दोस्त की बीवी के साथ रात भर चुदाई
दोस्तो, सबसे पहले मैं अपना परिचय दे देता हूँ.
मेरा नाम समीर है मैं बहराइच शहर का रहने वाला हूँ. मैं पाँच फिट ग्यारह इंच लम्बा हूँ और मेरे बाल काफ़ी लम्बे हैं.
मैं अपने दोस्तों में सबसे ज्यादा स्मार्ट हूँ.
सेक्स मेरी कमज़ोरी है.
किसी भी लड़की को देखता हूँ तो अपने पर कंट्रोल नहीं कर पाता और मौक़ा मिलते ही मुठ मार लेता हूँ.
मैं अपने दोस्त जुनैद खान की शादी में ना जा सका था.
उस दिन किसी काम के सिलसिले में फंस गया था.
उसके बाद मैं अपने कामों में ऐसा फंसा कि क़रीब पाँच साल तक दोस्ती यारी सब भूल गया.
जब मैं काम से थोड़ा आजाद हुआ तो दोस्तों की याद आई.
मगर अब दोस्त भी सब अपने अपने कामों में लगे हुए थे.
फिर एक दिन अचानक से जुनैद से यहीं मार्केट में मुलाक़ात हुई.
उसके साथ उसकी बीवी भी थी.
हम दोनों दोस्त अपनी बातों में मस्त हो गया.
कुछ देर में मेरी नज़र जुनैद की बीवी पर पड़ी.
वह बड़ी मस्त माल थी. यह Xxx सेक्सी हिंदी कहानी उसी के साथ की है.
उसके 36 साइज़ के चूचे और 38 इंच की गांड एकदम आग बरपा रही थी.
मैंने भाभी से हैलो की और सॉरी बोलते हुए कहा- सॉरी भाभी, मैंने आप पर ध्यान ही नहीं दिया. हम दोनों दोस्त अपनी पुरानी यादों में मस्त हो गए, माफ़ी चाहता हूँ!
जुनैद की बीवी ने जवाब दिया- आपने मुझ पर ध्यान नहीं दिया, कोई बात नहीं. पर आप शादी में भी नहीं आए. जुनैद हमेशा आपकी बातें करते रहते थे. मैं भी आपसे मिलने को उतावली थी.
ये कहती हुई उसने मेरे हाथ को दबा दिया.
मैं समझ गया कि भाभी चालू माल है.
मैंने बात को खत्म करते हुए हंसते हुए कहा- अरे भाभी, यहीं सब बातें कर लेंगी या कभी घर भी बुलाएंगी.
फिर हमारी बातें ख़त्म हुईं.
भाभी ने जाते वक्त कहा- आपका घर है, जब चाहें आ जाएं. जुनैद तो रात को दो के बाद ही आते हैं. आपकी जब मर्ज़ी हो, आ जाइए.
मैं भाभी का इशारा समझ गया और वहां से निकलते हुआ बोला- ओके भाभी, आपसे जल्दी ही मिलता हूँ.
मैं वहां से निकल गया.
इस बात को दो दिन हो गए थे.
मैं घर पर आराम कर रहा था.
उसी वक्त व्हाट्सैप पर अनजान नम्बर से एक मैसेज आया ‘क्या कर रहे हो मेरी जान!’
मेरे दोस्त अक्सर मैसेज से मुझे परेशान करते रहते हैं तो मैंने इस मैसेज पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि किसी दोस्त ने अनजान नंबर से मैसेज करके मुझसे शैतानी की होगी.
मैं उस मैसेज का बिना कोई जवाब दिए सो गया.
सुबह जब उठा तो देखा कि उसी नंबर से काफ़ी मैसेज आए हुए थे और दो मिस्ड कॉल भी थीं.
मैंने उसी नंबर पर कॉलबैक की, तो उधर से एक सुरीली सी आवाज़ आई- हैलो मिस्टर समीर, गुड मॉर्निंग. कैसी कटी आपकी रात!
मैंने भी बिना कुछ सोचे समझे सीधा बोल दिया कि अपनी भाभी के साथ सपने में कबड्डी खेलता रहा.
मेरी इस बात से उस तरफ से ज़ोर ज़ोर की हंसी के साथ आवाज आई- सही पहचाना, मैं ही हूँ आपकी कबड्डी खेलने वाली भाभी.
मैंने एकदम से अपने कहे पर खेद जताते हुए उनसे पूछा- सॉरी मेम, आप कौन?
‘मैं नादिया भाभी बोल रही हूँ.’
मैंने अब स्क्रीन पर उनका नंबर और ट्रू कॉलर पर आया हुआ नाम देखा.
फिर कहा- जी हां मुझे पता लग गया है. ट्रू कॉलरपर आपका नाम लिखा हुआ आया है. आप बताएं भाभीजान … सुबह सुबह अपने देवर को कैसे याद कर लिया?
वह बोली- सुबह सुबह तो छोड़िए, मैं तो सारी रात से आपको काफ़ी याद कर रही थी. कई मैसेज किये और दो बार कॉल भी किया, पर आपने फ़ोन ही नहीं उठाया. लगता है मुझसे नाराज़ हैं?
मैंने कहा- अरे भाभी जान, आपसे नाराज़ होकर कहां जाऊंगा. अपन तो दिल से ही आपके ही पास हैं.
वह हंसती हुई कहने लगी- काफ़ी अनुभव है आपको बात करने का … लगता है काफ़ी गर्लफ़्रेंड पटा रखी हैं.
मैं बोला- गर्लफ्रेंड तो नहीं, हां आप जैसी कुछ भाभियां हैं. जो समय समय पर अनुभव करवा देती हैं.
नादिया भाभी मेरी बात को क़ाटती हुई बोली- अच्छा वो सब छोड़ो … ये बताओ कि क्या आप मेरे घर आ सकते हैं?
मैंने कहा- कोई ज़रूरी काम हो, तो अभी आ जाऊं?
उधर से जवाब आया- अरे यार समीर … कल से जुनैद घर पर है नहीं. मैं अकेले बोर हो रही हूँ. आप आ जाएंगे तो आपसे जरा दिल बहला लूँगी.
मैं खुश होते हुए बोला- भाभी अभी तो सुबह हुई है, रात को आता हूँ.
उसने कहा- चलो मैं आपका इंतजार करूंगी.
कुछ देर और इधर उधर की बातचीत के बाद मैंने फ़ोन कट कर दिया.
अब मुझे और भाभी को रात का बेसब्री से इंतज़ार था कि कब रात हो और हम दोनों का मिलन हो.
मैं सोच रहा था कि बस कैसे भी करके नादिया भाभी को चोद लूं.
तो मैं नहाने गया तो झांटें साफ कर लीं.
रात होते ही मैंने मेडिकल से दो पैकेट कंडोम के ले लिए और भाभी के घर चला आया.
उनके घर पहुंचते ही मैंने दरवाजे की घंटी बजाई.
कुछ पल बाद दरवाज़ा खुला. दरवाजा खुलते ही मैं भाभी को देखता रह गया.
भाभी तो कहीं से शादीशुदा लग ही नहीं रही थी. उसने शॉर्ट्स और टॉप पहना था.
उसका रेड कलर का टॉप एकदम पारदर्शी था.
उस टॉप में से भाभी के दोनों चूचे और उन पर तने हुए गुलाबी निप्पल साफ़ दिख रहे थे.
उसने ब्रा नहीं पहनी थी.
सीन देख कर तो दिल कर रहा था कि अभी ही इसे पकड़ कर चोद दूँ. पर ऐसा करना ठीक नहीं होता है.
सेक्स का जो मज़ा आराम से करने में है, वह ज़बरदस्ती में नहीं है.
हालांकि मेरा मुँह खुला का खुला रह गया था.
भाभी ने इतराते हुए कहा- अन्दर आ जाओ, फिर इस खुले हुए मुँह का इलाज भी कर देती हूँ.
मैं झेंप गया.
अन्दर जाते ही मैंने अपनी पैंट एडजस्ट की क्योंकि मेरा लंड खड़ा हो गया था.
भाभी ने बैठने को कहा और बोली- क्या लोगे, चाय कॉफ़ी!
मैंने कहा- भाभी आप जो देंगी, प्यार से ले लूँगा. वैसे दूध मिल जाता तो और अच्छा होता.
भाभी मुस्कुराती हुई अपने दूध हिला कर बोलीं- ठीक है, मैं लाती हूँ.
वह किचन जाने के लिए मुड़ी ही थी कि मैंने हाथ बढ़ाया और भाभी को अपनी ओर खींच लिया.
हम दोनों बेड पर गिर गए.
भाभी ने क��ा- अरे, ये क्या कर रहे हो देवर जी?
मैंने कहा- भाभी, मैं तो दूध ताज़ा वाला ही पीता हूँ.
ये कहते हुए मैंने भाभी का टॉप तेज़ी से खींचा और उसको बाहर निकाल फेंका.
मैं उसके दोनों रसभरे चूचों पर टूट पड़ा.
भाभी की 36 साइज़ की चूचियां मेरे हाथों में नहीं आ रही थीं.
नादिया भाभी को अपने नीचे दबा कर उसकी दोनों चूचियों को हाथ से पकड़ कर मसलने लगा और एक चूची के निप्पल को अपने होंठों में दबा कर खींच खींच कर चूसने लगा.
भाभी की मादक आहें और कराहें निकलना शुरू हो गईं.
मैंने क़रीब दस मिनट तक भाभी के दोनों चूचे चूसे … और चूस चूस लाल कर दिए.
अब हम दोनों का किस चालू हुआ.
मैं भाभी के पूरे बदन पर किस करता रहा.
वह आपे से बाहर हो रही थी.
किस करते करते मैं नीचे को सरकने लगा और भाभी की चूत पर आ गया.
भाभी की चूत शॉर्ट्स से ढकी हुई थी.
मैंने झटके से शॉर्ट्स को उतारा और चूत के अन्दर अपनी ज़ुबान डाल कर चूसने लगा.
अपनी चूत पर मेरी जुबान का अहसास पाते ही भाभी एकदम से सिहर उठी और छटपटाने लगी.
मैंने उसकी दोनों टांगों को अपने हाथों से दबोचा और चूत को चाटना शुरू कर दिया.
भाभी की चिकनी चूत एकदम कचौड़ी सी फूली हुई थी और रस छोड़ रही थी.
उसकी चूत का नमकीन रस चाटने से मुझे नशा सा आ गया और मैं पूरी शिद्दत से उसकी चूत को चाटने में तब तक लगा रहा, जब तक चूत का पानी नहीं निकल गया.
मैं चूत का रस चाटने लगा और चाट चाट कर भाभी की चूत को वापस कांच सा चमका दिया.
अब वह एकदम से निढाल हो गई थी और तेज तेज सांसें भर रही थी.
कुछ देर के बाद मैं उसके चेहरे को चूमने लगा तो वह बोली- सच में बड़े जानवर हो तुम … तुमने मेरी चूत में से पानी निकाल कर इसमें दोगुनी आग लगा दी है.
मैंने कहा- नादिया मेरी जान … अभी फायर बिर्गेड वाला पाइप खड़ा है … कहो तो तत्काल पाइप घुसेड़ कर आग बुझा दूँ.
वह बोली- आग तो बुझवानी ही है, पर उसके पहले मुझे उस पाइप को प्यार करना है जो मेरी आग बुझाएगा.
मैंने कहा- हां हां कर लो प्यार!
ये कहते हुए मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लौड़े पर रख दिया.
उसने लंड मसलते हुए कहा- ये तो बड़ा अकड़ रहा है. इसे पहले मेरे मुँह में डालो … मैं इसकी अकड़ निकालती हूँ.
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
नादिया भाभी ने मेरे लंड को बहुत प्यार से चूसा और उसे एकदम गर्म लोहे से तप्त सरिया बना दिया.
वह मेरे लौड़े को गले के आखिरी छोर तक लेकर चूस रही थी.
मैंने आह भरते हुए कहा- आह भाभी … मेरी जान और चूसो.
उधर भाभी भी दुबारा से गर्मा गई थी.
उससे रहा ना गया और वह बोली- समीर, मैं बहुत प्यासी हूँ. पहले मेरी चूत की प्यास मिटा दो. जुनैद के साथ कभी ऐसा मज़ा नहीं आया. वह तो मेरे ऊपर चढ़ता है और दो मिनट में झड़ कर सो जाता है. आज तक न तो उसने कभी मुझे ओरल सेक्स का सुख नहीं दिया.
