#संयुक्त सत्र को संबोधित
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इंदौर में चल रही यूरेशियन ग्रुप की बैठक में आज से प्लेनरी ग्रुप की बैठक होगी। प्लेनरी ग्रुप की बैठक के शुभारंभ सत्र में राज्यपाल मंगु भाई पटेल और वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी मौजूद रहे। वर्किंग ग्रुप की बैठक में निकले निष्कर्षों पर प्लेनरी ग्रुप की बैठक में चर्चा होगी। आय के स्रोत छिपाने में तकनीक के दुरुपयोग पर जताई गई चिंता यूरेशियन ग्रुप (ईएजी) की बैठक के तीसरे दिन बुधवार को वर्किंग ग्रुप की बैठक में विभिन्न देशों के विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। विशेषज्ञों ने कहा कि वित्तीय नवाचार के इस दौर में वित्तीय जोखिम भी बढ़ा है। आतंकवादी, मादक पदार्थों के तस्कर और अन्य अनैतिक गतिविधियों में शामिल लोग आय के स्त्रोत छुपाने के लिए इनका उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में वित्तीय अपराधों को कम करने के लिए वैश्विक स्तर पर कानून और मजबूत करना होंगे। वित्तीय अपराध पर अंकुश लगाने के लिए तकनीक को हथियार बनाने की आवश्यकता है। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित बैठक में 16 देश और 13 संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।वित्तीय नवाचार के सत्र को संबोधित करते हुए जापान के प्रतिनिधि सोशी काजी कावा ने कहा कि नई तकनीकों का उपयोग आय के स्त्रोत छिपाने के लिए किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विश्व के लिए खतरा है। आंतकवादी फंडिंग के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए सदस्य देशों को मिलकर वैश्विक नेटवर्क और माडल विकसित करना होगा। केंद्र सरकार के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने कहा कि वित्तीय अपराधों को रोकने के लिए वैश्विक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। विशेषज्ञों ने उनके देशों में इसके लिए किए जा रहे नवाचारों की जानकारी ईएजी और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट(एफआईयू) की संयुक्त बैठक रखी। इस पर सदस्य देशों को मिलकर वैश्विक नेटवर्क और माडल विकसित करने पर गंभीरता से योजना तैयार करने पर चर्चा की गई। . . Follow Me For More . Like this post .
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संविधान दिवस राष्ट्रपति ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया #newspa...
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यूएन में डॉ. जयशंकर की खरी-खरी, पाकिस्तान से सिर्फ पीओके खाली कराने का मुद्दा बाकी
पाकिस्तान के कश्मीर पर अवैध कब्जे को खाली करना है न्यूयॉर्क, 29 सितंबर (हि.स.)। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच मुद्दा सिर्फ पीओके है। हमारे बीच हल होने वाला मुद्दा केवल ये है कि पाकिस्तान के कश्मीर पर अवैध कब्जे को खाली करना है। उन्होंने पाकिस्तान की खराब अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि यह उसके ‘कर्मों का फल’ है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित करते…
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हमारा पड़ोसी आतंकवाद का केंद्र… विदेश मंत्री जयशंकर ने UNGA में पाकिस्तान को घेरा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित किया. विदेश मंत्री ने कहा कि हमने कल इसी मंच से कुछ विचित्र बातें सुनीं. मैं भारत की स्थिति को बहुत स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि पाकिस्तान की सीमा पर आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी और उसे दंड से बचने की कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए. पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि कई देश अपने नियंत्रण से बाहर…
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न्यूयॉर्क में फ्रांस-पनामा-माल्टा के विदेश मंत्रियों से मिले जयशंकर, 28 सितंबर को करेंगे UNGA को संबोधित
केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इनदिनों अमेरिका दौरे पर हैं। यहां वे 28 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 79वें सत्र की अहम बहस को संबोधित करेंगे। इससे पहले मंगलवार को उन्होंने फ्रांस, पनामा और माल्टा के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। इन नेताओं के बीच क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की गई। जयशंकर ने माल्टा के उप प्र���ानमंत्री इयान बोर्ग से…
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पीएम मोदी अगले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा को नहीं करेंगे संबोधित, भारत की ओर से एस जयशंकर होंगे शामिल; जानें क्यों
पीएम मोदी अगले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा को नहीं करेंगे संबोधित, भारत की ओर से एस जयशंकर होंगे शामिल; जानें क्यों #News #DelhiNews #DelhiUpdates #DelhiLife #DelhiVibes #DelhiEvents #DelhiDiaries #DelhiDaily #DelhiStories #IncredibleDelhi #DelhiCulture
United Nations General Assembly : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित नहीं करेंगे। संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी स्पीकरों की संशोधित सूची में उनका नाम नहीं है। प्रधानमंत्री इसी महीने के अंत में न्यूयॉर्क की यात्रा पर जाने वाले हैं। रिपोर्टों के मुताबिक 22 सितंबर को वह लॉन्ग आईलैंड के नसाऊ वेटरंस मेमोरियल में एक बड़े सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित…
