#संरक्षण कर्मी
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Jamshedpur rural forest dept pamphlets : जादूगोड़ा क्षेत्र के वन ग्रामों में बांटे वन विभाग ने हाथियों से बचाव के तरीके से संबंधित पर्चे,वन कर्मियों ने पाटकिता समेत वन क्षेत्र के गांवों में पर्चे बांट ग्रामीणों को किया जागरूक
जादूगोड़ा : घाटशिला अनुमंडल क्षेत्र में बिजली विभाग की लापरवाही के कारण हाथियों की लगातार हो रही मौत पर रोक लगाने एवं हाथियों के संरक्षण को लेकर राखा माइंस वन क्षेत्र के वन कर्मी सक्रिय हो गए हैं. हथियो से ग्रामीणों के बचाव को लेकर वन विभाग ने आज जादूगोड़ा थाना क्षेत्र के घने जगलों में बसे पाटकिता गांव के निवासियों में हाथी से बचाव से संबंधित पर्चे वितरित किये. इस पर्चे में हाथियों के इतिहास,…
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रायपुर - (Journalist protection law) मीडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक का कांग्रेस ने स्वागत किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने अपनी जनप्रतिबद्धता को एक बार फिर से प्रदर्शित किया है। कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र का एक और वायदा पूरा किया। राज्य बनने के बाद से ही प्रदेश के पत्रकार, पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग कर रहे थे। पिछली भाजपा की सरकार ने पत्रकारों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया था। मीडिया प्रजातंत्र का प्रमुख स्तंभ है, पत्रकार विपरीत परिस्थितियों में अपने दायित्वों का निर्वहन करते है। अनेक बार ऐसे अवसर आते है जब पत्रकार अपने कर्तव्य को पूरा करते हुये खतरों का सामना करना पड़ता है। असमाजिक तत्वों से उनकी सुरक्षा पर खतरा होता है ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि समाज के इस प्रमुख वर्ग को उनकी पेशेवर जिम्मेदारी के निर्वहन के लिये विशेष संरक्षण दिया जाये। कांग्रेस की सरकार ने पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने का निर्णय लेकर लोकतंत्र को मजबूत करने का काम किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के प्रति छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने अपने वादे पर अमल करते हुए ठोस प्रावधान किया है। प्रस्तावित विधेयक में राज्य और जिला स्तर पर सुरक्षा समिति के गठन का प्रावधान है। पत्रकार सुरक्षा समिति, जोखिम प्रबंधन इकाई, पत्रकारों के सुरक्षा के समुचित उपाय, अनुचित अभियोजन और हिरासत से पत्रकारों की सुरक्षा के कठोर प्रावधान के समुचित प्रबंध है। प्रस्तावित विधेयक में यह भी प्रावधान है कि समिति गठन के 30 दिन के भीतर राज्य और जिला स्तर पर जोखिम कमेटी गठित की जाएगी जिसमें राज्य और जिलों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, जनसंपर्क अधिकारी सहित पत्रकारों का उचित प्रतिनिधित्व होगा। राज्य कमेटी में तीन वरिष्ठ पत्रकार और प्रत्येक जिला समिति में दो-दो पत्रकारों के प्रतिनिधि होंगे। यह जोखिम प्रबंधन इकाई पत्रकारों की शिकायत पर बताना ना धमकी यह हिंसा की सूचना पर समुचित कार्यवाही करेगा। पत्रकारों के प्रति दायित्वों के ठोस निर्वहन करते हुए मिडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक लाने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सरकार का आभार व्यक्त करती है।
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यूके कोविड लाइव: जॉनसन ने पीएमक्यू के लिए स्टारर का सामना किया क्योंकि कमिंग्स ने नए दावे किए कि हैनकॉक 'निराशाजनक' था
यूके कोविड लाइव: जॉनसन ने पीएमक्यू के लिए स्टारर का सामना किया क्योंकि कमिंग्स ने नए दावे किए कि हैनकॉक ‘निराशाजनक’ था
12.52pm BST12:52 जॉनसन का G7 और नाटो शिखर सम्मेलन पर बयान बोरिस जॉनसन अब G7 और नाटो शिखर सम्मेलन पर एक बयान दे रहा है। वह शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए कॉर्नवाल के लोगों को धन्यवाद देते हुए शुरू करते हैं। वे यह दिखाना चाहते थे कि कैसे दुनिया के लोकतंत्र दुनिया की सबसे कठिन समस्याओं से निपटने के लिए तैयार हैं, वे कहते हैं। उनका कहना है कि G7 कोविड से निपटेगा, दुनिया को एक और महामारी के लिए तैयार…
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#Brexit#उत्तरी आयरलैंड#कीर स्टारर#कोरोनावाइरस#डेविड फ्रॉस्टो#परंपरावादी#पीएमक्यूएस#बोरिस जॉनसन#यूके समाचार#राजनीति#संरक्षण कर्मी#सामाजिक देखभाल#हाउस ऑफ कॉमन्स
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कविता: वन माता को वृक्ष समर्पित !