मैंने कहा- अरे मेरी भाभी जान … अभी तो ये शुरुआत है. अगर आपको मुझसे चुदवाने में मज़ा ना आया, तो मेरा नाम भी समीर नहीं.
बस ये कह कर मैंने भाभी को अपनी तरफ़ खींचा और लंड पर कंडोम लगा कर अपने लंड को भाभी की मखमली चूत पर सैट कर दिया.
लौड़े को सैट करते ही मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा. मेरा लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ अन्दर घुसता चला गया.
एकदम से लौड़े ने चूत को फाड़ा, तो भाभी की चीख निकल गई.
भाभी की आंख से आंसू निकल आए और वह चिल्लाने लगी- समीर, मेरी चूत फट गई है, प्लीज़ निकाल लो.
लेकिन मैंने भाभी की एक ना सुनी और दोबारा झटका मार कर अपने लंड को पूरा अन्दर तक डाल दिया.
फिर मैं थोड़ी देर रुक गया.
Xxx सेक्सी भाभी दर्द से चीखती रही और छटपटाती रही.
कुछ देर बाद जब भाभी के चेहरे पर थोड़ा बदलाव आया और वह अपनी गांड को थोड़ा थोड़ा हिलाने लगी, तो मैं समझ गया कि भाभी को मज़ा आने लगा है.
अब मैंने भाभी को और तेज़ी से चोदना चालू कर दिया.
भाभी का सुर बदल गया था और वह बार बार कह रही थी- समीर, और तेज चोदो … और तेज.
यही सब कहते हुए वह अपने सर को इधर से उधर पटक रही थी.
हम दोनों की चुदाई का यह सिलसिला क़रीब बीस मिनट तक चला.
उसके बाद वह झड़ गई और उसके झड़ते ही मैं भी कंडोम में निकल गया.
झड़ने के बाद काफी थकान हो गई थी तो हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए.
आधा घंटा बाद उठे और वापस चुदाई चालू हो गई.
उस रात हम दोनों ने चार बार सेक्स किया.
यह सिलसिला अभी तक चल रहा है.
मैं आगे बताऊंगा कि भाभी की बहन को सेक्स की गोली खिला कर उसकी सील पैक चूत को कैसे चोदा.
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बहुत दिनों से मैं इंतजार कर रहा था कि कोई मुझे रेणु की मैला आँचल किताब भेंट में दें। मै अपने कई मित्रो के सामने भी इस विचार को रखा। लेकिन सब के सब निठल्ले निकले। अंत में हार कर सोचा, जाने भी दो मेरी ही गलती है। मेरे मित्रगण मेरे मज़ाकिया व्यवहार को कभी गंभीरता से लिए ही नहीं। वो मेरी इस मांग को भी मज़ाक ही समझ लिए हो।
कुछेक दिन पहले भैया से बात हो रही थी, उन्होंने मुझे बताया कि वो रेणु को पढ़ रहे हैं वो भी मैला आँचल। मुझसे रहा न गया, मै झट से अमेज़न से किताब को आर्डर कर दिया।
किताब मुझे कल मिली। जब मै लिफाफा को खोलकर किताब को पकड़ा तो नास्टैल्जिया हुआ। महज मै कक्षा छठी या सातवीं का विद्यार्थी रहा हूँगा। मेरे छोटे वाले मामाजी जो मेरे बड़े भैया से एकाध साल के ही बड़े होंगे, को शायद पढ़ने का शौक़ रहा होगा। वो पहली बार हमसबकों, मेरे तीनो भाई-बहन और माँ को बैठाकर, संवदिया, जो कि रेणु के ही लिखी हुई कहानी है, पाठ किया और हरेक गद्यांश को सरलता से समझाया। हालाँकि रेणु भाषावल�� हमलोगो के लिए जटिल बिलकुल भी नहीं है क्योंकि वो जिन बोली से अपने भाषावली बनाते थे वो हमारे लिए अनजान नहीं था ब्लकि हम ऐसे शब्दों और कहावतों को आम दिनों में जीते थे। लेकिन, साहित्य या यों कहे कि किसी भी कला कृति से वास्ता नहीं होने से, हममे वो कल्पान्तक भाव को पहचानना जटिलता जैसे ही लगाती थी। मामाजी ने उसे इतने सरल से बताया कि जब सवांदिया बड़ी बहुरानी के पाँव पकड़ कर, अंत में, रो रहा था तो मेरी माँ की भी आँखे नम हो गई थी। मै भी भावुक हो गया था पर रोया नहीं। मैं अपने आप को मर्द बनाने की ट्रेनिंग जो दे रहा था।
ख़ैर, संवदिया की शब्दावली, भावुकता से सराबोर और बरौनी जंकशन का जिक्र, मुझे रेणु से आत्मीय रूप से करीब लेकर आया। तब से रेणु की लिखी कहानियां हिंदी के टेक्सटबुक्स में ढूंढते रहता। और जो भी कहानी मिल जाती, उसे मैं छुप-छुपाकर पढ़ लेता। छुपाना इसलिए पड़ता था, क्योंकि घरवाले को लगता था कि कहानी या साहित्य पढ़ने के बदले कुछ रसायन भौतिक गणित पढ़े तो जिंदगी में कुछ कर पावे। जो कभी स्कूल की चौखट न देखे हो, और जीवन मजूरी में बीत रही हो तो शिक्षा रोटी-पानी का एक सम्मानपूर्ण जरिया बनकर रहा जाता है।
परन्तु मैं इस मामले में, अपनेआप को सौभग्यपूर्ण मानता हूँ की, बिना ज्यादा पढ़े लिखे मैं अपने कक्षा में ठीक-ठाक कर लेता था, घर वालो की सिर्फ फ़िक्र थी तो वो मेरी लिखावट की, जो अभी तक बनी रही है। इसी वजह से मैं कहानी और साहित्य में रूचि बनवाने में अपवाद रहा हूँ। जो भी हिंदी की किताब मिल जाती उसे मैं किसी कमरे के एक अकेलेपन वाले कोने जाकर पढ़ लेता। उसी समय महादेवी वर्मा, प्रेंचन्द, राहुल संकृत्यायन आदि के लिखे कहानियां और लेख पढ़ने का मौका मिला। कवितायेँ भी पढ़ी, लेकिन कहानियों के और झुकाव काफी था।
दिल्ली आने के बाद हिंदी से लगभग वास्ता ही नहीं रह गया था। फिर चतुर सेन की वैशाली की नगरवधू हाथ लगी, और फिर से हिंदी पढ़ना शुरू किया।
रेणु की मैला आँचल शायद मै स्कूल समय में पढ़ रखा हूँ। लेकिन यह ठीक से याद नहीं है कि पूरी पढ़ी थी या नहीं। शायद पूरी पढ़ ली थी क्योंकि, कल जब मै ऐसे ही पन्ने पलट रहा था, 'चकई के चक-धूम' वाले गान, जिसे रेणु ने मैला आँचल में जगह दिए, पर नजर गई। तब मुझे याद आया कि मै इसे पहले भी पढ़ा हूँ। हालाँकि, उस उसमे इसे समझने का न ही तजुर्बा था न ही उम्र और साथ ही साथ यादास्त भी आजकल धोखा देती रहती है। इसलिए कल फिर से इसे पढना शुरू किआ। मेरीगंज की कहानी पढ़कर आँखे भर आयी और लगा मतलबी दुनिया प्यार के पागलपन को कांके का ही पागलपन समझेगा।
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70+ Dil todne wali shayari | प्यार मे दिल टूटने वाली शायरी खतरनाक
जब आप किसी से हद से ज़्यादा प्यार करते हैं, तो अक्सर उस प्यार की कदर नहीं होती और आपका दिल टूटने के बाद वो किसी और के पास चले जाते हैं। अगर आप भी ऐसे ही दिल के दर्द से गुज़रे हैं और अपने दर्द को बयां करने के लिए Dil todne wali shayari, बेवफ़ा शायरी या शायद 2 लाइन की दिल तोड़ने वाली शायरी की तलाश कर रहे हैं, तो हमने आपके लिए इस पोस्ट में ये सब संकलित किया है।.
Dil टूटना दर्दनाक होता है और कभी-कभी शब्द उस दर्द को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका होते हैं। आराम पाने और अपने दिल का बोझ हल्का करने के लिए इन दिल तोड़ने वाली शायरियों को पढ़ें।.
Dil todne wali shayari
तेरी चाहत में रुसवा यूँ सरे बाजार हो गए
हमने ही दिल खोया और हम ही गुनेहगार हो गए।
क्यों इस तरह से मुझे अकेला छोड़ दिया
इतनी बुरी तरह मेरा दिल तोड़ दिया।
दिल टूट जाता है जब ये सोचता हु
मैं तेरे बगैर ही जी लिया…!
तुमने दिल तोड़ा है कोई बात नहीं
आप हमारे पहले प्यार हो
हम आपको कभी नहीं भूलेंगे।
हमारी चाहत ही ऐसी थी
जिस की कोई और चाहत थी।
मुझमें सारी जिंदगी अकेले रहने का हौसला है
मगर मेरे हाथों कभी मोहब्बत में गद्दारी नहीं हो सकती।
क्यों तुमने जिद करी मेरी जिंदगी में आने की
जब हिम्मत ही नहीं थी साथ निभाने की।
अपनो से दिल लगाने की आदत नही रही
हर वक्त मुस्कुराने की आदत नही रही।
दर्द का अहसास तब होता है
जब दिल टूट जाता है।
काश तू पूछे मुझसे मेरा हाल-ए दिल,
मैं तुझे भी रुला दू तेरे सितम सुना सुना कर।
बेवफा शायरी दिल टूटने वाली
क्यों महसूस नहीं होती उसे मेरी तकलीफ
जो कहती थी अच्छे से जानती हूँ तुम्हे।
दिल भी गुस्ताख हो चला था बहुत
शुक्र है की यार ही बेवफा निकला।
तूने हमें अपना समझा नहीं कभी भी
बेवफा तुझे याद करना छोड़ा नहीं अभी भी।
इतने जालिम ना बनो कुछ तो रहम करो
तुमपे मरते है तो क्या मार ही डालोगे।
नींद में भी गिरते है मेरी आंखों से आसू
तुम ख्वाब में भी मेरा हाथ छोड़ देते हो।
याद वही आते हैं जो अक्सर दर्द देते हैं
बनाकर अपना सफर में अकेला छोड़ देते हैं।
वो दिन याद आते जब तू कहती मोहब्बत है
अब वो दिन याद आते हैं जब तू बेवफा है।
यूँ बदलने का अंदाज जरा हमें भी सिखा दो
जैसे हो गए हो तुम बेवफा वैसे हमें भी बना दो।
प्यार मे दिल टूटने वाली शायरी 2 line
दिल तोड़ देती हैं यह खूबसूरती की परिया
इसलिए जरुरी है बना कर रखें इनसे दूरियां।
तेरी बेवफाई ने हमारा ये हाल कर दिया
हम नहीं रोते लोग हमें देख कर रोते है।
तूने तो दिल को खो दिया था
अब तुझे खोजना नहीं चाहता।
कटी हुई टहनियां कहा छाव देती है
हद से ज्यादा उम्मीदें हमेशा घाव देती है।
नजरो से दूर रह कर भी तेरे रूबरू हूं
मेने दिल में अभी भी तुम्हे रखा हुआ है।
तेरी यादों से दिल भर जाता है
और उसी यादों से दिल टूट जाता है।
रोये कुछ इस तरह से मेरे जिस्म से लग के वो
ऐसा लगा कि जैसे कभी बेवफा न थे वो!
किसी से बेहिसाब मोहब्बत करली मैंने
समझ गया था अब वो मेरी किस्मत में नहीं आयेगा!
दिल टूटने वाली शायरी खतरनाक
कहानी खत्म नहीं हुए baby
अब आगे देखो होता है क्या।
कैसे गलत कह दूँ तेरी बेवफाई को
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है।
तू भी आईने की तरह बे���फा निकली,
जो भी सामने आया बस उसी की हो गई।
नहीं करते हम जिक्र तेरा किसी से
अब तो तेरी बाते कर लेते है हम खुद से।
कुछ लोग खाने के इतने शौकीन होते है
की वो दूसरो की खुशियाँ भी खा जाते है।
दर्द भरी रातों में है खोई सी बातें
आँसुओं से ही सजी है ये रातें।
किस मोहब्बत की बात करते हो दोस्त
वो, जिसको दौलत खरीद लेती है।
अब तेरी आरजू कहां मुझको
में तेरी बात भी नही करता।
Dil todne wali shayari hindi
मोत का भी इलाज हो शायद
जिंदगी का इलाज नहीं।
आज खुद को इतना तन्हा महसूस किया
जैसे लोग दफना के छोड़ गए हो!
