World Earth Day 2024: जानें क्यों मानते हैं विश्व पृथ्वी दिवस और इसका उद्देश्य
World Earth Day 2024: हर इंसान अपने जीवन में किसी न किसी रूप में धरती से जुड़ा होता है। हर साल 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है और इस दिन हम सभी एक साथ आते हैं और अपनी पृथ्वी को महत्व देना सीखते हैं। पृथ्वी दिवस का उद्देश्य हमें यह याद दिलाना है कि हम सभी एक ही दुनिया में रहते हैं और हमें इसकी सुरक्षा और संरक्षण में योगदान देना चाहिए। इस दिन को मनाने का उद्देश्य हमारे आस-पास के पर्यावरण की…
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🎈संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस पर जानिए कौन है वह संत जो कलयुग में सतयुग लाएगा ?🎈
जगत् गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं। जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। श्रीमद्भगवदगीता, वेदों, क़ुरान, बाईबल, श्रीगुरुग्रंथ साहिब आदि सदग्रंथों के ज्ञान सार “एक भगवान और एक भक्ति” के अनुरूप सतभक्ति द्वारा पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सतगुरु मानव कल्याण कर रहे हैं। कुरीतियों, बुराइयों और भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर हैं।
संत रामपाल जी ही एकमात्र जगतगुरु हैं, जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। वे वही तत्वदर्शी संत (बाखबर/ इल्मवाला) हैं जिनके विषय में पवित्र गीता और पवित्र कुरान में बताया गया है और इन्होंने शास्त्रों के अनुसार “एक भगवान और एक भक्ति” के सिद्धांत को स्थापित किया। वे विश्वविजेता संत हैं जिन्होंने विश्व के सभी संतों, गुरुओं, शंकराचार्यों एवं धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्चा में निरुत्तर किया है।
वे धरती पर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं। वे जगत को सभी दु:खों से ही नहीं अपितु जन्म-मृत्यु के दीर्घ रोग से मुक्त कराने वाले तारणहार भी हैं। जिन्होंने सत भक्ति देकर मोक्ष प्रदान कराकर मानव कल्याण का कार्य पुरजोर प्रारंभ किया है।
प्रश्न-:संत रामपाल जी महाराज के क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर-:संत रामपाल जी महाराज ने जाति, धर्म व ऊंच नीच से मुक्त मार्ग बताया है। संत रामपाल जी के यहाँ कोई भी जाति, धर्म, उच्च पद या सामान्य वर्ग का कोई भाई बन्धु जाए वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहां न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी पद प्रतिष्ठा का। संत रामपाल जी के सभी के लिए संदेश है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना।
दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है।
नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना ।
छुआ-छूत रहित समाज का निर्माण ।
समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।
भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना।
समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना।
समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना।
विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना
सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना
समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना सम��ज को देना ।
अज्ञानियों के दृष्टिकोण से भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज विवादित माने जाते हैं। लेकिन वे एक ऐसे महापुरुष हैं । जिनके विषय में अधिकांश को सही जानकारी नहीं है। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर संत रामपाल जी महाराज इस समय केंद्रीय जेल हिसार (हरियाणा) में लीला कर रहे हैं। जिन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित किया है । कि कबीर जी भगवान हैं। उन्होंने सत्संगों में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रमाण भी दिखाए हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी उन्हें भगवान के तुल्य मानते हैं।
पृथ्वी पर विवेकशील प्राणियों की भी कमी नहीं है। ऐसे सत्य पथ के खोजी लोग उस परम तत्व के ज्ञाता संत को ढूंढकर, उनकी आज्ञाओं को स्वीकार कर, उनके निर्देशानुसार मर्यादा में रहकर अपने मनुष्य जन्म को कृतार्थ करते हैं। वर्तमान में मानव समाज शिक्षित और बुद्धिजीवी है। अतः वास्तविक संत का खोजी है।
यही समय है जब सत्य शब्द लेने वाले जीव होंगे मुक्त।
कबीर साहेब ने सूक्ष्म वेद में बताया कि, कलयुग के 5505 वर्ष बीत जाने के बाद मेरा (कबीर परमेश्वर) सत्य शब्द लेने वाले सब जीव मुक्त हो जाएंगे। और कलयुग में सतयुग जैसा वातावरण निर्मित होगा।
#SantRampalJiBodhDiwas
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
#TheMission_Of_SantRampalJi
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🎈संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस पर जानिए कौन है वह संत जो कलयुग में सतयुग लाएगा ?🎈
जगत् गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं। जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। श्रीमद्भगवदगीता, वेदों, क़ुरान, बाईबल, श्रीगुरुग्रंथ साहिब आदि सदग्रंथों के ज्ञान सार “एक भगवान और एक भक्ति” के अनुरूप सतभक्ति द्वारा पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सतगुरु मानव कल्याण कर रहे हैं। कुरीतियों, बुराइयों और भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर हैं।
संत रामपाल जी ही एकमात्र जगतगुरु हैं, जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। वे वही तत्वदर्शी संत (बाखबर/ इल्मवाला) हैं जिनके विषय में पवित्र गीता और पवित्र कुरान में बताया गया है और इन्होंने शास्त्रों के अनुसार “एक भगवान और एक भक्ति” के सिद्धांत को स्थापित किया। वे विश्वविजेता संत हैं जिन्होंने विश्व के सभी संतों, गुरुओं, शंकराचार्यों एवं धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्चा में निरुत्तर किया है।
वे धरती पर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं। वे जगत को सभी दु:खों से ही नहीं अपितु जन्म-मृत्यु के दीर्घ रोग से मुक्त कराने वाले तारणहार भी हैं। जिन्होंने सत भक्ति देकर मोक्ष प्रदान कराकर मानव कल्याण का कार्य पुरजोर प्रारंभ किया है।
प्रश्न-:संत रामपाल जी महाराज के क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर-:संत रामपाल जी महाराज ने जाति, धर्म व ऊंच नीच से मुक्त मार्ग बताया है। संत रामपाल जी के यहाँ कोई भी जाति, धर्म, उच्च पद या सामान्य वर्ग का कोई भाई बन्धु जाए वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहां न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी पद प्रतिष्ठा का। संत रामपाल जी के सभी के लिए संदेश है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना।
दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है।
नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना ।
छुआ-छूत रहित समाज का निर्माण ।
समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।
भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना।
समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना।
समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना।
विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना
सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना
समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना समाज को देना ।
अज्ञानियों के दृष्टिकोण से भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज विवादित माने जाते हैं। लेकिन वे एक ऐसे महापुरुष हैं । जिनके विषय में अधिकांश को सही जानकारी नहीं है। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर संत रामपाल जी महाराज इस समय केंद्रीय जेल हिसार (हरियाणा) में लीला कर रहे हैं। जिन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित किया है । कि कबीर जी भगवान हैं। उन्होंने सत्संगों में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रमाण भी दिखाए हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी उन्हें भगवान के तुल्य मानते हैं।
