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यंग इंडिया:2023 मध्ये मानवासह पाठवल्या जाणाऱ्या गगनयानवर सर्वांच्या नजरा
यंग इंडिया:2023 मध्ये मानवासह पाठवल्या जाणाऱ्या गगनयानवर सर्वांच्या नजरा
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होलोकॉस्ट बचे लोगों ने परिवार को खोजने में मदद के लिए डीएनए टेस्ट की पेशकश की
होलोकॉस्ट बचे लोगों ने परिवार को खोजने में मदद के लिए डीएनए टेस्ट की पेशकश की
द्वारा एसोसिएटेड प्रेस न्यूयॉर्क: दशकों से जैकी यंग खोज कर रहे थे। एक शिशु के रू�� में अनाथ होने के कारण, उन्होंने अपने जीवन के पहले कुछ वर्ष चेक गणराज्य में एक नाजी नजरबंदी शिविर में बिताए। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उन्हें इंग्लैंड ले जाया गया, अपनाया गया और एक नया नाम दिया गया। एक वयस्क के रूप में, उन्होंने अपनी उत्पत्ति और अपने परिवार के बारे में जानने के लिए संघर्ष किया। उन्हें अपनी जन्म देने…
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लखनऊ, 12.01.2024 | राष्ट्रीय युवा दिवस 2024 (स्वामी विवेकानंद जयंती) के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, लोयोला इंटरनेशनल स्कूल, गोमती नगर, लखनऊ तथा यंग मैनेजर फोरम, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में लोयोला इंटरनेशनल स्कूल, गोमती नगर लखनऊ ��ें सेमिनार "Empowering Youth for Nation Building:Lessons from Swami Vivekananda's Ideals" का आयोजन किया गया | सेमिनार में विशिष्ट वक्ता के रूप में श्री शोभित नारायण अग्रवाल, Youth Volunteer at Ram Krishna Math, Trainer & Practitioner, CA देवेश अग्रवाल व मिस प्रियम गुप्ता, HR Professional and Educator ने विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद जी के व्यक्तित्व व सिद्धांतों से अवगत कराया तथा यह भी बताया कि किस तरह से स्वामी विवेकानंद द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलकर वे एक अच्छे तथा सफल इंसान बन सकते हैं | सेमिनार का संचालन वंदना त्रिभुवन सिंह ने किया | सेमिनार का शुभारंभ करते हुए श्री शोभित नारायण अग्रवाल, CA देवेश अग्रवाल, मिस प्रियम गुप्ता, डॉ रोहित चंद्रा, प्रधानाध्यापक, लोयोला इंटरनेशनल स्कूल, गोमती नगर तथा डॉ रूपल अग्रवाल, न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने दीप प्रज्वलन किया तथा स्वामी विवेकानंद जी को श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि अर्पित की | सभी अतिथियों का डॉ रूपल अग्रवाल ने प्रतीक चिन्ह द्वारा सम्मान किया | डॉ रूपल अग्रवाल ने सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया तथा कहा कि "स्वामी विवेकानंद जी की जन्म जयंती सिर्फ एक उत्सव ही नहीं है बल्कि यह जीवन में कुछकर गुजरने का आवाहन है | स्वामी विवेकानंद मानते थे कि अगर देश को प्रगति की ऊंचाइयों तक ले जाना है तो देश के युवा वर्ग को आगे आना होगा तथा अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा | आज इस सेमिनार के माध्यम से हम विद्यार्थियों को यही संदेश देना चाहते हैं कि वे अपने सपनों के पीछे भागे तथा जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए तब तक ना रुके |" श्री शोभित नारायण अग्रवाल ने विद्यार्थियों को बताया कि "जैसा आप सोचते हैं, वैसे ही बन जाते हैं इसलिए हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए | हमें सुबह उठकर भगवान का, अपने माता-पिता का तथा अपने गुरुजनों का शुक्रिया अदा करना चाहिए कि उन्ह��ंने हमें यह जीवन दिया और हमारी