#लेट कला
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maximumstarfishgladiator · 11 months ago
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इस पक्षी के बारें किसी भी धर्म गुरुओं को सटीक ज्ञान इल्म नहीं है यह यह चिड़िया आकाश में रहती है🙏👇🙇‍♂️
. अलल पंख
अलल पक्षी और चन्डूल पक्षी दो ऐसे दुर्लभ पक्षी है जो संभवत संसार में कुछ ही लोग देख पाते होंगे इनमें चन्डूल पक्षी तो खैर काफ़ी लोंगो ने देखा होगा फ़िर भी इसे देखने वालों की संख्या अधिक नहीं होती।
चन्डूल पक्षी की खासियत ये होती है कि ये किसी भी आवाज की नकल कर लेता है चाहे वह पुरुष महिला या किसी जानवर या अन्य पक्षी या अन्य कोई भी जो आवाज है जैसी आवाज है उसकी वखूबी नकल कर लेता है। इसकी इस मक्कारी की वजह से कई बार लोग जंगलों में मुसीवत में पङ गये क्योंकि इसने उन्ही में से किसी की आवाज की नकल कर अथवा कोई अन्य इतर आवाज वनाकर लोगों को भ्रमित किया इसी लिये चान्डाल स्वभाव का मानने के कारण इसका नाम चन्डूल रखा गया।
एक अनल पक्षी (अलल पंख) आकाश में रहता था। यह पक्षी अब लुप्त हो चुका है। इसके चार पैर होते थे। आगे वाले छोटे और पीछे वाले बड़े। इसका आकार बहुत बड़ा होता था। लम्बे-लम्बे पंख होते थे। पूरा पक्षी यानि युवा पक्षी चार हाथियों को एक साथ उठाकर आकाश में अपने परिवार के पास ले जाता था।
अलल पक्षी ऊपर वायु में रहता था। वहीं से मादा अनल अण्डे उत्पन्न कर देती थी। वह अण्डे उस स्थान पर छोड़ती थी जहाँ केले का वन होता था। केले एक-दूसरे में फँसकर गहरा वन बना लेते थे। हाथियों का झुण्ड यानि सैंकड़ों हाथी भी केले के वन में रहते थे क्योंकि हाथी केले के पेड़ खा जाता है तथा केले के पेड़ों पर ही लेट जाता है। मस्ती करता रहता है।
अलल पक्षी का अण्डा वायुमंडल से गुजरकर नीचे पृथ्वी तक आने में हवा के घर्षण से पककर बच्चा तैयार हो जाता था। वह अण्डा केले के पेड़ों के ऊपर गिरता था। केले के पेड़ों की सघनता के कारण वह अण्डा क्षतिग्रस्त नहीं होता था। केवल इतनी गति से केले के पेड़ों को तोड़कर पृथ्वी पर गिरता था कि अण्डा फूट जाए। अण्डे का आकार बहुत बड़ा होता था। उसका कवर भी सख्त मजबूत होता था।
बच्चे के बचाव के लिए अण्डे के कवर तथा बच्चे के बीच में गद्देदार पदार्थ होता था जो पृथ्वी के ऊपर गिरते समय बच्चे को चोट लगने से बचाता था। अनल पक्षी का बच्चा पृथ्वी पर अन्य पक्षियों के बच्चों के साथ रहता था। उनसे मिलकर उड़ता था, परंतु उसकी अंतर आत्मा यह मानती थी कि यह मेरा घर परिवार नहीं है, मेरा परिवार तो ऊपर है। मैंने ऊपर अपने परिवार में जाना है। यह मेरा संसार नहीं है।
वह जब युवा हो जाता है तो हाथियों के झुण्ड पर झपट्टा मारता था। चार हाथियों को चारों पंजों से उठाता था तथा एक हाथी को चौंच से पकड़कर उड़ जाता था। अपने परिवार के पास चला जाता था। साथ में उनके लिए आहार भी ले जाता था।
कबीर परमेश्वर जी ने सटीक उदाहरण बताकर भक्त को मार्गदर्शन किया है कि आप इस संसार के स्थाई वासी नहीं हैं। आपको यह छोड़कर जाना है। आपका परिवार ऊपर सत्यलोक में है। आप इस पृथ्वी के ऊपर गिरे हो। तत्त्वज्ञान प्राप्त भक्त के मन की दशा उस अलल पक्षी के बच्चे जैसी होनी चाहिए।
गरीब, पतिब्रता के संग है, पारब्रह्म जगदीस।
नरआकार निज निरमला, है सो बिसवे बीस।।
गरीब, सकल समाना एक में, एक समाना एक।
निहचै होइ तौ पाईये, कहा धरत है भेख।।
गरीब, पारब्रह्म की परख के, नैंन निरंतरि नाल।
उर अंतर प्रकासिया, देख्या अबिगत ख्याल।।
गरीब, पारब्रह्म की जाति में, मिलती है सब जात।
सुंन सरोवर बिमल जल, अरस अनूपम रात।।
गरीब, आदि अनाहद अगम है, पतिब्रता के पास।
सहस इकीसौं अष्टदल, थीर करों दम स्वास।।
गरीब, कित पंछी का खोज है, कहां मीन का पैर।
दिल दरिया में पैठि कर, देखो अबिगत लहर।।
गरीब, अलल पंख के लोक कूं, जानत है नहिं कोइ।
अललपंख का चीकला, घर पावैगा सोइ।।
गरीब, सिकल बिकल संसार है, पतिब्रता दिल थीर।
अचल अनाहद अरस धुनि, डोलै नहीं सरीर।।
गरीब, लोहा कंचन हो गया, मिलि पारस सतस��ग।
यौह मन पलटत है नहीं, साधौ के प्रसंग।।
गरीब,जुगन जुगन का कुटल है,जुगन जुगन का जिंद।
पतिब्रता सो जानिये, रहै मनोरथ बंध।।
गरीब, बारह बानी ब्रह्म है, सहस कला कल धूत।
पतिब्रता सो जानिये, राखै मन संजूत।।
गरीब, ज्यूं मंहदी के पान में, लाली रही समाय।
यों साहब तन बीच है, खोज करो सत भाय।
सरलार्थ पूर्व में किया गया है, वैसा ही है। भावार्थ है कि जो भक्त पूर्ण परमात्मा को सच्चे भाव से याद करता है यानि भक्ति करता है तो जगदीश उसके साथ रहता है। उसकी सहायता करता है। वास्तव में परमात्मा नराकार यानि मानव स्वरूप है। बिसवे बीस का अर्थ है पूर्ण रूप से। बीस बिसवे का एक पक्का बीघा होता है। वह पूर्ण माना जाता है। यहाँ पर उसी उपमा से परमात्मा को समर्थ कहा है।
यदि मेरी बातों पर विश्वास है तो परमात्मा मिलेगा। यदि नहीं है तो साधु वेश बनाने का कोई लाभ नहीं है। पाक साफ है। सुन्न सरोवर यानि आकाश में सतलोक रूपी सरोवर है। उसमें सुख रूपी जल है। उस अनुपम यानि अद्भुत अरस यानि आसमान में बने सतलोक में रात-दिन लगन लगा।
एक पारब्रह्म यानि पूर्ण परमात्मा की जाति यानि लक्षण सब देवों से मिलते हैं, परंतु पूर्ण परमात्मा समर्थ हैं। जैसे नमक और बूरा के लक्षण मिलते-जुलते होते हैं, परंतु खाने पर।पता चलता है। परमात्मा दृढ़ भक्त के साथ है।
संहस इक्कीसों यानि दिन-रात में मानव सामान्य विधि से इक्कीस हजार छः सौ श्वांस-उश्वांस दम-श्वांस लेता है। उन सबको परमात्मा के स्मरण में लगाऐं। थीर करो का अर्थ है श्ंवास-उश्वांस से नाम पर दृढ़ता से मन लगाओ।
जैसे पक्षी उड़कर चलता है तो उसकी खोज किसी चिन्ह से नहीं हो सकती अर्थात् पक्षी अपने पीछे कोई निशान नहीं छोड़ता। जैसे मछली जल में कोई निशान बनाती हुई नहीं तैरती, इसी प्रकार प्रत्येक साधक भक्ति की शक्ति से उड़कर या जल की तरह चलकर सतलोक चला जाता है।
अन्य व्यक्ति उसके मार्ग की खोज करके नहीं जा सकता। उसे भी भक्ति करके शक्ति रूपी पंख लगवाने पड़ेंगे। मन रूपी मछली को दिल रूपी दरिया में यानि हृदय से लगन लगा। भक्ति करके उस अविगत (अव्यक्त) परमात्मा की लहर यानि अनन्त सुख को देखो।
अलल पंख की जानकारी गुरूदेव के अंग के सरलार्थ में वाणी नं. 1 के सरलार्थ में विस्तार से बताई है। चीकला माने पक्षी का नवजात बच्चा जिसको पंख नहीं लगी हों। भावार्थ है कि जो भक्त अंश है, वह भक्ति उस भाव से करता है जैसे अलल पक्षी का बच्चा अपना ध्यान आसपास मन में लगाए रहता है।
उसकी आत्मा में यह समाया होता है कि तेरा परिवार ऊपर है। जब तक वह उड़ने योग्य नहीं होता तो अन्य पक्षियों के साथ रल-मिलकर रहता है, परंतु युवा हो���े ही उड़कर ऊपर अपने माता-पिता के पास चला जाता है। इसी प्रकार तत्वज्ञान प्राप्त भक्त को शत प्रतिशत विश्वास होता है कि अपना ठिकाना सतलोक में है।
वही चीकला यानि भक्ति प्रारम्भ करने वाला भक्त भक्ति पूरी करके निर्बाध सतलोक वाले घर को प्राप्त करेगा। संसार सिकल-बिकल यानि चंचल है, कभी भक्ति करने लगता है, कभी छोड़ देता है, परंतु पूर्ण विश्वासी भक्त थीर यानि भक्ति पर दृढ़ रहता है। वह आकाश में परमात्मा मे निरंतर धुनि-लगन, थीर टिकाकर लगाता है।
. ,,,, *सत साहेब जी*,,,,
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iammanhar · 1 year ago
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Day☛985✍️+91/CG10☛In Home☛ 06/07/23 (Thu) ☛ 21:52
जब से डाटा एंट्री का काम कर रहा हूं तब से मेरा ज्यादा समय घर में गुजर रहा है। आज भी पूरा दिन अर्थ फाउंडेशन का डाटा को एंट्री किया हूं, सुबह से शाम तक कब समय गुजर जाता है मालूम ही नहीं होता है।
शाम को हल्की बूंदाबांदी हुई है जिससे गर्मी से थोड़ी राहत मिली है मगर बारिश तो बहुत होना था, खेती किसानी का दिन चल रहा है इस साल बारिश लेट से शुरू हुई है।
गीता भागवत वास्तव में जीने की कला सिखाती है आज मैंने गीता का दूसरा अध्याय कर्मयोग का तीसरा श्लोक पढ़ा, कर्म और योग की अलग-अलग परिभाषा जानकर पढ़कर समझ कर मुझे अच्छा लगा। वास्तव में कर्म ही प्रधान है, मेरे ख्याल से गीता से बढ़कर कोई अन्य ग्रंथ नहीं है।
Good night 🌃
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khabardaartv · 4 years ago
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कॉफी या कैनवस? दक्षिण कोरियाई बरिस्ता कॉफ़ी फ्रॉड पर अतुल्य कला बनाता है (देखें तस्वीरें) दक्षिण कोरियाई बरिस्ता ली कांग बिन ने कॉफी पर कई चित्रों को फिर से बनाया है।
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itsmeprinceraj · 3 years ago
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. . पुस्तक:– गुलमोहर की छांव लेखक:– @vivekranjan.pandey1 शैली:– प्रेम कथा पन्ना:– 114 रेटिंग:– 4 . . गुलमोहर की छांव से शुरू हुई कहानी गुलमोहर की छांव में ही फलीभूत और नए आयाम की और आगे बढ़ती है । हिंदी कहानी और हिंदी कविताएं धीरे धीरे गायब हो रही है लोग अब इन्हें अपमान के नज़रिए से देखते है ऐसा मुझे लगता है, पर मुझे जब भी मौका मिला है हिंदी के काव्य या कहानी पढ़ना मैं कभी पीछे नहीं हटता, मुझे उनमें अपनी मातृभूमि से जुड़ने का अनुभव होता है, जब भी हिंदी को संरचना पढ़ता हूं बहुत ही खुशी होती है और जब कहानी दिल को छू जाती है तो अलग ही सुकून मिलता है । ये कहानी भी कुछ ऐसी ही दिल को सुकून देने वाली है, शेफाली और मयंक की कहानी है जो मिलते है अजनबी की तरह और फिर एक संयोग से और फिर ये शिलशिला एक नए आयाम की और ले जाती है । यह कहानी बहुत ही मार्मिक रचना है लेखक की और बीच–बीच मैं जब वो कविताएं सुनते है तो और भी आनंदित महसूस होता है । गुलमोहर के तले, जब भी तुम मिले, मिटते ही गए ,सब के सब फासले | ये पुस्तक का शीर्षक मुझे बहुत ही मनोहर लगी और इसकी नारंगी रंग की आवरण आंखों को सुकून देती है । एक झलक कहानी की और... शेफाली आकाशवाणी में बतौर कैजुअल एनाउंसर कार्य कर रही हैं और एम. ए कर रही है और ये उसका पहला साल है । मयंक एम. एस–सी कर रहा है और यह उसका अंतिम साल है कॉलेज का और उसे कविताएं ��िखने का बहुत शौक है और उसमे लिखने की एक कला है , शब्दों को बहुत ही बारीकियों से समझ के लिखता है । दोनो की मुलाकात एक गुलमोहर का पेड़ के नीचे हुई थी मयंक घास पर लेट के नजारों का आनंद ले रहे थे, तभी अचानक एक लड़की की आवाज आती है, वो कहती है की हम रोज यहां बैठते है, आप ये जगह खाली कर दीजिए, मयंक पहले तो बहुत अचंभित होते है की ये जगह तो किसी की प्राइवेट तो है नही लेकिन फिर भी वो चले जाते है पर जाने से पहले अपनी परिचय देते है और इसी कारण वो इस लड़की का भी नाम जान जाते है जो की वो शेफाली बताती है । छोटी से मुलाकात फिर हो जाती है अचानक जब मयंक अपनी पुरानी घर देखने जाते है, और उन्हें पता चलता है की उसी घर में शेफाली रहती है और उसके पापा मयंक के पापा के भी दोस्त है । और पढ़ना है तो जाए किताब खोले और आनंद लीजिए इस कहानी का । ... (at Gwalior, Madhya Pardesh, India) https://www.instagram.com/p/CcncAi2LoBc/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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astrologergopalshastri · 3 years ago
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Today's Horoscope-
वृषभ, कन्या और मीन राशि वालों के लिए 4 फरवरी 2022 का दिन विशेष है. सभी 12 राशियों का आइए जानते हैं आज का राशिफल-
मेष- आज के दिन नकारात्मक विचारों का प्रहार निष्फल हो जाएगा. मन में सकारात्मक विचारों का समागम होगा. ऑफिस में कार्यों को लेकर उच्चाधिकारियों के साथ बैठकर डाउट्स क्लियर कर सकते हैं. जो काम की गति को बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा. बिजनेस से जुड़े लोगों को निराशा हाथ लग सकती है. आपके द्वारा की गई मेहनत पर पानी फिरने की आशंका है. स्वास्थ्य की दृष्टि से भोजन करते समय जीभ कटने की आशंका है, इसलिए खाते समय इसका विशेष ध्यान रखें. घर का माहौल प्रफुल्लित रखना है, जिसके लिए अपनी ओर से प्रयासों में कमी नहीं करनी है. जीवनसाथी के साथ बातों को लेकर सहमति रहेगी.
