#सफेद दाग का रामबाण इलाज
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vitiligocare · 1 year ago
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सफेद दाग का रामबाण इलाज क्या है?
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सफेद दाग, जिसे विटिलिगो ( Vitiligo ) भी कहा जाता है, एक त्वचा रोग है जिसमें त्वचा के कुछ हिस्से पर पिगमेंटेशन कम हो जाती है और वहाँ सफेद पड़ियां बनती हैं। यह रोग किसी को भी प्रभावित कर सकता है, और इसके चिकित्सा के लिए कोई रामबाण इलाज नहीं है, लेकिन कुछ उपाय और तरीके हो सकते हैं जो इस समस्या को प्रबंधन करने में मदद कर सकते हैं।
1. फोटोथेरेपी: कुछ मामलों में, डॉक्टर फोटोथेरेपी की सलाह देते हैं, जिसमें त्वचा को विशेष वितामिन D और उव रोशनी के साथ प्रक्रिया की जाती है ताकि पिगमेंटेशन में सुधार हो सके।
2. सूर्य की रोशनी से बचाव : सफेद दाग को बढ़ने से रोकने के लिए धूप से बचाव करें, क्योंकि धूप के अधिक प्रभाव से रोग में बढ़ोतरी हो सकती है।
3. कॉस्मेटिक कवरअप : कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का उपयोग करके सफेद दागों को छुपाने का प्रयास कर सकते हैं।
4. टॉपिकल स्टेरॉयड : डॉक्टर की सलाह पर, आपको टॉपिकल स्टेरॉयड क्रीम्स का उपयोग कर सकते हैं, जो कुछ हिस्सों की पिगमेंटेशन को बढ़ावा देने में मदद कर सकती हैं।
5. न्यूट्रिशन : स्वस्थ आहार खाना और विटामिन सुप्लीमेंट्स का उपयोग करना आपकी त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।
6. स्टेरॉयड क्रीम्स : डॉक्टर की सलाह पर, टॉपिकल स्टेरॉयड क्रीम्स का उपयोग कर सकते हैं, जो कुछ हिस्सों की पिगमेंटेशन को बढ़ावा देने में मदद कर सकती हैं।
7. चिकित्सा संदेशण : कुछ चिकित्सा संदेशण तकनीकें भी सफेद दाग को प्रबंधन करने में मदद कर सकती हैं।
8. प्याज का रस : कुछ लोग सफेद दाग को कम करने के लिए प्याज के रस का उपयोग करते हैं। प्याज के रस को सफेद दाग पर लगाने से आपको सुझाव दिया जा सकता है, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक सिद्धांत नहीं है।
9. विशेषज्ञ की सलाह : सफेद दाग का सही इलाज पाने के लिए आपको एक त्वचा विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर आपकी त्वचा की स्थिति को मूल्यांकन करेंगे और सही उपाय सुझाएंगे।
ल्यूगो किट ( Leugo Kit ) लंबे समय तक एक प्रमुख और प्रचलित उपचार चिकित्सा है। ल्यूगो किट सफेद दाग या ल्यूकोडर्मा त्वचा विकार का सबसे प्रभावी उपचार है।
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sabkuchgyan · 5 years ago
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कौनसे यह है सही तरीका जिससे आप सफेद दाग को ठीक कर सकते हो 
कौनसे यह है सही तरीका जिससे आप सफेद दाग को ठीक कर सकते हो #Whitespots #rightmethod #SafedDaag
क्या है सफेद दाग (Safed Daag)
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सफेद दाग त्वचा से जुड़ी एक बीमारी है जिसे ल्यूकोडर्मा और विटिलिगो के…
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ilajupay-blog · 8 years ago
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gyanyognet-blog · 6 years ago
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गिलोय के अनुप्रयोग
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गिलोय के अनुप्रयोग
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भिन्न रोगों और मौसम के अनुसार गिलोय के अनुप्रयोग
गिलोय एक रसायन है, यह रक्तशोधक, ओजवर्धक, ह्रुदयरोग नाशक ,शोधनाशक और लीवर टोनिक भी है। यह पीलिया और जीर्ण ज्वर का नाश करती है अग्नि को तीव्र करती है, वातरक्त और आमवात के लिये तो यह महा विनाशक है।
गिलोय के 6″ तने को लेकर कुचल ले उसमे 4 -5 पत्तियां तुलसी की मिला ले इसको एक गिलास पानी में मिला कर उबालकर इसका काढा बनाकर पीजिये। और इसके साथ ही तीन चम्मच एलोवेरा का गुदा पानी में मिला कर नियमित रूप से सेवन करते रहने से जिन्दगी भर कोई भी बीमारी नहीं आती। और इसमें पपीता के 3-4 पत्तो का रस मिला कर लेने दिन में तीन चार लेने से रोगी को प्लेटलेट की मात्रा में तेजी से इजाफा होता है प्लेटलेट बढ़ाने का इस से बढ़िया कोई इलाज नहीं है यह चिकन गुनियां डेंगू स्वायन फ्लू और बर्ड फ्लू में रामबाण होता है।
गैस, जोडों का दर्द ,शरीर का टूटना, असमय बुढापा वात असंतुलित होने का लक्षण हैं। गिलोय का एक चम्मच चूर्ण को घी के साथ लेने से वात संतुलित होता है ।
गिलोय का चूर्ण शहद के साथ खाने से कफ और सोंठ के साथ आमवात से सम्बंधित बीमारीयां (गठिया) रोग ठीक होता है।
गिलोय और अश्वगंधा को दूध में पकाकर नियमित खिलाने से बाँझपन से मुक्ति मिलती हैं।
गिलोय का रस और गेहूं के जवारे का रस लेकर थोड़ा सा पानी मिलाकर इस की एक कप की मात्रा खाली पेट सेवन करने से रक्त कैंसर में फायदा होगा।
गिलोय और गेहूं के ज्वारे का रस तुलसी और नीम के 5 – 7 पत्ते पीस कर सेवन करने से कैंसर में भी लाभ होता है।
क्षय (टी .बी .) रोग में गिलोय सत्व, इलायची तथा वंशलोचन को शहद के साथ लेने से लाभ होता है।
गिलोय और पुनर्नवा का काढ़ा बना कर सेवन करने से कुछ दिनों में मिर्गी रोग में फायदा दिखाई देगा।
एक चम्मच गिलोय का चूर्ण खाण्ड या गुड के साथ खाने से पित्त की बिमारियों में सुधार आता है और कब्ज दूर होती है।
गिलोय रस में खाण्ड डालकर पीने से पित्त का बुखार ठीक होता है। और गिलोय का रस शहद में मिलाकर सेवन करने से पित्त का बढ़ना रुकता है।
प्रतिदिन सुबह-शाम गिलोय का रस घी में मिलाकर या शहद गुड़ या मिश्री के साथ गिलोय का रस मिलकर सेवन करने से शरीर में ख���न की कमी दूर होती है।
गिलोय ज्वर पीडि़तों के लिए अमृत है, गिलोय का सेवन ज्वर के बाद टॉनिक का काम करता है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। शरीर में खून की कमी (एनीमिया) को दूर करता है।
