#श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर
Explore tagged Tumblr posts
livetimesnewschannel · 1 month ago
Text
10 Temples in India that Restrict Entry for Women
Tumblr media
Introduction
10 Temples in India Where Women Are Not Allowed: कहते हैं भगवान के घर में सब लोग बराबर हैं, लेकिन भारत में कई ऐसे मंदिर भी मौजूद हैं, जहां एंट्री को लेकर लिंग भेद किया जाता है. हालांकि, देश के संविधान में हर एक इंसान को मंदिरों में समान रूप से प्रवेश की इजाजत है. इसके बावजूद भारत में कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जहां पीरियड्स के दौरान महिला का मंदिर के अंदर प्रवेश वर्जित है. इसके अलावा कुछ मंदिरों में तो पीरियड्स के उम्र की महिलाओं को मंदिर के अंदर जाने से रोक दिया जाता है. ऐसे में आज हम आपको देश के उन मंदिरों के बारे में बताएंगे, जहां औरतों का जाना बिल्कुल मना है. आपको बता दें कि केरल का फेमस सबरीमाला मंदिर भी इस लिस्ट में आता है, जहां महिला केवल बाहर से ही मंदिर के दर्शन कर सकती हैं, लेकिन गर्भगृह तक नहीं जा सकतीं. आइए जानते हैं भारत में ऐसे और कौन-कौन से मंदिर हैं.
Table of Content
पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल
जैन मंदिर, मध्य प्रदेश
कार्तिकेय मंदिर, पुष्कर
बाबा बालक नाथ मंदिर, हिमाचल प्रदेश
सबरीमाला मंदिर, केरल
माता मावली मंदिर, छत्तीसगढ़
शनि शिंगणापुर मंदिर, महाराष्ट्र
रणकपुर जैन मंदिर, राजस्थान
मंगल चांडी मंदिर, झारखंड
ध्रूम ऋषि मंदिर, उत्तर प्रदेश
पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल
केरल का श्री पद्मनाथ स्वामी श्री हरि विष्णु को समर्पित है. यह भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है जो केरल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम के पूर्वी किले के अंदर स्थित है. इस मंदिर को ‘दिव्य देसम’ भी कहा जाता है जो भगवान विष्णु के 108 पवित्र मंदिरों में से एक है. दिव्य देसम श्री हरि का सबसे पवित्र निवास स्थान है जिसका वर्णन तमिल संतों द्वारा लिखे गए पांडुलिपियों में मिलता है.
यहां देश के कोने-कोने से भक्तजन और श्रद्धालुजन दर्शन के लिए आते हैं. मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु की प्रतिमा इसी स्थान पर सबसे पहले मिली थी. यहां महिलाएं श्री हरि विष्णु का पूजन तो करती हैं, मगर उन्हें मंदिर के गर्भगृह के अंदर जाने की मनाही है. इसके अलावा बाहर से भी महिलाओं को दर्शन करने के लिए ड्रेस कोड को फॉलो करना पड़ता है. हालांकि, यहां दर्शन के लिए पुरुषों के लिए ड्रेस कोड है.
इस मंदिर का पुनर्निर्माण त्रावणकोर के प्रसिद्ध राजा मार्तंड वर्मा ने करवाया था. जानकारी के लिए बता दें कि केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम नाम भी श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रमुख देवता के नाम पर रखा गया है, जिन्हें अनंत भी कहते हैं. ‘तिरुवनंतपुरम’ का शाब्दिक अर्थ है – श्री अनंत पद्मनाभस्वामी की भूमि.
जैन मंदिर, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश का जैन मंदिर भी उस लिस्ट में शामिल है जहां महिलाओं को आसानी से प्रवेश की अनुमति नहीं मिलती. खासतौर से जिन महिलाओं ने वेस्टर्न कपड़े पहने हों, वह मंदिर के अंदर नहीं जा सकती. यह मंदिर मध्य प्रदेश के गुना में स्थित है. इतना ही नहीं इस मंदिर में उन महिलाओं को भी एंट्री नहीं मिलती जिन्होंने मेकअप किया हो. जैन मंदिर भगवान शांतिनाथ को समर्पित है जो यहां के प्रमुख देवता हैं. इस मंदिर का मूल नाम श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र है. जैन मंदिर का निर्माण 1236 में हुआ था. लाल पत्थर से बनीं कई जैन तीर्थंकर की प्रतिमाएं मंदिर में मौजूद हैं.
