#विशेष शिक्षा सुविधाएं
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vlogrush · 3 months ago
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दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में क्रांति: जानें कैसे मिल रही है नई उम्मीद और बेहतरीन अवसर
दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में हो रहे बदलाव से जानें कैसे नई उम्मीद और अवसर उभर रहे हैं। विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सुधारों की पूरी जानकारी यहां पढ़ें।दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में अब बड़े बदलाव आ रहे हैं। नई तकनीकें, विशेष शिक्षण विधियां, और समाज का बदलता नजरिया इन बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे शिक्षा के…
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opennewsmedia · 3 months ago
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भारत में सुप्रीम कोर्ट ने Sc St आरक्षण में वर्गीकरण करने तथा एससी एसटी में क्रीमी लेयर बनाने का विचार प्रकट किया है जो कि वर्तमान गरीब और अत्यधिक पिछड़े हरिजनों के उत्थान के लिए अत्यंत आवश्यक है। अभी एससी एसटी आरक्षण का भरपूर लाभ सिर्फ धनवान दलित समाज ही ले रहा है क्योंकि उनके पास सभी संसाधन उपलब्ध हैं जिस कारण उनके बच्चे अच्छी कोचिंग और स्कूल में जा रहे हैं और घर पर भी उनको सभी सुविधाओं का लाभ मिलता है जबकि एक आउटसोर्सिंग पर काम करने वाला सफाई कर्मी, अन्य कर्मचारी या ठेला लगाने बाला दलित धन के अभाव में अपने बच्चे को तुलनात्मक रेप से अच्छी शिक्षा नहीं दे पाता है तो जब किसी परीक्षा में गरीब और अमीर दलित के बच्चे प्रतिभाग करते हैं तो उनके आरक्षित वर्ग में एक धनवान दलित समाज का बच्चा अधिक नंबर लाता है और जिस कारण आरक्षण का लाभ उसी अमीर को मिल जाता है। जो दलित प्रोफेसर, आईएएस या अन्य बड़े पद पर कार्यरत है तो उसको आरक्षण की अब क्या आवश्यकता है। दलित समाज में जो पति पत्नी दोनों ही बड़े अधिकारी है उनके घर में प्रतिमाह लगभग 7 लाख रुपए वेतन आ जाता है। इतना धन आने के बाद वह अपनी संतान को बहुत अच्छा ट्यूशन, स्कूल, कॉलेज, कोचिंग उपलब्ध कराते हैं और इतना सब होने के बाबजूद भी उनको एससी एसटी आरक्षण का पूरा लाभ भी दिया जाता है जिसमे कि उन्हें वजीफा, रेलवे यात्रा पास और बहुत सी सुविधाएं निशुल्क दी जाती है।
अब आप तुलना करिए कि एक गरीब दलित हरिजन परिवार का बच्चा और अमीर दलित परिवार का बच्चा जब कोई प्रतियोगी परीक्षा देंगे तो किसके नंबर ज्यादा आयेगे, स्वाभाविक है कि जिस बच्चे को ज्यादा सुविधाएं मिली होंगी, तो जब मेरिट बनेगी तो गरीब बच्चे अपने ही आरक्षित वर्ग के अमीर बच्चों से बहुत नीचे और पीछे होंगे और आरक्षण का लाभ सिर्फ अमीर दलित तक ही सीमित रह जायेगा और गरीब दलित सिर्फ गरीब ही रहेगा। सिर्फ कुछ जातियों को ही इस आरक्षित वर्ग में लाभ मिल रहा है जबकि अन्य बहुत सी जातियां आज भी गरीबी के दलदल में ही फंसी हुई है और इस प्रकार डॉ भीमराव अंबेडकर का सामाजिक बराबरी का सपना अधूरा का अधूरा ही रहा जा रहा है ।
ऐसे में माननीय सर्वोच्च न्याया��य द्वारा दिए गए निर्णय को देखते हुए सभी लोगों को सामाजिक एकरूपता लाने के लिए एससीटी एसटी वर्ग में वर्गीकरण का समर्थन करना चाहिए। विशेष रूप से धनवान दलित समाज को ही अपने समाज के वंचित लोगो को बराबरी पर लाने का अवसर देना चाहिए और इस वर्गीकरण का समर्थन करना चाहिए। साथ ही scsct वर्ग में क्रीमीलेयर भी बनाया जाना बहुत आवश्यक है जिस से सभी दलित समाज को आरक्षण का पूरा लाभ मिल सके। जय हिन्द।
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chairmanmuzaffarnagar · 6 months ago
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नगर पालिका अध्यक्ष मुजफ्फरनगर
मुजफ्फरनगर क�� नगर पालिका अध्यक्ष मिनाक्षी स्वरुप जी ने अपने कुशल नेतृत्व और समर्पण से शहर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। नगर पालिका अध्यक्ष मुजफ्फरनगर के रूप में उनकी भूमिका ने शहर में विकास, सफाई और समृद्धि के कई नए आयाम जोड़े हैं। आइए, जानते हैं कैसे मिनाक्षी स्वरुप जी ने नगर पालिका अध्यक्ष मुजफ्फरनगर की जिम्मेदारियों को निभाते हुए शहर का कायाकल्प किया है।
विकास के कार्य
नगर पालिका अध्यक्ष मुजफ्फरनगर, मिनाक्षी स्वरुप जी के नेतृत्व में शहर में अनेक विकास कार्य किए गए हैं। सड़क निर्माण, सार्वजनिक पार्कों का विकास, और शहरी बुनियादी ढांचे का सुधार जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। इन सभी कार्यों का उद्देश्य नागरिकों को बेहतर जीवन सुविधाएं प्रदान करना है।
स्वच्छता अभियान
स्वच्छता के क्षेत्र में भी नगर पालिका अध्यक्ष मुजफ्फरनगर ने कई प्रभावी कदम उठाए हैं। शहर को साफ और हरा-भरा बनाने के लिए नियमित कचरा संग्रहण, सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण और स्वच्छता अभियान चलाए गए हैं। मिनाक्षी स्वरुप जी के नेतृत्व में मुजफ्फरनगर ने स्वच्छता के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
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शिक्षा और स्वास्थ्य
नगर पालिका अध्यक्ष मुजफ्फरनगर के कार्यकाल में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार हुआ है। सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति में सुधार ��े लिए कई योजनाएं लागू की ��ई हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतर उपलब्धता ने नागरिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाया है।
सामुदायिक सेवाएं
मिनाक्षी स्वरुप जी ने नगर पालिका अध्यक्ष मुजफ्फरनगर के रूप में सामुदायिक सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया है। सामुदायिक केंद्रों का निर्माण, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इन सेवाओं से समुदाय में एकता और सहयोग की भावना बढ़ी है।
पारदर्शिता और जवाबदेही
नगर पालिका अध्यक्ष मुजफ्फरनगर, मिनाक्षी स्वरुप जी ने अपने कार्यकाल में पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दी है। विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं की जानकारी सार्वजनिक की गई है, जिससे नागरिकों को नगर पालिका के कार्यों में विश्वास और सहभागिता महसूस हो।
भविष्य की योजनाएं
नगर पालिका अध्यक्ष मुजफ्फरनगर, मिनाक्षी स्वरुप जी के पास भविष्य के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। शहर के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करना, नई परियोजनाओं का शुभारंभ करना और नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए नीतियों का विकास करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है।
नगर पालिका अध्यक्ष मुजफ्फरनगर, मिनाक्षी स्वरुप जी की इस प्रतिबद्धता और समर्पण ने मुजफ्फरनगर को एक विकसित और समृद्ध शहर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में शहर ने प्रगति की नई राह पर कदम बढ़ाया है और आने वाले समय में और भी बेहतर विकास की उम्मीद है।
नगर पालिका अध्यक्ष मुजफ्फरनगर
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ram-kuti · 7 months ago
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रामकुटी पुष्कर: अध्यात्म और हिन्दू संस्कृति का शानदार संगम
पुष्कर, भगवान ब्रह्मा की पवित्र नगरी, हर साल अनगिनत सैलानी और तीर्थयात्रियों के लिए आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र बन जाती है। यहां 'रामकुटी' नामक गेस्ट हाउस द्वारा यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। शांतिपूर्ण वातावरण और सस्ती दरों के कारण यह गेस्ट हाउस यात्रियों के लिए बेहद आकर्षक केंद्र बन चुका है और ब्रह्मा मंदिर और पुष्कर झील के नजदीक होने के कारण रामकुटी त��र्थयात्रियों के बीच अत्यंत लोकप्रिय भी है।
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यहां की व्यवस्थाएं और देखभाल ज्योतिबेन मनुभाई फाउंडेशन द्वारा की जाती है। रामकुटी में यात्रियों के लिए अलग-अलग सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जैसे कि आरामदायक कमरे, प्राइवेट बाथरूम, पार्किंग, और वाई-फाई। यहां की सेवाएं और उच्च गुणवत्ता की वजह से रामकुटी को बजट होटलों में श्र���णीबद्ध किया गया है।