फटी त्वचा के लिए गिलोय का तेल दूध में मिलाकर गर्म करके ठंडा करें। इस तेल को फटी त्वचा पर लगाए वातरक्त दोष दूर होकर त्वचा कोमल और साफ होती है।
सुबह शाम गिलोय का दो तीन टेबल स्पून शर्बत पानी में मिलाकर पीने से पसीने से आ रही बदबू का आना बंद हो जाता है।
गिलोय के काढ़े को ब्राह्मी के साथ सेवन से दिल मजबूत होता है, उन्माद या पागलपन दूर हो जाता है, गिलोय याददाश्त को भी बढाती है।
गिलोय का रस को नीम के पत्ते एवं आंवला के साथ मिलाकर काढ़ा बना लें। प्रतिदिन 2 से 3 बार सेवन करे इससे हाथ पैरों और शरीर की जलन दूर हो जाती है।
मुंहासे, फोड़े-फुंसियां और झाइयो पर गिलोय के फलों को पीसकर लगाये मुंहासे, फोड़े-फुंसियां और झाइयां दूर हो जाती है।
गिलोय, धनिया, नीम की छाल, पद्याख और लाल चंदन इन सब को समान मात्रा में मिलाकर काढ़ा बना लें। इस को सुबह शाम सेवन करने से सब प्रकार का ज्वर ठीक होता है।
गिलोय, पीपल की जड़, नीम की छाल, सफेद चंदन, पीपल, बड़ी हरड़, लौंग, सौंफ, कुटकी और चिरायता को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण के एक चम्मच को रोगी को तथा आधा चम्मच छोटे बच्चे को पानी के साथ सेवन करने से ज्वर में लाभ मिलता है।
गिलोय, सोंठ, धनियां, चिरायता और मिश्री को सम अनुपात में मिलाकर पीसकर चूर्ण बना कर रोजाना दिन में तीन बार एक चम्मच भर लेने से बुखार में आराम मिलता है।
गिलोय, कटेरी, सोंठ और अरण्ड की जड़ को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर पीने से वात के ज्वर (बुखार) में लाभ पहुंचाता है।
गिलोय के रस में शहद मिलाकर चाटने से पुराना बुखार ठीक हो जाता है। और गिलोय के काढ़े में शहद मिलाकर सुबह और शाम सेवन करें इससे बारम्बार होने वाला बुखार ठीक होता है।गिलोय के रस में पीपल का चूर्ण और शहद को मिलाकर लेने से जीर्ण-ज्वर तथा खांसी ठीक हो जाती है।
गिलोय, सोंठ, कटेरी, पोहकरमूल और चिरायता को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर सुबह और शाम सेवन करने से वात का ज्वर ठीक हो जाता है।
गिलोय और काली मिर्च का चूर्ण सम मात्रा में मिलाकर गुनगुने पानी से सेवन करने से हृदयशूल में लाभ मिलता है। गिलोय के रस का सेवन करने से दिल की कमजोरी दूर होती है और दिल के रोग ठीक होते हैं।
गिलोय और त्रिफला चूर्ण को सुबह और शाम शहद के साथ चाटने से मोटापा कम होता है और गिलोय, हरड़, बहेड़ा, और आंवला मिला कर काढ़ा बनाइये और इसमें शिलाजीत मिलाकर और पकाइए इस का नियमित सेवन से मोटापा रुक जाता है।
गिलोय और नागरमोथा, हरड को सम मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना कर चूर्ण शहद के साथ दिन में 2 – 3 बार सेवन करने से मोटापा घटने लगता है।
बराबर मात्रा में गिलोय, बड़ा गोखरू और आंवला लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। इसका एक चम्मच चूर्ण प्रतिदिन मिश्री और घी के साथ सेवन करने से संभोग शक्ति मजबूत होती है।
अलसी और वशंलोचन समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें, और इस��� गिलोय के रस तथा शहद के साथ हफ्ते – दस दिन तक सेवन करे इससे वीर्य गाढ़ा हो जाता है।
लगभग 10 ग्राम गिलोय के रस में शहद और सेंधानमक (एक-एक ग्राम) मिलाकर, इसे खूब उबाले फिर इसे ठण्डा करके आंखो में लगाएं इससे नेत्र विकार ठीक हो जाते हैं।
गिलोय का रस आंवले के रस के साथ लेने से नेत्र रोगों में आराम मिलता है।
गिलोय के रस में त्रिफला को मिलाकर काढ़ा बना लें। इसमें पीपल का चूर्ण और शहद मिलकर सुबह-शाम सेवन करने से आंखों के रोग दूर हो जाते हैं और आँखों की ज्योति बढ़ जाती हैं।
गिलोय के पत्तों को हल्दी के साथ पीसकर खुजली वाले स्थान पर लगाइए और सुबह-शाम गिलोय का रस शहद के साथ मिलाकर पीने से रक्त विकार दूर होकर खुजली से छुटकारा मिलता है।
गिलोय के साथ अरण्डी के तेल का उपयोग करने से पेट की गैस ठीक होती है।
श्वेत प्रदर के लिए गिलोय तथा शतावरी का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है।गिलोय के रस में शहद मिलाकर सुबह-शाम चाटने से प्रमेह के रोग में लाभ मिलता है।
गिलोय के रस में मिश्री मिलाकर दिन में दो बार पीने से गर्मी के कारण से आ रही उल्टी रूक जाती है। गिलोय के रस में शहद मिलाकर दिन में दो तीन बार सेवन करने से उल्टी बंद हो जाती है।
गिलोय के तने का काढ़ा बनाकर ठण्डा करके पीने से उल्टी बंद हो जाती है।
6 इंच गिलोय का तना लेकर कुट कर काढ़ा बनाकर इसमे काली मिर्च का चुर्ण डालकर गरम गरम पीने से साधारण जुकाम ठीक होगा।
पित्त ज्वर के लिए गिलोय, धनियां, नीम की छाल, चंदन, कुटकी क्वाथ का सेवन लाभकारी है, यह कफ के लिए भी फायदेमंद है।
नजला, जुकाम खांसी, बुखार के लिए गिलोय के पत्तों का रस शहद मे मिलाकर दो तीन बार सेवन करने से लाभ होगा।
1 लीटर उबलते हुये पानी मे एक कप गिलोय का रस और 2 चम्मच अनन्तमूल का चूर्ण मिलाकर ठंडा होने पर छान लें। इसका एक कप प्रतिदिन दिन में तीन बार सेवन करें इससे खून साफ होता हैं और कोढ़ ठीक होने लगता है।
गिलोय का काढ़ा बनाकर दिन में दो बार प्रसूता स्त्री को पिलाने से स्तनों में दूध की कमी होने की शिकायत दूर होती है और बच्चे को स्वस्थ दूध मिलता है।
एक टेबल स्पून गिलोय का काढ़ा प्रतिदिन पीने से घाव भी ठीक होते है।गिलोय के काढ़े में अरण्डी का तेल मिलाकर पीने से चरम रोगों में लाभ मिलता है खून साफ होता है और गठिया रोग भी ठीक हो जाता है।
गिलोय का ��ूर्ण, दूध के साथ दिन में 2-3 बार सेवन करने से गठिया ठीक हो जाता है।
गिलोय और सोंठ सामान मात्रा में लेकर इसका काढ़ा बनाकर पीने से पुराने गठिया रोगों में लाभ मिलता है।
गिलोय का रस तथा त्रिफला आधा कप पानी में मिलाकर सुबह-शाम भोजन के बाद पीने से घुटने के दर्द में लाभ होता है। गिलोय का रास शहद के साथ मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।
