#श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर
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Hidden Treasures in India
Hidden Treasures in India : आक्रमणकारियों और उपनिवेशवादियों द्वारा लूटे जाने और अपनी सारी संपत्ति को खत्म करने से पहले भारत को कभी दुनिया का सबसे अमीर देश माना जाता था। भूमि को “सोने की चिड़िया” कहा जाता था। भारत को विदेशियों द्वारा भूमि की संपत्ति को सुरक्षित करने के लिए सबसे क्रूर लड़ाइयों के अधीन किया गया है कि उन लड़ाइयों के दौरान हजारों लोग मारे गए।
लूटेरों द्वारा भारत से चुराए गए कई खजाने यात्रा के दौरान खो गए थे, जबकि यह माना जाता है कि यह अभी भी भारत में मौजूद है। ऐसा माना जाता है कि कई प्राचीन मंदिरों और राजाओं के महलों में गुप्त तहखाना है जो अभी भी समझ से परे है। तो ये खजाने कहाँ हैं? क्या भारत उन्हें फिर कभी देख पाएगा? यहाँ उन खोए हुए खजाने में से कुछ हैं।
भारत के 7 रहस्यमयी खजाने (7 Hidden Treasures in India)
तो, चलिए एक और मिनट बर्बाद नहीं करते हैं, यहां भारत में 7 स्थान हैं जो ��जाने का घर हैं।
1. बिहार में सोन भंडार गुफाएं
2. केरल में पद्मनाभस्वामी मंदिर
3. हैदराबाद में किंग कोठी पैलेस
4. आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी का खजाना
5. कर्नाटक में श्री मूकाम्बिका मंदिर
6. चारमीनार सुरंग, हैदराबाद
7. अलवर का किला, राजस्थान
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सुप्रीम कोर्ट ने शाही परिवार को सौंपा श्री पद्मनाभ मंदिर का खजाना सौंपा, वही करेगा देखभाल सुप्रीम कोर्ट ने ��ेरल के ऐतिहासिक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन में त्रावणकोर शाही परिवार के अधिकार को बरकरार रखा। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के मामलों के प्रबंधन वाली प्रशासनिक समिति की... Source link
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संसार का सबसे धनी और रहस्यों का केंद्र है श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर
संसार का सबसे धनी और रहस्यों का केंद्र है श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर
तिरुवनंतपुरम में स्थित ��्री पद्मनाभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित हैं, यह मंदिर संसार का सबसे धनी मंदिर है और रहस्यों का भी गढ़ है. ऑपइंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व के सबसे धनी श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर हिंदुओं के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक हैं और पौरोणिक मान्यताओं के अनुसार यहां भगवान विष्णु की मूर्ति प्राप्त हुई थी, जिसके बाद इस मंदिर का निर्माण कराया गया. श्री पद्मनाभस्वामी…
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#Sri Padmanabhaswamy Temple#केरल#तिरुवनंतपुरम#पद्मनाभस्वामी मंदिर#विष्णु मंदिर#श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर#संसार का सबसे धनी मंदिर
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पद्मनाभ स्वामी मंदिर के सातवें दरवाजे को क्यो नहीं खोला जा सका? क्या है इसके पीछे का रहस्य
पद्मनाभ स्वामी मंदिर के सातवें दरवाजे को क्यो नहीं खोला जा सका? क्या है इसके पीछे का रहस्य
भारत के केरल राज्य की राजधानी, तिरुवनंतपुरम के पूर्वी किले के भीतर स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु का मंदिर है। यह मंदिर केरल और द्रविड़ वास्तुशिल्प शैली का अनुपम उदाहरण है। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का इतिहास 8वीं सदी से मिलता है। यह विष्णु के 108 पवित्र मंदिरों में से एक है। जिसे भारत के दिव्य देसम भी कहा जाता है। दिव्य देसम भगवान विष्णु का सबसे पवित्र निवास स्थान है, जिसका उल्लेख…
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मार्च के बाद विश्व प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के कपाट खुले वैश्विक महामारी को विभाजित -19 की वजह से देशभर में लगे लॉकडाउन के दौरान बंद किए गए विश्व प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के कपाट बुधवार को भक्तों के लिए खुले दिए गए। कोरोनावायरस की वजह से लगे ...। Source link