पूज्य संत रणछोड़दास जी महाराज ने पुष्कर में रामधन आश्रम की स्थापना की। आश्रम के सामने हरिभाई नाथवानी और भागीरथ भाई नाथवानी ने रामकुटी नामक मकान का निर्माण किया। रामकुटी में गुरुदेव रणछोड़दास जी महाराज साधना किया करते थे। उनके देहांत के बाद यह ज्योतिबेन मनुभाई फाउंडेशन के पास चला गया। फाउंडेशन ने रामकुटी को विस्तारित किया और शांति और आध्यात्मिक दुनिया के लिए संरक्षित किया। एक अतिथि गृह बनाया गया जहाँ यात्री ठहर सकें और यहाँ की सर्विस प्रशंसा का केंद्र बन गई। रामकुटी पुष्कर एक ऐसा उत्कृष्ट विकल्प है, जो धार्मिक यात्रा और आध्यात्मिकता का द्वार है।
रामकुटी ने न केवल आध्यात्मिक रूप से यात्रियों को संतुष्ट किया है बल्कि हिन्दू धर्म और वास्तुकला की भी महत्वपूर्ण शिक्षा दी है। इसके अलावा, इसकी विशेषता ये है कि ये धार्मिक विरासत और संस्कृति से रूबरू होने का मौका प्रदान करती है। रामकुटी ने यह सिद्ध कर दिया है कि यह न केवल एक गेस्ट हाउस है, बल्कि यह पुष्कर की सांस्कृतिक यात्रा का आदर्श स्थल भी है।
इस रूप में, रामकुटी ने पुष्कर की आध्यात्मिक विरासत को बढ़ावा दिया है और यात्रियों को एक शांतिपूर्ण और अध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया है।
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सिन्हा स्त्री रोग अस्पताल: बेतिया में सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग अस्पताल
प्रस्तावना:
बेतिया जिले में स्थित सिन्हा स्त्री रोग अस्पताल एक ऐसा स्वास्थ्य सेवा केंद्र है जो महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर नए मानकों को स्थापित करता है। यहाँ परिचित होने वाले रोगी महिलाएं सबसे उत्तम गर्भावस्था सेवाओं का अनुभव करती हैं, जिससे इसे बेतिया में सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग अस्पताल का दर्जा प्राप्त है।
अस्पताल का स्थान:
सिन्हा स्त्री रोग अस्पताल बेतिया जिले में स्थित है और इसे स्वस्थ और सुरक्षित मातृत्व सेवाएं प्रदान करने के लिए जाना जाता है। यह अस्पताल स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नए मानकों की स्थापना करने का प्रयास कर रहा है और अपने सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से समुदाय के सदस्यों को सशक्त करने का प्रयास कर रहा है।
अस्पताल की सुविधाएं:
1. उन्नत सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं: सिन्हा स्त्री रोग अस्पताल महिलाओं को सुरक्षित और स्वस्थ रहने के लिए उन्नत सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। यहाँ पर नैतिकता और तकनीकी दोनों की मिश्रित दृष्टिकोण से महिलाओं को समर्थन प्रदान किया जाता है ताकि वे स्वस्थ गर्भावस्था का आनंद उठा सकें।
2. उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं: यह अस्पताल महिलाओं के लिए उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है। सुखद रूप से समर्पित चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने यहाँ प्रदान की जा रही सेवाओं को महिलाओं के विशेष आवश्यकताओं के साथ मिलाकर तैयार किया है।
3. गर्भावस्था देखभाल: सिन्हा स्त्री रोग अस्पताल गर्भावस्था की देखभाल के लिए एक अलग स्थान है। यहाँ प्रदान की जाने वाली गर्भावस्था सेवाएं मां और बच्चे के स्वस्थ जीवन की दिशा में कदम से कदम मिलाकर बढ़ती हैं।
सर्वोत्तम गर्भावस्था सेवाएं:
गर्भावस्था महिलाओं के जीवन का एक अहम हिस्सा है, और सिन्हा स्त्री रोग अस्पताल इस महत्वपूर्ण दौरान उ��्हें सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्थ है। यहाँ कुछ मुख्य सेवाएं हैं जो इस अस्पताल को बेतिया में सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग अस्पताल बनाती हैं:
1. निपुण चिकित्सकों का समर्थन: इस अस्पताल में निपुण चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी हैं जो गर्भावस्था से जुड़ी सभी चुनौतियों का समर्थन करते हैं। ये चिकित्सक न केवल रोगी महिलाओं को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते हैं बल्कि उन्हें सही जानकारी और मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं ताकि वे स्वस्थ गर्भावस्था का आनंद उठा सकें।
2. पूर्व गर्भावस्था देखभाल: गर्भावस्था के दौरान सही देखभाल बहुत महत्वपूर्ण है, और सिन्हा स्त्री रोग अस्पताल इसे विशेष ध्यान से लेता है। पूर्व गर्भावस्था देखभाल के तहत, रोगी महिलाओं को सही आहार, योग, और अन्य सुस्त व्यायाम की सलाह दी जाती है।
3. जाँच और टेस्टिंग: स्वास्थ्य और गर्भावस्था की देखभाल में उच्च गुणवत्ता की सुनिश्चित करने के लिए सिन्हा स्त्री रोग अस्पताल में विभिन्न प्रकार की जाँच और टेस्टिंग की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इससे निगरानी रखी जाती है कि कोई भी संभावित समस्या तुरंत पहचानी जा सके और उचित उपचार का आरंभ किया जा सके।
4. प्रसूति सहायता: अस्पताल में सुखद और सुरक्षित प्रसूति के लिए विशेषज्ञता है। यहाँ पर्याप्त स्तर की तकनीकी और मानव संसाधन है जो महिलाओं को सुरक्षित और सुखद प्रसूति के लिए सहायता प्रदान करते हैं।
बेतिया में सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग अस्पताल का महत्व:
बेतिया जिला उत्तर भारत में स्थित है और यहाँ की जनसंख्या बड़ी ही गुणवत्ता वाली है। इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी थी, लेकिन सिन्हा स्त्री रोग अस्पताल ने इसमें सुधार करने का कारगर प्रयास किया है।
स्वास्थ्य के लिए संजीवनी: सिन्हा स्त्री रोग अस्पताल ने बेतिया में स्वास्थ्य के क्षेत्र में संजीवनी का कार्य किया है। यहाँ पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के साथ-
सामुदायिक सशक्तिकरण: सिन्हा स्त्री रोग अस्पताल ने बेतिया के समुदाय को सशक्तिकृत करने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। इस अस्पताल के साथ सहयोगी संगठनों के माध्यम से सामुदायिक शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिससे महिलाएं और उनके परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व का सामजिक और आर्थिक पहलू मिलता है।
साक्षरता प्रोत्साहन: स्वास्थ्य सेवाओं की अच्छी जानकारी होना महत्वपूर्ण है, और सिन्हा स्त्री रोग अस्पताल ने इसे बढ़ावा देने के लिए साक्षरता प्रोत्साहन कार्यक्रमों को आयोजित किया है। यह नहीं सिर्फ महिलाओं को बल्कि पूरे समुदाय को स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी प्रदान करने का कार्य करता है, जिससे लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होते हैं।
समापन:
बेतिया में स्थित सिन्हा स्त्री रोग अस्पताल ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में क्रांति लाने का संकल्प किया है। इस अस्पताल की उत्कृष्ट सेवाएं और समुदाय के साथ साक्षरता बढ़ाने का कार्यक्रम इसे एक उदार और सशक्त स्वास्थ्य सेवा प्रदाता बना रहता है। इससे न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार हो रहा है बल्कि समुदाय का समृद्धि और विकास में भी सहायक हो रहा है।
बेतिया में सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग अस्पताल के रूप में, यह संस्थान न केवल गर्भावस्था सेवाएं प्रदान करता है बल्कि समुदाय के साथ मिलकर स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझाने का कार्य भी कर रहा है। इससे नारी और समुदाय की स्वास्थ्य सुरक्षित हो रही है और समुदाय का सामूहिक स्वास्थ्य में सकार���त्मक परिवर्तन हो रहा है।
इस अस्पताल के सुविधाएं और कार्यक्रम ने इसे बेतिया में सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग अस्पताल का दर्जा दिलाया है। यहाँ का समर्पित और कुशल टीम ने महिलाओं के स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित किया है और इसे समृद्धि और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाने का कारगर प्रयास किया है।
इसमें बेतिया के समुदाय की सेवा में सुधार करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और इसे लोगों की समृद्धि और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बना रखा है। सिन्हा स्त्री रोग अस्पताल का योगदान हमारे समाज को एक स्वस्थ और समृद्ध समुदाय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में माना जा सकता है।
