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WHO ने चेताया- दुनिया में फिर बढ़े कोरोना केस, ब्राजील, भारत में सबसे ज्यादा मामले
चैतन्य भारत न्यूज देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण बढ़ने लगा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वीकली रिपोर्ट के मुताबिक, बीते हफ्ते दुनियाभर में कोरोना के नए मामलों में बड़ा उछाल देखने को मिला है। पिछले 9 हफ्ते से लगातार नए मामलों में कमी आ रही थी, लेकिन बीते हफ्ते एक बार फिर से नए मामलों की संख्या बढ़ गई है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, बीते हफ्ते दुनियाभर में 30 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। मंगलवार को WHO ने कोविड-19 वीकली रिपोर्ट जारी की। इसमें 5 जुलाई से 11 जुलाई के बीच के आंकड़ों को लिया गया था। WHO ने बताया कि, इस दौरान दुनियाभर में 30 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए, जो पिछले हफ्ते की तुलना में 11% ज्यादा हैं। इतना ही नहीं, इसी दौरान दुनियाभर में 55 हजार से ज्यादा मौतें भी हुईं जो बीते हफ्ते के मुकाबले 3% ज्यादा है। ब्राजील, भारत में सबसे ज्यादा मामले WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, 5 जुलाई से 11 जुलाई के बीच कोरोना के सबसे ज्यादा मामले (Coronavirus Cases) ब्राजील के बाद भारत में सामने आए। इस दौरान ब्राजील में 3.33 लाख नए मामले सामने आए। वहीं, ��ारत में 2.91 लाख से ज्यादा केस मिले। हालांकि, भारत के लिए राहत की बात ये रही कि नए मामले बीते हफ्ते की तुलना में 7% कम थे। ब्राजील और भारत के बाद तीसरे नंबर पर इंडोनेशिया रहा, जहां 2.43 लाख से ज्यादा केस मिले। ये आंकड़ा बीते हफ्ते से 44% ज्यादा था। 2.10 लाख केस के साथ यूके चौथे नंबर और 1.74 लाख केस के साथ कोलंबिया पांचवें नंबर पर रहा। 111 देशों में पहुंचा डेल्टा वैरिएंट रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है और अब तक 111 देशों में इसके मामले सामने आ चुके हैं। डेल्टा वैरिएंट पहली बार भारत में ही सामने आया था। WHO ने चेतावनी दी है कि जिन देशों में पाबंदियों में छूट मिल गई है और जहां लोगों की आवाजाही बढ़ गई है, वहां कोरोना के नए मामलों और मौतों में तेजी देखने का अंदेशा है। संगठन ने ये भी कहा कि किसी भी तरह की सभा का आयोजन करने से संक्रमण के फैलने का डर है। Read the full article
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आज अमेरिका ने WHO से खुद को अलग कर लिया | अमेरिका पहले ही WHO को फंडिंग बंद कर रखी थी लेकिन आज ट्रम्प ने घोषणा कर दी | और ये भी कहा की कोरोना जैसी बीमारी स्थति ��ें WHO ने लापरवाही की और वो ऐसे काम कर रहा है जैसे चीन के नियंत्रण में हो | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि WHO पूरी तरह से चीन के ���ियंत्रण में है| WHO बदलाव की प्रक्रिया शुरू करने में नाकाम रहा और अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपना रिश्ता खत्म करेगा|
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कोरोना वायरस: Air India ने फिर कर दिया कमाल, जापान में फंसे 119 भारतीय कर रहे धन्यवाद
नई दिल्ली: एयर इंडिया (Air India) ने भारतीय का एक बार फिर दिल जीत लिया है. सरकारी एयरलाइंस ने जापान में डायमंड प्रिंसेस क्रूज जहाज पर फंसे 119 भारतीय और पांच विदेशी नागरिकों के सुरक्षित निकाल लिया है. आज एयर इंडिया सभी नागरिकों को लेकर दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह जानकारी दी. इससे ठीक पहले भारतीय सेना का विमान C17 ग्लोबमास्टर चीन से लगभग 112 भारतीयों और 36 विदेशी नागरिकों को लेकर तड़के सुबह 6.30 बजे दिल्ली एयरपोर्ट में लैंड कर गया. यात्री इसके लिए एयर इंडिया को धन्यावाद दे रहे हैं. साथ ही विदेश मंत्री जयशंकर ने भी सरकारी एयरलाइंस का धन्यवाद किया है. जयशंकर ने ट्वीट किया, "एयर इंडिया का विमान कोरोनावायरस के कारण जापान के डायमंड प्रिंसेस पर फंसे 119 भारतीयों और श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू के पांच विदेशी नागरिकों को लेकर टोक्यो से चला विमान दिल्ली में लैंड हुआ है. जापानी प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गईं सुविधाओं के लिए आभार. एयर इंडिया को एक बार फिर धन्यवाद." सभी यात्रियों को रखा जाएगा जांच केंद्र में जानकारो का कहना है कि सभी यात्रियों को एयरपोर्ट से सीधे इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के छावला स्थित स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया जाएगा. यहां चीन से आए 148 और जापान से पहुंचे 124 यात्रियों को एहतियातन निगरानी के लिए रखा जाएगा. इन सभी यात्रियों को 14 दिन की जांच के बाद घर जाने की इजाजत दी जाएगी. 