#शगुन
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helputrust · 8 months ago
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लखनऊ, 09.03.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में ग्रीन वुड अपार्टमेंट, एच-ब्लाक, गोमती नगर, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें महिलाओ एवं बालिकाओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा ग्रीन वुड अपार्टमेंट के निवासियों एवं रेड ब्रिगेड से यास्मीन बानो ने दीप प्रज्वलित किया |
ग्रीन वुड अपार्टमेंट की निवासी श्रीमती मनोरमा चौहान ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, "आज हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रशिक्षण प्राप्त कर बहुत अच्छा लग रहा है | इससे हमारे आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है | मेरा यह मानना है कि हमारे बच्चों को भी आत्मरक्षा के गुर सीखने चाहिए जिससे वह किसी भी तरह की परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे |"
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और ह��नर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका यास्मीन बानो, रूबी खान ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला की समाप्ति के बाद बालिकाओ ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि, "आज हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से आयोजित इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में हमने जो कुछ भी सीखा, वह हमें बहुत मददगार साबित होगा । हम लोग स्कूल और कॉलेज में अकेले जाते हैं, और यह संभव नहीं हो सकता कि हम हमेशा अपने माता-पिता को साथ ले जाएं । आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त करके हमें आत्मविश्वास मिलता है कि अगर भविष्य में किसी संघर्ष का सामना हो, तो हमें पता होगा कि हमें क्या करना चाहिए ।"
कार्यशाला में ग्रीन वुड अपार्टमेंट की निवासी श्रीमती आग्रति प्रभा, श्रीमती रुचि मिश्रा, श्रीमती मनोरमा चौहान, श्रीमती कविता, श्रीमती प्रियंका, श्रीमती श्वेता सिंह, श्रीमती मंजू नायक, अग्रिमा साहू, समृद्धि साहू , वर्धा तोमर, आख्या सिंह, संजना यादव, चारु श्रीवास्तव, शगुन नेगी, श्रीमती गीता नेगी, शांति सिंह तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, यास्मीन बानो, रूबी खान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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myastrologyguru1 · 2 years ago
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भाई दूज का पर्व भाई के जीवन की सलामती के लिए मनाया जाता है. ये दिन भाई और बहन के बीच संबन्ध को और मजबूत बनाता है. इस दिन बहनें अपने भाई के जीवन को संकटों से बचाने के लिए व्रत रखकर गणपति और नारायण की पूजा करती हैं और उनसे भाई की लंबी आयु की कामना करती हैं. इसके बाद भाई का तिलक करने के बाद वो व्रत खोलती हैं. तिलक के बदले भाई भी अपनी बहन को शगुन के तौर पर कोई उपहार देता है. साथ ही बहन का हर परिस्थिति में साथ निभाने और उसकी रक्षा करने का वचन देता है.
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feelingsmattersworld · 2 years ago
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शगुन🌹🌺🌷🌸💮🏵️🌻🌼🍁🍀☘️
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rightnewshindi · 20 days ago
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हमीरपुर की एक पंचायत ने तय किया किन्नरों का शगुन, जबरन वसूली की तो होगी कार्यवाही
हमीरपुर की एक पंचायत ने तय किया किन्नरों का शगुन, जबरन वसूली की तो होगी कार्यवाही #HamirpurNews #HimachalNews #Transgender #Shagun
Shagun For Tansgenders: हिमाचल प्रदेश की एक ग्राम पंचायत ने किन्नरों द्वारा शगुन के नाम पर की जाने वाली वसूली की शिकायत को लेकर उनके लिए राशि निर्धारित कर दी है. हमीरपुर जिला की दडूही पंचायत प्रधान ऊषा बिरला ने मंगलवार को बताया कि ग्राम सभा में यह निर्णय लिया गया. बिरला ने बताया कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि ग्राम पंचायत की इजाजत के बिना किसी भी फेरीवाले को गांव में आने की अनुमति नहीं…