कविता: वन माता को वृक्ष समर्पित !
खुश होकर जब पेड़ लगाया, क्यों ना खुशी यह देगा ! आने वाले कुछ वर्षों में, हरीतिमा से यह क्षेत्र सजेगा। सरहद का साक्षी @कवि: सोमवारी लाल सकलानी ‘निशांत’ पानी खूब बरख रहा है, अब जल की भी कमी न होगी। कुछ दिन इसकी देखभाल हो, फिर धरती जड़ पकड़ेगी। पावस के इस अवसर पर, वन- महोत्सव बेला में। वन कर्मी संग पेड़ लगाये, खुशी हुई अंतरतम में। एक पेड़ यदि एक लगाए, कोटि वृक्ष हो जाएंगे । उनके संरक्षण संवर्धन…
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सफाई कर्मी के द्वारा उड़ाई जा रही है धज्जियां, उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त
सफाई कर्मी के द्वारा उड़ाई जा रही है धज्जियां, उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त
जिला बरेली/विकास खंड नबावगंज देहात ग्राम पचायत मियाँपुर में सफाई कर्मी (कान्ति देवी)के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं! आपको बताते चलें कि ग्राम मियाँपुर निवासी ग्राम प्रधान (ओमप्रकाश) ने बताया कि जब से उन्होंने अपना ग्राम प्रधान ���द संभाला है तब से उनकी ग्राम पचायत में सफाई कर्मी नहीं आता है और ना ही फोन उठाता है जिससे यह साबित होता है कि सफाई कर्मी कान्ति देवी एक दबंग व…
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22 अगस्त से 29 अगस्त तक वन विभाग मना रहा रक्षा सूत्र सप्ताह
22 अगस्त से 29 अगस्त तक वन विभाग मना रहा रक्षा सूत्र सप्ताह
गाजीपुर। प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी वन प्रभाग ने बताया कि विरासत वृक्षों एवं पौधरोपण के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु लोगों में जागरूकता एवं लगाव पैदा करने और पौधों की सुरक्षा करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा रक्षा बंधन पर्व के शुभ अवसर पर 22 अगस्त से 29 अगस्त तक रक्षा सूत्र सप्ताह मना जा रहा है। सप्ताह भर वन कर्मी जनप्रतिनिधियों एवं लोगों की सहयोग से विरासत वृक्षों एवं रोपित पौधों को रक्षा…
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यूपी में 3 IPS की सेवा समाप्त, अब बाकी दागियों को भी बाहर का रास्ता दिखाएंगी योगी सरकार ! Divya Sandesh
#Divyasandesh
यूपी में 3 IPS की सेवा समाप्त, अब बाकी दागियों को भी बाहर का रास्ता दिखाएंगी योगी सरकार !
लखनऊ यूपी के तीन आईपीएस अफसरों को रिटायरमेंट से पहले वीआरएस दिए जाने के बाद महकमे में तैनात अन्य दागी पुलिस अफसरों व कर्मियों पर नौकरी जाने का खतरा मंडरा है। खासतौर से महोबा व्यवसायी की मौत के मामले में वॉन्टेड आईपीएस मणिलाल पाटीदार का नाम इस लिस्ट में सबसे ऊपर है।
इन आईपीएस के अलावा भ्रष्टाचार के आरोपों में निलंबित चल रहे दिनेश चंद्र दुबे, आईपीएस अनन्त देव तिवारी, अभिषेक दीक्षित, अजयपाल शर्मा व हिमांशु कुमार पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
बर्खास्त हो सकते हैं मणिलाल आईपीएस मणिलाल पाटीदार 50 हजार के इनामी हैं। पुलिस को कई महीनों से उनकी तलाश है। पाटीदार के खिलाफ दर्ज मुकदमों और उनके हाजिर नहीं होने की वजह से जल्द ही उनकी बर्खास्तगी पर फैसला लिया जा सकता है।
अरविंद सेन पर हो सकती है कार्रवाई बस्ती में एक लड़की को परेशान करने वाले दरोगा की सेवाएं भी खत्म करने की तैयारी है। पशुपालन घोटाले के आरोपी रिटायर हो चुके आईपीएस अरविंद सेन के खिलाफ भी सरकार कुछ कड़ा फैसला कर सकती है।
बिकरू कांड के आरोपी भी नजर बिकरू कांड के आरोपी कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ सरकार जल्द ही सख्त कदम उठा सकती है। अपराधी विकास दुबे को संरक्षण देने वाले करीब 30 से ज्यादा पुलिसवालों के खिलाफ एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कार्रवाई की सिफारिश की थी।
