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thebharatexpress · 2 years ago
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School Timing Change: स्कूलों का समय बदला, अब सुबह 7 से इतने बजे तक लगेंगी कक्षाएं, मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट
School Timing Change : रायपुर। School timing Change in Raipur राज्य सरकार ने तेज गर्मी को देखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव कर दिया है। रायपुर समेत प्रदेशभर में अब सुबह सात बजे से 11 बजे तक ही कक्षाएं लगेंगी। यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट किया है। उन्होंने अभिभावकों के लिए लिखा है कि आप सब अपना और अपने बच्चों का ख्याल रखें। CM ने किया ट्वीट प्रदेश में तेज गर्मी को देखते…
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shankardas · 4 months ago
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🌀पवित्र गीता अध्याय 9 मंत्र 25 व 23 से 24 तथा अध्याय 7 श्लोक 12 से 15 तथा 20 से 23 में भगवान ने स्पष्ट मना किया है श्राद्ध करने (पितर पूजा करने), पिण्ड दान करने(भूत पूजा करने) से तथा अन्य देवताओं की पूजा करने से मना किया है। कहा है कि जो पित्तर पूजा करते हैं अर्थात श्राद्ध निकालते हैं वे पित्तरों के पास जायेंगे अर्थात पित्तर बन जायेंगे,
मुक्त नहीं हो सकते। पिण्ड दान अर्थात भूत पूजने वाले भी भूत बनेंगे तथा देवताओं को पूजने वाले
देवताओं के पास जायेंगे, उनके नौकर लगेंगे। फिर सर्व देवताओं (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा
श्री शिव जी) सहित तथा इनके उपासक क्षणिक सुख भोगकर मृत्यु को प्राप्त होंगे, मुक्ति नहीं होगी।
यह मूर्खों की पूजा है।
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satlokashram · 6 months ago
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गरीब, जैसे सूरज के आगे बदरा, ऐसे कर्म छया रे। प्रेम की पवन करै चित मंजन, झलके तेज नया रे।।
भावार्थ:- जैसे सूर्य के सामने बादल छा जाते हैं तो सूर्य का प्रकाश दिखाई नहीं देता। जब तेज हवा चलती है तो बादल बिखर जाते हैं। सूरज का प्रकाश स्पष्ट दिखाई देता है। इसी प्रकार आत्मा तथा परमात्मा के बीच में पाप कर्मों की छाया हो जाती है। सतगुरू से दीक्षा लेकर श्रद्धा प्रेम से साधना करने से प्रभु में प्रेम उत्पन्न होगा। आँखों से आँसू गिरने लगेंगे। उस प्रेम रूपी पवन से पाप कर्म कट जाएंगे। आत्मा को परमात्मा का दर्शन होगा। इस प्रकार घोर से घोर अपराधी भी सतगुरू शरण में आने से सत्य साधना करके मोक्ष को प्राप्त हो जाता है।
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radhadasi26363 · 4 months ago
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पवित्र गीता अध्याय 9 मंत्र 25 व 23 से24 तथा अध्याय 7 श्लोक 12 से 15 तथा20 से 23 में भगवान ने स्पष्ट मना किया हैश्राद्ध करने (पितर पूजा करने), पिण्ड दानकरने(भूत पूजा करने) से तथा अन्य देवताओंकी पूजा करने से मना किया है। कहा है।कि जो पित्तर पूजा करते हैं अर्थात श्राद्धनिकालते हैं वे पित्तरों के पास जायेंगे अर्थातपित्तर बन जायेंगे,
मुक्त नहीं हो सकते। पिण्ड दान अर्थात भूतपूजने वाले भी भूत बनेंगे तथा देवताओं कोपूजने वाले
देवताओं के पास जायेंगे, उनके नौकर लगेंगे।फिर सर्व देवताओं (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णुजी तथा
श्री शिव जी) सहित तथा इनके उपासकक्षणिक सुख भोगकर मृत्यु को प्राप्त होंगे,मुक्ति नहीं होगी।यह मूखों की पूजा है।1
#श्राद्धकी_शास्त्रानुकूल_विधि
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jitendraverma · 4 months ago
