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वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट- 150 साल के बाद आ सकती है ऐसी मंदी, भारत समेत दुनियाभर में करोड़ों लोग हो जाएंगे गरीब
वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट- 150 साल के बाद आ सकती है ऐसी मंदी, भारत समेत दुनियाभर में करोड़ों लोग हो जाएंगे गरीब
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सन 1870 के बाद यह पहला मौका होगा, जब महामारी की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आएगी. विश्व बैंक (World Bank) के प्रेसिडेंट डेविड मलपास (World Bank President David Malpass) के मुताबिक, सन 1870 के बाद…
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 75वें स्तवंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से आज 8वीं बार तिरंगा फहराया...
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले पर तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया. भारत आज अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और इसी के साथ देश में आज़ादी के अमृत महोत्सव के जश्न की शुरुआत हो गई है.
लालकिले (Redfort) से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आज कोरोना संकट से लेकर अन्य चुनौतियों की बात की, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले से ऐलान किया कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को अब देश की बेटियों के लिए खोला जाएगा. इसके साथ ही पीएम मोदी ने 'यही समय है, सही समय है' का नया मंत्र भी फूंका.
लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर सभी देशवासियों क�� हार्दिक शुभकामनाएं. आज आजादी के अमृत महोत्सव के इस पर्व पर देश अपने सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहा है.
आजादी के हीरो को पीएम मोदी ने किया सलाम
पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, रानी लक्ष्मीबाई, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, बाबा साहेब अंबेडकर समेत अन्य सभी को आज देश याद कर रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि जय-पराजय आते रहे, लेकिन मन में बसी हुई आजादी की आकांक्षा कभी खत्म नहीं हुई.
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में देश के डॉक्टरों, वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाने का काम किया, करोड़ों लोगों ने पल-पल जनसेवा की है. आज देश के कई इलाकों में बाढ़, भूस्खलन में कई लोगों की जान गई है, उन्हें देश याद करता है. पीएम मोदी ने इस दौरान ओलंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन पर खिलाड़ियों को बधाई दी, पीएम मोदी ने यहां ��भी खिलाड़ियों के लिए तालियां बजवाईं.
'बंटवारे का दर्द झेल रहा है हिंदुस्तान'
पीएम मोदी ने कहा कि बंटवारे का दर्द आज भी हिन्दुस्तान के सीने को छलनी करता है, ये पिछली सदी की सबसे बड़ी शताब्दियों में से एक है. भारत ने फैसला लिया है कि 14 अगस्त को हर साल अब विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा. जो लोग बंटवारे के समय अत्याचार सहा, अब उन लोगों का सम्मान किया जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना काल बहुत चुनौतियों के साथ आया, देश ने इन मुश्किलों का मिलकर सामना किया. ये हमारी ताकत है कि आज वैक्सीन के लिए हमें किसी बाहरी देश पर निर्भर नहीं होना पड़ा, अगर भारत के पास अपनी वैक्सीन नहीं होती तो क्या होता. पोलियो की वैक्सीन पाने में भारत को कई साल गंवाने पड़े, लेकिन इतने बड़े संकट के दौरान हमारे वैज्ञानिकों ने इतिहास रच दिया.
आने वाले 25 साल देश के लिए अहम: PM
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत में कम संख्या में लोग कोरोना से पीड़ित हुए हैं. लेकिन ये कहना कि हमारे सामने कोई चुनौती नहीं थी, ये कहना गलत होगा. तमाम प्रयासों के बाद भी हम कई लोगों को बचा नहीं पाए, कितने ही बच्चों के सिर से साया उठ गया. पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल हमारे देश का भविष्य तय करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि अमृत काल का लक्ष्य है कि देश में सबसे आधुनिक सुविधाएं हो, हम किसी से कम ना हो, सरकार बेवजह लोगों की जिंदगी में दखल ना दे. लेकिन ये संकल्प तबतक पूरा नहीं होगा, जबतक परिश्रम ना हो. पीएम मोदी ने कहा कि हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए लंबा इंतज़ार नहीं करना है, हमारे पास अब गंवाने के लिए एक पल भी नहीं है. हमारे देश और हमें खुद को बदलना होगा.
‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मिशन से हम आगे बढ़ रहे हैं. पीएम मोदी ने अपने इस संबोधन में एक और नया नारा जोड़ा और ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की बात कही. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले सात साल में सरकार की कई योजनाओं के जरिए आम लोगों तक मदद पहुंची है.
पीएम मोदी ने कहा कि अब हमें शत प्रतिशत का लक्ष्य रखना है, हर गांव तक सड़कें, हर किसी का बैंक खाता हो, इस लक्ष्य को हमें पूरा करना है. पीएम मोदी ने कहा कि अब गरीबों को पोषण युक्त चावल दिया जाएगा, मिड-डे मील के चावल को भी इस मिशन में शामिल किया जाएगा, साल 2024 तक हर योजना के तहत मिलने वाले चावल को पोषण युक्त किया जाएगा.
गांवों को आधुनिक बनाने पर फोकस ज़रूरी: PM
पीएम मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर हो रहा है, जल्द ही देश के हर अस्पताल के पास अपने ऑक्सीजन प्लांट होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान नॉर्थ ईस्ट में हो रहे सरकार के कामकाज के बारे में जानकारी दी, हर राज्य की राजधानी को रेलवे सुविधा से जोड़ा जा रहा है. इसके अलावा वहां के टूरिज्म पर ज़ोर दिया जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में डिलिमिटेशन की प्रक्रिया जारी है, भविष्य में विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी जारी है. लद्दाख भी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होते हुए देख रहा है. हमारा फोकस आदिवासी इलाकों पर भी है, जहां विकास को तेज़ी से पहुंचाए जा रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब सहकारवाद पर भी ध्यान दे रहा है, ये अर्थव्यवस्था की एक अहम शक्ति है. हमारी सरकार ने अब इसके लिए अलग मंत्रालय बनाया है, राज्यों के साथ मिलकर इस क्षेत्र को मजबूत किया जाना है. इस दशक में अपने गांवों को आगे बढ़ाने के लिए हमें शक्ति लगानी होगी, पिछले कुछ वर्षों में गांवों में सड़क-बिजली पहुंचा है, अब गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से ताकत मिल रही है.
छोटा किसान बने देश की शान: PM
पीएम मोदी ने कहा कि वैज्ञानिकों के सुझावों को अब कृषि सेक्टर में लागू करना होगा, इसमें ज्यादा देरी नहीं की जा सकती है. पीएम मोदी ने कहा कि देश में एक बड़ा तबका किसानों का ऐसा है, जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम ज़मीन है. देश में पहले छोटे किसानों पर ध्यान नहीं दिया गया, इन्हीं सुधारों को ध्यान में रखते हुए कई फैसले लिए जा रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि अब ब्लॉक लेवल तक वेयरहाउस बनाए जाएंगे. छोटे किसान को हम देश की शान बनाना चाहते हैं.
100 लाख करोड़ की ��ोजना का ऐलान
लालकिले से पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह में, 75 वंदे भारत ट्रेनें देश के हर कोने को जोड़ेंगी. देश में नई गति से एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है, उड़ान योजना ने लोगों के सपनों को उड़ान दी है. पीएम मोदी ने कहा कि जल्द ही देश ‘प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना’ का ऐलान किया जाएगा, ये 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजना होगा जो लाखों युवाओं के लिए योजगार के अवसर लाएगी. ये देश के लिए मास्टरप्लान होगा जो नए इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखेगा.
स्टार्टअप से लेकर खेल तक पीएम ने कही ये बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार उद्योग जगत के लिए नियमों को आसान करने में जुटी है, स्टार्टअप के लिए भी यही कोशिश की जा रही है. आज देश में स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन रहे हैं, जो देश के नए वेल्थ क्रिएटर्स हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी नहीं है, अब गुड गर्वनेंस पर बल दिया जा रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने आने के बाद सैकड़ों कानूनों को हटा दिया गया, देश में पहले किसी नागरिक को नक्शा बनाने की छूट नहीं थी. 200 साल से पुराने कानूनों को लागू रखने का क्या मतलब है, हमने बेवजह के कानूनों को हटा दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि खेल के मैदान में भाषा रुकावट नहीं बनी है, यही कारण है कि आज हमारे युवा खिलने लगे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि जीवन के अन्य मैदानों में भी यही करना होगा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति अहम भूमिका निभाएगी. स्पोर्ट्स को अब मेनस्ट्रीम पढ़ाई का हिस्सा बनाया गया है. आज देश में स्पोर्ट्स को लेकर नई जागरुकता आई है, इस बार ओलंपिक में भी हमने इतिहास रचते हुए देखा है.
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते देश के कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले से ग्रीन हाइड्रोजन योजना का ऐलान किया, पीएम मोदी ने कहा कि हमें अपने देश को एनर्जी के सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाना है साथ ही एक्सपोर्ट का मास्टर भी बनाना है. पीएम मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, रामजन्मभूमि मामलों का शांतिपूर्ण समाधान समेत कई ऐसे फैसले हैं जिन्हें पिछले कुछ वर्षों में सच करते हुए देश ने देखा है. पीएम मोदी ने कहा कि आज देश बदल रहा है, कड़े से कड़े फैसले लेने में भी भारत रुकता नहीं है.
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल के बाद दुनिया का वर्ल्ड ऑर्डर बदल रहा है, भारत आतंकवाद की चुनौती से लड़ रहा है और हिम्मत के साथ जवाब दे रहा है. मैं देश को विश्वास दिलाता हूं कि सेनाओं के हाथ मजबूत करने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
‘यही समय है, सही समय है’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब 2047 में आजादी के 100 साल पूरे होंगे, तब जो भी देश का प्रधानमंत्री होगा और वो यहां से जब संबोधन करेगा, तब उन्हीं बातों का ज़िक्र होगा जिनका संकल्प आज हम यहां से कर रहे हैं. 21वीं सदी में भारत को अपने सपनों को पूरा क��ने से कोई बाधा हमें रोक नहीं सकती है. हमारी ताकत हमारी एकजुटता है, राष्ट्रप्रथम की भावना है, ये वक्त साझा स्वप्न देखने का है.
Source : "GROUND ZERO"
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नमस्कार!
पॉलिटिक्स में कुछ भी परमानेंट नहीं होता। मोदी और नीतीश के रिश्ते इसके गवाह हैं। बिहार के पिछले चुनाव में नाराज नीतीश ने DNA सैम्पल बोरियों में भरकर PMO भेजे थे। अब पहली बार खुद मोदी उनके लिए प्रचार कर रहे हैं। बहरहाल, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...
सबसे पहले देखते हैं, बाजार क्या कह रहा है…
मार्केट हाइलाइट्स
BSE का मार्केट कैप 160 लाख करोड़ रुपए बना रहा। करीब 58% कंपनियों के शेयरों में बढ़त रही।
2,867 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग हुई। इसमें 1,664 कंपनियों के शेयर बढ़े और 1,049 कंपनियों के शेयर गिरे।
आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर
प्रधानमंत्री मोदी आज गुजरात में तीन परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे।
IPL में कोलकाता नाइट राइडर्स और दिल्ली कैपिटल्स के ��ीच दोपहर साढ़े तीन बजे से और किंग्स इलेवन पंजाब और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच शाम साढ़े सात बजे से मैच।
देश-विदेश
बिहार में मोदी प्रचार शुरू
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में चुनाव प्रचार के पहले दिन तीन रैलियां कीं। शुरुआत सासाराम से की। यहां उन्होंने लोजपा नेता रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि दी, लेकिन रामविलास के बेटे चिराग का नाम लेने से बचे। वही चिराग, जिन्होंने खुद को मोदी का हनुमान बताया था।
मोदी के रुख की 2 वजहें: पहली- बिहार में बड़ा वोट बैंक पासवान और उनकी पार्टी से जुड़ा रहा है। इसी वजह से मोदी ने रामविलास पासवान को याद किया। दूसरी वजह- चुनाव नतीजे किसी भी तरफ जा सकते हैं। भाजपा को चिराग की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए चिराग के खिलाफ कुछ बोलकर मोदी उन्हें नाराज नहीं करना चाहते। पिछले दिनों चिराग ने कहा भी था- ‘हनुमान की तरह चीर कर देख लें मेरा सीना, मेरे दिल में प्रधानमंत्री मोदी बसते हैं।’
महबूबा की राजनीति
बिहार में पहली चुनावी सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर से 370 हटाने का जिक्र कर विपक्ष को घेरा। शाम को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती बोलीं- कश्मीर में आर्टिकल 370 की वापसी तक न तिरंगा उठाऊंगी, न चुनाव लड़ूंगी।
कश्मीर का चुनावी भविष्य क्या है: 370 की वापसी के लिए कश्मीर में फारुक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीडीपी समेत 7 दलों का नया गठबंधन बन चुका है, लेकिन चुनाव पर गठबंधन अभी कन्फ्यूजन में है। चुनाव लड़ने से ये मैसेज जाएगा कि 370 खत्म करने का फैसला उन्हें मंजूर है। चुनाव नहीं लड़ने से राज्य की राजनीति में हाशिए पर चले जाने का खतरा है।
ट्रम्प-बाइडेन के बीच आखिरी डिबेट
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट जो बाइडेन के बीच शुक्रवार को आखिरी प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई। इसमें ट्रम्प ने भारत को बेहद गंदा बता दिया। क्लाइमेट चेंज पर उन्होंने कहा कि चीन को देखो, वहां कितनी गंदी हवा है। रूस को देखो। भारत को देखो। भारत गंदा है। वहां हवा गंदी है। इस डिबेट में उन्होंने यह भी दावा किया कि कुछ ही हफ्तों में हम कोरोना की वैक्सीन ला रहे हैं।
कंगना के निशाने पर अब आमिर
कंगना रनोट के खिलाफ मुंबई में एक और FIR दर��ज हुई है। इसमें उन पर कोर्ट के खिलाफ टिप्पणी करने का आरोप है। इसके बाद कंगना ने आमिर खान को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘इन्टॉलरेंस गैंग से जाकर कोई पूछे कि कितने कष्ट सहे हैं उन्होंने इस इन्टॉलरेंट देश में?’
