#संसद में बजट भाषण
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ainnewsone · 13 days ago
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Morning News Brief : संसद में खड़गे बोले- कुंभ भगदड़ में हजार मौतें; 10 ग्राम सोना ₹82,704 का; बुमराह चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर हो सकते हैं
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नमस्कार, कल की बड़ी खबर संसद के बजट सत्र से जुड़ी रही। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। एक खबर सोने की कीमत की रही, जिसमें इस साल 6,542 रुपए का इजाफा हुआ है। आज के प्रमुख इवेंट्स: - आज बजट सत्र का चौथा दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण का जवाब देंगे। - अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और इजराइली PM बें��ामिन नेतन्याहू व्हाइट हाउस में मिलेंगे। ट्रम्प की शपथ के बाद किसी विदेशी नेता का यह पहला अमेरिका दौरा है। अब कल की बड़ी खबरें: खड़गे का कुंभ भगदड़ पर बयान, धनखड़ ने वापस लेने को कहा
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- खड़गे ने संसद में कहा: कुंभ भगदड़ में हजारों लोगों की मौत हुई - उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा: सही आंकड़े दें, वरना बयान वापस लें - यूपी सरकार: 30 लोगों की मौत, 60 घायल होने की पुष्टि राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में महाकुंभ भगदड़ को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "29 जनवरी को महाकुंभ में भगदड़ के कारण हजारों लोगों की मौत हुई।" इस पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उनसे बयान वापस लेने को कहा। खड़गे ने जवाब दिया कि अगर सरकार सही आंकड़े दे दे तो वह माफी मांग लेंगे। दरअसल, 28 जनवरी की रात 2 बजे मौनी अमावस्या के अमृत स्नान से पहले भगदड़ मच गई थी। ��ूपी सरकार ने 17 घंटे बाद बयान जारी कर 30 मौतों और 60 घायलों की पुष्टि की। वहीं, विपक्ष ने इस आंकड़े को गलत बताते हुए सरकार पर जानकारी छिपाने का आरोप लगाया।     राहुल गांधी ने बेरोजगारी पर UPA-NDA दोनों को घेरा, मोदी की तारीफ भी की
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- बेरोजगारी पर बोले राहुल: UPA और NDA दोनों ही समाधान देने में असफल - 'मेक इन इंडिया' की सराहना: अच्छा आइडिया था, लेकिन नतीजे नहीं मिले - चीन घुसपैठ का मुद्दा: प्रधानमंत्री ने इनकार किया, लेकिन आर्मी ने खंडन किया बजट सत्र के तीसरे दिन राहुल गांधी ने 40 मिनट के भाषण में बेरोजगारी और आर्थिक नीतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की UPA सरकार भी बेरोजगारी का समाधान नहीं निकाल पाई और मोदी सरकार भी इसमें नाकाम रही। हालांकि, उन्होंने 'मेक इन इंडिया' को एक अच्छा विचार बताया लेकिन कहा कि इसका सही असर नहीं दिखा। राहुल ने साफ किया कि वे प्रधानमंत्री मोदी को दोष नहीं दे रहे, क्योंकि उन्होंने प्रयास जरूर किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके अलावा, राहुल गांधी ने चीन की घुसपैठ का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इसे नकार दिया, जबकि भारतीय सेना ने खुद इसकी पुष्टि की थी। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनसे सबूत पेश करने को कहा।       महाकुंभ: आखिरी अमृत स्नान में 2.33 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, SC ने भगदड़ मामले में सुनवाई से किया इनकार
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- वसंत पंचमी पर अंतिम अमृत स्नान: 2.33 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया - SC का फैसला: भगदड़ मामले पर सुनवाई से इनकार, याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा - अब तक का आंकड़ा: 13 जनवरी से 34.97 करोड़ श्रद्धालु कर चुके हैं स्नान महाकुंभ के तीसरे और अंतिम अमृत स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। वसंत पंचमी के पावन अवसर पर 30 से ज्यादा देशों से आए भक्तों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। सबसे पहले पंचायती निरंजनी अखाड़े ने स्नान किया, जिसके बाद अन्य 12 अखाड़ों ने स्नान संपन्न किया। इधर, सुप्रीम कोर्ट ने महाकुंभ भगदड़ मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की सलाह दी। याचिका में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन्स जारी करने की मांग की गई थी। 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) को दो और विशेष स्नान होंगे। 26 फरवरी तक कुंभ में कुल 50 करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान है।       दिल्ली चुनाव: केजरीवाल को 55 सीटों की उम्मीद, मोदी बोले- AAP बच्चों के भविष्य से खेल रही
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- केजरीवाल का दावा: AAP 55 सीटें जीत रही, महिलाओं से अधिक वोट दिलाने की अपील - मोदी का आरोप: AAP सरकार 9वीं के बाद छात्रों को आगे नहीं बढ़ने देती - वोटिंग और नतीजे: 5 फरवरी को चुनाव, 8 फरवरी को नतीजे घोषित होंगे दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन AAP, कांग्रेस और BJP के नेताओं ने जोर-शोर से प्रचार किया। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कस्तूरबा नगर में रैली की, जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कालकाजी में आम आदमी पार्टी प्रत्याशी आतिशी के समर्थन में रोड शो किया। केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि AAP 55 सीटें जीत रही है और महिलाओं से अपील की कि वे अपने घर के पुरुषों को भी AAP को वोट देने के लिए प्रेरित करें, जिससे यह संख्या 60 से ज्यादा हो सकती है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पर चर्चा के दौरान AAP सरकार पर शिक्षा को लेकर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार 9वीं कक्षा के बाद छात्रों को आगे नहीं बढ़ने देती, सिर्फ उन्हीं को प्रमोट किया जाता है जिनके पास होने की गारंटी होती है। उन्होंने इसे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ बताया। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को मतदान होगा और नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।       बुमराह के चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर होने की आशंका, रिकवरी मुश्किल