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newsuniversal-in · 1 year ago
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पीएम श्री योजना में प्राथमिक विद्यालय इटवा चयनित
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सिद्धार्थनगर। ब्लाक संसाधन केंद्र इटवा अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय इटवा का चयन पीएम श्री योजना में हुआ है। जिसको लेकर विद्यालय परिवार में हर्ष का माहौल है। जानकारी के अनुसार इस वर्ष स्थानीय विकास खंड अंतर्गत कल 62 विद्यालयों ने पीएम श्री योजना में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। जिसमें से प्राथमिक विद्यालय इटवा को 100 में से 94 अंक प्राप्त हुआ है। और इस विद्यालय को चयनित किया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी इटवा महेंद्र प्रसाद ने शनिवार को एक भेंटवार्ता में बताया कि पिछले वर्ष कंपोजिट विद्यालय सिसवा बुजुर्ग का चयन हुआ था। इस वर्ष प्राथमिक विद्यालय इटवा का चयन हुआ है। इसे 100 में से 94 अंक प्राप्त हुआ है। पीएम श्री भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। पीएम श्री योजना में चयनित होने के बाद विद्यालयों को विशेष सुविधाएं मिलती हैं। प्राथमिक स्तर पर डेढ़ करोड़ की धनराशि दी जाती है। जिसमें से एक करोड़ निर्माण ���ार्य के लिए तथा 50 हजार रू. डेकोरेशन व प्रशिक्षण के लिए दिया जाता है। योजना में पीएस, यूपीएस तथा कंपोजिट विद्यालय शामिल हो सकते हैं। Read the full article
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pushpas-posts · 1 year ago
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*👑बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय👑*
*✨अवतरण दिवस सेवा✨*
22/08/23
*👒X+ Koo Trending सेवा👒*
🐚  *सतगुरु जी के अवतरण दिवस से सम्बंधित सतगुरु जी द्वारा समाज में किये गए कल्याणकारी कार्यों की जानकारी देते हुए पुनः Twitter (X) और कू पर सेवा करेंगे।*
*✍🏼 अपना टैग⤵️ और बंगाली कीवर्ड use करेंगे*
*#SocialReformer_SantRampalJi*
*সমাজ সংস্কারক সন্ত রামপালজী*
*📷''' सेवा से सम्बंधित photo Website पर उपलब्ध हैं जी।*
*Hindi*
https://www.satsaheb.org/hindi-pics-social-reform/
*English*
https://www.satsaheb.org/english-pics-social-reform/
*Odia*
https://www.satsaheb.org/odia-pics-social-reform/
*Assamese*
https://www.satsaheb.org/assamese-pics-social-reform/
*Punjabi*
https://www.satsaheb.org/punjabi-pics-social-reform/
*Telugu*
https://www.satsaheb.org/telugu-pics-social-reform/
*Marathi*
https://www.satsaheb.org/marathi-pics-social-reform/
*Gujarati*
https://www.satsaheb.org/gujarati-pics-social-reform/
*Bengali*
https://www.satsaheb.org/bangla-social-reform/
*Kannad*
https://www.satsaheb.org/kannada-photos/
*⛳Sewa Points* ⤵️
🧭संत रामपाल जी महाराज जी अपने सतज्ञान से दहेज, मृत्युभोज, भ्रूण हत्या, जाति-पाति, छुआछूत, नशे, भ्रष्टाचार आदि बुराइयों को छुड़वाकर स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं।
🧭जाति ना पूछो संत की, पूछ लीजियो ज्ञान।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान।।
संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सर्व शास्त्रों से प्रमाणित तथा कबीर साहेब की शिक्षाओं पर आधारित है। उनके अनुयायी छुआछूत तथा किसी प्रकार का जातिवाद नहीं करते हैं, मर्यादित भाषा का प्रयोग करते हैं तथा प्रेम भाव से रहते हैं।
🧭परम संत रामपाल जी महाराज की असीम कृपा से समाज में बेटियां अब बोझ नहीं रहेंगी। बेटियों को भी समान अधिकार प्राप्त होगा। यही कारण है कि संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य उनकी शिक्षाओं पर चलते हुए आज बेटियों को समान दर्जा दे रहे हैं और उनकी शिक्षाओं पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। बेटियों के लिए संत रामपाल जी महाराज जी ने दहेज मुक्त विवाह का प्रावधान किया है जो आज उनके अनुयायी ना दहेज लेते हैं और ना देते हैं।
🧭जब भी कोई त्रासदी आती है तो संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं से उनके अनुयायी जरुरतमंद लोगों की सहायता के लिए पहुँच जाते हैं।
उड़ीसा रेल दुर्घटना में घायलों के लिए संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने सैकड़ों यूनिट रक्तदान किया।
🧭जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी की शिक्षा का परिणाम है कि आज उनके अनुयायी ईमानदारी से प्रत्येक कार्य निभा रहे हैं। यही कारण है कि समाज में एक सद्भावना विकसित हो रही है। संत रामपाल जी महाराज जी ने जो शिक्षा दी है उससे उनके अनुयायियों में एक सद्भावना प्रेरित हो रही है और ईमानदारी का परिचय भी दे रहे हैं।
🧭संत रामपाल जी महाराज जी का समाज सुधार में विशेष योगदान है। संत रामपाल जी महाराज जी की असीम कृपा व उनकी शिक्षा का परिणाम है जो आज उनके अनुयायी रक्तदान व देहदान जैसे महान कार्य कर रहे हैं। इससे समाज में भाईचारे की भावना उत्पन्न होगी।
🧭हाल ही में बाढ़ पीड़ितों को संत रामपाल जी महाराज जी ने राहत सामग्री प्रदान की है। संत रामपाल जी महाराज जी की असीम कृपा से उनके अनुयायियों ने घर-घर तक राहत सामग्री पहुंचाई है। यहां तक की पशुओं के लिए भी चारे की व्यवस्था की। कोरोना काल में भी संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा पीड़ितों को घर-घर तक राहत सामग्री पहुंचाई गई। संत रामपाल जी महाराज जी का समाज सुधार में विशेष योगदान है।
🧭चाहे कोरोना महामारी हो, बाढ़ त्रासदी हो या उड़ीसा रेल दुर्घटना हो।
संत रामपाल जी महाराज के सेवाभावी शिष्य आपदाओं के समय अपने गुरुजी की शिक्षाओं से जान जोखिम में डा��कर भी जरुरतमंद लोगों की सहायता करते हैं। उनको निःशुल्क भोजन सामग्री, जरूरी वस्तुएं, आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराकर तथा घायलों को सैंकड़ों यूनिट रक्तदान कर मानवता की मिसाल पेश की है।
🧭कह कबीर पुकार के, दोय बात लख ले।
एक साहेब की बंदगी, और भूखों को कुछ दे॥
समाज कल्याण को अपना परम दायित्व मानते हुए संत रामपाल जी महाराज के शिष्य भूखों को भोजन उपलब्ध कराकर अपनी भूमिका निभाते हैं।
🧭संत रामपाल जी महाराज के आश्रमों ने समानता की एक बेहतरीन मिसाल कायम की, जहाँ भोजन और आश्रय सहित सभी सुविधाएं पूरी तरह से मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं। लिंग, धर्म, जाति, संपत्ति आदि के आधार पर कोई असमानता नहीं की जाती है।
🧭चिड़ी चोंच भर ले गई, नदी ना घट्यो नीर ।
दान दिए धन घटे नहीं, कह रहे साहेब कबीर ॥
मृत्यु के उपरांत आत्मा के साथ कुछ भी नहीं चलता, सिवाय अच्छे कर्मों और सच्चे मंत्रों की कमाई के। इसी बात को ध्यान में रखते हुए संत रामपाल जी महाराज के सभी शिष्यों का हमेशा "भूखों को भोजन कराने का उद्देश्य" प्रमुख रहा है।
🧭अन्न जल साहिब रूप है, क्षुध्या तृषा जाए ।
चारों युग प्रवान है, आत्म भोग लगाए ॥
संत रामपाल जी महाराज के पवित्र आध्यात्मिक प्रवचनों को सुनकर, अधिक से अधिक लोगों की भूख मिटाना उनके सभी शिष्यों का एक मुख्य उद्देश्य माना जाता है। संत रामपाल जी महाराज ने कहा है कि यदि आप दूसरों को भोजन प्रदान करते हैं, तो आप कभी भी उससे वंचित नहीं रहेंगे क्योंकि भूखे क��� खाना खिलाना सबसे उत्तम कार्य है।
🧭भगवान के संविधान के अनुसार, जो जानवरों को मारते हैं और उनका मांस खाते हैं, वे काफिर होते हैं। इसके अलावा, जो लोग हुक्का पीते हैं वे भगवान के दरबार में काफिरों के रूप में खड़े होते हैं।
काफिर सो जो मुरगी काटे, वे काफिर जो सीना चाटे ।
काफिर गूदा घटें सलाई, काफिर हुक्का पीवें अन्यायी ।।
संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा दी गयी शिक्षा व ज्ञान से उनके अनुयायी मांस व नशे से दूर रहते हैं।
🧭संत रामपाल जी महाराज के दिव्य आध्यात्मिक प्रवचनों को सुनने से लोग मांस खाने की बुरी आदत को छोड़ देते हैं, जो बदले में उनके जीवन से बुरे कर्मों का बोझ हटा देता है। संत रामपाल जी महाराज मानवता की मिसाल कायम कर रहे हैं।