अमिताभ को पहले ही हो गई थी जबरन सेवामुक्त की सूचना अनिवार्य सेवानिवृत्ति के बाद अमिताभ ठाकुर ने राज्य सरकार को लिखा अपना पत्र सोशल मीडिया पर वायरल किया है। उन्होंने चार दिसंबर 2019 को यूपी सरकार को एक पत्र लिखा था। अनिवार्य सेवानिवृत्ति के बाद उस पत्र का कुछ अंश अब सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हो गए। उन्होंने सरकार को लिखे पत्र में कहा था कि अगर ऐसा हुआ तो यह घोर अन्य���यपरक एवं मनमाना होगा।
पत्र में अमिताभ ने लिखी थी यह बात अमिताभ ने पत्र में ��िखा था कि उनके कथित रूप से असुविधाजनक और अप्रिय होने, मुकदमेबाज होने, आपराधिक वाद दायर करने और प्रशासनिक कार्यवाही करने की मांग करने की वजह से उन्हें उच्चस्तरीय दवाब में अनिवार्य सेवानिवृति देकर नौकरी से अलग करने के मौखिक निर्देश हुए हैं। इन आदेशों का शीघ्र क्रियान्वयन होगा।
‘की गई फर्जी विभागीय कार्रवाई’ अमिताभ ने पत्र में लिखा था कि इसका उद्देश्य प्रशासनिक व्यवस्था में अवांछित कर्मी को अलग करना नहीं है। बल्कि, इस प्रावधान का गलत प्रयोग करते हुए व्यवस्था में ताकतवर स्थानों पर बैठे तमाम व्यक्तियों के लिए असुविधाजनक और अप्रिय व्यक्ति को व्यवस्था से अलग करना होगा। वह किसी भी प्रकार से अवांछित कर्मी नहीं हैं। उन्होंने अपने ऊपर फर्जी तरीके से विभागीय कार्यवाही शुरू करने और उन्हें लम्बे समय तक जानबूझ कर कार्यवाही को लंबित रखे जाने की बात भी पत्र में कही थी।
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यूनिसेफ ने बीते मई महीने में (लॉकडाउन) के अपने रैपिड सर्वे में पाया कि बिहार के लोगों की आय और आजीविका में 80 प्रतिशत नुकसान हुआ। 40 प्रतिशत परिवारों को भोजन की कमी का सामना करना पड़ा। संगठन ने दो बार सर्वे किया। एक बार 794 और दूसरी बार 790 लोगों का। इसे गुरुवार को स्टेट प्लान ऑफ एक्शन फॉर चिल्ड्रेन (एसपीएसी) पर हुई पहली अंतर विभागीय समीक्षात्मक बैठक में साझा किया गया। बैठक में यूनिसेफ के चीफ असदुर रहमान ने एनएफएचएस 5 की रिपोर्ट के हवाले बिहार सरकार के काम को सराहा।
बच्चों-महिलाओं को सभी सेवा देने की गारंटी के लिए 16 विभाग समन्वय करें यूनिसेफ के कार्यक्रम प्रबंधक शिवेन्द्र पाण्डेय ने बिहार के बच्चों के सामने प्रमुख चुनौतियों की जानकारी दी। कहा-बाल लिंग अनुपात 934 से 908 हो गया है। समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने कहा कि सरकार के सभी 16 विभागों के कर्मी गृह भ्रमण के दौरान बच्चों एवं महिलाओं से जुड़ी सभी सेवाओं को सुनिश्चित कराने के लिए आपस में समन्वय स्थापित करें। बाल अस्तित्व, बाल विकास के हक तय करता है एसपीएसी अतुल प्रसाद ने कहा कि एसपीएसी द्वारा 4 प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों-बाल अस्तित्व, बाल विकास, बाल संरक्षण और बाल भागीदारी के अधिकारों को सुनिश्चित कर बच्चों के लिए बेहतर जीवन प्राप्त करने के लिए विभिन्न विभागों को एकसाथ जोड़ने का काम किया जाता है। बच्चों के विकास के अनुरूप नीति बनाने में सहयोग किया जाता है। बिहार, देश के केवल दो राज्यों में से एक है जहां बच्चों के लिए राष्ट्रीय नीति के आधार पर एसपीएसी का कार्यान्वयन किया गया है।
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80% loss in income and livelihood in Bihar in lockdown
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jamshedpur rural- मानुषमुड़िया में पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीणों ने पेड़ों पर बांधे रक्षासूत्र, जंगल संरक्षण का लिया संकल्प
बहरागोड़ा: बहरागोडा़ प्रखंड के मानुषमुड़िया गांव के फॉरेस्ट डाक बंगला परिसर में गुरुवार को पंचायत के जन प्रतिनिधि,वन कर्मी और ग्रामीणों ने रक्षाबंधन के अवसर पर पेड़ में राखी बांध कर जंगल संरक्षण करने का संकल्प लिया. मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य फूलमनी मुर्मू प्रखंड प्रमुख सुषमा मुर्मू ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में जंगल संरक्षण बहत जरूरी है. कहा…
