#शम्मी कपूर परिवार
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93 साल की दादीजी ने शम्मी कपूर का गाना ‘ओ जाने तमन्ना..’ पर किया ऐसा डांस, देख कर लोग बोले- खुश रहने की कोई उम्र नहीं होती
93 साल की दादीजी ने शम्मी कपूर का गाना ‘ओ जाने तमन्ना..’ पर किया ऐसा डांस, देख कर लोग बोले- खुश रहने की कोई उम्र नहीं होती
93 साल की दादीजी ने शम्मी कपूर का गाना ‘ओ जाने तमन्ना..’ पर किया ऐसा डांस नई दिल्ली : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें 93 साल की दादी जी खूब मस्ती के साथ डांस करती नजर आ रही है. वह शम्मी कपूर और वैजयंती माला का गाना ‘ओ जाने तमन्ना किधर जा रही हो..’ पर जबरदस्त डांस करती दिख रही हैं. वीडियो में आप देख सकते हैं कि उनके के पीछे परिवार के अन्य सदस्य भी डांस कर रहे हैं और उनका साथ दे…
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राजीव कपूर :कपूर खानदान का एक लड़का -
कपूर खानदान बहुत बड़ा खानदान है आप समझ सकते है इस पुरे खानदान में आपको निर्देशक ,अभिनेता , अभिनेत्री ,प्रोडूसर सब मिलेंगे |एक दुखद घटना सुनने को मिली की कपूर खानदान के राजीव कपूर नहीं रहे है |वैसे तो कह सकते है हल -फ़िलहाल में कपूर खानदान दो लोगों को खो दिया है |अभी ऋषि कपूर भी गुज़र गए थे |ऋषि कपूर तो खुद को एक अभिनेता के तौर पर स्थापित कर रखा था |और बहुत मशहूर भी थे |
उनकी और नीतू की लव स्टोरी बहुत ही मशहूर थी |राजकपूर को कौन नहीं जानता है |उसी तरह शम्मी कपूर अपने डांसिंग स्टाइल के लिए जाने जाते थे |और इन्ही के खानदान के पृत्वी राज कपूर भी थे |जिन्होंने कालजयी अभिनेता रहे है |लेकिन आपको मैं राजीव कपूर की याद दिलाता हूँ जिन्होंने एक मूवी की राम तेरी गंगा मैली हो गयी और उस मूवी ने बॉक्स ऑफिस के उस समय के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए | लेकि�� उसके बाद भी इन्होने खुद को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित नहीं कर पाये| आये जानते है उनके कुछ अनसुलझे तथ्यों के बारे में |
राजीव कपूर ही थे जिन्होंने राज कपूर के अस्सिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर रखा -
राज कपूर साहब के तीनो बेटों में से सिर्फ़ राजीव कपूर ही थे जिन्होंने राज कपूर के अस्सिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया था|बड़े बेटे रणधीर कपूर को राज कपूर ने अपने अस्सिटेंट डायरेक्टर रह चुके निर्देशक लेख टंडन के यहाँ काम सीखने के लिए कहा था और वही ऋषि कपूर को कहा था कि तुम्हें एक्टिंग करनी आती है, तुम सिर्फ़ डायरेक्शन सीखो|लेकिन राजीव कपूर को उन्होंने फ़िल्म 'प्रेम रोग' में अपना अस्सिस्टेंट रखा था |उन्होंने राजीव कपूर को एक बार कहा था की तुम अभिनय के चक्कर में मत पड़ो |तुम निर्देशन सीखों|
राजीव कपूर को 'राम तेरी गंगा मैली ' मिलने की कहानी -
राजीव कपूर को अभिनेता बनने का बहुत शौक था लेकिन इस बात पर हमेशा राज कपूर चुप्पी साध जाते थे और इसलिए राजीव कपूर को जब एक फिल्म का ऑफर मिला तो उन्होंने तुरंत स्वीकार कर लिया और ये फिल्म एफ़सी मेहरा की 'एक जान हैं हम ' थी लेकिन ये फिल्म हौंदे मुँह गिरी और बुरी तरह से फ्लॉप रही है |लेकिन उनके अपने दौर की सबसे बड़ी हिट 'राम तेरी गंगा मैली' और उसने पूरा रिकॉर्ड ही तोड़ दिया इसके पीछे भी कहा जाता है की जब राजकपूर इस फिल्मे के लिए हीरो की तलाश कर रहे थे तो उनकी पत्नी के कहने पर वो राजीव कपूर को आजमाने के लिए तैयार हो गये|लेकिन इस मूवी के दौरान ही उन्होंने बहुत ज्यादा दारू पीने लगे और जिससे फिल्म के हिट होने के बाद भी इनका वजन बढ़ जाने की वजह से इन्हे फिल्मे कम ही ऑफर हुई |
