रणजी ट्रॉफी: टीम इंडिया से बाहर चल रहे खिलाड़ी ने बरपाया कहर, 10 विकेट लेकर सबको किया हैरान
रणजी ट्रॉफी: टीम इंडिया से बाहर चल रहे खिलाड़ी ने बरपाया कहर, 10 विकेट लेकर सबको किया हैरान
रणजी ट्रॉफी 2022: भारतीय घरेलू क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में हर रोज रोमांचक मैच देखने को मिल रहे हैं और कई खिलाड़ी चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए दमदार प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में लंबे समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे दिल्ली कैपिटल्स के स्टार गेंदबाज आवेश खान ने विदर्भ के सामने गेंदबाजी करते हुए 10 विकेट झटके और सभी को हैरान कर दिया. गेंद के साथ उनके कहर का नतीजा…
बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां: सीखें मजेदार किस्सों के साथ
कहानी सुनते बच्चे
बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां पढ़ें जो मनोरंजन के साथ-साथ नैतिक शिक्षा भी देती हैं। इन कहानियों से बच्चे सीखेंगे अच्छे संस्कार, नैतिक मूल्य और जीवन के महत्वपूर्ण सबक।बच्चों की कहानियां न सिर्फ उनका मनोरंजन करती हैं, बल्कि उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी सिखाती हैं। इन शिक्षाप्रद कहानियों के माध्यम से बच्चे खेल-खेल में नैतिक मूल्य, अच्छे संस्कार और सही व्यवहार सीख सकते हैं। ये…
जिन निवेशकों को इस बात का अंदाजा नहीं है कि वे शेयरों में क्या चाहते हैं, वे धन विनाश का सामना कर सकते हैं। (प्रतिनिधि)
जो कोई ऐसा मानता है शेयर बाजारों में निवेश विश्वासों का खेल है और भावनाओं का बुरी तरह विफल होना तय है।
शेयर बाजारों में निवेश फायदेमंद हो सकता है लेकिन तभी जब सचेत प्रयास किए जाएं। आज हम बात करेंगे एक ऐसे निवेशक के विचारों की जिन्होंने इन सचेत प्रयासों को लिया और शेयर बाजार में…
आंखों में पानी होठों पर दुआ
ईश्वर की मर्जी से सब है हुआ
कोई ना दोषी है खुद का कसूर
जिंदगी में सब कुछ ना मिलता हुजूर ।
हर लम्हें जिंदगी के सबक हैं भाई
इनमें ही निहित है जीवन की सच्चाई
वक्त हाथों से ना बचा है कोई
हाथों की लकीरों का मिटना ना होई ।।
अमेरिका के भविष्यवक्ता ‘‘श्री एण्डरसन’’ के अनुसार, 'भारत के देहात का एक धार्मिक व्यक्ति, एक मानव, एक भाषा और झण्डा की रूपरेखा का संविधान बनाकर संसार को सदाचार, उदारता, मानवीय सेवा व प्यार का सबक देगा।
*Savior Of The World*🏇अमेरिका के भविष्यवक्ता ‘‘श्री एण्डरसन’’ के अनुसार, 'भारत के देहात का एक धार्मिक व्यक्ति, एक मानव, एक भाषा और झण्डा की रूपरेखा का संविधान बनाकर संसार को सदाचार, उदारता, मानवीय सेवा व प्यार का सबक देगा। यह मसीहा विश्व में आगे आने वाले हजारों वर्षों के लिए धर्म व सुख-शांति भर देगा।'
और संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं से उनके समर्थकों में सदाचार, मानवता देखने को मिलती है। जिससे उनका जीवन सुखी हो रहा है।