पत्नी देगी पति को भत्ता
पति, पत्नी को गुजारा भत्ता देगा... ऐसे आदेश तो कई सुने होंगे, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में उल्टा मामला सामने आया है। फैमिली कोर्ट ने आर्मी से रिटायर महिला से कहा है कि वह पति को गुजारा भत्ता दे। पति चाय बेचता है। महिला को 12 हजार रुपए पेंशन मिलती है, उसे हर महीने 2 हजार रुपए पति को देने होंगे।
ओरिजिनल
बिहार के झोलाछाप डॉक्टर, जिन पर राज्य की सेहत टिकी है
इकबाल आलम सुपौल जिले की रामपुर पंचायत में रहते हैं। इस पूरे इलाके में वो डॉक्टर इकबाल के नाम से मशहूर हैं। हालांकि, इकबाल के पास एमबीबीएस की कोई डिग्री नहीं है। वे सिर्फ 12वीं तक ही पढ़े हैं। इकबाल असल में झोलाछाप डॉक्टरों की उसी जमात में शामिल हैं, जिनके कंधों पर बिहार की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था टिकी हुई है। - पढ़ें पूरी रिपोर्ट
पॉजिटिव खबर
मुंबई के गौरव लोंढ़े पिज्जा कंपनी में काम करते थे। एक दिन उन्होंने 32 हजार रुपए महीने की नौकरी छोड़ दी। एक शेफ ढूंढा। 6 लड़के हायर किए। शाम 5 से रात 10 बजे तक सिग्नल पर वड़ा पाव बेचने लगे। वड़ा पाव की पैकिंग बर्गर बॉक्स में करने लगे। अब रोज 2 हजार रुपए कमाते हैं। - पढ़ें पूरी रिपोर्ट
एक्सप्लेनर वोट के बदले कोरोना वैक्सीन भाजपा का चुनावी वादा है कि बिहार के लोगों को वोट के बदले फ्री कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। देश में पहली बार किसी चुनावी घोषणापत्र में वैक्सीन की एंट्री हुई है। भाजपा ने यह वादा तब किया है, जब वैक्सीन पर केंद्र सरकार की पॉलिसी ही तय नहीं है। भाजपा के पक्ष में एक तर्क यह है कि हेल्थ राज्यों का विषय है। इसलिए चुनावी वादे में कुछ गलत नहीं है। - पढ़ें पूरी रिपोर्ट
पंजाब के 4 एग्री बिल केंद्र के कृषि कानूनों को बेअसर करने वाले कानूनों को पारित करने वाला पंजाब पहला राज्य बन गया है। उसने अपने 4 बिल पास किए हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि इसकी जरूरत क्या थी? क्या कोई भी राज्य इस तरह केंद्रीय कानूनों को बेअसर कर सकता है? - पढ़ें पूरी रिपोर्ट
सुर्खियों में और क्या है... 1. राहुल गांधी ने गुरुवार को बिहार के नवादा और भागलपुर में दो चुनावी सभाएं कीं। उन्होंने मोदी के लिए कहा, ‘वे सिर तो आपके सामने झुकाते हैं, काम किसी और के आएंगे। आपने पैसा बैंक में डाला, वो कहां गया। आपका पैसा देश के सबसे अमीर लोगों की जेब में गया। क्या अडाणी-अंबानी बैंक के सामने खड़े दिखे।’ 2. भारतीय क्रिकेट टीम को पहला वर्ल्ड कप जिताने वाले पूर्व कप्तान कपिल देव को हार्ट अटैक आया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को उन्हें दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया। हार्ट में ब्लॉकेज के कारण कपिल देव की एंजियोप्लास्टी की गई। 3. देश में वैक्सीन की प्रोग्रेस को लेकर अच्छी खबर है। भारत बायोटेक कंपनी की वैक्सीन को तीसरे फेज के ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। वहीं, टेस्टिंग का आंकड़ा 10 करोड़ के पार हो गया है। इस बीच, कर्नाटक सरकार ने 17 नवंबर से इंजीनियरिंग, डिप्लोमा, डिग्री कॉलेज खोलने का फैसला किया है। 4. अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सेंटर ऑफ डिसीज कंट्रोल (CDC) ने कहा है कि ट्रैवलिंग के दौरान मास्क के इस्तेमाल से कोरोना के संक्रमण का खतरा 50% तक कम किया जा सकता है। एक और रिसर्च कहती है कि 30 सेकंड तक ओरल एंटीसेप्टिक और माउथवॉश से गरारा करने पर मुंह में मौजूद कोरोना को 99% तक न्यूट्रल कर सकते हैं। 5. CBSE ने 10वीं-12वीं के स्टूडेंट्स के लिए मार्कशीट और दूसरे डॉक्यूमेंट्स डाउनलोड करने के लिए फेशियल रिकग्निशन सिस्टम की शुरुआत की है। अब स्टूडेंट्स डिजिलॉकर से अपने डॉक्यूमेंट्स बिना आधार और मोबाइल नंबर के भी डाउनलोड कर सकेंगे।
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Modi did not mention Chirag Paswan in Bihar mehbooba mufti on Indian Flag
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CBI के पास पहुंचा सुशांत का केस, जानिए कैसे काम करती है एजेंसी और क्या हैं इसके पावर
चैतन्य भारत न्यूज सोशल मीडिया पर पिछले काफी समय से अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या केस की सीबीआई (Central Bureau of Investigation) जांच को लेकर मांग उठ रही थी। इसके बाद बिहार सरकार ने खुद केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की मांग की थी। केंद्र सरकार ने बिहार सरकार की सिफारिश पर CBI को ट्रांसफर कर दि��ा है। वहीं अब जानते हैं आखिर कैसे और किन हालातों में CBI करती है जांच? बता दें सीबीआई का गठन 1963 में हुआ था। सीबीआई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले अपराधों जैसे हत्या, घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों और साथ ही राष्ट्रीय हितों से संबंधित अपराधों की भारत सरकार की तरफ से जांच करती है। गठन के समय सीबीआई को एंटी करप्शन डिवीजन, इकोनॉमिक्स ऑफेंस डिवीजन, स्पेशल क्राइम डिवीजन, डायरेक्टरेट ऑफ प्रॉसिक्यूशन, एडमिनिस्ट्रेटिव डिवीजन, पॉलिसी एंड कॉर्डिनेट डिवीजन और सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी जैसे कई हिस्सों में बांटा गया था। जानिए कैसे होता है काम एंटी करप्शन डिवीजन- केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों, केंद्रीय पब्लिक उपक्रमों और केंद्रीय वित्तीय संस्थानों से जुड़े भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी से संबंधित मामलों की जांच करने के लिए। इकोनॉमिक ऑफेंस डिवीजन- बैंक धोखाधड़ी, वित्तीय धोखाधड़ी, आयात-निर्या और विदेशी मुद्रा अतिक्रमण, नारकोटिक्स, पुरातन वस्तुएं, सांस्कृतिक संपत्ति की बढ़ती तस्करी और विनिषिद्ध वस्तुओं आदि की तस्करी से संबंधित। स्पेशल क्राइम डिवीजन- आतंकवाद, बम ब्लास्ट, संवेदनात्मक मानव वध, मुक्ति-धन के लिए अपहरण और माफिया और अंडर-वर्ल्ड द्वारा किए गए अपराधों से संबंधित। सीबीआई की जांच से जुड़ी सभी सुनवाई विशेष CBI अदालत में ही होती है। पहले CBI सिर्फ घूसखोरी और भ्रष्टाचार की ही जांच तक सीमित थी, लेकिन 1965 के बाद से हत्या, किडनैपिंग, आतंकवाद, वित्तीय अपराध, आदि की जांच भी सीबीआई के दायरे में आ गई है। कब और कैसे काम करती है सीबीआई CBI केवल उन अपराधों की जांच करता है जो केंद्र सरकार सरकार द्वारा अधिसूचित है। CBI को अनुमति तभी दी जाती है, जब कुछ खास स्थितियां पैदा हो जाए और लंबे समय से स्थानीय पुलिस से कोई केस सॉल्व न हो। सीबीआई की शक्तियां डीएसपीई अधिनियम 1946 की धारा 2 के तहत सिर्फ केंद्रशासित प्रदेशों में अपराधों की जांच के लिए CBI ई को शक्ति प्राप्त है। ये शक्तियां दिल्ली और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू होती हैं। एक्ट के तहत CBI केवल केंद्रशासित प्रदेशों में खुद से जांच शुरू कर सकती है। केंद्रशासित प्रदेशों के अलावा केंद्र सरकार CBI की शक्तियों के दायरे को बढ़ा सकती है, लेकिन राज्य सरकार की सहमति होनी चाहिए। आपको बता दें,। CBI सिर्फ केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन पर जांच कर सकती है। इन तीन स्थितियों में अपने हिस्से में कोई केस ले सकती है सीबीआई यदि राज्य सरकार खुद केंद्र से सिफारिश करे। राज्य सरकार सहमति दे। सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट CBI जांच का आदेश दें। (लेकिन अंत में अनुमति केंद्र सरकार की अनिवार्य है) Read the full article
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Global Remittances Drop 2020 : World Bank predicts global Remittances will fall by 20%,India Likely to Decline by 23% | दूसरे देशों से प्रवासी जो पैसा घर भेजते हैं उसमें 20% की कमी, भारत में 23% की गिरावट; गरीबी, भुखमरी और मानव तस्करी के मामले बढ़ सकते हैं
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Global Remittances Drop 2020 : World Bank predicts global Remittances will fall by 20%,India Likely to Decline by 23% | दूसरे देशों से प्रवासी जो पैसा घर भेजते हैं उसमें 20% की कमी, भारत में 23% की गिरावट; गरीबी, भुखमरी और मानव तस्करी के मामले बढ़ सकते हैं
2019 में दुनियाभर में एक देश से अन्य देशों में करीब 40 लाख करोड़ रुपए रेमिटेंस के तौर पर भेजे गए
पिछले साल भारत में दूसरे देशों से 6 लाख करोड़ रुपए आए थे, इस साल 4.8 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है
2018 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी में रेमिटेंस का योगदान 2.9 फीसदी था, डोमेस्टिक रेमिटेंस में 80% की कमी
दैनिक भास्कर
Jul 02, 2020, 08:00 AM IST
नई दिल्ली. नेपाल की रहने वाली शीबा काला एक हाउस वाइफ हैं। कभी शाम का खाना खाती हैं तो सुबह का नहीं और सुबह का खाती हैं तो शाम का नहीं। वह हर रोज एक वक्त का खाना छोड़ देती हैं, ताकि उनकी पांच साल की बच्ची भूखी न रहे। शीबा के पति खाड़ी देश कतर में जॉब करते थे। कोरोनाकाल में उनकी नौकरी चली गई। इसलिए वे अब घर पर पैसे नहीं भेज पा रहे हैं। शीबा बताती हैं कि उनके पति पहले हर महीने करीब 12 हजार रुपए भेजते थे जिससे फ्लैट का किराया और घर की जरूरतें पूरी होती थीं। पिछले 6 महीने में उन्हें सिर्फ 25 हजार रुपए मिले हैं।
शीबा की तरह ही नेपाल की राधा मरासिनी भी आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं। उनके पति भारत के लुधियाना में एक फैक्ट्री में गार्ड की नौकरी करते थे। लॉकडाउन में उनकी नौकरी चली गई। जो कुछ पैसे पति भेजते थे वह बंद हो गया। मजबूरी में राधा को कर्ज लेकर घर चलाना पड़ रहा है। शीबा और राधा की तरह करोड़ों ऐसे लोग हैं जिन्हें कोरोनाकाल में आर्थिक तंगी का शिकार होना पड़ा है।
कोरोना की वजह से ग्लोबल रेमिटेंस में 20 % की कमी वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल कोरोना की वजह से दुनियाभर में रेमिटेंस में 20 फीसदी से ज्यादा की कमी आएगी। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में दुनियाभर में एक देश से दूसरे देश में करीब 40 लाख करोड़ रुपए रेमिटेंस के तौर पर भेजे गए। इस साल कोरोना की वजह से भारी संख्या में लोगों की नौकरियां गई हैं। इसका सीधा-सीधा असर रेमिटेंस पर पड़ा है। इस साल 20 फीसदी घटकर रेमिटेंस करीब 33 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। यानी करीब 7 लाख करोड़ रुपए की कमी।
भारत में करीब 13 करोड़ प्रवासी दूसरे राज्यों में काम करने के लिए जाते हैं। लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर की नौकरी चली गई है।
रेमिटेंस क्या होता है दरअसल दुनियाभर में लोग रोजगार की तलाश में एक देश से दूसरे देश में जाते हैं और वहां से अपने घर कुछ पैसे भेजते हैं। जिससे उनका घर चलता है। इस राशि को रेमिटेंस कहा जाता है। खाड़ी देशों में बसे भारतीय सबसे अधिक रेमिटेंस भेजते हैं। इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे विकसित देशों में काम करने वाले भारत में अपने परिवार के लिए पैसे भेजते हैं।
जो प्रवासी दूसरे देशों से अपने देश रेमिटेंस के तौर पर राशि भेजते हैं उसका करीब 75 फीसदी खाने-पीने जैसी जरूरी चीजों के लिए उपयोग किया जाता है। 10 फीसदी शिक्षा पर और बाकी 15% बचत के रुप में इस्तेमाल किया जाता है।
भारत में रेमिटेंस में 23 फीसदी की गिरावट
भारत में भी रेमिटेंस पर कोरोना का बुरा प्रभाव पड़ा है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इस साल रेमिटेंस में 23 फीसदी कमी का अनुमान है। पिछले साल भारत में दूसरे देशों से लोगों ने करीब 6 लाख करोड़ रुपए भेजे थे। इस साल यह आंकड़ा घटकर 4.8 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। भारत की तरह ही दुनिया के दूसरे देशों के भी रेमिटेंस पर कोरोना का असर पड़ा है। साउथ एशिया में 27.5 फीसदी कमी का अनुमान है। वहीं पाकिस्तान में 23%, नेपाल में 19%, श्रीलंका में 14% और बांग्लादेश में करीब 22 फीसदी गिरावट का अनुमान है।
रेमिटेंस प्राप्त करने वाले देशों में भारत नंबर 1 पर
दुनियाभर में रहने वाले प्रवासी करीब 222 लाख करोड़ रुपए कमाते हैं। इसका 15 फीसदी अपने घर भेजते हैं। यूएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 200 मिलियन (20 करोड़) प्रवासी दूसरे देशों में काम करते हैं। वे दूसरे देशों से जो एमाउंट अपने घर भेजते हैं, उससे करीब 800 मिलियन ( 80 करोड़) लोगों को सपोर्ट मिलता है।
इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेश की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के ज्यादातर प्रवासी खाड़ी देशों में काम करते हैं। इनमें से 90 फीसदी लो या सेमी स्किल्ड हैं। इनमें से ज्यादातर की नौकरी कोरोना महामारी की वजह से गई है।
रेमिटेंस सोर्स वाले टॉप देश
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका, सउदी अरब, रूस, यूएई. जर्मनी, कुवैत, फ्रांस, कतर, इंग्लैंड और इटली ये 10 ऐसे देश हैं, जहां से सबसे ज्यादा रेमिटेंस दूसरे देशों में भेजे जाते हैं।
जीडीपी में महत्वपूर्ण स्थान
रेमिटेंस किसी देश की जीडीपी में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, टॉप रेमिटेंस वाले देश अपनी जीडीपी का 10 फीसदी कवर करते हैं। 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की जीडीपी में रेमिटेंस का योगदान 2.9 फीसदी था। पाकिस्तान की जीडीपी 6.7 फीसदी, नेपाल की जीडीपी 28 फीसदी, बरमूडा की जीडीपी में 22 फीसदी, चीन की जीडीपी में 0.2 फीसदी योगदान रहा।