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vaikunth · 2 months ago
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घर पर विधि विधान के साथ करें जन्मोत्सव पूजा
वैकुंठ के माध्यम से जन्मोत्सव पूजा के लिए अनुभवी पंडित को बुक करें, जो आपके जन्मदिन की पूजा को पूरी विधि-विधान के साथ संपन्न करेंगे। पंडित द्वारा करवाई गई पूजा से शुभ फल प्राप्त होता है और आपके जीवन की शुरुआत भी अच्छी होती है।जन्मदिन पूजा आपके जीवन में समृद्धि, खुशी, सद्भाव और एक अच्छा शगुन लाएगी।
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blog-jucelino-luz-blr · 2 months ago
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माइकल शूमाकर - जुसेलिनो लुज लुज को शगुन
माइकल शूमाकर – जुसेलिनो लुज लुज को शगुन माइकल शुमाकर – यो वर्ष दुर्घटना भएको 11 वर्ष हो डिसेम्बरमा दुर्घटना भएको ११ वर्ष पूरा हुनेछ। जुसेलिनो लुज – पत्रकार ०९/०७/२०२४ पूर्व ड्राइभरको दुई अवधिमा सूत्र १ मा उल्लेखनीय क्यारियर थियो: 1991 देखि 2006 र 2010 देखि 2012। जर्मन जोर्डन (1991), बेनेटटन (1991-1995), फेरारी (1996-2006) र मर्सिडीज (2010-202020) को लागि खेले। )। उनले सात विश्व उपाधि जिते:…
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aghora · 2 months ago
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गरीब भाई का रक्षाबंधन
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Narration : अमित की दो बहने थी जिनकी शादी वह बहुत ही अच्छे से करना चाहता था इसी सिलसिले में अमित की पत्नी मीरा उससे  कहती है ।
मीरा :  आपको नही लता अब आपकी बहनों की शादी करवा देना चाहिए ।
अमीत : हां मीरा मैं भी यही सोच रहा था, उनकी पढ़ाई भी पूरी हो गई हैं ।
मीरा :  आप कहो तो मैं कुछ जगह उनके लिए लड़के तलाशना शुरू करू ??
अमीत: हां तुम देखना शुरू कर दो !
मीरा : अजी क्या मैं एक बार आपकी बहनों से भी इस बारे में बात करू ?
अमीत : अगर ऐसा है तो मैं खुद बात करके देखता हूं ।
मीरा : ठीक हैं जी ।
Narration :  तभी वहां पर अमीत की दोनों बहने आ जाती हैं और कहती हैं !
कोमल : अरे क्या बात हो रही है कोई हमें भी तो बताये ??
अमीत : कुछ ख़ास नहीं ये बताओ तुम दोनों का आज कॉलेज में लास्ट डे था तो सब कैसा रहा ??
सुनीता : सब कुछ बिलकुल ठीक रहा भैया !
अमीत : चलो ये तो बहुत ही अछि बात है की मेरी दोनों बहनों की पढाई पूरी हो गई हैं !
कोमल : भैया हमें ना कुछ पैसे चाहिए थे !
अमीत : पैसे किसलिए ?
कोमल : भैया रक्षा बंधन आ रहा हैं इसलिए हमें शौपिंग करनी हैं !
सुनीता : हां भैया दे दीजिये ना !
अमीत : ठीक हैं मेरा इन्हें जितने पैसे चाहिए दे देना और तुम भी इनके साथ चली जाना शूपिंग पर !
सुनीता : अरे भैया हम अपने दोस्तों के साथ जा रहे हैं और अगर भाभी हमारे साथ जाएगी तो खामखा परेशान हो जाएगी !
मीरा : हां जाने दीजिये इन्हें अपने दोस्तों के साथ मैं आपके साथ जा कर शोपिंग करने चली जाउंगी !
अमीत : ना बाबा ना तुम्हारे साथ शौपिंग पर जाना मतलब अपना दिमाग ख़राब करना उम एक घंटा लगा देती हो एक ही कपडे को खरीदने के लिए !
मीरा : ज्यादा मत कहिये वरना आज रात आपको खाना नहीं मिलेगा !
कोमल : अरे भाभी भैया मजाक कर रहे हैं !
Narration : अमीत का परिवार एक हस्त खेलता परिवार था जहाँ सब के मन में एक दुसरे के लिए बहुत प्यार था !अमित की दोनों बहने जब शोपिंग क�� लिए जाती हैं तो उनके साथ दो लड़के होते हैं जिन्हें मीरा देख लेती हैं लेकिन उस वक्त मीरा उन दोनों से कुछ नहीं कहती अगले दिन रक्षाबंधन के दिन अमीत की बहने उसे राखी बांधती हैं !
कोमल : चलो भैया जल्दी से मेरा नेक निकालिए !
सुनीता : हां भैया मेरा भी गिफ्ट दीजिये !
अमित: हां हां क्यों नहीं मेरी प्यारी बहन यह लो तुम दोनों के लिए शगुन के ₹10 रुपए
मीरा : सच में मैने  आज के जमाने में आज तक ऐसी बहनें  नहीं देखी जो आज भी अपने भाई से रक्षाबंधन पर शगुन की सिर्फ और सिर्फ ₹10 लेती  हैं भगवान ऐसी बहनें सबको दे.
