#व्यक्ति को दही
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8505935828 · 2 months ago
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दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है
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🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजियों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा कि कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे और उन्होंने तीन दिन भंडारा किया।
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indrabalakhanna · 2 months ago
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Shraddha TV Satsang |12-11-2024 || Episode: 2742 || Sant Rampal Ji Mahar...
*🪷बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🪷*
♦♦♦
12/11/23
🥁🥁🥁🥁🥁🥁🥁
*💥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस💥*
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1🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजियों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा कि कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे और उन्होंने तीन दिन भंडारा किया।
2🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में परमेश्वर कबीर जी ने काशी में 18 लाख साधु संतों को भंडारा करवाया था जो 3 दिन तक कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को प्रारंभ हुआ था मंगसर (माघशीर्ष) के कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ था।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 14, 15, और 16 नवंबर 2024 को मनाया जायेगा।
3🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
केशव बंजारे का रुप बदलकर आए कबीर परमेश्वर जी
ने विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में18 लाख महात्माओं को विश्वविख्यात काशी नगर में धार्मिक भंडारा करवाकर भोजन कराया था। आज वही दिव्य धर्म भंडारा ��ंत रामपाल जी महाराज जी के संचालन में देश के दस सतलोक आश्रमों में किया जा रहा है।
4🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
काशी नगर में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ने तीन दिनों तक खुला भंडारा आयोजित किया था। इसी के उपलक्ष्य में 14 नवंबर से प्रारंभ होने वाले विशाल भंडारे व धार्मिक आयोजन की संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश के दस सतलोक आश्रमों में तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है। इस तीन दिवसीय विशाल धर्म भंडारे में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओ के जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है l 
5🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में कबीर परमेश्वर
केशव बंजारे का वेश धारण करके अमर लोक यानी सतलोक से नौ लाख बोरी में भंडारा सामग्री बैलों पर रखकर व एक लाख से��ादारों के साथ कांशी नगर आए। केशव बंजारे रूप में आए परमात्मा ने काशी नगर में अद्भुत भंडारे का आयोजन किया। चाहे कितना भी खाओ कोई रोक टोक नहीं, वहा मिठाई, लड्डू, जलेबी, चावल, खीर, हलवा, आदि कढ़ाहो के ढेर की ढेर लगे थे, मानो कुबेर का भंडार ही धरती पर आ गया हो। 
6🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस परमात्मा कबीर साहेब जी द्वारा किए गए उस दिव्य चमत्कार का स्मरण
विक्रमी संवत 1570 (सन् 1513) में कबीर जी ने काशी में 18 लाख साधु-संतों के लिए तीन दिवसीय भंडारे का आयोजन किया। कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष में प्रारंभ हुआ यह भंडारा मंगसर (माघशीर्ष) की कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ। यह आयोजन उन लोगों के झूठे निमंत्रण के कारण हुआ था, जो कबीर साहेब से ईर्ष्या रखते थे और इस असंभव भंडारे को उनके लिए चुनौती मानते थे। कबीर साहेब ने केशव बंजारे का रूप धारण कर सतलोक से सारी सामग्री मंगवाई और साधु-संतों को तीन दिन तक भोजन करवाकर यह चमत्कार पूर्ण किया। आज संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके अनुयायियों द्वारा इस दिवस को दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के रूप में श्रद्धा से मनाया जाता है, जिसमें सभी सतलोक आश्रमों में तीन दिवसीय भंडारा और अमरवाणी का अखंड पाठ किया जाता है।
7🥥 दिव्य धर्म यज्ञ का उद्देश्य
दिव्य धर्म यज्ञ का उद्देश्य परमात्मा कबीर साहेब द्वारा दिखाए गए मार्ग को जन-जन तक पहुँचाना है। संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में इसे इस बार 14, 15, 16 नवंबर को मनाया जाएगा, जिसमें भक्त दिव्य भंडारे का आनंद लेते हैं, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं और धर्म के वास्तविक स्वरूप से परिचित होते हैं।
8🥥कैसे हुआ दिव्य धर्म यज्ञ का प्रारंभ?
विक्रमी संवत 1570 में कबीर साहेब ने काशी में तीन दिनों का भंडारा आयोजित किया था। इसमें 18 लाख साधु-संतों ने भाग लिया था और कबीर साहेब ने उन्हें भोजन और वस्त्र भेंट किए थे। इस ऐतिहासिक आयोजन की स्मृति में संत रामपाल जी महाराज द्वारा 14, 15, 16 नवंबर को दिव्य धर्म यज्ञ मनाया जा रहा है।
9🥥क्या है दिव्य धर्म यज्ञ दिवस?
