#श्रीकृष्ण जब बांसुरी बजाते थे तो उसको सुनकर गोपियाँ व गायें खींची चली आती थी। संत मलूक दास जी ने
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Kabir vs Krishna: Who is God? | कबीर बड़ा या कृष्ण | Mystery Solved | Fa...
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#श्रीकृष्ण जब बांसुरी बजाते थे तो उसको सुनकर गोपियाँ व गायें खींची चली आती थी। संत मलूक दास जी ने#Youtube
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#कबीर_बड़ा_या_कृष्ण
श्रीकृष्ण जब बांसुरी बजाते थे तो उसको सुनकर गोपियाँ व गायें खींची चली आती थी। संत मलूक दास जी ने बताया है कि एक समय मेरे सतगुरू कबीर जी ने जमुना दरिया के किनारे बांसुरी बजाई थी जिसको सुनकर स्वर्ग लोक के देवता, ऋषिजन तथा आस-पास के व्यक्ति खींचे चले आए थे और जमुना (कालंद्री) का जल भी रूक गया था।
एक समय गुरू बंसी बजाई, कालंद्री के तीर। सुर नर मुनिजन थकत भये, रूक गया जमना नीर।
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https://youtu.be/euXrZIzv7Sk?si=sFSPS468UF4hDg_f
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एक समय गुरू बंसी बजाई, कालंद्री के तीर।
सुर नर मुनिजन थकत भये, रूक गया जमना नीर।
श्रीकृष्ण जी जब बांसुरी बजाते थे तो उसको सुनकर गोपियाँ व गायें खींची चली आती थी।
संत मलूक दास जी ने बताया है कि एक समय मेरे सतगुरु कबीर जी ने यमुना दरिया के किनारे बांसुरी बजाई थी
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श्रीकृष्ण जी जब बांसुरी बजाते थे तो उसको सुनकर गोपियाँ व गायें खींची चली आती थी।
संत मलूक दास जी ने बताया है कि एक समय मेरे सतगुरु कबीर जी ने यमुना दरिया के किनारे बांसुरी बजाई थी जिसको सुनकर स्वर्ग लोक के देवता, ऋषिजन तथा आस-पास के व्यक्ति खींचे चले आए थे और जमुना (कालंद्री) का जल भी रूक गया था।
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एक समय गुरू बंसी बजाई, कालंट्री के तीर।
सुर नर मुनिजन थकत भये, रूक गया जमना नीर।
अधिक जानकारी के लिए देखिए “कबीर बड़ा या कृष्ण“ से संबंधित वीडियो Factful Debates Youtube Channel पर
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श्रीकृष्ण जब बांसुरी बजाते थे तो उसको सुनकर गोपियाँ व गायें खींची चली आती थी। संत मलूक दास जी ने बताया है कि एक समय मेरे सतगुरू कबीर जी ने जमुना दरिया के किनारे बांसुरी बजाई थी जिसको सुनकर स्वर्ग लोक के देवता, ऋषिजन तथा आस-पास के व्यक्ति खींचे चले आए थे
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श्रीकृष्ण जी जब बांसुरी बजाते थे तो उसको सुनकर गोपियाँ व गायें खींची चली आती थी।
🔹संत मलूक दास जी ने बताया है कि एक समय मेरे सतगुरु कबीर जी ने यमुना दरिया के किनारे बांसुरी बजाई थी जिसको सुनकर स्वर्ग लोक के देवता, ऋषिजन तथा आस-पास के व्यक्ति खींचे चले आए थे।
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श्रीकृष्ण जी जब बांसुरी बजाते थे तो उसको सुनकर गोपियाँ व गायें खींची चली आती थी।
संत मलूक दास जी ने बताया है कि एक समय मेरे सतगुरु कबीर जी ने यमुना दरिया के किनारे बांसुरी बजाई थी जिसको सुनकर
स्वर्ग लोक के देवता, ऋषिजन तथा आस-पास के व्यक्ति खींचे
चले आए थे और जमुना (कालंद्री) का जल भी रूक गया था।
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#कबीर_बड़ा_या_कृष्ण
कबीर बड़ा या कृष्ण
जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज
Big Debate
शास्त्रों से प्रमाणित आध्यात्मिक बहस
श्रीकृष्ण जी जब बांसुरी बजाते थे तो उसको सुनकर गोपियाँ व गायें खींची चली आती थी।
संत मलूक दास जी ने बताया है कि एक समय मेरे सतगुरु कबीर जी ने यमुना दरिया के किनारे बांसुरी बजाई थी जिसको सुनकर
स्वर्ग लोक के देवता, ऋषिजन तथा आस-पास के व्यक्ति खींचे
चले आए थे और जमुना (कालंद्री) का जल भी रूक गया था।
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एक समय गुरू बंसी बजाई, कालंट्री के तीर। सुर नर मुनिजन थकत भये, रूक गया जमना नीर।
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👉श्रीकृष्ण जी जब बांसुरी बजाते थे तो उसको सुनकर गोपियाँ व गायें खींची चली आती थी।
👉संत मलूक दास जी ने बताया है कि एक समय मेरे सतगुरू कबीर जी ने यमुना दरिया के किनारे बांसुरी बजाई थी जिसको सुनकर स्वर्ग लोक के देवता,ऋषिजन तथाआस-पास के व्यक्ति खींचे चलेआए थे 👇
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श्रीकृष्ण जी जब बांसुरी बजाते थे तो उसको सुनकर गोपियाँ व गायें खींची चली आती थी।
संत मलूक दास जी ने बताया है कि एक समय मेरे सतगुरु कबीर जी ने यमुना दरिया के किनारे बांसुरी बजाई थी जिसको सुनकर स्वर्ग लोक के देवता, ऋषिजन तथा आस-पास के व्यक्ति खींचे चले आए थे और जमुना (कालंद्री) का जल भी रूक गया था।
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एक समय गुरू बंसी बजाई, कालंट्री के तीर।
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GodMorningSaturday
श्रीकृष्ण जी जब बांसुरी बजाते थे तो उसको सुनकर गोपियाँ व गायें खींची चली आती थी।
संत मलूक दास जी ने बताया है कि एक समय मेरे सतगुरु कबीर जी ने यमुना दरिया के किनारे बांसुरी बजाई थी जिसको सुनकर
स्वर्ग लोक के देवता, ऋषिजन तथा आस-पास के व्यक्ति खींचे
चले आए थे और जमुना (कालंद्री) का जल भी रूक गया था।
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🫴🏻 अवश्य देखें
ईश्वर टी.वी. पर सुबह 6:00
श्रद्धा MH ONE टी. वी. पर दोपहर 2:00
साधना टी. वी. पर शाम 7:30
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