कोमल  : भाभी आप तो जानती हैं हमारे माता-पिता के निधन के बाद अमित भैया ने ही हमें दुनिया की हर खुशी दी मां बाप का प्यार दिया हमारे लिए तो रक्षाबंधन का सबसे बड़ा तोहफा हमारे भाई ही है।
सुनीता : हां भाभी हमें हमारे भैया के अलावा उनसे कुछ नहीं चाहिए वो बस  जिंदगी भर हमसे ऐसे ही प्यार करते रहें।
अमित : मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मुझे तुम जैसी बहनें मिली है और हां मुझे तुमसे एक जरूरी बात करनी थी मैंने तुम्हारे लिए लड़के देखे हैं और मैं चाहता हूं कि तुम उनसे  शादी करके अपना खुशहाल जीवन व्यतीत करो। करो तो तुम्हें मेरे इस फैसले से कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ना??
मीरा : सुनिए जी मुझे आपसे कुछ बात करनी है।
अमित : अभी रुको थोड़ी देर में बात करते हैं।
मीरा : लेकिन यह बात कोमल और सुनीता से जुड़ी हुई है ।
अमित :  अच्छा ठीक है ।
 Narration - मेरा और अमित दोनों कमरे से बाहर आते हैं और मेरा एक दिन पहले कोई घटना के बारे में अमित को बताती है और कहती है।
मीरा : सुनिए जी अच्छा होगा कि हम एक बार सुनीता और कोमल से उनकी पसंद के बारे में पूछ ले कहीं ऐसा ना हो आप अपनी मर्जी से उनकी शादी करवा दो और वह जिंदगी भर अफसोस करती रहे.
अमित : शायद तुम ठीक कहती  हो वैसे भी जिंदगी उन दोनों को गुजारनी है और वह किसके साथ अपनी जिंदगी गुजारना चाहती है इसका फैसला भी उन्हें करना चाहिए चलो उनसे बात करते हैं.
Narration;- अमित जब अपनी दोनों बहनों से उनकी पसंद के बारे में पूछता है तो दोनों ही अपनी पसंद के बारे में अमित को बताती है और अमित अपनी बहनों का रिश्ता लेकर उन दोनों लड़कों के घर जाता है जो की बहुत ही अमीर थे लड़का  और लड़की की रजामंदी की वजह से दोनों के घरवाले इस शादी के लिए मान जाते हैं। और कुछ दिनों बाद अमित की दोनों  बहनों की शादी हो जाती है । शादी के कुछ महीनो बाद अमित की बहन कोमल और सुमन उसके घर आती है।
सुनिता: ये घर कितना छोटा लग रहा है ना ??
कोमल : हा सच कह रही हो असल में भाभी हमारा रूम इस घर से भी बहुत बड़ा है न इसलीये हमे आदत नही है इतने छोटे घर की ।
सुनीता : भैया आपको अब एक बड़ा घर ले लेना चाहिए इतने से घर में कैसे गुजारा कर लेते हो ।
अमित : हमे बचपन  से इतने छोटे घर की ही आदत हैं और हमारे लिए इतना ही काफी है ।
Narration:- कुछ देर बाद रात हो जाती है और रात के वक्त कोमल और सुनीता को गर्मी लगती है और वह कहती है।
कोमल: हे भगवान कितनी गर्मी लग रही है।
सुनीता : हां सच में यहां पर बहुत गर्मी है भैया भी न  क्या  एक ऐसी नहीं लगवा सकते थे इस घर में।
कोमल : ह��  उन्हे पता है की  हमारे घर के हर एक रूम में ऐसी लगी हुई है हमें गर्मी की बिल्कुल भी आदत नहीं है फिर भी वो  इस कमरे में ऐसी नहीं लगवा सकते मुझसे  गर्मी और नहीं झेली जा रही तुम देवर जी को कॉल करो वो हमें यहां से आकर ले जाएंगे।
मीरा : क्या हुआ कोमल सुनीता ये  शोर कैसा था??
सुनीता : भाभी जब आपको पता है कि हमारी ससुराल में हर कमरे में ऐसी लगी हुई है हमें गर्मी की बिल्कुल भी आदत नहीं है फिर आप एक कमरे में ऐसी नहीं लगवा सकते थे क्या गर्मी से हमारा हाल बेहाल हुआ जा रहा है।
मीरा : लेकिन सुनीता शादी से पहले भी तुम इसी घर में रहती थी और वो  भी बिना एक के तब तो तुम्हें कभी गर्मी नहीं लगी.
