#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का
In Tretayug, when Parmatma Kavirdev (Kabir Parmeshwar) appeared as Muninder Rishi, he cured the incurable disease of Nal and Neel with his blessings.
The Healing of Nal and Neel's Incurable Disease by
KABIR PARMATMA JI
🫴🏻 ab sant raamapaal jee mahaaraaj jee ke mangal pravachan pratidin sunen..
🏵 eeshvar tee.vee. par subah 6:00 se 7:00 tak
🏵 shraddha mh onai tee. vee. dopahar 2:00 se 3:00 tak
🏵 saadhana tee. vee. shaam 7:30 se 8:30 tak
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पूर्ण गुरु की पहचान
आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना सबसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण–सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है। चूंकि भक्ति मार्ग का संविधान धार्मिक शास्त्र जैसे – कबीर साहेब की वाणी, नानक साहेब की वाणी, संत गरीबदास जी महाराज की वाणी, संत धर्मदास जी साहेब की वाणी, वेद, गीता, पुराण, कुरआन, पवित्र बाईबल आदि हैं। जो भी संत शास्त्रो के अनुसार भक्ति साधना बताता है और भक्त समाज को मार्ग दर्शन करता है तो वह पूर्ण संत है अन्यथा वह भक्त समाज का घोर दुश्मन है जो शास्त्रो के विरूद्ध साधना करवा रहा है। इस अनमोल मानव जन्म के साथ खिलवाड़ कर रहा है। ऐसे गुरु या संत को भगवान के दरबार में घोर नरक में उल्टा लटकाया जाएगा।
उदाहरण के तौर पर जैसे कोई अध्यापक सलेबस (पाठयक्रम) से बाहर की शिक्षा देता है तो वह उन विद्यार्थियों का दुश्मन है।
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#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का
त्रेतायुग में नल तथा नील दोनों ही कबीर परमेश्वर के शिष्य थे। कबीर परमेश्वर ने नल नील को आशीर्वाद दिया था कि उनके हाथों से कोई भी वस्तु चाहें वह किसी भी धातू से बनी हो,जल में डूबेगी नहीं।
Kabir is God
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कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रुप में मिले थे विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए।
Kabir is God
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#KabirParmatma_PrakatDivas
#SantRampalJiMaharajJi
त्रेतायुग में कबीर साहेब जी मुनीन्द्र ऋषि के रूप में प्रकट हुए, नल-नील को शरण में लिया और जब रामचन्द्र जी द्वारा सीता जी को रावण की कैद से छुड़वाने की बारी आई तो समुद्र में पुल भी ऋषि मुनीन्द्र रूप में परमात्मा कबीर जी ने बनवाया।
धन-धन सतगुरू सत कबीर भक्त की पीर मिटाने वाले।।
रहे नल-नील यत्न कर हार, तब सतगुरू से करी पुकार।
जा सत रेखा लिखी अपार, सिंधु पर शिला तिराने वाले।।
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#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का
कबीर परमेश्वर जी
कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रुप में मिले थे। विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए।
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#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का
त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) मुनींद्र ऋषि रूप में नल और नील के असाध्य रोग को अपने आशीर्वाद से ठीक किया तथा नल और नील को दिए आशीर्वाद से ही रामसेतु पुल की स्थापना हुई थी।
Kabir is God
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#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का
According to the promise given to Kaal Brahm, Kabir Parmeshwar Ji had the Ram Setu built in Tretayug by making the stones light with his grace.
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Sant Rampal Ji
ज्ञान गंगा
यह पुस्तक सतगुरु रामपाल जी महाराज के प्रवचनों का संग्रह है जो कि सद्ग्रन्थों में लिखे तथ्यों पर आधारित है।
इस पुस्तक ‘‘ज्ञान गंगा’’ के माध्यम से जो हम संदेश देना चाहते हैं उसमें किसी देवी-देवता व धर्म की बुराई न करके सर्व पवित्र धर्म ग्रंथों में छुपे गूढ रहस्य को उजागर करके यथार्थ भक्ति मार्ग बताना चाहा है जो कि वर्तमान के सर्व संत, महंत व आचार्य गुरु साहेबान शास्त्रों में छिपे गूढ रहस्य को समझ नहीं पाए। परम पूज्य कबीर साहेब अपनी वाणी में कहते हैं कि - ‘वेद कतेब झूठे ना भाई, झूठे हैं सो समझे नांही।
जिस कारण भक्त समाज को अपार हानि हो रही है। सब अपने अनुमान से व झूठे गुरुओं द्वारा बताई गई शास्त्र विरूद्ध साधना करते हैं। जिससे न मानसिक शांति मिलती है और न ही शारीरिक सुख, न ही घर व कारोबार में लाभ होता है और न ही परमेश्वर का साक्षात्कार होता है और न ही मोक्ष प्राप्ति होती है। यह सब सुख कैसे मिले तथा यह जानने के लिए कि मैं कौन हूं, कहां से आया हूं, क्यों जन्म लेता हूं, क्यों मरता हूं और क्यों दुःख भोगता हूं ? आखिर यह सब कौन करवा रहा है और परमेश्वर कौन है, कैसा है, कहां है तथा कैसे मिलेगा और ब्रह्मा, विष्णु और शिव के माता-पिता कौन हैं और किस प्रकार से काल ब्रह्म की जेल से छुटकारा पाकर अपने निज घर (सतलोक) में वापिस जा सकते हैं।
यह सब इस पुस्तक के माध्यम से दर्शाया गया है ताकि इसे पढ़कर आम भक्तात्मा का कल्याण संभव हो सके। हमें पूर्ण विश्वास है कि जो पाठकजन रूची व निष्पक्ष भाव से पढ़ कर अनुसरण करेगा। उसका कल्याण संभव है
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#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का
त्रेतायुग में नल तथा नील दोनों ही कबीर परमेश्वर के शिष्य थे। कबीर परमेश्वर ने नल नील को आशीर्वाद दिया था कि उनके हाथों से कोई भी वस्तु चाहें वह किसी भी धातू से बनी हो,जल में डूबेगी नहीं।
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#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का
कबीर साहेब जी त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण को मुनीन्द्र रुप में मिले थे। विभीषण ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए।
🫴🏻 अब संत रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन प्रतिदिन सुनिए....