मुहब्बत की दुनिया में आया तो पता चला
हर वो शख्स तन्हा है जिसने वफा की।
कुछ इंसान दिल तोड़ने की मशीन होते है
पता नही उन्हें दिल तोड़ कर
कौन सा सुकून मिलता है।
ये मोहब्बत करने वाले भी बहुत अजीब है
वफ़ा करो तो रुलाते है
और बेवफाई करो तो रोते है।
जिंदगी की सबसे बड़ी सजा
दिल टूट जाने की होती है।
दूसरों को खुश रखने की कोशिश में
अक्सर हम खुद को उदास कर लेते है।
कैसे भुला देते है लोग तेरी खुदाई को या रब
मुझसे तो तेरा एक सख्श भुलाया ना गया।
हिंदी शायरी दिल टूटने वाली
प्यार से भरी कोई ग़ज़ल उसे पसंद नहीं
बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते हैं।
मेरी आवारगी में कुछ दखल तेरी भी है
जब तेरी याद आती है तो घर अच्छा नही लगता।
अब तो दिल भी नहीं रोता
क्योंकि अब उसे रोने का हक भी नहीं बचा।
जो सब करते है वही तुमने किया
मुझ से प्यार किया और मेरा दिल तोड़ दिया।
हम भी फूलों की तरह कितने बेबस है
किस्मत से टूट जाते है कभी लोग तोड़ जाते है।
जब दिल टूटता है तो
इंसान के अंदर कुछ नहीं रहता।
सपनों की दुनिया में हैं कई राज़ छुपे
दिल की दहलीज़ों में हैं बहुत से ख्वाब।
एक बेवफा को हमने दिल में जगह दी थी
ख़्वाबों की दुनिया अपनी उससे ही सजा दी थी।
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30+ हद से ज्यादा प्यार मत करना शायरी
प्यार, इंसान के जीवन में एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण भावना है। यह भावना हमें जीवन के हर पहलू में महसूस होती है, चाहे वो खुशियों के पल हों या गहरे दुख के समय। शायरी के माध्यम से हम अपने भावों को अभिव्यक्त करते हैं, और जब वह भाव प्यार के होते हैं, तो शब्दों की गहराई में उस प्यार का अहसास महसूस होता है। यहाँ हम लाए हैं " 30+ हद से ज्यादा प्यार मत करना शायरी" जो आपको प्यार और इश्क की गहराइयों में ले जाएगी, और आपके दिल को छू लेगी।
जब बात प्यार की होती है, तो कई बार हमें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की जरूरत होती है। यहाँ कुछ "जरूरत से ज्यादा प्यार शायरी" जो आपको यहाँ पर मिलेगी:
ज़रा सोचिए, क्या हमें एक दूसरे से ज़्यादा चाहिए,
क्या इस प्यार को बयाँ करने के लिए अक्षर बचाएं।
दिल की बातों को दिल से कहना होगा,
वरना वक़्त बीतता रहेगा और हमें अफ़सोस होगा।
ज़रूरत से ज़्यादा प्यार करने का आलम यह है,
की उसके बिना ज़िन्दगी में थोड़ा सा भी सुकून नहीं है।
प्यार का सच जानने के लिए वक़्त की तलाश में,
हम अक्सर खुद को खो जाते हैं, हर एक राह में।
ज़रा सोचिए, क्या वाकई हमें इसकी ज़रूरत है,
या बस हमने खुद को उससे मोहब्बत का नाम दिया है।
ज़र��� सा उनका हाथ पकड़कर चलने से ही,
हमारा सारा दर्द भूल जाता है, मिट जाता है।
ज़रूरत से ज़्यादा प्यार करने वालों की कहानी,
हर बार कुछ नया सिखाती है, नया अहसास दिलाती है।
प्यार में इतनी ज़्यादा खो जाने की बजाय,
थोड़ा सा संभल कर रहना बेहतर होता है।
ज़रा सा समझदारी से काम लेने पर,
हमें अक्सर दर्द की आधी राह से ही रोका जा सकता है।
ज़रा सा सोच लो, क्या हमें एक दूसरे से ज़्यादा चाहिए,
या बस अपनी ख्वाहिशों को प्यार का रूप दिए बैठे हैं।
जरूरत से अधिक मत करो प्यार,
वरना चोट खाओगे तुम बहुत बार।
मेरी तो ख्वाइश है सिर्फ तेरा प्यार,
बस इसे नजदीक रखो, मत करो इन्तजार।
जरूरत से अधिक मत करो मोहब्बत,
बस इसे सच्चे दिल से निभाओ, बिना डर।
तेरे बिना जीना है मुश्किल, पर
जरूरत से अधिक प्यार मत करना हमें, यार।
जब तक हो आसमान में तारे,
मेरा तुझसे प्यार बना रहे सारे।
तेरी हर मुस्कान में है मेरा जहान,
बस तू मुझसे नहीं करना प्यार जरूरत से ज्यादा।
जब साथ हो तू, सब है सहारा,
पर जरूरत से अधिक मत करना प्यार, अपना यारा।
जीने का है अब मतलब बस तेरा प्यार,
बस इसे संभालकर रखो, अधिक मत करना इंतजार।
जरूरत से अधिक मत करो मोहब्बत की बात,
वरना बन जाओगे तुम किसी और की कभी नहीं बात।
जब भी याद आए तू, मन में आती है खुशियाँ,
पर जरूरत से अधिक मत करना प्यार, होना सच्चा अपनों की महफ़िल में।
प्यार की राह में मत खो जाना,
जरूरत से अधिक मत करना इंतजार, अपने सपनों का साकार।
तुम्हारे बिना है अधूरा मेरा हर ख्वाब,
पर जरूरत से अधिक मत करना प्यार, हर इंतजार का जवाब।
तेरे प्यार में खो कर, भूल जाते हैं हम सब कुछ,
पर जरूरत से अधिक मत करना प्यार, हर वक्त की चुंबन तेरी मस्ती से।
तेरी आवाज में है मेरी राहत,
बस तुझसे है मेरा प्यार,
जरूरत से ज्यादा प्यार करने से,
हर दर्द का एहसास होता है।
प्यार की हदें समझकर रहो,
नहीं तो दिल को तोड़ना ही पड़ता है।
जिंदगी में जरूरत से ज्यादा,
प्यार को मत पालो।
नहीं तो वह दिल के दर्द को,
और भी बढ़ा देता है जलो।
जरूरत से ज्यादा प्यार मत करो,
वह तुम्हें तोड़कर चला जाएगा।
अपने दिल की बात समझो,
नहीं तो तुम्हारा दिल ही रोया जाएगा।
प्यार की हदें समझने की,
बात करते रहो दिन रात।
जरूरत से ज्यादा प्यार मत करो,
वरना तुम्हें होगा अफसोस बहुत सारा रात।
अपने दिल के मार्ग पर चलो,
जरूरत से ज्यादा प्यार मत करो।
नहीं तो दिल तुम्हें धोखा दे जाएगा,
और तुम खुद को खो दो।
जरूरत से ज्यादा प्यार करने से,
दर्द ही मिलता है तुम्हें। समझो इस बात को ध्यान से।
निष्कर्ष:
"Jarurat se jyada pyar shayari" प्रेम की सीमाओं को समझने का सार समाहित करता है। जबकि प्यार एक खूबसूरत भावना है जो हमारे जीवन को समृद्ध बनाती है, इसकी सीमाओं को पहचानना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ये शायरियाँ प्यार को उसके दायरे में ही संजोने, उसकी सीमा लांघने के दर्द से बचने के लिए कोमल अनुस्मारक के रूप में काम करती हैं। हिंदी और अंग्रेजी के मिश्रण के माध्यम से, ये शायरियाँ प्यार में संतुलन और संयम के महत्व के बारे में गहरा संदेश देती हैं। तो, आइए प्यार को बुद्धिमत्ता के साथ अपनाएं, यह जानते हुए कि सीमा के भीतर प्यार करने से स्थायी खुशी और संतुष्टि मिलती है।
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date – 14 January 2024
Time 7.10 AM to 7.20 AM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती ���ंभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक १४ जानेवारी २०२४ सकाळी ७.१० मि.
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आयुष्मान भारत योजनेअंतर्गत आतापर्यंत सुमारे ३० कोटी नागरिकांना आरोग्य कवच
ज्येष्ठ शास्त्रीय गायिका डॉक्टर प्रभा अत्रे यांचं हृदयविकाराच्या धक्क्यानं निधन
डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा विद्यापीठाच्या नामविस्तार दिनानिमित्त विविध कार्यक्रमांचं आयोजन
आणि
मलेशिया खुल्या बॅडमिंटन स्पर्धेत चिराग आणि सात्विक जोडी अंतिम फेरीत दाखल
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आयुष्मान भारत - प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजनेअंतर्गत आतापर्यंत सुमारे ३० कोटी आयुष्मान कार्ड वितरित करण्यात आली आहेत. या योजनेद्वारे वंचित घटकातल्या कुटुंबांना उपचारासाठी दरवर्षी पाच लाख रुपयांपर्यंत आरोग्य कवच दिलं जातं. देशभरातल्या १० कोटीहून अधिक गरीब कुटुंबापर्यंत या योजनेचा लाभ पोहोचवण्याचा उद्देश आहे.
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देशातल्या ९ ते १४ वयोगटातल्या मुलींसाठी गर्भाशय कर्करोग प्रतिबंधक HPV लसीकरण मोहीम राबवणार असल्याचं वृत्त खोट आणि दिशाभूल करणार आहे असं केंद्रीय आरोग्य मंत्रालयानं म्हटलं आहे. देशात HPV लसीकरण सुरू करण्याबाबत अद्याप कोणताही निर्णय झालेला नाही, असं मंत्रालयानं म्हटलं आहे.
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जगाचा भारताकडे बघण्याचा दृष्टीकोन बदलला असल्याचं मत परराष्ट्र व्यवहार मंत्री डॉ. एस जयशंकर यांनी व्यक्त केलं आहे. ‘भारताचा भौगोलिक राजकारणातील उदय’ या विषयावर काल नागपूर इथं वसुधैव कुटुंबकम उपक्रमात झालेल्या व्याख्यानात ते बोलत होते. सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, आरोग्य अशा सर्व क्षेत्रात भारत बदलत असल्याचं निरीक्षण त्यांनी नोंदवलं.
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किराणा घराण्याच्या ज्येष्ठ शास्त्रीय गायिका डॉक्टर प्रभा अत्रे यांचं काल पहाटे पुण्यातल्या राहत्या घरी हृदयविकाराच्या धक्क्यानं निधन झालं. त्या ९१ वर्षांच्या होत्या. वयाच्या आठव्या वर्षापासून संगीत साधना सुरू केलेल्या प्रभाताई प्रतिभावंत गायिका, संगीतकार, लेखक आणि प्राध्यापक म्हणून प्रसिद्ध होत्या. हिंदी आणि इंग्रजी भाषेतून त्यांनी अकरा पुस्तकांचं लेखन केलं होतं. त्यांना पद्मश्री, पद्मभूषण आणि पद्मविभूषण या तीनही नागरी पुरस्कारांनी गौरवण्यात आलं होतं. त्या आकाशवाणीच्या संगीत विभागात सहाय्यक निर्मात्या तसंच आकाशवाणीच्या मराठी आणि हिंदी भाषा विभागाच्या 'अ' श्रेणीच्या कलाकारही होत्या. छत्रपती संभाजीनगर इथं नोव्हेंबर महिन्यात 'पद्म फेस्टिव्हल' मध्ये प्रभा अत्रे यांची प्रकट मुलाखत झाली होती. प्रभा अत्रे यांचे कुटुंबीय अमेरिकेत असल्याने त्यांच्या पार्थिव देहावर उद्या शासकीय इतमामात अंत्यसंस्कार करण्यात येणार आहेत.
दरम्यान, प्रभा अत्रे यांनी आपल्या प्रदीर्घ सांगीतिक कारकिर्दीत नविनतेचा अंगीकार करत भारतीय संगीत मोठ्या उंचीवर नेल्याचं राज्यपाल रमेश बैस यांनी आपल्या शोक संदेशात म्हटलं आहे. तर, प्रभा अत्रे यांच्या निधनानं एक स्वरतपस्विनी काळाच्या पडद्याआड गेल्याचं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांनी आपल्या शोकसंदेशात म्हटलं आहे.