वृष- वृष राशि वालों को आज बेवजह की कुंठा या ईर्ष्या नहीं रखनी है, क्योंकि आपके भीतर नकारात्मक विचारों को जन्म देगी. कला क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ मिलेगा. सिर्फ अपने दिमाग और कलात्मकता को एक साथ फ्रेम में लेकर काम करना होगा. कारोबा��ी बड़े सौदे सोच-विचार कर ही करें. अधिक निवेश, करने से बचना होगा, अन्यथा लॉस हो सकता है. बेवजह घर से बाहर न निकलें रोगों को न्योता दे सकते हैं. सेहत को देखते हुए आज बदलता मौसम और उससे संबंधित बीमारियां चपेट में ले सकती हैं. क्रोध में आकर जीवनसाथी को दुख व ठेस न पहुँचाएं. अन्यथा वे नाराज हो सकती हैं.
मिथुन- मिथुन राशि वालों को आज खुद को मानसिक रूप से स्ट्रांग रखने की आवश्यकता है. मन में सकारात्मक विचारों को ही आने की परमिशन देनी होगी, अन्यथा मानसिक तनाव के शिकार हो सकते हैं. ऑफिस में कार्यों को नियमबद्ध होकर करना लाभकारी सिद्ध होगा. व्यापारी वर्ग संग्रहित धन को बचाने का प्रयत्न करें क्योंकि ��्रहीय स्थितियां खर्च को बढ़ाने के मूड में हैं. आज सेहत सामान्य रहने वाली है, इसलिए इससे संबंधित किसी भी प्रकार की टेंशन नहीं होगी. घर से संबंधित पेंडिंग कार्य समाप्त करने के लिए आज का दिन विशेष रुप से अच्छा है, जिसके लिए घर में थोड़ा समय देने की आवश्यकता है.
कर्क- कर्क राशि वाले आज परिस्थितियों को देखते हुए धैर्य एवं शांति बनाए रखें. मन में किसी के प्रति गलत विचारों को लाने से बचें. ऑफिशियल कार्यों में प्रयास लाभ के रूप में प्राप्त होगा. अतः इसके लिए अपनी कर्मठता में कमी न आने दें और न ही किसी प्रकार की लापरवाही बरतें. व्यापारी वर्ग को सलाह है कि अनावश्यक खर्च वर्तमान समय के लिए ठीक नहीं है अतः सोच समझकर और जरूरी चीजों पर ही खर्च करें. वजन को नियंत्रित करने पर ध्यान दें और ऑयली चीजों का सेवन करने से भी बचें. मां की देखरेख में कोई कोताही न बरतें, स्वास्थ्य में चल रही समस्याओं के प्रति अलर्ट रहें.
सिंह- आज के दिन सामाजिक मान-प्रतिष्ठा का ध्यान रखना होगा. किसी भी तरह से और किसी के भी सामने आपकी छवि खराब न हों. वाणी में मिठास और अच्छे स्वभाव से आप अपने ध्येय को पूर्ण कर पाने में सक्षम महसूस करेंगे. ऑफिस में कर्मठता को महत्व देना उत्तम रहेगा. सभी काम समय पर हो जाएं इसके लिए एक्टिवनेस दिखानी होगी. व्यापारियों को सलाह है कि वह कानूनी दांव-पेंच से बचकर रहें. किसी भी प्रकार के ईलीगल काम को करने के पहले अच्छे से सोच-समझ लें. आज शारीरिक भारीपन सा महसूस होगा, जिसके कारण आलस्य लगेगा. घर में सुख-सुविधाओं के प्रति रुझान कम रखें, अन्यथा खर्च बढ़ सकते हैं.
कन्या- कन्या राशि वालों आज अपनी छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने से बचाना होगा अन्यथा समाज में बुराइयां हो सकती है. मा��सिक रूप से तनाव भी बढ़ सकता है. सलाह है कि आज ऑफिशियल कार्य को समय पर पूरा करें, अन्यथा पेंडिंग कामों की लिस्ट बढ़ जाएगी. समस्या का सामना करना पड़ेगा, बिना पढ़े डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर करने से बचना होगा. कानूनी दांवपेच में फंसना आसान हो जाएगा. सेहत में व्यायाम का सहारा लेना चाहिए. खुद को फिट और एक्टिव रखने के लिए दिनचर्या में इसे शामिल करना अति आवश्यक है. घर में रिश्तेदारों का आगमन हो सकता है, जिससे मन में प्रसन्नता बढ़ेगी.
तुला- तुला राशि वालों को सलाह है कि आज मन में बेवजह की चिंता न पालें. ऑफिस में कार्यों के प्रति लेट-लतीफ मुश्किलें पैदा कर सकता है. बॉस की नजरों में छवि खराब हो सकती है. हो सकता है ऑफिस में काम भी ज्यादा हो और आपका सहयोगी कहीं जरूरी काम से छुट्टी पर चला जाए, जिसके कारण मुश्किलें और बढ़ जाएं. छोटे व्यापारियों को अच्छा मुनाफा हाथ लगेगा, ऐसे में मेहनत करें. हेल्थ में आज त्वचा से संबंधित रोगों के प्रति सजग रहना है. खुजली जैसी समस्या भी परेशानी में डाल सकती है, अतः इसके लिए लापरवाही न बरतें. घर की साफ सफाई पर ध्यान दें, इसके लिए समय निकालें.
वृश्चिक- आज के दिन नयी जिम्मेदारियों के लिये खुद को तैयार रखें और उन्हें सही तरीके से करने का प्रयास करें. कार्यक्षेत्र में आलस्य नुकसान पहुंचा सकता है, ऐसे में एक्टिव रहने की सलाह है. ऑफिशियल कार्य बाधित हो सकता है जिसके चलते वर्कलोड भी बढ़ेगा और बॉस की नाराजगी में सहनी पड़ेगी. व्यापारी वर्ग लाभ के इर्द-गिर्द ही रहेंगे. आपके द्वारा की गई मेहनत का अच्छा फल मिलेगा. सिर में दर्द संबंधित दिक्कत हो सकती है. अतः घर से निकलते समय सिर और कान को ढक कर निकलना होगा. घर में पालतू जानवर है तो साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें. अन्यथा इंफेक्शन फैल सकता है.
धनु- आज के दिन धनु राशि वाले सामाजिक विषयों को लेकर थोड़ा विचार वान रहें. अच्छे विचारों का समागम और दूसरो के लिए मददगार सोच अच्छे परिणाम देगी. ऑफिशियल कार्यों को करने में मन लगेगा, जिसके चलते सभी पेंडिंग काम पूरे हो सकेंगे. सौंदर्य प्रसाधन का व्यापार करने वालों को लाभ होगा. खुदरा व्यापारियों की आय में वृद्धि होगी. यूरिन से संबंधित समस्या हो सकता है, ऐसे में पानी और तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाना होगा. मित्रों के साथ फोन पर संपर्क बनाए रखें, यह आपका मूड तरोताजा करेगा और आपके भीतर चल रही उथल-पुथल का सही सुझाव मिलने में भी सफलता मिलेगी. संतान के स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहें.
मकर- मकर राशि वालों को सलाह है कि आज सुख हो या फिर दुख अपनों से कंधे से कंधा मिलाकर चलें. अपनों का साथ बड़ी से बड़ी मुश्किल का सामना आसानी से कराता है और सुख को भी दुगना कर देता है. सहकर्मियों के साथ कम्युनिक���शन बनाए. ऑफिस में चल रहे काम की प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी रखें. व्यापारी ग्राहकों को लुभाने के लिए आकर्षक कार्य कर सकते हैं. नए ऑफर और प्लान व्यापार में सम्मिलित करना फायदेमंद होगा. पेट के रोगियों को आराम मिलेगा. बस अपने खानपान में सुपाच्य भोजन शामिल करें. परिवार में सदस्यों के साथ हनुमान चालीसा पढ़े. यह सभी मुश्किलों के निवारण हेतु अच्छा उपाय है.
कुंभ- आज के दिन महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं. नया काम करने की सोच रहे है तो इसकी प्लानिंग आज कर सकते हैं. ऑफिस में कार्यों की प्रति क्विकनेस अच्छे रिजल्ट लेकर आएगी. बॉस की प्रसन्नता और तारीफ के पात्र बनेंगे. अधीनस्थों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा. थोक के व्यापारियों को कुछ मंदी का सामना करना पड़ेगा. इसलिए स्टॉक लेने की सोच रहे है तो ले सकते हैं. घुटने के दर्द से परेशान हो सकते है, इसलिए चलते-फिरते समय थोड़ा ध्यान रखें और गर्म तेल मालिश करें. ऐसा करने से आराम मिल सकता है. पिता के साथ समय व्यतीत करें. पिता द्वारा मिलने वाली अनमोल सलाह अच्छे फल देगी.
मीन- आज के दिन आत्मविश्वास में कमी न आने दें. कोई भी काम करने से पहले अच्छे से सोच-समझ लें. ऑफिस में कार्यों में धैर्य रखें, निस्संदेह सफलता प्राप्त होगी. इंस्टेंट सफलता पाने की कोशिश निराशा दे सकती है. आज आपको बड़ी डील करने से बचना चाहिए. व्यापारियों के लिए दिन विशेष अच्छा नहीं बीतने वाला है. महामारी के प्रति अलर्ट रहें, इससे संबंधित सभी प्रकार की सुरक्षा का पालन करना होगा. थोड़ी सी भी लापरवाही स्वास्थ्य में परेशानी दे सकती है. जीवनसाथी से मन की बात साझा कर सकते हैं. उनसे अपने काम के लिए महत्वपूर्ण निर्णय की सलाह भी कर सकते हैं.
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।
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nigranidainik · 3 years ago
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“लेटमिइन मिसेस व्यूटी क्वीन नेपाल २०२१” आवेदन फारम खुल्ला
“लेटमिइन मिसेस व्यूटी क्वीन नेपाल २०२१” आवेदन फारम खुल्ला
काठमाडौँ । सिजन मिडिया प्रा.लि.द्धारा आयोजीत विवाहीत महिलाहरुमा केन्द्रित “लेट मि इन मिसेस व्यूटी क्वीन नेपाल २०२१” पाचौं संकरणको आयोजनाको लागि आवेदन खुल्ला गरेका छ । विवाहित महिलाहरुको सहभागीतालाई ध्यानमा राखि सिजन मिडियाले यो कार्यक्रम विगत ५ वर्ष देखि गर्दै आएको हो । महिलाहरुको व्यक्तित्व विकास, आत्मविश्वास अभिवृद्धि, वाक कला तथा नेतृत्वदायी क्षमताको विकास साथै त्यसको आवश्यकताको महसुस गरी सोही…
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sahu4you · 5 years ago
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घर बैठे इंटरनेट से ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए?