16 भारतीय कोरोना वायरस जांच में पॉजिटिव जानकारों का कहना है कि वतन वापस लौटे कुल 272 यात्रियों में ��े 16 भारतीयों में कोरोना वायरस पाया गया है. इन सभी पॉजिटीव मामलों की जांच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय करेगी. इनके सैंपल एनआईवी पुणे में भेजे जाएंगे. लैब रिपोर्ट के बाद ही इनका उपचार शुरू किया जाएगा. इससे पहले कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहे पड़ोसी देश चीन की तरफ भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया. बुधवार को भारतीय सेना का विमान 15 टन आपातकालीन चिकित्सा उपकरणों के साथ भारतीय वायुसेना का विशेष विमान चीन के वुहान शहर के लिए रवाना हुआ. विमान में चिकित्सा उपकरण, दवाइयां, मास्क और दस्ताने चीन भेजे गए. चीन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मास्क और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति प्रदान करने का अनुरोध किया था. आपको बता दें कि चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप से 2600 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो गई है जबकि रोजाना सैकड़ों नए मामले सामने आ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अब तक कोरोना वायरस से 80,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं. Source link Read the full article
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World Health Day : 7 अप्रैल को क्यों मनाया जाता है विश्व स्वास्थ्य दिवस? जानें इस दिन का इतिहास और उद्देश्य
चैतन्य भारत न्यूज हर वर्ष 7 अप्रैल को 'विश्व स्वास्थ्य दिवस' (World Health Day 2021) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद दुनिया में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना है। साथ ही जनहित को ध्यान में रखते हुए सरकार को स्वास्थ्य नीतियों के निर्माण के लिए प्रेरित करना है। विश्व स्वास्थ्य दिवस का इतिहास इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 1950 से हुई। इससे पहले साल 1948 में 7 अप्रैल को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्थापना हुई थी। उसी साल डब्ल्यू.एच.ओ. की पहली विश्व स्वास्थ्य सभा हुई, जिसमें 7 अप्रैल से हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाने का फैसला लिया गया। WHO का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनी��ा शहर में है। डब्ल्यूएचओ की स्थापना के समय इसके संविधान पर 61 देशों ने हस्ताक्षर किए थे। इसकी पहली बैठक 24 जुलाई 1948 को हुई थी। बीमारियों को कैसे रखें दूर आज के समय की भागदौड़ भरी जीवनशैली में हर व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरुरी है। स्वास्थ्य का ख्याल तभी रखा जा सकता है जब आपको आराम मिलेगा। जीवन में सफलता पाने का मतलब यह नहीं कि आप अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता करें। जीवन में सब कुछ सही चल रहा होता है कि इसी बीच अचानक एक ब्रेक लग जाता है और फिर जिंदगी दवाओं की मोहताज हो जाती है। इसलिए हमें हमेशा हमारा ध्यान इस ओर रखना चाहिए कि कैसे बीमारियों से दूर रहा जा सकता है। कोरोना के खिलाफ लड़ रही है दुनिया आज पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी के खिलाफ लड़ रही है। दुनिया में अब तक 13.24 करोड़ लोग वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 10.66 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 28.73 लाख मरीजों की मौत हो गई। 2.27 करोड़ मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है। इनमें 98,332 मरीजों की हालत गंभीर है। कोरोना वायरस को रोकने का सिर्फ एक ही तरीका है अपने-अपने घरों में रहना और सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखना। इसलिए आप भी विश्व स्वास्थ्य दिवस पर खुद को स्वस्थ रखने का संकल्प लें और घर में ही रहे। यदि किसी जरूरी काम से बाहर जाना भी है तो मास्क पहनकर निकालें जिससे आप और आपका परिवार दोनों ही कोरोना वायरस से बच सकते हैं। Read the full article
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WHO की बड़ी चेतावनी- दुखद, लेकिन कोरोना वैक्सीन आने से पहले मौतों का आंकड़ा 20 लाख तक पहुंच सकता है