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मराठा समाजाला इतर मागास वर्ग-ओबीसीतून आरक्षण देऊ नये, या मागणीचा अन्न आणि नागरी पुरवठा मंत्री छगन भुजबळ यांनी पुनरुच्चार केला आहे. ते काल बीड इथं झालेल्या ओबीसी एल्गार सभेत बोलत होते. आमदार गोपीचंद पडळकर, महादेव जानकर यांच्यासह अनेक मान्यवर यावेळी उपस्थित होते.
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छत्रपती संभाजीनगर इथल्या डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा विद्यापीठाचा ३० वा नामविस्तार दिन आज साजरा करण्यात येणार आहे. यानिमित्त विद्यापीठ परिसरात विविध कार्यक्रमांचं आयोजन करण्यात आलं आहे. विद्यापीठात ‘नामांतर लढा व नामविस्ताराची तीन दशके’ या विषयावर महात्मा गांधी विद्यापीठाचे माजी कुलगुरु डॉ.सुधीर गव्हाणे यांचं व्याख्यान होणार आहे. नऊ गुणवंत विद्यार्थींना आज सुवर्णपदक देऊन गौरवण्यात येणार आहे.
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या बातम्या आकाशवाणीच्या छत्रपती संभाजीनगर केंद्रावरुन देत आहोत.
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देशातील वैद्यकीय महाविद्यालयांची वाढती संख्या समाधानकारक असल्याचं केंद्रीय अर्थ राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड यांनी म्हटलं आहे. छत्रपती संभाजीनगर इथं हृदय रोग तज्ज्ञांच्या राष्ट्रीय परिषदेचं उद्घघाटन डॉ. कराड यांच्या हस्ते काल झालं, त्यावेळी ते बोलत होते. दोन दिवस चालणाऱ्या या परिषदेत देशभरातून शंभर तज्ज्ञ सहभागी झाले आहेत.
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विकसित भारत संकल्प यात्रेचं काल परभणी शहरात पारदेश्वर मंदिर परिसरात स्वागत करण्यात आलं. मेरी कहानी मेरी जुबानी अंतर्गत परभणी इथले लाभार्थी अनिता मोघे, अनुराधा काळे आणि सवित्रा यादव यांनी आपल्याला मिळालेल्या लाभांची माहिती दिली...
बाईट - अनिता मोघे, अनुराधा काळे आणि सवित्रा यादव जि.परभणी
विकसित भारत संकल्प यात्रेत काल छत्रपती संभाजीनगर जिल्ह्यात विविध ठिकाणी शासकीय योजनांबाबत जनजागृती करण्यात आली.
धाराशिव जिल्ह्यात मुरूम इथं मुख्याधिकारी सचिन भुजबळ तसंच लाभार्थ्यांच्या हस्ते फीत कापून या यात्रेतल्या चित्ररथाचं उदघाटन करण्यात आलं. उमरगा इथं या यात्रेत काल विविध शासकीय योजनांची माहिती देण्यात आली.
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मलेशिया खुल्या बॅडमिंटन स्पर्धेत चिराग शेट्टी आणि सात्विक साईराज रंकीरेड्डी यांची जोडी अंतिम फेरीत दाखल झाली आहे. काल झालेल्या उपांत्य फेरीत त्यांनी कोरियाई जोडीचा २१-१८, २२-२० असा पराभव केला.
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भारत आणि अफगाणिस्तान यांच्यातल्या तीन टी - ट्वेंटी क्रिकेट सामन्यांच्या मालिकेतला दुसरा सामना आज इंदूर इथं खेळवला जाणार आहे. संध्याकाळी सात वाजता सामन्याला सुरुवात होईल. या मालिकेत भारतानं पहिला सामना जिंकत १-० अशी आघाडी घेतली आहे.
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गोव्यात घेण्यात आलेल्या वर्ड प्रोसेसिंग स्पर्धेमध्ये बीड इथल्या प्राचार्य डॉ.प्रिती पोहेकर यांनी सुवर्णपदक प्राप्त केलं आहे. डिसेंबर महिन्यात दिल्ली इथं होणाऱ्या राष्ट्रीय स्पर्धेसाठी त्या पश्चिम विभागातून सहभागी होणार आहेत. ऑलिंपिकच्या धर्तीवर अबिलिम्पिक राष्ट्रीय संघटनेच्या वतीने या स्पर्धा घेतल्या जातात.
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भारतीय जनता युवा मोर्चाच्या वतीने आज बीड जिल्ह्यात परळी इथं नमो चषक २०२४ अंतर्गत मॅरेथॉन तसंच व्हॉलीबॉल स्पर्धा होत आहेत. या दोन्ही स्पर्धांना स्पर्धकांचा उदंड प्रतिसाद मिळाला असून नाव नोंदणी मोठ्या प्रमाणात झाली आहे.
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जालना शहर महानगरपालिकेच्या वतीनं प्लास्टीक बंदीसंदर्भात गेल्या दोन दिवसांत सुमारे शंभर दुकांनांची तपासणी करुन एकूण ११० किलो प्लास्टिक जप्त करण्यात आलं.
या प्रकरणी नऊ आस्थापना तसंच दुकानदारांना प्रत्येकी पाच हजार रुपये दंड या प्रमाणे एकूण ४५ हजार रुपये दंड ठोठावण्यात आला.
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भारतीय लिपी-शिल्पांमध्ये स्त्रियांचं महत्व विशद केलं असल्याचं मत डॉ महेंद्र कदम यांनी व्यक्त केलं आहे. मराठी भाषा संवर्धन पंधरवडा निमित्ताने, छत्रपती संभाजीनगर इथं मराठवाडा साहित्य परिषदच्या न.शे.पोहनेरकर व्याख्यानमालेत ते काल बोलत होते. आज या व्याख्यानमालेत डॉ. कदम हे स्त्री जाणिवेच्या आधुनिक कवितेतील पेच या विषयावर आपलं मत मांडणार आहेत.
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परभणीच्या गंगाखेड पंचायत समितीच्या नूतन प्रशासकीय इमारतीसह अधिकारी- कर्मचाऱ्यांच्या निवासस्थानांसाठी २५ कोटी ५५ लाख रुपये निधी मंजूर करण्यात आला आहे. आमदार रत्नाकर गुट्टे यांच्या हस्ते काल या कामांचं भूमिपूजन करण्यात आलं.
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अयोध्येतील प्राणप्रतिष्ठा सोहळ्याप्रित्यर्थ नांदेड जिल्ह्यात आज स्वच्छता मोहीम राबवण्यात येणार आहे. या मोहिमेत जिल्ह्यातील सर्व नागरिकांनी सहभागी होण्याचं आवाहन खासदार प्रताप पाटील चिखलीकर यांनी केलं आहे.
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बीड जिल्ह्यामध्ये उद्या १५ जानेवारीपासून सुक्ष्म सिंचन संच विक्री पश्चात सेवा पंधरवाडा मोहीम राबवण्यात येणार आहे. पंधरवाडा मोहीमे अंतर्गत २०२१-२२ ते २०२३-२४ या तीन वर्षात लाभ देण्यात आलेल्या शेतकऱ्यांना मोफत विक्री पश्चात सेवा दिली जाणार आहे.
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साथ काम करने वाली लड़की को पटा कर चोदा 2023
दोस्तो, मेरा नाम अखिल है।वैसे तो मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं लेकिन मैं फिलहाल गुड़गांव शहर में एक कॉफी शॉप में जॉब कर रहा हूं.
मैं काफी समय से अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ रहा हूं।मुझे लगता है कि आजकल पोर्न फिल्म देखने से ज़्यादा मजा कहानी पढ़ने और साथ साथ उसे जीने में है।
इसीलिए आज मैं अपनी एक रियल लाइफ की कहानी आपके सामने लेकर आया हूं।उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी हिंदी चुत का सेक्स मजा…
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Easy Akbar Birbal Short Stories in Hindi
Table of Contentsचित्रकारी चुनौती
गुम हुए आभूषण | easy akbar birbal short stories in hindi written
easy akbar birbal short stories in hindi written
लालची ब्राह्मण | easy akbar birbal short stories in hindi written
Very Short stories in Hindi Language | लघु कथाएँ हिंदी में
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चित्रकारी चुनौती
Easy akbar birbal short stories in hindi written: एक दिन, सम्राट Akbar ने अपने दरबारियों के कलात्मक कौशल का परीक्षण करने का फैसला किया।
उन्होंने एक चित्रकला प्रतियोगिता की घोषणा की और बैलगाड़ी का सबसे अच्छा चित्र बनाने वाले व्यक्ति को एक भव्य पुरस्कार की पेशकश की।
दरबार में Birbal सहित कई कलाकारों ने प्रतियोगिता की तैयारी की।
जब प्रतियोगिता का दिन आया, तो Akbar के निर्णय के लिए शाही दरबार में पेंटिंग प्रदर्शित की गईं।
बैलगाड़ियों की कई सुंदर और जटिल पेंटिंग थीं, लेकिन Birbal की पेंटिंग अलग थी।
उन्होंने बैल के साथ बैलगाड़ी का एक साधारण चित्र बनाया था लेकिन एक मोड़ के साथ।
Birbal की बैलगाड़ी के पहिये गायब थे और बादशाह को केवल धुरी ही दिखाई दे रही थी।
Akbar हैरान हो गए और उन्होंने Birbal से पूछा, "तुमने बिना पहियों वाली पेंटिंग क्यों बनाई? बैलगाड़ी पहियों के बिना नहीं चल सकती!"
Birbal ने उत्तर दिया, "महाराज, अगर मेरी पेंटिंग अधूरी है तो मैं क्षमा चाहता हूँ।
हालाँकि, यह वैसा नहीं है जैसा दिखता है। बैलगाड़ी के पहिए हैं;
वे बस अदृश्य हैं।"Birbal की प्रतिक्रिया से बादशाह और दरबारी चकित रह गए। Akbar ने उनसे समझाने को कहा.