राजीव के निजी जीवन में उथल -पुथल भरा रहा -
राजीव कपूर के निजी जीवन में भी बहुत मुश्किल दौर से गुज़रना पड़ा |उनकी शादी भी केवल 2 साल ही चली और फिर वो अलग हो गये है |कहा जाता है की इतने बड़े फ़िल्मी घर के होने के बावजूद वो बहुत साधारण जीवन जीने में विश्वास रखते थे | उनको कभी भी सेट पर किसी भी छोटे कर्मचारी को डाटते नहीं देखा गया था |लेकिन फिल्मे असफल होने के बाद और उनका अकेला पड़ना लाजमी था | वो परिवार से दूर पुणे में एक बांग्ला खरीद कर रहने लगे थे |राजीव कपूर ज़्यादातर समय पुणे में रहते थे और शराब पीने लगे थे|
राजीव का अकेलापन और जीवन का अंत -
उनके परिवार ��े इस आदत से छुटकारा दिलाने की कोशिश भी की थी|कोरोना ��हामारी के कारण लगे लॉकडाउन के बाद वो मुंबई आ गए थे और चेम्बूर में अपने बड़े भाई रणधीर कपूर के साथ रहने लगे थे|राजीव कपूर ने तेरह फिल्मे की और एक फिल्म 'प्रेमग्रंथ ' बनायीं भी |लेकिन कहा जाये तो उन्हें उतनी सफलता नहीं मिली | राजीव सभी भाईयों में सबसे छोटे थे। 58 साल के राजीव का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ। हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर्स तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सके।राजीव के अंतिम दर्शन के लिए परिवार सहित बॉलीवुड के तमाम स्टार्स उनके पहुंचे।कभी -कभी आप जो चाहते है वो नहीं मिलता है और आप के पास पैसा -रुपया होने के बाद भी आप अकेले रह जाते है | इसलिए जिंदगी जीने के लिए आप हमेशा ये न देखे की आप काम में असफल हो रहे है लेकिन काम वही करे जो आप सच में पसंद करते है |तो आप कभी अकेले नहीं पड़ेंगे |
#शम्मी कपूर#रामतेरीगंगामैली#राजीवकेनिजीजीवन#राजीवकाअकेलापन#राजीवकपूर#राजकपूरकेअस्सिस्टेंटडायरेक्टर#रणधीरकपूर#बहुत बड़ाखानदान#पृत्वीराजकपूर#पुरेखानदान#नीतूकीलवस्टोरीबहुतहीमशहूर#डांसिंगस्टाइल#जीवनकाअंत#कपूरखानदानकेराजीवकपूरनहीं#कपूरखानदानकालड़का#एफ़सीमेहराकी#एकजानहैंहम#ऋषिकपूर#अभिनेताबननेकाबहुतशौकथा#rajivkapoordeath#rajivkapoor#rajeevkapoor
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17 Days | 17 Provocations Day 17 | Content 17 #लॉकडॉउन_डायरी एक था चिंटू..... रुपहले पर्दे पर मुहब्बत का साया हुआ करता था..... कलाकारी तो अनुवांशिक रुप से प्राप्त हुई थी उसको...... बॉलीवुड की आधी फिल्में तो उसके खानदान को छूकर गुजरी थी...... पृथ्वीराज कपूर, राज कपूर, शम्मी कपूर, शशि कपूर, रणधीर कपूर जैसे स्टार उसके परिवार का हिस्सा थे...... लिहाजा एक्टिंग में सीखने की ज्यादा जरूरत नहीं थी..... संजीदगी.... मासूमियत..... और उस पर कातिल मुस्कान में जब जब उसको मुहब्बत और रोमांस करते हुए देखा.... जमाना देखता ही रह गया..... दीवानगी का आलम इस कदर हावी हुआ कि एक के बाद एक उसने ब्लॉकबस्टर फिल्मों की झड़ी सी लगा दी...... पुरस्कारों का मोहताज उसका किरदार नही था..... उस पर फिल्माया गया हर इक गाना जमाने भर को गुनगुनाने के लिए मजबूर कर गया..... अमर अकबर एंथनी में उसका पर्दा हैं पर्दा हो या फिर कर्ज का एक दीवाना था या.... फिर तेरे दर्द से दिल आबाद रहा..... सै��ड़ों गाने इस कदर लोगों के दिलों में ��बाद हुए कि उनकी छाप एक अमिट याद सी उनके दिलों में बस गयी...... उनकी पहचान एक रोमांटिक हीरो के तौर पर रही..... मगर इसके परे उन्हें जो भी किरदार दिया गया ..... उसको उन्होंने बखूबी निभाया..... डी डे का इकबाल सेठ हो..... या अग्निपथ का रउफ लाला..... नैगेटिव किरदार में भी अपनी धाक जमा दी...... जिंदगी के हर मुकाम पर जमाने पर वो इस कदर हावी रहे..... कि कोई भी उनको नजरअंदाज नहीं कर पाया...... हरफनमौला..... सहज.... शालीन.... जैसा