डोमेस्टिक रेमिटेंस में 80 फीसदी की कमी भारत में काम करने वाले प्रवासी हर साल करीब 2 लाख करोड़ रुपए रेमिटेंस के तौर पर अपने घरों में भेजते हैं। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट (अप्रैल 2020) के मुताबिक, कोरोना के कारण करीब 4 करोड़ प्रवासियों ने पलायन किया है। डोमेस्टिक रेमिटेंस में इस साल 80 % गिरावट का अनुमान है।
इकोनॉमी सर्वे 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 13 करोड़ प्रवासी दूसरे राज्यों में काम करने के लिए जाते हैं। इनमें बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी करीब 60 फीसदी रेमिटेंस के तौर पर घर भेजते हैं।
गरीबी, भूखमरी, अपराध और मानव तस्करी के मामले बढ़ेंगे
रेमिटेंस में कमी का असर लोगों के रोजमर्रा की जिंदगी पर तो पड़ेगा ही साथ ही इससे गरीबी, भुखमरी, अपराध, मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति बढ़ने का भी अनुमान है। क्योंकि रेमिटेंस भेजने वालों में ज्यादातर लोग गरीब वर्ग के होते हैं। नेपाल इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज थिंक-टैंक के विशेषज्ञ गुरुंग का मानना है, “बिना रेमिटेंस के इन परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब हो जाएगी और ये लोग गलत रास्तों पर चलने के लिए मजबूर हो जाएंगे।”
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इंस्टेंट लोन लेने से पहले जान लें ये जरुरी बातें,नही तो होगा बड़ा नुकसान
फाइनेंशियल वर्ल्ड बदल रहा है। बैंक प्रोसेस अब अधिक तेज और पेपरलेस हो गए हैं। वे दिन याद करें जब लोगों को सिर्फ पैसे जमा करने या निकालने के लिए लम्बी कतारों में खड़ा होना पड़ता था? और यदि आपको एक छोटा सा भी लोन चाहिए होता था तो कोई बता नहीं पाता था कि वह लोन मिलने में कितना समय लग सकता है। उसके बाद ATM और ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा मिली, और तब से काफी कुछ बदल गया है। अब, आपको तेजी से लोन मिल सकता है – पहले से मंजूर, बिना किसी कागजात के, और तत्काल।
इंस्टेंट लोन या तत्काल ऋण अब इतने लोकप्रिय हो गए हैं कि कई उधारकर्ता अब ट्रेडिशनल पर्सनल लोन से ज्यादा इसे महत्व देने लगे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इंस्टेंट लोन का उद्देश्य उधारकर्ताओं की परेशानी को कम करना और उधारदाता और उधारकर्ता दोनों का समय बचाना है। इंस्टेंट लोन चाहे कितना भी सुविधाजनक क्यों न हो, आपको यह जरूर मालूम होना चाहिए कि आप क्या करने जा रहे हैं। यहाँ इंस्टेंट लोन लेने से पहले विचार करने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताया जा रहा है।
आप इंस्टेंट लोन कैसे पा सकते हैं
अब आप घर, ऑफिस या कहीं से भी बैठे-बैठे इंस्टेंट लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं जो इंटरनेट से जुड़ा हो। आपको बस बैंक की वेबसाइट में जाना है, ऑनलाइन आवेदन फॉर्म खोलना है, विवरण भरना है, मांगे गए दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी अटैच करनी है, और आवेदन को जमा कर देना है। आवेदन की गई रकम और आपकी योग्यता के आधार पर बैंक जल्दी से यह फैसला करेगा कि आपका लोन मंजूर करना है या नहीं, और लोन मंजूर करने के बाद सीधे आपके बैंक अकाउंट में फंड ट्रांसफर कर देता है। आप एक प्री-अप्रूव्ड लोन और एक इंस्टेंट या पेपरलेस लोन को एक समान समझने की भूल कर सकते हैं। लेकिन दोनों में फर्क है। प्री-अप्रूव्ड लोन के मामले में, बैंक, ग्राहकों को लोन देने से पहले उनकी योग्यता की जांच करते हैं और उन्हें लोन देने का ऑफर करते हैं जो उसके लिए आवेदन कर भी सकते हैं और नहीं भी। इंस्टेंट लोन के मामले में, उधारकर्ता अपनी जरूरत के हिसाब से कभी भी लोन के लिए आवेदन कर सकता है और उधारदाता तुरंत ��सके फाइनेंशियल क्रेडेंशियल्स और योग्यता की जांच करता है और उसके बाद उसके आवेदन को स्वीकार या अस्वीकार करता है। इंस्टेंट लोन, आर्थिक संकट की घड़ी में काफी उपयोगी साबित होता है लेकिन इसे लेने से पहले आपको इससे जुड़े खर्चों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए।
सावधानी के साथ उधार लें
इंस्टेंट लोन आसानी से मिल जाता है। लेकिन यह सोचने की भूल न करें कि यह आसानी से मिल जाता है तो यह आसानी से चूकता भी हो जाएगा। हर आर्थिक संकट से निकलने के लिए बार-बार उधार लेने की आदत नहीं डालनी चाहिए। उधार बहुत सोच-समझकर और सिर्फ तभी लेना चाहिए जब पैसों का इंतजाम करने के लिए कोई दूसरा और सस्ता उपाय न हो। क्योंकि बार-बार इंस्टेंट लोन के लिए आवेदन करने पर उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर भी पड़ सकता है।
सस्ते विकल्पों की तलाश करें
इंस्टेंट लोन आसानी से और तुरंत मिल जाने के कारण यह आपको अन्य लोन विकल्पों पर विचार करने से रोक सकता है। उदाहरण के लिए, आपको बहुत कम ब्याज दर पर एजुकेशन लोन मिल सकता है। लेकिन, लोग जल्दी से लोन की रकम पाने के लिए, एजुकेशन लोन के सस्ते दर को नजरंदाज करते हुए, इंस्टेंट लोन का ब्याज दर अधिक होने के बावजूद, इंस्टेंट लोन ही लेते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए, हमेशा एक से अधिक विकल्पों पर नजर डालें और एक ऐसा लोन लें जो सबसे सस्ता भी हो और चुकाने में सबसे सुविधाजनक हो।
नियम एवं शर्तें अधिक सख्त हो सकती हैं
इंस्टेंट लोन की रकम का पूर्वभुगतान करने पर आपको फाइन देना पड़ सकता है। इंस्टेंट लोन की ब्याज दरें आम तौर पर एक सामान्य पर्सनल लोन से अधिक होती हैं। प्रोसेसिंग फीस पर भी ध्यान देना चाहिए।
आपकी उधार लेने की क्षमता घट सकती है
एक इंस्टेंट लोन एक असुरक्षित लोन है और यह आपकी उधार लेने की क्षमता को कम कर देती है जब तक आप उसे चुका नहीं देते। मान लीजिए, आप लोन लेकर घर खरीदना चाहते हैं लेकिन चूंकि आपने पहले से ही एक इंस्टेंट लोन ले रखा है और उसकी EMI भर रहे हैं, इसलिए आपकी लोन चुकाने की क्षमता उस हद तक कम हो जाएगी और आपको तब तक कोई बड़ा लोन नहीं मिल सकता जब तक मौजूदा इंस्टेंट लोन चुकता नहीं हो जाता। उदाहरण के लिए, आप हर महीने 50,000 रु. तक की EMI भर सकते हैं लेकिन आप एक इंस्टेंट लोन लेते हैं और उसके लिए आप हर महीने 20,000 रु. की EMI भरना शुरू करते हैं। इसलिए, एक नए लोन के लिए आपकी लोन चुकाने की क्षमता, उस इंस्टेंट लोन के पूरी तरह चुकता होने तक, घटकर लगभग 30,000 रु. प्रति माह हो जाएगी।
इंस्टेंट लोन का इस्तेमाल, आर्थिक संकट से निकलने के लिए अंतिम विकल्प के तौर पर करना चाहिए और जब पैसों का इंतजाम करने के लिए कोई दूसरा विकल्प बचा न हो। एक बार यह लोन ले लेने के बाद इसे बड़ी सावधानी के साथ हैंडल करना चाहिए और इसे जल्द से जल्द चुका देना चाहिए।
इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO हैं
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सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरंसी में ट्रेडिंग की इजाजत दी; आरबीआई ने दो साल पहले रोक लगाई थी
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सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरंसी में ट्रेडिंग की इजाजत दी; आरबीआई ने दो साल पहले रोक लगाई थी
आरबीआई ने अप्रैल 2018 में सर्कुलर जारी कर रोक लगाई थी
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इसे चुनौती दी थी
फरवरी 2018 तक देश में क्रिप्टोकरंसी के कारोबार में 50 लाख ट्रेडर और 24 एक्सचेंज सक्रिय थे
Dainik Bhaskar
Mar 05, 2020, 01:27 AM IST
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरंसी में ट्रेडिंग की इजाजत दे दी है। अदालत ने बुधवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) का दो साल पुराना सर्कुलर खारिज कर दिया। आरबीआई ने 6 अप्रैल 2018 को क्रिप्टोकरंसी से जुड़े लेन-देन पर रोक लगाई थी। उसने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिए थे कि क्रिप्टोकरंसी में डील नहीं करें और इसके लेन-देन के लिए कोई प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं करवाएं। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजेज की ओर से आरबीआई के सर्कुलर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। आईएएमएआई की दलील थी कि देश में ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत क्रिप्टोकरंसी पर बैन लागू होता हो। ऐसे में आरबीआई क्रिप्टोकरंसी से जुड़े ट्रांजैक्शन के लिए बैंकिंग चैनल के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगा सकता। आरबीआई का कहना था कि वह 2013 से ही क्रिप्टोकरंसी के खतरों के बारे में लोगों को बता रहा था। इस पर शुरुआत में ही रोक लगनी चाहिए ताकि, देश के पेमेंट सिस्टम पर कोई जोखिम नहीं आए। रिजर्व बैंक ने ये भी कहा था कि उसके पास क्रिप्टोकरंसी पर रोक लगाने का अधिकार है।
क्रिप्टोकरंसी क्या है? क्रिप्टोकरंसी डिजिटल करंसी होती है। ऑनलाइन माध्यम से दुनियाभर में इसका लेन-देन किया जा सकता है। इसे रेग्युलेट करने के लिए एनक्रिप्शन तकनीक इस्तेमाल की जाती है। इसे कोई केंद्रीय बैंक, ऋण संस्था या कोई ई-पैसा संस्थान जारी नहीं करता है। इस लिहाज से वर्चुअल करंसी एक तरीके का अनियंत्रित डिजिटल धन होता है। इसे बनाने वाले ही जारी करते हैं और नियंत्रित करते हैं। फरवरी 2018 तक भारत में क्रिप्टोकरंसी के कारोबार में 50 लाख ट्रेडर और 24 एक्सचेंज सक्रिय थे। दुनिया की कई रेग्युलेटरी संस्थाएं प्रमुख क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन में ट्रेडिंग के खिलाफ चेतावनी दे चुकी हैं, जबकि कुछ देश इसके समर्थन में हैं। 2017 में जापान ने बिटकॉइन को वैध करंसी का दर्जा दिया था।
क्रिप्टोकरंसी कैसे खरीद सकते हैं? क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजेज वेबसाइट के जरिए इनकी खरीद की जा सकती है। इसके लिए पहले एक्सचेंज पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। फिर बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड के जरिए भुगतान कर क्रिप्टोकरंसी की यूनिट खरीद सकते हैं। ग्राहक को अपने देश के नियम-कानून ध्यान में रखने होते हैं। अलग-अलग एक्सचेंज कमीशन के रूप में कुछ चार्ज लेते हैं। ग्राहक क्रिप्टोकरंसी को ऑनलाइन वॉलेट में रख सकते हैं।
क्रिप्टोकरंसी कहां से खरीद सकते हैं? यूनोकॉइन: भारत���य ग्राहक ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए भुगतान कर क्रिप्टोकरंसी खरीद सकते हैं। कॉइनमामा: ज्यादातर देशों के क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड धारक यहां से क्रिप्टोकरंसी की यूनिट खरीद सकते हैं। लोकलबिटकॉइन: कैश डिपॉजिट के जरिए करंसी खरीदने की सुविधा मिलती है। बिटकॉइन एटीएम: कैश देकर बिटकॉइन खरीद सकते हैं। सुविधाजनक और प्राइवेसी होने की वजह से इस माध्यम से क्रिप्टोकरंसी खरीद पर फीस ज्यादा लगती है।
क्रिप्टोकरंसी में ट्रेडिंग करने वालों को 10 साल जेल की सिफारिश की गई थी क्रिप्टोकरंसी पर एक इंटर-मिनिस्ट्रियल कमेटी ने पिछले साल वित्त मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी थी। कमेटी ने सरकार से बैनिंग ऑफ क्रिप्टोकरंसी एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करंसी बिल 2019 लाने की सिफारिश की थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में डिजिटल करंसी लॉन्च करने की भी सिफारिश की थी। कमेटी ने कहा था कि भारतीय उपभोक्ताओं को क्रिप्टोकरंसी या बिटकॉइन से सुरक्षित करना होगा, क्योंकि इसके जरिए कई उपभोक्ताओं को ठगा जा चुका है। रिपोर्ट में यह सिफारिश भी की गई कि क्रिप्टोकरंसी से जुड़ा हर काम अपराध कहलाए। क्रिप्टोकरंसी बेचने-खरीदने या रखने से लेकर इससे जुड़ी किसी भी गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर एक से दस साल तक की जेल होनी चाहिए। साथ ही, लाखों रुपए का जुर्माना भी लगाया जाए।
बिटकॉइन में इस साल 50% तेजी दुनिया में बिटकॉइन सबसे ज्यादा चलने वाली और वैल्यू वाली क्रिप्टोकरंसी है। इस साल इसमें 50% तेजी आ चुकी है। अक्टूबर 2019 के बाद पहली बार बिटकॉइन पिछले दिनों 10,000 डॉलर (7.30 लाख रुपए) पर पहुंचा था। मौजूदा वैल्यू 8,793 डॉलर (6.42 लाख रुपए) है। दूसरी क्रिप्टोकरंसी में भी इस साल तेजी बनी हुई है। इथेरियम की वैल्यू दोगुनी हो चुकी है और रिपल की एक्सआरपी में 75% तेजी आ चुकी है।
बिटकॉइन 35 दिन में साढ़े तीन गुना बढ़ा था इस करंसी को वर्चुअल वर्ल्ड में सातोशी नाकामोतो समूह लाया था। उसने 2009 में बिटकॉइन की शुरुआत की थी। इसकी खरीद-बिक्री सिर्फ ऑनलाइन की जा सकती है। बिटकॉइन के 11 साल के इतिहास में भारी उतार-चढ़ाव आए। 2017 के आखिर में सिर्फ 35 दिन में इसकी वैल्यू साढ़े तीन गुना बढ़कर करीब 20,000 डॉलर पर पहुंच गई थी। इसके बाद सात हफ्ते में 70% गिरावट आई थी। इतनी अस्थिरता होने की वजह से ही यह सवाल उठते रहे हैं कि इसमें ट्रेडिंग की इजाजत दी जानी चाहिए या नहीं।
क्रिप्टोकरंसी की खूबियां यह एक डिजिटल करेंसी है जिसे आप किसी भी देश में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी वैल्यू सभी देशों में बराबर होती है क्योंकि, इस पर किसी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता। क्रिप्टोकरंसी किसी देश की करंसी नहीं है, इसलिए इस पर किसी भी देश की आर्थिक स्थिति का कोई असर नहीं पड़ता।
क्रिप्टोकरंसी की कमियां बिटकॉइन एक डिजिटल करंसी है और इस पर किसी भी देश की सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसलिए इसकी ��ैल्यू में तेज उतार-चढ़ाव से निवेशकों को बहुत ज्यादा फायदा या नुकसान भी हो सकता है। इसका दुरुपयोग भी हो सकता है। हथियार या ड्रग खरीदने में क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल हो सकता है।
