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लखनऊ, 26.01.2025 | भारतीय गणतंत्र के 76 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में "ध्वजारोहण" कार्यक्रम का आयोजन किया गया | आयोजन के अंतर्गत ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने ध्वजारोहण किया व न्यासी डॉ॰ रूपल अग्रवाल तथा स्वयंसेवकों ने राष्ट्रगान गाकर तिरंगे को सलामी दी |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि, “आज हम एक ऐतिहासिक दिन मना रहे हैं, जब हमारे भारत ने गणतंत्र के 76 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं । 26 जनवरी 1950 को भारत ने अपने संविधान को लागू किया और हमें एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में पहचान मिली । यह दिन हमें हमारी विरासत और हमारे विकास की यात्रा को समझने का अवसर प्रदान करता है । हमारी विरासत हमारे महान पूर्वजों के संघर्षों, बलिदानों और संकल्पों का परिणाम है । हमारे देश की धरोहर में संस्कृति, शिक्षा और प्राचीन ज्ञान की गहरी जड़ें हैं । हमें गर्व है कि हमारे देश की महानता हमारे इतिहास में समाहित है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि हम अपनी संस्कृति, अपनी धरोहर और अपने इतिहास से जुड़े रहें । उन्होंने हमारे प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर और भारत के समृद्ध इतिहास को फिर से विश्व में स्थापित किया है । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भी प्रदेश की धरोहर को संजोने और संस्कृति के संरक्षण पर ध्यान दिया है । उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में राम मंदिर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और अन्य ऐतिहासिक परियोजनाओं का निर्माण हो रहा है, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त बना रहे हैं । हमारी विरासत हमें रास्ता दिखाती है और विकास हमें उस रास्ते पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है । आज, जब हम अपने गणतंत्र के 76 वर्षों का जश्न मना रहे हैं, तो हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपनी धरोहर का सम्मान करते हुए, इसे भविष्य में और भी सशक्त बनाएंगे । आइए, हम सभी मिलकर अपनी विरासत और विकास के इस सफर को और ऊंचाइयों तक लेकर जाएं । जय हिंद ! जय भारत !”
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विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार एवं भारतीय राष्ट्रगान के रचयिता व नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
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विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार एवं भारतीय राष्ट्रगान के रचयिता व नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
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धरोहर सेमिनार: हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व | Dharohar Seminar: Our Heritage, Our Responsibility
लखनऊ, 15.09.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) तथा समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर" के अंतर्गत सेमिनार विषयक "हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व" का आयोजन राधा कमल मुखर्जी सभागार, समाज का��्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय में किया गया |
सेमिनार में सम्मानित वक्तागण के रूप में पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह, साहित्यकार, डॉ रवि भट्ट, इतिहासविद, प्रो विभूति राय, डीन, विज्ञान विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, श्रीमती मीनू खरे, निदेशक, आकाशवाणी तथा प्रो श्री अनूप कुमार भरतिया, विभागाध्यक्ष, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ राष्ट्रगान एवं दीप प्रज्वलन से हुआ | सभी विद्वान वक्ताओं का ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति (जनसंपर्क) की सदस्य तथा सेमिनार की निवेदक वंदना त्रिभुवन सिंह द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मान किया गया |
डॉ रूपल अग्रवाल ने सभी गणमान्य अतिथियों तथा श्रोताओं का स्वागत करते हुए कहा कि, धरोहर शब्द का अर्थ है विरासत जो कि हमें हमारे पूर्वजों से उपहार में मिली है | दुनिया भर में अनेक इमारतें हैं जिन्हें देखकर यकीन नहीं होता कि उन्हें इंसान ने बनाया है | इमारत के साथ-साथ हमारी भाषा, धर्म, संस्कृति, साहित्य सभी कुछ हमारी विरासत है, हमारा उपहार है और यह हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम इसको सहेज कर रखें, संभाल कर रखें | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट समाज के सभी क्षेत्रों मे कार्य कर रहा है | ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर धर्मार्थ, साँस्कृतिक, जागरूकता व अनेक प्रकार के कार्यक्रम कराए जाते हैं | आप सभी से अनुरोध है कि ट्रस्ट को उसके जन सेवा कार्यों मे अपना सहयोग प्रदान करें तथा यह संकल्प लें कि अपनी धरोहर, अपनी विरासत को संभाल कर रखेंगे एवं भारत का नाम विश्व पटल पर सुनहरे अक्षरों में अंकित करेंगे |
प्रोफेसर अनूप कुमार भरतिया ने भारत देश की धरोहर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, समय के अनुसार हर एक चीज परिवर्तित होती जाती है और उसकी प्रकृति में भी परिवर्तन होता जाता है | हमें हमारी संस्कृति, विश्वास और परंपराओं को पूरी तरह से आत्मसात करना चाहिए | पहले के समय में लोगों में सहयोग की भावना होती थी अगर कहीं शादी होती थी तो पूरा गांव शादी की तैयारी में जुट जाता था | लेकिन आज यह संस्कृति समाप्त हो चुकी है आज सारा काम घर वाले नहीं बाहर वाले करते हैं और इसी वजह से लोगों के बीच आत्मीयता कम हो गई है | हमें अपनी उसी आत्मीयता के साथ अपनी धरोहर का अपनी विरासत का संरक्षण करना चाहिए व लोगों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए |
प्रोफेसर विभूति राय ने लखनऊ विश्वविद्यालय का इतिहास बताते हुए कहा कि, लखनऊ विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक बिल्डिंग है और करीब 20 वर्ष पूर्व विश्वविद्यालय का नाम बदलने का प्रयास किया, जिसके खिलाफ सभी शिक्षकों को लेकर हम लोगों ने तत्कालीन सरकार के खिलाफ अनशन किया, प्रोटेस्ट मार्च निकाला और कुछ ऐतिहासिक ऐसे पत्र आदि मिल गए जिसके अनुसार इस विश्वविद्यालय का नाम बदला नहीं जा सका |
डॉ रवि भट्ट ने भारतीय इतिहास, संवाद, संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, धरोहर दो प्रकार की होती है, एक मूर्त और एक अमूर्त | मूर्त धरोहर वह धरोहर है जिसे हम छू सकते हैं, देख सकते हैं जैसे हमारी इमारतें लेकिन अमूर्त धरोहर को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं जैसे हमारी भाषा, संस्कृति, साहित्य आदि | मेरा ऐसा मानना है कि हमें मूर्त धरोहर के साथ-साथ अमूर्त धरोहर को सहेज कर रखना चाहिए क्योंकि अमूर्त धरोहर जैसे अपनी भाषा, संस्कृति, साहित्य, इतिहास के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठा करके हम आने वाली पीढ़ियों को जागरूक कर सकते हैं |
पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह ने बताया कि किसी भी देश की धरोहर के आधार पर किसी भी राष्ट्र के महत्व का मूल्यांकन होता है ।मूर्त धरोहर में स्थापत्य कलाएं मूर्तियां चित्र आदि हैं और अमूर्त में जिन्हें देखा नहीं जा सकता वह धरोहर है। पूर्वजों से प्राप्त संस्कार, साहित्य, संगीत, कला संस्कृति के रूप में हम सुरक्षित इसे पाते हैं । इन सब का संरक्षण और भावी पीढ़ियों में इनका प्रसार करना हम सभी का दायित्व है ।
डॉ जानिसार आलम, असिस्टेंट प्रोफेसर, उर्दू विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सेमिनार में अपना पेपर प्रस्तुतीकरण किया |
छात्र-छात्राओं ने विद्वान वक्ताओं से भारतीय धरोहर एवं विरासत के बारे में कई प्रश्न पूछे जिसका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे | प्रश्न पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में डॉ शिखा सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, स्वयंसेवकों व मीडिया कर्मियों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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दंगों में मुस्लिम युवकों के साथ की थी मारपीट, वंदे मातरम कहने के लिए किया मजबूर; SHO के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश
#News दंगों में मुस्लिम युवकों के साथ की थी मारपीट, वंदे मातरम कहने के लिए किया मजबूर; SHO के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश
Delhi riots: दिल्ली दंगों के दौरान युवकों के साथ मारपीट करने और उन्हें राष्ट्रगान गाने व वंदे मातरम कहने के लिए मजबूर करने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने ज्योति नगर थाने के तत्कालीन एसएचओ के खिलाफ एफआईआर दर��ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश फरवरी-मार्च 2020 के दंगों के संदर्भ में दिया गया है। कोर्ट ने पूर्व विधायक कपिल मिश्रा को लेकर भी टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि पुलिस या तो कपिल मिश्रा के…
