#सीताफल
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सीताफल को इंग्लिश में क्या कहते है? यदि आपको सीताफल के अंग्रेजी नाम के बारे में जानना है, तो इस लेख में आपको उत्तर मिलेगा।
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महाविद्यालय के 66 वे स्थापना दिवस पर ‘विद्या वन’ की स्थापना
इटारसी। शासकीय एमजीएम स्नातकोत्तर महाविद्यालय इटारसी में आज महाविद्यालय के स्थापना दिवस पर ‘विद्या वन’ की स्थापना की गई एवं ‘एक पेड़ मां के नाम अभियान’ के अंतर्गत पौधारोपण, वाणिज्य संकाय भवन एवं महाविद्यालय परिसर में किया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ राकेश मेहता एवं जनभागीदारी समिति अध्यक्ष डॉ नीरज जैन ने सीताफल, अशोक पौधे का रोपण कर फोटो अंकुर ऐप पर अपलोड किया। कार्यक्रम में विभिन्न प्रजातियों के…
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"एक कोशिश धरती मां को बचाने की", पर्यावरण के लिए अनूठी पहल 3 युवा कर रहे अपनी जेब से निशुल्क पौधों का वितरण
बीकानेर 5 जुलाई। बीकानेर के समता नगर में एक अनूठी पहल देखने को मिली जहां पर प्रकृति को बचाने के लिए 3 दोस्तों (शुभम, कुनाल, सृजन ) ने बगैर किसी के सहयोग से निशुल्क पौधों का वितरण कर रहे है । इन पौधों में छायादार, फलदार, फूल वाले जैसे मीठा नीम, हारसिंगर, कृष्ण श्यामल, बकाइन, करंज, खेजड़ी नीम, शीशम, अमरूद , जामुन, नींबू , शहसूत, अनार , अंजीर सीताफल, साहजन और कनेर आदि शामिल है। पर्यावरण प्रेमी कुनाल…
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पुणे में किडनी फेल्योर का इल��ज - स्वानंद किडनी क्लिनिक
स्वानंद किडनी क्लिनिक किडनी की कार्यप्रणाली में सुधार, लक्षणों का प्रबंधन और जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ���ाने के लिए किडनी की विफलता वाले व्यक्तियों के लिए सहायक उपचार प्रदान करता है। गुर्दे की विफलता, जिसे अंतिम चरण की गुर्दे की बीमारी (ईएसआरडी) के रूप में भी जाना जाता है, एक जीवन-घातक स्थिति है जिसके लिए तत्काल चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
10 संकेत जो बताते हैं कि आपकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही है:
1. बार-बार पेशाब आना
2. पेशाब में खून आना
3. पेट या बाजू में दर्द
4. पैरों, टखनों या हाथों में सूजन
5. थकान और कमजोरी
6. मतली और उल्टी
7. भूख में बदलाव
8. खुजली या खुजली
9. खांसी या सांस लेने में कठिनाई
10. वजन घटना
प्राकृतिक उपचार के विकल्प:
स्वानंद किडनी क्लिनिक में, हम मरीजों को उनकी किडनी की विफलता का प्रबंधन करने में मदद करने के लिए प्राकृतिक उपचार विकल्प प्रदान करने में विश्वास करते हैं और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर व्यक्तिगत उपचार योजनाएं विकसित करने के लिए मरीजों के साथ मिलकर काम करते हैं जिनमें प्राकृतिक उपचार और जीवनशैली में बदलाव शामिल होते हैं।
आयुर्वेदिक उपचार:
आयुर्वेदिक चिकित्सा उपचार की एक प्राचीन प्रणाली है जो समग्र स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक उपचार और जीवनशैली में बदलाव पर जोर देती है। स्वानंद किडनी क्लिनिक में, हम किडनी फेल्योर के लिए आयुर्वेदिक उपचार प्रदान करते हैं, जिसमें शामिल हैं:
हर्बल उपचार: हम सूजन को कम करने और किडनी के कार्य को बेहतर बनाने में मदद के लिए हल्दी, अदरक और सीताफल जैसी जड़ी-बूटियों सहित कई हर्बल उपचारों का उपयोग करते हैं।
