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#रात का खाना
khulkarjiyo · 10 months
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urine infection mein kaun sa fal khana chahiye Aur konsa nahi
एक बार फिर आपका स्वागत है आज हम इस पोस्ट में Urine infection में कौन सा फल खाना चाहिए? और कौन से फल यूरिन इन्फेक्शन के मरीज को नहीं खाने चाहिए? साथ ही किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए इन प्रश्नों पर विचार करेंगे और यूरिन इन्फेक्शन से जुड़े अन्य सवालों को भी समझेंगे तो चलिए शुरू करते हैं! यूरिन इन्फेक्शन क्या है? urine infection एक ऐसी समस्या है जिसमें पेशाब के रास्ते में किसी वजह से संक्रमण हो…
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trendingwatch · 2 years
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स्वादिष्ट डिनर के लिए लखनवी स्टाइल चिकन मसाला कैसे बनाएं
स्वादिष्ट डिनर के लिए लखनवी स्टाइल चिकन मसाला कैसे बनाएं
लखनऊ मुंह में पानी लाने वाले व्यंजनों की भूमि है, जहां हर गली और गली में स्वादिष्ट भोजन की महक आती है। कबाब से लेकर बिरयानी, हलीम और बहुत कुछ, लखनवी व्यंजन सभी खाने के शौकीनों के लिए एक वास्तविक सौदा है। अब, यह सवाल लाता है, लखनवी व्यंजन क्या है? सदियों से लखनऊ की सड़कों पर राज करने वाले इस व्यंजन में मुख्य रूप से मांस और चिकन से बने शाही व्यंजन होते हैं जिन्हें विदेशी मसालों के साथ पकाया जाता है…
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lucifar7000 · 1 month
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Including link: https://www.freesexkahani.com/
"दोस्तो, मेरा नाम युग है और मैं मध्यप्रदेश राज्य के भोपाल शहर में रहता हूँ.
मैं अक्सर चूत चुदाई की कहानी पढ़ता रहता हूं और दिन में दो बार हिला लेता हूँ.
यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी छोटी बहन वर्षा की चुदाई की कहानी है.
इसमें आप पढ़ेंगे कि कैसे मैंने अपनी ही सगी बहन को चोदकर अपनी रंडी बना लिया.
यह Xxx सिस फक कहानी आज से एक साल पहले की उस समय की है जब मैंने 12 वीं के बोर्ड के इम्तिहान दिए थे.
एग्जाम के बाद से स्कूल की छुट्टी चल रही थीं.
मैं अपने परिवार के बारे में बता दूं.
मेरे घर में पाँच सदस्य हैं. मम्मी-पापा, दीदी और एक छोटी बहन.
मेरे पापा का नाम सुदेश है. उनकी उम्र 44 साल है.
मेरी मम्मी का नाम अदिति है. उनकी उम्र 42 साल है. लेकिन वे 30 से ज्यादा की नहीं लगती हैं.
उनका फिगर 32-28-36 का है. वे पारदर्शी साड़ी पहनती हैं और नाभि से नीचे साड़ी को बांधती हैं.
पारदर्शी साड़ी के साथ टू बाय टू की रुबिया के झीने ब्लाउज में से उनकी ब्रा साफ दिखाई देती है.
उनकी थिरकती चूचियों और मटकती गांड को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.
मेरी एक बड़ी बहन है, जिसका का नाम दीपाली है.
वह मुझसे एक साल बड़ी है और वह भी बहुत सेक्सी दिखती है.
दीपाली के बाद मैं हूँ और मुझसे छोटी बहन है.
उसका नाम वर्षा है.
वह मुझसे एक साल छोटी है.
उसकी उम्र 18 साल की है. उसने अभी जवानी की दहलीज पर अपना पहला कदम रखा ही है.
उसके दूध मस्त गोरे हैं और बहुत ही कांटा आइटम है.
उसकी फूली हुई गांड के बीच की दरार को देखकर मेरा उसे चोदने का मन करता है.
मैंने कई बार उसकी ब्रा पैंटी को सूंघकर लंड हिलाया है.
उन दिनों मैं उसकी चूत और गांड में लंड डालने की प्लानिंग कर रहा था.
वैसे सपनों में तो मैं उसे कई बार चोद चुका था पर हकीकत में उसे चोदने में डर लगता था कि कहीं उसने शोर मचा दिया तो सारी इज्जत की मां चुद जाएगी.
यों तो हम दोनों काफी खुले हुए हैं और हमें एक दूसरे के सारे सीक्रेट पता हैं.
कभी कभी वह मुझे गले लगाती है, तो उसके दूध मेरे सीने से लग कर एक मीठी रगड़ दे जाते हैं.
मैं उसके चूतड़ भी सहला देता था.
उस वक्त मन ही मन मैं उसे चोदने का सोचने लगता था.
ऐसा लगता था कि इसे यहीं घोड़ी बना कर इसकी गांड मार दूं.
एक रात को हम सब मिलकर टीवी देख रहे थे और वह हमेशा की तरह मेरी बगल में बैठी टीवी देख रही थी.
मैं भी हमेशा की तरह उसकी टांग से टांग रगड़ कर मस्त हो गया था. मेरा हाथ भी उसकी टांग पर घूम रहा था.
उस दिन काफी रात हो गई थी तो हम सब सोने के लिए जाने लगे.
वर्षा मेरे साथ सोती थी.
मैं भी उसके सो जाने के बाद उसके दूध दबाता, गांड में लंड रगड़ता … लेकिन कभी चोद नहीं सका था.
एक दिन मम्मी और दीदी मौसी के घर निकल गईं वे दो दिन के लिए गई थीं.
कुछ देर बाद पापा भी ऑफिस के लिए निकल गए थे.
पापा को दारू पीने की आदत है और आज मम्मी के न होने से उनके लिए यह किसी त्यौहार के जैसा दिन था.
मैं जानता था कि पक्के में आज पापा दोस्तों के साथ अपनी महफ़िल जमाएंगे.
मुझे पूरी उम्मीद थी कि वे मुझे फोन करके घर आने से मना करेंगे.
वही हुआ भी … एक घंटा बाद उनका फोन आ गया कि वे ऑफिस के काम से बाहर जा रहे हैं और कल शाम तक या परसों वापस आ जाएंगे.
उनके फोन से मुझे बेहद खुशी हुई कि अब बहन की चूत चोदी जा सकती है.
अब घर मैं और वर्षा अकेले थे.
आज चुदाई का सही समय था.
मैं हॉल में टीवी देख रहा था और वर्षा कमरे में थी.
मैंने सोचा कि चल कर देखूँ कि वर्षा क्या कर रही है.
मैं कमरे में गया तो वर्षा तौलिया में मेरे सामने थी. वह नहा कर निकली थी.
उसकी तौलिया छोटी थी, जिससे उसके दूध दिख रहे थे.
उसने गुस्से से मुझे बाहर जाने को कहा, मैं बाहर आ गया.
लेकिन अब उसे चोदने का मन कर रहा था.
शाम हो गई, मैं छत पर बैठा था कि तभी वह आई.
वर्षा- सॉरी भैया, मैं आज आप पर चिल्लायी.
मैं- कोई बात नहीं. वैसे तुम बहुत खूबसूरत हो!
वर्षा- आपको कैसे पता कि मैं खूबसूरत हूं?
मैं- आज तुम्हें बिना कपड़ों के देखा, तब से जाना कि तुम बेहद खूबसूरत हो … आई लव यू वर्षा. सच में मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं.
मैंने न जाने किस आवेश में उससे यह कह तो दिया लेकिन मुझे डर लग रहा था कि अब वह क्या कहती है.
वह मेरी बात सुनकर मुस्कुरा दी और फिर एकदम से आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगी.
मैं भी उसका साथ देने लगा और उसके मम्मों को दबाने लगा.
हम दोनों की 5 मिनट के किस के बाद वह हट गई और शर्माने लगी.
