#यूपीएससी में सफलता
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प्रतापगढ़ में शिक्षक शिवपूजन पाण्डेय के बेटे पवन का यूपीएससी में हुआ सेलेक्शन
प्रतापगढ़, 2 नवंबर 2024। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक शिवपूजन पाण्डेय के बेटे पवन पाण्डेय का सेलेक्शन यूपीएससी में हुआ है। 22 वर्षीय पवन पाण्डेय ने पहले प्रयास में ही यूपीएससी में सफलता पाई है। स्कूलिंग टाइम में शिवपूजन पाण्डेय भी यूपीएससी की तैयारी प्रयागराज में रहकर किया करते थे। वह भी यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए पर सफलता हासिल नहीं कर सके। उस दौरान उनके कई साथी…
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प्रेशर कम करने का ‘वैक्सीन’ है कोटा कोचिंग सिस्टम- डॉ.विक्रांत पांडे
एलन एलुमनी मीट-2024 ‘समानयन’ : केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ.विक्रांत पांडे ने कोटा में अपनी पढाई के अनुभव साझा किये अरविंद न्यूजवेव @कोटा ‘कोचिंग ऐसा टूल है जो विद्यार्थी के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। रोज क्लास में उसे कंफर्ट जोन से बाहर आने का डोज दिया जाता है, जिससे उसकी इम्यूनिटी बढ़ती जाती है। पढाई करते समय प्रेशर कम करने का वैक्सीन कोटा कोचिंग सिस्टम ही देता है।' केंद्रीय गृह मंत्रालय, नईदिल्ली में संयुक्त सचिव वरिष्ठ आईएएस डॉ विक्रांत पांडे एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट की दो दिवसीय एलुमनी मीट-2024 ‘समानयन’ में भाग लेने के लिये कोटा पहुंचे। एक विशेष बातचीत में उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यहां का कोचिंग सिस्टम आपको अपनी छिपी हुई क्षमता को पहचानने की ताकत देता है। यह आप पर निर्भर है प्रेशर में कितना खिलकर बाहर आते हैं। कोटा में पढने का अनुभव
मैने झालावाड जिले के बकानी कस्बे में हिंदी माध्यम से स्कूली पढाई की। शिक्षक पिता ने कहा कि मैं डॉक्टर नहीं बन सका, तुम कोशिश करो। उनके संस्कार लेकर मैने 1996 में कोटा आकर एलन से पीएमटी की तैयारी की। गांव से शहर में आकर अकेले किराये के कमरे में रहकर पढाई की। एलन के शिक्षकों ने मनोबल बहुत बढाया। पहले प्रयास में ही चयन हो गया। उदयपुर से एमबीबीएस करते हुये आईएएस बनने का सपना देखा। पहले प्रयास में इंटरव्यू में सफल नहीं हुआ लेकिन कोटा कोचिंग की बदलौत हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में यूपीएससी में अच्छी रैंक से चयनित हो गया। गत 19 वर्षों से सिविल सेवा में रहते हुये बलसाड, भरूच व अहमदाबाद में जिला कलक्टर रहा। इन दिनों गृह मंत्रालय, नईदिल्ली में सेवारत हूं। चट्टान की तरह खडे रहो एक सवाल के जवाब में डॉ. पांडे ने कहा कि हमारा पूरा जीवन एक कॉम्पिटीशन है। हर मुकाम पर लाइनें लंबी मिलेगी, आप चट्टान की तरह खडे रहो। यह मानकर चलें कि मेरी सीट तो फिक्स है। मुझे 100 प्रतिशत मेहनत करना है। मैने 2005 में यूपीएससी दी, तब 50 आईएएस के लिये 11 लाख परीक्षार्थी थे। जज्बा ऐसा हो कि मैदान में रोकने वाले कितने भी खिलाडी हों, आपको अपनी गेंद बाउंड्री के बाहर ही भेजना है। कोचिंग सिस्टम आपकी राह में वेलवेट नहीं बिछाता है, दबाव या दर्द सहने की ताकत पैदा करता है। भीतर से बहुत मजबूत बना देता है। आईएएस इंटरव्यू में भी कोटा कोचिंग से मिला आत्मविश्वास ही काम आया। अपने बच्चों में अलख जगाओ डॉ. पांडे ने माता-पिता को सलाह दी कि वे बच्चों से आशा रखें लेकिन अति महत्वाकांक्षी नहीं बनें। अपने बच्चों को प्रतिस्पर्धा में आगे निकलने के लिये अलख जगाओ। कोचिंग शिक्षक उत्प्रेरक का कार्य करेंगे, आप कूलेंट बनकर शांत रहो। जो आप नहीं कर पाये, उसकी अपेक्षा बच्चे ���े नहीं करें। बच्चे की मानसिकता को भांप लें। जीवन बहुत लंबा है, हर बात पर उसे दाद देते हुये कहें कि अगली बार इससे भी अच्छा होगा। किसी अन्य से तुलना कभी मत करो। पढाई के दौरान कई टेस्ट होंगे, हमें गोल पर नजरें टिकानी हैं। परीक्षायें मौज-मस्ती नहीं है, स्वाध्याय और मेडिटेशन है। परीक्षा के बाद बच्चे से मार्क्स पर नही करंे। उससे संवाद कर भावनात्मक लगाव महसूस करायें। जिस भूमि पर पानी के छींटे गिरेंगे, खाद डलेगी, वह बंजर नहीं रहेगी। कोचिंग सिस्टम भी बच्चों को वैज्ञानिक ढंग से स्मार्ट थिंकिंग देता है। उसके मस्तिष्क को उपजाऊ बना देता है। थ्योरी पढ़ने का तरीका बदलो एक सवाल के जवाब में वरिष्ठ आईएएस डॉ.