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस, परमेश्वर कबीर साहेब द्वारा काशी में आयोजित धार्मिक भंडारे की पुनः स्मृति का एक भव्य आयोजन है। इस आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाता है और सत्संग का आयोजन होत��� है, जो संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार उनके अनुयायियों द्वारा किया जा रहा है। इस वर्ष यह आयोजन 14, 15, 16 नवंबर को होगा।
10🥥511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का उद्देश्य
संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में दिव्य धर्म यज्ञ का आयोजन परमात्मा कबीर साहेब की उस ऐतिहासिक घटना को स्मरण करने हेतु किया जाता है, जब उन्होंने (शेख तकी द्वारा डाली गई झूठी चिट्ठी के बाद आए) 18 लाख साधुओं को भोजन कराया था। परमेश्वर की संपूर्ण लीलाओं की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा 📕
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electroniccyclecupcake · 2 months ago
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🥥दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है
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दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजियों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा कि कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे और उन्होंने तीन दिन भंडारा किया।
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guddudas · 2 months ago
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#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजियों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा कि कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे और उन्होंने तीन दिन भंडारा किया।
Sant Rampal Ji Maharaj
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mangesh1982 · 2 months ago
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🔥 *दिव्य धर्म यज्ञ दिवस सेवा* 🔥
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजियों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा कि कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे और उन्होंने तीन दिन भंडारा किया।
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में परमेश्वर कबीर जी ने काशी में 18 लाख साधु संतों को भंडारा करवाया था जो 3 दिन तक कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष को प्रारंभ हुआ था मंगसर (माघशीर्ष) के कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ था।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 14, 15, और 16 नवंबर 2024 को मनाया जायेगा।
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
केशव बंजारे का रुप बदलकर आए कबीर परमेश्वर जी
ने विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में18 लाख महात्माओं को विश्वविख्यात काशी नगर में धार्मिक भंडारा करवाकर भोजन कराया था। आज वही दिव्य धर्म भंडारा संत रामपाल जी महाराज जी के संचालन में देश के दस सतलोक आश्रमों में किया जा रहा है।
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
काशी नगर में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ने तीन दिनों तक खुला भंडारा आयोजित किया था। इसी के उपलक्ष्य में 14 नवंबर से प्रारंभ होने वाले विशाल भंडारे व धार्मिक आयोजन की संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश के दस सतलोक आश्रमों में तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है। इस तीन दिवसीय विशाल धर्म भंडारे में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओ के जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है l 
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में कबीर परमेश्वर
केशव बंजारे का वेश धारण करके अमर लोक यानी सतलोक से नौ लाख बोरी में भंडारा सामग्री बैलों पर रखकर व एक लाख सेवादारों के साथ कांशी नगर आए। केशव बंजारे रूप में आए परमात्मा ने काशी नगर में अद्भुत भंडारे का आयोजन किया। चाहे कितना भी खाओ कोई रोक टोक नहीं, वहा मिठाई, लड्डू, जलेबी, चावल, खीर, हलवा, आदि कढ़ाहो के ढेर की ढेर लगे थे, मानो कुबेर का भंडार ही धरती पर आ गया हो। 
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस परमात्मा कबीर साहेब जी द्वारा किए गए उस दिव्य चमत्कार का स्मरण
विक्रमी संवत 1570 (सन् 1513) में कबीर जी ने काशी में 18 लाख साधु-संतों के लिए तीन दिवसीय भंडारे का आयोजन किया। कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष में प्रारंभ हुआ यह भंडारा मंगसर (माघशीर्ष) की कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ। यह आयोजन उन लोगों के झूठे निमंत्रण के कारण हुआ था, जो कबीर साहेब से ईर्ष्या रखते थे और इस असंभव भंडारे को उनके लिए चुनौती मानते थे। कबीर साहेब ने केशव बंजारे का रूप धारण कर सतलोक से सारी सामग्री मंगवाई और साधु-संतों को तीन दिन तक भोजन करवाकर यह चमत्कार पूर्ण किया। आज संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके अनुयायियों द्वारा इस दिवस को दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के रूप में श्रद्धा से मनाया जाता है, जिसमें सभी सतलोक आश्रमों में तीन दिवसीय भंडारा और अमरवाणी का अखंड पाठ किया जाता है।
🥥 दिव्य धर्म यज्ञ का उद्देश्य
��िव्य धर्म यज्ञ का उद्देश्य परमात्मा कबीर साहेब द्वारा दिखाए गए मार्ग को जन-जन तक पहुँचाना है। संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में इसे इस बार 14, 15, 16 नवंबर को मनाया जाएगा, जिसमें भक्त दिव्य भंडारे का आनंद लेते हैं, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं और धर्म के वास्तविक स्वरूप से परिचित होते हैं।
🥥कैसे हुआ दिव्य धर्म यज्ञ का प्रारंभ?