कार्तिकेय मंदिर, पुष्कर
भगवान कार्तिकेय के ब्रह्मचारी रूप को समर्पित कार्तिकेय मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है. यहां भगवान के ब्रह्मचारी स्वरूप का पूजन किया जाता है. मान्यता के अनुसार, भगवान कार्तिकेय के ब्रह्मचारी होने की वजह से मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. अगर कोई महिला इस मंदिर में दर्शन करने आती है तो उसे श्राप मिलता है. यही वजह है कि औरतें इस मंदिर में जाने से खुद को बचाती हैं.
बाबा बालक नाथ मंदिर, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश का बाबा बालक नाथ मंदिर ‘देवसिद्ध’ के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर के मुख्य देवता सिद्ध बाबा बालक नाथ एक हिंदू देवता हैं. उनकी पूजा प्रमुख तौर पर पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में की जाती है. यह मंदिर भारत के हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर और बिलासपुर जिलों की सीमा पर ‘हमीरपुर’ से दूर स्थित है. बाबा बालक नाथ मंदिर हमीरपुर जिले के चकमोह गांव में एक पहाड़ी की चोटी पर प्राकृतिक गुफा में स्थित हैं. इस गुफा में बाबा बालक नाथ की मूर्ति स्थापित है.
यह भी पढ़ें: आखिर क्यों है देशभर में ब्रह्माजी का सिर्फ एक ही मंदिर? जानिए इससे जुड़ी कथा
वैसे तो इस तीर्थस्थान पर पूरे साल कभी भी दर्शन करने के लिए जाया जा सकता है, लेकिन सनडे का दिन बाबा जी का पवित्र दिन माना जाता है. हालांकि कुछ समय पहले तक हमीरपुर में स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में महिलाओं का एंट्री लेना मना था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. आज भी यहां महिलाएं बाबा की गुफा के बाहर से ही दर्शन कर सकती हैं.
सबरीमाला मंदिर, केरल
दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है सबरीमाला मंदिर. भगवान अयप्पा को समर्पित यह मंदिर केरल के पथानामथिट्टा जिले में पेरियार टाइगर रिजर्व के अंदर स्थित है. पौराणिक कथाओं की माने तो भगवान अयप्पा श्री हरि विष्णु और भगवान शिव के स्त्री अवतार मोहिनी द्वारा जन्म दिए गए पुत्र हैं. बता दें कि भगवान अयप्पा भगवान धर्म शास्त्र के अवतार माने गए हैं. यह मंदि�� एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जो समुद्र तल से लगभग 3000 फीट ऊपर है. यह मंदिर कुछ खास मौसमों और दिनों के दौरान ही भक्तों के लिए खुला रहता है. इस मंदिर में जाने के लिए कई प्रतिबंध और अनुष्ठान का पालन करना पड़ता है.
दरअसल, मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को 18 पवित्र सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं, जिन्हें थिनेट्टू त्रिपदीकल भी कहा जाता है. बता दें कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश करना वर्जित है. इस मंदिर में 10 वर्ष की बच्ची से लेकर 50 वर्ष तक की महिला एंट्री नहीं ले सकती. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे दी है. सबरीमाला मंदिर के कपाट साल में केवल दो बार खुलते हैं एक 14 जनवरी और दूसरा 15 नवंबर को.
माता मावली मंदिर, छत्तीसगढ़
माता मावली का मंदिर भारत में ही नहीं, बल्कि इसे विदेश में भी खूब जाना-पहचाना जाता है. यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में भाटापारा के तहसील में एक गांव में स्थित है. माता मावली मंदिर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 75 किलोमीटर से दूर मौजूद है. ऐसा माना जाता है कि यहां माता मावली त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश की इच्छा से प्रकट हुई थीं. बता दें कि यह मंदिर देश-विदेश में इतना फेमस होते हुए भी यहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. आज भी सिर्फ पुरुष ही इस 400 साल पुराने मंदिर में दर्शन कर सकते हैं. मां आदि शक्ति के इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है.