मांस मछली खात है, सुरापान से हेत।
ते नर नरक ही जाएंगे, माता पिता समेत।।
🧭पंजाब के फाजिल्का जिले के लोगों पर आई प्राकृतिक आपदा में मानव व पशुओं की सहायता करने के लिए परम हितैषी जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी सामने आए हैं। वे फाजिल्का जिले के पाकिस्तान बॉर्डर से लगे बाढ़ ग्रस्त गांवों में बचे हुए पशुओं के लिए हरा चा��ा उपलब्ध करवा रहे हैं। जिससे पशुओं की भूख के कारण मौत न हो।
🧭पूरे विश्व में अनेकों पाखण्ड, अंधविश्वास, कुप्रथाएं, बुराइयां फैली हैं जिससे मानव के ऊपर व्यर्थ का भार बना हुआ है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज पूरे विश्व को सभी धर्म शास्त्रों का सत्य ज्ञान प्रदान करके इन सर्व से निकालने का प्रयत्न कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज का मुख्य उद्देश्य है विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
🧭जैसे हम अपना दर्द महसूस करते हैं, वैसे ही हमें दूसरे के दुखों और समस्याओं को भी समझना चाहिए। ऐसे हैं महानतम आध्यात्मिक और समाज सुधारक बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के दिव्य विचार, जिन्होंने अपने शिष्यों के मन में मानवीय विचारों के बीज बोए हैं। समय-समय पर भारत के विभिन्न राज्यों में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता है, जहां संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं।
🧭रक्त की कमी के कारण कई जानें चली जाती हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए संत रामपाल जी महाराज के भक्तों द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है। संत रामपाल जी महाराज के शिष्य शराब, नशीले पदार्थों या अन्य हानिकारक पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं, जो इस मानव शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक हैं, यही वजह है कि उनके द्वारा किया गया रक्तदान पूरी तरह से नशामुक्त है।
🧭संत रामपाल जी महाराज ने सतभक्ति साधना के साथ परमार्थ करने को श्रेष्ठ बताया है। इसी कारण उनके अनुयायी आए दिन जरूरतमंदों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं।
उनके अनुयायी जरूरतमंदों की रक्तदान सेवा में लगे हुए हैं। जिसको भी रक्त की आवश्यकता होती है उनकी एक पुकार पर ये भक्त तुरंत पहुँचकर उनके ब्लड ग्रुप के अनुसार रक्तदान करते हैं।
🧭वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज का जाति धर्म के भेदभाव को जड़ से समाप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान है। सभी जाति, धर्म/मजहब को मानने वाले उनसे दीक्षा ले रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
🧭संत रामपाल जी महाराज के शिष्य किसी भी आपदा जैसे बाढ़, कोरोना के दुष्प्रभाव को दूर करने में अपनी भूमिका निभाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं जो लोगों के अनमोल जीवन को बचाने के साथ सकारात्मकता भी फैलाता है। संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों द्वारा भोजन और खाद्य उत्पाद बिल्कुल मुफ्त वितरित किए जाते हैं।
🧭कोरोना ने कई लोगों की जान ली। संत रामपाल जी महाराज के शिष्य यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास करते हैं कि लोगों को मुफ्त में भोजन और राशन मिले संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएं ऐसी हैं, जिन्होंने लोगों के दिलों को मानवता और उदारता से भर दिया है।
❌ *No Copy Paste* ❌
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prabudhajanata · 2 years ago
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प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने स्कूलों school की छुट्टियों का ऐलान कर दिया है। कक्षा पहली से आठवीं तक के छात्रों के लिए 10 दिन के लंबे अवकाश की घोषणा की गई है। इसके लिए आदेश जारी कर दिया गया है। शिक्षा मंत्री द्वारा इस बात की जानकारी दी गई है। 16 मार्च से 26 मार्च तक कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलों में अवकाश घोषित किए गए हैं। वही इसका लाभ छात्रों को मिलेगा। संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी में इनफ्लुएंजा के प्रसार को रोकने के प्रयास में शुक्रवार 16 मार्च से लेकर 26 मार्च तक एक से आठवीं तक के छात्रों के लिए स्कूल में अवकाश घोषित कर दिया गया है। पांडिचेरी के शिक्षा मंत्री ए नाम्मशिवयम ने इसकी घोषणा की है। पिछले 4 दिनों से केंद्र शासित प्रदेश में इनफ्लुएंजा के 79 मामले सामने आए हैं। जिसको देखते हुए छात्रों की देखभाल करने और इनफ्लुएंजा के रोकथाम के लिए यह कदम उठाया गया है। शून्य काल के दौरान विधानसभा में बोलते हुए गृह और शिक्षा मंत्री ए नम्माशिवयम ने कहा कि विशेष रूप से बच्चों में इन्फ्लुएंजा के प्रसार तेजी से हो रहे हैं। ऐसे में निजी तौर पर प्रबंधित संस्थानों सहित प्राथमिक, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल सहित सभी अन्य स्कूलों में भी एक से आठवीं तक के बच्चों के लिए छुट्टी की घोषणा की गई है। इन्फ्लूएंजा के वायरल प्रकार के प्रकार को देखते हुए केंद्र शासित प्रदेश के पुडुचेरी, कराईकल, माहे और यनम के सभी 4 क्षेत्रों में स्कूलों पर यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। पुडुचेरी के अलावा तमिलनाडु में H3N2 मामले की संख्या बढ़ने के साथ ही अन्य राज्यों में H3N2 की बढ़ने की भी संभावना सामने आ रही है। जिसे कारण स्कूली बच्चे के लिए छुट्टियों की घोषणा कर दी गई है। इससे पहले आईसीएमआर द्वारा राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से H3N2 के प्रचार के खिलाफ सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए थे। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो तमिलनाडु पांडिचेरी में H3N2 इनफ्लुएंजा वायरस के निदान के लिए परीक्षण सुविधाएं बेहद कम है और कोरोना और H3N2 में बेहद कम अंतर बताया जा रहा है। ऐसे में बच्चों को सतर्क रखना बड़ी जिम्मेदारी हो जाती है।
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crazynewsindia · 2 years ago
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प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाने का निर्णय लिया
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संख्या : 2शिमला 16 फरवरी, 2023   हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के निर्णय   प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाने का निर्णय लिया उपेक्षित वरिष्ठ नागरिकों, अनाथ बच्चों, विशेष रूप से सक्षम बच्चों और निराश्रित महिलाओं के लिए किया जाएगा नए एकीकृत घरों का निर्माण भारत के विभिन्न दर्शनीय स्थलों का प्रति वर्ष शैक्षिक भ्रमण का प्रावधान पात्र आवासियों को स्टार्ट-अप आरंभ के लिए मिलेंगे एकमुश्त दो लाख रुपए   मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की दूसरी बैठक में महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के दिशा-निर्देशों को स्वीकृति प्रदान की गई। विगत माह हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एनपीएस कर्मचारियों के लिए पुरानी पैंशन बहाल करने का निर्णय लिया गया था। मंत्रिमंडल ने राज्यपाल से हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 14 मार्च से 6 अप्रैल, 2023 तक आयोजित करने की सिफारिश भी की। बजट सत्र में 18 बैठकें होंगी। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के अंतर्गत अनाथ, अर्ध-अनाथ, और विशेष रूप से सक्षम, निराश्रित महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को लाया गया है, जिसमें उन्हें हर संभव सहायता का प्रावधान किया गया है। योजना में प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों को अपने बच्चों (चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट) के रूप में अपनाया है। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत मौजूदा अधोसंरचना के उन्नयन के साथ-साथ मौजूदा संस्थानों का युक्तिकरण कर उन्हें सुदृढ़ किया जाएगा ताकि आवासियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो सकें। उनके लिए अटैच शौचालय वाले कमरे, मनोरंजन व गतिविधि कक्ष, कॉमन रूम, म्यूजिक रूम, स्मार्ट क्लास रूम, कोचिंग रूम, इनडोर व आउटडोर खेल सुविधाओं सहित अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस योजना के तहत उपेक्षित वरिष्ठ नागरिकों, अनाथ बच्चों, विशेष रूप से सक्षम बच्चों और निराश्रित महिलाओं की बेहतर देखभाल के लिए नए एकीकृत घरों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से एक परिसर में अलग-अलग खण्डों में किया जाएगा। इनमें सभी आधुनिक सुविधाओं का समावेश होगा। यह आधुनिक एकीकृत घर जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी तथा जिला मंडी के सुंदरनगर में स्थापित होंगे। योजना के अंतर्गत संस्थान में रहने वाले बच्चों की गुणात्मक शिक्षा का प्रावधान किया गया है ताकि उन्हें बेहतर कोचिंग, संदर्भ पुस्तकें अथवा कोचिंग सामग्री मिल सके। समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के माध्यम से ऐसे बच्चों को मेंटरशिप भी ��्रदान की जाएगी। दसवीं से बाहरवीं तक के बच्चों को सूचीबद्ध एजेंसियों के माध्यम से करियर काउंसलिंग भी प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त उच्च शिक्षा के लिए भी इन बच्चों को सरकार सहायता प्रदान करेगी। इसके अलावा इन बच्चों के समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए मासिक पिकनिक आयोजित करने का भी प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के पात्र आवासियों को कोचिंग, छात्रावास शुल्क, शिक्षण शुल्क आदि के लिए प्रति व्यक्ति एक लाख रुपए प्रति वर्ष प्रदान करने के अलावा कोचिंग की अवधि के दौरान चार हजार रुपए प्रति आवासी प्रति माह छात्रवृत्ति प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना में इन संस्थानों के आवासियों को विवाह के लिए दो लाख रुपए अथवा वास्तविक खर्च, जो भी कम हो, प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त इन संस्थानों में रहने वाले प्रत्येक बच्चे, निराश्रित महिलाओं का आवर्ती जमा खाता खोला जाएगा, जिसमें सरकार द्वारा 0-14 वर्ष की आयु के बच्चों को एक हजार रुपए प्रति बच्चा प्रति माह, 15-18 वर्ष आयु के बच्चों व एकल महिलाओं को दो हजार पांच सौ रुपए प्रति माह की सहायता राशि देगी। इन संस्थानों के आवासियों को भारत के विभिन्न दर्शनीय अथवा ऐतिहासिक स्थलों का पंद्रह दिन का शैक्षिक भ्रमण प्रति वर्ष आयोजित करने का भी प्रावधान है, जिसमें आवासियों के लिए यात्रा की व्यवस्था शताब्दी ट्रेन, एसी वॉल्वो अथवा हवाई सुविधा के साथ-साथ थ्री स्टार होटलों में ठहरने की व्यवस्था होगी। योजना में इसी तर्ज पर वृद्धाश्रमों एवं नारी सेवा सदनों के आवासियों को भी प्रति वर्ष 10 दिन की यात्रा व ठहरने का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत बाल देखरेख संस्थानों को छोड़ने वाले सभी बच्चों के लिए 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद भी 21 वर्ष की आयु तक और अनाथ बच्चों के लिए 27 वर्ष की आयु तक वास्तविक दरों पर छात्रावास शुल्क और शिक्षण शुल्क प्रदान करने की व्यवस्था करने के साथ-साथ अध्ययन अवधि के दौरान छात्रवृत्ति के रूप में चार हजार रुपए प्रति माह प्रति बच्चे को उनके व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए सहायता राशि दी जाएगी। इस योजना के अंतर्गत पात्र आवासी, जो 18 वर्ष के आयु पूर्ण करने के बाद अपना स्टार्ट-अप आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें दो लाख रुपए प्रति व्यक्ति एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों को 18 वर्ष की आयु के बाद 27 वर्ष तक पश्चावर्ती देखभाल संस्थानों में आवासीय सुविधाओं के साथ-साथ भोजन, आश्रय और वस्त्र भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस योजना के तहत जिन अनाथ बच्चों के नाम पर कोई भूमि नहीं है, उन्हें 27 वर्ष की आयु के बाद घर के निर्माण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि देने के साथ-साथ आवास निर्माण के लिए तीन लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। योजना के तहत इन संस्थानों में रहने वाले सभी आवासियों को वस्त्र अनुदान के रूप में दस हजार रुपए की राशि प्रति वर्ष उनके बैंक खाते में जमा करवाई जाएगी ताकि वह अपने पसंद के वस्त्र व जूते खरीद सकें। इसके अतिरिक्त संस्थान में रहने वाले व्यक्तियों की देखभाल के लिए अतिरिक्त गृह माता अथवा पालक की नियुक्ति का भी योजना में प्रावधान किया गया है, ताकि उन्हें रहन-सहन में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत आवासीय को वर्ष भर आने वाले त्यौहार को मनाने के लिए प्रति त्यौहार 500 रुपए की सहायता राशि भी दी जाएगा। योजना के तहत ��से वर्ग की सहायता के लिए 101 करोड़ के प्रारंभिक योगदान के साथ-साथ मुख्यमंत्री सुख-आश्रय कोष का गठन किया गया है। Read the full article
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ashokgehlotofficial · 2 years ago
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सवाई माधोपुर की बामनवास विधानसभा क्षेत्र के गांव भेड़ोली में स्वामी शिवानंद जी महाराज के 15वें निर्वाण दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित किया। स्वामी शिवानंद महाराज जी ने आध्यात्मिक भाव रखते हुए शिक्षा, सामाजिक सद्भाव सहित जनहित में विभिन्न ��ार्य किए है। अंधविश्वास और कुरीतियों को मिटाने, वृद्धाश्रम की स्थापना में भी उनका अतुलनीय योगदान रहा है।
सवाई माधोपुर जिले के विकास में कमी नहीं रखी गई है। क्षेत्र में 21 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, उप जिला अस्पताल से जिला अस्पताल में क्रमोन्नत, चिकित्सा व नर्सिंग महाविद्यालय, बामनवास व बौंली में नई नगरपालिका का गठन सहित अनेकों विकास कार्य हुए हैं। आगे भी स्थानीय जनता की मांग के अनुसार कार्य कराए जाएंगे। आमजन से आह्वान हैं कि वे जनकल्याणकारी योजनाओं का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार कर राज्य के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाएं।
राज्य सरकार पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को अपने संसाधनों से पूरा करेगी। अभी 9600 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं, कार्य नहीं रूकेगा। इन जिलों में जल जीवन मिशन भी ईआरसीपी से पानी मिलने पर ही सफल हो सकता है। इसलिए केंद्र सरकार ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें, ताकि 13 जिलों को पीने और सिंचाई के लिए पानी मिले।
राजस्थान जैसी जनकल्याणकारी योजनाएं पूरे देश में कहीं भी नहीं है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 10 लाख रुपए तक का निःशुल्क उपचार, 5 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा और किडनी, हार्ट, सहित अन्य ट्रांसप्लांट का सारा खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है। चिकित्सा में ऐसी सुविधा देने में राज्य अग्रणी है।
मानवीय दृष्टि से ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को पुनः लागू करना, उड़ान योजना में प्रतिमाह निःशुल्क 12 सैनेटरी नैपकिन का वितरण, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, महात्मा गांधी नरेगा में अतिरिक्त 25 दिन का कार्य, सामाजिक सुरक्षा के तहत लगभग 1 करोड़ बुजुर्गों, विधवाओं और निःशक्तजनों को पेंशन, इंदिरा रसोई योजना, अनिवार्य एफआईआर सहित विभिन्न योजनाएं व अभियान सिर्फ राजस्थान में संचालित है। अभी तक 1.35 लाख नौकरियां दी गई, करीब 1.25 लाख प्रक्रियाधीन है। एक लाख नौकरियों की घोषणा भी की है। राज्य रोजगार देने में भी अग्रणी बन गया है।