आहार परिवर्तन: हमारी आयुर्वेदिक उपचार योजना में आहार परिवर्तन शामिल हैं जो किडनी पर बोझ को कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
योग और ध्यान: हम तनाव को कम करने और विश्राम को बढ़ावा देने में मदद के लिए योग और ध्यान की सलाह देते हैं।
स्टेम सेल उपचार:
स्टेम सेल उपचार एक प्राकृतिक और गैर-आक्रामक उपचार विकल्प है जिसमें किडनी की मरम्मत और पुनर्जनन को बढ़ावा देने के लिए स्टेम सेल का उपयोग शामिल है। स्वानंद किडनी क्लिनिक में, हम किडनी की विफलता के लिए स्टेम सेल उपचार प्रदान करते हैं, जिसमें शामिल हैं:
ऑटोलॉगस स्टेम सेल थेरेपी: हम किडनी की मरम्मत और पुनर्जनन को बढ़ावा देने के लिए ऑटोलॉगस स्टेम सेल का उपयोग करते हैं, जो रोगी के स्वयं के शरीर से प्राप्त होते हैं।
स्टेम सेल इन्फ्यूजन: हमारे स्टेम सेल इन्फ्यूजन उपचार में किडनी की मरम्मत और पुनर्जनन को बढ़ावा देने के लिए रोगी के रक्तप्रवाह में स्टेम कोशिकाओं को शामिल करना शामिल है।
स्वानंद किडनी क्लिनिक में, हम किडनी की विफलता के लिए समय पर और प्रभावी उपचार के महत्व को समझते हैं। पुणे में किडनी विफलता के इलाज के अग्रणी प्रदाता के रूप में, स्वानंद किडनी क्लिनिक रोगियों को उनकी स्थिति का प्रबंधन करने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करने के लिए प्रति��द्ध है। नेफ्रोलॉजिस्ट की हमारी अनुभवी टीम डायलिसिस, किडनी प्रत्यारोपण और रूढ़िवादी प्रबंधन सहित उपचार के कई विकल्प प्रदान करती है।
#Best Kidney Specialist In Bhosari#Best Nephrologist in Bhosari#Kidney Stone Treatment In Bhosari#Kidney Failure Treatment In Pune
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🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
⛅ दिनांक - ३० अक्टूबर २०२३
⛅ दिन - सोमवार
⛅ विक्रम संवत् - २०८० (गुजरात २०७९)
⛅ शक संवत् - १९४५
⛅ अयन - रविदक्षिणायने (दक्षिणगोले)
⛅ ऋतु - हेमन्त ऋतु
⛅ मास - कार्तिक मास
⛅ पक्ष - कृष्ण पक्ष
⛅ तिथि - द्वितीया २२/२२ तक
तत्पश्चात तृतीया
⛅ नक्षत्र - कृतिका २८/०० तक
तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग - व्यतिपात १७/३२ तक
तत्पश्चात वरियान
⛅ राहुकाल - ७/३० से ९/०० तक
⛅ सूर्योदय - ०६/३६
⛅ सूर्यास्त - १७/३४
🌤️ दिनमान- २७/२५
🌘 रात्रिमान- ३२/३५
👉 *चन्दमा १०/३१, उफायां शुक्र: २५/०५, रेवती ४ मीन में राहु:, चित्रा में केतु: १४/२०, गुरु रामदास जयन्ती, स.सि.योग २८/०० से ।*
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
व्यतिपात योग
⛅ *विशेष-* द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है ।
*(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः २७.२९-३८)*
✳️ *~ वैदिक पंचांग ~* ✳️
🌷 *व्यतिपात योग*🌷
👉 सम�� अवधि : २९ अक्टूबर रात्रि ७/५९ से ३० अक्टूबर शाम ५/३२ तक।
👉 व्यतिपात योग में किया हुआ जप, तप, मौन, दान व ध्यान का फल १ लाख गुना होता है । *वराह पुराण*
🌷 *कार्तिक मास की महिमा एवं नियम पालन*
👉 कार्तिक मास व्रत : २८ अक्टूबर से २७ नवम्बर २०२३।
🌷 *कार्तिक मास में वर्जित*
👉 ब्रह्माजी ने नारद जी को कहा:- कार्तिक मास में चावल, दालें, गाजर, बैंगन, लौकी और बासी अन्न नहीं खाना चाहिए । जिन फलों में बहुत सारे बीज (जैसे - अमरूद, सीताफल) हों उनका भी त्याग करना चाहिए और संसार – व्यवहार न करें ।