शनि शिंगणापुर मंदिर, महाराष्ट्र
शनि शिंगणापुर मंदिर एक फेमस शनि मंदिर है. महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित यह मंदिर श्री शनेश्‍वर देवस्‍थान की कथाओं और अनगिनत भक्तों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं. इस मंदिर के अविश्‍वसनीय चमत्‍कारों के बारे में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है. महाराष्ट्र का जिला अहमदनगर संतों के निवास स्थान के तौर पर प्रसिद्ध है. अक्सर लोगों के मन में शनिदेव का खौफ देखा जाता है. आपको बता दें कि शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओ का प्रवेश करना वर्जित है, लेकिन वह मंदिर का बाहर से दर्शन कर सकती हैं. हालांकि, इस दकियानुसी परंपरा को महिलाओं द्वारा तोड़ने की भी कोशिश की गई जिसके लिए उन्होंने रैली भी निकाली थी. बावजूद इसके महिलाएं मंदिर में आज भी प्रवेश करने से वंचित हैं.
रणकपुर जैन मंदिर, राजस्थान
जैन धर्म के पांच प्रमुख तीर्थस्‍थलों में से एक है रणकपुर जैन मंदिर. राजस्थान में स्थित यह मंदिर अपनी खूबसूरत नक्काशी के लिए मशहूर है. बता दें कि उदयपुर से 96 किलोमीटर की दूरी पर रणकपुर मंदिर मौजूद है. इस मदिर की इमारत बेहद विशाल और भव्य है जो लगभग 40,000 वर्ग फीट में फैली है. बता दें कि 15वीं शताब्‍दी में राणा कुंभा के शासनकाल में इ मंदिर का निर्माण हुआ था. जो करीब 50 साल तक बनकर तैयार हुआ. रणकपुर जैन मंदिर के निर्माण में लगभग 99 लाख रुपये खर्च हुए. इस तीर्थ स्थान का नाम राणा कुंभा के नाम पर ही रणकपुर रखा गया. यह मंदिर भारतीय स्‍थापत्‍य कला के एक शानदार नमूनों में से एक है. अगर आप जैन धर्म में आस्था रखते हैं और वास्‍तुशिल्‍प में दिलचस्‍पी रखते हैं तो यह जगह आपको खूब पसंद आएगी.
यह भी पढ़ें: बेहद खास है तमिलनाडु का तिरुचेंदूर मुरुगन मंदिर, जानिए इसकी विशेषताएं
इस मंदिर की दिलचस्प बात यह है कि यहां महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है. हालांकि यहां महिलाओं की एंट्री पूरी तरह से तो वर्जित नहीं है, लेकिन मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के आने पर रोक है. इसके अलावा महिलाओं को वेस्टर्न कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
मंगल चांडी मंदिर, झारखंड
मां मंगल चंडी मंदिर झारखंड के फेमस मंदिरों में से एक है. यह मंदिर झारखंड के बोकारो जिला मुख्यालय से दूर कसमार प्रखंड के कुसमाटांड़ गांव में स्थित है. बता दें कि इस मंदिर में बच्चियों ��र महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. मां मंगल चंडी मंदिर में महिलाएं और बच्चियां किसी भी पूजा या धार्मिक अनुष्ठान के दौरान एंट्री नहीं ले सकती हैं. महिलाएं मंदिर से लगभग 150-200 मीटर की दूरी बैठकर ही पूजा कर सकती हैं. वहीं से बैठकर ही मां मंगल चांडी की पूजा और आराधना कर सकती हैं. मंदिर के पुजारी के अनुसार, पिछले करीब 100-150 सालों से महिलाओं के लिए मंदिर में प्रवेश लेना वर्जित है. इस परंपरा का आज भी यहां के लोग सख्ती से पालन कर रहे हैं.
ध्रूम ऋषि मंदिर, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश ध्रूम ऋषि मंदिर में भी कई दशकों से एक अनोखी परंपरा का पालन किया जा रहा है. यह मंदिर उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में स्थित एक फेमस मंदिर है. इस मंदिर में भी महिलाओं की एंट्री पर भी बैन लगा हुआ है. यहां गांव के लोग कई दशकों से उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में कड़ाई से कर रहे हैं. अगर गलती से भी कोई महिला मंदिर में प्रवेश कर लेती हैं तो गांव को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. गांव से सभी पुरुष इस मंदिर में प्रतिदिन दर्शन के लिए जाते हैं, मगर कोई भी महिला आज तक मंदिर की चौखट को भी छू नहीं पाई है.
Conclusion
भले ही समाज में स्त्री और पुरुष को समान दर्जा दिया गया है, लेकिन व्यावहारिकता में ऐसा नहीं है. यह कार्यस्थल और नौकरियों के अलावा धार्मिक स्थलों पर भी नजर आता है. भले ही इस पर विवाद हो, लेकिन यह नैतिक रूप से गलत है. मंदिरों में महिलाओं को प्रवेश न करने देना एक तरह से अमानवीय कृत्य है.