मैंने उसकी तरफ देख कर उसे वापस अपनी गोदी में लेने के लिए हाथ बढ़ाया.
तो वह कहने लगी- आज रात को आपके लिए मेरे पास कुछ बहुत खास है.
मैं समझ गया कि आज मैं इसकी चूत का रस ले सकूँगा.
मैंने कहा- आज खाना मत बनाना, मैं बाहर से ले आऊंगा.
उसने पूछा- क्या पापा का खाना भी लेकर आओगे?
मैंने उसे आंख मारते हुए बताया- नहीं, आज पापा अपनी दारू के प्रोग्राम में व्यस्त रहेंगे शायद … उनका फोन आया था कि वे कल शाम तक वापस आएंगे या हो सकता है कि परसों ही घर आ पाएं!
यह सुनकर मेरी छोटी बहन मुस्कुरा दी और बोली- ओके, इस खबर के लिए अब आपको और भी बढ़िया उपहार मिलेगा.
मैं समझ गया कि शायद अब यह और ज्यादा कामुक होकर चुदना चाहती है.
कुछ देर बाद मैं बाजार गया और वहां से खाना पैक करवा कर मेडिकल स्टोर से सेक्स की गोली लेता हुआ घर के लिए निकल पड़ा.
घर वापस आया तो 8 बज गए थे.
मैं घर पहुंचा तो मैंने देखा कि वर्षा ने लाल रंग की शॉर्ट नाइटी पहन रखी थी.
उसने मुझे देख कर आंख मारी और पूछा- मैं कैस�� लग रही हूं?
मैं- बहुत सेक्सी लग रही हो मेरी जान!
यह कह कर मैं उस पर झपटने को हुआ.
वर्षा- चलो, पहले खाना खाना खाते हैं. आज की रात मैं तुम्हारी हूं, जो करना है … कर लेना.
फिर हम दोनों ने खाना खाया और मैं कमरे में गया.
मैंने देखा कि कमरा तो एकदम करीने से सजा हुआ था. उसने तकियों और कुशन से बेड सजाया था.
मैं मन ही मन खुश हुआ.
वर्षा- सजावट कैसी लग रही है?
मैं- अच्छी है, पर क्या तुम भी मुझसे प्यार करती हो!
वर्षा- मैं तो आपसे कबसे प्यार करती हूं, बस आप ही देर कर रहे थे.
मैं उसकी तरफ मादक भाव से देखने लगा.
मैं वर्षा को किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी.
कुछ देर बाद मैंने उसकी नाइटी उतार कर फेंक दी. उसने नाइटी के नीचे कुछ नहीं पहना था, शायद वह पूरी तरह नंगी होकर चुदवाना चाहती थी.
उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरा लंड चूसने लगी.
वह एकदम पेशेवर रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी.
उसका लंड चूसना देख कर मुझे संदेह हुआ कि कहीं इसकी चूत पहले से ही तो खुली हुई नहीं है!
पर अगले ही पल मैं शांत हो गया कि कमसिन लड़की की चूत को सीलबंद चूत समझ कर ही चोदना चाहिए.
मैंने उसके सर पर अपना हाथ रख कर उसे अपने लौड़े पर दबाते हुए कहा- मेरी रानी, इतना अच्छा लंड चूसना कहां से सीखा?
वर्षा- मैंने बहुत सारी पोर्न फिल्में देखी हैं. भैया मैं जानबूझ कर अपनी पैंटी और ब्रा बाथरूम में छोड़ देती थी ताकि आप उसे सूंघकर अपना लंड हिला सकें.
मैं- तुम मुझसे कबसे प्यार करती हो?
वर्षा- जब से मैंने आपका 7 इन्च लम्बा लंड देखा है, बस तभी से आपसे चुदवाना चाहती हूं.
यह कहते हुए उसने खड़े होकर अपनी सफ़ाचट चूत मुझे दिखाई.
मैंने उसकी चूत की महक को अपने नथुनों में भरा और कामोन्मत्त हो गया.
फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में हो गए.
वह मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत चाटने लगा.
कुछ मिनट बाद उसने मुझसे कहा- भाई, अब रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से अपना लंड डाल दो.
मैंने चुदाई की स्थिति बनाई और उसकी चूत की तरफ देखने लगा कि इतनी संकरी चूत में मेरा मूसल कैसे घुस सकता है.
तभी उसने मेरा लंड अपने हाथ से अपनी चूत पर सैट कर दिया.
मेरा सुपारा उसकी चूत की बंद लकीर पर मुँह मारने लगा.
वह भी सुपारे की गर्मी पाकर अपनी गांड हिलाती हुई मेरे लंड को अन्दर बुलाने लगी थी.
मुझसे रहा न गया और मैंने एक जोरदार धक्का लगा दिया.
शॉट एकदम सही समय पर और सही जगह पर लगा था तो करीब ढाई इंच लंड चूत को फाड़ कर अन्दर घुस गया था.
लंड क्या घुसा, उसकी तो चीख ही निकल गई.
उसकी चीख बता रही थी कि पक्का यह उसका पहली बार वाला हमला था.
मैं सजग हो गया और अन्दर ही अन्दर बेहद खुश भी हो गया था कि आज चूत फाड़ने का पहला मौका मिला है.
अब मैं उसे किस करने लगा और उसे सहलाने लगा, उसका एक दूध अपने मुँह में भर कर चूसने लगा.
अपने चूचे चुसवाने से उसे अच्छा लगने लगा.
थोड़ी देर बाद वह खुद अपनी कमर उठा कर लंड लेने लगी.
उसका दर्द कम हो गया था.
मैंने एक और जोरदार धक्का लगाया और अपना पूरा लंड उसकी चूत की जड़ तक उतार दिया.
उसकी दर्द भरी चीख निकल गई पर इस बार मेरे होंठ चूसने की वजह से आवाज नहीं निकल पाई.
इस बार मैंने बिना रुके धक्कों की स्पीड तेज कर दी.
उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे.
फिर 5 मिनट तक चुदाई के बाद उसे भी मजा आने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी- आह हहह हहह आज मेरी चूत फ़ाड़ कर इसका भोसड़ा बना दो … बड़ा मजा आ रहा है भैया … आहह आज मेरी चूत की माँ चुद गईई ईई आह.
मुझे अपनी बहन की चूत रगड़ने में बेहद सुकून मिल रहा था.
मैं भी सांड की तरह अपनी छोटी बहन को बकरी समझ कर चोदने में लगा हुआ था.
काफी देर की जोरदार चुदाई के बाद मैंने चूत से लंड निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया.
वह अच्छी तरह से लंड चूसने लगी.
मैंने उसके मुँह में ही जोर जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए और 5 मिनट बाद उसके मुँह में ही झड़ गया.
उस रात मैंने उसे 3 बार चोदा, दो बार उसकी चूत और एक बार गांड बजाई.
Xxx सिस फक के बाद हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए.
अगली सुबह मैं 12 बजे उठा.
तब तक वर्षा नहाकर तैयार हो गई थी.
उसने मुझे जगाया और एक किस किया.
मैं जागा तो उसने मुझसे फ्रेश होने को कहा.
उस दिन के बाद जब भी मौका मिलता, हम दोनों दबा कर चुदाई करते.
मैंने वर्षा की मदद से अपनी मम्मी को भी चोदा.