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#श्राद्ध_करने_की_श्रेष्ठ_विधि
JagatGuru Sant Rampal Ji
🌀पवित्र गीता अध्याय 9 मंत्र 25 व 23 से 24 तथा अध्याय 7 श्लोक 12 से 15 तथा 20 से 23 में भगवान ने स्पष्ट मना किया है श्राद्ध करने (पितर पूजा करने), पिण्ड दान करने(भूत पूजा करने) से तथा अन्य देवताओं की पूजा करने से मना किया है। कहा है कि जो पित्तर पूजा करते हैं अर्थात श्राद्ध निकालते हैं वे पित्तरों के पास जायेंगे अर्थात पित्तर बन जायेंगे,
मुक्त नहीं हो सकते। पिण्ड दान अर्थात भूत पूजने वाले भी भूत बनेंगे तथा देवताओं को पूजने वाले
देवताओं के पास जायेंगे, उनके नौकर लगेंगे। फिर सर्व देवताओं (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा
श्री शिव जी) सहित तथा इनके उपासक क्षणिक सुख भोगकर मृत्यु को प्राप्त होंगे, मुक्ति नहीं होगी।
यह मूर्खों की पूजा है।
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shashikurrey · 4 months ago
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नहीं हो सकते। पिण्ड दान अर्थात भूत पूजने वाले भी भूत बनेंगे तथा देवताओं को पूजने वाले
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देवताओं के पास जायेंगे, उनके नौकर लगेंगे। फिर सर्व देवताओं (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा
श्री शिव जी) सहित तथा इनके उपासक क्षणिक सुख भोगकर मृत्यु को प्राप्त होंगे, मुक्ति नहीं होगी।
यह मूर्खों की पूजा
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sillykryptonitenerd · 4 months ago
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पवित्र गीता अध्याय 9 मंत्र 25 व 23 से 24 तथा अध्याय 7 श्लोक 12 से 15 तथा 20 से 23 में भगवान ने स्पष्ट मना किया है श्राद्ध करने (पितर पूजा करने), पिण्ड दान करने(भूत पूजा करने) से तथा अन्य देवताओं की पूजा करने से मना किया है। कहा है कि जो पित्तर पूजा करते हैं अर्थात श्राद्ध निकालते हैं वे पित्तरों के पास जायेंगे अर्थात पित्तर बन जायेंगे,
मुक्त नहीं हो सकते। पिण्ड दान अर्थात भूत पूजने वाले भी भूत बनेंगे तथा देवताओं को पूजने वाले
देवताओं के पास जायेंगे, उनके नौकर लगेंगे। फिर सर्व देवताओं (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा
श्री शिव जी) सहित तथा इनके उपासक क्षणिक सुख भोगकर मृत्यु को प्राप्त होंगे, मुक्ति नहीं होगी।
यह मूर्खों की पूजा है।
#ancestorworship #pinddaan
#pitrupaksha #pitrapaksh #shradh #shraadh #amavasya #astrology #karma #vastu #reels #trending #pitra #pitradosh
#SantRampalJiMaharaj
🫴🏻 अब संत रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन प्रतिदिन सुनिए....
🏵️ ईश्वर टी.वी. पर सुबह 6:00​ से 7:00​ तक
🏵️ श्रद्धा MH ONE टी. वी. पर दोपहर 2:00​ से 3:00​ तक
🏵️ साधना टी. वी. पर शाम 7:30​ से 8:30​ तक
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8505935828 · 4 months ago
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#श्राद्ध_करने_की_श्रेष्ठ_विधि
JagatGuru Sant Rampal Ji
🌀पवित्र गीता अध्याय 9 मंत्र 25 व 23 से 24 तथा अध्याय 7 श्लोक 12 से 15 तथा 20 से 23 में भगवान ने स्पष्ट मना किया है श्राद्ध करने (पितर पूजा करने), पिण्ड दान करने(भूत पूजा करने) से तथा अन्य देवताओं की पूजा करने से मना किया है। कहा है कि जो पित्तर पूजा करते हैं अर्थात श्राद्ध निकालते हैं वे पित्तरों के पास जायेंगे अर्थात पित्तर बन जायेंगे,
मुक्त नहीं हो सकते। पिण्ड दान अर्थात भूत पूजने वाले भी भूत बनेंगे तथा देवताओं को पूजने वाले