पृथ्वी पर विवेकशील प्राणियों की भी कमी नहीं है। ऐसे सत्य पथ के खोजी लोग उस परम तत्व के ज्ञाता संत को ढूंढकर, उनकी आज्ञाओं को स्वीकार कर, उनके निर्देशानुसार मर्यादा में रहकर अपने मनुष्य जन्म को कृतार्थ करते हैं। वर्तमान में मानव समाज शिक्षित और बुद्धिजीवी है। अतः वास्तविक संत का खोजी है।
यही समय है जब सत्य शब्द लेने वाले जीव होंगे मुक्त।
कबीर साहेब ने सूक्ष्म वेद में बताया कि, कलयुग के 5505 वर्ष बीत जाने के बाद मेरा (कबीर परमेश्वर) सत्य शब्द लेने वाले सब जीव मुक्त हो जाएंगे। और कलयुग में सतयुग जैसा वातावरण निर्मित होगा।
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जगत् गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं। जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। श्रीमद्भगवदगीता, वेदों, क़ुरान, बाईबल, श्रीगुरुग्रंथ साहिब आदि सदग्रंथों के ज्ञान सार “एक भगवान और एक भक्ति” के अनुरूप सतभक्ति द्वारा पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सतगुरु मानव कल्याण कर रहे हैं। कुरीतियों, बुराइयों और भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर हैं।
संत रामपाल जी ही एकमात्र जगतगुरु हैं, जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। वे वही तत्वदर्शी संत (बाखबर/ इल्मवाला) हैं जिनके विषय में पवित्र गीता और पवित्र कुरान में बताया गया है और इन्होंने शास्त्रों के अनुसार “एक भगवान और एक भक्ति” के सिद्धांत को स्थापित किया। वे विश्वविजेता संत हैं जिन्होंने विश्व के सभी संतों, गुरुओं, शंकराचार्यों एवं धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्चा में निरुत्तर किया है।
वे धरती पर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं। वे जगत को सभी दु:खों से ही नहीं अपितु जन्म-मृत्यु के दीर्घ रोग से मुक्त कराने वाले तारणहार भी हैं। जिन्होंने सत भक्ति देकर मोक्ष प्रदान कराकर मानव कल्याण का कार्य पुरजोर प्रारंभ किया है।
प्रश्न-:संत रामपाल जी महाराज के क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर-:संत रामपाल जी महाराज ने जाति, धर्म व ऊंच नीच से मुक्त मार्ग बताया है। संत रामपाल जी के यहाँ कोई भी जाति, धर्म, उच्च पद या सामान्य वर्ग का कोई भाई बन्धु जाए वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहां न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी पद प्रतिष्ठा का। संत रामपाल जी के सभी के लिए संदेश है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना।
दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है।
नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना ।
छुआ-छूत रहित समाज का निर्माण ।
समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।
भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना।
समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना।
समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना।
विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
युवाओं में नैतिक और आध्यात्���िक जागृति लाना
समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना
सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना
समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना समाज को देना ।
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संत रामपाल जी ही एकमात्र जगतगुरु हैं, जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। वे वही तत्वदर्शी संत (बाखबर/ इल्मवाला) हैं जिनके विषय में पवित्र गीता और पवित्र कुरान में बताया गया है और इन्होंने शास्त्रों के अनुसार “एक भगवान और एक भक्ति” के सिद्धांत को स्थापित किया। वे विश्वविजेता संत हैं जिन्होंने विश्व के सभी संतों, गुरुओं, शंकराचार्यों एवं धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्चा में निरुत्तर किया है।
वे धरती पर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं। वे जगत को सभी दु:खों से ही नहीं अपितु जन्म-मृत्यु के दीर्घ रोग से मुक्त कराने वाले तारणहार भी हैं। जिन्होंने सत भक्ति देकर मोक्ष प्रदान कराकर मानव कल्याण का कार्य पुरजोर प्रारंभ किया है।
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जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना।
दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है।
नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना ।
छुआ-छूत रहित समाज का निर्माण ।
समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।
भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना।
समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना।
समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना।
विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना
सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना
समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना समाज को देना ।
अज्ञानियों के दृष्टिकोण से भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज विवादित माने जाते हैं। लेकिन वे एक ऐसे महापुरुष हैं । जिनके विषय में अधिकांश को सही जानकारी नहीं है। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर संत रामपाल जी महाराज इस समय केंद्रीय जेल हिसार (हरियाणा) में लीला कर रहे हैं। जिन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित किया है । कि कबीर जी भगवान हैं। उन्होंने सत्संगों में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रमाण भी दिखाए हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी उन्हें भगवान के तुल्य मानते हैं।
पृथ्वी पर विवेकशील प्राणियों की भी कमी नहीं है। ऐसे सत्य पथ के खोजी लोग उस परम तत्व के ज्ञाता संत को ढूंढकर, उनकी आज्ञाओं को स्वीकार कर, उनके निर्देशानुसार मर्यादा में रहकर अपने मनुष्य जन्म को कृतार्थ करते हैं। वर्तमान में मानव समाज शिक्षित और बुद्धिजीवी है। अतः वास्तविक संत का खोजी है।
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उत्तर-:संत रामपाल जी महाराज ने जाति, धर्म व ऊंच नीच से मुक्त मार्ग बताया है। संत रामपाल जी के यहाँ कोई भी जाति, धर्म, उच्च पद या सामान्य वर्ग का कोई भाई बन्धु जाए वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहां न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी पद प्रतिष्ठा का। संत रामपाल जी के सभी के लिए संदेश है:-
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हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना।
दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है।
नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना ।
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समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।
भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना।
समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना।
समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना।
विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना
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समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना समाज को देना ।
अज्ञानियों के दृष्टिकोण से भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज विवादित माने जाते हैं। लेकिन वे एक ऐसे महापुरुष हैं । जिनके विषय में अधिकांश को सही जानकारी नहीं है। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर संत रामपाल जी महाराज इस समय केंद्रीय जेल हिसार (हरियाणा) में लीला कर रहे हैं। जिन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित किया है । कि कबीर जी भगवान हैं। उन्होंने सत्संगों में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रमाण भी दिखाए हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी उन्हें भगवान के तुल्य मानते हैं।
पृथ्वी पर विवेकशील प्राणियों की भी कमी नहीं है। ऐसे सत्य पथ के खोजी लोग उस परम तत्व के ज्ञाता संत को ढूंढकर, उनकी आज्ञाओं को स्वीकार कर, उनके निर्देशानुसार मर्यादा में रहकर अपने मनुष्य जन्म को कृतार्थ करते हैं। वर्तमान में मानव समाज शिक्षित और बुद्धिजीवी है। अतः वास्तविक संत का खोजी है।