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वामपंथ के चुंगल से मुक्त हुआ #पद्मनाभस्वामी दो लाख करोड़ की संपत्ति और दुनिया का सबसे अमीर मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित ,महान विरासत वाला #पद्मनाभस्वामी_मंदिर की देखभाल करेगा त्रावणकोर रॉयल परिवार। सरकार के पास अब इसका स्वामित्व नही रहेगा। त्रावणकोर के युवराज आदित्य वर्मा ने जब ये समाचार अपनी माँ श्री गौरी लक्ष्मी को सुनाई तो दोनों रो पड़े। इस केस को सुब्रमण्यम स्वामी ने लड़ा और पद्मनाभस्वामी मंदिर को ....से मुक्त कराया । अब मंदिर प्रबंधन समिति के सभी सदस्य हिन्दु ही होंगें। #जय_पद्मनाभस्वामी https://www.instagram.com/p/CCnT9e-gmzG/?igshid=1gu9k6mv5ghfm
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#सुब्रमण्यम_स्वामी जी को धन्यवाद 🙏 राक्षसों के चुंगल से मुक्त हुआ #पद्मनाभस्वामी मन्दिर। हिन्दुओं की एक बड़ी जीत 💪💪 दो लाख करोड़ की संपत्ति और महान विरासत वाला पद्मनाभस्वामी मंदिर की देखभाल त्रावणकोर रॉयल परिवार ही करेगा , #सरकार के पास अब इसका #स्वामित्व नही रहेगा । जो तस्वीर है वो बहोत कुछ कह जाती है , त्रावणकोर के युवराज आदित्य वर्मा ने जब ये समाचार अपनी माँ श्री गौरी लक्ष्मी को सुनाई तो दोनों रो पड़े, ये आरम्भ है मंदिरों पर सरकार के स्वामित्व के हटने का ।। इस केस को सुब्रमण्यम स्वामी ने लड़ा और पद्मनाभस्वामी मंदिर को म्लेक्षों से मुक्त कराया । अब मंदिर प्रबंधन समिति के सभी सदस्य हिन्दु ही होंगें.. मंदिरों से सरकारों और पैसा ख��ऊ गैंगों के चुंगलों से मुक्त कराने की लड़ाई लंबी है , पर ये ऐतिहासिक विजय है। देश के सभी मंदिरों से सरकार नियंत्रण समाप्त होना चाहिए। #जय_श्री_राम #जय_हिंदुत्व_शौर्य #JaiHindutvaSaurya (at Padmanabhaswamy Temple) https://www.instagram.com/p/CCmPbAogGXD/?igshid=dnerkiz2imgg
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कई सालों से विवादों में घिरे दुनिया में सबसे अमीर मंदिरों में से एक पद्मनाभस्वामी मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है। केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर को चलाने का अधिकार एक शाही परिवार को मिल गया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नौ सालों से चल रही कानूनी लड़ाई को खत्म करते हुए पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है।
सोमवार(13 जुलाई) को केस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला देते हुए तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमेटी को मंदिर की व्यवस्था और देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी है। SC में मंदिर में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर प्रबंधन और प्रशासन का विवाद पिछले नौ सालों से लंबित था। केरल हाईकोर्ट के फैसले को त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मंदिर के पास करीब दो लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है। बता दें कि भगवान पद्मनाभ (विष्णु) के इस भव्य मंदिर का पुनíनर्माण 18वीं सदी में इसके मौजूदा स्वरूप में त्रावणकोर शाही परिवार ने कराया था। इसी शाही परिवार ने 1947 में भारतीय संघ में विलय से पहले दक्षिणी केरल और उससे लगे तमिलनाडु के कुछ भागों पर शासन किया था। स्वतंत्रता के बाद भी मंदिर का संचालन पूर्ववर्ती राजपरिवार ही नियंत्रित ट्रस्ट करता रहा जिसके कुलदेवता भगवान पद्मनाभ हैं।
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एक लाख करोड़ रुपए के मालिकाना हक वाले पद्मनाभस्वामी मंदिर का विवाद सुलझा; 5 प्रश्नों में जानिये पूरा विवाद
एक लाख करोड़ रुपए के मालिकाना हक वाले पद्मनाभस्वामी मंदिर का विवाद सुलझा; 5 प्रश्नों में जानिये पूरा विवाद
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दैनिक भास्कर
Jul 13, 2020, 07:40 PM IST
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तिरुवनंतपुरम के ऐतिहासिक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन और देखरेख की जिम्मेदारी पूरी तरह से त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार को सौंप दी। त्रावणकोर के शाही परिवार के सदस्यों की ओर से दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया।
क्या है इस मंदिर का इतिहास?