फेसबुक भी अपनी डिजिटल करंसी लॉन्च करने की योजना बना रही फेसबुक की इसी साल क्रिप्टोकरंसी लिब्रा लॉन्च करने की योजना है। फेसबुक लिब्रा के साथ कई फाइनेंशियल सर्विसेज भी देना चाहती है। ताकि, इन सर्विसेज के लिए लिब्रा में भुगतान किया जा सके। इनमें फंड ट्रांसफर, बिल पेमेंट, फोन रिचार्ज जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।
क्रिप्टोकरेंसी की कहानी क्या है? िकतना मार्केट कैप है? कौन-कौन सी क्रिप्टोकरेंसी माक्रेट में हैं? सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को क्रिप्टो करेंसी के लिए राहत भरा फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर आरबीआई द्वारा लगाया गए प्रतिबंध को रद्द कर दिया। इसके साथ ही बैंक और वित्तीय संस्थान फिर से क्रिप्टो करेंसी संबंधी सेवाएं प्रदान कर सकेंगे। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने साल 2018 के भारतीय रिज़र्व बैंक के सर्कुलर पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की थी। रिज़र्व बैंक ने विनियमित संस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार नहीं करने के लिए निर्देश जारी किए थे। क्या है क्रिप्टो करेंसी – हर देश की अपनी एक करेंसी यानी मुद्रा होती है। जैसे भारत का रुपया, अमेरिका का डॉलर, सउदी अरब का रियाल। यह भैतिक मुद्राएं होती हैं। इन्हें फिजिकल या भौतिक रुप से आप लेकर कहीं जा सकते हैं, छू सकते हैं या देख सकते हैं। किसी देश में नियमों के अनुसार यूज कर सकते हैं। क्रिप्टो करेंसी इससे एकदम अलग है। यह एक डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है। जिसका कोई भौतिक स्वरुप नही होता। यह इंटरनेट पर वर्चुअल रुप में मौजूद होता है। जिससे एक दूसरे को पेमेंट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बिटक्वाइन को कोई सरकार या सरकारी बैंक नहीं छापते। बल्कि दुनिया भर में एक दूसरे से जुड़े कम्प्यूटर इसकी माइनिंग करते हैं। इस प्रक्रिया को क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग कहते हैं। माइक्रोसॉफ़्ट जैसी बड़ी कंपनियां बिटक्वाइन में भी लेन-देन करती हैं। इन सब प्लैटफ़ॉर्म पर यह एक वर्चुअल टोकन की तरह काम करता है। दुनिया भर में कितनी क्रिप्टो करेंसी प्रचलन में – दुनिया भर में बिटक्वाइन, एथेरियम और कार्डनो जैसी करीब लगभग 2,957 क्रिप्टोकरेंसी प्रचलन में है। याहू फाइनेंस के मुताबिक अक्टूबर 2019 तक इन ट्रेड कर रही करेंसियो का मार्केट कैप 16.25 लाख करोड़ रुपए (221 बिलियन डॉलर) था। शीर्ष 10 क्रिप्टो करेंसी कुल मार्केट वैल्यू का लगभग 85 फीसदी रिप्रजेंट करती हैं। शीर्ष 10 क्रिप्टोकरेंसी और उनका मार्केट कैप – दुनिया की डॉप टेन क्रिप्टो करेंसी का मार्केट वैल्यू 8 अक्टूबर 2019 तक 14.25 लाख करोड़ रुपए (194 बिलियन डॉलर) था। करेंसी – मार्केट कैप – मार्केट कैप रुपए बिटक्वाइन �� 147.3 बिलियन डॉलर- 10.82 लाख करोड़ एथेरियम – 19.4 बिलियन डॉलर- 1.42 लाख करोड़ रुपए एक्सआरपी – 11.7 बिलियन डॉलर- 86 बजार करोड़ रुपए बिटक्वाइन कैश- 4.1 बिलियन डॉलर – 30 हजार करोड़ रुपए टेथर- 4.1 बिलियन डॉलर – 30 हजार करोड़ रुपए लिटक्वाइन – 3.6 बिलियन डॉलर- 26.46 हजार करोड़ ईओएस- 2.9 बिलियन डॉलर- 21.31 हजार करोड़ रुपए वाइनेंस क्वाइन – 2.4 बिलियन डॉलर 17.64 हजार करोड़ रुपए बिटक्वाइन एसवी – 1.5 बिलियन डॉलर- 11 हजार करोड़ रुपए स्टेलर – 1.2 बिलियन डॉलर- 8.82 लाख करोड़ रुपए
चर्चा में क्यों – सबसे ज्यादा प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन में तेजी से बढ़ते मुनाफे ने दुनिया भर का अपनी तरफ ध्यान खींचा। हालांकि इसमें अस्थिरता बहुत ज्यादा है। 2013 के अप्रैल में बिटक्वाइन की क़ीमत एक ही रात में 70 फ़ीसदी गिरकर 233 डॉलर से 67 डॉलर पर आ गई थी। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नोटबंदी और कैशलेस इकोनॉमी की बात के बाद भारत में भी इस पर तेजी से चर्चा शुरू हो गई। हालांकि इसको नियत्रित करना मुश्किल है। इसी को देखते हुए आरबीआई ने 2017 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। विवादों का नाता पुराना- क्रिप्टोकरेंसी का विवादों से पुराना नाता रहा है। अमरीकी शेयर बाज़ार वॉल स्ट्रीट भी इसपर चिंता जता चुका है। किसी सरकार या संस्था का इस नियंत्रण न होना इसकी एक बड़ी समस्या मानी जाती है। इसकी कीमतों में भारी उतार चढ़ाव रहता है। इस करेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स सप्लाई और हथियारों की अवैध ख़रीद-फ़रोख्त जैसे अवैध कामों के लिए किया जा सकता है। पिछले साल अमेरिका में कुछ हैकरों ने कई सरकारी वेबसाइटों को हैक कर लिया था। बदले में हैकरों ने बिटक्वाइन में पेमेंट मांगा। इस लेन-देन को ट्रेस करना आसान नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में बहुत ज्यादा बिजली खर्च होती है। इसको लेकर पर्यावरणविद भी इस पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। फेसबुक भी अपनी क्रिप्टोकरेंसी लिब्रा लाने के लिए अमरिकी सरकार से लंबे समय से अनुमति मांग रहा। अमेरिकी संसद इस पर दोफाड़ है। अभी तक जकरबर्ग को इसकी अनुमति नहीं मिली है।
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लखनऊ/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर मेडिकल यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी। मोदी ने कहा- अटल यूनिवर्सिटी यूपी में मेडिकल की पढ़ाई को समग्रता और सम्पूर्णता देगी। पाठ्यक्रम से परीक्षा तक इसमें एकरूपता होगी।
मेडिकल कॉलेज हो, डेंटल कॉलेज हो, पैरामेडिकल कॉलेज हो, नर्सिंग हो, चिकित्सा से जुड़े हर कोर्स को यह विश्वविद्यालय आगे बढ़ाएगा। सरकारी, निजी सभी संस्थानों का एफलिएशन इसी विश्वविद्यालय से होगा। इस विश्वविद्यालय के बनने से यूपी की चिकित्सा शिक्षा में और सुधार आएगा।
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में उनकी 25 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। अष्टधातु से बनी यह अटलजी की सबसे ऊंची प्रतिमा है। नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए लखनऊ में मोबाइल इंटरनेट बंद किया गया है। अटलजी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था।
हर कोई साइड इफेक्ट से बचना चाहता है। आयुर्वेद बहुत बड़ी भूमिका इसमें निभाता है। प्रिवेंटिव हेल्थ केयर के लिए हम जितना जोर देंगे, उतना ही हेल्थ सेक्टर के लिए चिंताएं कम होती जाती हैं। देश के ग्रामीण इलाकों में सवा लाख से ज्यादा वेलनेस सेंटर का निर्माण इसी प्रिवेंटिव हेल्थकेयर की कड़ी हैं।
देश के हेल्थ सेक्टर के विकास के लिए हमारा विजन और डायरेक्शन पहले दिन से स्पष्ट रहा है। स्वास्थ्य के साथ-साथ सुविधाओं में सुधार पर हमने ध्यान केंद्रित किया है।
दिल्ली में अटल भूजल योजना की शुरुआत की: मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले दिल्ली में अटल भूजल योजना की शुरुआत की। इस योजना से सात राज्यों के 8350 गांवों को फायदा होगा। वहीं, मनाली को लेह से जोड़ने वाली सुरंग को आज से अटल टनल के नाम से जाना जाएगा। इससे पहले मोदी ने बुधवार को ‘सदैव अटल’ पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत कई नेताओं ने समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।
मोदी ने कहा, ‘‘अटल जल योजना हो या फिर जलजीवन मिशन से जुड़ी गाइडलाइन, यह 2024 तक देश के हर घर तक जल पहुंचाने के संकल्प को पूरा करने का बड़ा कदम है। पानी ही घर, खेत और उद्योग सबको प्रभावित करता है। पानी के स्रोतों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। यह हम सब के लिए चिंता का विषय है। हम सब को मिलकर इस संकट से निपटने के लिए काम करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उपलब्ध पानी के सही संचयन और वितरण पर ध्यान दिया है। पानी की हर बूंद का इस्तेमाल सुनिश्चित किया। पहले पानी के प्रबंधन से जुड़ा काम अलग-अलग विभागों में बंटा हुआ था। इस वजह से कहीं केंद्र और राज्य सरकारों में विवाद बना रहता था। जलशक्ति मंत्रालय ने इस खांचों में बंटी व्यवस्था को दुरुस्त किया।’’
मोदी ने कहा, ‘‘जहां तक संभव हो रिसाइकल पानी का इस्तेमाल हो। टॉयलेट कैसा हो, फ्लश में कितना पानी जाए, यह ध्यान में रखना होगा। यह सब स्टार्टअप वाले कर सकते हैं। मुझे भरोसा है कि इससे ऐसी व्यवस्था विकसित होगी, जिससे कम से कम पानी इस्तेमाल होगा। सबसे ज्यादा पानी का उपयोग हमारे यहां खेती में होता है। खेती के पुराने तरीके से बहुत सा पानी बर्बाद हो जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे यहां ��ोच बनी हुई है कि बाल्टीभर पानी से नहाएं न तो लगता नहीं कि नहाए हैं। ऐसे ही किसानों को लगता है कि जब तक खेत लबालब नहीं भरा हो तो खेती ठीक नहीं है। पानी जमीन के लिए है या पौधे के लिए, यह समझ ही नहीं है। यह किसान का भी दोष नहीं है। हमने उस तक सही बात पहुंचाई ही नहीं है।’’
क्या है अटल भूजल योजना योजना से उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र और राजस्थान को फायदा होगा। 6 हजार करोड़ की योजना को मंगलवार को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। इसमें 3 हजार करोड़ वर्ल्ड बैंक और 3 हजार करोड़ केंद्र सरकार देगी। केंद्र ने यह फैसला किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लिया है। योजना में पानी के सही इस्तेमाल, ज�� सुरक्षा और जल बजट पर जोर दिया जाएगा।
‘पानी बहुत नीचे चला गया’ मोदी ने कहा कि पंजाब में कभी कहा जाता था कि पानी बहुत ऊपर है, इसलिए फसल को नुकसान हो रहा है। आज कहा जाता है कि भूजल इतना नीचे चला गया है कि फसलों को नुकसान हो रहा है। देश का प्रधानमंत्री और जलशक्ति मंत्री ऐसे इलाके से आ रहे हैं, जो यह जन्म से जानते हैं कि पानी की मुसीबत क्या होती है। हमने इस दर्द को देखा है, झेला है। इसलिए मिशन मोड पर काम करने का मिजाज भी है।’
जयपुर में तैयार की गई अटल प्रतिमा अटल बिहारी वाजपेयी की अष्टधातु की यह प्रतिमा 4000 किलो वजनी है। इसकी लागत 89 लाख रुपए है। उप्र के संस्कृति विभाग के डिप्टी डायरेक्टर वाईपी सिंह ने बताया कि प्रतिमा में 90% से ज्यादा तांबे का प्रयोग किया गया है। राजस्थान के जयपुर में प्रतिमा को तैयार किया गया है।
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"हमारा देश खतरे में है, प्लीज इसको बचा लीजिये"
"हमारा देश खतरे में है, प्लीज इसको बचा लीजिये"
अंग्रेजी में एक कहावत है, “किसी भूखे को एक मछली दे दो, वो उस दिन भूखा नहीं सोएगा. उसी भूखे को मछली पकड़ना सिखा दो, वो कभी भूखा नहीं सोएगा”
70 साल के कांग्रेस राज में, हमेशा पहला वाला सिद्धांत ही लागू किया गया. जब भी वोट की जरुरत पड़ी, भूखे को मछली दे दी गयी, उसने वोट दिया और उसके बाद वो भूखा अगले चुनाव तक भूखा ही सोया. प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरा सिद्धांत अपनाया. हर गरीब को घर देने पर काम किया, शौचालय दिए, गैस दिया, मुद्रा योजना से स्वरोजगार और आत्मविश्वास से जीने को प्रोत्साहित किया. नतीजा ये हुआ कि पहली बार अब भारत में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों में भारी कमी आई और हमारा देश अब दुनिया में सबसे ज्यादा गरीबों वाला देश नहीं रह गया है. ये बात वर्ल्ड बैंक की संस्था ब्रूकिंग्स इंटरनेशनल ने बतायी है.
इस तरह के काम करने के कारण कांग्रेस को अपना भविष्य हमेशा के लिए ख़तम होता नज़र आया और अब, राहुल गाँधी अपनी प्रधानमंत्री बनने की जिद के कारण एक ऐसा वादा लेकर आये हैं जिससे वो चुनाव तो जीत सकते हैं, लेकिन देश बर्बाद हो जाएगा. 5 करोड़ गरीब परिवारों को सम्मान से जीना सिखाने की जगह वो उनको सालाना 72000 रुपये देंगे. इसक�� देश पर आर्थिक बोझ करीब 3.6 लाख करोड़ सालाना पड़ेगा जो कि हमारे रक्षा बजट से भी ज्यादा है. ये हमारे देश के स्वास्थ्य बजट से ज्यादा है. ये हमारे देश के शिक्षा बजट से ज्यादा है. ये हमारे देश के सालाना बजट का 14% है.
इतना ही नहीं, ये स्कीम दुनिया के बहुत सारे देशों में लगाने की कोशिश की गयी और हर जगह ये फेल ही हुई है क्योंकि हर किसी को ये समझ आ गया कि इस स्कीम के कारण उनका देश बर्बाद हो जाएगा.
अब आप ज़रा सोचिये, ये स्कीम अगर लग गयी तो क्या होगा? 1. जो गरीब आज काम करके मुख्य धारा में शामिल होना चाहता है, वो काम ही नहीं करेगा क्योंकि घर बैठे ही पैसे मिलेंगे 2. हम जैसे टैक्स भरने वालों पर टैक्स का बोझ बढाया जाएगा. हम मेहनत करते हैं. ईमानदारी से टैक्स भरते हैं ताकि अपने परिवार, अपने बच्चों, और अपने देश, हर किसी के लिए कुछ ना कुछ करें. इस स्कीम के कारण हम बर्बाद हो जाएँगे. मतलब, इससे ये होगा कि इस देश में हर कोई धीरे धीरे एक बराबर हो जाएगा, हर कोई गरीब हो जाएगा 3. हम देश में लोगों को स्वास्थ्य सेवा ठीक से नहीं दे पाएँगे 4. हम देश में लोगों को शिक्षा सेवा ठीक से नहीं दे पाएँगे 5. हम देश की रक्षा करने के लिए हथियार नहीं खरीद पाएँगे और ना ही बना पाएँगे. 6. मजदूरों की कमी के कारण देश का विकास नहीं हो पाएगा. सड़क, बिल्डिंग, पुल, रेलवे, कोई काम नहीं हो पाएगा 7. ......और सबसे बड़ी बात, इस देश में महंगाई सुरसा के मुंह की तरह बढ़ जाएगी जिसको हम बर्दाश्त नहीं कर पाएँगे
जब विकास नहीं होगा, जीडीपी गिर जाएगी और महंगाई बढ़ जाएगी तो आप खुद सोचिये, क्या ये देश बर्बाद नहीं हो जाएगा?