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Parliament Session 2024 : संसद में नीट पेपर को लेकर हंगामा; कार्यवाही सोमवार तक स्थगित
नई दिल्ली। Parliament Session 2024 : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बीते दिन संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति के इस अभिभाषण के बाद आज लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन में धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा और इस पर सांसद चर्चा करेंगे। इस चर्चा के बीच आज दोनों सदनों में नीट मामले को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया। Land scam case : भूमि घोटाला मामले में हेमंत सोरेन को मिली जमानत लोकसभा में नीट…
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Up Budget Session :राज्यपाल के अभिभाषण के बीच सपा विधायकों ने किया हंगामा, राज्यपाल गो बैक के लगाए नारे - Up Budget Session 2023 Samajwadi Party Mla Protest Against Govt Out Side State Assembly In Lucknow News
विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करतीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल। – फोटो : amar ujala विस्तार समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले लखनऊ में राज्य विधानसभा के बाहर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए हैं। विधानसभा मार्शल ने मीडिया को हटने के लिए कहा है। मीडिया को कवरेज करने से रोका जा रहा है। अखिलेश…
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jamshedpur visit of jharkhand governor - राज्यपाल रमेश बैस जमशेदपुर पहुंचे, करीम सिटी कॉलेज और नाबार्ड के सेमिनार में लिया हिस्सा, राज्यपाल ने कहा-किसानों के विकास के लिए नयी क्रांति की जरूरत
jamshedpur visit of jharkhand governor – राज्यपाल रमेश बैस जमशेदपुर पहुंचे, करीम सिटी कॉलेज और नाबार्ड के सेमिनार में लिया हिस्सा, राज्यपाल ने कहा-किसानों के विकास के लिए नयी क्रांति की जरूरत
जमशेदपुर : जमशेदपुर स्थित करीम सिटी कॉलेज में बुधवार को कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में किसानों की भूमिका विषय पर दो दिवसीय सेमिनार आरंभ हुआ. करीम सिटी कॉलेज के वाणिज्य विभाग व नबार्ड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सेमिनार के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेश बैस ने अन्य सम्मानित अतिथियों के साथ सेमिनार का विधिवत उद्घाटन किया. सेमिनार को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कृषि एवं ग्रामीण…
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भारत ने आईएमओ की रणनीतिक योजना में डिजिटलीकरण को शामिल करने के संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के प्रस्ताव का समर्थन किया
भारत ने आईएमओ की रणनीतिक योजना में डिजिटलीकरण को शामिल करने के संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के प्रस्ताव का समर्थन किया
पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के सचिव डॉ. संजीव रंजन ने लंदन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) की परिषद के 128वें सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘भारत अगली रणनीतिक योजना में डिजिटलीकरण के हिस्से को शामिल करने के स��थ-साथ डिजिटलीकरण पहल के एक हिस्से के तहत एक समुद्री एकल खिड़की प्रणाली को अपनाने से संबंधित यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) के प्रस्ताव का समर्थन करता है, क्योंकि…
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President Ram Nath Kovind address joint session of Parliament
संसद भवन पहुंचे राष्ट्रपति कोविंद, संयुक्त सत्र को करेंगे संबोधित
हाईलाइट
राष्ट्रपति अपने अभिभाषण में सरकार की भावी योजनाओं और उसके एजेंडे को देश के सामने रखेंगे
राज्यसभा का सत्र भी आज से शुरु हो रहा है, जो 26 जुलाई तक चलेगा
5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज (20 जून) संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। उनका यह संबोधन सुबह 11 बजे से सेंट्रल हॉल में होगा। राष्ट्रपति अपने अभिभाषण में सरकार की भावी योजनाओं और उसके एजेंडे को देश के सामने रखेंगे। राज्यसभा का सत्र भी आज से शुरु हो रहा है, जो कि 26 जुलाई तक चलेगा। आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें - https://www.bhaskarhindi.com/news/president-ram-nath-kovind-address-joint-session-of-both-houses-of-parliament-71020
#संसद भवन पहुंचे राष्ट्रपति कोविंद#LIVE संसद भवन#संयुक्त सत्र को संबोधित#5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी#राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद#सेंट्रल हॉल#president ram nath kovind#President Ram Nath Kovind joint session of Parliament#rajya sabha#parliament#Upper House secretariat#ram nath kovind#bhaskarhindi News
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संविधान दिवस राष्ट्रपति ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया #newspa...
