Tumgik
#साल का अंत
mwsnewshindi · 2 years
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दुनिया क्रिसमस, नया साल मनाने के लिए आते ही गोवा व्यस्त हो जाता है
दुनिया क्रिसमस, नया साल मनाने के लिए आते ही गोवा व्यस्त हो जाता है
गोवा की सड़कों और समुद्र तटों पर अतिरिक्त भीड़ देखी जा रही है क्योंकि क्रिसमस और नए साल की शुरुआत करने के लिए विदेशों से छुट्टियां मनाने वाले बड़ी संख्या में तटीय राज्य में आ रहे हैं। आतिथ्य उद्योग के सूत्रों ने कहा कि राज्य में होटल लगभग भर चुके हैं। सरकार के किसी भी COVID-19-संबंधित प्रतिबंध को लागू नहीं करने के फैसले से मूड को मदद मिली है। (यह भी पढ़ें: 5 मजेदार और रोमांचक साहसिक गतिविधियाँ…
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trendingwatch · 2 years
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खचाखच भरे शेड्यूल के साथ हाई नोट पर साल का अंत करेंगी कियारा आडवाणी
खचाखच भरे शेड्यूल के साथ हाई नोट पर साल का अंत करेंगी कियारा आडवाणी
कियारा आडवाणी, वर्तमान में उद्योग में सबसे बड़े और सबसे व्यस्त सितारों में से एक हैं और यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि वह अपनी आगामी परियोजनाओं के लिए शेड्यूल के बवंडर में फंस गई हैं। जब से महामारी कम हुई है, कियारा आडवाणी चौबीसों घंटे काम कर रही हैं, बैक टू बैक चिल्लाहट और प्रचार कर रही हैं। दो फिल्मों की शूटिंग पूरी होने और आने वाले महीने में अपनी आने वाली फिल्म के प्रचार के साथ अभिनेत्री साल…
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helputrust · 5 months
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20.04.2024, लखनऊ | संपूर्ण विश्व को अहिंसा व आत्म शुद्धि, शांति एवं विश्व बंधुत्व का संदेश देने वाले जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी जी की जयंती के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा उच्च प्राथमिक विद्यालय, गाजीपुर, बस्तौली (1-8 कंपोजिट), इन्दिरा नगर, लखनऊ में "पुष्प अर्पण एवं प्रसाद वितरण" कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल एवं शिक्षकों श्रीमती अर्चना गौतम, श्रीमती अमिता सिंह, श्रीमती सुनीता देवी वर्मा, श्रीमती आरती सिंह, श्रीमती अंकिता वर्मा द्वारा दीप प्रज्वलित कर भगवान महावीर स्वामी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए तथा उन्हें सादर नमन किया गया | सभी छात्र-छात्राओं ने भी भगवान महावीर के चित्र पर पुष्प अर्पित किए तथा उन्हें प्रसाद के रूप में ट्रस्ट द्वारा केले का वितरण किया गया ।
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि, “महावीर जयंती हर साल भारतीय समाज में खुशी के साथ मनाई जाती है । यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है जो भगवान महावीर के जन्मदिन पर मनाया जाता है । महावीर स्वामी जैन धर्म के मुख्य आदर्श और दर्शनों के प्रवर्तक हैं । भगवान महावीर का जन्म सम्राट सिद्धार्थ के घर में हुआ था तथा उन्होंने जीवन को साधना, त्याग और संयम के माध्यम से भावनात्मक और धार्मिक उद्देश्यों के लिए समर्पित किया । उनके विचार और उपदेशों में सामाजिक न्याय, अहिंसा और शांति की महत्ता हमेशा से उच्च रही है । महावीर जयंती के दिन लोग धार्मिक आयोजनों, सभाओं और भजन-कीर्तन कार्यक्रमों में भाग लेते हैं । इस दिन को उनकी शिक्षाओं को याद करके उनके जीवन को अनुसरण करने और उनके अद्भुत आदर्शों को प्रेरणा स्वरूप माना जाता है । भगवान महावीर ने अपने जीवन में आत्म-संयम और अहिंसा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया जो आज भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है । उनके विचारों को अनुसरण करके हम समाज में शांति, सद्भावना और समृद्धि को प्राप्त कर सकते हैं । इस प्रकार महावीर जयंती हमें समाज में धर्म, न्याय और सही दिशा की ओर अग्रसर करने के लिए प्रेरित करती है । इसे मनाकर हम भगवान महावीर के विचारों को जीवन में उतारने का प्रयास कर सकते हैं ।“
उच्च प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती अमिता सिंह ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, "भगवान महावीर स्वामी जी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे तथा उनका मानना था कि इंसान को हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए तथा हर बुराई से दूर रहना चाहिए |"
अंत में श्री हर्षवर्धन अग्रवाल ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि "इस तरह के कार्यक्रम प्रत्येक स्कूल में आयोजित होने चाहिए जिससे विद्यार्थी अपने देश के इतिहास के बारे में और अधिक जान सके |"
कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, शिक्षकों श्रीमती अर्चना गौतम, श्रीमती अमिता सिंह, श्रीमती सुनीता देवी वर्मा, श्रीमती आरती सिंह, श्रीमती अंकिता वर्मा, श्री कुंवर दीपक सिंह, छात्र-छात्राओं तथा ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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saathi · 1 year
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Tumblr सपोर्टर बैज: पित्ज़ाज़ से अपनी वफ़ादारी दिखाएँ
आप में से कई लोगों ने Tumblr को सपोर्ट करने के एक ऐसे तरीके की माँग की है जो नियमित डोनेशन की तरह काम करता हो. तो, ये वही चीज़ है, बस हमने इसमें थोड़ी सी सनक अलग से जोड़ दी है. ज़रा सोचिए. एक ऐसा बैज जो आपके लगातार सपोर्ट से चमकदार से और चमकदार होता जाता है—और Tumblr को Tumblr बने रहने में मदद करता है. 
तो पेश है Tumblr सपोर्टर बैज. यह उपयोगकर्ता-संचालित बिज़नेस मॉडल की तरफ़ बढ़ते कदम का एक हिस्सा है. यह एक नया ऑटो-रिन्यूएबल सब्सक्रिप्शन है जो आपको Tumblr के लिए अपने सपोर्ट को स्टाइल से पहनने देता है. 
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यह कैसे काम करता है:
Tumblr सपोर्टर बैज एक ख़ास बैज है जो रिकरिंग डोनेशन सब्सक्रिप्शन सर्विस की तरह काम करता है. सपोर्टर के तौर पर आपको एक ख़ास तरीके से डिज़ाइन किया गया बैज मिलता है जो इस पर निर्भर करता है कि आप कितने समय से इस तरीके से Tumblr को सपोर्ट करते रहे हैं. आपका सपोर्टर बैज स्टील से शुरू करते हुए कॉपर, गोल्ड, प्लैटिनम और आखिर में ऑइल स्लिक में बदल जाएगा. आपका सपोर्ट जारी रहने के दौरान आप हर माइलस्टोन पर ये बैज इकट्ठा करते रहेंगे जिन्हें आप अपने किसी भी ब्लॉग पर अपनी पसंद के मुताबिक डिसप्ले कर सकते हैं.  
इसमें दो सब्सक्रिप्शन हैं, मासिक और वार्षिक: 
मासिक: ये स्टील से शुरू होता है और हर माइलस्टोन पर अलग-अलग बैज के साथ आगे बढ़ता रहता है और अंत में लुभावने ऑइल स्लिक तक पहुँच जाता है.
वार्षिक: ये प्लैटिनम से शुरू होता है (ये ऐसा है मानो आप एक झटके में एक साल आगे बढ़ गए हों. वाह-वाह, चीटिंग टाइम.) एक साल बाद अपने अगले भुगतान माइलस्टोन पर आप आगे बढ़ते हुए सीधे ऑइल स्लिक पर पहुँच जाएँगे.
प्राइसिंग:
Tumblr सपोर्टर मासिक: $2.99
Tumblr सपोर्टर 3 महीने: $7.99 ($1 की छूट)
Tumblr सपोर्टर 6 महीने: $15.99 ($2 की छूट)
Tumblr सपोर्टर वार्षिक: $29.99 (15% की छूट)
और जानकारी:
ये मासिक या वार्षिक सब्सक्रिप्शन हर अंतराल पर अपने आप रिन्यू हो जाएगा जब तक आप इसे कैंसल नहीं करते. 