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क्या आपने कभी सोचा है? की इंटरनेट से पैसे कमाए जा सकते है, बहुत सारे लोग का यहीं मानना है की इंटरनेट सिर्फ Facebook और WhatsApp इस्तेमाल करने के लिये है, आज हम आपको घर बैठे इंटरनेट से ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए? के तरीके बताएँगे, अगर आप विद्यार्थी है और अपना खुद का का खर्च निकालने के लिए ऑनलाइन पैसे कमाने के तरीके खोज रहे है तो धेर्य के साथ यहं लेख पढ़े, जहाँ पर Students के लिए ऑनलाइन पैसे कमाने के 10 तरीके बताएं है।
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How to Earn Money Online in Hindi इंटरनेट के विस्तार के साथ बहुत सारे कमाई के साधन बना दिए है जहाँ से हम अच्छा खासा पैसा निकाल सकते है, वो किस तरह से इन्टरनेट पर Part-Time Work करके पैसे कमा सकते है। हालांकि कार्य करने से डरते है और सोचते है की हमे Online Investment करनी होगी व सोचते है की ऑनलाइन पैसा कमाने के गलत तरीके से पैसे कमाए जाते है। हर वक्त बचत व पैसे कमाने के बारे में सोचते रहते है की कही अंशकालिक नौकरी मिल जाए और जिन में Low-Investment Business हो। तो दोस्तों आज कल ऐसे ही ऑनलाइन जॉब मिलाना बहुत ही जरुरी हो गया है। और मनी-मेकिंग वेबसाइट भी बहुत है जो आप को पैसे कमाने का मौका देता है। बस आप को थोड़ा ऑफ़लाइन काम करना है। जब घर बैठे पैसे कमाने के बात आती है तो इंटरनेट पर Google, Quora, YouTube, Blogging, Online Advertising, Fiverr, Affiliate Marketing, Online Paid Surveys और URL Shortener जैसे नाम सुनने को मिलते है।
Online Paise Kaise Kamaye : इन्टरनेट से पैसे कमाने के तरीके
जी हाँ दोस्तों, अब आप घर बैठे ऑनलाइन इन्टरनेट से पैसे कैसे कमाए जा सकते है। वैसे इन्टरनेट पर आपको पैसा कमाने के गलत तरीके और पैसा कमाने के धंधे भी मिलते है पर हम आपको बिलकुल जेन्युइन तरीके बताने वाले है। सामान्य जीवन में जिस WhatsApp और Youtube का इस्तेमाल आप समय व्यतीत करने क लिए करते है अब वो भी आपके पैसे कमाने का जरिया बन जायेगा। Quora और Online Paid Surveys में आप कुछ सवालों के जवाब देकर भी नेट से पैसा कमाँ सकते है और वहीँ Fiverr और Affiliate Marketing में आप अपने सामान को बेचकर कमिशन और कमी कर सकते है। अगर आपको लिखने का शोंख है तो आपको Blog व Blogging शुरू करना चाहिए और Acting और Singing पसंद है तो Youtube पर चैनल बनाकर काई कर सकते है। और अगर बिलकुल काम नहीं है तो TikTok आपके लिए सही है क्यूंकि वहां आप बिना किसी स्किल और टेलेंट के ऑनलाइन कमी कर सकेंगे। आजकल स्मार्टफ़ोन सभी के पास है और बहुत सारे मोबाइल एप्प्स से पैसे कैसे कमाए जा सकते है, जानिए आपको किन-किन चीजों की जरुरत पड़ेगी। ऑनलाइन पैसे कमाने के लिए आपको क्या चाहिए ज्ञात हो गया होगा की इंटरनेट के जरिये घर बैठे कमाई की जा सकती है। ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर काम करते समय सावधान भी रहना होगा। आज हम कुछ तरीके बताने जा रहे हैं जो आपको नेट से ऑनलाइन पैसे कमाने में मददगार शाबित होगा जिससे कम पैसे में ज्यादा कमाई की जा सकती है। इन्टरनेट से पैसे कमाने के लिए आपको इन चीजों की आवश्यकता होगी। 1. फ्रीलांसिंग करें कौशल (कला) इंटरनेट आधारित कौशल है, जैसे एसईओ, एसएमओ, कोडिंग, वेब डिजाइनिंग, लिंक बिल्डिंग, लोगो डिजाइनिंग, इत्यादि को बेचकर आप पैसे कमा सकते है इस प्रकिर्या को फ्रीलांसिंग कहते है। जिनको इन्टरनेट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती पर आप उस चीज़ में माहिर हो ऐसे में आप उनके लिए काम कर सकते है उसके आपको पैसे मिलते है। फ्रीलांसिंग से पैसे कमाने का तरीका बहुत लोकप्रिय है जिसमे आप अपना हाथ आजमा सकते है। इन्टरनेट पर Freelancing के लिए बहुत सारे वेबसाइट है जहाँ पर आप अपने स्किल्स को बेचकर कमी कर सकते है, आप ऐसे किसी ऑनलाइन काम में मदद करते हैं तो आप भी घर बैठे पैसे कमा सकते हैं। अपने कौशल के जरिये पैसे कमाने का Fiverr, UpWork और OutFiverr सबसे बेहतर मंच है। 2. ब्लॉग और वेबसाइट बनाकर पैसे कमायें अगर आपको किसी चीज़ के बारे में अच्छा नॉलेज है तो उससे अपनी वेबसाइट और ब्लॉग बनाकर ऑनलाइन कमाई शुरू कर सकते है। में भी एक ब्लॉगर हूँ तो अक्सर मुझसे यह सवाल पूछा जाता है की ब्लॉग बनाकर ब्लॉग्गिंग से पैसे कैसे कमायें। आप अपनी वेबसाइट में थीम, डोमेन लेना होगा जिसका न के बराबर खर्च होगा और कमाई की बात करे तो Google Adsense व Affiliate Marketing करके आप भी नेट से कमाई कर पायेंगे। इसमें आप जितना ज्यादा Traffic लेते है उतनी ज्यादा आपकी ऑनलाइन इनकम होगी। ब्लॉग���ंग एक कला है जिसमें आपको लिखने की कला प्रस्तुत करनी होती है, यह आप पर कितनी अच्छी तरह लिखता है और आपकी बात में कितनी सच्चाई है, तो आप जानते हैं कि मैं आपको बताऊंगा कि कैसे आप लॉग इन से पैसे कमा सकते हैं आसान कदम ताकि आप शुरुआत कर सकें। मुझे किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। सबसे पहले अपना ब्लॉग Blogger.Com से बना लें क्योंकि यह आपको एक फ्री ब्लॉग बनाने का कॉन्ट्रैक्ट देता है, अगर आप एक ब्रांड बनाना चाहते हैं, तो अपने ब्लॉग के डोमेन का चयन करें और आप डोमिन लेकर ब्लॉग से जुड़ सकते हैं। एक अच्छे ब्लॉग टेम्पलेट का उपयोग करें और ब्लॉग सेटिंग अच्छी तरह से करें। नियमित रूप से ब्लॉग पर पोस्ट लिखकर प्रकाशित करें। Google में पोस्ट को रैंक करने के लिए SEO सीखें, जिसके बारे में हमने बहुत कुछ लिखा है, सोशल मीडिया पर पोस्ट को प्रोमोट करें और ब्लॉग को Google Adsense से अनुमोदित करें, ताकि Google के विज्ञापनों को ब्लॉग में रखा जा सके। अपना काम जारी रखें ताकि आप बहुत सारा पैसा कमाना शुरू कर देंंगे, अब आप ब्लॉग के जरिए Google से पैसा कमाना शुरू कर सकते हैं। 3. YouTube से पैसे कैसे कमाए? YouTube इंटरनेट से कुछ सीखने के लिए एक बढ़िया स्रोत है जहाँ आप वीडियो के रूप में कुछ भी सीख सकते हैं, यदि आप किसी चीज़ के विशेषज्ञ हैं, तो आप इस पर वीडियो बनाकर और इसे अपने YouTube चैनल पर डालकर पैसे कमा सकते हैं: अपना खुद का YouTube चैनल कैसे बनाएं? YouTube पर गेमिंग चैनल कैसे शुरू करें? यूट्यूब पर एंड्रॉइड गेम्स को लाइव-स्ट्रीम कैसे करें? जिस तरह पोस्ट को पढ़कर आप आसानी से YouTube पर अपना चैनल बनाकर काम करना शुरू कर सकते हैं, सबसे अच्छी बात यह है कि शुरुआत में आपको कोई निवेश नहीं करना है, बस आपको अच्छी सामग्री पर ध्यान केंद्रित करना है। YouTube से पैसे कमाने की एक बहुत छोटी प्रक्रिया है, जिसमें आपको अपना खुद का YouTube चैनल बनाना होगा और उसके लिए एक अच्छा लोगो, चैनल आर्ट और प्यारा अनोखा नाम रखना होगा ताकि आपके दर्शक इसे आसानी से याद रख सकें। एक नियमित समय सारणी बनाएं और वीडियो को कभी लेट न होने दें, हमेशा सामग्री के विचारों पर ध्यान दें और यदि आपकी सामग्री पसंद आए तो ग्राहक अपने आप आ जाएंगे। Youtube वीडियो कस्टम थंबनेल का उपयोग करें, सोशल मीडिया पर शीर्षक, टैग, विवरण, प्रचार वीडियो का उपयोग करें। 1000 सब्सक्राइबर पूरा करें, 4000 घंटे वॉच टाइम Youtube वीडियो पूरा करें, अब अपने YouTube चैनल को Google Adsense से कनेक्ट करें। जैसे ही आपका YouTube चैनल Google से मुद्रीकरण सक्षम हो जाएगा, आपके वीडियो पर विज्ञापन आने शुरू हो जाएंगे। अब आप Google की मदद से Youtube से पैसे कमाना शुरू कर पाएंगे। 4. Online Tution से पैसे कमाए सभी को अध्ययन करना है, लेकिन लोगों ने आज के ��मय में अपनी सोच को काफी हद तक बदल दिया है, वे ऑफ़लाइन स्कूल के बजाय ऑनलाइन कक्षाएं और ऑनलाइन ट्यूशन पढ़ना पसंद करते हैं। यह भी गलत नहीं है, क्योंकि उनके सभी पसंदीदा विषय इंटरनेट पर आसानी से मिल जाते हैं और वे उनके बारे में कभी भी, कहीं भी अध्ययन कर सकते हैं। इंटरनेट पर कई लोग हैं जो हर बार नया सीखना चाहते हैं और वे शिक्षण के लिए पैसे भी लगा सकते हैं, अगर आपके पास कोई प्रतिभा है जिसके बारे में आपके मित्र आपसे हर बार पूछते रहते हैं। इन प्रतिभाओं को अपनी शक्ति बनाएं और छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाकर पैसे कमाएं। इंटनरेट से पैसे कमाने है तो बहुत सारे रास्ते आपको दिखाई देते है उनमे है ऑनलाइन पढ़ा कर पैसे कैसे कमायें जिसकी पूरी जानकारी हिंदी में हम दे रहें है, ऑनलाइन सीखना और सीखना इंटनरेट के आने के बाद एक ट्रेंड बन चूका है, जब ऑनलाइन वो चीज़ सीखी जा सकती है तो कोई क्यों किसी लोकल के टीचर को पैसा देना पसंद करेगा। अब तक, यदि आपके मन में ऑनलाइन शिक्षण करने के तरीके के बारे में प्रश्न हैं, तो इंटरनेट पर कई ऐसी वेबसाइटें होंगी, जहाँ आप मुफ्त में पंजीकरण कर सकते हैं और अपनी शिक्षण कक्षा शुरू कर सकते हैं और ऑनलाइन छात्रों को सिखा सकते हैं कि छात्रों के लिए सर्वोत्तम विकल्प ऑनलाइन कक्षाएं हैं। । 5. अपने Skill को बेचकर पैसा कमाएं यहां, Skill का अर्थ है इंटरनेट आधारित कौशल, जैसे SEO, SMO, Web Designing, Web Devlopers, Link-Building, लोगो डिजाइनिंग इत्यादि। अगर आप किसी काम में बेहतर है और उससे आप अच्छे से कर सकते है तो आपको उन लोगो को ढूंढने की जरुरत होगी जिसको आपकी जरुरत है, वो आपको कुछ काम देंगे जिसको पूरा करने के बदले में आपको पैसे मिलेंगे। इंटरनेट का विलय दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। तो अपने ऑनलाइन व्यापार को बढ़ाने के लिए, लोग विशेषज्ञों की तलाश करते हैं, जो पैसे के बदले में अपना काम करते हैं। क्योंकि अगर वे वही काम करते हैं तो उन्हें बहुत समय लग सकता है। अगर आप भी ऐसे किसी ऑनलाइन काम में निपुण हैं, तो आप भी घर बैठे पैसा कमा सकते हैं। अपने कौशल के माध्यम से पैसा कमाने का सबसे अच्छा मंच Fiverr है। 6. Affiliate Marketing से पैसे कैसे कमाए आपने सहबद्ध विपणन (Affiliate Marketing) प्रणाली का नाम सुना होगा, क्योंकि ऑनलाइन व्यापार में, बहुत से लोग Affiliate Marketing सेवाओं से बड़ी कमाई कर रहे हैं, और वे ऑनलाइन आय के Affiliate Marketers हैं, और यह भी एक अंशकालिक नौकरी की तरह है। जब आप स्वतंत्र होते हैं, तब काम करते हैं और ऑनलाइन आय बनाते हैं। एफिलिएट मार्केटिंग में और कुछ नहीं करना है। इसमें आपको Amazon, Flipkart, Snapdeal, ShopClues जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइटों के शीर्ष पर बेचे जाने वाले उत्पाद प्राप्त करने होंगे। जब कोई भी लोग उत्पाद खरीदते हैं, तो आप अपने बैंक के माध्यम से उनमें से कुछ प्रतिशत कमीशन प्राप्त करेंगे। एफिलिएट ��ंपनी आपको प्रोडक्ट का लिंक प्रदान करेगी, आप इन लिंक्स को सोशल मीडिया, दोस्तों पर शेयर करके प्रोडक्ट को बेच सकते हैं, अगर आप शॉर्ट में चीजें कहते हैं, तो एफिलिएट मार्केटिंग में आपको प्रोडक्ट को सेल करवाना होगा। और आप इन चीजों को किसी भी समय और कहीं से भी कर सकते हैं, यहां से Affiliate Marketing के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, Affiliate Marketing क्या है और इसे कैसे करना है। 7. Online Paid Surveys से पैसे कमाए Online Survey का एक प्रश्नावली है, जिसे उपयोगकर्ता को पूरा करना होगा। ऑनलाइन सर्वेक्षण विशेष रूप से कंपनी, समूह या किसी व्यक्ति द्वारा किया जाता है। कई वेबसाइट या संगठन हैं जो Survey पूरा करने के लिए पैसे भी देते हैं। जिन्हें Paid Online Survey कहा जाता है। यह पैसे कमाने का सबसे आसान तरीका है जिसमे आपको कुछ नहीं करना, बस बताये तरिके से बस कुछ सर्वे को पूरा करना है और उन्हें पूरा करने के आपको कुछ कंपनी पैसे देंगी। अगर आप ज्यादा समय इंटरनेट पर ऐसे ही व्यतीत करते है तो उस खाली समय में Online Paid Surveys से पैसे कमाए जा सकते है। आखिर यह कंपनी हमें पैसे क्यों दे रही है, यह सबसे बड़ा सवाल है, इसलिए हमारी टीम ने इसके बारे में शोध किया, तब पता चला कि यह उन्हें उत्पादों और सेवाओं के बारे में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की राय या विचारों के लिए भुगतान करता है। 8. URL Shortener से पैसे कैसे कमाये क्या आपको जानकारी है की हम URL या Website को Short करके Online पैसा कमा सकते है? यह मजाक नहीं है बल्कि सच है आप यूआरएल शार्ट करने वाले वेबसाइट से पैसे कमाँ सकते है, बस उसके लिए आपको एक URL Shortener Website की आवश्यकता होगी जिससे आप किसी भी Long URL को Short URL में बदल सके और फिर उसे Share कर सके। URL को Short करके पैसे कमाना बहुत आसान है, बस आपको URL को छोटा करना होगा और उसके बाद उस छोटे URL पर Google Ads डाले जाएँगे। अब जो कोई भी इस Short URL के लिंक पर क्लिक करता है, उसे पहले विज्ञापन दिखाया जाता है और फिर उसके Main Link पर ले जाया जाता है और केवल आपको इन Ads के लिए भुगतान मिलता है। URL Shortener की सबसे अच्छी ववेबसाइट जो आपको अच्छा पैसा दे सकती है: Shorte.st - यह एक बहुत ही अच्छा URL Shortener Company है, यहाँ से आप Short URL को प्रमोट करके $ 2 से $ 5 की कमाई कर सकते हैं और इसमें आपको Referral का पैसा भी मिलता है, आप Referral पर 20% कमीशन पा सकते हैं। Short.Am - Short.am की मदद से हम बड़ी वेबसाइट को आसानी से छोटा कर सकते हैं, यह एक छोटी नेटवर्क वेबसाइट है, इसमें आप 1000 व्यू पर $ 5 से $ 8 तक कमा सकते हैं, जिसमें आपको रेफरल पर अच्छा कमीशन मिलेगा। Ouo.io - यह URL को छोटा करने के लिए बहुत ही अच्छी वेबसाइट है, इसमें आपको हर 1000 व्यू के लिए $ 5 मिलते हैं, इसके अलावा यह वेबसाइट आपको 1000 व्यू पर $ 1.5 देने की गारंटी देती है। Cutwin.Com - आप शॉर्टनर कंपनी से भी अच्छा पैसा कमा सकते हैं, इसमें आप 1000 व्यू पर $ 8.5 से $ 14.5 तक प्राप्त कर सकते हैं, इसमें आप $ 10 पर निकाल सकते हैं और इसमें आपको रेफ़रल पर 20% कमीशन मिलता है जो आपको लाइफ टाइम देता है। 