#लहसुन का बीज
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todaymandibhav · 2 months ago
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किसानों के लिए खुशखबरी! 40% अनुदान पर लें लहसुन का बीज, कराना होगा ऑनलाइन पंजीकरण, देखें पूरी जानकारी
Garlic Seeds Subsidy: उत्तर प्रदेश में लहसुन की बढ़ती मांग और बढ़ती कीमतों को देखते हुए राज्य सरकार ने एक नई पहल की है। प्रदेश में लहसुन की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजना शुरू की गई है, जिससे किसानों को आर्थिक सहयोग मिलेगा और राज्य में लहसुन उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी। इस योजना के तहत, राज्य के उद्यान विभाग ने प्रति हेक्टेयर 30,000 रुपये की अनुमानित इकाई लागत तय क�� है, जिसमें…
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ragbuveer · 7 days ago
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
*🌹सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (चतुर्थी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-03-जनवरी-2025
वार:--------शुक्रवार
तिथी:--04चतुर्थी:-23:39
पक्ष:------शुक्लपक्ष
माह:-----पौषमास
नक्षत्र:---घनिष्ठा:-22:21
योग :-----वज्र:-12:37
करण:---वणिज:-12:25
चन्द्रमा:-मकर 10:47/कुम्भ
सूर्योदय:-----07:30
सूर्यास्त:-----17:54
दिशा शूल------पश्चिम
निवारण उपाय:----दही का सेवन
ऋतु :-------शिशिर ऋतु
गुलीक काल:---08:31से 09:51
राहू काल:-11:11से12:32
अभीजित--12:10से12:53
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:---कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-07:30से08:48तक
लाभ:-08:48से10:06तक
अमृत:-10:06से11:24तक
शुभ:-12:42से14:00तक
चंचल:-16:36से17:54तक
🌓चोघङिया रात🌗
लाभ:-21:16से22:58तक
शुभ:-00:50से02:32तक
अमृत:-02:32से04:14तक
चंचल:-04:14से05:56तक
आज के विशेष योग
वर्ष का 271वा दिन, भद्रा प्रारंभ 12:25 से 23:39 तक भूलोक अशुभ दिशा पश्चिम पंचक प्रारंभ 10:47, विनायक चतुर्थी, रवियोग समाप्त 22:21,
🌹 👉 टिप्स 👈🌹
पौष महिने मे ताम्बे की वस्तु दान करे।
*सुविचार*
दोपहर में दीया जलाने से अंधकार नहीं हमारा वजूद खत्म होता है।..👍🏻 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*पेट साफ करने का घरेलू उपाय -*
1. भोजनोपरांत 125 ग्राम मट्ठे में 2 ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से गैस बनना खत्म हो जाता है।
2. उसी तरह एक लहसुन की फांक छीलकर बीज निकाली हुई मुनक्का को नग में लपेटकर, भोजन के बाद चबाकर निगल जाएं। इससे पेट की रुकी हुई वायु तत्काल निकल जाएगी।
3. इसके अलावा अलसी के पत्तों की सब्जी बनाकर खाने से गैस की शिकायत दूर हो जाती है।
4. अदरक के छोटे टुकड़े कर उस पर नमक छिड़ककर दिन में दो-तीन बार उसका सेवन करें। गैस की परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर हलका होगा और भूख खुलकर लगेगी।
5. अजवायन दो ग्राम, नमक आधा ग्राम चबाकर खाएं। पेट दर्द और गैस से आराम मिलेगा। इसके अलावा पानी के साथ हिंगाष्टक चूर्ण खाने से सभी प्रकार वायु विकार दूर होते हैं।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
पुराना रोग उभर सकता है। अपेक्षा दु:ख का कारण होती है। मालूम पड़ेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यवसाय ठीक चलेगा। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। बनते काम बिगड़ सकते हैं। दु:खद समाचार मिल सकता है। उत्साह में कमी रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वाभिमान को चोट पहुंच सकती है।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। दूसरों के काम में दखल न दें। बात बिगड़ सकती है। प्रमाद न करें। थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। कार्यप्रणाली की प्रशंसा होगी। निवेश लाभदायक रहेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। वरिष्ठजनों का सहयोग प्राप्त होगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। परिवार में तनाव रह सकता है। निवेश सोच-समझकर करें। धनार्जन सहज ही होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है, जोखिम न लें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। नौकरी में ��्रमोशन मिल सकता है। विवाद से बचें। प्रसन्नता रहेगी। घर-परिवार की चिंता रहेगी। जल्दबाजी न करें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। पुराना रोग उभर सकता है। कुसंगति से हानि होगी। वस्तुएं संभालकर रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अतिविश्वास न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। उतार-चढ़ाव रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चिंता बनी रहेगी।
👩🏻‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नौकरी में अधिकारी वर्ग प्रसन्न रहेगा। निवेश लाभदायक रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। आलस्य हावी रहेगा। आय में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। रुके काम पूर्ण होंगे। प्रसन्नता बनी रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। हृदय रोगी विशेष ध्यान रखें। घर-बाहर से सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। नौकरी में तनाव रह सकता है। विवाद न करें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। अधिकारी साहस कर पाएंगे आय के नए प्राप्त हो सकते हैं। अधिकारी वर्ग अप्रसन्न रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। शुभ समय।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
चोट व दुर्घटना से बचें। बड़ा नुकसान हो सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। तनाव रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। लेन-देन में सावधानी रखें। दुष्टजन हानि पहूंचा सकते हैं। घर में मतभेद बढ़ सकते हैं। दुष्टजन हानि पहूंचा सकते हैं। जोखिम न लें। विवाद से बचें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। दूसरों के व्यवहार में सावधानी रखें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। पार्टनरों से मतभेद हो सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ में कमी हो सकती है। धैर्य रखें। काम में मन नहीं लगेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
कुसंगति से हानि होगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। आय में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। सुख के साधन जुटेंगे। चोट व रोग से बचें। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मित्र व संबंधी सहयोग करेंगे। रुके कार्यों में गति आएगी। शुभ समय।
🐡 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
भूमि व भवन के खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। कार्य में बेहतरी तथा परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। कुछ चिंता तथा तनाव रह सकते हैं। व्यवसाय ठीक चलेगा।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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fitnessclasses · 22 days ago
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फैटी लिवर/FATTY LIVER के लिए 10 घरेलू सरल उपचार
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  फैटी लिवर/FATTY LIVER के लिए 10 घरेलू सरल उपचार   Fatty Liver रोग, जिसे हेपेटिक स्टेटोसिस/hepatic steatosis के नाम से भी जाना जाता है, लिवर कोशिकाओं में अतिरिक्त वसा के संचय की विशेषता है। यह संचय बिना किसी स्पष्ट लक्षण के हो सकता है, जिससे यह विशेष रूप से घातक हो जाता है। जबकि कई लोग इस बात से अनजान रह सकते हैं कि उन्हें फैटी लिवर रोग है, अगर इसे अनदेखा किया जाए तो यह महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है। यह स्थिति विभिन्न कारकों से उत्पन्न हो सकती है, जिसमें मोटापा, अत्यधिक शराब का सेवन, कुछ आहार संबंधी आदतें और चयापचय संबंधी विकार जैसे मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल शामिल हैं। पोषक तत्वों को संसाधित करने और पदार्थों को डिटॉक्स करने में लीवर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए जब वसा जमा होती है, तो यह इन महत्वपूर्ण कार्यों में हस्तक्षेप कर सकती है और समय के साथ सूजन या लीवर को नुकसान पहुंचा सकती है। फैटी लीवर रोग से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को देखते हुए, रोकथाम और प्रबंधन रणनीतियों के बारे में सक्रिय होना आवश्यक है। इसमें स्वस्थ आहार बना�� रखना, नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल होना, शराब का सेवन कम करना और रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर की निगरानी करना शामिल है। प्रारंभिक पहचान और हस्तक्षेप अधिक गंभीर लीवर समस्याओं, जैसे कि नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) या सिरोसिस के जोखिम को कम करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिसके समग्र स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। READ MORE.......Fatty Liver (Nonalcoholic Fatty Liver) क्या होता है? और इसके कारण        इसलिए, फैटी लीवर रोग और इससे संबंधित जटिलताओं की शुरुआत को रोकने के लिए लीवर के स्वास्थ्य पर ध्यान देना सबसे महत्वपूर्ण है। कुछ घरेलू उपचार वसा के संचय को कम करके और विषहरण को बढ़ावा देकर लीवर के स्वास्थ्य का समर्थन कर सकते हैं। यहाँ कुछ सरल उपाय दिए गए हैं जो संतुलित आहार में शामिल करने पर फैटी लीवर से निपटने में मदद कर सकते हैं।  
1- आंवला or the Indian Gooseberry
आंवला में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो लीवर के पुनर्जनन और वसा चयापचय को सुविधाजनक बनाते हैं। रोजाना खाली पेट 1 से 2 ताजे आंवले के फल या एक चम्मच आंवला पाउडर को पानी में मिलाकर खाने से लीवर की कार्यक्षमता बढ़ती है और वसा का जमाव कम होता है।  
2- लहसुन/Garlic
लहसुन में सल्फर यौगिक प्रचुर मात्रा में होते हैं जो यकृत एंजाइम को सक्रिय करते हैं। यह विषहरण प्रक्रिया में मदद करता है और वसा को तोड़ता है। दैनिक आहार में लहसुन की 1-2 कच्ची कलियाँ शामिल करना या यदि संभव हो तो भोजन में उन्हें शामिल करना यकृत वसा के संचय को कम करने और यकृत के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। या सुबह खाली पेट 1 से 2 कलि लहसुन की गरमपानी के साथ खाने से भी liver को detox करने में मदद मिलती है.  