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विकास शूट आउट: एक सवाल पुलिस चौकसी पर भी
भारत चीन विवाद तथा गलवान घाटी में हुई बीस भारतीय सैनिकों की शहादत जैसे टी आर पी आधारित समाचारों को पिछले दिनों पीछे ढकेलते हुए उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिकरू गांव में हुई आठ पुलिस कर्मियों की शहादत मीडिया में अपनी सुर्ख़ियाँ बटोरने में कामयाब हुई थीं। दो जुलाई को देर रात कानपुर देहात के चौबेपुर थाने का एक पुलिस दल शिकायत करता राहुल तिवारी द्वारा विकास दुबे के ख़िलाफ़ धारा-307 के तहत दर्ज एक अपराधिक मामले में उसे गिरफ़्तार करने पहुंचा था। तभी दूबे व उसके साथियों ने इस पुलिस दल “ए के 47” जैसे आधुनिक स्वचालित शस्त्रों के द्वारा गोलियों की बौछार कर डाली। नतीजतन एक डी एस पी,एक थानाध्यक्ष सहित कुल आठ पुलिस कर्मी मौक़े पर ही शहीद हो गए। अभी इस ख़बर पर चर्चा के बीच विकास दूबे के कई साथियों के कथित एनकाउंटर की ख़बरें आनी शुरू हुई थीं कि अचानक रहस्मयी तरीक़े से उज्जैन के महाकाल मंदिर से उसे मंदिर के सुरक्षा गार्ड द्वारा पकड़े जाने व बाद में मध्य प्रदेश पुलिस के हवाले किये जाने की ख़बरें आने लगीं। बहस छिड़ी,कि विकास दुबे ने आत्म समर्पण किया या जानबूझकर किसी योजना के तहत गिरफ़्तारी दी? बहरहाल मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी औपचारिकताओं को आनन फ़ानन में पूरा कर विकास दुबे को यू पी पुलिस के हवाले कर दिया। हालांकि 9 जुलाई को उज्जैन से अधिका��श मीडिया द्वारा यही ख़बरें प्रसारित की गईं कि कानपुर पुलिस शूट आउट के मुख्य आरोपी विकास दूबे को लगभग दस घंटे की कड़ी पूछताछ के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फ़ोर्स के हवाले कर दिया गया है जो उसे ‘विशेष विमान से लेकर कानपुर के लिए’ रवाना हो गयी है।
उज्जैन के पुलिस अधीक्षक ने भी यह कहा था कि विकास दुबे को यूपी एसटीएफ़ के हाथों सौंप दिया गया है और यूपी एसटीएफ़ विकास दूबे को लेकर कानपुर के लिए रवाना हो गई है। रहस्य तो यहीं से शुरू हो जाते हैं कि विकास को विशेष विमान से लाए जाने की ख़बर कहाँ से शुरू हुई,इस ख़बर के सूत्र क्या थे ?और यदि यह ख़बर सही थी और उसे विमान से ही लाया जाना था फिर आख़िर लगभग दस घंटे की उज्जैन में हुई पूछताछ में ऐसा क्या हो गया कि उसके विशेष विमान से आने का कार्यक्रम बदल कर बरसात की पूरी रात में सड़क मार्ग से लगभग 13 घंटों की 670 किलोमीटर लंबी यात्रा करने जैसा ज़ोख़िम भरा क़दम उठाना पड़ा ?
बहरहाल,इसी कथित उज्जैन -कानपुर यात्रा के दौरान कानपुर के समीप बना पुलिस थानान्तर्गत एक कथित मुठभेड़ में उसे मार गिराया गया। अब इस पूरे घटनाक्रम पर तरह-तरह के आरोप प्रत्यारोप,शक,राजनैतिक संरक्षण जैसे कई तरह के अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा छिड़ी हुई है। परन्तु दो जुलाई की बिकरू घटना से लेकर 10 जुलाई के विकास दूबे शूट आउट तक पुलिस विभाग के सामने भी पुलिस की चौकसी, पुलिस प्रशिक्षण, तत्परता, ख़ुफ़िया सुचना तंत्र, अपने ही महकमे में छुपे बैठे ‘विभीषणों’ के प्रति अनभिज्ञता अथवा उदासीनता जैसे कई गंभीर व अति महत्वपूर्ण सवाल खड़े होते हैं ।
ऐसी ही एक सबसे बड़ी लापरवाही थी ऐसे दुर्दांत आतंकी को सड़क के रास्ते उज्जैन से कानपुर लेकर आना। रास्ते में यदि उसकी गाड़ी ‘पलटी-पलटाई’ न भी गयी होती तो भी उसे छुड़ाने के लिए उसके बचे साथी पुलिस दल पर हमला बोल सकते थे। और जैसे अब कथित मुठभेड़ में कुछ जवान मामूली रूप से घायल हुए हैं तब किसी बड़ी मुठभेड़ में जानें भी जा सकती थीं ? यह जांच का विषय है कि उसे सड़क मार्ग से लाने का फ़ैसला क्यों और किसके कहने पर किया गया?
