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Shani Chalisa Doha | श्री शनि चालीसा दोहा
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।करहु कृपा हे रवि…
कुंभ संक्रांति-: स्नान-ध्यान और दान-पुण्य का विशेष महत्व
हिंदू धर्म में कुंभ संक्रांति का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति की तरह ही इस दिन भी स्नान-ध्यान और दान-पुण्य किया जाता है। इस दिन पुण्य काल में स्नान और दान करना कई तरह से लाभदायी होता है। इस दिन गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन आप स्नान ध्यान और सूर्य देव की पूजा-उपासना कर सकते हैं। चलिए विस्तार से जानते हैं कि कब है कुंभ संक्रांति और क्या है इस तिथि का महत्व ?
क्या होता है संक्रांति का अर्थ?
सनातन धर्म में संक्रांति का विशेष महत्व है। सबसे पहले संक्रांति का अर्थ जानते हैं, जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाते हैं उसे संक्रांति कहा जाता है। यानि इस दिन सूर्य देव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। फाल्गुन माह में कुंभ संक्रांति के दिन भी सूर्य का राशि परिवर्तन होता है। इस दौरान सूर्य मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं जिसे कुंभ संक्रांति कहा जाता है।
कब है कुंभ संक्रांति?
कुंभ संक्रांति 13 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि इस दिन गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और भक्त को उनकी कृपा मिलती है। इस वर्ष कुंभ संक्रांति का त्यौहार मंगलवार के दिन मनाया जाएगा, जिस वजह से आपको हनुमान जी की उपासना का भी असीम फल प्राप्त होगा।
कुंभ संक्रांति की पूजा विधि
कुंभ संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर, श्रीहरि विष्णु का स्मरण करें और गंगा स्नान करें या फिर इसके अलावा किसी भी पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं। यदि किसी पवित्र नदी में स्नान करना संभव न हो सके तो घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें। स्नान करने के उपरांत तिल मिलाकर भगवान सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें। फिर मंदिर में फल, पुष्प अर्पित कर धूप, दीप जलायें और भगवान सूर्य का जाप करें। इस दिन सूर्य मंत्र का जाप करने के साथ सूर्य चालीसा औरआदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी कुंडली में स्थित सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। मंदिर में पूजा अर्चना के बाद किसी गरीब और किसी जरूरतमंद व्यक्ति को और पंडित को दान जरूर दें। इसके अलावा अपनी सामर्थ्य के अनुसार वस्त्रों का दान भी करें।
इन चीज़ों के दान से चमक जायेगी आपकी किस्मत
महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि कुंभ संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के साथ गरीब लोगों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान देने का विशेष महत्व माना गया है। इन चीज़ों के दान से आपकी किस्मत चमक जायेगी और आपको सफलता अवश्य मिलेगी। आइये जानते हैं कुंभ संक्रांति के दिन किन चीज़ों का दान करना शुभ माना जाता है?