9. Mobile Apps से पैसे कैसे कमाए? आपने अपने दोस्त से सुना होगा की इस अप्प से पैसे कमाए जा सकते है जिसका लिंक वो आपको देता है और उससे डाउनलोड करने से आपके मित्र को पैसे उसके अकाउंट में मिल जाते है। यह सच है की पैसे कमाने वाला ऐप्स आपको सच में पैसे देते है जिसको आप घर बैठे फ़ोन से पैसे कमा सकते है। यहां हमने ऐसे ही कुछ ऐप्स की लिस्ट बनाई है। उनकी मदद से, आप अपने मोबाइल से एक अच्छी आय अर्जित करने में सक्षम होंगे। इसके लिए आपको किसी महंगे मोबाइल की जरूरत नहीं है। आपके मोबाइल में इंटरनेट होना आवश्यक है। अगर आप इन एप्लिकेशन के नियमों का अच्छी तरह से पालन करते हैं तो आपको पैसे कमाने में कोई परेशानी नहीं होगी। पैसे कमाने वाला ऐप्स से मोबाइल से पैसे कैसे कमाएं? Swagbucks - बहुत से विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को पूरा करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे आप पैसे कमा सकते हैं। ये ऑनलाइन उपलब्ध है एक वेब ऐप के तोर पर और इनकी एक मोबाइल ऐप "SB Answer - Survey Pay" भी है, जिसे आप अपने एंड्रॉइड फोन में इस्तमाल कर सकते हैं। Phonepe - PhonePe भारत में एक बहुत बड़ा और सुरक्षित ऑनलाइन पैसा बनाने वाला भुगतान स्टोर है जो उपयोगकर्ताओं को शानदार ऑफ़र प्रदान करता है। Google Opinion Rewards - गूगल का नाम शायद ही कोई हो जिसने नहीं सुना हो। लेकिन उनके Online Money Making App "Google Opinion Rewards" के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। 10. Google Adword से पैसे कैसे कमाए Google adword ऐसा ही एक टूल है। जिसका हर विज्ञापनदाता उपयोग करता है। Google adword का उपयोग इंटरनेट पर दिखने वाले सभी विज्ञापनों के लिए किया जाता है। यह एक खोजशब्द अनुसंधान उपकरण है। जिसकी मदद से आप अपने प्रोडक्ट को ऑनलाइन प्रमोट कर सकते हैं। यदि आप Affiliate Marketing करते हैं या आप अपने उत्पाद को ऑनलाइन बेचना चाहते हैं, तो आप इस उपकरण का उपयोग Google से कर सकते हैं। जिसका परिणाम आपको बहुत अच्छा मिलता है। आपको बता दें कि अपने विज्ञापन को ऑनलाइन चलाने के लिए, आपको Google को कुछ राशि का भुगतान करना होगा। जिसे आप अपनी किसी भी सेवा और उत्पाद को ऑनलाइन बेच सकते हैं। यह उन लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प है जो अपने उत्पाद को ऑनलाइन बेचना चाहते हैं। सबसे पहले Google Adwords वेबसाइट पर जाएं जहाँ से फ्री में अपना अकाउन्ट बनाएं। उन कीवर्ड का पता लगाएं, जिन पर आप उत्पाद बेचने के लिए विज्ञापन चलाना चाहते हैं। Google Adwords की सहायता से विज्ञापन चलाएँ। और अपने प्रोडक्ट्स और वेबसाइट पर ज्यादा से ज्यादा ट्रैफिक प्राप्त करके पैसे कमा सकते है। इस तरह से आप Google एडवर्डस की मदद से ऑनलाइन प्रोडक्ट बेचकर गूगल से पैसे कमा सकते हैं। अंतिम शब्द: How to Earn Money Online आज के लेख में हमने इंटरनेट से पैसे कमाने के आसान तरीके के बारे में पूरी चर्चा की जिसमे हमने बहुत सारे टॉपिक्स को कवर किया जो ऑनलाइन एअर्निंग में मददगार है, पर रोजमर्रा में आप Facebook से पैसे कैसे कमायें, Quora से पैस��� कैसे कमाए, WhatsApp से पैसे कैसे कमायें ��र Instagram से पैसे कमाने का तरीका भी हम जोड़ने वाले है। घर बैठे ऑनलाइन कमाई करना आसान सिर्फ इन्टरनेट की मदद से हो पाया है, पहले एक समय था जब पैसे कमाने के लिए आपको कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता थी पर अब थोडा-सा सही जगह पर दिमांग लगाकर आप घर बैठे पैसे कम सकते है, चाहे आप गांव में हो या शहर से पैसे कमाने के तरीके सभी पर लागू होते है, हालाँकि लोगो के सवाल है कौन सा बिजनेस करने से बढ़िया, कौन सा बिजनेस फायदेमंद है, कौन सा व्यापार करे और गांव में चलने वाला बिजनेस, तो सुनिए जो आप कर सकते है वो सब सही है। कम पैसे मे अच्छा बिजनेस और इंडिया में सबसे अच्छा बिजनेस कौन सा है जो बिना खर्ची के कर सकते है, हम उम्मीद करते है अपने जो चुना है सही ही चुना होगा बस कमेंट में अपनी राय और विचारधारा जरुर साँझा करे जिससे हम खुद को आपकी मदद के काबिल समझे और आगे भी ऐसे ही Informative जानकारी आपके लिए प्रकाशित कर सके, धन्यवाद! 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dhanranjan-kushwaha · 5 years ago
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- विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता भ्रष्टाचार एवं कुव्यवस्था दूर करने के को लेकर आज आभाविप के कार्यकर्ताओं ने कुलपति आर.के. मंडल को एक ज्ञापन सौंपा। कार्यकर्तओं ने कहा कि आज विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय अपने बदहाली पर आंसू बहा रही है। हमारे विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के दायित्वान पदाधिकारी शिक्षा के मंदिर में दलाली एवं मोटी रकम वसूलने का काम कर रहे हैं। हमारे पश्चिम चंपारण जिले में तीन अंगिभूत महाविद्यालय है इनका शैक्षणिक वातावरण पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। यहा पूरी तरह से दलालों एवं असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। छात्र अपनी समस्याओं को लेकर दर-दर भटक रहे हैं इनका सुनने वाला कोई नहीं है । सामान्य कोर्स स्नातक से स्नाकोत्तर तक का सत्र 1 से 2 साल लेट चल रहा है, जबकि नामांकन प्रक्रिया अगस्त माह में पूरी कर लेनी है लेकिन दलालों के माध्यम से नामांकन प्रक्रिया चालू पर चल रही है।इन सभी गंभीर समस्याओं को देखते हुए अब अभी बेतिया आपसे निम्नलिखित मांग करती है। जिला मुख्यालय में विश्वविद्यालय की शाखा या परीक्षा परिणाम ��ूल्यांकन केंद्र खोली जाए जिससे छात्रों को परीक्षा परिणाम में हो रहे हैं( पेंडिंग, प्रमोटेड) अनियमितता एवं भ्रष्टाचार से निजात मिलेगा। जिले के तीनों अगिभूत महाविद्यालयों में स्नाकोत्तर के सभी संकाय (कला, वाणिज्य, विज्ञान)के सभी विषयों, कानून एवं B.Ed की पढ़ाई सुनिश्चित की जाए। स्नाकोत्तर एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रमों का परीक्षा केंद्र जिला मुख्यालय में किया जाए। हमारे जिले के 50% छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग प्रमोटेड प्रत्येक साल विश्वविद्यालय द्वारा किया जाता है।परीक्षा परिणाम में पेंडिंग,प्रमोटेड के समस्याओं से निजात दिलाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा ठोस कदम उठाई जाए। सभी महाविद्यालयों में छात्रों के मूलभूत सुविधा कॉमन रूम, लाइब्रेरी ,ई-��ाइब्रेरी, लैब ,पेयजल ,शौचालाय, बिजली पंखा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। व्यवसायिक पाठ्यक्रम में अच्छी गुणवत्ता हेतु योग शिक्षकों की नियुक्ति एवं उनकी मूलभूत सुविधाओं लाइब्रेरी,ई-लाइब्रेरी,स्मार्ट क्लासरूम सुव्यवस्थित की जाए। सभी व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के छात्र- छात्राओं को 30 दिनों का जॉब ट्रेनिंग कराए जाए एवं उसका प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाए। शैक्षणिक सत्र को नियमित की जाए एवं महाविद्यालयों में 180 दिनों की पढ़ाई सुनिश्चित की जाए। स्नातक एवं स्नातकोत्तर के नामांकन प्रक्रिया में महाविद्यालयों द्वारा बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है उसकी जांच कराकर दोषियों को कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। https://www.instagram.com/p/B3zcS26JbRn/?igshid=1xetd5s1eyyb1
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onlinekhabarapp · 6 years ago
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सामसङ एस१०को प्रि बुकिङ्गको लक्की ड्र विजेताहरुलाई पुरस्कार वितरण
१९ वैशाख, काठमाडौं । सामसङ एस१० प्रि बुकिङ्गको लक्की ड्र विजेताहरुलाई वैशाख १७ गते एक कार्यक्रमको आयोजना गरी पुरस्कार वितरण समारोह सम्पन्‍न भएको छ।
कम्पनीले चैत्र १८ गतेदेखि वैशाख १ गतेसम्म यस फोनको लागि प्रि-बुकिङ्ग खुल्ला गरेको थियो। यस अवधिमा उल्लेख्य रुपमा ग्राहकहरुको सहभागिता समेत रहेको कम्पनीले जनाएको छ।
सामसङले आयोजना गरेको यस कार्यक्रममा-एस१० प्रि बुक गर्ने ग्राहकहरु मध्येबाट कपिल अग्रवालले ५ हजार रुपैयाँ बराबरको लेट मि इन को दुईवटा कुपन प्राप्त गर्नु गरेका छन्।
त्यसैगरी संगम खड्काले के जि एच पोखरामा दुई जना (जोडी) को लागि दुई रात विताउने कुपन प्राप्त गरेका थिए भने कला भट्टराई, विक्रम तिमल्सिना तथा सुदर्शन श्रेष्ठ समेतगरी तीनजनाले सामसङको ग्यालेक्सी वाच एक्टिभ तथा सुमन रञ्जितकारले टर्किस एयरलाईनसको विजिनेश क्लास टिकट (कर तिर्ने गरी) प्राप्त गरेका थिए।
ग्यालेक्सी एसको प्रारम्भ भएको दशवर्षको उत्साहसँगै, सामसङ इलेक्ट्रोनिक्सले नयाँ उच्चस्तरीय स्मार्टफोनहरु प्रस्तुत गर्दै आएको छ।
नयाँ जमानाको जीवन्त अनुभव प्रदान गर्न कम्पनीले फोन बजारमा सार्वजनिक गरेको हो। यसमा भएको डिस्प्ले, क्यामरा तथा कार्य क्षमतामा अभूतपूर्व नवीनतम प्रविधिको प्रयोग भएको छ।
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gethealthy18-blog · 5 years ago
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माइग्रेन के इलाज के लिए योगासन – Yoga For Migraine in Hindi
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माइग्रेन के इलाज के लिए योगासन – Yoga For Migraine in Hindi
Ankit Rastogi Hyderabd040-395603080 August 20, 2019
माइग्रेन ऐसा मानसिक विकार है, जिसमें पीड़ित सिर में असहनीय दर्द से जूझता है। इसका कोई निश्चित समय नहीं होता, लेकिन जब यह अपना प्रभाव इंसान पर डालता है, तो सिर की नसों में कष्टदाई पीड़ा का एहसास होता है। यह दर्द पीड़ित के आधे सिर में महसूस होता है। इसके अलावा, कभी-कभी मरीज में मतली और कमजोरी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। इस समस्या से पीड़ित लोगों में रोशनी और आवाज को लेकर असहजता ��ानी घबराहट भी देखी जाती है (1)। वैसे तो इसके इलाज के लिए डॉक्टर कुछ खास दवाओं का उपयोग करने की सलाह देते हैं, लेकिन माइग्रेन के लिए योग एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
विषय सूची
स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको माइग्रेन के घरेलू उपाय के तौर पर इस्तेमाल में लाए जाने वाले कुछ खास योगासन से आपको अवगत कराएंगे, जो इस समस्या से निजात दिलाने में लाभकारी साबित हो सकते हैं।
माइग्रेन के लिए योग के विभिन्न आसन जानने से पहले जरूरी होगा कि हम यह जान लें कि योग माइग्रेन में कैसे लाभदायक है।
कैसे माइग्रेन में लाभदायक है योग – How Does Yoga Help with Migraine in Hindi
माइग्रेन से बचने के लिए योग कैसे सहायक हो सकता है, इस बात को समझने के लिए हमारा यह जानना जरूरी है कि योग एक प्राचीन कला है। इसका उपयोग केवल माइग्रेन ही नहीं, बल्कि कई गंभीर समस्याओं के उपचार के तौर पर किया जाता रहा है। योग शारीरिक, मानसिक और श्वसन क्रिया (सांस लेनी की प्रक्रिया) को नियंत्रित करने का काम करता है। साथ ही यह शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर करता है। जब शरीर के सभी अंग बेहतर तरीके से काम करने लगते हैं और शारीरिक थकान के साथ-साथ मानसिक तनाव भी दूर हो जाता है, तो माइग्रेन की समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है। आपको बता दें कि माइग्रेन का एक अहम कारण मानसिक तनाव भी है।
यह तो हो गई आम बात, लेकिन इस संबंध में किए गए वैज्ञानिक शोध में भी इस बात को प्रमाणित किया जा चुका है कि योग करने से माइग्रेन जैसी विकट समस्या से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है (2)।
आगे के लेख में हम माइग्रेन से बचने के लिए योग के कुछ आसनों के बारे में बात करेंगे।
माइग्रेन के लिए योग – Yoga For Migraine in Hindi
बता दें कि योग के कई प्रकार हैं, जो माइग्रेन से संबंधित जोखिम कारक जैसे:- अवसाद, चिंता, अनिद्रा और ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर कर इस विकार को ठीक करने में सहायक होते हैं (1) (3)। ऐसे ही कुछ खास योगासनों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
1. पद्मासन
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कैसे है लाभदायक :
पद्मासन शब्द संस्कृत के दो शब्दों का समावेश है। इसमें पद्म का अर्थ है कमल का फूल। वहीं आसन का अर्थ मुद्रा (बैठने का तरीका) से है। इसे कमल आसन भी कहा जाता है। योग की यह प्रक्रिया अनिद्रा, तनाव व जोड़ों ��े संबंधित समस्या और पाचन प्रक्रिया में सुधार के लिए सहायक मानी जाती है। इस कारण माइग्रेन से बचने के लिए योग में पद्मासन काफी लाभकारी माना जा सकता है।
करने का तरीका :
सबसे पहले आप समतल जमीन पर योग मैट बिछाकर बैठ जाएं और अपने पैरों को फैलाएं।
अब अपने दाएं पैर को दोनों हाथों की सहायता से अपने दूसरे पैर की जांघ पर रखें।