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- पीठ की चोट: ऑस्ट्रेल���या दौरे के आखिरी टेस्ट में खिंचाव आया - रिकवरी मुश्किल: चैंपियंस ट्रॉफी से पहले फिट होना नामुमकिन लग रहा - हर्षित राणा विकल्प: स्क्वॉड में बदलाव के लिए 11 फरवरी तक का समय भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह 19 फरवरी से शुरू हो रही चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर हो सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान उनकी पीठ में खिंचाव आ गया था, जिससे उनका टूर्नामेंट तक पूरी तरह फिट होना मुश्किल दिख रहा है। उनकी जगह हर्षित राणा को स्क्वॉड में शामिल किया जा सकता है, लेकिन अंतिम फैसला 11 फरवरी की डेडलाइन से पहले लिया जाएगा। फिलहाल, बुमराह बेंगलुरु में BCCI के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में मेडिकल निगरानी में हैं। वे 2-3 दिन तक वहां रहेंगे और उनकी फिटनेस पर नजर रखी जाएगी। हालांकि, इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में वे कोई भी मैच नहीं खेल पाएंगे। सीरीज का आखिरी मुकाबला 12 फरवरी को अहमदाबाद में होगा।       सोने की कीमत ऑलटाइम हाई, 10 ग्राम ₹82,704 तक पहुंचा
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- 34 दिन में ₹6,542 का उछाल, नई ऊंचाई पर सोना - डॉलर मजबूत, महंगाई बढ़ने से कीमतों को सपोर्ट - शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के चलते ETF में निवेश बढ़ा सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल जारी है। 10 ग्राम सोना 618 रुपए महंगा होकर ₹82,704 तक पहुंच गया, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। बीते 34 दिनों में सोने के दाम ₹6,542 बढ़ चुके हैं। वहीं, चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई और यह ₹220 सस्ती होकर ₹93,313 प्रति किलो पर �� गई। विशेषज्ञों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी और वैश्विक महंगाई दर में वृद्धि सोने की कीमतों को सपोर्ट कर रही है। इसके अलावा, शेयर बाजार में बढ़ते उतार-चढ़ाव के कारण निवेशक गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे कीमतों में तेजी बनी हुई है।     BJP विधायक के भाई ने बेटे की हत्या की, जमीन विवाद में मारी गोली
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- उज्जैन में पारिवारिक विवाद के चलते गोलीकांड - पिता ने लाइसेंसी बंदूक से बेटे को मारी 3 गोलियां - 7 बीघा जमीन और किराना दुकान के पैसों को लेकर हुआ विवाद उज्जैन में BJP विधायक सतीश मालवीय के बड़े भाई मंगल मालवीय ने अपने बेटे अरविंद (30) की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, पिता-बेटे के बीच 7 बीघा जमीन और किराना दुकान के पैसों को लेकर कहासुनी हो रही थी, जो बढ़ते-बढ़ते हिंसक हो गई। गुस्से में मंगल ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से 3 फायर किए। पहली गोली चलते ही अरविंद छत की ओर भागा, लेकिन पिता ने पीछा करते हुए सीढ़ियों पर दो और गोलियां मारी। सिर और छाती पर गोली लगने से अरविंद की मौके पर ही मौत हो गई। आरोपी मंगल मालवीय के दो बेटे और दो बेटियां हैं। अरविंद बड़ा बेटा था और शादीशुदा था, उसका एक बेटा भी है। पुलिस का कहना है कि जमीन विवाद लंबे समय से चल रहा था, जिसमें देवास की पैतृक संपत्ति भी शामिल थी। Read the full article
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rightnewshindi · 16 days ago
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Budget 2025: 12 लाख तक की इनकम पूरी तरह तक फ्री, यहां पढ़ें बजट की बड़ी घोषणाएं
Budget 2025: 12 लाख तक की इनकम पूरी तरह तक फ्री, यहां पढ़ें बजट की बड़ी घोषणाएं #News
Budget 2025: मोदी सरकार ने टैक्स पर उम्मीद से भी बड़ी राहत दे दी है। वित्त मंत्री ने कहा है कि 12 लाख रुपये तक की इनकम पूरी तरह टैक्स फ्री होग। इसके साथ ही सरकार नया टैक्स कानून भी ला रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि नया टैक्स कानून के लिए अगले सप्ताह संसद में विधेयक पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में किसान, महिला, युवा, बुजुर्ग, मिडल क्लास पर खास…
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todaymandibhav · 16 days ago
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बजट 2025: किसानों के लिए प्रधानमंत्री धन धान्य योजना और किसान क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने की घोषणा
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट 2025-26 पेश किया। अपने बजट (Budget 2025) भाषण में उन्होंने किसानों के लिए एक नई योजना, प्रधानमंत्री धनधान्य योजना (PM Dhan Dhany Yojana) की घोषणा की। यह योजना देश के 100 जिलों में राज्य सरकारों के सहयोग से चलाई जाएगी। इन जिलों का चयन उन क्षेत्रों में किया जाएगा जहां कृषि उत्पादन कम है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों…
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talkingheadlines · 17 days ago
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Union Budget 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार के 'नीति निष्क्रियता' को समाप्त करने के प्रयासों की सराहना की
संघीय बजट 2025 सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार के ‘नीति निष्क्रियता’ को समाप्त करने के प्रयासों की सराहना की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र में बजट सत्र की शुरुआत की शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए इस साल के बजट सत्र की औपचारिक शुरुआत की। अपने भाषण में मुर्मू ने केंद्रीय सरकार के “नीति निष्क्रियता”…
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dainiksamachar · 7 months ago
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अनुराग ठाकुर, अश्विनी वैष्णव.. क्या संसद में बीजेपी ने विपक्ष से लड़ने के लिए बदल दी रणनीति?