श्री पद्मनाभ मंदिर को 6वीं…
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मंदिरे हजारो वर्षांपासून सभ्यतेचा एक भाग आहेत.
ते जगभरात पसरलेले आहेत आणि त्याच्या काळातील लोकांसाठी खूप आदर बाळगतात आणि आजही उपासक या पवित्र स्थळांची यात्रा तीर्थयात्रेसाठी करतात. परंतु या पवित्र वास्तूंच्या धार्मिक पैलूंव्यतिरिक्त, यापैकी काही मंदिरे वास्तुकला आणि मानवी अभियांत्रिकीचे शुद्ध चमत्कार आहेत.
येथे जगातील २० सर्वात रहस्यमय मंदिरे आहेत जी त्यांच्या कलाकृती साठी अविश्वसनीय वाटतात.
सुमारे २० लाखाहून अधिक मंदिरांसाठी प्रसिध्द असलेल्या आपल्या भारत देशात काही अशी मंदिरे आहेत,जी तुम्हाला त्याच्या रहस्यांमुळे नक्कीच धक्का देतील. अशी हिंदू मंदिरे ज्यात न सुटलेले रहस्य आहेत
आणि कदाचित त्यामुळेच ह्या मंदिरांचे पौराणिक महत्त्व खूप जास्त आहे, हि प्राचीन मंदिरे त्यांच्यामध्ये हजारो वर्षांचा इतिहास आणि बरेच रहस्य लपवतात. ही रहस्यमय मंदिरे हजारो वर्षांपूर्वी सर्वात मूलभूत साधने आणि उपकरणांनी बांधली गेली. तसेच त्यांची दिव्य भव्य रचना पाहून आश्चर्यचकित करते की सुरुवातीच्या माणसाला ते बनवणे शक्य होते का?
किंवा ते इतर कोणी बनवले होते?
हे सर्व जर रोमांचक वाटत असेल तर खाली दिलेल्या विडीओ लिंक वर क्लिक करा आणि विडिओ पूर्ण पहा!
विडीओ आवडल्यास LIKE करा आणि अश्याच नवनवीन INFORMATIVE विडीओज साठी चैनलला SUBSCRIBE करा.
https://youtu.be/zK6kBo1M25Q
#mysterioustempleofindia
येथे भारतातील 20 रहस्यमय मंदिरांची यादी आहे जी तुम्ही एकदा भेट दिली पाहिजे:
1. केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड
2. स्तंबेश्वर महादेव: कवी-कांबोई, जंबुसर, गुजरात
३. लिंगराज मंदिर: भुवनेश्वर, ओडिशा
४. कैलास मंदिर: एलोरा लेणी, महाराष्ट्र
५. वीरभद्र मंदिर: लेपाक्षी, आंध्र प्रदेश
६.मीनाक्षी अम्मान मंदिर: मदुराई, तामिळनाडू
७. काल भैरव नाथ मंदिर: वाराणसी, उत्तर प्रदेश
८. मेहंदीपूर बालाजी मंदिर: दौसा, राजस्थान
९. कामाख्या देवी मंदिर: गुवाहाटी, आसाम
१०. श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर: तिरुअनंतपुरम, केरळ
११. वेंकटेश्वर मंदिर: तिरुमला, आंध्र प्रदेश
१२. कोडुंगल्लूर श्री कुरुंबा भगवती मंदिर: कोडुंगल्लूर, केरळ
१३. अनंतपद्मनाभ तलाव मंदिर: कासारगोड, केरळ
१४. बृहदेश्वर मंदिर - तंजोर, भारत
१५. सूर्य मंदिर - कोणार्क, भारत
१६. देवजी महाराज मंदिर, एमपी: वार्षिक "भूत मेळाव्याचे" ठिकाण
१७. ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर: परमेश्वराचे एकमेव मंदिर
१८. देवरागट्टू मंदिर आंध्र प्रदेश: लाठी रिटनल्ली
१९. निधिवन मंदिर, वृंदावन: देवाचे स्वतःचे निवासस्थान
२०. चन्नपटना श्वान मंदिर: रामनगर, कर्नाटक
आधीच अंदाजे अनेक दशलक्ष देव आहेत परंतु सामान्य देवांची पूजा केली जाते.