अगर आप अपना सब्सक्रिप्शन कैंसल करते हैं या भुगतान विफल हो जाता है, तो भी आपका बैज आपके पास रहेगा, लेकिन ये तब तक दिखाई नहीं देगा जब तक आप अपना सब्सक्रिप्शन फिर से शुरू नहीं करते. अगर/जब आप ऐसा करते हैं, तो/तब आप ठीक उसी बैज लेवल से दोबारा शुरू करेंगे जहाँ आप तब थे जब आपने अपना सब्सक्रिप्शन बंद किया था.
फ़िलहाल इसे अंग्रेज़ी में मोबाइल और वेब के लिए पेश किया जा रहा है. आने वाले हफ़्तों में हम इसे दूसरे क्षेत्रों के लिए भी पेश करने वाले हैं.
अभी के लिए बस इतना ही. उम्मीद है कि आप इस नए बैज का उतना ही आनंद लेंगे जितना आनंद हमें इसे आपके लिए लाते हुए आया ताकि हम आपके आनंद के लिए ऐसी अजीब छोटी-छोटी सजावटी चीज़ें बनाते रह सकें. अजीब बने रहें, Tumblr <3
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winajit007 · 2 years
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बहुत दिनों से मैं इंतजार कर रहा था कि कोई मुझे रेणु की मैला आँचल किताब भेंट में दें। मै अपने कई मित्रो के सामने भी इस विचार को रखा। लेकिन सब के सब निठल्ले निकले। अंत में हार कर सोचा, जाने भी दो मेरी ही गलती है। मेरे मित्रगण मेरे मज़ाकिया व्यवहार को कभी गंभीरता से लिए ही नहीं। वो मेरी इस मांग को भी मज़ाक ही समझ लिए हो। कुछेक दिन पहले भैया से बात हो रही थी, उन्होंने मुझे बताया कि वो रेणु को पढ़ रहे हैं वो भी मैला आँचल। मुझसे रहा न गया, मै झट से अमेज़न से किताब को आर्डर कर दिया। किताब मुझे कल मिली। जब मै लिफाफा को खोलकर किताब को पकड़ा तो नास्टैल्जिया हुआ। महज मै कक्षा छठी या सातवीं का विद्यार्थी रहा हूँगा। मेरे छोटे वाले मामाजी जो मेरे बड़े भैया से एकाध साल के ही बड़े होंगे, को शायद पढ़ने का शौक़ रहा होगा। वो पहली बार हमसबकों, मेरे तीनो भाई-बहन और माँ को बैठाकर, संवदिया, जो कि रेणु के ही लिखी हुई कहानी है, पाठ किया और हरेक गद्यांश को सरलता से समझाया। हालाँकि रेणु भाषावली हमलोगो के लिए जटिल बिलकुल भी नहीं है क्योंकि वो जिन बोली से अपने भाषावली बनाते थे वो हमारे लिए अनजान नहीं था ब्लकि हम ऐसे शब्दों और कहावतों को आम दिनों में जीते थे। लेकिन, साहित्य या यों कहे कि किसी भी कला कृति से वास्ता नहीं होने से, हममे वो कल्पान्तक भाव को पहचानना जटिलता जैसे ही लगाती थी। मामाजी ने उसे इतने सरल से बताया कि जब सवांदिया बड़ी बहुरानी के पाँव पकड़ कर, अंत में, रो रहा था तो मेरी माँ की भी आँखे नम हो गई थी। मै भी भावुक हो गया था पर रोया नहीं। मैं अपने आप को मर्द बनाने की ट्रेनिंग जो दे रहा था। ख़ैर, संवदिया की शब्दावली, भावुकता से सराबोर और बरौनी जंकशन का जिक्र, मुझे रेणु से आत्मीय रूप से करीब लेकर आया। तब से रेणु की लिखी कहानियां हिंदी के टेक्सटबुक्स में ढूंढते रहता। और जो भी कहानी मिल जाती, उसे मैं छुप-छुपाकर पढ़ लेता। छुपाना इसलिए पड़ता था, क्योंकि घरवाले को लगता था कि कहानी या साहित्य पढ़ने के बदले कुछ रसायन भौतिक गणित पढ़े तो जिंदगी में कुछ कर पावे। जो कभी स्कूल की चौखट न देखे हो, और जीवन मजूरी में बीत रही हो तो शिक्षा रोटी-पानी का एक सम्मानपूर्ण जरिया बनकर रहा जाता है। परन्तु मैं इस मामले में, अपनेआप को सौभग्यपूर्ण मानता हूँ की, बिना ज्यादा पढ़े लिखे मैं अपने कक्षा में ठीक-ठाक कर लेता था, घर वालो की सिर्फ फ़िक्र थी तो वो मेरी लिखावट की, जो अभी तक बनी रही है। इसी वजह से मैं कहानी और साहित्य में रूचि बनवाने में अपवाद रहा हूँ। जो भी हिंदी की किताब मिल जाती उसे मैं किसी कमरे के एक अकेलेपन वाले कोने जाकर पढ़ लेता। उसी समय महादेवी वर्मा, प्रेंचन्द, राहुल संकृत्यायन आदि के लिखे कहानियां और लेख पढ़ने का मौका मिला। कवितायेँ भी पढ़ी, लेकिन कहानियों के और झुकाव काफी था। दिल्ली आने के बाद हिंदी से लगभग वास्ता ही नहीं रह गया था। फिर चतुर सेन की वैशाली की नगरवधू हाथ लगी, और फिर से हिंदी पढ़ना शुरू किया। रेणु की मैला आँचल शायद मै स्कूल समय में पढ़ रखा हूँ। लेकिन यह ठीक से याद नहीं है कि पूरी पढ़ी थी या नहीं। शायद पूरी पढ़ ली थी क्योंकि, कल जब मै ऐसे ही पन्ने पलट रहा था, 'चकई के चक-धूम' वाले गान, जिसे रेणु ने मैला आँचल में जगह दिए, पर नजर गई। तब मुझे याद आया कि मै इसे पहले भी पढ़ा हूँ। हालाँकि, उस उसमे इसे समझने का न ही तजुर्बा था न ही उम्र और साथ ही साथ यादास्त भी आजकल धोखा देती रहती है। इसलिए कल फिर से इसे पढना शुरू किआ। मेरीगंज की कहानी पढ़कर आँखे भर आयी और लगा मतलबी दुनिया प्यार के पागलपन को कांके का ही पागलपन समझेगा।
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parasparivaarorg · 3 hours
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विजया एकादशी क्या है पारस जी से जाने?
हर महीने में दो बार एकादशी व्रत किया जाता है और इस तरह एक साल में 24 एकादशी व्रत किए जाते हैं। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। यदि आप चाहते हैं कि आपको किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त हो तो इसके लिए विजया एकादशी का व्रत रखें। इस व्रत को रखने से और भगवान विष्णु की पूजा करने से आपको जीवन में अवश्य सफलता मिलती है। इसी कड़ी में आइये जानते हैं कब है विजया एकादशी का व्रत और क्या है इस व्रत का महत्व ?
कब है विजया एकादशी 2024 ?