देवताओं के पास जायेंगे, उनके नौकर लगेंगे। फिर सर्व देवताओं (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा
श्री शिव जी) सहित तथा इनके उपासक क्षणिक सुख भोगकर मृत्यु को प्राप्त होंगे, मुक्ति नहीं होगी।
यह मूर्खों की पूजा है
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iskconchd · 5 months ago
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जैसे ही आप भक्त बनेंगे, असुर समस्यायें उत्पन्न करने लगेंगे। जैसे भगवान् ईसा मसीह। असुरों ने उन्हें सूली पर चढ़ा दिया। उनका एक ही दोष था कि वे भगवद्भक्त थे। देखो,वे कितने निश्चल निःस्वार्थी व्यक्ति थे। लॉस ऐन्जिलिस, 13 सितम्बर 1972
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sstkabir-0809 · 1 year ago
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( #MuktiBodh_Part118 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part119
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 232-233
कुछ वर्षों के बाद दुर्वासा के शॉप के कारण द्वारिका में अनहोनी घटनाऐं होने लगी। आपसी झगड़े होने लगे। एक-दूसरे को छोटी-सी बात पर मारने लगे। सारी द्वारिका मेंउपद्रव होने लगे। द्वारिका नगरी के बड़े-सयाने लोग मिलकर श्री कृष्ण जी के पास गए तथा
दुःख बताया कि नगरी में किसी को किसी का बोल अच्छा नहीं लग रहा है। बिना बात के मरने-मारने को तैयार हो जाते हैं। छोटे-बड़े की शर्म नहीं रही है। क्या कारण है तथा यह कैसे शान्त होगा? श्री कृष्ण जी ने बताया कि ऋषि दुर्वासा के शॉप के कारण यह हो रहा है। इसका समाधान सुनो! नगरी के सर्व नर (छोटे नवजात लड़के साहित) यादव प्रभास क्षेत्र में उसी स्थान पर यमुना नदी में स्नान करो जिस स्थान पर कड़ाही का चूर्ण डाला था। शॉप से बचने के लिए द्वारिका नगरी के सब बालक, नौजवान तथा वृद्ध स्नान करने गए। स्नान करके बाहर निकलकर एक-दूसरे से गाली-गलौच करने लगे और उस कड़ाही के चूरे से उत्पन्न घास को उखाड़कर एक-दूसरे को मारने लगे। तलवार की तरह घास से सिर कटकर दूर गिरने लगे। कुछ व्यक्ति बचे थे। अन्य सब के सब लड़कर मर गए। उन ��चे हुओं को ज्योति निरंजन काल ने स्वयं श्री कृष्ण में प्रवेश करके उस घास से मार डाला। अकेला श्री कृष्ण बचा था। एक वृक्ष के नीचे जाकर लेट गया। एक पैर को दूसरे पैर के घुटने पर रखकर लेट गया। दांये पैर के तलुए (पँजे) में पदम जन्म से लगा था जो चमक रहा था। जिस बालिया नाम के भील शिकारी ने मछली से निकले कड़ाही के कड़े का विष लगाकर तीर बनवाया था। वह शिकारी उसी तीर को लेकर उस स्थान पर शिकार की तलाश में आया जिस वृक्ष के नीचे श्री कृष्ण लेटे थे। वृक्ष की छोटी-छोटी टहनियाँ चारों और नीचे पृथ्वी को छू रही थी। लटक रही थी। उन झुरमुटों में से श्री कृष्ण के पैर का पदम ऐसा लग रहा था जैसे किसी मृग की आँख चमक रही हो। शिकारी बालिया ने आव-देखा
न ताव, उस चमक पर तीर दे मारा। तीर निशाने पर लगा। पैर के तलवे में विषाक्त तीर लगने से श्री कृष्ण की चीख निकली। बालिया समझ गया कि किसी व्यक्ति को तीर लगा है। निकट जाकर देखा तो कोई राजा है। पूछने पर पता चला कि श्री कृष्ण है। अपनी गलती की क्षमा याचना करने लगा कहा कि भगवान! धोखे से तीर लग गया। मैंने आपके पैर के पदम की चमक मृग की आँख जैसी लगी। क्षमा करो। श्री कृष्ण ने कहा कि बालिया तेरा कोई दोष नहीं है, होनी प्रबल होती है। मैंने तेरा बदला चुकाया है। त्रोतायुग में तू कसकंदा का राजा सुग्रीव का भाई बाली था। मैं अयोध्या में रामचन्द्र नाम से राजा दशरथ के घर जन्मा था। उस समय मैंने तेरे को वृक्ष की ओट लेकर धोखा करके लड़ाई में मारा था। अब तू मेरा एक काम कर। द्वारिका में जाकर बता दे कि सर्व यादव दुर्वासा के शॉपवश आपस में लड़कर मर गए