कुंभ संक्रांति पर करें तिल का दान
डेरा नसीब दा के महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार कुम्भ संक्रांति के दिन काले तिल का दान करना बहुत ही शुभ माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन तिल का दान करने से भगवान सूर्य देव के साथ-साथ शनि देव की कृपा भी प्राप्त होती है। व्यक्ति को आरोग्य के साथ-साथ सूर्य दोष से भी छुटकारा मिल सकता है और जीवन में अच्छे फलों की प्राप्ति होती है।
कुंभ संक्रांति पर अन्न का दान करें
कुंभ संक्रांति के दिन अन्न का दान करना भी शुभ होता है इसलिए इस दिन अन्न का दान अवश्य करें। पारस परिवार के मुखिया महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि कुंभ संक्रांति के दिन अन्न का दान करने से आपके घर में अन्न का भंडार कभी ख़ाली नहीं होता और आपके घर में हमेशा बरकत होती है।
कुंभ संक्रांति पर गुड़ का दान करें
अगर आपके घर में कोई व्यक्ति बार-बार बीमार होता है तो कुंभ संक्रांति के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को गुड़ का दान जरूर करें। ऐसा करने से बीमार व्यक्ति की सेहत अवश्य ठीक हो जायेगी।
कुंभ संक्रांति पर तांबे का दान करें
ज्योतिष शास्त्र में तांबे को सूर्य की धातु कहा गया है। महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार कुंभ संक्रांति के दिन तांबा या तांबे के बर्तन दान करना शुभ होता है। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है।इसके अलावा आप इस दिन जरूरतमंदों को घी, लाल वस्त्र, गेहूँ और लाल फूल का दान भी कर सकते हैं। महान ज्योतिष महंत श्री पारस जी ने बताया कि सूर्यदेव को लाल रंग बेहद प्रिय है इसलिए कुंभ संक्रांति के दिन लाल रंग के कपड़े का दान करना शुभ माना जाता है।
कुंभ संक्रांति का महत्व
कुंभ संक्रांति का सबसे बड़ा महत्व यह है कि यह हिन्दू धर्म और हिन्दू परंपरा में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो कि मकर संक्रांति के बाद होता है। साथ ही यह त्यौहार, सामाजिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता को प्रोत्साहित करता है। पारस परिवार के मुखिया महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि कुंभ संक्रांति पर्व के दिन स्नान-दान करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। यह त्यौहार भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह उन सभी लोगों को एक साथ लाता है, जो अलग-अलग धर्म, जाति, और परंपराओं से संबंधित होते हैं। इस दिन को कुंभ स्नान के रूप में जाना जाता है, जो धार्मिक और सामाजिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह त्योहार लोगों को सामूहिक एकता की भावना से भर देता है और उन्हें धर्म, संस्कृति, और सामाजिक मूल्यों के प्रति समर्पित बनाता है। महंत श्री पारस भाई जी का मानना है कि इस विशेष दिन पर सूर्य देव की उपासना करने से सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
कुंभ संक्रांति के दिन इन मंत्रों का करें जाप
���दि आप किसी भी तरह से परेशान हैं तो इन मंत्रों के जाप से आपकी सारी परेशानियां दूर हो जायेंगी।
ॐ सूर्याय नमः
ॐ भास्कराय नमः
ॐ आदित्याय नमः
यह त्यौहार आत्मिक और धार्मिक उन्नति में मदद करता है