यह सब कैसे हुआ था, उसे मैं अपनी अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
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pinky-nayak-134 · 9 months
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#हिन्दू_भाई_संभलो
मुस्लिम धर्म प्रवक्ता जाकिर नायक कहता है कि मांस खाना अल्लाह का आदेश है जबकि वह खबर संत रामपाल जी महाराज कुरान तो रात बाइबल आदि में प्रमाण सहित बताते हैं कि मांस खाना अल्लाह का आदेश नहीं है बल्कि यह शैतान का आदेश है,
Hindu bhai dhokhe mein
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buzz-london · 2 years
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*हर घर में शबरी* पति के लिए जूस बनाया और जूस पीने से पहले ही पति की आंख लग गई थी। नींद टूटी,तब तक एक घंटा हो चुका था। पत्नी को लगा कि इतनी देर से रखा जूस कहीं खराब ना हो गया हो। उसने पहले जरा सा जूस चखा और जब लगा कि स्वाद बिगड़ा नहीं है, तो पति को दे दिया पीने को। सवेरे जब बच्चों के लिए टिफिन बनाया तो सब्जी चख कर देखी। नमक, मसाला ठीक लगा तब खाना पैक कर दिया। स्कूल से वापस आने पर बेटी को संतरा छील कर दिया। एक -एक परत खोल कर चैक करने के बाद कि कहीं कीड़े तो नहीं हैं,खट्टा तो नहीं है, सब देखभाल कर जब संतुष्टि हुई तो बेटी को एक एक करके संतरे की फाँके खाने के लिए दे दीं। दही का रायता बनाते वक्त लगा कि कहीं दही खट्टा तो नहीं हुआ और चम्मच से मामूली दही ले कर चख लिया। "हां ,ठीक है ", जब यह तसल्ली हुई तब ही दही का रायता बनाया। सासु माँ ने सुबह खीर खूब मन भर खाई और रात को फिर खाने मांगी तो झट से बहु ने सूंघी और चख ली कि कहीँ गर्मी में दिन भर की बनी खीर खट्टी ना हो गयी हो। बेटे ने सेंडविच की फरमाईश की तो ककड़ी छील एक टुकड़ा खा कर देखा कि कहीं कड़वी तो नहीं है। ब्रेड को सूंघा और चखा की पुरानी तो नहीं दे दी दुकान वाले ने। संतुष्ट होने के बाद बेटे को गर्मागर्म सेंडविच बनाकर खिलाया। दूध, दही, सब्जी,फल आदि ऐसी कितनी ही चीजें होती हैं जो हम सभी को परोसने से पहले मामूली-सी चख लेते हैं। कभी कभी तो लगता है कि हर मां, हर बीवी, हरेक स्त्री अपने घर वालों के लिए शबरी की तरह ही तो है। जो जब तक खुद संतुष्ट नहीं हो जाती, किसी को खाने को नही देती। और यही कारण तो है कि हमारे घर वाले बेफिक्र होकर इस शबरी के चखे हुए खाने को खाकर स्वस्थ और सुरक्षित महसूस करते हैं। हमारे भारतीय परिवारों की हर स्त्री शबरी की तरह अपने परिवार का ख्याल रखती है और घर के लोग भी शबरी के इन झूठे बेरों को खा कर ही सुखी, सुरक्षित,स्वस्थ और संतुष्ट रहते हैं। हर महिला को समर्पित सब अपने परिवार के लिये *"शबरी"* है। 🙏🙏
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kaminimohan · 1 year
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Free tree speak काव्यस्यात्मा 1405.
शाकाहार या माँसाहार
Veg or Non-veg
शिक्षा-चिकित्सा वार्ता
शिक्षार्थ प्रस्तुति -  कामिनी मोहन पाण्डेय।
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जो खाना हम खाते हैं, वो प्राण है। प्राण ही हमारा जीवन है। जीवन को बनाये रखने के लिये प्राण रूपी भोजन अति आवश्यक है। दूसरे जीवन के प्राण को समाप्त कर जो भजन ग्रहण किया जाता है, उस भोजन के साथ हम मनुष्यों का शरीर सही ढंग से व्यवहार नहीं करता है। जितना हमारा शरीर भोजन के स���थ संवेदनशील है, उतना ही प्रकृति में उत्पन्न होने वाले उद्भिज यानी पेड़-पौधे, शाक-सब्जियों, फल और फूल भी संवेदनशील है। हमारा प्रकृति के प्रति व्यवहार और भावना सही ढंग का होना चाहिए, यह वही सही ढंग है, जिस ढंग से ईश्वर ने मनुष्य के शरीर और प्रकृति को रचा है।
जिनके भी कान बाहर दिखाई देते हैं, वे पिण्डज यानी (गर्भ से उत्पन्न होनेवाले) होते हैं ये सभी बच्चे को जन्म देते हैं और जिन जीवों के कान बाहर नहीं दिखाई देते हैं वे अंडे देते हैं। जिन जीवों की आँखों की ऊपरी संरचना गोल होती है, वे सब माँसाहारी होते हैं, जैसे- कुत्ता, बिल्ली, बाज, चिड़िया, शेर, भेड़िया, चील आदि, तो ऐसे जीव जिसकी आँखे गोल हैं वे माँसाहारी ही होते हैं। ठीक उसी तरह जिनकी आँखों की बाहरी संरचना लंबी या लम्बाई में होती है। वे सभी जीव शाकाहारी होते हैं। जैसे - भैंस, हिरण, खरगोश, नीलगाय, गाय, हाथी, बैल, भैंस, बकरी कबूतर आदि। इनकी आँखों की बनावट गोल नहीं होती है। मनुष्य की भी आँखें गोल नहीं बल्कि लंबाई में होती है।
माँसाहारी जीवों के दाँत नुकीले होते है, जबकि शाकाहारी जीवों के दाँत चपटे होते हैं। जिन जीवों के नाखून तीखे नुकीले होते हैं, वे सभी माँसाहारी होते हैं, जैसे- शेर, चीता, सांप, बिल्ली, कुत्ता, बाज, गिद्ध आदि और जिन जीवों के नाखून चौड़े चपटे होते हैं वे सब के सब शाकाहारी होते हैं, जैसे - मनुष्य, गाय, घोड़ा, गधा, बैल, हाथी, ऊँट, हिरण, बकरी आदि। मनुष्य के नाखून तीखे नुकीले नहीं होते हैं बल्कि ये  चौड़े एवं चपटे होते हैं।
मांसाहारियों के लार अम्लीय (acidic) होते हैं, जबकि शाकाहारियों के मुँह के लार क्षारीय (alkaline) होते हैं। मांसाहारियों में कार्बोहाईड्रेट नहीं होता इस कारण मांसाहारियों की आंतों में बैक्टीरिया की किण्वन (Fermentation) क्रिया नहीं होती हैं। शाकाहारियों के आंतों में (Fermentation) होते हैं, जो कार्बोहाइडेट के पाचन में सहायक होते हैं। मांसाहारियों का रक्त अम्लीय (acidic) होता है, जबकि शाकाहारियों का रक्त क्षारीय (alkaline) होता है।
जिन जीवों को पसीना आता है, वे सभी जीव शाकाहारी होते हैं, जैसे- घोड़ा, बैल, गाय, भैंस, खच्चर आदि, जबकि माँसाहारी जीवों को पसीना नहीं आता है, इसलिए कुदरती तौर पर वे जीव अपनी जीभ निकाल कर लार टपकाते हुए हाँफते रहते हैं। इस प्रकार वे अपनी शरीर की गर्मी को नियंत्रित करते हैं। मनुष्य को भी पसीना आता है और वह अपने तापमान को जीभ निकालकर संतुलित नहीं करता है, इसका अर्थ है कि मनुष्य का शरीर पूर्ण रूप से शाकाहार के लिए सृजित किया गया है।
