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Haryana News: वोटिंग के दौरान रेवाडी, रोहतक व करनाल में जमकर हुआ बवाल, पुलिस के छूटे पसीने
Haryana News: वोटिंग के दौरान रेवाडी, रोहतक व करनाल में जमकर हुआ बवाल, पुलिस के छूटे पसीने
हरियाणा: हरियाणा में शनिवार को पंच व सरपंचो के मतदान हुए। कई जगह मतदाताओ में वहीं प्रत्याशियो में झडफ हुए। कई तो विवाद इतना ज्यादा बढ गया कि लाठी डंडो से भी हमला हो गया। हरियाणा मे पांच बजे तक 76 फीसदी जबकि रेवाडी में 72 फीसदी मतदान हुआ। यहां हुआ सबसे ज्यादा मतदान: दोपहर 3 बजे तक 62 % लोगों ने मतदान किया. कुल 47,57,743 मतदाताओं में से 32,765,952 ने मतदान किया। कुरुक्षेत्र जिला वोटिंग के मामले…
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संत रामपाल जी के सानिध्य में दिनांक 7, 8 और 9 नवंबर 2022 को 509वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का आयोजन
कबीर साहेब जी द्वारा 500 साल पहले ( विक्रम सम्वत 1570 (सन 1513) में दिए गए "दिव्य धर्म यज्ञ दिवस" के उपलक्ष्य में दिनांक 7, 8 और 9 नवंबर 2022 को 9 सतलोक आश्रमों में तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है, जिसमे आप सभी सादर आमंत्रित है।
कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 9 नवंबर 2022 को सुबह 9 बजे से साधना व पॉपकॉर्न मूवीज चैनल पर जरूर देखें ।
आप अपने नजदीकी सतलोक आश्रम में जाकर भंडारे में शामिल हो सकते हैं। सतलोक आश्रमों के पते इस प्रकार है:-
01. सतलोक आश्रम, मुंडका (दिल्ली) हनुमान गली रानी खेड़ा रोड़ - दिल्ली 110041...
02. सतलोक आश्रम, सोजत (राजस्थान) जोधपुर रोड, लुंडावास टोल नाके के पास, सोजत, जिला-पाली, राजस्थान ....
03. सतलोक आश्रम, किठोदा (इंदौर) उज्जैन हाईवे पर, पाइप फैक्ट्री के पास ग्राम किठोदा, जिला इंदौर (मध्य प्रदेश)।...
04. सतलोक आश्रम, भिवानी (हरियाणा) गुजरानी मोड़ रेलवे फाटक के पास, जिला भिवानी (हरियाणा)।...
05. सतलोक आश्रम, धूरी (संगरूर) (पंजाब) सामने थाना सदर, संगरूर-धूरी हाई-वे रोड़, जिला संगरूर (पंजाब)।...
06. सतलोक आश्रम खमाणों (श्री फतेहगढ़ साहिब) (पंजाब), खन्ना - खमाणों रोड, ज़िला श्री फतेहगढ़ साहिब (पंजाब)।...
07. सतलोक आश्रम, शामली (उत्तर प्रदेश) वेदखेड़ी, मेरठ-करनाल हाईवे पर, जिला शामली (उत्तर प्रदेश)।...
08. सतलोक आश्रम, कुरुक्षेत्र (हरियाणा) पिपली, से शाहबाद रोड़ पर, चिड़िया घर के पास, कुरुक्षेत्र (हरियाणा)।...
09. सतलोक आश्रम, सिंहपुरा (रोहतक) जींद-हिसार लिंक रोड (हरियाणा)।...
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#कमाई_के_मामले_में_जींद_डिपो_ने_प्रदेश_में_पाया_पहला_स्थान रोडवेज द्वारा जारी सूची के अनुसार 13 जनवरी को जींद डिपो ने पहली बार कमाई के मामले में प्रदेश भर में पहला स्थान हासिल किया है। कोरोना संक्रमण के बीच पहले स्थान पर आना डिपो कर्मचारियों की मेहनत व लगन को दर्शाता है। जारी सूची के अनुसार 13 जनवरी को डिपो की 163 बस ऑनरूट रही हैं, जिन्होंने दिनभर में 39 हजार 663 किलोमीटर तय किए। इस दौरान डिपो को 12 लाख 99 हजार 632 की आमदनी की है। डिपो की रिसीट भी 32 रुपये 77 पैसे प्रति किलोमीटर रही। वहीं केएमपीएल भी 4.69 किलोमीटर प्रति लीटर रहा है। ऐेसे में डिपो कर्मचारियों के साथ-साथ डिपो महाप्रबंधक में भी खुशी की लहर है। डिपो महाप्रबंधक ने कर्मचारियों को ऐसे ही लगातार मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है। जींद डिपो के बाद करनाल डिपो कमाई के मामले में दूसरे स्थान पर है। इसके बाद क्रमश: रोहतक, कैथल, चंडीगढ़, भिवानी, हिसार, नारनौल, पानीपत, पानीपत, चरखीदादरी, सिरसा, पंचकूला, दिल्ली, अंबाला, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, रेवाड़ी, पलवल, झज्जर, नूहं, यमुनानगर, सोनीपत, फरीदाबाद व गुरुग्राम का नंबर आता है। कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा जींद डिपो ने कमाई में मामले में पहला स्थान हासिल किया है। इसमें सभी कर्मचारियों का योगदान है। कर्मचारी ऐसे ही लगातार मेहनत से काम करते रहेंगे। कोरोना काल में भी रोडवेज कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। संक्रमण के दौरान भी कर्मचारियों ने प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक छोड़कर आए थे और अब एंबुलेंस पर भी मरीजों की सुविधा के लिए एंबुलेंस चला रहे हैं। यह सभी कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा है। -संदीप रंगा, राज्य उपमहासचिव, हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन इंटक। सभी कर्मचारी बधाई के पात्र कोरोना संक्रमण के समय में डिपो का कमाई के मामले में पहले स्थान पर आना कर्मचारियों की मेहनत को दर्शाता है। इसके लिए डिपो के सभी कर्मचारी बधाई के पात्र हैं। प्रयास है कि डिपो ऐसे ही कमाई के मामले में टॉप पर रहे। डिपो कर्मचारियों का प्रयास रहता है कि यात्रियों को बेहतर परिवहन सुविधा दी जाए। यात्रियों के अनुसार बसों को ऑनरूट भेजा जाता है। इसी का नतीजा है कि डिपो ने कमाई के मामले में पहला स्थान हासिल किया है। -गुलाब सिंह दूहन, रोडवेज जीएम जींद डिपो। https://www.instagram.com/p/CYvAoauP3Vo/?utm_medium=tumblr
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खिलाडियो की खान हरियाणा: गैंगस्टर में रोहतक टॉप, सीएम का गृह क्षेत्र करनाल में एक भी नहीं-Best24News
खिलाडियो की खान हरियाणा: गैंगस्टर में रोहतक टॉप, सीएम का गृह क्षेत्र करनाल में एक भी नहीं-Best24News
हरियाणा: प्रदेश में खिलाडियो व सैनिको की कमी नहीं है। अभी हाल में आयोजित खेलो में मेडल लेकर हरियाणा देशभर में प्रथम स्थान पर कब्जा किया था। इतना ही नहीं हर जिले ने देश को खिलाडी व सैनिक दिए है। तेजी से बढ रहे प्रदेश में गैंगस्टर धीरे धीरे प्रदेश में गैंगस्टर के गिरोह भी पनपने लगे है। पिछले एक दशक में अपराधियो की संख्या 144 हो गई है। प्रदेश का महज करनाल सीएम के गृह ही एक ऐसा जिला है जिसमें एक अभी…
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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पैट्रोल इंजन वाहनों के संचालन पर लगाई गई पाबंदी के मद्देनजर हरियाणा पुलिस प्रदेश के एनसीआर में पड़ने वाले सभी 14 जिलों में सड़कों पर पुराने वाहनों के संचालन संबंधी विशेष जागरूकता/प्रवर्तन अभियान चलाएगी। हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पुराने वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित समय अवधि पूरी करने वाले पुराने वाहनों के संचालन को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले हरियाणा के 14 जिलों में इस तरह के वाहन नहीं चल सकते हैं। इन आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस चालकों/मालिकों को पुराने वाहनों के चलने पर पाबंदी बारे जागरूक करेगी। दिशानिर्देशों के अनुसार, 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को एनसीआर क्षेत्र यानी हरियाणा के 14 जिलों फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर, पानीपत, पलवल, भिवानी, दादरी, महेंद्रगढ़, जींद और करनाल में सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि इन जिलों में इस तरह के वाहनों के चलने पर रोक लगाने के दिशा-निर्देशों के बारे में वाहन चालकों व मालिकों के साथ-साथ आम जनता को भी जागरूक किया जाएगा। जागरूकता अभियान के तहत ऐसे वाहनों के मालिकों को सरकार की नीति के अनुसार इस श्रेणी के वाहनों को स्क्रैप करने की भी सलाह दी जाएगी। निर्धारित समय अवधि पूरी करने वाले वाहनों के संबंध में पुलिस की विभिन्न टीमें टैक्सी स्टैंड, ऑटो बाजार, ट्रक यूनियन, वाहन बिक्री केंद्र और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जाकर लोगों को इस संबंध में सूचित करेंगी। इसके साथ ही, प्रवर्तन अभियान शुरू किया जाएगा और उपरोक्त मानदंडों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा। https://www.instagram.com/p/CUJw6qjv17U/?utm_medium=tumblr