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कबीर साहेब ने सूक्ष्म वेद में बताया कि, कलयुग के 5505 वर्ष बीत जाने के बाद मेरा (कबीर परमेश्वर) सत्य शब्द लेने वाले सब जीव मुक्त हो जाएंगे। और कलयुग में सतयुग जैसा वातावरण निर्मित होगा।
#SantRampalJiBodhDiwas
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चिंता करने से बात नहीं बनेगी गुरुदेव से प्रार्थना कर लो (अनमोल कथा)🔥🥹
🙏🏻 🙏🏻
🙏🏻सत साहेब 🙏🏻
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🙏 ऐसा सतगुरु हम मिल्या बेपरवाह अबंध | परमहंस पूर्ण पुरुष रोम रोम रवि चंद्र ||
जम ज़ोरा जासे डरे , धर्म राय के दूत | चौदह कोटि न चम्पहि, सुन सतगुरु की कूत ||
जम जौंरा जासे डरे, धर्म राय धरे धीर | ऐसा सतगुरु एक है अदली अद्ल कबीर ||
जम जौंरा जासे डरे मिटे कर्म के लेख | अदली अदल कबीर है कुल के सतगुरु एक ||
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सतगुरु के उपदेश का लाया एक विचार | जो सतगुरु मिलते नहीं जाते नरक द्वार ||
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की जय हो 🙏
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो 🙏
विश्व की सभी आत्माओं से प्रार्थना है संत रामपाल जी महाराज इस पवित्र सत्संग में हिंदू धर्म के पवित्र धार्मिक ग्रंथ श्रीमद् भागवत गीता का विशेष खुलासा कर रहे हैं | आप सभी जान पाएंगे आज तक जो हम गीता पढ़ रहे थे,तो क्या पढ़ और पढ़ा रहे थे? क्या समझना चाहिए था और क्या समझ रहे थे? संत रामपाल जी महाराज भारत भूमि के वह अनमोल रतन हैं जो मानव समाज का कल्याण करने आए हुए हैं ! पूरे विश्व का कल्याण संत रामपाल जी महाराज के द्वारा ही संभव है! _यह परम सत्य धार्मिक ग्रंथो के सत्य तत्व ज्ञान के आधार पर प्रमाणित है + भविष्य वक्ताओं की भविष्यवाणी के आधार पर प्रमाणित है + संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आए हुए अनुयायियों द्वारा भी यह सत्य प्रमाणित है | संत रामपाल जी महाराज जी कबीर अवतार है हमारे वेद शास्त्र पुराण ग्रंथ बताते हैं कि पूर्ण ब्रह्म कबीर परमेश्वर जी हम आत्माओं के स्वामी हैं कबीर परमेश्वर ही समर्थ सुख सागर हैं जो हम आत्माओं के 3 प्रकार के पाप और ताप नष्ट कर सकते हैं | कबीर परमेश्वर ही संत रामपाल जी महाराज के संदेश वाहक रूप में भक्ति और मुक्ति लेकर इस पृथ्वी पर उतरे हैं |
भक्ति मुक्ति ले उतरे , इस पृथ्वी के माहिं | जीव उधारन जगतगुरु , बार बार बलि जाहिं ||
संत रामपाल जी महाराज का, देश विदेश के 10 बड़े सतलोक आश्रमों में अवतरण दिवस मनाया जा रहा है, जिसमें विश्व की सभी आत्मा सादर आमंत्रित हैं ! 8 सितंबर के पवित्र अवतरण दिवस के रूप में 6 ,7 ,8 सितंबर को सतलोक आश्रम धनाना धाम सोनीपत हरियाणा में भव्य आयोजन किया गया है देसी घी का विशाल भंडारा + नाम दीक्षा प्रदान करने का शिविर + रक्तदान शिविर + देह दान शिविर + अध्यात्म ज्ञान शिविर , इसके मुख्य भाग है सभी सुविधा आत्माओं के लिए नि:शुल्क उपलब्ध है | नहाने और धोने की + सोने बैठने की + खाने पीने की + दवाई और डॉक्टर की तथा बीमार के लिए सभी व्यवस्था विशेष रूप से नि:शुल्क प्राप्त होगी ! परमात्मा के इस समागम में पधार कर अपने सौभाग्य को उज्जवल कीजिए ! क्योंकि ऐसे समागम केवल परमात्मा रूपी अतिथि ही कर और करवा सकते हैं, जीव संज्ञा में आने वाले ऐसे भव्य समागम नहीं कर और करा सकते हैं जी🙏 परमात्मा कबीर जी ही संत रामपाल जी महाराज के रूप में एक सर्वोत्तम अतिथि के रूप में ,इस पृथ्वी पर अवतरित होकर विराजमान हुए हैं | अतिथि अपने साथ हमारे कष्टों के निवारण का समान भी लेकर आये हैं सुना है पहले अतिथि किसी के घर खाली हाथ नहीं जाते थे और जिसके घर ठहरते थे उसे कष्ट नहीं पहुंचाते थे उसके कष्ट को कम करते थे इसीलिए अतिथि कहलाते थे, अतिथि के आने पर इसीलिए लोग खुशी मनाते थे की धन्य भाग हमारे अतिथि रूप में सत्यनारायण पधारे! ( सत्यनारायण का अर्थ है सच्चे पुरुष / अविनाशी पुरुष, जल के ऊपर आकर विराजमान हुए यानि जल के ऊपर नहीं रहते, आकर विराजमान हुए | ) अतिथि के आने की तारीख निश्चित नहीं होती थी | संत रामपाल जी महाराज के रूप में आए हुए कबीर परमात्मा हम तुच्छ बुद्धि जीवों को अज्ञान की निद्रा से जगाने के लिए भक्ति करा कर हमें मोक्ष देने के लिए एक जीव संज्ञा की / एक दास की / एक भगत की / एक संत /पूर्ण सतगुरु की संज्ञा को लेकर हमारे बीच इस पृथ्वी पर विराजे हैं! हमें यह संदेश दे रहे हैं कि इस काल के लोक में से / इस कर्म बंधन के लोक में से / 84 लाख योनियों में से / जन्म मरण के इस खेल में से हम एक दास की भूमिका के बिना नहीं निकल सकते ! अहंकार जहां होता है, वहाँ पर्मेश्वर् परमात्मा नहीं होते | परमेश्वर दास और अधिनि भाव के पास रहते हैं🙏 ऐसे भव्य समागम हमारे पाप कर्मों को हमारी बुराइयों को नष्ट करते हैं + हमारे सुख और सौभाग्य को उज्जवल करते हैं + हमारी बुद्धि को निर्मल और पवित्र करते हैं + हमारी आत्मा में एक विशेष रूप का बल स्थापित होता है | परमेश्वर कबीर जी कहते हैं कि जहां भंडारे होते हैं + जहां प्रेम और एकता तथा अधिनि का संचार होता है + जहां सभी प्रकार का भेदभाव भूल कर मानवता उज्जवल होती है , मैं वहां जरूर आता हूं और अपने अनुग्रह को बरसाता हूं ! 🙏सत साहिब जी 🙏👉अधिक जानकारी के लिए , सब्सक्राइब कीजिए संत रामपाल जी महाराज यूट्यूब पर और देखते सुनते रहिए संत रामपाल जी के विशेष सत्संग + लाइव सत्संग, जो सतलोक आश्रम से सीधे प्रसारित किए जाते हैं ! हम सभी परमात्मा को चाहने वाली आत्माएं अपने कबीर परमात्मा + परमेश्वर रूपी अवतरित हुए सत् गुरु के विशेष सम्मान और प्रेम में उनकी सभी आत्माओं के लिए पलके बिछाए बैठे हैं ! जरूर पर जरूर आए जी 🙏 परमात्मा , परमात्मा रूपी अतिथि के इस भव्य समागम का मान + अपना मान बढ़ाएं इस भंडारे का अमृत रूपी भंडारा पाकर + अमृत ज्ञान और अमृतवाणी सुनकर, अपना सौभाग्य उज्जवल करें जी! हमारा भी सौभाग्य बढ़ाएं जी ! जरूर पर जरूर आएं जी! कबीर परमात्मा कहते हैं _अमर करूँ सतलोक पठाऊँ तांते बंदी छोड़ कहांऊँ🙏
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Jamshedpur rajendra vidyalaya : राजेंद्र विद्यालय में पृथ्वी दिवस समारोह आयोजित, स्कूल के बच्चों ने विभिन्न गतिविधियों के जरिये दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
जमशेदपुर : जमशेदपुर के साकची स्थित राजेंद्र विद्यालय बुधवार को विश्व पृथ्वी दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया. इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों ने विषय से संबंधित सुंदर नृत्य की प्रस्तुति की. (नीचे भी पढ़ें)
अपने नृत्य के माध्यम से बच्चों ने प्रकृति के महत्व को समझाने का प्रयास किया. स्कूल की प्रधानाचार्य जयंती सिंह एवं प्राइमरी इंचार्ज डी वाणी ने इल अवसर पर बच्चों को अधिक से अधिक पेड़ लगाकर…
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अंग्रेजी नित्यानंद सत्संग शुभ अवतार दिवस 46 वीं जयंती समारोह के अवसर पर।
19 दिसंबर 2022, सोमवार (IST), अंग्रेजी नित्यानंद सत्संग शुभ अवतार दिवस 46 वीं जयंती समारोह के अवसर पर।
08:15 अपराह्न IST - एसपीएच का आगमन। शक्तिपाद और शक्तिनीपाद हिंदू धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु (एसपीएच), जगतगुरु महासन्निधानम (जेजीएम), परम पावन भगवान नित्यानंद परमशिवम के लाइव दर्शन के साथ।
08:16 अपराह्न IST से 9:06 अपराह्न IST - नित्यानंद सत्संग
महामहिम डॉ. लुइस-जॉर्जेस टिन, अफ्रीकी डायस्पोरा, पेरिस, फ्रांस के राज्य के प्रधान मंत्री
उनकी शाही महारानी तासी एडजी, ऐतिहासिक विरासत मंत्री, अफ्रीकी डायस्पोरा, रीयूनियन द्वीप राज्य के रॉयल चैंबर्स की सह-अध्यक्ष
माननीय युबा जवारा, डिप्टी मेयर, लोअर एरिया काउंसिल, गाम्बिया
माननीय महमूद मोहम्मद मूसा, ज़ांज़ीबार शहर, ज़ांज़ीबार के लॉर्ड मेयर
माननीय महापौर मालामिन आईएल बोजांग, गाम्बिया गणराज्य केरेवान क्षेत्र परिषद के महापौर
माननीय पीए अब्दौ बोए, वार्ड पार्षद, गाम्बिया गणराज्य
श्री पीए मोदौ गाये, गाम्बिया गणराज्य के पार्षद के सचिव,
श्री पैट्रिक बालू विल्सन, सोलोमन आइलैंड्स की राष्ट्रीय संसद के लिए मुख्य संसदीय अनुसंधान अधिकारी और प्रिंस वैली कम्युनिटी, सोलोमन आइलैंड्स के अध्यक्ष
चीफ रिचर्ड भरत-हर्��ांडेज़, सेंट रोसा फर्स्ट पीपल कम्युनिटी, अरिमा, त्रिनिदाद और टोबैगो,