कुंभ संक्रांति पर लाखों लोग तीर्थयात्रा करते हैं और संगम स्थलों में स्नान करते हैं, जो उनके आत्मिक और धार्मिक उन्नति में मदद करता है। इस दिन को अपने आपको बदलने और अपनी आत्मा को शुद्ध करने का उत्कृष्ट मौका माना जाता है, जो लोगों को सच्चे और ईश्वर के निकट ले जाता है। कुंभ संक्रांति के दौरान गायों को दान देना भी काफी शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा, अमावस्या और एकादशी का जितना महत्व है उतना ही महत्व संक्रांति तिथि का भी होता है। देवी पुराण में कहा गया है कि संक्रांति के दिन जो स्नान नहीं करता उसे कई जन्मों तक दरिद्रता में जीवन गुजारना पड़ता है। संक्रांति के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान जरूर करें और गरीबों को भोजन कराएं। सूर्य देव हनुमान जी के गुरु माने जाते हैं, जिस वजह से इस दिन सूर्य देव के साथ हनुमान जी की उपासना करने से भी विशेष लाभ प्राप्त होगा।
शनि प्रदोष व्रत कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक नगर सेठ थे। सेठजी के घर में हर प्रकार की सुख-सुविधाएं थीं लेकिन संतान नहीं होने के कारण सेठ और सेठानी हमेशा दुःखी रहते थे…
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नवग्रह चालीसा विडियो
नवग्रह चालीसा (Navgrah Chalisa)
।। दोहा ।।
श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय।
नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय।।
जय जय रवि शशि सोम बुध, जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह, करहुं अनुग्रह आज।।
।। चौपाई ।।
श्री सूर्य चालीसा
प्रथमहि रवि कहँ नावों माथा, करहु कृपा जनि जानि अनाथा।
हे आदित्य दिवाकर भानू, मैं मति मन्द महा अज्ञानू।
अब निज जन कहँ हरहु कलेषा, दिनकर…
पीपल को वृक्षों का राजा कहते है। इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए:-
मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु,
सखा शंकरमेवच ।
पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम,
वृक्षराज नमोस्तुते ।।
हिदु धर्म में पीपल के पेड़ का बहुत महत्व माना गया है। शास्त्रों के अनुसार इस वृक्ष में सभी देवी-देवताओं और हमारे पितरों का वास भी माना गया है।
पीपल वस्तुत: भगवान विष्णु का जीवन्त और पूर्णत:मूर्तिमान स्वरूप ही है। भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा है की वृक्षों में मैं पीपल हूँ।
पुराणो में उल्लेखित है कि
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मूलतः ब्रह्म रूपाय मध्यतो विष्णु रुपिणः।
अग्रतः शिव रुपाय अश्वत्त्थाय नमो नमः।।
अर्थात इसके मूल में भगवान ब्रह्म, मध्य में भगवान श्री विष्णु तथा अग्रभाग में भगवान शिव का वास होता है।
शास्त्रों के अनुसार पीपल की विधि पूर्वक पूजा-अर्चना करने से समस्त देवता स्वयं ही पूजित हो जाते हैं।
कहते है पीपल से बड़ा मित्र कोई भी नहीं है, जब आपके सभी रास्ते बंद हो जाएँ, आप चारो ओर से अपने को परेशानियों से घिरा हुआ समझे, आपकी परछांई भी आपका साथ ना दे, हर काम बिगड़ रहे हो तो
आप पीपल के शरण में चले जाएँ, उनकी पूजा अर्चना करे , उनसे मदद की याचना करें निसंदेह कुछ ही समय में आपके घोर से घोर कष्ट दूर जो जायेंगे।
धर्म शास्त्रों के अनुसार हर व्यक्ति को जीवन में पीपल का पेड़ अवश्य ही लगाना चाहिए । पीपल का पौधा लगाने वाले व्यक्ति को जीवन में किसी भी प्रकार संकट नहीं रहता है। पीपल का पौधा लगाने के बाद उसे रविवार को छोड़कर नियमित रूप से जल भी अवश्य ही अर्पित करना चाहिए। जैसे-जैसे यह वृक्ष बढ़ेगा आपके घर में सुख-समृद्धि ��ी बढ़ती जाएगी। पीपल का पेड़ लगाने के बाद बड़े होने तक इसका पूरा ध्यान भी अवश्य ही रखना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि पीपल को आप अपने घर से दूर लगाएं, घर पर पीपल की छाया भी नहीं पड़नी चाहिए।
मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति पीपल के वृक्ष के नीचे शिवलिंग स्थापित करता है तो उसके जीवन से बड़ी से बड़ी परेशानियां भी दूर हो जाती है। पीपल के नीचे शिवलिंग स्थापित करके उसकी नित्य पूजा भी अवश्य ही करनी चाहिए। इस उपाय से जातक को सभी भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
सावन मास की अमवस्या की समाप्ति और सावन के सभी शनिवार को पीपल की विधि पूर्वक पूजा करके इसके नीचे भगवान हनुमान जी की पूजा अर्चना / आराधना करने से घोर से घोर संकट भी दूर हो जाते है।
यदि पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर रविवार को छोड़कर नित्य हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो यह चमत्कारी फल प्रदान करने वाला उपाय है।
पीपल के नीचे बैठकर पीपल के 11 पत्ते तोड़ें और उन पर चन्दन से भगवान श्रीराम का नाम लिखें। फिर इन पत्तों की माला बनाकर उसे प्रभु हनुमानजी को अर्पित करें, सारे संकटो से रक्षा होगी।
पीपल के चमत्कारी उपाय
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शास्त्रानुसार प्रत्येक पूर्णिमा पर प्रातः 10 बजे पीपल वृक्ष पर मां लक्ष्मी का फेरा लगता है। इसलिए जो व्यक्ति आर्थिक रूप से मजबूत होना चाहते है वो इस समय पीपल के वृक्ष पर फल, फूल, मिष्ठान चढ़ाते हुए धूप अगरबती जलाकर मां लक्ष्मी की उपासना करें, और माता लक्ष्मी के किसी भी मंत्र की एक माला भी जपे । इससे जातक को अपने किये गए कार्यों के सर्वश्रेष्ठ फल मिलते है और वह धीरे धीरे आर्थिक रूप से सक्षम हो जाता है ।
पीपल को विष्णु भगवान से वरदान प्राप्त है कि जो व्यक्ति शनिवार को पीपल की पूजा करेगा, उस पर लक्ष्मी की अपार कृपा रहेगी और उसके घर का ऐश्वर्य कभी नष्ट नहीं होगा।
व्यापार में वृद्धि हेतु प्रत्येक शनिवार को एक पीपल का पत्ता लेकर उस पर चन्दन से स्वस्तिक बना कर उसे अपने व्यापारिक स्थल की अपनी गद्दी / बैठने के स्थान के नीचे रखे । इसे हर शनिवार को बदल कर अलग रखते रहे । ऐसा 7 शनिवार तक लगातार करें फिर 8वें शनिवार को इन सभी पत्तों को किसी सुनसान जगह पर डाल दें और मन ही मन अपनी आर्थिक समृद्धि के लिए प्रार्थना करते रहे, शीघ्र पीपल की कृपा से आपके व्यापार में बरकत होनी शुरू हो जाएगी ।
जो मनुष्य पीपल के वृक्ष को देखकर प्रणाम करता है, उसकी आयु बढ़ती है
जो इसके नीचे बैठकर धर्म-कर्म करता है, उसका कार्य पूर्ण हो जाता है।
पीपल के वृक्ष को काटना
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जो मूर्ख मनुष्य पीपल के वृक्ष को काटता है, उसे इससे होने वाले पाप से छूटने का कोई उपाय नहीं है। (पद्म पुराण, खंड 7 अ 12)
हर रविवार पीपल के नीचे देवताओं का वास न होकर दरिद्रा का वास होता है। अत: इस दिन पीपल की पूजा वर्जित मानी जाती है
यदि पीपल के वृक्ष को काटना बहुत जरूरी हो तो उसे रविवार को ही काटा जा सकता है।
शनि दोष में पीपल
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शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के बुरे प्रभावों को दूर कर,शुभ प्रभावों को प्राप्त करने के लिए हर जातक को प्रति शनिवार को पीपल की पूजा करना श्रेष्ठ उपाय है।
यदि रोज (रविवार को छोड़कर) पीपल पर पश्चिममुखी होकर जल चढ़ाया जाए तो शनि दोष की शांति होती है l
शनिवार की सुबह गुड़, मिश्रित जल चढ़ाकर, धूप अगरबत्ती जलाकर उसकी सात परिक्रमा करनी चाहिए, एवं संध्या के समय पीपल के वृक्ष के नीचे कड़वे तेल का दीपक भी अवश्य ही जलाना चाहिए। इस नियम का पालन करने से पीपल की अदृश्य शक्तियां उस जातक की सदैव मदद करती है।
ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।'
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है।
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।
ग्रहों के दोषों में पीपल
ज्योतिष शास्त्र में पीपल से जुड़े हुए कई आसान किन्तु अचूक उपाय बताए गए हैं, जो हमारे समस्त ग्रहों के दोषों को दूर करते हैं। जो किसी भी राशि के लोग आसानी से कर सकते हैं। इन उपायों को करने के लिए हमको अपनी किसी ज्योतिष से कुंडली का अध्ययन करवाने की भी आवश्यकता नहीं है।
पीपल का पेड़ रोपने और उसकी सेवा करने से पितृ दोष में कमी होती है । शास्त्रों के अनुसार पीपल के पेड़ की सेवा मात्र से ही न केवल पितृ दोष वरन जीवन के सभी परेशानियाँ स्वत: कम होती जाती है
पीपल में प्���तिदिन (रविवार को छोड़कर) जल अर्पित करने से कुंडली के समस्त अशुभ ग्रह योगों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। पीपल की परिक्रमा से कालसर्प जैसे ग्रह योग के बुरे प्रभावों से भी छुटकारा मिल जाता है। (पद्म पुराण)
असाध्य रोगो में पीपल
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पीपल की सेवा से असाध्य से असाध्य रोगो में भी चमत्कारी लाभ होता देखा गया है ।
यदि कोई व्यक्ति किसी भी रोग से ग्रसित है
वह नित्य पीपल की सेवा करके अपने बाएं हाथ से उसकी जड़ छूकर उनसे अपने रोगो को दूर करने की प्रार्थना करें तो जातक के रोग शीघ्र ही दूर होते है। उस पर दवाइयों का जल्दी / तेज असर होता है ।
यदि किसी बीमार व्यक्ति का रोग ठीक ना हो रहा हो तो उसके तकिये के नीचे पीपल की जड़ रखने से बीमारी जल्दी ठीक होती है ।
निसंतान दंपती संतान प्राप्ति हेतु पीपल के एक पत्ते को प्रतिदिन सुबह लगभग एक घंटे पानी में रखे, बाद में उस पत्ते को पानी से निकालकर किसी पेड़ के नीचे रख दें और पति पत्नी उस जल का सेवन करें तो शीघ्र संतान प्राप्त होती है ऐसा लगभग 2-3 माह तक लगातार करना चाहिये।
श्री हनुमानजी महाराज के पूजन-दर्शन से जीवन के समस्त संकटों का नाश हो जाता है। आज किसी भी हनुमान मंदिर में जाएं और हनुमानजी को गुड़ का नैवेद्य लगाएं। वहीं बैठकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। अत्यंत चमत्कारिक रूप से लाभ प्राप्त होगा। जिस कामना को मन में धारण करके पाठ करेंगे वह तीन दिन में पूरी हो जाएगी। आज से बुध का कर्क राशि में गोचर प्रारंभ हो रहा है जिसके कारण सभी राशि के जातकों के लिए उत्तम समय प्रारंभ होने वाला है। आपको बस सोच समझकर निर्णय लेना है, जो निर्णय लेंगे वह पूरा होगा। आज गणेशजी के दर्शन भी करें।
विक्रम संवत : 2080 शालिवाहन शके : 1945 मास : श्रावण (प्रथम शुद्ध) कृष्ण पक्ष ऋतु : वर्षा अयन : दक्षिणायन तिथि : षष्ठी रात्रि 9:50 तक नक्षत्र : पूर्वाभाद्रपद रात्रि 8:34 तक योग : सौभाग्य सायं 5:21 तक करण : गर प्रात: 10:59 तक पश्चात वणिज सूर्योदय : 5:49:00 सूर्यास्त : 7:14:21 दिनकाल : 13 घंटे 25 मिनट 20 सेकंड रात्रिकाल : 10 घंटे 35 मिनट 02 सेकंड चंद्रास्त : प्रात: 10:47 चंद्रोदय : रात्रि 11:26
आज की ग्रह स्थिति सूर्य राशि : मिथुन चंद्र राशि : कुंभ, दोप 2:56 से मीन में मंगल : सिंह बुध : कर्क गुरु : मेष शुक्र : सिंह शनि : कुंभ वक्री राहु : मेष केतु : तुला
दिन का चौघड़िया शुभ : प्रात: 7:30 से 9:10 चर : दोप 12:32 से 2:12 अमृत : दोप 3:53 से सायं 5:34 रात्रि का चौघड़िया लाभ : सायं 7:14 से रात्रि 8:34