3- हल्दी वाला दूध
हल्दी में कर्क्यूमिन होता है, जो ��क शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक है जो लिवर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है। सोने से पहले एक कप गर्म हल्दी वाला दूध पीने से लिवर को स्वस्थ रखने और वसा के संचय को कम करने में मदद मिलती है। इसके एंटीऑक्सीडेंट लिवर के कार्य को बढ़ाते हैं और पित्त के उत्पादन को उत्तेजित करते हैं।  
4- अदरक की चाय
अदरक में सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो लीवर के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और वसा के पाचन में सहायता कर सकते हैं। सुबह या भोजन के बाद एक कप अदरक की चाय पीने से वसा चयापचय को बढ़ावा मिल सकता है और लीवर की चर्बी कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, अदरक पित्त उत्पादन को उत्तेजित करता है, जिससे पाचन में सुधार होता है।  
5- मेथी के बीज/Fenugreek or methi seeds
मेथी के बीज रक्त शर्करा और लिपिड सांद्रता दोनों को कम करने में फायदेमंद होते हैं। रात भर 1 चम्मच मेथी के बीज भिगोने और अगली सुबह खाली पेट खाने की सलाह दी जाती है। यह अभ्यास इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाकर और ट्राइग्लिसराइड सांद्रता को कम करके यकृत वसा संचय/triglyceride concentrations को कम करने में सहायता करता है।  
6- करी पत्ता
करी पत्तों में हेपेटोप्रोटेक्टिव/ hepatoprotective गुण होते हैं और ये कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड सांद्रता को कम करने में योगदान करते हैं। 5-7 ताजे करी पत्तों को चबाना या उन्हें दैनिक भोजन में शामिल करना उचित है। यह अभ्यास यकृत विषहरण, वसा संचय को कम करने और समग्र यकृत स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।  
7- दालचीनी/Cinnamon
दालचीनी रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करती है और लीवर में वसा के जमाव को कम करती है। अपने लीवर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अपनी चाय, कॉफी या अपने भोजन में प्रतिदिन एक बार आधा चम्मच दालचीनी पाउडर का उपयोग करें। इसमें सूजनरोधी गुण भी होते हैं, इसलिए यह इसके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है। READ MORE.......Beetroot(चुकंदर ) के अद्भुत स्वास्थ लाभ
8- ग्रीन टी/Green tea
ग्रीन टी में कैटेचिन की उच्च सांद्रता होती है, जो एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाते ��ैं और वसा के संचय को कम करते हैं। रोजाना 2 से 3 कप ग्रीन टी पीने से वसा का चयापचय आसान हो सकता है और लिवर में सूजन कम हो सकती है, जिससे फैटी लिवर रोग के उपचार में सहायता मिलती है।  
9- एलोवेरा जूस/Aloe vera juice
एलोवेरा में सूजनरोधी और विषहरण गुण होते हैं जो लीवर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जाने जाते हैं। सुबह पानी में मिलाकर 1 चम्मच कच्चा एलोवेरा जूस पीने से प्राकृतिक विषहरण को बढ़ाकर ��ैटी लीवर को कम करने और उचित चयापचय कार्यों में मदद मिलेगी।  
10- नींबू पानी/Lemon water
नींबू विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट के शक्तिशाली स्रोत हैं जो प्रभावी रूप से लीवर को डिटॉक्सीफाई करते हैं। हर सुबह एक गिलास गर्म नींबू पानी पीने से न केवल पित्त उत्पादन को बढ़ावा मिलता है बल्कि यह लीवर से विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालता है, जिससे समय के साथ वसा का संचय काफी कम हो जाता है। इष्टतम स्वास्थ्य लाभों के लिए इसे दैनिक आदत बनाएं। READ MORE... क्या ऑनलाइन बाजार से प्रोटीन पाउडर खरीदना सुरक्षित है? निष्कर्ष: Fatty Liver एक बढ़ती हुई चिंता है जिसे प्राकृतिक और समग्र दृष्टिकोण से प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। चर्चा किए गए 10 सरल घरेलू उपचार - एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर संतुलित आहार लेने से लेकर आंवला, हल्दी और ग्रीन टी जैसे विशिष्ट खाद्य पदार्थों को शामिल करने तक - लीवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में जीवनशैली और आहार परिवर्तनों के महत्व को उजागर करते हैं। ये उपाय लीवर की चर्बी को कम करके, लीवर को डिटॉक्स करके और इसकी पुनर्योजी क्षमता को बढ़ाकर काम करते हैं। हालाँकि, इनका उपयोग लगातार और स्वस्थ जीवनशैली के साथ किया जाना चाहिए, जिसमें नियमित व्यायाम और शराब या प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचना शामिल है। जबकि ये उपाय आम तौर पर सुरक्षित और फायदेमंद होते हैं, गंभीर लीवर की स्थिति वाले व्यक्तियों को व्यक्तिगत सलाह के लिए स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना चाहिए। इन सरल लेकिन प्रभावी घरेलू उपचारों को अपनाकर, आप लीवर के कार्य और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में सक्रिय कदम उठा सकते हैं।
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sanjaypuri · 3 months ago
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घरेलू उपाय: प्राकृतिक तरीके से सेक्स टाइमिंग बढ़ाने के 5 सरल नुस्खे
सेक्स टाइमिंग कम होना या शीघ्रपतन एक ऐसी समस्या है जिससे कई लोग परेशान रहते हैं। लेकिन इसका समाधान आपके घर में ही मौजूद हो सकता है। यहाँ 5 घरेलू नुस्खे दिए जा रहे हैं, जो आपकी सेक्स टाइमिंग को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाने में मदद करेंगे।
1. बादाम और दूध:
रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में बादाम डालकर पीने से यौन शक्ति में सुधार होता है। बादाम में मौजूद प्रोटीन ��र विटामिन शरीर की ताकत को बढ़ाते हैं, जिससे आप लंबे समय तक सेक्स कर सकते हैं।
2. लहसुन:
लहसुन में मौजूद तत्व यौन अंगों में रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं, जिससे सेक्स टाइमिंग में सुधार होता है। नियमित रूप से लहसुन का सेवन आपकी सेक्स पावर को बढ़ाता है।
3. अदरक और शहद:
अदरक और शहद का मिश्रण यौन शक्ति बढ़ाने में बहुत फायदेमंद होता है। यह मिश्रण शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और यौन अंगों को मजबूत बनाता है।
4. व्यायाम:
नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो यौन अंगों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है। विशेष रूप से पैल्विक फ्लोर एक्सरसाइज सेक्स टाइमिंग में सुधार करने में सहायक होती हैं।
5. तुलसी के बीज:
तुलसी के बीज यौन अंगों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। इनका सेवन आपकी सेक्स टाइमिंग को प्राकृतिक तरीके से बढ़ा सकता है।
ये 5 घरेलू उपाय आपकी सेक्स टाइमिंग को बिना किसी साइड इफेक्ट के सुधार सकते हैं। यदि आप टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवा की तलाश में हैं, तो ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियो से बनी देशी दावा आपकी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं। इसे एक बार जरूर आजमाए
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drsunildubeyclinic · 4 months ago
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Indigenous Sexual Treatment: Best Sexologist in Patna, Bihar | Dr. Sunil Dubey
पुरुषों के गुप्त व यौन रोगों के कारण, लक्षण और रामबाण आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार:
युवावस्था या जवानी में जिस सुख की लत लग जाती है, उसके परिणामस्वरूप पुरुषों में गुप्त रोग और बुरी आदतें विकसित हो जाती हैं। अधिकांश गुप्त व यौन रोग 14 से 18 वर्ष की आयु में शुरू होते हैं। अनैतिक लोगों के संपर्क में आने वाले, अश्लील बातें करने वाले, रोचक शब्दों में यौन-सुख का विस्तार से वर्णन करने वाले, मासूम बच्चों को अपने पास बैठाकर इस सुख का अनुभव कराने वाले लोग जिम्मेदार कारक होते है। परिणामस्वरूप, विवाह होने पर वह पुरुष स्त्री से सही से यौन क्रिया भी नहीं कर पाता है। उसके पनीले में साधारण उत्तेजना होती भी है, तो स्त्री के संपर्क में आते ही पानी जैसा क्ष्राव छोड़ जाता है और व हताश होकर अपने पनीले को बाहर निकाल लेता है। इसके बाद वह इस यौन सम्बन्ध में काफी प्रयास करता है, किन्तु वह न तो खुद यौन सुख का आनन्द पाता है और न ही अपने साथी को सुख दे पाता है।