श्री मोमोदौ संबौ, गाम्बिया गणराज्य, कुंतौर एरिया काउंसिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी,
मिस कैथलीन क्रोनिन, न्यू जर्सी लघु व्यवसाय विकास केंद्र, रमापो कॉलेज, संयुक्त राज्य में आउटरीच प्रमुख,
डॉ UGOJI ए. EZE, ESQ., सीईओ और हमारे पृथ्वी, यूनाइटेड किंगडम के नवीकरण के अध्यक्ष,
मास्टर चंद्रनाथ भट्टाचार्य, विश्व प्रसिद्ध सितार वादक, सिंगापुर।
यहां आने और अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए आपका धन्यवाद। कैलाश के साथ राजनयिक संबंध बनाने के लिए धन्यवाद।
हम आपको सम्मानित करने के लिए गर्वित हैं। पुरस्कार प्राप्त करने और पृथ्वी के लिए आप जो कुछ भी हैं, उसे करने के लिए धन्यवाद, पृथ्वी ग्रह को मानव के लिए एक बेहतर स्थान बनाने के लिए।
डॉ लुइस-जॉर्जेस टिन, अफ्रीकी डायस्पोरा, पेरिस, फ्रांस के राज्य के प्रधान मंत्री,
माननीय जवारा सैहौ, महापौर, कुंतौर क्षेत्र परिषद, गाम्बिया,
माननीय युबा जवारा, डिप्टी मेयर, बेस एरिया काउंसिल, गाम्बिया,
मिस पायल शशांक रोहतगी, अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता, भारत,
श्री कथिरवेल कुमारराजा, देवजी इंक के संस्थापक और सीईओ और तमिल एंटरप्रेन्योर्स नेटवर्क के अध्यक्ष - उत्तरी अमेरिका, संयुक्त राज्य अमेरिका में 60 से अधिक तमिल संगमों का प्रतिनिधित्व करने वाली फेटा के तहत समिति,
श्री संदीप कुमार देव, एडिटर इन चीफ ऑफ इंडिया, स्पीक्स डेली, इंडिया,
डॉ सोमेश कौशिक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कौशिक का आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा क्लिनिक, संयुक्त राज्य,
श्री रिचर्ड सदा, हठ योग योगी और लेखक, हठ योग सरली, फ्रांस,
श्री सौरभ श्रीवास्तव, सह-संस्थापक, हिंदू परंपरा के परामर्शदाता, संयुक्त राज्य अमेरिका,
मिस जंजा पिलिंगर, अध्यक्ष, जानवरों और उनके अभिभावकों के संरक्षण और सहायता के लिए एसोसिएशन, स्लोवेनिया
श्री अलेक्जेंडर कामेनिक, अध्यक्ष, नोवा सेफ हाउस एसोसिएशन, स्लोवेनिया,
श्रीमती इला मेहता, शांति केंद्र लॉस एंजेलिस, संयुक्त राज्य अमेरिका की अध्यक्ष
इस शुभ अवतार दीना ब्रह्मोत्सवम पर सीधे महाकैलाश से परमशिव का संदेश:
*आशीर्वाद आशीर्वाद आप में से हर एक को आशीर्वाद
* इस पृथ्वी ग्रह पर 45 वर्ष, और परमशिव की कृपा से 46वें वर्ष में प्रवेश हो रहा है।
* जैसा कि आप सभी जानते हैं कि परमशिव की कृपा से हिंदू राष्ट्र श्रीकैलाश बनाने का मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।
*यह अगले कुछ दिनों में दर्शकों और आम लोगों के लिए खुल जायेगा।
* यह परमशिव की कृपा आशीर्वाद है कि न केवल मेरे ईमानदारी से कड़ी मेहनत और बलिदान अपितु मेरे सम्पूर्ण कैलाश नित्यानंद संन्यासियों, संन्यासिनॉ, रुद्रों, रुद्रकन्याओं का मेरा संपूर्ण संप्रदाय और दुनिया भर में काम करने वाले गृहस्थ भक्तों के पू���े संप्रदाय दुनिया भर में अधिक से अधिक अथक तीव्रता से काम कर रहे हैं पिछले 29 साल, 1994 से तीव्रता से।
*परमशिव की कृपा से अंतत: हमने मिशन पूरा कर लिया, मिशन सफल हो गया है अब हम अपनी जीत का उत्सव मना रहे हैं।
*निश्चित रूप से परमशिव की कृपा से हम हर इंसान को अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए और अधिक विस्तार करेंगे, न केवल हिंदुओं को अपितु पृथ्वी ग्रह के हर इंसान को।
* हम सीधे भगवान परमशिव द्वारा स्वयं दिए गए संविधान वेदों और आगमों वाले राष्ट्र हैं।
*मनुवादी धर्म शास्त्र महाकैलाश का न्यायशास्त्र हैं।
*पिछले 29 वर्षों में 1994 से एक संगठित तरीके से गंभीर गहन कार्य, निश्चित रूप से जब से मैं पैदा हुआ हूं मेरे गुरुओं मेरे पूर्ववर्तियों ने मुझे प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया है, लेकिन 1996 से हमने एक बहुत ही व्यवस्थित तरीके से काम करना शुरू कर दिया है इस कैलाश को हिंदुओं के लिए पहला राष्ट्र बनाने के लिए।
* परमशिव की कृपा से, हमारे पास सबसे बड़ा हिंदू पुस्तकालय, विश्वविद्यालय है, जिसने बड़ी संख्या में लोगों को अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया, हिंदू अर्थव्यवस्था को वैधता प्रदान की, हिंदू सिद्धांतों पर आधारित बैंकिंग से हमने 32 से अधिक बैंकों की स्थापना की।
* परमशिव की कृपा से हमारे पास एक से अधिक स्थानों पर संप्रभु भूमि है। कुछ स्थानों पर स्वायत्त भूमि, कुछ स्थानों पर संप्रभु भूमि इन सबको मिलाकर, हमने कैलासा के संयुक्त राज्य का गठन किया और हमारे पास 140 से अधिक देशों में वैध, योगदानकारी सक्रिय रूप से कार्यरत संगठन है।
* निस्संदेह परमशिव की कृपा से हम सबसे बड़े हिंदू संगठन हैं और हिंदू संविधान और हिंदू न्यायशास्त्र के साथ अपनी खुद की संप्रभु भूमि के साथ केवल हिंदू राष्ट्र हैं।
* हम सबसे बड़े हिंदू प्रकाशक हैं, हम इंटरनेट की डिजिटल दुनिया में सबसे बड़े हिंदू मीडिया हाउस हैं जो दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है।
*आप सभी जानते हैं किसी भी समय पर इंटरनेट पर 2 अरब से अधिक लोग हैं, इसलिए इंटरनेट में हम सबसे बड़े प्रतिष्ठान हैं । हम संयुक्त राष्ट्र के मान्यता प्राप्त हिंदू गैर-सरकारी संगठनों के सबसे बड़े समूह हैं जो एक नेतृत्व के तहत संगठित तरीके से काम कर रहे हैं।
* हमारे द्वारा हिंदू परंपरा के अनुसार कई स्तरों पर सामाजिक सेवाएं, धर्मार्थ गतिविधियाँ की जा रही हैं।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म धर्मांतरण या किसी भी प्रकार के आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देता है।
*हिंदू धर्म आध्यात्मिक शक्ति और सामाजिक धर्मार्थ सेवाओं और गतिविधियों से फलता-फूलता है।
*1994 से पिछले 29 वर्षों में 140 से अधिक देशों में हमने 100 करोड़ से अधिक भोजन परोस दिया है, बहुत सारे अच्छे सामाजिक आध्यात्मिक सेवाएं, दुनिया भर में 1 अरब से अधिक लोगों को एक प्रबुद्ध जीवन शैली जीने के लिए प्रेरित किया है।
* परमशिव की कृपा से हमने पूरे विश्व में हिंदू सभ्यता राष्ट्र को पुनर्जीवित किया। हमने हजारों हिंदू ज्ञान आधारित पारिस्थितिकी तंत्र बनाए और इन पारिस्थितिकी तंत्रों के माध्यम से, हम न केवल सामाजिक सेवाएं प्रदान करते हैं, बल्कि हम आध्यात्मिक सेवाएं भी प्रदान करते हैं।
* हमने योग के क्षेत्र में कई गिनीज रिकॉर्ड स्थापित किए हैं, विशेष रूप से 13 से अधिक एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के लेखक के रूप में, आध्यात्मिक हिंदू धर्म, ज्ञान और शक्ति की उच्चतम संख्या पर सत्संगों की उच्चतम संख्या और आध्यात्मिक प्रवचनों की उच्चतम संख्या के लेखक के रूप में।
*हमने हिंदू धर्म की अतिचेतन शक्तियों को प्रकट करने के लिए लाखों लोगों को प्रशिक्षित किया।
*हमने शक्ति अविष्करण का प्रदर्शन किया है और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में कीर्तिमान स्थापित किया है।
*हमने एक अकेले लेखक की 1123 पुस्तकें प्रकाशित की हैं और यह 1123 पुस्तकें कई अन्य भाषाओं में 3000 से अधिक शीर्षकों में अनुवादित और प्रकाशित की गई हैं।
* यह सब परमशिव की कृपा और कैलाश की संपूर्ण प्रभुसत्ता की कड़ी मेहनत से पूरा हुआ।
*इसलिए अब मैं परमशिव को अपनी भक्ति अर्पित करता हूं और कैलाश वेदों और आगमों के संविधान के लिए खुद को फिर से समर्पित करता हूं और हर संभव आध्यात्मिक समर्थन प्रदान करने के लिए आपकी सभी जरूरतों के लिए प्रबुद्ध सभ्यता हिंदू राष्ट्र लाने के लिए खुद को फिर से समर्पित करता हूं। सहायता और सामाजिक समर्थन और हर संभव तरीके से सहायता।
इस शुभ दिन 46वीं जयंती पर मैं परमशिव और मेरी गुरु परम्परा-गुरुओं अवोचिन गुरुपरम्परा की अटूट वंशावली के प्रति समर्पण के साथ स्वयं को पुन: समर्पित करता हूं। परमशिव की ओर से मैं खुद को परंपरा और अपनी गुरु परंपरा को अखंड गुरु शिष्य उत्तराधिकार की वंशावली और आप सभी को, पूरी मानवता को फिर से समर्पित करता हूं।
* इस पृथ्वी ग्रह पर हिंदू धर्म का सबसे बड़ा योगदान सुपरकॉन्शस म्यूटेशन है, लगातार सुपरकॉन्शसली विकसित हो रहा है, खुद को उठा रहा है और मानवता को ऊपर उठा रहा है, सभी महान संभावनाओं और अतिचेतना की शक्तियों को प्रकट कर रहा है।
*सफलतापूर्वक हमने इस विज्ञान को पुनर्जीवित किया है जैसे थर्ड आई रीडिंग, पदार्थ पर चेतना की शक्ति का प्रयोग करने की क्षमता, 463 अतिचेतन शक्तियां विस्तृत रूप से वेदों और आगमों में वर्णित हैं जो हिंदुओं के लिए स्रोत पुस्तक है जो कैलाश राष्ट्र के लिए भी संविधान है।