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी विजया एकादशी के नाम से जानी जाती है। उदयातिथि के आधार पर विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च बुधवार को है। क्योंकि एकादशी तिथि का सूर्योदय 6 मार्च को होगा इसलिए यह व्रत इसी दिन किया जायेगा। यह व्रत शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्री राम ने रावण से युद्ध करने से पहले विजया एकादशी का व्रत रखा था, जिसके प्रभाव से उन्होंने रावण का वध किया था इसलिए इस दिन व्रत रखना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
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विजया एकादशी व्रत की पूजा विधि
विजया एकादशी के दिन सबसे पहले सवेरे उठकर स्नान आदि करें और फिर सच्चे मन से भगवान विष्णु का नाम लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। फिर भगवान को अक्षत, फल, पुष्प, चंदन, मिठाई, रोली, मोली आदि अर्पित करें। भगवान विष्णु को तुलसी दल जरूर अर्पित करें क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी अत्यधिक प्रिय है। श्रद्धा-भाव से पूजा कर अंत में भगवान विष्णु की आरती करने के बाद सबको प्रसाद बांटें।
इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी शुभ होता है क्योंकि इस पाठ को करने से लक्ष्मी जी आपके घर में वास करती हैं। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि विजया एकादशी के शुभ दिन किसी गोशाला में गायों के लिए अपनी सामर्थ्य के अनुसार धन का दान करें। विजया एकादशी के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। गरीबों व जरूरतमंदों को अन्न , वस्त्र, दक्षिणा आदि दान करें।
विजया एकादशी पारण
विजया एकादशी व्रत के दूसरे दिन पारण किया जाता है। एकादशी व्रत में दूसरे दिन विधि-विधान से व्रत को पूर्ण किया जाता है। विजया एकादशी व्रत का पारण 7 मार्च, गुरुवार को किया जाएगा। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि इस व्रत का पारण करने से पहले आप ब्राह्मणों को भोजन अवश्य करायें और साथ ही अपनी सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद को दान करें और इसके बाद ही स्वयं भोजन करें।
विजया एकादशी व्रत का महत्व
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन उपवास रखने का विशेष महत्व है। साल में जो 24 एकादशी आती हैं, हर एकादशी का अपना अलग महत्व है। विजया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति की मुश्किलें दूर होती हैं और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। महंत श्री पारस भाई जी का कहना है कि भगवान विष्णु के आशीर्वाद से पाप मिटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विजया एकादशी जिसके नाम से ही पता चलता है कि इस एकादशी के प्रभाव से आपको विजय की प्राप्ति होती है। यानि विजय प्राप्ति के लिए इस दिन श्रीहरि की पूजा करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि जो मनुष्य विजया एकादशी का व्रत रखता है उस मनुष्य के पितृ स्वर्ग लोक में जाते हैं।
पूजा के समय इस मंत्र का जाप करें- कृं कृष्णाय नम:, ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:। महंत श्री पारस भाई जी ने इस व्रत के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में भी इस व्रत का वर्णन मिलता है। विजया एकादशी का व्रत भी बाकी एकादशियों की तरह बहुत ही कल्याणकारी है।
महंत श्री पारस भाई जी आगे कहते हैं कि यदि आप शत्रुओं से घिरे हो और कैसी भी विकट परिस्थिति क्यों न हो, तब विजया एकादशी के व्रत से आपकी जीत निश्चित है।
इस दिन ये उपाय होते हैं बहुत ख़ास
तुलसी की पूजा विजया एकादशी के दिन तुलसी पूजा को बहुत ही अधिक महत्व दिया जाता है। इस तुलसी के पौधे को जल अर्पित कर दीपक जलाएं। इसके अलावा तुलसी का प्रसाद भी ग्रहण करें। ऐसा करने से घर से दुःख दूर होते हैं और घर में खुशालीआती है ।
शंख की पूजा
विजया एकादशी के दिन तुलसी पूजा की तरह शंख पूजा का भी अत्यधिक महत्व है। इस दिन शंख को तिलक लगाने के बाद शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक कर शंख बजाएं। शंख से अभिषेक कर बजाना भी फलदायी माना जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पीला चंदन प्रयोग करें
महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि विजया एकादशी के दिन पीले चंदन का अत्यंत महत्व होता है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु को और स्वयं भी पीले चंदन का टीका अवश्य लगाएं। पीले चंदन का टीका लगाने से आपको कभी असफलता नहीं मिलेगी और आपकी सदैव जीत होगी।
ॐ श्री विष्णवे नम: “पारस परिवार” की ओर से विजया एकादशी 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं !!!
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अपने मामले के लिए सही वकील कैसे चुनें - Advocate Nirvikar Singh से मुख्य जानकारी
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भारत में कानूनी लड़ाई लड़ना महाभारत के समान है, जहां आपके पास एक अनुभवी सारथी होना चाहिए, जो आपको कानूनी उलझनों से निकालकर, आपकी रक्षा करता है, हर कदम पर आपको सलाह देता है, उलझनों से बाहर खींचता है, और अंततः आपको जीत की ओर ले जाता है।
कानूनी लड़ाई के किनारे खड़े होकर, अक्सर भय और भ्रम आपको घेर लेते हैं। कानूनों और प्रक्रियाओं का यह जटिल तंत्र इतना डरावना हो सकता है, और सही वकील चुनना प्राचीन रहस्यों को समझने जैसा लगता है।
भारतीय बार काउंसिल (BCI) के अनुसार, लगभग 1.3 मिलियन (लगभग) लोग कानून का अभ्यास करते हैं, और यह संख्या हर साल बढ़ती रहती है। हालांकि, आपके मामले के लिए सही व्यक्ति चुनना कोई आसान काम नहीं है। निरविकार सिंह एडवोकेट के अनुसार, यह कार्य भारत के विविध कानूनी परिदृश्य में और भी जटिल हो जाता है। लेकिन इस धुंध के बीच उम्मीद की किरणें भी हैं — वकील जो इस यात्रा में आपके अटल साथी बन सकते हैं।
लेकिन आप उन्हें कैसे ढूंढते हैं? रेगिस्तान में मृगतृष्णा के बीच सच्चे योद्धा की पहचान कैसे करते हैं? यह ब्लॉग आपका मार्गदर्शक है, जो आपको भारत में आदर्श वकील की खोज में भावनात्मक और व्यावहारिक पहलुओं के बारे में बताएगा।
सबसे पहले, अपनी भावनाओं को स्वीकार करें। यह कोई व्यापारिक लेन-देन नहीं है; यह आपकी ज़िंदगी और आपका भविष्य दांव पर है। अपने अंदर के भय, गुस्से और असुरक्षा को महसूस करने दें। यह भावनाएं ही आपकी खोज को प्रेरित करेंगी और आपको ऐसे वकील से जुड़ने में मदद करेंगी, जो आपकी ज़रूरतों को समझे।
इसके बाद, अपने मामले को समझें। इसे श्रेणीबद्ध करें — क्या यह दीवानी, आपराधिक, पारिवारिक, या कॉर्पोरेट मामला है? यह प्रारंभिक मानचित्रण आपको आपकी कानूनी आवश्यकता के अनुसार विशेषज्ञ वकील खोजने में मदद करेगा। ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करें, दोस्तों और परिवार से सिफारिशें मांगें, और रेफरल के लिए बार एसोसिएशन को कॉल करने से न हिचकें।
अब इंटरव्यू के अहम चरण पर आगे बढ़ें। ऐसे सवालों की सूची तैयार करें जो योग्यता और फीस से परे जाएं। उनसे पूछें कि उनके पास ऐसे मामलों का कितना अनुभव है, उनका संवाद शैली क्या है, और उनके मुकदमेबाजी के तरीके कैसे हैं। क्या वे ध्यानपूर्वक सुनते हैं? क्या वे जटिल अवधारणाओं को सरलता से समझाते हैं? क्या वे आत्मविश्वास और भरोसा जगाते हैं? निरविकार सिंह एडवोकेट के अनुसार, वकील चुनने का महत्वपूर्ण पहलू उसकी पहुंच है। वह कानूनी सहायता न केवल कानूनी बल्कि भावनात्मक समर्थन के लिए भी उपलब्ध होनी चाहिए।