रहा प्रश्न विकास द्वारा भागने की कोशिश करना,हथियार छीन कर भागना और पुलिस कर्मियों की चेतावनी के बावजूद समर्पण करने के बजाए मुठभेड़ पर आमादा होना और तब पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसका मारा जाना,आदि। यदि पुलिस की यह थ्योरी हू बहू सही है फिर तो इसका मतलब ��ही हुआ कि इतने बड़े दुर्दांत आतंकी यहाँ तक कि पुलिस के ख़ून के प्यासे व क़त्ल जैसे लगभग 60 जघन्य अपराधों का सामने कर रहे मुजरिम को लगभग 760 किलोमीटर के रस्ते में उसे लाने के प्रबंध कैसे हों ,उसकी सुरक्षा के क्या माक़ूल इंतज़ाम होने चाहिए,स्वयं अपराधी को किस तरह रखा जाना चाहिए ताकि उसके हाथ-पांव किसी सुरक्षाकर्मी तक पहुँच न सकें। आम तौर से ऐसे अपराधियों के दोनों हाथ पीछे की तरफ़ बाँध दिए जाते हैं। यहाँ भी और इस तरह के और भी सैकड़ों मामलों में यह सुना जाता रहा है कि अपराधी या तो पुलिस कस्टडी से भाग गया या फिर इसी तरह भागने की कोशिश में मारा गया। यह घिसा पिटा तरीक़ा अपनाने और फ़र्ज़ी मुठभेड़ जैसा ‘लांछन’ झेलने की आख़िर ज़रुरत ही क्यों पड़ती है।
ख़बरों के अनुसार पुलिस विभाग के कुछ लोगों ने ही विकास को 2 जुलाई को पुलिस के देर रात पहुँचने की सूचना दी। यह मामला कितना गंभीर है। इसका अर्थ यही हुआ कि पुलिस अपने ख़ुफ़िया तंत्र से तो नाकाम है ही साथ- साथ अपनी ही आस्तीन के सांपों से भी बेख़बर है। ऐसी लाचार व्यवस्था में किसी इससे बड़े और संगीन ऑपरेशन की कैसे और क्या उम्मीद की जा सकती है। शस्त्रों के मामले में भी हमारी पुलिस आतंकवादियों व गैंगस्टर्स से पीछे है। पिस्टल,रिवॉल्वर्स या थ्री नॉट थ्री जैसे पुराने हथियारों से ए के 47 और ए के 56 या दूसरी अनेक स्वचालित राइफ़ल्स का मुक़ाबला नहीं किया जा सकता।
इसके बावजूद धन्य है हमारे देश का पुलिस तंत्र कि सरकार उसके हाथों में जो भी शस्त्र थमा देती है उसी को लेकर सुरक्षा कर्मी अपनी जान की परवाह किये बिना किसी भी अपराधी से बिना इस सूचना के दो-दो हाथ करने लग जाते हैं कि उसके पास कैसे हथियार हैं या अपराधियों की सही संख्या क्या है? इस तरह की अपूर्ण तैयारी के बावजूद यहाँ तक कि ‘विभागीय विभीषणों’ के बावजूद हमारे पुलिसकर्मी अपनी जान पर खेलकर जब इतनी दिलेरी व बहादुरी से हर तरह की मुठभेड़ का सामना करने को तत्पर रहते हैं तो सोचने का विषय है कि यदि इनके पास आधुनिकतम शस्त्र हों,सटीक गुप्तचर तंत्र हो,अपराधियों व माफ़ियाओं पर राजनेताओं का वरद हस्त न हो,प्रत्येक सिपाही व अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति वैसा ही वफ़ादार हो जैसी कि उसने सेवा शपथ ली हुई है, तो निश्चित रूप से भारतीय पुलिस एक आदर्श पुलिस के रूप में अपनी पहचान बना सकती है। अन्यथा विकास शूट आऊट, या दंगे फ़साद में पक्ष��ात पूर्ण भूमिका,रिश्वतख़ोरी,पुलिसिंग में राजनैतिक दख़लअंदाज़ी,अपराधी मानसिकता के लोगों का विभाग में भर्ती हो जाना जैसी अनेक बातें हैं जो अपराधी व राजनीति के नेटवर्क पर तो सवाल उठाती ही हैं साथ-साथ पुलिस चौकसी पर भी सवाल खड़ा करती हैं|
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हर डाक कर्मी से एक पौधा लगाने की की अपील : डाक निदेशक लखनऊ ,प्रकृति का संतुलन बरकरार रखने के लिए वृक्षारोपण जरुरी है। वृक्षों के कारण ही धरती पर जीवन संभव है। कोरोना महामारी ने भी यही चेताया है कि पर्यावरण से खिलवाड़ घातक है। ऐसे में सम्पूर्ण धरा और प्रकृति को सुरक्षित व संतुलित रखने हेतु हमें पर्यावरण के प्रति लोगों को सजग बनाना होगा। उक्त उद्गार लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं Krishna Kumar Yadav ने हज़रतगंज स्थित पोस्टमास्टर जनरल कार्यालय कैम्पस में पौधारोपण करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर डाक विभाग के तमाम अधिकारियों - कर्मचारियों ने आम, अमरुद, जामुन, कटहल, शरीफा, मीठी नीम, हरसिंगार, तेजपत्ता इत्यादि प्रजातियों का पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