मांसाहारियों के खून के लिपो प्रोटीन अलग होते हैं। जबकि शाकाहारियों और मनुष्य के खून के लिपो प्रोटीन (lipo – protein) एक जैसे होते हैं।
मांसाहारियों की रीढ़ (spinal cord) की बनावट ऐसी होती है कि वे पीठ पर भार नहीं ढो सकते, जबकि शाकाहारी पीठ पर भार ढो सकते हैं।मांसाहारियों के श्वास की रफ्तार अधिक होती है जबकि शाकाहारियों की कम। मांसाहारी पानी भी कम पीते हैं, जबकि शाकाहारी ज़्यादा पानी पीते हैं।
शाकाहारी प्राणी रात में सोते हैं, दिन में जागते हैं जबकि मांसाहारी प्राणी ऐसा नहीं करते।
मांसाहार क्रूरता की निशानी है। जरूरत पड़ने पर मांसाहार जानवर अपने बच्चे को मारकर खा सकता है। शाकाहारी ऐसा नहीं करते। गुर्राने वाले सभी जानवर मांसाहारी होते हैं, जबकि शाकाहारी गुर्राते नहीं है। शाकाहारी घूंट-घूंट कर होठ बंद कर पानी पीते हैं जबकि मांसाहारी जीभ से चाट-चाट कर पानी पीते हैं। शाकाहारियों के संतान की आँखें पैदा होते ही खुलती हैं, बंद नहीं रहती, जबकि मांसाहारियों की दो से तीन दिनों तक बंद रहती है। सारे तथ्य मांसाहार और शाकाहार की प्रकृति को स्पष्ट करते हैं। वेज या नॉनवेज के टेस्ट की बात करें तो पता चलता है कि टेस्ट मांस का नहीं उसमें प्रयोग किए जाने वाले प्याज, लहसुन और विभिन्न प्रकार के मसालों के मिश्रण का स्वाद होता है, जो हमारे जीभ में पाए जाने वाले चार प्रकार के स्वाद कालिकाओं द्वारा ग्रहण किया जाता है।
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bandarrrrr · 1 year
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एक काम करते हैं
दो बातें करते हैं
तीन पल निकालते हैं
चार कदम साथ चलते हैं
पांच बजे अगले दिन तुम
छह नंबर की सड़क पर आना
तुमसे सात जनमो का वादा करना है
फिर आठ बरस बाद
रात के नौ बजे तुम मुझ्से पुछोगी की आऔ खाना खाते है
तो मै मुस्कुरा कर कहूंगा
नही रुको
एक काम करते हैं
दो बातें करते हैं
Amandeep Khayal
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sujit-kumar · 1 year
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कबीर बड़ा या कृष्ण Part 126
परमात्मा कबीर जी की भक्ति ��े हुए भक्तों को लाभ‘‘
’’परमात्मा ने की जीवन रक्षा‘‘
।। बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय ।।
मुझ दास का नाम रोहित दास पुत्र श्री रामबाबू दास ग्राम उदयपुरा जिला-रायसेन (मध्यप्रदेश) है। सतगुरु देव जी से नाम-उपदेश लेने से पहले मेरे घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। मेरी पत्नी बीमार रहती थी। इतनी परेशानियाँ होने के बावजूद भी हम देवी-देवताओं की भक्ति करते रहते थे। हम जयगुरुदेव पंथ से जुड़े हुए थे। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मेरी माता जी ने जयगुरुदेव पंथ में परमात्मा को पाने के लिए बहुत ही कठिन साधना की। 72 दिन तक भोजन नहीं किया। उनके हाथ-पैर पूर्ण रूप से काम करना बंद कर गए। उनकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि वह अपने हाथों से खाना भी नहीं खा पाती थी।
एक बार हम जयगुरूदेव मथुरा गए हुए थे। वहाँ पर संत रामपाल जी के भक्तों ने पुस्तकें वितरित की। कार्यक्रम के दौरान वहाँ पर उस पुस्तक के बारे में बताया कि कोई भी सदस्य इस पुस्तक को खोलकर न पढ़े। इसको पढ़ने से आपकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाएगी। ऐसा उन लोगों ने बोला और जो संत रामपाल जी के शिष्य जो वहाँ पुस्तक वितरित कर रहे थे, बाबा जयगुरूदेव के भक्तों ने उनको पकड़कर पीटा। सारी पुस्तकों को इकठ्ठा करके जला दिया। उसी समय दास के मन में आया कि आखिर इस पुस्तक में ऐसा क्या है? लेकिन मुझे वो पुस्तक प्राप्त नहीं हो पाई थी। कुछ समय बाद गाँव के एक भक्त ने ज्ञान गंगा पुस्तक लाकर दी। टी.वी. पर सत्संग भी दिखाया। ज्ञान समझकर दास उनके साथ सतलोक आश्रम बरवाला में आया और नाम-दीक्षा ली। दीक्षा लेने के बाद लाभ ही लाभ बढ़ते गए।
एक बार मेरी पत्नी (भक्तमति राधा) के सीने में तेज दर्द हुआ। मैंने कहा उपदेश लेने का, लेकिन उनको परमात्मा पर विश्वास नहीं था, परंतु दर्द बढ़ने पर उन्होंने सतलोक आश्रम बरवाला जाने का विचार किया। ठंड के दिन थे। ट्रेन में बहुत तेज ठण्ड लग रही थी। मेरी पत्नी ने मन ही मन कहा कि यदि परमात्मा हैं तो मुझे ठंड से बचाये। कुछ देर के बाद एक सफेद कंबल मेरी पत्नी के ऊपर आकर गिरा। मैंने पूछा कि यह कंबल किसका है? जितने भी लोग केबिन में बैठे थे, सभी ने मना कर दिया। मैंने कहा कि यह कंबल परमात्मा ने दिया है।
तब मेरी पत्नी को बरवाला आश्रम पहुँचने से पहले ही परमात्मा पर पूर्ण विश्वास हो गया और सतलोक आश्रम बरवाला पहँुचते ही उन्होंने नाम-उपदेश ले लिया। नाम-उपदेश के पश्चात् ही उनके सीने का दर्द भी ठीक हो गया।
सबसे बड़ा लाभ परमात्मा ने मेरे छोटे बेटे अरूण दास को नया जीवन दान देकर किया। उसे एक रात 10-11 बजे के आसपास अचानक सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। वह पूरा पसीने से भीग गया और बैड से नीचे गिर गया। बेटे की हालत देखकर तो मैंने उसे मृत ही मान लिया था। मेरी बेटी ने कहा कि सतगुरु देव जी से अरदास लगा लो। मैंने कहा कि रात 11ः00 बजे अरदास नहीं लगती और मेरे पास आश्रम में अरदास लगाने का नम्बर भी नहीं है। मेरी बेटी ने मोबाइल से संभाग काॅर्डिनेटर से अरदास का मोबाइल नंबर लेकर सतगुरु देव जी से अरदास लगाई। अरदास लगाने के बाद बेटा सांस लेने लगा। हम उसे तुरंत हाॅस्पिटल लेकर गये। उन्होंने कहा कि आपके पास 1 घंटा है।
यह कहकर दूसरे हाॅस्पिटल में रैफर कर दिया। लेकिन वहाँ पर भी एक बोतल लगाकर तीसरे हाॅस्पिटल में रैफर कर दिया। वहाँ पर 15 दिन तक मेरे बेटे को आॅक्सीजन लगी रही। उसके बाद सारी रिपोर्ट नाॅर्मल आ रही थी। डाॅक्टर भी हैरान थे। उनको समझ नहीं आ रहा था कि बीमारी क्या है?