मैं ये सब आप लोगों को डराने के लिए नहीं कह रहा हूँ. ये असल में हुआ है. मुझे बताने की जरुरत नहीं है कि कैसे मनमोहन सरकार में महंगाई दर 12% से ज्यादा पहुँच गयी थी. मुझे बताने की जरुरत नहीं है कि कैसे मनमोहन सरकार में देश के पास अपनी रक्षा करने के लिए हथियार खरीदने के पैसे नहीं थे. इनके परिवार की नीतियों के कारण देश को अपना सोना गिरवी रखने की नौबत आ गयी थी. अब क्या देश को बेचने की तैयारी है?
सबसे बड़ी बात, इस तरह की स्कीम लगाने के कारण दुनिया का एक देश पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. उस देश का नाम है वेनेज़ुएला. आज वेनेज़ुएला में वहां की मुद्रा कूड़े के भाव में है. एक किलो चिकन का दाम करीब 98 लाख बोलिवार (वेनेज़ुएला की मुद्रा) है. देखिये
गूगल करिए और देखिये आज वेनेज़ुएला की आर्थिक हालत कैसी है? गूगल करिए और देखिये कि आज से 10 साल पहले वेनेज़ुएला कितना संपन्न देश था. वहां की महंगाई दर 10 लाख% है।
एक झूठ जो राहुल गाँधी हर जगह फैलाते हैं, और जिसको आधार बना कर वो देश को बर्बाद करने वाली ये स्कीम लेकर आये हैं, वो ये है कि इस सरकार ने 15 सबसे अमीर लोगों का 3.5 लाख करोड़ माफ़ कर दिया है. वो बहुत धूर्त तरीके से आप सबसे ये ��ुपा लेते हैं कि वो क़र्ज़ माफ़ी नहीं है. उसको बैंकिंग की भाषा में राइट-ऑफ कहते हैं. ऐसा हर साल होता है क्योंकि बैंकों को अपनी बैलेंस शीट में प्रबंधन करना पड़ता है. सालों से ये होता आया है. इसका मतलब ये नहीं है कि उन लोगों से कर्जा का पैसा वापस नहीं वसूला जाएगा. क़र्ज़ वसूली की प्रक्रिया चलती रहती है और क़र्ज़ का पैसा वसूला जाता रहता है. क्या आप जानते हैं, मनमोहन सरकार ने 9 साल में 36 लाख करोड़ राइट ऑफ किया था?
मैं कोई नेता नहीं हूँ, इसलिए झूठ नहीं बोलता। फिर से कह रहा हूं, ये कर्जमाफी नहीं है, ये राइट ऑफ है जो मनमोहन सिंह ने 9 साल में 36 लाख करोड़ और मोदी सरकार ने 5 साल में 3.5 लाख करोड़ किया। किसने ज्यादा राइट ऑफ किये? अब इसको मुद्दा बना कर कांग्रेस देश को बर्बाद करने की तैयारी कर रही क्योंकि एक आदमी को प्रधानमंत्री बनना है।
खुद पैसा कमाने की ललक और हमेशा सत्ता में रहने की भूख के चलते इस गाँधी परिवार ने देश को वहां कभी पहुँचने ही नहीं दिया जहाँ हम बहुत पहले पहुँच जाते. जापान और जर्मनी दुसरे विश्व युद्ध के चलते बर्बाद हो गए थे. आज सबसे समृद्ध देशों में गिने जाते हैं. हम भी तो तभी आज़ाद हुए थे न? हम वहां क्यों नहीं पहुँच पाए? कभी सोचा है? और अब, इस स्कीम के कारण ये देश पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा क्योंकि एक आदमी को प्रधानमंत्री बनना है.
आज आप सबको ये सोचना है, कि क्या एक इंसान की प्रधानमंत्री बनने की सनक के चलते हम अपना देश बर्बाद होने देंगे?
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गर्मी का महीना...वाटर कूलर की मोटर और पसीना छूटना, देखें दीपेंद्र हुड्डा ने संसद में कैसे मोदी सरकार पर कसा तंज Divya Sandesh
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गर्मी का महीना...वाटर कूलर की मोटर और पसीना छूटना, देखें दीपेंद्र हुड्डा ने संसद में कैसे मोदी सरकार पर कसा तंज
नई दिल्ली दीपेंद्र हुड्डा ने आर्थिक नीतियों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की। कांग्रेस सांसद ने कहा, हमारा मानना है कि सरकार की गलत आर्थिक नीतियों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी से पहले ही पटरी से उतरने लगी थी। बजट या वित्त विधेयक में बजट में इसे पटरी पर लाने की कोई योजना नहीं है। अर्थव्यवस्था की स्थिति और सरकार की हालत पर तंज कसते हुए हुड्डा ने कहा कि गर्मी के महीने में नौसिखिया मिस्त्री , जैसे किसी के घर में वाटर कूलर लगा हो, उसकी आकर मोटर खोल दे, मगर उसको मोटर बांधना ना आए और उसके पसीने छूट जाएं। ऐसे ही आपको (केंद्र को) भी समझ में नहीं आ रहा है कि अब क्या करें।
दुनिया भर से सबसे अधिक टैक्स ले रहे हैं टैक्सेशन पॉलिसी पर बोलते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने गोस्वामी तुलसीदास के रामायण का जिक्र किया। बरसत हरसत सब लखें, करसत लखे न कोय। तुलसी प्रजा सुभाग से, भूप भानु सो होय’। इसका अर्थ है राजा को कर ऐसे लेना चाहिए कि जनता को पता नहीं चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां इसके उलट हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को जब लेना होता है तो ऐसे लेते हैं कि जेब पर भारी चोट पड़ती है। ऐसा कि जिससे वर्ल्ड रिकॉर्ड बन जाते हैं। जैसे डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस के ऊपर दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स आप ले रहे हैं। जब देना होता है तो ऐसे देते हैं जैसे आप��े कोरोना में 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया। आज तक उस पैकेज का क्या हुआ? किस घर में कितना पहुंचा पता ही नहीं चला।
पिछली आठ तिमाही में लगातार गिरती गई जीडीपी दर मार्च 2018 से मार्च 2020 तक की आठ तिमाही देखें तो हर तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर घटती गई। ये 8 परसेंट से घटकर तीन परसेंट तक आ गई। कांग्रेस सांसद ने यूपीए सरकार के दौरान की जीडीपी रेट की तुलना एनडीए सरकार के कार्यकाल से की। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत पहले से ही खराब थी लेकिन सरकार ने अपनी विफलताओं को कोरोना के माथे पर चिपकाने का विफल प्रयास किया। कांग्रेस सांसद ने कोरोना काल के दौरान बेरोजगारी बढ़ने, छोटे व मझोले उद्योग धंधे बंद होने, अमीर और गरीब बीच खाई बढ़ने, अमीरों की संपत्ति में 35 फीसदी वृद्धि संबंधी आंकड़ों से भी सरकार को निशाने पर लिया।
यूपीए की तुलना में तीन मोर्चे पर एनडीए पूरी तरह से विफल हुड्डा ने कहा कि अर्थव्यवस्था की कुर्सी के चार पैर होते हैं। सांसद ने खपत या डिमांड, निवेश, एक्सपोर्ट और सरकारी खर्च को अर्थव्यवस्था रूपी कुर्सी के चार पैर बताए। निवेश दर की बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह यूपीए शासन काल में 14 प्रतिशत थी जो एनडीए सरकार में महज दो फीसदी पर सिमट कर रह गई। क्रेडिट एवं बैंक लोन को निवेश का जरिया बताते हुए कहा कि इसमें भी यूपीए की तुलना में एनडीए सरकार में कमी दर्ज की गई। प्राइवेट कंजम्पशन ग्रोथ (डिमांड) को लेकर हुड्डा ने कहा कि यूपीए के समय यह प्रतिवर्ष 24 प्रतिशत थी, यह अब घटकर 9 प्रतिशत रह गई है। एक्सपोर्ट ग्रोथ रेट 2004 से 2014 तक 21 परसेंट थी, जो एनडीए शासनकाल में 2014 से 2020 तक महज 3 प्रतिशत रह गई है।
केंद्र के मिसमैनेजमेंट से आईसीयू में पहुंची अर्थव्यवस्था कांग्रेस सांसद ने एक बार फिर से एनडीए सरकार की तरफ से नोटबंदी और जीएसटी लागू करने को लेकर निशाने पर लिया। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जब सरकार ने नोटबंदी लागू कि उससे अर्थव्यवस्था पूरी तरह से हिल गई। वहीं जीएसटी को जिस तरह से लागू किया गया उससे अर्थव्यवस्था की कमर टूट गई। इसके बार कोरोना के दौरान सरकार के मिसमैनेजमेंट ने अर्थव्यवस्था को आज पूरी तरह से आईसीयू में पहुंचा दिया। अर्थव्यवस्था 23 फीसदी तक लुढ़क गई। दीपेंद्र हुड्डा ने अर्थव्यवस्था की मंदी को लेकर नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बैनर्जी, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मणयन और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के बयानों का भी उल्लेख किया।
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कंगना और रिया से जुड़े घटनाक्रमों के बीच आम आदमी, देश की सुरक्षा और बिजनेस वर्ल्ड से भी खबरें आ रही हैं। इन्हें सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं और शुरू करते हैं आज का मॉर्निंग न्यूज़ ब्रीफ...
आज इन 3 इवेंट्स पर नजर रहेगी 1. सुशांत की मौत से जुड़े ड्रग्स केस में गिरफ्तार रिया चक्रवर्ती की दूसरी जमानत अर्जी पर मुंबई की सेशन कोर्ट फैसला सुना सकती है। 2. राज्यों में स्टार्टअप्स के लिए माहौल कितना बेहतर है, ��ह बताने के लिए केंद्र सरकार स्टेट्स स्टार्टअप्स इकोसिस्टम रैंकिंग जारी करेगी। 3. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी शुक्रवार को जेईई मैन्स का रिजल्ट घोषित कर सकती है। शिक्षा मंत्री पोखरियाल ने कहा है कि तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
अब कल की 7 महत्वपूर्ण खबरें 1. आम आदमी को राहत, मोराटोरियम बढ़ा लोन मोराटोरियम यानी किश्तें चुकाने में मिलने वाली मोहलत को सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर तक बढ़ा दिया है। साथ ही, केंद्र सरकार से कहा है कि इस अवधि तक बैंक किसी भी लोन की किश्त न चुकाने पर उसे नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) घोषित न करें। -पढ़ें पूरी खबर
2. लद्दाख में चीन पर हावी भारत भारतीय सेना ने पैंगॉन्ग त्सो लेक के पास फिंगर 4 की कई चोटियों पर कब्जा कर लिया है। इस इलाके पर हाल के दिनों तक चीन हावी था। भारत ने अगस्त के आखिर में ही ऊंचाई वाले इलाकों पर दबदबा जमाने के लिए झील के आसपास ऑपरेशन शुरू कर दिया था। -पढ़ें पूरी खबर
3. कंगना के निशाने पर उद्धव कंगना रनोट गुरुवार को पाली हिल्स स्थित अपना टूटा दफ्तर देखने पहुंचीं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर उन्होंने लगातार दूसरे दिन हमला बोला। कहा- ‘कब तक इस सच्चाई से भागोगे कि तुम कुछ नहीं हो, सिर्फ वंशवाद का नमूना हो।’ इस बीच, बीएमसी की तोड़फोड़ के खिलाफ कंगना की अर्जी पर हाईकोर्ट में सुनवाई 22 सितंबर तक टल गई है। -पढ़ें पूरी खबर
4. रिलायंस ने रचा इतिहास घरेलू शेयर बाजार में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इतिहास रच दिया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज 200 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गई। गुरुवार को कंपनी का मार्केट कैप 15.25 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। रिलायंस भारत की इकलौती कंपनी है, जिसने यह मुकाम हासिल किया है। बीते 60 दिन में कंपनी का मार्केट कैप रोजाना औसतन 7300 करोड़ रुपए बढ़ा है। -पढ़ें पूरी खबर
5. स्पेशल फोर्स के शहीद के घर से रिपोर्ट टूटू रेजिमेंट कहलाने वाली भारतीय सेना की इस स्पेशल फोर्स की शहादत को पहली बार आम लोगों के बीच तब पहचान मिली, जब नीमा तेनजिन शहीद हुए। भास्कर जब शहीद के घर पहुंचा तो बेटे ने बताया कि एक दिन पहले पापा ने फोन पर कहा था कि चुशूल में मेरी जान को खतरा है। मेरे लिए पूजा करना। रात 3 बजे उनकी शहादत की खबर आई। -पढ़ें पूरी खबर
6. राफेल वायुसेना को मिले फ्रांस से 29 जुलाई को भारत आए 5 राफेल फाइटर जेट वायुसेना में शामिल कर लिए गए। इस मौके पर दो बयान सुर्खियों में रहे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "राफेल का शामिल होना खासकर उनके लिए कड़ा संदेश है, जो हमारे हक पर नजर डाल रहे हैं।" वहीं, वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा, "राफेल को शामिल करने का इससे अच्छा समय नहीं हो सकता था।" -पढ़ें पूरी खबर
7. क्या होता है जब आप गूगल पर आत्महत्या टाइप करते हैं जब आप सर्च इंजन गूगल पर आत्महत्या शब्द को सर्च करते हैं तो आपकी स्क्रीन पर फोन नंबर 9152987821 चमकता है। ये नंबर मुम्बई के एनजीओ iCALL के कॉल सेंटर का है। यहां 25 प्रोफेशनल मेंटल हेल्थ काउंसलर अलग-अलग शिफ्ट में काम करते हैं। -पढ़ें पूरी खबर
अब 11 सितंबर का इतिहास 1895: आचार्य विनोबा भावे का जन्म हुआ था। 1906: दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होने के खिलाफ महात्मा गांधी ने सत्याग्रह किया। 1965: पाकिस्तान से जंग के दौरान भारतीय सेना ने लाहौर के पास बुर्की शहर पर कब्जा किया। 2001: न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर इतिहास का सबसे बड़ा हमला हुआ। 70 देशों के करीब 3000 लोग मारे गए।
1893 में आज ही के दिन शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन हुआ। इसमें स्वामी विवेकानंद ने द���निया को भारत के बारे में जगा देने वाला भाषण दिया। पढ़िए, उसी भाषण का एक अंश...