मट्ठे के साथ गिलोय का 1 चम्मच चूर्ण सुबह शाम लेने से बवासीर में लाभ होता है।गिलोय के रस को सफेद दाग पर दिन में 2-3 बार लगाइए एक-डेढ़ माह बाद असर दिखाई देने लगेगा ।
गिलोय का एक चम्मच चूर्ण या काली मिर्च अथवा त्रिफला का एक चम्मच चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
गिलोय की बेल गले में लपेटने से भी पीलिया में लाभ होता है। गिलोय के काढ़े में शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार पीने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है। गिलोय के पत्तों को पीसकर एक गिलास मट्ठा में मिलाकर सुबह सुबह पीने से पीलिया ठीक हो जाता है।
गिलोय को पानी में घिसकर और गुनगुना करके दोनों कानो में दिन में 2 बार डालने से कान का मैल निकल जाता है। और गिलोय के पत्तों के रस को गुनगुना करके ��स रस को कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।
गिलोय का रस पीने से या गिलोय का रस शहद में मिलाकर सेवन करने से प्रदर रोग खत्म हो जाता है। या गिलोय और शतावरी को साथ साथ कूट लें फिर एक गिलास पानी में डालकर इसे पकाएं जब काढ़ा आधा रह जाये इसे सुबह-शाम पीयें प्रदर रोग ठीक हो जाता है।
गिलोय के रस में रोगी बच्चे का कमीज रंगकर सुखा लें और यह कुर्त्ता सूखा रोग से पीड़ित बच्चे को पहनाकर रखें। इससे बच्चे का सूखिया रोग जल्द ठीक होगा।
मात्रा : गिलोय को चूर्ण के रूप में 5-6 ग्राम, सत् के रूप में 2 ग्राम तक क्वाथ के रूप में 50 से 100 मि. ली.की मात्रा लाभकारी व संतुलित होती है।
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bhagirathidevi-blog · 7 years ago
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सफेद दाग त्वचा से जुड़ा एक रोग हैं। मेडिकल भाषा मे सफेद दाग को ल्यूकोडर्मा (Leucoderma) और विटिलिगो (Vitiligo) नाम से भी जाना जाता हैं। यह रोग शरीर के किसी भी हिस्से जैसे हाथ, पैर और आँख पर हो सकता हैं।
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crazyindia · 5 years ago
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सभी दवाइयों का बाप है इस पौधे का सिर्फ 1 पत्ता,शरीर से बीमारियों का करता...
ह्रदय रोग, लकवा ,किडनी में पथरी ,सफेद दाग, हकलाना और तुतलाना तक सभी बीमारियों का रामबाण इलाज है इस पौधे का सिर्फ एक पत्ता
दोस्तों आज की इस वीडियो में हम आपके लिए एक ऐसा नुस्खा या फिर उपाय लेकर आये है जिसका प्रयोग करके आपने शरीर को सभी बीमारियों से मुक्त बना सकते है दोस्तों आज की इस वीडियो में हम जिस नुस्खे या फिर पौधे की बात कर रहे है वो है पथरचट्टा का पौधा दोस्तों आज की इस वीडियो में ये जो पौधा है वो आपको भड़ी ही आसानी से मिल जाता है तो आइये दोस्तों जानते है इस नुस्खे के बारे में
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gethealthy18-blog · 5 years ago
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मस्सा के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Warts Symptoms and Treatment in Hindi
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मस्सा के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Warts Symptoms and Treatment in Hindi
मस्सा के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Warts Symptoms and Treatment in Hindi Saral Jain Hyderabd040-395603080 November 29, 2019
गलत खान-पान, दूषित वातावरण और आसपास की गंदगी के कारण कई बैक्टीरिया और वायरस पैदा हो जाते हैं। इन बैक्टीरिया और वायरस की वजह से कई बीमारियां और समस्याएं देखने में आती हैं। उनमें से कुछ तो ठीक हो जाती हैं, लेकिन कुछ लंबे समय के लिए शरीर में घर कर जाती हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक है मस्से की समस्या, जो आपकी खूबसूरती पर दाग के समान होते हैं। ये देखने में बेहद भद्दे लगते हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम मस्सों के बारे में ही बात करेंगे। हम जानने की कोशिश करेंगे कि इसके पीछे मुख्य कारण क्या है। साथ ही हम मस्से का इलाज करने के कुछ खास घरेलू नुस्खे भी बताएंगे। इन घरेलू नुस्खों को उपयोग करने से पहले त्वचा विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है, क्योंकि कुछ लोगों की त्वचा संवेदनशील होती है और इनमें से कुछ घरेलू नुस्खों से उन्हें एलर्जी हो सकती है।
आर्टिकल में सबसे पहले हम मस्सा के बारे में कुछ जानकारी जुटा लेते हैं।
विषय सूची
मस्सा क्या है? – What Are Warts in Hindi
मस्सा, आपकी त्वचा की बाहरी परत पर एक मोटी और कठोर गांठ जैसा होता है। ये अपके शरीर पर कहीं भी विकसित हो सकते हैं। हाथ और पैरों की त्वचा पर इनके विकसित होने की आशंका ज्यादा होती हैं। ये आपकी त्वचा पर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus) यानी एचपीवी संक्रमण के कारण होते हैं। खास बात यह है कि बेशक ये गांठ जैसे होता हैं, लेकिन कैंसर का कारण नहीं बनते हैं (1)।
आइए, अब यह जान लेते हैं कि मस्से कितने प्रकार के होते हैं।
मस्सा के प्रकार – Types of Warts in Hindi
मुख्य रूप से मस्से छह प्रकार के होते हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं (2):
कॉमन मस्सा (Common warts): यह सुई की नोक से लेकर मटर के आकार तक हो सकता है। यह अक्सर हाथों, उंगलियों, नाखूनों के आसपास की त्वचा और आपके पैरों पर पाया जाता है।
प्लांटार मस्सा (Plantar warts): यह काफी बड़ा हो सकता है। इस तरह के मस्से का इलाज करना थोड़ा मुश्किल होता है। यह ज्यादातर पैरों की एड़ियों और तलवों पर होता है।
मोजेक मस्सा (Mosaic warts): यह छोटे आकार का सफेद रंग का मस्सा होता है। यह आमतौर पर पैरों की उंगलियों के नीचे पाया जाता है, जो पूरे पैर में फैल सकता है।
फिलीफॉर्म मस्सा (Filiform warts): यह धागे जैसा पतला और आगे से नुकीला होता है। यह मुख्य रूप से चेहरे पर होता है। चेहरे पर होने के कारण यह आपको ज्यादा परेशान कर सकता है।