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मान्छेको जीउमा ६० हजार माहुरीको गोलो
भारतको केरलाका एकजना युवकले आफ्नो शरीरमा ६० हजार माहुरीलाई ४ घण्टासम्म बसालेर विश्व कीर्तिमान कायम गरेका छन् । नेचर एमएस नामका ती युवकले आफू ७ वर्षको छँदादेखि नै आफ्नो अनुहारमा माहुरी बसाल्न सुरु गरेका थिए ।
जीउमा माहुरीको गोलो बसालेको पहिलो अनुभव सुनाउँदै उनी भन्छन्, ‘सुरुमा मेरो हातमा रहेको रानी माहुरी खोज्दै त्यसलाई जोगाउनका लागि ठूलो संख्यामा कर्मी माहुरीहरु मेरो हातमा झुम्मिए । अर्को दिन मैले मेरो टाउकोमा रानी माहुरी राखेर सोही प्रयोग गरेँ । केही क्षणमै हजारौँ माहुरीहरु आएर मेर टाउकोतथा अनुहारमा बसेर र ढपक्कै ढाके ।
६० हजार माहुरीलाई आफ्नो टाउको र जीउमा बसालेर कीर्तिमान कायम गरेका एमएसका अनुसार माहुरीले सामान्य अवस्थामा मानिसलाई चिल्दैन । यदि मानिसलाई माहुरीले चिल्यो भने त्यो मान्छेकै कुनै गल्��ीका कारण हुन्छ ।
आफूले माहुरी पालनका साथै माहुरीको महत्वका बारेमा जनचेतना जगाउनका लागि जीउमा माहुरी बसालेर विश्व कीर्तिमान कायम गर्ने प्रयास गरेको उनको भनाइ छ ।
उनका अनुसार माहुरीहरु समाजका महत्वपूर्ण किटपतंग भएका कारण माहुरीको संरक्षण गर्नु हाम्रो दायित्व हो ।
एजेन्सी
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लापरवाहों पर चला सीडीओ का डंडा, स्पष्टीकरण के बाद निकलेगा वेतन बदायूं जिले का विकास भवन पिछले कुछ महीनों से लापरवाहों का अड्डा बन गया है। मुख्य विकास अधिकारी रमेश चन्द्र ने विकास भवन के विभिन्न कार्यालयों में छापा मारा। अधिकांश कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये। सीडीओ ने स्पष्टीकरण मांगते हुए वेतन पर रोक लगा दी है। जिला विकास कार्यालय में अनिल कुमार सक्सेना, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, मनोज कुमार गुप्ता, प्रधान सहायक, जगपाल सिंह, प्रधान सहायक, अश्वनी कुमार, लेखाकार, अंजलि शर्मा, वरिष्ठ सहायक, बेवी रानी, कनिष्ठ सहायक, राकेश पाठक, पत्रवाहक, उमा श्रीवास्तव, पत्रवाहक एवं जिला ग्राम्य विकास अभिकरण कार्यालय में साजिद उल्ला खाॅ, अवर अभियन्ता, राकेश कुमार शर्मा, कनिष्ठ लिपिक, राजीव भारतीय, कनिष्ठ लेखा लिपिक, राजीव कुमार गुप्ता, कनिष्ठ लेखा लिपिक, राजेश श्रीवास्तव, कम्प्यूटर प्रोग्रामर, बाबूराम पत्रवाहक अनुपस्थित पाये गये। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (जिला कार्यक्रम प्रबन्धन) कार्यालय में संजीव कुमार गुप्ता, एमआईएस मैनेजर- प्रथम, अच्युत कुमार यादव, एमआईएस मैनेजर- द्वितीय, नीरज कुमार, डाटा ऑपरेटर, जिला समाज कल्याण कार्यालय में शिव कुमार, प्रधान सहायक, रईस उद्दीन, प्रधान सहायक, सुशील कुमार, वरिष्ठ सहायक, मो. मुस्लिम, वरिष्ठ सहायक, कार्यालय उपायुक्त, श्रम रोजगार में अनुपम शर्मा, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी अनुपस्थित पाई गईं। कार्यालय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में श्याम मनोहर सिंह, ओएमएम, ध्रुव गोयल, अवर अभियन्ता, जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में मुहम्मद सुहेल फरशोरी, प्रधान सहायक, कालीचरन, कनिष्ठ सहायक, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) डीपीआरओ कार्यालय में सचिन देव, जिला परियोजना प्रबन्धक, आशीष पाल, जिला सलाहकार, आदर्श शर्मा, लेखाकार, अनुराग