यह भी पढ़ेंः खास हैं उत्तर भारत के ये प्राचीन मंदिर, जहां दर्शन के लिए खुद बुलाते हैं भगवान
Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube | Instagram
0 notes
easyhindiblogs · 2 years ago
Text
Hidden Treasures in India
Tumblr media
Hidden Treasures in India : आक्रमणकारियों और उपनिवेशवादियों द्वारा लूटे जाने और अपनी सारी संपत्ति को खत्म करने से पहले भारत को कभी दुनिया का सबसे अमीर देश माना जाता था। भूमि को “सोने की चिड़िया” कहा जाता था। भारत को विदेशियों द्वारा भूमि की संपत्ति को सुरक्षित करने के लिए सबसे क्रूर लड़ाइयों के अधीन किया गया है कि उन लड़ाइयों के दौरान हजारों लोग मारे गए।
लूटेरों द्वारा भारत से चुराए गए कई खजाने यात्रा के दौरान खो गए थे, जबकि यह माना जाता है कि यह अभी भी भारत में मौजूद है। ऐसा माना जाता है कि कई प्राचीन मंदिरों और राजाओं के महलों में गुप्त तहखाना है जो अभी भी समझ से परे है। तो ये खजाने कहाँ हैं? क्या भारत उन्हें फिर कभी देख पाएगा? यहाँ उन खोए हुए खजाने में से कुछ हैं।
भारत के 7 रहस्यमयी खजाने (7 Hidden Treasures in India)
तो, चलिए एक और मिनट बर्बाद नहीं करते हैं, यहां भारत में 7 स्थान हैं जो खजाने का घर हैं।
1. बिहार में सोन भंडार गुफाएं
2. केरल में पद्मनाभस्वामी मंदिर
3. हैदराबाद में किंग कोठी पैलेस
4. आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी का खजाना
5. कर्नाटक में श्री मूकाम्बिका मंदिर
6. चारमीनार सुरंग, हैदराबाद
7. अलवर का किला, राजस्थान
For Complete Information, Please Read Our Full Blog,
0 notes
shantinewshindi · 5 years ago
Photo
Tumblr media
सुप्रीम कोर्ट ने शाही परिवार को सौंपा श्री पद्मनाभ मंदिर का खजाना सौंपा, वही करेगा देखभाल सुप्रीम कोर्ट ने केरल के ऐतिहासिक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन में त्रावणकोर शाही परिवार के अधिकार को बरकरार रखा। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के मामलों के प्रबंधन वाली प्रशासनिक समिति की... Source link
0 notes
newscup2021 · 4 years ago
Text
संसार का सबसे धनी और रहस्यों का केंद्र है श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर
संसार का सबसे धनी और रहस्यों का केंद्र है श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर
तिरुवनंतपुरम में स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित हैं, यह मंदिर संसार का सबसे धनी मंदिर है और रहस्यों का भी गढ़ है. ऑपइंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व के सबसे धनी श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर हिंदुओं के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक हैं और पौरोणिक मान्यताओं के अनुसार यहां भगवान विष्णु की मूर्ति प्राप्त हुई थी, जिसके बाद इस मंदिर का निर्माण कराया गया. श्री पद्मनाभस्वामी…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
apnaran · 3 years ago
Text
पद्मनाभ स्वामी मंदिर के सातवें दरवाजे को क्यो नहीं खोला जा सका? क्या है इसके पीछे का रहस्य
पद्मनाभ स्वामी मंदिर के सातवें दरवाजे को क्यो नहीं खोला जा सका? क्या है इसके पीछे का रहस्य
भारत के केरल राज्य की राजधानी, तिरुवनंतपुरम के पूर्वी किले के भीतर स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु का मंदिर है। यह मंदिर केरल और द्रविड़ वास्तुशिल्प शैली का अनुपम उदाहरण है। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का इतिहास 8वीं सदी से मिलता है। यह विष्णु के 108 पवित्र मंदिरों में से एक है। जिसे भारत के दिव्य देसम भी कहा जाता है। दिव्य देसम भगवान विष्णु का सबसे पवित्र निवास स्थान है, जिसका उल्लेख…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
masilcoglobal · 4 years ago
Photo
Tumblr media
मार्च के बाद विश्व प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के कपाट खुले वैश्विक महामारी को विभाजित -19 की वजह से देशभर में लगे लॉकडाउन के दौरान बंद किए गए विश्व प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के कपाट बुधवार को भक्तों के लिए खुले दिए गए। कोरोनावायरस की वजह से लगे ...। Source link
0 notes
