#सिविल सर्जन
Explore tagged Tumblr posts
Text
मोतिहारी : डॉ राधाकृष्णन सभागार में जनता दरबार का किया गया आयोजन, 113 आवेदन प्राप्त
मोतिहारी : डॉ राधाकृष्णन सभागार में जनता दरबार का किया गया आयोजन, 113 आवेदन प्राप्त
मोतिहारी, रंजय कुमार : डॉ राधाकृष्णन सभागार में शुक्रवार को जनता दरबार का आयोजन किया गया। अध्यक्षता जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने की। जनता दरबार में आए फरियादियों द्वारा 113 आवेदन प्राप्त हुए। पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला हेल्पलाइन, आंगनबाड़ी, राजस्व शाखा, अतिक्रमण, भूमि विवाद, विद्युत, पेंशन आदि विभागों से संबंधित आवेदन प्राप्त हुए। डीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि…
View On WordPress
0 notes
Link
सरकारी डॉक्टरों का ट्रांसफर स्वास्थ्य विभाग में दर्जन भर से ज्यादा डॉक्टर का किया तबादला,GPM के नए सिविल सर्जन होंगे…….?
0 notes
Text
Jamshedpur rural blood donation : माताजी आश्रम हाता के 15वें रक्तदान शिविर में 80 यूनिट रक्त संग्रह, पूर्व सिविल सर्जन डॉ एके लाल व अन्य अतिथियों ने किया शिविर का उद्घाटन
जादूगोड़ा : हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हाता स्थित माताजी आश्रम में वीबीडीए जमशेदपुर के सौजन्य से 15वां स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में कुल 80 यूनिट रक्त संग्रह किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार लाल, विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला पार्षद सूरज मंडल, मुखिया सुखलाल सरदार, डॉ सुकान्त शीट, पूर्व जिला पार्षद करुणामय मंडल, समाजसेवी…
0 notes
Text
जिला अस्पताल के व्यवस्थाओं की हुई प्रशंसा
जिला अस्पताल के व्यवस्थाओं की हुई प्रशंसा बांधवभूमि न्यूज मध्यप्रदेश उमरिया एनक्यूएएस असेसर डॉ. शिल्पी सराफ पैथालॉजिस्ट जिला चिकित्सालय शहडोल तथा डॉ. मनोज प्रजापति डीक्यूएम शहडोल द्वारा गत दिवस जिला चिकित्सालय उमरिया के एनक्यूएएस का असेसमेंट किया गया। इस मौके पर टीम द्वारा अस्पताल परिसर के साफ -सफाई एवं क्वालिटी मैनेजमेंट की प्रशंसा की गई। कार्यवाही के दौरान सिविल सर्जन डॉ. केसी सोनी, आरएमओ…
0 notes
Link
बिलासपुर: 47 डॉक्टरों को सिविल सर्जन ने थमाया नोटिस, 24 घंटे के भीतर मांगा जवाब
0 notes
Text
मप्र : नीमच में एंटीबायोटिक का इंजेक्शन दिए जाने के बाद 19 बच्चे बीमार
मध्य प्रदेश के नीमच जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में इलाज करा रहे कम से कम 19 बच्चों की तबीयत शनिवार को उस वक्त बिगड़ गई जब उन्हें कथित तौर पर एंटीबायोटिक के इंजेक्शन दिए गए। उनके परिवार के सदस्यों ने यह दावा किया है। अधिकारियों ने शनिवार रात को बताया कि बच्चों की हालत सामान्य है और पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने पुष्टि की कि दो से चार वर्ष उम्र के कुछ बच्चों…