रिपोर्ट सारी नाॅर्मल आ रही हैं। यह बहुत बड़ा चमत्कार मालिक ने किया, लड़का पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया।
सतगुरु जो चाहे सो करहीं, चैदह कोटि दूत जम डरहीं।
ऊत भूत जम त्रास निवारैं, चित्र-गुप्त के कागज फारैं।।
एक बार मेरा बड़ा बेटा तरूण दास काॅलेज से घर आ रहा था। उसकी बस का एक्सीडेन्ट हो गया जिसमें तीन बच्चों की मृत्यु हो गयी। लेकिन मेरे बेटे को मामूली खरोंचें ही आई और मेरे बेटे को परमात्मा ने नया जीवन दान दिया।
सतगुरु ��ामपाल जी महाराज जी से नाम-उपदेश लेने के बाद अब मेरी माता जी के भी हाथ काम करने लगे हैं। अब वे अपने हाथों से खाना खा पाती हैं। आज परमात्मा से नाम-उपदेश लेने के पश्चात् हमारी आर्थिक स्थिति बिल्कुल ठीक है तथा हम सपरिवार पूर्ण रूप से ठीक हैं तथा परमात्मा की भक्ति कर रहे हैं। आप सभी से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि पूर्ण परमात्मा धरती पर सतगुरु रामपाल जी महाराज के रूप में आए हुए हैं। उन्हें पहचानें तथा नाम-उपदेश लेकर अपना कल्याण कराएँ तथा जन्म-मरण से छुटकारा पाएँ।
।। सत साहिब ।।
भक्त रोहित दास
ग्राम-उदयपुरा, जिला रायसेन (मध्यप्रदेश)
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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rush2crush · 1 year
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पिंजरे का परिंदा
मेरे घर बचपन में एक पंछी आया था जिसे घर के सभी लोग प्यार से मिठ्ठू तोता कहकर बुलाते थे। मेरी दीदी को तोता देते हुए पिता जी उससे बोले "देखो बेटा! काफ़ी मोल भाव करने के बाद बाज़ार से यह तोता खरीद कर लाया हूं। इस बार अगर यह तोता पिंजरे से उड़ा तो मैं फिर कभी भी नहीं लाऊंगा। भला गुड़िया दीदी को इन सब बातों से क्या लेना देना था । वह तो सिर्फ मिठ्ठू के साथ खेलने में व्यस्त थी,लेकिन मां और घर के सभी सदस्य पिता जी की बातों को समझ रहे थे इसलिए इस बार एक नया पिंजरा भी मंगवा कर रख लिया गया था। तोता का पिंजरा इतना प्यारा और अनोखा लग रहा था जिसे देखकर मेरी आंखें भी खुशी से चमक रही थी। घर के सभी लोग उसे स्नेह से पालने लगे और उसका ख्याल भी रखा जाने लगा । मिठ्ठू को समय पर पानी,फल,मिर्च और खाना देना घर के सभी लोगों की जिम्मेवारी बन गई थी। गुड़िया दीदी हर रोज मिठ्ठू को देखकर सोती थी और उसे जागने के बाद दिन भर निहारा करती थी। ऐसा इसलिए क्योंकि मिठ्ठू तोता अब गुड़िया कटोरे कटोरे बोलने लगा था। हर रोज मिठ्ठू तोता को पिंजरा में खाना मिलता और उसे खाकर दिन भर वो गुड़िया कटोरे कटोरे बोलता रहता था। कुछ सालों तक यह सिलसिला चलता रहा,लेकिन एक दिन अचानक सुबह सुबह गुड़िया दीदी जोर जोर से रोने लगी उसकी आवाज़ को सुनकर घर के सभी लोग बाहर आंगन में आकर देखा तो वे सब लोग हतप्रभ रह गए। गुड़िया उस पिंजरे को अपने सीने से लगाकर जोर जोर से रो रही थी। उसकी आवाज़ में इतनी करुणा और ममता भरी हुई थी कि आस पास के लोग भी कारण जानने के लिए मेरे आंगन में पहुंच गए। अब घर व बाहर के लोग यह जान गए थे कि बात उस पिंजरे वाले तोते की है जो कल रात पिंजरे को तोड़कर कहीं उड़ गया। सब लोग मेरी दीदी को समझा रहे थे तभी पिता जी को आंगन में आता हुआ देखकर उनके पास जाकर मै लिपट कर रोते हुए कहा "पापा यह तोता हर बार क्यूं भाग जाता है, तब उन्होंने हम दोनों भाई बहन को गोद में बैठकर एक कविता सुनाया: हम पंछी उन्मुक्त गगन के पिंजरबद्ध न गा पाएँगे, कनक-तीलियों से टकराकर पुलकित पंख टूट जाएंगे।
नीड़ न दो चाहे टहनी का, आश्रय छिन्न-भिन्न कर डालो, लेकिन पंख दिए हैं तो, आकुल उड़ान में विघ्न न डालो।”
शिव मंगल सिंह सुमन द्वारा रचित उस कविता का अर्थ उस वक्त नहीं बल्कि ज्ञान होने पर समझ में आया लेकिन साथ ही साथ मेरे हृदय में एक भाव भी जागा कि आख़िर क्यूं? कोई पंछी गुलामी के पिंजरों में बंधकर नहीं रहना चाहता है। इस भाव को सार्थकता प्रदान करने के लिए मैंने भी एक तोता पाला। जिसकी तस्वीर आज देखकर मुझे मेरे बचपन के तोते की कहानी याद आ गई।संभवतः इस तोते से एक ऐसा लगाओ बन गया था जो मेरी कदमों की आहट सुनकर जोर जोर से मेरा नाम पुकारने लगता था। लोगों को आश्चर्य तब होता था जब वह पूरे आसमान को छूने के बाद भी मेरे छत पर आकर बैठ जाता और मैं खुशी से फूलते हुए पिता जी से कहता था "देखिए मेरा तोता कहीं नहीं भागता है", लेकिन एक दिन ऐसा आया जब वह पिंजरा से बाहर तो निकल जाता था लेकिन उसके उड़ने की जिज्ञासा शांत हो गई थी,कारण जानने के बाद मालूम चला एक दिन मिठ्ठू घायल होकर आसमान से मेरे ही छत पर आ गिरा था। यह सुनकर उस वक्त अपनी पीड़ा से मैं खुद मुक्त नहीं हो पा रहा था ऐसा लग रहा था मानो मेरी जिद्द ने एक आजाद परिंदे को गुलाम बना लिए हों। मेरे लाख कोशिशों के बाद भी वह तोता आसमान की ओर फिर कभी नहीं देखा और अंततः उसने उसी पिंजरे में अपना दम तोड दिया जिसमें उसे कैद करके कई बरसों तक मैंने रखा था। ये सोचकर कि अगर प्यार और स्नेह मिले तो गुलामी की जंजीरें से बंधकर भी पंछी और आदमी जी सकता है,लेकिन शायद मैं गलत था बिल्कुल गलत था।
@अनजान मुसाफ़िर
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sirfdabba · 1 year
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वो पढ़ाना भूल जाते है, की बड़ा होना कितना मुश्किल होता है।
पानी बॉटल अपने आप नही भरती, चलना पड़ता है, उसे कूलर से भरना पड़ता है, शाम को मच्छर आते है, याद करके खिड़की को बंद करना पड़ता है।
चाहे सोमवार हो, रविवार हो, उठना पड़ता है, खाना टाइम पे लगता है, टाइम पे खाना पड़ता है।
की घर अब घर न रहा, ऊंची आवाज में घर को समझना पड़ता है, नया घर बना लिया है तुमने, कुछ झूठ बोल दिल को सहलाना पड़ता है।
"मेरे कमरे" के सुकून को भूलाना पड़ता है, नए कमरे को अपनाना पड़ता है, एक बड़ी जंग है - पर, देर लेकर ही सही, उसे भी सुकून बनाना पड़ता है।
खुद ही को लोरी गाना पड़ता है, गीली आंखों को सुलाना पड़ता है, सफेद कपड़ों को अलग से धोना पड़ता है, निचोड़ना पड़ता है, उन्हें सुखाना पड़ता है।
कपड़ो को समेटना पड़ता है, कुर्सी से बेड, बेड से कुर्सी और किसी दिन अलमारी में रखना पड़ता है, मां पापा नही आते उठाने, चाहे दस अलार्म बंद कर दो, पर आखिर में, खुद ही खुद को जगाना पड़ता है।
आंसू पीना एक कला है, आंसुओ को पीना पड़ता है, किसी रात चिल्लाकर रोने का मन करे भी तो, बगल वाली बेड पे सोए इंसान की नींद का खयाल करना पड़ता है, तकिए का सहारा लेना पड़ता है, बिना आवाज किए आंसुओ को बहाना पड़ता है।