नई दिल्ली: 2024 के चुनावी रण में बीजेपी बहुमत से दूर क्या रह गई विपक्ष ज्यादा ही उत्साह में दिख रहा। खास तौर से संसद में इंडिया ब्लॉक लगातार केंद्र को घेरने की कोशिश में जुटा नजर आता है। चाहे बजट भाषण रहा हो या फिर जातीय जनगणना और अग्निवीर योजना जैसे मुद्दे। विपक्ष की ओर से लगातार मोदी सरकार पर जोरदार अटैक की कवायद हुई। हालांकि, संसद के मौजूदा मॉनसून सत्र में ऐसा लग रहा कि बीजेपी भी आर-पार के मूड में आ गई है। यही वजह है कि बीजेपी ने विपक्ष से लड़ने के लिए मानो अपनी रणनीति बदल दी है। इसका पता उस समय चला जब पार्टी की ओर से और अश्विनी वैष्णव ने मोर्चा संभाला। विपक्षी सांसदों की ओर से किए गए दावों पर पलट���ार के लिए बीजेपी ने 'जैसे को तैसा' वाला दांव चला है। जब अखिलेश-अनुराग भिड़ गए बीजेपी की बदले दांव का पता उस समय चला जब 30 जुलाई को आम बजट पर चर्चा के दौरान अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान उन्होंने अग्निवीर योजना को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा था कि अग्निवीर वाली जो नौकरी है, कोई भी नौजवान जो फौज की तैयारी करता है वो कभी स्वीकार नहीं करेगा। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि सरकार खुद स्वीकार करती है कि ये स्कीम ठीक नहीं है। जैसे ही अखिलेश ने ये बातें कही तो बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने इस पर तुरंत रिएक्ट किया। अग्निवीर पर सवाल तो अनुराग ठाकुर का जवाब हमीरपुर सांसद अनुराग ठाकुर ने अखिलेश यादव को जवाब देते हुए कहा कि मैं कहता हूं मैं उस राज्य हिमाचल प्रदेश से हूं जिसने पहला परमवीर मेजर सोमनाथ शर्मा दिया। कारगिल के युद्ध में सबसे ज्यादा शहीद होने वाले हिमाचल प्रदेश के वीर नौजवान थे। मैं एक बात और कहता हूं अग्निवीर में 100 फीसदी रोजगार की गारंटी है और रहेगी। इस पर अखिलेश यादव ने फिर कहा कि अनुराग ठाकुर बस सदन में इतना कह दें कि अग्निवीर अच्छी योजना है। इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री फिर खड़े हुए और कहा कि वह भी सैनिक स्कूल गए हैं, मैं प्रादेशिक सेना में कैप्टन के पद पर कार्यरत हूं। अखिलेश यादव, ज्ञान मत दीजिए। उन्होंने समाजवादी पार्टी मुखिया को जोरदार जवाब दिया। राहुल गांधी पर जब बरसे अनुराग ठाकुर अखिलेश यादव ही नहीं अनुराग ठाकुर ने बजट पर चर्चा में हिस्सा लेने के दौरान राहुल गांधी के भाषण पर भी पलटवार किया। राहुल गांधी ने बजट हलवा के जरिए सरकार पर निशाना साधा था और यह कहा था कि इसमें कोई दलित अधिकारी नहीं। इस पर तंज कसते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल जी हलवा मीठा था या फीका। कुछ लोग ओबीसी की बात करते हैं, इनके लिए ओबीसी का मतलब है ओनली फॉर ब्रदर इन लॉ कमीशन। जिस पार्टी ने अपने ही पार्टी के अध्यक्ष को धोती खींचकर बाहर निकाल दिया हो, जो एक पिछड़े समाज से आते थे, उनके शहजादे हमें ज्ञान बांट रहे हैं। अनुराग ठाकुर के कमेंट पर लोकसभा में हंगामा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के उस कमेंट कि जाति जनगणना को हम यहां पास करके दिखाएंगे और चक्रव्यूह वाले कमेंट पर भी अनुराग ठाकुर ने रिएक्ट किया। अनुराग ठाकुर ने राहुल को लेकर कहा कि इनको तो नेता प्रतिपक्ष का मतलब समझना पड़ेगा। ओबीसी और जनगणना की बात बहुत की जाती है जिसकी जाति का पता नहीं वो गणना की बात करता है। अनुराग ठाकुर के इस कमेंट पर कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा कर दिया था। अश्विनी वैष्णव की भी विपक्ष को लताड़ अनुराग ठाकुर ही नहीं बीजेपी की बदल�� रणनीति का पता उस समय चला जब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में मोर्चा खोला। उन्होंने अपनी बात रखते हुए इंडिया ब्लॉक के सांसदों पर जमकर जवाबी अटैक किए। हाल के दिनों में बढ़ते रेल हादसों को लेकर गुरुवार को लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष की ओर से उठाए गए सवाल का जवाब देने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सामने आए। इस दौरान विपक्ष की ओर से नारेबाजी शुरू कर दी गई तो रेल मंत्री भी आक्रोशित नजर आए। उन्होंने विपक्ष को उन्हीं के अंदाज में बैठो, भप, भप, कुछ भी बोल देता है.. कहकर पलटवार किया। रेल हादसों पर सवाल तो रेल मंत्री ने यूं दिया जवाब एक अगस्त को लोकसभा में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हम वो लोग नहीं हैं जो रील बनाते हैं, हम कड़ी मेहनत करते हैं। आप की तरह रील बनाकर दिखाने वाले लोग नहीं है। उन्होंने कहा कि लोको पायलट के औसत कामकाज और आराम का समय 2005 में बनाए गए एक नियम से तय होता है। 2016 में नियमों में संशोधन किया गया और लोको पायलटों को अधिक सुविधाएं दी गईं। सभी रनिंग रूम-558 को वातानुकूलित बनाया गया। लोको कैब बहुत अधिक कंपन करती हैं, गर्म होती हैं और इसलिए 7,000 से अधिक लोको कैब वातानुकूलित हैं। यह उन लोगों के समय में शून्य था जो आज रील बनाकर सहानुभूति दिखाते हैं। 'आप दिखावे के लिए रील बनाते हैं' अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे के सुधार को लेकर सबको साथ आना… http://dlvr.it/TBP3ph
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sharpbharat · 7 months ago
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Jamshedpur mp : रेल बजट पर सांसद बिद्युत बरण महतो ने संसद में दिया भाषण, टाटानगर से चलेगी दो वंदेभारत ट्रेन, 456 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा नया टाटानगर स्टेशन, कई विकास योजनाओं का भी किया डिमांड