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PM Narendra Modi addresses Global Citizen Programme - अमेरिकी दौरा खत्म होने के बाद पीएम मोदी जाॅन एफ कैनेडी इंटरनेशनल एअरपोर्ट से स्वदेश के लिए रवाना हो गये
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पीएम नरेंद्र मोदी ने कल संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के 75वें साल में आर्थिक और सामाजिक परिषद के सत्र को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने पूरी दुनिया को एकजुटता का संदेश दिया। पीएम ने कहा कि हम धरतीपुत्र हैं, सबको साथ लेकर ही आगे बढ़ सकते हैं। भारत का मानना है कि शांति और समृद्धि बहुपक्षवाद के माध्यम से ही आ सकती है।
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सरकार (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); सरकार दो प्रकार की होती है :- केन्द्रीय/संघीय/भारत सरकार राज्य सरकार दोनो सरकारों के तीन अंग होते है :- व्यवस्थापिका :- कानून बनाना। कार्यपालिका :- कानून लागू करना। न्यायपालिका :- कानून की रक्षा / व्याख्या करना संसद = राष्ट्रपति + लोकसभा + राज्यसभा विधानमण्डल = राज्यपाल + विधानसभा + विधानपरिषद प्रधानमंत्री - केन्द्रीय मंद्घत्रपरिषद - महान्यायवादी - S.C. मुख्यमंत्री - राज्यमंद्घत्रपरिषद - महाधिवक्ता - H.C. भारत सरकार केन्द्रीय व्यवस्थापिका :- केन्द्रीय व्यवस्थापिका/विधायिका = ससंद अनुच्छेद 79 :- इसमें संसद का उल्लेख है। संसद = राष्ट्रपति + लोकसभा + राज्यसभा संसद के अंग :- 3 सदन :- 2 (लोकसभा + राज्यसभा) संविधान के अनुसार वर्ष में कम से कम संसद के अधिवेशन:-2 संसद के दो अधिवेशनों के मध्य अधिकतम समय अन्तराल:- 6 माह अनुच्छेद 85 के अनुसार राष्ट्रपति संसद के सत्र को प्रारम्भ (सत्राहुत) व समाप्त (सत्रावसान) करता है। वर्तमान में संसद के अधिवेशन :- 3 ग्रीष्मकाल (बजट काल):- फ रवरी - मई मानसून काल :- जुलाई - सितम्बर शीत काल :- नवम्बर - दिसम्बर अनुच्छेद 118 संसदीय प्रक्रिया का उल्लेख है। संसद की प्रतिदिन की कार्यवाही :-समय 10-5 बजे तक इसे चार काल में विभाजित किया गया है:- 1. प्रश्रकाल 2. शून्यकाल 3. मध्यान्तर काल 4. प्रस्ताव काल आधे घण्टे की चर्चा ताराकिंत, अताराकिंत या अल्प सूचना प्रश्न द्वारा दिये गये उत्तर में कोई तथ्य स्पष्ट न हुआ हो तो इस चर्चा को किया जाता है। यह चर्चा बैठक के अन्तिम आधे घण्टे (5.00-5.30) तक होती है लोकसभा में तीन दिन सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को की जाती है। राज्यसभा में सभापति की अनुमति से कभी भी की जा सकती है। प्रश्रकाल :- प्रतिदिन संसद की दोनो सदनो की बैठक के बाद कार्यवाही का प्रथम घण्टा शून्यकाल होता है। संसद सदस्यों द्वारा लोकमहत्व के मामले में मंत्रीपरिषद से प्रश्र पूछे जाते है। यह प्रक्रिया सर्वप्रथम इंग्लैण्ड में 1721 में प्रारम्भ हुई। भारत में यह प्रक्रिया सर्वप्रथम 1892 के भारतीय परिषद अधिनियम से प्रारम्भ हुई। संसद में पूछे जाने वाले प्रश्र 1. ताराकिंत प्रश्र - जब संसद सदस्य द्वारा तुरन्त उत्तर प्राप्त करना हो तो वह प्रश्र के शीर्ष पर तारा लगा देता है। 