इसी तरह अब अपने बाएं पैर को दाहिनी जांघ पर मोड़कर रखें।
सिर, गर्दन ��र कमर को सीधा रखें। साथ ही तलवों को भी सीधा रखने की कोशिश करें।
वहीं, हाथों को घुटनों के ऊपर रखकर ज्ञानमुद्रा में आ जाएं।
अब इस स्थिति में गहरी सांस लें और फिर उसे धीरे-धीरे छोड़ें।
इस प्रक्रिया को कई बार दोहराएं और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें।
शुरुआती दौर में इस प्रक्रिया का दो से तीन मिनट तक अभ्यास करें। बाद में आप अभ्यास का समय 10 से 15 मिनट तक बढ़ा सकते हैं।
सावधानी :
पैर में या घुटनों में दर्द होने की स्थिति में पैरों को मोड़ने की जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।
कुछ लोग अपने पहले पैर को पूरी तरह से अपनी दूसरी जांघ पर नहीं रख पाते हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी तरह की जबरदस्ती से बचें।
गर्भवती महिलाओं को इस आसन को करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
घुटनों व टखनों में चोट होने या कमर दर्द होने पर इस आसन को नहीं करना चाहिए।
2. उत्तानासन
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कैसे है लाभदायक :
उत्तानासन दो शब्दों उत्तान और आसन से मिलकर बना है। उत्तान का अर्थ होता है खींचा हुआ और आसान का मतलब मुद्रा से है। योग का यह प्रकार पूरे शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करने का काम करता है। माना जाता है कि योग का यह प्रकार सिर दर्द, तनाव व कमर दर्द के साथ-साथ पेट, ब्लड प्रेशर और लिवर से जुड़ी बीमारियों को दूर करने का काम करता है। इस कारण ऐसा कहा जा सकता है कि माइग्रेन के लिए योग में उत्तानासन काफी सहायक साबित हो सकता है।
करने का तरीका :
सबसे पहले योग मैट बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं।
इसके बाद गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को कमर पर ले जाएं।
अब सांस को छोड़ते हुए आगे झुककर अपने शरीर के ऊपरी भाग को पैरों के पास ले जाएं। ध्यान रहे कि ऐसे करते वक्त आपका केवल कमर का हिस्सा ही मुड़े।
अब अपने दोनों हाथों को कमर से हटाएं और जमीन को छूने की कोशिश करें। साथ ही सिर को घुटने से छूने का प्रयास करें। ध्यान रहे कि ऐसा करते वक्त आपकी गर्दन में कोई खिंचाव न हो।
कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहें और सामान्य सांस लेते रहें।
अब सांस लेते हुए धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
सावधानी :
अगर पीठ में या जांघों में दर्द हो, तो इसे न करें।
अगर सांस से संबंधित कोई समस्या है, तो इस आसन को करने से बचें।
गर्भवती महिलाएं इस आसन को करने से पूर्व चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
ग्लूकोमा या रेटिना से संबंधित अन्य विकार हो, तो इस आसान को नहीं करना चाहिए।
3. अध���मुख श्वानासन
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कैसे है लाभदायक :
योग का यह प्रकार चार शब्दों के समायोजन से बना है। इसमें अधो का अर्थ आगे, मुख का अर्थ चेहरा, श्वान का अर्थ कुत्ता और आसन का अर्थ मुद्रा से है। इसका अर्थ यह हुआ कि कुत्ता जिस प्रकार आगे झुककर अपने शरीर को खींचते समय जिस मुद्रा में रहता है, इस आसन में वही मुद्रा बनाने की कोशिश की जाती है। योग की यह मुद्रा मांसपेशियों को लचीला और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में सहायक होती है। मुख्य रूप से इस आसन का उपयोग तनाव, अनिद्रा, ब्लड सर्कुलेशन और पाचन प्रक्रिया को ठीक रखने के लिए किया जाता है।
करने का तरीका :
सबसे पहले आसन बिछाकर व्राजसन की मुद्रा में बैठ जाएं।
अब आगे की ओर झुकते हुए हथेलियों को जमीन पर सटा लें।
इसके बाद सांस छोड़ते घुटनों को सीधा करें और कमर को ऊपर की ओर उठाएं।
फिर हाथों के सहारे शरीर को हल्का पीछे करें और जितना संभव हो सके कमर को ऊपर उठाने का प्रयास करें।
साथ ही एड़ियों को जमीन से सटाने का प्रयास करें और अपनी नाभि की ओर देखें।
शरीर का पूरा वजन हाथों और पैरों पर होगा।
कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहें और सामान्य सांस लेते रहें।
फिर सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़ें और सामान्य अवस्था में आ जाएं।
सावधानी :
कलाई में दर्द या दिक्कत होने की स्थिति में आपको सावधान रहने की आवश्यकता है, वरना तकलीफ बढ़ सकती है।
कंधे, कमर, पीठ और भुजाओं में तकलीफ है, तो इस प्रक्रिया को नहीं करना चाहिए।
इस आसन को करने के लिए गर्भवती महिलाओं को चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
आंख या कान में संक्रमण या ब्लड प्रेशर की समस्या हो, तो इस आसन को करने से बचें।
4. मार्जरी आसन
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कैसे है लाभदायक :
मार्जरी आसान का नाम संस्कृत के मार्जार शब्द से लिया गया है। दरअसल, मार्जार का हिन्दी में अर्थ होता है बिल्ली। नाम की ही तरह इस आसन में हम बिल्ली की मुद्रा में अपनी पीठ पर तनाव डालने की कोशिश करते हैं। इस आसन का उपयोग मुख्य रूप से तनाव, रीढ़, पीठ और गर्दन से संबंधित तकलीफ को दूर करने के लिए किया जाता है। इसलिए, माइग्रेन के लिए योग के इस तरीके का नियमित अभ्यास काफी लाभदायक सिद्ध होता है।
करने का तरीका :
सबसे पहले आप योग मैट बिछाकर अपने घुटनों पर बैठ जाएं।
अब अपने हाथों को आगे फैलाकर जमीन पर रखें और पीठ को सीधा करें।
इस समय आपकी मुद्रा किसी बिल्ली की भांति होनी चाहिए।
अब सांस को छोड़ते हुए ठुड्डी को छाती की ओर लाएं और अपनी कमर को बाहर की तरफ गोल आकर में ले जाएं।
इसके बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ें और सिर को ऊपर की ओर ले उठाएं और कमर को नीचे की ओर दबाकर गोल आकार में ले आएं।
इस मुद्रा में आपको अपनी छाती और पीठ में तनाव महसूस होगा। जितनी देर हो सके इस दोनों स्थितियों में ठहरने का प्रयास करें।
सावधानी :
इस आसान के दौरान अपनी कोहनियों को और भुजाओं को न मोड़ें।
जांघे और भुजाएं सीधी रखें, अन्यथा दर्द हो सकता है।
गर्दन, कमर या पैर में दर्द की स्थिति में इस आसन को करने से बचें।
5. पश्चिमोत्तासन
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कैसे है लाभदायक :
योग की इस प्रक्रिया का नाम तीन शब्दों के समायोजन से बना है। इसमें पश्चिम का अर्थ पीछे की ओर, उत्तान का अर्थ तनाव और आसन का अर्थ मुद्रा से है। इस कारण इस आसन का प्रयास करते समय रीढ़ की हड्डी में तनाव पैदा ��ोता है। पाचन, अनिद्रा व तनाव के साथ-साथ यह आसन ब्लड प्रेशर और पेट से संबंधित विकारों को दूर करन��� में लाभकारी माना जाता है। इसलिए, माइग्रेन से बचने के लिए योग में यह आसन काफी मददगार साबित हो सकता है।
करने का तरीका :
सबसे पहले जमीन पर योग मैट बिछाकर पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
ध्यान रहे कि पैर आपस में सटे हों और घुटने सीधे रहें।
गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे कि ओर झुकें और पैरों की उंगलियों तक अपनी हथेलियों को ले जाएं। ध्यान रहे कि आपके पैर मुड़ें नहीं।
दोनों हाथों से पैरों के अंगुठों को पकड़ने का प्रयास करें। साथ ही सिर को घुटनों से सटाने की कोशिश करें।
कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहें और सामान्य सांस लेते रहें।
इसके बाद सांस लेते हुए सीधे हो जाएं।
सावधानी :
गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए।
अस्थमा, अल्सर और स्लिप डिस्क (जोड़ों से संबंधित विकार) वाले लोगों को इस आसन को करने से बचना चाहिए।
पीठ, कमर या किसी प्रकार का ऑपरेशन हुआ हो, तो यह आसन नहीं करना चाहिए।
डायरिया से पीड़ित लोगों को इस आसन से दूर रहना चाहिए।
6. सेतु बंधासन
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कैसे है लाभदायक :
अपने नाम के ही अनुरूप आसन की यह प्रक्रिया तीन शब्दों का समावेश है। इसमें सेतु का अर्थ पुल, बांध का अर्थ बांधना और आसन का अर्थ मुद्रा से है। इस प्रक्रिया में शरीर को हम पुल की आकृति में बांधने का प्रयास करते हैं। योग का यह प्रकार तनाव और अवसाद को दूर करने के साथ-साथ मांसपेशियों को मजबूत करता है। साथ ही थायराइड, ब्लड प्रेशर और पाचन संबंधी विकारों को दूर करने में सहायक माना जाता है।
करने का तरीका :
सबसे पहले आप योग मैट बिछाकर जमीन पर पीठ के बल आराम से लेट जाएं।
अब अपने घुटनों को मोड़ें और पैरों को कूल्हों के नजदीक लेकर आएं।
इसके बाद दोनों हाथों से अपनी एड़ियों को पकड़ें और सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं।
इस अवस्था में आने के बाद ठुड्डी को छाती से लगाएं।
कुछ देर ऐसे ही रहें और सामान्य सांस लेते रहें।
फिर सांस छोड़ते हुए मूल अवस्था में आ जाएं।
सावधानी :
गर्भवती महिलाएं विशेषज्ञ की देखरेख में ही इस आसन का उपयोग करें।
घुटना, कंधा, पीठ और कमर में दर्द की स्थिति में इस आसन का अभ्यास न करें।
इस आसान का अभ्यास करते समय सिर स्थिर रखने पर विशेष ध्यान दें। अन्यथा गर्दन में दर्द की शिकायत हो सकती है।
सबसे अहम बात यह है कि योग की यह प्रक्रिया खाली पेट ही करनी चाहिए।
7. बालासन
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कैसे है लाभदायक :
यह आसन दो शब्दों बाल और आसन का समावेश है। यहां बाल का अर्थ बच्चे और आसन का अर्थ मुद्रा से है। इस आसन की खास बात यही है कि इसमें बच्चे जैसी मुद्रा में जाने का प्रयास किया जाता है। इस आसन का उपयोग रक्त संचार को बेहतर करने और तनाव को ठीक करने के साथ-साथ कमर, पीठ और रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद माना जाता है।
करने का तरीका :
योग मैट बिछाकर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को सीधा सिर के ऊपर उठा लें।
अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। ऐसा करते समय ध्यान रखें कि कूल्हों के जोड़ों पर ही जोर आए, न कि कमर के जोड़ों पर।
जब आगे झुकें, तो हथेलियां, कोहनी व सिर जमीन को स्पर्श करे।
अब आप बालासन की मुद्रा में हैं, इसी मुद्रा में थोड़ी देर रहें और धीरे-धीरे सांस लेते व छोड़ते रहें।
फिर सांस लेते हुए उठें और हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं। इसके बाद हथेलियों को जांघों पर रखकर आराम करें।
सावधानी :
अगर आप डायरिया की समस्या से ग्रस्त हैं, तो इस आसन को करने से बचें।
घुटने में चोट या दर्द हो, तो इस आसन को नहीं करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को इस आसन को नहीं करने की सलाह दी जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत वाले लोग इस आसन को न करें।
8. शवासन
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कैसे है लाभदायक :
शवासन में दो शब्दों का समावेश मिलता है। एक है शव, जिसका अर्थ होता है मृत शरीर। वहीं दूसरा शब्द है आसन यानी कि मुद्रा। इसलिए, इस आसन में मृत व्यक्ति की अवस्था को हासिल करने का प्रयास किया जाता है। इस आसन के इस्तेमाल से तनाव कम होने के साथ-साथ ऊर्जा और एकाग्रता हासिल होती है। वहीं, ब्लड प्रेशर की समस्या में भी योग का यह प्रकार काफी लाभकारी माना जाता है।
करने का तरीका :
जमीन पर योग मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
अपनी हथेलियों को शरीर से कुछ दूरी पर रखें।
हथेलियों को आसमान की तरफ रखें।
दोनों पैरों को सीधा रखें और उनके बीच कुछ दूरी बनाए रखें। साथ ही पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें।
अब अपनी आंखों को बंद कर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें।
हल्की-हल्की सांस लें और विचार करें कि आपका शरीर पूरी तरह से हल्का हो गया है।
इस दौरान मस्तिष्क को पूरी तरह से शांत रखने पर विशेष ध्यान दें।
इस स्थिति में करीब चार से पांच मिनट तक रहें। बाद में आराम की अवस्था में वापस आ जाएं।
सावधानी :
ध्यान रहे योग की यह प्रक्रिया करते समय आप सोएं नहीं।
अगर आप गर्भवती हैं, तो गर्दन के नीचे तकिये का इस्तेमाल कर सकती हैं।
अब तो आप अच्छे से जान ही गए होंगे कि माइग्रेन के लिए योग कितना लाभकारी है। साथ ही आपको लेख के माध्यम से माइग्रेन से बचने के लिए योग के कुछ खास आसनों के बारे में भी पता चल गया होगा। ऐसे में अगर आप भी माइग्रेन की समस्या से ग्रस्त है या शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए योग को नियमित इस्तेमाल में शामिल करना चाह रहे हैं, तो जरूरी होगा कि आप पहले लेख में दी गई सभी जानकारियों को अच्छे से पढ़ें। इस विषय में किसी अन्य प्रकार के सुझाव और सवालों के लिए आप हमसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/migraine-ke-liye-yogasana-in-hindi/
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eccotarian · 5 years ago
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मंत्र:प्रेमचन्द, महान रचनाकार को उनकी जयंती पर नमन🙏
संध्या का समय था। डाक्टर चड्ढा गोल्फ खेलने के लिए तैयार हो रहे थे। मोटर द्वार के सामने खड़ी थी कि दो कहार एक डोली लिये आते दिखायी दिये। डोली के पीछे एक बूढ़ा लाठी टेकता चला आता था। डोली औषाधालय के सामने आकर रूक गयी। बूढ़े ने धीरे-धीरे आकर द्वार पर पड़ी हुई चिक से झॉँका। ऐसी साफ-सुथरी जमीन पर पैर रखते हुए भय हो रहा था कि कोई घुड़क न बैठे। डाक्टर साहब को खड़े देख कर भी उसे कुछ कहने का साहस न हुआ।
डाक्टर साहब ने चिक के अंदर से गरज कर कहा—कौन है? क्या चाहता है?