0 notes
Text
अरवल में मिले एड्स के 336 मरीज, पूरे जिले में मचा हड़कंप; हर महीने 3 से 4 मरीज मिलने से फैला खौफ
Arwal News: सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में एड्स पर परिचर्चा का आयोजन सिविल सर्जन डॉ राय कमलेश्वर नाथ सहाय की अध्यक्षता में की गई। परिचर्चा में शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, जीविका और नेहरू युवा केंद्र ने भाग लिया। सिविल सर्जन ने कहा कि एड्स एक खतरनाक बीमारी है, लेकिन चिंता का विषय यह है कि एड्स इस जिले में तेजी से पांव को पसार रहा है। जिले में एड्स के 336 संक्रमित मरीज हैं और हर माह तीन से चार नए…
0 notes
Link
Transfer News: स्वास्थ्य विभाग में बड़ा फेरबदल, CMHO, सिविल सर्जन समेत 34 डॉक्टर-स्पेशलिस्ट किए गए इधर से उधर, देखें लिस्ट Transfer News: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर डॉक्टरों का तबादला किया गया है, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने आदेश जारी करते हुए 34 सिविल सर्जन और CMHO के तबादले किए हैं, जिन जिलों में ये तबदला हुआ है उनमें- जशपुर, सरगुजा, धमतरी,
0 notes
Text
सिविल सेवाओं में विकलांगता कोटे पर IAS स्मिता सभरवाल के बयान से बवाल
नई दिल्ली, 23 जुलाई 2023। आईएएस प्रोबेशनरी अधिकारी पूजा खेडकर की विकलांगता कोटे के तहत भर्ती पर विवाद के बीच, तेलंगाना की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी स्मिता सभरवाल ने अखिल भारतीय सेवाओं में इस तरह के कोटे की आवश्यकता पर सवाल उठाया एक्स पर, सभरवाल ने लिखा क्या कोई एयरलाइन विकलांग पायलट को काम पर रखती है? या आप विकलांग सर्जन पर भरोसा करेंगे? एआईएस भूमिकाओं के लिए शारीरिक फिटनेस की आवश्यकता होती है। यह…
0 notes
Text
अवैध एम्बुलेंस के दलाल ने जिला अस्पताल के गार्ड को 20 चाकू मारने की दी धमकी
सतना जिला अस्पताल में निजी एंबुलेंस चालको और उनके दलालों की धमाचौकड़ी किसी दिन गंभीर घटना को अंजाम दे सकती है, एंबुलेंस चालको के द्वारा मरीजो को प्राइवेट अस्पताल न ले जाने का विरोध करने पर गार्ड को दी धमकी एम्बुलेंस के दलाल ने कहा 20 चाकू मरूंगा गार्ड पहुचा सिटी कोतवाली धमकी देने वाले का नाम भींगु खान है अस्पताल में दलालो का कब्जा रहता है सिविल सर्जन से लेकर सीएमएचओ तक सब को खबर है लेकिन कोई कुछ…
View On WordPress
0 notes
Link
सरकारी डॉक्टरों का ट्रांसफर स्वास्थ्य विभाग में दर्जन भारती ज्यादा डॉक्टर का किया तबादला,GPM के नए सिविल सर्जन होंगे…….?