चैतन्य भारत न्यूज दुनियाभर में कोरोना वायरस थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस वायरस से अब तक करीब 9.93 लाख लोगों ने अपनी जान गवां दी है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी जारी की है। WHO ने कहा है कि, एक सफल वैक्सीन मिलने और व्यापक स्तर पर लोगों को वैक्सीन दिए जाने से पहले कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा 20 लाख तक पहुंच सकता है। ठोस कदम नहीं उठाने से बढ़ सकता है आंकड़ा डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन प्रमुख माइक रायन ने शुक्रवार को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ठोस कदम नहीं उठाने की स्थिति में यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। अगर महामारी रोकने के लिए संगठित होकर कदम नहीं उठाए गए तो मौतों का आंकड़ा 20 लाख से भी अधिक हो सकता है। माइक रयान ने कहा कि, हम अभी त्रासदी से किसी भी तरह बाहर नहीं ��िकल पाए हैं। नए मामलों को लेकर युवाओं को दोष नहीं देना चाहिए। उम्मीद है कि हम एक दूसरे पर उंगली नहीं उठाएंगे। घरों में होने वाली पार्टियों से भी महामारी ब��़ रही है जिनमें हर उम्र के लोग शामिल हो रहे हैं। अमेरिका में संक्रमितों और मौतों का आंकड़ा सबसे बड़ा बता दें कि अब तक दुनिया में कोरोना संक्रमण के मामले 3 करोड़ 27 लाख से अधिक हो चुके हैं। कोरोना वायरस से अमेरिका में 2 लाख 8 हजार से अधिक, भारत में 93 हजार से अधिक, ब्राजील में एक लाख 40 हजार से अधिक और रूस में 20 हजार से अधिक लोगों की मौतें हुई हैं। सबसे अधिक संक्रमण के मामले में अमेरिका टॉप पर है जहां कुल मामले 72 लाख को पार कर गए हैं। भारत दूसरे नंबर पर है जहां अब तक 59 लाख मामले सामने आ चुके हैं। Read the full article
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WHO की बड़ी चेतावनी- दुखद, लेकिन कोरोना वैक्सीन आने से पहले मौतों का आंकड़ा 20 लाख तक पहुंच सकता है
चैतन्य भारत न्यूज दुनियाभर में कोरोना वायरस थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस वायरस से अब तक करीब 9.93 लाख लोगों ने अपनी जान गवां दी है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी जारी की है। WHO ने कहा है कि, एक सफल वैक्सीन मिलने और व्यापक स्तर पर लोगों को वैक्सीन दिए जाने से पहले कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा 20 लाख तक पहुंच सकता है। ठोस कदम नहीं उठाने से बढ़ सकता है आंकड़ा डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन प्रमुख माइक रायन ने शुक्रवार को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ठोस कदम नहीं उठाने की स्थिति में यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। अगर महामारी रोकने के लिए संगठित होकर कदम नहीं उठाए गए तो मौतों का आंकड़ा 20 लाख से भी अधिक हो सकता है। माइक रयान ने कहा कि, हम अभी त्रासदी से किसी भी तरह बाहर नहीं निकल पाए हैं। नए मामलों को लेकर युवाओं को दोष नहीं देना चाहिए। उम्मीद है कि हम एक दूसरे पर उंगली नहीं उठाएंगे। घरों में होने वाली पार्टियों से भी महामारी बढ़ रही है जिनमें हर उम्र के लोग शामिल हो रहे हैं। अमेरिका में संक्रमितों और मौतों का आंकड़ा सबसे बड़ा बता दें कि अब तक दुनिया में कोरोना संक्रमण के मामले 3 करोड़ 27 लाख से अधिक हो चुके हैं। कोरोना वायरस से अमेरिका में 2 लाख 8 हजार से अधिक, भारत में 93 हजार से अधिक, ब्राजील में एक लाख 40 हजार से अधिक और रूस में 20 हजार से अधिक लोगों की मौतें हुई हैं। सबसे अधिक संक्रमण के मामले में अमेरिका टॉप पर है जहां कुल मामले 72 लाख को पार कर गए हैं। भारत दूसरे नंबर पर है जहां अब तक 59 लाख मामले सामने आ चुके हैं। Read the full article
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WHO की कोरोना वैक्सीन को लेकर चेतावनी- ये कोई जादुई गोली नहीं होगी, जो पलक झपकते ही खत्म कर देगी वायरस
चैतन्य भारत न्यूज जिनेवा. इस समय पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है। ऐसे में हर कोई कोरोना की वैक्सीन का इंतजार कर रहा है। जल्द ही कोरोना की वैक्सीन आने की उम्मीद भी है। लेकिन इससे पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना की वैक्सीन को लेकर चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि, 'कोरोना वैक्सीन कोई जादुई गोली नहीं होगी, जो पलक झपकते ही कोरोना वायरस को खत्म कर देगी।' डब्लूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ने कहा कि, 'अभी हमें लंबा रास्ता तय करना है इसलिए सबको साथ मिलकर प्रयास करने होंगे।' राष्ट्रवाद के खिलाफ जारी की थी चेतावनी बता दें डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में वैक्सीन पर राष्ट्रवाद के खिलाफ चेतावनी दी थी। डब्ल्यूएचओ ने अमीर देशों को आगाह करते हुए कहा था कि, यदि वे खुद के लोगों के उपचार में लगे रहते हैं और अगर गरीब देश बीमारी की जद में हैं तो वे सुरक्षित रहने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। डब्लूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस ने कहा था कि, वैक्सीन पर राष्ट्रवाद अच्छा नहीं है, यह दुनिया की मदद नहीं करेगा। दुनिया के लिए तेजी से ठीक होने के लिए, इसे एक साथ ठीक होना होगा, क्योंकि यह एक वैश्वीकृत दुनिया है। अर्थव्यवस्थाएं आपस में जुड़ी हुई हैं। दुनिया के सिर्फ कुछ हिस्से या सिर्फ कुछ देश सुरक्षित या ठीक नहीं हो सकते। 12 अगस्त को रूस देगा पहली वैक्सीन को मंजूरी गौरतलब है कि कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी देने वाला रूस पहला देश बनने जा रहा है। यहां के उप स्वास्थ्य मंत्री ओलेग ग्रिडनेव ने कहा है कि, 12 अगस्त को कोरोनो वायरस के खिलाफ बनाई गई पहली वैक्सीन को मंजूरी देगा। ये वैक्सीन मॉस्को स्थित गमलेया इंस्टीट्यूट और रूसी रक्षा मंत्रालय ने संयुक्त रूप से मिलकर बनाई है। हालांकि, दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं सबसे आगे निकलने की यह दौड़ उलटी न साबित हो जाए। ये भी पढ़���... पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी हुए कोरोना संक्रमण का शिकार, जांच रिपोर्ट आई पॉजिटिव कोरोना का कहर: दुनियाभर में 2 करोड़ के करीब पहुंची मरीजों की संख्या, 7.18 लाख मौतें हुईं, देश में 22 लाख से ज्यादा मरीज कोरोना काल में अमिताभ बच्चन परेशान, पूछा- मेरे लिए कोई और जॉब है क्या Read the full article
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कोरोना को काबू करने में लग सकते हैं 4 से 5 साल : WHO
चैतन्य भारत न्यूज कोरोना महामारी दुनियाभर में तबाही मचा रही है। इस वायरस ने दुनियाभर में अब तक 3 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। जबकि 50 लाख से ज्यादा लोग इसका शिकार हो चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक का कोरोना को लेकर कहना है कि, कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने में चार से पांच साल का समय लग सकता है। हालांकि, उन्होंने यह उम्मीद भी जताई है कि एक प्रभावी ठीके से इस वायरस का अंत हो सकता है। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने डिजिटल कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, 'मैं कहना चाहती हूं कि चार से पांच सालों के अंदर हम इसे नियंत्रित कर पाएंगे।' उन्होंने आगे कहा कि, 'प्रभावशाली कारकों में यह देखना होगा कि क्या वायरस मैच्योर (परिपक्व) होता है। इसके अलावा रोकथाम और वैक्सीन विकास के उपाय करने होंगे। इसका टीका बनाना सबसे बेहतरीन उपाय है लेकिन इसकी सुरक्षा, प्रभाव, उत्पादन और समान वितरण को लेकर बहुत सारे किंतु, परंतु हैं।' वहीं डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन सेवा कार्यक्रमों के प्रमुख डॉक्टर माइक रायन से जब इस बारे में टिप्पणी करने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि, 'कोई इस बात का अनुमान नहीं लगा सकता है कि यह बीमारी कब खत्म होगी।' हालांकि उन्होंने बिना पर्याप्त सर्विलांस उपायों के लॉकडाउन के नियमों में छूट देने को लेकर चेतावनी दी। डॉक्टर माइक रायन ने कहा कि, 'हमें इस बात का ख्याल रखना होगा कि लॉकडाउन हटने के बाद लोगों की मौत में इजाफा न हो। हमारे सामने एक नया वायरस है जो लोगों के अदंर पहली बार प्रवेश कर रहा है और इसलिए यह अनुमान लगाना बहुत कठिन है कि हम कब उस पर हावी हो पाएंगे। यह वायरस कभी ��ी जाने वाला नहीं है।' डॉक्टर माइक ने कहा कि एचआईवी कहीं नहीं गया। हम इस वायरस के साथ रह रहे हैं और हमने इसके लिए थेरेपी और इसके बचाव के उपाय ढूंढे और अब लोग पहले की तरह इससे डरते नहीं हैं। हम अब एचआईवी मरीजों को स्वस्थ और लंबी जिंदगी दे पा रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि कोई भी यह बता सकता है कि यह बीमारी कब खत्म होगी। Read the full article
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कोरोना संकट: WHO ने पहली बार खान-पान को लेकर जारी किए दिशानिर्देश, जानें क्या करें और क्या नहीं