उनको रील लाइफ में देखा गया.... वैसा ही किरदार उन्होंने रियल लाइफ में भी जीकर दिखाया...... आज अचानक उनका चलें जाना अति दुखद है...... भारतीय सिनेमा की प्राणवायु..... वक़्त की मार न होती तो..... आज मुम्बई की सड़कों पर अभूतपू���्व कारवां होता.....। Written by: जीत (@jeetsaa7 ) Tags : #writing #writersofinstagram #writer #poetry #love #writingcommunity #quotes #poem #poetrycommunity #poetsofinstagram #writers (at Apna Prayagraj) https://www.instagram.com/p/B_nJOVNBRCL/?igshid=q2bvhxx3qr30
#लॉकडॉउन_डायरी#writing#writersofinstagram#writer#poetry#love#writingcommunity#quotes#poem#poetrycommunity#poetsofinstagram#writers
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होली 2022: राज कपूर के जमाने से नीतू कपूर का एक्सट्रीम थ्रोबैक
होली 2022: राज कपूर के जमाने से नीतू कपूर का एक्सट्रीम थ्रोबैक
एक प्रमुख थ्रोबैक वीडियो में राज कपूर�� (सौजन्य: नीतू54) हाइलाइट नीतू ने होली मनाते हुए कपूर परिवार का एक वीडियो शेयर किया शम्मी कपूर के साथ मस्ती करते दिखे राज कपूर! संजय कपूर ने इसे “खूबसूरत यादें” कहा होली के मौके पर सभी को शुभकामनाएं देने के लिए नीतू कपूर ने अपने फैमिली एल्बम से एक रत्न निकाला है। उन्होंने एक होली पार्टी का वीडियो शेयर किया है। खैर, यह सामान्य नहीं है। क्लिप राज कपूर के…
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नीतू कपूर ने राज कपूर की होली पार्टी से ऋषि कपूर का पुराना वीडियो पोस्ट किया: 'जब हम पूरे थे'
नीतू कपूर ने राज कपूर की होली पार्टी से ऋषि कपूर का पुराना वीडियो पोस्ट किया: ‘जब हम पूरे थे’
राज कपूर की पुरानी होली पार्टी का अंश नीतू कपूर ने राज कपूर की प्रसिद्ध होली पार्टियों में से एक से एक थकाऊ वीडियो साझा किया। वीडियो में ऋषि कपूर, शम्मी कपूर और एक युवा रणबीर कपूर को देखा गया। कपूर खानदान को सही मायने में किंग साइज जीने के लिए जाना जाता है। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के अलावा, परिवार को दशकों में कुछ सबसे बड़ी होली पार्टियों के आयोजन के लिए भी जाना जाता था। उन्होंने जिस…
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राज कपूर ने जब शम्मी कपूर को तंबाकू का ऐड करने पर लगाई थी डांट, बोले थे- 'शर्म नहीं आई...'
राज कपूर ने जब शम्मी कपूर को तंबाकू का ऐड करने पर लगाई थी डांट, बोले थे- ‘शर्म नहीं आई…’
नई दिल्लीः शम्मी कपूर (Shammi Kapoor) और अशोक कुमार (Ashok Kumar) ने कभी एक साथ किसी फिल्म में काम नहीं किया था. हालांकि उन्होंने साथ में एक विज्ञापन में काम किया था. 90 के दशक में शम्मी और अशोक एक तंबाकू ब्रांड के विज्ञापन के लिए साथ आए थे. यह विज्ञापन इतना चर्चित हो गया था कि शम्मी और कपूर परिवार के फैंस हांगकांग हवाई अड्डे पर उस ऐड का जिंगल गा रहे थे. हालांकि शम्मी ऐसी स्थिति का पहले भी सामना…
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#ashok kumar#Raj Kapoor#Raj Kapoor Video#Shammi Kapoor#Shammi Kapoor Pan Parag#Shammi Kapoor tobacco ad#Shammi Kapoor tobacco ad with Ashok Kumar#राज कपूर#शम्मी कपूर
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करिश्मा कपूर ने डांस शो में गिनवाने फॅमिली के एक्टर्स के नाम, निर्माता अनुराग बोले- उस लिस्ट में जोड़ ले आलिया भट्ट का नाम भी!
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करिश्मा कपूर ने डांस शो में गिनवाने फॅमिली के एक्टर्स के नाम, निर्माता अनुराग बोले- उस लिस्ट में जोड़ ले आलिया भट्ट का नाम भी!