0 notes
Text
Jamshedpur rural diarrhea : पटमदा के धतकीडीह टोला काशीडीह में डायरिया का प्रकोप बढ़ा, एक दिव्यांग महिला की मौत, 15 से अधिक अन्य बीमार, मरीजों का माचा सीएचसी व मानगो के दो नर्सिंग होम में चल रहा है इलाज, सिविल सर्जन ने गांव में भेजा चिकित्सकों का दल
जमशेदपुर : पटमदा के धतकीडीह टोला काशीडीह में एक दिव्यांग महिला की डायरिया के कारण मौत हो गई है,जबकि गांव में डायरिया का प्रकोप बड़ी तेजी से पैर पसार रहा है. शनिवार को जब उस परिवार के अन्य सदस्य के अलावा पड़ोस के अन्य परिवारों के लोग भी डायरिया से प्रभावित हुए तो देर रात 14 मरीजों को माचा स��थित सीएचसी पहुंचाया गया जहां रातभर इलाज के पश्चात गंभीर हालत में जमशेदपुर के नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया…
0 notes
Text
लिट्टीपाड़ा प्रखंड के 23 गांवों में फैले मलेरिया के प्रकोप के रोकथाम के लिए टीम गठित
समाचार चक्र संवाददाता पाकुड़-लिट्टीपाड़ा प्रखंड के 23 गांव में फैले मलेरिया के प्रकोप के रोकथाम के लिए टीम का गठन किया गया है। सिविल सर्जन डॉ. मंटू टेकरीवाल ने बताया कि उपायुक्�� महोदय के निर्देश पर लिट्टीपाड़ा प्रखंड के गांव में फैली मलेरिया बीमारी के नियंत्रण के लिए टीम गठित की गई है। गठित टीम में पांच सदस्य चिकित्सा दल एवं 30 एमपीडब्ल्यू, 14 सीएचओ, 38 एएनएम शामिल किया गया है। उक्त दल द्वारा…
View On WordPress
0 notes
Text
वाह डॉक्टर साहब वाह! कागज पर फूंक मरवा कर शराब पीने की कर दी जांच
मोतिहारी: वाह डॉक्टर साहब वाह! ब्रेथ एनालाइजर वाला तो डूब कर मर जाएगा। ये डॉक्टर साहब बिहार के रक्सौल में पाए जाते हैं। कागज का कुप्पा बनाया, उसमें फूंक मरवाई, फिर अपने सूंघा और फिर अपने सामने वाले डॉक्टर को सूंघाई और बता दिया कि शराब पिया है या नहीं। बात सिर्फ शराब पीने और नहीं पीने की नहीं है। बल्कि इनके सूंघा-सूंघी बाद दिए गए सर्टिफिकेट के बाद समस्या शुरू होती है, जब पुलिस उस आदमी को शराब पीने के आरोप में जेल भेज देती है क्योंकि बिहार में शराबबंदी कानून है। रक्सौल में खुल गई शराब जांच की पोल शराबबंदी वाले बिहार में कोई शराब पिया है या नहीं, इसके जांच के दो ही तरीके हो सकते हैं। जिसमें एक ब्रेथ एनालाइजर मशीन है और दूसरा ब्लड टेस्ट। ब्रेथ एनालाइजर से पुलिस थाने में ही पता लगा लेती है। ब्रेथ एनालाइजर नहीं होने पर शक के आधार पर हिरासत में लिए गए लोगों को ब्लड टेस्ट के लिए अस्पताल भेज दिया जाता है। पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल अनुमंडलीय अस्पताल का वीडियो तो पूरे सिस्टम का पोल खोल रहा है। सूंघा-सूंघी के बाद 9 लोग भेज दिए गए जेल दरअसल, दो दिन पहले नेपाल से कुछ लोग बिहार की सीमा में दाखिल हुए। इनमें से 11 लोगों को पुलिस शराब पीने के आरोप में पकड़ा। जांच के लिए रक्सौल अनुमंडलीय अस्पताल भेजा गया। ड्यूटी पर दो डॉक्टर मौजूद थे। सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने एक-एक कर पकड़े गए 11 लोगों से कागज पर फूंक मरवाया। उसे सूंघा और सर्टिफिकेट बना दिया। सब के सब कम पढ़े-लिखे और गरीब तबके लोग