याद रखें, वकील आपका साथी है, जादूगर नहीं। बड़े-बड़े वादों या अहंकार से प्रभावित न हों। किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश करें जो नैतिक, पारदर्शी, और आपके मामले की चुनौतियों और संभावित परिणामों के बारे में यथार्थवादी हो। ऐसे व्यक्ति की तलाश करें जो खुलकर संवाद करे, आपको हर कदम पर जानकारी दे, और आपके निर्णयों का सम्मान करे, भले ही वे उनसे अलग हों।
सहजता की शक्ति को कम मत आंकिए। जानकारी के बवंडर में, अपने अंतर्मन की सुनें। क्या यह वकील आपको आरामदायक महसूस कराता है? क्या वे सहानुभूति जताते हैं और आपके हालात की भावनात्मक थकान को समझते हैं? एक वकील जो वास्तव में आपकी परवाह करता है और आपके मामले को महत्व देता है, वह आपके लिए अनमोल साबित होगा।
एक वकील का तार्किक दृष्टिकोण बहुत कुछ कहता है। सीमित जानकारी से तार्किक निष्कर्ष निकालने की क्षमता ही एक वकील को भीड़ से अलग करती है। वह आपके कमजोर मामले को मजबूत बना सकता है।
ध्यान रखें, कीमत महत्वपूर्ण है, लेकिन यह निर्णय का एकमात्र कारक नहीं होना चाहिए। एक कुशल वकील अधिक शुल्क ले सकता है, लेकिन उनकी विशेषज्ञता आपको लंबे समय में समय, पैसा और दुख से बचा सकती है। वकील के अनुभव, प्रतिष्ठा और आपकी वित्तीय सीमाओं के साथ-साथ फीस का मूल्यांकन करें।
अंत में, अपने निर्णय पर विश्वास करें। आपने अपना शोध किया है, उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया है, और अपनी आंतरिक आवाज सुनी है। विश्वास रखें कि आपने सही वकील चुना है, जो इस जटिल कानूनी क्षेत्र में आपका मार्गदर्शन करेगा। संचार महत्वपूर्ण है, इसलिए अपने वकील के साथ खुलकर संवाद करें, अपनी चिंताओं को व्यक्त करें, और टीम के रूप में काम करें।
वकील चुनना केवल कानूनी विशेषज्ञता के बारे में नहीं है, यह उस व्यक्ति को ढूंढने के बारे में है जो आपकी स्थिति को समझता है और आपके कारण के प्रति समर्पित है। कानूनी क्षेत्र में अनुभव महत्वपूर्ण है, लेकिन एक वकील की प्रभावी ढंग से संवाद करने की क्षमता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। एक वकील जो जटिल कानूनी शब्दजाल को सरल बना सके और आपके मामले की प्रगति के बारे में आपको जानकारी देता रहे, वह अनमोल है। किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश करें जो आपके निर्णयों का सम्मान करे और आपको निर्णय प्रक्रिया में शामिल रखे।
वकील चुनते समय, उनके कानूनी समुदाय में प्रतिष्ठा पर विचार करें। सहकर्मियों और न्यायाधीशों के बीच एक वकील की प्रतिष्ठा आपके मामले के परिणाम को प्रभावित कर सकती है। इसके अतिरिक्त, ग्राहक की प्रशंसाओं और समीक्षाओं को पढ़ें, ताकि आप उनके पिछले मामलों और ग्राहकों के साथ उनके अनुभव का आकलन कर सकें।
कानूनी शुल्क और बिलिंग के बारे में स्पष्ट संवाद स्थापित करना आवश्यक है। सुनिश्चित करें कि आप शुल्क संरचना को स्पष्ट रूप से समझते हैं, जिसमें रिटेनर शुल्क, प्रति घंटा दरें और अन्य संभावित खर्च शामिल हैं। अपने वित्तीय प्रतिबंधों पर चर्चा करें और एक पारस्परिक रूप से स्वीकार्य व्यवस्था की ओर काम करें।
याद रखें, कानूनी प्रणाली को नेविगेट करना कठिन हो सकता है, इसलिए अपने वकील के साथ एक स्वस्थ और खुला संबंध बनाए रखना महत्वपूर्ण है। अपने कानूनी सलाहकार के साथ विश्वास और तालमेल स्थापित करना कानूनी प्रक्रिया की जटिलताओं से गुजरने में आपके लिए सहायक सिद्ध होगा।
अंत में, भारत में सही वकील खोजना सावधानीपूर्वक विचार, शोध और सहज ज्ञान की मांग करता है। एक ऐसे कानूनी योद्धा की तलाश करें जो न केवल कानून की जटिलताओं को समझता हो बल्कि आपकी ज़रूरतों के साथ मेल खाता हो। सही वकील के साथ, आप कानूनी उलझनों ��ो आत्मविश्वास के साथ पार कर सकते हैं, यह जानते हुए कि आपके पास एक समर्पित साथी है जो आपकी लड़ाई लड़ेगा और आपको अनुकूल समाधान की ओर ले जाएगा।
भारत में सही वकील खोजना आसान नहीं है, लेकिन यह आवश्यक है। यह ऐसे व्यक्ति को ढूंढने के बारे में है जो कानून को समझता हो, आपको समझता हो, और आपके अधिकारों के लिए निस्वार्थ रूप से लड़ता हो। खुले मन, सावधानीपूर्वक शोध और सहज ज्ञान के साथ, आप अपने कानूनी योद्धा को ढूंढ सकते हैं जो आपको अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाएगा। निरविकार सिंह एडवोकेट हमेशा मानते हैं कि न्याय प्रतीक्षा करता है, और सही वकील के साथ, आप इस उलझन से निकलकर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
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"एक ऐसी प्रेम कहानी जिसे भुला दिया गया"
भारत कई अनूठी कहानियों और घटनाओं का साक्षी रहा है. यहां हर मोड़ पर कुछ ना कुछ ऐसा सुनने को जरूर मिल जाता है जो आपको हैरान कर देता है कि क्या वाकई ऐसा हो सकता है.आज हम आपको ऐसे ही एक स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी अमर प्रेम कहानी के लिए जाना जाता है. ऐसी कहानी जो आज कई सदियों बाद भी ना सिर्फ याद की जाती है बल्कि आज के भौतिकवाद से ग्रस्त समाज में जहां प्यार को बस एक खेल की तरह खेला जा रहा है वहां प्यार के उस एहसास से रूबरू करवाती है जिसके लिए कभी लोग अपनी जान तक दे दिया करते थे.
यह कहानी मांडू की रानी रूपमती और बाज बहादुर की है. इतिहास के पन्नों में दर्ज मांडू (मध्य प्रदेश) स्थित रानी रूपमती का महल एक समय पहले तक बेहद खूबसूरत हुआ करता था, इतना कि कोई भी उसे देखकर अपनी आंखों पर विश्वास ना कर पाए कि क्या वाकई कोई इमारत इतनी बेहतरीन हो सकती है. इस महल के ऊपर मंडप बने हुए थे जहां बैठकर पूरा राज्य नजर आता था.
यह महल 365 मीटर ऊंची और सीधी खड़ी चट्टान पर स्थित है जिसका निर्माण बाज बहादुर ने करवाया था. ऐतिहासिक कहानियों के अनुसार रानी रूपमती सुबह-शाम मंडप पर बैठर सामने बहने वाली खूबसूरत नर्मदा नदी को देखा करती थी. महल के नीचे की ओर एक और महल है जिसे बाज बहादुर महल कहा जाता है और इस महल से रानी रूपमती का मंडप बहुत खूबसूरत नजर आता था. ऐसा माना जाता है कि जब रानी मंडप में होती थी, तब बाज बहादुर अपने महल के झरोखे से रूपमती को घंटों निहारा करता था.
सन 1561 की बात है जब मुगल बादशाह अकबर के सेनापति आदम खां ने मांडू पर आक्रमण कर बाजबहादुर को पराजित कर दिया और रानी रूपमती को अगवा कर लिया. रानी रूपमती ने आदम खां के समक्ष समर्पण नहीं किया और अपनी जान दे दी.
इस घटना के बाद रानी रूपमती और बाज बहादुर की प्रेम कहानी अमर हो गई और अकबर ने ही इन दोनों की प्रेम कहानी को लिखित रूप प्रदान करवाया.
मांडू में ना सिर्फ रानी रूपमती का महल चर्चा बटोरता है बल्कि यहां कई और भी स्थान हैं जो अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर हैं. मांडू की मस्जिदें भारतीय इस्लामी स्थापत्य कला की बेजोड़ उदाहरण हैं. इसके अलवा दो अन्य महल, जहाज महल और हिंडोला महल भी सौंदर्य के उत्कृष्ट नमूने हैं.
मांडू स्थित अशर्फी महल की कहानी भी अजीब है. होशंगशाह ने सोने की अशर्फियों से इस महल का निर्माण करवाया था, जिसकी वजह से इसे अशर्फी महल का नाम दिया गया. मांडू की इसी भव्यता से प्रभावित होकर मुगल सम्राट जहांगीर यहां कई महीनों तक रहा और चप्पे-चप्पे का विचरण किया. उसने अपने प्रवास के दौरान कई भवनों का ना सिर्फ निर्माण करवाया बल्कि कई पुरानी इमारतों की मरम्मत भी करवाई.