विक्रमी संवत 1570 में कबीर साहेब ने काशी में तीन दिनों का भंडारा आयोजित किया था। इसमें 18 लाख साधु-संतों ने भाग लिया था और कबीर साहेब ने उन्हें भोजन और वस्त्र भेंट किए थे। इस ऐतिहासिक आयोजन की स्मृति में संत रामपाल जी महाराज द्वारा 14, 15, 16 नवंबर को दिव्य धर्म यज्ञ मनाया जा रहा है।
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस : समाज में सकारात्मक बदलाव
इस भव्य आयोजन में दहेज मुक्त विवाह जैसे कार्यक्रम समाज में सकारात्मक बदलाव की प्रेरणा देते हैं। परमेश्वर की संपूर्ण लीलाओं की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
🥥क्या है दिव्य धर्म यज्ञ दिवस?
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस, परमेश्वर कबीर साहेब द्वारा काशी में आयोजित धार्मिक भंडारे की पुनः स्मृति का एक भव्य आयोजन है। इस आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाता है और सत्संग का आयोजन होता है, जो संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार उनके अनुयायियों द्वारा किया जा रहा है। इस वर्ष यह आयोजन 14, 15, 16 नवंबर को होगा।
🥥511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का उद्देश्य
संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में दिव्य धर्म यज्ञ का आयोजन परमात्मा कबीर साहेब की उस ऐतिहासिक घटना को स्मरण करने हेतु किया जाता है, जब उन्होंने (शेख तकी द्वारा डाली गई झूठी चिट्ठी के बाद आए) 18 लाख साधुओं को भोजन कराया था। परमेश्वर की संपूर्ण लीलाओं की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
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astrogurujimayanksblog · 6 months ago
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चातुर्मास में भूलकर भी ना करें ये कार्य वरना हो सकता है भारी नुकसान...
हिन्दू धर्म से कई मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हैं। हिन्दू धर्म में 33 कोटि देवी-देवता हैं, जिनमें से एक हैं भगवान विष्णु। भगवान विष्णु को जगत का पालनहार कहा जाता है। हर साल, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन से पूरे चार महीनों के लिए जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं।
इस चार महीने की अवधी को चातुर्मास भी कहा जाता है। चातुर्मास के बाद भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं और फिर से सभी शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु निद्रालीन होने के लिए चार महीनों के लिए पाताल लोक चले जाते हैं। और हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कई कार्यों को करने की मनाही है। माना जाता है कि अगर व्यक्ति द्वारा वे कार्य किए जाते हैं, तो उसको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि कौन-से हैं वो कार्य जिनको चातुर्मास में करने की मनाही है।
भूलकर भी न करें ये कार्य
चातुर्मास की अवधि आषाढ़ शुक्ल एकादशी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलती है। इस दौरान हिन्दू धर्म से जुड़े मांगलिक कार्य, जैसे:- विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि जैसे सभी 16 संस्कार नहीं करने चाहिए। मान्यता है कि चातुर्मास में इन कार्यों को करने से इसका शुभ फल नहीं मिलता।
चातुर्मास के सावन महीने में साग, भाद्रपद में दही, अश्विन महीने में दूध और कार्तिक महीने में उड़द दाल नहीं खानी चाहिए। शास्त्रों में इसके साथ ही पूरे चातुर्मास यानी चार महीनों में मांस, मदिरा, गुड़, मधु, बैंगन, सफेद नमक और तेल आदि के त्याग करने की बात कही गई है।
क्या करें चातुर्मास के दौरान?
चातुर्मास के दौरान भक्ति और निष्ठा के साथ पूजा पाठ करनी चाहिए और साथ ही व्रत कर उसका पूर्ण रूप से पालन भी करना चाहिए। क्योंकि माना जाता है कि चातुर्मास में किए गए व्रत और पूजन का कई गुणा फल मिलता है। कहा जाता है कि इन दिनों सुबह देर तक सोना भी नहीं चाहिए।
चातुर्मास में भक्त सभी मांगलिक कार्यों को रोककर हरि भजन तथा भगवान विष्णु के पूजन के साथ-साथ उनके निद्रा अवस्था से जागने की प्रतीक्षा में लगे रहते हैं। और उनकी यह प्रतीक्षा समाप्त होती है चार महीनों बाद आने वाली देवउठनी एकादशी पर, जब भगवान विष्णु निद्रा अवस्था से जागकर पाताल लोक से वापस आते हैं और एक बार फिर भक्तों में हर्षोल्लास का वातावरण होता है, क्योंकि वे फिर से अपने मांगलिक कार्य शुरू कर सकते हैं।
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thedhongibaba · 1 year ago
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🙏अब आपकी बारी
खासकर अपने बच्चों को बताएं
क्योंकि ये बात उन्हें कोई दूसरा व्यक्ति नहीं बताएगा...
📜😇 दो पक्ष-
कृष्ण पक्ष ,
शुक्ल पक्ष !
📜😇 तीन ऋण -
देव ऋण ,
पितृ ऋण ,
ऋषि ऋण !
📜😇 चार युग -
सतयुग ,
त्रेतायुग ,
द्वापरयुग ,
कलियुग !