*हमने इन 463 शक्तियों के बारे में सबूतों के साथ वैज्ञानिक रूप से प्रलेखित किया है और हिंदू धर्म और विभिन्न शास्त्रों से इस सुपरकॉन्शियस म्यूटेशन ज्ञानोदय विज्ञान को पुनर्जीवित किया है। हिंदू धर्म से उनके अध्ययन अनुसंधान के लिए सार्वजनिक रूप से अनुवादित संगठित रूप में प्रकाशित किया गया है।
* यह हमारी कैलाश सरकार की वेबसाइट में स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है, जो हिंदू धर्म और इस ज्ञान केंद्रित सभ्यता को पुनर्जीवित करने के लिए एक बहुत व्यवस्थित विस्तृत संगठित कार्यप्रणाली है।
*हम एक सभ्य राष्ट्र हैं, भले ही कैलाश के पास एक संप्रभु भूमि है, हम उस संप्रभु भूमि तक सीमित नहीं हैं जो हमारे पास है, हम वास्तव में एक सभ्य राष्ट्र हैं।
*हम एक सीमाविहीन राष्ट्र हैं, भले ही हमारे पास एक सीमा हो। हम एक सभ्य राष्ट्र की तरह हैं जो अरबों लोगों की सेवा कर रहे हैं जो या तो पैदा हुए हैं हिंदू वे लोग हैं जो हिंदू धर्म में रुचि रखते हैं, दुनिया भर में हर किसी के लिए।
* अब हम कई देशों के साथ राजनयिक संबंध स्थापित कर रहे हैं, हमने पहले ही हिंदू धार्मिक न्यायालय, संसद, बैंक, विश्वविद्यालय स्थापित कर लिए हैं, मुफ्त भोजन परोसने का हिंदू तरीका, अन्नदान, गायों की गोशालाओं की देखभाल का हिंदू तरीका, क्योंकि गाय हिंदुओं के लिए पवित्र है , हिंदू पुस्तकालय या ग्रंथ समाधि, आध्यात्मिक पवित्र साहित्य का मंदिर, पूरी दुनिया में।
* परमशिव की कृपा से पिछले 29 वर्षों में 1994 से बहुत ही संगठित तरीके से बहुत काम किया गया है। अब परमशिव की कृपा से हम राजनयिक संबंध स्थापित करके अधिक से अधिक देशों को विस्तार देने और अधिक से अधिक सेवाएं प्रदान करने के लिए तत्पर हैं।
* हम जलवायु संकट, जलवायु परिवर्तन से होने वाली आपदाओं को रोकने के लिए भी काम कर रहे हैं, जो निर्णय लेने वालों, नेताओं, राष्ट्रों को पृथ्वी ग्रह की सुरक्षा की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
*हम सभी सह-अस्तित्व में रहें, हिंदू धर्म अहिंसा परमो धर्म में सह-अस्तित्व में विश्वास करता है। मनुष्यों के बीच अहिंसा ही नहीं, जानवरों के प्रति अहिंसा, ग्रह पृथ्वी, सब कुछ।
*शाकाहारी जीवन शैली को बढ़ावा देना, शाकाहारी जीवन जीने के लिए लोगों की मदद करना और पशु वध को रोकना, भोजन के लिए जानवरों को मारना, ग्रह पृथ्वी को बचाने के लिए अधिक टिकाऊ जीवन शैली की ओर बढ़ना;
*लगातार अथक रूप से काम कर रहे हैं, भले ही हिंदू विरोधी ताकतें दुनिया भर से आक्रमण कर रही हैं।
*मैं एक बार फिर सुश्री पायल रोहतगी के समर्पण और बलिदान का उल्लेख करना चाहता हूं। आप केवल हमारे साथ ही नहीं खड़े रहने के तरीके से अद्भुत हैं, जिस तरह से आप सभी उत्पीड़न का सामना करती हैं, क्योंकि आप हमारे साथ खड़े थी। मुझे पता है क्योंकि आपने कैलाश का समर्थन किया था और मुझे आपको बहुत अधिक यातना और पीड़ा में रखा गया था। मैं यह सब जानता हूं और जिस तरह से आप हमारे साथ खुले तौर पर, निर्भीकता से, निर्लज्जतापूर्वक, बिना किसी खेद के खड़े हुए, उसकी मैं तहेदिल से सराहना करता हूं। आपकी हिंदू आध्यात्मिक सामाजिक सक्रियता के लिए पायल जी को धन्यवाद।
*यह मेरे या उन लोगों के लिए आसान जीवन नहीं है जो पूरी दुनिया में मेरे साथ खड़े रहे और मेरा समर्थन किया।
*हमने हर स्तर पर सबसे बुरे उत्पीड़न का सामना किया है। मुख्यधारा और सोशल मीडिया के माध्यम से हिंदुत्व और हिंदुफोबिया गिरोह हम पर हमला कर रहे हैं, घृणास्पद भाषण, गलत सूचना और कानून का दुर्प्रयोग कर जहर उगल रही है, केवल मैं ही नहीं, सभी लोग जिन्होंने मेरे और कैलाश के कारण का समर्थन किया। हम सब इतने अधिक से गुजरे।
* यहाँ कुछ नाम हैं जिनका मैंने उल्लेख किया है, ऐसे लाखों नाम हैं जिनका मुझे उल्लेख करने की आवश्यकता है। मेरे और मेरे शिष्यों पर सभी उत्पीड़न कानून और कई हत्याओं के प्रयासों के दौरान मेरे और कैलाश और हिंदू धर्म सनातन हिंदू धर्म के साथ खड़े होने के लिए मैं आप में से हर एक को धन्यवाद देता हूं।
* मैं उन सभी शहीदों को भी अपनी श्रद्धांजलि देना चाहता हूं, जिन्होंने कैलाश राष्ट्र और दुनिया भर में कैलाश के लोगों पर हमले के दौरान जान गंवाई।
*लेकिन अंत में परमशिव की कृपा से हम सफल हैं।
* हमने अहिंसा को पथ के रूप में अपनाया, हम पूरी तरह से अहिंसक थे, परमशिव की कृपा से अहिंसा को रणनीति के रूप में उपयोग करके हम जीत गए और हम संयुक्त राज्य कैलास की स्थापना करने में सफल रहे।
*हम उत्पीड़न, कानून, हत्या के प्रयासों से गुजरे, हमने बहुत कुछ खोया, लेकिन हम अपने आध्यात्मिक सिद्धांतों के साथ अडिग रहे - अहिंसा को रणनीति के रूप में उपयोग करते हुए। परमशिव की कृपा से हमने इस कैलाश राष्ट्र की स्थापना की।
* परमशिव की कृपा से, आज हम कैलास, महाकैलाश के इस राष्ट्र संयुक्त राज्य कैलाश की स्थापना की सफलता का उत्सव मना रहे हैं।
*इस शुभ अवसर पर, मैं न केवल आप सभी को आशीर्वाद देता हूं, बल्कि मैं उन सभी को भी आशीर्वाद देता हूं, जिन्होंने इस कैलाश को सफल बनाने की इस महान यात्रा में बहुत कुछ खो दिया है।
* वे सभी जो मेरे साथ खड़े थे उन्होंने समय के खजाने में प्रतिभा का योगदान दिया और वे सभी जिन्होंने अपने जीवन में इतना कुछ खो दिया, सिर्फ इसलिए कि वे मेरे साथ खड़े रहे और मुझे समर्थन दिया, जिसमें वे भी शामिल थे जिन्होंने मेरे साथ खड़े होकर जीवन खो दिया।
*मैं उन सभी को याद करता हूं, उन सभी शहीदों और कई नामों का मैंने यहां विभिन्न कारणों से उल्लेख नहीं किया है: समय की कमी और वे स्वयं को जनता के ध्यान से दूर रखना चाहते हैं, विभिन्न कारणों से मैंने उन विभिन्न नामों का उल्लेख नहीं किया है जो हमारे साथ खड़े थे और हमारे साथ खड़े हैं।
* जो आप कर रहे हैं, जो आप कर रहे हैं और जो आप हैं वह होने के लिए हमारे साथ बने रहने के लिए मैं ईमानदारी से सभी का धन्यवाद करता हूं।
* मैं इस कैलाश को वास्तविकता बनाने के लिए अपना समय, धन, प्रतिभा सब कुछ साझा करने के समर्थन के लिए सभी सर्वज्ञपीठ कर्ता, यजमान, सर्वजनपीठेश्वर को धन्यवाद देता हूं।
*मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूँ।
*हमारे पास आप में से प्रत्येक के लिए कैलाश से बहुत से उपहार हैं, और हमारे पास और कार्यक्रम हैं। कृपया हमारे साथ बने रहें। तो इसके साथ हम आध्यात्मिक अनुष्ठान, तुलाभरम और सन्यास दीक्षा, और कई रिलीज जारी रखने जा रहे हैं। तो कई अन्य कार्यक्रम जारी रहेंगे। बने रहें।
* इसके साथ, मैं आप सभी को आशीर्वाद देता हूं।
* आइए हम सब अखंडता, प्रामाणिकता, उत्तरदायित्व, समृद्ध, कारण, जीवित शुद्धाद्वैत शैवम, परमद्वैतम् - राज्य, स्थान, शक्तियाँ, अतिचेतनता और कैलाश, परमशिव का महाकैलाश के साथ विकिरण करें। परमशिवोहम, ओम नित्यानंद परमशिवोहम, शाश्वत आनंद नित्यानंद। धन्यवाद, आनंदित रहें।
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तम्बाकू खाने से गला, मुँह्, श्वासनली व फेफड़ों का कैंसर होता है। तम्बाकू मे अन्य बहुत से कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्व पाये जाते है - प्रो० (डॉ०) राजेन्द्र प्रसाद
नशे से सिर्फ एक व्यक्ति ही नहीं उसके साथ रहने वाले परिवार तथा आसपास के लोग भी बहुत अधिक प्रभावित होते है - डॉ रूपल अग्रवाल
“जन-जन का यही संदेश, नशा मुक्त हो अपना देश” l
लखनऊ 31 मई, 2022 | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान "तम्बाकू सेवन को ना कहकर हम स्वस्थ भारत की नीव रख सकते हैं” से प्रेरित होकर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने “विश्व तम्बाकू निषेध दिवस-2022” के अवसर पर ट्रस्ट के सेक्टर-25, इंदिरा नगर, कार्यालय के राम दरबार में ऑनलाइन विचारगोष्ठी, विषय: “तम्बाकू हमें और हमारे घर, परिवार, समाज को मार रहा है” का आयोजन किया l
“ऑनलाइन विचारगोष्ठी” में प्रमुख वक्तागणों के रूप में प्रो० (डॉ०) राजेन्द्र प्रसाद, वरिष्ठ पल्मोनरी चिकित्सक, श्री महेन्द्र भीष्म, साहित्यकार, श्रीमती वंदना सिंह, शिक्षाशास्त्री ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये I विचारगोष्ठी का सीधा प्रसारण फेसबुक लिंक https://www.facebook.com/HelpUEducationalAndCharitableTrust पर किया गया I जिसमें लोगों ने तम्बाकू से स्वस्थ्य व पर्यावरण पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों को जाना I
