#सिमी सिंह उम्र
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crickettr · 2 years ago
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सिमी सिंह ने अफगानिस्तान के खिलाफ आखिरी दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए आयरलैंड की टीम में एंडी मैकब्राइन की जगह ली है
सिमी सिंह ने अफगानिस्तान के खिलाफ आखिरी दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए आयरलैंड की टीम में एंडी मैकब्राइन की जगह ली है
बेलफास्ट : ऑफ स्पिन ऑलराउंडर सिमी सिंह ने शनिवार को आयरलैंड के खिलाफ अंतिम दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए आयरलैंड की पुरूष टी20 टीम में एकमात्र बदलाव किया. अफ़ग़ानिस्तान 15 और 17 अगस्त को। सिमी, जिन्होंने आखिरी बार आयरलैंड के लिए टी20ई में अल अमराट में संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ टी20ई खेली थी दुनिया इस साल फरवरी में कप क्वालीफायर ने ऑफ स्पिनर एंडी मैकब्राइन की जगह टीम में शामिल किया है। 47…
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abhay121996-blog · 3 years ago
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क्विंटन डि कॉक ने तोड़ा धोनी का खास रेकॉर्ड, साउथ अफ्रीका ने आयरलैंड को हराया Divya Sandesh
#Divyasandesh
क्विंटन डि कॉक ने तोड़ा धोनी का खास रेकॉर्ड, साउथ अफ्रीका ने आयरलैंड को हराया
डबलिनक्विंटन डि कॉक (120) और जे. मलान (177*) के बीच हुई पहले विकेट के ��िए 225 रनों की साझेदारी के दम पर साउथ अफ्रीका ने आयरलैंड को तीसरे वनडे में 70 रनों से हरा दिया। इसके साथ ही उसने सीरीज 1-1 पर बराबरी पर खत्म की। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने पहले बैटिंग करते हुए 4 विकेट पर 346 रनों का विशाल स्कोर बनाया। जवाब में आयरलैंड टीम 276 रन बनाकर आउट हो गई।
डि कॉक ने तोड़ा धोनी का रेकॉर्डइस दौरान डि कॉक (Quinton De Kock Breaks MS Dhoni’s Record) ने विकेटकीपर के तौर पर सबसे कम उम्र में 10 हजार इंटरनैशनल रन पूरा करने का वर्ल्ड रेकॉर्ड अपने नाम किया। यह रेकॉर्ड पहले भारतीय पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नाम था। धोनी ने 30 वर्ष और 99 दिन में इतने रन बनाए थे, जबकि डि कॉक को 28 वर्ष और 211 दिन लगे।
मैच में साउथ अफ्रीकी ओपनरों डि कॉक और मलान ने आयरिश गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। मलान और डि कॉक ने शतक ठोकते हुए पहले विकेट के लिए 225 रनों की बड़ी साझेदारी कर डाली। डि कॉक 91 गेंदों पर 11 चौके और 5 छक्के की मदद से 120 रन बनाए। मलान ने 169 गेंदों पर नाबाद 177 रन बनाए और टीम का स्कोर 4 विकेट पर 346 तक पहुंचाया। आयरलैंड के लिए सबसे ज्यादा जोशुआ लिटल ने 2 विकेट चटकाए।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी आयरलैंड की खराब शुरुआत रही। पॉल स्टर्लिंग 11, बैलबर्नी 7 मैकब्रिन 9 रन बनाकर सस्ते में आउट हो गए। आयरलैंड के बल्लेबाज निरंतर अंतराल पर आउट होते रहे और पूरी टीम 276 रन बनाकर ढेर हो गई। हालांकि, सिमी सिंह ने जरूर 91 गेंदों में 14 चौके की मदद से 100 रन बनाकर नाबाद रहे। फेहलुकवायो और शम्सी ने 3-3 विकेट झटके।
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hinge · 9 days ago
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Not-So FAQ for LGBTQIA+ daters
A growing resource addressing LGBTQIA+ daters' most pressing questions
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Hear more about #HingeNFAQ from Ash and Ang at https://hinge.nfaq.co
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bollywoodpapa · 5 years ago
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तलाक से पहले एक-दूसरे से बेहद प्यार करते थे सैफ-अमृता, वायरल हुआ रोमांटिक वीडियो!