फ्लैट मस्सा (Flat warts): यह हल्के भूरे रंग का होता है और आमतौर पर चेहरे, माथे व गाल पर पाया जाता है। यह आपके अंडरआर्म्स पर भी हो सकता है।
जेनिटल मस्सा (Genital warts): ये मस्सा जननांग पर बैक्टीरिया के कारण होता है।
मस्सों के प्रकार के बाद हम आगे मस्सा होने के कारण के बारे में बता रहे हैं।
मस्सा के कारण – Causes of Warts in Hindi
मस्से मुख्य रूप से संक्रमण के कारण होते हैं। मस्सा होने के कारण और भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं (2):
मस्सा एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) संक्रमण के कारण होता है। यह वायरस 100 से अधिक प्रकार का होता है, जो त्वचा में छोटे-छोटे कट के माध्यम से प्रवेश कर सकता है और अतिरिक्त कोशिकाओं की वृद्धि का कारण बन सकता है। इससे त्वचा की बाहरी परत मोटी और सख्त हो जाती है, जो मस्सा का रूप ले लेत��� है।
एचपीवी वायरस से प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी यह हो सकता है।
दूसराें का तौलिया या फिर रेजर इस्तेमाल करना भी मस्सा होने के कारण बन सकता है।
घाव वाली त्वचा के संक्रमित होने से भी इसके होने की आशंका अधिक हो जाती है।
मस्से होने के कारण जानने के बाद अब हम इसके लक्षणों के बारे में भी जान लेते हैं।
मस्सा के लक्षण – Warts Symptoms in Hindi
आप कुछ खास लक्षणों के जरिए जान सकते हैं कि आपको मस्से हैं या नहीं (2):
त्वचा के ऊपर गांठ जैसा दिखाई देना।
त्वचा के ऊपर गहरे रंग के धब्बे या तिल जैसे निशान बनना।
त्वचा पर अलग-अलग प्रकार के रंग का होना।
मस्से पर काले धब्बों की उपस्थिति, आपकी रक्त वाहिकाओं को बंद कर सकती है।
त्वचा पर बनी हुई गांठ मुलायम या फिर खुरदरी होना भी मस्से के लक्षण हो सकते हैं।
अब आर्टिकल के इस अहम हिस्से में आप जानेगे कि किन घरेलू उपायों की मदद से इस समस्या से निपटा जा सकता है।
मस्सा के लिए कुछ घरेलू उपाय – Home Remedies for Warts in Hindi
आम जिंदगी में मस्से का होना एक परेशानी का विषय बन सकता है। अगर आप भी इससे पीड़ित हैं और मस्सा हटाने के उपाय खोज रहे हैं, तो चिंता न करें। यहां पर हम आपको कुछ आसान से घरेलू उपायों के जरिए मस्से हटाने की विधि बता रहे हैं।
नोट: आप इन मस्सा हटाने के उपाय का उपयोग जेनिटल मस्से के लिए न करें। अगर आपको जेनिटल मस्सा है, तो इसके इलाज के लिए आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
1. लहसुन से मस्से का इलाज
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लहसुन में एंटीवायरल और एंटी कार्सिनोजेनिक गुण पाए जाते हैं। ये गुण वायरल से संक्रमित कोशिकाओं के प्रसार को रोकते हैं। इस प्रकार यह मस्सा का कारण बनने वाले वायरल संक्रमण का इलाज करने में आपकी मदद कर सकता है (3)।
सामग्री:
1-2 लहसुन की कलियां
���्या करें?
लहसुन को कुचल कर एक पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को मस्से से प्रभावित स्थान पर लगाएं।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसे दिन में दो से तीन बार उपयोग कर सकते हैं।
2. अरंडी का तेल
अरंडी का तेल मस्से हटाने की दवा के रूप में लाभकारी साबित हो सकता है (4)। इसमें पाया जाने वाला एंटीवायरल गुण मस्से के बैक्टीरिया को रोकने और उसे समाप्त करने में आपकी मदद कर सकता है (5)। एंटीवायलर गुण मस्से और इसके फैलान वाले ह्यूमन पेपिलोमा वायरस को दूर करने के लिए एक कारगर घटक हो सकता है (6)।
सामग्री:
1 चम्मच अरंडी का तेल
2-3 बूंदें एसेंशियल ऑयल
क्या करें?
एक कटोरी में एसेंशियल ऑयल की दो से तीन बूंदों के साथ एक चम्मच अरंडी का तेल मिलाएं।
इसे कॉटन की सहायता से मस्से पर लगाएं।
इसे कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें और फिर पानी से धो लें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग सुबह नहाने से पहले और रात को सोने से पहले कर सकते हैं।
3. टी ट्री का तेल
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टी ट्री का तेल मस्से की समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है। ये एटिऑलॉजिकल माइक्रोबियल (Aetiological Microbial) गुण से भरपूर होता है, जो त्वचा के संक्रमण को दूर करने में आपकी मदद करता है। इसके उपयोग से आप मस्से को फैलाने वाले बैक्टीरिया को समाप्त कर सकते हैं (7)। इसके अलावा, इस तेल में एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है, जो बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होने वाले मस्से को दूर कर सकता है (8)।
सामग्री:
टी ट्री ऑयल की 2-3 बूंदें
कॉटन बॉल
क्या करें?
कॉटन बॉल को टी ट्री के तेल में डुबाएं।
इसके बाद कॉटन बॉल को मस्से पर लगाएं।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप ऐसा हफ्ते में रोजाना सुबह और शाम को कर सकते हैं।
4. सिरके से मस्से का इलाज
आप सिरके का उपयोग करके भी मस्से की समस्या को दूर कर सकते हैं। सिरके में मौजूद असेटिक एसिड बैक्टीरिया द्वारा बढ़ने वाले संक्रमण को फैलने नहीं देता। इसे मस्से पर लगाने से आपको जल्दी ही फायदा हो सकता है (9)।
सामग्री:
2 चम्मच सिरका
एक कॉटन बॉल
क्या करेंं?
आप सिरके में कॉटन को भिगोकर प्रभावित स्थान पर लगाएं।
इसे कुछ देर ऐसे ही लगा रहने दें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग दिन में एक बार कभी भी कर सकते हैं।
5. एलोवेरा
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आमतौर पर एलोवेरा के जेल का उपयोग त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे मस्से हटाने की दवा के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, एलोवेरा में एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं, जो मस्से का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को न सिर्फ रोकते हैं, बल्कि उन्हें समाप्त भी करते हैं (10)।
सामग्री:
1 चम्मच एलोवेरा का गूदा
क्या करें?