📜😇 चार धाम -
द्वारिका ,
बद्रीनाथ ,
जगन्नाथ पुरी ,
रामेश्वरम धाम !
📜😇 चारपीठ -
शारदा पीठ ( द्वारिका )
ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम )
गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) ,
शृंगेरीपीठ !
📜😇 चार वेद-
��ग्वेद ,
अथर्वेद ,
यजुर्वेद ,
सामवेद !
📜😇 चार आश्रम -
ब्रह्मचर्य ,
गृहस्थ ,
वानप्रस्थ ,
संन्यास !
📜😇 चार अंतःकरण -
मन ,
बुद्धि ,
चित्त ,
अहंकार !
📜😇 पञ्च गव्य -
गाय का घी ,
दूध ,
दही ,
गोमूत्र ,
गोबर !
📜
📜😇 पंच तत्त्व -
पृथ्वी ,
जल ,
अग्नि ,
वायु ,
आकाश !
📜😇 छह दर्शन -
वैशेषिक ,
न्याय ,
सांख्य ,
योग ,
पूर्व मिसांसा ,
दक्षिण मिसांसा !
📜😇 सप्त ऋषि -
विश्वामित्र ,
जमदाग्नि ,
भरद्वाज ,
गौतम ,
अत्री ,
वशिष्ठ और कश्यप!
📜😇 सप्त पुरी -
अयोध्या पुरी ,
मथुरा पुरी ,
माया पुरी ( हरिद्वार ) ,
काशी ,
कांची
( शिन कांची - विष्णु कांची ) ,
अवंतिका और
द्वारिका पुरी !
📜😊 आठ योग -
यम ,
नियम ,
आसन ,
प्राणायाम ,
प्रत्याहार ,
धारणा ,
ध्यान एवं
समािध !
📜
📜
📜😇 दस दिशाएं -
पूर्व ,
पश्चिम ,
उत्तर ,
दक्षिण ,
ईशान ,
नैऋत्य ,
वायव्य ,
अग्नि
आकाश एवं
पाताल
📜😇 बारह मास -
चैत्र ,
वैशाख ,
ज्येष्ठ ,
अषाढ ,
श्रावण ,
भाद्रपद ,
अश्विन ,
कार्तिक ,
मार्गशीर्ष ,
पौष ,
माघ ,
फागुन !
📜
📜
📜😇 पंद्रह तिथियाँ -
प्रतिपदा ,
द्वितीय ,
तृतीय ,
चतुर्थी ,
पंचमी ,
षष्ठी ,
सप्तमी ,
अष्टमी ,
नवमी ,
दशमी ,
एकादशी ,
द्वादशी ,
त्रयोदशी ,
चतुर्दशी ,
पूर्णिमा ,
अमावास्या !
📜😇 स्मृतियां -
मनु ,
विष्णु ,
अत्री ,
हारीत ,
याज्ञवल्क्य ,
उशना ,
अंगीरा ,
यम ,
आपस्तम्ब ,
सर्वत ,
कात्यायन ,
ब्रहस्पति ,
पराशर ,
व्यास ,
शांख्य ,
लिखित ,
दक्ष ,
शातातप ,
वशिष्ठ !
**********************
इस पोस्ट को अधिकाधिक शेयर करें जिससे सबको हमारी सनातन भारतीय संस्कृति का ज्ञान हो।
ऊपर जाने पर एक सवाल ये भी पूँछा जायेगा कि अपनी अँगुलियों के नाम बताओ ।
जवाब:-
अपने हाथ की छोटी उँगली से शुरू करें :-
(1)जल
(2) पथ्वी
(3)आकाश
(4)वायू
(5) अग्नि
ये वो बातें हैं जो बहुत कम लोगों को मालूम होंगी ।
5 जगह हँसना करोड़ो पाप के बराबर है
1. श्मशान में
2. अर्थी के पीछे
3. शौक में
4. मन्दिर में
5. कथा में
सिर्फ 1 बार भेजो बहुत लोग इन पापो से बचेंगे ।।
अकेले ह���?
परमात्मा को याद करो ।
परेशान हो?
ग्रँथ पढ़ो ।
उदास हो?
कथाए पढो ।
टेन्शन मे हो?
भगवत गीता पढो ।
फ्री हो?
अच्छी चीजे फोरवार्ड करो
हे परमात्मा हम पर और समस्त प्राणियो पर कृपा करो......
सूचना
क्या आप जानते हैं ?
हिन्दू ग्रंथ रामायण, गीता, आदि को सुनने,पढ़ने से कैन्सर नहीं होता है बल्कि कैन्सर अगर हो तो वो भी खत्म हो जाता है।
व्रत,उपवास करने से तेज़ बढ़ता है,सर दर्द और बाल गिरने से बचाव होता है ।
आरती----के दौरान ताली बजाने से
दिल मजबूत होता है ।
ये मेसेज असुर भेजने से रोकेगा मगर आप ऐसा नही होने दे और मेसेज सब नम्बरो को भेजे ।
श्रीमद भगवत गीता पुराण और रामायण ।
.