जमशेदपुर : जमशेदपुर के सांसद बिद्युत बरण महतो ने रेल बजट पर हुए चर्चा में भाग लेते हुए अपना भाषण दिया. उन्होंने यहां हुए रेल हादसे की जानकारी साझा की. मंगलवार को झारखंड के चक्रधरपुर डिविजन में रेल हादसा हुआ. किसी भी प्रकार की दुर्घटना का होना दुखद पहलू है. झारखंड में जो दुर्घटना हुई है, उसमें दो लोगों की जान चली गई है. सांसद ने कहा कि दुर्घटना में मृत लोगों की मुआवजा देकर कीमत नहीं लगाई जा सकती…
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bikanerlive · 7 months ago
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वित मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट की सराहना बीकानेर भाजपा नेताओं ने पटाखे फोड़कर किया मोदी का धन्यवाद
विकसित भारत के सपने को साकार करने वाला बजट– श्रवण सिंह बगड़ी बीकानेर वित मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए बजट को भाजपा जिला पदाधिकारियों ने भाजपा प्रदेश महामंत्री श्रवण सिंह बगड़ी व शहर जिलाध्यक्ष विजय आचार्य, देहात जिलाध्यक्ष जालम सिंह भाटी के साथ सामूहिक रूप में सुना और बजट भाषण के बाद भाजपा पदाधिकारियों ने इस सर्वस्पर्शी बजट पर पटाखे फोड़कर खुशियां मनाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र…
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icnnetwork · 1 year ago
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#Budget2024 : Modi Govt की इन 3 योजनाओं से समाज में आई नई क्रांति!
#PMOIndia #NirmalaSitharaman #FinanceMinister #Election2024 #icnewsnetwork
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khetikisaniwala · 2 years ago
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मोदी@9 | प्रधानमंत्री की किसान योजना सफल, लेकिन सरकार कृषि आय दोगुनी करने के लक्ष्य से अभी भी दूर
इस साल 23 मार्च को संसद में पेश की गई ए�� रिपोर्ट में कृषि पर एक संसदीय पैनल ने कहा कि सरकार किसानों की कृषि आय दोगुनी करने के लक्ष्य से बहुत दूर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल में देश का कृषि क्षेत्र कई उतार-चढ़ाव से गुजरा। जबकि भारत के खाद्य उत्पादन में वृद्धि देखी गई, वित्त वर्ष 2012 में भारत के कृषि निर्यात में $ 50 बिलियन के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ, तीन विवादास्पद कृषि कानूनों की शुरूआत के बाद हजारों किसानों के विरोध में सड़कों पर आने के बाद सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा।
किसानों की आय दोगुनी करने का मोदी सरकार का सबसे बड़ा वादा किसानों को सीधे नकद हस्तांतरण शुरू करने के बावजूद पूरा नहीं हुआ है।
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बड़ा वादा
पिछले चार वर्षों में, किसानों की आय को दोगुना करना इस क्षेत्र का मुख्य विषय रहा है, क्योंकि मोदी ने 2017 में अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान इसकी घोषणा की थी। भारतीय जनता पार्टी के टर्म 2.0 घोषणापत्र में इसे फिर से दोहराया गया। पार्टी ने क्षेत्र के लिए बढ़ती कृषि क्षेत्रीय आय और समृद्धि का वादा किया।
2023 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान कृषि क्षेत्र में पिछले छह वर्षों में 4.6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर देखी गई। कृषि वार्षिक बजट 2023 में पांच गुना बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2013-14 में 30,223.88 करोड़ रुपये था।
इस वर्ष 21 मार्च को कृषि मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, कृषि क्षेत्र के लिए संस्थागत ऋण 2013-14 में 7.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 18.5 लाख करोड़ रुपये हो गया।
2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत, छोटी जोत वाले किसानों के लिए एक आय सहायता योजना, जो तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये प्रदान करती है, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की सफलता की कहानी रही है। रुपये से अधिक। अब तक 11 करोड़ से अधिक किसानों को 2.24 लाख करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। सरकार का दावा है कि डिजिटल ट्रांसफर का मतलब है कि पैसा अंतिम उपयोगकर्ता तक पहुंचता है।
इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के माध्यम से एक वर्ष के भीतर ऋण चुकाने वाले सभी लोगों के लिए रियायती संस्थागत ऋण 4 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ाया जा रहा है। यह किसानों को ऋण के अनौपचारिक स्रोतों के ऋणग्रस्तता से खुद को छुटकारा दिलाने का एक उपाय है, और अधिक सदस्यों को नामांकित करने के लिए फरवरी 2020 में एक विशेष अभियान शुरू किया गया था। कृषि मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 23 दिसंबर, 2022 तक 387.87 लाख से अधिक नए केसीसी आवेदन स्वीकृत किए गए थे, जिनकी स्वीकृत क्रेडिट सीमा रु. ड्राइव के हिस्से के रूप में 4,49,443 करोड़।
