्या आपको कभी लगता है कि कुछ कमी रह गई। अपर्णा जी का सवाल बहुत सहज है लेकिन उतना ही मुश्किल भी। मैंने इस सवाल पर विचार किया और खुद से कहा मेरी एक कमी ये रही कि मैं दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा – तमिल सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया, मैं तमिल नहीं सीख पाया। यह एक ��सी सुंदर भाषा है, जो दुनिया भर में लोकप्रिय है।
6- आप हमारे मंदिरों को देखेंगे तो पाएंगे कि हर मंदिर के पास तालाब होता है। हजो में हयाग्रीव मधेब मंदिर, सोनितपुर के नागशंकर मंदिर और गुवाहाटी में उग्रतारा मंदिर के पास इस प्रकार के तालाब हैं। इनका उपयोग विलुप्त होते कछुओं की प्रजातियों को बचाने के लिए किया जा रहा है।
7- आत्म निर्भर भारत की पहली शर्त होती है- अपने देश की चीजों पर गर्व होना, अपने देश के लोगों द्वारा बनाई वस्तुओं पर गर्व होना। जब प्रत्येक देशवासी गर्व करता है, प्रत्येक देशवासी जुड़ता है, तो आत्मनिर्भर भारत सिर्फ एक आर्थिक अभियान न रहकर एक National spirit बन जाता है।
8- जब आसमान में हम अपने देश में बने Fighter Plane Tejas को कलाबाजिंयां खाते देखते हैं, तब भारत में बने टैंक, मिसाइलें हमारा गौरव बढ़ाते हैं।
9- जब हम दर्जनों देशों तक मेड इन इंडिया वैक्सीन को पहुंचाते हुए देखते हैं तो हमारा माथा और ऊंचा हो जाता है।
10- संत रविदास जी ने समाज में व्याप्त विकृतियों पर हमेशा खुलकर अपनी बात कही। उन्होंने इन विकृतियों को समाज के सामने रखा। उसे सुधारने की राह दिखाई। तभी तो मीरा जी ने कहा था- “गुरु मिलिया रैदास, दीन्हीं ज्ञान की गुटकी।”रविदास जी कहते थें-
करम बंधन में बन्ध रहियो, फल की ना तज्जियो आस। कर्म मानुष का धम्र है, सत् भाखै रविदास।।
अर्थात हमें निरंतर अपना कर्म करते रहना चाहिए, फिर फल तो मिलेगा ही मिलेगा, कर्म से सिद्धि तो होती ही होती है।
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