#जीवनकाअंत
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राजीव कपूर :कपूर खानदान का एक लड़का -
कपूर खानदान बहुत बड़ा खानदान है आप समझ सकते है इस पुरे खानदान में आपको निर्देशक ,अभिनेता , अभिनेत्री ,प्रोडूसर सब मिलेंगे |एक दुखद घटना सुनने को मिली की कपूर खानदान के राजीव कपूर नहीं रहे है |वैसे तो कह सकते है हल -फ़िलहाल में कपूर खानदान दो लोगों को खो दिया है |अभी ऋषि कपूर भी गुज़र गए थे |ऋषि कपूर तो खुद को एक अभिनेता के तौर पर स्थापित कर रखा था |और बहुत मशहूर भी थे |
उनकी और नीतू की लव स्टोरी बहुत ही मशहूर थी |राजकपूर को कौन नहीं जानता है |उसी तरह शम्मी कपूर अपने डांसिंग स्टाइल के लिए जाने जाते थे |और इन्ही ��े खानदान के पृत्वी राज कपूर भी थे |जिन्होंने कालजयी अभिनेता रहे है |लेकिन आपको मैं राजीव कपूर की याद दिलाता हूँ जिन्होंने एक मूवी की राम तेरी गंगा मैली हो गयी और उस मूवी ने बॉक्स ऑफिस के उस समय के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए | लेकिन उसके बाद भी इन्होने खुद को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित नहीं कर पाये| आये जानते है उनके कुछ अनसुलझे तथ्यों के बारे में |
राजीव कपूर ही थे जिन्होंने राज कपूर के अस्सिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर रखा -
राज कपूर साहब के तीनो बेटों में से सिर्फ़ राजीव कपूर ही थे जिन्होंने राज कपूर के अस्सिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया था|बड़े बेटे रणधीर कपूर को राज कपूर ने अपने अस्सिटेंट डायरेक्टर रह चुके निर्देशक लेख टंडन के यहाँ काम सीखने के लिए कहा था और वही ऋषि कपूर को कहा था कि तुम्हें एक्टिंग करनी आती है, तुम सिर्फ़ डायरेक्शन सीखो|लेकिन राजीव कपूर को उन्होंने फ़िल्म 'प्रेम रोग' में अपना अस्सिस्टेंट रखा था |उन्होंने राजीव कपूर को एक बार कहा था की तुम अभिनय के चक्कर में मत पड़ो |तुम निर्देशन सीखों|
राजीव कपूर को 'राम तेरी गंगा मैली ' मिलने की कहानी -
राजीव कपूर को अभिनेता बनने का बहुत शौक था लेकिन इस बात पर हमेशा राज कपूर चुप्पी साध जाते थे और इसलिए राजीव कपूर को जब एक फिल्म का ऑफर मिला तो उन्होंने तुरंत स्वीकार कर लिया और ये फिल्म एफ़सी मेहरा की 'एक जान हैं हम ' थी लेकिन ये फिल्म हौंदे मुँह गिरी और बुरी तरह से फ्लॉप रही है |लेकिन उनके अपने दौर की सबसे बड़ी हिट 'राम तेरी गंगा मैली' और उसने पूरा रिकॉर्ड ही तोड़ दिया इसके पीछे भी कहा जाता है की जब राजकपूर इस फिल्मे के लिए हीरो की तलाश कर रहे थे तो उनकी पत्नी के कहने पर वो राजीव कपूर को आजमाने के लिए तैयार हो गये|लेकिन इस मूवी के दौरान ही उन्होंने बहुत ज्यादा दारू पीने लगे और जिससे फिल्म के हिट होने के बाद भी इनका वजन बढ़ जाने की वजह से इन्हे फिल्मे कम ही ऑफर हुई |
राजीव के निजी जीवन में उथल -पुथल भरा रहा -
राजीव कपूर के निजी जीवन में भी बहुत मुश्किल दौर से गुज़रना पड़ा |उनकी शादी भी केवल 2 साल ही चली और फिर वो अलग हो गये है |कहा जाता है की इतने बड़े फ़िल्मी घर के होने के बावजूद वो बहुत साधारण जीवन जीने में विश्वास रखते थे | उनको कभी भी सेट पर किसी भी छोटे कर्मचारी को डाटते नहीं देखा गया था |लेकिन फिल्मे असफल होने के बाद और उनका अकेला पड़ना लाजमी था | वो परिवार से दूर पु��े में एक बांग्ला खरीद कर रहने लगे थे |राजीव कपूर ज़्यादातर समय पुणे में रहते थे और शराब पीने लगे थे|
राजीव का अकेलापन और जीवन का अंत -