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Relief to common man in case of loan, India dominates China in Ladakh and Reliance created history
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सीएम योगी के एक्शन में आने से मंत्री-अधिकारियों के छूट रहे हैं पसीने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले पांच दिनों से बदले-बदले नजर आ रहे हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशान नेता और अफसर नजर आ रहे हैं. कोई कुछ भी समझ नहीं पा रहा है, लेकिन सब इसका जवाब अपने हिसाब से ढूंढ रहे हैं कि आखिर सीएम योगी को अचानक क्या हो गया है क्योंकि हर चीज पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं और साथ ही अधिकारियों और मंत्रियों की जमकर क्लास लगा रहे हैं. चुनाव प्रचार से फुरसत मिलते ही लगा दी क्लास सीएम योगी ने पहले तो पुलिस अफसरों की और उसके बाद आईएएस अधिकारियों की क्लास लगाई. वहीं उसके बाद मंगलवार को अपने राज्य मंत्रियों को बुलाकर उन्हें सुधर जाने की चेतावनी दी. साथ ही योगी ने कैबिनेट मंत्रियों को भी कहा कि वो काम में मन लगाए. योगी ने अफसरों से लेकर मंत्रियों से कहा कि 'मैं सब जानता हूं, आप क्या करते हैं और मुझे आपके बारे में एक-एक चीज के बारे में पता है.' वैसे तो सीएम योगी बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं, लेकिन मंगलवार को वो कहीं नहीं गए. एमपी रवाना होने से पहले उन्होंने दिन भर लखनऊ में मीटिंग की. शुरूआत में योगी ने राज्य मंत्रियों के साथ बैठक भी की. ये भी पढ़ें: वर्ल्ड बैंक प्रेसिडेंट ने कही बड़ी बात, मोदी विरोधियों को लग जाएगी मिर्ची ट्रंसफर पोस्टिंग की जगह विकास पर दे ध्यान उत्तर प्रदेश में कुछ कैबिनेट मंत्रियों का अपने राज्य मंत्रियों से झगड़ा चल रहा है, जिसके चलते विभाग का काम ठीक से नहीं हो पाता है और इस झगड़े की बात दिल्ली तक जा चुकी है. जिस पर सीएम योगी ने कहा कि झगड़ा करने के बदले सरकार के अच्छे काम का प्रचार प्रसार करें. साथ ही योगी ने राज्य मंत्रियों को ऑफिस से बाहर निकल कर फील्ड पर काम करने को कहा. वहीं एक मंत्री को सीएम ने कहा कि 'जब भी आप चिट्ठी लिखते हैं तो ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर कभी विकास के काम पर भी ध्यान दिया करें.' वहीं बिना एक राज्य मंत्री का नाम लिए ��ोगी ने कहा कि उनके पास एक मंत्री के फोन पर बातचीत की रिर्कोडिंग है, जिसमें वो एक गलत काम की पैरवी कर रहे हैं. वहीं योगी ने कहा अगर ऐसी शिकायत दोबारा आती है तो इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मोदी से मुलाकात के बाद बदले तेवर सीएम योगी के बदले तेवर देखकर हर कोई हैरान और परेशान है. अधिकारियों से लेकर मंत्रियों के पसीने छूटने लगे हैं. बताया जा रहा है कि जब से सीएम योगी वाराणसी में पीएम मोदी से मुलाकात करके लौटे हैं तब से उनके तेवर बदले हुए नजर आ रहे हैं. वहीं एक मंत्री की फाइल सामने रखकर योगी ने पूछा क्या ऐसे काम होता है? उन्होंने अपने मंत्रियों से कहा कि कोई ये ना समझे कि वो अपनी मनमर्जी से काम करते रहेंगे. योगी ने कहा कि एक-एक पर उनकी नजर है. उन्होंने मंत्रियों से ये भी कहा कि फोन पर जरूरी ही बात करें क्योंकि लोग फोन रिकॉर्ड कर लेते हैं, जिससे मंत्रियों को सावधान रहना चाहिए. ये भी पढ़ें: नोटबंदी जैसे हालात का करना पड़ेगा सामने, जब देश के आधे से ज्यादा ATM हो जाएंगे बंद? क्या इसलिए योगी एक्शन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी से लौटते ही सबसे पहले अचानक लखनऊ में पुलिस लाइन का दौरा किया. जहां उन्होंने साफ-सफाई को लेकर पुलिस अफसरों की क्लास लगाई. वहीं दिन में कानपुर जाकर धान खरीद केंद्रों का दौरा भी किया. योगी ने कह दिया है कि अगर किसी की भी शिकायतें मिलती हैं और वो सही हुई तो फिर उसे कोई नहीं बचा सकता है. उन्होंने अपने अफसरों और मंत्रियों को फील्ड पर काम करने की सलाह दी है. दरअसल, योगी राज में ये आरोप लगते रहे हैं कि अफसरों और पुलिसवालों की मनमानी बढ़ गई है. वहीं RSS के कुछ बड़े नेताओं की राय भी कुछ ऐसी ही है, जिसके चलते योगी ने शुरूआत अधिकारियों की क्लास से की है. सीएम योगी जानते हैं कि अगले लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के साथ उनकी भी अग्नि परीक्षा होने वाली है. इसलिए वो चुनाव से पहले सिस्टम को ठोंक पीट कर दुरुस्त कर लेना चाहते हैं.
#bjp#Cm yogi#Loksabha election 2019#lucknwo#narendra modi#rajsatta express#RSS#satta express#up police#yogi adityanath
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गडकरी ने जैसे ही कहा कि इथेनाल मिलाने से पेट्रोल 55 रुपये में मिलेगा, मोदी ने तुरंत एथेनॉल 25% महंगा कर दिया। नितिन गडकरी ने कहा कि पेट्रोल डीजल में इथेनाल मिलाने से डीजल 50 रुपये और पेट्रोल 55 रुपये में उपलब्ध हो जाएगा गडकरी ने देश में पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल मिलाने को अनिवार्य भी कर दिया है, लेकिन मोदी सरकार ने एथेनॉल की कीमतों में सीधे 25 फीसदी बढ़ोतरी कर दी यानी गरीब को कही से भी जीने मत दो, महंगा कच्चा तेल हो गया है तो मिलाने वाला इथेनॉल भी महंगा कर दो। चार दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी अपने प्रदेश के किसानों को गन्ना न उगाने की सलाह देते हैं अब गन्ने के रस से सीधे ही इथेनॉल बन रहा है तो यह तो फायदे का सौदा है तो फिर मना उन्होंने क्यो किया ? वैसे सोचने की बात तो यह हैं कि गडकरी जी ने इथेनॉल की कीमतों में वृद्धि का फैसला क्यो किया होगा। देश के व्यापारिक घरानों में सबसे ताकतवर है "शुगर लॉबी, सुना है कि महाराष्ट्र में शुगर लॉबी से राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की मेल मुलाकात के बाद यह निर्णय लिया गया है महाराष्ट्र में चीनी मिलों मालिकों के गडकरी जी से बहुत अच्छे संबंध है, इस लॉबी द्वारा जोर दिया जा रहा है कि सरकार द्वारा इथेनाल को बढ़ावा दिया जाए। इथेनाल की मांग बढ़ेगी तो इनका व्यापार और प्राफिट बढ़ेगा। इस लॉबी को इस बात की चिंता नहीं है कि इथेनाल के उत्पादन से देश की खाद्य सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा। चूँकि 2019 के चुनाव नजदीक है इसलिए जल्दी जल्दी भाजपा को चुनाव में बड़ी रकम जुटाना है पर उद्योगपति भी अब समझदार हो गए हैं अब इस हाथ दो उस हाथ लो वाला फंडा है। एथेनॉल की कीमतें बढ़ाने के फैसले से शुगर कंपनियों के शेयरों में 20 फीसदी तेजी आई है. शुक्रवार को बाजार खुलने के कुछ घंटों में ही शुगर कंपनियों के निवेशकों की दौलत 842 करोड़ रुपये बढ़ गई हैं अभी और भी बढ़ने की संभावना है यानी भाजपा को तगड़ा चन्दा शुगर लॉबी से मिलने का रास्ता साफ किया जा रहा है। वैसे बायो फ्यूल की बात सही है दरअसल वनस्पतियों से उत्पादित ईंधन को बायोफ्यूल कहा जाता है। यह तीन प्रकार की वनस्पतियों से बनाया जाता है,एक, जहरीले फल जैसे जेट्रोफा से; दो, खाद्यान्न जैसे सोयाबीन से; और तीन, गन्ने के रस से जिसे इथेनॉल कहा जाता है। अब इथेनॉल मिलाने के निर्णय के नुकसान के बारे में सुन लीजिए वैसे फायदा सिर्फ 1 था कि इसको मिलाने से पेट्रोल डीजल की कीमत कम हो जाएगी जो अब एथेनॉल के महंगे किये जाने से थोड़ी मुश्किल है। पहला नुकसान यह है कि महंगाई बढ़ेगी दरअसल जैव ईंधन की बढ़ती खेती के कारण खाद्य वस्तुओं की महंगाई बढ़ती ही है 1990 से लेकर अब तक विश्व बैंक और विश्व खाद्य संगठन ने कई मर्तबा अपनी सालाना रिपोर्टों में बाकायदा प्रमाणित आंकड़ों के साथ इस बात का खुलासा किया है उन्होंने पाया है कि ऐसी खेती के बढ़ने से दूसरी खाद्य फसलों का बुआई क्षेत्र कम कर दिया जाता है जिससे खाद्यान्न उत्पादन पर गहरा असर पड़ता हैं दूसरा ,पानी का बेतहाशा प्रयोग होगा गन्ने की खेती ओर उससे कही ज्यादा शुगर फैक्टरी में पानी की बहुत ज्यादा जरूरत होती है, महाराष्ट्र का लातूर एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे शुगर लॉबी ने पानी से लेकर खेती तक को हड़प लिया लातूर । 1972 में सिर्फ 6 हजार हेक्टेयर जमीन पर गन्ने की खेती होती थी। लेकिन 2012 में यह बढ़कर 52 हजार हेक्टेयर हो चुका था,सूखे के वक्त ही वर्ल्ड बैंक ने मदद देने के साथ महाराष्ट्र सरकार के सामने तीन शर्ते रखी थीं। पहली वॉटर मानिंग की जगह वाटर हार्वेस्टिंग करना। दूसरा गन्ने की खेती कम करना। और तीसरा ट्यूब वैल का आधुनिक तरीके से इस्तेमाल करना, जिससे पानी बचा रहे। तीसरा, पेट्रोल का पानी हो जाना तीसरा सबसे अधिक महत्वपूर्ण नुकसान पेट्रोल के उपभोक्ताओ को यानी आपको हमको झेलना पड़ेगा पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इथेनॉल मिले पेट्रोल के संपर्क में पानी आने के बाद पेट्रोल भी पानी में बदल जाता है, अगर समय पर पेट्रोल टैंक की सफाई नहीं करवाई जाती तो वाहन बंद भी पड़ सकता हैं, ऐसा पेट्रोल में नमी की मात्रा अधिक हो जाने से होता है। तो एथेनॉल मिलाने की सोच तो अच्छी हैं लेकिन इसके नुकसान का भी हमे ध्यान देना होगा - गिरीश मालवीय
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बिजनेसमैन नहीं बल्कि ये काम करना चाहते थे मुकेश अंबानी, लेकिन इस एक फैसले ने बदल दी जिंदगी
नर्इ दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी आज भारत के सबसे सफल बिजनेसमैन में से एक हैं। यही कारण है कि आज वो भारत ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में पहले पायदान पर हैं। लेकिन आपको ये बात जानकर हैरानी होगी की जो शख्स अपने बिजनेस की बदौलत आज एशिया का सबसे बड़ा धनकुबेर है, वो कभी बिजनेसमैन बनना ही नहीं चाहता था। पिता धीरूभार्इ अंबानी के सफल कारोबारी होने के बावजूद भी मुकेश अंबानी को बिजनेस करने का कोर्इ शौक नहीं था। बचपन से ही मुकेश अंबानी एक शिक्षक बनना चाहते थे।
क्या चाहती थी पत्नी नीता अंबानी ? पिछले साल ही एक टीवी चैनल को दिए गए अपने इंटरव्यू में मुकेश अंबानी ने कहा था, “रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़ने से पहले मैं शिक्षक बनना चाहता था। पापा (धीरूभार्इ अंबानी) के कहने पर मैंने रिलायंस इंडस्ट्रीज ज्वाइन किया था। पापा के कहने पर ही मैं रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़ा वर्ना उससे पहले मैं वर्ल्ड बैंक के लिए काम करना चाहता था या फिर किसी विश्वविद्यालय में छात्रों को पढ़ाना चाहता था।” मुकेश अंबानी ने अपने इंटरव्यू में आगे कहा कि, उनकी पत्नी (नीता अंबानी ) भी एक शिक्षक हैं आैर वो भी चाहती थी की मैं शिक्षण के क्षेत्र में आउं। शिक्षा के क्षेत्र में वो अपनी संतुष्टिक के लिए काम करना चाहते थे।
पैसे अधिक अपने जुनून को दें अहमियत जब मुकेश अंबानी से पूछा गया कि आखिर पैसे उनके लिए कितना मायने रखता है तो उन्होंने जवाब दिया, “कुछ नहीं।” पैसों को लेकर उनका कहना है, “पैसे वास्तव में मेरे लिए कुछ मायने नहीं रखता है। मेरे पापा का हमेशा यही मानना था कि यदि तुम पैसे के लिए कुछ करना चाहते हो तो तुम मूर्ख हो। यदि तुम पैसे को ध्यान में रखकर कोर्इ काम कर रहे हो तो कुछ भी नहीं कर सकते। वहीं यदि किसी इरादे के साथ कोर्इ काम की शुरुआत करते हो ताे पैसे हमेशा एक बार्इ-प्रोडक्ट के तौर मिल जाएगा। लेकिन ये भी याद रखना चाहिए की बार्इ-प्रोडक्ट हमारे लिए उतना अहम नहीं होता।” मुकेश अंबानी का मानना है कि अापको ये बिल्कुल पता होना चाहिए कि आप क्या करना चाहते हैं आैर आप किसमें सबसे बेहतर बनना चाहते हैं? किस काम को लेकर आपमें जुनून हैं? यदि आप बार-बार किसी एक ��पने को देखते हैं तो आप उस सपने को जुनून में बदल सकते हैं।
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very funny jokes
