#शादाब ��ान
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dainiksamachar · 1 year ago
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हैदराबादी बिरयानी के तो दीवाने हो गए, पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को भारत में खूब मजा आ रहा
हैदराबाद: वर्ल्ड कप खेलने के मकसद से सात साल बाद भारत आई पाकिस्तानी क्रिकेट टीम यहां अपनी मेहमाननवाजी से गदगद है। हैदराबाद में फ्लाइट लैंडिंग के साथ ही बाबर सेना को जबरदस्त प्यार मिल रहा है। एयरपोर्ट और होटल के बाहर हुए भव्य स्वागत ने खिलाड़ियों को तो खुश कर ही दिया था, लेकिन भारतीय खाने ने भी पाकिस्तानी टीम का दिल जीत लिया है। खिलाड़ी 'नवाबों के शहर' में हो रही खातिरदारी की तारीफ सोशल मीडिया पर कर रहे हैं। इसी सिलसिले में टीम के उपकप्तान और ऑलराउंडर शादाब खान ने एक दिलचस्प बयान दे डाला।हम मोटे हो जाएंगे!शादाब खान ने पाकिस्तानी टीम की पहली मीडिया कांफ्रेस में पत्रकारों से कहा, 'एयरपोर्ट पर स्वागत शानदार था और टीम होटल में भी काफी लोग आए थे। हमारी यहां शानदार खिदमत हो रही है। खाना बहुत ही लजीज है और (हंसते हुए कहा) हमारा सहयोगी स्टाफ (सभी दक्षिण अफ्रीकी) इस बात से चिंतित हैं कि हम कहीं मोटे न हो जाए। उम्मीद करते हैं कि हमें अहमदाबाद में भी ऐसा ही प्यार मिलेगा, जहां हम टीम इंडिया के खिलाफ खेलेंगे।' सिंघम भी हैं यहांपाकिस्तान के स्टार ऑलराउंडर ने मीडिया कॉन्फ्रेंस के दौरान बॉलीवुड का तड़का भी लगा दिया। हैदराबाद में टीम की पहली आधिकारिक मीडिया कॉन्फ्रेंस के दौरान, शादाब खान कमरे में मौजूद एक पुलिस अधिकारी की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाए। मशहूर हिंदी फिल्म सिंघम में निडर पुलिस ऑफिसर बाजीराव सिंघम के कैरेक्टर को याद करते हुए उन्हो��ने कहा, 'सिंघम भी आए हैं यहां पर।' उनके इतना बोलते ही पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा।मैं रोहित शर्मा का फैन हूंपाकिस्तान के उप-कप्तान ने टीम इंडिया के कप्तान और विस्फोटक ओपनर रोहित शर्मा की भी जमकर तारीफ की। बातचीत के दौरान, लेग स्पिनर ने स्वीकार किया कि जब हिटमैन अपनी लय में होते हैं तो उन्हें रोकना वास्तव में कठिन होता है। एक बार जब प्रतिद्वंद्वी उन्हें क्रीज पर कुछ समय बिताने की अनुमति देता है, तो रोहित शर्मा अजेय और खतरनाक बन जाते हैं। वह यह कहकर स्पिनरों में से कुलदीप यादव का नाम लेने से भी नहीं चूके कि बाएं हाथ का यह कलाई का स्पिनर वनडे विश्व कप 2023 से पहले सबसे खतरनाक गेंदबाज है। http://dlvr.it/SwsT9S
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dainikkhabarlivesblog · 1 year ago
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‘भारत से हारने में हमे कोई दिक्कत नहीं है’, वर्ल्ड कप से पहले पाकिस्तानी खिलाड़ी का बड़ा बयान
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World Cup 2023 में चिर-पप्रतिद्वंदी भारत और पाकिस्तान (IND vs PAK) के बीच 15 अक्टूबर को अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में महा-मुकाबला खेला जाएगा. इस मैच (IND vs PAK) को लेकर पाकिस्तान (Pakistan Cricket Team) के उपकप्तान शादाब खान (Shadab Khan) ने एक बड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि, हमारा फोकस केवल भारत को हारने ��े ऊपर नहीं हिया बल्कि हमारा असल मकसद वर्ल्ड कप की ट्राफी जीतना है. उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान टीम भले ही भारत से हार जाए लेकिन वर्ल्ड कप जीतना चाहिए.
नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में भारत-पाक महा मुकाबला
वर्ल्ड कप 2023 (World Cup 2023) में पाकिस्तानी टीम अपने अभियान की शुरुआत हैदराबाद में 6 अक्टूबर को आईसीसी वर्ल्ड कप क्वालीफायर-1 के खिलाफ करेगी. उनका दूसरा मुकाबला भी हैदराबाद में ही खेला जाएगा. जहाँ उनका मुकाबला क्वालीफायर-2 टीम के खिलाफ होगा. पाकिस्तान का तीसरा मुकाबला अहमदाबाद में भारत के खिलाफ होगा. भारत और पाकिस्तान (IND vs PAK) के बीच जब भी मैच होता है तो फिर दोनों देशों के फैंस चाहते हैं कि उनकी टीम को हार ना मिले. इसी वजह से दोनों ही टीमों पर काफी दबाव रहता है.
हमारा फोकस वर्ल्ड कप की ट्राफी पर है- शादाब खान
पाकिस्तान के उपकप्तान शादाब खान का कहना है कि, पाकिस्तानी टीम का फोकस पूरे टूर्नामेंट पर है, न कि केवल भारत के खिलाफ खेले जाने वाले मुकाबले (IND vs PAK) पर. क्रिकेट पाकिस्तान से बातचीत के दौरान शादाब ने कहा, आपको बता दें कि, वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम (Indian Cricket Team) का रिकॉर्ड काफी शानदार है. वर्ल्ड कप में भारतीय टीम पाकिस्तान को सात बार हरा चुकी है. ऐसे में रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया की नजर एक और जीत के ऊपर रहेगी.
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hindisportsqanswerdotin · 2 years ago
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PAK vs NZ: 'हमारे कप्तान...' सरफराज की पारी देख दंग रह गए वसीम अकरम-रवि अश्विन, शादाब खान ने कही बड़ी बात
PAK vs NZ: ‘हमारे कप्तान…’ सरफराज की पारी देख दंग रह गए वसीम अकरम-रवि अश्विन, शादाब खान ने कही बड़ी बात
नयी दिल्ली: पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज सरफराज अहमद ने शानदार शतक जड़कर क्रिकेट के गलियारों में वाहवाही बटोरी. सरफराज ने न सिर्फ अपनी टीम को संकट से उबारा बल्कि दबाव में भी इतनी शानदार बल्लेबाजी की कि दर्शकों के रोंगटे खड़े हो गए. दुनिया भर से सराहना मिल रही है टेस्ट क्रिकेट में सरफराज की इस शानदार पारी की दुनियाभर से तारीफ हो रही है.…
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helpukiranagarwal · 3 years ago
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शादाब-ओ-शगुफ़्ता कोई गुलशन न मिलेगा,
दिल ख़ुश्क रहा तो कहीं सावन न मिलेगा,
तुम प्यार की सौग़ात लिए घर से तो निकलो,
रस्ते में तुम्हें कोई भी दुश्मन न मिलेगा - अनवर जलालपुरी
 हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक तथा मशहूर-ओ-मारूफ शायर "मोहब्बत के सफ़ीर" पद्मश्री #अनवर_जलालपुरी जी की 74वीं जन्म जयन्ती पर कोटि-कोटि नमन !