कई बार तो लोग शर्म के मारे आत्महत्या तक की कोशिश करते हैं जो उनके निराशावाद को दर्शाता है। ऐसे रोगियों का पाचन तंत्र, मस्तिष्क, शुक्र नलिकाएं, श्वसन नलिकाएं आदि सभी खराब हो जाती हैं। लेकिन ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को घबराना नहीं चाहिए क्योंकि हर बीमारी का कोई न कोई इलाज व समाधान अवश्य होता है। यहां हम आपको कुछ घरेलू उपाय भी बताएंगे, जिनका इस्तेमाल करने के बा�� काफी हद तक आप अपने गुप्त व यौन बीमारियों से छुटकारा पा सकते है। लेकिन अगर समस्या बढ़ जाती है और घरेलू उपायों से फायदा नहीं हो रहा है तो किसी यौन रोग विशेषज्ञ (सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर) से जरूर संपर्क करें (बिल्कुल भी शर्म न करें)…
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स्वप्नदोष को कैसे ठीक करें:
स्वप्नदोष को रात्रि स्खलन के नाम से भी जाना जाता है। स्वप्नदोष एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जो कि व्यक्ति को रात में अपने यौन स्वप्न के दौरान वीर्यपात या वीर्य स्खलन हो जाता है। वैसे यह प्रकिया पुरुषों में अधिक होती है परन्तु यह समस्या कुछ स्त्रियों में भी पाया जाता है जिसमें उनकी वैजिनल चिपचिपी और गीली हो जाती है। विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य जो कि पटना के सर्वश्रेठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर भी है, कहते है कि रात्रि स्खलन कि यह समस्या ज्यादातर युवा पुरुषो में देखी जाती है। स्वप्नदोष ज्यादातर उन पुरुषों को होता है जो वास्तविक यौन सुख से वंचित रह जाते हैं और लंबे समय तक यौन क्रिया के बारे में सोचते रहते हैं। कभी-कभी स्वप्नदोष नुकसान की बात नहीं होती है लेकिन कुछ युवा पुरुषों में यह अत्यधिक हो जाता है जिसके कारण उनके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है और वे दिन-प्रतिदिन दुबले व कमजोर होते जाते हैं।
ऐसे लोगों को इलाज की जरूरत होती है। वैसे तो बाजार में कई तरह की दवाइयां उपलब्ध हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर कोई खास फायदा नहीं करती साथ-ही-साथ उनके कई साइड-इफेक्ट्स भी होते हैं। लेकिन आप आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों व रस-रसायन का इस्तेमाल करके आसानी से इसका इलाज कर सकते हैं।
स्वप्नदोष से छुटकारा पाने के लिए आप निम्नलिखि�� घरेलू उपचार आजमा सकते हैं, आपको निश्चित रूप से लाभ होगा…
रोजाना आंवले का मुरब्बा खाएं और ऊपर से गाजर का जूस पिएं।
तुलसी की जड़ का एक टुकड़ा पीसकर पानी के साथ पिएं। इससे लाभ होता है। अगर जड़ न मिले तो बीज के 2 चम्मच शाम को लें।
लहसुन की दो कलियां पीसकर निगल लें। कुछ देर बाद गाजर का जूस पीएं।
आधा चम्मच मुलेठी का चूर्ण और एक चम्मच आक की छाल का चूर्ण दूध के साथ लें।
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रात को सोते समय 10-12 काली तुलसी के पत्ते पानी के साथ लें।
रात को एक लीटर पानी में त्रिफला चूर्ण भिगो दें, सुबह उसे मसलकर बारीक कपड़े से छानकर पी लें।
2 चम्मच अदरक का रस, 3 चम्मच प्याज का रस, 2 चम्मच शहद, 2 चम्मच गाय का घी मिलाकर सेवन करने से न केवल स्वप्नदोष ठीक होगा बल्कि पुरुष शक्ति भी बढ़ेगी।
नीम के पत्तों को रोजाना चबाने और खाने से स्वप्नदोष पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।
ऊपर जो भी उपाय आप अपनाएं उसका लगातार 6 महीने तक प्रयोग करें जिससे आपको लाभ अवश्य मिलेगा। अगर आप बीच में दवा लेना बंद कर देंगे तो आपको उतना लाभ नहीं मिलेगा।
वीर्य पतला होने के कारण और घरेलू उपचार...
आजकल बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका वीर्य पतला हो गया है, लेकिन चिंता न करें, इसका इलाज घरेलू स्तर पर भी संभव है। आइये सबसे पहले जानते हैं कि वीर्य पतला होने के क्या कारण हैं और इसका घरेलू उपाय क्या है। डॉ. सुनील दुबे, बिहार के सर्वश्रेठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर में से एक है जो दुबे क्लिनिक में प्रैक्टिस करते है और सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों का इलाज करते है। उन्होंने अपने आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी मेडिकल साइंस में बहुत सारे आयुर्वेदिक चिकित्सा-उपचार की सफलतापूर्वक खोज की है। आज के समय में, भारत के कोने-कोने से गुप्त व यौन रोगी उनके मार्गदर्शन में अपना इलाज करवाते है और स्वस्थ्य यौन जीवन पाते है।
वीर्य पतला होने के कारण...
बुरी संगत में पड़ना, वेश्याओं के पास जाना, अत्यधिक संभोग करना, हस्तमैथुन की आदत का शिकार हो जाना आदि कारणों से वीर्य पतला हो जाता है। वीर्य का पतला होना वास्तव में इस बात का प्रतीक है कि व्यक्ति का वीर्य दुर्बल और कमजोर हो गया है। कामुक विचारों और अश्लील साहित्य को पढ़ने से उत्पन्न अत्यधिक उत्तेजना के कारण वीर्यपात हो जाता है। यदि यह स्थिति लगातार बनी रहे तो वीर्य पतला हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप, अन्य कई गुप्त व यौन रोग के होने की संभावना प्रबल हो जाती है।
वीर्य पतला होने के लक्षण…
वीर्य का मुख्य कार्य प्रजनन करना है। अगर वीर्य पतला और कमजोर हो जाए तो नपुंसकता के लक्षण दिखने लगते हैं और प्रजनन में बाधा आती है। इसके अलावा शीघ्रपतन जैसी समस्या भी होती है, इसलिए इसका इलाज करना जरूरी है।
शीघ्रपतन के लिए कारगर घरेलू उपचार….
शीघ्रपतन कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की मानसिकता या आदत का नतीजा है। संभोग के दौरान दूसरे साथी के स्खलन से पहले ही स्खलन हो जाना शीघ्रपतन कहलाता है। यानी महिला के संतुष्ट होने से पहले पुरुष का स्खलित हो जाना शीघ्रपतन कहलाता है। वास्तव में, आयुर्वेद चिकित्सा-उपचार में इस गुप्त रोग का इलाज संभव है और रोगी इसमें सुधार कर सकता है।
कारण…
शीघ्रपतन का मुख्य कारण पुरुष का रवैया या आदत है। इसके अलावा अगर व्यक्ति को हस्तमैथुन की लत है तो वह भी शीघ्रपतन से ग्रसित हो जाता है। हस्तमैथुन करने वाला व्यक्ति कामी, अधीर, और जल्दबाज़ हो जाता है। इसलिए वह संभोग के दौरान धैर्य नहीं रख पाता और उसका स्खलन जल्दी हो जाता है। कामवासना के बारे में सोचने से भी व्यक्ति शीघ्रपतन का शिकार हो जाता है। थकान और कमजोरी और किसी बीमारी से ग्रसित होने या आत्मविश्वास की कमी के कारण भी शीघ्रपतन होता है।
लक्षण…
यदि कोई शीघ्रपतन का शिकार है, तो संभोग के दौरान स्खलन जल्दी हो जाता है और महिला संतुष्ट नहीं हो पाती है।
घरेलू उपचार…
जामुन: शीघ्रपतन को रोकने के लिए जामुन की गुठली को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें और 2.5 ग्राम सुबह-शाम दूध के साथ लें। एक महीने तक लगातार ऐसा क���ने से यह रोग नियंत्रण में आ जाता है।
इमली: शीघ्रपतन से पीड़ित पुरुषों के लिए इमली के बीज बहुत उपयोगी साबित हुए हैं। इमली के बीजों को 4-5 दिन तक पानी में भिगोकर रखें, गुठली निकालकर चूर्ण बना लें। इसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर दूध के साथ सेवन करें। इससे यौन शक्ति बढ़ती है और वीर्य स्तंभन होता है।
खजूर: रोजाना दो खजूर खाने से शीघ्रपतन की समस्या नियंत्रित होने लगती है।
ईसबगोल: ईसबगोल, खसखस ​​का शर्बत और मिश्री को 5-5 ग्राम पानी में मिलाकर पीने से शीघ्रपतन ठीक हो जाता है।
अदरक: आठ माशा सफेद प्याज का रस, छह माशा अदरक का रस, चार माशा शहद और तीन माशा शुद्ध घी मिलाकर दो महीने तक नियमित सेवन करने से शीघ्रपतन रुक जाता है।
आम: आम की कलियों को छाया में सुखाकर, पीसकर छान लें और इस मिश्रण को ढाई-ढाई ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करें। इससे शीघ्रपतन रुक जाएगा और यौन शक्ति बढ़ेगी।
आंवला: आंवले का सेवन बहुत लाभकारी है। प्रतिदिन एक आंवले का मुरब्बा खाएं…
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स्थल: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04
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sahibaamasala · 6 months ago
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क्या आप जानते हैं कि नॉन-वेज मसाला असल में वेज मसाला होता है? | साहिबा मसाले
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यह एक गलतफ़हमी है कि नॉन-वेज मसाला वास्तव में मांस या अन्य पशु उत्पादों से बनाया जाता है। यह केवल मसालों का मिश्रण होता है, जिसमें कोई पशु उत्पाद नहीं होते। भारतीय व्यंजनों में उपयोग किए जाने वाले ये मसाला मिश्रण आमतौर पर शाकाहारी होते हैं, जिनमें जीरा, धनिया, हल्दी और मिर्च पाउडर जैसे मसाले होते हैं। इसका मतलब है कि ये मसाले शाकाहारी और मांसाहारी दोनों के लिए उपयुक्त हैं। इसलिए, अगली बार जब आप भारतीय खाना बनाएं, तो नॉन-वेज मसाला का उपयोग क��ने से न डरें!