जिंदगी के हर सपने को पूरा करने में हमारी मदद की | उन्होंने बताया कि हमेशा अपने लक्ष्य को बड़ा रखना चाहिए क्योंकि लक्ष्य जितना बड़ा होगा उतनी ही बड़ी उसको पाने की जिद भी होगी क्योंकि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि "उठो, जागो और अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले मत रुको |" CA देवेश अग्रवाल ने विद्यार्थियों को उनके करियर के बारे में जानकारी दी और कहा कि "आप जो कुछ भी बनना चाहते हैं उसके बारे में एक सकारात्मक सोच रखें | आप जो कुछ भी बनना चाहते हैं उसको अपने दिमाग में रखकर उसी दिशा में काम करें तभी सफलता निश्चित है | मिस प्रियम गुप्ता ने दो लकड़हारे की कहानी के माध्यम से विद्यार्थियों को समझाया कि किस तरह से एक युवा लकड़हारे ने अपने दिमाग का सही इस्तेमाल कर कम समय में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया| उन्होंने बताया कि, "हमें अपने जीवन के लक्ष्य को सही समय पर निर्धारित कर लेना चाहिए क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि हम बनना कुछ और चाहते हैं और दिशा कुछ और पकड़ लेते हैं जिससे बाद में हमें ही अवसाद का शिकार होना पड़ता है इसलिए हमारे लिए यह जरूरी है कि हम लोगों की बातों को समझें, अपने विचारों को सही तरह से लोगों के सामने रखें तथा अपनी कमजोरी पर विजय हासिल करें तभी सफलता निश्चित है | श्री रोहित चंद्रा ने विद्यार्थियों को राष्ट्रीय युवा दिवस की बधाई देते हुए उन्हें स्वामी विवेकानंद के बताए रास्ते पर चलने के लिए कहा तथा यह भी बताया कि "हमारे महापुरुष हमें बहुत कुछ सिखाते हैं जरूरत है उनके बारे में पढ़ने की और उसे समझने की |" सेमिनार में लोयोला इंटरनेशनल स्कूल से शिक्षिकाओं मिस शिखा झुनझुनवाला, मिस कोमल यदुवंशी तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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वेडिंग सीजन में यंग गर्ल्स ‘अनुपमा की बहू’ से लें लहंगा डिजाइन के आइडिया
निधि शाह ने कलरफुल डबल लेयर वाला कलीदार लहंगा कैरी किया है. हैवी एंब्रॉयडरी के ब्लाउज ने लुक को और भी रिच बना दिया है.. कर्व वाला हैवी बॉर्डर का दुपट्टा पूरे आउटफिट को परफेक��ट बना रहा है. लहंगे पर गोल्डन धागों और रेशम से जरी वर्क किया गया है. निधि शाह का ये लुक स्टनिंग है. एक्ट्रेस ने पेस्टल कलर कॉम्बिनेशन वाला स्ट्रेट लहंगा चुना है, जिस पर कट दाना-मोती से एंब्रॉयडरी कई गई है. लहंगे के फ्रंट में…
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Govt Jobs: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन( EPFO) ने यंग प्रोफेशनल्स के लिए नौकरी निकाली है. अगर आप भी इस भर्ती के लिए अप्लाई करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ऑफिशियल वेबसाइट epfindia.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा. इस भर्ती में किसी भी प्रकार की लिखित परीक्षा नहीं ली जाएगी. उम्मीदवारों का चयन साक्षात्कार के माध्यम से किया जाएगा.
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World Brain stroke day : ब्रेन स्ट्रोक क्यों आता है, कैसे इससे बचें, डॉक्टर से जानें
ब्रेन स्ट्रोक से बचाव कैसे करें भारत के लोगों में बीते कुछ सालों में ब्रेन स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 10 सालों में ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में 20 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. अब युवाओं को भी ब्रेन स्ट्रोक की समस्या हो रही है. इसको यंग-ऑनसेट स्ट्रोक कहा जाता है, जिसमें 45 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों को स्ट्रोक होता है. सभी स्ट्रोक के…