पण भारतातील 20 रहस्यमय मंदिरांची यादी जी आम्ही तुमच्यासाठी आणली आहे ती ��ारतातील नेहमीची मंदिरे नाहीत. त्याऐवजी, ते असे आहेत जेथे असामान्य देवतांची पूजा केली जाते. आपल्या देशात सुमारे २० लाख मंदिरांसह, इतर अनेक मंदिरे आहेत ज्यात आकर्षक श्रद्धा आहेत.
आशा करतो मित्रांनो तुम्हाला हा विडिओ आवडेल.
जर विडिओ आवडला असेल तर प्लीज विडिओला LIKE करा.
आणि जर तुम्ही Mysterious world Marathi
ह्या चॅनेलवर नवे आहात आणि अश्या Mysterious आणि Science Fiction गोष्टींमध्ये आवड असेल तर प्लीज मित्रांनो चॅनेल Subscribe करा जेणे करून तुम्ही नवनवीन येणाऱ्या विडिओला पाहू शकता..,
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पद्मनाभस्वामी मंदिर के मैनजमेंट में त्रावणकोर राजघराने का भी हक, 9 साल बाद आया फैसला
चैतन्य भारत न्यूज केरल स्थित दुनिया के सबसे धनी मंदिरों में से एक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन और उसकी संपत्तियों पर अधिकार को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सोमवार को कोर्ट ने पद्मनाभस्वामी मंदिर (Padmanabhaswamy Temple) के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को ��ान्यता दे दी है। तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमिटी फिलहाल मंदिर की व्यवस्था देखेगी। सुप्रीम कोर्ट में केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर प्रबंधन और प्रशासन का विवाद नौ सालों से कोर्ट में लंबित था। केरल हाईकोर्ट के फैसले को त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मंदिर के पास करीब दो लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है। नौ साल से विवाद केरल उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ राजपरिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस इंदु मल्होत्रा की बेंच ने करीब तीन महीने तक जिरह सुनने के बाद पिछले साल 10 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख दिया था। तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमिटी फिलहाल मंदिर की व्यवस्था देखेगी। मुख्य कमिटी के गठन तक यही व्यवस्था रहेगी। मुख्य कमिटी में राजपरिवार की भी अहम भूमिका रहेगी। मंदिर प्रबंधन को लेकर नौ साल से विवाद चल रहा था। भगवान पद्मनाभ (विष्णु) स्वामी के इस भव्य मंदिर का पुनर्निर्माण 18वीं सदी में त्रावणकोर राजकुल ने कराया था। इसी राज परिवार ने 1947 तक भारतीय संघ में विलय से पहले दक्षिणी केरल और उससे लगे तमिलनाडु के कुछ भागों पर शासन किया था। स्वतंत्रता के बाद भी मंदिर का संचालन पूर्ववर्ती राजपरिवार के नियंत्रण वाला ट्रस्ट ही करता रहा। राजपरिवार के कुलदेवता भगवान पद्मनाभ स्वामी ही हैं। बता दें सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस इंदु मल्होत्रा की बेंच ने पिछले साल 10 अप्रैल को मामले में केरल हाईकोर्ट के 31 जनवरी, 2011 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मंदिर, उसकी संपत्तियों का प्रबंधन संभालने तथा परिपाटियों के अनुरूप मंदिर का संचालन करने के लिए एक निकाय या ट्रस्ट बनाने को कहा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह तय करना था कि पद्मनाभ स्वामी मंदिर का मैनेजमेंट राज्य सरकार देखेगी या त्रावणकोर का पूर्व शाही परिवार। सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई हुई कि क्या यह मंदिर सार्वजनिक संपत्ति है और इसके लिए तिरुपति तिरुमला, गुरुवयूर और सबरीमला मंदिरों की तरह ही देवस्थानम बोर्ड की स्थापना की जरूरत है या नहीं? बेंच ने राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी। गौरतलब है कि साल 2011 मई में सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के प्रबंधन और संपत्तियों पर नियंत्रण से संबंधित हाईकोर्ट के निर्देश पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मंदिर के खजाने में मूल्यवान वस्तुओं, आभूषणों का भी विस्तृत विवरण तैयार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई 2011 को कहा था कि मंदिर के तहखाने-बी के खुलने की प्रक्रिया पर अगले आदेश तक रोक रहेगी। ये भी पढ़े मंदिरों में आने वाले दान पर पड़ा लॉकडाउन का असर, हर माह 3 करोड़ दान पाने वाले पद्मनाभ मंदिर में आए सिर्फ 25 हजार रुपए शाकाहारी मगरमच्छ करता है इस मंदिर की रखवाली, खाता है सिर्फ प्रसाद Read the full article