दोस्तों 90 के दशक की पॉपुलर बॉलीवुड एक्ट्रेस करिश्मा कपूर फिलहाल फिल्मो से दुरी बनाये हुए है लेकिन अभिनेत्री टीवी के डांस शो में जज के रूप में नज़र आ रही है। बता दे की हाल ही में सुपर डांसर चैप्टर 4 के सेट पर गेस्ट जज के रूप में नजर आईं थीं। इस दौरान शो के एक कंटेस्टेंट ने उनसे सवाल पूछा कि उनकी फैमिली में कितने एक्टर्स हैं। तब करिश्मा ने सबके नाम लेने शुरू कर दिए, तभी को-जज अनुराग बसु ने मजाक में कहा, “अब आप आलिया को उस लिस्ट में जोड़ सकती हैं।”
ऑनलाइन शेयर किए जा रहे एपिसोड के एक वीडियो में, एक यंग कंटेस्टेंट ने करिश्मा से पूछा, “आपके परिवार में कितने एक्टर्स हैं?” करिश्मा ने जवाब में कहा, “इतने सारे! मेरे परदादा, पृथ्वीराज कपूर, फिर मेरे दादा राज कपूर, शम्मी कपूर, शशि कपूर, फिर उनकी पत्नियां, गीता बाली, जेनिफर आंटी, प्रेम नाथ जी, राजेंद्र नाथ जी, फिर मेरे पिताजी, चिंटू अंकल, चिम्पू अंकल, मेरी मां, फिर मैं, फिर करीना और रणबीर, आपको और चाहिए? अरमान, आदर, और अब जहान।” वही रणबीर के साथ फिल्म ‘बर्फी’ और ‘जग्गा जासूस’ में काम कर चुके अनुराग बसु ने जब आलिया भट्ट को भी इसमें शामिल करने का सुझाव दिया, तो करिश्मा मुस्कुराई और कुछ नहीं बोलीं।
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बता दे की आलिया भट्ट और रणबीर कपूर को शादी को लेकर खबरे सामने आई थी, अभिनेता रणबीर ने पिछले साल एक इंटरव्यू में कहा था कि वो प��ले ही शादी के बंधन में बंध जाते अगर महामारी ना होती। वो कहते हैं, “मुझे लगता है कि अगर महामारी ने हमारी जिंदगियों पर हमला नहीं किया होता तो यह (शादी) हो गई होती। लेकिन मैं कुछ भी कहकर इसे बदकिस्मती नहीं बताना चाहता। मैं जल्दी ही अपनी जिंदगी के इस लक्ष्य को प्राप्त करूंगा।”
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राज कपूर का असली नाम रणबीर था जो उनके पोते रणबीर कपूर ने साझा किया था। शम्मी का असली नाम शमशेर राज था और शशि वास्तव में बलबीर राज थे।
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राजीव कपूर :कपूर खानदान का एक लड़का -
कपूर खानदान बहुत बड़ा खानदान है आप समझ सकते है इस पुरे खानदान में आपको निर्देशक ,अभिनेता , अभिनेत्री ,प्रोडूसर सब मिलेंगे |एक दुखद घटना सुनने को मिली की कपूर खानदान के राजीव कपूर नहीं रहे है |वैसे तो कह सकते है हल -फ़िलहाल में कपूर खानदान दो लोगों को खो दिया है |अभी ऋषि कपूर भी गुज़र गए थे |ऋषि कपूर तो खुद को एक अभिनेता के तौर पर स्थापित कर रखा था |और बहुत मशहूर भी थे |
उनकी और नीतू की लव स्टोरी बहुत ही मशहूर थी |राजकपूर को कौन नहीं जानता है |उसी तरह शम्मी कपूर अपने डांसिंग स्टाइल के लिए जाने जाते थे |और इन्ही के खानदान के पृत्वी राज कपूर भी थे |जिन्होंने कालजयी अभिनेता रहे है |लेकिन आपको मैं राजीव कपूर की याद दिलाता हूँ जिन्होंने एक मूवी की राम तेरी गंगा मैली हो गयी और उस मूवी ने बॉक्स ऑफिस के उस समय के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए | लेकिन उसके बाद भी इन्होने खुद को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित नहीं कर पाये| आये जानते है उनके कुछ अनसुलझे तथ्यों के बारे में |
राजीव कपूर ही थे जिन्होंने राज कपूर के अस्सिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर रखा -
राज कपूर साहब के तीनो बेटों में से सिर्फ़ राजीव कपूर ही थे जिन्होंने राज कपूर के अस्सिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया था|बड़े बेटे रणधीर कपूर को राज कपूर ने अपने अस्सिटेंट डायरेक्टर रह चुके निर्देशक लेख टंडन के यहाँ काम सीखने के लिए कहा था और वही ऋषि कपूर को कहा था कि तुम्हें एक्टिंग करनी आती है, तुम सिर्फ़ डायरेक्शन सीखो|लेकिन राजीव कपूर को उन्होंने फ़िल्म 'प्रेम रोग' में अपना अस्सिस्टेंट रखा था |उन्होंने राजीव कपूर को एक बार कहा था की तुम अभिनय के चक्कर में मत पड़ो |तुम निर्देशन सीखों|
राजीव कपूर को 'राम तेरी गंगा मैली ' मिलने की कहानी -
राजीव कपूर को अभिनेता बनने का बहुत शौक था लेकिन इस बात पर हमेशा राज कपूर चुप्पी साध जाते थे और इसलिए राजीव कपूर को जब एक फिल्म का ऑफर मिला तो उन्होंने तुरंत स्वीकार कर लिया और ये फिल्म एफ़सी मेहरा की 'एक जान हैं हम ' थी लेकिन ये फिल्म हौंदे मुँह गिरी और बुरी तरह से फ्लॉप रही है |लेकिन उनके अपने दौर की सबसे बड़ी हिट 'राम तेरी गंगा मैली' और उसने पूरा रिकॉर्ड ही तोड़ दिया इसके पीछे भी कहा जाता है की जब राजकपूर इस फिल्मे के लिए हीरो की तलाश कर रहे थे तो उनकी पत्नी के कहने पर वो राजीव कपूर को आजमाने के लिए तैयार हो गये|लेकिन इस मूवी के दौरान ही उन्होंने बहुत ज्यादा दारू पीने लगे और जिससे फिल्म के हिट होने के बाद भी इनका वजन बढ़ जाने की वजह से इन्हे फिल्मे कम ही ऑफर हुई |
राजीव के निजी जीवन में उथल -पुथल भरा रहा -