 #HelpUTrust
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helputrust · 3 years ago
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तुम प्यार की सौग़ात लिए घर से तो निकलो,
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drrupal-helputrust · 3 years ago
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helputrust-drrupal · 3 years ago
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helputrust-harsh · 3 years ago
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दिल ख़ुश्क रहा तो कहीं सावन न मिलेगा,
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mdtaslimstuff · 4 years ago
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ऊंचे ऊंचे
ऊंचे ऊंचे मकान बड़ी बड़ी गाड़ियांखूबसूरत लिबास सजे धजे लोग मिलेबहुत ढूंढा हर कहीं हर तरफ परकहीं भी कोई इंसान नहीं मिला इसे और क्या कहेंगे मज़हब बेचतेखुशनुमा सज़े लोग इश्तहार बने थेमीठे लफ्जों से नफरत बेच रहे थेनादान मर रहे थे वे ऐश कर रहे थे रिश्तों को तब शादाब पाया मैं नेजब अपना ज़बान काट लिया मैं नेवो कुछ इस तरह समाया है मुझ मे किन मिलने की आस है न खोने का खौफ है ज़मीर बेचने वालों का ही ज़मीर ज़िन्दा…
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hindi-khabar · 2 years ago
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dainiksamachar · 1 year ago
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पाकिस्तान ने खोल दिए पत्ते, भारत की प्लेइंग XI पर सस्पेंस बरकरार, इन 11 खिलाड़ियों को मिलेगा मौका?
पल्लेकल: एशिया कप 2023 में शनिवार का दिन ब्लॉकबस्टर साबित होने वाला है क्योंकि भारत-पाकिस्तान जैसी चिर-प्रतिद्वंद्वी टीमें एक-दूसरे के खिलाफ मैच से अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। मैच से एक दिन पहले दोनों ही कप्तानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। बाबर आजम ने जहां अपने पत्ते खोलते हुए प्लेइंग इलेवन का ऐला�� कर दिया तो रोहित शर्मा ने भारत के संयोजन के बारे में ज्यादा खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि टीम मैच से पहले हर विभाग की कमी को पूरा करेगी। चलिए एक नजर डालते हैं, भारत की संभावित प्लेइंग इलेवन पर...क्या ऐसा होगा संयोजन?लोकेश राहुल चयन के लिए उपलब्ध नहीं हैं जबकि जसप्रीत बुमराह, प्रसिद्ध कृष्णा और श्रेयस अय्यर एकदिवसीय टीम में लंबे समय के बाद वापसी कर रहे है। भारत लंबे समय के बाद अपनी पूर्ण टीम के साथ मैदान में उतरेगा। टीम को हालांकि राहुल और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों की कमी खलेगी। ऐसे में ईशान किशन का प्लेइंग इलेवन में ज���ह बनाना लगभग तय लग रहा है। किशन ज्यादातर सलामी बल्लेबाज के रूप में खेले हैं हालांकि, टीम की घोषणा के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित शर्मा के 'लचीलेपन' वाले बयान के अनुसार, किशन पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने और भारत के लिए विकेटकीपिंग करने के लिए भी तैयार हैं। वैसे युवा खब्बू बल्लेबाज ने कभी उस पोजिशन पर बैटिंग नहीं की है। एकमात्र ओरिजनल स्पिनर की जगह लेने के लिए कुलदीप यादव तैयार हैं, ऐसे में तीसरे तेज गेंदबाज के लिए शार्दुल ठाकुर और मोहम्मद शमी के बीच मुकाबला होगा। पिछले कुछ साल में वनडे में भारत के शीर्ष गेंदबाज रहे मोहम्मद सिराज को बाहर करने का कोई सवाल ही नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा सिरदर्द रोहित ने कहा कि एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट के लिए चयन में कई खिलाड़ियों का होना अच्छा है। भारतीय कप्तान की माने तो, ‘हमारे लिए अंतिम 11 का चयन करना काफी चुनौतीपूर्ण काम होने वाला है। मैं हालांकि यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि हमें चोट की कोई चिंता नहीं हो और यह हमारे लिए आगे बढ़ने के लिए एक अच्छा संकेत होगा। चयन को लेकर सिरदर्द न होने के बजाय शायद मुझे इस तरह का सिरदर्द होगा। इस तरह के टूर्नामेंट में चयन के लिए खिलाड़ियों का शानदार समूह होना हमेशा अच्छा होता है।’भारत की संभावित प्लेइंग XI: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, हार्दिक पंड्या, ईशान किशन (विकेटकीपर), रविंद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, जसप्रीत बुमराहपाकिस्तान की प्लेइंग XI: फखर जमां, इमाम उल हक, बाबर आजम (कप्तान), मोहम्मद रिजवान (विकेटकीपर), आगा सलमान, इफ्तिखार अहमद, शादाब खान, मोहम्मद नवाज, नसीम शाह, शाहीन शाह अफरीदी, हारिस रऊफ http://dlvr.it/SvVbW4
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shahar-e-aman · 3 years ago
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अक़ीदत व ऐहतेराम के साथ दरियाबाद व करैली से निकला सफर ए इमाम हुसैन का जुलूस वापस वतन को लौट के आना मु���ाफिरों.... सुग़रा को जाके भूल न जाना मुसाफिरों..... माहे रजब की अठ्ठाईस को मदीने से करबला के सफर पर निकले इमाम हुसैन के क़ाफले की याद मे करैली व दरियाबाद से सफर ए इमाम हुसैन पर दुलदुल ,हज़रत अली असग़र का झूला ,अलम ,ताबूत व ऊँटों पर जनाब ए ज़ैनब व उम्मेकुलसूम की अमारी के साथ साथ मातमी अन्जुमनों ने नौहा और मातम का नज़राना पेश करते हुए जुलूस निकाला।दरियाबाद मे आग़ा अली खाँ के अहाते से आयोजक शकील अख्तर की क़यादत और शफक़त अब्बास पाशा के संचालन मे निकले जुलूस में अन्जुमन हुसैनिया क़दीम के नौहाख्वान शाह बहादर व अन्जुमन नक़विया के नौहाख्वान अब्बास नजफी ने पुरदर्द नौहा पढ़ा।मछली शहर का तीस फिट ऊँचा अलम भी ज़ियारत को निकाला गया।वहीं करैली के जेके आशियाना से आयोजक बादशाह हुसैन ज़िया की क़यादत मे निकाले गए सफर ए इमाम हुसैन के जुलूस मे शहर की अन्जुमन मज़लूमिया के नौहाख्वान राजन व ज़ीशान आब्दी ने पुरदर्द नौहा पढ़ा।अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया मे ईरान से आए अबु तालिब ने सफर ए इमाम हुसैन के वाक़ेयात को ताज़ा करते हुए अपना खुद का लिखा नौहा पढ़ा।शादाब ज़मन व हमनवाँ साथियों ने शायर अनवार अब्बास का क़दीमी नौहा *वापस वतन को लौट के आना मुसाफिरों!* *सुग़रा को जाके भूल न जाना मुसाफिरों!!* पढ़ा तो हर तरफ से आहो बुका की सदा गूंजने लगी।मंगलवार देर रात निकले जुलूस में अनीस जायसी की निज़ामत मे नसीमुल हसन ने मर्सिया पढ़ा तो वहीं फरुखाबाद के मौलाना हुज्जतुल इसलाम सैय्यद सदाक़त हुसैन साहब क़िबला ने मदीने से करबला जाने के इमाम हुसैन के चौदह सौ साल क़ब्ल हुए वाक़ेयात का मार्मिक अन्दाज़ मे ज़िक्र किया तो हर आँख अश्कबार हो गई।नौहों और मातम का सिलसिला अन्जुमन मज़लूमिया के बाद अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के द्वारा शुरु करते हुए देर रात इबादतखाना रहमत नगर पहोँच कर जुलूस खत्म हुआ।खुसूसी नौहाख्वान जेना ज़फराबादी ,ऐरम बनारसी ,ज़फर नसीराबादी ,कुमैल बान्दवी ने भी पुरदर्द नौहाख्वानी से माहौल मे संजीदगी भर दी।