चैतन्य भारत न्यूज विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना संकट को देखते हुए अब तक सफाई और सुरक्षा को लेकर कई तरह के दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं। अब डब्ल्यूएचओ ने फूड सेफ्टी को लेकर कुछ और टिप्स दिए हैं। साथ ही यह बताया गया है कि यह क्यों जरूरी है। आइए जानते हैं कि खाने को सुरक्षित रखने के लिए डब्ल्यूएचओ ने किन 5 तरीकों का इस्तेमाल करने को कहा है। सफाई का विशेष ध्यान रखें खाना बनाने से पहले या उससे संबंधित किसी भी सामग्री को चुने से पहले हाथों को अच्छी तरह से साफ करें। खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाली सभी चीजों को भी साफ रखें। किचन को किसी भी तरह के कीड़े-मकोड़े और जानवरों से दूर रखें। वैसे तो अधिकांश सूक्ष्मजीव बीमारी का कारण नहीं होते हैं लेकिन गंदी जगहों, पानी और जानवरों में खतरनाक सूक्ष्मजीव व्यापक रूप से पाए जाते हैं। यह सूक्ष्मजीव बर्तन पोंछने, किचन के अन्य कपड़ों और कटिंग बोर्ड में आसानी से आ जाते हैं जो हाथों के जरिए खानों में पहुंच सकते हैं। इससे कई तरह के खाद्य जनित रोग हो सकते हैं। कच्चा और पका हुआ खाना अलग-अलग रखें कच्चे चिकन, मीट या अन्य सभी सी फूड्स को अन्य खाने की चीजों से दूर रखें। कच्चे भोजन के लिए बर्तन भी अलग रखे। कच्चे भोजन में इस्तेमाल किए गए बर्तन या चाक़ू को दूसरे खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल न करें। कच्चे और पके भोजन के बीच दूरी बनाने के लिए उन्हें किसी बंद बर्तन में रखें। दरअसल कच्चे भोजन विशेष रूप से मांस, पोल्ट्री, सी फूड्स और उनके जूस में खतरनाक सूक्ष्मजीव हो सकते हैं। खाना बनाने के दौरान यह एक से दूसरे भोजन में भी जा सकते हैं इसलिए इन्हें अलग-अलग रखना जरूरी है। अच्छे से पकाएं खाना खाना अच्छी तरह से पकाएं खासतौर से मीट, अंडे, पोल्ट्री और सी फूड्स। इन्हें 70 डिग्री सेल्सियस पर धीरे-धीरे उबालकर अच्छे से पकाएं। इनका सूप बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि यह गुलाबी रंग का ना दिखे। यह पकने के बाद बिल्कुल साफ दिखना ��ाहिए। तापमान चेक करने के लिए आप थर्मामीटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। पके हुए भोजन को खाने से पहले एक बार फिर से अच्छे से गर्म करें। अच्छी तरह खाना पकाने से सारे कीटाणु मर जाते हैं। स्टडी से पता चलता है कि 70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पका खाना खाने में सुरक्षित होता है। खाना पकाने में जिन पर खास ध्यान देने की जरूरत है वो हैं कीमा, मीट और पोल्ट्री फूड।खाने को सुरक्षित तापमान पर रखें पके हुए खाने को कमरे के तापमान में 2 घंटे से ज्यादा न छोड़े। पके हुए खाने को फ्रिज में उचित तापमान में रखें। भोजन को परोसने से पहले कम से कम 60 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अच्छे से गर्म करें। खाने को फ्रिज में बहुत देर तक ना रखें। दरअसल कमरे के तापमान पर रखे खाने में सूक्ष्मजीव बहुत तेजी से बढ़ते हैं। 5 डिग्री से कम और 60 डिग्री से ज्यादा तापमान में यह सूक्ष्मजीव पनपने बंद हो जाते हैं हालांकि कुछ खतरनाक कीटाणु 5 डिग्री से भी कम तापमान पर बढ़ते हैं। साफ पानी का इस्तेमाल करें खाने और पीने के लिए हमेशा साफ पानी का ही इस्तेमाल करें। हो सके तो पहले पानी को अच्छे से उबाल लें और फिर उसे इस्तेमाल करें। सब्जियों और फलों को अच्छे से धोएं। ताजा और पौष्टिक खाद्य पदार्थों लें। सुरक्षा के लिहाज से पाश्चराइज्ड मिल्क बेहतर होते हैं। कच्चे सामग्री यहां तक कि पानी और बर्फ में भी कई बार खतरनाक सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं जो पानी को जहरीला बना देते हैं। Read the full article
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कोरोना संकट: WHO ने पहली बार खान-पान को लेकर जारी किए दिशानिर्देश, जानें क्या करें और क्या नहीं
चैतन्य भारत न्यूज विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना संकट को देखते हुए अब तक सफाई और सुरक्षा को लेकर कई तरह के दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं। अब डब्ल्यूएचओ ने फूड सेफ्टी को लेकर कुछ और टिप्स दिए हैं। साथ ही यह बताया गया है कि यह क्यों जरूरी है। आइए जानते हैं कि खाने को सुरक्षित रखने के लिए डब्ल्यूएचओ ने किन 5 तरीकों का इस्तेमाल करने को कहा है। सफाई का विशेष ध्यान रखें खाना बनाने से पहले या उससे संबंधित किसी भी सामग्री को चुने से पहले हाथों को अच्छी तरह से साफ करें। खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाली सभी चीजों को भी साफ रखें। किचन को किसी भी तरह के कीड़े-मकोड़े और जानवरों से दूर रखें। वैसे तो अधिकांश सूक्ष्मजीव बीमारी का कारण नहीं होते हैं लेकिन गंदी जगहों, पानी और जानवरों