मसाले हमारे सभी व्यंजनों में एक आवश्यक घटक हैं, जो भोजन के स्वाद को बढ़ाते हैं। मसाला पाउडर में आम तौर पर पिसे हुए मसाले होते हैं और इसमें मांस या अंडे शामिल नहीं होते हैं। एक मांसाहारी व्यंजन में लगभग 15 से 20 सामग्री शाकाहारी होती हैं जैसे मसाले, सब्जियां, तेल, गार्निशिंग प्याज, लहसुन, मेवा आदि। मांस अपने आप में बेस्वाद होता है और अन्य सामग्री ही इसे स्वादिष्ट बनाती है।
मसाले बिना किसी अवांछित या अस्वच्छ पदार्थ के बनाए जाते हैं, ताकि शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही इसका सेवन कर सकें। ताजी जड़ी-बूटियों और उच्च गुणवत्ता वाले साबुत मसालों के उपयोग से मसाले किसी भी प्रकार के भोजन के स्वाद को 100% जैविक और स्वच्छ तरीके से बढ़ाते हैं।
साहिबा मसाला का नॉन-वेज मसाला
साहिबा मसाला का नॉन-वेज मसाला मसालों का एक सही मिश्रण है जो आपके स्वाद को मंत्रमुग्ध कर देगा। यह उन लोगों के लिए एकदम सही है जो नॉन-वेज का स्वाद पसंद करते हैं लेकिन शाकाहारी ट्विस्ट के साथ इसका आनंद लेना चाहते हैं। साहिबा मसाला का नॉन-वेज मसाला वेज है क्योंकि यह मसाले, आयोडीन नमक, सूखा आम, जीरा, काली मिर्च, मिर्च, सूखी अदरक, इलायची के बीज, छोटी इलायची, दालचीनी, लौंग, हिंग, काली इलायची, तेज पत्ता, मेथी के पत्ते, और हल्दी, आदि शामिल हैं। यह मसाला किसी भी व्यंजन में स्वाद जोड़ने के लिए एकदम सही है, चाहे वह करी हो, चावल हो, या एक साधारण सब्जी हो।
बेहतरीन जड़ी-बूटियों और उच्च गुणवत्ता वाले मसालों से बने साहिबा मसाला के उत्पाद आपके भोजन को बिना किसी कृत्रिम विकल्प या संरक्षक के सही स्वाद और रंग देते हैं। साहिबा द्वारा बनाए गए मसाले पूरी तरह से प्रामाणिक हैं और साबुत मसालों का उपयोग करके तैयार किए जाते हैं। हमारा मिशन हर भारतीय रसोई में ‘स्वाद वाली खुशबू’ विकसित करना है और इसे हम सुरक्षात्मक रूप से करते हैं। हमारे मसाले प्राकृतिक और कृत्रिम रंगों और परिरक्षकों से मुक्त होते हैं और FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार तैयार किए जाते हैं।
तो आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं? स्वादिष्ट मसाला पाने के लिए आज ही हमसे संपर्क करें।
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hindunidhi · 9 months ago
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नवरात्रि में माता का पूरा आशीर्वाद लेने के लिए त्यागें ये गलतियां
नवरात्रि का पावन त्योहार साल 2024 में 9 अप्रैल से शुरू हो रहा है। नवरात्रि के दौरान माता के भक्त व्रत रखते हैं और माता को प्रसन्न करने के लिए उनकी उपासना करते हैं। नवरात्रि से जुड़े कई नियम भी हैं जो भक्तों को ख्याल में रखने चाहिए। साथ ही कुछ ऐसे कार्य हैं जिनको करने से माता की कृपा दृष्टि से आप वंचित रह सकते हैं। नवरात्रि के दौरान क्या कार्य करने से आपको बचना चाहिए, आइए विस्तार से जानते हैं।
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नवरात्रि के दौरान न करें ये गलतियां
नवरात्रि के व्रत रख रहे हैं, या फिर नौ दिनों तक माता की पूजा-आराधना करने वाले हैं तो आपको तामसिक भोजन का त्याग कर देना चाहिए। इसके पीछे वजह यह है कि, तामसिक भोजन यानि ज्यादा मसालेदार भोजन, गर्म तासीर का भोजन आपके विचारों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। कहा भी जाता है कि, जैसा खाएंगे अन्न वैसा होगा मन्न। इसलिए नवरात्रि में व्रत नहीं भी रख रहे हैं, केवल माता की पूजा करने वाले हैं तो भी सात्मविक भोजन करें ताकि माता की भक्ति में किसी तरह का खलल न पड़े। नवरात्री में दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।
नवरात्रि के दौरान आपको मांस-मदिरा और शराब का सेवन ���रने से तो बचना ही चाहिए साथ ही लहसुन-प्याज भी भोजन में नहीं डालना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, लहसुन-प्याज की उत्पत्ति राहु-केतु के रक्त से हुई थी, इसके साथ ही ये पदार्थ तामसिक प्रकृति के भी माने जाते हैं। इसलिए नवरात्रि के दौरान इन्हें खाने की मनाही है।
नवरात्रि के दौरान न पहनें ऐसे कपड़े
माता के नौ रूपों की कृपा प्राप्त करने के लिए आपको नवरात्रि के नौ दिनों में सात्विक भोजन के साथ ही सादे कपड़े पहनने चाहिए। काले कपड़े पहनने से आपको बचना चाहिए, ज्यादा चटकीले कपड़े पहनने से भी बचें और चमड़े से बनी वस्तुओं से भी परहेज करना चाहिए।
ये गलतियां भी पड़ सकती हैं भारी
नवरात्रि के दौरान महिलाओं, कन्याओं और बुजुर्गों का अपमान करके आप माता की कृपा से वंचित हो सकते हैं। दुर्गा माता की पूजा के दौरान जितना आप महिलाओं का आदर करेंगे उतने ही अच्छे परिणाम आपको प्राप्त हो सकते हैं। नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती या फिर दुर्गा चालीसा का पाठ करने वाले हैं तो इसके उच्चारण में गलतियां न करें।
नवरात्रि में व्रत रखने वालों को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए। जमीन पर अपना बिस्तर आपको लगाना चाहिए। जमीन पर सोने से अनिद्रा की समस्या दूर होती है साथ ही तनाव से भी आपको मुक्ति मिलती है। आप तरोताजा रहते हैं इसलिए माता की भक्ति में आपका मन लगता है।
नाखून, दाढ़ी और बाल भी नवरात्रि के दौरान न कटवाएं। शारीरिक संबंध बनाने से बचें। ��च्चारण नहीं जानते तो माता के बीज मंत्र का जप करना भी पर्याप्त रहेगा।
अगर इन सभी बातों का ख्याल रखते हुए आप नवरात्रि के 9 दिनों में माता की उपासना करते हैं, तो आपको मानसिक शांति का अनुभव होता है और माता की कृपा आप पर बरसती है।
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hindisoup · 2 years ago
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Spices and Herbs Vocabulary
मसाला - spice (masculine) जड़ी-बूटी - herb (feminine) खुशबू - fragrance, aroma (feminine), also सुगंध (masculine) वासक - aromatic, flavouring (adjective) सुवास, स्वाद - flavour (masculine) सुवास / स्वाद बनाना - to flavour (transitive) सुवास / स्वाद देना - to give flavor (transitive) रंग देना - to give colour (transitive) स्वादिष्ट बनाना - to make tasty (transitive) मसाले डालना - to add spice (transitive) मिलाना, मिक्स करना - to mix (transitive) अलंकृत करना - to garnish (transitive) सुखाना - to dry (transitive) ऊखल - mortar (masculine) पीसना - to grind (transitive)
Types and Qualities of Spices and Herbs
चूर्ण - powder (masculine), also पाउडर (masculine) बीज - seeds (masculine) पत्तियां - leaves (feminine), also पत्ते (masculine) पेस्ट - paste (masculine) सूखा - dried (adjective) पीसा - ground, crushed, powdered (adjective) दुर्लभ - rare (adjective) आम - common (adjective) स्थानीय - local (adjective) विदेशी - foreign (adjective)
Spices and Herbs
तुलसी - basil (feminine) तेज पत्ता - bay leaf (masculine) इलाइची - cardamom (feminine) * there are two types of cardamom, काली (black) and छोटी (green). दालचीनी - cinnamon (feminine) लौंग - clove (feminine) धनिया - coriander (masculine) जीरा - cumin (masculine) सौंफ - fennel (feminine) मेथी - fenugreek (feminine) अलसी का बीज - flaxseed, linseed (masculine) लहसुन - garlic (masculine) अदरक - ginger (feminine) पुदीना, पौदीना - mint (masculine) सरसों, राइ - mustard seeds (feminine) सरसों का ��ेल - mustard oil (masculine) जायफल - nutmeg (masculine) खसखस - poppy seeds (masculine) मिर्च - pepper, chili (feminine) * लाल मिर्च - red chili * हरी मिर्च - green chili * लाल शिमला मिर्च - paprika, bell pepper * काली मिर्च - black pepper * सफ़ेद मिर्च - white pepper गुलमेहंदी - rosemary (feminine) केसर, भगवा - saffron (masculine) नमक - salt (masculine) * salt can be for example सेंधा, rock salt or पीसा, fine, powdered. तिल - sesame (masculine) चक्र फूल - star anise (masculine) चाय पत्ती - tea leaf (feminine) हल्दी - turmeric (feminine) खमीर - yeast (masculine) बादाम - almond (masculine) काजू - cashew (masculine) मेवा - dried fruit or nut (masculine) किशमिश - raisin (feminine)