jaikamal · 4 years ago
Photo
Tumblr media
वामपंथ के चुंगल से मुक्त हुआ #पद्मनाभस्वामी दो लाख करोड़ की संपत्ति और दुनिया का सबसे अमीर मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित ,महान विरासत वाला #पद्मनाभस्वामी_मंदिर की देखभाल करेगा त्रावणकोर रॉयल परिवार। सरकार के पास अब इसका स्वामित्व नही रहेगा। त्रावणकोर के युवराज आदित्य वर्मा ने जब ये समाचार अपनी माँ श्री गौरी लक्ष्मी को सुनाई तो दोनों रो पड़े। इस केस को सुब्रमण्यम स्वामी ने लड़ा और पद्मनाभस्वामी मंदिर को ....से मुक्त कराया । अब मंदिर प्रबंधन समिति के सभी सदस्य हिन्दु ही होंगें। #जय_पद्मनाभस्वामी https://www.instagram.com/p/CCnT9e-gmzG/?igshid=1gu9k6mv5ghfm
0 notes
jaihindutvasaurya · 5 years ago
Photo
Tumblr media
#सुब्रमण्यम_स्वामी जी को धन्यवाद 🙏 राक्षसों के चुंगल से मुक्त हुआ #पद्मनाभस्वामी मन्दिर। हिन्दुओं की एक बड़ी जीत 💪💪 दो लाख करोड़ की संपत्ति और महान विरासत वाला पद्मनाभस्वामी मंदिर की देखभाल त्रावणकोर रॉयल परिवार ही करेगा , #सरकार के पास अब इसका #स्वामित्व नही रहेगा । जो तस्वीर है वो बहोत कुछ कह जाती है , त्रावणकोर के युवराज आदित्य वर्मा ने जब ये समाचार अपनी माँ श्री गौरी लक्ष्मी को सुनाई तो दोनों रो पड़े, ये आरम्भ है मंदिरों पर सरकार के स्वामित्व के हटने का ।। इस केस को सुब्रमण्यम स्वामी ने लड़ा और पद्मनाभस्वामी मंदिर को म्लेक्षों से मुक्त कराया । अब मंदिर प्रबंधन समिति के सभी सदस्य हिन्दु ही होंगें.. मंदिरों से सरकारों और पैसा खाऊ गैंगों के चुंगलों से मुक्त कराने की लड़ाई लंबी है , पर ये ऐतिहासिक विजय है। देश के सभी मंदिरों से सरकार नियंत्रण समाप्त होना चाहिए। #जय_श्री_राम #जय_हिंदुत्व_शौर्य #JaiHindutvaSaurya (at Padmanabhaswamy Temple) https://www.instagram.com/p/CCmPbAogGXD/?igshid=dnerkiz2imgg
0 notes
vaibhavguptaposts · 5 years ago
Link
कई सालों से विवादों में घिरे दुनिया में सबसे अमीर मंदिरों में से एक पद्मनाभस्वामी मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है। केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर को चलाने का अधिकार एक शाही परिवार को मिल गया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नौ सालों से चल रही कानूनी लड़ाई को खत्म करते हुए पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है।
सोमवार(13 जुलाई) को केस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला देते हुए तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमेटी को मंदिर की व्यवस्था और देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी है। SC में मंदिर में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर प्रबंधन और प्रशासन का विवाद पिछले नौ सालों से लंबित था। केरल हाईकोर्ट के फैसले को त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मंदिर के पास करीब दो लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है। बता दें कि भगवान पद्मनाभ (विष्णु) के इस भव्य मंदिर का पुनíनर्माण 18वीं सदी में इसके मौजूदा स्वरूप में त्रावणकोर शाही परिवार ने कराया था। इसी शाही परिवार ने 1947 में भारतीय संघ में विलय से पहले दक्षिणी केरल और उससे लगे तमिलनाडु के कुछ भागों पर शासन किया था। स्वतंत्रता के बाद भी मंदिर का संचालन पूर्ववर्ती राजपरिवार ही नियंत्रित ट्रस्ट करता रहा जिसके कुलदेवता भगवान पद्मनाभ हैं।
0 notes
vilaspatelvlogs · 5 years ago
Text
एक लाख करोड़ रुपए के मालिकाना हक वाले पद्मनाभस्वामी मंदिर का विवाद सुलझा; 5 प्रश्नों में जानिये पूरा विवाद
एक लाख करोड़ रुपए के मालिकाना हक वाले पद्मनाभस्वामी मंदिर क��� विवाद सुलझा; 5 प्रश्नों में जानिये पूरा विवाद
[ad_1]
दैनिक भास्कर
Jul 13, 2020, 07:40 PM IST
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तिरुवनंतपुरम के ऐतिहासिक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन और देखरेख की जिम्मेदारी पूरी तरह से त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार को सौंप दी। त्रावणकोर के शाही परिवार के सदस्यों की ओर से दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया।
क्या है इस मंदिर का इतिहास?