पांडे ने कहा कि हम स्कूली पढाई में जो थ्योरी पढते हैं, उसका तरीका प्रवेश परीक्षाओं में बदल जाता है। स्कूल में नंबर आ जाते हैं लेकिन कंसेप्ट क्लियर नहीं होते हैं। कोचिंग में थ्योरी के चेप्टर के कंसेप्ट को समझाते हैं। प्रश्नों का एनालिसिस करना सिखाते हैं। इससे सोचने की सही क्षमता आ जात�� है। थ्योरी के प्रत्येक चेप्टर से 100 प्रश्न हल करने की प्रेक्टिस करने पर पढाई करने का तरीका ही बदल जाता है। तेजी से प्रश्न हल करने का स्किल कोचिंग से ही मिलता है। हर शिक्षक थ्योरी चेप्टर को प्रवेश परीक्षाओं से जोड़कर पढाते हैं। यह आप पर निर्भर है कि प्रेशर से कितना खिलकर बाहर आते हैं। कोचिंग सिस्टम आपको दौडने का रास्ता दिखाता है, राह में कंसेप्ट क्लियर कर पत्थर हटाता है तो कठिन प्रश्न देकर पत्थर डालता भी है। जिससे आप कम्पीटिशन की बाधाओं को पार कर लक्ष्य को पा सको। ये हैं कोटा कोचिंग की खास बातें आज दुनियाभर में कोटा कोचिंग की अलग पहचान है। यहां के शिक्षक बच्चों के साथ कडी मेहनत कर उन्हें लक्ष्मण रेखा से बाहर निकालते हैं। बच्चे खुद का विश्लेषण करें। ओवर थिंकिग व सोशल प्रेशर से खुद को दूर रखें। जल्दी से किसी सफलता की कोशिश न करें। कोटा कोचिंग में पीयर गु्रप आपको पढने का माहौल देता है। टाइम मैनेजमेंट, कंसेप्ट समझने, समर्पित होकर पढाई करने से आप खुद को अपग्रेड करना सीख जायेंगे। कोटा कोचिंग का स्वस्थ वातावरण आपको कम्फर्ट जोन से बाहर निकालने में सक्षम है। इसलिये अपने टारगेट के आगे 1-2 साल सोशल मीडिया व स्मार्ट फोन को भूल जायें। Read the full article
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मां बीड़ी कारखाने में मजदूर, पापा थे कंडक्टर, बेटी का हौसला तो देखिए... क्रैक कर दिखाया UPSC
नई दिल्ली: एक बहुत पुरानी कहावत है, जहां चाह...वहां राह। मतलब, अगर आपने कुछ करने का ठान लिया, तो फिर मंजिल तक पहुंचने का रास्ता खुद-ब-खुद बन जाता है। और, तमिलनाडु के तेनकासी जिले की रहने वालीं एस इनबा ने इस कहावत को पूरी तरह से सही साबित कर दिखाया है। इनबा के पिता श्रीनिवासन राज्य परिवहन निगम में कंडक्टर के पद से रिटायर हैं। मां एस स्टेला बीड़ी बनाने के एक कारखाने में काम करती हैं। वक्त बचता है, तो कुछ और पैसे कमाने के लिए पास की दुकान पर फूल माला बनाने चली जाती हैं। इनबा ने जब यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर जॉइन किया, तो कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लग गया। ऐसी कई मुश्किलों के बावजूद इनबा ने यूपीएससी की परीक्षा क्रैक की है।इनबा को यूपीएससी में 851वीं रैंक मिली है। हालांकि, इस रैंक तक पहुंचने से पहले इनबा के सामने चुनौतियों का एक बड़ा पहाड़ खड़ा था। आर्थिक समस्याएं थी, लॉकडाउन था और ऐसी ही कई अन्य परेशानियां थीं। लेकिन, इन सबके ऊपर इनबा का हौसला भारी पड़ा। करीब ढाई साल तक उन्होंने अपने जिले की सरकारी लाइब्रेरी को ही अपना घर बना लिया। वो 12-12 घंटे तक मेहनत करती थीं। विपरीत हालातों पर जीत हासिल करने के जज्बे और उनकी लगन ने उन्हें आज पूरे देश के लिए एक मिसाल बना दिया है। वासुदेवनल्लूर के नादर कम्युनिटी हायर सेकेंडरी स्कूल से उन्होंने अंग्रेजी मीडियम में 10वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद 12वीं के लिए उन्होंने तेनकासी जिले के ही एमकेवीके मैट्रिकुलेशन स्कूल में एडमिशन लिया। 