राज्य की योजनाओं को आगामी बजट में और मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा। हर वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है। केंद्र सरकार को राजस्थान जैसी योजनाएं पूरे देश में लागू करके आमजन को संबल प्रदान करना चाहिए। महात्मा गांधी नरेगा, शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार की तरह केंद्र सरकार को स्वास्थ्य का अधिकार भी देश में लागू करना चाहिए।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी ला��� मीणा ने कहा कि श्री शिवानंद जी महाराज का सम्पूर्ण जीवन सामाजिक बुराइयों को दूर करने में रहा। वहीं, राज्य सरकार द्वारा हर जिले में मेडिकल, नर्सिंग कॉलेज सहित जनकल्याण में ऐतिहासिक कार्य हुए है। सार्वजनिक निर्माण मंत्री एवं प्रभारी मंत्री श्री भजन लाल जाटव ने कहा कि जिले में 378 सड़क कार्यों के लिए लगभग 758 करोड रुपए की स्वीकृति जारी की है। इससे विकास कार्यों को और गति मिलेगी। बामनवास विधायक श्रीमती इन्द्रा मीणा ने विधायक कोष से आश्रम भेडोली में यात्री विश्राम गृह के लिए हॉल मय बरामदा व अन्य सुविधाएं, आश्रम तालाब का सौंदर्यकरण, 200 फीट लंबा स्नान घाट एवं तालाब की चारदीवारी के निर्माण करवाने संबंधित घोषणा की।
समारोह में स्वामी नित्यानंद महाराज जी का आशीर्वाद लिया। समारोह से पहले स्वामी शिवानंद महाराज जी मंदिर पहुंचे। यहां पूजा-अर्चना कर प्रदेश में खुशहाली के लिए कामना की। इस दौरान विधायक श्री रामकेश मीणा, विधायक श्री रामनारायण मीणा, जिला प्रमुख श्रीमती सुदामा मीणा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण और अधिकारी उपस्थित रहे।
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theeduhub · 3 years ago
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छत्तीसगढ़ के बेहतरीन बोर्डिंग स्कूलों में से एक एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल
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घर के बाद स्कूल ऐसा स्थान है जहां बच्चों का बौद्धिक और व्यक्तित्व का विकास होता है। जहां बच्चों के संस्कार और व्यव्हार निर्मित होते हैं। जहां बच्चें प्रारंभिक शिक्षा से लेकर माध्यमिक तक की शिक्षा प्राप्त करते हैं। साथ ही यहां केवल बच्चों की बौद्धिक ही नहीं अपितु मानसिक , शारीरिक और व्यक्तिगत स्तर का विकास भी होता है। इसलिए माता-पिता बच्चों के दाखिले से पहले अक्सर स्कूल के वातावरण, माहौल और परिवेश जानने का प्रयास करते हैं। जिससे उनके बच्चों को उत्तम स्तर की शिक्षा के साथ सुरक्षा भी प्राप्त हो। 
वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ भी अन्य राज्यों की तरह शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। यहां आपको कई अच्छे स्कूल मिलते हैं, जहां बच्चों को राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्रदान की जाती है। हम आपको इस आर्टिकल में छत्तीसगढ़ के सबसे अच्छे बोर्डिंग, डे और डे-कम-बोर्डिंग स्कूलों के बारे में जानकारी दने जा रहे हैं। जिससे आपको श्रेष्ठ स्कूलों को खोजने में सरलता हो। 
दिल्ली पब्लिक स्कूल, विकॉन स्कूल, एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल, रयान इंटरनेशनल स्कूल, जवाहर नवोदय विद्यालय व ब्राइटन इंटरनेशनल स्कूल आदि। हालांकि इन स्कूलों के आलावा और भी कई अच्छे स्कूल आपको खोजने पर मिलते हैं किन्तु यह स्कूल छत्तीसगढ़ के श्रेष्ठ बोर्डिंग स्कूलों की श्रेणी में आते हैं। 
���नमें एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल (Academic World School) छत्तीसगढ़ का एक ऐसा बोर्डिंग स्कूल है, जो बदलते समय की जरूरतों को समझते हुए अपने साथ-साथ अन्य राज्यों में रहने वाले छात्रों को भी उच्चस्तर की शिक्षा प्रदान करता है। वहीं एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल का उद्देश्य छात्रों को साक्षरता प्रदान करने के साथ उन्हें जीवन में आने वाली कड़ी चुनौतियों के लिए भी तैयार करना है। साथ ही समाजिक, व्यावहारिक, व्यापारिक कौशल के साथ व्यक्तित्व का विकास करना है। साथ ही एक खुशनुमा, समृद्ध और सुरक्षित वातावरण के माध्यम से आत्म-सम्मान और बच्चों की क्षमता को बढ़ाना है। 
शांत और हरे-भरे वातावरण के साथ यह स्कूल 25 ��कड़ से अधिक सुव्यवस्थित परिसर में फैला हुआ। यह स्कूल बच्चों को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के साथ आपको एक विश्व स्तरीय बोर्डिंग सुविधा प्रदान करता है। इसके अलावा यहां शिक्षित और अनुभवी शिक्षको की टीम मौजूद है। जो वर्तमान शिक्षा प्रणाली के साथ मिलकर बच्चों के भविष्य का निर्माण करते हैं। 
हालांकि वर्तमान में एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल में 2300 छात्रों की कुल संख्या को पार कर गया। जहां बच्चों की बौद्धिक विकास और अन्य कौशल वृद्धि के लिए स्कूल में शिक्षा के साथ कई गतिविधियों का भी आयोजन किया जाता है। इनके माध्यम से स्कूल प्रत्येक बच्चे की क्षमता विकसित करने के साथ उन्हें पूर्ण रूप से सक्षम बनाना चाहते हैं। जो उन्हें खुद को, उनकी संस्कृति और जिस दुनिया में वे रहते हैं उसे समझने में मदद करेंगे।
यहां आपको बच्चों के लिए डिजिटल क्लासरूम, लैब, पुस्तकालय, पुस्तकें, पत्रिकाएं, शैक्षिक सहायता और अन्य शिक्षण सामग्री भी मौजूद हैं। साथ ही प्रत्येक छात्र व छात्राओँ को समान रूप से सुविधाएं प्रदान की जाती है। विद्यार्थियों के लिए स्कूल परिसर में उत्तम स्वास्थ सेवाओं के साथ योग्य चिकित्सक भी उपलब्ध है। इसके अलावा यहां बच्चों के लिए परिवहन का प्रबंधन  है। वहीं स्कूल में छात्रों के लिए एक व्यापक और संतुलित पाठ्यक्रम प्रदान किए गए जाते हैं। स्कूल बच्चों की पढ़ाई के साथ उनके खेल गतिविधियों पर भी जोर देता है। इसलिए खेल सुविधाओं और खेल पाठ्यक्रम को भी शिक्षा के समान महत्व दिया गया है। 
एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल सीबीएसई शिक्षण पद्धति करते हुए अंग्रेजी माध्यम के साथ एकीकृत किया गया है। वहीं यहां विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति, आचरण और संस्कारों से भी परिचित कराया जाता है। जिससे बड़ों के प्रति उनका सम्मान और दूसरों के प्रति सेवा भाव विकसित हो सके। इसके अलावा भारतीय विविधता का ज्ञान और नैतिक शिक्षा, साहस और संवेदनशीलता का भी समवेश हो सके।
यह स्कूल परिसर छत्तीसगढ़ के बेमेतरा ज़िले में स्थित है। जो रायपुर से 68 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां आप देश के किसी भी हिस्से से सड़क, रेल और हवाई मार्ग से आसानी से पहुँच सकते हैं। इस तरह एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल शिक्षा, सुरक्षा, सेवा और सभी सुविधाओं के साथ विशेष रूप से माता-पिता की आशा व अपेक्षाओं पर खरा उतरता है।
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vlogrush · 3 months ago
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दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में क्रांति: जानें कैसे मिल रही है नई उम्मीद और बेहतरीन अवसर
दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में हो रहे बदलाव से जानें कैसे नई उम्मीद और अवसर उभर रहे हैं। विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सुधारों की पूरी जानकारी यहां पढ़ें।दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में अब बड़े बदलाव आ रहे हैं। नई तकनीकें, विशेष शिक्षण विधियां, और समाज का बदलता नजरिया इन बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे शिक्षा के…
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khabarsamay · 2 years ago
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suryyaskiran · 2 years ago
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टाटा समूह ने झारखंड की 1898 लड़कियों की भर्ती की, अर्जुन मुंडा ने नवनियुक्त अभ्यर्थियों की स्पेशल ट्रेन को किया रवाना