Birbal ने आगे कहा, "महाराज, मेरी पेंटिंग में एक बहुत ही धार्मिक व्यक्ति की बैलगाड़ी ��ो दर्शाया गया है।
उसका मानना है कि अपनी बैलगाड़ी को अदृश्य बनाकर, वह इसे चोरों से सुरक्षित रख सकता है, क्योंकि जिसे वे देख नहीं सकते उसे कोई चुरा नहीं सकता।"
Akbar खुश हुए और उन्होंने Birbal की रचनात्मकता और बुद्धि की सराहना की।
उन्होंने Birbal को उनकी कल्पनाशील और विचारोत्तेजक पेंटिंग के लिए पुरस्कार दिया।
यह कहानी Birbal की लीक से हटकर सोचने और चतुर समाधान पेश करने की क्षमता को दर्शाती है जो पहली नज़र में स्पष्ट नहीं हो सकते हैं।
गुम हुए आभूषण | easy akbar birbal short stories in hindi written
एक दिन, Akbar की रानी हीर कुंवारी को पता चला कि उसका कीमती हार गायब हो गया है। वह बेहद परेशान थी क्योंकि यह एक पारिवारिक विरासत थी।
उसने तुरंत चोरी की सूचना बादशाह Akbar को दी और उनसे हार ढूंढने को कहा।
easy akbar birbal short stories in hindi written
Akbar ने अपने रक्षकों को मामले की जाँच करने का आदेश दिया।
गार्डों ने पूरे महल की तलाशी ली लेकिन कोई सुराग या संदिग्ध नहीं मिला। अपनी रानी की परेशानी से निराश और चिंतित Akbar ने Birbal को बुलाया
और कहा, "बीरबल, मैं चाहता हूं कि तुम चोर को ढूंढो और रानी का हार बरामद करो।
यदि तुम ऐसा नहीं कर सकते, तो मैं सभी रक्षकों को दंडित करवाऊंगा।"
Birbal ने चुनौती स्वीकार कर ली और अपनी जांच शुरू कर दी।
उसने रानी से अपनी सभी दास-दासियों को आँगन में इकट्ठा करने को कहा।
Birbal उनके सामने खड़े हो गए और बोले, "मेरे पास चोर को ढूंढने का एक तरीका है, लेकिन मुझे आपके सहयोग की आवश्यकता है।
मुझे आप सभी को अपने हाथ फैलाने होंगे, हथेली ऊपर करनी होगी।" Birbal ने जैसा कहा सबने वैसा ही किया।
फिर उसने प्रत्येक व्यक्ति के हाथ में भूसे के छोटे-छोटे टुकड़े रखकर कहा, "यदि तुम चोर हो तो भूसा बड़ा हो जाएगा।"
थोड़ी देर बाद Birbal ने देखा कि एक दासी बहुत चिंतित दिख रही थी और हाथ में लिए भूसे पर लगातार फूंक मार रही थी।
उसने उसकी ओर इशारा करके कहा, “महाराज, यही आपका चोर है।”
नौकरानी ने खुद को ठगा हुआ महसूस करते हुए हार चुराने की बात कबूल कर ली।
उसने इसे अपने कमरे में छिपा रखा था. हार बरामद हो गया और Birbal ने मामला सुलझा लिया।
Akbar Birbal के चतुर समाधान से प्रभावित हुए और उनकी बुद्धिमत्ता और बुद्धि की सराहना की।
चोर को सज़ा दी गई और रानी का हार उसे लौटा दिया गया।
यह कहानी Birbal की बुद्धिमत्ता और एक मुश्किल स्थिति में सच्चाई को उजागर करने के लिए मनोविज्ञान का उपयोग करने की उनकी क्षमता को प्रदर्शित करती है।
लालची ब्राह्मण | easy akbar birbal short stories in hindi written
एक बार, एक ब्राह्मण (एक हिंदू पुजारी) सम्राट Akbar के दरबार में आया और घोषणा की, "महामहिम, मैं आपके राज्य में सबसे धार्मिक और धर्मपरायण व्यक्ति हूं।
मैंने सबसे कठोर व्रतों का पालन किया है और तपस्या और सदाचार का जीवन व्यतीत किया है।
मैं एक महान धार्मिक समारोह करना चाहता हूं, लेकिन मेरे पास ऐसा करने के लिए आवश्यक धन की कमी है।
मैं अनुरोध करता हूं कि आप मुझे इस उद्देश्य के लिए शाही खजाने से कुछ धन प्रदान करें।"
अकबर, हमेशा लोगों के दावों का परीक्षण करने में रुचि रखते थे, उन्होंने Birbal से उनकी राय पूछी।
बीरबल, जो अपनी बुद्धिमत्ता और बुद्धि के लिए जाने जाते थे, ने एक परीक्षण का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा, "महाराज, मुझे लगता है कि हमें इस ब्राह्मण को 100 सोने के सिक्के देने चाहिए।
Very Short stories in Hindi Language | लघु कथाएँ हिंदी में
हालाँकि, हमें उसे एक शर्त के तहत प्रदान करना चाहिए। उसे समारोह के प्रति अपना समर्पण साबित करते हुए एक ही दिन में सारा पैसा खर्च करना चाहिए।"
ब्राह्मण ने शर्त मान ली और Akbar ने उसे 100 सोने के सिक्के दिए। ब्राह्मण खुश हुआ और योजना बनाने लगा कि अपने भव्य समारोह के लिए पैसे कैसे खर्च किए जाएँ।
अगली सुबह, ब्राह्मण निराश होकर Akbar के दरबार में लौट आया। उन्होंने बताया कि वह एक दिन में सारे पैसे खर्च नहीं कर पाए और कुछ पैसे बचे थे।
Akbar और Birbal को एहसास हुआ कि ब्राह्मण उतना समर्पित नहीं था जितना उसने दावा किया था।
Birbal ने फिर कहा, "महाराज, यह ब्राह्मण एक धार्मिक समारोह के लिए धन चाहता था,
और वह इसे एक दिन में खर्च नहीं कर सका। ऐसा प्रतीत होता है कि वह उतना धार्मिक और पवित्र नहीं है जितना उसने दावा किया था।"
Akbar Birbal के आकलन से सहमत हुए और उन्होंने ब्राह्मण को और धन न देने का निर्णय लिया।
यह कहानी ईमानदारी और अपने वादे निभाने के महत्व के बारे में एक मूल्यवान सबक सिखाती है।
Birbal की चतुराईपूर्ण परीक्षा से ब्राह्मण के असली इरादे सामने आ गये।
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Pyaar Ka Pehla Adhyaya Shivshakti 15th July 2023 Hindi Written Update Episode
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शुरुआत शिव द्वारा फॉर्म में विवरण पढ़ने और निर्णय लेने से होती है कि उसे इस पर हस्ताक्षर करना चाहिए क्योंकि शक्ति के पास अच्छे अंक हैं और एक अच्छा डॉक्टर बनने की प्रतिभा है।
शिव फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के लिए आगे बढ़ते हैं, तभी मंदिरा मंत्री की बेटी निधि के साथ शिव के केबिन में आती है और शिव को बताती है कि वह उनके मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने वाली है।
निधि शी को बताना शुरू करती है कि वह उसके डॉक्टर के कौशल की कितनी बड़ी प्रशंसक है और शिव से पूछती है कि वह इतने सारे कठिन मामलों को सबसे अच्छे समाधान के साथ अकेले कैसे संभाल लेता है।
एक डॉक्टर के रूप में अपने प्रतिभाशाली कौशल के बारे में सुनकर शिव की सांसें फूलने लगती हैं, जिससे निधि के सामने शिव की सच्चाई सामने आने से मंदिरा घबरा जाती है और गुप्त रूप से किसी को संदेश भेजती है।
एक नर्स आती है और डॉ. शिव से कहती है कि उन्हें कुछ सर्जरी के लिए जाना होगा जबकि मंदिरा निधि से कहती है कि उन्हें शिव को काम के दौरान परेशान नहीं करना चाहिए।
इस बीच, मनोरमा शक्ति को रोकती है जब वह घर छोड़ने वाली होती है और उससे कहानी पूरी करने के लिए कहती है कि वह और रिमझिम उस दिन कहाँ गए थे।
शक्ति कहती है कि उसे अस्पताल जाने में देर हो रही है, जिस पर मनोरमा शक्ति से पूछती है कि उसे अस्पताल में क्या काम है। शक्ति जवाब देती है कि वह पोलियो अभियान के लिए स्वेच्छा से काम करने जा रही है, जबकि मनोरमा शक्ति से पूछती है कि वह और रिमझिम अपने कमरे में क्या बात कर रहे थे।
रिमझिम देखती है कि शक्ति पूछताछ कर रही है और वह शक्ति को वहां से भागने में मदद करती है जिसके बाद रिमझिम मनोरमा से दूर भाग जाती है।
दूसरी ओर, गायत्री सुंदरी को शक्ति के पैरों के निशान साफ करने से रोकती है और उन्हें एक सफेद कपड़े पर ढूंढती है क्योंकि उस घर में शक्ति के प्रवेश के कारण शिव ने वर्षों बाद उससे बात की थी।
वहीं, मंदिरा नंदू को फोन करती है और उसे शिव के साथ रहने के लिए कहती है जिसके बाद वह शिव के केबिन में जाता है और शिव को शांत करने की कोशिश करता है। अचानक, शिव की चिंता गायब हो जाती है और वह खुद को शांत पाता है जबकि शक्ति अस्पताल में प्रवेश करती है और अभियान में बच्चों से मिलती है।
शिव फिर से फॉर्म में जाते हैं और यह देखकर प्रभावित हो जाते हैं कि शक्ति ने गरीबों और वंचितों की कितनी सेवा की है जिसके बाद उन्होंने फैसला किया कि शक्ति को डॉक्टर बनाना उनकी जिम्मेदारी है।
अपने केबिन के बाहर शक्ति को देखने में असमर्थ, शिव उसके फॉर्म पर हस्ताक्षर करता है और शक्ति को बच्चों के साथ हंसते हुए देखने के लिए मुड़ता है जिससे वह खुश हो जाता है। शक्ति भी शिव को अपने केबिन के अंदर देखती है
और दूसरी तरफ आती है लेकिन उनमें से कोई भी दूसरे की आवाज नहीं सुन पाता है, जिससे शिव शक्ति को अपने केबिन के दरवाजे की दिशा दिखाते हैं। हालाँकि, इससे पहले कि शक्ति कमरे में प्रवेश कर सके, मंदिरा ने उसका रास्ता रोक दिया और अंदर से दरवाजा बंद करके अंदर चली गई।
मंदिरा शिव से कहती है कि दादी की तबीयत ठीक नहीं है, जिससे शिव फॉर्म पर अपनी पकड़ खो देता है और जल्दी से दादी को बुलाता है।
जैसे ही मंदिरा फर्श से फॉर्म उठाने के लिए आगे बढ़ती है, शिव कहते हैं कि दादी बिल्कुल ठीक हैं, जिस पर मंदिरा जवाब देती हैं कि वह ऐसा इसलिए कह रही हैं ताकि शिव को उनकी चिंता न हो।
मंदिरा के जाने के बाद, नंदू को शक्ति के शिव के बाथरूम में आने और यह कहने के बारे में पता चलता है कि शिव ने पहले उससे झूठ बोलकर उनके बीच का भाईचारा तोड़ दिया था। इस बीच, मंदिरा एक डॉक्टर के साथ चलते समय शक्ति को रोकती है और उसे बताती है कि उसने डॉक्टर को जाने के लिए कहने के बाद शिव को बहकाना शुरू कर दिया है।
मंदिरा का कहना है कि शक्ति जैसी लड़कियां अपनी इच्छा पूरी करने के लिए कुछ भी कर सकती हैं, यहां तक कि लड़के के कमरे में भी जा सकती हैं, जिससे शक्ति को लगता है कि शिव ने मंदिरा को उसके गुप्त रूप से अपने कमरे में जाने के बारे में बताया है।
प्यार का पहला अध्याय शिवशक्ति 2023 हिंदी लिखित अपडेट एपिसोड रोजाना आप मेरी वेबसाइट पर देख सकते हो नए एपिसोड के लिए सब्सक्राइब जरुर करे और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे
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75+ Krishna Shayari in Hindi | कृष्ण प्रेम शायरी 2 लाइन
प्यारे दोस्तों, आज मैं आपके लिए Krishna Shayari in Hindi का एक सुंदर संग्रह लाया हूँ, जिसमें हिंदी में 2-लाइन कृष्ण शायरी और कृष्ण शायरी स्टेटस कोट्स हैं जो आपको ज़रूर पसंद आएंगे। अगर आप भी मेरी तरह भगवान श्री कृष्ण के समर्पित अनुयायी हैं, तो यह Krishna Shayari खास तौर पर आपके लिए ही बनाई गई है।.
इन दिल को छू लेने वाले छंदों में खुद को डुबोने के लिए कुछ समय निकालें और दुनिया को कृष्ण के प्रति अपने गहरे प्रेम के बारे में बताने के लिए इन्हें Instagram, Facebook और WhatsApp पर शेयर करना न भूलें।.
Krishna Shayari In Hindi
ना कोई साथ था मेरे
ना कोई पास था मेरे
मुझे श्री कृष्ण पर विश्वास है
बस अब वही साथ है मेरे।
झूठी ये दुनियां सारी झूठा ये जमाना
मेरे कृष्ण का हूं में दिवाना…!
जब भी कोई पूछता है
आज कल कहां है
मेरा एक ही जवाब रहता है
श्री कृष्ण कि भक्ति में…!
ना जीने की खुशी और नाही मौत का गम
जबतक है दम कृष्ण के भक्त रहेंगे हम…!
आज कल मे नशे मे रहता हु
श्री कृष्णा की भक्ति के नशे मे…!
इश्क, मोहब्बत और प्यारये सब तो आम हे
श्री कृष्ण की तस्वीर से सुन्दर ना सुबह ना श्याम हे.
ये मतलब की दुनिया हैं साथ कोई क्यों देगा
कान्हा पर विश्वास करो साथ बस वही देगा..!
जब कोई हाथ और साथ दोनों ही
छोड़ देता है तब कृष्णा जिंदगी में किसी अच्छे
इंसान को फिर से भेज देता है।
खुशियों भरी जिंदगी जीनी है
तो एक काम किया कीजिए
रोजाना अपने होंठो से
श्री कृष्ण का नाम ले लीजिये…!
कृष्ण प्रेम शायरी 2 लाइन
तेरा दर हो मेरा सर हो
ये मोहब्बत श्री कृष्ण से ब�� यूँ ही उम्र भर हो…!
सबकी अपनी दुनिया है
मेरी दुनिया आप हो कृष्णा..!
दिल से सुकून का पता पूछा तो जवाब आया
श्री कृष्ण की भक्ति ही सुकून का जरिया है…!
लोग हमसे पूछते है क्या करते हो
हम कहते है श्री कृष्ण की भक्ति…!
यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता
तो हर हृदय में राधा-कृष्ण का नाम नही होता…!
प्रेम की भाषा बड़ी आसान होती हैं
राधा कृष्ण की प्रेम कहानी ये पैगाम देती हैं…!
