राष्ट्रपति ने इंडियन इकोनॉमिक एसोसिएशन के शताब्दी सम्मेलन का उद्घाटन किया
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आज आंध्र प्रदेश के गुंटूर में इंडियन इकोनॉमिक एसोसिएशन के शताब्दी सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में एक है। उन्होंने कहा कि वृद्धि के बिना कोई विकास नहीं हो सकता और फिर से बांटने का दायरा कम रह जाता है। वृद्धि आवश्यक है लेकिन यह पर्याप्त नहीं। समाज में असमानताओं से निपटने के लिए विभिन्न वर्गों के बीच सामाजिक और आर्थिक असमानता पर विजय पाना होगा। यह असमानता विभिन्न क्षेत्रों में भी है और इसके लिए दूरदर्शी नीति की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे नागरिक आज भी गरीबी में और गरीबी के बहुत निकट रह रहे है। उन्हें पर्याप्त चिकित्सा सेवा, शिक्षा, आवास तथा नागरिक सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों और महिलाओं जैसे समाज के परंपरागत रूप से कमजोर वर्गों के मामले में विशेष रूप से सत्य है। राष्ट्रपति ने कहा कि 2022 तक, जब भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनायेगा, नए भारत के सपनों को हासिल करने के लिए इन समस्याओं का समाधान आवश्यक है। हमें स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश को मानव पूंजी में निवेश मानना होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि सहकारी संघवाद के युग में और विशेषकर 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट लागू होने के बाद से राज्यों पर अधिक जिम्मेदारी आई है और राज्यों से आशा भी बढ़ी है। राष्ट्रपति ने कहा कि विचारों के विकास को धन के विकेन्द्रीकरण का पूरक होना चाहिए इससे राज्यों को लाभ मिलेगा और अंतत: भारत के सामाजिक,विकास तथा सूक्ष्म अर्थव्यवस्था की जरूरतें पूरी होंगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि औपचारिक रोजगार का जमाना रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है और मैन्यूफैक्चरिंग, सेवा क्षेत्र और डिजिटल अर्थव्यवस्था में स्वरोजगार का अवसर प्रदान कर रहा है। हम इसे अनऔपचारिक अर्थव्यवस्था कहें या सूक्ष्म ऋण और चाहे सामाजिक उद्यमिता के नियम अपनाए यह क्षेत्र केवल बढ़ेगा। हमें यह समझकर इसके अनुरूप नीतियां बनानी होंगी। राष्ट्रपति ने कहा कि कामगारों की सुरक्षा के लिए हमें सामाजिक सुरक्षा उपाए और सुरक्षा नेट तैयार करने होंगे।
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल श्री ईएसएल नरसिम्हन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन. चन्द्रबाबू नायडू, नोबल पुरस्कार विजेता और बांग्लादेश में ग्रामीण बैंक के संस्थापक प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस, रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डॉ. सी रंगराजन, इंडिया इकोनॉमिक एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर सुखदेव थोरट तथा आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ए. राजेन्द्र प्रसाद उपस्थित थे।
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राष्ट्रपति ने बिहार कृषि रोड मैप 2017-2022 का शुभारंभ किया
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने बिहार कृषि रोड मैप 2017-2022 का आज (09 नवम्बर, 2017) पटना में शुभारंभ किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि देश के राष्ट्रपति के रूप में पहली बार बिहार आना उनके लिए भावुक क्षण था। उन्होंने कहा कि वे बिहार के राज्यपाल के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान राज्य के सभी वर्गों और क्षेत्रों के लोगों से मिले सम्मान तथा स्नेह को हमेशा याद रखेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष अप्रैल, 2017 से मनाया जा रहा है। इसलिए यह किसानों के हित में नए ‘कृषि रोड मैप’ के शुभारंभ का सही समय है। महात्मा गांधी ने सत्याग्रह के माध्यम से इस बात पर बल दिया था कि किसान भारतीय जीवन और नीति निर्माण का केंद्र हैं और यह बात आज भी प्रासंगिक है।
राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार सरकार ने किसानों, कृषि वैज्ञानिकों और अन्य हितधारकों के साथ विचार-विमर्श कर 2008 में पहले ‘कृषि रोड मैप’ का शुभारंभ किया था। 2017 का यह ‘रोड मैप’ तीसरा है। इसमें कृषि क्षेत्र के विकास के लिए व्यापक और समन्वित योजनाएं हैं। सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि किसानों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए वे अपनी नीतियां बनाए। यह आधारभूत परिवर्तन है। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि आज जारी किए गए तीसरे कृषि रोड मैप से बिहार में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन और बढ़ेगा तथा कृषक समुदाय सशक्त बनेगा।
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