रास्ते भर अक़ीदतमन्दो ने जहाँ दुलदुल का दूध जलेबी से स्वागत व सत्कार किया वहीं झूला ताबूत अलम व अमारी पर फूल माला चढ़ा कर बोसा लेते हुए मन्नत व मुरादें मांगी।दरियाबाद व करैली के जुलूस मे मौलाना आमिरुर रिज़वी ,अनीस जायसी ,मिर्ज़ा अज़ादार हुसैन ,अली आला ज़ैदी ,रौनक़ सफीपुरी ,हसन नक़वी ,सैय्यद मोहम्मद अस्करी ,बादशाह हुसैन ज़िया ,शैदा रिज़वी ,बाशू भाई ,ज़ैग़म नक़वी ,महमूद ,अस्करी अब्बास ,शबीह अब्बास ,अखलाक़ रज़ा ,ज़हीर अब्बास ,ऐजाज़ नक़वी ,कामरान रिज़वी ,अज़ीम शमिल (at Prayagraj, U.P) https://www.instagram.com/p/CaornHRvURE/?utm_medium=tumblr
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insolubleworld · 3 years ago
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पाकिस्तान के स्पिनर शादाब खान को लगता है कि रोहित शर्मा और डेविड वार्नर को गेंदबाजी करना सबसे मुश्किल
पाकिस्तान के स्पिनर शादाब खान को लगता है कि रोहित शर्मा और डेविड वार्नर को गेंदबाजी करना सबसे मुश्किल
शादाब खान 2021 T20 WC में पाकिस्तान के लिए शीर्ष विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। (एएफपी फोटो) शादाब खान ने ट्विटर पर प्रशंसकों के साथ एक सवाल और जवाब सत्र के दौरान अपने उपनाम ‘छाया’ के पीछे की कहानी का भी खुलासा किया। पाकिस्तानी स्पिनर शादाब खान पिछले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी प्रभावशाली रहे हैं। 2017 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने के बाद, 23 वर्षीय ने न केवल मैच जीतने…
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museinlove · 3 years ago
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कभी कभी मिरे दिल में ख़याल आता है कि ज़िंदगी तिरी ज़ुल्फ़ों की नर्म छाँव में गुज़रने पाती तो शादाब हो भी सकती थी- ये तीरगी जो मिरी ज़ीस्त का मुक़द्दर है तिरी नज़र की शुआ'ओं में खो भी सकती थी मगर ये हो न सका और अब ये आलम है कि तू नहीं तिरा ग़म तेरी जुस्तुजू भी नहीं,  गुज़र रही है कुछ इस तरह ज़िंदगी जैसे इसे किसी के सहारे की आरज़ू भी नहीं ज़माने भर के दुखों को लगा चुका हूँ गले गुज़र रहा हूँ कुछ अन-जानी रहगुज़ारों से न कोई जादा-ए-मंज़िल न रौशनी का सुराग़ भटक रही है ख़लाओं में ज़िंदगी मेरी इन्ही ख़लाओं में रह जाऊँगा कभी खो कर मैं जानता हूँ मिरी हम-��फ़स मगर यूँही कभी कभी मिरे दिल में ख़याल आता है
साहिर लुधियानवी 
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sablogpatrika · 4 years ago
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अतृप्ति के कगार पर छोड़ती 'कोंसिक्वेंस कर्मा'
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  {Featured in IMDb Critics Reviews} लेखक, निर्देशक - शादाब अहमद स्टार कास्ट - सिद्धार्थ भारद्वाज, मोनिस खान, पूजा गुप्ता, तन्नू सुनेजा, ज्योत्स्ना आदि। अपनी रेटिंग - 3.5 स्टार कोरोना फैला हुआ है। लॉकडाउन लगा हुआ है। ऐसे में एक लड़की जिसने माता-पिता के खिलाफ जाकर शादी की और अब काफी सफल है लेकिन अपने पति से सम्बन्ध ठीक नहीं है पति पाँच साल पहले उसे छोड़कर चला गया है अब सबकुछ ठीक करने के लिए रामनव��ी की पूजा करना चाहती है। इसलिए पूजा के लिए पंडित जी को बुलाती है। और अपने जानने वालों को। लेकिन सब आने से मना कर देते हैं। पंडित बताता है कि उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अब क्या होगा पाँच साल से जिस काम