वर्ष 1732 में मल्हार राव के नेतृत्व वाली मराठा सेना ने मांडू के मुगल गवर्नर को पराजित कर इस राज्य पर कब्जा कर लिया, तब से लेकर राजशाही के अंत तक मांडू पर मराठों का ही राज रहा. आजादी के बाद जब मांडू की रियासत पर सरकार का आधिपत्य हुआ तब यहां मालवा पर्यटन रिसॉर्ट बनाया गया. मांडू की खूबसूरती का कोई सानी नहीं है यही वजह है कि आज यहां हर साल देश-विदेश के कई सैलानी आते हैं.
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dkkansal · 13 days
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Salaar 2: रिलीज़ डेट, कास्ट, स्टोरी और सब कुछ जो आपको जानना चाहिए! साल 2023 की सुपरहिट टॉलीवुड फिल्म Salaar: Part 1 – Ceasefire की शानदार सफलता के बाद, फैंस अब इसके सीक्वल, Salaar 2 का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। Salaar: Part 1 ने दुनिया भर में $100 मिलियन से ज्यादा की कमाई की और कई रिकॉर्ड तोड़े। इस सीक्वल को लेकर अभी से कई चर्चाएं और खबरें आ चुकी हैं। तो आइए जानते हैं Salaar 2 से जुड़ी सारी जानकारी—कब रिलीज़ होगी, कौन-कौन से कलाकार वापसी करेंगे, और इस बार की कहानी क्या होगी! Salaar 2: रिलीज़ डेट और फिल्मिंग की ताज़ा खबरें Salaar 2 की शूटिंग शुरू हो चुकी है! फैंस के लिए यह एक अच्छी खबर है कि Salaar 2 की शूटिंग 10 अगस्त 2024 से शुरू हो चुकी है। India Today के मुताबिक, प्रभास (Salaar) ने अपनी शूटिंग की शुरुआत कर दी है और डायरेक्टर प्रशांत नील फिर से इस सीक्वल की कमान संभाल रहे हैं। यह फिल्म भी Salaar: Part 1 – Ceasefire के सेट पर ही शूट की जा रही है, जिससे फैंस को उम्मीद है कि फिल्म का लुक और फील पहले जैसी ही होगी, लेकिन और भी ज़्यादा धमाकेदार एक्शन के साथ। Salaar 2 की आधिकारिक घोषणा हो चुकी है Salaar 2 की आधिकारिक घोषणा जनवरी 2024 में की गई थी। फिल्म के निर्माता विजय किरगंदूर ने बताया कि Salaar 2 का स्क्रिप्ट तैयार है और फिल्म की शूटिंग कभी भी शुरू की जा सकती है। उन्होंने कहा, "हम फिल्म को अगले 18 महीनों में रिलीज़ करेंगे, यानी कि Salaar 2 2025 में रिलीज़ होने की उम्मीद है।" इससे ये साफ़ हो गया कि Salaar 2 का निर्माण योजना से आगे बढ़ चुका है और अब सिर्फ शूटिंग और पोस्ट-प्रोडक्शन बाकी है। Salaar 2 की रिलीज़ डेट: कब आ रही है फिल्म? फैंस के लिए खुशखबरी है कि Salaar 2 की रिलीज़ की उम्मीद 2025 के गर्मियों में है। निर्देशक प्रशांत नील और निर्माता विजय किरगंदूर के मुताबिक, फिल्म की शूटिंग पूरी होने के बाद पोस्ट-प्रोडक्शन का काम शुरू हो जाएगा और इसे 2025 के मध्य में रिलीज़ किया जाएगा। Salaar 2 का कास्ट: कौन-कौन करेगा वापसी? प्रमुख किरदार और उनके अभिनेता फैंस के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि Salaar 2 में कौन-कौन से कलाकार वापसी करेंगे। अच्छी खबर यह है कि लगभग सारे मुख्य कलाकार वापस आ रहे हैं। इनमें प्रभास (Salaar के रूप में), पृथ्वीराज सुकुमारन (वर्धा के रूप में), और श्रुति हासन (आध्या के रूप में) शामिल हैं। फिल्म के पहले पार्ट का अंत एक बड़ी क्लिफहैंगर पर हुआ था, जिससे यह साफ है कि इन किरदारों का महत्वपूर्ण योगदान अगले पार्ट में भी होगा। कास्ट की सूची: प्रभास – देवरथ "देवा" रायसार / सलार पृथ्वीराज सुकुमारन – वर्धा राजा "वर्धा" मन्नार श्रुति हासन – आध्या बॉबी सिम्हा – भारवा रामचंद्र राजू – रुद्र राजा मन्नार देवराज – ओम शफी – थिरु ये सारे कलाकार फिल्म की कहानी को और भी अधिक रोमांचक बनाने के लिए महत्वपूर्ण होंगे, खासकर जब राजनीति और सत्ता संघर्ष की बात आती है। Salaar 2 की कहानी: और भी बड़ा होगा संघर्ष Salaar 2 के निर्माता विजय किरगंदूर के मुताबिक, "पहला पार्ट सिर्फ दूसरे पार्ट की झलक था। आप इसे एक तरह का ट्रेलर समझ सकते हैं। दूसरा पार्ट इससे कहीं ज्यादा बड़ा और भव्य होगा।" पहले पार्ट में सभी मुख्य पात्रों को इंट्रोड्यूस किया गया था, लेकिन दूसरे पार्ट में कहानी और भी गहराई में जाएगी। निर्माता ने कहा कि फिल्म में पॉलिटिक्स, ड्रामा और एक्शन का भरपूर डोज़ होगा, जिसे देखकर फैंस की उत्सुकता और बढ़ जाएगी। Salaar: Part 1 का अंत एक बड़े क्लिफहैंगर पर हुआ था, जहां रुद्र अपने चाचा ओम के साथ मिलकर सिंहासन के लिए संघर्ष करता है। वहीं, देवा की असली पहचान भी सामने आती है कि वह असली खंसार का शासक है, और वर्धा उसकी सेवा करने की कसम खाता है। इस बार Salaar 2 में खंसार के सिंहासन के लिए और भी बड़े स्तर पर लड़ाई होगी, जहां सभी के मकसद और पहचान अब साफ हो चुके हैं। यह फिल्म न सिर्फ एक्शन में बड़ी होगी, बल्कि पॉलिटिकल ड्रामा के मामले में भी दर्शकों को बांधे रखेगी। Salaar 2 के बारे में सब कुछ: फैंस की उम्मीदें और क्या देखने को मिलेगा? एपिक स्केल और सिनेमैटिक एक्सपीरियंस अगर आप Salaar: Part 1 – Ceasefire के फैन हैं, तो आपको पता होगा कि फिल्म का स्केल और सिनेमैटिक एक्सपीरियंस पहले से ही बहुत बड़ा था। लेकिन निर्माता और निर्देशक दोनों ने कहा है कि Salaar 2 इससे कहीं ज्यादा भव्य और एक्शन से भरपूर होगी। इसे Game of Thrones जैसा माना जा रहा है, जहां राजनीति, पावर स्ट्रगल, और भारी भरकम एक्शन का मेल होगा। दर्शकों के लिए क्या होगा नया? फैंस को इस बार और भी ज्यादा क्लिफहैंगर मिलेंगे, जो उनकी उत्सुकता को बनाए रखेंगे। इसके साथ ही, प्रशांत नील ने वादा किया
है कि इस बार स्टोरीलाइन और भी ज्यादा पॉलिटिकल होगी, जहां हर किरदार के इरादे और रणनीतियां सामने आएंगी। क्या Salaar 2 के लिए फैंस तैयार हैं? Salaar 2 एक बहुप्रतीक्षित फिल्म है, जिसका इंतजार लाखों दर्शक कर रहे हैं। प्रभास, पृथ्वीराज, और श्रुति हासन जैसे बड़े कलाकारों की वापसी, और पहले पार्ट की धमाकेदार सफलता के बाद, इस फिल्म को लेकर उम्मीदें और भी ज्यादा बढ़ गई हैं। पॉलिटिकल ड्रामा, एक्शन, और भव्य सेट्स के साथ, Salaar 2 2025 की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक हो सकती है। तो अगर आप एक बड़े एक्शन और पॉलिटिकल थ्रिलर के फैन हैं, तो Salaar 2 आपके लिए एक परफेक्ट एंटरटेनमेंट पैकेज होगा। तैयार हो जाइए, क्योंकि Salaar 2 में होगा और भी बड़ा संघर्ष और और भी ज्यादा ड्रामा!