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लाभदायी है गन्ने की खेती
गन्ना सारे विश्व में पैदा होने वाली एक प्रमुख फसल है। भारत को गन्ने का ‘जन्म स्थान माना जाता है, वर्तमान में गन्ना उत्पादन में ‘भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। यद्यपि ब्राजील एवं क्यूबा भी भारत के लगभग बराबर ही गन्ना पैदा करते हैं। देश में ��्निमित सभी मुख्य मीठाकारकों के लिए गन्ना एक मुख्य कच्चा माल है। इसका उपयोग दो प्रमुख कुटीर उद्योगों मुख्यत: गुड़ तथा खंडसारी उद्योगों में भी किया जाता है। इन दोनों उद्योगों से लगभग 10 मिलियन टन मीठाकारकों का उत्पादन होता है, जिसमें देश में हुए गन्ने के उत्पादन का लगभग 28-35’ गन्ने का उपयोग होता है।
गन्ने की उपलब्धता भारत में गन्ने की खेती का मुख्य भाग अर्ध-उष्णकटिबंधीय भाग है। इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, बिहार, पंजाब, हरियाणा मुख्य गन्ना उत्पादक राज्य हैं। मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और असम के भी कुछ क्षेत्रों में गन्ना पैदा किया जाता है, लेकिन इन राज्यों में उत्पादकता बहुत ही कम है। गन्ने की खेती व्यापक रुप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में की जाती है, जिसमें महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात राज्य शामिल हैं। चूंकि गन्ना, जो एक उष्णकटिबंधीय फसल है, के लिए इन राज्यों में अनुकूलतम कृषि जलवायु स्थित है। अर्ध-ऊष्ण-कटिबंधीय क्षेत्रों की तुलना में ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्र में पैदावार अपेक्षाकृत अधिक है।
भौगोलिक दशाएं गन्ना मुख्यत: अयनवृत्तीय पौधा है। भारत में इसकी खेती 8 डिग्री उत्तरी अक्षांश से 32 डिग्री उत्तरी अक्षांश तक की जाती है। इसके लिए निम्न दशाओं की आवश्यकता होती है
तापमान भारत में गन्ने की फसल को तैयार होने में लगभग एक वर्ष का समय लग जाता है। अंकुर निकलने के समय 20 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान लाभदायक रहता है, किन्तु बढऩे के लिए 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान की आवश्यकता पड़ती है। 30 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक और 16 डिग्री सेंटीग्रेड से नीचे के तापमान में यह पैदा नहीं होता है। अत्यधिक शीत और पाला फसल के लिए हानिकारक होता है। साधारणत: इसके लिए लम्बी और तापयुक्त गर्मियां ही अनुकूल रहती हैं।
वर्षा गन्ना 100 से 200 सेण्टीमीटर वर्षा वाले भागों में भली प्रकार पैदा किया जा सकता है। कई क्षेत्रों में तो 150 से 250 सेण्टीमीटर की वर्षा वाले भागों में भी यह पैदा होता है। यदि वर्षा की मात्रा कम होती है तो पौधे को सिंचाई के सहारे पैदा किया जाता है। गर्मी में पौधे को कम से कम चार बार सिंचने और गोडऩे से एक-एक पौधें में कई अंकुर निकल आते हैं और वह भूमि में भली प्रकार जम जाता है। खेतों में फसल तैयार होते समय लम्बे समय तक पानी भरा रहने से गन्ने में शर्करा प्रतिशत में कमी आने लगती है।
मिट्टी
गन्ने के लिए उपजाऊ दोमट मिट्टी तथा नमी से पूर्ण भूमि, विशेषत: गहरी और चिकनी दोमट मिट्टी, उपयुक्त होती है। दक्षिण की लावा से युक्त भूमि में भी गन्ना पैदा किया जाता है। गन्ने के पौधे को पर्याप्त ��ाद की आवश्यकता होती है। अत: साधारणत: गन्ना तीन-वर्षीय हेर-फेर के साथ बोया जाता है। गोबर, कम्पोस्ट अथवा अन्य प्रकार की प्राणिज खादों और सनई, ढेंचा आदि हरी खाद, अमोनियम सल्फेट और सुपरफॉस्फेट आदि का भी खाद के रूप में पर्याप्त प्रयोग किया जाता है।
श्रम गन्ने को रोपने, निराई-गुड़ाई करने और काटकर बण्डल बनाने तथा समय-समय पर सिंचाई करने के लिए पर्याप्त मात्रा में सस्ते श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है।
गन्ना सामुद्रिक वायु के सम्पर्क से बहुत अच्छे और अधिक रस वाला बनता है। इस प्रकार की अनुकूल अवस्थाएं भारत के तटीय क्षेत्र में पाई जाती है। इसी कारण दक्षिण भारत में प्रति हेक्टेअर उत्पादन भी उत्तर भारत की अपेक्षा अधिक होता है।
गन्ने की कृषि
गन्ना साधारणत: मध्य दिसम्बर से मार्च तक बोया जाता है तथा अगामी दिसम्बर से मार्च के मध्य तक काट लिया जाता है। गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में अदसाली फसल जून से जुलाई तक बोयी जाती है, जबकि नयी पौध जनवरी में उगाई जाती है। तमिलनाडु में पौध लगाने का समय मार्च से सितम्बर तक होता है।
भारत में एक बार का बोया पौधा तीन वर्षों तक अच्छी फसल देता है। उपजाऊ भूमि, अच्छी सिंचाई और उपयुक्त तापमान में गन्ने का पौधा अच्छी तरह पनपता है। कभी-कभी तो यह 7.5 मीटर तक ऊंचा हो जाता है। विश्व के अन्य देशों, जावा, क्यूबा, मॉरीशस, ब्राजील और फिजी आदि में गन्ने की फसल 20 से 24 माह पश्चात काटी जाती है। अत: वहां की उपज बहुत अधिक होती है।
भारत में जलवायु सम्बन्धी भिन्नताओं के कारण दक्षिणी भारत में अधिक शर्करा वाला मोटा गन्ना उत्पन्न होता है एवं ज्यों-ज्यों उत्तर की ओर बढ़ते हैं त्यों-त्यों गन्ने में रेशे का अंश बढ़ता जाता है और मिठास की मात्रा भी कम हो जाती है। बिहार व पश्चिम बंगाल में पतली किस्म का गन्ना पैदा होता है। उत्तरी भारत में शुष्क ऋतु अधिक लंबी होती है, फल स्वरूप गन्ने का रस सूखने लगता है, जबकि दक्षिण भारत की आद्र्र समुद्री जलवायु के कारण गन्ने में रस की मात्रा अधिक होती है।
उत्पादक क्षेत्र उत्तरी भारत से देश के उत्पादन का 50 प्रतिशत गन्ना मिलता है, किन्तु इसका प्रति हेक्टेअर उत्पादन दक्षिण भारत की अपेक्षा कम है, जहां कर्नाटक में यह उत्पादन 84,361 किलोग्राम, तमिलनाडु में 1,06778 किलोग्राम, आन्ध्र प्रदेश में 65,756 किलोग्राम है, वहीं राजस्थान में केवल 41,578 किलोग्राम, पंजाब में 60,000 किलोग्राम प्रति हेक्टेअर ही है। भारत में उत्पादित गन्ने का 40 प्रतिशत गुड़ एवं 50 प्रतिशत चीनी बनाने में प्रयुक्त होता है।
यद्यपि गन्ने की कृषि के लिए उत्तरी भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत भौगोलिक सुविधाओं की दृष्टि से अधिक अनु���ूल है, तथापि अधिक गन्ना उत्तरी भारत में ही पैदा किया जाता रहा है। अकेल�� उत्तर प्रदेश देश की उपज का 35.81 प्रतिशत, महाराष्ट्र 25.4 प्रतिशत, तमिलनाडु 10.93 प्रतिशत पैदा करते हैं अर्थात ये तीनों राज्य देश के कुल गन्ना उत्पादन का 72 प्रतिशत उत्पादन करते हैं। इधर पिछले दो दशकों से दक्षिण के राज्यों में गन्ने की उपज में पर्याप्त वृद्धि की गयी है। 1970 के पश्चात दक्षिण भारत के गन्ने के उत्पादन में वृद्धि हुई है।
वर्ष 2008-2009 में देश में 4.4 मिलियन हेक्टेअर क्षेत्र में गन्ना बोया गया, जिसमें 173.9 मिलियन टन गन्ने का उत्पादन हुआ। वर्ष 2008-2009 में गन्ने का प्रति हेक्टेअर उत्पादन 62 टन रहा। दक्षिणी राज्यों में आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु में गन्ने का उत्पादन अधिक होता है। इन राज्यों में प्रति हेक्टेअर गन्ने की उपज भी उत्तर भारत की तुलना में अधिक होती है। यही कारण है कि अधिकांश नयी चीनी मिलों की स्थापना इन राज्यों में हुई है।
