#सफेद चादर
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maakavita · 8 months ago
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बेटी का लालन-पालन (beti ka lalan-palan ) : महत्वपूर्ण फ़र्ज़
बेटी का लालन-पालन (beti ka lalan-palan ) करते हैं, माता-पिता मिट्टी की घाघर के जैसे, बेटी की इज्जत होती है, एक सफेद चादर के जैसे, *      *       *        * बेटी की परवरिश पर माता-पिता, कुछ ज्यादा ही ध्यान देते हैं, सबसे ज्यादा बेटी को घर में सम्मान देते हैं, सर से पाँव तक ढककर रखतें हैं, बेटी के होश संभालते ही, अपने संस्कारों का रंग भरते हैं, बेटी के होश संभालते ही, बेटी है रेशम की डोर, प्यार की…
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essentiallyoutsider · 2 years ago
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अपना हाता
मेरे आसपास आजकल बहुत कुछ घट रहा है
और बहुत तेजी से
कुछ दोस्तों ने मुखौटे बदल लिए हैं
कुछ दुश्मनों ने चेहरे।
एक बस है जो लगता है छूटने वाली है
एक और बस है ठसाठस भरी हुई
उसका खलासी गायब है
चलने का वक़्त भी नहीं पता
लोग भाग रहे हैं बेतहाशा
इधर से उधर
उधर से इधर
कुछ खड़े हैं जो असमंजस में
छूट जाने के डर से अकेले
दांव तौल रहे हैं
इधर जाएं
या उधर
किसी को मिल गए हैं बारहमासा टिकाऊ जूते
किसी ने तान ली है छतरी धूप में।
मुझसे कहता है पकी दाढ़ी वाला घुटा हुआ एक आदमी
बेटा जी लो अपनी ज़िन्दगी, कमा लो पैसे
फिर नहीं आने का सुनहरा मौका
क्यों जी रहे हो जैसे तैसे
वह अभी अभी चढ़ा है एक बस में
और पुकार रहा है मुझे सीढ़ी से ही
वो छूटने वाली बस का है मुसाफिर
उसकी दौड़ ज़्यादा लंबी नहीं, जानते हुए भी
दे रहा है मुझे आखिरी आवाज़
दिस इज़ द लास्ट कॉल फॉर पैसेंजर नंबर फलां फलां
मैं असमंजस में हूं
पैरों के नीचे की धरती कर सकता हूं महसूस
थोड़ा और शिद्दत के साथ
वह मुझे गुब्बारे दिखाता है
गुब्बारे रंग बिरंगे उसकी छतरी हैं गोया उल्टा पैराशूट
आकाश की ओर उतान जिनमें भरी है
निष्प्राण, निरर्थक, नीरस गैस
मेरे सिर के ठीक ऊपर चमकाता है वह
अपने बारहमासा जूते
जिनसे अगले पांच माह वह काट लेगा कम से कम
ऐसा दावा करता है।
मेरे साथी कह रहे हैं चढ़ जाओ
मेरी संगिन कहती है तोड़ दो दीवारें जो
बना रखी हैं तुमने अपने चारों ओर।
एक देश है जहां उत्तेजना ऐसी है गोया
सोलह मई को नेहरू जी संसद से करेंगे
ट्रिस्ट ��िद डेस्टिनी का भाषण
और आज़ाद हो जाएंगे सवा अरब लोग
चौक चौराहों और ट्रेनों में बैठे लोग किसी को
देख रहे हैं आता हुए सवार सफेद घोड़े पर
उसके पीछे उड़ती हुई एक चादर है और उसके
हाथों में जादू की एक छड़ी
बिल्कुल ऐसा ही हुआ था पांच साल पहले
लेकिन कोई याद नहीं करना चाहता उस घोड़े को
जिसकी टाप ने कर दिया था हमें बहरा
जिसके खुरों से उड़ने वाली धूल का कण अब भी
गड़ता है हमारी आंखों में और घुड़सवार के उतरते ही
हुई थी आकाशवाणी
हार कर जीतने वाले को बाज़ीगर कहते हैं
उसने हवा में जो रुमाल लहराया था उसमें लगी इत्र
की मादकता अब भी सिर चढ़ कर बोलती है
आदमी पागल
औरत पागल
बच्चे पागल
पागल बुज़ुर्ग
भीतर से दरकता हुआ एक दुर्ग