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तलाक से पहले एक-दूसरे से बेहद प्यार करते थे सैफ-अमृता, वायरल हुआ रोमांटिक वीडियो!
दोस्तों बॉलीवुड इंडस्ट्री की खूबसूरत जोड़ियों में से एक रही अभिनेता सैफ अली खान और उनकी एक्ट्रेस पत्नी अमृता सिंह  सालो पहले अलग हो चूक है। दोनों ने अपने बीच उम्र के बड़े फासले के बावजूद एक-दूसरे से लव मैरिज की थी। सैफ-अमृता के दो प्यारे बच्चे भी हुए लेकिन ये रिश्ता 13 साल बाद टूट गया। लेकिन सैफ और अमृता की शादी की वजह प्यार था और ये दोनों एक-दूसरे के प्यार में किस कदर डूबे थे, ये बा त हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो से साफ समझ में आती है।
बता दे की अभिनेता सैफ अली खान और अमृता सिंह एक समय अपनी शानदार कैमिस्ट्री के लिए पहचाने जाते थे। अमृता सैफ से 10 साल बड़ी थीं लेकिन इनकी बेजोड कैमिस्ट्री सुपर-डुपर हिट थी। इस जोड़ी को अपने ज़माने की जानी मानी अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल ने अपने टॉक शो में बुलाया था। इस शो पर उन दोनों की कमाल की जोड़ी ने सभी का दिल जीत लिया था। हाल ही में इसी पुराने इंटरव्यू वायरल हो रह��� है। जिसमे अमृता और सैफ रोमैंटिक मूड में नजर आ रहे हैं।
ये वीडियो तब का है जब इन दोनों की शादी हो चुकी थी। इस वीडियो में अमृता, सैफ के लिए ‘तुम आ गए हो’ गाना गाती दिख रही हैं। वहीं अमृता की खूबसूरत आवाज सुनकर सैफ अली खान उनकी तारीफें किए जा रहे हैं। अमृता के इस रोमैंटिक अंदाज में शो की होस्ट सिमी ग्रेवाल के साथ-साथ वहां बैठी ऑडिएंस को भी खूब इंप्रेस किया। सैफ ने इस  इंटरव्यू में अमृता सिंह को किस भी किया था।
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बता दे की इसी टॉक शो पर सैफ, अमृता के दांतों पर लगे दाग को साफ करते हुए भी दिखाई दिए थे। इस दौरान दोनों की बेहद क्यूट कैमिस्ट्री देखने को मिली थी। बता दें कि सैफ और अमृता ने 1991 में शादी की थी और इन दोनों का तलाक 2004 में हुआ था। तब तक उनके दो बच्चे सारा अली खान और इब्राहिम अली खान भी हो चुके थे।
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latesthindinewsindia · 6 years ago
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Birthday Special: बिना शादी किये आज भी सिंदूर लगाती हैं रेखा, लेकिन किसके नाम का जानिए
बॉलीवुड का सबसे चर्चित और मशहूर नाम रेखा. रेखा एक ऐसा नाम है जिसे पहचान की जरूरत नही है. रेखा की दुनिया भर में पहचान है और बॉलीवुड में उनके काम को कभी भी नही भुलाया जा सकता है. रेखा बॉलीवुड में अपने काम के साथ साथ अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर ज्यादा चर्चाओं में रहती थी. रेखा के जीवन में हमेशा से उतार चढाव आते रहे है. रेखा को बचपन से ही उन उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ा है.