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अब मेरा अगला मिशन महिलाओं को 1100 रूपये हर महीने देने का है - मुख्यमंत्री भगवंत मान
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को चब्बेवाल विधानसभा हलके में आप उम्मीदवार इशांक चब्बेवाल के लिए चुनाव प्रचार किया। मुख्यमंत्री ने इशांक की तारीफ की और कहा कि यंग कैंडिडेट है। यहां की समस्याओं को जानता है। आप इशांक को जीता दो, आपका जो भी काम मेरे पास लाएगा मैं तुरंत हस्ताक्षर कर पास करूंगा। अब मेरा अगला मिशन महिलाओं को 1100 रूपये हर महीने देने का है – मुख्यमंत्री भगवंत मान सभा में आईं महिलाओं को…
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jamshedpur rural sports -बहरागोड़ा के वीणापानी ग्राउंड में चैंपियंस लीग सीजन 3 का आगाज, पूर्व विधायक कुणाल ने किया उद्घाटन, 29 को होगा फाइनल
बहरागोड़ा: बहरागोड़ा प्रखंड के वीणापानी ग्राउंड में मंगलवार को बहरागोड़ा यंग ग्रुप द्वारा आयोजित बहुचर्चित बहरागोड़ा चैंपियंस लीग सीजन 3 का शुभारंभ किया गया. मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने टूर्नामेंट का उद्घाटन किया और खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं. पहला मैच चाकुलिया सुपरनोवा और साकरा रॉयल्स के बीच खेला गया, जिसमें दोनों टीमों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली.…
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महंगे लैपटॉप से छुटकारा JioCloudPC लाया है सस्ता और स्मार्ट समाधान, अपने TV को कंप्यूटर में बदलें और डिजिटल कामकाज को आसान बनाएं, यंग बिजनेस लीडर आकाश अंबानी के नेतृत्व में भारत AI सुपरपावर बनने को तैयार #IMC2024 #AI #Education #RelianceJio #AILearning #TV
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यंग बिजनेस लीडर आकाश आकाश अंबानी की अगुवाई में डिजिटल क्रांति, JioCloudPC के साथ महंगे लैपटॉप और कंप्यूटर से पाएं छुटकारा अब अपने TV को ही बनाएं कंप्यूटर और #IMC2024 #AI #Education #RelianceJio #AILearning #TV
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यंग बिजनेस लीडर आकाश अंबानी का सपना AI में सुपरपावर हो भारत अपना,
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विनोद अडानी आज एक लोकप्रिय और प्रभावी मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में जाने जाते है। अपने अनुभव और लर्निंग्स को विनोद अडानी क़ाफी इफेक्टिव तरीके से युवाओं के साथ साझा करते है जो आज की यंग जनरेशन को अपने सपनों को पूरा करने के लिए आवश्यक डायरेक्शन और हिम्मत प्रदान करता है।
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यंग बिजनेस लीडर आकाश अंबानी ने किया दुनिया को भारत की ताकत से रूबरू
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राष्ट्रपिता 'बापू'
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गांधी जी व्यक्ति से ऊपर एक संस्था हैं, सर्वोदय के अग्रदूत गांधी जी का जन्मदिन २ अक्टूबर १८६९ को पोरबंदर में हुआ,
गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है, उनके पिता जी का नाम करम चंद गांधी था, तथा माता का नाम पुतली बाई।