हैं। कुछ समय उपरांत द्वारिका की स्त्रियों की भीड़ लग गई। हाहाकार मच गया। पाण्डव श्री कृष्ण के रिश्तेदार थे। वे भी आ गए। श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि आप सर्व गोपियों यानि यादवों की स्त्रियों को अपने पास ले जाना। यहाँ कोई नर यादव नहीं बचा है। आसपास के भील इनकी इज्जत खराब करेंगे। पाण्डवों से कहा कि तुम राज्य अपने पौत्र को देकर हिमालय में जाकर घोर तप करो और अपने युद्ध में किए पापों का नाश करो। अर्जुन ने पूछा भगवान! एक प्रश्न आज मैं आपसे करूँगा। आप सत्य उत्तर देना। आप अंतिम श्वांस गिन रहे हो, झूठ मत बोलना। श्री कृष्ण ने कहा कि प्रश्न कर। अर्जुन बोला! आपने गीता का ज्ञान कुरूक्षेत्र के मैदान में महाभारत युद्ध से पहले सुनाया था। उसमें कहा था कि अर्जुन! युद्ध कर ले। तुम्हें कोई पाप नहीं लगेंगे। तू निमित मात्र बन जा। सब सैनिक मैंने मार रखे हैं। तू युद्ध नहीं करेगा तो भी मैं इन्हें मार दूँगा। जब युद्धिष्ठिर को भयंकर स्वपन आने लगे। आपसे कारण जाना तो आपने बताया था कि युद्ध में किए बंधुघात के पाप के परिणाम स्वरूप कष्ट आया। समाधान यज्ञ करना बताया। उस समय मैं आपसे विवाद नहीं कर सका क्योंकि भाई की जिंदगी का सवाल था। आज फिर आपने वही जख्म हरा कर दिया। इतनी झूठ बोलकर हमारा नाश किसलिए करवाया? कौन-से जन्म का बदला लिया? श्री कृष्ण ने कहा अर्जुन! तुम मेरे अजीज हो! होनहार
बलवान होती है। गीता में क्या कहा, उसका मुझे कोई ज्ञान नहीं। आप मेरी आज्ञा का पालन करो। यह कहकर श्री कृष्ण मर गए। पाँचों पाण्डवों व साथ गए नौकरों ने मिलकर सब यादवों का अंतिम संस्कार किया। कुछ के शव दरिया में प्रवाह कर दिए। श्री कृष्ण ने कहा था कि मेरे शरीर को जलाकर बची हुई अस्थियाँ व राख को एक लकड़ी के संदूक (ठवग) में डालकर दरिया में बहा देना। पाण्डवों ने वैसा ही किया। {वह संदूक समुद्र में चला गया।
फिर उड़ीसा प्रांत के अंदर जगन्नाथ पुरी के पास बहता हुआ चला गया। उड़ीसा के राजा इन्द्रदमन को स्वपन में श्री कृष्ण ने दर्शन देकर कहा कि एक संदूक समुद्र में इस स्थान पर है। उसमें मेरे शरीर की अस्थियाँ तथा राख हैं। उसको निकाल कर उसी किनारे पर उन अस्थियों (हडिड्यों) को जमीन में दबाकर ऊपर एक सुंदर मंदिर बनवा दे। ऐसा किया गया। जो जगन्नाथ नाम से मंदिर प्रसिद्ध है।}
◆ चार पाण्डव पहले चले गए। अर्जुन को गोपियों को लेकर आने को छोड़ गए। अर्जुन के पास वही गांडीव धनुष था जिससे लड़ाई करके महाभारत में जीत प्राप्त की थी। अर्जुन द्वारिका की सर्व स्त्रियों को बैलगाडि़यों में बैठाकर इन्द्रप्रस्थ (दिल्ली) के लिए चल पड़ा।रास्ते में भीलों ने अर्जुन को घेर लिया। अर्जुन को पीटा। गोपियों को लूटा। कुछ स्त्रियों को भील उठा ले गए। अर्जुन कुछ नहीं कर सका। धनुष उठा भी नहीं सका। तब अर्जुन ने कहा
था कि कृष्ण नाश करना था। युद्ध में पाप करवाने के लिए तो बल दे दिया। लाखों योद्धा इसी गांडीव धनुष से मार गिराए। कोई मेरे सामने टिकने वाला नहीं था। आज वही अर्जुन है, वही धनुष है। मैं खड़ा-खड़ा काँप रहा हूँ। कृष्ण जालिम था। धोखेबाज था। कबीर परमेश्वर जी हमें समझाते हैं कि यह जुल्म कृष्ण ने नहीं किया, ज्योति निरंजन (काल ब्रह्म) ने किया है। श्री कृष्ण का जीवन देख लो। श्री कृष्ण अपने कुल को मथुरा से लेकर जान
बचाकर द्वारिका आया। द्वारिका में उनकी आँखों के सामने सब यादव कुल नष्ट हो गया। श्री कृष्ण का बेटा मर गया। पोता मर गया। सर्व कुल नष्ट हो गया। स्वयं बेमौत मरा। उसके कुल की स्त्रियों की दुर्गति भीलों ने की। जबरदस्ती उठा ले गए। उनकी इज्जत
खराब की। नरक का जीवन जीने के लिए मजबूर हुई। उसी श्री कृष्ण की पूजा करके जो सुख-शान्ति की आशा करता है। उसमें कितनी बुद्धि है, इस घटना से पता चलता है।