लव लाइफ को लेकर रही चर्चा
रेखा का जन्म उनके माता पिता की शादी से पहले ही हो गया था. इसके बाद उन्हें बचपन से ही मोटी और सांवली होने के चलते हमेशा मजाक का सामना करना पड़ा. समय और उम्र के साथ ही उनके सामने समस्याएं भी बढाती गई उन्हें कम उम्र में ही घर का खर्च चलाने के लिए काम करना पड़ा.
इसके आलावा रेखा लव लाइफ और अपनी मांग के सिंदूर को लेकर सबसे ज्यादा चर्चाओं में रही है. रेखा की मांग के सिंदूर के बारे में शायद ही रेखा के आलवा कोई और जनता हो कि वह किसके नाम का सिंदूर अपनी मांग में भारती है. रेखा ने कभी भी फिल्मों में एक्टिंग करने के बारे में नही होता था.
उन्होंने काफी भी हीरोइन बनने के बारे में बिल्कुल नही सो��ा था. इससे हटकर वह एक अलग ही सपना देखती थी इसका खुलासा रेखा ने खुद सिमी गिरेवाल को दिए एक इंटरव्यू के दौरान किया था उन्होंने बताया था कि उन्हें घूमना बेहद पसंद है और वह हमेशा से एयरहोस्टेस बनना चाहती थीं. लेकिन रेखा के लिए हालात और परिस्थिति उनके अनुकूल नही थीं.
ऋषि और नीतू की शादी में पहली बार सिंदूर लगाए दिखी रेखा
रेखा की हसीन अदाओं की दुनिया दीवानी है, फिल्म इंडस्ट्री कुछ प्रेम कहानी अपने अंजाम पर पहुंचती है तो कुछ शुरू होने से पहले खत्म हो जाती है जहां हर कहानी पूरी नही होती है. रेखा की लव लाइफ, अफेयर और शादी के बारे में भी किताबों और सोशल मीडिया पर काफी कुछ लिखा जा चुका है.
लेकिन एक सवाल जिसका जवाब कोई नही जनता है लेकिन जानना सब चाहते है कि आखिर अब भी रेखा किस के नाम का सिंदूर अपनी मांग में भरती है. रेखा ने इंटरव्यू में ये भी बताया था कि वह हमेशा से सिर्फ शादी करना चाहती थीं. कोई हो जो उनका जीवन भर साथ दे और उन्हें सबसे ज्यादा प्यार करे.
अमिताभ से करती रही एकतरफा प्यार 
रेखा का सपना था कि उनके काफी सारे बच्चे भी हों लेकिन जिंदगी को कुछ और ही मंजूर था. रेखा की मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र के साथ सबसे पहले जब देखा गया तो पूरा बॉलीवुड और देश दंग रह गया. सबके पास एक ही सवाल था रेखा ने कब और किस से शादी कर ली और ���िसी को कोई खबर तक नही लगी.
रेखा सिंदूर और मंगलसूत्र के साथ सबसे पहले ऋषि कपूर और नीतू सिंह की शादी में पहुंची थीं. रेखा ने कहा कि मांग में सिंदूर के साथ 22 जनवरी 1980 को वह ऋषि कपूर और नीतू सिंह की शादी में पहुंची थी. ऋषि कपूर और नीतू की शादी में रेखा सिल्क की खूबसूरत साड़ी में सिंदूर और मंगलसूत्र पहने कर गई तो सबकी नजरें उन पर थम गईं.
रेखा आज भी इसके नाम का सिंदूर भरती है
इस शादी में अभिनेता अमिताभ बच्चन अपनी पत्नी जया भादुड़ी और माता पिता के साथ पहुंचे थे. अमिताभ से रेखा के रिलेशनशिप की खबरें बॉलीवुड के गलियारों में काफी समय से चलती रही है. रेखा ने इंटरव्यू में बताया था कि वह अमिताभ बच्चन को प्यार करती थीं लेकिन अमिताभ ने उन्हें कभी प्यार नहीं किया.