🏵️ ईश्वर टी.वी. पर सुबह 6:00 से 7:00 तक
🏵️ श्रद्धा MH ONE टी. वी. पर दोपहर 2:00 से 3:00 तक
🏵️ साधना टी. वी. पर शाम 7:30 से 8:30 तक
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#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का
In the Dwapar Yug, there was a king named Chandravijay. His wife Indramati was of a religious nature.
Karunamay Sahib (God Kabir) told Indramati that the sadhana that your gurudev has given you cannot save you from the suffering of birth and death.
"You will die on the third day from today. Neither your guru nor your fake sadhana will be able to save you. If you take my teachings and abandon your previous worship, then your life will be saved."
Kaal came in the form of a serpent and bit the queen. Karunamay (Kabir) Sahib appeared there. He brought Indramati back to life.
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#भविष्यमालिकापुराण_कागूढ़रहस्य #prediction #prophecy #prophet #SanatanDharma #hinduism #hindu #bhavishyamalikapuran #horoscope #astrology #astrologer #vastu #photographychallenge #viralpost #fbreels
#SantRampalJiMaharaj
⤵️
watch full Video
https://youtu.be/baZh9l0M2-o?si=LjlLY9Kz5Id7uzgr
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#सृष्टि_रचना_की_जानकारी
God Kabir Creator Of Universe
⤵️
https://youtu.be/_7CqSU5w0ys?si=3E97muH2zX-5cu8j
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सतयुग से मानव परमात्मा प्राप्ति के लिए भक्ति में लगा है लेकिन उसे मार्गदर्शन अर्थात सत्यज्ञान प्राप्त न होने के कारण वह तीनों देवताओं ब्रह्मा, विष्णु व शिव जी तथा उनके अवतारों को ही आदिपुरुष अर्थात सर्व सृष्टि रचनहार पूर्ण परमात्मा मान बैठा जोकि उसकी भूल थीं। इसलिए भक्त समाज को अपने धर्म शास्त्रों के सत्यज्ञान को जानना बेहद जरूरी है तथा उसी आधार पर भक्ति करना चाहिए। उपरोक्त प्रमाणों से निम्नलिखित निष्कर्ष निकलता है :-
आदिपुरुष परमात्मा कविर्देव अर्थात कबीर साहेब हैं, इन्होंने ही सर्व सृष्टि की रचना की है। इस परमात्मा की प्रभुता सब पर है। वह जन्मता मरता नहीं है बल्कि अविनाशी है।
श्री विष्णु अवतार के अवतार श्री रामचन्द्र जी आदिपुरुष परमात्मा नहीं हैं बल्कि इनका जन्म मृत्यु होता है और न ही श्री ब्रह्मा, श्री शिव जी और काल ब्रह्म अविनाशी है।
आदिपुरुष परमात्मा का वास्तविक नाम कविर्देव है लेकिन भाषा भिन्नता के कारण उन्हें कबीरन, कबीर साहेब, बन्दीछोड़ कबीर, हक्का कबीर, सतकबीर आदि नामों से जाना जाता है।
कबीर परमात्मा का जन्म माता के गर्भ से नहीं होता बल्कि वह स्वयं शरीर प्रकट होता है और स्वयं वापिस चला जाता है।
आदिपुरुष परमात्मा कबीर जी के ही उपमात्मक नाम परम अक्षर ब्रह्म, वासुदेव, सच्चिदानंद घन ब्रह्म इत्यादि हैं। #समर्थपरमात्माकबीरपरमेश्वर
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🪕गुरु के समान कोई तीर्थ नहीं
श्री नानक देव जी ने श्री गुरु ग्रन्थ साहेब जी के पृष्ठ 437 पर कहा है:-
नानक गुरु समानि तीरथु नहीं कोई साचे गुरु गोपाल।
गरीब, अनंत कोटि ब्रह्मंड का एक रति नहीं भार। सतगुरू पुरूष कबीर हैं कुल के सृजनहार।।
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