बाहर सवारियों को समेटती खचाखच भरी बस
कोई छूटने न पाए
सबका साथ ही सबका विकास है।
मेरे आसपास आजकल बहुत कुछ घट रहा है
और बहुत तेजी से
और मैं असमंजस में हूं और यह कोई नई बात नहीं है
क्योंकि शादियों में उदास हो जाना अचानक बचपन से मेरी फितरत रही है
कोई मर जाए तो निस्संग हो कर मलंग हो जाना पुरानी
अदा रही है अपनी
एकाध बार पूछते हैं, कहते हैं लोग हाथ बढ़ाकर-
चढ़ जाओ
फिर प्रेरणा के दो शब्द कह कर हो लेते हैं ���रार
अबकी बार मजबूत सरकार।
मैंने पिछले एक हफ्ते में दर्जनों लोगों से पूछा है कि प्रियंका गांधी के आने से कांग्रेस का वोट कैसे बढ़ेगा
सबके मन में केवल विश्वास है
पूरा है विश्वास हम होंगे कामयाब वाला
विश्वास पर दुनिया कायम है तो कांग्रेस क्यों नहीं?
एक बस में अंधविश्वास का भरा है पेट्रोल
दूसरे में विश्वास का
संदेह वर्जित है
विरासत में मिला जो कुछ भी है वही अर्जित है
हाउ इज़ द जोश
सब महामिलावट का है दोष।
मेरे आसपास आजकल बहुत कुछ घट रहा है
और बहुत तेजी से
इसीलिए
मैंने किया है निश्चय बहुत धीरे धीरे
ऐन चुनाव के बीच बच्चों को गणित पढ़ाऊंगा
तेजी से घटती हुई दुनिया में उन्हें जोड़ना सिखाऊंगा
न इस बस से आऊंगा
न उस बस से जाऊंगा
अपनी हदों में रहूंगा
पकी दाढ़ी वाले घुटे हुए आदमी की बातों में
नहीं आऊंगा
न पहनूंगा जूता न तानूंगा छाता
किसी के बाप का क्या जाता
अपना खेल
अपना हाता।
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bikanerlive · 15 days ago
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बीकानेर में घना कोहरा छाया, सर्दी का आगाज हुआ
बीकानेर। राजस्थान के बीकानेर जिले में सर्दी ने दस्तक दे दी है। मौसम ने अचानक करवट ली और शहर को घने कोहरे ने अपनी चादर में ढक लिया। बीते दो दिनों से सुबह का समय कोहरे के कारण ठंडा और धुंधला नजर आ रहा है। इस मौसम के बदलाव से जनजीवन प्रभावित हुआ है, और लोग अब गर्म कपड़े पहनकर बाहर निकलने लगे हैं। सुबह की शुरुआत घने कोहरे से सोमवार की सुबह बीकानेर के निवासि��ों के लिए कोहरे की सफेद चादर लेकर आई।…
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indlivebulletin · 20 days ago
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Sonmarg में Snowfall से पर्यटकों के चेहरे खिले, Kargil के Zojila Pass में भी भारी बर्फबारी
जम्मू-कश्मीर में ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम ने अचानक से मिजाज बदला है जिसके चलते इस मौसम की पहली बर्फबारी हुई है। बर्फबारी से हालांकि पर्यटकों के चेहरे खिल उठे हैं लेकिन अचानक हुए हिमपात के चलते लोगों को मुश्किलों का साम��ा भी करना पड़ रहा है। हम आपको बता दें कि सोनमर्ग में बर्फबारी से हर ओर सफेद चादर बिछी हुई नजर आ रही है। इसके अलावा जोजिला पास पर भी भारी बर्फबारी हुई है जिसके चलते वाहनों का…
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unlikelyshoejudgecalzone · 1 year ago
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sukmankashay · 2 years ago
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कबीर परमात्मा की मगहर लीला