10 दिन पूर्व आवेदन करना पड़ता है। इसका उत्तर मंत्री द्वारा तुरन्त मौखिक रूप में देना पड़ता है। प्रश्रों की संख्या सिमित होती है। पूरक प्रश्र भी पूछे जा सकते है। कोई प्रश्र ताराकिंत है या नही इस निर्णय अध्यक्ष या सभापति द्वारा किया जाता है। 2. अताराकिंत प्रश्र इसका उत्तर लिखित रूप में दिया जाता है 10 दिन पूर्व आवेदन करना पड़ता है। पूरक प्रश्र नही पूछा जा सकता। प्रश्रो की संख्या असिमित। 3. अल्प सूचना प्रश्र इनका सम्बन्ध किसी लोकमहत्व केे तात्कालिन मामलों से होता है इसका जवाब 10 दिन की निर्धारित अवधि से पहले ही मंत्री द्वारा दिया जाता है। उत्तर मौखिक दिया जाता है। 4. गैर सरकारी सदस्यों से पूछे जाने वाले प्रश्र मंत्री परिषद के अतिरिक्त अन्य सदस्यों से पूछे जाने वाले प्रश्र शून्य काल इस काल में बिना किसी सूचना के लोक महत्व का कोई भी प्रश्र उठाया जा सकता है तथा किसी मंत्री के उत्तर देने को कहा जा सकता है। इसे प्रश्र उत्तर सत्र भी कहते है। संसदीय व्यवस्था में शून्यकाल (1962) भारत की देन है। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव - अविलम्बनीय लोकमहत्व के किसी मामले की और किसी मंत्री का ध्यान आकर्षित करने हेतु। इसके स्त्रोत दैनिक समाचार पत्र होते है। यह नियम 1954 में बनाया गया। यह प्रस्ताव 10 बजे लिखित रूप में लिया जाता है। यह प्रस्ताव भारत की देन है। स्थगन प्रस्ताव/काम रोको प्रस्ताव - किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर वर्तमान कार्यवाही को रोककर सदन में चर्चा के लिए लाया जाता है। ऐसा मुद्दा/मामला स्पष्ट व तर्क पूर्ण होना चाहिए। इसके लिए ��दन के 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है। इसके लिए स्पीक र की अनुमती आवश्यक है। प्रश्रकाल की समाप्ति पर यह पेश किया जाता है। विश्वास प्रस्ताव :- इसे राष्टपति के कहने पर पी.एम द्वारा लाया जाता है। इसके पारित होने पर 6 माह के लिए सरकार सुरक्षित हो जाती है। यह प्रस्ताव भारत की देन है। यदि यह बहुमत से स्वीकृत नही होता है तो सरकार को त्यागपत्र देना पड़ता है। अब तक 11 बार लगाया जा चुका है। अविश्वास प्रस्ताव :- यह विपक्षी दल या दलो द्वारा केवल लोकसभा में लाया जाता है। 50 सदस्यों का समर्र्थन आवश्यक बहुमत से पारित होन पर सरकार गिर जाती है। अब तक 27 बार पेश किया गया। 1978 में अविश्वास प्रस्ताव द्वारा मोराजी देसाई की सरकार को गिरा दिया गया। 27 वां 21 जुलाई 2008 मनमोहन सिह के विरूद्ध (19 वोटो से गिरा) प्रथम बार जे.एल. नेहरू के विरूद्ध 1963 में जे.बी. कृपलानी द्वारा लाया गया। निन्दा प्रस्ताव:- विपक्ष द्वारा लाया जाता है। 