गांधी जी की आरंभिक शिक्षा पोरबंदर में हुई, उस समय के अनुरूप उनका विवाह १४ वर्ष की आयु में कस्तूरबा के साथ हो गया था। वर्ष १८८८ में यह शिक्षा हेतु गांधीजी विलायत गए थे, वर्ष १८९१ में गांधी जी बैरिस्टर बन कर बम्बई लौटे थे, जहाँ वह प्रैक्टिस करने लगे, १८९३ में एक दीवानी मुकदमे में जब गांधी जी दक्षिण अफ्रीका गए, जिसका फैसला वर्ष १८९४ में समझौते का हुआ, वर्ष १८९५ में गांधी जी नटाल के उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता के रूप में नामांकित हुए, तथा वहाँ नेटाल भारतीय कांग्रेस का गठन किया। बाल गंगाधर तिलक, एवं गोपाल कृष्ण गोखले और नेताओं से गांधी जी वर्ष १९०६ में मिले, जब वह मात्र ६ माह के लिए आये थे, उनके गतिविधियों से चिढ़े हुए अंग्रेजो ने गांधी विरुद्ध प्रदर्शन किए, इस उम्मीद में कि अंग्रेज भारतीयों के प्रति नरमी रखेंगे, वहां रहने ��ाले ३०० आम भारतीय ८०० बंधुआ भारतीयों जिनको गिरमिटिया कानून के बतौर गुलामी करने लाया गया था, के मदद से एम्बुलेंस सेवाओ में अंग्रेजी सरकार की बोअर युद्ध* में मदद किया।**
वर्ष १९०१ में वह राजकोट, भारत लौटकर आये तथा महामारी प्लेग से पीड़ित जगहों में जन सेवा का गठन किया, तथा दिसंबर में कलकत्ता कांग्रेस अधिवेशन में शामिल हुए। तीन माह पश्चात गांधी जी पुनः अफ्रीका लौट गए जहाँ १९०३ में उन्होंने ट्रांसवाल ब्रिटिश इंडिया और इंडियन ओपिनियन नाम से संस्था स्थापित किया, १९०६ में हुए ज़ुलु विद्रोह जिसमे ज़ुलु के नेतृत्व ने और अतिरिक्त कर देने से मना किया था, उसी का नतीजा था, जिसमे गांधी जी ने अंग्रेजो से नेटल में रहते समय अपने द्वारा सहयोग की बात उस समय के तत्कालीन गवर्नर से की जिसे मानते हुए गांधी जी और अन्य सहयोगियों को घायल ज़ुलु लोगो की सेवा सुश्रुषा के लिए दिया गया क्योंकि गोरे सवयंसेवक इस कार्य के लिए तैयार नहीं थे, गांधी जी के व्यवहार से वह सभी बेहद प्रभावित हुए, गांधी जी लियो टॉलस्टॉय की रचनाओं से बहुत प्रभावित थे, और टॉलस्टॉय के नाम पर एक आश्रम आरम्भ किया जहां वह भारतीयों के विरुद्ध होने वाले अत्याचार पर सत्याग्रहका केंद्र बना।
सन् १९१४ में लंदन में सरोजिनी नायडू से गांधी जी की पहली भेंट हुई जब वह उनसे मिलने गई तो उन्होंने यह देखा कि एक विश्वप्रसिद्ध नेता जो दक्षिण अफ्रिका से अंग्रेजो से सीधी टक्कर ले कर आ रहा है, वह काफी साधारण अवस्था मे एक लकड़ी के कटोरे में अत्यंत साधारण सा भोजन कर रहा है, तो उनकी हँसी छूट गईं, आंख उठा कर गांधी जी उन्हें देख वह भी बड़े जोर से हँसे और
पहचान लिया।●●●
वह बाद में गांधी जी के विचारधारा में कदम कदम चलती रही तथा समर्थक रही, सामान्य घर गृहस्थी छोड़ कर भी गांधी जी के पीछे पीछे जेल गईं, जब वह जेल में नहीं होती थी तब सामाजिक कार्यों में सलग्न रहती थी।
भारत लौटे गांधी जी को सन् १९१५ में केसर-ए-हिन्द का खिताब दिया गया था, यहां से गांधी जी भारत भ्रमण पर निकले गांधी जी से तब काका कलेलकर(दत्तात्रेय बालकृष्ण कलेलकर) से और आचार्य जे बी कृपलानी(जीवतराम भगवान दास कृपलानी) से हुई, काका कलेलकर इसके पश्चात वह गांधी जी से प्रभावित हो कर साबरमती आश्रम के सदस्य बने तथा सर्वोदय में संपादकीय भूमिका निभाई। ��ाका कलेलकर ने गांधी जी से प्रभावित हो कर अहमदाबाद में गुजरात विद्यापीठ की स्थापना की।
जे बी कृपलानी, देशभक्त के साथ एक समाजवादी और पर्यावरणविद थे, तथा गांधी जी के शिष्य और विचारों के घोर समर्थक थे।