थे। डॉक्टर के दिए सर्टिफिकेट के आधार पर 11 में से 9 लोगों को जेल भेज दिया गया। जब अस्पताल में साधन नहीं तो कैसे हो रही जांच? बताया जा रहा है कि रक्सौल अस्पताल में ना तो ब्रेथ एनालाइजर है और ना ही ब्लड में अल्कोहल टेस्ट का कोई साधन। ऐसे में डॉक्टरों ने अपना जुगाड़ सेट कर लिया है। पता नहीं कब से वो इस जुगाड़ को चला रहे हैं और न जाने कितने लोगों को कागज पर फूंक मरवा कर जेल भेज चुके हैं। इस बाबत मीडिया ने जब रक्सौल अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ राजीव रंजन से सवाल पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके पास ब���रेथ एनालाइजर या फिर शराब की पुष्टि करने का कोई संसाधन उपलब्ध नहीं है। जांच मामले की जांच के लिए बनी जांच कमेटी वीडियो वायरल होने बाद स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के हाथ-पांव फूल रहे हैं। पूर्वी चंपारण के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि रक्सौल अस्पताल में कागज के कुप्पे से शराब की जांच मामले की जांच के लिए जांच कमेटी बना दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई जरूर की जाएगी। http://dlvr.it/SyFph8
0 notes
Text
||श्री गणेशाय नमः||
निनाद
"एक वृत्तांत याद आता है, दो छात्राएं मेरी कक्षा में अंतिम बेंच में मेहंदी लगा रही थी, पहले-पहल मैं हड़बड़ा गई, सोचा अपना ध्यान ही हटा लेती हूं लेकिन लगता थी कि उन दोनों का अपने प्रिय कार्य को विराम देने का मन था ही नहीं।
मैंने उनसे ऊंचे स्वर में उनसे कहा "कृपया पढ़ाई में ध्यान दीजिए" उनके एक मित्र ने तत्काल टिप्पणी करते हुए कहा "करने दीजिए मैडम, लगे रहो इंडिया, लगे रहो।"
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
श्रृंखला भाग एक
सन् २००४, अगस्त,
पहली कक्षा हो या पहला ब्लॉग, ज्ञान विस्तार को ही मैं लक्ष्य मानती हूं। मेरी पहली कक्षा, एल एल०बी० प्रथम वर्ष, भारतीय संविदा अधिनियम, १८७२, की थी, आरम्भ में विस्तृत पाठ्यक्रम, प्रश्न पूछे जाने का भय और नए वातावरण, मैंने स्वयं भी विधि स्नातक तथा विधि स्नातकोत्तर के समय अधिकाधिक स्वयं पाठ से पूर्ण किया है। अतः यह प्रथम अनुभव स्वयं को संयत करने का तथा आत्मविश्वास में वृद्धि के लिए अत्यंत आवश्यक था, कुछ हृदयस्पर्शी वृत्तांत ऐसे भी रहे जहां मेरी कक्षा के विद्यार्थी यह कह के उत्साहवर्धन किया करते थे,
"मैडम, कोशिश करते रहिए आप सीख जाएंगी"
"मुझे ज्ञात है मैं कभी भी अति कठोर या अति उदार नही थी, उद्दंड विद्यार्थियों को चेतावनी देने से, कुशाग्र विद्यार्थियों के उत्साह वर्धन तक सीमित रही।"
एक वृत्तांत याद आता है, दो छात्राएं मेरी कक्षा में अंतिम बेंच में मेहंदी लगा रही थी, पहले-पहल मैं हड़बड़ा गई, सोचा अपना ध्यान ही हटा लेती हूं लेकिन लगता थी कि उन दोनों का अपने प्रिय कार्य को विराम देने का मन था ही नहीं।
मैंने उनसे ऊंचे स्वर में उनसे कहा "कृपया पढ़ाई में ध्यान दीजिए" उनके एक मित्र ने तत्काल टिप्पणी करते हुए कहा "करने दीजिए मैडम, लगे रहो इंडिया, लगे रहो"।