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गीतों के दरवेश पद्मभूषण (डॉ०) गोपाल दास नीरज | जन्मशती | यह नीरज की प्रेम सभा है | श्री यश पाल यश
04.01.2025, लखनऊ | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक, महाकवि और गीतों के दरवेश पद्मभूषण (डॉ०) गोपाल दास नीरज जी के जन्मशती वर्ष के अवसर पर "यह नीरज की प्रेम सभा है" कार्यक्रम का भव्य आयोजन हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के संयुक्त तत्वावधान में संत गाडगे प्रेक्षा गृह, संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ में किया गया । मुख्य अतिथि के रूप में श्री दिनेश शर्मा जी, माननीय सांसद एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश ने कार्यक्रम ��ें शिरकत की | जबकि विशिष्ट अतिथि में श्री मुकेश शर्मा जी, माननीय सदस्य, विधान परिषद, उत्तर प्रदेश, श्री पवन सिंह चौहान जी, माननीय सभापति, वित्तीय एवं प्रशासनिक विलम्ब समिति, विधान परिषद, उत्तर प्रदेश, श्री राजेश पांडे जी, रिटायर्ड आईपीएस, नोडल अधिकारी, यूपीडा की गरिमामयी उपस्थिति रही । कार्यक्रम की अध्यक्षता आदरणीय श्री अशोक कुमार जी, माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एवं अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश ने की | अतिथियों को प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्र से सम्मानित किया |
“यह नीरज की प्रेम सभा है” कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा द्वारा साहित्य एव संगीत जगत मे अपना अलग मुकाम बनाने वाले 6 प्रबुद्धजनों को सम्मानित किया गया, साथ ही अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, नीरज जी के गीतो पर बांसुरी वादन तथा नृत्य की प्रस्तुति भी की गयी |
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ, तत्पश्चात मुख्य अतिथि श्री दिनेश शर्मा जी, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री अशोक कुमार जी, विशिष्ट अतिथि श्री मुकेश शर्मा जी, श्री पवन सिंह चौहान जी, श्री राजेश पांडे जी, उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के प्रमुख श्री सर्वेश अस्थाना, श्री मिलन प्रभात 'गुंजन' (नीरज जी के पुत्र), श्री पल्लव नीरज (नीरज जी के पौत्र), हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल और न्यासी डॉ॰ रूपल अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा नीरज जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया |
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि माननीय श्री दिनेश शर्मा जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, “मैं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा को कार्यक्रम "यह नीरज की प्रेम सभा है" आयोजित करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं | आज हम उस महान कवि और व्यक्तित्व को याद कर रहे हैं, जिन्होंने न केवल अपनी काव्य रचनाओं से हमें समृद्ध किया, बल्कि अपनी सादगी, विनम्रता और गहन संवेदनशीलता से हमारे जीवन को प्रेरित किया । महाकवि गोपाल दास 'नीरज' जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे । उनकी कविताएँ मानवीय भावनाओं का गहन चित्रण करती थीं । इतने बड़े साहित्यिक व्यक्तित्व के बावजूद, वे अत्यंत साधारण और सहज जीवन जीते थे । मुझे याद है, जब मैं छोटा था, तब अपने पिता जी के साथ नीरज जी को एक कवि सम्मेलन में सुनने गया था । उनकी कविताएँ न केवल मंच पर नई ऊर्जा का संचार करती थीं, बल्कि उन्होंने कवि सम्मेलनों को एक नया स्वरूप भी प्रदान किया । एक बार, मैं गोखले मार्ग स्थित एक घर में उन्हें लेकर स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी से मिलने गया । वह एक अविस्मरणीय क्षण था । लगभग पौने दो घंटे तक हमने नीरज जी और अटल जी की कविताएँ सुनीं । यह दो महान आत्माओं का संगम था । आगे चलकर अटल जी हमारे देश के प्रधानमंत्री बने, लेकिन नीरज जी ने 'कवि हृदय के प्रधानमंत्री' के रूप में हमेशा हमारे दिल���ं पर राज किया । नीरज जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि चाहे आप कितने ही ऊँचे मुकाम पर क्यों न पहुँच जाएँ, सादगी और विनम्रता ही आपके व्यक्तित्व की सच्ची पहचान है । उनकी कविताएँ आज भी हमें जीवन के गहरे अर्थ समझाने के साथ-साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं ।“
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री अशोक कुमार जी ने कहा कि, ”आज हम महाकवि गोपाल दास 'नीरज' जी को याद कर रहे हैं, जिनके गीतों में अद्भुत कशिश और गहराई थी । उनका गीत "इतने बदनाम हुए हम तो इस जमाने में, तुमको लग जाएँगी सदियाँ हमें भुलाने में" सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि एक भावना है, जो यह बताती है कि सच्चे कलाकार और उनकी कला को भुलाना आसान नहीं होता । नीरज जी के शब्दों में जीवन का यथार्थ, प्रेम, पीड़ा और मानवीय संबंधों का गहन चित्रण था । वे जब मंच पर अपनी रचनाएँ गाते, तो ऐसा लगता था मानो शब्दों में जान आ गई हो । उनकी कविताएँ हमें सिखाती हैं कि साधारण शब्द असाधारण प्रभाव डाल सकते हैं । आइए, उनकी स्मृतियों को सहेजें और उनकी प्रेरणा को अपनी ज़िंदगी में उतारें ।"
श्री राजेश पांडे जी ने कहा कि, “इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान नीरज जी से मेरी पहली मुलाकात हुई । उस एक मुलाकात से जो रिश्ता जुड़ा, वह उनके जीवन के अंत तक बना रहा । नीरज जी के साथ समय बिताना ऐसा लगता था, मानो शब्दों और संवेदनाओं का समंदर हमारे सामने बह रहा हो । उनकी बातों में, उनकी कविताओं में, और उनके व्यक्तित्व में वह जादू था, जो हर किसी को अपना बना लेता था । नीरज जी का जीवन यह सिखाता है कि रिश्ते शब्दों से नहीं, बल्कि दिल से बनाए जाते हैं । उनकी सादगी, उनकी संवेदनशीलता और उनकी काव्य रचनाओं ने हर किसी को प्रभावित किया । चाहे मंच पर उनकी कविताएँ हों या उनके व्यक्तिगत संबंध, हर जगह उन्होंने एक अमिट छाप छोड़ी । उनकी रचनाओं की खासियत यह थी कि वे मानवीय भावनाओं, प्रेम, पीड़ा और जीवन के यथार्थ को इतनी गहराई से व्यक्त करते थे कि हर व्यक्ति खुद को उनसे जुड़ा महसूस करता था । आइए, आज हम नीरज जी की कविताओं और उनके जीवन से प्रेरणा लें । उनके दिखाए मार्ग पर चलें और उनके रिश्तों की तरह अपने जीवन में मधुरता और गहराई लाएँ ।“
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि, “नीरज जी ने अपने गीतों और मानवतावादी दृष्टिकोण से भारतीय साहित्य में अमिट छाप छोड़ी । उनकी पंक्तियां "एक मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए, जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए ।" हमें आज भी प्रेरित करती हैं । नीरज जी का ट्रस्ट से जुड़ाव हमारी सांस्कृतिक यात्रा का अमूल्य हिस्सा है । उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन ने हमें अनेक साहित्यिक व सामाजिक अभियानों में प्रेरित किया । श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा "गोपाल दास नीरज स्मृति पुरस्कार योजना" के लिए ��ाननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी और आदरणीय डॉ. दिनेश शर्मा जी का आभार व्यक्त किया । हमारा निवेदन है कि "गोपाल दास नीरज स्मृति पुरस्कार” का वितरण मुख्यमंत्री जी के कर कमलों से किया जाए । यह केवल नीरज जी का नहीं, बल्कि उनके प्रेम, मानवता के संदेश और साहित्य जगत का सम्मान होगा । श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी से अपील करी कि ट्रस्ट को निरंतर सहयोग दें ताकि नीरज जी की स्मृति में और भव्य आयोजन निरंतर किए जा सकें ।“
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष श्री उदय प्रताप सिंह जी ने कहा कि, “हरिवंश राय बच्चन जी के बाद यदि कोई कवि सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली हुआ, तो वह गोपाल दास 'नीरज' जी थे । उनकी ग़ज़लें, भजन और कव्वालियां देखकर यह स्पष्ट होता है कि उनके पास भाषाओं के कितने रंग और विविधता थी । नीरज जी ने हिंदी भाषा की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया । उन्होंने हिंदी को नए आयाम दिए और जन-जन तक पहुँचाया । बावजूद इसके, उनके व्यक्तित्व में कभी अहंकार नहीं आया । उनकी सादगी और विनम्रता आज के कवियों के लिए एक बड़ी सीख है । आइए, हम उनके योगदान को नमन करें और उनके जीवन से प्रेरणा लें ।"