👉 कार्तिक मास में विशेष पुण्यदायी प्रात: स्नान, दान, जप, व्रत, मौन, देव – दर्शन, गुरु – दर्शन, पूजन का अमिट पुण्य होता है । सवेरे तुलसी का दर्शन भी समस्त पाप नाशक है । भूमि पर शयन, ब्रह्मचर्य का पालन, दीपदान, तुलसी वन अथवा तुलसी के पौधे लगाना हितकारी है ।
👉 भगवदगीता का पाठ करना तथा उसके अर्थ में अपने मन को लगाना चाहिए । ब्रह्माजी नारद जी को कहते हैं कि ‘ऐसे व्यक्ति के पुण्यों का वर्णन महिनों तक भी नहीं किया जा सकता ।’
👉 श्रीविष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करना भी विशेष लाभदायी है । *ॐ नमो नारायणाय ।* इस महा मन्त्र का जो जितना अधिक जप करें, उसका उतना अधिक मंगल होता है । कम – से – कम १०८ बार तो जप करना ही चाहिए ।
👉 प्रात: उठकर करदर्शन करें । पुरुषार्थ से लक्ष्मी, यश, सफलता तो मिलती है पर परम पुरुषार्थ मेरे नारायण की प्राप्ति में सहायक हो’ – इस भावना से हाथ देखें तो कार्तिक मास में विशेष पुण्यदायी होता है ।
👉 सूर्योदय के पूर्व स्नान अवश्य करें।
👉 जो कार्तिक मास में सूर्योदय के बाद स्नान करता है वह अपने पुण्य क्षय करता है और जो सूर्योदय के पहले स्नान करता है वह अपने रोग और पापों को नष्ट करने वाला हो जाता है । पूरे कार्तिक मास के स्नान से पाप शमन होता है तथा प्रभु शवप्रीति और सुख – दुःख व अनुकूलता – प्रतिकूलता में सम रहने के सदगुण विकसित होते हैं ।
✳️ *~ वैदिक पंचांग ~* ✳️
🌷 *३दिन में पूरे कार्तिक मास के पुण्यों की प्राप्ति*
👉 कार्तिक मास के सभी दिन अगर कोई प्रात: स्नान नहीं कर पाये तो उसे कार्तिक मास के अंतिम ३ दिन – त्रयोदशी, चतुर्दशी और पूर्णिमा को 'ॐकार' का जप करते हुए सुबह सूर्योदय से तनिक पहले स्नान कर लेने से महिने भर के कार्तिक मास के स्नान के पुण्यों की प्राप्ति कही गयी है ।
👉 कार्तिक मास में दीपदान का महत्व ��ै।
👉 जो मनुष्य कार्तिक मास में संध्या के समय भगवान श्रीहरि के नाम से तिल के तेल का दीप जलाता है वह अतुल लक्ष्मी, रूप, सौभाग्य एवं संपत्ति को प्राप्त करता है ।
👉 तुलसी वन अथवा तुलसी के पौधे लगाना हितकारी है । तुलसी के पौधे को सुबह आधा-एक गिलास पानी देना सवा मासा (लगभग सवा ग्राम) स्वर्णदान करने का फल देता है ।
👉 भूमि पर अथवा तो गद्दा हटाकर कड़क तख्ते पर सादा कम्बल बिछाकर शयन, ब्रह्मचर्य का पालन – ये कार्तिक मास में करणीय नियम बताये गये हैं, जिससे जीवात्मा का उद्धार होता है ।।
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मुनाफ़े वाली मिर्च की खेती के लिए किन बातों का ध्यान रखना है ज़रूरी? जानिए किसान प्रेम पाल से
30 सालों से कर रहे मिर्च की खेती
मिर्च एक प्रमुख नगदी फसल है। मिर्च की खेती किसानों को लखपति बना सकती है, अगर वो सही तरीके से इसकी खेती करें।
मिर्च की खेती (Chilli Farming): मिर्च का इस्तेमाल सदियों से मसाले के रूप में किया जाता है। भारतीय घरों में तो मिर्चे के बिना काम ही नहीं चलता है। ये एक ऐसी फसल है, जिसकी मांग पूरे साल बनी रहती है, इसलिए मिर्च की खेती किसानों के लिए फ़ायदेमंद होती है।
भारत में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उड़ीसा, तामिलनाडू, बिहार, उत्तर प्रदेश और राज्यस्थान में बड़े पैमाने पर मिर्च की खेती की जाती है। वैसे तो मिर्च की खेती हल्की और भारी दोनों तरह की मिट्टी में की जा सकती है, मगर अच्छी जल निकासी वाली हल्की मिट्टी में उपज अधिक मिलती है। मिर्च की खेती से अधिक मुनाफ़े के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है इस बारे में किसान ऑफ़ इंडिया के संवाददाता सर्वेश बुंदेली ने बात की किसान प्रेम पाल से और जानी मिर्च की खेती से जुड़ी कुछ बहुत ज़रूरी बातें।