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indrabalakhanna · 18 days
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Satsang Ishwar TV | 02-09-2024 | Episode: 2499 | Sant Rampal Ji Maharaj ...
*🙏🙇‍♂️बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🙇‍♂️🙏*
*2/09/24 Monday/ सोमवार*
#GodMorningMonday
#MondayMotivation
#MondayThoughts
#संतरामपालजी_की_जनहित_सेवा*
*India Will Become A Vishwaguru*
🌐🌐🌐
1🌀*संत रामपाल जी के सामाजिक कार्य*⏬
आज पूरे विश्व में जिस कार्य को करने के लिए सरकारें अरबों-खरबों रुपये खर्च करके भी नहीं कर पा रही हैं, उसी कार्य को संत रामपाल जी महाराज जी ने सहज रूप से अपने आध्यात्मिक ज्ञान से करके दिखाया है। समाज में फैली बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, मृत्यु भोज, पाखंड पूजा, अंधविश्वास, नशा, व्याभिचार, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, भ्रूण हत्या, जातिवाद, धार्मिक भेदभाव आदि हमारे दु:ख का कारण बनी हुई हैं। इन बुराइयों को जड़ से खत्म करके संत रामपाल जी महाराज एक स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे मानव समाज सुखी होगा।
2🌀दहेज प्रथा का होगा समूल नाश
जहाँ आज दहेज के कारण न जाने कितनी ही बहन, बेटियों को समाज में जिंदा जला दिया जाता है या फिर दहेज उत्पीड़न के कारण बेटियों को आत्महत्या की नौबत आ जाती है। तो वहीं दूसरी और समाज सुधारक परम संत, सतगुरु रामपाल जी महाराज अपने अनुयायियों को दहेज मुक्त विवाह करने की शिक्षा देकर दहेज मुक्त विवाह करवा रहे हैं। जिससे दहेज प्रथा का अंत हो रहा है। इससे बहन, बेटियों को समाज में सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिल रहा है।
3🌀पाखंडवाद का समूल नाश
संत रामपाल जी महाराज समाज में फैले अंधविश्वास और पाखंडवाद को समाप्त करने के उद्देश्य से सभी प्रमाणित धर्म ग्रंथों की तुलनात्मक समीक्षा करके शास्त्रानुकूल भक्ति को जनसाधारण तक पहुंचाना चाहते हैं ताकि मानव अपने मूल उद्देश्य को पहचान कर जन्म-मरण से छुटकारा पाकर मोक्ष प्राप्त कर सके। क्योंकि मानव जीवन के महत्व को बताते हुए कबीर परमेश्वर ने कहा है:
कबीर, मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारम्बार।
तरूवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर न लगता डारि।।
4🌀नशा मुक्त समाज
आज समाज में नशे रुपी राक्षस का प्रहार तेजी से फैलता नजर आ रहा है। एक इंसान नशा करने के बाद अपनी इंसानियत भूलकर गलत कदम उठा लेता है और अपराध कर बैठता है। सिर्फ आध्यात्मिक ज्ञान से ही इससे छुटकारा पाया जा सकता है। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सुनकर लोग नशे की लत से दूर हो रहे हैं। लेकिन नशा मुक्ति केंद्र खोलने के बावजूद सरकारें समाज से नशा को समाप्त करने में लाचार दिखतीं हैं। तो वहीं संत रामपाल जी महाराज ने समाज सुधारक का काम करते हुए नशा मुक्त समाज तैयार करने का बीड़ा उठा रखा है। वे अपने सत्संगों में भगवान का विधान बताते हैं:
मदिरा पीवै कड़वा पानी, सत्तर जन्म श्वान के जानी।
भांग तम्बाकू छोतरा आफु और शराब।
गरीबदास कौन करे बंदगी ये तो करे खराब।
अमल आहारी आत्मा, कबहु न उतरे पार।
जिससे प्रभावित होकर संत रामपाल जी महाराज के शिष्य भांग, तम्बाकू, शराब आदि किसी भी तरह के नशे को किसी को लाकर देना तो दूर रहा उसे हाथ तक नहीं लगाते। इस तरह संत रामपाल जी महाराज ने नशे की लत से लाखों उजड़े परिवारों को मात्र ज्ञान आधार से एक बार पुनः नशा मुक्त कर उन्हें सुखी बनाया है।
5🌀 छुआछूत से आज़ादी
छुआछात समाज की एक जटिल समस्या है लेकिन संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि
जाति नहीं जगदीश की, हरिजन की कहां से होय।
इस जात पात के चक्कर में, डूब मरो मत कोय।।
जिससे उनके शिष्य किसी तरह का छुआछात नहीं करते और इससे समाज को छुआछूत से आज़ादी मिल रही है।
6🌀धार्मिक भेदभाव से आज़ादी
संत रामपाल जी कहते हैं:
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
हिंदू-मुस्लिम, सिक्ख-ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।
आर्य-जैनी और बिश्नोई, एक प्रभू के बच्चे सोई।।
इस उद्धरण का नतीजा यह है कि संत रामपाल जी व उनके करोड़ों अनुयायी किसी प्रकार का किसी के साथ जातीय या धार्मिक भेदभाव नहीं करते। इससे समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ रहा है।
7🌀 बेटा-बेटी एक समान
समाज में बेटा-बेटी में भेदभाव आज भी समाज में देखने को मिलता है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने अपने सत्संगों में बताया है कि बेटा हो या बेटी सभी परमात्मा की आत्माएं हैं और हमें उनमें भेदभाव करके परमात्मा का दोषी नहीं बनना चाहिए।
8🌀संत रामपाल जी महाराज ने मानव व समाज हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनके मार्गदर्शन में उनके समर्थकों ने रक्तदान शिविर, नि:शुल्क नेत्र शिविर, दहेज-मुक्त विवाह, अंगदान शिविर और दंत चिकित्सा शिविर जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर हजारों, लाखों लोगों की मदद की। साल 2023 में ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल दुर्घटना को कौं भुला सकता है। उस दौरान भी उनके अनुयायियों ने सैकड़ों यूनिट रक्तदान कर घायलों की सहायता की, जो उनके समाज सेवा के प्रति अटूट समर्पण को दर्शाता है।
9🌀समाज सेवा से पर्यावरण संरक्षण तक
जलवायु परिवर्तन आज दुनिया की एक सबसे बड़ी समस्या है। जिसे देखते हुए संत रामपाल जी के मार्गदर्शन में उनके लाखों अनुयायियों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक दिन में 11-12 लाख पौधे लगाने में मध्यप्रदेश सरकार का सहयोग देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। तो वहीं पंजाब, छत्तीसगढ़ में भी उनके हजारों समर्थकों ने एक दिन में 50000 से अधिक वृक्षारोपण और पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभाई।
🌀10 महामारी के समय जब बड़ी-बड़ी संस्थाएं भी पीछे हट गईं थीं और सरकार के पास लोगों के इलाज़ के लिए अस्पताल कम पड़ रहे थे। तब संत रामपाल जी महाराज ने सरकार से अपने आश्रमों को कोविड सेंटर में तब्दील करने का आग्रह किया। उन्होंने न केवल कोविड सेंटर में आने वाले सभी खर्चों का वहन करने का भी वादा किया बल्कि इसके साथ-साथ अनेकों प्रवासी मजदूरों के लिए भी आश्रमों के द्वार खोल दिए थे। जो समाज हित में किये जाने वाले उनके सामाजिक कार्यों में योगदान को प्रदर्शित करता है।
11🌀हमारे समाज में जीवों के साथ क्रूरता आज एक जटिल समस्या बन चुकी है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज की छवि पशु प्रेमी के रूप में भी उभरकर सामने आई है। उनका कहना है कि जीव हिंसा भगवान का आदेश नहीं है। इस विषय में कबीर परमेश्वर ने कहा है:
कबीर-जीव हनै हिंसा करै, प्रगट पाप सिर होय।
निगम पुनि ऐसे पाप तें, भिस्त गया नहिं कोय।।
साथ ही, बाइब��ल के उत्पत्ति 1:29 से 30 में भी परमात्मा ने मानव को खाने के लिए बीजदार पौधे और फलदार वृक्ष दिए हैं। यानि माँस खाने का आदेश भगवान का नहीं है। इसीलिए हमें जीव हिंसा नहीं करनी चाहिए।
12🌀संत रामपाल जी का सामाजिक कार्यों में अहम योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ जातीय, धार्मिक भेदभाव, छुआछूत, मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है। यही नहीं जब-जब मानव जाति पर प्राकृतिक आपदा के रूप में महामारी आई या बाढ़ उस दौरान भी लोगों की मदद के लिए संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके अनुयायी सबसे आगे खड़े दिखे।
13🌀समाज सेवा हो तो ऐसी!