2020 में इनबा ने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर ली। अब वो वक्त आ चुका था, जब इनबा को अपने करियर का फैसला लेना था। उन्होंने तय किया कि वो यूपीएससी परीक्षा पास कर सिविल सर्विस में जाएंगी। इनबा ने सिविल सर्विस की कोचिंग के लिए चेन्नई में शंकर आईएएस अकादमी में एडमिशन ले लिया। लॉकडाउन की वजह से छोड़नी पड़ी कोचिंग परिवार की आर्थिक समस्याओं के बावजूद यहां तक पहुंची इनबा के सामने मुश्किलों का असली दौर अब शुरू हुआ। जैसे ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर में एडमिशन लिया, देश में कोरोना वायरस की वजह से ल़ॉकडाउन लग गया। उन्हें कोचिंग सेंटर छोड़ना पड़ा। अब इनबा ऑनलाइन कोचिंग लेने के लिए मजबूर थी। समस्या ये थी कि उनके घर पर इंटरनेट की सुविधा नहीं थी। ऐसे में शेंगोट्टई इलाके की सरकारी लाइब्रेरी उनके काम आई। इनबा ने अगले ढाई साल तक इस लाइब्रेरी को ही अपना दूसरा घर बना लिया। वो सुबह 8 बजे ही लाइब्रेरी आ जातीं और रात को 8 बजे इसके बंद होने पर ही घर जातीं। दो बार प्री परीक्षा में हुईं फेल लाइब्रेरी में इनबा को अखबारों, किताबों के साथ-साथ फ्री वाईफाई की भी सुविधा मिली। अब उनके लिए ऑनलाइन कोचिंग हासिल करने में कोई मुश्किल नहीं थी। इसके बाद अब वो दिन आया जब इनबा यूपीएससी की परीक्षा में बैठी। हालांकि, उन्हें पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली। इसके बाद दिसंबर 2022 में एक प्रवेश परीक्षा पास करके उन्होंने चेन्नई के एक निःशुल्क सरकारी कोचिंग संस्थान 'अखिल भारतीय सिविल सेवा संस्थान' में एडमिशन ले लिया। इस बीच आया और दूसरी बार भी उन्हें असफलता हाथ लगी। और आखिरकार इनबा ने हासिल की कामयाबी दो-दो असफलताओं से जूझने के बावजूद इनबा ने हिम्मत नहीं हारी। वो फिर से यूपीएससी की परीक्षा में बैठीं और इस बार उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इनबा ने पूरी रणनीति के साथ इंटरव्यू की तैयारी की और जब 16 अप्रैल 2024 को यूपीएससी का रिजल्ट घोषित हुआ तो इनबा का नाम मेरिट लिस्ट में था। उ��्हें 851वीं रैंक मिलीं। इनबा बताती हैं कि उनकी प्रेरणा कोई और नहीं, बल्कि उनकी मां हैं, जिन्होंने हर मुश्किल के बावजूद इनबा की पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ने दिया। वहीं, इनबा की कामयाबी पर उनकी मां भी बेहद खुश हैं और हर किसी से अपनी बेटी के संघर्ष की कहानी बता रही हैं। http://dlvr.it/T6Hx5z
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UPSC: खान ग्लोबल स्टडीज़ के साथ यूपीएससी की तैयारी
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) एक महत्वपूर्ण संगठन है जो भारतीय सरकार के विभिन्न पदों के लिए सिविल सेवा परीक्षाएं आयोजित करता है। इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को एक अच्छी तैयारी की आवश्यकता है। खान ग्लोबल स्टडीज़ यूपीएससी की तैयारी के क्षेत्र में अपनी अद्वितीयता के लिए मशहूर है।
खान ग्लोबल स्टडीज़: UPSC की तैयारी का सर्वोत्तम स्थान
खान ग्लोबल स्टडीज़ ने यूपीएससी की तैयारी को सरल और प्रभावी बनाया है। यहाँ प्रदान की जाने वाली उनकी UPSC की तैयारी के पाठ्यक्रम ने छात्रों को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचाया है।
UPSC कोर्सेस
खान ग्लोबल स्टडीज़ UPSC की तैयारी के लिए विशेष पाठ्यक्रम प्रदान करता है। इन कोर्सों में शामिल हैं ऑनलाइन लाइव क्लासेस, स्वतंत्र अभ्यास सामग्री, और महत्वपूर्ण परीक्षा प्रश्न। ये सभी तत्व एक संपूर्ण तैयारी के लिए साहायक होते हैं।
UPSC में हिंदी में करंट अफेयर्स
UPSC की तैयारी के लिए करंट अफेयर्स को अपडेट रखना महत्वपूर्ण है, और खान ग्लोबल स्टडीज़ इसे हिंदी में प्रदान करता है। इससे छात्रों को ताज़ा जानकारी मिलती है और वे परीक्षा के संदर्भ में अद्यतित रह सकते हैं।
UPSC पाठ्यक्रम 2024 का अन्वेषण
खान ग्लोबल स्टडीज़ ने अपने पाठ्यक्रम को 2024 के UPSC पाठ्यक्रम के साथ समन्वित किया है। यह सुनिश्चित करता है कि छात्र नवीनतम परीक्षा पैटर्न के अनुसार तैयारी कर रहे हैं और सफलता प्राप्त करने के लिए तैयार हैं।
इस लेख के माध्यम से हमने देखा कि खान ग्लोबल स्टडीज़ कैसे UPSC की तैयारी को सरल बनाता है और छात्रों को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचाता है। इससे साफ होता है कि एक अच्छी तैयारी और मेंटरिंग के साथ सही दिशा में कदम बढ़ाना हमेशा महत्वपूर्ण होता है।
FAQs
1. UPSC की तैयारी के लिए क्या-क्या सुझाव हैं?
उम्मीदवारों को नियमित रूप से पढ़ाई करनी चाहिए और प्रैक्टिस टेस्ट लेने चाहिए।
2. खान ग्लोबल स्टडीज़ के कोर्सेस क्या-क्या हैं?