सैनी, सफाई कर्मी, अशोक कुमार मौर्य, सफाई कर्मी, अक्षय चौहान, जिला स्वच्छ भारत प्रेरक, गीता मौर्य, सफाई कर्मी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी कार्यालय में मो. अमान, कनिष्ठ सहायक, मत्स्य पालक विकास अभिकरण कार्यालय में वि��ोद कुमार, कनिष्ठ लिपिक, गौरव कुमार, मछुआ, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय में शफीक अहमद सिद्दीकी, व. सहा./पूर्व सहा. ले., अफसर हुसैन, प्र. सहा., रविन्द्र स्वरूप सिंह सागर, व. सह./सहा. ले., आदिल रसीद नकवी, क. सहा., मोनिश, चतुर्थ श्रेणी एवं सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता कार्यालय में रमेश कुमार सिंह, एडीओ (सह.), वीरेन्द्र कुमार त्रिपाठी, वरिष्ठ सहायक, इकतिदार उद्दीन, वरि. सहायक/उर्दू अनु. बाबूराम, कनिष्ठ सहायक, जयप्रकाश गुप्ता, कनिष्ठ सहायक अनुपस्थित पाए गये। लघु सिंचाई कार्यालय में शकील अहमद, वरिष्ठ सहायक, तौकीर अहमद जुनैद, वरिष्ठ सहायक, वीरेन्द्र कुमार वर्मा, वरिष्ठ सहायक, शशि, कनिष्ठ सहायक, लव सिंह, कनिष्ठ सहायक, कान्ता देवी, चतुर्थ श्रेणी, विकास सक्सेना, चतुर्थ श्रेणी, जिला युवा कल्याण एवं प्रा. वि. दल कार्यालय में राजकिशोर सक्सेना, कनिष्ठ सहायक, जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में अनिल कुमार अग्रवाल, प्रधान सहायक, सर्वेश कुमार पाल, प्रधान सहायक, अनुपम वाजपेई, प्रधान सहायक, महेन्द्र पाल, वरिष्ठ सहायक, अभिषेक शास्त्री, कनिष्ठ सहायक, परमेश्वरी, जीप चालक, जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में संजय कुमार सिह, वरिष्ठ सहायक, बालकृष्ण गुप्ता, वरिष्ठ सहायक, संजीव कुमार, वरिष्ठ सहायक, चन्द्रशेखर यादव, वरिष्ठ सहायक, जिला प्रबन्धक उ. प्र. अनु. जाति वित्त एवं विकास निगम लि. कार्यालय में अजय शुक्ला, वरिष्ठ सहायक और जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय में रिजवान हुसैन, स. अ. प्र. प्रचालक अनुपस्थित पाये गये। सीडीओ ने विभाध्य्क्षों को निर्देश दिया है कि अनुपस्थित कार्मिकों से स्पष्टीकरण प्राप्त कर अपना मन्तव्य अंकित करते हुए आख्या उपलब्ध करायें तथा अनुपस्थित सभी कार्मिकों का वेतन/मानदेय बिना सीडीओ की अनुमति के आहरित नहीं किया जाएगा। उन्होंने अतिरिक्त समस्त कार्यालयाध्यक्षों से अपेक्षा की है कि वह स्वयं कार्यालय में समय से उपस्थित रहकर जन-शिकायतों को सुनें एवं गुणवत्तापरक समयान्तर्गत निस्तारण कराते हुए अपने कार्यालय में कार्यरत कार्मिकों की समय से उपस्थिति सुनिश्चित करायें। (गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)
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ग्राम उजाला योजना के अन्तर्गत बिहार के हर ग्रामीण उपभोक्ताओं को मिलगा दस रुपये में एलईडी बल्ब Divya Sandesh
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ग्राम उजाला योजना के अन्तर्गत बिहार के हर ग्रामीण उपभोक्ताओं को मिलगा दस रुपये में एलईडी बल्ब
पटना। ग्राम उजाला योजना अन्तर्गत बिहार के हर गांव के उपभोक्ताओं को 10 रुपये में एलईडी बल्ब मिलेगा। इसकी शुरुआत केंद्रीय ऊजा मंत्री आरके सिंह 15 मार्च को भोजपुर जिले में करेंगे। इस योजना के तहत हर अपभोक्ताओं को नौ और 12 वॉट के पांच एलईडी बल्ब 10 रुपये की दर से दिए जाएंगे। इस योजना के पहले चरण में भोजपुर के उपभोक्ताओं को करीब 25 लाख एलईडी बल्ब दिये जायेंगे।
दूसरे चरण में राज्य के करीब एक करोड़ ग्रामीण उपभोक्ताओं को इसका लाभ होगा। सरकार की इस योजना का मकसद ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है। केंद्र सरकार की ग्राम उजाला योजना के तहत सभी गांवों में कैंप लगाये जायेंगे। इस योजना के लिए नियुक्त कर्मी गांव में हर बिजल�� उपभोक्ता के घर जाएंगे और पुराने पांच बल्ब लेकर 10-10 रुपये में नये एलईडी बल्ब दिये जायेंगे। इ-वेस्ट प्रक्रिया के तहत पुराने बल्ब को डिस्पोज किया जायेगा।