नीरज जी के पुत्र श्री मिलन प्रभात "गुंजन" ने कहा कि, “पापा का हर लेख, हर विचार जीवन के उन अनकहे पहलुओं को उजागर करता था, जो आमतौर पर हम नहीं देख पाते । उनकी रचनाओं की विशेषता यह थी कि उन्होंने शब्दों के माध्यम से जीवन की गहराई को हमारे सामने रखा । वे जानते थे कि सच्ची भावनाएँ शब्दों में नहीं, बल्कि दिल की गहराइयों में होती हैं । यही कारण था कि उनकी लिखाई न केवल समझने में आसान थी, बल्कि वह दिलों को छूने वाली थी । आज हम उनका आदर करते हैं क्योंकि उन्होंने हमें यह सिखाया कि असली कला वह होती है, जो सरलता से दिलों तक पहुँच जाए । आइए, हम उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारे और अपनी लेखनी, विचार और भावनाओं को ऐसी सादगी और गहराई से व्यक्त करें, जैसे उन्होंने किया ।“
नीरज जी के पौत्र श्री पल्लव नीरज ने अपने संबोधन में कहा कि, “बाबा की कविताओं का पाठ करना एक अद्भुत अनुभव था । उनकी रचनाओं में गहराई और सरलता का अद्भुत सामंजस्य था । वे छोटी-छोटी बातों को याद रखते थे और उन्हें अपनी कविताओं में हम तक पहुँचाते थे, जो उनके जीवन जीने के तरीके को दर्शाता है । नीरज जी का व्यक्तित्व और उनकी कविताएँ हमारे दिलों में आज भी जीवित हैं । उनके साथ बिताए हर एक पल की यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी । वे हमारे पास उनके शब्दों और आदर्शों के रूप में हमेशा हैं ।“
विशिष्ट अतिथि श्री मुकेश शर्मा जी, श्री पवन सिंह चौहान जी तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के प्रमुख श्री सर्वेश अस्थाना जी ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए |
कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा द्वारा साहित्य एव संगीत जगत मे अपना अलग मुकाम बनाने वाले 6 प्रबुद्धजनों श्री उदय प्रताप सिंह (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष), डॉ हरिओम (आईएएस), श्री आलोक राज (आईपीएस), श्री सूर्यपाल गंगवार (आईएएस), श्री अखिलेश मिश्रा (आईएएस), श्री पवन कुमार (आईएएस) क�� प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया |
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन मे डॉ. विष्णु सक्सेना (हाथरस), डॉ. प्रवीण शुक्ल (दिल्ली), श्री दिनेश रघुवंशी (फरीदाबाद), डॉ. सोनरूपा विशाल (बदायूं), श्री बलराम श्रीवास्तव (मैनपुरी), श्री यशपाल यश (फिरोजाबाद), डॉ. राजीव राज (इटावा), श्री सर्वेश अस्थाना (लखनऊ) ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत की :
डॉ. विष्णु सक्सेना जी : “शाख रिश्तों की अगर टूट के झुक जायेगी, प्यार की बहती हुई ये नदी रुक जायेगी, फेंकियेगा ना अगर पास हो पानी गंदा, प्यास चाहे ना बुझे आग तो बुझ जायेगी |"
डॉ. प्रवीण शुक्ल जी : "स्वर तो मौन हुआ है बेशक, पर धुन अब भी गूँज रही है, गीत भवन में काव्य-कामिनी, अपना प्रियतम ढूँढ़ रही है, वो लगते थे बड़े अलग से, कहते थे वो सारे जग से, बूँद-बूँद रस के झरने से पूरा घड़ा भरा करता है, कुछ साँसों के रुक जाने से नीरज नहीं मरा करता है |”
श्री दिनेश रघुवंशी जी : “मैं हूँ सौभाग्यशाली प्यार जो पाया बुज़ुर्गों का, मुझे ऊँचाइयों तक प्यार ही लाया बुज़ुर्गों का, मेरे ईश्वर मेरी चाहत नहीं इसके सिवा कुछ भी, मेरे सर पर हमेशा ही रहे साया बुज़ुर्गों का |”
डॉ. सोनरूपा विशाल जी : “नैन को रूप की ज़रूरत है, प्यास को कूप की ज़रूरत है, बर्फ़ पिघला सके दिलों की जो, अब तो उस धूप की ज़रूरत है |”
श्री बलराम श्रीवास्तव जी : "घुला जब दर्द पानी में तो आंसू हो गए खारे, ढुलक कर आ गए बाहर हुए हैं नैन से न्यारे, तुम्हारे आंसुओं की भक्ति और अनुरक्ति के आगे, तुम्हारी जीत होती है सदा रहते हैं हम हारे ll”
श्री यशपाल यश जी : “हो जाता हर दर्द हवा है, बन जाता हर गीत दवा है, यहाँ वासना प्रतिबंधित है, यह नीरज की प्रेम सभा है |”
डॉ. राजीव राज जी : "जो साधना से हीन से संगीत नहीं है, सद्भावना विहीन है वो मीत नहीं है, आँसू न जिसका शब्द शब्द चूमने लगे, शब्दों की व्यवस्था है मगर गीत नहीं है ।“
श्री सर्वेश अस्थाना जी : "रिश्तों में तकरार बहुत है, लेकिन इनमें प्यार बहुत है, सारी दुनिया खुश रखने को, बस अपना परिवार बहुत है |”
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का संचालन कवि श्री सर्वेश अस्थाना (लखनऊ) ने किया । श्री राजीव वत्सल ने नीरज जी के गीतो पर बांसुरी वादन प्रस्तुत कर सभी श्रोताओं के दिल मे नीरज जी की यादों को ताजा कर दिया तथा श्रीमती स्नेहा ने नीरज जी के गीतो पर नृत्य कर समा बांध दिया |
कार्यक्रम में विशेष अतिथियों के रूप में श्रीमती मालविका हरिओम श्री मिलन प्रभात 'गुंजन' (नीरज जी के पुत्र), श्री पल्लव नीरज (नीरज जी के पौत्र), कवि श्री सुरेश श्रीवास्तव, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. राजेंद्र प्रसाद, श्री महेंद्र भीष्म, श्री पंकज अवस्थी, डॉ अल्का निवेदन, डॉ ऋतु चक्रबोरती, डॉ शिखा श्रीवास्तव, डॉ राधा बिष्ट एवं लखनऊ शहर के गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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संविधान हमें एकता के सूत्र में बंधकर देश को समृद्ध और विकसित बनाने को प्रेरित करता है: डॉ. दिलीप जायसवाल
पटना। बिहार भाजपा प्रदेश कार्यालय में आज 76वां गणतंत्र दिवस धूमधाम और समारोहपूर्वक मनाया गया। इस मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार सरकार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने राष्ट्रीय तिरंगा फहराया और राष्ट्रीय झंडे को सलामी दी।प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल द्वारा झंडोत्तोलन के बाद भाजपा के पदाधिकारियों ��र कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रगान गाया गया। इसके बाद भारत माता की जय,…
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Morning News Brief : सैफ अली पर हमला- आरोपी के फिंगरप्रिंट मैच नहीं; धीरेंद्र शास्त्री बोले- हर मंदिर-मस्जिद में रोज राष्ट्रगान हो
नमस्कार, देश का 76वां गणतंत्र दिवस इस बार कई मायनों में खास रहा, हम आपको इसकी वजह बताएंगे। यह भी बताएंगे कि महाकुंभ में कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र के बारे में क्या कहा। आज के प्रमुख इवेंट्स: - कोलकाता रेप-मर्डर केस में दोषी संजय को फांसी की मांग वाली याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। - कांग्रेस डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू में ‘जय भीम-जय संविधान’ रैली करेगी। इसमें राहुल-प्रियंका भी शामिल होंगे। अब कल की बड़ी खबरें... सैफ अटैक केस: आरोपी के फिंगरप्रिंट नहीं मिले, CID जांच में नया खुलासा मुख्य बातें:
- सैफ अली खान पर हमले के आरोपी शरीफुल इस्लाम के फिंगरप्रिंट नहीं मिले - CID लैब की जांच में सैंपल किसी और के निकले, पुलिस को शक कि एक से ज्यादा आरोपी शामिल - गलत हिरासत में लिया गया शख्स बोला- पुलिस ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी फिंगरप्रिंट नहीं मिले, जांच में नया मोड़ सैफ अली खान पर 15 जनवरी की रात हुए हमले के आरोपी शरीफुल इस्लाम के फिंगरप्रिंट, एक्टर के घर से लिए गए सैंपल से मैच नहीं हुए। यह खुलासा CID लैब की जांच में हुआ है। मुंबई पुलिस ने 22 जनवरी को हमले से जुड़े फिंगरप्रिंट समेत कई सैंपल जांच के लिए भेजे थे। अब पुलिस को शक है कि हमले में एक से ज्यादा लोग शामिल हो सकते हैं। गलत हिरासत से युवक की जिंदगी बर्बाद मुंबई पुलिस ने 18 जनवरी को आकाश कनैजिया नाम के युवक को छत्तीसगढ़ के दुर्ग से हिरासत में लिया था। लेकिन जांच में पाया गया कि उसका इस मामले से कोई संबंध नहीं था, जिसके बाद उसे रिहा कर दिया गया। अब आकाश ने मीडिया से अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा— "जब मेरी तस्वीरें मीडिया में आईं, तो मेरा परिवार स्तब्ध रह गया और उनकी आंखों में आंसू थे। पुलिस की एक गलती ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी। मैं अपनी होने वाली दुल्हन से मिलने जा रहा था, लेकिन मेरी शादी टूट गई, मुझे नौकरी से निकाल दिया गया। अब मैं सैफ के घर के बाहर जाकर नौकरी मांगूंगा।" गणतंत्र दिवस 2025: ऐतिहासिक परेड, पहली बार 5 हजार कलाकारों की प्रस्तुति https://www.youtube.com/watch?v=ZLvUFvkqk_A मुख्य बातें: - राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया - इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि रहे - फ्लाईपास्ट में 40 विमान, अपाचे-राफेल ने बनाया विक्ट्री फॉर्मेशन - पहली बार कर्तव्य पथ पर 5 हजार कलाकारों की प्रस्तुति और प्रलय मिसाइल की झलक भव्य परेड और ऐतिहासिक झलकियां 76वें गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तिरंगा फहराया। इस दौरान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कार्यक्रम में शामिल हुए। पहली बार परेड में इंडोनेशियाई दस्ता भी देखने को मिला। फ्लाईपास्ट में 40 से अधिक विमान शामिल हुए, जिनमें अपाचे, राफेल और ग्लोब मास्टर जैसे फाइटर जेट्स भी रहे। इस दौरान अपाचे और राफेल ने मिलकर आसमान में "विक्ट्री फॉर्मेशन" बनाया, जो परेड का प्रमुख आकर्षण बना। कर्तव्य पथ पर पहली बार 5 हजार कलाकारों ने एक साथ शानदार प्रस्तुति दी, जिसने ��र्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा, पहली बार देश की आधुनिक "प्रलय मिसाइल" की झलक भी देखने को मिली। PM मोदी की खास पगड़ी बनी चर्चा का विषय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर बार की तरह इस बार भी अपने खास अंदाज में नजर आए। उन्होंने सफेद कुर्ता-पायजामा के साथ गहरे भूरे रंग का बंदगला कोट पहना। उनकी पीले-नारंगी रंग की जोधपुरी बांधनी पगड़ी खास चर्चा में रही। प्रधानमंत्री मोदी गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर हमेशा अलग-अलग तरह की पगड़ी पहनते हैं। यह लगातार 11वां साल था, जब वे गणतंत्र दिवस पर खास पगड़ी में नजर आए। धीरेंद्र शास्त्री का बयान: मंदिर-मस्जिद में रोज राष्ट्रगान से राष्ट्रद्रोही होंगे बेनकाब