क्रमशः________
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। साधना चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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kanpurnewsreporter · 1 year ago
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यूपी के अस्पताल, स्कूल थानों में सीसीटीवी लगेंगे
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thebharatexpress · 2 years ago
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अब 4 साल लगेंगे ग्रेजुएट होने के लिए, BA, B.Sc, B.Com कोर्स में बड़ा बदलाव, इसी साल से लागू होगा नया नियम
पटना : Graduation Courses बिहार के सभी विश्वविद्यालय अब इस वर्ष आगामी शैक्षणिक सत्र से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत चार वर्षीय स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करेंगे। राजभवन से जारी बयान में इसकी जानकारी दी गयी है । बयान में कहा गया है कि वर्तमान में प्रदेश के अधिकतर महाविद्यालयों में तीन वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम वार्षिक पद्धति से चलाए जा रहे हैं। इसमें कहा गया है कि इस आशय का निर्णय…
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hari-bol · 2 years ago
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जब थी मैं तुमसे दूर,
माना भजन कीर्तन है तुम तक की डोर ;
प्रेम के शीर सागर में तर के,
समझा "मैं" हूं मात्र शून्य ;
आदी तुम अनंत तुम,
तुम ही संपूर्ण भगवन;
जब समर्पण बनेगा जीवन का आधार,
परमात्मा लगेंगे पास वारंवार ||
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hc24news · 1 day ago
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Patna Airport: पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल बनने से एक साथ लगेंगे 11 हवाई जहाज, बदलेगा ���वाई अड्डा पहुंचने का रास्ता
Patna Airport: पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल भवन बन रहा है. इसके बनले से एक साथ 11 हवाई जहाज लगेंगे, हवाई अड्डा पहुंचने का रास्ता भी बदल जायेगा. Patna Airport: पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल भवन बन रहा है. इसके बनले से एक साथ 11 हवाई जहाज लगेंगे, हवाई अड्डा पहुंचने का रास्ता भी बदल जायेगा. पटना एयरपोर्ट के नये टर्मिनल के अप्रैल माह में शुरू होने की संभावना है. नये टर्मिनल के शुरू होने से बढ़ने वाले…
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upcomingyojana · 9 days ago
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Dakhil Kharij Online Apply 2025: बिहार जमीन दाखिल-ख़ारिज के लिए अब नई प्रक्रिया लागू, ऐसे होगा ऑनलाइन आवेदन
Dakhil Kharij Online Apply 2025: बिहार राज्य में अभी बहुत सारे ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने अपने जमीन का दाखिल खारिज नहीं करवाया है तो उन सभी के लिए यह आर्टिकल महत्वपूर्ण होने वाला है अगर आप भी अपने जमीन का दाखिले खरीद करवाना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को ध्यान पूर्वक अंत तक जरूर पढ़ना होगा तभी आपको समझ में आएगा कि किस तरह से दाखिले खारिज कर सकते हैं इस दाखिल खारिज ऑनलाइन 2025 के लिए कितना फीस लगेंगे…
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health-1929 · 15 days ago
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सिर के बाल उड़ गए हो और गंजापन दिखने लगा है। तो नींबू के बीजो को पीस कर सिर पर लगाए। इस उपाय से नये बाल उगने लगेंगे।
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