खान ग्लोबल स्टडीज़ UPSC की तैयारी के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
3. UPSC की तैयारी के लिए कितने समय की आवश्यकता है?
यह निर्भर करता है कि छात्र कितने प्रतियोगी हैं, लेकिन सामान्यतः अच्छी तैयारी के लिए 8-10 महीने की आवश्यकता होती है।
4. क्या खान ग्लोबल स्टडीज़ के कोर्सेस हिंदी में उपलब्ध हैं?
हां, खान ग्लोबल स्टडीज़ के कोर्सेस हिंदी में भी उपलब्ध हैं।
5. UPSC सिविल सेवा की परीक्षा कितने चरणों में होती है?
UPSC सिविल सेवा की परीक्षा तीन चरणों में होती है: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, और आईएस इंटरव्यू।
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प्री-श्योर - IAS PRELIMS 2024
आगामी IAS Prelims 2024 परीक्षा के लिए हमारा "प्री-श्योर - IAS PRELIMS 2024" कोर्स एक विशेष योजना है जो आपको यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचाने का समर्थन करेगा।
प्री-श्योर || Tathastu ICS
#प्रीश्योरIAS2024#IASPrelims2024#UPSC2024#यूपीएससीप्रारंभिक#IASप्रस्तुती2024#यूपीएससीशिक्षा#प्रीलिम्सकोर्स2024#IASस्टडी2024#सिविलसेवातैया���ी#UPSCपरीक्षा2024
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यूपीएससी परीक्षा परिणाम में पवन व हेमकांत ने जिले का नाम किया रोशन
यूपीएससी परीक्षा परिणाम में पवन व हेमकांत ने जिले का नाम किया रोशन
अभी तक दस्यु दंश झेल रहे पाठा के सबसे बीहड़ क्षेत्र बहिलपुरवा थाना अंतर्गत ददरी गांव से कुछ दूरी पर लंका पुरवा गांव के एक किसान के बेटे होनहार युवक पवन पटेल पुत्र केदार पटेल ने यूपीपीएससी परीक्षा में 40वी रैंक प्राप्त कर जनपद का नाम किया रोशन डिप्टी एसपी पोस्ट पर होगी तैनाती च���त्रकूट वासियों के लिए गौरव का विषय। तो वहीं दूसरी ओर चित्रकूट के नेउरा निवासी हेमकांत त्रिपाठी का चयन नायब तहसीलदार के पद पर हुआ है हेमकांत के पिता रमाकांत त्रिपाठी मध्य प्रदेश में ग्रामीण विकास विभाग में इंजीनियर है इनके बड़े भाई उत्तर प्रदेश कौशल विकास विभाग में सहायक निदेशक पद पर तैनात है और चाचा उत्तर प्रदेश पुलिस में उपाधीक्षक पद पर है। इस सफलता के लिए सदर विधायक अनिल प्रधान सहित जनपदवासियों ने ख़ुशी जताई है।
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आईएएस सेलिब्रिटी हैं टीना डाबी: जैसलमेर मीडिया पैपराजी में बदल गई है | IAS celebrity Tina Dabi is the subject of paparazzi in the Jaisalmer media;
नौकरशाही की बॉलीवुड स्टार
आईएएस अधिकारी और जैसलमेर कलेक्टर टीना डाबी जब अपनी इंस्टाग्राम प्रोफाइल पिक्चर बदलती हैं, या अपने पति के साथ घूमने जाती हैं, या यहां तक कि बिंदी लगाती हैं, तो वह खबर बन जाती हैं।
एक आईएएस अधिकारी के उबाऊ जीवन का मुहावरा अब अकल्पनीय रूप से पुराना होता जा रहा है। आईएएस अधिकारी और जैसलमेर कलेक्टर टीना डाबी जब अपनी इंस्टाग्राम प्रोफाइल पिक्चर बदलती हैं, या अपने पति के साथ घूमने जाती हैं, या यहां तक कि बिंदी लगाती हैं, तो वह खबर बन जाती हैं। वह नौकरशाही की बॉलीवुड स्टार हैं। ठीक उसी तरह जिस तरह स्टार्स अपने ट्रैवल गेट-अप्स से एयरपोर्ट फैशन को बढ़ावा देते हैं, कंस्ट्रक्शन साइट्स और सरकारी दफ्तरों में उनका जाना अपने आप में एक पूरा लुक है।
दिल्ली की रहने वाली डाबी ने 2015 में यूपीएससी परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करके देश का ध्यान आकर्षित किया था। यह उनका पहला प्रयास था और उस समय वह केवल 22 वर्ष की थीं।
रातों-रात, वह एक सेलिब्रिटी बन गई, एक घरेलू नाम जिसे सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने की उम्मीद कर रहे लाखों युवा उम्मीदवारों ने अपना आदर्श बना लिया। और तब से जनता की निगाहें कम नहीं हुई हैं।
टीना डाबी की सफलता की रणनीति
YouTube पर एक 'टीना डाबी की सफलता की रणनीति' वीडियो भी है। एक आईएएस अधिकारी से उनकी दूसरी शादी ने न केवल अखबारों में बल्कि राष्ट्रीय दैनिकों और पत्रिकाओं में भी सुर्खियां बटोरीं। 'मिलिए उस आईएएस अधिकारी से जो यूपीएससी टॉपर टीना डाबी से शादी करने के लिए तैयार' हिंदुस्तान टाइम्स), 'आईएएस परीक्षा की टॉपर टीना डाबी फिर से शादी के बंधन में बंधने को तैयार (इंडिया टुडे)' उनके निजी जीवन की कई खबरों में से कुछ थीं।