त्याज्य समय राहु काल : प्रात: 9:10 से 10:51 यम घंट : दोप 2:12 से 3:53 आज विशेष : आज का शुभ रंग : नीला, काला आज के पूज्य देव : श्री हनुमानजी महाराज आज का मंत्र : ऊं हं हनुमते नम:
आज का राशिफल
मेष : परिवार वालों में प्रेम बढ़ेगा आज का दिन आपके लिए ठीक रहेगा, दाम्पत्य जीवन में मधुरता बढ़ेगी। परिवार वालों में प्रेम बढ़ेगा, धन लाभ के आसार हैं। मित्रों संग मुलाकात हो रही है।
वृषभ : खर्चों पर रोक लगाने की जरूरत है आज का दिन आपके लिए ठीक रहेगा, आपका वैवाहिक रिश्ता मजबूत बनेगा, अनावश्यक खर्चों पर रोक लगाने की जरूरत है, धन लाभ के आसार हैं।
मिथुन : बिजनेस वालों के लिए दिन अच्छा आज का दिन आपके लिए अच्छा रहेगा। रूके हुए काम पूरे होंगे। धन लाभ के आसार हैं, बिजनेस वालों के लिए दिन अच्छा है। सैलरी में बढ़ोतरी होगी।
कर्क: रूके हुए काम पूरे होंगे आज का दिन आपके लिए बेहतरीन रहेगा, प्रेमी के रिश्ते में मधुरता बढ़ेगी। सैलरी में बढ़ोतरी होगी। धन लाभ के आसार हैं। रूके हुए काम पूरे होंगे।
सिंह :बेहतरीन रहेगा आजका दिन आज का दिन आपके लिए बेहतरीन रहने वाला है। आज आप कुछ काम ऐसे करेंगे, जिससे आपको खुशी मिलेगी। परिवार वालों के बीच प्रेम और शांति बनी रहेगी।
कन्या : दुखी और परेशान ना हों आज का दिन आपके लिए अच्छा रहेगा। किसी बात को लेकर दुखी और परेशान ना हों। मन से किसी भी काम को करेंगे ना उसमे आपको खुशी मिलेगी। दिन अच्छा है।
तुला : रूके हुए काम वक्त पर पूरे होंगे आज का दिन आपके लिए अच्छा रहने वाला है। पूजा पाठ में मन लगेगा। पुराना कर्जा मिलेगा। रूके हुए काम वक्त पर पूरे होने से मन खुश और शांत रहेगा।
वृश्चिक : परिवार में प्रेम बना रहेगा आज का दिन आपके लिए अच्छा ही रहने वाला है। मंदिर जाने का मौका मिलेगा। परिवार में प्रेम बना रहेगा। जो चाहते हैं वो हासिल होगा। आय के श्रोत बनेगा।
वृश्चिक : धन लाभ के आसार हैं आज का दिन आपके लिए आनंदमय रहेगा। धार्मिक स्थान पर जाने की योजना बन सकती है। मित्रों संग वक्त बिताने का मौका भी मिलेगा। धन लाभ के आसार हैं।
धनु : परिवार में मान-सम्मान बढ़ेगा आज का दिन आपके लिए आनंदमय रहेगा। नौकरी वाले लोगों को पदोन्नति मिलेगी। मौसम परिवर्तन के कारण आपके स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव हो सकता है। धन लाभ के आसार हैं।
कुंभ: ज्यादा किसी से उलझे नहीं आज का दिन आपके लिए काफी अच्छा रहेगा। किसी बात को लेकर ज्यादा किसी से उलझे नहीं। सेहत का ख्याल रखें और मन से खुश रहने का प्रयास करें।
मकर: मित्रों संग सैर-सपाटा करने का मौका आज का दिन आपके लिए सामान्य रहेगा। आज आपको दौड़ भाग से राहत मिलेगी। बच्चों संग बाहर घूमने जा सकते है। मित्रों संग सैर-सपाटा करने का मौका मिलेगा। आज का दिन आपके लिए आनंदमय रहेगा। नौकरी वाले लोगों को पदोन्नति मिलेगी। मौसम परिवर्तन के कारण आपके स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव हो सकता है। धन लाभ के आसार हैं।
मीन: मान-सम्मान में प्राप्ति होगी आज का दिन आपके लिए अच्छा ही रहेगा। मान-सम्मान में प्राप्ति होगी। रूके हुए काम पूरे होंगे। वाणी पर कंट्रोल रखे वरना पत्नी संग झगड़ा हो सकता है।
sade sati remedie शनि की साढ़े साती से मुक्ति shani ki sade sati vedic astrology @sartatva2023
शनि देव की कूर दृष्टि से बचने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना अचूक उपाय है. अगर आपकी कुंडली में ढैया या साढ़े साती चल रही है या फिर आप शनि के प्रकोप से पीड़ित हैं, तो हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें. श्री हनुमान चालीसा का पाठ शनि के सभी कष्टों से मुक्ति दिलाता है.