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक किसी एक मंत्री के विरूद्ध लाया जाता है। इसके लिए लिखित कारण/विशेष आरोप बताने होते है। पारित होने पर सरकार नही गिरती है। अनुच्छेद 108 - के द्वारा राष्ट्रपति संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाता है। संसद के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता :- लोकसभा अध्यक्ष करता है। संसद के सदस्यों की योग्यता व अयोग्यता का निर्णय निर्वाचन आयोग के परामर्श से राष्ट्रपति करता है। दल-बदल कानून के आधार पर संसद के सदस्यों की योग्यता व आयोग्यता का निर्णय सदन के अध्यक्ष करते है। नोट :- अगर कोई संसद सदस्य लगातार बिना सूचित किये 60 दिनो तक संसद के सभी अधिवेशनों में अनुपस्थित रहता है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है। अनुच्छेद 120 (1) के , द्वारा लोकसभा व राज्यसभा का अध्यक्ष किसी सदस्य को जो हिन्दी और अंगे्रजी में अपनी पर्याप्त अभिव्यक्ति नही कर सकता है उसकी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुमति दे सकता है। अनुच्छेद 88 के द्वारा के न्द्रीय मंत्रीपरिषद का कोई भी सदस्य तथा महान्यायवादी को यह अधिकार होगा की वह संसद के किसी भी सदन की कार्यवाही में भाग ले सक ते है परन्तु महान्यायवादी को किसी विधेयक पर मतदान करने का अधिकार नही है तथा मंत्री केवल उसी सदन में मतदान करता है जिसका वह सदस्य होता है। संसद की प्रथम बैठक 13 मई, 1952 को हुई थी। गणपूर्ति (कोरम) - सदन के अध्यक्ष सहित सदन की कुल सदस्य संख्या का 1/10 भाग संसदीय समितियाँ :- 1. प्राकलन समिति :- 1950 में तत्कालीन वित्त मंत्री जॉन मथाई की सिफारीश पर इसका गठन किया गया। कु ल सदस्य = 30 इसमें सभी सदस्य लोकसभा के सदस्य होते है। इसके अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा अध्यक्ष इन सदस्यों में से करते है जो सत्ता रूढ़ दल का होता है। वर्तमान अध्यक्ष :- मुरली मनोहर जोशी कार्यकाल 1 वर्ष कार्य :- सरकारी व्यय में मितव्ययता लाने के लिए सूझाव देना तथा वार्षिक बजट अनुमोदन की जाँच करना। संसद की स्थाई समिति। 2. लोकलेखा समिति :- कुल सदस्य - 22 15 लोकसभा से और 7 राज्य सभा से वर्तमान अध्यक्ष :- मल्लिकार्जुन खडग़े अध्यक्ष की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा कि जाती है, जो विपक्षी दल का सदस्य होता है। कोई भी मंत्री इसका सदस्य नही बन सकता। कार्य :- नियंत्रक महालेखा परिक्षक द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट की सूक्ष्म जाँच करना। नोट :- इस समिति को प्राकलन समिति की जुडवा बहन कहते है। यह संसद की स्थायी समिति है। राज्यसभा (अनुच्छेद - 80) मूल संविधान में नाम Council of State 23 अगस्त 1954 को इसका नाम बदलकर राज्यसभा कर दिया गया। गठन - 3 अप्रैल 1952 प्रथम बैठक - 13 मई 1952 विशेषताएँ :- संसद का द्वितीय/उच्च/स्थायी सदन है। संसद का ऐसा सदन जो कभी भंग नही होता है। योग्यता - न्यूनतम आयु :- 30 वर्ष भारत का नागरिक हो पागल दिवालिया व लाभ के पद पर न हो। संसद द्वारा निर्धारित योग्यताऐ निर्वाचन प्रणाली :- आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणी खुली मतदान प्रणाली। निर्वाचक मंडल :- देश की सभी विधानसभा के केवल निर्वाचित सदस्य अर्थाता निर्वाचित एम.एल.