Tumgik
#रथसप्तमी2020
chaitanyabharatnews · 5 years
Text
आज रथ सप्तमी, इस विधि से करें सूर्य देव की आराधना, मिलेगा शुभ फल
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रथ सप्तमी का त्योहार मनाया जाता है। इस सप्तमी को अचला सप्तमी और मानु सप्तमी भी कहा जाता है। इस बार यह 1  मार्च दिन रविवार को है। इस दिन भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। इस बार रथ सप्तमी रविवार को पड़ने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं रथ सप्तमी का महत्व और पूजा-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
Tumblr media
रथ सप्तमी का महत्व शास्त्रों के मुताबिक, रथ सप्तमी के दिन भगवान सूर्य नारायण का जन्म हुआ था। उनकी पूजा करने से आरोग्यता प्राप्त होती है। भगवान सूर्य को समर्पित यह व्रत संतान की उन्नति के लिए भी लाभप्रद है। इस दिन सूर्य का पूजन सेहत के लिए खास महत्व रखता है। माना जाता है कि जिन्हें कोई भी शारीरिक विकार हो, वे लोग अगर पूरे मन से सूर्यदेव की पूजा करें तो सारे शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं। सूर्य पूजा विशेषकर चर्मरोगों को दूर करती है। ग्रहों के कष्ट दूर करने में भी सूर्य पूजा का महत्व है, इससे ग्रह दोष दूर हो जाते हैं।
Tumblr media
रथ सप्तमी की पूजा-विधि रथ सप्तमी के दिन प्रातःकाल उठकर गंगा जल का प्रयोग कर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। पूजा घर की साफ-सफाई कर वहां कुश या उचित आसान लगाकर घी का दीपक जलाएं। श्री गणेश उपासना के बाद सूर्य पूजा प्रारम्भ करें। भगवान सूर्य देव के सभी नामों का जप करें। उसके बाद गायत्री मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें। यदि संभव हो तो पांच माला गायत्री का जप करना श्रेयस्कर है। ये भी पढ़े... मनचाही सफलता के लिए रविवार को इस विधि से करें सूर्य देवता की पूजा आज सूर्य देव की आराधना से मिलेगा शुभ फल, जानिए सूर्य सप्तमी का महत्व और पूजन-विधि सोमवार व्रत करने से बरसती है भगवान शिव की कृपा, जानिए महत्व और पूजन-विधि Read the full article
0 notes
chaitanyabharatnews · 5 years
Text
रथ सप्तमी पर सूर्य देव की आराधना से मिलेगा शुभ फल, जानिए व्रत का महत्व और पूजन-विधि
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज माघ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रथ सप्तमी का त्योहार मनाया जाता है। इस सप्तमी को अचला सप्तमी और मानु सप्तमी भी कहा जाता है। इस बार यह 1 फरवरी दिन शनिवार को है। इस दिन भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। आइए जानते हैं रथ सप्तमी का महत्व और पूजा-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); रथ सप्तमी का महत्व शास्त्रों के मुताबिक रथ सप्तमी के दिन भगवान सूर्य नारायण का जन्म हुआ था। उनकी पूजा करने से आरोग्यता प्राप्त होती है। भगवान सूर्य को समर्पित यह व्रत संतान की उन्नति के लिए भी लाभप्रद है। इस दिन सूर्य का पूजन सेहत के लिए खास महत्व रखता है। माना जाता है कि जिन्हें कोई भी शारीरिक विकार हो, वे लोग अगर पूरे मन से सूर्यदेव की पूजा करें तो सारे शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं। सूर्य पूजा विशेषकर चर्मरोगों को दूर करती है। ग्रहों के कष्ट दूर करने में भी सूर्य पूजा का महत्व है, इससे ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। रथ सप्तमी की पूजा-विधि रथ सप्तमी के दिन प्रातःकाल उठकर गंगा जल का प्रयोग कर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। पूजा घर की साफ-सफाई कर वहां कुश या उचित आसान लगाकर घी का दीपक जलाएं। श्री गणेश उपासना के बाद सूर्य पूजा प्रारम्भ करें। भगवान सूर्य देव के सभी नामों का जप करें। उसके बाद गायत्री मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें। यदि संभव हो तो पांच माला गायत्री का जप करना श्रेयस्कर है। ये भी पढ़े... आज सूर्य देव की आराधना से मिलेगा शुभ फल, जानिए सूर्य सप्तमी का महत्व और पूजन-विधि जानिए रोगों को दूर करने वाली इस देवी की पूजा-विधि और महत्व जानिए कैसे हुई थी मां गंगा की उत्पत्ति Read the full article
0 notes