कोरोना महामारी के दो वर्षों को कौन भूल सकता है, जो मानव जाति पर कहर बरपा रही थी, कोरोना मानव जाति को तबाह करने में आमादा थी। उस दौरान अस्पताल भी कम पड़ रहे थे, तब मानव जाति की रक्षा के लिए संत रामपाल जी व उनके अनुयायी सामने आए थे और संत रामपाल जी के मार्गदर्शन में सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश) व सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा) में अस्थायी कोविड सेंटर खोले गए थे। जिससे मानव जाति को एक बड़ी राहत मिली
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dainiksamachar · 20 days
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कैटरीना कैफ के साथ रिलेशन बनाओगे? पाकिस्तानी सिविल सेवा परीक्षा के मॉक टेस्ट में पूछा गया सवाल, मिला हैरान करने वाला जवाब
इस्लामाबाद: सिविल सेवा किसी भी देश की सबसे कठिन परीक्षा होती है। भारत में लाखों लोग हर साल इस परीक्षा में भाग लेते हैं। कुछ चुनिंदा लोग ही इस परीक्षा को पास कर पाते हैं। पाकिस्तान में भी कुछ ऐसा ही होता है। अब पाकिस्तान में सिविल सेवा की तैयारी करने वाले एक उम्मीदवार का वीडियो सोशल मीडिया में छाया हुआ है। यह वीडियो उसके मॉक इंटरव्यू से जुड़ा है। इसमें इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति उससे को लेकर सवाल करता है, जो अब तेजी से लोगों के बीच शेयर किया जा रहा है। मॉक इंटरव्यू वास्तविक इंटरव्यू से पहले कोचिंग संस्थानों की ओर से कराया जाता है।इसमें उम्मीदवार से कई तरह से सवाल किए जाते हैं। कई बार यह सवाल चुनौतीपूर्ण होते हैं, तो वहीं कई बार उम्मीदवार को यह परेशान कर देते हैं। पाकिस्तान का जो वीडियो वायरल हो रहा है वह गलत कारणों से चर्चा में आया है। वीडियो में इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति अभ्यर्थी से उसकी पसंदीदा अभिनेत्री के बारे में पूछता है। अभ्यर्थी कहता है कि उसे दुर-ए-फिशां सलीम पसंद हैं। वहीं आगे उससे सवाल किया जाता है कि उसे अपनी पसंदीदा हीरोइन का कौन सा अंग पसंद है। इस पर अभ्यर्थी जवाब देता है कि उसे उसकी आंखें पसंद हैं। कैटरीना कैफ को लेकर क्या पूछा सवाल इंटव्यू लेने वाला व्यक्ति इस जवाब से असंतुष्ट दिखता है और सवाल करता है कि उसके गर्दन के नीचे का कौन सा अंग सबसे ज्यादा पसंद है। इस पर हिचकते हुए वह जवाब देता है कि उसकी आंखें बहुत पसंद हैं। हालांकि इंटरव्यू लेने वाले के सवाल यहीं खत्म नहीं हुए। बाद में वह पूछता है कि उसकी पसंदीदा भारतीय अभिनेत्री कौन हैं। इस पर वह कैटरीना कैफ का नाम लेता है। इसके आगे इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति उसे एक स्थिति देता है। स्थिति के मुताबिक इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति ने कहा, 'भारत पाकिस्तान पर परमाणु हमले की प्लानिंग कर रहा है और कैटरीना के पास इसे रोकने की जानकारी है और आपका काम उस जानकारी को पाना है। लेकिन जानकारी पाने का एकमात्र तरीका कैटरीना कैफ के साथ रिश्ते में जाना है। क्या आप करेंगे?' इंटरव्यू में ऐसे फंसा लिया अभ्यर्थी जवाब देते हुए कहता है, 'सर, जाहिर है कि देश की सुरक्षा के लिए मुझे ऐसी चीजें करनी होंगी।' इस पर इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति हैरान हो गया और पूछा कि क्या आप कैटरीना कैफ के साथ रिश्ता रखेंगे? इसके आगे वह कहता है कि अगर यही स्थिति अफगानिस्तान में हो और एक पुरुष आपसे रिश्ता रखने को कहे तो क्या आप करेंगे? इस पर अभ्यर्थी कहता है कि किस तरह का रिश्ता, जिसके बाद इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति उसे डांटता है। वीडियो के अंत में इंटरव्यू लेने वाला शख्स फीडबैक देते हुए कहता है कि आपने देशभक्ति दिखाने के लिए ऐसा कह दिया। लेकिन ऐसा नहीं कहना है। नहीं तो आप फंस जाएंगे। कई लोग पाकिस्तान में इस इंटरव्यू से नाराज दिखे। इंस्टाग्राम यूजर डॉ.हसन बिलाल ने लिखा कि ऐसे इंटरव्यू अपलोड न करें क्योंकि हमारी पीढ़ी बौद्धिक रूप से कमजोर है। एक अन्य यूजर ने लिखा, 'यह इंटरव्यू एक मजाक है।' http://dlvr.it/TCfCKL
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rightnewshindi · 26 days
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सिंधुदुर्ग जिले में लगी छत्रपति शिवाजी की 35 ऊंची मूर्ति ढही, पिचले साल पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
Maharashtra News: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में समुद्र तट पर राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की आदमकद प्रतिमा यह अचानक ढह गई। बताया जा रहा है कि कोंकण क्षेत्र में तटीय जिले के मालवन शहर में घटिया निर्माण कार्य के कारण यह घटना हुई। इस प्रतिमा का उद्घाटन पिछले साल के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी धूमधाम से किया था। प्रतिमा के ढहने से सिंधुदुर्ग जिले के शिव प्रेमियों में गुस्से…
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sharpbharat · 27 days
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Jharkhand ljp : रांची में पहली बार हुआ लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, झारखण्ड में लोजपा भी उतारेगी उम्मीदवार, राष्ट्रीय अध्यक्ष फिर से बने चिराग
रांची : केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को एलजेपी (आर) का राष्ट्रीय अध्यक्ष एक बार फिर से चुना गया. रविवार को रांची के एक होटल में एलजेपी (आर) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक हुई, जिसमें सर्वसहमति से चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. झारखंड में एलजेपी (आर) की बैठक पहली बार हुई है. झारखंड में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव हैं. चुनाव को देखते हुए, झारखंड में एलजेपी (आर) बैठक हुई है. इस बार…
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snehagoogle · 1 month
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By the way, Mercury completes its full orbit in 88 days
By the way, Mercury completes its full orbit in 88 days
And our Earth completes its full orbit in 365 days
So we cannot observe Mercury from Earth for more days
As per the rule, we can observe it for 44 days
But actually Mercury's orbital path is like an egg
So Mercury suddenly disappears from our observation or suddenly appears
How many days can we observe Mercury as per the rule?
This means that one side of Mercury will remain in sunlight for one Mercurian year of 88 Earth days; while during the next orbit, that side will be in darkness all the time until the next sunrise after another 88 Earth days.