सुनीता ; तब की बात अलग थी भाभी अबकी बात अलग है अब हमारी एक बड़े अमीर खानदान में शादी हुई है और हमारा एक महल जैसा ससुराल है तो भला हमें ऐसी के बिना नींद कैसे आएगी इतना तो भैया को भी सोचना चाहिए ना ।
मीरा ; तुम्हारे ससुराल वाले  जरूर अमीर होंगे लेकिन मेरा पति गरीब है इसलिए हमारी इतनी हैसियत नहीं है कि हम ऐसी लगवा सके।
कोमल : तो क्या आप हमें ताने  दे रही हैं भाभी ठीक है तो हम और एक मिनट भी इस घर में नहीं रह  सकते चलो सुनीता।
अमित: अरे क्या बात है मीरा  इतना शोर क्यों हो रहा है और तुम दोनो कहा जा रही हो ।
सुनीता : अब हम इस घर में एक मिनट भी नहीं रुकना चाहते आप अपनी पत्नी से ही पूछ लीजिए हम जा रहे है ।
Narration :- इतना कह कर सुनीता और कोमल अपने ससुराल चली जाती है और ये देख अमित को बहुत दुख होता हैं। अगले साल रक्षाबंधन के दिन उसकी दोनो बहने अपने भाई के घर आती है जहां दोनो ही उसके लिए सोने की राखी लाती है और नेक में अमित उन्हे वही 10 रुपए देता है ।
कोमल : ये क्या भैया हमने आपको सोने की राखी बांधी है और आप हमे बस दस रूपय दे रहे है ??
मीरा: ये तुम क्या कह रही हो कोमल तुम इन सगुन के रूपयो की तुलना इस सोने से कर रही हो पहले तो तुम्हे ये दस रुपए बेमोल लगते थे अब क्या हुआ ??
सुनीता : आप भी क्या बात कर रही है भाभी ये अब तो बकवास बाते है आप ही बताइए अगर हमारे ससुराल में हमारे पति और सास हमसे पूछेगी की हमे नेक में क्या मिला है तो हम उन्हे क्या जवाब देंगे ??
अमित: अच्छा तो अब मेरी बहनों को अपने गरीब भाई के नेक की वजह से शर्म आयेगी ठीक हैं मैं तुम्हारा सर झुकाने नही दूंगा ।मीरा जा�� घर में जो पैसे रखे है वो लेकर आओ ।
मीरा : लेकिन वो पैसे तो ।
अमित : लेकर आओ ।
Narration;- अमित अपनी बहनों को दस दस हजार रूपए दे देता है और कहता है ।
अमित: अब शायद तुम्हारा तुम्हारे ससुराल में मेरी वजह से सर ना झुके ।
कोमल: भैया आप तो बस हमेशा हमे नीचा दिखाने के बारे में ही सोचते  रहते हो ।
सुनीता ; हा और आप हमेशा ही अपनी गरीबी का ढोंग करते जो सच  बात तो ये है की आप दोनो से हमारी खुशी और अमीरी देखी नही जाती ।
कोमल : आज के बाद हम इस घर में कदम भी नही रखिए और चाहे जो हो जाए आपसे बात नही करेगे ।
Narration;- कोमल और सुनीता पर अब भी इन चीजों का कोई असर नहीं पड़ता कुछ दिन बाद अमित को लॉटरी लगाने का शोक था और एक दिन उसकी लॉटरी खुल जाती है जिसमे उसे 50 लाख का इनाम मिलता है और वह अमीर हो जाता है वही दूसरी और   कोमल और सुनीता के पति को बिजनेस में बहुत बड़ा नुकसान होता है और सारे पैसे जाने के बाद उनके परिवार वाले भी उन्हें घर से निकाल देते है और अमित की दोनो बहने सर झुकाए अपने भाई के घर अपने पतियों के साथ आती हैं ।
अमित: और क्या हुआ तुम दोनो को तुम इस हालत में यहां कैसे ??