सरकार ने जैविक खेती और सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए हैं, जिसमें नाबार्ड के साथ 5,000 करोड़ रुपये के प्रारंभिक कोष के साथ एक सूक्ष्म सिंचाई कोष का निर्माण शामिल है, साथ ही ��ृषि उपयोग के लिए ड्रोन जैसी नवीनतम तकनीक की शुरुआत भी की गई है। 2014-15 से मार्च 2022 की अवधि के दौरान, कृषि मशीनीकरण के लिए 5,490.82 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जैसा कि कृषि मंत्रालय ने 21 मार्च, 2023 को एक बयान में कहा था। किसानों को सब्सिडी के आधार पर 13,88,314 मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं।
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newsdaynight · 2 years ago
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संसद में आज फिर होगा हंगामा या चलेगी कार्यवाही, कांग्रेस ने कहा जेपीसी पर समझौता नहीं
Delhi: नई दिल्ली : संसद का बजट सत्र अभी तक लगातार हंगामे की भेंट चढ़ा है। हंगामे का कारण पिछले दो सप्ताह तक संसद में कोई खास काम नहीं हो पाया है। विपक्ष अडानी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की मांग कर रहा है। वहीं, बीजेपी राहुल गांधी के लंदन में दिए गए देश में लोकतंत्र वाले भाषण को लेकर लगातार माफी की मांग कर रही है। इसके बाद राहुल गांधी को संसद से अयोग्य ठहराये जाने के बाद से कांग्रेस और अधिक हमलावर हो गई है। http://dlvr.it/SlvHcc
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prabudhajanata · 2 years ago
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गुजरात में सूरत की निचली अदालत ने राहुल गांधी को, चार साल पुराने एक मामले में आपराधिक मानहानि के लिए दो साल की सजा सुना दी। इसे संयोग मानने के लिए राजनीतिक रूप से बहुत भोला होना जरूरी है कि उन्हें जिला अदालत ने, आपराधिक मानहानि के अपराध के लिए दी जाने वाली अधिकतम सजा सुनाई है और यह ठीक उतनी ही सजा है, जितनी किसी निर्वाचित सांसद-विधायक को ''अयोग्य'' करार देकर, उसकी सदस्यता खत्म करने के लिए न्यूनतम आवश्यक सजा है! खैर! अब यहां से आगे घटनाक्रम ठीक-ठीक क्या रूप लेगा? राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता ताबड़तोड़ खत्म कर दिए जाने के बाद, क्या चुनाव आयोग उनकी वायनाड की लोकसभाई सीट खाली घोषित कर, उसके लिए चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू कर देगा? क्या उच्चतर अपीलीय न्यायालयों द्वारा राहुल गांधी की सजा को भी, खासतौर पर इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए रोक दिया जाएगा कि यह भारत में आपराधिक मानहानि कानून के करीब पौने दो सौ साल के इतिहास में, किसी को इस कानून के अंतर्गत सजा दिए जाने का पहला ही मामला है, या सदस्यता तत्काल खत्म करने के बाद, राहुल गांधी को आठ साल तक चुनाव लड़ने से भी रोक दिया जाएगा और ऐसा हुआ, तो इसके नतीजे क्या होंगे, इस सब के स्पष्ट होने के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। लेकिन, इस पूरे प्रकरण का एक नतीजा तत्काल साफ-साफ दिखाई दे रहा है। कर्नाटक में एक चुनावी सभा में दिए गए भाषण के एक अंश के लिए, राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाए जाने को, उन्हें संसद से ही दूर करने की कोशिश के रूप में लेकर, इस फैसले का खुलकर सबसे पहले विरोध करने वालों में, एक आवाज आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो, अरविंद केजरीवाल की थी। और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी कम-से-कम इस मामले में विपक्ष के साथ आवाज मिलाने में कमोबेश ऐसी ही तत्परता दिखाई है। लेकिन, वह तो शुरूआत थी। इस सत्ता-प्रायोजित तानाशाहीपूर्ण मनमानी के खिलाफ देश भर में उठी नाराजगी की लहर के दबाव मेें भारत राष्ट्र समिति के शीर्ष नेता केसीआर ही नहीं, चुनावों के ताजा चक्र के बाद से कांग्रेस से बढ़कर राहुल गांधी के खिलाफ खासतौर पर हमलावर ममता बैनर्जी और काफी किंतु-परंतु के साथ ही सही, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी, विरोध की आवाज उठाई है। यहां तक कि सप्ताहांत के बाद, सोमवार को संसद बैठने पर विपक्षी पार्टियों के सांसदों नेे काले कपड़ों के साथ जो विरोध प्रदर्शन निकाला, उसमें बजट सत्र का उत्तरार्द्घ शुरू होने के बाद, पहली बार तृणमूल कांग्रेस और बीआरएस के सांसद भी शामिल हुए। जाहिर है कि संसद में और संसद के बाहर भी, अडानी प्रकरण समेत मौजूदा निजाम के विरोध के मुद्दों पर अक्सर साथ दिखाई देने वाली चौदह-पंद्रह विपक्षी पार्टियां तो इस ''सजा'' को, विपक्ष की आवाज दबाने के लिए, मोदी निजाम के एक और हमले की ही तरह देखती ही हैं। बहरहाल, उनके अलावा ममता बैनर्जी तथा केसीआर जैसे नेताओं का इस मुद्दे पर खुलकर विरोध की आवाज उठाना, इसलिए खास महत्व रखता है कि पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में इसी फरवरी में हुए विधानसभाई चुनाव के नतीजों के बाद गुजरे हफ्तों में, इन पार्टियों के ही कदमों से और उससे बढ़कर उनके बयानों से, 2024 के आम चुनाव के लिए विपक्ष की एकजुटता के नामुमकिन होने के दावों को काफी बढ़ावा मिल रहा था। कांग्रेस तो खैर, आर-पार की लड़ाई का बिगुल फूंकने के मूड में नजर आ ही रही है। जाहिर है कि यह ताजा घटना विकास, इसकी ओर इशारा करता है कि अगले आम चुनाव में विपक्ष की एकजुटता-विभाजन का मामला, जोड़-घटाव का सरल प्रश्न नहीं, रासायनिक क्रिया का कहीं जटिल मामला होने जा रहा है। ममता बैनर्जी का ही नहीं, तेलंगाना के मुख्यमंत्री तथा बीआरएस सुप्रीमो चंद्रशेखर राव और ओडिशा के मुख्यमंत्री तथा बीजद सुप्रीमो नवीन पटनायक का भी आम तौर पर वर्तमान निजाम के खिलाफ विपक्ष के एकजुट कदमों से अलग-अलग हद तक दूसरी बनाए रखना, विपक्षी एकता के सवाल की ��स जटिलता में ही इजाफा करता है। फिर भी इस प्रकरण से एक बात एकदम साफ है, जनतंत्र और विपक्ष मात्र के साथ मोदी राज का सलूक, अपने तमाम राजनीतिक-विचारधारात्मक मतभेदों और हितों के टकरावों के बावजूद, विपक्ष को ज्यादा-से-ज्यादा एक स्वर में बोलने की ओर ले जा रहा है। इसी का एक और साक्ष्य है 14 विपक्षी पार्टियों का सुप्रीम कोर्ट के सामने याचिका दायर कर, केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई, ईडी आदि केंद्रीय जांच एजेंसियों का विपक्ष को कुचलने के लिए दुरुपयोग का आरोप लगाना। इस मामले में आम आदमी पार्टी और बीआरएस जैसी पार्टियां भी, कांग्रेस के साथ एक मंच पर खड़ी देखी जा सकती हैं। ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री, मनीष सिसोदिया की दो अलग-अलग मामलों में सीबीआई तथा ईडी द्वारा गिरफ्तारी और बीआरएस विधान परिषद सदस्य
व चंद्रशेखर राव की पुत्री, सुश्री कविता से ईडी की लगातार जारी पूछताछ ने, इस मुद्दे पर विपक्ष की एकजुटता के दायरे को बढ़ाने का काम किया है। लेकिन, 2024 के आम चुनाव के संदर्भ में विपक्षी एकता की चर्चा में अक्सर, खुद को संघ-भाजपा राज के विरोध में बताने वाली पार्टियों के कई मुद्दों पर अलग-अलग बोलने तथा अलग-अलग चुनाव लड़ने को तो दर्ज किया जाता है, लेकिन विपक्षी स्वरों की बढ़ती एकता की ओर से आंखें ही मूंद ली जाती हैं। बहरहाल, विपक्षी एकता की यह समझ अधूरी है और इसलिए भ्रामक भी। यह समझ विपक्षी एकता को, सत्ताधारी गठजोड़ से बाहर की सभी राजनीतिक पार्टियों के पूरी तरह से एक होकर, सत्ताधारी गठजोड़ के हरेक उम्मीदवार के खिलाफ विपक्ष का एक ही उम्मीदवार उतारने की हद तक एकता में घटा देती है। जाहिर है कि भारत की वास्तविक राजनीतिक परिस्थितियों में, जिसमें क्षेत्रीय राजनीतिक विविधताएं बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, यह एक असंभव-सी मांग है। और इसी मांग के पूरा न होने के आधार पर विपक्षी एकता होने, न होने को लेकर नकारात्मक फैसले सुनाना, सत्ताधारी गठबंधन की तथाकथित अजेयता के पक्ष में हवा बनाने में मदद तो कर सकता है, लेकिन भारतीय राजनीति की वास्तविक दशा-दिशा को समझने के लिए उससे कोई मदद नहीं मिल सकती है। जाहिर है कि स्वतंत्र भारत की राजनीति का वास्तविक अनुभव, विपक्षी एकता की ऐसी परिभाषा से मेल नहीं खाता है। स्वतंत्रता के बाद के पहले बीस साल में, कांग्रेस की सत्ता पर लगभग इजारेदारी के अनेक राज्यों के टूटने की जब 1967 में शुरूआत हुई थी, कई राज्यों में गठबंधनों ने तथा कुछ राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों ने सत्ता संभाली थी। यह प्रक्रिया, इमरजेंसी के बाद, 1977 के आरंभ में हुए आम चुनाव में नई ऊंचाई पर पहुंची, जब पहली बार केंद्र में सत्ता से कांग्रेस पार्टी की विदाई हुई। वास्तव में इमरजेंसी का उदाहरण ही, भारत में संभव तथा इसलिए भारत के लिए व��स्तविक, विपक्षी एकता की संकल्पना का ज्यादा उपयुक्त उदाहरण है। इमरजेंसी के अनुभव के बाद, चंद अपवादों को छोड़कर, लगभग सभी गैर-कांग्रेसी पार्टियां, इमरजेंसी निजाम और उसके लिए जिम्मेदार कांग्रेस का विरोध करने पर एकमत थीं। लेकिन, यह एकता किसी भी प्रकार से, एक के मुकाबले एक उम्मीदवार की, मुकम्मल चुनावी एकता नहीं थी। इसके बावजूद, इस चुनाव में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को अभूतपूर्व हार का सामना करना पड़ा था। आगे चलकर, कांग्रेस के शासन के लगभग दो कार्यकालों के बाद, यही 1988 में, बोफोर्स प्रकरण पर केंद्रित भ्रष्टाचार के आरोपों की पृष्ठभूमि में हुए आम चुनाव में भी, कांग्रेस की हार के रूप में दोहराया गया था। और फिर, 2004 में बेशक काफी भिन्न संदर्भ में, सत्ताधारी भाजपाई गठजोड़ की हार के रूप में। साफ है कि विपक्षी एकता या एकजुटता और विपक्ष का एक के मुकाबले एक उम्मीदवार का मुकाबला सुनिश्चित करने की हद तक एकजुट होना, काफी हद तक अलग-अलग चीजें हैं। वैसे भी एक के मुकाबले एक उम्मीदवार की हद तक विपक्षी एकता, एक ऐसे सत्ताधारी गठजोड़ को हराने की आवश्यक पूर्व-शर्त तो हर्गिज नहीं है, जिसको ऐतिहासिक रूप से अब तक वास्तव में 40 फीसद से ज्यादा वोट नहीं मिला है। फिर भी, दो चीजें हैं, जो सत्ताधारी गठजोड़ को चुनावी मुकाबले में हराने के लिए जरूरी हैं। पहली, एक वृहत्तर राजनीतिक मुद्दा, को सिर्फ विपक्षी पार्टियों को ही नहीं, आम जनता के उल्लेखनीय रूप से बड़े हिस्सों को भी जोड़ सकता हो। 1977 में इमरजेंसी, तो 1988 में बोफोर्स व आम तौर पर भ्रष्टाचार, ऐसे ही मुद्दे थे। पुन: 2004 में शासन का बढ़ता सांप्रदायीकरण, खासतौर पर 2002 के गुजरात के खून-खराबे की पृष्ठभूमि में ऐसा ही मुद्दा था, जिसने भाजपाई गठजोड़ को, केंद्र में सत्ता से बाहर किया था। 2024 के चुनाव में मोदी राज की बढ़ती अघोषित तानाशाही और जनविरोधी कार्पोरेटपरस्ती, बखूबी ऐसा ही निर्णायक मुद्दा बन सकती है। राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कराने के जरिए मौजूदा निजाम ने जाहिर है कि इस प्रक्रिया को और गति दे दी है। लेकिन, इसका अर्थ यह हर्गिज नहीं है कि विपक्षी कतारों के चुनाव के पहले और चुनाव के लिए भी, एकजुट होने की कोई भी जरूरत या सार्थकता ही नहीं है। 1977, 1988 और 2004 -- तीनों चुनावों का अनुभव बताता है कि विपक्ष की मुकम्मल एकता भले संभव न हो और देश के एक अच्छे-खासे हिस्से में यानी कई राज्यों में केंद्र की सत्ताधारी पार्टी का असली मुकाबला, राज्य के स्तर पर मजबूत क्षेत्रीय पार्टियों से या उनके नेतृत्व वाले राज्यस्तरीय गठबंधनों/ मोर्चों से ही होने जा रहा हो, फिर भी विपक्ष की राजनीतिक निशाने की एकता के साथ ही साथ, चुनाव से पहले और चुनाव में भी, उसके एक हद तक एकजुट होने की भी जरूरत होती है, ताकि जनता के बीच