मगहर के बारे में उस वक़्त यह धारणा फैला रखी थी कि वहाँ मरने वाले की मुक्ति नही होती। परमात्मा कबीर जी ने कहा में वहाँ प्राण त्याग करूँगा। बीर सिंह बघेल और बिजली खां पठान इस बात पर लड़ने लगे कि हम कबीर साहेब का संस्कार करेंगे। लेकिन कबीर साहेब की मगहर लीला के दौरान शरीर नही मिला सिर्फ सफेद चादर के नीचे गुलाब के फूल मिले थे।
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"Sant Rampal Ji Maharaj"
Kabir Prakat Diwas 4 june 2023
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delicateblazetyphoon · 2 years ago
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कबीर परमात्मा की मगहर लीला
मगहर के बारे में उस वक़्त यह धारणा फैला रखी थी कि वहाँ मरने वाले की मुक्ति नही होती। परमात्मा कबीर जी ने कहा में वहाँ प्राण त्याग करूँगा। बीर सिंह बघेल और बिजली खां पठान इस बात पर लड़ने लगे कि हम कबीर साहेब का संस्कार करेंगे। लेकिन कबीर साहेब की मगहर लीला के दौरान शरीर नही मिला सिर्फ सफेद चादर के नीचे गुलाब के फूल मिले थे।
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Kabir Prakat Diwas 4 june 2023
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govinddas · 2 years ago
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कबीर परमात्मा की मगहर लीला
मगहर के बारे में उस वक़्त यह धारणा फैला रखी थी कि वहाँ मरने वाले की मुक्ति नही होती। परमात्मा कबीर जी ने कहा में वहाँ प्राण त्याग करूँगा। बीर सिंह बघेल और बिजली खां पठान इस बात पर लड़ने लगे कि हम कबीर साहेब का संस्कार करेंगे। लेकिन कबीर साहेब की मगहर लीला के दौरान शरीर नही मिला सिर्फ सफेद चादर के नीचे गुलाब के फूल मिले थे।
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sureshpatelji · 2 years ago
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कबीर परमात्मा की मगहर लीला
मगहर के बारे में उस वक़्त यह धारणा फैला रखी थी कि वहाँ मरने वाले की मुक्ति नही होती। परमात्मा कबीर जी ने कहा में वहाँ प्राण त्याग करूँगा। बीर सिंह बघेल और बिजली खां पठान इस बात पर लड़ने लगे कि हम कबीर साहेब का संस्कार करेंगे। लेकिन कबीर साहेब की मगहर लीला के दौरान शरीर नही मिला सिर्फ सफेद चादर के नीचे गुलाब के फूल मिले थे।
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➜ श्रद्धा चैनल 📺 दोपहर - 2:00 से 3:00
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ramsurat · 2 years ago
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#कबीरपरमात्मा_के_जीवित_प्रमाण
मगहर के बारे में उस वक़्त पंडितो ने यह धारणा फैला रखी थी कि वहाँ मरने वाले की मुक्ति नही होती। परमात्मा कबीर जी ने इस भ्रांति को खत्म करने के लिए कहा कि मैं वहाँ प्राण त्याग करूँगा। बीर सिंह बघेल और बिजली खां पठान इस बात पर लड़ने लगे कि हम कबीर साहेब का संस्कार करेंगे। लेकिन कबीर साहेब जी की मगहर लीला के दौरान शरीर नही मिला सिर्फ सफेद चादर के नीचे गुलाब के फूल मिले थे।