लोग 'आईएएस टीना डाबी मैडम' के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं। वह क्या पहनती है, कैसे चलती है, कैसे अपना काम करती है। डाबी के खाने, चलने या दिन के साथ काम करने की सांसारिक क्लिप ने YouTube पर सामग्री निर्माताओं और प्रशंसकों को प्रेरित किया है।
वह Google खोज प्रवृत्तियों पर फीचर करती है। उसकी जन्म स्थान से लेकर उसकी जाति, विवाह और उसके पति तक की सारी जानकारी ऑनलाइन है। पांच सेकंड की एक क्लिप में नाश्ते के बाद अपने कुर्ते पर हाथ पोंछते हुए दिखाया गया है। YouTube पर एक टिप्पणी पढ़ें, 'खाने के बाद आपको हाथ धोना चाहिए या नैपकिन का इस्तेमाल करना चाहिए।' अन्य लोग उसके बचाव में उठे, उसके काम की सराहना की।
आठ सेकंड की एक क्लिप जिसमें डाबी क�� एक वाहन से बाहर निकलते हुए दिखाया गया है, को लगभग दो लाख बार देखा गया है। उन्होंने फ्लोरल प्रिंट सलवार-कमीज के ऊपर स्वेटर पहना हुआ है। एक फैन ने कहा, 'एक आईएएस मैडम बेहद खूबसूरत अंदाज में।' एक अन्य रील में, ए��� कंटेंट क्रिएटर ने 'तुम छुपा न सकोगी मैं वो राज हूं' का इस्तेमाल करते हुए अपनी सभी तस्वीरों का स्लाइड शो बनाया। इसे 1.5 मिलियन से अधिक बार देखा गया .....
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Mirzapur:मिर्जापुर की मनु को भारतीय सांख्यिकी सेवा में 14वीं रैंक, दूसरे प्रयास में मिली सफलता - Manu Of Mirzapur Got 14th Rank In Indian Statistical Service She Get Success In Second Attempt
Mirzapur:मिर्जापुर की मनु को भारतीय सांख्यिकी सेवा में 14वीं रैंक, दूसरे प्रयास में मिली सफलता – Manu Of Mirzapur Got 14th Rank In Indian Statistical Service She Get Success In Second Attempt
मनु सिंह को मिठाई खिलाते परिजन – फोटो : अमर उजाला ख़बर सुनें ख़बर सुनें संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तरफ से आयोजित भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा 2022 में चुनार क्षेत्र की बेटी ने ऑल इंडिया में 14वीं रैंक हासिल कर मिर्जापुर जनपद का नाम रोशन किया है। मनु सिंह ने अपने दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया में 29 सीटों में से 14वी रैंक हासिल कर सफलता हासिल की है। इस सफलता पर माता-पिता और परिवार के लोगों…
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डॉक्टर धीरेंद्र पांडे का यूपीएससी में चयन पर इष्ट मित्रों में हर्ष का माहौल
सतना 12 दिसंबर मझगमा पोडी पतौरा निवासी धीरेंद्र पांडे संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा में मेडिकल ऑफिसर के चयन पर इष्ट मित्रों शुभचिंतकों में भारी हर्ष का माहौल है उनके निजी निवास पहुंचकर क्षेत्रवासियों ने उनके यूपीएससी में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने पर पूरे क्षेत्र में हर्ष का माहौल है डॉक्टर धीरेंद्र पांडे ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है उन्होंने कहा कि बचपन से ही…
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तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्लीयर कर आईएएस बनीं दिव्या मिश्रा
प्रतापगढ़, 11 सितंबर 2024। प्रतापगढ़ की मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) डॉ. दिव्या मिश्रा की सफलता की कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है। दिव्या ने कठिन मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ यूपीएससी परीक्षा को तीसरे प्रयास में क्लीयर कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना साकार किया। उनकी यह यात्रा न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए प्रेरणा है, बल्कि अपने लक्ष्य के प्रति अटूट विश्वास…
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पीडब्ल्यू विद्याापीठ ने नये सत्र में सफलता की तैयारी के लिये किया- आरंभ