आम तौर पर इसका भरोसा पैदा हो सके कि सत्ताधारियों को, हराने में समर्थ ताकतें सचमुच मौजूद हैं, कि उन्हें सचमुच हराया जा सकता है। मोदी राज के दुर्भाग्य से, उसकी तमाम तिकड़मों और हथकंडों के बावजूद, हालात उसे हराने की दोनों शर्तें पूरी होने की ओर ही बढ़तेे नजर आते हैं। राहुल गांधी के खिलाफ नवीनतम कानूनी प्रहार ने इस प्रक्रिया को और भी तेज कर दिया है।
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rightnewshindi · 7 months ago
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इमरान प्रतापगढ़ी ने नेमप्लेट मुद्दे पर संसद में लगा दी सरकार की क्लास, पूछा, खून की बोतल पर लेवल देखा है
Delhi News: राज्यसभा में बजट भाषण के दौरान ‘नेमप्लेट’ विवाद का मुद्दा कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने जबरदस्त तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम छिपाने वाली सरकार इन दिनों फलों के ठेले लगाने वालों से उनका नाम पूछ रही है। बजट भाषण के दौरान कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा यहां बैठ कर बड़ी-बड़ी बातें करना आसान है। ‘यह चूनर धानी-धानी भूल जाते, यह पूर्वा की रवानी भूल…
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bhaskarhindinews · 6 years ago
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Last and Interim budget of modi government 2019, live updates
बजट LIVE: छोटे किसानों को सरकार का तोहफा, हर साल 6 हजार रुपए मिलेंगे खाते मेंं
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NEWS HIGHLIGHTS
पीयूष गोयल पेश कर रहे हैं बजट
किसानों को साधने की हो सकती है कोशिश
मध्यमवर्गीय लोगों को भी दी जा सकती है राहत
केंद्र की मोदी सरकार आज अपना अंतरिम बजट पेश कर रही है। अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल संसद में बजट भाषण दे रहे हैं। मोदी सरकार के कार्यकाल का आखिरी बजट होने के कारण उम्मीद की जा रही है कि इसमें कई लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा की जा सकती है।
बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की तबीयत खराब होने के कारण पीयूष गोयल बजट पेश कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के पहले पेश किए जा रहे बजट में मोदी सरकार एक बड़े वर्ग को साधने की कोशिश करेगी। सरकार किसानों और मध्यमवर्गीय लोगों को इस बार बड़ी राहत दे सकती है।
LIVE UPDATES
11.34 AM : 12 करोड़ छोटे किसानों को मिलेगा फायदा, सरकार पर आएगा 75 हजार करोड़ का बोझ।
FM Piyush Goyal: This initiative will benefit 12 crore small and marginal farmers, at an estimated cost of Rs. 75,000 crore
FM Piyush Goyal: Under the Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi, 6000 rupees per year for each farmer,  in three instalments, to be transferred directly to farmers' bank accounts, for farmers with less than 2 hectares landholding
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11.30 AM : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से छोटे किसानों को हर साल 6 हजार रुपए देगी सरकार।
FM Piyush Goyal: Under the Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi, 6000 rupees per year for each farmer,  in three instalments, to be transferred directly to farmers' bank accounts, for farmers with less than 2 hectares landholding
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11.25 AM : किसानों के लिए सरकार ने खोला खजाना।
FM Piyush Goyal: To provide assured income support for small and marginal farmers, Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi scheme has been approved
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11.10 AM : पीयूष गोयल ने कहा, हमने मंहगाई की कमर तोड़ दी।
Piyush Goyal: Inflation is a hidden and unfair tax; from 10.1% during 2009-14, we have broken the back of back-breaking inflation
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11.00 AM : पीयूष गोयल ने बजट भाषण देना शुरू किया।
Delhi: Finance Minister Piyush Goyal begins budget speech in the Parliament #BudgetSession
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10.55 AM : पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पीयूष गोयल के बजट को स्वीकृति दी गई।
Union Cabinet has approved the interim Budget 2019-20. #Budget2019
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9.55 AM : पीयूष गोयल पहुंचे संसद भवन।
Delhi: Finance Minister Piyush Goyal arrives at the Parliament with the #Budget briefcase. Following the Cabinet meeting, he will present the interim #Budget 2019-20 at 11 am
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9.40 AM : बजट पेश करने से पहले गोयल ने की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से औपचारिक मुलाकात।