सन् १९१९ से गांधी जी ने पत्रिकाओं यंग इंडिया और नवजीवन का संपादन कार्य किया था। पं. जवाहर लाल नेहरू से गांधी जी पहली भेंट १९१६ में काशी विश्वविद्यालय के स्थापना अवसर के बाद कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में हुई। स्थापना दिवस पर ६ फरवरी को जहाँ गांधी जी ने भाषण दिया और बहुत ही महत्वपूर्ण विषयों पर कहा जैसे कि हिंदी भाषा के ऊपर आंग्ल भाषा भाषण के लिए चुना जाना, वाइसराय हार्डिंग के लिए चाक चौबंद सुरक्षा होना, मंदिर के आसपास व्याप्त गन्दगी, विभिन्न महाराजाओं का आकंठ सोने से लदे रहना, जो कि दरिद्रों के शोषण का पर्याय है, उन्होंने स्वयं को अराजकतावादी घोषित किया, किसानो के उठ खड़े होने से भारत को मुक्ति मिलेगी आदि।उपस्थित राजाओ ने थोड़े देर के बाद बहिर्गमन कर दिया।
नेहरू जी को वह अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी मानते थे, नेहरू ने इस विषय मे कहा है कि उस समय गांधी जी राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रियता न दिखाते हुए भारतीयों के दक्षिण अफ्रिकाई मुद्दों पर जुड़े रहना चाहते थे।
सन् १९१७ में मुजफ्फरपुर बिहार में महात्मा गांधी की भेंट डॉ० राजेन्द्र प्रसाद से हुई, वह कलकत्ता कॉलेज से विधि स्नातक तथा कलकत्ता उच्च न्यायालय में अधिवक्ता थे, उन्होंने पत्रिका साप्ताहिक बिहार विधि की नींव रखी।
डॉ० राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष और प्रथम राष्ट्रपति थे। वैसे भारतीय संविधान में राष्ट्रपति की उम्मीदवारी के क्रम में शाश्वत उत्तराधिकारी होने में कोई बाधा नहीं है, जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका में होता है, परन्तु इसमें डॉ० राजेन्द्र प्रसाद ने सबसे अधिक बार राष्ट्रपति बनने के बाद भी दुबारा पद में दावेदारी न रखने का उदाहरण रखा।
विचार
सर्वोदय: इसका अर्थ सब का समान रूप से उदय हैं, यह शब्द पहली शताब्दी के जैन सन्त सुमन्तभद्र के कार्य से प्रेरित हैं, गुजराती में रूपांतरित जॉन रस्किन के अन टू द लास्ट, "आखिरी व्यक्ति तक", से उत्प्रेरित गाँधी जी द्वारा एक फिनिक्स आश्रम स्थापित किया गया, सर्वोदय का अर्थ लोकनीति से है जो राजनीति से ऊपर रहेगा, यह एक आदर्श समाज की स्थापना करने वाला है जिसमे कोई जाति या वर्ग नहीं होगा, आधुनिक दर्शन के उलट जिसमे त्या�� से ऊपर उपभोग और अधिक उपभोक्तावाद को तरजीह दी जाती हैं, गांधी जी के दर्शन सर्वोदय का कार्य शासन और आम जनता हर एक के ऊपर इस मंतव्य को और आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी डालती है।
छत्तीसगढ़ में गांधी जी का प्रभाव
गोंड जाति के मांझी उपभाग की राजमोहिनी देवी इनमे से एक है, जब १९५१ के एक बहुत व्यापक भुखमरी और अकाल से क्षुब्ध यह बड़े चट्टान में आंख मूंद के बैठी थी तब इन्हें गांधी जी के विचार के प्रासंगिकता की अनुभूति हुई जिसके बाद इन्होंने २१ दिवस का उपवास किया और इसके बाद वर्षा हुई, इन्होंने बापू धर्म या सूरज धर्म की स्थापना की, इनके द्वारा स्थापित संस्था बापू धर्म सभा आदिवासी सेवा मण्डल के कार्य से इन्होंने खद्दर का प्रचार किया जो कि देशी बुनकरों द्वारा सृजन की हुई हो, मदिरापान को तम्बाकू सेवन को निषिद्ध किया गौ हत्या पर प्रतिबंध की बात कही, गांधी जी के विचारों की शिक्षाओं के प्रसार हेतु यह पैदल ही निकल पड़ी थी, इनके कार्य से जुड़ने वालो को भगत कहा जाता था।
अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ महात्मा गांधी ने देश भर में सविनय अवज्ञा आंदोलन छेड़ा था। उन्होंने 1933 में समाज के दलित वर्ग के उद्धार के लिए एक आंदोलन के रूप में 'हरिजन यात्रा' शुरू की थी। इसी क्रम में गांधी नवम्बर 1933 में छत्तीसगढ़ के तीन दिन के दौरे पर आए थे। इन तीन दिनों में उन्होंने विशेषकर दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर जिलों के अनेक स्थानों पर विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया और सभाएं संबोधित की। इस यात्रा का एक उद्देश्य राष्ट्रीय आंदोलन के लिए धन जुटाना भी था।