Narration:- अमित के पूछने पर दोनो बहने सब उसे पूरी बात बताती है और ये सब सुनने के बाद अमित कहता है ।
अमित: पैसा तो हाथ की धूल होता है उसके आने या जाने से किसी को फर्क नही पढ़ना चाहिए  और तुम तो मेरी बहन हो ये सब तुम्हारा ही तो हैं जब तक सब ठीक नही होता तब तक  तुम यही रहोगे ।
कोमल।: हमे माफ कर दीजिए भैया हमने पैसों के लालच में आपके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया ।
सुनीता : हा भैया और जब वो पैसा चला गया आप तब भी हमारी सारी गलतियों को माफ करके हमारा सहारा बन रहे हो हम आपके बहुत आभारी है।
अमित:  अरे पगली ऐसा कुछ नही है तुम दोनो मेरी बहन हो और तुम्हारी हर जरूरत पूरी करना मेरा फर्ज है ।
Narration;-  अमित की दोनो बहने फिर से अपने भाई के साथ खुशी खुशी रहती है और अमित उन दोनो के पति को आपके ही साथ काम पर रख लेता है और सभी खुशी खुशी अपना जीवन बिताते है ।
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bikanerlive · 3 months ago
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बीकानेर में सद्गुरु द्वारा भेंट इनर इंजीनियरिंग कार्यक्रम*
ईशा फाउंडेशन की और से शगुन प्लेस होटल में 7 दिवसीय इनर इंजीनियरिंग कार्यक्रम बुधवार 7 से 13 अगस्त को आयोजित किया जाएगा।  फाउंडेशन के कोयम्बतूर से आए प्रशिक्षित योगी प्रशिक्षण देंगे।  इनर इंजीनियरिंग शरीर ,मन,भावनाओं  व ऊर्जा में संतुलन लाने का एक कारगर तरीका है जिसके उपयोग से हम एक इंसान के रूप मे अपनी पूर्ण क्षमता तक खेल सकते है। इस 7 दिवसीय कार्यक्रम को जॉइन कर सकते है इसमें निःशुल्क परिचय सत्र…
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pptestprep · 6 months ago
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Rukna Nahin Radhika || Women Empowerment Book || Won't You Stop Radhika || Prabhat Prakashan
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रुकना नहीं राधिका रमेश चंद्र का दूसरा कथा-संग्रह है। पहले संग्रह 'भिखना पहाड़ी ' की सफलता काबिले-गौर है। श्री चंद्र समाज में व्याप्त व्यापक मुदूदों की छोटी-छोटी बातों को कहानी के शिल्प में सफलतापूर्वक ढालते हैं । एक स्वर इनकी कथाओं में सिंफनी-सा तारी है, वह है मानवीय संवेदना। सभी कहानियों में घनीभूत संवेदना के बीच मैं कुछ कहानियों का जिक्र करूँगी। 'लिफ्ट वाली लड़की' में सफाई कर्मचारी के प्रति भय, जुगुप्सा से भरी हुई लड़की जब वस्तुस्थिति जानती है, तब बिल्कुल बदल जाती है। शीर्षक कथा 'रुकना नहीं राधिका' सारी मेहनतकश आत्माभिमानी लड़कियों के लिए उद्बोधन व आवाहन है। फिल्म इंडस्ट्री की हकीकत का बयाँ करती कहानी 'वह कौन थी... ?' जब पराकाष्ठा पर पहुँचती है तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं । 'सियाबर सिपाही मानवता की मिसाल बन जाता है।“हिंदुस्तान बैंड' चवननी पर चार गीत गाने वाले चुनुवा की कहानी है । 'यार था वह मेरा' कर्ज और मर्ज से परेशान बूटन की मर्मस्पर्शी कहानी है । 'ये दिन भी बदलेंगे', 'शगुन के सौ रुपए' और 'समय पाय तरुवर फले' में सचमुच दिन बदल जाते हैं । 'राज-रतन' मुहब्बत की पाक दास्तान बन जाती है। 'हाल-ए-हलीम', 'ए फॉर एप्पल' और 'पा...पा...पापा' में लेखक ने बाल मनोविज्ञान का बड़ा मनोहारी आरेखन किया है। 'रेशमा की राखी' एक बावली बहन की हदयस्पर्शी कहानी है, जिसका भाई सीमा पर शहीद हो जाता है। श्री चंद्र ऐसे ही लिखते रहें, यही कामना करती हूँ।
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literaturemania · 8 months ago
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शुभ शगुन (रहस्य व्यंग)
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astroclasses · 8 months ago
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bhoomikakalam · 11 months ago
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जानिए घर से निकलते ही किन चीजों का दिखना होता है बेहद शुभ- Bhoomika kalam