Delhi: Finance Minister Piyush Goyal calls on President Ram Nath Kovind at Rashtrapati Bhavan before presenting the Union #Budget2019
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9.25 AM : बजट की कॉपियों के बोरों की जांच करते सुरक्षाबल।
Delhi: The printed copies of #Budget 2019-20 being security checked by sniffer dog
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9.15 AM : मंत्रालय के गेट पर गोयल।
Delhi: Piyush Goyal will present interim Budget 2019-20 in the Parliament at 11am today
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8.45 AM : अंतरिम वित्तमंत्री पीयूष गोयल पहुंचे वित्त मंत्रालय।
Delhi: Piyush Goyal arrives at the Ministry of Finance. He will present interim Budget 2019-20 in the Parliament today. #Budget2019
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Source: Bhaskarhindi.com
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joinnoukri · 3 years ago
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कई हिस्सों में बंटा होता है बजट
कई हिस्सों में बंटा होता है बजट
13 मार्च 2012 15 मार्च 2012 छवि उपयोगिता, गेट्टी बजट में दर्ज किया गया है। भारत सरकार के संवत्-व्यय का बजट दस्तावेज से बन रहा है। प्रमुख अंग इस प्रकार हैं – 1. वित्त मंत्री का बजट भाषण संसद में बजट का बजट बजट खातों की एक विस्तृत योजना है। यह प्रक्षेपवक्र का निर्देशन किया जा सकता है। 2. बजट का सार लगभग गेम मूवी केंद्र सरकार की आय, प्राप्त करें और खर्च का अनुमान लगाएं। केन्द्र सरकार का…
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dainiksamachar · 7 months ago
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ईडी छापेमारी की कर रही तैयारी, चक्रव्यूह भाषण से खुश नहीं... राहुल गांधी का बड़ा दावा
नई दिल्ली: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि ईडी उनके खिलाफ रेड करने की तैयारी कर रही है। राहुल ने दावा किया क��� संसद में उनके 'चक्रव्यूह' वाले भाषण के बाद उनके खिलाफ साजिश की जा रही है। उनका दावा है कि ईडी के अंदरुनी सूत्र ने उन्हें छापेमारी के बारे में जानकारी दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, 'जाहिर है, 2 इन 1 को मेरा चक्रव्यूह भाषण पसंद नहीं आया। ईडी के ‘अंदरूनी सूत्र’ मुझे बताते हैं कि छापेमारी की योजना बनाई जा रही है। मैंबाहें खोलकर इंतज़ार कर रहा हूं, ईडी को चाय और बिस्किट मेरी तरफ से।'राहुल गांधी का क्या था 'चक्रव्यूह' वाला बयानबता दें कि 29 जुलाई को संसद में राहुल गांधी ने सरकार पर जमकर हमला बोला था उन्होंने कहा था कि 21वीं सदी में एक चक्रव्यूह तैयार हुआ है। चक्रव्यूह कमल के आकार का होता है और उसका जिन मोदी ने सीने पर लगा रखा है। राहुल ने बजट से पहले वित्त मंत्रालय की हलवा सेरेमनी पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि उसमें कोई दलित या पिछड़े वर्ग का अधिकारी नहीं था। हलवा पर राहुल के बयान पर सीतारमण ने माथे पर हाथ रखकर उस कथन को हास्यास्पद जताने की कोशिश की थी। बीजेपी के सुधांशु त्रिवेदी ने नेहरू से लेकर राजीव गांधी और यूपीए सरकार तक का जिक्र कर आरोप लगाया कि चार पीढ़ियों पर हलवा खाया और दलितों-पिछड़ों को बलवा दिया।अनुराग ठाकुर ने किया था पलटवारबीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें यह पता होना चाहिए कि ‘एलओपी’ (विपक्ष के नेता) का मतलब ‘लीडर ऑफ प्रोपेगैंडा’ (दुष्प्रचार के नेता) नहीं होता है।उन्होंने बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि राहुल गांधी को ‘रील का नेता’ नहीं बनना चाहिए और यह सम��ना चाहिए कि ‘रीयल नेता’ बनने के लिए सच बोलना पड़ता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि जो ‘‘एक्सीडेंटल हिंदू’’ हैं, उनका महाभारत का ज्ञान भी ‘‘एक्सीडेंटल’’ है। उन्होंने कहा , ‘‘ एक नेता ने ‘कमल’ पर कटाक्ष किया। न जाने क्या दिक्कत है। कमल को बुरा दिखाने का प्रयास किया गया। जनता ने हमें लगातार तीसरी बार सत्ता में बैठाने का काम किया है।’’ कमल भाजपा का चुनाव चिह्न है। ठाकुर ने आरोप लगाया, ‘‘आप (राहुल) कमल का अपमान नहीं कर रहे हैं, आप भगवान शिव, बुद्ध का अपमान कर रहे हैं।’’ उन्होंने कटाक्ष किया, ‘‘केवल रील के नेता मत बनिए, रीयल नेता बनने के लिए सच बोलना पड़ता है।’’ http://dlvr.it/TBNXKq
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sharpbharat · 1 year ago
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Central interim budget : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया अंतरिम बजट 2024-25, इन्कम टैक्स में कोई बदलाव नहीं, कार्पोरेट टैक्स घटाकर 22 फीसदी किया, 5 वर्षों में 2 करोड़ घर, 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की योजना
 नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट 2024-25 पेश किया. वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में इन्कम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव न करते हुए, पहले की व्यवस्था ही लागू रहने की बात कही, वहीं कॉरपोरेट टैक्स घटा कर 22 फीसदी करने की घोषणा की. इसके अलावा बजट भाषण में वित्तमंत्री ने रेलवे से लेकर अन्य सेक्टर में प्रोजेक्ट को लेकर…
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