राजीव कपूर के निजी जीवन में भी बहुत मुश्किल दौर से गुज़रना पड़ा |उनकी शादी भी केवल 2 साल ही चली और फिर वो अलग हो गये है |कहा जाता है की इतने बड़े फ़िल्मी घर के होने के बावजूद वो बहुत साधारण जीवन जीने में विश्वास रखते थे | उनको कभी भी सेट पर किसी भी छोटे कर्मचारी को डाटते नहीं देखा गया था |लेकिन फिल्मे असफल होने के बाद और उनका अकेला पड़ना लाजमी था | वो परिवार से दूर पुणे में एक बांग्ला खरीद कर रहने लगे थे |राजीव कपूर ज़्यादातर समय पुणे में रहते थे और शराब पीने लगे थे|
राजीव का अकेलापन और जीवन का अंत -
उनके परिवार ने इस आदत से छुटकारा दिलाने की कोशिश भी की थी|कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के बाद वो मुंबई आ गए थे और चेम्बूर में अपने बड़े भाई रणधीर कपूर के साथ रहने लगे थे|राजीव कपूर ने तेरह फिल्मे की और एक फिल्म 'प्रेमग्रंथ ' बनायीं भी |लेकिन कहा जाये तो उन्हें उतनी सफलता नहीं मिली | राजीव सभी भाईयों में सबसे छोटे थे। 58 साल के राजीव का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ। हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर्स तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सके।राजीव के अंतिम दर्शन के लिए परिवार सहित बॉलीवुड के तमाम स्टार्स उनके पहुंचे।कभी -कभी आप जो चाहते है वो नहीं मिलता है और आप के पास पैसा -रुपया होने के बाद भी आप अकेले रह जाते है | इसलिए जिंदगी जीने के लिए आप हमेशा ये न देखे की आप काम में असफल हो रहे है लेकिन काम वही करे जो आप सच में पसंद करते है |तो आप कभी अकेले नहीं पड़ेंगे |
#शम्मी कपूर#rajeevkapoor#rajivkapoor#rajivkapoordeath#अभिनेताबननेकाबहुतशौकथा#ऋषिकपूर#एकजानहैंहम#एफ़सीमेहराकी#कपूरखानदानकालड़का#कपूरखानदानकेराजीवकपूरनहीं#जीवनकाअंत#डांसिंगस्टाइल#नीतूकीलवस्टोरीबहुतहीमशहूर#पुरेखानदान#पृत्वीराजकपूर#प���रेमरोग#बहुत बड़ाखानदान#रणधीरकपूर#राजकपूरकेअस्सिस्टेंटडायरेक्टर#राजीवकपूर#राजीवकाअकेलापन#राजीवकेनिजीजीवन#रामतेरीगंगामैली
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Raj Kapoor, Shammi Kapoor, Shashi Kapoor, Rishi Kapoor, Kareena, Riddhima, spot all the Kapoors in this classic picture
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नई दिल्ली: दिवंगत अभिनेता ऋषि कपूर की बेटी रिद्धिमा कपूर साहनी अनमोल पोस्ट के जरिए लगातार उनकी यादें साझा कर रही हैं और रविवार को उन्होंने एल्बम में एक और यादगार तस्वीर जोड़ी। यह कपूरों की एक बहुत पुरानी तस्वीर है, जिसमें शम्मी कपूर और शशि कपूर के परिवार शामिल हैं।
राज कपूर और उनकी पत्नी कृष्णा राज कपूर बेटियों बबीता और नीतू कपूर के साथ सेंटर रो में सीट लेते हैं। करीना कपूर और रिद्धिमा…
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किसी की आँखों में मुस्कुरायेंगी मानकंवर
परोपकार : पति मनीष ने पत्नी का मरणोपरांत करवाया नेत्रदान न्यूजवेव @ कोटा सुंदर, सौम्य व अपनी मुस्कान से हमेशा सबका दिल जीत लेने वाली 45 वर्षीया मानकंवर का 6 फरवरी को तलवंडी के निजी अस्पताल में आकस्मिक निधन हो गया। उनके निधन से अचानक परिवार में गमों का पहाड़ टूट पड़ा। रावतभाटा रोड पर सोलंकी फार्म हाउस डॉल्फिन पूल निवासी पति मनीष पत्नी के आकस्मिक बिछोह से बेसुध हो गये। शोक की घड़ी में जैसे ही उनको याद आया कि अंतिम संस्कार में पत्नी की देह अग्नि को समर्पित हो जायेगा, उन्होंने तुरंत अपने साले शम्मी कपूर और शाइन इंडिया फाउंडेशन के सक्रिय सदस्य पिंकू पांचाल से मन की पीडा बताते हुये कहा कि पत्नी के शरीर से कोई अंग यदि किसी जरूरतमंद की जिंदगी में काम आ सके तो वे इसके लिये तैयार हैं। इस पर उन्होंने शाइन इंडिया फाउंडेशन से संपर्क किया और अस्पताल में ही नेत्रदान के लिये टीम पहुंच गयी। नेत्रदान की पूरी प्रक्रिया मनीष व छोटी बहन अनिता कपूर के सामने पूरी की गई। मानकंवर के परिजनों का मानना है कि जानकारी के अभाव में लोग शरीर के कीमती अंगों को जलाकर पूरी तरह खाक कर देते हैं, जिनसे मृतक की सारी यादें भी वहीं खत्म हो जाती है��� इससे उलट यदि किसी के मरणोपरांत नेत्रदान जैसा पुण्य कार्य करवा दिया जाये तो मृतक की आत्मा को सच्ची शांति मिलती है। शोकाकुल परिवार को इस परोपकार के बाद गर्व होता है कि उनके बीच से कोई सदस्य ईश्वर के पास पहुंचा है लेकिन किसी रूप में वो अपनी यादें यहां छोड़ गया है, जिससे दूसरे की जिंदगी खुशहाल हो उठती है। छोटी बहन अनिता ने कहा कि मानकंवर घर परिवार व रिश्तेदारों की किसी भी परेशानी को पलभर में दूर कर देती थी। उनके साथ थोड़ी देर बैठ जाओ तो ऐसा कोई दुख नहीं जो दूर न हो सके। उनकी इस भावना को देखते हुये हमने नेत्रदान करवाया है। यदि किसी की आँखों का अँधियारा हमारी भाभी की आँखो से दूर होता है,और उसके चेहरे पर हल्की सी भी मुस्कान आती है, तो हम समझेंगे हमारी ‘‘मानू‘‘ अभी जीवित है। Read the full article
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बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होय?