कई संस्कृतियों और परंपराओं में, ऐसी मान्यता है कि घर से बाहर निकलते ही सबसे पहले जो चीजें हम देखते हैं, उनका हमारे दिन पर प्रभाव पड़ सकता है और यह अच्छी या बुरी किस्मत ला सकती है। जबकि विशिष्ट शुभ संकेत विभिन्न संस्कृतियों और व्यक्तिगत मान्यताओं में भिन्न हो सकते हैं, कुछ सामान्य तत्व हैं जिन्हें अक्सर हमारे दिन की शुरुआत करते समय देखना अनुकूल माना जाता है। माना जाता है कि ये संकेत सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं और एक भाग्यशाली और सफल दिन की दिशा तय करते हैं। आइए वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसी शुभ चीजों के बारे में जानें जिन्हें आमतौर पर घर से निकलते ही देखना लाभकारी माना जाता है।
सूर्योदय वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्योदय की सुंदरता को देखना अक्सर एक अत्यधिक शुभ संकेत माना जाता है। यह नई शुरुआत, आशा और एक नई शुरुआत के वादे का प्रतीक है। सूर्योदय के जीवंत रंग और शांत वातावरण उत्साह बढ़ा सकते हैं और दिन को सकारात्मकता से भर सकते हैं।
पक्षी पक्षियों को चहचहाते और स्वतंत्र रूप से उड़ते हुए देखना कई संस्कृतियों में शुभ माना जाता है। पक्षियों को अक्सर स्वतंत्रता, आनंद और सौभाग्य से जोड़ा जाता है। उनकी उपस्थिति को आशीर्वाद के संकेत और प्रकृति की सुंदरता को अपनाने की याद के रूप में देखा जा सकता है।
खिलते हुए फूल खिलते हुए फूलों को देखना एक आनंददायक और शुभ दृश्य हो सकता है। फूलों को अक्सर सुंदरता, विकास और सकारात्मकता से जोड़ा जाता है। उनके जीवंत रंग और मीठी सुगंध मूड को अच्छा कर सकते हैं और खुशी और प्रचुरता की भावना ला सकते हैं।
साफ़ नीला आकाश साफ़ नीला आकाश अक्सर स्पष्टता, शांति और आशावाद का प्रतीक माना जाता है। यह आने वाले शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण दिन का प्रतीक है। स्पष्ट आकाश का विशाल विस्तार खुलेपन और असीमित संभावनाओं की भावना को प्रेरित कर सकता है।
इंद्रधनुष कई संस्कृतियों में इंद्रधनुष का दिखना एक अत्यधिक शुभ संकेत माना जाता है। इंद्रधनुष को सांसारिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों के बीच एक पुल के रूप में देखा जाता है, जो सद्भाव, भाग्य और दिव्य आशीर्वाद का प्रतिनिधित्व करता है। इंद्रधनुष को देखना आश्चर्य की भावना पैदा कर सकता है और खु��ी और सौभाग्य की भावना ला सकता है।
तितलियाँ तितलियाँ अक्सर परिवर्तन, सुंदरता और आध्यात्मिक विकास से जुड़ी होती हैं। उनकी उपस्थिति को एक सकारात्मक शगुन माना जाता है, जो विकास, नवीनीकरण और नए अवसरों के उद्भव का प्रतिनिधित्व करता है। तितली को देखना परिवर्तन को अपनाने और जीवन के परिवर्तनों की सुंदरता को अपनाने के लिए एक सौम्य अनुस्मारक हो सकता है।
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newsuniversal-in · 1 year ago
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जैन मिलन बड़ौत ने धूमधाम के साथ मनाया दीपावली महोत्सव
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बागपत, उत्तर प्रदेश। जैन मिलन नगर बड़ौत द्वारा बिजरौल रोड़ स्थित शगुन फार्म हाउस में पारिवारिक दीपावली आनंद महोत्सव बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ भगवान महावीर जी की प्रार्थना के साथ प्रारम्भ हुआ। महोत्सव में भगवान महावीर जी के चित्र का अनावरण वीरेंद्र जैन पिंटी द्वारा और दीप प्रज्वलन सुनील जैन करनावल वालों के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनोद जैन सोनीपत वालों ने मुख्य अतिथि के रूप में शिकरत की। महोत्सव की अध्यक्षता आशीष जैन सीए द्वारा की गई। महोत्सव में आये समस्त अतिथियों का अध्यक्ष मुकेश जैन, जैन टेंट हाउस द्वारा उपहार भेंट कर स्वागत किया गया। महोत्सव में जैन मिलन की सभी शाखों के अध्यक्ष व मंत्री उपस्थित थे। इस अवसर पर वीर योगेश जैन द्वारा कपल