उनके परिवार ने इस आदत से छुटकारा दिलाने की कोशिश भी की थी|कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के बाद वो मुंबई आ गए थे और चेम्बूर में अपने बड़े भाई रणधीर कपूर के साथ रहने लगे थे|राजीव कपूर ने तेरह फिल्मे की और एक फिल्म 'प्रेमग्रंथ ' बनायीं भी |लेकिन कहा जाये तो उन्हें उतनी सफलता नहीं मिली | राजीव सभी भाईयों में सबसे छोटे थे। 58 साल के राजीव का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ। हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर्स तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सके।राजीव के अंतिम दर्शन के लिए परिवार सहित बॉलीवुड के तमाम स्टार्स उनके पहुंचे।कभी -कभी आप जो चाहते है वो नहीं मिलता है और आप के पास पैसा -रुपया होने के बाद भी आप अकेले रह जाते है | इसलिए जिंदगी जीने के लिए आप हमेशा ये न देखे की आप काम में असफल हो रहे है लेकिन काम वही करे जो आप सच में पसंद करते है |तो आप कभी अकेले नहीं पड़ेंगे |
#शम्मी कपूर#रामतेरीगंगामैली#राजीवकेनिजीजीवन#राजीवकाअकेलापन#राजीवकपूर#राजकपूरकेअस्सिस्टेंटडायरेक्टर#रणधीरकपूर#बहुत बड़ाखानदान#पृत्वीराजकपूर#पुरेखानदान#नीतूकीलवस्टोरीबहुतहीमशहूर#डांसिंगस्टाइल#जीवनकाअंत#कपूरखानदानकेराजीवकपूरनहीं#कपूरखानदानकालड़का#एफ़सीमेहराकी#एकजानहैंहम#ऋषिकपूर#अभिनेताबननेकाबहुतशौकथा#rajivkapoordeath#rajivkapoor#rajeevkapoor
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राजीव कपूर :कपूर खानदान का एक लड़का -
कपूर खानदान बहुत बड़ा खानदान है आप समझ सकते है इस पुरे खानदान में आपको निर्देशक ,अभिनेता , अभिनेत्री ,प्रोडूसर सब मिलेंगे |एक दुखद घटना सुनने को मिली की कपूर खानदान के राजीव कपूर नहीं रहे है |वैसे तो कह सकते है हल -फ़िलहाल में कपूर खानदान दो लोगों को खो दिया है |अभी ऋषि कपूर भी गुज़र गए थे |ऋषि कपूर तो खुद को एक अभिनेता के तौर पर स्थापित कर रखा था |और बहुत मशहूर भी थे |
उनकी और नीतू की लव स्टोरी बहुत ही मशहूर थी |राजकपूर को कौन नहीं जानता है |उसी तरह शम्मी कपूर अपने डांसिंग स्टाइल के लिए जाने जाते थे |और इन्ही के खानदान के पृत्वी राज कपूर भी थे |जिन्होंने कालजयी अभिनेता रहे है |लेकिन आपको मैं राजीव कपूर की याद दिलाता हूँ जिन्होंने एक मूवी की राम तेरी गंगा मैली हो गयी और उस मूवी ने बॉक्स ऑफिस के उस समय के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए | लेकिन उसके बाद भी इन्होने खुद को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित नहीं कर पाये| आये जानते है उनके कुछ अनसुलझे तथ्यों के बारे में |
राजीव कपूर ही थे जिन्होंने राज कपूर के अस्सिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर रखा -
राज कपूर साहब के तीनो बेटों में से सिर्फ़ राजीव कपूर ही थे जिन्होंने राज कपूर के अस्सिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया था|बड़े बेटे रणधीर कपूर को राज कपूर ने अपने अस्सिटेंट डायरेक्टर रह चुके निर्देशक लेख टंडन के यहाँ काम सीखने के लिए कहा था और वही ऋषि कपूर को कहा था कि तुम्हें एक्टिंग करनी आती है, तुम सिर्फ़ डायरेक्शन सीखो|लेकिन राजीव कपूर को उन्होंने फ़िल्म 'प्रेम रोग' में अपना अस्सिस्टेंट रखा था |उन्होंने राजीव कपूर को एक बार कहा था की तुम अभिनय के चक्कर में मत पड़ो |तुम निर्देशन सीखों|
राजीव कपूर को 'राम तेरी गंगा मैली ' मिलने की कहानी -