मुख्य बातें: - हर मंदिर, मस्जिद और चर्च में रोज राष्ट्रगान कराने की मांग - राष्ट्रगान से इनकार करने वालों को राष्ट्रद्रोही करार दिया जाएगा - महाकुंभ में हिंदू राष्ट्र पर चर्चा के लिए 30 जनवरी को संत समागम धीरेंद्र शास्त्री ने की राष्ट्रगान की अपील बागेश्वर धाम के महाराज और प्रसिद्ध कथावा��क पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचे। उन्होंने कहा कि हर मंदिर, मस्जिद और चर्च में रोज राष्ट्रगान होना चाहिए। शास्त्री ने आगे कहा, "अगर कोई भी धर्मस्थल राष्ट्रगान करने से मना करता है तो इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन राष्ट्र��्रेमी है और कौन राष्ट्रद्रोही।" महाकुंभ में 30 जनवरी को एक विशाल संत समागम आयोजित होगा, जहां इस बात पर चर्चा होगी कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। जूना अखाड़े में 9 महामंडलेश्वर बने महाकुंभ के दौरान जूना अखाड़ा में 9 महामंडलेश्वर का पट्टाभिषेक किया गया। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज ने अलग-अलग राज्यों से 9 संतों को महामंडलेश्वर बनाया। इसके अलावा, यूपी के पीलीभीत से BJP विधायक स्वामी प्रवक्तानंद को निर्मल अखाड़े का महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया। BJP का हमला: CM हाउस के खर्च का वीडियो जारी, शाह बोले- 'AAP मतलब अवैध आमदनी वाली पार्टी'
मुख्य बातें: - BJP ने दिल्ली के CM हाउस का नया वीडियो जारी किया - वीडियो में बंगले की महंगी सजावट और खर्चों का ब्योरा बताया - अमित शाह ने AAP को 'अवैध आमदनी वाली पार्टी' कहा - केजरीवाल ने BJP पर अरबपतियों का कर्ज माफ करने का आरोप लगाया BJP का दावा: करोड़ों की लग्जरी सुविधाएं BJP ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास का एक नया वीडियो जारी किया, जिसमें बंगले के अंदर की महंगी सुविधाओं को दिखाया गया। पार्टी के मुताबिक, बंगले में— - 80 बॉडी सेंसर और रिमोट वाले पर्दे: कीमत 4 से 5.6 करोड़ र���पए - 16 टीवी: कुल कीमत 64 लाख रुपए - टॉयलेट सीट: 10-12 लाख रुपए की - सजावटी खंभे: 36 लाख रुपए के गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक रैली के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) पर निशाना साधते हुए कहा— "AAP का मतलब है- अवैध आमदनी वाली पार्टी।" केजरीवाल का पलटवार: BJP ने अरबपतियों का कर्ज माफ किया AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने BJP के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने बीते 5 सालों में करीब 400-500 अरबपतियों का 10 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया। उन्होंने कहा— "देश का भिखारी भी टैक्स देता है, माचिस खरीदने पर भी GST लगता है। मिडिल क्लास टैक्स देता है, और यह पैसा जनता पर खर्च होना चाहिए, न कि अरबपतियों के कर्ज माफ करने में।" BJP और AAP के बीच इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। इजराइल को फिर मिलेंगे अमेरिकी बम, ट्रम्प ने हटाई रोक
मुख्य बातें: - डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइल पर बम सप्लाई की रोक हटाई - अब इजराइल 900 किलो के भारी बम खरीद सकेगा - मई 2024 में जो बाइडेन ने इस सप्लाई पर बैन लगाया था - ट्रम्प ने बांग्लादेश को दी जाने वाली सभी तरह की मदद बंद करने का फैसला किया बाइडेन का बैन, ट्रम्प का फैसला अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइल को बम सप्लाई की मंजूरी दे दी है। अब इजराइल 900 किलो वजनी भारी बम खरीद सकेगा। इससे पहले, मई 2024 में उस समय के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस सप्लाई पर रोक लगा दी थी, जब इजराइल गाजा पर हमले कर रहा था। इसके अलावा, ट्रम्प ने बांग्लादेश को दी जाने वाली सभी आर्थिक और सैन्य सहायता बंद करने का भी फैसला लिया है। फिलिस्तीनिय��ं को अन्य देशों में बसाने का प्रस्ताव ट्रम्प ने सुझाव दिया कि गाजा के फिलिस्तीनियों को जॉर्डन, मिस्र और अन्य अरब देशों में बसाया जाए। उन्होंने इस मुद्दे पर जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला और मिस्र के राष्ट्रपति से फोन पर बात की। हालांकि, हमास ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा— "हम किसी भी स्थिति में अपने लोगों को गाजा से बाहर जाने नहीं देंगे।" इस फैसले के बाद अमेरिका और मध्य पूर्व में एक बार फिर तनाव बढ़ सकता है। Read the full article
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सनशाइन पब्लिक स्कूल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया 76वां गणतंत्र दिवस
जमानिया। सनशाइन पब्लिक स्कूल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया 76वां गणतंत्र दिवसजमानिया। कसेरा पोखरा स्थित सनशाइन पब्लिक स्कूल में 76वां गणतंत्र दिवस समारोह बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के संस्थापक चेयरमैन श्री सर्वानंद सिंह द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने से हुई। इसके बाद सभी छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत गाकर देशभक्ति का…
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04.01.2025, लखनऊ | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक, महाकवि और गीतों के दरवेश पद्मभूषण (डॉ०) गोपाल दास नीरज जी के जन्मशती वर्ष के अवसर पर "यह नीरज की प्रेम सभा है" कार्यक्रम का भव्य आयोजन हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के संयुक्त तत्वावधान में संत गाडगे प्रेक्षा गृह, संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ में किया गया । मुख्य अतिथि के रूप में श्री दिनेश शर्मा जी, माननीय सांसद एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश ने कार्यक्रम में शिरकत की | जबकि विशिष्ट अतिथि में श्री मुकेश शर्मा जी, माननीय सदस्य, विधान परिषद, उत्तर प्रदेश, श्री पवन सिंह चौहान जी, माननीय सभापति, वित्तीय एवं प्रशासनिक विलम्ब समिति, विधान परिषद, उत्तर प्रदेश, श्री राजेश पांडे जी, रिटायर्ड आईपीएस, नोडल अधिकारी, यूपीडा की गरिमामयी उपस्थिति रही । कार्यक्रम की अध्यक्षता आदरणीय श्री अशोक कुमार जी, माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एवं अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश ने की | अतिथियों को प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्र से सम्मानित किया |
“यह नीरज की प्रेम सभा है” कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा द्वारा साहित्य एव संगीत जगत मे अपना अलग मुकाम बनाने वाले 6 प्रबुद्धजनों को सम्मानित किया गया, साथ ही अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, नीरज जी के गीतो पर बांसुरी वादन तथा नृत्य की प्रस्तुति भी की गयी |
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ, तत्पश्चात मुख्य अतिथि श्री दिनेश शर्मा जी, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री अशोक कुमार जी, विशिष्ट अतिथि श्री मुकेश शर्मा जी, श्री पवन सिंह चौहान जी, श्री राजेश पांडे जी, उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के प्रमुख श्री सर्वेश अस्थाना, श्री मिलन प्रभात 'गुंजन' (नीरज जी के पुत्र), श्री पल्लव नीरज (नीरज जी के पौत्र), हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल और न्यासी डॉ॰ रूपल अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा नीरज जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया |
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि माननीय श्री दिनेश शर्मा जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, “मैं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा को कार्यक्रम "यह नीरज की प्रेम सभा है" आयोजित करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं | आज हम उस महान कवि और व्यक्तित्व को याद कर रहे हैं, जिन्होंने न केवल अपनी काव्य रचनाओं से हमें समृद्ध किया, बल्कि अपनी सादगी, विनम्रता और गहन संवेदनशीलता से हमारे जीवन को प्रेरित किया । महाकवि गोपाल दास 'नीरज' जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे । उनकी कविताएँ मानवीय भावनाओं का गहन चित्रण करती थीं । इतने बड़े साहित्यिक व्यक्तित्व के बावजूद, वे अत्यंत साधारण और सहज जीवन जीते थे । मुझे याद है, जब मैं छोटा था, तब अपने पिता जी के साथ नीरज जी को एक कवि सम्मेलन में सुनने गया था । उनकी कविताएँ न केवल मंच पर नई ऊर्जा का संचार करती थीं, बल्कि उन्होंने कवि सम्मेलनों को एक नया स्वरूप भी प्रदान किया । एक बार, मैं गोखले मार्ग स्थित एक घर में उन्हें लेकर स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी से मिलने गया । वह एक अविस्मरणीय क्षण था । लगभग पौने दो घंटे तक हमने नीरज जी और अटल जी की कविताएँ सुनीं । यह दो महान आत्माओं का संगम था । आगे चलकर अटल जी हमारे देश के प्रधानमंत्री बने, लेकिन नीरज जी ने 'कवि हृदय के प्रधानमंत्री' के रूप में हमेशा हमारे दिलों पर राज किया । नीरज जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि चाहे आप कितने ही ऊँचे मुकाम पर क्यों न पहुँच जाएँ, सादगी और विनम्रता ही आपके व्यक्तित्व की सच्ची पहचान है । उनकी कविताएँ आज भी हमें जीवन के गहरे अर्थ समझाने के साथ-साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं ।“
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री अशोक कुमार जी ने कहा कि, ”आज हम महाकवि गोपाल दास 'नीरज' जी को याद कर रहे हैं, जिनके गीतों में अद्भुत कशिश और गहराई थी । उनका गीत "इतने बदनाम हुए हम तो इस जमाने में, तुमको लग जाएँगी सदियाँ हमें भुलाने में" सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि एक भावना है, जो यह बताती है कि सच्चे कलाकार और उनकी कला को भुलाना आसान नहीं होता । नीरज जी के शब्दों में जीवन का यथार्थ, प्रेम, पीड़ा और मानवीय संबंधों का गहन चित्रण था । वे जब मंच पर अपनी रचनाएँ गाते, तो ऐसा लगता था मानो शब्दों में जान आ गई हो । उनकी कविताएँ हमें सिखाती हैं कि साधारण शब्द असाधारण प्रभाव डाल सकते हैं । आइए, उनकी स्मृतियों को सहेजें और उनकी प्रेरणा को अपनी ज़िंदगी में उतारें ।"
श्री राजेश पांडे जी ने कहा कि, “इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान नीरज जी से मेरी पहली मुलाकात हुई । उस एक मुलाकात से जो रिश्ता जुड़ा, वह उनके जीवन के अंत तक बना रहा । नीरज जी के साथ समय बिताना ऐसा लगता था, मानो शब्दों और संवेदनाओं का समंदर हमारे सामने बह रहा हो । उनकी बातों में, उनकी कविताओं में, और उनके व्यक्तित्व में वह जादू था, जो हर किसी को अपना बना लेता था । नीरज जी का जीवन यह सिखाता है कि रिश्ते शब्दों से नहीं, बल्कि दिल से बनाए जाते हैं । उनकी सादगी, उनकी संवेदनशीलता और उनकी काव्य रचनाओं ने हर किसी को प्रभावित किया । चाहे मंच पर उनकी कविताएँ हों या उनके व्यक्तिगत संबंध, हर जगह उन्होंने एक अमिट छाप छोड़ी । उनकी रचनाओं की खासियत यह थी कि वे मानवीय भावनाओं, प्रेम, पीड़ा और जीवन के यथार्थ को इतनी गहराई से व्यक्त करते थे कि हर व्यक्ति खुद को उनसे जुड़ा महसूस करता था । आइए, आज हम नीरज जी की कविताओं और उनके जीवन से प्रेरणा लें । उनके दिखाए मार्ग पर चलें और उनके रिश्तों की तरह अपने जीवन में मधुरता और गहराई लाएँ ।“
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि, “नीरज जी ने अपने गीतों और मानवतावादी दृष्टिकोण से भारतीय साहित्य में अमिट छाप छोड़ी । उनकी पंक्तियां "एक मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए, जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए ।" हमें आज भी प्रेरित करती हैं । नीरज जी का ट्रस्ट से जुड़ाव हमारी सांस्कृतिक यात्रा का अमूल्य हिस्सा है । उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन ने हमें अनेक साहित्यिक व सामाजिक अभियानों में प्रेरित किया । श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा "गोपाल दास नीरज स्मृति पुरस्कार योजना" के लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी और आदरणीय डॉ. दिनेश शर्मा जी का आभार व्यक्त किया । हमारा निवेदन है कि "गोपाल दास नीरज स्मृति पुरस्कार” का वितरण मुख्यमंत्री जी के कर कमलों से किया जाए । यह केवल नीरज जी का नहीं, बल्कि उनके प्रेम, मानवता के संदेश और साहित्य जगत का सम्मान होगा । श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी से अपील करी कि ट्रस्ट को निरंतर सहयोग दें ताकि नीरज जी की स्मृति में और भव्य आयोजन निरंतर किए जा सकें ।“
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष श्री उदय प्रताप सिंह जी ने कहा कि, “हरिवंश राय बच्चन जी के बाद यदि कोई कवि सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली हुआ, तो वह गोपाल दास 'नीरज' जी थे । उनकी ग़ज़लें, भजन और कव्वालियां देखकर यह स्पष्ट होता है कि उनके पास भाषाओं के कितने रंग और विविधता थी । नीरज जी ने हिंदी भाषा की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया । उन्होंने हिंदी को नए आयाम दिए और जन-जन तक पहुँचाया । बावजूद इसके, उनके व्यक्तित्व में कभी अहंकार नहीं आया । उनकी सादगी और विनम्रता आज के कवियों के लिए एक बड़ी सीख है । आइए, हम उनके योगदान को नमन करें और उनके जीवन से प्रेरणा लें ।"
नीरज जी के पुत्र श्री मिलन प्रभात "गुंजन" ने कहा कि, “पापा का हर लेख, हर विचार जीवन के उन अनकहे पहलुओं को उजागर करता था, जो आमतौर पर हम नहीं देख पाते । उनकी रचनाओं की विशेषता यह थी कि उन्होंने शब्दों के माध्यम से जीवन की गहराई को हमारे सामने रखा । वे जानते थे कि सच्ची भावनाएँ शब्दों में नहीं, बल्कि दिल की गहराइयों में होती हैं । यही कारण था कि उनकी लिखाई न केवल समझने में आसान थी, बल्कि वह दिलों को छूने वाली थी । आज हम उनका आदर करते हैं क्योंकि उन्होंने हमें यह सिखाया कि असली कला वह होती है, जो सरलता से दिलों तक पहुँच जाए । आइए, हम उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारे और अपनी लेखनी, विचार और भावनाओं को ऐसी सादगी और गहराई से व्यक्त करें, जैसे उन्होंने किया ।“
नीरज जी के पौत्र श्री पल्लव नीरज ने अपने संबोधन में कहा कि, “बाबा की कविताओं का पाठ करना एक अद्भुत अनुभव था । उनकी रचनाओं में गहराई और सरलता का अद्भुत सामंजस्य था । वे छोटी-छोटी बातों को याद रखते थे और उन्हें अपनी कविताओं में हम तक पहुँचाते थे, जो उनके जीवन जीने के तरीके को दर्शाता है । नीरज जी का व्यक्तित्व और उनकी कविताएँ हमारे दिलों में आज भी जीवित हैं । उनके साथ बिताए हर एक पल की यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी । वे हमारे पास उनके शब्दों और आदर्शों के रूप में हमेशा हैं ।“
विशिष्ट अतिथि श्री मुकेश शर्मा जी, श्री पवन सिंह चौहान जी तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के प्रमुख श्री सर्वेश अस्थाना जी ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए |
कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा द्वारा साहित्य एव संगीत जगत मे अपना अलग मुकाम बनाने वाले 6 प्रबुद्धजनों श्री उदय प्रताप सिंह (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष), डॉ हरिओम (आईएएस), श्री आलोक राज (आईपीएस), श्री सूर्यपाल गंगवार (आईएएस), श्री अखिलेश मिश्रा (आईएएस), श्री पवन कुमार (आईएएस) को प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया |
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन मे डॉ. विष्णु सक्सेना (हाथरस), डॉ. प्रवीण शुक्ल (दिल्ली), श्री दिनेश रघुवंशी (फरीदाबाद), डॉ. सोनरूपा विशाल (बदायूं), श्री बलराम श्रीवास्तव (मैनपुरी), श्री यशपाल यश (फिरोजाबाद), डॉ. राजीव राज (इटावा), श्री सर्वेश अस्थाना (लखनऊ) ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत की :
डॉ. विष्णु सक्सेना जी : “शाख रिश्तों की अगर टूट के झुक जायेगी, प्यार की बहती हुई ये नदी रुक जायेगी, फेंकियेगा ना अगर पास हो पानी गंदा, प्यास चाहे ना बुझे आग तो बुझ जायेगी |"
डॉ. प्रवीण शुक्ल जी : "स्वर तो मौन हुआ है बेशक, पर धुन अब भी गूँज रही है, गीत भवन में काव्य-कामिनी, अपना प्रियतम ढूँढ़ रही है, वो लगते थे बड़े अलग से, कहते थे वो सारे जग से, बूँद-बूँद रस के झरने से पूरा घड़ा भरा करता है, कुछ साँसों के रुक जाने से नीरज नहीं मरा करता है |”
श्री दिनेश रघुवंशी जी : “मैं हूँ सौभाग्यशाली प्यार जो पाया बुज़ुर्गों का, मुझे ऊँचाइयों तक प्यार ही लाया बुज़ुर्गों का, मेरे ईश्वर मेरी चाहत नहीं इसके सिवा कुछ भी, मेरे सर पर हमेशा ही रहे साया बुज़ुर्गों का |”
डॉ. सोनरूपा विशाल जी : “नैन को रूप की ज़रूरत है, प्यास को कूप की ज़रूरत है, बर्फ़ पिघला सके दिलों की जो, अब तो उस धूप की ज़रूरत है |”
श्री बलराम श्रीवास्तव जी : "घुला जब दर्द पानी में तो आंसू हो गए खारे, ढुलक कर आ गए बाहर हुए हैं नैन से न्यारे, तुम्हारे आंसुओं की भक्ति और अनुरक्ति के आगे, तुम्हारी जीत होती है सदा रहते हैं हम हारे ll”
श्री यशपाल यश जी : “हो जाता हर दर्द हवा है, बन जाता हर गीत दवा है, यहाँ वासना प्रतिबंधित है, यह नीरज की प्रेम सभा है |”