सास ने मारी थी चप्पल
इसके साथ ही दिवंगत अभिनेता विनोद मेहरा के साथ रेखा की शादी की खबरों से सभी दो-चार होगें. हालांकि रेखा ने कभी भी इस बारे में किसी से कोई बता नहीं की है. बताया जाता है कि रेखा और विनोद की शादी से विनोद की माँ बहुत नाराज हो गई थी. जहां तक कि जब सास का आशीर्वाद लेने के लिए रेखा ने उनके पैर छुए तो उन्होंने रेखा को धक्का दे दिया था.
रिपोर्ट्स के अनुसार कहा जाता है कि उन्होंने रेखा को कभी प्यार नही किया. वह हमेशा ही रेखा की बेइज्जती करती थी और उनके अभद्र भाषा में ही बात करती थीं. कहा तो यहां तक जाता है कि एक बार उन्होंने रेखा पर अपना चप्पल भी ��ेंक कर मार दिया था. आज भी करोड़ों दिलों पर राज करने वाली रेखा आज 64 वर्ष की हो गई है.
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globalexpressnews · 7 years ago
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बोधगया विस्फोट मामले में इंडियन मुजाहिदीन के पांच आतंकियों को उम्रकैद की सजा खास बातेंसभी पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई हैबोधगया में सात जुलाई 2013 को हुए थे नौ सिलसिलेवार विस्फोटइस विस्‍फोट में बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के तीर्थ यात्री घायल हुए थेपटना : बिहार के पटना स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने वर्ष 2013 में बोधगया में हुए सीरियल बम ब्‍लास्‍ट मामले में दोषी ठहराए गए सभी पांच आरोपियों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. गया जिले के बोधगया में सात जुलाई 2013 को हुए नौ सिलसिलेवार विस्फोटों में एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के तीर्थ यात्री घायल हो गए थे. मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में ओवैसी बोले- NIA पिंजरे का तोता ही नहीं, अंधा-बहरा भी है पटना स्थित एनआईए की अदालत के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार ने विस्फोटों के आरोपियों और इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, इम्तियाज अंसारी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी और मुजिबुल्लाह अंसारी को गत 25 मई को दोषी करार दिया था. अदालत ने शुक्रवार को दोषी करार दिए एक इंडियन मुजाहिदीन के सभी आरोपियों को आजीवान कारावास और 40-40 हजार रुपये की सजा सुनाई है. गौरतलब है कि विश्व प्रसिद्ध तीर्थ नगरी बोध गया में सात जुलाई 2013 की सुबह एक के बाद एक बम विस्फोट हुये थे जिसमें कुछ बौद्ध भिक्षुओं समेत बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए थे. इस मामले में छठे आरोपी तौफीक अहमद की उम्र 18 साल से कम थी और उसे पिछले साल एक किशोर अदालत द्वारा तीन साल सुधारगृह में रखने का आदेश दिया गया था. सभी छह आरोपी प्रतिबंधित संगठन सिमी के साथ जुड़े थे और इन सभी पर अक्तूबर , 2013 में पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में मुकदमा चल रहा है. ये बम धमाके उस वक्त किए गए थे जब भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरा�� के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की एक चुनावी रैली चल रही थी. अदालत के आदेश की प्रशंसा करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, 'आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों का कोई धर्म और मजहब नहीं होता. वे कड़ी से कड़ी सजा के पात्र हैं और हमें उम्मीद है कि अदालत भी सजा सुनाते वक्त इसे