''कैन्सर"
एक खतरनाक बीमारी है...
बहुत से लोग इसको खुद दावत देते हैं ...
बहुत मामूली इलाज करके इस
बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है ...
अक्सर लोग खाना खाने के बाद "पानी" पी लेते है ...
खाना खाने के बाद "पानी" ख़ून में मौजूद "कैन्सर "का अणु बनाने वाले '''सैल्स'''को '''आक्सीजन''' पैदा करता है...
''हिन्दु ग्रंथो मे बताया गया है कि...
खाने से पहले'पानी 'पीना
अमृत"है...
खाने के बीच मे 'पानी ' पीना शरीर की
''पूजा'' है...
खाना खत्म होने से पहले 'पानी'
''पीना औषधि'' है...
खाने के बाद 'पानी' पीना"
बीमारीयो का घर है...
बेहतर है खाना खत्म होने के कुछ देर बाद 'पानी 'पीये...
ये बात उनको भी बतायें जो आपको "जान"से भी ज्यादा प्यारे है
रोज एक सेब
नो डाक्टर ।
रोज पांच बदाम,
नो कैन्सर ।
रोज एक निबु,
नो पेट बढना ।
रोज एक गिलास दूध,
नो बौना (कद का छोटा)।
रोज 12 गिलास पानी,
नो चेहेरे की समस्या ।
रोज चार काजू,
नो भूख ।
रोज मन्दिर जाओ,
नो टेन्शन ।
रोज कथा सुनो
मन को शान्ति मिलेगी ।।
"चेहरे के लिए ताजा पानी"।
"मन के लिए गीता की बाते"।
"सेहत के लिए योग"।
और खुश रहने के लिए परमात्मा को याद किया करो ।
अच्छी बाते फैलाना पुण्य है.किस्मत मे करोड़ो खुशियाँ लिख दी जाती हैं ।
जीवन के अंतिम दिनो मे इन्सान इक इक पुण्य के लिए तरसेगा ।
जब तक ये मेसेज भेजते रहोगे मुझे और आपको इसका पुण्य मिलता रहेगा...
अच्छा ��गा तो मैने भी आपको भेज दिया, आप भी इस पुण्य के भागीदार बनें
*जय माँ सरस्वती*!! जय मां शारदा !! 🙏🙏🌹🌹
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ragbuveer · 3 days ago
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
*🌹सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (चतुर्थी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_��बका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-03-जनवरी-2025
वार:--------शुक्रवार
तिथी:--04चतुर्थी:-23:39
पक्ष:------शुक्लपक्ष
माह:-----पौषमास
नक्षत्र:---घनिष्ठा:-22:21
योग :-----वज्र:-12:37
करण:---वणिज:-12:25
चन्द्रमा:-मकर 10:47/कुम्भ
सूर्योदय:-----07:30
सूर्यास्त:-----17:54
दिशा शूल------पश्चिम
निवारण उपाय:----दही का सेवन
ऋतु :-------शिशिर ऋतु
गुलीक काल:---08:31से 09:51
राहू काल:-11:11से12:32
अभीजित--12:10से12:53
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:---कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-07:30से08:48तक
लाभ:-08:48से10:06तक
अमृत:-10:06से11:24तक
शुभ:-12:42से14:00तक
चंचल:-16:36से17:54तक
🌓चोघङिया रात🌗
लाभ:-21:16से22:58तक
शुभ:-00:50से02:32तक
अमृत:-02:32से04:14तक
चंचल:-04:14से05:56तक
आज के विशेष योग
वर्ष का 271वा दिन, भद्रा प्रारंभ 12:25 से 23:39 तक भूलोक अशुभ दिशा पश्चिम पंचक प्रारंभ 10:47, विनायक चतुर्थी, रवियोग समाप्त 22:21,
🌹 👉 टिप्स 👈🌹
पौष महिने मे ताम्बे की वस्तु दान करे।
*सुविचार*
दोपहर में दीया जलाने से अंधकार नहीं हमारा वजूद खत्म होता है।..👍🏻 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*पेट साफ करने का घरेलू उपाय -*
1. भोजनोपरांत 125 ग्राम मट्ठे में 2 ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से गैस बनना खत्म हो जाता है।
2. उसी तरह एक लहसुन की फांक छीलकर बीज निकाली हुई मुनक्का को नग में लपेटकर, भोजन के बाद चबाकर निगल जाएं। इससे पेट की रुकी हुई वायु तत्काल निकल जाएगी।
3. इसके अलावा अलसी के पत्तों की सब्जी बनाकर खाने से गैस की शिकायत दूर हो जाती है।
4. अदरक के छोटे टुकड़े कर उस पर नमक छिड़ककर दिन में दो-तीन बार उसका सेवन करें। गैस की परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर हलका होगा और भूख खुलकर लगेगी।
5. अजवायन दो ग्राम, नमक आधा ग्राम चबाकर खाएं। पेट दर्द और गैस से आराम मिलेगा। इसके अलावा पानी के साथ हिंगाष्टक चूर्ण खाने से सभी प्रकार वायु विकार दूर होते हैं।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
पुराना रोग उभर सकता है। अपेक्षा दु:ख का कारण होती है। मालूम पड़ेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यवसाय ठीक चलेगा। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। बनते काम बिगड़ सकते हैं। दु:खद समाचार मिल सकता है। उत्साह में कमी रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वाभिमान को चोट पहुंच सकती है।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। दूसरों के काम में दखल न दें। बात बिगड़ सकती है। प्रमाद न करें। थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। कार्यप्रणाली की प्रशंसा होगी। निवेश लाभदायक रहेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। वरिष्ठजनों का सहयोग प्राप्त होगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। परिवार में तनाव रह सकता है। निवेश सोच-समझकर करें। धनार्जन सहज ही होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है, जोखिम न लें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। विवाद से बचें। प्रसन्नता रहेगी। घर-परिवार की चिंता रहेगी। जल्दबाजी न करें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। पुराना रोग उभर सकता है। कुसंगति से हानि होगी। वस्तुएं संभालकर रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अतिविश्वास न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। उतार-चढ़ाव रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चिंता बनी रहेगी।