एलोवेरा के गूदे को मस्से वाले स्थान पर लगाकर कुछ देर के लिए हल्के-हल्के हाथों से मलें।
मलने के बाद थोड़ी देर तक उसे ऐसा ही छोड़ दें और फिर धो लें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग रोजाना कभी कर सकते हैं।
6. बेकिंग सोडा से मस्से का इलाज
जैसा कि आप ऊपर पढ़ चुके हैं कि मस्सा एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) संक्रमण के कारण होता है (6)। माना जाता है कि बेकिंग सोडा जिसे सोडियम बायकार्बोनेट के भी कहा जाता है, इस समस्या को कम करने में मदद कर सकता है (11)। फिलहाल, इस संबंध में और वैज्ञानिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।
सामग्री:
2 चम्मच बेकिंग सोडा
1 चम्मच एसेंशियल ऑयल
क्या करें?
दोनों सामग्रिय���ं को आपस में मिलाकर पेस्ट तैयार करें।
फिर इस पेस्ट को मस्से पर लगाएं।
कुछ देर बाद इसे साफ कर लें।
कब कर सकते  हैं उपयोग?
आप इस विधि का प्रयोग हफ्ते में दो से तीन बार कर सकते हैं।
7. नींबू
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मस्से के मसले को सुलझाने के लिए नींबू बहुत ही काम की चीज हो सकती है। दरअसल, इसमें साइट्रिक एसिड पाया जाता है, जिसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह मस्से को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है (12)।
सामग्री:
1 चम्मच नींबू का रस
2 चम्मच पानी
कॉटन बॉल
क्या करें?
नींबू के रस को पानी में मिलाएं।
इस मिश्रण को आप मस्से पर कॉटन के द्वारा लगा सकते हैं।
कुछ देर इसे लगा ��हने दें और फिर इसे धो लें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग कभी भी कर सकते हैं। सुबह नहाने से पहले इसका उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।
8. केला के छिल्के से मस्से का इलाज
केला खाने के बाद आप उसके छिल्के को फेंक देते होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि केले का छिल्का भी बहुत गुणकारी होता है। इसमें एंटीवायरल और एंटी बैक्टीरियल के साथ ही एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। केले के छिल्के में पाए जाने वाले ये गुण मस्से को दूर करने के लिए रामबाण साबित हाे सकते हैं (13)।
सामग्री:
एक पके केले का छिल्का
क्या करें?
आप केले के छिल्के को मस्से पर 5 से 10 मिनट तक रख सकते हैं।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग दो दिन में एक बार कर सकते हैं।
9. थूजा का तेल
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मस्से का इलाज करने के लिए होम्योपैथिक चिकित्सा में थूजा के तेल का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। थूजा एक सदाबहार पेड़ हैं और इसकी पत्तियों से तैयार दवा को त्वचा से जुड़ी बीमारियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें एक मस्सा भी है (14)। मस्से को दूर करने वाले गुण के लिए अभी थूजा के तेल पर और रिसर्च किए जाने की जरूरत है।
सामग्री:
2-3 बूंद थूजा का तेल
2-3 बूंद एसेंशियल ऑयल
1 कॉटन बॉल
क्या करें?
थूजा के तेल को एसेंशियल ऑयल के साथ मिला लें।
फिर इसमें कॉटन बॉल के डुबो दें।
इस कॉटन को मस्से से प्रभावित वाले स्थान पर कुछ देर के लिए लगाएं।
बाद में इसे ऐसे ही छोड़ दें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग हफ्ते में दो बार किसी भी दिन कर सकते हैं।
10. हल्दी
हल्दी न सिर्फ हमारा रक्त साफ करती है, बल्कि यह अन्य मामलों में भी गुणकारी होती है। हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं (15)। हल्दी में पाए जाने वाले ये गुण मस्से का कारण बनने वाले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस को समाप्त करने में कारगर होते हैं। इसके अलावा, ये मस्से के प्रभाव को भी समाप्त करने में आपकी मदद कर सकते हैं (6)। फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध की जरूरत है।
सामग्री:
1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
1 छोटा चम्मच एसेंशियल ऑयल
क्या करें?
तेल और हल्दी काे मिलाकर पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाएं।
इसे लगाकर ऐसे ही छोड़ दें, ये अपने आप सूख कर झड़ जाएगा।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग रोजाना कभी भी क�� सकते हैं।
11. बीटल जूस
बीटल जूस जिसे कैंथारिडिन (Cantharidin) के नाम से भी जानते हैं, मस्से के उपचार के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसको पॉडोफिलिन (Podophyllin) और सैलिसिलिक एसिड (Salicylic Acid) के साथ मिलाकर उपयोग करने पर मस्से की समस्या के साथ ही तिल की समस्या को भी दूर करने में कुछ मदद मिल सकती है (16)।
सामग्री:
2-3 बूंदें बीटल जूस
1-2 बूंद पॉडोफिलिन
2 बूंद सैलिसिलिक एसिड
एक बैंडेज
क्या करें?
सब को मिलाकर प्रभावित त्वचा पर लगाएं।
इसके ऊपर से बैंडेज या पट्टी को आराम से बांध लें।
इसे 24 घंटे के लिए बंधा रहने दें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप रोजाना रात को सोते समय इसका उपयोग कर सकते हैं।
12. नीम का तेल
नीम का नाम और इसके उपयोग के बारे में कौन नहीं जानता। इसमें मौजूद गुण हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इन्हीं गुणों में से एक गुण है एंटीवायरल गुण, जो मस्से को पैदा करने वाले बैक्टीरिया को न सिर्फ रोकता है, बल्कि इसके संक्रमण को भी समाप्त कर देता है और दोबारा पनपने नहीं देता (17)।
सामग्री:
1 चम्मच नीम का तेल
1 कॉटन बॉल
क्या करें?
कॉटन बॉल को नीम के तेल में भिगाएं।
इसे मस्से वाले स्थान पर आराम-आराम से लगाएं।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग दिन में 2 बार कभी भी कर सकते हैं।
13. अजवायन का तेल
छोटी-सी दिखाई देने वाली अजवायन कई बीमारियों को ठीक कर सकती है। इसका तेल मस्से की समस्या को कुछ हद तक दूर कर सकता है। अजवायन का तेल एंटीवायरल गुणों से संपन्न होता है (18)। इसमें पाया जाने वाला यह गुण एचपीवी नामक वायरस को समाप्त करके मस्से की समस्या से आपको निजात दिलाने में मदद कर सकता है (19)। वहीं, सीडीसी (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) की रिसर्च के अनुसार, एचपीवी के उपचार में एंटीवायरस का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है (20)। ऐसे में बेहतर होगा कि इस संबंध में एक बार डॉक्टर की राय जरूर ली जाए।
सामग्री:
4-5 बूंद अजवायन का तेल
1 कॉटन बॉल
क्या करें?