इस बार मैंने तनिक क्रोध से फिर कहा, "वरना आप बाहर जा सकते हैं!", उनलोगों ने हड़बड़ा के अपना काम बंद किया, मुझे इस साहस पर हर्षमिश्रित गर्व अनुभव हुआ।
कई छात्र-छात्राएं, कक्षा मेंं ना ठहर के यदा-कदा बाहर ही दिखाई देते थे, कक्षा के दरवाजे के पास, लगातार बातचीत करते रहना या शोर करना, बहुत समय तक अनजान बने रहने के बाद, मैंने बोलने का मन बनाया, "देखिये आप सभी कक्षा मेंं बैठिये या इस जगह ऐसा व्यवहार मत करें!", मेरे कहे जाने का त्वरित असर हुआ, सारे के सारे उठ कर वहाँ से छू-मंतर हो गए।
<students>
धीरे धीरे मैंने भी थोड़ा अधिक धैर्य रखना का प्रयास भी किया। समझना क्या होता है, अधिनियम, संहिता, कानूनों का निर्वचन, कौन किस प्रकार संबंधित है, कैसे एक एक धारा से आगे बढ़ते हुए पूरे अधिनियम, संहिता को समझा जा सकता है, दृष्टांत, व्याख्या , अन्य प्रकरण किस प्रकार से विधि को सर्वसम्मत बनाते हैं। शिक्षण कार्य, किसी अन्य कार्य से भिन्न है, चूंकि, इसमें शिक्षक के साथ विद्यार्थियों के मष्तिष्क का समता से विचार करते रहना आवश्यक है, मूलतः मैं हिंदी भाषी हूँ, आधुनिक समय अंग्रेज़ी भाषा के प्रभाव से लबरेज हैं, तथा सभी विद्यार्थी एक जैसे नहीं होते, कई को हिंदी के गूढ़ शब्द या वाक्य सर के ऊपर से चले जाते है, या हिंदी माध्यम के छात्रों को अंग्रेजी से यही आशा रहती हैं, ऐसे समय में "बेयर एक्ट" के द्विभाषी पुस्तक से बहुत सहायता रहती है, जैसे पहले हिंदी से पढ़ाना, पुनः उसे अंग्रेजी में पढ़ाना, मैं सर्वदा से यह मानती हूं कि पढ़ाने वाले व्यक्ति और पढ़ने वाले व्यक्ति में तारतम्यता बनी रहनी चाहिए। मैं सदैव प्रयासरत रहती हूं कि सीधे प्रश्नोत्तर करती रहूं , मेरे पढ़ाये हुए कितने ही विद्यार्थी आज विभिन्न न्यायालयों एवं उच्च न्यायालय में कार्यरत है, नए छात्रों के साथ जब कभी मैं उच्च न्यायालय के दौरे के लिए गई हूं, मुझे मेरे विद्यार्थियों से कई बार सामना हुआ है कई बार अलग अलग तरह के प्रकरण चाहे वह व्यवहार प्रक्रिया संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता एवं भारतीय दंड संहिता, इनका साक्ष्य अधिनियम के साथ समन्वय इसमें तर्क, साक्ष्य, में इनकी व्यवहारिकता कक्षा से पृथक ही रहती है यह भी जानने लायक है कि विधि की शिक्षा कक्षा से अधिक न्यायालय में है।
मेरे सर्वाधिक प्रयास इस हेतु रहते है कि मैं किन्ही भी छात्र - छात्राओं में कोई भेद ना करूँ। मेरी कक्षा में एक वयोवृद्ध सज्जन जो सेवानिवृत्त सिविल सर्जन थे से मेरी पहली भेंट थोड़ी हकलाहट से हुई, सारे संबल बटोर कर जब वह अपने जीवन गाथा स्वयं के अनुभव बताने लगे, थोड़े संयम से मैंने भी कहा "यहाँ आप भी छात्र है", धीरे-धीरे सारा ध्यान मेरी तैयारी पर सिमट, मैंने कर अध्यापन कार्य आरंभ किया, कोई एक सप्ताह बाद मेरी उनसे पुनः भेंट हुई तब और अब में मैंने अंतर देखा अब स्वर कहीं विनम्र था, पहले की बात जो कि मुझे ज्यों की त्यों याद थी मैंने उनसे उनकी समीक्षा की बात की, प्रफुल्लित होकर उन्होंने कहा " सबसे अच्छी आपकी आवाज और आपके पढ़ाने का अंदाज़", दृष्टिकोण बदलते समय नहीं लगता, ये अब मैं समझ गईं थी, प्रयास अति महत्वपूर्ण हैं तो सही दिशा भी!