#padmanabhaswamytemple#royaltravancorefamily#SreePadmanabhaswamyTemple#Supremecourt#केरल#श्रीपद्मनाभस्वामीमंदिर#सुप्रीमकोर्ट
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श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला: आप सभी को जानना होगा | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, तिरुवनंतपुरम, केरल। NEW DELHI: द उच्चतम न्यायालय सोमवार को कहा कि जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली प्रशासनिक समिति का प्रबंधन जारी रहेगा पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल में। मंदिर ने सदियों से ‘कल्लारों’ (वाल्ट) में बंद धन की खोज के बाद दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक के रूप में प्रसिद्ध किया। …
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Padmanabha Swamy Temple SC verdict Travancore Royal Family Maharani Gauri Parvthy श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर: त्रावणकोर के राजकुमार आदित्य वर्मा और महारानी गौरी पार्व��ी की SC के फैसले पर प्रतिक्रिया
Padmanabha Swamy Temple SC verdict Travancore Royal Family Maharani Gauri Parvthy श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर: त्रावणकोर के राजकुमार आदित्य वर्मा और महारानी गौरी पार्वती की SC के फैसले पर प्रतिक्रिया
Travancore Royal Family Maharani Gauri Parvthy Rajkumar Aditya Verma
केरल के 5000 साल पुराने ऐतिहासिक भगवान विष्णु के मंदिर श्री पद्मनाभस्वामी मंदिरके प्रशासन को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर पर त्रावणकोर के शाही परिवार के अधिकार को बरकरार रखा है। इस फैसले पर त्रावणकोर की महारानी गौरी पार्वती ने कहा कि…
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बेहद चौंकाने वाला है भगवान विष्णु को समर्पित पद्मनाभ स्वामी मंदिर के सातवें दरवाजे का रहस्य केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन और प्रबंधन के बीच चल रहा कानूनी विवाद आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाकर खत्म कर दिया है। बता दें, मंदिर के प्रबंधन का अधिकार त्रावणकोर के पूर्व शाही... Source link
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पद्मनाभस्वामी मंदिर केस: SC ने सुनाया फैसला- जिला जज की अगुवाई में बनेगी कमेटी
पद्मनाभस्वामी मंदिर केस: SC ने सुनाया फैसला- जिला जज की अगुवाई में बनेगी कमेटी
पद्मनाभस्वामी मंदिर को लेकर चल रहे विवाद पर फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने राजपरिवार के अधिकार को दे दी मान्यता
केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर प्रबंधन और प्रशासन के बीच सालों से चल रहे कानूनी विवाद में अब सुप्रीम कोर्ट ने पद्मनाभस्वामी मन्दिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी. तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमिटी…
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थरूर का आरोप, PMO ने मेरा नाम काटा, PM के साथ मंदिर में जाने की अनुमति नहीं मिली - Shashi tharoor tweets pmo sri padmanabhaswamy temple swadesh darshan scheme
लोकसभा सांसद और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को आरोप लगाया कि श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के वक्त उन्हें और अन्य स्थानीय नेताओं को प्रवेश की अनुमति नहीं मिली. थरूर ने एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) पर सीधा हमला बोला और कहा कि जानबूझ कर मंदिर जाने वाले लोगों की सूची से उनका नाम काट दिया गया. थरूर तिरुवनंतपुरम से सांसद हैं.