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allgyan · 4 years ago
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लहसुन बहुत ही गुणकारी है-
लहसुन वैसे तो बहुत ही गुणकारी है इसका फायदा ये है की जितना ये बिना पकाया फायदा करता है उतना ही पका के भी अच्छा लगता है |लेकिन बस इसमें एक ही समस्या ��ै जो इसको खाने से मुँह बदबू करता है इसलिए लोग इसको कच्चा खाने से बचते है |इसे मसाला का राजा भी कहा जाता है क्योकि जो भी आप पकवान बनाते हो सब पकवानो में ये डालना अनिवार्य है |इसके बिना कोई भी भोजन इतना स्वादिष्ट नहीं बन सकता है |इसकी खासियत ये है की पाचन को सम्मान्य बनाया रखता है |इसकी खेती बहुत पहले से होती आ रही है |चलिए आये जानते है इसके बारे में कुछ और नयी जानकारी |
खाली पेट लहसुन खाने के क्या है फायदे -
देखिये मैंने आपको पहले बताया है की ये खाली पेट इसको खाने से बहुत फायदा होता है |पहला तो ये केलोस्ट्राल के लेवल कम करता है |नास्ते के ठीक पहले कच्चा लहसुन लेने से ये आपको जीवाणु और विषाक्त पदार्थों से दूर करते है |ये आपके पेट में एक फ़िल्टर के रूप जैसा कार्य करते है |कई लोग मस्से के इलाज के लिए भी इसका प्रयोग करते है |ये दाँत के दर्द को दूर करने में भी सहायक होते है |मस्से तो इससे अपने आप बिना दर्द के गिर जाते है |लहसुन को सुबह -सुबह खाने से हिर्दय के लिए भी लाभकारी होती है |जिनको भी हाई ब्लड प्रेशर है उनके लिए ये तो रामबाण है और इसे सुबह लेने से ये ब्लड प्रेशर को बहुत हद तक नियत्रित रखता है |अगर आपको तपेदिक है तो भी खाली पेट लहसुन खाने से इसमें फायदा मिलता है |लेकिन खाली पेट इसको खाने से ये आपको पेट से बहुत मजबूत बनाता है |
लहसुन किस प्रजाति का है -
लहसुन और प्याज की एक ही प्रजाति है | इसका वैज्ञानिक नाम एलियम सैटिवुम एल है।इसके करीबी रिश्तेदारो में प्याज, इस शलोट और हरा प्याज़ शामिल हैं। लहसुन पुरातन काल से दोनों, पाक और औषधीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग किया जा रहा है। इसकी एक खास गंध होती है, तथा स्वाद तीखा होता है जो पकाने से काफी हद तक बदल कर मृदुल हो जाता है। लहसुन की एक गाँठ (बल्ब), जिसे आगे कई मांसल पुथी (लौंग या फाँक) में विभाजित किया जा सकता इसके पौधे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला भाग है। पुथी को बीज, उपभोग (कच्चे या पकाया) और औषधीय प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाता है। इसकी पत्तियां, तना और फूलों का भी उपभोग किया जाता है आमतौर पर जब वो अपरिपक्व और नर्म होते हैं।इसका काग़ज़ी सुरक्षात्मक परत (छिलका) जो इसके विभिन्न भागों और गाँठ से जुडी़ जड़ों से जुडा़ रहता है, ही एकमात्र अखाद्य हिस्सा है।इसका इस्तेमाल गले तथा पेट सम्बन्धी बीमारियों में होता है।
लहसुन का गंध तीखा क्यों होता है -
लहसुन में  जाने वाले सल्फर के यौगिक ही इसके तीखे स्वाद और गंध के लिए उत्तरदायी होते हैं। ���ैसे ऐलिसिन, ऐजोइन इत्यादि। लहसुन सर्वाधिक चीन में उत्पादित होता है उसके बाद भारत में इसका उत्पादन होता है |लहसुन में रासायनिक तौर पर गंधक की अधिकता होती है। इसे पीसने पर ऐलिसिन नामक यौगिक प्राप्त होता है जो प्रतिजैविक विशेषताओं से भरा होता है।इसके अलावा इसमें प्रोटीन, एन्ज़ाइम तथा विटामिन बी, सैपोनिन, फ्लैवोनॉइड आदि पदार्थ पाये जाते हैं।लहसुन एक बारहमासी फसल है जो मूल रूप से मध्य एशिया से आया है तथा जिसकी खेती अब दुनिया भर में होती है।आयुर्वेद और रसोई दोनों के दृष्टिकोण से लहसुन एक बहुत ही महत्वपूर्ण फसल है|लहसुन में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्त्व पाये जाते है जिसमें प्रोटीन 6.3 प्रतिशत , वसा 0.1 प्रतिशत, कार्बोज 21 प्रतिशत, खनिज पदार्थ 1 प्रतिशत, चूना 0.3 प्रतिशत लोहा 1.3 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम होता है।
सेक्स लाइफ को अच्छा करता है -
लहसुन में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने का गुण पाया जाता है।यह पुरुषों की सेक्स लाइफ में सुधार करता है और उनकी मर्दाना ताकत को भी बढ़ाता है। हाल ही में किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार भी यह दावा किया गया कि जो पुरुष लहसुन खाना पसंद करते हैं महिलाएं उनके प्रति ज्यादा आकर्षित होती हैं।इसलिए आप को लहसुन को अपने खाने में शामिल करना चाहिए |हमारा काम है आपको जितने भी जानकारी दी जा सकती है दी जाये |अगर आपक��� हमारा आर्टिकल पसंद आये तो हमे समर्थन दे |
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saharherbal · 4 years ago
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ये चीजें खाएं, स्वप्नदोष से छुटकारा पाएं
ये चीजें खाएं, स्वप्नदोष से छुटकारा पाएं |
1. बादाम- 1-2 बादाम की गिरी, थोड़ा-सा मक्खन और 3-3 ग्राम गिलोय को बराबर मात्रा लेकर पीस लें. इसमें 7-8 ग्राम शहद डालकर बढ़िया से मिला लें. इस मिश्रण को एक हफ्ते तक सुबह-शाम खाने से नाइटफॉल में कमी आती है.
शुरू कर दो ये एक्सरसाइज मिलेगा जबरदस्त फायदा
2. आंवला- स्वप्नदोष के रोग को दूर करने के लिए 6 ग्राम आंवले के चूर्ण में समान मात्रा में शहद मिला लें. इसे 8-10 दिन तक खाएं और ऊपर से मिश्री चबा लें.
हस्तमैथुन के 10 बड़े नुकसान
3. इलायची- आधा ग्राम छोटी इलायची पा पाउडर, 3 ग्राम सूखे धनिये का पाउडर और 2 ग्राम मिश्री को पीस लें. इस चूर्ण को बराबर मात्रा में बांटकर पुड़िया बना लें. रोजाना सुबह ताजे पानी के साथ इसे खाएं. स्वप्नदोष से छुटकारा मिल जाएगा.
4. गुलाब के फूल- ताजे गुलाब के फूल की 7-8 पंखुड़ियों को 3 ग्राम मिश्री के साथ चबाकर खा लें. इसके ऊपर 1 गिलास गाय का दूध पी लें. इस नुस्खे का रोजाना सेवन करने से स्वप्नदोष का रोग समाप्त हो जाता है.
5. अजवाइन- अजवाइन की पत्तियां स्वप्नदोष की समस्या के लिए एक बेहतरीन दवा है. इसकी पत्तियों का जूस निकालकर उसे शहद के साथ खा लें. अजवाइन का रस इस तरह से लेने से बहुत जल्दी लाभ होता है.
3 दिन में फिशर का घरेलू ईलाज के उपाय डा. शेख
6. भिंडी- नपुंसकता दूर करने के लिए पुरुषों को कच्ची भिंडी चबाकर खानी चाहिए. स्वप्नदोष की समस्या में भिंडी एक बेहतरीन दवा का काम करती है.
7. कच्चा प्याज- कच्चे प्याज का सेवन स्वप्नदोष की समस्या में बहुत अच्छा माना गया है. खाने में किसी भी रूप में प्याज का सेवन किया जाए तो इस समस्या में लाभ पहुंचता है. साथ ही, अगर इसे कच्चा खाया जाए तो बेहतर परिणाम ��िलते हैं.
8. शहद और त्रिफला- शहद में त्रिफला का चूर्ण मिलाकर खाने से स्वप्नदोष जैसे रोग खत्म हो जाते हैं, लेकिन जिन लोगों का स्वभाव अधिक गर्म रहता हो उन लोगों को शहद की जगह पर मिश्री का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर इसके अलावा चीनी मिला हुआ रस दे दिया जाए तो अधिक लाभ प्राप्त होगा.
यौन शक्ति बढ़ाने में गजब का प्रयोग
9. केला- पके केले में 3-4 बूंदें शहद डालकर सुबह सूर्योदय से पहले खाने से स्वप्नदोष के साथ अनेक वीर्य संबंधी रोग समाप्त हो जाते हैं और वीर्य भी अधिक मात्रा में गाढ़ा बन जाता है. इस मिश्रण का इस्तेमाल विस्तारपूर्वक करना चाहिए.
वैरीकोसेल का इलाज बिना आपरेशन के
 10. गाय का दूध- आधा किलो गाय के दूध में 3 छुहारे लेकर उसमें जरूरत के अनुसार मिश्री मिलाकर इसे अच्छी तरह से पका लें, जब दूध केवल आधा रह जाए तो छुहारे की गुठली निकालकर छुहारे को खा लें और दूध को पी लें. स्वप्नदोष से मुक्ति पाने का यह अचूक नुस्खा है.
11. इमली- दूध में इमली के बीजों को भिगोकर इमली की निकाली हुई गिरियों में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर अच्छी तरह से कूट-पीसकर मटर के दाने की तरह गोलियां बनाकर अपने पास रख लें. इसके बाद समान मात्रा में 1-1 गोली कुछ दिनों तक प्रयोग करते रहने से स्वप्नदोष जैसी समस्या समाप्त हो जाती है.