प्यार और विश्वास दोनों करता हु
लेकिन सिर्फ श्री कृष्ण से…!
सच्ची मोहब्बत का अंजाम अगर निकाह होता
तो रुक्मणि की जगह राधा का स्थान होता…!
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विवाह उपरांत जीवन साथी को छोड़ने के लिए 2 शब्दों का प्रयोग किया जाता है
1-Divorce (अंग्रेजी)
2-तलाक (उर्दू)
कृपया हिन्दी का शब्द बताए...??
कहानी आजतक के Editor... संजय सिन्हा की लिखी है...।
तब मैं... 'जनसत्ता' में... नौकरी करता था...। एक दिन खबर आई कि... एक आदमी ने झगड़े के बाद... अपनी पत्नी की हत्या कर दी...। मैंने खब़र में हेडिंग लगाई कि... "पति ने अपनी बीवी को मार डाला"...! खबर छप गई..., किसी को आपत्ति नहीं थी...। पर शाम को... दफ्तर से घर के लिए निकलते हुए... प्रधान संपादक प्रभाष जोशी जी... सीढ़ी के पास मिल गए...। मैंने उन्हें नमस्कार किया... तो कहने लगे कि... "संजय जी..., पति की... 'बीवी' नहीं होती...!"
“पति की... 'बीवी' नहीं होती?” मैं चौंका था
" “बीवी" तो... 'शौहर' की होती है..., 'मियाँ' की होती है..., पति की तो... 'पत्नी' होती है...! "
भाषा के मामले में... प्रभाष जी के सामने मेरा टिकना मुमकिन नहीं था..., हालांकि मैं कहना चाह रहा था कि... "भाव तो साफ है न ?" बीवी कहें... या पत्नी... या फिर वाइफ..., सब एक ही तो हैं..., लेकिन मेरे कहने से पहले ही... उन्होंने मुझसे कहा कि... "भाव अपनी जगह है..., शब्द अपनी जगह...! कुछ शब्द... कुछ जगहों के लिए... बने ही नहीं होते...! ऐसे में शब्दों का घालमेल गड़बड़ी पैदा करता है...।"
खैर..., आज मैं भाषा की कक्षा लगाने नहीं आया..., आज मैं रिश्तों के एक अलग अध्याय को जीने के लिए आपके पास आया हूं...। लेकिन इसके लिए... आपको मेरे साथ... निधि के पास चलना होगा...।
निधि... मेरी दोस्त है..., कल उसने मुझे फोन करके अपने घर बुलाया था...। फोन पर उसकी आवाज़ से... मेरे मन में खटका हो चुका था कि... कुछ न कुछ गड़बड़ है...! मैं शाम को... उसके घर पहुंचा...। उसने चाय बनाई... और मुझसे बात करने लगी...। पहले तो इधर-उधर की बातें हुईं..., फिर उसने कहना शुरू कर दिया कि... नितिन से उसकी नहीं बन रही और उसने उसे तलाक देने का फैसला कर लिया है...।
मैंने पूछा कि... "नितिन कहां है...?" तो उसने कहा कि... "अभी कहीं गए हैं..., बता कर नहीं गए...।" उसने कहा कि... "बात-बात पर झगड़ा होता है... और अब ये झगड़ा बहुत बढ़ गया है..., ऐसे में अब एक ही रास्ता बचा है कि... अलग हो जाएं..., तलाक ले लें...!"
निधि जब काफी देर बोल चुकी... तो मैंने उससे कहा कि... "तुम नितिन को फोन करो... और घर बुलाओ..., कहो कि संजय सिन्हा आए हैं...!"
निधि ने कहा कि... उनकी तो बातचीत नहीं होती..., फिर वो फोन कैसे करे...?!!!
अज़ीब सँकट था...! निधि को मैं... बहुत पहले से जानता हूं...। मैं जानता हूं कि... नितिन से शादी करने के लिए... उसने घर में कितना संघर्ष किया था...! बहुत मुश्किल से... दोनों के घर वाले राज़ी हुए थे..., फिर धूमधाम से शादी हुई थी...। ढ़ेर सारी रस्म पूरी की गईं थीं... ऐसा लगता था कि... ये जोड़ी ऊपर से बन कर आई है...! पर शादी के कुछ ही साल बाद... दोनों के बीच झगड़े होने लगे... दोनों एक-दूसरे को खरी-खोटी सुनाने लगे... और आज उसी का नतीज़ा था कि... संजय सिन्हा... निधि के सामने बैठे थे..., उनके बीच के टूटते रिश्तों को... बचाने के लिए...!
खैर..., निधि ने फोन नहीं किया...। मैंने ही फोन किया... और पूछा कि... "तुम कहां हो... मैं तुम्हारे घर पर हूँ..., आ जाओ...। नितिन पहले तो आनाकानी करता रहा..., पर वो जल्दी ही मान गया और घर चला आया...।
अब दोनों के चेहरों पर... तनातनी साफ नज़र आ रही थी...। ऐसा लग रहा था कि... कभी दो जिस्म-एक जान कहे जाने वाले ये पति-पत्नी... आंखों ही आंखों में एक दूसरे की जान ले लेंगे...! दोनों के बीच... कई दिनों से बातचीत नहीं हुई थी...!!
नितिन मेरे सामने बैठा था...। मैंने उससे कहा कि... "सुना है कि... तुम निधि से... तलाक लेना चाहते हो...?!!!
उसने कहा, “हाँ..., बिल्कुल सही सुना है...। अब हम साथ... नहीं रह सकते...।"
मैंने कहा कि... "तुम चाहो तो... अलग रह सकते हो..., पर तलाक नहीं ले सकते...!"
“क्यों...???
“क्योंकि तुमने निकाह तो किया ही नहीं है...!”
"अरे यार..., हमने शादी तो... की है...!"
“हाँ..., 'शादी' की है...! 'शादी' में... पति-पत्नी के बीच... इस तरह अलग होने का... कोई प्रावधान नहीं है...! अगर तुमने 'मैरिज़' की होती तो... तुम "डाइवोर्स" ले सकते थे...! अगर तुमने 'निकाह' किया होता तो... तुम "तलाक" ले सकते थे...! लेकिन क्योंकि... तुमने 'शादी' की है..., इसका मतलब ये हुआ कि... "हिंदू धर्म" और "हिंदी" में... कहीं भी पति-पत्नी के एक हो जाने के बाद... अलग होने का कोई प्रावधान है ही नहीं....!!!"
मैंने इतनी-सी बात... पूरी गँभीरता से कही थी..., पर दोनों हँस पड़े थे...! दोनों को... साथ-साथ हँसते देख कर... मुझे बहुत खुशी हुई थी...। मैंने समझ लिया था कि... रिश्तों पर पड़ी बर्फ... अब पिघलने लगी है...! वो हँसे..., लेकिन मैं गँभीर बना रहा...
मैंने फिर निधि से पूछा कि... "ये तुम्हारे कौन हैं...?!!!"
निधि ने नज़रे झुका कर कहा कि... "पति हैं...! मैंने यही सवाल नितिन से किया कि... "ये तुम्हारी कौन हैं...?!!! उसने भी नज़रें इधर-उधर घुमाते हुए कहा कि..."बीवी हैं...!"
मैंने तुरंत टोका... "ये... तुम्हारी बीवी नहीं हैं...! ये... तुम्हारी बीवी इसलिए नहीं हैं.... क्योंकि... तुम इनके 'शौहर' नहीं...! तुम इनके 'शौहर' नहीं..., क्योंकि तुमने इनसे साथ "निकाह" नहीं किया... तुमने "शादी" की है...! 'शादी' के बाद... ये तुम्हारी 'पत्नी' हुईं..., हमारे यहाँ जोड़ी ऊपर से... बन कर आती है...! तुम भले सोचो कि... शादी तुमने की है..., पर ये सत्य नहीं है...! तुम शादी का एलबम निकाल कर लाओ..., मैं सबकुछ... अभी इसी वक्त साबित कर दूंगा...!"
बात अलग दिशा में चल पड़ी थी...। मेरे एक-दो बार कहने के बाद... निधि शादी का एलबम निकाल लाई..., अब तक माहौल थोड़ा ठँडा हो चुका था..., एलबम लाते हुए... उसने कहा कि... कॉफी बना कर लाती हूं...।"
मैंने कहा कि..., "अभी बैठो..., इन तस्वीरों को देखो...।" कई तस्वीरों को देखते हुए... मेरी निगाह एक तस्वीर पर गई..., जहाँ निधि और नितिन शादी के जोड़े में बैठे थे...। और पाँव~पूजन की रस्म चल रही थी...। मैंने वो तस्वीर एलबम से निकाली... और उनसे कहा कि... "इस तस्वीर को गौर से देखो...!"
उन्होंने तस्वीर देखी... और साथ-साथ पूछ बैठे कि... "इसमें खास क्या है...?!!!"
मैंने कहा कि... "ये पैर पूजन का रस्म है..., तुम दोनों... इन सभी लोगों से छोटे हो..., जो तुम्हारे पांव छू रहे हैं...।"
“हां तो....?!!!"
“ये एक रस्म है... ऐसी रस्म सँसार के... किसी धर्म में नहीं होती... जहाँ छोटों के पांव... बड़े छूते हों...! लेकिन हमारे यहाँ शादी को... ईश्वरीय विधान माना गया है..., इसलिए ऐसा माना जाता है कि... शादी के दिन पति-पत्नी दोनों... 'विष्णु और लक्ष्मी' के रूप हो जाते हैं..., दोनों के भीतर... ईश्वर का निवास हो जाता है...! अब तुम दोनों खुद सोचो कि... क्या हज़ारों-लाखों साल से... विष्णु और लक्ष्मी कभी अलग हुए हैं...?!!! दोनों के बीच... कभी झिकझिक हुई भी हो तो... क्या कभी तुम सोच सकते हो कि... दोनों अलग हो जाएंगे...?!!! नहीं होंगे..., हमारे यहां... इस रिश्ते में... ये प्रावधान है ही नहीं...! "तलाक" शब्द... हमारा नहीं है..., "डाइवोर्स" शब्द भी हमारा नहीं है...!"
यहीं दोनों से मैंने ये भी पूछा कि... "बताओ कि... हिंदी में... "तलाक" को... क्या कहते हैं...???"
दोनों मेरी ओर देखने लगे उनके पास कोई जवाब था ही नहीं फिर मैंने ही कहा कि... "दरअसल हिंदी में... 'तलाक' का कोई विकल्प ही नहीं है...! हमारे यहां तो... ऐसा माना जाता है कि... एक बार एक हो गए तो... कई जन्मों के लिए... एक हो गए तो... प्लीज़ जो हो ही नहीं सकता..., उसे करने की कोशिश भी मत करो...! या फिर... पहले एक दूसरे से 'निकाह' कर लो..., फिर "तलाक" ले लेना...!!"
अब तक रिश्तों पर जमी बर्फ... काफी पिघल चुकी थी...!
निधि चुपचाप मेरी बातें सुन रही थी...। फिर उसने कहा कि... "भैया, मैं कॉफी लेकर आती हूं...।"
वो कॉफी लाने गई..., मैंने नितिन से बातें शुरू कर दीं...। बहुत जल्दी पता चल गया कि... बहुत ही छोटी-छोटी बातें हैं..., बहुत ही छोटी-छोटी इच्छाएं हैं..., जिनकी वज़ह से झगड़े हो रहे हैं...।
खैर..., कॉफी आई मैंने एक चम्मच चीनी अपने कप में डाली...। नितिन के कप में चीनी डाल ही रहा था कि... निधि ने रोक लिया..., “भैया..., इन्हें शुगर है... चीनी नहीं लेंगे...।"
लो जी..., घंटा भर पहले ये... इनसे अलग होने की सोच रही थीं...। और अब... इनके स्वास्थ्य की सोच रही हैं...!
मैं हंस पड़ा मुझे हंसते देख निधि थोड़ा झेंपी कॉफी पी कर मैंने कहा कि... "अब तुम लोग... अगले हफ़्ते निकाह कर लो..., फिर तलाक में मैं... तुम दोनों की मदद करूंगा...!"
शायद अब दोनों समझ चुके थे.....
हिन्दी एक भाषा ही नहीं - संस्कृति है...!
इसी तरह हिन्दू भी धर्म नही - सभ्यता है...!!