सिर्फ गोरखपुर में रवि किशन नचनिया है क्योंकि वो ब्राह्मण है।क्योंकि उपेंद्र शुक्ल को सिर्फ ब्राह्मण होने के नाते चुनाव हारना पड़ा।रवि किशन पर जितने भी हमले हो रहें हैं उसका कारण रवि किशन का ब्राह्मण होना है। इस सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने कितनी बार नारी वेश बनाया चुनाव जीते और सांसद बने। "आंटी नंबर 1"में गोविंदा हिन्दी फिल्मों में साड़ी पहन कर नाचे तो वो हीरो है।गोविंदा चुनाव लड़ सकता है, जीत भी सकता है। "बाजी"फिल्म में आमिर खान "डोले डोले दिल"गाने पर सलवार सूट पहने तो वो परफेक्शनिस्ट हीरो है। "अपना सपना मनी मनी"में रितेश देशमुख सलवार सूट पहने तो वो हीरो है। "जानेमन"में सलमान खान लहंगा चोली पहने तो वो हीरो दबंग है। "डुप्लीकेट"में शाहरुख खान लिपिस्टिक लगाकर काम करे तो वो बॉलीवुड का बेताज बादशाह है। "करिश्मा"में शम्मी कपूर,"हसीना मान जाएगी"में शशि कपूर,"चाची 420"में कमल हासन आदि साड़ी,लहंगा, चोली पहने तो ये लोग हीरो हैं लेकिन रवि किशन,खेसारी लाल,निरहुआ जैसे कलाकार यदि साड़ी पहन लें तो ये लोग नचनिया हो जाते हैं। विरोधियों के षड्यंत्र में फंसकर कुछ खास किस्म के जातिवादी लोगों के द्वारा रवि किशन के विरोध में माहौल बनाया जा रहा है ताकि फिर से प्रवीण निषाद जैसा कोई तीसरा व्यक्ति गोरखपुर से चुनाव जीत जाए। इसी प्रकार का माहौल उपचुनाव में भी बनाया गया था जिसके कारण प्रवीण निषाद की जीत हुई थी। उपेंद्र शुक्ला के चुनाव हारने से सबसे ज्यादा महंत आदित्यनाथ के साख पर सवाल उठा। बार में नृत्य करने वाली,लोगों को शराब परोसने वाली भारत के सबसे पुरानी पार्टी की अध्यक्ष हो सकती है लेकिन साधारण परिवार से अपने काबिलियत के बल पर फिल्मों में काम करने वाले हीरो हीरोइन चुनाव नहीं लड़ सकते! क्या सोनिया सांसद नहीं बनी?किसने बनाया सांसद? जिसने सांसद बनाया उनको सोनिया में अश्ली��ता नहीं दिखी?क्यों नहीं दिखी? मनोज तिवारी सपा के टिकट पर जब गोरखपुर से चुनाव लड़े थे तब तिवारी बाबा समाजवाद के प्रबल समर्थक थे। उस समय कुछ लोगों को सपा से घृणा नहीं हुई थी। मनोज तिवारी,निरहुआ और रवि किशन का नाम तो इनके जुबान पर तोता के रट की तरह चिपक गया है लेकिन भरत शर्मा भी भाजपा में ही हैं,याद नहीं है। भारत के राजनीतिक में उसी का बोलबाला है जिसके पास पैसा है, जिसके पास स्टारडम है।जिसके पास अपना बड़े नाम वाला बाप है। याद कीजिए 2009 का लोकसभा चुनाव जब सपा ने हिन्दू हितैषी महंत आदित्यनाथ को हराने के लिए नहीं बल्कि परेशान करने के लिए भोजपुरी गायक और अभिनेता मनोज तिवारी को चुनाव लड़ाया था।आज दिन बदला और जैसे को तैसा के तर्ज पर सपा के सर्वोच्च नेता अखिलेश के खिलाफ भी भाजपा ने भोजपुरी गायक और अभिनेता निरहुआ को खड़ा कर के सूद समेत हिसाब चुकता कर लिया। महंत आदित्यनाथ के खिलाफ मनोज तिवारी को चुनाव लड़ा कर उस समय खुश हो रहे थे और आज जब तुम्हारे खिलाफ निरहुआ खड़ा हुआ है तो काहें परपरा रहा है?अब तुम भी भुगतो। बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होय?