रांची, 27 सितंबर (SuryyasKiran)। टाटा समूह की कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए बदनाम झारखंड के खूंटी, सरायकेला-खरसावां, सिमडेगा और पश्चिम सिंहभूम जिले में स्पेशल रिक्रूटमेंट कैंप लगाकर 1898 लड़कियों को रोजगार देने का निर्णय लिया है। पहले बैच में चुनी गई 822 लड़कियों को मंगलवार को स्पेशल ट्रेन से रांची के हटिया स्टेशन से तमिलनाडु के हुसूर के लिए रवाना किया गया। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने टाटा समूह के उच्चाधिकारियों से इन जिलों में इंटर पास युवतियों को स्किल डेवलपमेंट और रोजगार कैंप लगाने का आग्रह किया था। इसके बाद कंपनी की ओर से जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से रोजगार भर्ती कैंप लगाया गया था। चुनी गई युवतियों को एक साल की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें कंपनी द्वारा आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही उन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराया जायेगा। इस अवसर पर हटिया स्टेशन के प्रतीक्षालय में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र की युवतियों को रोजगार मिलने से इलाके की पहचान बदलेगी। सबका साथ, सबका विश्वास के साथ जनजातीय कार्य मंत्रालय के प्रयासों की बदौलत रोजगार के नए अवसर इनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार भर्ती अभियान में चयनित सभी लोग लनिर्ंग-अनिर्ंग के साथ-साथ आगे की उच्च शिक्षा भी प्राप्त कर सकेंगे।मुंडा ने सभी चयनित उम्मीदवारों से अपील करते हुए कहा कि आप वहां से प्रशिक्षण पाकर दक्ष बनें और झारखंड में भी ऐसे हुसूर जैसे कैंपस का निर्माण कर यहां की प्रतिभाओं को मौका दें। केंद्रीय जनजातीय मामलों के विशेष सचिव नवलजीत कपूर ने कहा कि झारखंड की चार हजार लड़कियों को रोजगार देने का लक्ष्य तय किया किया है। झारखंड के अन्य जिलों में भी जल्द ही ऐसे कैंप लगाये जायेंगे। इस मौके पर रांची के विधायक सी पी सिंह, हटिया के विधायक नवीन जायसवाल, तोरपा विधायक कोचे मुंडा, दक्षिण पूर्व रेलवे रांची मंडल के मुख्य परियोजना प्रबंधक (गति शक्ति) सतीश कुमार भी उपस्थित रहे। Read the full article
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thecollegeuniverse · 3 years ago
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बिज़नेस स्टडी में छात्र-छात्राओं के लिए  बेहतर स्कोप
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बिज़नेस स्टडी दर्शाता है कि कैसे अध्ययन के विभिन्न क्षेत्रों को उ��्पादक गतिविधि में जोड़ा जा सकता है। यह व्यापार प्रणाली के माध्यम से आपसी निर्भरता की एक बढ़ी हुई समझ प्रदान करता है, क्योंकि लोग दूसरों पर अधिक से अधिक निर्भर होते जा रहे हैं। बिज़नेस स्टडी की शिक्षा के दौरान आप अपने विशिष्ट क्षेत्र, जैसे ग्राहक, बाजार, वित्त, संचालन, रणनीति, व्यवसाय नीति, संचार का कौशल प्राप्त करने के साथ-साथ व्यवसाय संचालन का ज्ञान विकसित करते हैं। बिज़नेस स्टडी में विभिन्न प्रकार की डिग्रीयां होती हैं और इन सभी की एक अलग विशेषतायें मानी जाती हैं| आपकी रुचि एवं काबलियत के अनुसार आप इन डिग्रियों की शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं,और अपने बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं| व्यावसायिक अध्ययन और संबद्ध विषयों का ज्ञान भी शिक्षार्थियों के बीच सामान्य प्रबंधन परिप्रेक्ष्य का निर्माण करता है।
ये डिग्रियां मानी जाती हैं बैस्ट बिज़नेस डिग्री:
Bachelor's in Information Systems Management
MBA 
Masters in Finance
Bachelor's in Marketing
Bachelor's in Supply Chain Management
यदि आप संस्थान या विश्वविद्यालय के पात्रता मापदंडो को पूरा करते हैं, तो प्रवेश परीक्षा में शामिल होना आसान हो जाता है। तो आइए हम उन सामान्य नियमों और शर्तों का पता लगाएं, जिन्हें विभिन्न स्तरों पर बिजनेस स्टडीज पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिए एक उम्मीदवार को पूरा करना होगा।
Graduation
Postgraduate course
Doctoral course
बिजनेस स्टडीज में करियर:
उद्योग में बिजनेस स्टडीज स्नातकों के लिए विभिन्न करियर विकल्प हैं। चाहे वह बैंकिंग क्षेत्र हो, वित्तीय क्षेत्र हो, मार्केटिंग कंपनियां हों, स्टॉक एक्सचेंज हों या बीपीओ हों, हर उद्योग में व्यवसाय अध्ययन पेशेवरों के लिए कोई न कोई रिक्त पद होता है। जब करियर का रास्ता चुनने की बात आती है तो वेतन प्रमुख पहलुओं में से एक है। जहां तक ​​करियर के विकल्प के रूप में व्यावसायिक अध्ययन का संबंध है, यह क्षेत्र उम्मीदवारों के लिए अच्छे वेतन की संभावनाएं प्रदान करता है। स्नातक पाठ्यक्रम पूरा करने वाले फ्रेशर को प्रति वर्ष औसतन 2 से 3 लाख वेतन की पेशकश की जाती है। पोस्ट-ग्रेजुएट्स के लिए, भर्ती करने वालों से प्रति वर्ष औसतन चार से पांच लाख वेतन की उम्मीद की जा सकती है। वेतन के मामले में वृद्धि और पदोन्नति अच्छी है और आप उद्योग में 10-15 वर्षों का अनुभव प्राप्त करने के बाद प्रति वर्ष 30 लाख तक कमाने की उम्मीद कर सकते हैं। योग्यता के स्तर और उद्योग में प्राप्त अनुभव के अनुसार, विभिन्न नौकरी के शीर्षक हैं जो बिज़नेस स्टडी स्नातक को दिए जाते हैं| 
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जो की एक बिज़नेस हब के रूप में बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है यहाँ पर बिज़नेस का भरपूर अवसर है| आज आजकल के युवाओं को नौकरी से ज़्यादा बिज़नेस करने में रुचि है| इसी बिज़नेस स्टडी के सुनहरे भविष्य निर्माण के लिए बहुत-सी शिक्षण संस्थाएं कार्य कर रही है, जिनमे से एक है मैट्स यूनिवर्सिटी| 
मैट्स यूनिवर्सिटी बिज़नेस स्टडी में रुचि रखने वाले छात्रों को वो सभी सुविधाएं तथा उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान करवाता है जो की उन्हें इस दिशा में बेहतर भविष्य निर्माण में सहायक सिद्ध होता है|  यहाँ उन्हें बिज़नेस संबंधित चीज़ के बारे में सिखाया जाता है तथा प्रशिक्षित स्टाफ के द्वारा शिक्षण प्रदान किया जाता है| 
MATS school of business studies अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को ऑडिट, कराधान, स्टॉक ब्रोकिंग सेवाओं, वित्तीय संस्थानों और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में उन्नत ज्ञान के वितरण के साथ-साथ जीवन की आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है।
पात्रता मापदंड:
यूजी प्रोग्राम: 10+2 पीआई में प्राप्त अंकों के आधार पर।
पीजी कार्यक्रम: स्नातक, पीआई के अंकों के आधार पर।
यह स्कूल व्यापक रूप से नवाचार और अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए मान्यता प्राप्त है| स्कूल ने वित्त, बैंकिंग, बीमा, राजनीतिक परामर्श, विपणन, विकास उद्यमों और वैश्विक व्यापार के निर्माण और प्रबंधन में विशेष पाठ्यक्रमों को शामिल करने के लिए अपने पाठ्यक्रम का विस्तार किया है।
MATS स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज के छात्रों ने अपने पाठ्यक्रम प्रशिक्षण के एक भाग के रूप में मनाली का दौरा किया। इसके अलावा, मैट्स बिजनेस स्कूल के एचओडी ने बताया कि इस तरह के आयोजनों के माध्यम से, छात्रों ने लाइव प्रोजेक्ट्स और औद्योगिक गलियारों के माध्यम से लेखा और लेखा परीक्षा, बैंकिंग और बीमा का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया, कॉर्पोरेट जगत के साथ एक लिंक को पाटने के लिए कॉर्पोरेट वार्ता आयोजित की गई।
यदि आप बिज़नेस स्टडी में अपना करियर बनाने की योजना बना रहे हैं तो अवश्य एक बार मैट्स यूनिवर्सिटी  विज़िट करें|
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pushpas-posts · 1 year ago
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*👑बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय👑*
*✨अवतरण दिवस सेवा✨*
22/08/23
*👒X+ Koo Trending सेवा👒*
🐚  *सतगुरु जी के अवतरण दिवस से सम्बंधित सतगुरु जी द्वारा समाज में किये गए कल्याणकारी कार्यों की जानकारी देते हुए पुनः Twitter (X) और कू पर सेवा करेंगे।*
*✍🏼 अपना टैग⤵️ और बंगाली कीवर्ड use करेंगे*
*#SocialReformer_SantRampalJi*
*সমাজ সংস্কারক সন্ত রামপালজী*
*📷''' सेवा से सम्बंधित photo Website पर उपलब्ध हैं जी।*
*Hindi*
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*English*
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*Telugu*
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*⛳Sewa Points* ⤵️
🧭संत रामपाल जी महाराज जी अपने सतज्ञान से दहेज, मृत्युभोज, भ्रूण हत्या, जाति-पाति, छुआछूत, नशे, भ्रष्टाचार आदि बुराइयों को छुड़वाकर स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं।
🧭जाति ना पूछो संत की, पूछ लीजियो ज्ञान।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान।।
संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सर्व शास्त्रों से प्रमाणित तथा कबीर साहेब की शिक्षाओं पर आधारित है। उनके अनुयायी छुआछूत तथा किसी प्रकार का जातिवाद नहीं करते हैं, मर्यादित भाषा का प्रयोग करते हैं तथा प्रेम भाव से रहते हैं।