थरूर ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘स्वदेश दर्शन प्रोजेक्ट के शुभारंभ के लिए तिरुवनंतपुरम में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मैंने अगवानी की लेकिन स्थानीय सांसद, विधायक और मेयर को प्रधानमंत्री के साथ मंदिर में दर्शन के लिए नहीं जाने दिया गया. हमें लगता है पीएमओ ने हमारा नाम लिस्ट से हटा दिया.’
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को केरल के श्री पद्मनाभ मंदिर में दर्शन किए और पूजा अर्चना की. यह पुरातनकालीन भगवान विष्णु के मंदिरों में एक है. प्रधानमंत्री ने मंदिर में तकरीबन 20 मिनट बिताए. इससे पहले कोलम जिले में एक सरकारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि वे श्री पद्मनाभस्वामी में पूजा करेंगे और केरल और देश के लोगों की भलाई के लिए मिन्नतें मांगेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी के साथ राज्यपाल जस्टिस पी. सदाशिवम और राज्य के देवस्वोम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन साथ थे. इससे पहले प्रधानमंत्री ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत श्री पद्मनाभ मंदिर में 90 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की शुरुआत की. इस प्रोजेक्ट के तहत ��ेश के धार्मिक स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने क��� योजना है. केंद्र सरकार ने लगभग सभी प्रदेशों में इसका खाका खींचा है और अब काम भी शुरू हो गया है.
Received PrimeMinister @narendramodi at the SreePadmanabhaSwamy temple in Thiruvananthapuram for the unveiling of a plaque of the Swadesh Darshan project. But when the local MP,MLA&Mayor were to enter the temple w/him for darshan, we learned that @PMOIndia had cut us from d list. pic.twitter.com/mactAJZZgK
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 15, 2019
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार शाम चार घंटे के दौरे पर केरल पहुंचे थे. उन्होंने रायपुर से केरल के लिए उड़ान भरी थी. रायपुर में भी उन्होंने योजनाओं की शुरुआत की. केरल पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत राज्यपाल पी. सदाशिवम और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं ने किया. प्रधानमंत्री एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर से सीधा कोलम के लिए रवाना हो गए जहां उन्हें एक सरकारी कार्यक्रम में हिस्सा लेना था.
LIVE : PM Shri @narendramodi inaugurates Swadesh Darshan Project at Thiruvananthapuram, Kerala. https://t.co/xLvztBQLVn
— BJP (@BJP4India) January 15, 2019
कोलम में प्रधानमंत्री ने बाईपास का उद्घाटन किया. इसके साथ ही उन्होंने तीन कार्यक्रमों में भाग लिया. बाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया. कोलम से श्री पद्मनाभ मंदिर पहुंचे प्रधानमंत्री ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत 90 करोड़ की अलग-अलग विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया. फिर वहां से प्रधानमंत्री रात करीब 8 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गए.
केरल से पहले प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे थे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी विवेकानंद हवाईअड्डे पर उनकी अगवानी की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने भूपेश बघेल को नई सरकार बनाने के लिए बधाई दी. बघेल ने नई सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का पहली बार छत्तीसगढ़ आने पर छत्तीसगढ़ के लोगों की ओर से स्वागत किया. यहां के बाद प्रधानमंत्री ओडिशा गए फिर रायपुर वापस आए. रायपुर से उन्होंने त्रिवेंद्रम के लिए उड़ान भरी.
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