👆उपरोक्त लेख मुझे बहुत ही अच्छा लगा..., जो सनातन धर्म और संस्कृति से जुड़ा है...। आप सभी से निवेदन है कि... समय निकाल कर इसे पढ़ें
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दृष्टव्य: सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इस आलेख से श्रेष्ठ प्रेरक कथानक मैने कभी नहीं पढ़ा है।
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05+ Moral Stories in Hindi | हिंदी नैतिक कहानियां | Kids Story
आज हम इस लेख में नैतिक कहानियों (Short Moral Stories in Hindi) के बारे में जानेगे। जिन्हे पढ़ने के बाद आपको बहुत कुछ सिखने को मिलेगा। जब भी हम कहानियों के बारे में पड़ते है|
मोरल स्टोरीज इन हिंदी (Moral Stories in Hindi) में आपका स्वागत है। दोस्तों, आपके लिए Top 06 Moral Stories in Hindi सुनाने जा रहा हूं। आशा रखता हूँ की आपको बेहद पसंद आएगा। कहानी एक (Story) आपके बच्चों को Engaged रखने का एक शानदार तरीका है। शायद आपके बचपन की सबसे स्पष्ट यादों में से एक वह Stories हैं जो आपने बचपन में पढ़ी थीं।
तो हमें ज्यादातर कहानियां बच्चो से समन्धित पढ़ने के लिए मिलती है। क्योकिं एक छोटे बच्चो को कुछ भी समझाने के लिए कहानियों को सुनाना बहुत जरुरी है। क्योकिं बच्चे कहानियों को बहुत ध्यान से सुनते है।
कुछ नैतिक कहानियां तो ऐसी होती है, जो की सीधे हमारे हृदय मन उतर जाती है। हमें इन कहानियों से बहुत सिखने को मिलता है। ज्यादातर छोटे बच्चे अपने दादा – दादी और नाना – नानी से कहानियां सुनना पसंद करते है।
अगर आप भी अपने बच्चो को कहानियां सुनना चाहते है, तो आप यहाँ पर लिखी सभी कहानियों को अपने बच्चो को सुना सकते है। यह सभी कहानियां शिक्षाप्रद है। कहानियों को लेखक कई प्रकार से लिखते है, जिससे की किसी भी कहानी को अधिक से अधिक रोचक बनाया जा सके।
Short Moral Stories in Hindi | हिंदी नैतिक कहानियां
यहाँ पर हम आपको सभी ऐसी कहानियों की List देने जा रहे है, जो की शिक्षाप्रद होने के साथ साथ बहुत मनोरंजक, और रोचक भी है। जिन्हे पढ़ते हुए आपको बहुत मजा आने वाला है। यहाँ पर लिखी गयी सारी कहानियां सभी वर्ग के आयु के लोगो के लिए है।
क्योकिं कोई भी कहानी सिर्फ बच्चो को ही कुछ नहीं सिखाती है। बल्कि बड़े लोगो को भी कहानियों से बहुत कुछ सिखने के लिए मिलता है। अगर आप भी अपने बच्चो को कुछ रोचक कहानियां सुनाना चाहते है, तो आप यहाँ से पढ़कर सुना सकते है।
1. लकड़हारा और कुल्हाड़ी की कहानी (Short Stories in Hindi)
एक समय की बात है, एक गांव में एक लकड़हारा रहता है, जो की जंगल से लकड़ियों को काटकर उन्हें बाजार में बेचकर पैसे कमाता था, जो भी पैसे उसे लकड़ी बेच कर मिलते थे|
वह उसी से अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करता था। एक दिन वह जंगल में रोज की तरह लकड़ी काटने के लिए गया, और नदी किनारे एक वृक्ष से लकड़ी काटने लगा।
अचानक उसके हाथ से कुल्हाड़ी छूटकर नदी में गिर गयी। इससे लकड़हारे को बहुत दुःख हुआ, और वह नदी में कुल्हाड़ी ढूंढ़ने का प्रयत्न करने लगा। लेकिन उसे नदी में अपनी कुल्हाड़ी नहीं मिली।
इस बात से लकड़हारा बहुत ज्यादा दुखी था, और वह नदी के किनारे बैठकर रोने लगा। जब वह नदी किनारे रो रहा था, तो लकड़हारे की आवाज सुनकर नदी से भगवान प्रकट हुए।
भगवान् जी ने लकड़हारे से पूछा की तुम क्यों रो रहे हो, इस पर लकड़हारे ने शुरू से अंत की पूरी कहानी भगवान को सुनाई। लकड़हारे की कहानी सुनकर भगवान को उस पर दया आ गयी, और उन्होंने लकड़हारे की मेहनत को देखते हुए उसकी मदद करने की योजना बनाई।
https://www.youtube.com/watch?v=zPpsQJhPlaI
इसके बाद भगवान जी नदी में गायब हो गए, और एक सोने की कुल्हाड़ी लकड़हारे को देते हुए बोले ये लो तुम्हारी कुल्हाड़ी। सोने की कुल्हाड़ी देखकर लकड़हारे बोलै की “हे भगवन” यह कुल्हाड़ी मेरी नहीं है|
इस बात को सुनकर भगवान फिर से नदी में गायब हो गए और इस बार एक चांदी की कुल्हाड़ी लकड़हारे को देते हुए बोले यह लोग तुहारी कुल्हाड़ी, इस बार भी लकड़हारे ने यही कहा की यह कुल्हाड़ी भी मेरी नहीं है, और मुझे सिर्फ मेरी कुल्हाड़ी चाहिए। भगवान् ने फिर से नदी में गायब होकर एक लोहे की कुल्हाड़ी निकाली और लकड़हारे को देते हुए कहा ये लो तुम्हारी कुल्हाड़ी।
इस बार लकड़हारे के चेहरे पर मुस्कान थी, क्योकिं यह कुल्हाड़ी लकड़हारे की थी। उसने कहा ये मेरी कुल्हाड़ी है। भगवान ने लकड़हारे की ईमानदारी से खुश होकर उसे सोने और चंडी की दोनों कुल्हाड़ियाँ भी उसी लकड़हारे को दे दी। इससे लकड़हारा ख़ुशी ख़ुशी घर चला गया।
Moral of This Story
लकड़हारे की इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की , "हमें हमेशा अपनी ईमानदारी पर ही रहना चाहिए।" क्योकिं जीवन में ईंमानदार व्यक्ति को कोई भी नहीं हरा सकता है।
2. खजाने की खोज की कहानी (Short Moral Stories in Hindi)
पुराने समय की बात है, गांव में धनीराम नाम का एक किसान रहता था, उसके पास चार लड़के थे। धनीराम अपना घर चलने के लिए अपने खेत में कृषि कार्य करता था।
लेकिन धनीराम के चारो लड़के बहुत ज्यादा आलसी थे, वह कभी भी खेतो में काम करने के लिए नहीं गए थे। वह सारा दिन अपना समय गांव में इधर उधार बैठ कर बिताया करते थे।
एक दिन धनीराम अपनी पत्नी से बोला की आज तो में जिन्दा हूँ तो सब कुछ सही चल रहा है, मेरे बाद कौन खेती करेगा। हमारे बच्चो ने तो आज तक खेतो में कदम तक भी नहीं रखा है।
धनीराम पत्नी ने इस पर कहाँ कोई बात नहीं धीरे धीरे यह काम करने लगेंगे। इसी तरह से धीरे धीरे समय गुजरता जा रहा था। एक दिन धनीराम की अचानक से तबियत ख़राब हो जाती है, और वह बहुत ज्यादा बीमार पड़ जाता है।
इस दौरान धनीराम अपनी पत्नी से कहता है, की चारो लड़को को मेरे पास बुलाऊँ मेरे पास समय बहुत कम है। इतना सुनने के बाद धनीराम की पत्नी अपने चारो लकड़ो को उनके पिता के पास बुलाकर लाती है।
धनीराम इस बात से बहुत ज्यादा चिंतित था, की उसके बाद उसके लड़को का क्या होगा। इसलिए उसने अपने चारो लकड़ो को अपने पास बैठाकर कहा, की मेरे पास जितना भी कमाया हुआ धन था, मैंने वह सारा अपने खेतो के निचे दबाया हुआ है।
जब में इस दुनिया में ना रहूं, तो मेरे बाद तुम खेतो में से दबाया हुआ सारा खजाना निकल कर आपस में बाँट लेना है। इतना सुनने के बाद धनीराम के चारो बेटे बहुत खुश हुए।
https://www.youtube.com/watch?v=6zt-wkylO9M
इसके कुछ समय बाद धनीराम की बहुत ज्यादा बीमार होने की वजह से मृत्यु हो गयी। धनीराम की मृत्यु के कुछ दिन बाद, उसके चारो बेटे खेत में दबे हुए खजाने को खोदने के लिए निकल गए।
खेत में पहुंचने के बाद चारो बेटों ने पूरा खेत खोद डाला लेकिन उनमे से किसी को भी खजाने जैसा कुछ नहीं मिला। इस बात से वह चारो बहुत निराश हुए, और उन्होंने घर आकर अपनी माँ से कहा, की पिताजी ने खेत जो खोजने के बारे में बताया था, वह एक झूठ था।
हम चारो ने पूरा खेत खोद डाला लेकिन हमें खेत में कोई भी खजाना नहीं मिला। यह सुनकर उनकी माँ बोली की तुम्हारे पिताजी ने अपने पुरे जीवन में यह घर और खेत ही कमाया है, अब जब तुमने इतनी मेहनत करके पूरा खेत खोद दिया है, तो अब उसमे बीज भी डाल दो।
इसके बाद चारो बेटों ने खेत में बीज वो दिए, और माँ के कहे गए अनुसार खेत में समय पर पानी और खाद डालने लगे। समय बीतता गया है, और कुछ समय बाद खेत में फसल तैयार हो गयी।
फसल काटने के बाद चारो बेटों ने फसल को बाजार में बेचा और उससे जो भी पैसे मिले उससे उन्हें बहुत ख़ुशी मिली। इसके बाद जब चारो बेटे घर गए, तो माँ ने कहा की बेटा तुम्हारे पिताजी तुम्हे यही समझाना चाहते है, की जो हम मेहनत करते है, उसके बदले में ही हमें खजाना मिलता है।
Moral of The Story
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है। अगर हमें अपने जीवन में सफल होना है, "तो हमें मेहनत करनी चाहिए।" अगर कोई भी व्यक्त ज्यादा आलस करता है, तो वह अपने जीवन का कीमती समय बर्बाद कर रहा होता है। आपको हमेशा अपने जीवन में सही दिशा में मेहनत करनी चाहिए।
3. नकारात्मक लोगो की बिल्कुल भी नहीं सुननी चाहिए (Short Moral Stories in Hindi)
एक बार एक जंगल में बहुत सारे मेंढकों का ग्रुप घूम रहा था। यह सभी जंगल में आगे यात्रा करते जा रहे है। तभी उनमे से दो मेंढक एक गड्डे में गिर जाते है। यह देखकर दूसरे सभी मेंढक को लगा की अब यह जीवित नहीं बचेंगे, क्योकिं वह गड्डा बहुत गहरा था।
सभी मेंढक एक साथ चिल्ला रहे थी, की अब तुम बाहर नहीं आ सकते हो। हालाकिं दोनों मेंढक गड्डे से बहार निकलने का प्रयास कर रहे थे। उनके लगातार प्रयास करने पर भी अन्य मेंढक उन्हें यही बोल रहे थे, की तुम्हारी कोशिश बेकार है, तुम गड्डे से बहार नहीं निकल सकते हो।
यह बात गड्डे में गिरे एक मेंढक ने सुन ली। और वह हिम्मत हर गया और अंत तक प्रयास करते करते मर गया। लेकिन दूसरे मेंढक ने हिम्मत नहीं हारी वह अपना पूरा प्रयास करता रहा।
पहले मेंढक के मरने पर दूसरे मेंढक जोर जोर से चिल्ला रहे थे। लेकिन गड्डे में गिरा हुआ मेंढक अभी भी बहार निकलने का पूरा प्रयत्न कर रहा था। और उसने सभी को नजर अंदाज करके बार बार प्रयास करने के कारण कूद कूद कर गड्डे से बहार निकलने में सफल हो गया।
https://www.youtube.com/watch?v=WYZb0vdmB6k
जब वह मेंढक गड्डे से बाहर आया तो अन्य सभी मेंढक बोले की जब हम तुम्हे जोर जोर से बोल रहे थे, की तुम गड्डे से बहार नहीं निकल सकते हो, तो क्या तुम्हे यह आवाज नहीं सुनाई दी थी।