श्री पद्मनाभ मंदिर को 6वीं…
View On WordPress
0 notes
mysteriousworldmarathi · 3 years ago
Text
मंदिरे हजारो वर्षांपासून सभ्यतेचा एक भाग आहेत.
ते जगभरात पसरलेले आहेत आणि त्याच्या काळातील लोकांसाठी खूप आदर बाळगतात आणि आजही उपासक या पवित्र स्थळांची यात्रा तीर्थयात्रेसाठी करतात. परंतु या पवित्र वास्तूंच्या धार्मिक पैलूंव्यतिरिक्त, यापैकी काही मंदिरे वास्तुकला आणि मानवी अभियांत्रिकीचे शुद्ध चमत्कार आहेत.
येथे जगातील २० सर्वात रहस्यमय मंदिरे आहेत जी त्यांच्या कलाकृती साठी अविश्वसनीय वाटतात.
सुमारे २० ��ाखाहून अधिक मंदिरांसाठी प्रसिध्द असलेल्या आप��्या भारत देशात काही अशी मंदिरे आहेत,जी तुम्हाला त्याच्या रहस्यांमुळे नक्कीच धक्का देतील. अशी हिंदू मंदिरे ज्यात न सुटलेले रहस्य आहेत
आणि कदाचित त्यामुळेच ह्या मंदिरांचे पौराणिक महत्त्व खूप जास्त आहे, हि प्राचीन मंदिरे त्यांच्यामध्ये हजारो वर्षांचा इतिहास आणि बरेच रहस्य लपवतात. ही रहस्यमय मंदिरे हजारो वर्षांपूर्वी सर्वात मूलभूत साधने आणि उपकरणांनी बांधली गेली. तसेच त्यांची दिव्य भव्य रचना पाहून आश्चर्यचकित करते की सुरुवातीच्या माणसाला ते बनवणे शक्य होते का?
किंवा ते इतर कोणी बनवले होते?
हे सर्व जर रोमांचक वाटत असेल तर खाली दिलेल्या विडीओ लिंक वर क्लिक करा आणि विडिओ पूर्ण पहा!
विडीओ आवडल्यास LIKE करा आणि अश्याच नवनवीन INFORMATIVE विडीओज साठी चैनलला SUBSCRIBE करा.
https://youtu.be/zK6kBo1M25Q
#mysterioustempleofindia
येथे भारतातील 20 रहस्यमय मंदिरांची यादी आहे जी तुम्ही एकदा भेट दिली पाहिजे:
1. केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड
2. स्तंबेश्वर महादेव: कवी-कांबोई, जंबुसर, गुजरात
३. लिंगराज मंदिर: भुवनेश्वर, ओडिशा
४. कैलास मंदिर: एलोरा लेणी, महाराष्ट्र
५. वीरभद्र मंदिर: लेपाक्षी, आंध्र प्रदेश
६.मीनाक्षी अम्मान मंदिर: मदुराई, तामिळनाडू
७. काल भैरव नाथ मंदिर: वाराणसी, उत्तर प्रदेश
८. मेहंदीपूर बालाजी मंदिर: दौसा, राजस्थान
९. कामाख्या देवी मंदिर: गुवाहाटी, आसाम
१०. श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर: तिरुअनंतपुरम, केरळ
११. वेंकटेश्वर मंदिर: तिरुमला, आंध्र प्रदेश
१२. कोडुंगल्लूर श्री कुरुंबा भगवती मंदिर: कोडुंगल्लूर, केरळ
१३. अनंतपद्मनाभ तलाव मंदिर: कासारगोड, केरळ
१४. बृहदेश्वर मंदिर - तंजोर, भारत
१५. सूर्य मंदिर - कोणार्क, भारत
१६. देवजी महाराज मंदिर, एमपी: वार्षिक "भूत मेळाव्याचे" ठिकाण
१७. ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर: परमेश्वराचे एकमेव मंदिर
१८. देवरागट्टू मंदिर आंध्र प्रदेश: लाठी रिटनल्ली
१९. निधिवन मंदिर, वृंदावन: देवाचे स्वतःचे निवासस्थान
२०. चन्नपटना श्वान मंदिर: रामनगर, कर्नाटक
आधीच अंदाजे अनेक दशलक्ष देव आहेत परंतु सामान्य देवांची पूजा केली जाते.