मस्से वाले स्थान को साफ कर लें।
कॉटन बॉल पर अजवायन के तेल को डालें।
इसे मस्से वाली जगह पर लगाए और थोड़ी देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप नहाने से पहले रोजाना इस विधि का उपयोग कर सकते हैं।
14. विटामिन ए
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मस्सों की समस्या को दूर करने के लिए विटामिन-ए को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आपको उन पदार्थों का सेवन करें, जो विटामिन-ए से भरपूर हों। आप डॉक्टर की सलाह पर विटामिन-ए के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं। विटामिन-ए मस्से का कारण बनने वाले एचपीवी नामक वायरस पर अपना प्रभाव दिखाता है और इसे धीरे-धीरे कम करके समाप्त कर सकता है (21)।
लेख के इस अंतिम हिस्से में हम आपको मस्से की समस्या से बचने के लिए कुछ उपाय बता रहे हैं।
मस्सा से बचाव – Prevention Tips for Warts in Hindi
अगर आपको मस्से नहीं है, तो जरूरी नहीं की भविष्�� भी में न हो। अगर आप इससे बचना चाहते हैं, तो नीचे दिए कुछ जरूरी उपाय को फाॅलो करें, जो इस प्रकार हैं:
अपने हाथ और पैरों को नियमित रूप से धोएं।
अपने नाखूनों को जंग लगे या संक्रमित औजारों द्वारा कटने से बचना चाहिए।
ध्यान रखें कि अपनी वस्तुओं जैसे तौलिया व जूते-चप्पल आदि हर किसी के साथ शेयर न करें।
अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज रखें।
अपने पैरों को हमेशा सार्वजनिक स्थानों पर ढक कर रखें।
आपने आर्टिकल में पढ़ा की थोड़ी-सी भी लापरवाही कैसे किसी भी वायरस के फैलने का कारण बन सकती है। उन्हीं में से एक मस्से को फैलाने वाला वायरस भी है। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपसे मस्से के लक्षण और उसको फैलाने वाले वायरस की जानकारी साझा की है। साथ ही मस्से हटाने की विधि और उससे बचने के उपायों को भी बताया है। ये घरेलू नुस्खे मस्से की समस्या को कम कर सकते हैं और मेडिकल ट्रीटमेंट के प्रभाव को बढ़ा सकते हैं। साथ ही इन्हें उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। ये आर्टिकल आपके लिए किस प्रकार से फायदेमंद रहा नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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Saral Jain
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ से पत्रकारिता में बीए किया है। सरल को इलेक्ट्रानिक मीडिया का लगभग 8 वर्षों का एवं प्रिंट मीडिया का एक साल का अनुभव है। इन्होंने 3 साल तक टीवी चैनल के कई कार्यक्रमों में एंकर की भूमिका भी निभाई है। इन्हें फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, एडवंचर व वाइल्ड लाइफ शूट, कैंपिंग व घूमना पसंद है। सरल जैन संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी व कन्नड़ भाषाओं के जानकार हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/massa-ke-karan-lakshan-gharelu-ilaj-in-hindi/
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healthandfreelife · 7 years ago
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सफेद दाग का रामबाण इलाज है। “नीम”!! Treatment of leucoderma by Neem’s leafs! Safed dag ka ilaj! http://ift.tt/2B3kDml
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naturalvitiligocures · 7 years ago
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सफेद दाग का रामबाण इलाज है यह उपाय । Treatment of leucoderma at Home Naturally – Safed dag ka ilaj http://ift.tt/2BkelQc
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treatingvitiligofast · 7 years ago
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सफेद दाग का रामबाण इलाज | Yoga for Leucoderma in Hindi | Yoga with Amit http://ift.tt/2kqGGvV
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hindiayurved-blog · 7 years ago
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Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Leucoderma Treatment
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Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Leucoderma Treatment
Safed Daag ka ilaj – आज इस लेख में सफेद दाग का रामबाण इलाज के बारें में जानेंगे। यह एक ��्रकार का त्वचा का रोग है। Safed Daag को अंग्रेजी में “Leucoderma” या “Vitiligo” कहा जाता है। कई ऐसे लोग आपको मिलेंगे जो इस रोग की कुष्ठ रोग समझते है। जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है। शरीर के अलग-अलग हिस्से में अलग-अलग आकार के सफ़ेद दाग हो सकता है।
Leucoderma Treatment in Hindi – भारत में इस रोग से लगभग 5 करोड़ लोग प्रभावित है। अगर सफ़ेद दाग चेहरे पर है, तो लोग इसे हीन भावना से देखते है। यह शुरुआत में छोटा होता है। लेकिन बाद में यह शरीर के अन्य भाग बड़ा होने लगता है। इन सफ़ेद दागों में कोई खुजली या जलन नहीं होती है। सफ़ेद दाग होने से कोई नुकशान नहीं होता है। यह सिर्फ शारीर के सुन्दरता को बिगाड़ देता है।
Vitiligo Treatmen in Hindi – असंख्य कोशिकाओं से हमारा शरीर बना होता है। भिन्न-भिन्न कोशिकाओं का भिन्न-भिन्न कार्य होता है। त्वचा की रंगत पहुँचाने वाली कोशिका को कलर सेल्स या मेलानोसाइट्स कहा जाता है। त्वचा का रंग इन्ही कोशिका की वजह से होता है। कलर सेल्स या मेलानोसाइट्स सेल्स के साथ एक और सेल्स सक्रिय रहती है। जिसका नाम मैक्रोफेजेज है। मैक्रोफेजेज कोशिका का कार्य, कलर कोशिका को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने का होता है।
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सफेद दाग का रामबाण इलाज – लेकिन कभी किसी कारणवश ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जब मेलानोसाइट्स कोशिका को, मैक्रोफेजेज कोशिका नहीं पहचान पाता है। जिससे मेलानोसाइट्स सेल्स की प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। और धीरे-धीरे मेलानोसाइट्स सेल्स निष्क्रिय होने लगते है। यही वजह है की शरीर के उस भाग की त्वचा का रंग खत्म होने लगता है। जो हमे सफेद दाग के रूप में नजर आता है।
Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Leucoderma Treatment
इस समस्या में खान-पान पर विशेष ध्यान दें। निचे बताये गए पदार्थों का विशेष यूप से सेवन करें। जैसे – सेब, लोंग, गेंहू के जवारे का र��, आंवला, मुनक्का, अंगूर, शहतूत, लौकी, पत्ता गोभी, तुलसी, गाजर, अदरक, जीरा, अजवाइन, लौंग, दालचीनी, हल्दी, जैतून का तेल, बादाम का तेल, ड्राई फ्रूट्स और सभी तरह के बेरीज।
1. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – इस रोग में नारियल तेल का इस्तेमाल करें। यह त्वचा को पोषण देने का काम करता है। यह रीपीगमेंटेशन को बढ़ावा देता है। जिससे सफ़ेद दाग (Leucoderma) की समस्या ठीक होने लगती है। यह एक बेहतरीन एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल तेल है।
2. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – इस समस्या में मुली का बीज लाभकारी होता है। यह एक उत्तम आयुर्वेदिक नुस्खा है। सबसे पहले लगभग 20 se 25 ग्राम मुली के बीज को लेकर पीस लें। फिर उसमे विनेगर 2 चम्मच डालकर लेप तैयार कर लें। अब इस लेप को सफ़ेद दाग पर लगाये। फिर लगभग 25 से 30 मिनट तक के लिए छोड़ दें। उसके बाद हलके गुनगुने पानी से त्वचा को अच्छे से साफ़ कर लें। ऐसा रोजाना करें, कुछ महीने में ही Leucoderma की समस्या से छुटकारा मिल जायेगा।
यह भी अवश्य पढ़े : मुली के बेहतरीन लाभ की जानकारी हिंदी में।
सफेद दाग का रामबाण इलाज – Leucoderma Treatment in Hindi
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3. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – आयुर्वेद में नीम का अलग ही स्थान है। यह त्वचा की कई समस्या के लिए रामबाण इलाज है। साथ ही साथ खून को भी शुद्ध करने का काम करता है। और तो और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढाता है। सबसे पहले नीम के पत्ते को पीस लें। अब उसमें दही मिलाकर लेप बना लें। अब इसे त्वचा के दाग पर लगाये। फिर कुछ देर सूखने के बाद पानी से धो लें। ऐसा रोज करें, लाभ मिलेगा।
सफेद दाग का रामबाण इलाज – इसके अलावा नीम के पत्तों का रस रोजाना नियमित रूप से पिए। आप चाहे तो नारियल के तेल में नीम का तेल मिलाकर भी लगा सकते है। Leucoderma की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
इसे भी अवश्य पढ़े : नीम के अद्भुत फायदे की जानकारी हिंदी में।
4. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – बावची (Psoralea Corylifolia) जिसे बकुची भी कहा जाता है। यह एक अच्छा आयुर्वेदिक औषधि है। सबसे पहले अदरक का रस निकाल लें। अब उस रस में बावची (Psoralea Corylifolia) के बीज डालकर रख दें। ऐसा 3 दिन के लिए छोड़ दें, लेकिन प्रत्येक दिन अदरक का रस बदलें। उसके बाद हथेली पर रखकर अच्छे से रगड़ें।
Safed Daag ka ilaj – फिर उन बीज को धुप में सूखने के लिए छोड़ दें। सूखने के बाद बीज को पीस लें। अब उस पीसी हुई बीज का लगभग 1 ग्राम गाय के दूध में डालकर पिए। ऐसा रोजाना करें, आपको लाभ मिलेगा। आप चाहे तो बकुची (Psoralea Corylifolia) के बीज के चूर्ण को सफ़ेद दाग पर भी लगा सकते है। इसके अलावा बावची या बकुची के तेल का भी उपयोग कर सकते है।
Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Leucoderma Treatment
5. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – इस रोग में अदरक एक अच्छा घरेलु उपाय है। सबसे पहले अदरक लें और उसे स्लाइस के रूप में काट लें। अब सफ़ेद दाग वाली त्वचा पर रखें। अदरक के सूखने तक वैसे ही रखें। यह घरेलु नुस्खा रोजाना आजमाए। आपको अत्यंत लाभ मिलेगा। अदरक रक्तचाप को भी सही करता है।
Leucoderma Treatment in Hindi – इसके अलावा पुदीना की कुछ पत्तियां लीजिये। अब अदरक के रस में मिलाकर सेवन करें। इस विधि को भी प्रतिदिन अपनाये। आपको शीघ्र ही परिणाम दिखेगा।
इसे भी जरुर पढ़े : अदरक के फायदे और लाभ हिंदी में। यह भी जरुर पढ़े : पुदीना के अनोखे फायदे हिंदी में।
6. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – वर्षो से लोग हल्दी का उपयोग त्वचा की रंगत निखारने के लिए कर रहे है। सफ़ेद दाग की समस्या में हल्दी उपयोगी होता है। सबसे पहले हल्दी का महीन चूर्ण तैयार कर लें। अब उसमें नीम के पत्तों का रस मिलाकर लेप बना लें। अब दाग पर लेप को लगाये। इससे त्वचा का संक्रमण दूर हो जायेगा।
Safed Daag ka ilaj – इसके अलावा 2 चम्मच सरसों के तेल में लगभग 1 से 1.5 चम्मच हल्दी चूर्ण मिलाये। और इस मिश्रण को त्वचा के सफ़ेद चकते यानी दाग पर लगाये। अब 15 से 20 मिनट रहने दें। उसके ��ुनगुने पानी से अच्छी तरह धो लें। ऐसा रोजाना करें, आपको लाभ मिलेगा। आप चाहे तो दिन में 2 से 3 बार तक यह उपाय अजमा सकते है।
इसे भी अवश्य पढ़े : गुनगुने पानी पीने के अनोखे लाभ की जानकारी हिंदी में।
Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Vitiligo Treatment
7. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – जो लोग सफ़ेद दाग की समस्या से परेशान है। उन लोगों को बथुआ का उपयोग करना चाहिए। मतलब बथुआ की सब्जी का सेवन नियमित रूप से करें। उसके साथ-साथ बथुआ को पानी में डालकर उबाल लें। फिर पानी को छानकर, उस पानी से दाग वाली त्वचा को धोये। इससे आपको फायदा मिलेगा।
Leucoderma Treatment in Hindi – इसके अलावा कच्चा बथुआ लीजिये। और उसका रस लगभग 1.5 से 2 कप निकाल लीजिये। अब लगभग ½ कप तिल का तेल उसमें मिला लीजिये। अब मिलाने के बाद धीमी आंच पर पकाए। तब तक पकाए, जब तक शेष तेल न रह जाये। अब प्रतिदिन सफ़ेद चकते पर तेल लगाये।
8. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – इस समस्या में तांबे का बर्तन फायदेमंद होता है। यह मेलेनिन उत्पादन को सही करने का काम करता है। सबसे पहले तांबा का बर्तन लीजिये। अब उसमे साफ़ पानी डालकर रातभर के लिए छोड़ दें। सुबह उस पानी को पिए। लेकिन ध्यान रहे की तांबे के बर्तन में पानी डालकर उसे फ्रिज में न रखे।
9. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – लाल मिटटी भी लाभकारी होता है, सफ़ेद दाग की समस्या में। लाल मिटटी में कॉपर की मात्रा पाई जाती है। सबसे पहले पीसी हुई अदरक और लाल मिटटी मिलाकर लेप बना लें। अब इस लेप को प्रतिदिन दाग पर लगाये। कुछ देर रखने के बाद, त्वचा को अच्छे से धो लें। इससे आपको फायदा होगा।