देखिए▫️ साधना चैनल शाम 07.30 बजे ।
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abhinews1 · 2 years ago
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नरी सेमरी नकरकोट वाली माँ की तीज की चमत्कारिक आरतियों की झलक पाने को उमड़ा भक्तों का जनसैलाब
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नरी सेमरी नकरकोट वाली माँ की तीज की चमत्कारिक आरतियों की झलक पाने को उमड़ा भक्तों का जनसैलाब
विधानसभा छाता के गांव नरी सेंमरी में तीज की चमत्कारिक आरतियों की झलक पाने के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड पडा। देवी माँ मंदिर प्रांगण में आने ��ाले प्रत्येक श्रद्वालु भक्तगण आगरा वासियों की आरतियों की एक झलक पाने के लिए आतुर थे। भीड को नियंत्रित करने के लिए एस एस पी शैलेश कुमार पांडेय, पुलिस क्षेत्राधिकारी गौरव त्रिपाठी, तहसीलदार छाता मनोज वार्ष्णेय, कोतवाल प्रभारी संजीव दुबे व मेला प्रभारी जगत सिरोही को पीएसी का सहयोग लेना पडा। तीज की चमत्कारित आरतियों के सकुशल सम्पन्न होने की एसएसपी पल-पल पर जानकारी लेते रहे। साय को आरतियों के समय भीड का दबाव बढ़ने पर भारी पुलिस बल को मेला मंदिर परिसर पर तेैनात कर दिया। जो कि समय-समय पर अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देष दे रहे थे। तहसील मुख्यालय से करीब 6 कि0 मी0 राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सेंमरी गांव में नवरात्रों के अवसर पर दस दिवसीय मेला चल रहा हैं। इस मेला में आर्कशण का मुख्य केन्द्र आगरावासियों की चमत्कारिक आरतियां होती हैं। जो कि तीज के दिन होती हैं। देवी मां की चमत्कारित आरतिया भक्तगणों व दर्शनार्थियों के लिए प्रमुख पर्व माना जाता है। नरी सेंमरी मेला में इस वर्ष तीज के पर्व पर आगरावासी धांधू भगत के परिजन पहली आरती कृष्ण बल्लभ, दूसरी दिलीप गौड़, तीसरी विनोद भगत, चौथी चंदा गुरु, पांचमी पंकज सारस्वत, नृत्य गौड़ आदि ने बडे जोश के साथ चमत्कारिक आरतियों में भाग लिया। इस आरती को देखने के लिए हजारों भक्तगण अपने-अपने स्थानों पर टकटकी लगाये बैठे थे। इन चमत्कारिक आरतियों के महत्व को जानने के लिए दर्शको का जनसमूह उमड पडा। बडे-बडे दीपकों की तेज लौ पर सफेद चादर को रखा जाता है। मगर वह चादर देवी मां की अनुकम्पा से चादर जलती नही है। बताते है कि आगरा निवासी धांधू भगत ने देवी मां की हिमाचल प्रदेश के कागडा में पूजा अर्चना की थी। धांधू भगत की पूजा से देवी मां प्रश्न हो गयी ओर धांधू भक्त से वर मांगने को कहा। वही धांधू भक्त ने वर देवी माँ को अपने निज निवास स्थल पर चलने के लिए आमंत्रित किया। जिसे देवी मां ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। लेकिन देवी मां ने धांधू भक्त के सामने एक शर्त रख दी। कि रास्ते में तुम जहां भी पीछे मुडकर मुझे देखेगा तो में अंर्तध्यान हो जाऊंगी। शर्त स्वीकार करने के बाद देवी मां धांधू भक्त के साथ चल पडी। वही रास्ते में छाता के सेंमरी गांव के निकट धांधू भक्त को अपने पीछे देवी मां के आने पर शक हुआ तो उसने पीछे मुडकर देख लिया। बस फिर क्या देवी मां वहीं अर्न्तध्यान