गंगा की घाटी में उत्पादन गंगा की ऊपरी व मध्यवर्ती घाटी में ही सर्वाधिक गन्ना पैदा किया जाता रहा है, क्योंकि- यहां प्रतिवर्ष बाढ़ के समय खेतों में कछारी मिट्टी फैल जाती है।
जल कम गइराई पर मिल जाता है, जिससे सिंचाई आसानी से हो जाती है।
वर्षा भी 100 सेंटीमीटर तक हो जाती है।
प्राय: यहां पर पाले का अभाव रहता है।
घनी जनसंख्या होने के कारण मजदूर सस्ते और आसानी से मिल जाते है।
समतल मैदान होने के कारण खेती सरलता पूर्वक की जा सकती है।
तापमान लगभग 27 डिग्री सेंटीग्रेड तक रहता है, जबकि दक्षिणी भारत की लावा की चिकनी मिट्टी लगातार ऊंचे तापमान एवं आवश्यक सिंचाई द्वारा जल एवं उन्नत कृषि तकनीक सभी ने इस क्षेत्र को गन्ने के लिए आदर्श क्षेत्र बना दिया है।
गन्ना उत्पादन की दृष्टि से भारत में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है। गन्ने के अन्तर्गत क्षेत्र का लगभग एक तिहाई भाग केवल उत्तर प्रदेश में है। यहां गन्ने के दो प्रमुख क्षेत्र है।
पहला तराई प्रदेश से सम्बद्ध है और रामपुर से प्रारम्भ होकर बरेली, पीलीभीत, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, मुरादाबाद, गोंडा, फैजाबाद, आजमगढ़, जौनपुर, बस्ती, बलिया, देवरिया, और गोरखपुर होता हुआ बिहार के सारण तथा चम्पारण तक फैला हुआ है। इस क्षेत्र का केन्द्र गोरखपुर, देवरिया कहा जा सकता है, जहां कई चीनी की मिले हैं।
दूसरा क्षेत्र गंगा और यमुना नदियों के दोआब में स्थित है। यह मेरठ से वाराणसी होता हुआ इलाहाबाद तक विस्तृत है। इस क्षेत्र के प्रमुख उत्पादक जिले सहारनपुर, बुलन्दशहर, अलीगढ़, मुरादाबाद और मेरठ हैं। इस क्षेत्र का केन्द्र मेरठ में है। मेरठ का गन्ना उत्तम कोटि का ऊंचा, मोटा तथा रस वाला होता है। इससे गुड़ अधिक बनाया जाता है। यहां का वार्षिक उत्पादन लगभग 8.3 करोड़ टन है। यहां देश का एक तिहाई गन्ना पैदा होता है।
आन्ध्र प्रदेश में गन्ने की कृषि गोदावरी तथा कृष्णा नदियों के डेल्टाओं में सर्वाधिक होती है, क्योंकि इस प्रदेश में उपयुक्त नदियों के डेल्टों में नहरों द्वारा सिंचाई करने की विशेष सुविधा प्राप्�� है। पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी, कृष्णा, विशाखापत्तनम, श्रीकाकुलम, त्रिचूर और निजामाबाद प्रमुख उत्पादक जिले हैं।
गन्ने की जूस की दुकान तमिलनाडु में कोयम्बटूर, रामनाथपुरम्, तिरुचिरापल्ली, उत्तरी और दक्षिणी अर्काट एवं मदुरै जिलों में गन्ने की कृषि विशेष रूप से होती है। कोयम्बटूर में गन्ने की अनुसंधानशाला भी है, जिससे गन्ने की कृषि के उन्नत उपायों और नयी किस्मों के अनुसंधान में सहायता मिलती है। देश में गन्ना उत्पादन में इसका तीसरा स्थान है।
महाराष्ट्र में गन्ने का क्षेत्र नासिक के दक्षिण में गोदावरी की ऊपरी घाटी में स्थित है। सांगली, सतारा, अहमदनगर, नासिक, पुणे और शोलापुर प्रमुख उत्पादक जिले हैं। यहां गन्ने की सिंचाई के लिए अनेक योजनाएं बनायी गयी हैं। तापमान वषज़् भर सम रहता है, जिससे गन्ने से अधिक रस की प्राप्ति होती है।
गन्ने के उत्पादन की दृष्टि से यह भारत का दूसरा महत्वपूर्ण राज्य है। राष्ट्रीय उत्पादन में इसका द्वितीय स्थान है। यहां का वार्षिक उत्पादन यद्यपि 2.5 से 3.0 करोड़ टन ही है, किन्तु अधिकांश गन्ने से शक्कर बनाई जाती है। उत्पादकता अर्थात प्रति हेक्टेअर उपज देश में सर्वाधिक है और चीनी की प्राप्ति अधिक है।
कर्नाटक में गन्ने का उत्पादक तुंगभद्रा, कावेरी और कृष्णाराज सागर बांध से निकाली गयी नहरों के सहारे शिवामोग्गा, रायचूर, कोलार, मंड्या, बेल्लारी और पश्चिमी बेलगामी जिलों में किया जाता है। हरियाणा भी महत्वपूर्ण गन्ना उत्पादक राज्य है, जहां सिंचाई की सहायता से गन्ना उत्पन्न किया जाता है। यहां के प्रमुख गन्ना उत्पादक जिले गुडग़ांव, हिसार, रोहतक, करनाल तथा अम्बाला हैं। पंजाब में संगरूर, पटियाला, जालन्धर, फिरोजपुर, गुरदासपुर एवं अमृतसर प्रमुख उत्पादक जिले हैं।
पश्चिमी बंगाल में अतिवृष्टि जूट की अपेक्षा गन्ना के लिए कम उपयोगी है, फिर भी जूट की मांग घटने एवं गन्नेे की फसल से अधिक लाभ मिलने के कारण अब वहां गन्ना महत्वपूर्ण फसल है। अत: वर्तमान में दामोदर, बांग्ली और पद्मा नदियों की घाटी में यह पैदा किया जाता है। वद्र्धमान, वीरभूम, हुगली, मुर्शिदाबाद, चौबीस परगना और नादियां जिलों की आधी प्रतिशत से 1 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि पर गन्ने की खेती की जाती है।
बिहार में गन्ना उत्पादक क्षेत्र उत्तर प्रदेश की तराई वाले क्षेत्र से सम्बद्ध है। चम्पारन, गया, सारन, शाहाबाद, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया और भागलपुर और प्रमुख उत्पादक जिलें हैं। 1970 के पश्चात यहां का उत्पादन निरन्तर कम होता जा रहा है।
राजस्थान में गन्ने का उत्पादन श्रीगंगानगर, कोटा, बूंदी, चित्तौडग़ढ़, उदयपुर और भीलवाड़ा जिलों में होता है।
मध्य प्रदेश में उज्जैन, ग्वालियर, मुरैना, जावरा और शिवपुरी तथा छत्तीसगढ़ राज्य में रायपुर और बिलासपुर प्रमुख गन्ना उत्पादक क्षेत्र है।
गुजरात में गन्ना सूरत, भाव��गर, राजकोट, बनासकांटा, जामनगर और जूनागढ़ में पैदा किया जाता है।
समस्याएं भारत में गन्ने की कृषि से सम्बन्धित कुछ प्रमुख समस्याएं निम्नलिखित हैं-
गन्ने की आदर्श दशाएं दक्षिण भारत में मिलती हैं, किन्तु अब इसकी अधिकतर खेती उत्तर भारत मे की जाती है, जहां शुष्क ऋतु अधिक लम्बी होने के कारण गन्ना अधिक समय तक खेत में नहीं रह पाता। यह पतला और कम रस वाला होता है। देश में गन्ने का उत्पादन प्रति हेक्टेअर इसकी कृषि उन्नत तकनीक के विशिष्टि प्रयोग के अभाव में बहुत ही कम है। इधर पिछले कुछ वर्षों से इसमें सुधार हुआ है। सन 1960-1961 में गन्ने का प्रति हेक्टेअर उत्पादन 46 टन था, जो बढ़कर 2008-2009 में 62 टन हो गया।
कोयम्बटूर में ‘केन्द्रीय अनुसन्धान केन्द्र से प्रसारित अब गन्ने की कई किस्में बोयी जाने लगी हैं, जैसे- सीओ 410, सीओ 419, सीओ 431, सीओ 312, सीओ 212, सीओ 290, सीओ 205 आदि। अत: प्रति-हेक्टेअर इसका उत्पादन बढ़ रहा है। प्रादेशिक कृषि अनुसंधानशालाओं से भी नवीन किस्में विकसित की जा रही हैं। लखनऊ में ‘केन्द्रीय गन्ना अनुसन्धान केन्द्र, शाहजहांपुर, देवरिया व मुजफ्फरनगर में ‘राज्य गन्ना अनुसन्धान केन्द्र स्थापित हैं। भारत में जितना गन्ना पैदा होता है, उसका 40 प्रतिशत गुढ़ बनाने में, 50 प्रतिशत सफेद चीनी बनाने में, बूरा व सल्फर सुगर बनाने में और शेष चूसने तथा बीज के रूप में काम में लाया जाता है।
गन्ने का उपयोग
भारत में 300 मिलियन टन के गन्ने उत्पादन की लगभग 35′ मात्रा गुड़ और खंडसारी के विनिर्माण और चूसने के प्रयोजन के लिए उपयोग की जाती है। गुड़ और खंडसारी का विनिर्माण कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में मुख्य रुप से किया जाता है पर काफी अधिक मात्रा में गुड़ और खंडसारी आंध्र प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में भी तैयार किया जाता है। 1996-2002 की अवधि के दौरान इन राज्यों में गन्ने से चीनी, गुड़ और खंडसारी के उत्पादन के लिए उपयोग में लाए जाने वाली गन्ने की मात्रा का ब्यौरा तालिका 3.2 में दिया गया है।
कम उत्पादकता के मुख्य कारण हाल ही में गन्ने की खेती के अधीन क्षेत्र और उसकी पैदावार में काफी कमी हुई है जिसका मुख्य कारण लगभग पूरे उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पड़ा सूखा है। हाल में सूखे, गन्ने के मूल्य का विलम्ब से भुगतान और कम चीनी मूल्यों के असर से गन्ना उत्पादन में कमी आई है और कुछ चीनी मिलें बंद हुई हैं।