12. त्रिफला- हरड़, बहेड़ा, आंवला और जौ को रात में भिगोकर रख लें. इसके बाद अगले दिन सुबह इसमें थोड़ा-सा शहद मिलाकर पी लें. इससे स्वप्नदोष के रोग दूर हो जाते हैं.
मधुमेह / शुगर जैसे रोग को खत्म करने का नुस्खा
13. लहसुन- एक कली लहसुन रात को सोते समय चबाते हुए ताजा पानी के साथ निगल जाएं. इसके तुरंत बाद कुछ भी नहीं खाना चाहिए. कुछ दिनों में ही स्वप्नदोष की समस्या समाप्त हो जाएगी.
14. धनिया और मिश्री- धनिया और मिश्री को बराबर मात्रा पीस लें. इस चूर्ण को 5 ग्राम की मात्रा में लेकर ताजा ठंडे पानी के साथ एक सप्ताह तक रोजाना लें. स्वप्नदोष में लाभ होगा.
हस्तमैथुन की आदत को कैसे छोडें।
15. नीम के पत्ते- हर रोज 2 पत्ते नीम के चबा-चबाकर खाने से कभी स्वप्न दोष नहीं होगा.
रसायन कल्प पाऊडर को बनाने में अश्वगंधा, बिदारी कंाड, त्रिफला, कौंच बीज, गौखरु, आंवला, लौहभस्म, विजया भस्म, तालमखाना, ढाक का गोंद जैसी बहूमुल्य जडी-बूटियों और कीमती भस्मों का उपयोग किया जाता है।
रसायन कल्प पाउडर – स्वप्न दोष और धातु रोग जड़ से खत्म
रसायन कल्प पाऊडर बहुत ही बेहतरीन पाऊडर है।  इसके इस्तेमाल से आपको किसी भी तरह की समस्या जैसे पेशाब की जलन, धातु का पतला होना या सोचने मात्र ये ही लिंग से चिपचिपा पानी निकलने या पेशाब का बूँद बूँद ��ने की समस्या को जड से खत्म कर देता है। पेशाब व धातु से जुडी जितनी भी समस्याऐं है उनको जड से खत्म करने में बेहतर उत्पाद है |
जबरदस्त मर्दाना ताकत के लिए, राजा महाराजाओ का सालों पुराना नुस्खा
1 दिन में लिंग को लम्बा मोटा करें।
में Dr Sheikh इसी से सम्बंधित वीडियो बनाता हु | अधिक जानकारी के लिए You Tube पे सर्चे करे Dr Sheikh |
आंवला खाने के यह अनगिनत फायदे
अधिक जानकारी के लिए आप हमारे HelpLine NO - 9219632232  पे बात करे |
गोरा होने के 100 प्रतिशत कामयाब घरेलू उपाय
टेस्टोस्टेरोन लेवल बढाने का घरेलू उपाय
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aashirwadstuff · 4 years ago
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Aloo Tikki Recipe In Hindi
Aloo Tikki Ingredients-:
आइए देख लेते है वो चीज़े जो की हमें आलू टिक्की बनाते समय चाहिए होंगी |
1.  3 आलू
2. 1 मिर्च, बारीक कटी हुई
3. 1 चम्मच अदरक लहसुन का पेस्ट
अदरक लहसुन का पेस्ट कैसे बनाये? (How to make ginger garlic paste?)-:
अदरक को अच्छे से धो कर सुखा ले |
अब अदरक को छोटे-छोटे टुकडो में काट ले और साथ ही लहसुन को भी छिलकर रख ले |
अब इन दोनों चीजों को Blender में डाल ले |
आप इसमें थोड़ी हल्दी, नमक और तेल भी डाल दे ताकि ये लम्बे समय तक खराब ना हो |
अब इसका paste बनने तक इसे Blender में चलाये |
4. ¼ चम्मच हल्दी
5.  ½ छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
6. ½ चम्मच चाट मसाला
चाट मसाला कैसे बनाये? (How to make chat masala?)
Ingredients-:
3 बड़े चम्मच जीरा
1 बड़ा चम्मच धनिया के बीज
1 1/2 चम्मच सौंफ के बीज
4 बड़े चम्मच अमचूर पाउडर
3 बड़े चम्मच काला नमक पाउडर
1 & 1/2 (डेढ़)  चम्मच काली मिर्च
1/4 चम्मच हींग पाउडर
1 & 1/2 चम्मच अदरक पाउडर
1 चम्मच सूखा पुदीना पाउडर
1 & 1/2 चम्मच अजवाईन बीज
कैसे बनाये चाट मसाला -:
सभी Ingredients को इकठा कर ले |
अब एक कढाई या Pan को माध्यम आंच पर गरम कर ले , गरम होने पर उसमे जीरा, सोंफ के बीज और धनिया डाले |
बीजों को तब तक भूनते रहे जब तक वो थोड़े गहरे रंग के ना होने लगे और उनमे से सुंगध ना आने लगे| बीजों को Pan मे चलाते रहे ताकि वो जले ना |
उसके बाद बीजों को एक प्लेट में निकाल कर ठंडा होने रख दे |
ठंडा होने के बाद बीजों को बाकी सामग्री के साथ मिलकर एक सूखे mixer/grinder /blender में डाल कर तब तक पिसे जब तक उसका पाउडर न बन जाये |
आपका चाट मसाला तयार है आप इसे एक tight बंद डिब्बे में रख दे |
Aloo Tikki Recipe in Hindi
7. ½ चम्मच जीरा पाउडर / जीरा पाउडर
8. ½ चम्मच नमक
9. ½ टी स्पून आमचूर / सूखा आम पाउडर
10. 2 बड़ा चम्मच पुदीना / पुदीना, कटा हुआ
11. 2 बड़ा चम्मच धनिया, कटा हुआ
12. 2 बड़ा चम्मच मकई का आटा
13. तेल , तलने के लिए
कैसे बनाये आलू टिक्की? (How to make Aloo Tikki?)
सबसे पहले उबले हुए आलू ले (आलू को ठंडा जरुर होने दे), उन आलू को अच्छे से कूट ले यानि मैश कर ले|
अब मैश किये हुए आलू में  1 मिर्च, 1 टीस्पून अदरक लहसुन का पेस्ट, ¼ टीस्पून हल्दी और ½ टीस्पून मिर्च पाउडर डालें।
साथ ही इसमें  ½ टी स्पून जीरा पाउडर, ½ टी स्पून आमचूर, ½ टी स्पून चाट मसाला और ½ टी स्पून नमक भी मिला ले ।
अब इसमें  2 टेबलस्पून पुदीना और 2 टेबलस्पून धनिया डालें।
अब इसमें 2 टेबलस्पून कॉर्नफ्लोर डालें और ��च्छी तरह मिलाएँ। अगर आप के पास कॉर्नफ्लोर उपलब्ध नहीं है तो आप चावल के आटे का उपयोग करें क्योंकि यह नमी को Absorb करने में मदद करता है।
अब इसे अच्छे से मिला कर उसे गूंथ ले |
अब अपने हाथो पर तेल लगा ले और बॉल के आकार की टिक्की बना ले |
अब इसे गरम तेल में डाल ले |
फिर इसे धीमी आंच पे तब तक पकाए जब तक टिक्की का रंग सुनहेरा-भूरा नहीं हो जाता |
टिक्की को पलटे और दोनों तरफ से पकाए |
आपकी टिक्की तैयार है, इसे आप हरी चटनी के साथ सर्व कर सकते है |
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rashmicreativekitchen · 2 years ago
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Uric acid को कम करने के घरेलू नुस्खे - home remedies to treat uric acid
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Home remedies to treat uric acid :-
यूरिक एसिड का बढ़ना आजकल आम बीमारी हो गई है जिसकी वजह से गठिया ,जोड़ों का दर्द और थायराइड जैसे लक्षण दिखाई देती है। यह सब लक्षण आजकल घर घर की समस्या बन गई है ऐसे मैं कुछ घरेलू उपचार करके इस समस्या को ठीक कर सकते हैं, विटामिन सी से भरपूर फल खाना चाहिए, सुबह में खाली पेट नींबू पानी पीने से भी ��ूरिक एसिड का लेवल कम होता है विटामिन c  भरपूर पदार्थखाने से यूरिक एसिड को ठीक कर सकता है। यूरिक एसिड को कम करने के घरेलू नुस्खे :- अपने  खाने में  हाई फाइबर फूड्स जैसे ओटमील, ब्राउन राइस, बींस और दलिया यह सब खाने से यूरिक एसिड का लेवल कम हो जाएगा बेकिंग सोडा :-को पानी में डालकर पीने से भी यूरिक एसिड का लेवल कम होता है रोजाना दो से तीन अखरोट खाने से भी यूरिक एसिड कम होता है अजवाइन का उपयोग:- रोज करें खाने में या अजवाइन का पानी पीने से भी यूरिक एसिड कम होता है पानी की मात्रा ज्यादा:- खूब पानी पिए कम से कम दिन में 2 से 3 लीटर पानी प्रतिदिन पिए ,इससे भी यूरिक एसिड की मात्रा कम होगी तला भुना पदार्थ ना खाए जैसे मछली अंडा घी मक्खन खाने से बचें फ्रुक्टोज वाले पेय पदार्थ  लेने से  बचे  यह सभी चीजें आपकी यूरिक एसिड को बढ़ा सकता है अगर हर दिन आप 500 मिलीग्राम विटामिन c लेंगे तो, बहुत जल्द आपका यूरिक एसिड कम हो जाएगा यूरिक एसिड बढ़ जाने के कारण अगर आपको गठिया का प्रॉब्लम है तो बथुए का जूस खाली पेट पिए जूस पीने के 2 घंटे बाद ही कुछ खाए * आमला का मिश्रण से यूरिक एसिड कम हो सकती है :- आमला का चूर्ण यानी कि आंवला का पाउडर पानी में डालकर पीने से भी यूरिक एसिड कम हो सकता है * ऑलिव ऑयल से बना खाना खाने से भी यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है:- ऑइली ऑयल से बना खाना जैसे साग सब्जी खाने से भी यूरिक एसिड कम हो सकता है * नारियल पानी पीने से भी यूरिक एसिड कंट्रोल कर सकते है- लगातार नारियल पानी पीने से भी यूरिक एसिड कम हो सकता है * कच्चा पपीता का सेवन क��ने से यूरिक एसिड कम कर सकते हैं कच्चा पपीता खाली पेट खाने से भी यूरिक एसिड को कम किया जा सकता है आप चाहे तो पपीता का सब्जी बना कर खा सकते हैं यह भी यूरिक एसिड का लेवल कम करने मै काफी मददगार साबित हो सकता है खाली पेट लहसुन खाने से भी यूरिक एसिड कम होता है:- रोज सुबह खाली पेट तीन से चार कलियां लहसुन खाने से यूरिक एसिड कंट्रोल किया जा सकता है रोजाना खाना खाने के बाद एक चम्मच अलसी का बीज चबाने  से भी यूरिक एसिड कम हो जाएगाबाहर का खाना खाने से परहेज करें खाने में फाइबर फूड फल सब्जियां शामिल करें और तथा राजमा ,छोले रेड ,मीट मैदे का बना पदार्थ खाने से परहेज करें. Read the full article
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ragbuveer · 1 year ago