तुम आंसू पीने के लिए रुक नही सकते, यहां दौड़ना पड़ता है, दौड़ते रहना पड़ता है, कब चलना है, कब रुकना है, कब रेंगना है, कब सोना है, सब कुछ फीर से सीखना पड़ता है।
बेडशीट को भी धोना पड़ता है, मोजों को ठीक से रखना पड़ता है, अलमारी पे, दरवाजे पे, आलस पे, जज्बातों पे, ताला लगाना पड़ता है, चाबी को संभालना पड़ता है।
मोबाइल चार्ज रखना पड़ता है, तस्वीरों से मन भरना पड़ता है, घरपे बात करना पड़ता है, मनगढ़ी रटी दिनचर्या को सुनना पड़ता है, मुस्कुराना पड़ता है, मुस्कुराना सीखना पड़ता है।
लोग बहुत है आस पास, उन्ही लोगो में एक तुम भी हो, ढूंढना पड़ता है, टटोलना पड़ता है, उस भीड़ में खुद ही खुदको खोजना पड़ता है।
शायद सिलेबस कंप्लीट कर नही पाते है, वो पढाना भूल जाते है, की बड़ा होना कितना मुश्किल होता है।
~संस्कृति
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astrovastukosh · 3 days
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*🌞~ आज दिनांक - 22 सितम्बर 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग, सटीक गणना के साथ और रविवार विशेष~🌞*
✍️ Akshay Jamdagni
*⛅दिनांक - 22 सितम्बर 2024*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - आश्विन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - पंचमी दोपहर 03:43 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र - कृत्तिका रात्रि 11:02 तक तत्पश्चात रोहिणी*
*⛅योग - हर्षण प्रातः 08:18 तक, तत्पश्चात वज्र प्रातः 05:28 सितम्बर 23 तक, तत्पश्चात सिद्धि*
*⛅राहु काल - श��म 05:05 से 06:36 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:32*
*⛅सूर्यास्त - 06:32*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:41 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:08 से दोपहर 12:56 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:08 सितम्बर 23 से रात्रि 12:56 सितम्बर 23 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - पंचमी श्राद्ध, रवि योग (रात्रि 11:02 से प्रातः 06:29 सितम्बर 23 तक)*
*⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹इलायची🔹*
*🔹इलायची औषधीय रूप से अति महत्त्वपूर्ण है । यह दो प्रकार की होती है – छोटी व बड़ी ।*
*🔹छोटी इलायची : यह सुंगधित, जठराग्निवर्धक, शीतल, मूत्रल, वातहर, उत्तेजक व पाचक होती है । इसका प्रयोग खाँसी, अजीर्ण, अतिसार, बवासीर, पेटदर्द, श्वास ( दमा ) तथा दाहयुक्त तकलीफों में किया जाता है ।*
*🔹औषधीय प्रयोग🔹*
👉🏻 *अधिक केले खाने से हुई बदहजमी एक इलायची खाने से दूर हो जाती है ।*
👉🏻 *धूप में जाते समय तथा यात्रा में जी मिचलाने पर एक इलायची मुँह में डाल दें ।*
👉🏻 *१ कप पानी में १ ग्राम इलायची चूर्ण डाल के ५ मिनट तक उबालें । इसे छानकर एक चम्मच शक्कर मिलायें । २ – २ चम्मच यह पानी २ – २ घंटे के अंतर से लेने से जी – मिचलाना, उबकाई आना, उलटी आदि में लाभ होता है ।*
👉🏻 *छिलके सहित छोटी इलायची तथा मिश्री समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें । चुटकीभर चूर्ण को १ -१ घंटे के अंतर से चूसने से सूखी खाँसी में लाभ होता है । कफ पिघलकर निकल जाता है ।*
👉🏻 *रात को भिगोये २ बादाम सुबह छिलके उतारकर घिस लें । इसमें १ ग्राम इलायची चूर्ण, आधा ग्राम जावित्री चूर्ण, १ चम्मच मक्खन तथा आधा चम्मच मिश्री मिलाकर खाली पेट खाने से वीर्य पुष्ट व गाढ़ा होता है ।*
👉🏻 *आधा से १ ग्राम इलायची चूर्ण का आँवले के रस या चूर्ण के साथ सेवन करने से दाह, पेशाब और हाथ-पैरों की जलन दूर होती है ।*
👉🏻 *आधा ग्राम इलायची दाने का चूर्ण और १-२ ग्राम पीपरामूल चूर्ण को घी के साथ रोज सुबह चाटने से ह्रदयरोग में लाभ होता है ।*
👉🏻 *छिलके सहित १ इलायची को आग में जलाकर राख कर लें । इस राख को शहद मिलाकर चाटने से उलटी में लाभ होता है ।*
👉🏻 *१ ग्राम इलायची दाने का चूर्ण दूध के साथ लेने से पेशाब खुलकर आती है एवं मूत्रमार्ग की जलन शांत होती है ।*
*सावधानी : रात को इलायची न खायें, इससे खट्टी डकारें आती है । इसके अधिक सेवन से गर्भपात होने की भी सम्भावना रहती है ।*
*🔹 रविवार विशेष🔹*
*🔸 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🔸 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
*🔸 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
*🔸 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*
*🔸 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*
*🔸 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*
*🔸 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*
*🔸 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*
🙏Akshay Jamdagni ✍️
#akshayjamdagni #astrovastukosh #astroakshay #hindu
#ujjain
#panchang
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coolheadofficial · 4 days
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माँ: "बेटी, खाना खा लो।"
बेटी: "नहीं खाना, माँ, पहले ही लेट हो गई हूँ।"
माँ: "खा के जा, एक तो पहले 12 बजे उठती हो, रात भर तुम्हारे फोन में टिक-टिक चलता रहता है।"
बेटी: "माँ, ऐसे IAS-IPS थोड़ी बन पाऊँगी। जिन शब्दों का मतलब नहीं पता होता, Google करती हूँ। कोई बॉयफ्रेंड नहीं है मेरा, तुम्हारे ताने सब समझ में आते हैं।"
माँ: "बड़ी आई IAS-YAS। लड़का देख लिया है हमने तुम्हारे लिए।"
बेटी: "माँ, सुबह-सुबह फालतू बातें मत किया करो।"
माँ: "तुम्हारे भले के लिए ही बोल रहे हैं, एक बार उम्र निकल गई तो अच्छा लड़का नहीं मिलेगा तुम्हें।"
बेटी: "तुम कर लो अपनी शादी फिर से पापा के साथ, तुम्हारा भी कुछ ठीक नहीं चल रहा।"
माँ: "तुम्हारे पापा को तो इकलौती बेटी की कोई फिक्र ही नहीं है। बस सुबह का अखबार लेकर बैठ जाते हैं, कुछ बात करो तो चाय बनाने के लिए बोल देते हैं।"
सुखदेव सिंह: "काहे उसके पीछे पड़ी रहती हो, बात तो हुई थी कि ये इसका आखिरी साल है परीक्षा का। इसके बाद..."
(घर के बाहर से किसी लड़की की आवाज़ आती है) लड़की: "अंजू... अंजू..."
बेटी: "माँ, देखा चीकू आ गई है, तुम्हारे चक्कर में हम लेट हो जाते हैं।"
माँ: "बेटी, थोड़ा कुछ खा के जा, बचपन से ही तुम्हारे शरीर में कमजोरी लगती है।"
बेटी: "तिंडे बना-बना कर रख देती हो, कुछ अच्छा बनाओ तो लगे।"
माँ: "बचपन से टूथपेस्ट खाने की आदत लगी हुई है तुम्हें।"
बेटी: "मुझे कोई आदत नहीं लगी है। बचपन में थोड़ा ज्यादा टूथपेस्ट क्या लगा लिया, तुमने तो हद कर दी।"
माँ: "मुँह में जगह-जगह हो जाता था तुम्हारा। सुबह उठो तो लगे कि मौत तो नहीं हो गई इस लड़की की।"
सुखदेव सिंह (चीकू से): "बेटी, बैठ जा। सोयाबीन काटना शुरू किया कि नहीं?"