👩🏻‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नौकरी में अधिकारी वर्ग प्रसन्न रहेगा। निवेश लाभदायक रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। आलस्य हावी रहेगा। आय में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। रुके काम पूर्ण होंगे। प्रसन्नता बनी रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। हृदय रोगी विशेष ध्यान रखें। घर-बाहर से सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। नौकरी में तनाव रह सकता है। विवाद न करें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। अधिकारी साहस कर पाएंगे आय के नए प्राप्त हो सकते हैं। अधिकारी वर्ग अप्रसन्न रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। शुभ समय।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
चोट व दुर्घटना से बचें। बड़ा नुकसान हो सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। तनाव रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। लेन-देन में सावधानी रखें। दुष्टजन हानि पहूंचा सकते हैं। घर में मतभेद बढ़ सकते हैं। दुष्टजन हानि पहूंचा सकते हैं। जोखिम न लें। विवाद से बचें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। दूसरों के व्यवहार में सावधानी रखें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। पार्टनरों से मतभेद हो सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ में कमी हो सकती है। धैर्य रखें। काम में मन नहीं लगेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
कुसंगति से हानि होगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। आय में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। सुख के साधन जुटेंगे। चोट व रोग से बचें। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मित्र व संबंधी सहयोग करेंगे। रुके कार्यों में गति आएगी। शुभ समय।
🐡 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
भूमि व भवन के खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। कार्य में बेहतरी तथा परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। कुछ चिंता तथा तनाव रह सकते हैं। व्यवसाय ठीक चलेगा।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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kasdikar · 2 months ago
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#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है
Sant Rampal Ji Maharaj
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजियों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा कि कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे और उन्होंने तीन दिन भंडारा किया।
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mohanrathore · 2 months ago
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🌹"बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय"🌹
#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस #miracles
#भंडारा #BhandaraInvitationToTheWorld #Bhandara #kashi
#KabirisGod #SantRampalJiMaharaj
#SatlokAshram
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजियों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा कि कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे और उन्होंने तीन दिन भंडारा किया।
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में परमेश्वर कबीर जी ने काशी में 18 लाख साधु संतों को भंडारा करवाया था जो 3 दिन तक कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को प्रारंभ हुआ था मंगसर (माघशीर्ष) के कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ था।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 14, 15, और 16 नवंबर 2024 को मनाया जायेगा।
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
केशव बंजारे का रुप बदलकर आए कबीर परमेश्वर जी
ने विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में18 लाख महात्माओं को विश्वविख्यात काशी नगर में धार्मिक भंडारा करवाकर भोजन कराया था। आज वही दिव्य धर्म भंडारा संत रामपाल जी महाराज जी के संचालन में देश के दस सतलोक आश्रमों में किया जा रहा है।
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
काशी नगर में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ने तीन दिनों तक खुला भंडारा आयोजित किया था। इसी के उपलक्ष्य में 14 नवंबर से प्रारंभ होने वाले विशाल भंडारे व धार्मिक आयोजन की संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश के दस सतलोक आश्रमों में तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है। इस तीन दिवसीय विशाल धर्म भंडारे में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओ के जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है l 
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में कबीर परमेश्वर
केशव बंजारे का वेश धारण करके अमर लोक यानी सतलोक से नौ लाख बोरी में भंडारा सामग्री बैलों पर रखकर व एक लाख सेवादारों के साथ कांशी नगर आए। केशव बंजारे रूप में आए परमात्मा ने काशी नगर में अद्भुत भंडारे का आयोजन किया। चाहे कितना भी खाओ कोई रोक टोक नहीं, वहा मिठाई, लड्डू, जलेबी, चावल, खीर, हलवा, आदि कढ़ाहो के ढेर की ढेर लगे थे, मानो कुबेर का भंडार ही धरती पर आ गया हो। 
🥥दिव्य धर्म यज्ञ दिवस परमात्मा कबीर साहेब जी द्वारा किए गए उस दिव्य चमत्कार का स्मरण