पण भारतातील 20 रहस्यमय मंदिरांची यादी जी आम्ही तुमच्यासाठी आणली आहे ती भारतातील नेहमीची मंदिरे नाहीत. त्याऐवजी, ते असे आहेत जेथे असामान्य देवतांची पूजा केली जाते. आपल्या देशात सुमारे २० लाख मंदिरांसह, इतर अनेक मंदिरे आहेत ज्यात आकर्षक श्रद्धा आहेत.
आशा करतो मित्रांनो तुम्हाला हा विडिओ आवडेल.
जर विडिओ आवडला असेल तर प्लीज विडिओला LIKE करा.
आणि जर तुम्ही Mysterious world Marathi
ह्या चॅनेलवर नवे आहात आणि अश्या Mysterious आणि Science Fiction गोष्टींमध्ये आवड असेल तर प्लीज मित्रांनो चॅनेल Subscribe करा जेणे करून तुम्ही नवनवीन येणाऱ्या विडिओला पाहू शकता..,
परत भेटू मित्रांनो एका नवीन Mysterious विडिओसोबत..,
जुळून राहा Mysterious world Marathi वर.
इन्स्टाग्राम:
https://www.instagram.com/mysteriousworldmarathii/
तुमच्या प्रतिक्रिया साठी कृपया येथे संपर्क करा:
Thank You So Much And Keep Loving Us!
youtube
0 notes
chaitanyabharatnews · 5 years ago
Text
पद्मनाभस्वामी मंदिर के मैनजमेंट में त्रावणकोर राजघराने का भी हक, 9 साल बाद आया फैसला
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज केरल स्थित दुनिया के सबसे धनी मंदिरों में से एक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन और उसकी संपत्तियों पर अधिकार को लेकर सोमवार को ��ुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सोमवार को कोर्ट ने पद्मनाभस्वामी मंदिर (Padmanabhaswamy Temple) के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है। तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमिटी फिलहाल मंदिर की व्यवस्था देखेगी। सुप्रीम कोर्ट में केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर प्रबंधन और प्रशासन का विवाद नौ सालों से कोर्ट में लंबित था। केरल हाईकोर्ट के फैसले को त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मंदिर के पास करीब दो लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है। नौ साल से विवाद केरल उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ राजपरिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस इंदु मल्होत्रा की बेंच ने करीब तीन महीने तक जिरह सुनने के बाद पिछले साल 10 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख दिया था। तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमिटी फिलहाल मंदिर की व्यवस्था देखेगी। मुख्य कमिटी के गठन तक यही व्यवस्था रहेगी। मुख्य कमिटी में राजपरिवार की भी अहम भूमिका रहेगी। मंदिर प्रबंधन को लेकर नौ साल से विवाद चल रहा था। भगवान पद्मनाभ (विष्णु) स्वामी के इस भव्य मंदिर का पुनर्निर्माण 18वीं सदी में त्रावणकोर राजकुल ने कराया था। इसी राज परिवार ने 1947 तक भारतीय संघ में विलय से पहले दक्षिणी केरल और उससे लगे तमिलनाडु के कुछ भागों पर शासन किया था। स्वतंत्रता के बाद भी मंदिर का संचालन पूर्ववर्ती राजपरिवार के नियंत्रण वाला ट्रस्ट ही करता रहा। राजपरिवार के कुलदेवता भगवान पद्मनाभ स्वामी ही हैं। बता दें सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस इंदु मल्होत्रा की बेंच ने पिछले साल 10 अप्रैल को मामले में केरल हाईकोर्ट के 31 जनवरी, 2011 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मंदिर, उसकी संपत्तियों का प्रबंधन संभालने तथा परिपाटियों के अनुरूप मंदिर का संचालन करने के लिए एक निकाय या ट्रस्ट बनाने को कहा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह तय करना था कि पद्मनाभ स्वामी मंदिर का मैनेजमेंट राज्य सरकार देखेगी या त्रावणकोर का पूर्व शाही परिवार। सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई हुई कि क्या यह मंदिर सार्वजनिक संपत्ति है और इसके लिए