प्रो० (डॉ०) राजेन्द्र प्रसाद, जो वर्तमान में विभागाध्यक्ष, पल्मोनरी विभाग, एरा मेडिकल कालेज हैं तथा पूर्व में निर्देशक, वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट, दिल्ली, और विभागाध्यक्ष, पल्मोनरी विभाग, KGMU रहे हैं I (डॉ०) राजेन्द्र प्रसाद ने तम्बाकू से स्वास्थ्य पर होने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में बताते हुए कहा कि, “प्रति वर्ष 31 मई को धूम्रपान से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता फैलाने हेतु "विश्व तम्बाकू निषेध दिवस" मनाया जाता है। तम्बाकू से प्रति वर्ष 8 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है। इनमें से 7 लाख से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु तम्बाकू का सेवन करने व तकरीबन 1.2 लाख लोग तम्बाकू सेवन करने वाले लोगों के सम्पर्क में आकर मौत का शिकार हो जाते हैं। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (GATS 2) के अनुसार औसतन 42.4% पुरुष व 14.2% महिलायें तम्बाकू का उपयोग करते हैं एवं करीब 38.7% वयस्क घर में ही परोक्ष धूम्रपान (Second hand smoke) के शिकार हो जाते हैं। तम्बाकू के सेवन से न सिर्फ श्वसन संबंधी रोग जैसे फेफड़ों का कैंसर, COPD, श्वसन नली में इन्फेक्शन होते हैं बल्कि हृदय सम्बन्धी रोग, मुख कैंसर, अन्नप्रणाली कैंसर व मोतियाबिंद जैसी बीमारियों भी हो जाती हैं। डा० प्रसाद ने आगे कहा कि धूम्रपान में, भारत में सबसे अधिक बीड़ी का उपयोग किया जाता है, जो कि सिगरेट स्मोकिंग से भी ज्यादा हानिकारक है। इस वर्ष विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की थीम है:- Protect the environment अर्थात हमें अपने आस-पास के वातावरण को तम्बाकू से होने वाले दुष्प्रभावों से बचाना है क्योंकि तम्बाकू न सिर्फ हमारी पृथ्वी को दूषित करता है अपितु मानव जाति के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहा है। फेंके हुऐ सिगरेट के टुकड़ों से प्लास्टिक प्रदूषण फैलता है। तम्बाकू की खेती करने में बहुत सारे रसायनों का प्रयोग किया जाता है जो पर्यावरण के लिये अत्यन्त हानिकारक है। तम्बाकू को उगाने के लिये अत्यधिक मात्रा में पानी का इस्तेमाल होता है, जिससे वातावरण में पानी की कमी हो जाती है। जंगलों के कटने से ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ जाता है जोकि मानव जाति के लिये घातक है। संक्षेप में तम्बाकू हर तरीके से हमारे शरीर व पर्यावरण को हानि पहुंचा रहा है I Covid-19 महामारी के दौरान जब लोगों को यह बात पता चली कि धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों पर कोविड़ -19 के दुष्प्रभाव अधिक होते हैं तो लोगों में धूम्रपान न करने की ललक दिखी परन्तु धूम्रपान एक ऐसी आदत है जो एक बार लग जाये तो उसे छुटाना बहुत मुश्किल होता है। अध्ययनों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि धूम्रपान करने वालों पर कोरोना का अधिक प्रभाव दिखाई दिया है।
अतः मनुष्य जाति और अपनी पृथ्वी को बचाने हेतु तम्बाकू को "न" कहें और तम्बाकू के उत्पाद और उपयोग पर रोक लगाये । विश्व तम्बाकू निषेध दिवस- 2022 को हम सब यह संकल्प लें कि अपनी धरती को धूम्रपान और उससे होने वाले दुष्प्रभावों से मुक्ति दिलाएंगे।
श्री महेन्द्र भीष्म ने अपने अभिभाषण कहा कि, “आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस है विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा अप्रैल 1987 को यह तय किया गया था कि प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन तंबाकू से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जाता है। विश्व में प्रत्येक वर्ष लगभग 67 लाख व्यक्ति तंबाकू से मृत्यु को प्राप्त होते हैं। घर परिवार और समाज के लिए तंबाकू का प्रयोग किसी भी रूप में क्यों न किया जाता हो वह न केवल मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है, बल्कि इससे सामाजिक रिश्ते भी खराब होते हैं। श्री महेन्द्र भीष्म ने अपनी एक कहानी जो 'स्टोरी' शीर्षक से है, प्रस्तुत की । इस कहानी में तंबाकू से होने वाले दुष्परिणाम का चित्रण तो है ही साथ ही किस तरह से यह दिवस एक खानापूर्ति बनकर रह गया है इस पर करारा व्यंग्य किया गया है।
श्रीमती वंदना सिंह ने विद्यार्थियों के जीवन में तम्बाकू के कारण हो रहे दुष्प्रभावों को बताते हुए कहा कि, सभी जानते हैं कि गुटका और सिगरेट स्वास्थ्य के लिए कितने नुकसानदेह है जो उसकी पैकेजिंग पर भी पिक्चर बना कर चेतावनी दी जाती है। लेकिन ये कोई कम्पनी नहीं बताती किं ये सिर्फ हमारा नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए, जलवायु के लिए कितना खतर���ाक है। इसका कूड़ा जो गैर-अपघटनीय प्लास्टिक से बनता है 2.4 मिलियन है जो की फ़ूड के पैकेजिंग कूड़े से भी कहीं ज्यादा हैं जो कि 1.7 मिलियन है। तम्बाकू को इस्तेमाल करने के बाद का कूड़ा हमारे ग्रह को कई तरीके से संकट में डालता है।
कार्यक्रम की संयोजिका व हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, ने सभी वक्तागणों का स्वागत किया व कहा कि, “विश्व भर में हर वर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है l इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को तम्बाकू या नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहने के लिए जागरूक करना है l WHO के अनुसार तम्बाकू के सेवन से हर वर्ष दुनिया भर में 80 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं l तम्बाकू निषेध के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु सिनेमा घरों में किसी भी फिल्म के शुरू होने से पहले भी यही सन्देश दिखाया जाता है कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है l पोस्टर, बैनर और दृश्य-श्रव्य माध्यमों के जरिये अक्सर तम्बाकू निषेध के सन्देश दिखाई देते हैं फिर भी लोग जानबूझकर अपना और अपने परिवार का जीवन खतरे में डालते हैं” l
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने (डॉ०) राजेन्द्र प्रसाद की प्रेरणा से अनेकों चिकित्सकीय तथा टीबी जागरूकता शिविरों का आयोजन किया है, इसी क्रम में तम्बाकू निषेध के लिए जागरूकता फ़ैलाने हेतु हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा इस ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया है l
#NoTobaccoDay #NoTobacco #NoSmokingChallenge #NoSmokingDay #quitsmoking #smokefree #stopsmoking #health #smokingkills #nosmoke #notobacco #nosmokingday
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भूमि पेडणेकर के कैम्पेन OneWishForEarth के सपोर्ट में आए अक्षय, अनुष्का और करण जौहर: क्लाईमेट वॉरियर बनकर बताई अपनी विश
भूमि पेडणेकर के कैम्पेन OneWishForEarth के सपोर्ट में आए अक्षय, अनुष्का और करण जौहर: क्लाईमेट वॉरियर बनकर बताई अपनी विश
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दैनिक भास्कर
Jun 03, 2020, 01:58 PM IST
5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है, इसके पहले भूमि पेडणेकर ने पृथ्वी के लिए एक विश मांगने के लिए OneWishForEarth कैम्पेन शुरू किया है। भूमि खुद क्लाईमेट वॉरियर के तौर पर काम कर रही हैं। भूमि पेडणेकर की इस पहल में अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, अनुष्का शर्मा और करण जौहर भी सपोर्ट कर रहे हैं। इन सभी ने अपने सोशल मीडिया पर वीडियो और संदेश पोस्ट कर पृथ्वी के…
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प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश को 12 मई 2020 को रात 8 बजे किया गया, अपने देश के नाम सम्भोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा:
शब्दशः
प्रधानमंत्री
सभी देशवासियों को आदर पूर्वक नमस्कार,
कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा हो रहे हैं। इस दौरान तमाम देशों के 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की दुखद मृत्यु हुई है। भारत में भी लोगों ने अपने स्वजन खोए हैं। मैं सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
साथियों,
एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस क�� दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है। हमने ऐसा संकट न देखा है, न ही सुना है। निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए ये सब कुछ अकल्पनीय है, ये Crisis अभूतपूर्व है।