में खतरनाक सूक्ष्मजीव व्यापक रूप से पाए जाते हैं। यह सूक्ष्मजीव बर्तन पोंछने, किचन के अन्य कपड़ों और कटिंग बोर्ड में आसानी से आ जाते हैं जो हाथों के जरिए खानों में पहुंच सकते हैं। इससे कई तरह के खाद्य जनित रोग हो सकते हैं। कच्चा और पका हुआ खाना अलग-अलग रखें कच्चे चिकन, मीट या अन्य सभी सी फूड्स को अन्य खाने की चीजों से दूर रखें। कच्चे भोजन के लिए बर्तन भी अलग रखे। कच्चे भोजन में इस्तेमाल किए गए बर्तन या चाक़ू को दूसरे खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल न करें। कच्चे और पके भोजन के बीच दूरी बनाने के लिए उन्हें किसी बंद बर्तन में रखें। दरअसल कच्चे भोजन विशेष रूप से मांस, पोल्ट्री, सी फूड्स और उनके जूस में खतरनाक सूक्ष्मजीव हो सकते हैं। खाना बनाने के दौरान यह एक से दूसरे भोजन में भी जा सकते हैं इसलिए इन्हें अलग-अलग रखना जरूरी है। अच्छे से पकाएं खाना खाना अच्छी तरह से पकाएं खासतौर से मीट, अंडे, पोल्ट्री और सी फूड्स। इन्हें 70 डिग्री सेल्सियस पर धीरे-धीरे उबालकर अच्छे से पकाएं। इनका सूप बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि यह गुलाबी रंग का ना दिखे। यह पकने के बाद बिल्कुल साफ दिखना चाहिए। तापमान चेक करने के लिए आप थर्मामीटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। पके हुए भोजन को खाने से पहले एक बार फिर से अच्छे से गर्म करें। अच्छी तरह खाना पकाने से सारे कीटाणु मर जाते हैं। स्टडी से पता चलता है कि 70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पका खाना खाने में सुरक्षित होता है। खाना पकाने में जिन पर खास ध्यान देने की जरूरत है वो हैं कीमा, मीट और पोल्ट्री फूड।खाने को सुरक्षित तापमान पर रखें पके हुए खाने को कमरे के तापमान में 2 घंटे से ज्यादा न छोड़े। पके हुए खाने को फ्रिज में उचित तापमान में रखें। भोजन को परोसने से पहले कम से कम 60 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अच्छे से गर्म करें। खाने को फ्रिज में बहुत देर तक ना रखें। दरअसल कमरे के तापमान पर रखे खाने में सूक्ष्मजीव बहुत तेजी से बढ़ते हैं। 5 डिग्री से कम और 60 डिग्री से ज्यादा तापमान में यह सूक्ष्मजीव पनपने बंद हो जाते हैं हालांकि कुछ खतरनाक कीटाणु 5 डिग्री से भी कम तापमान पर बढ़ते हैं। साफ पानी का इस्तेमाल करें खाने और पीने के लिए हमेशा साफ पानी का ही इस्तेमाल करें। हो सके तो पहले पानी को अच्छे से उबाल लें और फिर उसे इस्तेमाल करें। सब्जियों और फलों को अच्छे से धोएं। ताजा और पौष्टिक खाद्य पदार्थों लें। सुरक्षा के लिहाज से पाश्चराइज्ड मिल्क बेहतर होते हैं। कच्चे सामग्री यहां तक कि पानी और बर्फ में भी कई बार खतरनाक सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं जो पानी को जहरीला बना देते हैं। Read the full article
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World Health Day : 7 अप्रैल को क्यों मनाया जाता है विश्व स्वास्थ्य दिवस? जानें इस दिन का इतिहास और उद्देश्य
चैतन्य भारत न्यूज हर वर्ष 7 अप्रैल को 'विश्व स्वास्थ्य दिवस' (World Health Day 2020) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद दुनिया में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना है। साथ ही जनहित को ध्यान में रखते हुए सरकार को स्वास्थ्य नीतियों के निर्माण के लिए प्रेरित करना है। विश्व स्वास्थ्य दिवस का इतिहास इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 1950 से हुई। इससे पहले साल 1948 में 7 अप्रैल को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्थापना हुई थी। उसी साल डब्ल्यू.एच.ओ. की पहली विश्व स्वास्थ्य सभा हुई, जिसमें 7 अप्रैल से हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाने का फैसला लिया गया। WHO का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनीवा शहर में है। डब्ल्यूएचओ की स्थापना के समय इसके संविधान पर 61 देशों ने हस्ताक्षर किए थे। इसकी पहली बैठक 24 जुलाई 1948 को हुई थी। बीमारियों को कैसे रखें दूर आज के समय की भागदौड़ भरी जीवनशैली में हर व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरुरी है। स्वास्थ्य का ख्याल तभी रखा जा सकता है जब आपको आराम मिलेगा। जीवन में सफलता पाने का मतलब यह नहीं कि आप अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता करें। जीवन में सब कुछ सही चल रहा होता है कि इसी बीच अचानक एक ब्रेक लग जाता है और फिर जिंदगी दवाओं की मोहताज हो जाती है। इसलिए हमें हमेशा हमारा ध्यान इस ओर रखना चाहिए कि