तिरुपति तिरुमला, गुरुवयूर और सबरीमला मंदिरों की तरह ही देवस्थानम बोर्ड की स्थापना की जरूरत है या नहीं? बेंच ने राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी। गौरतलब है कि साल 2011 मई में सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के प्रबंधन और संपत्तियों पर नियंत्रण से संबंधित हाईकोर्ट के निर्देश पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मंदिर के खजाने में मूल्यवान वस्तुओं, आभूषणों का भी विस्तृत विवरण तैयार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई 2011 को कहा था कि मंदिर के तहखाने-बी के खुलने की प्रक्रिया पर अगले आदेश तक रोक रहेगी। ये भी पढ़े मंदिरों में आने वाले दान पर पड़ा लॉकडाउन का असर, हर माह 3 करोड़ दान पाने वाले पद्मनाभ मंदिर में आए सिर्फ 25 हजार रुपए शाकाहारी मगरमच्छ करता है इस मंदिर की रखवाली, खाता है सिर्फ प्रसाद Read the full article
0 notes
quickyblog · 5 years ago
Photo
Tumblr media
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला: आप सभी को जानना होगा | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, तिरुवनंतपुरम, केरल। NEW DELHI: द उच्चतम न्यायालय सोमवार को कहा कि जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली प्रशासनिक समिति का प्रबंधन जारी रहेगा पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल में। मंदिर ने सदियों से ‘कल्लारों’ (वाल्ट) में बंद धन की खोज के बाद दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक के रूप में प्रसिद्ध किया। …
0 notes
technicallyherangel · 5 years ago
Text
Padmanabha Swamy Temple SC verdict Travancore Royal Family Maharani Gauri Parvthy श्री पद्मनाभस्‍वामी मंदिर: त्रावणकोर के राजकुमार आदित्य वर्मा और महारानी गौरी पार्वती की SC के फैसले पर प्रतिक्रिया
Padmanabha Swamy Temple SC verdict Travancore Royal Family Maharani Gauri Parvthy श्री पद्मनाभस्‍वामी मंदिर: त्रावणकोर के राजकुमार आदित्य वर्मा और महारानी गौरी पार्वती की SC के फैसले पर प्रतिक्रिया
Tumblr media
Travancore Royal Family Maharani Gauri Parvthy Rajkumar Aditya Verma
केरल के 5000 साल पुराने ऐतिहासिक भगवान विष्‍णु के मंदिर श्री पद्मनाभस्वामी मंदिरके प्रशासन को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर पर त्रावणकोर के शाही परिवार के अधिकार को बरकरार रखा है। इस फैसले पर त्रावणकोर की महारानी गौरी पार्वती ने कहा कि…
View On WordPress
0 notes
sandhyabakshi · 5 years ago
Photo
Tumblr media
बेहद चौंकाने वाला है भगवान विष्णु को समर्पित पद्मनाभ स्वामी मंदिर के सातवें दरवाजे का रहस्य केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन और प्रबंधन के बीच चल रहा कानूनी विवाद आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाकर खत्म कर दिया है। बता दें, मंदिर के प्रबंधन का अधिकार त्रावणकोर के पूर्व शाही... Source link
0 notes
dmchandresh · 5 years ago
Text
पद्मनाभस्वामी मंदिर केस: SC ने सुनाया फैसला- जिला जज की अगुवाई में बनेगी कमेटी
पद्मनाभस्वामी मंदिर केस: SC ने सुनाया फैसला- जिला जज की अगुवाई में बनेगी कमेटी
Tumblr media
पद्मनाभस्वामी मंदिर को लेकर चल रहे विवाद पर फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने राजपरिवार के अधिकार को दे दी मान्यता
केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर प्रबंधन और प्रशासन के बीच सालों से चल रहे कानूनी विवाद में अब सुप्रीम कोर्ट ने पद्मनाभस्वामी मन्दिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी. तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमिटी…
View On WordPress
0 notes