आरंभ - फिजिक्स वाला विद्यापीठ के कोटा में मेगा ओरियेंटेशन सेशन में अभिभावकों के साथ पहुंचे 5 हजार से अधिक विद्यार्थी अरविंद न्यूजवेव @ कोटा शिक्षा नगरी कोटा में नये शैक्षणिक सत्र 2023-24 का आगाज प्रचंड उत्साह के साथ हुआ। सोमवार को ब्रांड कोचिंग संस्थान फिजिक्स वाला विद्यापीठ ने तलवंडी के श्यामप्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में मेगा ओरियेंटेशन सेशन आयोजित किया। देश के विभिन्न राज्यों से कक्षा-10 बोर्ड परीक्षा के बाद हजारों विद्यार्थियों ने जेईई-मेन, एडवांस्ड एवं नीट की सर्वश्रेष्ठ क्लासरूम कोचिंग के लिये ब्रांड कोचिंग संस्थान पीडब्ल्यू विद्यापीठ में एडमिशन लिया है।
नये सत्र के प्रथम मेगा ओरियेंटेशन सत्र में मुख्य अतिथि कोटा जिला कलक्टर आईएएस ओपी बुनकर ने कहा कि बाहरी राज्यों से इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थी पहली बार कोचिंग के लिये कोटा आये हैं। देशभर में कहा जाता है कोटा मतलब सक्सेस। यहां के कोचिंग संस्थान, फैकल्टी, विद्यार्थी मिलकर बहुत मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे हर समय अपने माता-पिता के सपनों का ध्यान रखें। अपनी प्लानिंग को कभी कमजोर नहीं होने दें। जो चीज हाथ में नहीं है, उसकी परवाह न करें। कडी मेहनत करेंगे तो सफलता आपके पीछे खडी होगी। कोचिंग को एक यात्रा समझें जिला कलक्टर ने ��्टूडेंट्स से कहा कि वे प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग को एक यात्रा समझें। आईआईटी-जेईई में चयनित होना ही एकमात्र सफलता नहीं है, आपकी मेहनत या संघर्ष फैल्योर नही है। इसी मेहनत के दम पर आप किसी दूसरे फील्ड में ज्यादा अच्छा कर सकते हैं। चूंकि जेईई या नीट प्रवेश परीक्षायें बोर्ड की तरह पासिंग मार्क्स का खेल नहीं है। आईआईटी, एनआईटी, एम्स या मेडिकल कॉलेजों में सीटें सीमित हैं। इसलिये कुछ मार्क्स कम रहने पर अपनी परसेंटाइल से बिल्कुल विचलित न हों। मन से मजबूत बने रहें। जब भी समय मिले कुछ देर रिलेक्स रहें। कोटा में चंबल रिवर फ्रंट, वर्ल्ड क्लास सिटी पार्क आदि घूमने की कई जगह हैं, वहां घूमें। जिंदगी में अभी बहुत आगे जाना है। ई-पोर्टल ‘कोटा कोचिंग स्टूडेंट’ से जुडें बुनकर ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने कोचिंग विद्यार्थियों की प्रॉब्लम को 7 दिन में दूर करने के लिये ई-पोर्टल ‘कोटा कोचिंग स्टूडेंट’ शुरू किया है। वे खुद को अकेला महसूस नहीं करें। नेगेटिव बातें पेरेंट्स को अवश्य बतायें। एक अच्छा दोस्त बनायें। अपने पेरेंट्स का फोटो साथ रखें, जब भी कोई प्रॉब्लम हो, उनसे बातें करें। कोटा में कोचिंग इंस्टीट्यूट वैकल्पिक कॅरिअर काउंसलिंग भी कर रहे हैं। उसका लाभ उठायें। आप तपने के लिये तैयार रहें- एसपी
समारोह के विशिष्ट अतिथि कोटा सिटी एसपी शरद चौधरी ने कहा कि जिस तरह चमकने के लिये सोना आग में तपता है, हीरा भी तराशने के लिये तपता है। आप अपनी क्षमतायें लेकर कोटा आयें हैं। अपने टारगेट तक पहुंचने के लिये तपने के लिये तैयार रहें। आप में उर्जा भरी है। अर्जुन की तरह तीर मारने के लिये नियमित प्रेक्टिस करें। उन्होंनें स्टूडेंट्स से रूबरू होकर पूछा,पीडब्ल्यू ने आपको शाहरूख खान की तरह ब्लेक यूनिफार्म क्यों दी। आप सब ब्लेक बॉडी बनकर घूम रहे हो। वरिष्ठ फैकल्टी कुंदन कुमार ने कहा कि यह ब्लेक कलर स्टूडेंट में नेगेटिविटी खत्म कर देता है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जिंदगी में तमाम कमजोरियों क�� बावजूद धारा विपरीत तैरने में आनंद आता है। इसलिये कोचिंग करते हुये हर चुनौती का हंसते हुये सामना करो। एक दिन कोहिनूर बनकर निकलोगे। उन्होंने कहा कि कोटा में हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग पर आपका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। सबकी अपनी खूबियां हैं, क्षमतायें हैं। रिजल्ट चाहे जो आये, तुरंत सत्य को स्वीकार कर आगे की तैयारी शुरू कर दें। पेरेंट्स अपनी इच्छायें नहीं थोपें। जिम्मेदारी के साथ बच्चों को नोबल गाइडेंस दें। इसलिये सबसे खास है- पीडब्ल्यू विद्यापीठ