चीकू: "नहीं ताऊ, हाहाहा टूथपेस्ट खाने की आदत"
बेटी: "नहीं तो आज ही मर जाऊँ टूथपेस्ट खा-खा के, तब भी तुम्हें शांति नहीं मिलेगी।"
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Balanced Diet Chart : क्या आप जानते हैं, सुबह के नास���ते से लेकर रात के भोजन तक का संतुलित आहार क्या हैं
Balanced Diet Chart, आज के समय में वर्क और लाइफ को बैलेंस करना काफी मुश्किल हो गया है। एक अच्छा जीवन जीना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही जरूरी एक स्वस्थ और स्थाई जीवन शैली का पालन करना भी है। लेकिन व्यस्त वर्कहॉलिक् लोगों के पास सुकून से बैठकर खाना खाने का समय भी नहीं होता। अगर आप भी वर्कहॉलिक है तो आपको ध्यान देना चाहिए क्योंकि तनाव में लंबे समय तक काम करना और अनियमित समय पर भोजन करना आपका मूड को प्रभावित कर सकता है। Read more
#Diet Chart
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sharpbharat · 1 month
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Jamshedpur border area suicide - कपाली में युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, नशे का आदि था मृतक
कपाली : जमशेदपुर से सटे सरायकेला जिला के चांडिल अनुमंडल के कपाली ओपी अंतर्गत मिल्लत नगर रोड नंबर एक में एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. युवक की पहचान मोहम्मद सरफराज (40) पिता मोहम्मद सिकंदर बताया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार युवक नशे का आदि था. बीती रात खाना- पीना खाकर सोने गया सुबह जब परिजन जगाने गए तो देखा युवक फंदे से झूल रहा है. (नीचे भी पढ़ें) परिजनों ने इसकी सूचना पड़ोसियों के…
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dkkansal · 1 month
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Effective Weight Loss Tips for Individuals Over 30: उम्र बढ़ने के साथ वजन कम करने के आसान तरीके जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारे शरीर और स्वास्थ्य में कई बदलाव आ जाते हैं। विशेष रूप से 30 साल की उम्र के बाद वजन बढ़ना एक आम समस्या बन जाती है। इस उम्र में वजन कम करना अक्सर चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सही डायट और लाइफस्टाइल चेंजेज के साथ आप इसे मैनेज कर सकते हैं। इस आर्टिकल में, हम कुछ महत्वपूर्ण टिप्स शेयर करेंगे जिन्हें अपनाकर आप अपने वजन को कंट्रोल कर सकते हैं और शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। 1. प्रोटीन रिच डायट (Protein-Rich Diet) जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हमारे मेटाबोलिज्म में गिरावट आती है और मसल्स की मात्रा भी कम होती है। इस समस्या का समाधान करने के लिए, अपनी डायट में प्रोटीन को शामिल करें। प्रोटीन से भरपूर आहार से मसल्स बनाए रखने में मदद मिलती है और मेटाबोलिज्म को भी बढ़ावा मिलता है। प्रोटीन आपके पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे बार-बार भूख लगने की समस्या कम होती है। अपने आहार में चना, दालें, अंडे, चिकन, मछली, और दही जैसे प्रोटीन स्रोतों को शामिल करें। 2. कार्ब्स और शुगर इन्टेक पर ध्यान दें (Monitor Carbs and Sugar Intake) रिफाइंड कार्ब्स और अतिरिक्त शुगर वजन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये न केवल वजन बढ़ाते हैं बल्कि आपके शरीर में एनर्जी की कमी भी कर सकते हैं। रिफाइंड कार्ब्स की जगह पर कॉम्प्लेक्स कार्ब्स जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, और क्विनोआ का सेवन करें। इसके अलावा, अपने डायट से शुगर की मात्रा को कम करें। 3. एक बार में कितना खाएं इस बात पर ध्यान दें (Pay Attention to Portion Sizes) 30 की उम्र के बाद आपके शरीर को कितनी कैलोरी की जरूरत होती है, इसमें बदलाव आ जाता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप एक बार में कितनी कैलोरी लें, इस पर ध्यान दें। खाना खाते समय अपनी भूख और पेट की फीलिंग पर ध्यान रखें। छोटे और नियमित भोजन से भरपेट रहने का एहसास होगा और आप ओवरईटिंग से बच सकेंगे। 4. शराब का सेवन कम करें (Reduce Alcohol Consumption) 30 की उम्र के बाद भारी मात्रा में शराब पीने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें डाइबीटिज, हाई ब्लड प्रेशर, और मूड स्विंग्स शामिल हैं। जब आप वजन कम करने के लिए डायट चार्ट तैयार करें, तो शराब का सेवन जितना हो सके उतना कम करें। शराब के कैलोरी काउंट को ध्यान में रखते हुए, इसे सीमित मात्रा में ही लें। 5. नियमित व्यायाम और फिटनेस (Regular Exercise and Fitness) वजन कम करने और शरीर को फिट रखने के लिए सिर्फ डायट ही पर्याप्त नहीं होता। नियमित व्यायाम करना भी आवश्यक है। कार्डियो, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, और योग को अपने वर्कआउट रूटीन म���ं शामिल करें। 30 की उम्र के बाद मेटाबोलिज्म को बनाए रखने और वजन घटाने के लिए व्यायाम महत्वपूर्ण है। यह न केवल कैलोरी बर्न करने में मदद करता है, बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। 6. पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन (Adequate Sleep and Stress Management) नींद और तनाव भी वजन नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अपर्याप्त नींद और उच्च तनाव स्तर आपके मेटाबोलिज्म को प्रभावित कर सकते हैं और वजन बढ़ा सकते हैं। हर रात 7-8 घंटे की नींद लें और तनाव को प्रबंधित करने के लिए मेडिटेशन, गहरी सांस लेने की तकनीकें, और नियमित व्यायाम का सहारा लें। 7. हाइड्रेशन का ख्याल रखें (Maintain Proper Hydration) पानी का सेवन भी वजन कम करने में सहायक होता है। पर्याप्त पानी पीने से आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखा जाता है और मेटाबोलिज्म को बढ़ावा मिलता है। दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की आदत डालें। इसके अलावा, जूस और सॉफ्ट ड्रिंक की जगह पानी को प्राथमिकता दें। 8. हेल्दी स्नैक्स का चयन करें (Choose Healthy Snacks) भूख लगने पर अस्वस्थ स्नैक्स की बजाय हेल्दी विकल्प चुनें। जैसे कि नट्स, बीज, ग्रीक योगर्ट, और फल। ये स्नैक्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और वजन कम करने में मदद करते हैं। 9. डायट में विविधता रखें (Maintain Variety in Your Diet) एक ही प्रकार के खाद्य पदार्थों को बार-बार खाने की बजाय अपने डायट में विविधता लाएं। विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां, और प्रोटीन स्रोतों को शामिल करें। यह न केवल आपके आहार को संतुलित बनाए रखने में मदद करेगा बल्कि शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व भी मिलेंगे। 30 साल की उम्र के बाद वजन कम करना एक चुनौती हो सकता है, लेकिन सही डायट और लाइफस्टाइल चेंजेज के साथ इसे मैनेज किया जा सकता है। प्रोटीन रिच डायट, कार्ब्स और शुगर इन्टेक पर ध्यान, सही पोर्शन साइज, शराब का सेवन कम करना, और नियमित व्यायाम जैसी आदतें अपनाकर आप स्वस्थ और फिट रह सकते हैं।