🧭परम संत रामपाल जी महाराज की असीम कृपा से समाज में बेटियां अब बोझ नहीं रहेंगी। बेटियों को भी समान अधिकार प्राप्त होगा। यही कारण है कि संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य उनकी शिक्षाओं पर चलते हुए आज बेटियों को समान दर्जा दे रहे हैं और उनकी शिक्षाओं पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। बेटियों के लिए संत रामपाल जी महाराज जी ने दहेज मुक्त विवाह का प्रावधान किया है जो आज उनके अनुयायी ना दहेज लेते हैं और ना देते हैं।
🧭जब भी कोई त्रासदी आती है तो संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं से उनके अनुयायी जरुरतमंद लोगों की सहायता के लिए पहुँच जाते हैं।
उड़ीसा रेल दुर्घटना में घायलों के लिए संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने सैकड़ों यूनिट रक्तदान किया।
🧭जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी की शिक्षा का परिणाम है कि आज उनके अनुयायी ईमानदारी से प्रत्येक कार्य निभा रहे हैं। यही कारण है कि समाज में एक सद्भावना विकसित हो रही है। संत रामपाल जी महाराज जी ने जो शिक्षा दी है उससे उनके अनुयायियों में एक सद्भावना प्रेरित हो रही है और ईमानदारी का परिचय भी दे रहे हैं।
🧭संत रामपाल जी महाराज जी का समाज सुधार में विशेष योगदान है। संत रामपाल जी महाराज जी की असीम कृपा व उनकी शिक्षा का परिणाम है जो आज उनके अनुयायी रक्तदान व देहदान जैसे महान कार्य कर रहे हैं। इससे समाज में भाईचारे की भावना उत्पन्न होगी।
🧭हाल ही में बाढ़ पीड़ितों को संत रामपाल जी महाराज जी ने राहत सामग्री प्रदान की है। संत रामपाल जी महाराज जी की असीम कृपा से उनके अनुयायियों ने घर-घर तक राहत सामग्री पहुंचाई है। यहां तक की पशुओं के लिए भी चारे की व्यवस्था की। कोरोना काल में भी संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा पीड़ितों को घर-घर तक राहत सामग्री पहुंचाई गई। संत रामपाल जी महाराज जी का समाज सुधार में विशेष योगदान है।
🧭चाहे कोरोना महामारी हो, बाढ़ त्रासदी हो या उड़ीसा रेल दुर्घटना हो।
संत रामपाल जी महाराज के सेवाभावी शिष्य आपदाओं के समय अपने गुरुजी की शिक्षाओं से जान जोखिम में डालकर भी जरुरतमंद लोगों की सहायता करते हैं। उनको निःशुल्क भोजन सामग्री, जरूरी वस्तुएं, आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराकर तथा घायलों को सैंकड़ों यूनिट रक्तदान कर मानवता की मिसाल पेश की है।
🧭कह कबीर पुकार के, दोय बात लख ले।
एक साहेब की बंदगी, और भूखों को कुछ दे॥
समाज कल्याण को अपना परम दायित्व मानते हुए संत रामपाल जी महाराज के शिष्य भूखों को भोजन उपलब्ध कराकर अपनी भूमिका निभाते हैं।
🧭संत रामपाल जी महाराज के आश्रमों ने समानता की एक बेहतरीन मिसाल कायम की, जहाँ भोजन और आश्रय सहित सभी सुविधाएं पूरी तरह से मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं। लिंग, धर्म, जाति, संपत्ति आदि के आधार पर कोई असमानता नहीं की जाती है।
🧭चिड़ी चोंच भर ले गई, नदी ना घट्यो नीर ।
दान दिए धन घटे नहीं, कह रहे साहेब कबीर ॥
मृत्यु के उपरांत आत्मा के साथ कुछ भी नहीं चलता, सिवाय अच्छे कर्मों और सच्चे मंत्रों की कमाई के। इसी बात को ध्यान में रखते हुए संत रामपाल जी महाराज के सभी शिष्यों का हमेशा "भूखों को भोजन कराने का उद्देश्य" प्रमुख रहा है।
🧭अन्न जल साहिब रूप है, क्षुध्या तृषा जाए ।
चारों युग प्रवान है, आत्म भोग लगाए ॥
संत रामपाल जी महाराज के पवित्र आध्यात्मिक प्रवचनों को सुनकर, अधिक से अधिक लोगों की भूख मिटाना उनके सभी शिष्यों का एक मुख्य उद्देश्य माना जाता है। संत रामपाल जी महाराज ने कहा है कि यदि आप दूसरों को भोजन प्रदान करते हैं, तो आप कभी भी उससे वंचित नहीं रहेंगे क्योंकि भूखे को खाना खिलाना सबसे उत्तम कार्य है।
🧭भगवान के संविधान के अनुसार, जो जानवरों को मारते हैं और उनका मांस खाते हैं, वे काफिर होते हैं। इसके अलावा, जो लोग हुक्का पीते हैं वे भगवान के दरबार में काफिरों के रूप में खड़े होते हैं।
काफिर सो जो मुरगी काटे, वे काफिर जो सीना चाटे ।
काफिर गूदा घटें सलाई, काफिर हुक्का पीवें अन्यायी ।।
संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा दी गयी शिक्षा व ज्ञान से उनके अनुयायी मांस व नशे से दूर रहते हैं।
🧭संत रामपाल जी महाराज के दिव्य आध्यात्मिक प्रवचनों को सुनने से लोग मांस खाने की बुरी आदत को छोड़ देते हैं, जो बदले में उनके जीवन से बुरे कर्मों का बोझ हटा देता है। संत रामपाल जी महाराज मानवता की मिसाल कायम कर रहे हैं।
मांस मछली खात है, सुरापान से हेत।
ते नर नरक ही जाएंगे, माता पिता समेत।।
🧭पंजाब के फाजिल्का जिले के लोगों पर आई प्राकृतिक आपदा में मानव व पशुओं की सहायता करने के लिए परम हितैषी जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी सामने आए हैं। वे फाजिल्का जिले के पाकिस्तान बॉर्डर से लगे बाढ़ ग्रस्त गांवों में बचे हुए पशुओं के लिए हरा चारा उपलब्ध करवा रहे हैं। जिससे पशुओं की भूख के कारण मौत न हो।
🧭पूरे विश्व में अनेकों पाखण्ड, अंधविश्वास, कुप्रथाएं, बुराइयां फैली हैं जिससे मानव के ऊपर व्यर्थ का भार बना हुआ है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज पूरे विश्व को सभी धर्म शास्त्रों का सत्य ज्ञान प्रदान करके इन सर्व से निकालने का प्रयत्न कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज का मुख्य उद्देश्य है विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
🧭जैसे हम अपना दर्द महसूस करते हैं, वैसे ही हमें दूसरे के दुखों और समस्याओं को भी समझना चाहिए। ऐसे हैं महानतम आध्यात्मिक और समाज सुधारक बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के दिव्य विचार, जिन्होंने अपने शिष्यों के मन में मानवीय विचारों के बीज बोए हैं। समय-समय पर भारत के विभिन्न राज्यों में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता है, जहां संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं।
🧭रक्त की कमी के कारण कई जानें चली जाती हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए संत रामपाल जी महाराज के भक्तों द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है। संत रामपाल जी महाराज के शिष्य शराब, नशीले पदार्थों या अन्य हानिकारक पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं, जो इस मानव शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक हैं, यही वजह है कि उनके द्वारा किया गया रक्तदान पूरी तरह से नशामुक्त है।
🧭संत रामपाल जी महाराज ने सतभक्ति साधना के साथ परमार्थ करने को श्रेष्ठ बताया है। इसी कारण उनके अनुयायी आए दिन जरूरतमंदों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं।
उनके अनुयायी जरूरतमंदों की रक्तदान सेवा में लगे हुए हैं। जिसको भी रक्त की आवश्यकता होती है उनकी एक पुकार पर ये भक्त तुरंत पहुँचकर उनके ब्लड ग्रुप के अनुसार रक्तदान करते हैं।
🧭वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज का जाति धर्म के भेदभाव को जड़ से समाप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान है। सभी जाति, धर्म/मजहब को मानने वाले उनसे दीक्षा ले रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
🧭संत रामपाल जी महाराज के शिष्य किसी भी आपदा जैसे बाढ़, कोरोना के दुष्प्रभाव को दूर करने में अपनी भूमिका निभाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं जो लोगों के अनमोल जीवन को बचाने के साथ सकारात्मकता भी फैलाता है। संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों द्वारा भोजन और खाद्य उत्पाद बिल्कुल मुफ्त वितरित किए जाते हैं।
🧭कोरोना ने कई लोगों की जान ली। संत रामपाल जी महाराज के शिष्य यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास करते हैं कि लोगों को मुफ्त में भोजन और राशन मिले संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएं ऐसी हैं, जिन्होंने लोगों के दिलों को मानवता और उदारता से भर दिया है।
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