हो गयी। वही आरतियों के समय पर मेला में एस एस पी शैलेश कुमार पांडेय उप���िलाधिकारी श्वेता सिंह तहसीलदार मनोज कुमार वार्ष्णेय, पुलिस क्षेत्राधिकारी गौरव त्रिपाठी , थाना प्रभारी संजीव दुबे, मेला प्रभारी जगत सिरोही , कस्बा इंचार्ज सुधीर नागर,मंदिर कमेटी पूरन भगत , दाऊजी, रामहेत, मोहित, धर्मेंद्र, खगेंद्र, टीकम वकीलमेला ठेकेदार अशोक भार्गव, बीरी सिंह जादौन, राजू भार्गव, सर्किल के थानों से भारी मात्रा पुलिस बल तेनात रहा।
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नरी सेमरी नकरकोट वाली माँ की तीज की चमत्कारिक आरतियों की झलक पाने को उमड़ा भक्तों का जनसैलाब Read the full article
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marketingstrategy1 · 2 years ago
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Snowfall:चकराता में बर्फबारी के बाद चांदी से दमके पहाड़, हाईवे पर आवाजाही ठप, कई संपर्क मार्ग भी बंद - Uttarakhand Weather News Heavy Snowfall In Chakrata Many Road Closed
चकराता में बर्फबारी – फोटो : अमर उजाला विस्तार चकराता क्षेत्र की ऊंची पहाड़ियों पर सीजन का तीसरा हिमपात हुआ। बर्फबारी से पूरे इलाके ने सफेद चादर ओढ़ ली। इससे क्षेत्र में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग बर्फ देखने पहुंचे। सोमवार सुबह जब लोग उठे तो पहाड़ियां चांदी सी दमकती नजर आईं। हालांकि, छावनी बाजार में बेहद कम बर्फ गिरी। उंचाई वाले इलाकों में डेढ़ से दो फिट तक बर्फ जम…
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यहाँ सब प्रकार से सुख है, पर जो भी मिलने आता है रोता ही आता है, कहता है स्वामी जी दुख ही दुख है। इतना अंतर कैसे है? देखो सारा दोष स्मृति का है। जैसे एक कपड़ा आड़े तिरछे धागों से बनता है, सारे धागे एक तरफा हों तो नहीं ही बनता, यह जीवन भी सुख दुख दोनों से बनता है, एक से नहीं बनता। धूप छाँव की तरह, आते जाते तो दोनों ही रहते हैं, पर गजब बात यह है कि हमें कल का भी सुख याद नहीं रहता, दुख बीस साल पहले का भी याद रहता है। कारण क्या है? दुख क्यों कस के पकड़ लेता है? असल बात यह है कि दुख हमें नहीं पकड़ता, हम ही दुख को पकड़ लेते हैं। कैसी ही दाल हो, जरा सा तेज नमक, सारा स्वाद खत्म। पूरी चादर सफेद हो, एक दाग पड़ा कि खूबसूरती खत्म। लाख कोई प्यार से बोले, एक बात टेढ़ी कही कि प्यार खत्म। ये तरीका क्या है? ये कैसी दृष्टि है? ध्यान दें, गुलाब के पौधे में कितने काँटे, कितने फूल? काँटे हजार, फूल दस पाँच। फूल की सुगंध चार कदम चलते ही भूल जाए, काँटा छू भर जाए तो कईं दिन अपनी याद दिलाए। फूल तोड़ा या ना तोड़ा, चार दिन का मेहमान है, काँटेदार टहनी हजार साल तक क्यों न पड़ी रहे, काँटे ज्यों के त्यों रहते हैं। माने संख्या, प्रभाव और आयु में, काँटों के सामने फूल कहीं भी नहीं टिकता, फिर भी उस पौधे की पहचान काँटों से नहीं, फूलों से की जाती है। उसे नागफनी कोई नहीं कहता, उसे उसके उन कुछ फूलों के कारण गुलाब कहा जाता है। ऐसे ही जीवन में सुख दुख दोनों ही हैं, पर जिसकी दृष्टि काँटों पर है उसे दुख ही