आशा है कि ये टिप्स आपकी वजन कम करने की यात्रा में सहायक साबित होंगे। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप न केवल अपना वजन कंट्रोल कर सकते हैं बल्कि अपनी सेहत को भी बेहतर बना सकते हैं।
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always-best-wishes · 1 month
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अपनी पत्नी का जन्मदिन कैसे मनाएँ: 10 Idea  🎂🎉
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आपकी पत्नी का जन्मदिन उसे यह दिखाने का एक बेहतरीन अवसर है कि वह आपके लिए कितनी मायने रखती है और उसे वास्तव में विशेष महसूस कराती है।
चाहे यह एक भव्य इशारा हो या एक सरल, हार्दिक उत्सव, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप इसमें कितना प्यार और प्रयास लगाते हैं।
अपनी पत्नी का जन्मदिन मनाने और इसे एक ऐसा दिन बनाने के लिए यहाँ दस रचनात्मक विचार दिए गए हैं जिसे वह कभी नहीं भूलेगी। 💖🎁
1. सरप्राइज़ गेटअवे की योजना बनाएँ 🏖️✈️
अपनी पत्नी का जन्मदिन मनाने का सबसे अच्छा तरीका है उसे सरप्राइज़ गेटअवे पर ले जाना।
चाहे वह एक आरामदायक केबिन, एक बीच रिज़ॉर्ट या उसके सपनों के शहर में सप्ताहांत हो, दृश्यों का परिवर्तन आपको दोनों को आराम करने और एक-दूसरे की कंपनी का आनंद लेने का मौका देगा।
आश्चर्य का तत्व जोड़ने के लिए गंतव्य को तब तक गुप्त रखें जब तक आप वहाँ न पहुँच जाएँ! ✨
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2. दोस्तों और परिवार के साथ सरप्राइज़ पार्टी होस्ट करें 🎈🎉
अपने सबसे करीबी दोस्तों और परिवार के साथ सरप्राइज़ बर्थडे पार्टी देना उसके दिन को अविस्मरणीय बना सकता है।
आप जगह को उसके पसंदीदा रंगों से सजा सकते हैं, उसके पसंदीदा व्यंजन बना सकते हैं और उसके पसंदीदा गानों की प्लेलिस्ट बना सकते हैं।
प्रियजनों की मौजूदगी, साथ ही सरप्राइज़ का तत्व, उसे लाड़-प्यार और जश्न मनाने का एहसास कराएगा।
3. घर पर रोमांटिक डिनर प्लान करें 🍽️🍷
अगर आपकी पत्नी अंतरंग पलों का आनंद लेती है, तो क्यों न उसका पसंदीदा खाना बनाकर घर पर रोमांटिक डिनर का आयोजन करें? मोमबत्तियों, मधुर संगीत और खूबसूरती से सजी हुई मेज के साथ एक आरामदायक माहौल बनाएँ।
आप उसके लिए कोई खास मिठाई भी बना सकते हैं या उसका पसंदीदा केक मंगवा सकते हैं। यह इशारा उसे दिखाएगा कि आपने उसके जन्मदिन को खास बनाने के लिए समय और मेहनत लगाई है। 💕🍰
4. उसे कोई सार्थक उपहार दें 🎁💍
जबकि भौतिक उपहार ही सब कुछ नहीं होते, अपनी पत्नी को कुछ ऐस�� देना जो भावनात्मक मूल्य रखता हो, बहुत सार्थक हो सकता है।
एक व्यक्तिगत आभूषण, एक फोटो एलबम जिसमें आप दोनों के साथ यात्रा का विवरण हो, या अपनी भावनाओं को व्यक्त करने वाला एक हस्तलिखित पत्र, एक स्थायी प्रभाव छोड़ेगा।
उपहार के पीछे का विचार और भावना ही इसे वास्तव में विशेष बनाती है।
5. स्पा डे की योजना बनाएं 🛀🌸
अपनी पत्नी को स्पा में एक आरामदायक दिन दें, जहाँ वह आराम कर सकती है और कुछ लाड़-प्यार का आनंद ले सकती है। मालिश, फेशियल और मैनीक्योर जैसे उपचारों के लिए एक पूरा दिन बुक करें।
आप आराम करने के लिए कपल्स स्पा सेशन में भी उसके साथ शामिल हो सकते हैं। यह उसके खास दिन पर उसे तरोताजा और प्यार महसूस कराने का एक सही तरीका है।
6. बर्थडे स्कैवेंजर हंट बनाएँ 🔍🎉
एक रोमांचकारी मोड़ के लिए, एक स्कैवेंजर हंट बनाएँ जो आपकी पत्नी को पूरे दिन विशेष स्थानों या उपहारों तक ले जाए। प्रत्येक सुराग आपके द्वारा साझा की गई याद, एक छोटा सा उपहार या एक ऐसी जगह की ओर ले जा सकता है जो भावनात्मक मूल्य रखती है।
यह इंटरैक्टिव उत्सव उसके जन्मदिन में उत्साह और विचारशीलता जोड़ता है, जिससे यह दिन आश्चर्य और खुशी से भरा होता है।
7. उसे शॉपिंग पर ले जाएं 🛍️👗
अगर आपकी पत्नी को शॉपिंग करना पसंद है, तो क्यों न उसे शॉपिंग पर ले जाएं? उसे वह सामान चुनने दें जो उसे पसंद है या उसे उसके पसंदीदा स्टोर पर जाकर सरप्राइज दें।
आप दिन का अंत उसके पसंदीदा रेस्टोरेंट में लंच या डिनर करके कर सकते हैं, जिससे यह एक मजेदार और आनंददायक बर्थडे अनुभव बन जाएगा।
8. एक खास डेट नाइट का आयोजन करें 🌙🍾
उसे एक असाधारण डेट नाइट पर ले जाएं जिसे वह कभी नहीं भूलेगी। यह एक शानदार रेस्टोरेंट में एक शानदार डिनर, थिएटर में एक रात या एक सुंदर सूर्यास्त क्रूज हो सकता है।
उसकी पसंद चाहे जो भी हो, महत्वपूर्ण बात यह है कि एक ऐसी रात की योजना बनाएं जो आपकी नियमित दिनचर्या से अलग हो, जिससे उसे विशेष और प्रिय महसूस हो।
9. उसे एक प्रेम पत्र या कविता लिखें 💌📜
कभी-कभी सबसे सार्थक उपहार वे होते हैं जो सीधे दिल से आते हैं। अपनी पत्नी को एक प्रेम पत्र या एक कविता लिखें जो उसके लिए आपकी भावनाओं को व्यक्त करे।
साथ में अपने सफ़र पर विचार करें और उसे बताएं कि वह आपके लिए कितनी मायने रखती है। उसके जन्मदिन पर दिल से लिखे गए शब्द पढ़ना उसे गहराई से छू जाएगा और दिन को और भी यादगार बना देगा।
10. “मेमोरी लेन” वॉक बनाएँ 🌸📸
अपने घर या किसी खास जगह पर अपने रिश्ते से जुड़ी तस्वीरें, नोट्स और छोटी-छोटी यादें सजाकर यादों की गलियों में सैर करें।
आप उसे हर खास पल के बारे में बता सकते हैं, उनके पीछे की कहानियों और यादों को याद कर सकते हैं।
यह भावुक उत्सव उसे आपके द्वारा साझा की गई शानदार यात्रा और हर गुजरते साल के साथ मजबूत होते बंधन की याद दिलाएगा।
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अपनी पत्नी का जन्मदिन मनाने का मतलब है उसे मूल्यवान, सराहनीय और प्यार महसूस कराना।
चाहे सरप्राइज गेटअवे जैसे भव्य इशारों के माध्यम से हो या दिल से लिखे गए प्रेम पत्र जैसे सरल क्षणों के माध्यम से, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपके प्रयास यह दिखाते हैं कि आप उसकी कितनी परवाह करते हैं।
इन विचारशील विचारों के साथ, आप एक ऐसा जन्मदिन का अनुभव बनाएंगे जिसे वह हमेशा संजो कर रखेगी। 🎉🎈💖
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