डॉ. राजीव राज जी : "जो साधना से हीन से संगीत नहीं है, सद्भावना विहीन है वो मीत नहीं है, आँसू न जिसका शब्द शब्द चूमने लगे, शब्दों की व्यवस्था है मगर गीत नहीं है ।“
श्री सर्वेश अस्थाना जी : "रिश्तों में तकरार बहुत है, लेकिन इनमें प्यार बहुत है, सारी दुनिया खुश रखने को, बस अपना परिवार बहुत है |”
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का संचालन कवि श्री सर्वेश अस्थाना (लखनऊ) ने किया । श्री राजीव वत्सल ने नीरज जी के गीतो पर बांसुरी वादन प्रस्तुत कर सभी श्रोताओं के दिल मे नीरज जी की यादों को ताजा कर दिया तथा श्रीमती स्नेहा ने नीरज जी के गीतो पर नृत्य कर समा बांध दिया |
कार्यक्रम में विशेष अतिथियों के रूप में श्रीमती मालविका हरिओम श्री मिलन प्रभात 'गुंजन' (नीरज जी के पुत्र), श्री पल्लव नीरज (नीरज जी के पौत्र), कवि श्री सुरेश श्रीवास्तव, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री महेंद्र भीष्म, श्री पंकज अवस्थी, डॉ अल्का निवेदन, डॉ ऋतु चक्रबोरती, डॉ शिखा श्रीवास्तव, डॉ राधा बिष्ट एवं लखनऊ शहर के गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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धरोहर | नाट्य मंचन काकोरी ट्रेन एक्शन | Dharohar | Stage Play Kakori Train Action
लखनऊ, 07.05.2023 | भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व क्रान्तिकारियों को समर्पित नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन का मंचन ऑडिटोरियम, शेरवुड कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया । यह नाटक हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंन्द्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, धरोहर" थीम के अन्तर्गत आयोजित हुआ । काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक द्वारा कलाकारों ने 09 अगस्त 1925 को काकोरी में घटित काकोरी कांड का सजीव चित्रण किया | चन्द्रभाष सिंह के लेखन एवं निर्देशन में नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन' में अनुभवी व मंझे हुऐ कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अगवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम० पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी, द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया ।
सभागार में उपस्थित सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुऐ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए आज यह सौभाग्य का दिन हैं कि आज अपने वीर शहीद क्रांतिकारियों को, काकोरी ट्रेन एक्शन, नाटक के मंचन के माध्यम से याद करने का, श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला है | "काकोरी ट्रेन एक्शन" एक महत्वपूर्ण एतिहासिक घटना है, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इस घटना में, भारत के स्वाधीनता संग्राम के सैनिकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि हमें देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर समय-समय पर मिला है | संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) का आभार है जिनके आर्थिक सहयोग से धरोहर थीम के अंतर्गत आज देश के महान क्रन्तिकारी वीरों को समर्पित काकोरी ट्रेन एक्शन का नाट्य मंचन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ | मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार है जिन्होंने वर्ष 2021 में वीर शहीदों की शहादत को नमन करते हुए आजादी की लड़ाई के संघर्ष की धरोहर का नामकरण काकोरी ट्रेन एक्शन कर दिया, जिसे पहले काकोरी कांड कहा जाता था |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने देश के महान क्रांतिकारी वीरों, शहीदों, सैनिकों के सम्मान में 1 मिनट का मौन होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम देश के समस्त 28 राज्यों में और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में ट्रस्ट का कार्यालय स्थापित करें | निष्पक्षता, समानता और समावेशिता ट्रस्ट की कार्यशैली हैं । ट्रस्ट सभी संस्कृतियों के सम्मान के सिद्धांत पर काम करता है । पारदर्शिता और जवाबदेही ट्रस्ट के प्रमुख तत्व हैं। ट्रस्ट रचनात्मक और प्रभावी साझेदारी को पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध है । प्रासंगिकता केवल लोगों और समुदाय के निरंतर सशक्तिकरण के साथ ही बनाए रखी जा सकती है । ट्रस्ट का उद्देश है जाति, पंथ या धर्म के भेद के बिना लोगों की सेवा करना । ट्रस्ट अनाथालय, वृद्धाश्रम, यूपीएस60+ क्लब, भगवद् गीता केंद्र, आध्यात्मिक संगीत अकादमी, बाल गोपाल शिक्षा योजना, स्वच्छता/स्वच्छ भारत मिशन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय एकता के लिए जागरूकता, शैक्षिक जागरूकता आदि, दान - रक्त, पुराने कपड़े, किताबें और अन्य पुन: प्रयोज्य वस्तुएं, खाने-पीने की चीजों का वितरण, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों पर कार्यक्रमों का आयोजन, परिवार परामर्श हेल्पलाइन, आपदा प्रबंधन, महामारी समर्थन, निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, उत्कृष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान करना, शैक्षिक और धर्मार्थ गतिविधियों, महिला अधिकारिता कार्यक्रम, वैज्ञानिक अनुसंधान, ग्रामीण और कृषि कार्यक्रम, सीएसआर गतिविधियो और कार्यक्रमो, के क्षेत्र में प्रयत्नशील तथा कार्यरत है | ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी संगठन है । इसका लक्ष्य लोगों और समितियों को सामंजस्यपूर्ण, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से संपन्न करने के लिए सशक्त बनाना है । ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य और ���जीविका के क्षेत्र में समाज के गरीब और वंचित वर्ग का समर्थन करता है । यह सभी प्रकार के मानवीय कष्टों और सामाजिक विखंडन के उन्मूलन में मदद करता है । ट्रस्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता में योगदान देने वाली संवेदनाओं और धारणाओं को परिष्कृत करना है । यह कला, संस्कृति साहित्य के प्रचार के लिए भी काम करता है और पवित्र शास्त्रों की शिक्षाओं का प्रचार करता है । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए दान करें । आप स्वयंसेवक, सहयोगी, दान दाता, प्रायोजक बनकर हमसे जुड़ें सकते हैं और ट्रस्ट के माध्यम से समाज की सेवा कर सकते हैं | आपकी सक्रिय सहभागिता से हम अपने जनसेवा के क्षेत्र को पुरे देश में फैला सकते है |
कार्यक्रम के अंत में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया |
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Dharohar | Stage Play Kakori Train Action | धरोहर | काकोरी ट्रेन एक्शन | Harsh Vardhan Agarwal
लखनऊ, 07.05.2023 | भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व क्रान्तिकारियों को समर्पित नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन का मंचन ऑडिटोरियम, शेरवुड कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया । यह नाटक हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंन्द्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, धरोहर" थीम के अन्तर्गत आयोजित हुआ । काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक द्वारा कलाकारों ने 09 अगस्त 1925 को काकोरी में घटित काकोरी कांड का सजीव चित्रण किया | चन्द्रभाष सिंह के लेखन एवं निर्देशन में नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन' में अनुभवी व मंझे हुऐ कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अगवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम० पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी, द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया ।