हिंदी कैसे हमारी ऊर्जा और समय बचाती है देखिये : In english : I am sorry, I can not hear you properly ,can you please repeat what’s the matter? In hindi : ” हैं ” साइकिल वाले ने एक आदमी को टक्कर मार दी और बोला भाईसाहब आप बहुत किस्मत वाले हो आदमी : एक तो तूने मुझे टक्कर मारी और ऊपर से मुझे किस्मत वाला कह रहे हो ? साइकिल वाला : आज छुट्टी है तो साइकिल चला रहा हूँ नहीं तो मैं ट्रक चलाता हूँ दुकानदार : कैसा सूट दिखाऊँ ? महिला : पड़ोसन तड़प – तड़प कर दम तोड़ दे ऐसा …… सिर्फ अमिताभ बच्चन ने अपने बेटे “अभी” को बचपन में सही शिक्षा दी “बेटा Abhi पढ़ लो बाद में Aish के साथ रहना ” जब शादीशुदा आदमी कहे कि वो सोच कर बताएगा तो इसका सीधा सीधा मतलब होता है वो अपनी पत्नी से पूछ कर बताएगा दो पड़ोसन आपस में बात कर रही थी पहली पड़ोसन: तुम्हे पता है 24 साल तक मेरे कोई औलाद नहीं हुई दूसरी पड़ोसन : तो फिर तूने क्या किया ? पहली पड़ोसन : जब मैं 24 साल की हुई तब घरवालों ने जाके मेरी शादी करवाई फिर कहीं जाकर मुन्ना हुआ दूसरी पड़ोसन ICU में भर्ती है आजकल के बच्चों से तो मच्छर ज्यादा responsible है शाम होते ही घर तो आ जाते हैं खून में तेरे गर्मी , गर्मी में तेरा खून …. ऊपर सूरज निचे धरती बीच में May aur june हे भगवान् संजू: आज तो facebook ने बचा लिया राहुल : कैसे ? क्या हुआ ? संजू : आज बीवी का बर्थडे था दामाद अपनी सास से : आपकी बेटी में कोई बात ढंग की नहीं है सास : हाँ , बेटा मालूम है तभी तो कोई ढंग का लड़का नहीं मिला दुकानदार : बताइए जनाब क्या चाहिए ? राहुल: अपने होने वाली बीवी के कुत्ते के लिए केक चाहिए दुकानदार : यहीं खाओगे या पैक कर दूँ जिस तरह से बैंक रोज नये-नये चार्ज लगा रहे हैं, वह दिन दूर नहीं… जब आप अपने बैंक के सामने से निकलेंगे और आपका फेस CCTV में आ गया तो आपके खाते से ₹101 मुंह दिखाई के काट लिए जाएंगे! संजू ने कल अपनी छोटी सी मासूम भतीजी से पुछा बताओ बिल्ली पूँछ क्यों हिलाती है ? भतीजी : क्यूंकि पूँछ उसकी है वो जो मर्जी करे ट्यूशन मास्टर : गधे, तूने होमवर्क क्यों नहीं किया? संजू : जरा तमीज से बात करो, कस्टमर से ऐसे बात करते हैं क्या? संजू की पिटाई तो होनी ही थी बंटू : वेटर, ऐसी चाय पिलाओ जिसे पीकर मन झूम उठे और बदन नाचने लगे वेटर: सर हमारे यहां भैंस का दूध आता है, नागिन का नहीं संजू : पंडित जी , किसी सुंदर लड़की का हाथ पाने के लिए क्या करूं? पंडित जी: किसी मॉल के बाहर मेहंदी लगाने का काम शुरू कर दे… संजू : आज मैं सब्जीवाले से 5 रुपये में 3 प्याज लेकर आया हूँ राहुल : कैसे? संजू : सब्जीवाले ने 5 रुपये की एक प्याज दी थी…. एक मैं ठेले से उठाकर भाग गया और दूसरी उसने फेंककर मारी बाबूराव : ऐ राजू… आज मेरी कुत्ती ने अंडा दिया… राजू : ये कुत्ती कब से अंडा देने लगी… बाबूराव : ये बाबूराव का स्टाईल है रे बाबा… अपनी मुर्गी का नाम कुत्ती रखा है…. एक कंजूस अपने बेटे को पिट रहा था… पड़ोसी: क्यों पिट रहे हो बच्चे को…? बनिया: मैंने इसको ��हा कि 1-1 सीढी छोड़कर चढ़, चप्पल कम घिसेगी…! नालायक 2-2 सीढ़ी छोड़कर चढ़ा,पाजामा फाड़ लिया…! सुबह एक महिला फल वाले से अंग्रेजी में फल मांग रही थी ये बोलकर – “Give me some destroyed husband” एक घंटा लगा यह समझने में कि वह “नाशपति ” मांग रही थी। बँटी – डाक्टर साहब दस्त ने बेहाल कर रखा है डाक्टर-कितना पतला आता है? बँटी – समझ लो कि आप उस से कुल्ला कर सकते हो भारत में जितने भी गाड़ियों के पीछे लिखा होता है-“बुरी नजर वाले तेरा मुँह काला” आप यकीन मानो यदि हकीकत में ऐसा ही होता तो….. अब तक हमारा देश वेस्टइंडीज बन चुका होता Employee : हेलो बॉस, मुझे टेररिस्ट ने पकड़ लिया है, दोनों हाथ काट दिए, आँख फोड़ दी, किडनी निकाल ली Boss : देख ले…. हो सके तो आजा, आज Audit है. एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट छत पर खड़ा था… तभी एक पड़ोसी : तो बेटा अब आगे क्या सोचा है? स्टूडेंट: बस अंकल, टंकी भरते ही, मोटर बंद कर दूंगा.. बिस्किट बनाने वाली कंपनियों को विनम्र निवेदन: पहले मारिओ वालो कृपया मारिओ बिस्किट का आकार कम कीजिये या फिर कप बनाने वाली कंपनी के लोगों से एक बार बात करके तो देखें। दूसरा Parle G वालों से निवेदन है कि बिस्किट के घोल में थोडा सा अंबुजा सीमेंट भी मिला कर दें। चाय में डुबोते ही ग़श खा कर उसी कप में आत्महत्या कर लेता है। विवाह क्या है ? विवाह एक ऐसा गठबंधन है जिसमे में 2 लोग मिलकर उन समस्याओं को सुलझाने का जीवन भर प्रयास करते है जो पहले कभी थी ही नहीं जिस तरह मेगी की जाँच हुई थी, उसी तरह Fair & Lovely की भी जाँच होनी चाहिए… साला 6 हप्ते गिनते-गिनते कॉलेज के ज़माने की साथ की लड़किया बाल बच्चों वाली हो गयी…पर साला निखार नहीं आया…. कामयाब तो बच्चे बोर्नविटा से, पुरुष रजनीगंधा से और महिलाएँ फेयर एण्ड लवली से होते है…. बाकी डिग्री – विग्री तो सब मोहमाया है भाई… मुन्ना भाई के घर लड़की हुई सर्कट : भाई अब तो मोहल्ले के सारे लड़के इसको लाइन मारेंगे मुन्ना : तू फ़िक्र मत कर रे , अपुन इसका नाम दीदी रखेंगे। कुत्ता : कल मेरे मालिक ने रात के 2:30 बजे चोर पकड़ा दूसरा कुत्ता : तू कहाँ था ? पहला कुत्ता : कुत्ता हूँ इन्सान नहीं जो सारी रात नेट चलाता रहूँ …. मैं तो आराम से सो रहा था। लड़की गिफ्ट की दूकान में – काफी देर गिफ्ट देखने के बाद एक गिफ्ट की तरफ इशारा करते हुए पूछा…ये हँसती हुई चुड़ैल कितने की है ? दुकानदार- मैडम जी ये आईना है एक बार एक ताऊ ने एक ताई छेड़ दी……. ताई ताऊ को गाली देने लग गयी…. पास से एक लड़का गुज़र रहा था बोला क्या बात होगयी ताउजी। ताऊ- कुछ नहीं बेटा,पुराना ट्रांसफार्मर है…….चरड चरड कर रहा है दो समधी ड्रिंक करने बैठे: लड़के का पिता “कितना पानी डालूँ?” लड़की का पिता “नो वॉटर!” लड़के का पिता “क्यों?” लड़की का पिता “हमारे यहां बेटी के घर का पानी नहीं पीते!” ये होते हैं संस्कार!!! लड़की: ये टीवी कितने का है? दुकानदार : 50,000/- रू. लड़की: इतना महंगा? ऐसा क्या खास है? दुकानदार : ये लाईट जाने के बाद AUTOMATIC बंद हो जाता है लड़की: ओह पैक कर दो फिर तो पंद्रह बीस साधू संत हिमालय का पहाड़ चढ़ रहे थे। एक रिपोर्टर ने यूँ ही पूछ लिया “बाबा आप लोग कहाँ जा रहे हो?” बाबा: “समाधि लेने” रिपोर्टर “पर क्यों ?” बाबा : “जबसे whatsapp आया है बड़े बड़े ज्ञानी पैदा हो गये है…. अब संसार को हमारी जरूरत ही नहीं” आंटी : बेटा पहली बार घर आए हो , कुछ तो लेना पड़ेगा संजू : ठीक है अपनी बेटी देदो आंटी : साले !! निकल घर से , दुबारा कदम रखा ना तो टाँगे तोड़ दूँगी। पठान:-वल्लाह तुम्हारा शकल हमारा बीवी से मिलती.! एयर हॉस्टेस:बकवास बन्द कर कमीने.! पठान:माशा अल्लाह।ज़बान भी मिलती है..!! एक औरत कोक पी रही थी उसमें एक मच्छर गिर गया… औरत ने उसे निकाला तो मच्छर बोला, “माँ!” औरत: तूने मुझे माँ क्यों कहा? मच्छर: मैं तेरी कोक से निकला हूँ, माँ! कुछ बदमाश लड़कों ने College के नोटिस बोर्ड पर लिख दिया : 50 % लडकियां बेवकूफ होती हैं .. लड़कियों ने ये देखा तो उन्हें बहुत बुरा लगा उन्होंने college में हंगामा खड़ा कर दिया ..!!… कॉलेज प्रबंधन ने तुरंत उस नोटिस को निकलवाया.. और उसकी जगह नया नोटिस लगवाया -.. “50 % लडकियां बेवकूफ नहीं होती हैं “.. तब जाकर लडकियों का गुस्सा शांत हुआ…. इस महीने काम बहुत मंदा होने से थोड़ा डिप्रेशन में था ….फिर पान बहार के ऐड में जेम्स बांड 007 को देखा तो समझ गया …..पूरे वर्ल्ड में ही मन्दी का दौर चल रहा है…!! उसकी कुछ ख्वाहिशें अधूरी थीं, दूरियां भी तो ज़रूरी थीं, यूँ न बेवफा कहो उसे दुनियावालों, क्योंकि … सोनम गुप्ता की भी कुछ मजबूरियाँ थी। गब्बर ने बैंक मैनेजर से पूछा ” कितना इनाम रखे है सरकार हम पर ?” मैनेजर : “कितने भी रखे हों पर अभी 4000 ही मिल सकता है वो भी तुम्हारी ID पर ” कालिया या साम्बा की नहीं चलेगी भक्त : बाबा इंजीनियरिंग किया हूँ, जॉब नही लग रही कोई उपाय बताओ? बाबा : कौन सी ब्रांच है बेटा? भक्त : कम्प्यूटर बाबा : मेरी इलेक्ट्रॉनिक्स थी बेटा Mark Zuckerberg: मोदी जी भारत में इतनी लड़कियां हैं फिर भी आप बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ चला रहे हैं। मोदी: अबे यार, वह 70% Fake ID हैं। एक लड़का अचानक लड़कियों को देख कर शायर बन गया.. “लफ्ज़ तेरे, गीत मेरे, ग़ज़ल कोई सुना डालूं क्या..?? . . . लड़की बोली- “हाथ मेरे, गाल तेरे, कान के नीचे बजा डालूं क्या ? सब्जीवाला कह रहा था मैं तो 20 के ही टमाटर बेच रहा था ये तो न्यूज़ वालो से पता चला की टमाटर 60 में बिक रहे हैं … वरना मैं तो लुट ही गया था एक बार एक ताऊ प्लेन से लन्दन जा रहा था,बगल में एक अंग्रेज बैठा हुआ था ! ताऊ ने अंग्रेज से पूछा – “आप क्या करते हो ?” अंग्रेज – “मैं एक साईंटिस्ट हूँ… और आप ?” ताऊ – “मैं इंजीनियर हूँ !” अंग्रेज – “वाओ इंजीनियर … क्या हम किसी टॉपिक पर बात कर सकते हैं ?” ताऊ – “बिलकुल !” अंग्रेज – “अच्छा, तुम मुझे न्यूक्लियर पावर के बारे में कुछ बताओ” ताऊ ये सुनकर चुप रह गया ! अंग्रेज -ओह !!! तो तुम नहीं जानते ?” ताऊ – “जानता तो हूँ लेकिन तुम पहले मेरे एक question का answer दो” अंग्रेज – “हम्म पूछो .. ” ताऊ – “मंदिर में भी घंटा होता है और चर्च में भी घंटा होता है, तो फिर चर्च का घंटा मंदिर के घंटे से बड़ा क्यों होता है ..?” अंग्रेज कुछ देर सोचता रहा फिर बोला – “मैं नहीं जानता” ताऊ -ने एक दिया खीच के कान के निचे और बोला “अबे साले .. पता तुझे घंटे का भी नहीं है और बातें न्यूक्लियर पावर की करे है !! लड़की वाले बेटी के लिए लड़का देखने गए… लड़की वाले : कितना कमा लेते हो… लड़का : इस महीने दो करोड़ कमाया… लड़की वाले : फिर क्या हुआ… लड़का : बस, फिर मोबाइल में ‘तीन पत्ती’ हेंग हो गया और सारी कमाई चली गयी… बॉस : क्या आपको ब्रिटिश भाषा आती है? लड़का : हाँ … बॉस : कुछ बोल के दिखाओ.. लड़का : “डूगना लागान डेना पडेगा बुवन “! बॉस : निकल साले… जिन्हें बचपन में उनकी मम्मी घसीटते हुए…..स्कूल छोड़ के आती थी…..वो लड़के भी आजकल व्हाट्सऐप पर “Status” डाल रहे है……”I miss my School Dayzzz…” नाग बोला नागिन से – मेरा दिल त��रे प्यार मैं अँधा है नागिन बोली – मेरा ख्याल छोड़ दे beta मेरा बॉयफ्रेंड annaconda है इंजीनिरिंग का फार्म भरते हुए छात्र ने पास खड़े चौकीदार से पूंछा – ये कॉलेज कैसा है…?? चौकीदार :- बहुत बढ़िया है, हमने भी यहीं से इन्जिनारिंग की है…! अर्ज किया है… मैं पीकर नहीं बहकता… बहकता हूँ तो उसे देखकर… अब बताओ ज़रा कि शराब हराम है या वो ?? इतने में मम्मी के कमरे से आवाज़ आई…. शराब हराम है ….और वो हरामजादी हैं …और तू हरामजादा…! माँ कसम…सब क्लियर हो गया… आज मैंने एक बच्चे से पूछा कौन से स्कूल जाते हो बेटा ? बच्चे का जवाब : मैं जाता नहीं !!!! मुझे भेजते हैं साले हिंदी serials में इतने बड़े- बड़े घर दिखाते हैं पर invertor किसी ने नहीं लगवाया होता ….. जब लाइट जाती है तो सब मोमबत्ती खोजने लगते हैं सच्चा प्यार एक दिन लौट कर जरूर आता है …..मेरी वाली भी आई थी …शादी का कार्ड देने बच्चा:- मम्मी गांधीजी के सर पर बाल क्यो नही थे ???? मम्मी:- क्योकीं बेटा वो केवल सत्य बोलते थे…. बच्चा :- अब समझ मे आया की तुम औरतो के बाल लम्बे क्यु होते है…. दे चाटे दे चाटे गब्बर : – ऐ मोबाइल मुझे दे दे ठाकुर !!! ठाकुर : – देख यार हात- पैर की मजाक ठीक है , चलता है ! बट मोबाइल से मजाक नहीं … क्यूंकि फेसबुक चालू है और बसंती ऑनलाइन !!!! डॉक्टर: क्या खाया था..? लडकी: I ate hamburger, french fries, coke and a corn pizza.. डॉक्टर: जरा इतराओ कम…..ये हॉस्पिटल है,Facebook या Watsapp नही…जाँच में सब सामने आ जाएगा,अब सही बताऔ… लडकी: चाय के साथ बासी रोटी तेल चुपड़ के मैं लड़कियों की driving के बिलकुल खिलाफ नहीं हूँ…. लेकिन एक्सीडेंट ��े टाइम ब्रेक मारने की जगह चीख मारना कहाँ का इन्साफ है पता है मेरी कोई गर्लफ्रेन्ड क्यु नही है क्युकि मै 2G की तरह धीरे धीरे प्यार का इज्जहार करता हुँ और कम्बखत ये लड़कीया 3G कि speed में question करती है और 4G कि speed में बोल जाती है I have a boyfriend साला हर बार दिल तोड़ जाती है बन्दा स्कूटर पर, स्कूटर 80 पर बन्दा बुलेट पर, बुलेट 100 पर बन्दा alto पर, alto 110 पर बन्दा जीप पर, जीप 120 पर बाद मे ?