फिजिक्स वाला विद्यापीठ के संस्थापक निदेशक अलख पांडे के अनुसार, पीडब्ल्यू विद्यापीठ देश के लाखों विद्यार्थियों की पहली पसंद बन चुका है। यू-ट्यूब पर पीडब्ल्यू के 26 चैनल हैं। जेईई-मेन, एडवांस्ड, नीट-यूजी, यूपीएससी, क्लेट, कैट, सीए, सीयूआईटी, एडीए सहित कई राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं की ऑनलाइन कोचिंग कराते हुये देश-विदेश के 2 करोड़ से अधिक स्टूडेंट्स इससे जुडे हुये हैं। गत वर्ष से रियायती दरों पर क्वालिटी ऑफलाइन कोचिंग आरंभ कर संस्थान ने लाखों विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का विश्वास जीता है। पीडब्लू विद्यापीठ के देश में 32 से अधिक शहरों में क्लासरूम कोचिंग के लिये स्टडी सेंटर हैं। रोज 12 लाख से अधिक स्टूडेंट्स 90 मिनट की क्लास में पढाई कर रहे हैं। अब तक 12 हजार से अधिक स्टूडेंट्स आईआईटी-जेईई, नीट व एनडीए में सलेक्ट हो चुके हैं। कोचिंग ब्रांड पर भरोसा करें-कुंदन कुमार
20 वर्षों से कोचिंग स्टूडेंट्स में लोकप्रिय मैथ्स के सीनियर फैकल्टी कुंदन कुमार ने कहा कि 10वीं के बाद जेईई या नीट की तैयारी के लिये दो साल का समय पर्याप्त है। 9वीं तक 90 प्रतिशत मार्क्स मिल जाते थे, अब पढाई का लेवल डिफरेंट होगा�� आपने कोटा से अपनी यात्रा आरंभ की है, इसलिये जो कोचिंग ब्रांड चुना है, उस पर पूरा भरोसा करें। एक या दो टेस्ट से खुद को कमजोर नहीं समझें। स्टूडेंट्स, पेरेंट्स व टीचर्स तीनों टीम भावना से सपोर्ट करें। सक्सेस मिलकर रहेगी। ‘कम फीस पर क्वालिटी कोचिंग’- राजीव रस्तोगी
जेईई-मेन डिविजन के हेड राजीव रस्तोगी ने कहा कि वे 23 साल में हजारों विद्यार्थियों को आईआईटी में भेज चुके हैं। 2021 में पीडब्ल्यू से जुडकर गर्व महसूस हुआ। पीडब्ल्यू का उद्देश्य है-‘कम फीस पर क्वालिटी कोचिंग देना’ गरीब बच्चों के सपने भी हकीकत में बदल रहे हैं। कोचिंग में रिवाल्यूशन आ चुका है। आप समय से आगे चलो, कामयाबी पीछे खडी है। रोज का होमवर्क रोज करने की निरंतरता आपकी सबसे बडी ताकत है। हमें आज का सपना, कल हकीकत में बदलना है। कुछ बातों का ध्यान रखें- नये फ्रेंड सर्किंल से बचें, टीचर्स को बेस्ट फ्रेंड बना लें। हॉस्टल में अपनी टेबल के सामने आईआईटी या एम्स का पोस्टर लगा दें। पेरेंट्स का संघर्ष याद रखें, उनसे बात करते रहें। सातों दिन रोज शैडयूल से 7-8 घंटे पढना है। आपकी जिद की जीत दिलायेगी- हितेश शर्मा नीट डिविजन के हेड हितेश शर्मा ने कहा कि एक-दो साल आप विज्ञान के ज्ञान में डूब जायें। सब्जेक्ट गुरू तो ज्ञान के सागर है, हमें तो थोडा सा पानी ही पीना है। एक विद्यार्थी को काक चेष्टा, बको ध्यानी, अल्पाहारी और गृह त्यागी बनकर सफलता की सीढियां चढना है। रोज खुद से पूछें, क्या मैं अपने लक्ष्य के लिये पूरी पढाई कर रहा हंू। यही जिद आपको जीत अवश्य दिलायेगी। Read the full article
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सक्सेस स्टोरी: किराना दुकानदार की बेटी बनी IAS ऑफिसर, तीन बार पास की UPSC CSE
सक्सेस स्टोरी: किराना दुकानदार की बेटी बनी IAS ऑफिसर, तीन बार पास की UPSC CSE
श्वेता अग्रवाल ने 2015 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 19वीं रैंक हासिल की (फोटो: इंस्टाग्राम) एक किराना विक्रेता की बेटी ने अपनी मेहनत के दम पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और आईएएस अधिकारी बनी गरीब परिवारों के बच्चे जब अधिकारी बनते हैं तो और भी कई बच्चों के प्रेरणास्रोत बनते हैं। आईएएस अधिकारी श्वेता अग्रवाल उनमें से एक हैं जिनकी सफलता की कहानी लोगों को अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए…
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सिर्फ 17 दिन की तैयारी के बाद पास की UPSC परीक्षा, जानें अक्षत कौशल के जीवन की प्रेरक कहानी
कश्ती उन्हीं की पार होती है जो लहरों की परवाह नहीं करते। जिन्हें गिर के संभलना और अपनी गलतियों से सीखना आता है वही जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं महज़ 17 दिनों की तैयारी में यूपीएससी की परीक्षा पास करके आईपीएस ऑफिसर बनने वाले अक्षत कौशल। 17 दिनों की तैयारी में यूपीएससी की परिक्षा को पास करना ये सुनने में जितना आसान लग रहा है उतना आसान नहीं था। इसके पीछे उनके 4 साल की मेहनत और 4 असफलताएं छिपी हुई थी। उन्होंने 4 बार यूपीएससी की परीक्षा दी और लगातार फेल होते चले गए। एक समय ऐसा आया जब वो हिम्मत हार गए और आगे एग्जाम ना देने का निश्चय किया। लेकिन उनके दोस्तों ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और एक बार फिर से परीक्षा देने को कहा और आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। लेकिन इस बीच उन्होंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देंखे। तो आइए जानते हैं उनके जीवन के प्रेरक सफर के बारे में।