डाक्टर साहब ने हाथ जोड़कर कहा— हुजूर बड़ा गरीब आदमी हूँ। मेरा लड़का कई दिन से…….
डाक्टर साहब ने सिगार जला कर कहा—कल सबेरे आओ, कल सबेरे, हम इस वक्त मरीजों को नहीं देखते।
बूढ़े ने घुटने टेक कर जमीन पर सिर रख दिया और बोला—दुहाई है सरकार की, लड़का मर जायगा! हुजूर, चार दिन से ऑंखें नहीं…….
डाक्टर चड्ढा ने कलाई पर नजर डाली। केवल दस मिनट समय और बाकी था। गोल्फ-स्टिक खूँटी से उतारने हुए बोले—कल सबेरे आओ, कल सबेरे; यह हमारे खेलने का समय है।
बूढ़े ने पगड़ी उतार कर चौखट पर रख दी और रो कर बोला—हूजुर, एक निगाह देख लें। बस, एक निगाह! लड़का हाथ से चला जायगा हुजूर, सात लड़कों में यही एक बच रहा है, हुजूर। हम दोनों आदमी रो-रोकर मर जायेंगे, सरकार! आपकी बढ़ती होय, दीनबंधु!
ऐसे उजड़ड देहाती यहॉँ प्राय: रोज आया करते थे। डाक्टर साहब उनके स्वभाव से खूब परिचित थे। कोई कितना ही कुछ कहे; पर वे अपनी ही रट लगाते जायँगे। किसी की सुनेंगे नहीं। धीरे से चिक उठाई और बाहर निकल कर मोटर की तरफ चले। ��ूढ़ा यह कहता हुआ उनके पीछे दौड़ा—सरकार, बड़ा धरम होगा। हुजूर, दया कीजिए, बड़ा दीन-दुखी हूँ; संसार में कोई और नहीं है, बाबू जी!
मगर डाक्टर साहब ने उसकी ओर मुँह फेर कर देखा तक नहीं। मोटर पर बैठ कर बोले—कल सबेरे आना।
मोटर चली गयी। बूढ़ा कई मिनट तक मूर्ति की भॉँति निश्चल खड़ा रहा। संसार में ऐसे मनुष्य भी होते हैं, जो अपने आमोद-प्रमोद के आगे किसी की जान की भी परवाह नहीं करते, शायद इसका उसे अब भी विश्वास न आता था। सभ्य संसार इतना निर्मम, इतना कठोर है, इसका ऐसा मर्मभेदी अनुभव अब तक न हुआ था। वह उन पुराने जमाने की जीवों में था, जो लगी हुई आग को बुझाने, मुर्दे को कंधा देने, किसी के छप्पर को उठाने और किसी कलह को शांत करने के लिए सदैव तैयार रहते थे। जब तक बूढ़े को मोटर दिखायी दी, वह खड़ा टकटकी लागाये उस ओर ताकता रहा। शायद उसे अब भी डाक्टर साहब के लौट आने की आशा थी। फिर उसने कहारों से डोली उठाने को कहा। डोली जिधर से आयी थी, उधर ही चली गयी। चारों ओर से निराश हो कर वह डाक्टर चड्ढा के पास आया था। इनकी बड़ी तारीफ सुनी थी। यहॉँ से निराश हो कर फिर वह किसी दूसरे डाक्टर के पास न गया। किस्मत ठोक ली!
उसी रात उसका हँसता-खेलता सात साल का बालक अपनी बाल-लीला समाप्त करके इस संसार से सिधार गया। बूढ़े मॉँ-बाप के जीवन का यही एक आधार था। इसी का मुँह देख कर जीते थे। इस दीपक के बुझते ही जीवन की अँधेरी रात भॉँय-भॉँय करने लगी। बुढ़ापे की विशाल ममता टूटे हुए हृदय से निकल कर अंधकार आर्त्त-स्वर से रोने लगी।
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कई साल गुजर गये। डाक्टर चड़ढा ने खूब यश और धन कमाया; लेकिन इसके साथ ही अपने स्वास्थ्य की रक्षा भी की, जो एक साधारण बात थी। यह उनके नियमित जीवन का आर्शीवाद था कि पचास वर्ष की अवस्था में उनकी चुस्ती और फुर्ती युवकों को भी लज्जित करती थी। उनके हरएक काम का समय नियत था, इस नियम से वह जौ-भर भी न टलते थे। बहुधा लोग स्वास्थ्य के नियमों का पालन उस समय करते हैं, जब रोगी हो जाते हें। डाक्टर चड्ढा उपचार और संयम का रहस्य खूब समझते थे। उनकी संतान-संध्या भी इसी नियम के अधीन थी। उनके केवल दो बच्चे हुए, एक लड़का और एक लड़की। तीसरी संतान न हुई, इसीलिए श्रीमती चड्ढा भी अभी जवान मालूम होती थीं। लड़की का तो विवाह हो चुका था। लड़का कालेज में पढ़ता था। वही माता-पिता के जीवन का आधार था। शील और विनय का पुतला, बड़ा ही रसिक, बड़ा ही ��दार, विद्यालय का गौरव, युवक-समाज की शोभा। मुखमंडल से तेज की छटा-सी निकलती थी। आज उसकी बीसवीं सालगिरह थी।
संध्या का समय था। हरी-हरी घास पर कुर्सियॉँ बिछी हुई थी। शहर के रईस और हुक्काम एक तरफ, कालेज के छात्र दूसरी तरफ बैठे भोजन कर रहे थे। बिजली के प्रकाश से सारा मैदान जगमगा रहा था। आमोद-प्रमोद का सामान भी जमा था। छोटा-सा प्रहसन खेलने की तैयारी थी। प्रहसन स्वयं कैलाशनाथ ने लिखा था। वही मुख्य एक्टर भी था। इस समय वह एक रेशमी कमीज पहने, नंगे सिर, नंगे पॉँव, इधर से उधर मित्रों की आव भगत में लगा हुआ था। कोई पुकारता—कैलाश, जरा इधर आना; कोई उधर से बुलाता—कैलाश, क्या उधर ही रहोगे? सभी उसे छोड़ते थे, चुहलें करते थे, बेचारे को जरा दम मारने का अवकाश न मिलता था। सहसा एक रमणी ने उसके पास आकर पूछा—क्यों कैलाश, तुम्हारे सॉँप कहॉँ हैं? जरा मुझे दिखा दो।
कैलाश ने उससे हाथ मिला कर कहा—मृणालिनी, इस वक्त क्षमा करो, कल दिखा दूगॉँ।
मृणालिनी ने आग्रह किया—जी नहीं, तुम्हें दिखाना पड़ेगा, मै आज नहीं मानने की। तुम रोज ‘कल-कल’ करते हो।
मृणालिनी और कैलाश दोनों सहपाठी थे ओर एक-दूसरे के प्रेम में पगे हुए। कैलाश को सॉँपों के पालने, खेलाने और नचाने का शौक था। तरह-तरह के सॉँप पाल रखे थे। उनके स्वभाव और चरित्र की परीक्षा करता रहता था। थोड़े दिन हुए, उसने विद्यालय में ‘सॉँपों’ पर एक मार्के का व्याख्यान दिया था। सॉँपों को नचा कर दिखाया भी था! प्राणिशास्त्र के बड़े-बड़े पंडित भी यह व्याख्यान सुन कर दंग रह गये थे! यह विद्या उसने एक बड़े सँपेरे से सीखी थी। साँपों की जड़ी-बूटियॉँ जमा करने का उसे मरज था। इतना पता भर मिल जाय कि किसी व्यक्ति के पास कोई अच्छी जड़ी है, फिर उसे चैन न आता था। उसे लेकर ही छोड़ता था। यही व्यसन था। इस पर हजारों रूपये फूँक चुका था। मृणालिनी कई बार आ चुकी थी; पर कभी सॉँपों को देखने के लिए इतनी उत्सुक न हुई थी। कह नहीं सकते, आज उसकी उत्सुकता सचमुच जाग गयी थी, या वह कैलाश पर उपने अधिकार का प्रदर्शन करना चाहती थी; पर उसका आग्रह बेमौका था। उस कोठरी में कितनी भीड़ लग जायगी, भीड़ को देख कर सॉँप कितने चौकेंगें और रात के समय उन्हें छेड़ा जाना कितना बुरा लगेगा, इन बातों का उसे जरा भी ध्यान न आया।
कैलाश ने कहा—नहीं, कल जरूर दिखा दूँगा। इस वक्त अच्छी तरह दिखा भी तो न सकूँगा, कमरे में तिल रखने को भी जगह �� मिलेगी।
एक महाशय ने छेड़ कर कहा—दिखा क्यों नहीं देते, जरा-सी बात के लिए इतना टाल-मटोल कर रहे हो? मिस गोविंद, हर्गिज न मानना। देखें कैसे नहीं दिखाते!
दूसरे महाशय ने और रद्दा चढ़ाया—मिस गोविंद इतनी सीधी और भोली हैं, तभी आप इतना मिजाज करते हैं; दूसरे सुंदरी होती, तो इसी बात पर बिगड़ खड़ी होती।
तीसरे साहब ने मजाक उड़ाया—अजी बोलना छोड़ देती। भला, कोई बात है! इस पर आपका दावा है कि मृणालिनी के लिए जान हाजिर है।
मृणालिनी ने देखा कि ये शोहदे उसे रंग पर चढ़ा रहे हैं, तो बोली—आप लोग मेरी वकालत न करें, मैं खुद अपनी वकालत कर लूँगी। मैं इस वक्त सॉँपों का तमाशा नहीं देखना चाहती। चलो, छुट्टी हुई।
इस पर मित्रों ने ठट्टा लगाया। एक साहब बोले—देखना तो आप सब कुछ चाहें, पर दिखाये भी तो?
कैलाश को मृणालिनी की झेंपी हुई सूरत को देखकर मालूम हुआ कि इस वक्त उनका इनकार वास्तव में उसे बुरा लगा है। ज्योंही प्रीति-भोज समाप्त हुआ और गाना शुरू हुआ, उसने मृणालिनी और अन्य मित्रों को सॉँपों के दरबे के सामने ले जाकर महुअर बजाना शुरू किया। फिर एक-एक खाना खोलकर एक-एक सॉँप को निकालने लगा। वाह! क्या कमाल था! ऐसा जान पड़ता था कि वे कीड़े उसकी एक-एक बात, उसके मन का एक-एक भाव समझते हैं। किसी को उठा लिया, किसी को गरदन में डाल लिया, किसी को हाथ में लपेट लिया। मृणालिनी बार-बार मना करती कि इन्हें गर्दन में न डालों, दूर ही से दिखा दो। बस, जरा नचा दो। कैलाश की गरदन में सॉँपों को लिपटते देख कर उसकी जान निकली जाती थी। पछता रही थी कि मैंने व्यर्थ ही इनसे सॉँप दिखाने को कहा; मगर कैलाश एक न सुनता था। प्रेमिका के सम्मुख अपने सर्प-कला-प्रदर्शन का ऐसा अवसर पाकर वह कब चूकता! एक मित्र ने टीका की—दॉँत तोड़ डाले होंगे।
कैलाश हँसकर बोला—दॉँत तोड़ डालना मदारियों का काम है। किसी के दॉँत नहीं तोड़ गये। कहिए तो दिखा दूँ? कह कर उसने एक काले सॉँप को पकड़ लिया और बोला—‘मेरे पास इससे बड़ा और जहरीला सॉँप दूसरा नहीं है, अगर किसी को काट ले, तो आदमी आनन-फानन में मर जाय। लहर भी न आये। इसके काटे पर मन्त्र नहीं। इसके दॉँत दिखा दूँ?’