सभागार में उपस्थित सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुऐ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए आज यह सौभाग्य का दिन हैं कि आज अपने वीर शहीद क्रांतिकारियों को, काकोरी ट्रेन एक्शन, नाटक के मंचन के माध्यम से याद करने का, श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला है | "काकोरी ट्रेन एक्शन" एक महत्वपूर्ण एतिहासिक घटना है, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इस घटना में, भारत के स्वाधीनता संग्राम के सैनिकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि हमें देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर समय-समय पर मिला है | संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) का आभार है जिनके आर्थिक सहयोग से धरोहर थीम के अंतर्गत आज देश के महान क्रन्तिकारी वीरों को समर्पित काकोरी ट्रेन एक्शन का नाट्य मंचन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ | मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार है जिन्होंने वर्ष 2021 में वीर शहीदों की शहादत को नमन करते हुए आजादी की लड़ाई के संघर्ष की धरोहर का नामकरण काकोरी ट्रेन एक्शन कर दिया, जिसे पहले काकोरी कांड कहा जाता था |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने देश के महान क्रांतिकारी वीरों, शहीदों, सैनिकों के सम्मान में 1 मिनट का मौन होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम देश के समस्त 28 राज्यों में और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में ट्रस्ट का कार्यालय स्थापित करें | निष्पक्षता, समानता और समावेशिता ट्रस्ट की कार्यशैली हैं । ट्रस्ट सभी संस्कृतियों के सम्मान के सिद्धांत पर काम करता है । पारदर्शिता और जवाबदेही ट्रस्ट के प्रमुख तत्व हैं। ट्रस्ट रचनात्मक और प्रभावी साझेदारी को पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध है । प्रासंगिकता केवल लोगों और समुदाय के निरंतर सशक्तिकरण के साथ ही बनाए रखी जा सकती है । ट्रस्ट का उद्देश है जाति, पंथ या धर्म के भेद के बिना लोगों की सेवा करना । ट्रस्ट अनाथालय, वृद्धाश्रम, यूपीएस60+ क्लब, भगवद् गीता केंद्र, आध्यात्मिक संगीत अकादमी, बाल गोपाल शिक्षा योजना, स्वच्छता/स्वच्छ भारत मिशन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय एकता के लिए जागरूकता, शैक्षिक जागरूकता आदि, दान - रक्त, पुराने कपड़े, किताबें और अन्य पुन: प्रयोज्य वस्तुएं, खाने-पीने की चीजों का वितरण, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों पर कार्यक्रमों का आयोजन, परिवार परामर्श हेल्पलाइन, आपदा प्रबंधन, महामारी समर्थन, निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, उत्कृष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान करना, शैक्षिक और धर्मार्थ गतिविधियों, महिला अधिकारिता कार्यक्रम, वैज्ञानिक अनुसंधान, ग्रामीण और कृषि कार्यक्रम, सीएसआर गतिविधियो और कार्यक्रमो, के क्षेत्र में प्रयत्नशील तथा कार्यरत है | ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी संग��न है । इसका लक्ष्य लोगों और समितियों को सामंजस्यपूर्ण, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से संपन्न करने के लिए सशक्त बनाना है । ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में समाज के गरीब और वंचित वर्ग का समर्थन करता है । यह सभी प्रकार के मानवीय कष्टों और सामाजिक विखंडन के उन्मूलन में मदद करता है । ट्रस्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता में योगदान देने वाली संवेदनाओं और धारणाओं को परिष्कृत करना है । यह कला, संस्कृति साहित्य के प्रचार के लिए भी काम करता है और पवित्र शास्त्रों की शिक्षाओं का प्रचार करता है । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए दान करें । आप स्वयंसेवक, सहयोगी, दान दाता, प्रायोजक बनकर हमसे जुड़ें सकते हैं और ट्रस्ट के माध्यम से समाज की सेवा कर सकते हैं | आपकी सक्रिय सहभागिता से हम अपने जनसेवा के क्षेत्र को पुरे देश में फैला सकते है |
कार्यक्रम के अंत में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया |
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Jamshedpur xavier public school - गोविंदपुर जेवियर पब्लिक स्कूल के ग्रुप डायरेक्टर सुनील सिंह ने किया झंडोतोलन, छात्र-छात्राओं ने नृत्य संगीत की प्रस्तुति से किया मंत्रमुग्ध
जमशेदपुर: जमशेदपुर के छोटा गोविंदपुर स्थित जेवियर पब्लिक स्कूल में 76वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया. (नीचे भी पढ़ें) इस शुभ अवसर पर मुख्य अतिथि जेवियर पब्लिक स्कूल के ग्रुप डायरेक्टर सुनील सिंह ने झंडोतोलन किया और अपने प्रेरणादायक वचनों से हम सभी का मार्गदर्शन किया. (नीचे भी पढ़ें) तत्पश्चाप विद्यालय की छात्राओं के द्वारा राष्ट्रगान, देश भक्ति गीत और एक नृत्य प्रस्तुत किया गया तथा सभी…
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गीतों के दरवेश पद्मभूषण (डॉ०) गोपाल दास नीरज | जन्मशती | यह नीरज की प्रेम सभा है | श्री यश पाल यश
04.01.2025, लखनऊ | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक, महाकवि और गीतों के दरवेश पद्मभूषण (डॉ०) गोपाल दास नीरज जी के जन्मशती वर्ष के अवसर पर "यह नीरज की प्रेम सभा है" कार्यक्रम का भव्य आयोजन हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के संयुक्त तत्वावधान में संत गाडगे प्रेक्षा गृह, संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ में किया गया । मुख्य अतिथि के रूप में श्री दिनेश शर्मा जी, माननीय सांसद एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश ने कार्यक्रम में शिरकत की | जबकि विशिष्ट अतिथि में श्री मुकेश शर्मा जी, माननीय सदस्य, विधान परिषद, उत्तर प्रदेश, श्री पवन सिंह चौहान जी, माननीय सभापति, वित्तीय एवं प्रशासनिक विलम्ब समिति, विधान परिषद, उत्तर प्रदेश, श्री राजेश पांडे जी, रिटायर्ड आईपीएस, नोडल अधिकारी, यूपीडा की गरिमामयी उपस्थिति रही । कार्यक्रम की अध्यक्षता आदरणीय श्री अशोक कुमार जी, माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एवं अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश ने की | अतिथियों को प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्र से सम्मानित किया |
“यह नीरज की प्रेम सभा है” कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा द्वारा साहित्य एव संगीत जगत मे अपना अलग मुकाम बनाने वाले 6 प्रबुद्धजनों को सम्मानित किया गया, साथ ही अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, नीरज जी के गीतो पर बांसुरी वादन तथा नृत्य की प्रस्तुति भी की गयी |
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ, तत्पश्चात मुख्य अतिथि श्री दिनेश शर्मा जी, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री अशोक कुमार जी, विशिष्ट अतिथि श्री मुकेश शर्मा जी, श्री पवन सिंह चौहान जी, श्री राजेश पांडे जी, उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के प्रमुख श्री सर्वेश अस्थाना, श्री मिलन प्रभात 'गुंजन' (नीरज जी के पुत्र), श्री पल्लव नीरज (नीरज जी के पौत्र), हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल और न्यासी डॉ॰ रूपल अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा नीरज जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया |
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि माननीय श्री दिनेश शर्मा जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, “मैं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा को कार्यक्रम "यह नीरज की प्रेम सभा है" आयोजित करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं | आज हम उस महान कवि और व्यक्तित्व को याद कर रहे हैं, जिन्होंने न केवल अपनी काव्य रचनाओं से हमें समृद्ध किया, बल्कि अपनी सादगी, विनम्रता और गहन संवेदनशीलता से हमारे जीवन को प्रेरित किया । महाकवि गोपाल दास 'नीरज' जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे । उनकी कविताएँ मानवीय भावनाओं का गहन चित्रण करती थीं । इतने बड़े साहित्यिक व्यक्तित्व के बावजूद, वे अत्यंत साधारण और सहज जीवन जीते थे । मुझे याद है, जब मैं छोटा था, तब अपने पिता जी के साथ नीरज जी को एक कवि सम्मेलन में सुनने गया था । उनकी कविताएँ न केवल मंच पर नई ऊर्जा का संचार करती थीं, बल्कि उन्होंने कवि सम्मेलनों को एक नया स्वरूप भी प्रदान किया । एक बार, मैं गोखले मार्ग स्थित एक घर में उन्हें लेकर स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी से मिलने गया । वह एक अविस्मरणीय क्षण था । लगभग पौने दो घंटे तक हमने नीरज जी और अटल जी की कविताएँ सुनीं । यह दो महान आत्माओं का संगम था । आगे चलकर अटल जी हमारे देश के प्रधानमंत्री बने, लेकिन नीरज जी ने 'कवि हृदय के प्रधानमंत्री' के रूप में हमेशा हमारे दिलों पर राज किया । नीरज जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि चाहे आप कितने ही ऊँचे मुकाम पर क्यों न पहुँच जाएँ, सादगी और विनम्रता ही आपके व्यक्तित्व की सच्ची पहचान है । उनकी कविताएँ आज भी हमें जीवन के गहरे अर्थ समझाने के साथ-साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं ।“
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री अशोक कुमार जी ने कहा कि, ”आज हम महाकवि गोपाल दास 'नीरज' जी को याद कर रहे हैं, जिनके गीतों में अद्भुत कशिश और गहराई थी । उनका गीत "इतने बदनाम हुए हम तो इस जमाने में, तुमको लग जाएँगी सदियाँ हमें भुलाने में" सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि एक भावना है, जो यह बताती है कि सच्चे कलाकार और उनकी कला को भुलाना आसान नहीं होता । नीरज जी के शब्दों में जीवन का यथार्थ, प्रेम, पीड़ा और मानवीय संबंधों का गहन चित्रण था । वे जब मंच पर अपनी रचनाएँ गाते, तो ऐसा लगता था मानो शब्दों में जान आ गई हो । उनकी कविताएँ हमें सिखाती हैं कि साधारण शब्द असाधारण प्रभाव डाल सकते हैं । आइए, उनकी स्मृतियों को सहेजें और उनकी प्रेरणा को अपनी ज़िंदगी में उतारें ।"