अमेरिका के भविष्यवक्ता ‘‘श्री एण्डरसन’’ के अनुसार, 'भारत के देहात का एक धार्मिक व्यक्ति, एक मानव, एक भाषा और झण्डा की रूपरेखा का संविधान बनाकर संसार को सदाचार, उदारता, मानवीय सेवा व प्यार का सबक देगा। यह मसीहा विश्व में'
एक मआशरे में किसी से जाने-अनजाने में गलती का हो जाना कोई बड़ी बात नहीं है। दिक्कत वह खड़ी हो जाती है जब गलती जान बूझकर की जाये और गलत को भी सही साबित करने की कोशिश की जाये। ये गलती किसी से इन्फरादी भी हो सकती है और इज्तिमाई भी और हाकिम और महकूम सब इसमें बराबर शामिल हो सकते है।
हमारे रब ने जो ज़िन्दगी गुज़ारने का तरीका हमे बताया है, उसमे हर ईमान वाले पर ये फर्ज़ है कि, वो अपने दायरे और इख़्तियार में, सही बात को फ़ैलाने के लिये “अम्र बिल मार्रूफ़” यानी भलाई का हुक्म करे और गलती को दुरूस्त करने के लिये, “नह्य अनिल मुन्कर” यानी बुराई से रोके। कुरआन में अल्लाह ने फरमाया,
“तुम सब से बेहतर उम्मत हो जो लोगो के लिये भेजी गयी हो कि नेक काम करने का कहते हो और बुरे कामो से मना करते हो और अल्लाह पर ईमान रखते हो.” (सूर: आले इमरान : आयत 110)
तारीख गवाह है कि, इस्लाम के सुनहरी दौर में अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली ने अपनी ही ज़िरह को हासिल करने के लिये तानाशाही का तर्ज़ नहीं बल्कि दारुल क़ज़ा में खुद को पेश किया और मुस्तनद गवाह ना होने के सबब क़ाज़ी शुरअ के, अपने खिलाफ फैसले को कबूल किया।
मगर बनू उमय्या के दौर में लोगो के ज़मीर पर नकेल दाल दी गयी। भलाई का हुक्म देना और बुराई से रोकने के हक को छीन लिया गया। अब दौर वो था कि, ज़ुबान खोलो तो बादशाह की तारीफ़ में, वर्ना खामोश रहो।
आज भी तानाशाह हुकूमत अपनी गलती को ज़ाहिर ना होने देने के लिये, आज़ादी ए इज़हारे राय (freedom of speech) पर पाबन्दी लगा कर रखती है। मगर अपने नाना हज़रत मुहम्मद (सल्ल०) की आगोश के रोशन चिराग सय्यदना इमाम हुसैन ने गलत को गलत कहने से परहेज़ नहीं किया और यज़ीद को बेअत देने से इन्कार कर दिया।
जब भी कभी ज़मीर के सोदे की बात हो
डट जाओ तुम हुसैन के इंकार की तरह।
“अम्र बिल मार्रूफ़” और “नह्य अनिल मुन्कर” के फर्ज़ को अदा करने के लिये, आज़ादी ए इज़हारे राय एक ज़िन्दा ज़मीर की ज़रुरत है. ये अहम सबक हमें वाकिया ए कर्बला से मिलता है।
क्रिकेट: पाकिस्तान क्रिकेट में चर्चा में ससुर-दामाद की जोड़ी, कप्तान बाबर पर सबकी निगाहें
क्रिकेट: पाकिस्तान क्रिकेट में चर्चा में ससुर-दामाद की जोड़ी, कप्तान बाबर पर सबकी निगाहें
क्रिकेट: पाकिस्तान क्रिकेट में इन दिनों काफी बदलाव देखने को मिल रहा है, पाकिस्तान क्रिकेट टीम के चयन की कमान अब पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी के हाथ में आ गई है, खास बात यह है कि अफरीदी खुलकर कप्तान बाबर आजम का समर्थन कर रहे हैं, जबकि टेस्ट क्रिकेट में पाकिस्तान के प्रदर्शन से पाकिस्तान को काफी फर्क पड़ा है. फिलहाल अच्छा नहीं रहा। लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट में ससुर-दामाद की जोड़ी चर्चा में बनी रहती…
बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां: सीखें मजेदार किस्सों के साथ
कहानी सुनते बच्चे
बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां पढ़ें जो मनोरंजन के साथ-साथ नैतिक शिक्षा भी देती हैं। इन कहानियों से बच्चे सीखेंगे अच्छे संस्कार, नैतिक मूल्य और जीवन के महत्वपूर्ण सबक।बच्चों की कहानियां न सिर्फ उनका मनोरंजन करती हैं, बल्कि उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी सिखाती हैं। इन शिक्षाप्रद कहानियों के माध्यम से बच्चे खेल-खेल में नैतिक मूल्य, अच्छे संस्कार और सही व्यवहार सीख सकते हैं। ये…
हमारा मानना है कि हर इंसान जो आपकी जिंदगी में मुकद्दर बनके आता है,वो शायद आपकी जिंदगी का मुक़द्दर ना हो हर कोई इंसान आपकी जिंदगी में एक प्रयोजन या उद्देश्य से आता है,
कुछ आपको एक सबक या शिक्षा सिखाने के लिये आते हैं और कुछ आपसे सीख कर जाते हैं ।
[प्रेम पत्र खुद के लिए: दिन #7. २१th नवंबर २०२३. मंगलवार.]
इन सर्द हवाओं में, इस सर्द मौसम में कुछ तो ऐसा है जो हकीकत से मिला देते है... मौसम हो, वक्त हो या इंसान बदल जाते है। बदलाव ज़िंदगी की ऐसी परछाई है जो अक्सर अंधेरों में रुला दिया करती है या कभी चाय पर हसा दिया करती है। कभी कभी हम उस बदलाव को अपनाने से इंकार कर देते है, मुकर जाते हैं की नही ये नही हो सकता ये हकीकत नही है मगर कब तक?
दो साल पहले जब हम अपना पुराना मकान छोड़ कर आ रहे थे तब मुझे फर्क नही पड़ा और आज भी नही पड़ता, ना उन लोगों से ना उस जगह से... ऐसी कोई याद बनी ही नही जो मुझे बांध सके। यादों की बंदिशों में रहने से अच्छा है में उन्हें दफना दु। अब जब वो सब याद करती हु तो एक सपना लगता है...
सही कहा,
ab vo galiyāñ vo makāñ yaad nahīñ
kaun rahtā thā kahāñ yaad nahīñ
-Ahmad Mushtaq
जब तक फर्क नही पड़ता तब तक चीजे सही रहती है, जब फर्क पड़ने लग जाए तब समझ लेना जिस चीज़ से फर्क पड़ने लगा है उसके बदलाव से या तो घाव मिलेगा या सबक।
ये मकान अब मुझे घर लगने लगा है, पहले से बेहतर है ये जगह।
🇮🇳 Shah Rukh Khan than Amitabh Bachchan.. Says.. For lust of power & money, Contemporary GODI-MEDIA has reduced itself to becoming the mouth piece of the govt while it has been spreading the poison of HATRED, Communalism and Fake-News. It has now come to that point where boycott of Godi anchors is not about teaching them a lesson but saving the country from their Dangerous and VILE PROPAGANDA
#Boycott Godi Media "INDIA"
सत्ता और पैसे की लालसा के लिए, समकालीन गोदी-मीडिया ने खुद को सरकार का मुखपत्र बनने तक सीमित कर दिया है, जबकि यह नफरत, सांप्रदायिकता और फेक-न्यूज का जहर फैला रहा है। अब यह उस बिंदु पर आ गया है जहां गोदी एंकरों का बहिष्कार उन्हें सबक सिखाने के बारे में नहीं है बल्कि देश को उनके खतरनाक और वीभत्स प्रचार से बचाने के बारे में है।