राजीव कपूर को अभिनेता बनने का बहुत शौक था लेकिन इस बात पर हमेशा राज कपूर चुप्पी साध जाते थे और इसलिए राजीव कपूर को जब एक फिल्म का ऑफर मिला तो उन्होंने तुरंत स्वीकार कर लिया और ये फिल्म एफ़सी मेहरा की 'एक जान हैं हम ' थी लेकिन ये फिल्म हौंदे मुँह गिरी और बुरी तरह से फ्लॉप रही है |लेकिन उनके अपने दौर की सबसे बड़ी हिट 'राम तेरी गंगा मैली' और उसने पूरा रिकॉर्ड ही तोड़ दिया इसके पीछे भी कहा जाता है की जब राजकपूर इस फिल्मे के लिए हीरो की तलाश कर रहे थे तो उनकी पत्नी के कहने पर वो राजीव कपूर को आजमाने के लिए तैयार हो गये|लेकिन इस मूवी के दौरान ही उन्होंने बहुत ज्यादा दारू पीने लगे और जिससे फिल्म के हिट होने के बाद भी इनका वजन बढ़ जाने की वजह से इन्हे फिल्मे कम ही ऑफर हुई |
राजीव के निजी जीवन में उथल -पुथल भरा रहा -
राजीव कपूर के निजी जीवन में भी बहुत मुश्किल दौर से गुज़रना पड़ा |उनकी शादी भी केवल 2 साल ही चली और फिर वो अलग हो गये है |कहा जाता है की इतने बड़े फ़िल्मी घर के होने के बावजूद वो बहुत साधारण जीवन जीने में विश्वास रखते थे | उनको कभी भी सेट पर किसी भी छोटे कर्मचारी को डाटते नहीं देखा गया था |लेकिन फिल्मे असफल होने के बाद और उनका अकेला पड़ना लाजमी था | वो परिवार से दूर पुणे में एक बांग्ला खरीद कर रहने लगे थे |राजीव कपूर ज़्यादातर समय पुणे में रहते थे और शराब पीने लगे थे|
राजीव का अकेलापन और जीवन का अंत -
उनके परिवार ने इस आदत से छुटकारा दिलाने की कोशिश भी की थी|कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के बाद वो मुंबई आ गए थे और चेम्बूर में अपने बड़े भाई रणधीर कपूर के साथ रहने लगे थे|राजीव कपूर ने तेरह फिल्मे की और एक फिल्म 'प्रेमग्रंथ ' बनायीं भी |लेकिन कहा जाये तो उन्हें उतनी सफलता नहीं मिली | राजीव सभी भाईयों में सबसे छोटे थे। 58 साल के राजीव का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ। हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर्स तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सके।राजीव के अंतिम दर्शन के लिए परिवार सहित बॉलीवुड के तमाम स्टार्स उनके पहुंचे।कभी -कभी आप जो चाहते है वो नहीं मिलता है और आप के पास पैसा -रुपया होने के बाद भी आप अकेले रह जाते है | इसलिए जिंदगी जीने के लिए आप हमेशा ये न देखे की आप काम में असफल हो रहे है लेकिन काम वही करे जो आप सच में पसंद करते है |तो आप कभी अकेले नहीं पड़ेंगे |
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राजीव कपूर:कपूर खानदान का लड़का जो चकाचौंध से रहा दूर -
राजीव कपूर :कपूर खानदान का एक लड़का -
कपूर खानदान बहुत बड़ा खानदान है आप समझ सकते है इस पुरे खानदान में आपको निर्देशक ,अभिनेता , अभिनेत्री ,प्रोडूसर सब मिलेंगे |एक दुखद घटना सुनने को मिली की कपूर खानदान के राजीव कपूर नहीं रहे है |वैसे तो कह सकते है हल -फ़िलहाल में कपूर खानदान दो लोगों को खो दिया है |अभी ऋषि कपूर भी गुज़र गए थे |ऋषि कपूर तो खुद को एक अभिनेता के तौर पर स्थापित कर रखा था |और बहुत मशहूर भी थे |
उनकी और नीतू की लव स्टोरी बहुत ही मशहूर थी |राजकपूर को कौन नहीं जानता है |उसी तरह शम्मी कपूर अपने डांसिंग स्टाइल के लिए जाने जाते थे |और इन्ही के खानदान के पृत्वी राज कपूर भी थे |जिन्होंने कालजयी अभिनेता रहे है |लेकिन आपको मैं राजीव कपूर की याद दिलाता हूँ जिन्होंने एक मूवी की राम तेरी गंगा मैली हो गयी और उस मूवी ने बॉक्स ऑफिस के उस समय के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए | लेकिन उसके बाद भी इन्होने खुद को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित नहीं कर पाये| आये जानते है उनके कुछ अनसुलझे तथ्यों के बारे में |