श्री राजेश पांडे जी ने कहा कि, “इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान नीरज जी से मेरी पहली मुलाकात हुई । उस एक मुलाकात से जो रिश्ता जुड़ा, वह उनके जीवन के अंत तक बना रहा । नीरज जी के साथ समय बिताना ऐसा लगता था, मानो शब्दों और संवेदनाओं का समंदर हमारे सामने बह रहा हो । उनकी बातों में, उनकी कविताओं में, और उनके व्यक्तित्व में वह जादू था, जो हर किसी को अपना बना लेता था । नीरज जी का जीवन यह सिखाता है कि रिश्ते शब्दों से नहीं, बल्कि दिल से बनाए जाते हैं । उनकी सादगी, उनकी संवेदनशीलता और उनकी काव्य रचनाओं ने हर किसी को प्रभावित किया । चाहे मंच पर उनकी कविताएँ हों या उनके व्यक्तिगत संबंध, हर जगह उन्होंने एक अमिट छाप छोड़ी । उनकी रचनाओं की खासियत यह थी कि वे मानवीय भावनाओं, प्रेम, पीड़ा और जीवन के यथार्थ को इतनी गहराई से व्यक्त करते थे कि हर व्यक्ति खुद को उनसे जुड़ा महसूस करता था । आइए, आज हम नीरज जी की कविताओं और उनके जीवन से प्रेरणा लें । उनके दिखाए मार्ग पर चलें और उनके रिश्तों की तरह अपने जीवन में मधुरता और गहराई लाएँ ।“
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि, “नीरज जी ने अपने गीतों और मानवतावादी दृष्टिकोण से भारतीय साहित्य में अमिट छाप छोड़ी । उनकी पंक्तियां "एक मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए, जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए ।" हमें आज भी प्रेरित करती हैं । नीरज जी का ट्रस्ट से जुड़ाव हमारी सांस्कृतिक यात्रा का अमूल्य हिस्सा है । उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन ने हमें अनेक साहित्यिक व सामाजिक अभियानों में प्रेरित किया । श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा "गोपाल दास नीरज स्मृति पुरस्कार योजना" के लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी और आदरणीय डॉ. दिनेश शर्मा जी का आभार व्यक्त किया । हमारा निवेदन है कि "गोपाल दास नीरज स्मृति पुरस्कार” का वितरण मुख्यमंत्री जी के कर कमलों से किया जाए । यह केवल नीरज जी का नहीं, बल्कि उनके प्रेम, मानवता के संदेश और साहित्य जगत का सम्मान होगा । श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी से अपील करी कि ट्रस्ट को निरंतर सहयोग दें ताकि नीरज जी की स्मृति में और भव्य आयोजन निरंतर किए जा सकें ।“
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष श्री उदय प्रताप सिंह जी ने कहा कि, “हरिवंश राय बच्चन जी के बाद यदि कोई कवि सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली हुआ, तो वह गोपाल दास 'नीरज' जी थे । उनकी ग़ज़लें, भजन और कव्वालियां देखकर यह स्पष्ट होता है कि उनके पास भाषाओं के कितने रंग और विविधता थी । नीरज जी ने हिंदी भाषा की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया । उन्होंने हिंदी को नए आयाम दिए और जन-जन तक पहुँचाया । बावजूद इसके, उनके व्यक्तित्व में कभी अहंकार नहीं आया । उनकी सादगी और विनम्रता आज के कवियों के लिए एक बड़ी सीख है । आइए, हम उनके योगदान को नमन करें और उनके जीवन से प्रेरणा लें ।"
नीरज जी के पुत्र श्री मिलन प्रभात "गुंजन" ने कहा कि, “पापा का हर लेख, हर विचार जीवन के उन अनकहे पहलुओं को उजागर करता था, जो आमतौर पर हम नहीं देख पाते । उनकी रचनाओं की विशेषता यह थी कि उन्होंने शब्दों के माध्यम से जीवन की गहराई को हमारे सामने रखा । वे जानते थे कि सच्ची भावनाएँ शब्दों में नहीं, बल्कि दिल की गहराइयों में होती हैं । यही कारण था कि उनकी लिखाई न केवल समझने में आसान थी, बल्कि वह दिलों को छूने वाली थी । आज हम उनका आदर करते हैं क्योंकि उन्होंने हमें यह सिखाया कि असली कला वह होती है, जो सरलता से दिलों तक पहुँच जाए । आइए, हम उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारे और अपनी लेखनी, विचार और भावनाओं को ऐसी सादगी और गहराई से व्यक्त करें, जैसे उन्होंने किया ।“
नीरज जी के पौत्र श्री पल्लव नीरज ने अपने संबोधन में कहा कि, “बाबा की कविताओं का पाठ करना एक अद्भुत अनुभव था । उनकी ��चनाओं में गहराई और सरलता का अद्भुत सामंजस्य था । वे छोटी-छोटी बातों को याद रखते थे और उन्हें अपनी कविताओं में हम तक पहुँचाते थे, जो उनके जीवन जीने के तरीके को दर्शाता है । नीरज जी का व्यक्तित्व और उनकी कविताएँ हमारे दिलों में आज भी जीवित हैं । उनके साथ बिताए हर एक पल की यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी । वे हमारे पास उनके शब्दों और आदर्शों के रूप में हमेशा हैं ।“
विशिष्ट अतिथि श्री मुकेश शर्मा जी, श्री पवन सिंह चौहान जी तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के प्रमुख श्री सर्वेश अस्थाना जी ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए |
कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा द्वारा साहित्य एव संगीत जगत मे अपना अलग मुकाम बनाने वाले 6 प्रबुद्धजनों श्री उदय प्रताप सिंह (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष), डॉ हरिओम (आईएएस), श्री आलोक राज (आईपीएस), श्री सूर्यपाल गंगवार (आईएएस), श्री अखिलेश मिश्रा (आईएएस), श्री पवन कुमार (आईएएस) को प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया |
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन मे डॉ. विष्णु सक्सेना (हाथरस), डॉ. प्रवीण शुक्ल (दिल्ली), श्री दिनेश रघुवंशी (फरीदाबाद), डॉ. सोनरूपा विशाल (बदायूं), श्री बलराम श्रीवास्तव (मैनपुरी), श्री यशपाल यश (फिरोजाबाद), डॉ. राजीव राज (इटावा), श्री सर्वेश अस्थाना (लखनऊ) ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत की :
डॉ. विष्णु सक्सेना जी : “शाख रिश्तों की अगर टूट के झुक जायेगी, प्यार की बहती हुई ये नदी रुक जायेगी, फेंकियेगा ना अगर पास हो पानी गंदा, प्यास चाहे ना बुझे आग तो बुझ जायेगी |"
डॉ. प्रवीण शुक्ल जी : "स्वर तो मौन हुआ है बेशक, पर धुन अब भी गूँज रही है, गीत भवन में काव्य-कामिनी, अपना प्रियतम ढूँढ़ रही है, वो लगते थे बड़े अलग से, कहते थे वो सारे जग से, बूँद-बूँद रस के झरने से पूरा घड़ा भरा करता है, कुछ साँसों के रुक जाने से नीरज नहीं मरा करता है |”
श्री दिनेश रघुवंशी जी : “मैं हूँ सौभाग्यशाली प्यार जो पाया बुज़ुर्गों का, मुझे ऊँचाइयों तक प्यार ही लाया बुज़ुर्गों का, मेरे ईश्वर मेरी चाहत नहीं इसके सिवा कुछ भी, मेरे सर पर हमेशा ही रहे साया बुज़ुर्गों का |”
डॉ. सोनरूपा विशाल जी : “नैन को रूप की ज़रूरत है, प्यास को कूप की ज़रूरत है, बर्फ़ पिघला सके दिलों की जो, अब तो उस धूप की ज़रूरत है |”
श्री बलराम श्रीवास्तव जी : "घुला जब दर्द पानी में तो आंसू हो गए खारे, ढुलक कर आ गए बाहर हुए हैं नैन से न्यारे, तुम्हारे आंसुओं की भक्ति और अनुरक्ति के आगे, तुम्हारी जीत होती है सदा रहते हैं हम हारे ll”
श्री यशपाल यश जी : “हो जाता हर दर्द हवा है, बन जाता हर गीत दवा है, यहाँ वासना प्रतिबंधित है, यह नीरज की प्रेम सभा है |”
डॉ. राजीव राज जी : "जो साधना से हीन से संगीत नहीं है, सद्भावना विहीन है वो मीत नहीं है, आँसू न जिसका शब्द शब्द चूमने लगे, शब्दों की व्यवस्था है मगर गीत नहीं है ।“
श्री सर्वेश अस्थाना जी : "रिश्तों में तकरार बहुत है, लेकिन इनमें प्यार बहुत है, सारी दुनिया खुश रखने को, बस अपना परिवार बहुत है |”
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का संचालन कवि श्री सर्वेश अस्थाना (लखनऊ) ने किया । श्री राजीव वत्सल ने नीरज जी के गीतो पर बांसुरी वादन प्रस्तुत कर सभी श्रोताओं के दिल मे नीरज जी की यादों को ताजा कर दिया तथा श्रीमती स्नेहा ने नीरज जी के गीतो पर नृत्य कर समा बांध दिया |
कार्यक्रम में विशेष अतिथियों के रूप में श्रीमती मालविका हरिओम श्री मिलन प्रभात 'गुंजन' (नीरज जी के पुत्र), श्री पल्लव नीरज (नीरज जी के पौत्र), कवि श्री सुरेश श्रीवास्तव, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. राजेंद्र प्रसाद, श्री महेंद्र भीष्म, श्री पंकज अवस्थी, डॉ अल्का निवेदन, डॉ ऋतु चक्रबोरती, डॉ शिखा श्रीवास्तव, डॉ राधा बिष्ट एवं लखनऊ शहर के गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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युवा दिवस पर पाली महाविद्यालय मे गोष्ठी का आयोजन
युवा दिवस पर पाली महाविद्यालय मे गोष्ठी का आयोजन बांधवभूमि न्यूज मध्यप्रदेश उमरिया स्वामी विवेकानंद जयंती (राष्ट्रीय युवा दिवस) के अवसर पर गत दिवस जिले के शासकीय महाविद्यालय बिरसिंहपुर पाली मे सूर्य नमस्कार एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ प्राचार्य डॉ. आरके झा एवं कार्यक्रम प्रभारी हरलाल अहिरवार ने स्वामी विवेकानंद के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर किया। इसके पश्चात राष्ट्रगीत, राष्ट्रगान,…
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