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल(सप्तमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-03-जनवरी-2024
वार:---------बुधवार
तिथी :----07सप्तमी:-19:49
पक्ष:-----कृष्णपक्ष
माह:-----पौषमास
नक्षत्र:---उत्तराफाल्गुनी:14:46
योग:---शोभन:-30:21
करण:-----बव:-19:49
चन्द्रमा:-------कन्या
सूर्योदय:-----07:30
सूर्यास्त:-----17:54
दिशा शूल------उत्तर
निवारण उपाय:---धनिया का सेवन
ऋतु :-------शिशिर ऋतु
गुलीक काल:---11:24से 12:42
राहू काल:---12:42से14:00
अभीजित------ नहीं है
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
लाभ:-07:30से08:48तक
अमृत:-08:48से10:06तक
शुभ:-11:24से12:42तक
चंचल:-15:12से 16:32तक
लाभ:-16:32से 17:54तक
🌗चोघङिया रात🌓
शुभ:-19:32से21:12तक
अमृत :-21:12से22:52तक
चंचल :-22:52से00:31तक
लाभ :-03:51से05:31तक
🙏आज के विशेष योग 🙏
वर्ष का286वा दिन, सर्वसिद्बि योग 14:46 से 31:27, रवियोग 14:46 तक,
👉वास्तु टिप्स👈
घर के बाहर जो स्वास्तिक बना है उसकी रोज पूजा करे।
*सुविचार*
जीवन को लक्ष्य से बांधें न कि लोगों या चीजों से..
👍🏻 राधे राधे
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*पेट साफ करने का घरेलू उपाय -*
1. भोजनोपरांत 125 ग्राम मट्ठे में 2 ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से गैस बनना खत्म हो जाता है।
2. उसी तरह एक लहसुन की फांक छीलकर बीज निकाली हुई मुनक्का को नग में लपेटकर, भोजन के बाद चबाकर निगल जाएं। इससे पेट की रुकी हुई वायु तत्काल निकल जाएगी।
3. इसके अलावा अलसी के पत्तों की सब्जी बनाकर खाने से गैस की शिकायत दूर हो जाती है।
4. अदरक के छोटे टुकड़े कर उस पर नमक छिड़ककर दिन में दो-तीन बार उसका सेवन करें। गैस की परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर हलका होगा और भूख खुलकर लगेगी।
5. अजवायन दो ग्राम, नमक आधा ग्राम चबाकर खाएं। पेट दर्द और गैस से आराम मिलेगा। इसके अलावा पानी के साथ हिंगाष्टक चूर्ण खाने से सभी प्रकार वायु विकार दूर होते हैं।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
पुराना रोग उभर सकता है। अपेक्षा दु:ख का कारण होती है। मालूम पड़ेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यवसाय ठीक चलेगा। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। बनते काम बिगड़ सकते हैं। दु:खद समाचार मिल सकता है। उत्साह में कमी रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वाभिमान को चोट पहुंच सकती है।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। दूसरों के काम में दखल न दें। बात बिगड़ सकती है। प्रमाद न करें। थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। कार्यप्रणाली की प्रशंसा होगी। निवेश लाभदायक रहेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। वरिष्ठजनों क�� सहयोग प्राप्त होगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। परिवार में तनाव रह सकता है। निवेश सोच-समझकर करें। धनार्जन सहज ही होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है, जोखिम न लें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। विवाद से बचें। प्रसन्नता रहेगी। घर-परिवार की चिंता रहेगी। जल्दबाजी न करें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। पुराना रोग उभर सकता है। कुसंगति से हानि होगी। वस्तुएं संभालकर रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अतिविश्वास न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। उतार-चढ़ाव रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चिंता बनी रहेगी।
👩🏻‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नौकरी में अधिकारी वर्ग प्रसन्न रहेगा। निवेश लाभदायक रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। आलस्य हावी रहेगा। आय में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। रुके काम पूर्ण होंगे। प्रसन्नता बनी रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। हृदय रोगी विशेष ध्यान रखें। घर-बाहर से सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। नौकरी में तनाव रह सकता है। विवाद न करें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। अधिकारी साहस कर पाएंगे आय के नए प्राप्त हो सकते हैं। अधिकारी वर्ग अप्रसन्न रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। शुभ समय।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
चोट व दुर्घटना से बचें। बड़ा नुकसान हो सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। तनाव रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। लेन-देन में सावधानी रखें। दुष्टजन हानि पहूंचा सकते हैं। घर में मतभेद बढ़ सकते हैं। दुष्टजन हानि पहूंचा सकते हैं। जोखिम न लें। विवाद से बचें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। दूसरों के व्यवहार में सावधानी रखें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। पार्टनरों से मतभेद हो सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ में कमी हो सकती है। धैर्य रखें। काम में मन नहीं लगेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
कुसंगति से हानि होगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। आय में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। सुख के साधन जुटेंगे। चोट व रोग से बचें। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मित्र व संबंधी सहयोग करेंगे। रुके कार्यों में गति आएगी। शुभ समय।
🐡 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
भूमि व भवन के खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। कार्य में बेहतरी तथा परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। कुछ चिंता तथा तनाव रह सकते हैं। व्यवसाय ठीक चलेगा।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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merikheti · 2 years ago
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एक एकड़ में नीलगिरी की खेती से कमाई ७० लाख
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नीलगिरी (यूकेलिप्टस (Eucalyptus)) एक मध्यम आकार का बड़ी तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है जो 25 मीटर से 50 मीटर लंबा और 2 मीटर व्यास तक बढ़ सकता है. यह पेड़ “माइरटेसी” परिवार का सदस्य है, जिसकी 325 से अधिक प्रजातियां हैं. नीलगिरी ऑस्ट्रेलिया, तस्मानिया और आसपास के द्वीपों में होते हैं.
अंग्रेजों ने 1843 के आसपास तमिलनाडु के नीलगिरी हाइलैंड्स में ईंधन और लकड़ी के उपयोग के लिए नीलगिरी की खेती की शुरुआत की. इस पेड़ को “गोंद का पेड़”, “लाल लोहे का पेड़” और “सफ़ेदा या नीलगिरी का पेड़” भी कहा जाता है. नीलगिरी के पत्ते और तेल अपने चिकित्सीय लाभों के लिए जाने जाते हैं और हर्बल सामानों में भी उपयोग किए जाते हैं.
यूकेलिप्टस की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
यूकेलिप्टस की खेती विभिन्न प्रकार की जलवायु में की जा सकती है. हालाँकि, यह उष्णकटिबंधीय जलवायु में सबसे अच्छा बढ़ता है. भारत में नीलगिरी के पेड़ों की खेती 0°C से 47°C तक के तापमान में की जा सकती है.
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नीलगिरी की खेती के लिए मिट्टी की तैयारी
जल निकासी क्षमता वाली मिट्टी का चयन करना निलगिरी के विकास के लिए आवश्यक है. यह अच्छी तरह से सूखा, जैविक समृद्ध दोमट मिट्टी में सबसे अच्छा बढ़ता है. नीलगिरी उगाने के लिए जलजमाव, क्षारीय या लवणीय मिट्टी उपयुक्त नहीं है.
नीलगिरी की बुवाई का समय
यूकेलिप्टस की बुवाई का सबसे अच्छा समय जून से अक्टूबर तक है.
यूकेलिप्टस का नर्सरी प्रबंधन और प्रत्यारोपण
यूकेलिप्टस को बीज और कलम दोनों तरीकों से उगाया जा सकता है. नर्सरी के लिए क्यारियों को छाया में तैयार करें और उनमें पौध डालें. 25 से 35 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर अंकुर तेजी से विकसित होते हैं. रोपण के छह सप्ताह बाद, या दूसरी पत्ती आने की अवस्था में, पॉलीथीन बैग में स्थानांतरित करने या रोपाई के लिए तैयार हो जाती है. ये बीज बोने के 3-5 महीने बाद खेत में रोपाई के लिए उपयुक्त होते हैं. गीले मौसम के दौरान कलम लगाना सही होता है.