गेम कराया गया, जिसे विशेष रूप से सराहा गया। वीर मनोज जैन द्वारा सिंगल वीर के लिए बैलून गेम कराया गया। वीर जितेंद्र जैन द्वारा तंबोला गेम कराया गया और विजेताओं को गिफ्ट वितरित किए। महोत्सव का संचालन वरदान जैन द्वारा किया गया। भारतीय जैन मिलन के संरक्षक वीर नरेंद्र जैन राजकमल एवं वीर राजेश जैन भारती ने महोत्सव में पधारे सभी लोगों का आभार व्यक्त किया और दीपावली की शुभकामनाएं दी। महोत्सव में 200 से अधिक वीर बंधु उपस्थित हुए। अरिहंत जय-जय की स्तुति के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में जैन मिलन नगर बड़ौत के अध्यक्ष सुनील जैन सिग्नेटवाले, मंत्री विनय जैन, मुकेश जैन, प्रशांत जैन, प्रोफेसर महेंद्र सिंह जैन, राजेंद्र जैन दिगंबर, सुरेश जैन, सुमन जैन, डॉक्टर राकेश जैन, संतोष जैन एडवोकेट, मनोज जैन मसाले वाले, आदिश जैन, सिद्धार्थ जैन सहित सैंकड़ों लोग उपस्थित थे। Read the full article
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blog-jucelino-luz-blr · 2 months ago
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माइकल शूमाकर - जुसेलिनो लूज़ का शगुन
माइकल शूमाकर – जुसेलिनो लूज़ का शगुन माइकल शूमाकर – इस वर्ष दुर्घटना के 11 वर्ष पूरे हो रहे हैं दिसंबर में इस हादसे को 11 साल हो जाएंगे. जुसेलिनो लूज़ – पत्रकार 09/07/2024 पूर्व ड्राइवर का फॉर्मूला 1 में दो अवधियों में उल्लेखनीय करियर था: 1991 से 2006 और 2010 से 2012। जर्मन ने जॉर्डन (1991), बेनेटन (1991-1995), फेरारी (1996-2006) और मर्सिडीज (2010-2012) के लिए खेला। ). उन्होंने सात विश्व…
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digital-morcha · 1 year ago
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Akbar Birbal Story in Hindi 2
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Table of Contentsईमानदार चोर वायु का भार - akbar birbal short story मुर्गे का सपना मूर्ख ब्राह्मण - akbar birbal short story Essay Moral Stories in Hindi Other Blogs
ईमानदार चोर
akbar birbal short story: एक दिन बादशाह Akbar ने अपने दरबारियों से पूछा कि क्या उनमें कोई ईमानदार और चोर दोनों है? यह प्रश्न सभी को हैरान कर गया क्योंकि यह विरोधाभासी लग रहा था। हालाँकि, Birbal ने आगे बढ़कर कहा, "महाराज, मैं ऐसे व्यक्ति को जानता हूँ।" Akbar को आश्चर्य हुआ और उन्होंने Birbal से स्पष्टीकरण देने को कहा। Birbal ने अपनी कहानी शुरू की: "एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में राम नाम का एक आदमी रहता था। राम एक चोर था, लेकिन उसकी एक अजीब आदत थी। जब भी वह किसी से कुछ चुराता था, तो वह एक नोट छोड़ता था, जिसमें लिखा था, 'राम' चोर यहीं था, और उसने यह आपसे चुरा लिया।'' Akbar को उत्सुकता हुई और उसने पूछा, "यह उसे एक ईमानदार चोर कैसे बनाता है?" Birbal ने उत्तर दिया, "ठीक है, महाराज, इसने उसे ईमानदार बना दिया क्योंकि उसने कभी भी अपने कार्यों से इनकार नहीं किया। उसने हमेशा स्वीकार किया कि वह एक चोर था। वह भले ही चोर था, लेकिन वह इसके बारे में ईमानदार था।" Akbar ने चतुर उत्तर की सराहना की और कहानी के पीछे के संदेश को समझा - ईमानदारी अप्रत्याशित तरीकों से प्रकट हो सकती है। यह कहानी उन कई कहानियों में से एक उदाहरण है जो सम्राट Akbar के दरबार में Birbal की बुद्धिमत्ता और बुद्धि को प्रदर्शित करती है।
वायु का भार - akbar birbal short story
एक दिन, Akbar वजन की अवधारणा के बारे में गहन विचार में डूबा हुआ था। उसने अपने दरबारियों से पूछा, "क्या अधिक वजन का है, एक पाउंड सोना या एक पाउंड पंख?" प्रश्न की सरलता से आश्चर्यचकित होकर दरबारी एक क्षण के लिए झिझके। हालाँकि, बीरबल, जो अपनी बुद्धि के लिए जाने जाते थे, बोले, "दोनों का वजन एक ही है, महाराज। एक पाउंड सोना और एक पाउंड पंख दोनों का वजन एक पाउंड है।" Birbal के सीधे जवाब से Akbar आश्चर्यचकित रह गए और उन्हें ��हसास हुआ कि Birbal ने प्रश्न का सार समझ लिया है। उन्होंने उत्तर की सरलता की सीख की सराहना करते हुए Birbal की बुद्धिमत्ता और बुद्धिमत्ता की सराहना की। यह कहानी Birbal की संक्षिप्त और सीधे जवाब देने की क्षमता को दर्शाती है, यहां तक ​​​​कि मुश्किल सवालों के भी, और Akbar द्वारा उनकी बुद्धिमत्ता की सराहना को दर्शाती है।