4 बार मिली असफलता
अक्षत कौशल शुरू से ही यूपीएससी परीक्षा पास कर के ऑफिसर बनना चाहते थे। इसी कड़ी में उन्होंने साल 2012 में ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। इसके लिए अक्षत ने एक कोचिंग में दाखिला भी लिया, लेकिन इसके बाद भी वे पहले साल में यूपीएससी का प्री एग्जाम भी क्लियर नहीं कर पाए। इसके बाद अक्षत लगातार 3 साल तक यूपीएससी का एग्जाम देते रहे, लेकिन सफलता उनके हाथ नहीं लगी। लगातार 4 साल असफलता हाथ लगने से अक्षत पूरी तरह टूट गए। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो अक्षत इतने हताश और निराश हो गए कि उनके परिवार वाले किसी अनहोनी के डर से उन्हें अकेले घर से बाहर तक नहीं निकलने देते थे। हर किसी को लगता था कि अक्षत कहीं डिप्रेशन में न चले जाएं, कुछ गलत न कर लें।
दोस्तों ने किया प्रेरित
यूपीएससी परीक्षा में मिली असफलता से निराश अक्षत ने आगे परिक्षा न देने का निश्चय तो कर लिया लेकिन उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करें। परीक्षा के कुछ दिन पहले ही वे अपने दोस्तों से मिलने गए। जहां उनके दोस्तों ने उन्हें काफी समझाया और मोटिवेट किया। दोस्तों के समझाने के बाद उन्होंने अपनी गलतियों से सीखने की कोशिश की और उसके बाद वो परीक्षा की तैयारी में लग गए।
सिर्फ 17 दिन की तैयारी में पास की परीक्षा
दोस्तों की बातों से प्रेरित होकर 2017 में अक्षत कौशल ने एक बार फिर से तैयारी शुरू की। लेकिन इस बार एग्जाम के लिए सिर्फ 17 दिन ही बाकी थे। जिसका परिणाम यह हुआ कि इस बार की परिक्षा में अक्षत ने यूपीएससी में 55वीं रैंक हासिल किया। आज वो आईपीएस के पद पर तैनात हैं। आईपीएस अक्षत कौशल उम्मीदवारों को उनकी गलतियों से सबक सीखने के बारे में बताते हैं।
ओवर कॉन्फिडेंस होने से बचे
4 बार फेल होकर अक्षत को समझ आया कि कभी भी परीक्षा को लेकर ओवरकॉन्फिडेंट नहीं होना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट्स कि माने तो अक्षत कहते हैं कि हर प्रतियोगी कि किसी न किसी सब्जेक्ट पर मास्टरी होती ही है, ऐसे में आपको उस सब्जेक्ट को लेकर ओवर कॉन्फिडेंट होने से बचना चाहिए। प्रतियोगियों को अक्षत सलाह देते हैं कि परीक्षा की तैयारी के दौरान दोस्तों से और सीनियर्स से सलाह लेते रहनी चाहिए।
अपनी असफलताओं से सीखें
अक्षत कहते हैं कि हमें अपनी असफलताओं से सीखना चाहिए। असफलता हर किसी के जीवन में आती है। कुछ लोग इस असफलता से डर कर रुक जाते हैं या फिर अपना रास्ता बदल लेते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो लगातार मिलने वाली असफलता से भी हार नहीं मानते और सफलता मिलने तक पूरी मेहनत से अपना प्रयास जारी रखते हैं। अक्षत कहते हैं कि परीक्षा देने के पहले परीक्षा के नेचर को समझें कि आखिर यूपीएससी परीक्षा आपसे चाहती क्या है। इस परीक्षा का प्री, मेन्स और इंटरव्यू का नेचर पूरी तरह से अलग होता है। इस ज़रूरत को समझकर इसके अनुसार ही तैयारी करें। अंधेरे में तीर चलाने से कोई फायदा नहीं होगा। इसलिए गलतियों से सीखें और उन्हें दोहराने से बचें।
अक्षत कौशल ने अपनी गलतियों से सीखकर यूपीएससी परीक्षा को पास किया था। उन्होंने हार मानने ��ी बजाय सच्चाई का सामना किया और खूब मेहनत की। जिसका परिणाम है कि आज वो आईपीएस ऑफिसर बनने में कामयाब हो पाए हैं। अक्षत आज लाखों युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सफलता की कहानी लिखी है।
लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको Leadership Funnel Program का चुनाव ज़रूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं। प्रोग्राम का हिस्सा बनने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं- https://www.badabusiness.com/lfp?ref_code=FB&&pp_code=BHBB000078
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