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…तो इस कारण जिंदगी भर कुंवारी रही आशा पारेख, इस सुपरस्टार के चाचा से करती थीं बेइंतहा मोहब्बत
60-70 के दशक हसीन अदाकारा आशा पारेख आज अपना 76वां जन्मदिन मना रही हैं। आशा अपने जमाने की टॅाप एक्ट्रेस रही हैं। अपने शानदार अभिनय से एक्ट्रेस ने पूरे देश को दीवाना बना लिया था। उनकी कुछ फेमस फिल्में जैसे ‘तीसरी मंजिल’, ‘कटी पतंग’, ‘कारवां’ ने तो उन्हें सुपरस्टार बना दिया था। पर जहां वह अपनी प्रोफेशनल लाइफ में ऊचाईयों को छू रही थी वहीं कही न कही वह निजी जिंदगी में बेहद अकेली थीं। क्या आप जानते हैं आशा ने आजतक शादी नहीं की। एक दौर तो ऐसा भी आया था जब वह डिप्रेशन का शिकार हो गई थीं।
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दरअसल, बताया जाता है कि आशा को आमिर खान के चाचा और फिल्मेकर नासिर हुसैन से प्यार था, लेकिन नासिर साहब पहले से शादीशुदा थे और आशा पारेख उनका घर नहीं तोड़ना चाहती थीं। दोनों पहली बार 1959 में आई फिल्म ‘दिल देके देखो’ के सेट पर मिले थे। उस दौरान आशा पारेख लीड रोल में थीं ��हीं नसिर फिल्म का निर्देशन कर रहे थे। इस फिल्म में आशा के अपोजिट शम्मी कपूर थे। उस वक्त आशा की उम्र मात्र 17 साल थीं। इसके बाद नसिर के साथ आशा ने 1971 में आई ‘कारवां’ में काम किया। बस फिर क्या था, साथ काम करते-करते दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई, लेकिन नासिर हुसैन पहले से शादीशुदा थे इसलिए आशा पारेख ने अपने कदम पीछे हटा लिए।
ये भी पढ़ें: हॉर्न ओके प्लीज’ में तनुश्री को कोरियोग्राफ कर रही थीं डेजी शाह, किया बड़ा खुलासा
इस पूरे वाक्या का जिक्र आशा पारेख की ऑटोबायोग्राफी ‘द हिट गर्ल’ में दिया हुआ है। इतना ही नहीं कुछ साल पहले आईएनएस को दिए इंटरव्यू में भी आशा ने कहा था,’मैंने आज तक सिर्फ नासिर साहब से ही प्यार किया है। ऑटोबायोग्राफी लिखना व्यर्थ होता अगर उसमें उनका जिक्र ना हो, जो मेरी जिंदगी में महत्व रखते हैं।’ खास बात ये थी कि उनकी किताब के लॉन्च पर नासिर साहब की बेटी नुसरत और उनके पोते एक्टर इमरान खान भी आए थे।
उसी इंटरव्यू में आशा ने ये भी बताया, ‘मैं कभी घर तोड़ने वाली नहीं थी। मेरे और नासिर साहब के परिवार के बीच कभी दूरियां नहीं थी। मेरे बुक लॉन्च पर नुसरत और इमरान को देखकर मैं खुश थी। मुझे लगता है मैंने अपनी जिंदगी अच्छे से जी, बिना किसी को दर्द पहुंचाए हुए।’
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…तो इस कारण जिंदगी भर कुंवारी रही आशा पारेख, इस सुपरस्टार के चाचा से करती थीं बेइंतहा मोहब्बत
60-70 के दशक हसीन अदाकारा आशा पारेख आज अपना 76वां जन्मदिन मना रही हैं। आशा अपने जमाने की टॅाप एक्ट्रेस रही हैं। अपने शानदार अभिनय से एक्ट्रेस ने पूरे देश को दीवाना बना लिया था। उनकी कुछ फेमस फिल्में जैसे ‘तीसरी मंजिल’, ‘कटी पतंग’, ‘कारवां’ ने तो उन्हें सुपरस्टार बना दिया था। पर जहां वह अपनी प्रोफेशनल लाइफ में ऊचाईयों को छू रही थी वहीं कही न कही वह निजी जिंदगी में बेहद अकेली थीं। क्या आप जानते हैं आशा ने आजतक शादी नहीं की। एक दौर तो ऐसा भी आया था जब वह डिप्रेशन का शिकार हो गई थीं।
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दरअसल, बताया जाता है कि आशा को आमिर खान के चाचा और फिल्मेकर नासिर हुसैन से प्यार था, लेकिन नासिर साहब पहले से शादीशुदा थे और आशा पारेख उनका घर नहीं तोड़ना चाहती थीं। दोनों पहली बार 1959 में आई फिल्म ‘दिल देके देखो’ के सेट पर मिले थे। उस दौरान आशा पारेख लीड रोल में थीं वहीं नसिर फिल्म का निर्देशन कर रहे थे। इस फिल्म में आशा के अपोजिट शम्मी कपूर थे। उस वक्त आशा की उम्र मात्र 17 साल थीं। इसके बाद नसिर के साथ आशा ने 1971 में आई ‘कारवां’ में काम किया। बस फिर क्या था, साथ काम करते-करते दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई, लेकिन नासिर हुसैन पहले से शादीशुदा थे इसलिए आशा पारेख ने अपने कदम पीछे हटा लिए।