मुर्गे का सपना
एक रात Akbar को एक अजीब सपना आया। सपने में उसने एक मुर्गा देखा और वह जोर-जोर से बांग दे रहा था। मुर्गे की बांग इतनी तेज़ और चुभने वाली थी कि उसकी नींद खुल गई। वापस सोने में असमर्थ होने पर, उसने सपने के अर्थ के बारे में Birbal से परामर्श करने का फैसला किया। अगली सुबह Akbar ने Birbal को बुलाया और सपने के बारे में बताया। उन्होंने Birbal से पूछा कि क्या उन्हें इसका मतलब पता है। Birbal ने एक पल के लिए सोचा और फिर उत्तर दिया, "महाराज, यह सपना एक अच्छा शगुन है। मुर्गा आपका, राजा का प्रतिनिधित्व करता है, और बांग देना शाही आदेश का प्रतीक है। जैसे मुर्गे की बांग ने आपको नींद से जगा दिया, यह दर्शाता है कि आपको कोई महत्वपूर्ण समाचार या रहस्योद्घाटन प्राप्त होगा जिस पर आपको तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता होगी।" Akbar Birbal की व्याख्या से प्रसन्न हुए और राहत महसूस की। जैसा कि भाग्य को मंजूर था, उसी दिन बाद में, एक जरूरी संदेश आया और Akbar को राज्य के महत्वपूर्ण मामलों में भाग लेना पड़ा। उन्हें एहसास हुआ कि Birbal की व्याख्या वास्तव में सच हो गई थी। यह कहानी Birbal की चतुर और सकारात्मक व्याख्या प्रदान करने की क्षमता को दर्शाती है, यहां तक ​​कि सपने जैसी प्रतीत होने वाली चीज़ के लिए भी, और कैसे उसके पास Akbar को आश्वस्त महसूस कराने का एक तरीका था।
मूर्ख ब्राह्मण - akbar birbal short story
एक बार, Akbar के दरबार का एक ब्राह्मण अपनी मूर्खता के लिए जाना जाता था। वह अक्सर अन्य दरबारियों द्वारा मजाक और मज़ाक का विषय था। उसकी बुद्धिमत्ता की परीक्षा लेने के लिए, Akbar ने एक दिन उसे बुलाया और कहा, "मैंने सुना है कि तुम मेरे दरबार में सबसे मूर्ख व्यक्ति हो। क्या यह सच है?" ब्राह्मण ने सम्राट के इरादे को न समझते हुए गर्व से उत्तर दिया, "हां, महाराज, मैं आपके दरबार में सबसे मूर्ख व्यक्ति हूं।" Akbar ने हंसने से बचने की कोशिश करते हुए कहा, "ठीक है, अगर तुम सचमुच सबसे मूर्ख व्यक्ति हो, तो तुम्हें इसे साबित करना होगा। मैं चाहता हूं कि तुम मेरे राज्य में अपने से भी अधिक मूर्ख व्यक्ति ढूंढो।" ब्राह्मण सहमत हो गया और अपनी यात्रा पर निकल पड़ा। उसने दूर-दूर तक यात्रा की और किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश की जो उससे भी अधिक मूर्ख हो। उसने कस्बों, गांवों का दौरा किया और विभिन्न लोगों से मुला��ात की, लेकिन उसे कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिला जिसे वह अपने से अधिक मूर्ख समझता हो।
Essay Moral Stories in Hindi
कई महीनों के बाद, वह दरबार में लौटा और Akbar को बताया, "महाराज, मैंने आपके पूरे राज्य में यात्रा की है और कई लोगों से मिला हूं, लेकिन मुझे मुझसे ज्यादा मूर्ख कोई नहीं मिला।" Akbar ने हँसते हुए कहा, "देखो, तुम मूर्ख हो सकते हो, लेकिन तुम इतने बुद्धिमान हो कि अपनी मूर्खता को पहचान सकते हो। यह अपने आप में बुद्धिमत्ता की निशानी है। तुम उतने मूर्ख नहीं हो जितना तुमने सोचा था।" ब्राह्मण को अंततः सम्राट की बुद्धिमत्ता का एहसास हुआ, उसने झुककर Akbar को उस मूल्यवान सबक के लिए धन्यवाद दिया जो उसने सीखा था। यह कहानी इस विषय पर प्रकाश डालती है कि अपनी कमियों को पहचानना और अपनी सीमाओं के प्रति जागरूक रहना बुद्धिमानी की निशानी है। A kbar ने ब्राह्मण को विनम्रता और आत्म-जागरूकता का पाठ पढ़ाने के लिए इस चतुर परीक्षण का उपयोग किया।
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