गन्ने पर वूली एफिड नाम के एक नए कीट के ग्रसन की घटना अगस्त, 2002 में बेलगाम जिले में सामने आई और भद्रा नहर क्षेत्रों और दक्षिणी कर्नाटक के कावेरी घाटी में भी धीरे-धीरे इसकी पहुंच हो गई। इसके प्रभाव और फैलने की बढ़ती दर और तीव्रता ने कावेरी घाटी में गन्ना किसानों के बीच खौफ पैदा कर दिया है जिन्होंने पहले से ही पिछले वर्षों के दौरान सूखे के कारण भारी नुकसान उठाया था।
जल संरक्षण देश में कुल सिंचित क्षेत्र में स�� लगभग 58′ नलकूपों एवं अन्य कुओं द्वारा, 32′ नहरों द्वारा, 5′ तालाबों द्वारा तथा शेष 5′ अन्य द्वारा सिंचित है। जल संरक्षण के लिए, गन्ने के अधीन कुएं से सभी सिंचित क्षेत्र को द्रप्स (ड्रिप) सिंचाई के अधीन लाने की आवश्यकता है। द्रप्स सिंचाई से उत्पादन में वृद्धि करने तथा उर्वरकों एवं अन्य पोषक तत्वों के अनुकूलतम उपयोग में मदद मिलेगी।
कीट के बारे में पर्याप्त जानकारी की कमी तथा प्रौद्योगिकियों में इस स्थिति से निपटने के लिए तैयारी के बारे में जानकारी की कमी प्रभावी प्रबंधन कार्यों का सुझाव देने में प्रमुख चिंता का विषय रही है। अधिकांशत: उष्णकटिबंधीय एशियाई क्षेत्र में, ठंडे एवं मेघाच्छित मौसम (19-35 डिग्री सेल्सियस) के साथ-साथ उच्च सापेक्ष आद्र्रता (85′) में जंतुबाधा तेजी से होती है। अत: कीट की जैव पारिस्थितिकीय को ध्यान में रखते हुए इसके प्रसार एवं बुरे प्रभाव को कम करने के लिए कुछ कृषि वैज्ञानिक पद्धतियों का विकास किया जाना आवश्यक है। वसंतदादा शुगर इंस्टीटयूट ने प्राकृतिक प्रतिरोधकों यथा ट्रिचग्रामा, क्राइसोपेरा, इनकार्सिया, आइसो-टोमिया, डायफा आदि का विकास करना तथा मुहैया कराकर रोगों पर नियंत्रण रखने के लिए अपनी सेवा दी हैं।
वैकल्पिक उपयोग निर्वात पात्र चीनी फैक्ट्रियां केवल प्लांटेशन व्हाइट शुगर का ही उत्पादन करने के लिए बाध्य हैं। समिति के समक्ष प्रस्तुत किए गए कुछ अभ्यावेदनों में यह सुझाव दिया गया कि इस प्रतिबंध को हटाया जा सकता है तथा चीनी फैक्ट्रियों को उनकी इच्छानुसार गुड़ तथा खंडसारी जैसे अन्य मीठाकारकों के उत्पादन की छूट दी जा सकती है।
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इनमें से 205 ठीक भी हुए, 4 नए मामले आए, सोनीपत में हरियाणा पुलिस का जवान भी पॉजिटिव मिला
फरीदाबाद में सोमवार को 6 मरीज ठीक होकर पहुंचे घर हरियाणा में अब कुल 91 एक्टिव मरीज अस्पतालों में भर्त��
दैनिक भास्करApr 27, 2020, 02:51 PM IST पानीपत. हरियाणा में सोमवार को कोरोना मरीजों का आंकड़ा 300 पहुंच गया है। सोमवार को चार नए मामले आए हैं। इनमें एक-एक मरीज फरीदाबाद और झज्जर में, 2 मरीज सोनीपत में आए हैं। झज्जर में पहला मामला है, जिसकी गिनती झज्जर जिले में हो रही है। वहीं हरियाणा में अभी तक कुल 205 मरीज ठीक हो गए हैं। अब कुल 91 एक्टिव मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। सोनीपत में कुल मरीजों का आंकड़ा 22 हो गया है, यहां हरियाणा पुलिस का एक जवान भी पॉजिटिव मिला है। सोनीपत पुलिस लाइन में रह रहा था हरियाणा का जवान सोनीपत में लगातार मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। सोमवार को हरियाणा पुलिस का जवान पॉजिटिव मिला है। उसकी ड्यूटी सोनीपत के ककरोई चौक पर थी। वह मूलरूप से नूंह जिले के हलालपुर गांव का रहने वाला है। वह पिछले काफी दिनों ने सोनीपत पुलिस लाइन में रह रहा था। तबीयत खराब हुई तो डॉक्टरों ने कोरोना के सैंपल भेजे थे। उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं दूसरा मरीज खुबड़ू गांव में मिला है। वह दिल्ली के उस पुलिसकर्मी के संपर्क में आया था, जो संक्रमित मिला था।
सोनीपत में पुलिस ने दिल्ली से लगने वाली सीमाओं को सील कर दिया है। इस वजह से दिल्ली आने-जाने वालों की एंट्री बंद कर दी गई है। झज्जर सब्जी आढ़ती मिला कोरोना पॉजिटिव दिल्ली की आजादपुर सब्जीमंडी में जाने वाला झज्जर का सब्जी आढ़ती कोरोना पॉजिटिव मिला है। तीन दिन पहले इसका सैंपल लिया गया था, रविवार रात रिपोर्ट पॉजिटिव आई। झज्जर के लाल खानिया मोहल्ला में रहने वाले आढ़ती के परिवार के छह लोगों को भी क्वॉरैंटाइन कर दिया गया है। इससे पहले दिल्ली में काम करने वाली बहादुरगढ़ निवासी नर्स, सलौधा निवासी दिल्ली पुलिस के जवान और गुभाणा निवासी दिल्ली एमसीडी के चालक में भी कोरोना पॉजिटिव आया था, लेकिन इनके सैंपल दिल्ली में हुए थे। इस वजह से झज्जर में एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं गिना जा रहा था। अब झज्जर में पहला केस पॉजिटिव माना गया है। हरियाणा में 300 पहुंचा आंकड़ा, अब भी नूंह पहले नंबर पर राज्य में संक्रमित का आंकड़ा 300 पहुंच गया। सबसे ज्यादा 57 मरीज नूंह के हैं। गुरुग्राम में 51, फरीदाबाद में 46, पलवल में 34, पंचकूला में 19, सोनीपत में 22, अम्बाला में 13, पानीपत में 12, करनाल में 6, रोहतक, हिसार और सिरसा में 4-4, यमुनानगर और भिवानी में 3-3, कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र में 2-2 और चरखी दादरी, झज्जर व फतेहाबाद में एक-एक पॉजिटिव मरीज मिला। इसके अलावा, मेदांता अस्पताल गुड़गांव में 14 इटली के नागरिकों को भी भर्ती करवाया गया था, जिन्हें हरियाणा ने अपनी सूची में जोड़ा है। उनके समेत कुल संक्रमित का आंकड़ा 300 हो जाता है। 300 मरीजों में से 205 मरीज हुए ठीक प्रदेश में अब कुल 205 मरीज ठीक हो गए हैं। नूंह में 39, गुरुग्राम और फरीदाबाद में 35-35, पलवल 29, अम्बाला व पंचकूला में 10-10, करनाल और पानीपत में 5-5, सिरसा और सोनीपत में 4-4, यमुनानगर में 3, हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र और भिवानी में 2-2, चरखी दादरी, फतेहाबाद 1-1 मरीज ठीक होने पर घर भेजा गया। 14 मरीज इटली के भी ठीक हुए हैं, उनके समेत कुल आंकड़ा 205 हो जाता है। हरियाणा में अभी तक 133 जमाती मिले संक्रमित प्रदेश में अब तक 133 जमाती संक्रमित मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा नूंह जिले से हैं। यहां कुल 42 जमाती संक्रमित पाए गए। इसके अलावा, पलवल 31, फरीदाबाद 23, गुरुग्राम 15, अम्बाला 5, पंचकूला 7, यमुनागर 3, भिवानी 2, कैथल, जींद, चरखी दादरी, फतेहाबाद और सोनीपत में एक-एक मरीज संक्रमित मिला। यह सभी मरकज से लौटे थे। जिन्हें अलग-अलग मस्जिदों और गांवों से पकड़ा गया था। Source link Read the full article
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12 नए केस आए, गुरुग्राम मेदांता अस्पताल के 4 पैरामेडिकलकर्मी मिले पॉजिटिव, सभी 22 से 25 की उम्र के
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12 नए केस आए, गुरुग्राम मेदांता अस्पताल के 4 पैरामेडिकलकर्मी मिले पॉजिटिव, सभी 22 से 25 की उम्र के
अम्बाला और पानीपत में 1-1, गुरुग्राम में 4 और सोनीपत में 6 मरीज आए सामने शनिवार को 5 मरीज हुए ठीक, 287 में से 191 मरीज हुए ठीक, अब कुल 93 एक्टिव मरीज
दैनिक भास्कर
Apr 25, 2020, 07:23 PM IST
पानीपत. हरियाणा में शनिवार को कोरोना मरीजों का कुल आंकड़ा 287 पहुंच गया। इनमें से 191 मरीज ठीक हो चुके हैं। शनिवार को कुल 12 नए मरीज आए हैं। इनमें सोनीपत के अंदर सबसे ज्यादा 6 मरीज, गुरुग्राम में 4 और अंबाला व पा���ीपत में 1-1 मरीज मिला है। हरियाणा में अब कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 93 रह गई है। गुरुग्राम में मेदांता अस्पताल के चार पैरामेडिकलकर्मी पॉजिटिव हो गए हैं। उन्हें एक दूसरे अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया गया है। वहीं सोनीपत में दिल्ली से आने वाले लोगों के संपर्क में आने वाले लोग पॉजिटिव मिल रहे हैं।