…. बाद मे क्या ? बन्दा ambulance पर, ambulance 130 पर पर रहेगा बन्दा स्पीड में ही. एक बार पप्पू ने घड़ी बनाने वाले से पूछा,” इस घड़ी को ठीक करने का क्या लोगे?” घड़ीवालाः जितनी कीमत है, उसका आधा दे देना। अगले दिन जब घड़ीवाले ने पप्पू से जब अपना मेहनताना माँगा तो पप्पू ने उसे दो थप्पड़ मार दिए।:o घड़ीवाला: यह क्या किया तुमने? पप्पू : कुछ नहीं, जब मैंने घड़ी लेने की जिद की थी, तो मेरे पिताजी ने मुझे चार थप्पड़ मारे थे। एक पुराने दोस्त का फोन आता हैं। Me – वाह…….आज बहुत दिन बाद याद आया दोस्त – नहीं यार, गलती से लग गया था। इज्जत की watt लगा दी दो दोस्त दारू पीकर गाङी चला रहे थे. तभी एक चिल्लाया :- अबे कमीने दिवार है दिवार है आगे दिवार है. तभी गाङी दिवार मे घुस गई अगले दिन दोनो हाँस्पीटल मेँ. पहला दोस्त :- कमीने मे चिल्ला – चिल्ला कर कह रहा था आगे दिवार है फिर तुने सुना क्यो नही. दुसरा दोस्त :- साले बेवङे गाङी तुँ चला रहा था अगर भारत सरकार FB और Whatsapp पर dp बदलने के लिए 1 रुपये लेना शुरू कर दे तो कुछ ही दिनों में भारत.. अमेरिका चीन को लोन देने में सक्ष्म हो जाएगा!!! अंकल : बेटा क्या करते हो? लड़का : नारी सम्मान सेवा पर काम कर रहा हूं अंकल : सोशल वर्कर हो? लड़का : नहीं अंकल फेसबुक पर सब लड़कियों की फोटो लाइक करता हूं…. आज का ज्ञान !!! जिस छोरी ने स्कूल में वाद-विवाद प्रतियोगिता जीती हो, भूल से भी उससे ब्याह ना करें !!! किसी के पास हनी सिंह का नंबर है क्या?? कहता था … ‘ फोन घुमादु पास करादु’ ..तेरी प्रिंसिपल भी यो यो की फैन है .!! … एग्जाम आ गए है। तेरी जरुरत है…. भाई कहाँ है ……? मेरा नेपाली नौकर कल मेरे पास आया और बोला: शाबजी- “सीरीया का बाशाह मर गया .!!” मैं बड़ा खुश हुआ चलो ISIS का खात्मा हुआ….. मैंने टीवी चैनल देखा….किसी न्यूज़ में ऐसी कोई खबर नहीं थी एक घंटे बाद मैं अपने बगीचे में गया …..और …..वहा मुझे पता चला कि वो कह रहा था कि ….”चिडिया का बच्चा मर गया” मुन्ना : क्या कर रेला है सर्किट ? सर्किट : भाई बल्ब पे बाप का नाम लिख रेला हु.. मुन्ना : क्यों.. ! सर्किट : भाई, बाप का नाम रोशन करने का हे न … 1980 में Bank of india बैंक ने धीरुभाई अँबानी को लोन देने से इन्कार कर दिया था.. पर 2010 में मुकेश अँबानी ने वो ही Bank of india खरीदने का ऑफर कर दिया.. इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है.. परसों AXIS बैंक वालों ने मुझे भी लोन देने से इन्कार कर दिया………देखते हैं…… एक आदमी को रोज सपने में काली साड़ी में एक औरत दिखती थी… उसे देखकर वो घबरा जाता था। एक दिन उसने हिम्मत करके पूछा – देवी आप कौन है? औरत बोली – मैं धन की देवी लक्ष्मी हूँ। आदमी – फिर तो आपको गोल्डन कलर का होना चाहिये। औरत :- बेटा !! मैं ब्लैक मनी हूँ, स्विस बैंक से आई हूँ एक बुढ़िया का दामाद बहोत काला था । सास : दामाद जी आप तो 1 महीना यहाँ रुको दूध, दही खाओ । मौज करो आराम से रहो यहाँ दामाद : अरे वाह सासु माँ आज बड़ा प्यार आ रहा है मुझ पे । सास : अरे प्यार व्यार कुछ नहीं कलमुहे वो हमारी भैंस का बच्चा मर गया , कम से कम तुम्हे देख कर दूघ तो देती रहेगी । एक माँ अपने बच्चे का फोटो खिंचवाने के लिए फोटो-स्टूडियो लेकर गई. फोटोग्राफर बच्चे को पुचकारते हुए बोला:- “बेटा, मेरी तरफ देखो…इस कैमरे से अभी कबूतर निकलेगा !” बच्चा बोला:- “ फोकस एडजस्ट कर, जाहिलों जैसी बातें मत कर, पोर्ट्रेट मोड यूज करना, मैक्रो के साथ, ISO 200 के अंदर रखना ! High resolution में pic आनी चाहिए… Facebook पे अपलोड करनी है, वरना पैसे नहीं मिलेंगे ….. साला, ‘कबूतर’ निकालेगा…! तेरे बाप ने डाला था कबूतर कैमरे में..? फोटोग्राफर:- बेटा कौन से स्कूल में पढते हो? बच्चा: आँगन बाड़ी में…. मैनें कभी ईंट का जवाब पत्थर से नहीं दिया…. मैनें बस वही ईंट वापस दे मारी….. पत्थर ढूंढने में कौन टाईम वेस्ट करे भला – चाणक्य की कॉलोनी का एक आदमी। एक शराबी छत पे से नीचे गिर गया…. सब लोग आए और पूछने लगे के क्या हुआ?? शराबी – ” पता नही भाई….. मे भी जस्ट अभी नीचे आया हूं “ कौन कहता है देश में लड़कियों की तरक़्क़ी नही हुई ?? पुराना गाना याद है ? . “डफली वाले , डफली बजा” ?? और आज का गाना सुनो । “डीजे वाले बाबू, मेरा गाना बजा दो” !…….. डफली से डीजे तक आ गई लडकी , और लोग कह रहे तरक़्क़ी नही हुई. शराबी मरने ही वाला था कि उसके सामने शिव भगवान प्रकट हुए… .शिव जी: तुम्हारी कोई अंतिम इच्छा हो, तो बताओ. शराबी: प्रभु अगले जन्म में दांत चाहे एक ही देना, पर लीवर पूरे 32 देना…. शराब के बार के सामने एक छोटा सा तालाब था। झमाझम बारिश हो रही थी और उस बारिश में पूरा भीगा हुआ एक बुजुर्ग आदमी हाथ में एक छड़ी पकड़े था जिससे बँधा धागा तालाब के पानी में डूबा हुआ था। एक राहगीर ने उससे पूछा: “क्या कर रहे हो बाबा ?” बुजुर्ग: “मछली पकड़ रहा हूँ।” राहगीर बारिश में भीगे उस बुजुर्ग को देख बहुत दुखी हुआ, बोला: “बाबा, मैं बार में व्हिस्की पीने जा रहा हूँ। आओ तुम्हें भी एक पैग पिलाता हूँ। ऐंसे तो तुम्हे सर्दी लग जायेगी। आओ अंदर चलें। बार के गर्म माहौल में बुजुर्ग के साथ व्हिस्की पीते हुए महाशय ने बुजुर्ग से पूछा: “हाँ तो, बाबा, आज कितनी मछलियाँ फँसीं ?” बुजुर्ग बोला – तुम आठवीं मछली हो, बेटा! मिस्टर संजू पैंतीस के हो चुके थे, अच्छी-खासी नौकरी करते थे, पर अभी तक अविवाहित थे…. एक दिन एक दोस्त ने टोक ही दिया – अरे संजू , शादी-वादी करने का इरादा है कि नहीं … संजू बोले – कोशिश तो पूरी कर रहा हूँ कि जल्दी ही हो जाए….. अखबारों में विज्ञापन दिया हुआ है, इन्टरनेट पर भी बायोडाटा डाल रखा है … दोस्त – तो फिर किसी का जवाब नहीं आया क्या ? संजू – आया है न ! बहुत सी बहनों ने अपना बायो-डाटा भेजा है …. बस उन्हीं पर विचार चल रहा है !! बॉस नई Audi कार खरीद कर लाया… उसके कर्मचारी जब उसे नई कार की बधाई दे रहे थे तब उसने सभी को संबोधित करते हुए कहा – अगर आप लोग कड़ी मेहनत करेंगे, समय पर ऑफिस आयेंगे, ओवरटाइम करेंगे यहाँ तक कि छुट्टी के दिन भी काम करेंगे तो यकीन मानिए…… अगले साल मैं इससे भी और बड़ी और बेहतर कार खरीद लूँगा … !!! एक छोटा बच्चा अपनी दादी से – दादी माँ आप टेँ बोल कर दिखा सकतीं है मुझे ? दादी – टेँ …! बच्चा – वाह दादी एक बार और ? दादी – टेँ …!! बच्चा – दादी आप तो कमाल की टेँ बोलती हैँ…. एक बार मम्मी को भी बोलकर दिखाओ ना ? दादी – क्यों रे तेरी माँ को क्यों बोलकर दिखाऊं ? बच्चा – नीचे मम्मी अपनी सहेलियों से कह रही हैँ… ये बुढिया पता नहीँ कब “टेँ” बोलेगी ?
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क्या होती है टूलकिट? किसान आंदोलन पर ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट के बाद क्यों उठा तूफान? Divya Sandesh
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क्या होती है टूलकिट? किसान आंदोलन पर ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट के बाद क्यों उठा तूफान?
जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण पर दुनियाभर में अपने तीखे तेवरों के लिए मशहूर ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने एक ट्वीट किया। भारत में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए उन्होंने एक ‘टूलकिट’ शेयर की जिसपर अब बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, ग्रेटा ने इसे बाद में डिलीट किया तो सोशल मीडिया पर इसके स्क्रीनशॉट्स के जरिए दावा किया गया कि इसमें भारत को बदनाम करने की साजिश की पोल खुल रही थी। दिल्ली पुलिस ने इस दस्तावेज को बनाने वालों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली। बाद में ग्रेटा ने अपडेटेड ‘टूलकिट’ शेयर की लेकिन यह जानना जरूरी है कि आखिर यह ‘टूलकिट’ है क्या….Greta Thunberg Toolkit: Climate Change Activist ग्रेटा थनबर्ग ने एक Toolkit शेयर की जिसमें बताया गया था कि किसान आंदोलन में कैसे शामिल हुआ जा सकता है।जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण पर दुनियाभर में अपने तीखे तेवरों के लिए मशहूर ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने एक ट्वीट किया। भारत में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए उन्होंने एक ‘टूलकिट’ शेयर की जिसपर अब बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, ग्रेटा ने इसे बाद में डिलीट किया तो सोशल मीडिया पर इसके स्क्रीनशॉट्स के जरिए दावा किया गया कि इसमें भारत को बदनाम करने की साजिश की पोल खुल रही थी। दिल्ली पुलिस ने इस दस्तावेज को बनाने वालों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली। बाद में ग्रेटा ने अपडेटेड ‘टूलकिट’ शेयर की लेकिन यह जानना जरूरी है कि आखिर यह ‘टूलकिट’ है क्या….क्या होती है टूलकिट?टूलकिट एक दस्तावेज होता है। किसी मुद्दे की जानकारी देने के लिए और उससे जुड़े कदम उठाने के लिए इसमें विस्तृत सुझाव होते हैं। आमतौर पर किसी बड़े अभियान या आंदोलन के दौरान उसमें हिस्सा लेने वाले वॉलंटिअर्स को इसमें दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। इसका मकसद खास वर्ग या टार्गेट ऑडियंस को जमीन पर काम करने के लिए दिशा दिखाना होता है। जो लोग किसी मुद्दे के बारे में जानना चाहते हैं या उसका हिस्सा बनना चाहते हैं, उन्हें टूलकिट से मदद दी जाती है। इससे ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी अभियान से जुड़े कदम एक साथ और एक ही दिशा में उठाने में मदद मिलती है।आवाज उठाने की अपीलग्रेटा ने जो टूलकिट शेयर की थी उसमें दुनियाभर के लोगों से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने और किसानों का समर्थन करने की अपील की गई थी। उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया पर फोटो या वीडियो शेयर कर #FarmersProtest या #StandWithFarmers पोस्ट करने को कहा। इसमें लोगों से जानकारी जुटाकर सरकार से कृषि कानूनों पर सवाल करते हुए वीडियो शेयर करने को भी कहा गया। इसमें सुझाव दिया गया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ-साथ इंटरनैशनल मॉनिटरी फंड, वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन और वर्ल्ड बैंक को टैग करने को भी कहा गया।जमीन पर उतरने की अपीलइसके अलावा ग्रेटा ने भारत में लोगों से किसान मार्च या परेड में शामिल होने की अपील भी की। भारत के बाहर रह रहे लोगों से भारतीय दूतावासों, सरकारी दफ्तरों और मीडिया हाउस के बाहर विरोध दर्ज करने की अपील की। उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने स्थानीय प्रतिनिधियों से सवाल करके उन्हें अपने ड्यूटी निभाने को कहें। उन्होंने कहा कि लोग हिंसा खत्म करने के लिए सरकार को याचिका दें। संयुक्त राष्ट्र, change.org को भी पेटिशन दी जाए और सांसदों से मदद मांगी जाए। इसमें यह जानना जरूरी है कि ‘टूलकिट’ अवैध दस्तावेज नहीं है और न ही सिर्फ इसे शेयर करने पर शिकायत की गई है। शिकायत पुराने ट्वीट में शेयर किए गए दस्तावेज पर की गई है जिसे बनाने वालों पर भारत के खिलाफ साजिश का आरोप है। भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश?ग्रेटा ने टूलकिट शेयर की थी जिसके कवर की हेडलाइन थी, ‘Will you be part of the largest protest in human history?’ ग्रेटा ने बाद में पोस्ट डिलीट कर दी थी और अपडेटेड लिंक शेयर किया था लेकिन उससे पहले सोशल मीडिया पर उसके स्क्रीनशॉट्स वायरल होने लगे। इस बारे में भारत सरकार के सूत्रों ने दावा किया है कि भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए इस टूलकिट को ‘पीस फॉर जस्टिस’ नाम की संस्था ने बनाया था। इस संस्था के सह-संस्थापकों में स्वयंभू खालिस्तान समर्थक मो धालीवाल का नाम शामिल है जो कनाडा के वैंकूवर में रहता है। पावरपॉइंट प्रजेंटेशन में भारत की ‘योग और चाय की छवि को ध्वस्त करना, दूसरे में ’26 जनवरी को प्रवासियों में एकजुट होकर वैश्विक व्यवधान डालना’ और ‘कृषि कानूनों को वापस लेना’ शामिल था।
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