कैसे बीमारियों से दूर रहा जा सकता है। कोरोना के खिलाफ लड़ रही है दुनिया आज पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी के खिलाफ लड़ रही है। इस जानलेवा वायरस ने दुनियाभर में अब तक 70 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली है और 12 लाख से ज्यादा लोग इसके संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। भारत में भी कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। यहां 4 हजार से ज्यादा लोग कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हो चुके हैं और 110 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस को रोकने का सिर्फ एक ही तरीका है अपने-अपने घरों में रहना और सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखना। इसलिए आप भी विश्व स्वास्थ्य दिवस पर खुद को स्वस्थ रखने का संकल्प लें और घर में ही रहे। यदि किसी जरुरी काम से बाहर जाना भी है तो मास्क पहनकर निकालें जिससे आप और आपका परिवार दोनों ही कोरोना वायरस से बच सकते हैं। ये भी पढ़े... सावधान: देश के कुछ इलाकों में तीसरे स्टेज में पहुंचा कोरोना वायरस संक्रमण, डॉक्टरों ने कहा- कम्युनिटी स्प्रेड हो रहा है धीरे-धीरे और ताकतवर होता जा रहा है कोरोनावायरस, फेफड़ों के साथ दिमाग पर भी कर रहा हमला- रिपोर्ट कोरोनावायरस से लड़ने में कारगर है विटामिन-D, जानिए इसके फायदे Read the full article
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World Health Day : 7 अप्रैल को क्यों मनाया जाता है विश्व स्वास्थ्य दिवस? जानें इस दिन का इतिहास और उद्देश्य
चैतन्य भारत न्यूज हर वर्ष 7 अप्रैल को 'विश्व स्वास्थ्य दिवस' (World Health Day 2020) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद दुनिया में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना है। साथ ही जनहित को ध्यान में रखते हुए सरकार को स्वास्थ्य नीतियों के निर्माण के लिए प्रेरित करना है। विश्व स्वास्थ्य दिवस का इतिहास इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 1950 से हुई। इससे पहले साल 1948 में 7 अप्रैल को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्थापना हुई थी। उसी साल डब्ल्यू.एच.ओ. की पहली विश्व स्वास्थ्य सभा हुई, जिसमें 7 अप्रैल से हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाने का फैसला लिया गया। WHO का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनीवा शहर में है। डब्ल्यूएचओ की स्थापना के समय इसके संविधान पर 61 देशों ने हस्ताक्षर किए थे। इसकी पहली बैठक 24 जुलाई 1948 को हुई थी। बीमारियों को कैसे रखें दूर आज के समय की भागदौड़ भरी जीवनशैली में हर व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरुरी है। स्वास्थ्य का ख्याल तभी रखा जा सकता है जब आपको आराम मिलेगा। जीवन में सफलता पाने का मतलब यह नहीं कि आप अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता करें। जीवन में सब कुछ सही चल रहा होता है कि इसी बीच अचानक एक ब्रेक लग जाता है और फिर जिंदगी दवाओं की मोहताज हो जाती है। इसलिए हमें हमेशा हमारा ध्यान इस ओर रखना चाहिए कि कैसे बीमारियों से दूर रहा जा सकता है। कोरोना के खिलाफ लड़ रही है दुनिया आज पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी के खिलाफ लड़ रही है। इस जानलेवा वायरस ने दुनियाभर में अब तक 70 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली है और 12 लाख से ज्यादा लोग इसके संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। भारत में भी कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। यहां 4 हजार से ज्यादा लोग कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हो चुके हैं और 110 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस को रोकने का सिर्फ एक ही तरीका है अपने-अपने घरों में रहना और सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखना। इसलिए आप भी विश्व स्वास्थ्य दिवस पर खुद को स्वस्थ रखने का संकल्प लें और घर में ही रहे। यदि किसी जरुरी काम से बाहर जाना भी है तो मास्क पहनकर निकालें जिससे आप और आपका परिवार दोनों ही कोरोना वायरस से बच सकते हैं। ये भी पढ़े... सावधान: देश के कुछ इलाकों में तीसरे स्टेज में पहुंचा कोरोना वायरस संक्रमण, डॉक्टरों ने कहा- कम्युनिटी स्प्रेड हो रहा है धीरे-धीरे और ताकतवर होता जा रहा है कोरोनावायरस, फेफड़ों के साथ दिमाग पर भी कर रहा हमला- रिपोर्ट कोरोनावायरस से लड़ने में कारगर है विटामिन-D, जानिए इसके फायदे Read the full article