गुरुग्राम मेदांता से चार पैरामेडिकल कर्मचारी पॉजिटिव मिले देश के बड़े अस्पताल में शामिल मेदांता अस्पताल के पैरामेडिकल स्टाफ में कार्यरत चार कर्मचारियों के सेम्पल पॉजिटिव पाए गए हैं। सभी 22 से 25 साल की उम्र के हैं। अस्पताल में संक्रमित मिलने से डॉक्टर व आइसोलेशन वार्ड में कार्यरत स्टाफ की चिंता बढ़ गई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इन कर्मचारियों के संक्रमित होने व इनके संपर्क में आने वाले लोगों के बारे जानकारी जुटा रहा है। साथ ही इनके संपर्क में आने वाले लोगों को भी क्वारैंटाइन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मेदांता अस्पताल में फरवरी महीने के अंतिम सप्ताह से कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है, ऐसे में अब पैरामेडिकल स्टाफ के संक्रमित होने के पीछे कौन सी लापरवाही रही है। इस पर सिविल सर्जन डॉ. जेएस पूनिया का कहना है कि संक्रमित होने के कारणों के बारे में भी जांच की जा रही है, जिससे कि किसी अन्य अस्पताल में इस तरह की लापरवाही ना हो सके।
अम्बाला में किडनी का मरीज मिला कोरोना पॉजिटिव अम्बाला में एक किडनी का मरीज कोरोना पॉजिटिव मिला है। सिविल सर्जन कुलदीप सिंह का कहना है कि अम्बाला में शनिवार को एक बार फिर से कोरोना का पॉजिटिव मरीज सामने आया है। जो गांव ठरवा का रहने वाला है। उसकी उम्र 42 साल है। वह किडनी और शुगर का मरीज है। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। उसका इलाज चंडीगढ़ पीजीआई में चल रहा है। गांव ठरवा को कंटेनमेंट जोन घोषित कर पूरी तरह सील कर दिया गया। गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर स्क्रीनिंग कर रही है।
सोनीपत में सिविल अस्पताल का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मिला पॉजिटिव सोनीपत में छह मरीज पॉजिटिव मिले हैं। इनमें सोनीपत सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में अनुबंध के आधार पर कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पॉजिटिव मिला है। जबकि सरस्वती विहार की कोरोना संक्रमित मिल चुकी स्टाफ नर्स का पति भी पॉजिटिव मिला है। इसके साथ-साथ शहजादपुर गांव के दिल्ली में कार्यरत टीबी सुपरवाईज की 4 साल की बेटी व पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव मिली है।
9 जिलों में अब एक भी कोरोना मरीज नहीं हरियाणा के 9 जिलों में अब एक भी कोरोना मरीज नहीं है। हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र, चरखी दादरी, फतेहाबाद, जींद, करनाल, सिरसा और यमुनानगर कोरनामुक्त हो चुके हैं। यहां कोई भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं है।
हरियाणा में कोरोना महामारी के बीच गेहूं की खरीद जारी है। पांच दिनों में हरियाणा के अंदर 14.38 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी गई है।
हरियाणा में इटली के नागरिकों समेत 287 पहुंचा आंकड़ा राज्य में संक्रमित का आंकड़ा 287 पहुंच गया। सबसे ज्यादा 57 मरीज नूंह के हैं। गुरुग्राम में 51, फरीदाबाद में 43, पलवल में 34, पंचकूला में 19, सोनीपत में 17, अम्बाला में 13, पानीपत में 8, करनाल में 6, रोहतक में 4, सिरसा चार, यमुनानगर और भिवानी में 3-3, कैथल, हिसार, जींद, कुरुक्षेत्र में 2-2 और चरखी दादरी व फतेहाबाद में एक-एक पॉजिटिव मरीज मिला। इसके अलावा, मेदांता अस्पताल गुड़गांव में 14 इटली के नागरिकों को भी भर्ती करवाया गया था, जिन्हें हरियाणा ने अपनी सूची में जोड़ा है। उनके समेत कुल संक्रमित का आंकड़ा 287 हो जाता है।
हरियाणा में 133 पहुंचा जमातियों का कुल आंकड़ा प्रदेश में अब तक 133 जमाती संक्रमित मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा नूंह जिले से हैं। यहां कुल 42 जमाती संक्रमित पाए गए। इसके अलावा, पलवल 31, फरीदाबाद 23, गुरुग्राम 15, अम्बाला 5, पंचकूला 7, यमुनागर 3, भिवानी 2, कैथल, जींद, चरखी दादरी, फतेहाबाद और सोनीपत में एक-एक मरीज संक्रमित मिला। यह सभी मरकज से लौटे थे। जिन्हें अलग-अलग मस्जिदों और गांवों से पकड़ा गया था।
191 मरीज ठीक होकर पहुंचे घर प्रदेश में अब कुल 191 मरीज ठीक हो गए हैं। नूंह में 38, गुरुग्राम में 35, फरीदाबाद 29, पलवल 29, अम्बाला 10, करनाल और पानीपत में 5-5, सिरसा और सोनीपत में 4-4, यमुनानगर और पंचकूला में 3-3, हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र और भिवानी में 2-2, चरखी दादरी, फतेहाबाद 1-1 मरीज ठीक होने पर घर भेजा गया। 14 मरीज इटली के भी ठीक हुए हैं, उनके समेत कुल आंकड़ा 186 हो जाता है।
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सीएम पहुंचे रोहतक, लंच पर दिया जीत का मंत्र
रोहतक। सीएम मनोहर लाल देर रात प्रदेश कार्यालय पहुंचे और डिनर पर सभी 10 लोकसभा प्रत्याशियों व प्रभारियों को जीत का मूल मंत्र दिया। मीटिंग में प्रदेश संगठन महामंत्री सुरेश भट्ठ भी मौजूद रहे। हरियाणा की ब्रेकिंग न्यूज़ अब सबसे पहले आपके पास : डाउनलोड करें : DOWNLOAD ( 3MB ) बताया जा रहा है कि सीएम ने पहले तो रोहतक, सोनीपत व हिसार की सियासी रिपोर्ट ली। हलका वाइज माहौल की समीक्षा की। क्योंकि तीनों सीटों को हॉट माना जा रहा है। हिसार में जहां जजपा के चौटाला व कांग्रेस के बिश्नोई परिवार से टक्कर है, वहीं रोहतक व सोनीपत में हुड्डा परिवार से सीधी लड़ाई है। मां और पत्नी के साथ भरा दीपेंद्र ने नामांकन, तो सीएम और भाजपा नेताओं ने भरवाया अरविंद का पर्चा इसके बाद करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, भिवानी, फरीदाबाद व गुरुग्राम सीट का ब्योरा लिया। सोनीपत से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी रमेश कौशिक सबसे पहले रोहतक पहुंच गए थे। जबकि अरविंद शर्मा दिन में रोहतक शहर में ही चुनाव प्रचार कर रहे थे। वहीं, कई पार्टी प्रत्याशी देरी से मीटिंग में पहुंचे। link Read the full article
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ये हैं भारत की भैंसों की मुख्य किस्में; जानिए किस भैंस की क्या हैं विशेषताएँ
ये हैं भारत की भैंसों की मुख्य किस्में; जानिए किस भैंस की क्या हैं विशेषताएँ
दुनिया में दुग्ध उत्पादन के लिए भैंसों का पाला जाना आम बात है। भारत में भी भैंस पालन बड़े पैमाने पर होता है। आइये जानते हैं भारत में उपलब्ध भैंसों की मुख्य किस्में: मुर्रा: मुर्रा दुनिया की सबसे अच्छी दुधारू भैंस की नस्ल है। वैसे तो यह भारत के सभी हिस्सों में पायी जाती है लेकिन इसका गृह क्षेत्र हरियाणा के रोहतक, हिसार, जींद व करनाल जिले तथा दिल्ली व पंजाब हैं। इसका विशिष्ट रंग जेट काला है। इस…
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1857 की क्रांति में हरियाणा
1. 10 मई 1857 को मेरठ में हुए सैनिक विद्रोह की चिंगारियां 13 मई 1857 को हरियाणा में स्थित अम्बाला छावनी पर पड़ी , जिसके परिणाम स्वरूप 300 विद्रोही सैनिक गुड़गांव की ओर चले रास्ते में उनकी झड़प कलेक्टर विलियम फोर्ट से हुई | अंत में फोर्ड जान बचा कर भाग गया |
2. हरियाणा में 1857 की क्रांति में सम्मिलित प्रमुख व्यक्तियों में अहमद अली , बल्लभगढ़ के नाहर सिंह और पटौदी के अकबर अली थे तथा साथी दो अहीर भाई राव तुलाराम और गोपाल देव भी शामिल थे |