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नीलगिरी के पौधों की सिंचाई
खेत में पौध लगाते ही सिंचाई शुरू कर देनी चाहिए. जगह में नमी बनाए रखने के लिए ड्रिप सिंचाई का उपयोग किया जा सकता है. हालाँकि, सिंचाई की मात्रा मिट्टी के प्रकार और मौसम की परिस्थितियों से निर्धारित होती है. पूरी विकास अवधि में लगभग 25 सिंचाई की जानी चाहिए.
नीलगिरी की फसल और उपज
यूकेलिप्टस के पौधों को तैयार होने और पेड़ बनने में तकरीबन दस से बारह साल का समय लगता है, साथ ही साथ इसकी खेती में लागत भी कम आती है. यूकेलिप्टस के पेड़ का वजन लगभग चार सौ किलोग्राम होता है. एक हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग एक से डेढ़ हजार पेड़ लगाए जा सकते हैं. पेड़ के पकने के बाद इन लकड़ियों को बेचकर किसान आसानी से सत्तर लाख से एक करोड़ तक कमा सकते हैं.
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नीलगिरी की खेती में अंतरफसल
नीलगिरी की खेती करने वाले किसान नीलगिरी के पेड़ की पंक्तियों के बीच हल्दी, अदरक, अलसी और लहसुन जैसी कम अवधि की लाभदायक फसलें लगा सकते हैं. ये फसलें यूकेलिप्टस की खेती की लागत को कम करने में मदद करती हैं.
नीलगिरी लगायें, पर ध्यान दें
नीलगिरी का पेड़ मिट्टी के पोषक तत्वों और नमी के भंडार को कम कर देता है और ऐलोपैथिक गुणों के कारण अंडरग्रोथ को रोकता है. यह भी पाया गया है कि मृत पौधे की पत्तियां और छाल बहुत देर से मिट्टी में मिलती हैं, जिसके कारण पोषक तत्वों का चक्र धीमा हो जाता है. इसलिए, उन क्षेत्रों के लिए नीलगिरी की खेती की सिफारिश नहीं की जाती है जहां जल स्तर कम हो रहा है. इसकी खेती अधिक पानी वाले मिट्टी में करना चाहिए.
source एक एकड़ में नीलगिरी की खेती से कमाई ७० लाख
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merikhetisblog · 3 years ago
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फरवरी के कृषि कार्य: जानिए फरवरी माह में उगाई जाने वाली फसलें
जौ की फसल में कंडुआ ज��से करनाल बंट भी कहा जाता है लग सकता है। यह रोग संक्रमित बीज वाली फसल में हो सकता है। बचाव के लिए किसी प्रभावी फफूंदनाशक दवा या टिल्ट नामक दवा का छिड़काव करें।
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जौ की खेती में फायदा ही फायदा
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चना
चने की खेती में दाना बनने की अवस्था में फली छेदक कीट लगने शुरू हो जाते हैं। बचाव हेतु बीटी एक किलोग्राम या फेनवैलरेअ 20 प्रतिशत ईसी की एक लीटर मात्रा का 500 लीटर पानी में घोलकर छिडकाव करेंं।
मटर
मटर में इस सयम पाउड्री मिल्डयू रोग लगता है। रोकथाम के लिए प्रति हैक्टेयर दो किलोग्राम घुलनशील गंधक या कार्बेन्डाजिम नामक फफूंदनाशक की 500 ग्राम मात्रा 500 लीटर प्रति हैक्टेयर की दर से छिडकाव करेंं।
राई सरसों
सरसों की फसल में इस समय तक फूल झड़ चुका होता है। इस समय माहूू कीट से फसल को बचाने के लिए मिथाइल ओ डिमोटान 25 ईसी प्रति लीटर दवा पर्याप्त पानी में घोलकर छिडकाव करेंं।
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सरसों के फूल को लाही कीड़े और पाले से बचाने के उपाय
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मक्का
रबी मक्का में सिंचाई का काम मुख्य रहता है । लिहाजा तीसरा पानी 80 दिन बाद एवं चौथा पानी 110 दिन बाद लगाएं। यह समय बसन्तकालीन मक्का की बिजाई के लिए उपयुक्त होने लगता है।
गन्ना
गन्ने की बसंत कालीन किस्मों को लगाने के समय आ गया है। मटर, आलू, तोरिया के खाली खेतों में गन्ने की फसल लगाई जा सकती है। गन्ने की कोशा 802, 7918, 776, 8118, 687, 8436 पंत 211 एवं बीओ 91 जैसी अनेक नई पुरानी किस्में मौजूद हैं। कई नई उन्नत किस्तें गन्ना संस्थानों ने विकसित की हैं। इनकी विस्तृत जानकारी लेकर इन्हें लगाया जा सकता है।
फल वाले पौधे
नीबू वर्गीस सिट्रस फल वाले मौसमी, किन्नू आदि के पौधों में विषाणु जनित रोगों के नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोरोपिड 3 एमएल प्रति 10 लीटर पानी में, कार्बरिल 20 ग्राम 10 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। नाशपाती एवं सतालू आदि सभी फलदार पौधों के बागों में सड़ी गोबर की खाद, मिनरल मिक्चर आदि तापमान बढ़ने के साथ ही डालें ताकि पौधों का समग्र विकास हो सके।
आम के खर्रा रोग को रोकने के लिए घुलनशील गंधक 80 प्रतिशत डब्ल्यूपी 0.2 प्रतिशत दवा की 2 ग्राम मात्रा का प्रति लीटर पानी की दर से छिडकाव करें। इसके अलावा अन्य प्रभावी फफूंदनाशक का एक छिडकाव करें। कीड़ों से पौधों को सुरक्षत रखने के लिए इमिडाक्लोरोपिड का एक एमएल प्रति तीन लीटर पानी में घोलकर छिडकाव करें।
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आम की बागवानी से कमाई
फूल वाली फसलें
गुलदाउूजी के कंद लगाएं।
गर्मी वाले जीनिया, सनफ्लावर, पोर्चलुका, कोचिया के बीजों को नर्सरी में बोएं ताकि समय से पौध तैयार हो सके।
सब्जी वाली फसलें
आलू की पछेती फसल को झुलसा रोग से बचाने के लिए मैंकोजेब या साफ नामक दवा की उचित मात्रा छिडकाव करें।
प्याज एवं लहसुन में संतुलित उर्वरक प्रबधन करें। खादों के अलावा शूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग करें।
फफूंद जनित रोगों से बचाव एवं थ्रिप्स रोग से बचाव के लिए कारगर दवाओं का प्रयोग करें।
भिन्डी के बीजों की बिजाई करें। बोने से पहले बीजों को 24 घण्टे पूर्व पानी में भिगोलें।
कद्दू वर्गीय फसलों की अगेती खेती के लिए पॉलीहाउस, छप्पर आदि में अगेती पौध तैयार करें।
पशुधन
पशुओं की बदलते मौसम में विशेष देखभाल करें। रात के समय जल्दी पशुओं को बाडे में बांधें। पशुओं को दाने के साथ मिनरल मिक्चर आवश्यक रूप से दें।
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kayawell123 · 3 years ago
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अफीम के फायदे और नुकसान
अफीम के फल, पुष्पों के झड़ने के तुरंत बाद ही लग जाते हैं, जो एक इंच व्यास के अनार के समान होते हैं। ये डोडा कहलाते हैं। बाद में ये अपने आप फट जाते हैं। फल का छिलका पोश्त कहलाता है। सफेद रंग के सूक्ष्म, गोल, मधुर स्निग्ध दाने बीज के रूप में डोडे के अंदर होते हैं, जो आमतौर पर खसखस के नाम से जाने जाते हैं।
अफीम के आयुर्वेदिक फायदे :- भुनी हुई लहसुन की कली में 60 मिलीग्राम अफीम मिलाकर खाने से आमातिसार में तुरंत राहत मिलती है।   आम की गिरी का चूर्ण दो चम्मच, अफीम 180 मिलीग्राम मिलाकर एक चौथाई चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन कराएं।  एक चम्मच पोस्त के दानों को (खसखस), इतनी ही मात्रा में ��िसरी के साथ पीसकर एक कप दूध के साथ दिन में 3 बार सेवन करें।   अजवायन और अफीम के डोंडे समान मात्रा में पानी में उबालें और फिर छाने हुए पानी से गरारे करें। 50 मिलीग्राम अफीम को मुनक्के में रखकर निगल लें। खांसी का दौरा शांत होकर नींद आ जाएगी। आधा ग्राम अफीम और एक ग्राम जायफल को दूध में मिलाकर, तैयार लेप को कपाल पर लगाएं या फिर आधा ग्राम अफीम को दो लौंगों के चूर्ण के साथ हलका गर्म करके कपाल पर लेप लगाने से सर्दी और बादी से उत्पन्न सिर दर्द दूर होगा।
अफीम के नुकसान :- अफीम की आदत पड़ जाने के बाद जो व्यक्ति इसका नियमित सेवन करने लगते हैं, उनमें दुष्परिणाम स्वरूप नेत्र की पुतलियों का संकोचन, अधिक नींद आना, श्वास की गति धीमी होना, अवसाद, अधिक पसीना आना, नाड़ी की गति मंद होना, अचेतनता, कमजोरी, मद, विषम श्वास, देह शीतलता, सांस लेने में तकलीफ होना, त्वचा में संकोचन, हाथ-पैर व मुख की त्वचा काली पड़ना आदि रोग होते हैं और अंत में मृत्यु भी हो जाती है।
Source :- https://bit.ly/3xjgRmV
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