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World Health Day : 7 अप्रैल को क्यों मनाया जाता है विश्व स्वास्थ्य दिवस? जानें इस दिन का इतिहास और उद्देश्य
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रिपोर्ट : शारीरिक गतिविधियों में कमी से हर साल हो रही 32 लाख मौतें
चैतन्य भारत न्यूज दौड़ना संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। दौड़ से आपकी कई परेशानी दूर हो जाती हैं लेकिन इसके लिए जरुरी नही कि आप रोज दौड़े। सप्ताह में एक दिन 50 मिनट या उससे कम समय के लिए भी दौड़ लगाने वाला इंसान सेहतमंद रह सकता है। कुल मिलाकर दौड़ने की कोई मात्रा मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है। यह जल्द होने वाली मृत्यु के जोखिम से बचाती है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक, ��ारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण हर साल कारण 32 लाख लोग अपनी जान गवां देते हैं। वे ऐसे लोग होते हैं जो ऑफिस में बैठकर काम करते हैं। दरअसल लगातार ऑफिस में बैठकर काम करने से उनके स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा प्रतिकूल असर पड़ता है। इस रिपोर्ट में रोज दौड़ने वाले, सप्ताह में किसी एक दिन दौड़ने वाले और बिलकुल भी नहीं दौड़ने वाले लोगों को शामिल किया गया है। 2 लाख लोगों पर किया गया अध्य्यन खबरों के मुताबिक, यह शोध पिछले 14 अध्ययन पर आधारित है जिसमें छह अलग-अलग समूहों के करीब 2 लाख 30 हजार से अधिक लोग शामिल हुए थे। अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों की उम्र 35 से 55 साल के बीच थी। हृदय और कैंसर का जोखिम 30% कम इस शोध में 25,951 लोगों की अध्ययन के दौरान ही मौत हो गई। वहीं जो लोग दौड़ने की क्रिया में शामिल थे उनका स्वास्थ्य न दौड़ने लोगों की अपेक्षा ज्यादा बेहतर था उनमें अर्ली डेथ का 27% कम जोखिम था। हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम 30 प्रतिशत और कैंसर जैसी बीमारी का डर 23% कम आंका गया। विशेष ध्यानार्थः यह आलेख केवल पाठकों की अति सामान्य जागरुकता के लिए है। चैतन्य भारत न्यूज का सुझाव है कि इस आलेख को केवल जानकारी के दृष्टिकोण से लें। इनके आधार पर किसी बीमारी के बारे में धारणा न बनाएं या उसके इलाज का प्रयास न करें। यह भी याद रखें कि स्वास्थ्य से संबंधित उचित सलाह, सुझाव और इलाज प्रशिक्षित डॉक्टर ही कर सकते हैं। ये भी पढ़े... रिपोर्ट : गरीब लोगों को ज्यादा आता है हार्ट अटैक, ये है वजह आखिर क्यों मनाया जाता है विश्व एड्स दिवस, भारत में है 1.25 लाख एड्स के मरीज मोबाइल-लैपटॉप पर बढ़ता जा रहा बच्चों का स्क्रीन टाइम, WHO ने जताई चिंता Read the full article
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अमेरिका ने खुद को वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन से क्यों हटाया ?
आज अमेरिका ने WHO से खुद को अलग कर लिया | अमेरिका पहले ही WHO को फंडिंग बंद कर रखी थी लेकिन आज ट्रम्प ने घोषणा कर दी | और ये भी कहा की कोरोना जैसी बीमारी स्थति में WHO ने लापरवाही की और वो ऐसे काम कर रहा है जैसे चीन के नियंत्रण में हो | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि WHO पूरी तरह से चीन के नियंत्रण में है. WHO बदलाव की प्रक्रिया शुरू करने में नाकाम रहा और अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपना रिश्ता खत्म करेगा| अमेरिका एक साल में WHO को करीब 450 मिलियन डॉलर का अनुदान देता है|जबकि चीन WHO को एक साल में 40 मिलियन डॉलर देने के बावजबूद अपने नियंत्रण में रखता है|WHO से सुधार को लेकर जो सिफारिश की गई थी उसे लागू नहीं किया गया, इसलिए अमेरिका WHO से अपना रिश्ता तोड़ रहा है| पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने WHO पर कोरोना वायरस को पहचानने में फेल होने का आरोप लगाया था और चीन का साथ देने को लेकर आलोचना की थी| कोरोना के वजह से अमेरिका में १ लाख से ज्यादा मौते हो चुकी है | कई लाखों इस बीमारी से संक्रमित है | दुनिया के कई देश इस बीमारी से संक्रमित चल रहे है | भारत में भी कोरोना संक्रमित आकड़ा १.५ लाख पार हो चूका है |कोरोना महामारी से पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है महामारी को फैलने से रोकने और स्थिति को संभालने में विफल रहने के आरोप झेल रहे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक नए फाउंडेशन का ऐलान किया|
��ूरा जानने के लिए -https://bit.ly/2yMR2S9
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