मृणालिनी ने उसका हाथ पकड़कर कहा—नहीं-नहीं, कैलाश, ईश्वर के लिए इसे छोड़ दो। तुम्हारे पैरों पड़ती हूँ।
इस पर एक-दूसरे मित्र बोले—मुझे तो विश्वास नहीं आता, लेकिन तुम कहते हो, तो मान लूँगा।
कैलाश ने सॉँप की गरदन पकड़कर कहा—नहीं साहब, आप ऑंखों से देख कर मानिए। दॉँत तोड़कर वश में किया, तो क्या। सॉँप बड़ा समझदार होता हैं! अगर उसे विश्वास हो जा�� कि इस आदमी से मुझे कोई हानि न पहुँचेगी, तो वह उसे हर्गिज न काटेगा।
मृणालिनी ने जब देखा कि कैलाश पर इस वक्त भूत सवार है, तो उसने यह तमाशा न करने के विचार से कहा—अच्छा भाई, अब यहॉँ से चलो। देखा, गाना शुरू हो गया है। आज मैं भी कोई चीज सुनाऊँगी। यह कहते हुए उसने कैलाश का कंधा पकड़ कर चलने का इशारा किया और कमरे से निकल गयी; मगर कैलाश विरोधियों का शंका-समाधान करके ही दम लेना चाहता था। उसने सॉँप की गरदन पकड़ कर जोर से दबायी, इतनी जोर से इबायी कि उसका मुँह लाल हो गया, देह की सारी नसें तन गयीं। सॉँप ने अब तक उसके हाथों ऐसा व्यवहार न देखा था। उसकी समझ में न आता था कि यह मुझसे क्या चाहते हें। उसे शायद भ्रम हुआ कि मुझे मार डालना चाहते हैं, अतएव वह आत्मरक्षा के लिए तैयार हो गया।
कैलाश ने उसकी गर्दन खूब दबा कर मुँह खोल दिया और उसके जहरीले दॉँत दिखाते हुए बोला—जिन सज्जनों को शक हो, आकर देख लें। आया विश्वास या अब भी कुछ शक है? मित्रों ने आकर उसके दॉँत देखें और चकित हो गये। प्रत्यक्ष प्रमाण के सामने सन्देह को स्थान कहॉँ। मित्रों का शंका-निवारण करके कैलाश ने सॉँप की गर्दन ढीली कर दी और उसे जमीन पर रखना चाहा, पर वह काला गेहूँवन क्रोध से पागल हो रहा था। गर्दन नरम पड़ते ही उसने सिर उठा कर कैलाश की उँगली में जोर से काटा और वहॉँ से भागा। कैलाश की ऊँगली से टप-टप खून टपकने लगा। उसने जोर से उँगली दबा ली और उपने कमरे की तरफ दौड़ा। वहॉँ मेज की दराज में एक जड़ी रखी हुई थी, जिसे पीस कर लगा देने से घतक विष भी रफू हो जाता था। मित्रों में हलचल पड़ गई। बाहर महफिल में भी खबर हुई। डाक्टर साहब घबरा कर दौड़े। फौरन उँगली की जड़ कस कर बॉँधी गयी और जड़ी पीसने के लिए दी गयी। डाक्टर साहब जड़ी के कायल न थे। वह उँगली का डसा भाग नश्तर से काट देना चाहते, मगर कैलाश को जड़ी पर पूर्ण विश्वास था। मृणालिनी प्यानों पर बैठी हुई थी। यह खबर सुनते ही दौड़ी, और कैलाश की उँगली से टपकते हुए खून को रूमाल से पोंछने लगी। जड़ी पीसी जाने लगी; पर उसी एक मिनट में कैलाश की ऑंखें झपकने लगीं, ओठों पर पीलापन दौड़ने लगा। यहॉँ तक कि वह खड़ा न रह सका। फर्श पर बैठ गया। सारे मेहमान कमरे में जमा हो गए। कोई कुछ कहता था। कोई कुछ। इतने में जड़ी पीसकर आ गयी। मृणालिनी ने उँगली पर लेप किया। एक मिनट और बीता। कैलाश की ऑंखें बन्द हो गयीं। वह लेट गया और हाथ से पंखा झलने का इशारा किया। मॉँ ने दौड़कर उसका सिर गोद में रख लिया और बिजली का टेबुल-फैन लगा दिया।
डाक्टर साहब ने झुक कर पूछा कैलाश, कैसी तबीयत है? कैलाश ने धीरे से हाथ उठा लिए; पर कुछ बोल न सका। मृणालिनी ने करूण स्वर में कहा—क्या जड़ी कुछ असर न करेंगी? डाक्टर साहब ने सिर पकड़ कर कहा—क्या बतलाऊँ, मैं इसकी बातों में आ गया। अब तो नश्तर से भी कुछ फायदा न होगा।
आध घंटे तक यही हाल रहा। कैलाश की दशा प्रतिक्षण बिगड़ती जाती थी। यहॉँ तक कि उसकी ऑंखें पथरा गयी, हाथ-पॉँव ठंडे पड़ गये, मुख की कांति मलिन पड़ गयी, नाड़ी का कहीं पता नहीं। मौत के सारे लक्षण दिखायी देने लगे। घर में कुहराम मच गया। मृणालिनी एक ओर सिर पीटने लगी; मॉँ अलग पछाड़े खाने लगी। डाक्टर चड्ढा को मित्रों ने पकड़ लिया, नहीं तो वह नश्तर अपनी गर्दन पर मार लेते।
एक महाशय बोले—कोई मंत्र झाड़ने वाला मिले, तो सम्भव है, अब भी जान बच जाय।
एक मुसलमान सज्जन ने इसका समर्थन किया—अरे साहब कब्र में पड़ी हुई लाशें जिन्दा हो गयी हैं। ऐसे-ऐसे बाकमाल पड़े हुए हैं।
डाक्टर चड्ढा बोले—मेरी अक्ल पर पत्थर पड़ गया था कि इसकी बातों में आ गया। नश्तर लगा देता, तो यह नौबत ही क्यों आती। बार-बार समझाता रहा कि बेटा, सॉँप न पालो, मगर कौन सुनता था! बुलाइए, किसी झाड़-फूँक करने वाले ही को बुलाइए। मेरा सब कुछ ले ले, मैं अपनी सारी जायदाद उसके पैरों पर रख दूँगा। लँगोटी बॉँध कर घर से निकल जाऊँगा; मगर मेरा कैलाश, मेरा प्यारा कैलाश उठ बैठे। ईश्वर के लिए किसी को बुलवाइए।
एक महाशय का किसी झाड़ने वाले से परिचय था। वह दौड़कर उसे बुला लाये; मगर कैलाश की सूरत देखकर उसे मंत्र चलाने की हिम्मत न पड़ी। बोला—अब क्या हो सकता है, सरकार? जो कुछ होना था, हो चुका?
अरे मूर्ख, यह क्यों नही कहता कि जो कुछ न होना था, वह कहॉँ हुआ? मॉँ-बाप ने बेटे का सेहरा कहॉँ देखा? मृणालिनी का कामना-तरू क्या पल्लव और पुष्प से रंजित हो उठा? मन के वह स्वर्ण-स्वप्न जिनसे जीवन आनंद का स्रोत बना हुआ था, क्या पूरे हो गये? जीवन के नृत्यमय तारिका-मंडित सागर में आमोद की बहार लूटते हुए क्या उनकी नौका जलमग्न नहीं हो गयी? जो न होना था, वह हो गया।
वही हरा-भरा मैदान था, वही सुनहरी चॉँदनी एक नि:शब्द संगीत की भॉँति प्रकृति पर छायी हुई थी; वही मित्र-समाज था। वही मनोरंजन के सामान थे। मगर जहाँ हास्य की ध्वनि थी, वहॉँ करूण क्रन्दन और अश्रु-प्रवाह था।
3
शहर से कई मील दूर एक छोट-से घर में एक बूढ़ा और बुढ़िया अगीठी के सामने बैठे जाड़े की रात काट रहे थे। बूढ़ा नारियल पीता था और बीच-बीच में खॉँसता था। बुढ़िया दोनों घुटनियों में सिर डाले आग की ओर ताक रही थी। एक मिट्टी के तेल की कुप्पी ताक पर जल रही थी। घर में न चारपाई थी, न ��िछौना। एक किनारे थोड़ी-सी पुआल पड़ी हुई थी। इसी कोठरी में एक चूल्हा था। बुढ़िया दिन-भर उपले और सूखी लकड़ियॉँ बटोरती थी। बूढ़ा रस्सी बट कर बाजार में बेच आता था। यही उनकी जीविका थी। उन्हें न किसी ने रोते देखा, न हँसते। उनका सारा समय जीवित रहने में कट जाता था। मौत द्वार पर खड़ी थी, रोने या हँसने की कहॉँ फुरसत! बुढ़िया ने पूछा—कल के लिए सन तो है नहीं, काम क्या करोंगे?
‘जा कर झगडू साह से दस सेर सन उधार लाऊँगा?’
‘उसके पहले के पैसे तो दिये ही नहीं, और उधार कैसे देगा?’
‘न देगा न सही। घास तो कहीं नहीं गयी। दोपहर तक क्या दो आने की भी न काटूँगा?’
इतने में एक आदमी ने द्वार पर आवाज दी—भगत, भगत, क्या सो गये? जरा किवाड़ खोलो।
भगत ने उठकर किवाड़ खोल दिये। एक आदमी ने अन्दर आकर कहा—कुछ सुना, डाक्टर चड्ढा बाबू के लड़के को सॉँप ने काट लिया।
भगत ने चौंक कर कहा—चड्ढा बाबू के लड़के को! वही चड्ढा बाबू हैं न, जो छावनी में बँगले में रहते हैं?
‘हॉँ-हॉँ वही। शहर में हल्ला मचा हुआ है। जाते हो तो जाओं, आदमी बन जाओंगे।‘
बूढ़े ने कठोर भाव से सिर हिला कर कहा—मैं नहीं जाता! मेरी बला जाय! वही चड्ढा है। खूब जानता हूँ। भैया लेकर उन्हीं के पास गया था। खेलने जा रहे थे। पैरों पर गिर पड़ा कि एक नजर देख लीजिए; मगर सीधे मुँह से बात तक न की। भगवान बैठे सुन रहे थे। अब जान पड़ेगा कि बेटे का गम कैसा होता है। कई लड़के हैं।
‘नहीं जी, यही तो एक लड़का था। सुना है, सबने जवाब दे दिया है।‘
‘भगवान बड़ा कारसाज है। उस बखत मेरी ऑंखें से ऑंसू निकल पड़े थे, पर उन्हें तनिक भी दया न आयी थी। मैं तो उनके द्वार पर होता, तो भी बात न पूछता।‘
‘तो न जाओगे? हमने जो सुना था, सो कह दिया।‘
‘अच्छा किया—अच्छा किया। कलेजा ठंडा हो गया, ऑंखें ठंडी हो गयीं। लड़का भी ठंडा हो गया होगा! तुम जाओ। आज चैन की नींद सोऊँगा। (बुढ़िया से) जरा तम्बाकू ले ले! एक चिलम और पीऊँगा। अब मालूम होगा लाला को! सारी साहबी निकल जायगी, हमारा क्या बिगड़ा। लड़के के मर जाने से कुछ राज तो नहीं चला गया? जहॉँ छ: बच्चे गये थे, वहॉँ एक और चला गया, तुम्हारा तो राज सुना हो जायगा। उसी के वास्ते सबका गला दबा-दबा कर जोड़ा था न। अब क्या करोंगे? एक बार देखने जाऊँगा; पर कुछ दिन बाद मिजाज का हाल पूछूँगा।‘
आदमी चला गया। भगत ने किवाड़ बन्द कर लिये, तब चिलम पर तम्बाखू रख कर पीने लगा।
बुढ़िया ने कहा—इतनी रात गए जाड़े-पाले में कौन जायगा?
‘अरे, दोपहर ही होता तो मैं न जाता। सवारी दरवाजे पर ��ेने आती, तो भी न जाता। भूल नहीं गया हूँ। पन्ना की सूरत ऑंखों में फिर रही है। इस निर्दयी ने उसे एक नजर देखा तक नहीं। क्या मैं न जानता था कि वह न बचेगा? खूब जानता था। चड्ढा भगवान नहीं थे, कि उनके एक निगाहदेख लेने से अमृत बरस जाता। नहीं, खाली मन की दौड़ थी। अब किसी दिन जाऊँगा और कहूँगा—क्यों साहब, कहिए, क्या रंग है? दुनिया बुरा कहेगी, कहे; कोई परवाह नहीं। छोटे आदमियों में तो सब ऐव हें। बड़ो में कोई ऐब नहीं होता, देवता होते हैं।‘
भगत के लिए यह जीवन में पहला अवसर था कि ऐसा समाचार पा कर वह बैठा रह गया हो। अस्सी वर्ष के जीवन में ऐसा कभी न हुआ था कि सॉँप की खबर पाकर वह दौड़ न गया हो। माघ-पूस की अँधेरी रात, चैत-बैसाख की धूप और लू, सावन-भादों की चढ़ी हुई नदी और नाले, किसी की उसने कभी परवाह न की। वह तुरन्त घर से निकल पड़ता था—नि:स्वार्थ, निष्काम! लेन-देन का विचार कभी दिल में आया नहीं। यह सा काम ही न था। जान का मूल्य कोन दे सकता है? यह एक पुण्य-कार्य था। सैकड़ों निराशों को उसके मंत्रों ने जीवन-दान दे दिया था; पर आप वह घर से कदम नहीं निकाल सका। यह खबर सुन कर सोने जा रहा है।
बुढ़िया ने कहा—तमाखू अँगीठी के पास रखी हुई है। उसके भी आज ढाई पैसे हो गये। देती ही न थी।
बुढ़िया यह कह कर लेटी। बूढ़े ने कुप्पी बुझायी, कुछ देर खड़ा रहा, फिर बैठ गया। अन्त को लेट गया; पर यह खबर उसके हृदय पर बोझे की भॉँति रखी हुई थी। उसे मालूम हो रहा था, उसकी कोई चीज खो गयी है, जैसे सारे कपड़े गीले हो गये है या पैरों में कीचड़ लगा हुआ है, जैसे कोई उसके मन में बैठा हुआ उसे घर से लिकालने के लिए कुरेद रहा है। बुढ़िया जरा देर में खर्राटे लेनी लगी। बूढ़े बातें करते-करते सोते है और जरा-सा खटा होते ही जागते हैं। तब भगत उठा, अपनी लकड़ी उठा ली, और धीरे से किवाड़ खोले।
बुढ़िया ने पूछा—कहॉँ जाते हो?
‘कहीं नहीं, देखता था कि कितनी रात है।‘
‘अभी बहुत रात है, सो जाओ।‘
‘नींद, नहीं आतीं।’
‘नींद काहे आवेगी? मन तो चड़ढा के घर पर लगा हुआ है।‘
‘चड़ढा ने मेरे साथ कौन-सी नेकी कर दी है, जो वहॉँ जाऊँ? वह आ कर पैरों पड़े, तो भी न जाऊँ।‘
‘उठे तो तुम इसी इरादे से ही?’