30 सालों से कर रहे मिर्च की खेती
करीब 30 साल पहले परिवार का खर्च चलाने के लिए खेती की शुरुआत करने वाले प्रेम पाल का कहना है कि उन्होंने मज़बूरी में मिर्च की खेती शुरू की थी, मगर इससे होने वाले मुनाफ़े को देखने के बाद उन्होंने इसे जारी रखा। 30 सालों से उनका खेती का सफर बदस्तूर जारी है। फिलहाल हो सीताफल, तोरी, घिया, मक्का, मेथी पालक जैसी सीज़नल सब्ज़ियों की भी खेती करते हैं। इन सबके साथ 2 बीघा ज़मीन पर मिर्च की खेती कर रहे हैं।
4 महीने में तैयार होती है पौध
मिर्च की खेती सीधे खेतों में बीज डालने की बजाय नर्सरी में इसकी पौध तैयार करके की जाती है, क्योंकि ये बहुत ही नाज़ुक होते हैं। प्रेम पाल बताते हैं कि नर्सरी से हमेशा बड़े पौध को खेत में लगाना चाहिए, क्योंकि छोटी पौध पानी में डूबकर मर सकते हैं।
आगे उन्होंने बताया कि पौध को तैयार होने में करीब 4 महीने का वक्त लगता है। इसके बाद पौधों को जब खेत में लगा दिया जाता है, उसके 2.5 महीने बाद उसमें फल आने लगते हैं, जो 6-7 महीने तक चलते हैं। वो कहते हैं कि जब फसल की तुड़ाई शुरू होती है, तो 5-6 दिनों में तुड़ाई करनी चाहिए और सिर्फ़ बड़ी मिर्च को ही तोड़ना चाहिए, छोटी को छोड़ देना चाहिए।
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Bhandare wali SITAFAL KI SABJI बनारसी कद्दू / कोहड़ा की सब्जी बनाना सीखें हलवाई वाले भईया से
कद्दू को आम बोलचाल की भाषा में पेठा या सीताफल भी बोला जाता है। कद्दू की सब्जी भंडारे में बहुत ही श्रद्धा भाव से परोसी जाती है। इसके अलावा कद्दू की सूखी सब्जी, तरी वाली सब्जी, पूरी, पराठा कचोरी के साथ बहुत ही अच्छी लगती है। कद्दू अपने आप में एक बहुत ही हेल्दी सब्जी है। आज हम आपके लिए भंडारे वाली कद्दू की सब्जी जो थोड़ी खट्टी और थोड़ी सी मीठी होती है उसकी रेसिपी लेकर आए हैं। शादी वाली पेठे की…
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Sitafal ki kheti | सीताफल की खेती | Custard apple farming | Sitafal ki k...#HTML
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अगर आप यह फल नहीं खा रहे हैं तो इसके फायदे जरूर जान लें
अगर आप यह फल नहीं खा रहे हैं तो इसके फायदे जरूर जान लें
कुछ फल ऐसे होते हैं जो लोगों को ज्यादा पसंद नहीं आते, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ये फल गुणों से भरपूर नहीं होते। आज हम आपको एक ऐसे ही फल के बारे में बता रहे हैं। शरीफा एक ऐसा फल है जो हल्की सर्दी में बाजार में आना शुरू हो जाता है। कई लोग इस फल को सीताफल भी कहते हैं। अंग्रेजी में इसे कस्टर्ड एप्पल कहते हैं। फायदों की बात करें तो यह फल विटामिन-सी, बी मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर होता…
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किसान ने सूखाग्रस्त क्षेत्र में लगाया सीताफल का बाग, अब हो रहा है लाखों का मुनाफा
किसान ने सूखाग्रस्त क्षेत्र में लगाया सीताफल का बाग, अब हो रहा है लाखों का मुनाफा