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उल्लेखनीय है कि ग्राम उजाला योजना के तहत भी भारत संयुक्त राष्ट्र से कार्बन क्रेडिट को कैपिटलाइज करेगा। इससे उपभोक्ताओं पर भार भी नहीं पड़ेगा और सस्ते दर पर उपभोक्ताओं को एलईडी बल्ब मिलेंगे। नौ वाट के एलइडी बल्ब की लागत करीब 70 रुपये और 12 वाट के एलइडी बल्ब की लागत करीब 80 रुपये है। ऐसे में 10 रुपये में बिजली उपभोक्ताओं को बल्ब देने के बाद करीब 60 और 70 रुपये प्रति बल्ब की लागत की भरपाई केंद्र सरकार करेगी।
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रक्षाबंधन पर डीएम संजय कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित वृक्षों में रक्षा-सूत्र बांधकर पर्यावरण संरक्षण के साथ जल-जीवन-हरियाली के लिए अधिक संख्या में पौधरोपण का संदेश दिया। कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए हरियाली बहुत जरूरी है। पेड़ों को लगाकर उनकी सुरक्षा और संरक्षण भी करना है। पर्यावरण संरक्षण को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल के मद्देनजर हर वर्ष रक्षाबंधन पर वृक्षों में रक्षा-सूत्र बांधकर पेड़ों की सुरक्षा एवं संरक्षा का संदेश दिया जाता है। जिला में जल-जीवन-हरियाली के तहत वन प्रमंडल द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप वृक्षारोपण हो रहे हैं। इसी उद्देश्य से कलेक्ट्रेट परिसर में रक्षा-सूत्र पेड़ों में बांधा। मौके पर डीडीसी विनय कुमार मंडल, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी परमानंद कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी राजीव, एसडीओ मुरली प्रसाद सिंह, विशेष कार्य पदाधिकारी सह डीपीआरओ ब्रजेश कुमार विकल, अपर अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार, वरीय उप समाहर्ता राकेश रंजन, वनों के क्षेत्र पदाधिकारी संजीव कुमार सहित अन्य पदाधिकारी एवं वन प्रमंडल के कर्मी मौजूद थे।
रक्षाबंधन पर्व पर विवेकानंद युवा विकास समिति के अध्यक्ष शानू राज उर्फ देवशरण सुमन ने “पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ” अभियान के तहत बहनों को पौधा उपहार देकर पर्यावरण संरक्षण के लिए उसकी रक्षा करने को कहा। डीएवी पब्लिक स्कूल जमालपुर की नवम कक्षा की छात्रा संध्या कुमारी ने कहा कि भैया ने मुझे पौधा भेंट किया। पेड़ को और 4 बहनों कविता, क्रांति, कुसुम एवं संजना के साथ तालाब पर लगाया और उसकी रक्षा का संकल्प लिया।
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Defense-formula dam in trees gave message of environmental protection
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लॉकडाउन में भी शिशु संरक्षण महीने में पकड़ी फूल, दवा पिलाने घर-घर जा रही स्वास्थ्य कर्मी
लॉकडाउन में भी शिशु संरक्षण महीने में पकड़ी फूल, दवा पिलाने घर-घर जा रही स्वास्थ्य कर्मी
[ad_1] रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। लॉकडाउन के बीच जिले में शिशु संरक्षण माह को सफल बनाने में स्वास्थ्य विभाग ने पूरी ताकत झोंक दी है। स्वास्थ्य केंद्रों में पांच साल तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक और आयरन सिरप पिलाई जा रहा है। मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों को सिंहित कर रहे हैं। 14 अगस्त तक चलने वाले अभियान में 2.59 लाख से अधिक [ad_2]
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