ध्यान में रखेगी.' मक्‍का मस्जिद ब्‍लास्‍ट: नबकुमार सरकार कैसे बन गए स्वामी असीमानंद, जानिए उनके बारे में सबकुछ उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि पटना विस्फोट मामले के आरोपियों पर भी इसी तरह फैसला लिया जाएगा.' बचाव पक्ष के वकील सूर्य प्रकाश सिंह ने तर्क दिया था कि एनआईए इस मामले में सीसीटीवी फुटेज पेश करने में नाकाम रही है और मौके पर मौजूद एक सुरक्षा गार्ड किसी भी आरोपी की पहचान नहीं कर सका. इन दलीलों को अस्वीकार करते हुए लोक अभियोजक ललन प्रसाद सिन्हा ने सभी आरोपियों के आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का दावा किया. उन्होंने मुकदमे की सुनवाई के दौरान करीब 90 प्रत्यक्षदर्शियों के दर्ज बयानों का हवाला दिया और कहा कि इससे यह पता चलता है कि ये विस्फोट म्यामां में बौद्ध बहुसंख्यकों द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों पर होने वाले अत्याचारों का बदला लेने के लिए किए गए थे। एनआईए अदालत के समक्ष इन आरोपियों का दोष साबित करने में सफल हुई. टिप्पणियां
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abhay121996-blog · 4 years ago
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बिहार में आतंकियों के स्लीपर सेल को कौन और क्यों कर रहा एक्टिव? समझिए पूरी बात Divya Sandesh
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बिहार में आतंकियों के स्लीपर सेल को कौन और क्यों कर रहा एक्टिव? समझिए पूरी बात
पटना। बिहार को शुरू से ही आतंकियों का सेफ पैसेज कहा जाता रहा है। कई जांच रिपोर्ट में आतंकियों द्वारा घटना को अंजाम देने के बाद बिहार के रास्ते ही नेपाल या बांग्लादेश निकल भागने की बात कही जा चुकी है। खुफिया एजेंसी के सूत्र के अनुसार आतंकियों द्वारा बिहार को हमेशा से एक माध्यम के तौर पर इस्तेमाल किया गया है। लेकिन अब आतंकी संगठन बिहार में अपनी जड़ें मजबूत कर रहे हैं।
हाल के दिनों में बिहार में कोई घटनाओं ने आशंकाओं को दिया बल पिछले एक महीने में बिहार में जिस तरह की घटनाएं घटी है। वह देखने से तो आपराधिक घटना लगती है लेकिन इसके पीछे एक बड़ी साजिश की बू भी आती है।
– 23 मई 2021 को पूर्णिया के एक दलित बस्ती में 200 मुसलमानों का हथियारों के साथ हमला करना और बस्ती जलाकर उन्हें वहां से भगाने की कोशिश करना क्या सिर्फ एक आपराधिक घटना थी या इसके पीछे एक बड़ी साजिश है ? – पूर्णिया की घटना के ठीक एक दिन बाद किशनगंज में एक दलित व्यक्ति की उसी मोहल्ले के मुसलमानों द्वारा गडासे से काटकर की गई हत्या भी क्या महज एक आपराधिक वारदात थी ? – बिहार के लिए दोनों इलाके अंतरराष्ट्रीय सीमा बांग्लादेश से लगती है। और भारत में जिसे ‘ चिकन नेक ‘ कहा जाता है उससे महज 8 किलोमीटर दूरी पर यह दोनों घटनास्थल स्थित है।
– 8 जून 2021 को बांका के मदरसे में हुए ब्लास्ट से जहां पूरा मदरसा ही ढह गया। वही मदरसे का म��लवी इस विस्फोट में मारा गया। लेकिन विस्फोट के वक्त मदरसे में मौजूद सात से आठ लोग भागने में कामयाब रहे। – बांका मदरसे में हुए विस्फोट की जांच एनआईए को सौंपी गई। आश्चर्य की बात यह है कि एनआईए जांच शुरू करें इसके पहले ही बिहार पुलिस जिसने इस विस्फोट को गैस सिलेंडर का विस्फोट बताया था। एनआईए जांच की बात सामने आते ही आनन-फानन में देसी बम विस्फोट की कहानी गढ़ दी। – हालांकि अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि धमाके में कौन सा विस्फोटक पदार्थ इस्तेमाल