3. जयपुर राज्य के अंग्रेज रेजीडेन मेजर ऐडन ने निवासियों के विद्रोह को कुचलने का प्रयास किया , किंतु हरियाणा के सोनहा व् तावडू के संघर्ष में उसे पराजित होकर भागना पड़ा |
4. रोहतक पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अंग्रेजों ने अंबाला से एक सेना , अगस्त को हडसन के नेतृत्व में भेजी थी |
5. तावडू प्रदेश की रियासत ने 1857 की क्रांति में अंग्रेजों को महत्वपूर्ण सहयोग दिया |
6. हडसन ने रोहतक को जिन्द राज्य के अधीन किया |
7. ह���सार , हाँसी तथा सिरसा में स्थित लाइट इन्फेंंड्री ने बगावत की थी |
8. अंग्रेजों ने हिसार पर अधिकार करने के लिए जनरल वार्न कोर्टलैण्ड के नेतृत्व में फिरोजपुर से सेना भेजी | 17 जून को ऊधा नामक गांव में नवाब नूर मोहम्मद खान के साथ झड़प हुई | इस युद्ध में 530 क्रांतिकारी मारे गए | अंग्रेजों ने नवाब को पकड़कर फांसी पर लटका दिया | 17 जुलाई को वार्न कोर्टलैण्ड के नेतृत्व में सेनाएँ हिसार पहुंची थी |
हरियाणा में 1857 की क्रांति के नेता
करनाल , जलमाना , थानेसर , लाडवा, अंबाला, तथा जगाधरी से 1857 की क्रांति का नेतृत्व किसी नेता द्वारा नहीं किया गया |
हरियाणा में 1857 की क्रांति का युद्ध लड़ा गया
हरियाणा में स्वतंत्रता की चिंगारी 10 मई, 1857 को अम्बाला छावनी (Ambala Cantonment) में प्रज्जवलित हुई थी। इस चिंगारी ने मई 1857 में मेरठ में आग का रूप लिया, जो स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम कहलाता है। हरियाणावासियों ने इस संग्राम में बढ़-चढ़ कर भाग लिया था।
राव तुला राम और उनके चचेरे भाई गोपालदेव जैसे पड़ोसी अग्रणी विद्रोह क�� मदद में भाग लेते थे। लंबे समय से जनरल अब्दुससमद खान, मुहम्मद अजीम बेग, रावकिशन सिंह, राव राम लाल, सभी अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने के लिए भाग लिया करते थे।
अंग्रेजों के आगमन से पूर्व दिल्ली में साम्राज्यों का उत्थान-पतन होता रहा। जो भी नया शासक दिल्ली के सिंहासन पर बैठा उसने सदैव यह प्रयत्न किया कि दिल्ली के चारों ओर बसे हुए यहां के युद्ध-प्रिय लोगों को अपने साथ रखा जाये। यदि कभी किसी शासक ने हरियाणा के लोगों को दबाने और उनके आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप का प्रयास किया भी तो यहां की जनभावना ने उग्र रूप धारण कर लिया, यही कारण था कि जब भी दिल्ली के सिंहासन पर नया शासक बैठता था तो वह गंगा और घग्घर के बीच के प्रदेश की सर्वोच्च प्रतिनिधि परिषदखाप पंचायत को पूरी मान्यता प्रदान करता था।
उस पंचायत के मुखिया को वजीर की उपाधि देने की परम्परा पड़ गई थी। मुगलकाल के अन्तिम दिनों में जब मुगल शक्ति क्षीण हो गई थी तब इस प्रदेश का पंचायती शासन और भी मजबूत हो गया था। इसी कारण तो अंग्रेजों के आधिपत्य के पश्चात् विदेशी शासकों को इस क्षेत्र पर अपना अधिकार स्थापित करने के लिए बल-प्रयोग करना पड़ा था तथा कठोर दमनचक्र चलाकर यहां के लोगों की विद्रोही प्रवत्ति को समाप्त करने के अथक प्रयास ब्रिटिश सरकार ने किये।
बिशारत अली, जो ब्रिटिश सेना में कार्यरत था, पड़ोस के एक रियासतदार सबर खान के साथ मिलकर विद्रोह की जिम्मेदारी संभाली। आस-पास के सभी लोग मिले और ब्रिटिश संपत्ति और निवासियों पर हमला करना शुरू कर दिया। 1857 की जन-क्रान्ति के दौरान हरियाणा के एक कोने से दूसरे कोने तक बिजली की तरह विद्रोह की लहर फैल गयी जिससे अंग्रेज़ शासक स्तब्ध रह गये। अंग्रेज़-शासकों के अपने शब्दों में जन-आन्दोलन के सूत्रपात के साथ ही उसका स्वरूप इतना संगठित और सर्वव्यापी था कि देखकर आश्चर्य होता था। प्रारम्भ के कुछ दिनों में ही लगभग सारे हरियाणवी प्रदेश से अंग्रेज अधिकारियों को मार भगाया गया था, सरकारी आफिसों को जला डाला गया था। खजाने लूट लिये गये और जेलों से कैदियों को मुक्त करवा दिया गया था। थानों, डाकखानों और तारधरों पर जनता ने अधिकार कर लिया था।
1857 की क्रांति में असफल होने का मुख्य कारण क्या था ( What was the main reason for the failure of the revolt of 1857 ) ?
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1857 की क्रांति के असफल होने का सबसे बड़ा कारण, जो की इतिहासकार मानते है, वह है अपनों की ही गद्��ारी । हरियाणा के स्वतंत्रता-आन्दोलन के इतिहास का यदि सूक्ष्म दृष्टि से अध्ययन किया जाये तो यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो जाती है कि महान् ऐतिहासिक अवसर पर पटियाला, नाभा और जींद के शासक यदि अंग्रेजों का साथ न देते तो अंग्रेजों के लिए दोबारा दिल्ली पर अधिकार करना असंभव था। इस तथ्य की पुष्टि स्वयं उस समय के अंग्रेज सैनिक कमांडरों ने की है। सन् 1918 में लिखे गये करनाल के गजेटियर में कहा गया है, "करनाल के विद्रोह की सूचना ज्यों ही जीन्द के राजा को मिली, उसने अपने सैनिक दस्तों को कूच करने का आदेश दिया। वह 18 मई को करनाल पहुँचा और शहर व उसके आस-पास शान्ति स्थापित करते हुए ब्रिटिश सैनिक दस्तों के आगे-आगे पानीपत की ओर बढ़ा। "
श्री वी.डी. सावरवर ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'दी इण्डियन वार ऑफ इंडिपेंडेंस-1857 (The Indian War of Independence-1857)' में लिखा है – "यदि वे रियासतें (पटियाला, नाभा और जींद) निष्पक्ष भी रहतीं तो जन-क्रान्ति की सफलता की पूरी आशा थी। परन्तु जब पटियाला, नाभा और जींद फिरंगियों से भी अधिक बेदर्दी से इस जन-क्रान्ति की जड़ें उखाड़ने के प्रयत्न में लग गये तो दिल्ली और पंजाब के बीच सम्पर्क टूट गया। इन रियासतों ने बादशाह द्वारा भेजे गये सहायता संदेशों को रद्द करते दए संदेश-वाहकों की ही हत्या कर दी और अपने राजकोषों से फिरंगियों के ऊपर धम-वर्षा करने लगे तथा पूरी सैनिक सहायता फिरंगियों को देने लगे। उन्होंने अंग्रेजों के साथ मिलकर दिल्ली पर हमला बोला और उन देशभक्तों को अपनी तलवार के घाट उतारा जो अपना सब कछ छोड़कर जन-क्रान्ति में संघर्षरत थे।"
उपरोक्त विवरण से यह स्पष्ट होता है कि जहां एक ओर हरियाणा प्रदेश के योद्धाओं ने सिर पर कफन बांध कर देश की स्वतन्त्रता के लिए अथक प्रयास किये थे वहीं दूसरी ओर इन रियासतों के सैनिक अंग्रेजों की मदद के लिए उनके साथ खड़े थे।
सन् 1857 की जन-क्रान्ति की असफलता के पश्चात्, ब्रिटिश सरकार ने हरियाणा के अधि
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जींद पुलिस के सब इंस्पेक्टर पवन कुमार का बेटा अमन सहारण बना आर्मी में लेफ्टिनेंट, आर्मी चीफ मनोज मुकंद नरवणे ने देहरादून में शनिवार को लगाया स्टार, डीआईजी ने भी पवन कुमार व अमन सहारण को दी बधाई, जींद, 14 जून जींद पुलिस विभाग में तैनात सब इंस्पेक्टर पवन कुमार के बेटे अमन सहारण ने कड़ी मेहनत के बाद आर्मी में लेफ्टिनेंट पद ग्रहण किया हैं। 4 वर्ष की ट्रेनिग के बाद 13 जून शनिवार 2020 को देहरादून सैन्य अकादमी पासिंग आऊट परेड के बाद आर्मी चीफ मनोज मुकंद नरवणे ने अमन सहारण को स्टार लगाकर बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। पासिंग आऊट परेड उपरांत उन्हें पद व गोपनियता की शपथ भी दिलाई गई। इस बड़ी उपलब्धि का श्रेय अमन सहारण ने अपने स्व. दादा अमीर सिंह सहारण, दादी धर्मो देवी, पिता सब इंस्पेक्टर पवन कुमार व माता सरिता देवी तथा अपने अध्यापकों को दिया। अमन सहारण ने बताया कि उन्हें बचपन से ही अपने दादा के पास बैठते थे आर्मी की सेवा बारे अच्छी अच्छी व होनहार बातें सुनने को मिलतीे थी। उन्हीं की इस प्रेरणा से मैनें आर्मी में अफसर बनने की ठान ली। जिसे मैने पूरा कर अपने सपनों को साकार किया हैं। अमन सहारण ने बताया कि उन्होंने अपने जुनून की पहली सीढ़ी छठी कक्षा में कुंजपुरा सैनिक स्कूल करनाल में दाखिला लेते हुए वहां से बारहवीं करने के बाद वर्ष 2016 में एनडीए में सलेक्शन हुआ तथा 4 वर्ष की ट्रेनिंग के बाद 22 वर्ष की आयु में भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद का सम्मान मिलते हुए मेरा सपना साकार हुआ। दरअसल अमन सहारण मूलत गांव फरमाना खास महम जिला रोहतक हाल आबाद पुलिस कालोनी जींद निवासी सब इंस्पेक्टर पवन कुमार के बेटे हैं। उन्हें भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद मिला है। हालांकि पासिंग आऊट परेड में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अभिभावकों को नहीं बुलाया गया। अमन सहारण को लेफ्टिनेंट पद मिलने के साथ ही परिजनों को बधाई देने वालों का फोन पर तांता लगा गया। अमन सहारण ने कहा कि भारत माता के आंचल में रहकर उसकी सेवा करने से बड़ा मेरे लिए कोई धर्म नहीं है। अमन के पिता सब इंस्पेक्टर पवन कुमार ने बताया कि बड़े बेटे अमन सहारण से प्रेरित होकर छोटे बेटे नवदीप ने भी भारतीय सेना में जाने ��ा निर्णय लिया और उसका भी यह सपना साकार हो रहा है। पिछले डेढ़ वर्षो से नवदीप भी एनडीए के तहत खड़कवासला पूणे में अंडर ट्रेनिंग पर हैं। ---------- डीआईजी कम एसएसपी अश्विन शैणवी ने सब इंस्पेक्टर पवन कुमार व उनके बेटे की इस उपब्धि पर बधाई दी व उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। https://www.instagram.com/p/CBab5sDpfIO/?igshid=ojictu5s37vd
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Gurugram Kurukshetra (Haryana) Coronavirus 21240 Cases Updates | Haryana District-Wise/Hotspots Cases Today Patients; Gurugram Faridabad | 589 मरीज कोरोना को मात देकर लौटे घर, रिकवरी रेट फिर पहुंचा 75 फीसद के पार
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Gurugram Kurukshetra (Haryana) Coronavirus 21240 Cases Updates | Haryana District-Wise/Hotspots Cases Today Patients; Gurugram Faridabad | 589 मरीज कोरोना को मात देकर लौटे घर, रिकवरी रेट फिर पहुंचा 75 फीसद के पार
हरियाणा में 71 मरीजों की हालत नाजुक, 60 ऑक्सीजन पर, 11 वेंटीलेटर पर
प्रदेश में 658 नए मामले आए, 4956 एक्टिव मरीज मौजूद
दैनिक भास्कर
Jul 12, 2020, 09:02 PM IST
पानीपत. पिछले 24 घंटों में 589 मरीज कोरोना को मात देकर घर लौटे तो 4 जिंदगियों की सांसें थम गई। जबकि, 658 नए संक्रमित मिलने से एक्टिव केसों की संख्या 4956 हो गई। 19 जिलों में 658 नए मामलों से संक्रमितों की संख्या 21,240 पर पहुंच गई है। इसमें से 15,983 मरीज ठीक होकर घर लौटे चुके हैं। यही नहीं 71 मरीजों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। इनमें 60 मरीजों की सांसें ऑक्सीजन के सहारे चल रही हैं तो 11 वेंटीलेटर पर जिंदगी जंग लड़ रहे हैं।
नए मामलों में सबसे ज्यादा फरीदाबाद में 222, गुड़गांव में 112, सोनीपत में 101, पलवल में 35, रोहतक में 26, करनाल में 25, हिसार में 24, झज्जर में 22, पानीपत में 19, नूंह में 16, भिवानी व अंबाला में 12-12, कुरुक्षेत्र व कैथल में 8-8, सिरसा में 6, फतेहाबाद में 4, पंचकूला व यमुनानगर में 3-3 संक्रमित मिले।
इसके साथ ही फरीदाबाद में 142, गुड़गांव में 120, सोनीपत में 75, करनाल में 63, रोहतक में 50, पलवल में 31, अंबाला में 21, भिवानी व पलवल में 12-12, पानीपत में 11, कुरुक्षेत्र में 8, जींद में 7, सिरसा व यमुनानगर में 4-4, पंचकूला में 3 तथा फतेहाबाद व झज्जर में 2 मरीज ठीक होकर घर लौटे। वहीं सोनीपत में 2, गुरुग्राम व नूंह में 1-1 मरीज ने दम तोड़ा।
स्वा��्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, संदिग्धों के सैंपल लेने का आंकड़ा 372621 पर पहुंच गया है, जिसमें 345903 की रिपोर्ट निगेटिव आई। जबकि, 5478 का इंतजार है। प्रदेश में पॉजिटिव रेट भी 5.79 फीसद पर पहुंच गया है। रिकवरी रेट 75.25 फीसद है जबकि मामलों के दोगुने होने की अवधि 21 दिन पर पहुंच गई है। प्रत्येक 10 लाख पर जांच का आंकड़ा भी 14699 पर पहुंच गया है। कोरोना से 301 मौतों से मृत्युदर 1.42 फीसद पर पहुंच गई है।
अब तक 301 मरीजों की कोरोना से मौत प्रदेश में अभी तक 301 मरीजों की मौत हुई है, इनमें 221 पुरूष और 80 महिला शामिल हैं। अभी तक गुड़गांव में 105, फरीदाबाद में 101, सोनीपत में 24, रोहतक में 13, करनाल में 8, पानीपत व हिसार में 7, अंबाला में 6, रेवाड़ी में 5, पलवल, भिवानी, झज्जर व जींद में 4-4, नूंह में 3 तथा फतेहाबाद, सिरसा, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, नारनौल व चरखी-दादरी में 1-1 मरीज की मौत हो चुकी है।
प्रदेश में ये है कोरोना की स्थिति
प्रदेश में अमेरिका से लौटे 21 लोगों, 14 इटली के नागरिकों और 133 जमातियों को मिलाकर संक्रमितों का आंकड़ा 21,240 पर पहुंच गया। इनमें गुड़गांव में 6860 फरीदाबाद में 5420, सोनीपत में 1989, रोहतक में 925, अम्बाला में 507, पलवल में 480, भिवानी में 645, करनाल में 519, हिसार में 451, महेंद्रगढ़ में 423, झज्जर में 486, रेवाड़ी में 599, नूंह में 322, पानीपत में 387, कुरुक्षेत्र में 198, फतेहाबाद में 147, पंचकूला में 144, जींद में 150, सिरसा में 197, यमुनानगर में 130, कैथल में 137, चरखी दादरी में 89 पॉजिटिव मिले।
14 इटली के नागरिकों समेत कोरोना को मात देने वालों का प्रदेश में आंकड़ा 15,983 हो गया है। इनमें गुड़गांव में 5729, फरीदाबाद में 4387, सोनीपत में 1265, रोहतक में 583, अम्बाला में 398, पलवल में 362, भिवानी में 470, करनाल में 354, हिसार में 232, महेंद्रगढ़ में 264, झज्जर में 326, रेवाड़ी में 287, नूंह में 235, पानीपत में 186, कुरुक्षेत्र में 140, फतेहाबाद में 116, पंचकूला में 115, जींद में 113, सिरसा में 122, यमुनानगर में 105, कैथल में 103, चरखी दादरी में 56 ठीक हो चुके हैं।
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Haryana Alert heavy Rain and Thunderstorm with light to moderate rain | रूक-रूककर प्रदेशभर में बूंदाबांदी जारी, एनसीआर में 30 से 60 किमी प्रति घंटा हवाऐं और बारिश की चेतावनी
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मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी, हरियाणा के फरीदाबाद, गुड़गांव और रोहतक में आंधी के आसार
प्रदेश की 12 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीब की फसल की बिजाई बाकी
दैनिक भास्कर
Jul 12, 2020, 12:49 PM IST
पानीपत. हरियाणा में रूक-रूककर बरसात जारी है लेकिन दिल्ली व एनसीआर में तेज ब��रिश और आंधी आ सकती है। मौसम विभाग ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) सहित पानीपत, करनाल,…
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एक दिन में 514 केस आए, प्रदेश में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 100 पहुंचा