ये भी पढ़ें: हॉर्न ओके प्लीज’ में तनुश्री को कोरियोग्राफ कर रही थीं डेजी शाह, किया बड़ा खुलासा
इस पूरे वाक्या का जिक्र आशा पारेख की ऑटोबायोग्राफी ‘द हिट गर्ल’ में दिया हुआ है। इतना ही नहीं कुछ साल पहले आईएनएस को दिए इंटरव्यू में भी आशा ने कहा था,’मैंने आज तक सिर्फ नासिर साहब से ही प्यार किया है। ऑटोबायोग्राफी लिखना व्यर्थ होता अगर उसमें उनका जिक्र ना हो, जो मेरी जिंदगी में महत्व रखते हैं।’ खास बात ये थी कि उनकी किताब के लॉन्च पर नासिर साहब की बेटी नुसरत और उनके पोते एक्टर इमरान खान भी आए थे।
उसी इंटरव्यू में आशा ने ये भी बताया, ‘मैं कभी घर तोड़ने वाली नहीं थी। मेरे और नासिर साहब के परिवार के बीच कभी दूरियां नहीं थी। मेरे बुक लॉन्च पर नुसरत और इमरान को देखकर मैं खुश थी। मुझे लगता है मैंने अपनी जिंदगी अच्छे से जी, बिना किसी को दर्द पहुंचाए हुए।’
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मोहम्मद रफी…जिसने टूटे दिल का दर्द समझा हिन्दी सिनेमा की ऐसी आवाज जो सीधे दिलों में घर कर जाती है।गानों में ऐसी मिठास की रुक कर सुनने पर मजबूर कर देती है। बडे़ हो या छोटे मोहम्मद रफी के गानों से सभी परिचित जरुर है।कद ऐसा कि विरोधी भी तारीफ किए बिना ना रह पाए। ऐसी थी गायकी के दुनिया के बेताज बादशाह मोहम्मद रफी के आवाज का जादू। जो आज भी लोगों के दिलों में जिन्दा है। आज इस महान पार्श्व गायक का 93वां जन्म दिवस है। रफी के कुछ सुपरहीट गानों की फेरिस्त बनाने जाए तो लिस्ट कभी पूरी ना होगी,कुछ ना कुछ छूट ही जाएगा। मोहम्मद रफी का जन्म आज ही के दिन 24 दिसंबर 1924 को अमृतसर के पास कोटला में जन्म हुआ था। मोहम्मद रफी अपने समय के सभी सुपर स्टार्स जैसे कि देवानंद, राजेश खन्ना, दिलीप कुमार ,शम्मी कपूर, धर्मेंद्र और भारत भूषण की आवाज बने। बात करें मोहम्मद रफी के ��चपन की तो जब वो छोटे थे तभी उनका परिवार लाहौर से अमृतसर आ गया था। मोहम्मद रफी के बड़े भाई की नाई की दुकान थी। रफी अपना ज्यादातर समय वहीं बिताया करते थे। उनके गायन के पति रुझान के बारे में बताया जाता है कि एक फकीर हर रोज उनके भाई की दुकान से होकर गुजरता था और रफी उनका पीछा करते हुए उनके गाने गुनगुनाने लगते।मोहम्मद रफी के भाई मोहम्मद हमीद ने जब देखा कि उनकी दिलचस्पी गाने में है तो उन्होंने उस्ताद अब्दुल वाहिद खान से परंपरागत शिक्षा प्राप्त करने की सलाह दी। रफी को 1967 में पदम श्री और क्या हुआ तेरा वादा गाने के लिए नेशनल अवार्ड तक मिल चुका है। रफी बहारों फूल बरसाओं..मेरा महबूब आया है और उड़े जब जब जुल्फें तेरी...जैसे गानों से आशिकों की आवाज बने। कहने को तो आज रफी का 93वां जन्मदिन है। लेकिन जब भी हम उनके गाने सुनते है तो आज भी उनके गानों में वहीं जवानी की चहक आती है। बात करें 50 साल पहले की या फिर आज की तो ऐसा कोई आशिक ना होगा जिसनें अपनी महबूबा के लिए मोहम्मद रफी गाने ना गुनगुनाएं हो और ऐसा भी कोई आशिक ना होगा जिसने इश्क मुकम्मल ना होने पर तनहाई में रफी के गाने ना सुने हो। कह सकते है कि कोई महबूबा अपने लवर की कद्र करने से भले चूक जाएं लेकिन रफी ने इनके दर्द और खुशी दोनो को ही हमेशा समझा है।
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