ए. राज्यसभा का कार्यकाल :- स्थायी सदन होता है। राज्यसभा कभी भंग नहीं होती है। संविधान में राज्यसभा सदस्यों की पदावधि निर्धारित नही कि और इसे संसद पर छोड़ दिया गया। जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 के आधार पर संसद ने कहा कि राज्यसभा के सदस्यों की पदावधि 6 वर्ष से अधिक नही होगी। सदस्यों का कार्यकाल :- 6 वर्ष तथा प्रत्येक दो वर्ष बाद कुल सदस्यों का 1/3 सदस्य सेवानिवृत हो जाते है तथा इतने ही सदस्य नये आ जाते है। निम्र अनुच्छेद में राज्यसभा क ो विशेष अधिकार दिये गये है। अनुच्छेद 249 -राज्यसभा राज्यसूची के किसी विषय को संघ सूचि का विषय घोषित कर सकती है। अनुच्छेद 312 :- नयी अखिल भारतीय सेवाओं का गठन /सर्जन और समाप्त कर सकती है। संविधान की अनूसूची 4 में राज्यसभा की सीटों के आंवटन का वर्णन है। राज्यसभा में राज्यो को समान प्रतिनिधित्व प्राप्त नही है बल्कि जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व दिया गया है। 50 लाख की जनसंख्या तक प्रत्येक 10 लाख पर 1 सीट तथा 50 लाख से अधिक जनसंख्या पर 20 लाख की जनसंख्या पर 1 सीट राज्यसभा की अधिकतम सीटें - 250 अधिकतम निर्वाचित सदस्य 238 अनुच्छेद 80 के द्वारा राष्ट्रपति अधिकतम मनोनीत करता है 12 जो किसी कला साहित्य विज्ञान व समाज सेवा से जुडे होते है। वर्तमान में सीटे - 245 वर्तमान में राज्यों से कुल निर्वाचित :- 229 वर्तमान में केन्द्र शासित प्रदेशों में निर्वाचित :- 4 नोट :-वर्तमान में केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली से - 3 तथा पाण्डिचेरी से -1 सर्वाधिक राज्यसभा की सीटे :- यू.पी. - 31, महाराष्ट्र - 19, तमिलनाडु - 18 सबसे कम राज्यसभा की सीटें :- अरूणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम, गोवा नोट :- इन सभी राज्यों में राज्यसभा की सीट एक-एक राजस्थान में राज्यसभा की सीटें :- 10 अनुच्छेद 89 (1) राज्यसभा का सभापति - उपराष्ट्रपति. उपसभापति - सदस्यो द्वारा निर्वाचित सभापति को निर्णायक मत देने का अधिकार होता है। उपसभापति अपना त्याग - पत्र सभापति को व सभापति अपना त्याग-पत्र राष्ट्रपति को देता है लोकसभा (अनुच्छेद - 81) प्रथम लोकसभा का गठन-17 अप्रैल, 1952 प्रथम बैठक- 13 मई 1952 प्रथम आम चुनाव - 1951-52 विशेषताएँ :- संसद का प्रथम/ निम्र/ अस्थाई सदन है। सबसे लोकप्रिय सदन है। जनप्रतिनिधि सदन है। योग्यता :- न्यूनतम आयु :- 25 वर्ष निर्वाचन प्रणाली:- लोक सभा के सदस्यों का निर्वाचन जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से व्यस्यक मताधिकार द्वारा किया जाता है। नोट:- राजीव गांधी सरकार के समय 61 वें संविधान संशोधन, 1989 के द्वारा मत डालने की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया। अनुच्छेद 83, कार्यकाल :- सामान्यत: 5 वर्ष/ अनिश्चित काल/ लोकसभा के विश्वास तक। नोट:- 42 वें स. सशो. 1976 द्वारा लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष से बढ़ाकर छ: वर्ष कर दिया गया। 