विक्रमी संवत 1570 (सन् 1513) में कबीर जी ने काशी में 18 लाख साधु-संतों के लिए तीन दिवसीय भंडारे का आयोजन किया। कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष में प्रारंभ हुआ यह भंडारा मंगसर (माघशीर्ष) की कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ। यह आयोजन उन लोगों के झूठे निमंत्रण के कारण हुआ था, जो कबीर साहेब से ईर्ष्या रखते थे और इस असंभव भंडारे को उनके लिए चुनौती मानते थे। कबीर साहेब ने केशव बंजारे का रूप धारण कर सतलोक से सारी सामग्री मंगवाई और साधु-संतों को तीन दिन तक भोजन करवाकर यह चमत्कार पूर्ण किया। आज संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके अनुयायियों द्वारा इस दिवस को दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के रूप में श्रद्धा से मनाया जाता है, जिसमें सभी सतलोक आश्रमों में तीन दिवसीय भंडारा और अमरवाणी का अखंड पाठ किया जाता है।
🥥 दिव्य धर्म यज्ञ का उद्देश्य
दिव्य धर्म यज्ञ का उद्देश्य परमात्मा कबीर साहेब द्वारा दिखाए गए मार्ग को जन-जन तक पहुँचाना है। संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में इसे इस बार 14, 15, 16 नवंबर को मनाया जाएगा, जिसमें भक्त दिव्य भंडारे का आनंद लेते हैं, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं और धर्म के वास्तविक स्वरूप से परिचित होते हैं।
🥥कैसे हुआ दिव्य धर्म यज्ञ का प्रारंभ?
विक्रमी संवत 1570 में कबीर साहेब ने काशी में तीन दिनों का भंडारा आयोजित किया था। इसमें 18 लाख साधु-संतों ने भाग लिया था और कबीर साहेब ने उन्हें भोजन और वस्त्र भेंट किए थे। इस ऐतिहासिक आयोजन की स्मृति में संत रामपाल जी महाराज द्वारा 14, 15, 16 नवंबर को दिव्य धर्म यज्ञ मनाया जा रहा है।
🥥क्या है दिव्य धर्म यज्ञ दिवस?
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस, परमेश्वर कबीर साहेब द्वारा काशी में आयोजित धार्मिक भंडारे की पुनः स्मृति का एक भव्य आयोजन है। इस आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाता है और सत्संग का आयोजन होता है, जो संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार उनके अनुयायियों द्वारा किया जा रहा है। इस वर्ष यह आयोजन 14, 15, 16 नवंबर को होगा।
🥥511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का उद्देश्य
संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में दिव्य धर्म यज्ञ का आयोजन परमात्मा कबीर साहेब की उस ऐतिहासिक घटना को स्मरण करने हेतु किया जाता है, जब उन्होंने (शेख तकी द्वारा डाली गई झूठी चिट्ठी के बाद आए) 18 लाख साधुओं को भोजन कराया था। परमेश्वर की संपूर्ण लीलाओं की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
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umesh-13 · 2 months ago
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#Bhandara_Invitation_To_World
#SantRampalJiMaharajदिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजियों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा कि कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे और उन्होंने तीन दिन भंडारा किया।
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guddudas · 2 months ago
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दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजियों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा कि कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे और उन्होंने तीन दिन भंडारा किया।
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h1an2s3 · 2 months ago
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[12/11, 7:33 am] +91 83078 98929: दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
केशव बंजारे का रुप बदलकर आए कबीर परमेश्वर जी
ने विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में18 लाख महात्माओं को विश्वविख्यात काशी नगर में धार्मिक भंडारा करवाकर भोजन कराया था। आज वही दिव्य धर्म भंडारा संत रामपाल जी महाराज जी के संचालन में देश के दस सतलोक आश्रमों में किया जा रहा है।
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[12/11, 7:33 am] +91 83078 98929: दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में परमेश्वर कबीर जी ने काशी में 18 लाख साधु संतों को भंडारा करवाया था जो 3 दिन तक कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को प्रारंभ हुआ था मंगसर (माघशीर्ष) के कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ था।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 14, 15, और 16 नवंबर 2024 को मनाया जायेगा।
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[12/11, 7:33 am] +91 83078 98929: दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजियों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा कि कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे और उन्होंने तीन दिन भंडारा किया।
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[12/11, 7:33 am] +91 83078 98929: दिव्य धर्म यज्ञ दिवस परमात्मा कबीर साहेब जी द्वारा किए गए उस दिव्य चमत्कार का स्मरण