मेरे विचार में छात्रों को माध्यस्थम अभिकरण का दौरा अपने शिक्षण काल मे अवश्य करनी चाहिए, जिला एवं सत्र न्यायालय से भी जरूर शिक्षा ग्रहण करना चाहिए। मूल ज्ञान के लिए सर्वप्रथम विधि की शिक्षा हेतु छात्रों को अधिकाधिक धैर्य और विनम्रता का अभ्यास करना आवश्यक है, बहुतायत यह कहा जाता हैं कि अधिवक्ता सफलता के लिए दसियो वर्ष तक निरंतर संघर्ष करते हैं, वकालत के लिए सर्वप्रथम स्वयं के भाषा का उच्च ज्ञान आवश्यक हैं, एवं विधियों का, नए न्याय दृष्टान्तो का प्रकरण अनुसार प्रयोग करना, बिना संकोच के न्यायधीशों के समक्ष वादी का पक्ष रखना, वादी से उसके प्रकरण के पूर्ण संसूचना का फ़ाइल बनाना, ऐसे नैदानिक कार्य जो केवल न्यायालयों में सिखाये जा सकते हैं, मेरी इच्छा है कि अधिकाधिक महाविद्यालयों में यह शिक्षण सामग्री विस्तृत रुप मे पढ़ाई जाए जहां केवल मूट कोर्ट के विषय अप्रभावी है।
मुख्य रूप से मैंने वक्ता बनना सीखा है, मुझे कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मंच सम्भालने, गीत गाने, अथवा प्रमुख बनाया गया, मूट कोर्ट मे न्यायाधीश बनने का भी मुझे अवसर मिला।
चूंकि वकालत केवल व्यवसायिक उद्देश्य तक सीमित नहीं हैं मेरे प्रयास ना केवल पाठ्यक्रम पूर्ण हो जाने तक था बल्कि मैंने सभी छात्र- छात्राओं को मार्गदर्शन देने से कभी नहीं नकारा।
मेरी पढ़ाई जिस कक्षा में होती थी वहां आज मैं पढ़ा रही थी, अब दुनिया सचमुच गोल लगती थी, वैसे, केवल भौतिक विज्ञान का प्रभाव नहीं बल्कि जब हम कहते हैं कि दुनिया गोल है, तब इसका तात्पर्य कर्मों से माना जाता हैं। एल एल०बी में उम्र आधारित रोक कई बार लागू हो कर खत्म की जा चुकी है, कभी ३० वर्ष के आयु के भीतर कर सकते है, कभी ३० वर्ष के पश्चात नहीं कर सकते, फिलहाल कोई रोक नहीं, है, कई मर्तबा यह टिप्पणी सुनी होगी कि अदालतों में भीड़ अत्यधिक है, अतः कम की जानी चाहिए, माफ कीजियेगा ये प्रकरणों अथवा वादग्रस्त प्रार्थियों से नहीं उलट वकीलों से हैं, सिद्धांत अनुरूप ये कहा जाए कि कम योग्य की बलि दी जा सकती है, तो कहीं बेहतर होता सब प्रकार के विवाद को ठंडा पानी डाल��े हुए ऑल इंडिया बार ने ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन के आयोजन का फैसला ��िया जो वर्ष में दो बार होता है, वर्तमान में पहले इसके लिए उच्च न्यायालय से पंजीयन कराना जरूरी है, जिसके बाद इस का फॉर्म भरा जा सकता है, वैसे यह एक मुक्त परीक्षा है, मुझे मेरे कई छात्र छत्राओं के माध्यम से पता चला कि यहां सब छात्र छात्राएं एक बड़े सूट केस जिसमे ब्रीफ केस से लेकर टूरिस्ट बैग तक लाये जाते है, जिसमे होता क्या है, नहीं परीक्षा केंद्र पर्यटन केंद्र नहीं है, इसमें उनके किताब और अन्य नोट्स होते है, उत्तीर्ण होने के लिए निर्धारित क्रमांक ३५-४० तक जाता है, कहिए फिर ऐसे कठोर नियम से भीड़ तो अवश्य कम होगी।