लेकिन थकना, हारना, टूटना-बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए, ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है। आज जब दुनिया संकट में है, तब हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा। हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा।
साथियों,
हम पिछली शताब्दी से ही सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है। हमें कोरोना से पहले की दुनिया को, वैश्विक व्यवस्थाओं को विस्तार से देखने-समझने का मौका मिला है। कोरोना संकट के बाद भी दुनिया में जो स्थितियां बन रही हैं, उसे भी हम निरंतर देख रहे हैं। जब हम इन दोनों कालखंडो को भारत के नजरिए से देखते हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी है। लेकिन इसका मार्ग क्या हो? विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है- "आत्मनिर्भर भारत"। हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है- एष: पंथा: यानि यही रास्ता है- आत्मनिर्भर भारत।
साथियों,
एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं। इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है। मैं एक उदाहरण के साथ अपनी बात रखूंगा। जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। ये हम इसलिए कर पाए, क्योंकि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया। आपदा को अवसर में बदलने की भारत की ये दृष्टि, आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प के लिए उतनी ही प्रभावी सिद्ध होने वाली है।
साथियों,
आज विश्व में आत्मनिर्भर शब्द के मायने बदल गए हैं, Global World में आत्मनिर्भरता की Definition बदल गई है। अर्थकेंद्रित वैश्वीकरण बनाम मानव केंद्रित वैश्वीकरण की चर्चा जोरों पर है। विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन, आशा की किरण नजर आता है। भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है। भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता।
भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है। जो संस्कृति जय जगत में विश्वास रखती हो, जो जीव मात्र का कल्याण चाहती हो, जो पूरे विश्व को परिवार मानती हो, जो अपनी आस्था में 'माता भूमिः पुत्रो अहम् पृथिव्यः' की सोच रखती हो जो पृथ्वी को मां मानती हो, वो संस्कृति, वो भारतभूमि, जब आत्मनिर्भर बनती है, तब उससे एक सुखी-समृद्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है।
भारत की प्रगति में तो हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है। भारत के लक्ष्यों का प्रभाव, भारत के कार्यों का प्रभाव, विश्व कल्याण पर पड़ता है। जब भारत खुले में शौच से मुक्त होता है तो दुनिया की तस्वीर बदल जाती है। टीबी हो, कुपोषण हो, पोलियो हो, भारत के अभियानों का असर दुनिया पर पड़ता ही पड़ता है। इंटरनेशनल सोलर अलायंस, ग्लोबर वॉर्मिंग के खिलाफ भारत की सौगात है। इंटरनेशनल योगा दिवस की पहल, मानव जीवन को तनाव से मुक्ति दिलाने के लिए भारत का उपहार है। जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नई आशा लेकर पहुंचती हैं। इन कदमों से दुनिया भर में भारत की भूरि-भूरि प्रशंसा होती है, तो हर भारतीय गर्व करता है। दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है। सवाल यह है - कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर है- 130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प।
साथियों,
हमारा सदियों का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। भारत जब समृद्ध था, सोने की चिड़िया कहा जाता था, संपन्न था, तब सदा विश्व के कल्याण की राह पर ही चला। वक्त बदल गया, देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ गया, हम विकास के लिए तरसते रहे। आज भारत विकास की ओर सफलतापूर्वक कदम बढ़ा रहा है, तब भी विश्व कल्याण की राह पर अटल है। याद करिए, इस शताब्दी की शुरुआत के समय Y2K संकट आया था। भारत के टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स ने दुनिया को उस संकट से निकाला था। आज हमारे पास साधन हैं, हमारे पास सामर्थ्य है, हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट है, हम Best Products बनाएंगे, अपनी Quality और बेहतर करेंगे, सप्लाई चेन को और आधुनिक बनाएंगे, ये हम कर सकते हैं और हम जरूर करेंगे।
साथियों,
मैंने अपनी आंखों से कच्छ भूकंप के वो दिन देखे हैं। हर तरफ सिर्फ मलबा ही मलबा। सब कुछ ध्वस्त हो गया था। ऐसा लगता था मानो कच्छ, मौत की चादर ओढ़कर सो गया हो। उस परिस्थिति में कोई सोच भी नहीं सकता था कि कभी हालात बदल पाएंगे। लेकिन देखते ही देखते कच्छ उठ खड़ा हुआ, कच्छ चल पड़ा, कच्छ बढ़ चला। यही हम भारतीयों की संकल्पशक्ति है। हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं, कोई राह मुश्किल नहीं। और आज तो चाह भी है, राह भी है। ये है भारत को आत्मनिर्भर बनाना। भारत की संकल्पशक्ति ऐसी है कि भारत आत्मनिर्भर बन सकता है।
साथियों,
आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत, पाँच Pillars पर खड़ी होगी। पहला पिलर Economy एक ऐसी इकॉनॉमी जो Incremental change नहीं बल्कि Quantum Jump लाए । दूसरा पिलर Infrastructure एक ऐसा Infrastructure जो आधुनिक भारत की पहचान बने। तीसरा पिलर- हमारा System- एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं, बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली Technology Driven व्यवस्थाओं पर आधारित हो। चौथा पिलर- हमारी Demography- दुनिया की सबसे बड़ी Democracy में हमारी Vibrant Demography हमारी ताकत है, आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है। पाँचवाँ पिलर- Demand- हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है, जो ताकत है, उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है।
देश में डिमांड बढ़ाने के लिए, डिमांड को पूरा करने के लिए, हमारी सप्लाई चेन के हर स्टेक-होल्डर का सशक्त होना जरूरी है। हमारी सप्लाई चेन, हमारी आपूर्ति की उस व्यवस्था को हम मजबूत करेंगे जिसमें मेरे देश की मिट्टी की महक हो, हमारे मजदूरों के पसीने की खुशबू हो।
साथियों,
कोरोना संकट का सामना करते हुए, नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं। ये आर्थिक पैकेज, 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा।
साथियों,
हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे, और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है।
इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा। 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में Land, Labour, Liquidity और Laws, सभी पर बल दिया गया है।
ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे MSME के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है। ये आर���थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है। ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है। ये आर्थिक पैकेज भारतीय उद्योग जगत के लिए है जो भारत के आर्थिक सामर्थ्य को बुलंदी देने के लिए संकल्पित हैं। कल से शुरू करके, आने वाले कुछ दिनों तक, वित्त मंत्री जी द्वारा आपको 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' से प्रेरित इस आर्थिक पैकेज की विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
साथियों,
आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए Bold Reforms की प्रतिबद्धता के साथ अब देश का आगे बढ़ना अनिवार्य है। आपने भी अनुभव किया है कि बीते 6 वर्षों में जो Reforms हुए, उनके कारण आज संकट के इस समय भी भारत की व्यवस्थाएं अधिक सक्षम, अधिक समर्थ नज़र आईं हैं। वरना कौन सोच सकता था कि भारत सरकार जो पैसा भेजेगी, वो पूरा का पूरा गरीब की जेब में, किसान की जेब में पहुंच पाएगा। लेकिन ये हुआ। वो भी तब हुआ जब तमाम सरकारी दफ्तर बंद थे, ट्रांसपोर्ट के साधन बंद थे। जनधन-आधार-मोबाइल- JAM की त्रिशक्ति से जुड़ा ये सिर्फ एक रीफॉर्म था, जिसका असर हमने अभी देखा। अब Reforms के उस दायरे को व्यापक करना है, नई ऊंचाई देनी है।