Mercury
NASA Science (.gov)
https://science.nasa.gov › mercury
But Mercury is the fastest planet, zipping around the Sun every 88 Earth days. Mercury is appropriately named for the swiftest of the ancient Roman gods. NASA' 
Mercury: Exploration
Because Mercury is so close to the Sun, it is hard to directly observe from Earth except during dawn or twilight when the Sun's brightness doesn't outshine little Mercury. The first spacecraft to visit Mercury was NASA's Mariner 10, which imaged about 45% of the surface. NASA's MESSENGER spacecraft flew by Mercury three times and orbited the planet for four years before crashing on its surface at the end of its mission. The European Space Agency and JAXA launched a joint mission to Mercury in 2018. The mission, called BepiColombo, is made up of two spacecraft. Nine flybys are planned to help steer the spacecraft into orbit in late 2025.
Missions to Mercury
Three spacecraft have explored Mercury.
Mariner 10
The first spacecraft sent to study Mercury. 
MESSENGER
The first spacecraft to orbit Mercury.
BepiColombo
An international mission comprised of two spacecraft.
FIRST LOOK AT MERCURY'S PREVIOUSLY UNSEEN SIDE.
Translate Hindi
वैसे बुध ग्रह 88 दिन में पूर्ण परिक्रमा करता है
और हमारा धरती 365 दिन में पूर्ण परिक्रमा करता है
तो हम पृथ्वी से बुध ग्रह को ज्यादा दिन तो अवलोकन नहीं कर पा सकते
नियमानुसार शायद हम 44 दिन अवलोकन कर सकते
मगर असल में बुध ग्रह का ऑर्बिटर पथ जो है वो तो अंडे सा है
तो बुध ग्रह हमारी अवलोकन में अचानक गायब हो जाता है अचानक टपक पड्ता है
बुध ग्रह को कितने दिन अवलोकन हम कर सकते है कायदे से
इसका मतलब है कि बुध का एक हिस्सा 88 पृथ्वी दिनों के एक बुध वर्ष के लिए सूर्य के प्रकाश में रहेगा; जबकि अगली परिक्रमा के दौरान, वह हिस्सा अगले 88 पृथ्वी दिनों के बाद अगले सूर्योदय तक हर समय अंधेरे में रहेगा।
बुध
NASA विज्ञान (.gov)
https://science.nasa.gov › Mercury
लेकिन बुध सबसे तेज़ ग्रह है, जो हर 88 पृथ्वी दिनों में सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाता है। प्राचीन रोमन देवताओं में सबसे तेज़ होने के कारण बुध का नाम उचित रूप से रखा गया है। NASA'
बुध: अन्वेषण
चूँकि बुध सूर्य के बहुत करीब है, इसलिए इसे पृथ्वी से सीधे देखना मुश्किल है, सिवाय भोर या शाम के समय जब सूर्य की चमक छोटे बुध को मात नहीं देती। बुध पर जाने वाला पहला अंतरिक्ष यान NASA का मेरिनर 10 था, जिसने सतह का लगभग 45% हिस्सा लिया। NASA के मैसेंजर अंतरिक्ष यान ने बुध के पास से तीन बार उड़ान भरी और अपने मिशन के अंत में इसकी सतह पर दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले चार साल तक ग्रह की परिक्रमा की। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और JAXA ने 2018 में बुध ग्रह के लिए एक संयुक्त मिशन लॉन्च किया। बेपीकोलंबो नामक इस मिशन में दो अंतरिक्ष यान शामिल हैं। 2025 के अंत में अंतरिक्ष यान को कक्षा में स्थापित करने में मदद करने के लिए नौ फ्लाईबाई की योजना बनाई गई है।
बुध ग्रह के लिए मिशन
तीन अंतरिक्ष यान ने बुध ग्रह का अन्वेषण किया है।
मेरिनर 10
बुध ग्रह का अध्ययन करने के लिए भेजा गया पहला अंतरिक्ष यान।
मैसेंजर
बुध ग्रह की परिक्रमा करने वाला पहला अंतरिक्ष यान।
बेपीकोलंबो
दो अंतरिक्ष यान से बना एक अंतर्राष्ट्रीय मिशन।
बुध ग्रह के पहले अनदेखे पहलू पर पहली नज़र।
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khabarmall24 · 1 month
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Kl Rahul, Rishabh Pant, Suryakumar, Shubman Gill set to play Duleep Trophy
Rohit Sharma, Virat kohli, आर Ashwin और Jasprit Bumrah 5 सितंबर से भारत की सीजन-ओपनिंग Duleep Trophy के लिए उपलब्ध नहीं होंगे, जिसके लिए टीमों का चयन इस महीने के अंत में अजीत अगरकर के नेतृत्व वाले चयन पैनल द्वारा किया जाएगा। हालाँकि, अधिकांश अन्य केंद्रीय-अनुबंधित खिलाड़ी चार-टीम प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए तैयार हैं।
जिन लोगों पर उत्सुकता से नजर रहेगी उनमें Kl Rahul शामिल हैं, जो चोट के कारण इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के पांच टेस्ट मैचों में से चार में नहीं खेल पाए थे और Rishabh Pant, जो एक कार दुर्घटना के बाद पूर्ण फिटनेस पर लौटने के बाद अपने पहले रेड-बॉल गेम में भाग ले सकते हैं। दिसंबर 2022। Shubman Gill, jasprit bumrah, Sarfaraz Khan, Suryakumar Yadav और Rajat Patidar कुछ अन्य विशेषज्ञ बल्लेबाज हैं जिन्हें चार टीमों में चुने जाने की संभावना है।
ऐसी भी संभावना है कि पूरी फिटनेस के करीब पहुंच चुके Mohammed Shami को मैच फिटनेस साबित करने के लिए किसी एक मैच में खेलने के लिए कहा जाएगा। शमी वर्तमान में बेंगलुरु में एनसीए में पुनर्वास के अपने अंतिम चरण में हैं और पिछले सप्ताह में उन्होंने धीरे-धीरे खुद को काफी गेंदबाजी कार्यभार से मुक्त कर लिया है।
भारत अगले पांच महीनों में 10 टेस्ट खेलने के लिए तैयार है – पांच घर पर और पांच ऑस्ट्रेलिया में – वरिष्ठ खिलाड़ियों को उन कार्यों में से पहले, बांग्लादेश के खिलाफ चेन्नई में शुरू होने वाली दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला से पहले एक विस्तारित ब्रेक दिया जाएगा। 19 सितंबर.
5 सितंबर से एक साथ आयोजित होने वाले दो Duleep Trophy खेलों में से एक को तार्किक कारणों से अनंतपुर से बेंगलुरु स्थानांतरित किए जाने की संभावना है। कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) को इस मैच की मेजबानी के लिए अनौपचारिक रूप से उपलब्ध रहने के लिए कहा गया है।
प्रतियोगिता में कई अनुबंधित खिलाड़ियों को शामिल करने का कदम घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता सुनिश्चित करने की दिशा में bcci के प्रयास के अनुरूप है। फरवरी में, Secretary Jai Shah ने एक पत्र भेजा था कि घरेलू क्रिकेट पर IPL को प्राथमिकता देने से “गंभीर परिणाम” होंगे, जिसके कारण बाद में श्रेयस अय्यर और Ishaan Kishan को अपने केंद्रीय अनुबंध से हाथ धोना पड़ा, क्योंकि वे कुछ समय पहले ranji trophy के कुछ मैच नहीं खेल पाए थे। IPL.
मूल रूप से छह क्षेत्रों (उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, मध्य और उत्तर-पूर्व) में से प्रत्येक से एक संयोजक द्वारा चुनी गई एक क्षेत्रीय प्रतियोगिता, Duleep Trophy के प्रारूप को इस सीज़न से पहले Bcci कार्यकारी की सिफारिश पर बदल दिया गया था। समूह में पूर्व मु��्य कोच राहुल द्रविड़, एनसीए प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण, अगरकर और Bcci महाप्रबंधक अबे कुरुविला शामिल हैं।
इस कदम का एक कारण यह सुनिश्चित करना था कि चयनकर्ता लक्षित समूह सहित खिलाड़ियों के व्यापक समूह को भारत के टेस्ट सीज़न में पर्याप्त अवसर देने में सक्षम हों। चार टीमों का यह टूर्नामेंट 22 सितंबर तक चलेगा और प्रत्येक टीम को अन्य तीन टीमों के साथ राउंड-रॉबिन प्रारूप में खेलना होगा। स्टैंडिंग के अंत में टॉपर विजेता होगा।
Khabarmall24
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nationalistbharat · 1 month
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