दुख है। संत की दृष्टि फूल पर ही रहने से, उसे दुख दृष्टि में ही नहीं आता। बल्कि उसे तो शूल भी फूल ही है, उसे दुख कैसे हो? वास्तव में, न तो परमात्मा, न ही प्रारब्ध ही किसी को सुख या दुख देता है। वे तो केवल परिस्थिति का निर्माण करते हैं। सुख दुख तो हमारी दृष्टि में हैं, वे तो हम स्वयं बना लेते हैं। लोकेशानन्द का कहना है कि लाख विपरीतता हो, अनुकूलता थोड़ी बहुत हो, दृष्टि उसी अनुकूलता पर रहे, तब दुख कहाँ? जो है, उसे संभाल ल��, जो चला गया, उसे भूल जाओ, तब दुख कहाँ? https://www.instagram.com/p/CnqFraCySdV/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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uttarakhandlatestnews · 2 years ago
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मसूरी में हुआ हिमपात, देखिए
देहरादून : पूरे उत्तराखंड में बीती रात से ही बारिश हो रही है। पहाड़ों की रानी मसूरी, बुराँसखंडा और धनोल्टी में इस वर्ष का दूसरा हिमपात हुआ है। बर्फबारी होने के बाद मसूरी शहर के लाल टिब्बा, चार दुकान व पर्यटक स्थल बुराँसखंडा और धनोल्टी बर्फ की सफेद चादर से ढका हुआ नजर आ रहा है। साथ ही पूरे क्षेत्र में कड़ाके की ठंड बढ़ गई है व लोग अलाव का सहारा लेने को मजबूर हो गए हैं। वहीँ बर्फबारी होने के बाद…
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rickztalk · 2 years ago
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कुवैत में भारी ओलावृष्टि से सफेद हुए सड़क, लोगों ने की जमकर मस्ती, क्या जलवायु परिवर्तन का है असर
कुवैत में भारी ओलावृष्टि से सफेद हुए सड़क, लोगों ने की जमकर मस्ती, क्या जलवायु परिवर्तन का है असर
Snowfall in Kuwait: जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम का मिजाज काफी बदल गया है. फिलीपींस में इतनी भारी बारिश हुई कि कई इलाकों में बाढ़ आ गयी, तो वहीं खाड़ी देश कुवैत में बर्फबारी हुई. जी हां भले ही सुनने में ये अटपटा लगे लेकिन बीते दिनों कुवैत में इतनी बर्फबारी हुई कि पूरा शहर बर्फ की सफेद चादर से ढक गया. आसमान से गिरते बर्फ के फागे को देखकर भी कई लोगों को इसपर यकीन नहीं हो रहा था. जाहिर हैं मिडिल…
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sabkuchgyan · 2 years ago
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सफेद चादरें केवल होटल के कमरों में ही क्यों उपयोग की जाती हैं? क्या है इसके पीछे का राज
सफेद चादरें केवल होटल के कमरों में ही क्यों उपयोग की जाती हैं? क्या है इसके पीछे का राज
सफेद बेडशीट में होटल के कमरे: जब घर से बाहर कहीं ठहरने की बात आती है तो ज्यादातर लोग होटल में ही रहना पसंद करते हैं। अगर आप कभी किसी होटल में रुके हैं तो आपने देखा होगा कि ज्यादातर होटल के कमरों में एक चीज समान होती है। जी हां, यहां हम बात कर रहे हैं होटल के कमरे के बेड पर बेडशीट की। होटल के कमरों में बेड पर ज्यादातर सफेद चादर का इस्तेमाल किया जाता है। इन कमरों में पलंगों पर सिर्फ सफेद चादर ही…
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