न्यायाधिपति जस्टिस ठाकुर ने केरल के बार कौंसिल के कार्यक्रम में कहा था यह पेशा पहचान के साथ धन और पुरस्कार में भी लाभ देता हैं। सही। हाल ही मे अखबार में आया था की जिला अदालत में दो वर्ष के अनुभवी वकीलो को उच्च न्यायालय में कार्य करने की अनुमति होनी चाहिए यह केवल एक सिफारिश थी हालांकि।
मैं हिंदी माध्यम की होने के वजह से हिंदी में तो मैं प्रखर हूँ अंग्रेजी और अन्य विद्यार्थी जो हिंदी के आदी नहीं है, के लिए मैने बेयर एक्ट के सहारा लिया, ग्रंथालय प्राचीन होने के कारण अधिकाधिक पुस्तके हिंदी भाषा मे उपलब्ध थी, वह भी उनके पुराने संस्करण।
जैसे,
16. "Undue influence" defined - (1) A contract is said to be induced by "undue influence" where the relations subsisting between the parties are such that one of the parties is in a position to dominate the will of the other and uses that position to obtain an unfair advantage over the other
१६. " असम्यक" असर की परिभाषा- (१) संविदा असम्यक असर द्वारा उत्प्रेरित कही जाती हैं जहाँ की पक्षकारो के बीच विद्यमान सम्बन्ध ऐसे हैं कि उनमें से एक पक्षकार दूसरें ओशकार की इच्छा को अधिशासित करने की स्तिथि में हैं और उस स्तिथि का उपयोग उस दूसरे पक्षकार से अऋजु फायदा अभिप्राप्त करने के लिए करता है।
----------------------------------------------------------
इसकी तीन आवश्यकता है
१. दो पक्षों में से एक पक्ष की स्तिथि दूसरे पक्ष के मतांतर करने की हो
२. वर्चस्व रखने वाले पक्ष अन्य पक्ष पर अन्यायपूर्ण बढ़त रख सकें
३. और वर्चस्व रखने वाले पक्ष ने अपनी प्रभुता बनाई हो।
या
विश्वास अधिकृत व्यक्ति जिसका प्रभुत्व स्थापित हो, से भय या रौब हो, जिसमे उसके इच्छाविरुद्ध कार्य करवाये गए हो।
शनै शनै विस्तार होता गया और ��ज मैं अनुभवों से धनी हूं।
—सीमा शर्मा
पाठकों आज के लिए इतना ही, इस श्रृंखला का उद्देश्य ना केवल मेरे वेबसाइट का विस्तार करना है बल्कि अपने वेबसाइट के माध्यम से स्वयं के पृष्ठभूमि और अनुभव से प्रेरित करना भी है। शीघ्र ही आगामी पोस्ट प्रेषित करने का प्रयास करूंगी। धन्यवाद।।
https://homemakerwithpen.blogspot.com/2023/08/Teacher.html
0 notes
Text
जिला अस्पताल में महिला डॉक्टर से बदसलूकी, मरीज के परिजनों ने गाली-गलौज कर जान से मारने की दी धमकी
NCG NEWS DESK जांजगीर चांपा। जिला अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है। मरीज के परिजनों ने महिला डॉक्टर प्राची जांगड़े से गाली गलौज, मारपीट और जान से मरने की धमकी दी है। डॉ. प्राची की शिकायत पर सिविल सर्जन डॉ. अनिल जगत ने एसपी को मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने पत्र लिखा है। बताया जा रहा है कि पामगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर होकर मरीज अस्पताल आई थी। जिसके…
View On WordPress
#breakingnews#citynews#community#districtnews#districtupdate#local#localnews#neighborhood#regionalnews#statenews#stateupdate#townnews
0 notes