को पूरा करने लिए तपस्या कर रही थी वो तो अब पूजा के अभाव में असफल हो जाएगा। तो वह किसी तरह एक मंदिर पहुंच जाती है मंदिर में ताला लगा है इधर उधर देखते हुए एक पंडित सोता हुआ मिलता है। वह जागता नहीं तो निराश होकर उसके पास खाना रखकर चली जाती है। अब उस खाने की सुग��ध से पंडित जाग गया। पंडित लोग कितने भूखे हैं न सच में सदियों से भूखे हैं ये। फिर भूख भी भला किसी की कभी शांत हुई है नहीं न। जब आम लोगों की नहीं हुई तो पंडितों की कहाँ से हो जाएगी भला। अब वो उसे ले आती है किसी तरह। पूजा भी करवाती है उसकी दो सहेलियां भी आ जाती है। एक को भगवान में विश्वास नहीं तो दूसरी को फुर्सत नहीं अपने पुरुष मित्र से अलग होने की। सो वह फोन में टिक-टिक करती रहती है पूजा के दौरान भी। कहानी कई जगह घूमती है। कभी उस आयोजक लड़की की कहानी कहती है तो कभी उन दो सहेलियों की तो कभी बीच बीच में गरुड़ पुराण भी बांचती है। अब सवाल यह है कि उस लड़की ने पूजा क्यों रखवाई। ऐसी कौन सी तपस्या या संकल्प था उसका जो अब सफल होने के कगार पर है। लेकिन संकल्प सफल होने के बाद पूजा और भोज करते हैं न। खैर कोरोना जो इतना सूक्ष्म है जिसे देखा नहीं जा सकता फिर भी लोग क्यों घरों में कैद हैं। बीच में धर्म-कर्म की बातें। पब्जी में अपना कैरियर ढूंढता एक युवा लड़का। एक लड़की जिसकी शादी हो चुकी है लेकिन न जाने कौन सी कामनाएं हैं जो उसकी पूरी नहीं हो रही पति से। इन सबका जवाब मिलता है फ़िल्म के अंत में। धर्म-कर्म का ज्ञान, गरुड़ पुराण से फ़िल्म का सम्बंध, पूजा रखवाने वाली लड़की की बनाई पेंटिंग इन सबका जवाब चाहिए हमें लेकिन जल्दी-जल्दी। इसके अलावा अराजकता, भावनाओं, धर्म-कर्म के उथल-पुथल में फंसी  फ़िल्म की कहानी को पार लगाता एक पंडित, जो मायावी है जिसे पहले तो कोरोना के बारे में नहीं पता लेकिन फिर अंग्रेजी भी झाड़ता है और सभी को अपने कर्म के अनुसार प्रसाद बांट रहा है। यह मायावी पंडित दरअसल कुंभकर्ण है। रावण का अनुज भ्राता। तो कुंभकर्ण पूजा करवाने आया था। अब यार इतने सवाल न पूछा करो आप लोग,  जाकर फ़िल्म देख लो���
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उलझी-उलझी सी लगने वाली यह फ़िल्म दरअसल उतनी ही सुलझी हुई भी महसूस होती है। इसके अलावा यह फ़िल्म बुद्धिजीवी सिंड्रोम कैटेगरी में भी अपने आप को खड़ा करती है। इसके साथ ही यह आपसे धैर्य धारण करने की मांग करती है। क्योंकि जब तक धैर्य के साथ इसे आप नहीं देखेंगे तो इसकी बारीकियों को आप नहीं पकड़ पाएंगे। फ़िल्म में अभिनय कुलमिलाकर सभी का स्वाभाविक सा है लेकिन पंडित जी के रूप में सिद्धार्थ भारद्वाज, उर्वशी बनी तन्नू सुनेजा, साहिल बने मोनिस खान और कुसुम बनी पूजा गुप्ता जंचते हैं और कहीं-कहीं प्रभावी भी लगते हैं। बैकग्राउंड स्कोर फ़िल्म के अनुरुप रहा हालांकि उसका कुछ ज्यादा ही धीमा होना भी अखरता है। कैमरामैन कमाल करते हैं। वहीं एडिटर ने फ़िल्म को कुछ ज्यादा ही कसा हुआ रखा है। सम्भवतः जैसा निर्देशक ने निर्देश द���या वैसे ही उन्होंने काम किया। लेखक, निर्देशक शादाब अहमद की लेखनी में और निर्देशन कला में असीम सम्भवनाएँ दिखाई देती हैं।? लेकिन इस फ़िल्म को थोड़ा बड़ा होना चाहिए था। ताकि यह खुलकर अपनी बात रख सकती और आम दर्शक इसे आसानी से पकड़ पाते। फ़िल्म अपने साथ कई सम्भवनाएँ छोड़ जाती हैं जिससे शिद्दत से महसूस होता है कि अगर इसकी लंबाई नहीं रखी गई ज्यादा तो इसका सीक्वल बने। वैसे मैं अमूमन फिल्मों की लंबाई से परेशान होता हूँ लेकिन जिस तरह का दबाव इसे देखते हुए अपने मस्तिष्क पर देना पड़ता है उससे यह आपको और अधिक अतृप्ति प्रदान करती है। और पाप कभी अकेले नहीं आते अपने साथ अपने दंड भी लाते हैं य�� दुनिया भरी पड़ी है ऐसे पापियों से। फ़िल्म इसलिए गरुड़ पुराण पर कोई भाषण या कथा कहने के बजाए गम्भीरता से अपनी बात करती है। विशेष - जिस तरह साहित्य में और पौराणिक कथा में उर्मिला उपेक्षित रही है उसी तरह कुंभकर्ण भी उपेक्षित रहा है। कहीं न कहीं यह फ़िल्म उस पर भी बात करती है। इस फ़िल्म को एमएक्स प्लयेर पर देखा जा सकता है - लिंक Read the full article
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yatharthda · 5 years ago
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Time Heals?
D-5
Tuesday 05-05-2020
11:00 PM
today  i was talking to one of my friend , she was litille disturbed regarding many thoughts and relationship  with her friend which is becoming toxic day by day.
she was sad and he hold many negative thoughts in her mind and thinking how I can be rid off this situatuon.
she was complaining about herself that she was not able to forget anything easily  and which effects her life badly, she loose focus nd happines in her life . she dont even feel very active. loosing intrests, what to do? help me out....
while  she was talking to me she said what if a person is always around you and your thoughts and you are irritated with that person how u cannot be effected ???
I said (jokingly) well I always see my ex love, talk to her and I dont get effected and feel sad althogh we are not together.
I said acceptence , understanding and ignorance is the key factor and the time is the most mportant factor which will make you strong day by day, analyise yourself
love yourself
give time to your self realisation
accept things
you cannot change others behaviour
but you can make your heart rigid
and everything will be on track as you wanted it will happen one day but it will take time not at once.
dont think it will happen in one go.
even injured part in our body takes time to heal , same with our thoughts and bad feelings.
after that you wont be effected.
meanwhile in my mind i was thinking about my love of my life and the poem I remembered, recited by Shree Amitabh bachchan Sir.
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता हैं
कि ज़िंदगी तेरी जुल्फों कि नर्म छांव में गुजर न पाती
तो शादाब हो भी सकती थी।
यह रंग जो ग़म कि सियाही जो दिल पे छाई हैं
तेरी नज़र कि शुआओं में खो भी सकती थी।
मगर यह हो न सका और अब ये आलम हैं
कि तू नहीं, तेरा ग़म तेरी जुस्तजू भी नहीं।
गुज़र रही हैं ज़िन्दगी कुछ इस तरह जैसे,
इसे किसी के सहारे कि आरझु भी नहीं.
न कोई राह, न मंजिल, न रौशनी का सुराग
भटक रहीं है अंधेरों में ज़िंदगी मेरी.
इन्ही अंधेरों मैं रह जाऊँगा मैं कभी खो कर
मैं जानता हूँ मेरी हम-नफस, मगर यूंही
कभी कभी मेरे दिल मैं ख्याल आता है!
ref: https://notestomyself.wordpress.com/2006/04/21/kabhi-kabhi-mere-dil-mein-amitabh-bachchan/
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Yatharth Gupta
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