#संक्षिप्तविचारणकीप्रक्रियाक्याहै
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संक्षिप्त विचारण की प्रक्रिया (Procedure for summary trials) ( SEC 260 से 265 )
संक्षिप्त विचारण का तात्पर्य | Summary Trial – दण्ड प्रक्रिया संहिता में शब्द संक्षिप्त विचारण की परिभाषा नहीं दी गई है परन्तु सामान्यतः शब्दों में संक्षिप्त विचारण का अर्थ “शीघ्र परीक्षण” से लिया जाता है। यह एक ऐसा परीक्षण अथवा विचारण है जिसमें मामले की प्रक्रिया तो समन एवं वारन्ट मामलों जैसी ही रहती है लेकिन इसमें नियमित एवं विस्तृत साक्ष्य का लेखबद्ध किया जाना तथा लम्बा निर्णय लिखा जाना आवश्यक नहीं होता है। वुडरोफ के अनुसार - संक्षिप्त विचारण से तात्पर्य कार्यवाहियों को संक्षिप्त में अभिलिखित किये जाने से है। इसमें विस्तृत साक्ष्य लिया जाना एवं लम्बे निर्णय लिखा जाना आवश्यक नहीं होता है। संक्षिप्त विचारण की शक्ति – दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 260 के अन्तर्गत संक्षिप्त विचारण करने की शक्तियाँ निम्नांकित न्यायालयों को प्रदान की गई है - (क) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ख) महानगर मजिस्ट्रेट (ग) उच्च न्यायालय द्वारा इस निमित्त सशक्त किया गया कोई प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट | किन अपराधों का संक्षिप्त विचारण किया जाता है – CrPC की धारा 260 के अन्तर्गत ऐसे अपराधों का उल्लेख किया गया है जिनका न्यायालय द्वारा संक्षिप्त विचारण किया जा सकता है - (क) ऐसे अपराध जो मृत्यु, आजीवन कारावास या दो वर्ष से अधिक की अवधि के कारावास से दण्डनीय नहीं है, (ख) भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 379, 380 या 381 के अन्तर्गत चोरी, जहाँ चुराई हुई सम्पत्ति का मूल्य दो हजार रुपये से अधिक नहीं हो, (ग) भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 411 के अन्तर्गत चोरी की सम्पत्ति को प्राप्त करना या रखना, जहाँ ऐसी सम्पत्ति का मूल्य दो हजार रुपये से अधिक नहीं हो, (घ) भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 414 के अन्तर्गत चुराई हुई सम्पत्ति को छिपाने या उसका व्ययन करने में सहायता करना, जहाँ ऐसी सम्पत्ति का मूल्य 2,000 (दो हजार रुपये) से अधिक नहीं हो, (ङ) भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 454 या धारा 456 के अन्तर्गत अपराध, (च) भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 504 के अन्तर्गत लोक शांति भंग करने को प्रकोपित करने के आशय से अपमान और धारा 506 के अन्तर्गत कारावास से या जुर्माने से या दोनों से दण्डनीय अपराध, (छ) पूर्ववर्ती अपराधों में से किसी का दुष्प्रेरण, (ज) पूर्ववर्ती अपराधों में से किसी को करने का प्रयत्न, जब ऐसा प्रयत्न अपराध हो और (झ) ऐसे कार्य से होने वाला कोई अपराध, जिसकी बाबत पशु अतिचार अधिनियम, 1871 की धारा 20 के अन्तर्गत परिवाद किया जा सकता हो। सक्षिप्त विचारण की प्रक्रिया | Procedure for summary trials – दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 262 में संक्षिप्त विचारण की प्रक्रिया के सम्बन्ध में प्रावधान किये गए है। इस धारा के अनुसार - संक्षिप्त विचारण में उसी प्रक्रिया का अनुसरण किया जायेगा जो समन मामलों के विचारण के लिए विनिर्दिष्ट है तथा ऐसे विचारण में तीन मास से अधिक की अवधि के कारावास का दण्डादेश नहीं किया जा सकेगा। पब्लिक प्रोसिक्यूटर बनाम हिन्दुस्तान मोटर्स लि. के मामले में यह कहा गया है कि संक्षिप्त विचारण के लिए उसी प्रक्रिया का अनुसरण किया जायेगा जो समन मामलों के विचारण के लिए संहिता में विनिर्दिष्ट है। (ए. आई. आर. 1970 आन्ध्रप्रदेश 176) Read More - संक्षिप्त विचारण क्या है | What is summary trial Read the full article
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