हरियाणा में कोरोना से मरने वालों की संख्या 100 पहुंच गई। सोमवार को 12 मरीजों ने दम तोड़ दिया जबकि 51 की हालत नाजुक बनी हुई है। इनमें से 33 की सांसें अॉक्सीजन के सहारे चल रही हैं तो वेंटीलटर पर 18 मरीज जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में गुड़गांव में 6, फरीदाबाद में 5 और झज्जर में एक मरीज की कोरोना की लड़ाई में सांसें थम गई। सोमवार को 514 नए मामलों से संक्रमितों का आंकड़ा 7722 पर पहुंच गया। राहत की बात यह है कि 562 मरीज ठीक होकर घर लौटे, जिससे रिकवरी रेट में 6 फीसद का इजाफा हुआ है। अब प्रदेश में 3565 मरीज कोरोना को हरा चुके हैं। पिछले 24 घंटों में 20 जिलों में नए मरीज ��िले हैं। इनमें सबसे ज्यादा गुड़गांव में 183, फरीदाबाद में 128, सोनीपत में 63, रोहतक में 21, भिवानी में 20, रेवाड़ी व करनाल में 18-18, महेंद्रगढ़ में 13, फतेहाबाद में 10, झज्जर में 9, हिसार में 8, सिरसा में 5, अंबाला व कुरुक्षेत्र में 4-4, पानीपत में 3, कैथल, जींद व नूंह में 2-2 तथा पंचकूला में एक संक्रमित मिला। जबकि गुड़गांव में रिकार्ड 511 मरीज ठीक होकर घर लौटे। इसके साथ ही करनाल में 19, अंबाला में 10, फतेहाबाद में 8, पानीपत में 5, हिसार में 4, महेंद्रगढ़ में 3 तथा नूंह व कुरुक्षेत्र में 1-1 मरीज ठीक हुआ। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, संदिग्धों के सैंपल लेने का आंकड़ा 189914 पर पहुंच गया है, जिसमें 176714 की रिपोर्ट नेगेटिव आई। जबकि 5478 का इंतजार है। प्रदेश में पॉजिटिव रेट भी 4.19 फीसद पर पहुंच गया है। रिकवरी रेट 49.17 फीसद है जबकि मामलों के दोगुने होने की अवधि 8 दिन पर पहुंच गई है। प्रत्येक 10 लाख पर जांच का आंकड़ा भी 7492 पर पहुंच गया है। कोरोना से 100 मौतों से मृत्युदर 1.30 फीसद पर पहुंच गई है। अभी तक यहां हो चुकी है मौत अभी तक प्रदेश में 100 मरीजों ने कोरोना से दम तोड़ा है। गुड़गांव में 37, फरीदाबाद में 33, सोनीपत में 6, रोहतक में 6, पानीपत में 5, जींद में 3, अम्बाला में 3, करनाल में 2, झज्जर में 2, पलवल में 1, हिसार में 1, चरखी दादरी में 1 की मौत हो चुकी है। यह है प्रदेश में संक्रमितों की स्थिति फिलहाल प्रदेश में यूएसए से लौटे 21 लोगों, 14 इटली नागिरकों व 133 जमातियों को मिलाकर संक्रमितों का आंकड़ा 7722 पर पहुंच गया है। इनमें सबसे ज्यादा गुड़गांव में 3477, फरीदाबाद में 1405, सोनीपत में 599, रोहतक में 321, पलवल में 198, झज्जर में 141, अंबाला में 187, करनाल में 146, नारनौल में 135, नूंह में 116, हिसार में 133, पानीपत में 97, भिवानी में 127, जींद में 73, रेवाड़ी में 94, सिरसा में 75, कुरुक्षेत्र में 80, फतेहाबाद में 75, कैथल में 61, पंचकूला में 55, चरखी-दादरी में 47 तथा यमुनानगर में 45 संक्रमित मिले हैं। वहीं 14 इटली नागरिकों सहित कोरोना को मात देने वालों का आंकड़ा 3565 हो गया है। इनमें गुड़गांव में 1776, फरीदाबाद में 385, सोनीपत में 263, झज्जर में 104, रोहतक में 128, नूंह में 101, पानीपत में 70, पलवल में 105, अंबाला में 83, हिसार में 72, करनाल में 66, नारनौल में 90, पंचकूला व जींद में 26-26, कुरुक्षेत्र में 51, भिवानी में 50, सिरसा में 42, कैथल में 30, रेवाड़ी में 12, यमुनानगर में 20, फतेहाबाद में 39 तथा चरखी-दादरी में 7 मरीज ठीक होकर घर लौट चुका है। source : https://www.bhaskar.com/ Read the full article
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सिरसा में दो भाई-बहन समेत प्रदेश में चार को अस्पताल से मिली छुट्टी, फरीदाबाद में 2 केस आए, अब कुल 185 संक्रमित
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सिरसा में दो भाई-बहन समेत प्रदेश में चार को अस्पताल से मिली छुट्टी, फरीदाबाद में 2 केस आए, अब कुल 185 संक्रमित
हरियाणा में अभी तक 41 मरीज ठीक होकर पहुंचे घर
1345 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट आना अभी भी बाकि
दैनिक भास्कर
Apr 14, 2020, 02:35 PM IST
पानीपत/सिरसा. हरियाणा में बीते दो दिनों में मरीजों की संख्या में कमी आई है। मंगलवार को फरीदबाद में दो नए मरीज सामने आए, वहां अब कुल 33 मरीज हो गए हैं। वहीं प्रदेश में अभी तक कुल 185 मरीज संक्रमित हुए हैं। इनमें से 41 ठीक होकर घर भी जा चुके हैं। मंगलवार को गुरुग्राम में दो मरीज ठीक हुए, जिन्हें छुट्टी दे दी गई। वहीं सिरसा में 6 वर्षीय लड़का और 8 वर्षीय लड़की ��ी रिपोर्ट निगेटिव आने पर छुट्टी कर दी गई।
तालियां बजाकर बच्चों को अस्पताल से रवाना करते हुए डॉक्टर।
डॉक्टरों ने ताली बजाकर किया बच्चों को अस्पताल से रवाना सिरसा सिविल अस्पताल में दोनों बच्चों को रखा गया था। दरअसल सबसे पहले उनकी मां पॉजिटिव मिली थी। इसके बाद जब बच्चों का टेस्ट किया गया तो उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। बच्चों की दो रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद अब लगातार दो रिपोर्ट अब निगेटिव आई है। दोनों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। डॉक्टरों ने तालियां बजाकर बच्चों को रवाना किया।
5210 सैंपल में से 3681 सैंपल की रिपोर्ट आई निगेटिव हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक 5219 सैंपल टेस्ट के लिए भेजे हैं। इनमें से 3681 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि कुल 185 पॉजिटिव मिले हैं। अभी 1345 रिपोर्ट का इंतजार है। अभी भी 143 कोरोना के एक्टिव मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, जबिक 39 को छुट्टी दे दी गई है।
सोमवार को एक ही मरीज आया था सामने सोमवार को प्रदेशभर में एक मरीज सिर्फ सिरसा में मिला था। यहां रोड़ी गांव की मस्जिद में मौलवी की पत्नी पॉजिटिव मिली थी। मस्जिद में पिछले एक महीने से जमाती आकर रूके हुए थे। महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर 19 जमातियों व परिवार के अन्य सदस्यों को क्वारैंटाइन कर दिया गया है।
प्रदेशभर में जिलों की ये है स्थिति राज्य में कुल संक्रमित का आंकड़ा 185 पहुंच गया। सबसे ज्यादा 45 मरीजों नूंह के हैं। गुरुग्राम में 32, फरीदाबाद में 33, पलवल में 29, अम्बाला में 7, करनाल में 6, पंचकूला में 5, पानीपत-सिरसा में 4-4, यमुनानगर-सोनीपत में 3-3, हिसार, जींद, कुरुक्षेत्र में 2-2 और रोहतक, चरखी-दादरी और फतेहाबाद में एक-एक पॉजिटिव मरीज मिला है।
करनाल में बैंक के बाहर खड़ी भीड़, जो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रही।
हरियाण में 185 संक्रमित में से 116 जमाती हरियाणा में अब संक्रमित मिले जमातियों की संख्या 116 हो गई है। इनमें सबसे ज्यादा संख्या नूंह जिले की है। यहां कुल 38 जमाती संक्रमित हैं। इसके अलावा पलवल में 28, गुरुग्राम में 15, अम्बाला में 5, भिवानी में 2, कैथल में 1, फरीदाबाद में 17, पंचकूला में 3, यमुनानगर 3, चरखी दादरी 1, जींद 1, फतेहाबाद 1, सोनीपत 1 लोग संक्रमित हैं, जो मरकज से आए हुए थे। सभी धर्म प्रचार का काम कर रहे थे। जिन्हें अलग-अलग मस्जिदों व गांवों से पकड़ा गया है।
10 विदेशी 64 बाहरी राज्यों के संक्रमित हरियाणा में मिले संक्रमित मरीजों में 10 विदेशी और 64 बाहरी राज्यों के हैं। इनमें श्रीलंका से 6, नेपाल, थाइलैंड, इंडोनेशिया व साउथ अफ्रीका का एक-एक नागरिक शामिल है। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के 11, हिमाचल प्रदेश के 10, तमिलनाडु के 7, पचिश्म बंगाल के 4, केरला के 5, बिहार के 8, तेलंगाना के 2, आंध्र प्रदेश से 2, महाराष्ट्र के 6, जम्मू के 3, मध्यप्रदेश के 2 और पंजाब, कर्नाटक, चेन्नई, असम का एक-एक नागरिक संक्रमित है।
41 मरीज ठीक होकर पहुंचे घर अभी तक 41 मरीज ठीक होकर घर पहुंच चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा गुरुग्राम में ही हैं। यहां से 16 मरीज, पानीपत में 4, करनाल में 3, सिरसा में 2, फरीदाबाद में 8, पंचकूला में 2, हिसार में 1, भिवानी में 1, अम्बाला में 2, सोनीपत में 1 और पलवल में 1 मरीज ठीक हुआ है।
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