गांधी दुर्ग से होते हुए रायपुर पहुंचे थे। उनका स्वागत आमापारा नाका पर किया गया। वहां से बूढ़ापारा में पंडित रविशंकर शुक्ल के आवास तक पहुंचने में उन्हें 3 घंटे लगे थे। उस दिन रायपुर में ऐसी रोशनी की गई थी कि आगे दीपावली का दीपोत्सव फीका पड़ रहा था। रायपुर में उनकी एक सभा कोतवाली के पास उस स्थल पर हुई जिसे अब गांधी चैक के नाम से जाना जाता है। दूसरी सभा कंपनी गार्डन (आज के मोतीबाग) में हुई जहां ग्राम उद्योग की प्रदर्शनी लगाई गई थी। तीसरी-लारी स्कूल (आज के सप्प्रे स्कूल) में हुई। आनंद समाज पुस्तकालय के पास भी उन्होंने बड़ी सभा की थी जिसमें उनके साथ मौलाना मोहम्मद अली और मौलाना शौकत अली भी थे। सभी स्थानों पर अपार जनसमूह जुटा था।
वास्तव में पूरे रायपुर जिले से लोग उन्हें देखने और सुनने आए थे। सबसे दिलचस्प घटना कोतवाली के पास मैदान में सभा में हुई। इसमें गांधी ने पहले तो अपने आंदोलन की रूप-रेखा सरल शब्दों में बताई और फिर आग्रह
किया कि देश का प्रत्येक व्यक्ति इस आंदोलन में तन-मन-धन से सहयोग करे। गांधी के भाषण के बाद एक झोली सभा में घुमाई गई। सभा में उपस्थित हर व्यक्ति ने उसके पास जो कुछ था वह दान स्वरूप दे दिया। जब वह झोली गांधी जी के पास पहुंची तो उन्होंने कहा- 'मैं बनिया हूं। इन चीजों की नीलामी करूंगा।' उनकी यह बात सुनकर पूरी सभा में हंसी की हल्की लहर दौड़ गई। इसके बाद तो गांधी ने दान में मिली चीजों को एक-एक कर बेच दिया। बड़ी बात यह है कि हर चीज अपनी वास्तविक कीमत से कई गुना दाम पर बिकी। नीलामी के बाद गांधी ने जनता को धन्यवाद दिया। उल्लेखनीय बात यह है कि नवम्बर 1933 की इस सभा के बाद ही कोतवाली के पास का मैदान गांधी चौक के नाम से मशहूर हो गया।
*बोअर: दक्षिण अफ्रीका के मूल डच निवासियों के वंशज थे। १८०६ में ब्रिटेन द्वारा कब्जाए जाने के बाद यह जनजातीय इलाको में पलायन कर गए और ट्रांसवाल ऑरेंज फ्री स्टेट की स्थापना की, १८६७ तक शांति रहने के बाद हीरे और सोने की खोज ने युद्ध की नींव डाली, (ट्रांसवाल: वाल नदी के उत्तर कई राज्य और प्रशासनिक संभाग आते थे, प्रिटोरिया जोहानसबर्ग) बोअर गणराज्य या ऑरेंज फ्री स्टेट क्या हैं?
ऑरेंज एवं वाल नदी के मध्य स्थित होने से, ट्रांसवाल का अर्थ वाल नदी के उत्तर से है, या उसके पार, सन् १८९० में मामूली लड़ाई और १८९९ में पूर्ण पैमाने में युद्ध शुरू हुआ, फिर १९०० में उस पर ब्रिटेन का पूर्ण नियंत्रण आ गया, और १९०२ तक सारे विद्रोह कुचल दिए गए, तथा ३१ मई को सैन्य प्रशासन लागू कर दिया गया, सन् १९१० में नेटल एक प्रान्त था दक्षिण अफ्रीका के स्वायत्त संघ में।
**संदर्भ: विकिपीडिया
•••संदर्भ: नेशनल हेराल्ड इंडिया, भारत के गौरव (आंठवा भाग)
००ब्रिटानिका
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टेक्नोलॉजी के दम पर भारत के इन यंगस्टर्स ने खड़ी कर दी अरबों की दौलत, अकेले Zepto वाले के पास हैं 3600 करोड़
भारत में यंग एंटरप्रेन्योर्स का उभरना एक नई कहानी लिख रहा है. टेक्नोलॉजी सेक्टर में इन यंगस्टर्स ने न सिर्फ अपनी किस्मत बदली है बल्कि देश की इकोनॉमी में भी अहम योगदान दिया है. हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2024 में यह बात साबित होती है कि भारत के सबसे युवा अरबपति टेक्नोलॉजी सेक्टर से आ रहे हैं. क्या आप यकीन कर सकते हैं कि महज 21 साल का एक युवा 3600 करोड़ रुपये का मालिक है? आइए जानते हैं कि कौन-कौन से…
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