राजीव कपूर ही थे जिन्होंने राज कपूर के अस्सिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर रखा -
राज कपूर साहब के तीनो बेटों में से सिर्फ़ राजीव कपूर ही थे जिन्होंने राज कपूर के अस्सिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया था|बड़े बेटे रणधीर कपूर को राज कपूर ने अपने अस्सिटेंट डायरेक्टर रह चुके निर्देशक लेख टंडन के यहाँ काम सीखने के लिए कहा था और वही ऋषि कपूर को कहा था कि तुम्हें एक्टिंग करनी आती है, तुम सिर्फ़ डायरेक्शन सीखो|लेकिन राजीव कपूर को उन्होंने फ़िल्म 'प्रेम रोग' में अपना अस्सिस्टेंट रखा था |उन्होंने राजीव कपूर को एक बार कहा था की तुम अभिनय के चक्कर में मत पड़ो |तुम निर्देशन सीखों|
राजीव कपूर को 'राम तेरी गंगा मैली ' मिलने की कहानी -
राजीव कपूर को अभिनेता बनने का बहुत शौक था लेकिन इस बात पर हमेशा राज कपूर चुप्पी साध जाते थे और इसलिए राजीव कपूर को जब एक फिल्म का ऑफर मिला तो उन्होंने तुरंत स्वीकार कर लिया और ये फिल्म एफ़सी मेहरा की 'एक जान हैं हम ' थी लेकिन ये फिल्म हौंदे मुँह गिरी और बुरी तरह से फ्लॉप रही है |लेकिन उनके अपने दौर की सबसे बड़ी हिट 'राम तेरी गंगा मैली' और उसने पूरा रिकॉर्ड ही तोड़ दिया इसके पीछे भी कहा जाता है की जब राजकपूर इस फिल्मे के लिए हीरो की तलाश कर रहे थे तो उनकी पत्नी के कहने पर वो राजीव कपूर को आजमाने के लिए तैयार हो गये|लेकिन इस मूवी के दौरान ही उन्होंने बहुत ज्यादा दारू पीने लगे और जिससे फिल्म के हिट होने के बाद भी इनका वजन बढ़ जाने की वजह से इन्हे फिल्मे कम ही ऑफर हुई |
राजीव के निजी जीवन में उथल -पुथल भरा रहा -
राजीव कपूर के निजी जीवन में भी बहुत मुश्किल दौर से गुज़रना पड़ा |उनकी शादी भी केवल 2 साल ही चली और फिर वो अलग हो गये है |कहा जाता है की इतने बड़े फ़िल्मी घर के होने के बावजूद वो बहुत साधारण जीवन जीने में विश्वास रखते थे | उनको कभी भी सेट पर किसी भी छोटे कर्मचारी को डाटते नहीं देखा गया था |लेकिन फिल्मे असफल होने के बाद और उनका अकेला पड़ना लाजमी था | वो परिवार से दूर पुणे में एक बांग्ला खरीद कर रहने लगे थे |राजीव कपूर ज़्यादातर समय पुणे में रहते थे और शराब पीने लगे थे|
राजीव का अकेलापन और जीवन का अंत -
उनके परिवार ने इस आदत से छुटकारा दिलाने की कोशिश भी की थी|कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के बाद वो मुंबई आ गए थे और चेम्बूर में अपने बड़े भाई रणधीर कपूर के साथ रहने लगे थे|राजीव कपूर ने तेरह फिल्मे की और एक फिल्म 'प्रेमग्रंथ ' बनायीं भी |लेकिन कहा जाये तो उन्हें उतनी सफलता नहीं मिली | राजीव सभी भाईयों में सबसे छोटे थे। 58 साल के राजीव का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ। हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर्स तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सके।राजीव के अंतिम दर्शन के लिए परिवार सहित बॉलीवुड के तमाम स्टार्स उनके पहुंचे।कभी -कभी आप जो चाहते है वो नहीं मिलता है और आप के पास पैसा -रुपया होने के बाद भी आप अकेले रह जाते है | इसलिए जिंदगी जीने के लिए आप हमेशा ये न देखे की आप काम में असफल हो रहे है लेकिन काम वही करे जो आप सच में पसंद करते है |तो आप कभी अकेले नहीं पड़ेंगे |
पूरा जानने के लिए -http://bit.ly/3a3KAG7
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