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रहने वाले किसान ने बड़�� कमाल किया है. उन्होंने सूखे क्षेत्र में सीताफल की खेती कर लाखों की रुपये की कमाई की हैं. अपने आधा एकड़ में सीताफल की खेती से किसान को अब 12 लाख रुपये का मुनाफा हो रहा है. सीताफल की खेती से किसान को हो रहा है फ़ायदा. Image Credit source: TV9 Digital औरंगाबाद के पैठण तालुका के कुछ इलाकों में किसान पिछले कई दिनों से कभी गीला सूखा तो कभी सूखे का…
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भूमिका चावला: मैं नायक के बगल में खड़े होकर कुछ नहीं करना चाहती
भूमिका चावला: मैं नायक के बगल में खड़े होकर कुछ नहीं करना चाहती
अभिनेत्री भूमििका चावला जल्द ही फिल्मों के एक समूह में दिखाई देंगी, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी उम्र की महिलाओं के लिए पर्याप्त रोचक भूमिकाएं नहीं लिखी गई हैं एक संयम और शांति थी जिसके साथ भौमिका चावला कुछ साल पहले तेलुगु और तमिल सिनेमा में सबसे अधिक मांग वाली अग्रणी महिलाओं में से एक थीं। ज्वार बदल गया हो सकता है और वह अब कम फिल्में कर रह�� हो, लेकिन शांत मनोभाव तब भी बरकरार है, जब वह…
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*"एक कोशिश धरती मां को बचाने की", पर्यावरण के लिए अनूठी पहल 3 युवा कर रहे अपनी जेब से निशुल्क पौधों का वितरण*
तीन दोस्तों का अनूठा पर्यावरण प्यार…. बीकानेर 5 जुलाई। बीकानेर के समता नगर में एक अनूठी पहल देखने को मिली जहां पर प्रकृति को बचाने के लिए 3 दोस्तों (शुभम, कुनाल, सृजन ) ने बगैर किसी के सहयोग से निशुल्क पौधों का वितरण कर रहे है । इन पौधों में छायादार, फलदार, फूल वाले जैसे मीठा नीम, हारसिंगर, कृष्ण श्यामल, बकाइन, करंज, खेजड़ी नीम, शीशम, अमरूद , जामुन, नींबू , शहसूत, अनार , अंजीर सीताफल, साहजन और…
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अगर इस तरीके से बनाएगें कद्दू की सब्जी तो सब उगलियाँ चाटते रह जायेगे |Pumpkin Recipe |Kaddu ki sabzi kaddu ki sabzi kaise banaye,sitafal ki sabzi kaise banaye,sabziyan kaise banaye,indian cuisine,indian food,indian khana,indian dish,south indian food,south indian khana,south indian cuisine,punjabi khana,punjabi food,mughlai food,indian mughlai food,indian mughlai cuisine,indian mughlai khana,famous indian food,famous indian cuisine,indian non veg food,non veg food,non veg food recipe,galouti kabab,tunday kai kabab,lucknow galouti kabab,lucknow kai kabab,lucknow famous kabab,lucknow food,lucknow ka khana,lucknowi khanaSHOW LESS
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कृषि पहेली ✅ 👉 यह कौन सा फल है? 👇
अमरूद
सीताफल
आम
अन्नानास अपना उत्तर कमेंट बॉक्स में लिखे ?
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सीताफल का ऐसे करें सेवन, वापस आ जाएंगे आपके बाल
सीताफल का ऐसे करें सेवन, वापस आ जाएंगे आपके बाल #Hair prevention
सीताफल खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, उससे स्वास्थ्य लाभ भी होता है। सीताफल एक पित्त, पौष्टिक, टॉनिक, टॉनिक, एंटी-पेट फूलना और हृदय के लिए फायदेमंद है। आज हम आपको सीताफल के कुछ स्वास्थ्य लाभ बताएंगे। 1) सीताफल में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर और कई अन्य पोषक तत्व होते हैं। यह हमारे शरीर को ताकत देता है। 2) कोई भी काले, घने बाल पसंद करता है। लेकिन आज की तेज भागती जिंदगी में हम बालों के स्वास्थ्य…
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