विक्रमी संवत 1570 (सन् 1513) में कबीर जी ने काशी में 18 लाख साधु-संतों के लिए तीन दिवसीय भंडारे का आयोजन किया। कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष में प्रारंभ हुआ यह भंडारा मंगसर (माघशीर्ष) की कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ। यह आयोजन उन लोगों के झूठे निमंत्रण के कारण हुआ था, जो कबीर साहेब से ईर्ष्या रखते थे और इस असंभव भंडारे को उनके लिए चुनौती मानते थे। कबीर साहेब ने केशव बंजारे का रूप धारण कर सतलोक से सारी सामग्री मंगवाई और साधु-संतों को तीन दिन तक भोजन करवाकर यह चमत्कार पूर्ण किया। आज संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके अनुयायियों द्वारा इस दिवस को दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के रूप में श्रद्धा से मनाया जाता है, जिसमें सभी सतलोक आश्रमों में तीन दिवसीय भंडारा और अमरवाणी का अखंड पाठ किया जाता है।
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[12/11, 7:33 am] +91 83078 98929: दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में कबीर परमेश्वर
केशव बंजारे का वेश धारण करके अमर लोक यानी सतलोक से नौ लाख बोरी में भंडारा सामग्री बैलों पर रखकर व एक लाख सेवादारों के साथ कांशी नगर आए। केशव बंजारे रूप में आए परमात्मा ने काशी नगर में अद्भुत भंडारे का आयोजन किया। चाहे कितना भी खाओ कोई रोक टोक नहीं, वहा मिठाई, लड्डू, जलेबी, चावल, खीर, हलवा, आदि कढ़ाहो के ढेर की ढेर लगे थे, मानो कुबेर का भंडार ही धरती पर आ गया हो। 
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[12/11, 7:33 am] +91 83078 98929: दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
काशी नगर में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ने तीन दिनों तक खुला भंडारा आयोजित किया था। इसी के उपलक्ष्य में 14 नवंबर से प्रारंभ होने वाले विशाल भंडारे व धार्मिक आयोजन की संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश के दस सतलोक आश्रमों में तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है। इस तीन दिवसीय विशाल धर्म भंडारे में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओ के जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है l 
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[12/11, 7:33 am] +91 83078 98929: क्या है दिव्य धर्म यज्ञ दिवस?
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस, परमेश्वर कबीर साहेब द्वारा काशी में आयोजित धार्मिक भंडारे की पुनः स्मृति का एक भव्य आयोजन है। इस आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाता है और सत्संग का आयोजन होता है, जो संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार उनके अनुयायियों द्वारा किया जा रहा है। इस वर्ष यह आयोजन 14, 15, 16 नवंबर को होगा।
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[12/11, 7:33 am] +91 83078 98929: कैसे हुआ दिव्य धर्म यज्ञ का प्रारंभ?
विक्रमी संवत 1570 में कबीर साहेब ने काशी में तीन दिनों का भंडारा आयोजित किया था। इसमें 18 लाख साधु-संतों ने भाग लिया था और कबीर साहेब ने उन्हें भोजन और वस्त्र भेंट किए थे। इस ऐतिहासिक आयोजन की स्मृति में संत रामपाल जी महाराज द्वारा 14, 15, 16 नवंबर को दिव्य धर्म यज्ञ मनाया जा रहा है।
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[12/11, 7:33 am] +91 83078 98929: दिव्य धर्म यज्ञ का उद्देश्य
दिव्य धर्म यज्ञ का उद्देश्य परमात्मा कबीर साहेब द्वारा दिखाए गए मार्ग को जन-जन तक पहुँचाना है। संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में इसे इस बार 14, 15, 16 नवंबर को मनाया जाएगा, जिसमें भक्त दिव्य भंडारे का आनंद लेते हैं, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं और धर्म के वास्तविक स्वरूप से परिचित होते हैं।
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[12/11, 7:33 am] +91 83078 98929: 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का उद्देश्य
संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में दिव्य धर्म यज्ञ का आयोजन परमात्मा कबीर साहेब की उस ऐतिहासिक घटना को स्मरण करने हेतु किया जाता है, जब उन्होंने (शेख तकी द्वारा डाली गई झूठी चिट्ठी के बाद आए) 18 लाख साधुओं को भोजन कराया था। परमेश्वर की संपूर्ण लीलाओं की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
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narojisainath · 2 months ago
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दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजियों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा कि कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे और उन्होंने तीन दिन भंडारा किया।
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furrykittybread · 2 months ago
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दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजियों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा कि कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे और उन्होंने तीन दिन भंडारा किया।
Sant Rampal Ji Maharaj
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rashmidasi630 · 2 months ago
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आज से 511 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर ने नकली धर्म गुरुओं के षड्यंत्र को विफल करते हुए काशी में 18 लाख लोगों को तीन दिन तक भंडारा कराया था । भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। इस शुभ दिन पर वर्तमान में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के रूप में बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है।
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