44 वें स. सविधान 1978 द्वारा लोकसभा का कार्यकाल 6 वर्ष से घटाकर पुन: 5 वर्ष कर दिया गया। अनुच्छेद 85 (2) समय से पूर्व प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति लोकसभा को भंग कर सकता है ऐसा अब तक 9 बार हुआ है। आपातकाल में संसद कानून बना कर एक बार में एक वर्ष तक लोकसभा का कार्यकाल बढ़ा सकती है। नोट - 1976 में दो बार एक-एक वर्ष के लिए लोकसभा का कार्यलकाल बढ़ाया गया था। समान्य स्थिति में लोकसभा का कार्यकाल एक बार के लिए 6 माह तक बढ़ाया जा सकता है। नोट :- संसद के लिए क ोरम/गणपूर्ती कु ल सदस्यों का 1/10 होती चाहिए। मूल संविधान में लोकसभा की अधिकतम सीटे :- 500 31 वें संविधान संशोधन, 1973 के द्वारा लोकसभा की सीटों को 500 से बढ़ाकर 550 + 2 = 552 कर दिया गया। वर्तमान में लोकसभा की सीटों का निर्धारण 1971 की जनगणना के आधार पर किया गया है। 84 वें संविधान संशोधन 2001 के द्वारा लोकसभा की अधिकतम सीटें 2026 तक 552 सीटे निर्धारित की गयी। लोकसभा में अधिकतम सीटे :- 552 सीट अधिकतम निर्वाचित सदस्य - 550 अधिकतम मनोनीत सदस्य -2 (एग्लो इण्डियन) अधिकतम राज्यों से निर्वाचित सदस्य - 530 अधिकतम केन्द्र शासित प्रदेशो से निर्वाचित सदस्य-20 लोकसभा में वर्तमान में सीटे - 545 वर्तमान में कुल निर्वाचित सदस्य - 543 वर्तमान में कुल मनोनित - 2 (रिचर्ड हे - केरल व जॉर्ज बेकर-पं. बंगाल) वर्तमान में राज्यों से कुल निर्वाचित - 530 वर्तमान में के न्द्रशासित प्रदेशों से कुल निर्वाचित - 13 केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली से वर्तमान में कुल निर्वाचित सात तथा अन्य केन्द्र शासित प्रदेशो में कुल निर्वाचित एक-एक सीटें है। लोक सभा की सर्वाधिक सीटे :- यू.पी. - 80, महाराष्ट्र - 48, पश्चिम बंगाल - 42 नोट - सबसे कम सीटे - नागालेण्ड, सिक्कीम, मिर्जोरम व दिल्ली के अलावा प्रत्येक केन्द्र शासित प्रदेश ��ें लोकसभा की सीटे एक है। राजस्थान में लोकसभा सीटे :- 25 विशेष तथ्य - एक व्यक्ति अधिकतम दो स्थानों से लोकसभा का चुनाव लड़ सकता है। जमानत राशि - एस.सी. व एस.टी. - 12500 सामान्य - 25000 चुनावी खर्च राशि - अरूनाचल प्रदेस व गोवा - 54 लाख। अन्य राज्यों में 70 लाख। दिल्ली में 70 लाख। अन्य केन्द्र शासित प्रदेशों में 54 लाख। आरक्षण - अनुच्छेद 330 एस.सी. - 79 - 84 (वर्तमान) एस.टी. - 41 - 47 (वर्तमान) नोट : 95 संविधान संशोधन 2009 के द्वारा आरक्षण को बढ़ाकर 2020 तक कर दिया गया है। राजस्थान में - एस.सी. - 4 एस.टी. - 3 सामान्य - 18 एस.सी. लोकसभा सीटें - भरतपुर, बीकानेर, गंगानगर व करौली-धौलपुर एस.टी. लोकसभा सीटें - बांसवाड़ा, दौसा व उदयपुर
http://advancestudytricks.blogspot.com/2020/01/government-indian-government.html
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President Murmu : राष्ट्रपति ने आपातकाल को बताया संविधान का काला अध्याय
President Murmu : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नवनिर्वाचित सरकार की प्राथमिकताओं को सामने रखा। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में मुर्मू का यह पहला संबोधन है। नई लोकसभा का पहला सत्र गत सोमवार को शुरू हुआ था। इसके अलावा राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून से शुरू होगा। CBI…
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