किया गया था। लेकिन देसी बम विस्फोट बताने वाली बिहार पुलिस ने अभी तक यह नहीं बताया कि विस्फोट के वक्त मदरसे के अंदर मौजूद व्यक्तिों की गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हो सकी है। वह कौन लोग थे जो विस्फोट के बाद मदरसे से भागने में कामयाब हुए। – बांका में जिस तरह की घटना हुई है उससे पश्चिम बंगाल के बर्धमान में हुए धमाकों की याद ताजा कर दी है। दरअसल वर्धमान की घटना में बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमायत उल मुजाहिदीन का हाथ सामने आया था। अब यह देखना है कि एनआईए की जांच में क्या सामने आता है। क्योंकि वर्धमान के जिस मकान में विस्फोट हुआ था उसमें विस्फोटक से आईडी बम बना रहे थे। बांका में जहां विस्फोट हुआ वहाँ भी एक बॉक्स का हिस्सा मिला है।
– 8 जून को हुए बांका मदरसा में हुए ब्लास्ट के ठीक 24 घंटे बाद यानी 9 जून को बिहार के ही अररिया जिले में हुए धमाके की खबर ने सूबे के लोगों को सकते में डाल दिया। अररिया बम धमाके में मोहम्मद अफरोज नामक एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति का दाहिना हाथ उड़ गया। और इसके आसपास कई जिंदा बम भी बरामद किए गए।
– 16 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर धमाका होने के बाद यह शक गहराने लगा है कि बिहार में कोई गहरी साजिश रची जा रही है। हालांकि दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोट के इंटेंसिटी ज्यादा नहीं थी। लेकिन अहम बात यह है कि धमाका किसी बारूद से नहीं बल्कि लिक्विड से हुआ था। दरभंगा रेलवे स्टेशन विस्फोट मामले की जांच भी एटीएस को सौंपी गई है। – दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हैदराबाद से आए पार्सल में धमाका हुआ था। महत्वपूर्ण बात यह है की पार्सल पाने वाले जगह पर दरभंगा के मोहम्मद सुफियान का नाम तो लिखा है। लेकिन पार्सल के पैकेट पर मोहम्मद सुफियान का पता फर्जी पाया गया है। तो क्या यह माना जाए कि आतंकी संगठन द्वारा बिहार में केमिकल बम बनाने की तैयारी शुरू की जा रही है।
फरवरी 2021 में पता चला जैश-ए-मोहम्मद के लिए काम करने वाले हिदायतुल्ला मलिक का बिहार कनेक्शन इसी साल फरवरी में जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के रहने वाले आतंकवादी हिदायतुल्ला मलिक ने बिहार से हथियार मंगाने के लिए नेटवर्क बनाया है। उन्होंने बताया था कि बिहार से अब तक 7 पिस्तौ�� मंगा कर आतंकवादियों के बीच बांट दिया गया है। दरअसल सुरक्षाबलों ने कुछ लड़कों को गिरफ्तार किया था जिसमें बिहार के तीन युवक भी शामिल थे। तब डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया था कि आतंकवादी हिदायतुल्ला ने पंजाब में पढ़ने वाले कश्मीर के कुछ छात्रों के साथ बिहार के कुछ छात्रों को भी अपने साथ शामिल कर लिया है। वह कश्मीर और जम्मू में किसी भी तरह की गतिविधि और बाहर से हथियारों को लाने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहा था।
“जानिए क्या है बिहार का आतंकी और स्लीपर सेल का कनेक्शन”
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नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा में सीरियल ब्लास्ट के लिए स्लीपर सेल क��� इस्तेमाल 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर घोषित किए गए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में हुए सीरियल ब्लास्ट में कई लोगों की जान चली गई थी। तब एनआईए की जांच में यह पाया गया कि आतंकियों द्वारा इस घटना को अंजाम देने के लिए बिहार – झारखंड के स्लीपर सेल का इस्तेमाल किया गया था। एनआईए (NIA ) की जांच में यह भी बताया गया था कि आतंकियों के यह स्लीपर सेल बिजली मिस्त्री, चप्पल बनाने वाले, पंचर बनाने वाले, दर्जी या किसी भी रूप में हो सकते हैं। एनआईए (NIA ) ने यह भी कहा था कि बोधगया के महाबोधि मंदिर पर हुए आतंकी हमले में भी रोहिंग्या आतंकी के स्लीपर सेल की बात आयी थी।