ये रिफॉर्मस खेती से जुड़ी पूरी सप्लाई चेन में होंगे, ताकि किसान भी सशक्त हो और भविष्य में कोरोना जैसे किसी दूसरे संकट में कृषि पर कम से कम असर हो। ये रिफॉर्म्स, Rational टैक्स सिस्टम, सरल और स्पष्ट नियम-कानून, उत्तम इंफ्रास्ट्रक्चर, समर्थ और सक्षम Human Resource, और मजबूत फाइनेंशियल सिस्टम के निर्माण के लिए होंगे। ये रिफॉर्म्स, बिजनेस को प्रोत्साहित करेंगे, निवेश को आकर्षित करेंगे और मेक इन इंडिया के हमारे संकल्प को सशक्त करेंगे।
साथियों,
आत्मनिर्भरता, आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव है। आत्मनिर्भरता, ग्लोबल सप्लाई चेन में कड़ी स्पर्धा के लिए भी देश को तैयार करती है। और आज ये समय की मांग है कि भारत हर स्पर्धा में जीते, ग्लोबल सप्लाई चेन में बड़ी भूमिका निभाए। इसे समझते हुए, भी आर्थिक पैकेज में अनेक प्रावधान किए गए हैं। इससे हमारे सभी सेक्टर्स की Efficiency बढ़ेगी और Quality भी सुनिश्चित होगी।
साथियों,
ये संकट इतना बड़ा है, कि बड़ी से बड़ी व्यवस्थाएं हिल गई हैं। लेकिन इन्हीं परिस्थितियों में हमने, देश ने हमारे गरीब भाई-बहनों की संघर्ष-शक्ति, उनकी संयम-शक्ति का भी दर्शन किया है। खासकर हमारे जो रेहड़ी वाले भाई-बहन हैं, ठेला लगाने वाले हैं, पटरी पर सामान बेचने वाले हैं, जो हमारे श्रमिक साथी हैं, जो घरों में काम करने वाले भाई-बहन हैं, उन्होंने इस दौरान बहुत तपस्या की है, त्याग किया है। ऐसा कौन होगा जिसने उनकी अनुपस्थिति को महसूस नहीं किया।
अब हमारा कर्तव्य है उन्हें ताकतवर बनाने का, उनके आर्थिक हितों के लिए कुछ बड़े कदम उठाने का। इसे ध्यान में रखते हुए गरीब हो, श्रमिक हो, प्रवासी मजदूर हों, पशुपालक हों, हमारे मछुवारे साथी हों, संगठित क्षेत्र से हों या असंगठित क्षेत्र से, हर तबके के लिए आर्थिक पैकेज में कुछ महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान किया जाएगा।
साथियों,
कोरोना संकट ने हमें Local Manufacturing, Local Market, Local Supply Chain, का भी महत्व समझाया है। संकट के समय में, Local ने ही हमारी Demand पूरी की है, हमें इस Local ने ही बचाया है। Local सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी है। समय ने हमें सिखाया है कि Local को हमें अपना जीवन मंत्र बनाना ही होगा।
आपको आज जो Global Brands लगते हैं वो भी कभी ऐसे ही बिल्कुल Local थे। लेकिन जब वहां के लोगों ने उनका इस्तेमाल शुरू किया, उनका प्रचार शुरू किया, उनकी ब्रांडिंग की, उन पर गर्व किया, तो वो Products, Local से Global बन गए। इसलिए, आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना है, न सिर्फ लोकल Products खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है।
मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है। आपके प्रयासों ने, तो हर बार, आपके प्रति मेरी श्रद्धा को और बढ़ाया है। मैं गर्व के साथ एक बात महसूस करता हूं, याद करता हूं। जब मैंने आपसे, देश से खादी खरीदने का आग्रह किया था। ये भी कहा था कि देश के हैंडलूम वर्कर्स को सपोर्ट करें। आप देखिए, बहुत ही कम समय में खादी और हैंडलूम, दोनों की ही डिमांड और बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इतना ही नहीं, उसे आपने बड़ा ब्रांड भी बना दिया। बहुत छोटा सा प्रयास था, लेकिन परिणाम मिला, बहुत अच्छा परिणाम मिला।
साथियों,
सभी एक्सपर्ट्स बताते हैं, साइंटिस्ट बताते हैं कि कोरोना लंबे समय तक हमारे जीवन का हिस्सा बना रहेगा। लेकिन साथ ही, हम ऐसा भी नहीं होने दे सकते कि हमारी जिंदगी सिर्फ कोरोना के इर्द-गिर्द ही सिमटकर रह जाए। हम मास्क पहनेंगे, दो गज की दूरी का पालन करेंगे लेकिन अपने लक्ष्यों को दूर नहीं होने देंगे।
इसलिए, लॉकडाउन का चौथा चरण, लॉकडाउन 4, पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी भी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी। मुझे पूरा भरोसा है कि नियमों का पालन करते हुए, हम कोरोना से लड़ेंगे भी और आगे भी बढ़ेंगे।
साथियों,
हमारे यहाँ कहा गया है- 'सर्वम् आत्म वशं सुखम्' अर्थात, जो हमारे वश में है, जो हमारे नियंत्रण में है वही सुख है। आत्मनिर्भरता हमें सुख और संतोष देने के साथ-साथ सशक्त भी करती है। 21वीं सदी, भारत की सदी बनाने का हमारा दायित्व, आत्मनिर्भर भारत के प्रण से ही पूरा होगा। इस दायित्व को 130 करोड़ देशवासियों की प्राणशक्ति से ही ऊर्जा मिलेगी। आत्मनिर्भर भारत का ये युग, हर भारतवासी के लिए नूतन प्रण भी होगा, नूतन पर्व भी होगा।
अब एक नई प्राणशक्ति, नई संकल्पशक्ति के साथ हमें आगे बढ़ना है। जब आचार-विचार कर्तव्य भाव से सराबोर हो, कर्मठता की पराकाष्ठा हो, कौशल्य की पूंजी हो, तो आत्मनिर्भर भारत बनने से कौन रोक सकता है? हम भारत को आत्म निर्भर भारत बना सकते हैं। हम भारत को आत्म निर्भर बनाकर रहेंगे। इस संकल्प के साथ, इस विश्वास के साथ, मैं आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
आप अपने स्वास्थ्य का, अपने परिवार, अपने करीबियों का ध्यान रखिए।
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पटना डेस्क :विश्व पर्यावरण दिवस पर "ग्रीनअर्थ एजुकेशनल ट्रस्ट, नई दिल्ली के मुख्य ट्रस्टी विपिन कुमार ने लगाए पीपल और नीम के पौधे, लिया संरक्षण करने और प्रदूषण रोकने का संकल्प
पटना डेस्क :विश्व पर्यावरण दिवस पर “ग्रीनअर्थ एजुकेशनल ट्रस्ट, नई दिल्ली के मुख्य ट्रस्टी विपिन कुमार ने लगाए पीपल और नीम के पौधे, लिया संरक्षण करने और प्रदूषण रोकने का संकल्प
पटना, कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /विश्व पर्यावरण दिवस पर ग्रीनअर्थ एजुकेशनल ट्रस्ट, नई दिल्ली के मुख्य ट्रस्टी विपिन कुमार ने बिहार के पटना में पीपल और नीम का पेड़ लगाकर कोरोना संकट को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पौधरोपण किया। संस्था के सद्स्य और सीईओ सौरभ कुमार ने पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए पृथ्वी पर मौजूद सभी वनस्पति और…
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ओजोन सुरक्षित तो हर ज़ोन सुरक्षित : स्वामी चिदानन्द सरस्वती
विश्व ओजोन दिवस ओजोन है पृथ्वी का सुरक्षा कवच ओजोन सुरक्षित तो जीवन सुरक्षित देवभूमि मीडिया ब्यूरो ऋषिकेश ।आज विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने युवा पीढ़ी को संदेश देते हुये कहा कि ओजोन पृथ्वी का सुरक्षा कवच है। ओजोन सुरक्षित है तो पृथ्वी पर जीवन सुरक्षित है। मानवीय गतिविधियों के कारण विगत कुछ वर्षो से ओजोन परत को नुकसान हो रहा है जिससे पृथ्वी…
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से पृथ्वी पर जैव विविधता को संरक्षित करने का प्रण लेने का आह्वान किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से पृथ्वी पर जैव विविधता को संरक्षित करने का प्रण लेने का आह्वान किया है।
नई दिल्ली 05 जून प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से पृथ्वी पर जैव विविधता को संरक्��ित करने का प्रण लेने का आह्वान किया है।
श्री मोदी ने आज विश्व पर्यावरण दिवस पर अपने संदेश में लोगों से अपील की कि वे धरती को आने वाली पीढियों के लिए बेहतर स्थान बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहें।
इस मौके पर अपने टि्वट संदेश में उन्होंने कहा , “ विश्व पर्यावरण दिवस पर हम अपनी धरती की समृद्ध जैव विविधता…
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भूमि पेडणेकर के कैम्पेन OneWishForEarth के सपोर्ट में आए अक्षय, अनुष्का और करण जौहर: क्लाईमेट वॉरियर बनकर बताई अपनी विश
भूमि पेडणेकर के कैम्पेन OneWishForEarth के सपोर्ट में आए अक्षय, अनुष्का और करण जौहर: क्लाईमेट वॉरियर बनकर बताई अपनी विश
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दैनिक भास्कर
Jun 03, 2020, 01:58 PM IST
5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है, इसके पहले भूमि पेडणेकर ने पृथ्वी के लिए एक विश मांगने के लिए OneWishForEarth कैम्पेन शुरू किया है। भूमि खुद क्लाईमेट वॉरियर के तौर पर काम कर रही हैं। भूमि पेडणेकर की इस पहल में अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, अनुष्का शर्मा और करण जौहर भी सपोर्ट कर रहे हैं। इन सभी ने अपने सोशल मीडिया पर वीडियो और संदेश पोस्ट कर पृथ्वी के…
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