सफेद दाग का रामबाण इलाज – Vitiligo Treatment in Hindi
10. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – सबसे पहले पानी और सेब का सिरका को समान मात्रा में अच्छे से मिला लें। अब इस मिश्रण को सफ़ेद चकते पर लगाये। ऐसा दिन में 2 बार करें, लाभ मिलेगा। यह उन फंगस को खत्म करता है, जो सफ़ेद चकते के लिए जिम्मेदार होते है।
11. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – सबसे पहले अनार की पत्तियों का चूर्ण तैयार कर लीजिये। अब 1 गिलास पानी के साथ लगभग 5 से 6 ग्राम अनार के पत्ते का चूर्ण का सेवन करें। ऐसा दिन में 2 बार करें, आपको फायदा मिलेगा।
इसे भी अवश्य पढ़े : अनार के बेहतरीन फायदे की जानकारी हिंदी में।
12. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – तुलसी त्वचा के कई समस्या के लिए रामबाण इलाज है। तुलसी के पत्ते का रस और निम्बू का रस बराबर मात्रा में मिला लें। इस रस को अब सफेद दाग पर लगाये। ऐसा दिन में 2 से 3 बार करें। कुछ महीनों में इस समस्या से छुटकारा मिल जायेगा।
इसे भी अवश्य पढ़े : तुलसी के अद्भुत फायदे की जानकारी हिंदी में। यह भी अवश्य पढ़े : निम्बू के रस के अनोखे फायदे और लाभ।
Leucoderma ka Gharelu upchar Hindi me
13. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – सबसे पहले काले चने को पीस लें। अब उसमें पानी मिलाकर गाढ़ा लेप बना लें। अब उस लेप को दाग वाली त्वचा पर लगाये। कुछ समय रखने के बाद साफ़ पानी से धो लें। इस उपाय को रोजाना नियमित रूप से करें। आपको अवश्य फायदा मिलेगा।
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gyanyognet-blog · 5 years ago
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सफेद दाग का इलाज और घरेलू नुस्खे
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सफेद दाग का इलाज और घरेलू नुस्खे
1. पीसी हुई हल्दी गुनगुने दूध में डाल कर पिए। हर रोज 2 बार ये उपाय करने से 5 – 6 महीने में सफेद दाग साफ़ होने लगेगा। 2. सरसों का तेल 2 चम्मच ले और इसमें 1 चम्मच हल्दी मिलाकर इसका लेप सफेद दागों पर लगाए फिर 15 मिनट के बाद धो ले। इस घरेलू नुस्खे को कुछ महीने लगातार दिन में 2 से 3 बार लगाए ल्यूकोडर्मा ठीक होने लगेगा। 3. सफेद दाग का अचूक इलाज करने के लिए लहसुन के रस में थोड़ी हरड़ घीस कर मिलाए और सफेद दाग पर इसका लेप लगाए। 4. प्रतिदिन 3 से 4 बादाम और 30 से 50 ग्राम भीगे काले चने खाए। 5. अखरोट का पाउडर 2 चम्मच ले और इसमें थोड़ा सा पानी मिला कर पेस्ट बना ले। अब इस पेस्ट को white spots पर 15 से 20 मिनट के लिए लगा कर छोड़ दे। इस होम रेमेडीज को दिन में 2 से 3 बार प्रयोग करे। 6. सफेद दाग के उपाय में नीम के पत्तों का रस रामबाण इलाज का काम करता है। नीम के पत्तों को पीस कर इसका रस निकाल ले और इसमें 1 चम्मच शहद मिला कर दिन में 2 से 3 बार पिए।
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crazyindia · 5 years ago
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सभी दवाइयों का बाप है इस पौधे का सिर्फ 1 पत्ता, शरीर से बीमारियों का करत...
ह्रदय रोग, लकवा ,किडनी में पथरी ,सफेद दाग, हकलाना और तुतलाना तक सभी बीमारियों का रामबाण इलाज है इस पौधे का सिर्फ एक पत्ता दोस्तों ये बात तो आप जानते ही होंगे की हमारे पास बहुत सरे ऐसे पौधे होते है जो एक रामबाण औषधि की तरह काम करते है लेकिन दोस्तों आज की इस वीडियो में हम आपको एक ऐसे ही पौधे के बारे में बताने वाले है जो शरीर की सभी बीमारियों के इलाज का बाप है ऐसी कोई भी बीमारी नहीं है जिसका ये पौधा इलाज ना करता है तो आइये दोस्तों जानते है इस पौधे के बारे में
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crazyindia · 6 years ago
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(via सफेद दाग तुरंत ख़त्म करने का रामबाण घरेलु नुस्खा | Safed Daag Ka Ilaj in Hindi │Leucoderma Treatment at Home – Only in Ayurveda)
सफेद दाग को जड़ से ख़त्म कीजिए सिर्फ 10 दिनों में || Safed Daag ka Ilaj || Home Remedy For Leucoderma ||
नमस्कार दोस्तों ! आज की इस वीडियो में मैं आपको || सफेद दाग को गायब कीजिए सिर्फ 10 दिनों में || Safed Daag ka Ilaj || Home Remedy For Leucoderma || दोस्तों आज की इस वीडियो में मैं आपको सफेद दाग को कुछ ही दिनों में जड़ से गायब करने का एक बहुत ही आसान घरेलू इलाज बताने जा रहा हूं इस वीडियो को पूरा देखिए क्योंकि वीडियो के अंत में मैं आपको कुछ और भी बताऊंगा जिसे आपको जरूर करना होगा ||
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वीडियो के अंत में आज की टिप्स जरूर देखिए और टिप्स में बताएं के नुस्खे का भी प्रयोग जरूर कीजिए |
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crazyindia · 6 years ago
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सफेद दाग तुरंत ख़त्म करने का रामबाण घरेलु नुस्खा | Safed Daag Ka Ilaj in...
सफेद दाग को जड़ से ख़त्म कीजिए सिर्फ 10 दिनों में || Safed Daag ka Ilaj || Home Remedy For Leucoderma ||
नमस्कार दोस्तों ! आज की इस वीडियो में मैं आपको || सफेद दाग को गायब कीजिए सिर्फ 10 दिनों में || Safed Daag ka Ilaj || Home Remedy For Leucoderma || दोस्तों आज की इस वीडियो में मैं आपको सफेद दाग को कुछ ही दिनों में जड़ से गायब करने का एक बहुत ही आसान घरेलू इलाज बताने जा रहा हूं इस वीडियो को पूरा देखिए क्योंकि वीडियो के अंत में मैं आपको कुछ और भी बताऊंगा जिसे आपको जरूर करना होगा || safed daag ka ilaj, safed daag ka gharelu ilaj, safed daag ki dawa,
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50 साल पुराने सफ़ेद दाग को भी तुरंत जड़ से खत्म कर देगा ये रामबाण नुस्खा
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hindiayurved-blog · 7 years ago
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Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Leucoderma Treatment
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