‘नहीं री, ऐसा पागल नहीं हूँ कि जो मुझे कॉँटे बोये, उसके लिए फूल बोता फिरूँ।‘
बुढ़िया फिर सो गयी। भगत ने किवाड़ लगा दिए और फिर आकर बैठा। पर उसके मन की कुछ ऐसी दशा थी, जो बाजे की आवाज कान में पड़ते ही उपदेश सुनने वालों की होती हैं। ऑंखें चाहे उपेदेशक की ओर हों; पर कान बाजे ही की ओर होते हैं। दिल में भी बापे की ध्वनि गूँजती रहती हे। शर्म के म��रे जगह से नहीं उठता। निर्दयी प्रतिघात का भाव भगत के लिए उपदेशक था, पर हृदय उस अभागे युवक की ओर था, जो इस समय मर रहा था, जिसके लिए एक-एक पल का विलम्ब घातक था।
उसने फिर किवाड़ खोले, इतने धीरे से कि बुढ़िया को खबर भी न हुई। बाहर निकल आया। उसी वक्त गॉँव को चौकीदार गश्त लगा रहा था, बोला—कैसे उठे भगत? आज तो बड़ी सरदी है! कहीं जा रहे हो क्या?
भगत ने कहा—नहीं जी, जाऊँगा कहॉँ! देखता था, अभी कितनी रात है। भला, के बजे होंगे।
चौकीदार बोला—एक बजा होगा और क्या, अभी थाने से आ रहा था, तो डाक्टर चड़ढा बाबू के बॅगले पर बड़ी भड़ लगी हुई थी। उनके लड़के का हाल तो तुमने सुना होगा, कीड़े ने छू लियाहै। चाहे मर भी गया हो। तुम चले जाओं तो साइत बच जाय। सुना है, इस हजार तक देने को तैयार हैं।
भगत—मैं तो न जाऊँ चाहे वह दस लाख भी दें। मुझे दस हजार या दस लाखे लेकर करना क्या हैं? कल मर जाऊँगा, फिर कौन भोगनेवाला बैठा हुआ है।
चौकीदार चला गया। भगत ने आगे पैर बढ़ाया। जैसे नशे में आदमी की देह अपने काबू में नहीं रहती, पैर कहीं रखता है, पड़ता कहीं है, कहता कुछ हे, जबान से निकलता कुछ है, वही हाल इस समय भगत का था। मन में प्रतिकार था; पर कर्म मन के अधीन न था। जिसने कभी तलवार नहीं चलायी, वह इरादा करने पर भी तलवार नहीं चला सकता। उसके हाथ कॉँपते हैं, उठते ही नहीं।
भगत लाठी खट-खट करता लपका चला जाता था। चेतना रोकती थी, पर उपचेतना ठेलती थी। सेवक स्वामी पर हावी था।
आधी राह निकल जाने के बाद सहसा भगत रूक गया। हिंसा ने क्रिया पर विजय पायी—मै यों ही इतनी दूर चला आया। इस जाड़े-पाले में मरने की मुझे क्या पड़ी थी? आराम से सोया क्यों नहीं? नींद न आती, न सही; दो-चार भजन ही गाता। व्यर्थ इतनी दूर दौड़ा आया। चड़ढा का लड़का रहे या मरे, मेरी कला से। मेरे साथ उन्होंने ऐसा कौन-सा सलूक किया था कि मै उनके लिए मरूँ? दुनिया में हजारों मरते हें, हजारों जीते हें। मुझे किसी के मरने-जीने से मतलब!
मगर उपचेतन ने अब एक दूसर रूप धारण किया, जो हिंसा से बहुत कुछ मिलता-जुलता था—वह झाड़-फूँक करने नहीं जा रहा है; वह देखेगा, कि लोग क्या कर रहे हें। डाक्टर साहब का रोना-पीटना देखेगा, किस तरह सिर पीटते हें, किस तरह पछाड़े खाते है! वे लोग तो विद्वान होते हैं, सबर कर जाते होंगे! हिंसा-भाव को यों धीरज देता हुआ वह फिर आगे बढ़ा।
इतने में दो आदमी आते दिखायी दिये। दोनों बाते करते चले आ रहे थे—चड़ढा बाबू का घर उजड़ गया, वही तो एक लड़का था। भगत के कान में यह आवाज पड़ी। उसकी चाल और भी तेज हो गयी। थकान के मारे पॉँव न उठते थे। शिरोभाग इतना बढ़ा जाता था, मानों अब मुँह के बल गिर पड़ेगा। इस तरह वह कोई दस मिनट चला होगा कि डाक्टर साहब का बँगला नजर आया। बिजली की बत्तियॉँ जल रही थीं; मगर सन्नाटा छाया हुआ था। रोने-पीटने के आवाज भी न आती थी। भगत का कलेजा धक-धक करने लगा। कहीं मुझे बहुत देर तो नहीं हो गयी? वह दौड़ने लगा। अपनी उम्र में वह इतना तेज कभी न दौड़ा था। बस, यही मालूम होता था, मानो उसके पीछे मोत दौड़ी आ री है।
4
दो बज गये थे। मेहमान विदा हो गये। रोने वालों में केवल आकाश के तारे रह गये थे। और सभी रो-रो कर थक गये थे। बड़ी उत्सुकता के साथ लोग रह-रह आकाश की ओर देखते थे कि किसी तरह सुहि हो और लाश गंगा की गोद में दी जाय।
सहसा भगत ने द्वार पर पहुँच कर आवाज दी। डाक्टर साहब समझे, कोई मरीज आया होगा। किसी और दिन उन्होंने उस आदमी को दुत्कार दिया होता; मगर आज बाहर निकल आये। देखा एक बूढ़ा आदमी खड़ा है—कमर झुकी हुई, पोपला मुँह, भौहे तक सफेद हो गयी थीं। लकड़ी के सहारे कॉँप रहा था। बड़ी नम्रता से बोले—क्या है भई, आज तो हमारे ऊपर ऐसी मुसीबत पड़ गयी है कि कुछ कहते नहीं बनता, फिर कभी आना। इधर एक महीना तक तो शायद मै किसी भी मरीज को न देख सकूँगा।
भगत ने कहा—सुन चुका हूँ बाबू जी, इसीलिए आया हूँ। भैया कहॉँ है? जरा मुझे दिखा दीजिए। भगवान बड़ा कारसाज है, मुरदे को भी जिला सकता है। कौन जाने, अब भी उसे दया आ जाय।
चड़ढा ने व्यथित स्वर से कहा—चलो, देख लो; मगर तीन-चार घंटे हो गये। जो कुछ होना था, हो चुका। बहुतेर झाड़ने-फँकने वाले देख-देख कर चले गये।
डाक्टर साहब को आशा तो क्या होती। हॉँ बूढे पर दया आ गयी। अन्दर ले गये। भगत ने लाश को एक मिनट तक देखा। तब मुस्करा कर बोला—अभी कुछ नहीं बिगड़ा है, बाबू जी! यह नारायण चाहेंगे, तो आध घंटे में भैया उठ बैठेगे। आप नाहक दिल छोटा कर रहे है। जरा कहारों से कहिए, पानी तो भरें।
कहारों ने पानी भर-भर कर कैलाश को नहलाना शुरू कियां पाइप बन्द हो गया था। कहारों की संख्या अधिक न थी, इसलिए मेहमानों ने अहाते के बाहर के कुऍं से पानी भर-भर कर कहानों को दिया, मृणालिनी कलासा लिए पानी ला रही थी। बुढ़ा भगत खड़ा मुस्करा-मुस्करा कर मंत्र पढ़ रहा था, मानो विजय उसके सामने खड़ी है। जब एक बार मंत्र समाप्त हो जाता, वब वह एक जड़ी कैलाश के सिर पर डाले गये और न-जाने कितनी बार भगत ने मंत्र फूँका। आखिर जब उषा ने अपनी लाल-लाल ऑंखें खोलीं तो केलाश की भी लाल-लाल ऑंखें खुल गयी। एक क्षण में उसने अंगड़ाई ली और पानी पीने को मॉँगा। डाक्टर चड़ढा ने दौड़ कर नारायणी को गले लगा लिया। नारायणी दौड़कर भगत के पैरों पर गिर पड़ी और म़णालिनी कैलाश के सामने ऑंखों में ऑंसू-भरे पूछने लगी—अब कैसी तबियत है!
एक क्षण् में चारों तरफ खबर फैल गयी। मित्रगण मुबारकवाद देने आने लगे। डाक्टर साहब बड़े श्रद्धा-भाव से हर एक के हसामने भगत का यश गाते फिरते थे। सभी लोग भगत के दर्शनों के लिए उत्सुक हो उठे; मगर अन्दर जा कर देखा, तो भगत का कहीं पता न था। नौकरों ने कहा—अभी तो यहीं बैठे चिलम पी रहे थे। हम लोग तमाखू देने लगे, तो नहीं ली, अपने पास से तमाखू निकाल कर भरी।
यहॉँ तो भगत की चारों ओर तलाश होने लगी, और भगत लपका हुआ घर चला जा रहा था कि बुढ़िया के उठने से पहले पहुँच जाऊँ!
जब मेहमान लोग चले गये, तो डाक्टर साहब ने नारायणी से कहा—बुड़ढा न-जाने कहाँ चला गया। एक चिलम तमाखू का भी रवादार न हुआ।
नारायणी—मैंने तो सोचा था, इसे कोई बड़ी रकम दूँगी।
चड़ढा—रात को तो मैंने नहीं पहचाना, पर जरा साफ हो जाने पर पहचान गया। एक बार यह एक मरीज को लेकर आया था। मुझे अब याद आता हे कि मै खेलने जा रहा था और मरीज को देखने से इनकार कर दिया था। आप उस दिन की बात याद करके मुझें जितनी ग्लानि हो रही है, उसे प्रकट नहीं कर सकता। मैं उसे अब खोज निकालूँगा और उसके पेरों पर गिर कर अपना अपराध क्षमा कराऊँगा। वह कुछ लेगा नहीं, यह जानता हूँ, उसका जन्म यश की वर्षा करने ही के लिए हुआ है। उसकी सज्जनता ने मुझे ऐसा आदर्श दिखा दिया है, जो अब से जीवनपर्यन्त मेरे सामने रहेगा।
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pnpmedia · 7 years ago
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बाल प्रतिभा निखार्न ‘लेट मी डान्स स्कुल च्याम्प’ हुने
बाल प्रतिभा निखार्न ‘लेट मी डान्स स्कुल च्याम्प’ हुने
काठमाडौँ, १५ साउन । त्रिकाल आर्ट एकेडेमी र मधुरिमा नेपाल कल्चर सेन्टरको संयुक्त आयोजनामा ‘लेट मी डान्स स्कुल च्याम्प’ प्रतियोगिता हुने भएको छ । यस प्रतियोगितामा १५ बर्षभन्दा तलका बालबालिकाहरुले मात्र सहभागी हुन पाउने छन् । बालबालिकाहरुको क्षमतमलाई विकार गराउनुको साथै उनीहरु भित्र लुकेर रहेको कला, क्षमतालाई निखार्ने उद्देश्यले ‘लेट मी डान्स स्कुल च्याम्प’ प्रतियोगिता आयोजना गरिएको प्रतियोगिताका…
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dhanranjan-kushwaha · 5 years ago
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- विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता भ्रष्टाचार एवं कुव्यवस्था दूर करने के को लेकर आज आभाविप के कार्यकर्ताओं ने कुलपति आर.के. मंडल को एक ज्ञापन सौंपा। कार्यकर्तओं ने कहा कि आज विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय अपने बदहाली पर आंसू बहा रही है। हमारे विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के दायित्वान पदाधिकारी शिक्षा के मंदिर में दलाली एवं मोटी रकम वसूलने का काम कर रहे हैं। हमारे पश्चिम चंपारण जिले में तीन अंगिभूत महाविद्यालय है इनका शैक्षणिक वातावरण पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। यहा पूरी तरह से दलालों एवं असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। छात्र अपनी समस्याओं को लेकर दर-दर भटक रहे हैं इनका सुनने वाला कोई नहीं है । सामान्य कोर्स स्नातक से स्नाकोत्तर तक का सत्र 1 से 2 साल लेट चल रहा है, जबकि नामांकन प्रक्रिया अगस्त माह में पूरी कर लेनी है लेकिन दलालों के माध्यम से नामांकन प्रक्रिया चालू पर चल रही है।इन सभी गंभीर समस्याओं को देखते हुए अब अभी बेतिया आपसे निम्नलिखित मांग करती है। जिला मुख्यालय में विश्वविद्यालय की शाखा या परीक्षा परिणाम मूल्यांकन केंद्र खोली जाए जिससे छात्रों को परीक्षा परिणाम में हो रहे हैं( पेंडिंग, प्रमोटेड) अनियमितता एवं भ्रष्टाचार से निजात मिलेगा। जिले के तीनों अगिभूत महाविद्यालयों में स्नाकोत्तर के सभी संकाय (कला, वाणिज्य, विज्ञान)के सभी विषयों, कानून एवं B.Ed की पढ़ाई सुनिश्चित की जाए। स्नाकोत्तर एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रमों का परीक्षा केंद्र जिला मुख्यालय में किया जाए। हमारे जिले के 50% छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग प्रमोटेड प्रत्येक साल विश्वविद्यालय द्वारा किया जाता है।परीक्षा परिणाम में पेंडिंग,प्रमोटेड के समस्याओं से निजात दिलाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा ठोस कदम उठाई जाए। सभी महाविद्यालयों में छात्रों के मूलभूत सुविधा कॉमन रूम, लाइब्रेरी ,ई-लाइब्रेरी, लैब ,पेयजल ,शौचालाय, बिजली पंखा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। व्यवसायिक पाठ्यक्रम में अच्छी गुणवत्ता हेतु योग शिक्षकों की नियुक्ति एवं उनकी मूलभूत सुविधाओं लाइब्रेरी,ई-लाइब्रेरी,स्मार्ट क्लासरूम सुव्यवस्थित की जाए। सभी व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के छात्र- छात्राओं को 30 दिनों का जॉब ट्रेनिंग कराए जाए एवं उसका प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाए। शैक्षणिक सत्र को नियमित की जाए एवं महाविद्यालयों में 180 दिनों की पढ़ाई सुनिश्चित की जाए। स्नातक एवं स्नातकोत्तर के नामांकन प्रक्रिया में महाविद्यालयों द्वारा बड़े पैमाने पर धांधली https://www.instagram.com/p/B3zOEYGJy9D/?igshid=xue6r7yrgwgx
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