साल 2000 में पहली बार हुई थी बिहार के सीतामढ़ी से दो आतंकवादी की गिरफ्तारी साल 2000 में नेपाल की सीमा से लगे सीतामढ़ी जिले से हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकी मकबूल और जाहिर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मुंबई की लोकल ट्रेन में ब्लास्ट की घटना के बाद जिस आतंकी को पकड़ा गया था वह मधुबनी जिले का रहने वाला मोहम्मद कमाल था जो स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी का सदस्य बताया जाता था।
क्या दरभंगा आतंकवादियों के लिए पनाहगाह है ? बिहार का दरभंगा जिला भी आतंकवादियों के लिए पनाहगाह के रूप में देखा जा रहा है। 2014 से पहले हुए देश में कई जगह पर बम ब्लास्ट के मामले में जितने आतंकी पकड़े गए थे उनमें से एक दर्जन दरभंगा जिले के ही रहने वाले थे। दरभंगा के कफील अहमद वसी, अहमद शेख मोहम्मद, आदिल गयूर अहमद, जमाली आफताब आलम जैसे कई नाम इसी जिले के थे। इसके अलावा नेपाल से सटे मोतिहारी जिले से इंडियन मुजाहिद्दीन के यासीन भटकल और अब्दुल असगर उर्फ हड्डी, मधुबनी के मदनी की गिरफ्तारी ने भी यह साबित कर दिया था कि बिहार को आतंकवादी अपने पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
देशद्रोही बयान देने वाला शरजील इमाम भी बिहार के जहानाबाद का जेएनयू (JNU) छात्र शरजील इमाम ने असम समेत पूरे उत्तर पूर्व भारत को शेष भारत से काटने की बात कही थी। जेएनयू में उसने कहा था कि ‘चिकन नेक’ के कटने से ही हम लोगों को आजादी मिल सकेगी। बता दें कि देशद्रोही बयान देने वाला यह शरजील इमाम भी बिहार के जहानाबाद का ही रहने वाला है। इसके बाद देशद्रोही बयान देने वाले शरजील इमाम पर देश के 6 राज्यों में देशद्रोह का मामला दर्ज कराया गया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद शरजील इमाम भी नेपाल भागने की फिराक में था लेकिन पुलिस ने नेपाल भागने के पहले ही जहानाबाद से उसे गिरफ्तार कर लिया था।
तो क्या किसी बड़ी साजिश के लिए फिर एक्टिव किया जा रहा है बिहार के स्लीपर सेल को? बिहार में घटी हाल की ताजा घटनाओं को देखते हुए क्या यह माना जा सकता है कि, 2014 से 2021 तक किसी भी बड़ी घटना को अंजाम देने में असफल रहे आतंकी संगठन, अब बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं ? क्या आतंकी संगठन घटना को अंजाम देने के लिए बिहार बंगाल बॉर्डर को बेस सेंटर बनाने की तैयारी में जुटे हैं ? यह संभावना इसलिए भी जताई जा रही है कि बिहार बंगाल बॉर्डर पर आतंकियों के बेस तैयार होने से ‘ चिकन नेक ‘ को काटने में सहूलियत होगी। इसके अलावा मुस्लिम बहुल क्षेत्र में जल्द कोई कार्रवाई की संभावना भी कम रहेगी। खुफिया जांच एजेंसी के सूत्र यह भी बताते हैं कि दो तीन आतंकी संगठन मिलकर बिहार में अपने स्लीपर सेल को एक्टिव करने में लगे हैं। यानी यह आशंका बरकरार है कि आतंकी संगठन एक बार फिर से सक्रिय होकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में लगे हैं।
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