यह मंत्र भगवान हनुमान की स्तुति में लिखा गया था। हनुमान चालीसा में 40 श्लोक हैं और माना जाता है कि यदि आप नियमित रूप से इसका जाप करते हैं तो हनुमान के गुण आपको प्रदान करते हैं। इस मंत्र का जाप आपको आंतरिक संतुष्टि प्रदान करता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है। लेकिन इनके अलावा भी हनुमान चालीसा का जाप करने के और भी फायदे हैं जिनसे हम अब तक अनजान हैं। तो आज इस लेख में हम हनुमान चालीसा का अर्थ समझेंगे और इससे हमें मिलने वाले कई फायदों के बारे में जानेंगे।
हनुमान चालीसा हम अक्सर अपने बड़ों से सुनते हैं कि भूत-प्रेत से डर लगने पर इसका जाप किया जाता है। कई माता-पिता बच्चों को पढ़ाने की कोशिश करते हैं। इसके और भी कई फायदे हैं। हनुमान चालीसा का जाप करने से संबंधित कई लाभ हैं।
हनुमान चालीसा अवधी भाषा में तुलसी दास द्वारा लिखा गया एक हिंदू भक्ति मंत्र है। शुरू करते हैं।
1. आपको दुष्ट आभा से सुरक्षित रखता है
2. शनि की ढैय्या से रक्षा करता है
3. राहु दोष को दूर करता है
4. उदासी और छोटी-मोटी बीमारियों को दूर करें
5. आत्मविश्वास हासिल करें
6. याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाता है
7. भाग्य कारक को बढ़ाता है
8. तनाव कम करें
9. आपकी समग्र शारीरिक शक्ति में सुधार करने के लिए माना जाता है
10. आपके बाद के जीवन को आसान बनाता है और भगवान राम के भक्त के रूप में फिर से जन्म लेता है
इन पंक्तियों का आम तौर पर मतलब है कि आप श्री राम के दिव्य निवास में प्रवेश करते हैं, और आपको अपने भविष्य के जन्मों के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आप श्री राम के भक्त के रूप में जन्म लेंगे।
ऐसा माना जाता है कि मृत्यु के बाद एक बार जब आप अपना शरीर छोड़ देते हैं, तो स्वर्ग (स्वर्ग) तक पहुँचने के लिए एक अलग यात्रा होती है जो बहुत जटिल होती है। ऐसा माना जाता है कि हनुमान चालीसा का जाप करने से आपके लिए यह रास्ता आसान हो जाएगा और आपको इस बात की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है कि आपके भविष्य के जन्म कैसे होंगे। एक वाक्य में यदि आप हनुमान चालीसा का जाप करते हैं तो आपका परलोक श्री राम स्वयं संभाल लेंगे।
शनि प्रदोष व्रत कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक नगर सेठ थे। सेठजी के घर में हर प्रकार की सुख-सुविधाएं थीं लेकिन संतान नहीं होने के कारण सेठ और सेठानी हमेशा दुःखी रहते थे…
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