उस मेंढक ने कहा नहीं मुझे किसी की कोई भी आवाज नहीं सुनाई दी। क्योकिं में बहरा हूँ और मुझे लगा आप सब जोर जोर से बोलकर मेरा उत्साह बढ़ा रहे हो। इसी कारण में गड्डे से बहार निकलने में सफल रहा।
Moral of The Story
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है। "की हमें कभी भी किसी भी ऐसे व्यक्ति की नहीं सुननी चाहिए, जो हमें ऊपर उठने में या किसी समस्यां को हल करने से रोकते है।"
बस आपको आपने ऊपर पूरा विशवास रखना चाहिए। अगर आपको अपने ऊपर पूरा विशवास है, तो आप किसी भी समस्यां का हल ढूंढ सकते है।
4. भेड़िया और सारस की कहानी (Short Moral Stories in Hindi)
एक जंगल में एक भेड़िया रहता था। वह एक दिन एक शिकार करके उस जानवर को खा रहा था। खाते खाते उसके गले में एक हड्डी अटक जाती है। बहुत कोशिश करने के बाद भी भेड़ियाँ अपने गले से उस हड्डी को नहीं निकाल पाता है।
और उसकी स्तिथि बहुत ज्यादा बुरी हो जाती है। अब वह बहुत परेशान हो जाता है। तभी उसे सामने एक सारस दिखाई देता है। उसकी लम्बी चोंच देखर भेड़ियाँ उस सारस से मदद मांगता है।
पहले तो सारा बहुत ज्यादा डरा हुआ सा रहता है, क्योकिं उसे एक भेड़ियें की मदद करना अच्छा नहीं लगता है। लेकिन जब भेड़ियाँ उससे बोलता है, की तुम मेरे गले में फांसी हड्डी को निकालो में तुम्हे इनाम दूंगा|
तो इस पर सारस को लालच आ जाता है, और वह भेड़ियें की गले की हड्डी को अपनी लम्बी चोंच से निकल देता है। हड्डी निकल जाने के बाद भेड़ियाँ वहां से जाने लगता है।
https://www.youtube.com/watch?v=FbgTukX6oc8
यह देखकर सारस कहता है, मैंने तुम्हारे गले की हड्डी निकाली है, मेरा इनाम कहाँ है। यह सुनकर भेड़ियाँ सारस से कहता है, तुम्हारी गर्दन मेरे गले से सुरक्षित बहार आ गयी है। यही तुम्हारा इनाम है। इस बात से सारस को बहुत दुःख हुआ।
Moral of The Story
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है, "की हमें कभी भी स्वार्थी लोगो के साथ नहीं रहना चाहिए।" जिस व्यक्ति का कोई आत्मसम्मान नहीं होता है, उसकी सहायता करने पर बदले में किसी भी तरह के लाभ की अपेक्षा ना करें।
5. डरपोक पत्थर की कहानी (Moral Stories in Hindi)
बहुत समय पहले की बात है, एक गांव में एक मूर्तिकार रहता था। उसे एक मूर्ति बनाने के लिए पत्थर की आवश्यकता थी। वह पत्थर खोजने के लिए जंगल में चला गया, वहां पर उसे एक अच्छा और सुन्दर सा पत्थर मिल जाता है|
जिसे मूर्ति का आकार देना बहुत ही आसान था, वह इस पत्थर को देखकर खुश हो जाता है। और उस पत्थर को उठाकर अपने साथ अपने घर ले जाने लगता था। जब वह रस्ते में आ रहा होता है, तो उसे एक पत्थर और मिल जाता है, मूर्तिकार उस पत्थर को भी अपने साथ ले जाता है।
मूर्तिकार दोनों पत्थर को घर ले जाता है, और अपने औजारों से पत्थर को मूर्ति का आकार देने लगता है। जैसे ही वह पत्थर पर चोट मरता है, पत्थर कहने लगता है, की मुझे छोड़ दो इससे मुझे दर्द हो रहा तुम किसी और पत्थर की मूर्ति बना लो।
अगर तुम मेरे ऊपर ज्यादा चोट मरोगे तो में टूट कर बिखर जाऊंगा। पत्थर की यह बात सुनकर मूर्तिकार को उस पर दया आ जाती है, और वह उस पत्थर को छोड़ देता है, और दूसरे पत्थर की मूर्ति बनाने लग जाता है। यह पत्थर कुछ नहीं बोला और कुछ ही समय में मूर्तिकार इस पत्थर को एक भगवान की मूर्ति मन बदल देता है।
https://www.youtube.com/watch?v=AAb1fD82ZE0
भगवान् की मूर्ति बनने के बाद ��ा��व वाले उस मूर्ति को लेने केलिए आते है। जब गांव वाले उस मूर्ति को ले जाने लगते है, तो वह सोचते है, की मूर्ति के पास नारियल तोड़ने के लिए एक पत्थर की आवश्यकता और पड़ेगी।
इसके लिए वह दूसरे पत्थर को भी अपने साथ ले जाते है। गांव वालों ने मूर्ति को मंदिर में रख दिया और उसी मूर्ति के निचे दूसरे पत्थर को भी रख दिया। जब भी मंदिर में लोग पूजा करने के लिए आते तो वह मूर्ति पर दूध चढ़ाते और फूलो की माला डालते और निचे रखे पत्थर पर नारियल को फोड़ते थे। इससे पत्थर बहुत परेशान होता था।
जब भी लोग उस पर नारियल फोड़ते थे, उसको दर्द होता था। इस पर वह पत्थर मूर्ति बने पत्थर से बोलता है, की तुम तो बहुत ही आराम मन हो लोग तुम्हे दूध स्नान कराते है, और तुम्हे लड्डू का भोग लगाते है, और मेरी किस्मत तो बहुत ही ख़राब है।
इस बात पर मूर्ति वाले पत्थर ने जबाब दिया की मूर्तिकार तो तुम्हे मूर्ति बनाना चाहता था, लेकिन तुमने दर्द की वजह से इंकार कर दिया अगर तुम उस समय ऐसा नहीं करते तो शायद आज में तुम्हारी जगह पर होता, और लोग मेरे ऊपर नारियल फोड़ रहे होते।
लेकिन तुमने शुरुआत का दर्द सहन नहीं किया और तुमने आराम का रास्ता चुना जिसकी वजह से अब तुम्हे दर्द सहना पड़ रहा है। यह बात उस पत्थर को समझ आ गयी, और वह आगे से कभी कुछ नहीं बोला जब भी लोग उस पर नारियल को फोड़ते वह सभी दुःख हसकर सहता था। जब लोग मूर्ति को लड्डू का भोग लगाते थे, तो उस पत्थर पर भी लड्डू का भोग लगाते थे।
Moral of The Story
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है, "की हमें कभ भी किसी भी कठिन से कठिन परिस्थिति में घबराना नहीं चाहिए। क्योकिं शुरुआत में हमारे जीवन में कठिनाइयां आती है, लेकिन बाद में सब कुछ ठीक हो जाता है।" जो व्यक्ति शुरुआत की कठिनाइयों को सामना करके आगे बढ़ जाता है, उसका आने वाला जीवन पूरा सुखमय हो जाता है।
6. मेहनत के फल की कहानी (Moral Stories in Hindi)
एक गांव में दो दोस्त रहते थे, एक का नाम मोहन और दूसरे का नाम सोहन था। दोनों में बहुत ही गहरी मित्रता थी। मोहन बहुत ही धार्मिक व्यक्ति था, वह हमेशा भगवान की भक्ति में लीन रहता था, जबकि सोहन बहुत ज्यादा मेहनती था।
एक बार दोनों ने एक बीघा जमीन लेकर उसमे फसल उगाने के बारे में सोचा, जिसके बाद वह एक अच्छा सा घर बनाना चाहते थे। इसके बाद दोनों दोस्तों ने खेत खरीद लिया, सोहन दिन रात खेत में मेहनत करता, और मोहन मंदिर में बैठकर फसल अच्छी होने के लिए भगवान से प्रार्थना किया करता।
इसी तरह से समय बीतता गया, और कुछ दिन बाद फसल पक गयी। फसल पकने के बाद उसकी कटाई करके उसे बाजार में जाकर बेच दिया। इसके बाद उन्हें अच्छा पैसा मिला। इस पर सोहन ने कहा की इसमें से मेरा ज्यादा हिस्सा है, क्योकिं मैंने दिन रात एक करके खेत को खाद पानी देकर फसल उगाई है।
https://www.youtube.com/watch?v=8amQs9oJ3Ks
लेकिन यह बात सुनकर मोहन गुस्सा हो जाता है, और कहने लगता है, की धन का ज्यादा हिस्सा मुझे मिलना छाइये, क्योकिं मैंने अपने खेत में अच्छी फसल होने के लिए भगवान से प्रार्थना की है। और जब तक भगवान की मर्जी ना हो तब तक कोई भी कुछ नहीं कर सकता है। दोनों इसी बात को लेकर लड़ने लगे, अब यह बात गांव के मुखिया तक पहुंच गयी।
गांव के मुखियां ने सारी बात सुनने के बाद एक फैसला किया। मुखियां ने दोनों दोस्तों को चावलों की एक एक बोरी दी, जिसमे चावलों के बिच छोटे छोटे कंकड़ मिले हुए थे।
मुखियां ने कहाँ इस चावलों की बोरी को घर ले जाओ और इसमें से सुबह तक चावल और कंकड़ अलग अलग करके लेकर आओ फिर में सुबह फैसला करूँगा की फसल का ज्यादा धन किसको मिलना चाहिए।
दोनों अपनी अपनी चावलों की बोरी लेकर घर चले गए। सोहन अपने चावलों की बोरी को खोलकर उसमे से कंकड़ अलग अलग करने में लगा गया।
मोहन अपनी चावलों की बोरी को लेकर मंदिर में चला गया और भगवान से चावलों से कंकड़ को अलग करने के लिए प्रार्थना करने लगा, बोलै ही भगवान मेरे चावलों से कंकड़ अलग कर दो।
दोनों अगली सुबह मुखियां के पास पहुंचे, सोहन ने तो पूरी रात जागकर चावलों से एक एक करके सारे कंकड़ अलग कर दिए।इस पर मुखियां बहुत खुश हुआ। और मोहन ने अपनी बोरी मंदिर से ले जाकर ऐसी की ऐसी मुखिया के सामने रख दी।
और मुखिया से बोला आप बोरी को खोल कर देख लीजिये मुझे भगवान पर पूरा विशवास है, की इस चावल की बोरी से सारे कंकड़ निकल चुके होंगे। लेकिन जब मुखियां ने चावलों की बोरी खुलवाई तो देखा सारे कंकड़ चावलों के बिच ही मौजूद थे।
मुखियां ने मोहन को समझाते हुए कहाँ, की भगवान भी हमारी मदद जब ही करते जब हम अपनी तरफ से मेहनत करते है। यह बात समझाते हुए मुखियां ने फसल का ज्यादा धन सोहन को दे दिया। इसके बाद से मोहन भी सोहन के साथ खेत में मन लगाकर मेहनत करने लगा। इस बार इनके खेत में और भी ज्यादा अच्छी फसल हुई।
Moral of The Story
यह कहानी हमें सिखाती है, "की हमें कभी भी पूरी तरह से भगवान के भरोसे पर नहीं बैठना चाहिए।" क्योकिं भगवान भी हमारी सहायता तभी करते है, जब हम अपनी तरफ से मेहनत करते है।
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लालची शेर की कहानी || व्याकुल शेर | हिंदी कहानियाँ
गर्मी के दिनों की बात है , जंगल का राजा शेर भूख से व्याकुल था उसे बहुत जोरों से भूख लगी. इसलिए वो भोजन की तलाश में इधर उधर घूम रहा था। काफी देर खोजने के बाद उसे एक खरगोश मिला, शेर बहुत खुश हुआ , लेकिन उसे खाने के बदले में उसे उसने छोड़ दिया क्यूंकि उसे वो बहुत ही छोटा लगा. शेर को लगा की इस से तो मेरी भूख नहीं मिटेगी। वह आगे बढ़ गया। फिर कुछ देर ढूंढ़ने के बाद उसे रास्ते में एक हिरन मिला, उसने उसका पीछा किया लेकिन वो जयादा खाने की तलाश कर रहा था ऐसे में वो थक गया था, जिसके कारण वो हिरन को पकड़ नहीं पाया. शेर बहुत निराश हुआ। अब जब उसे कुछ भी खाने को नहीं मिला तब वो वापस उस खरगोश को खाने के विषय में सोचने लगा। वह वापिस उस जगह पे गया जहाँ उसने खरगोश को देखा था। पर उसे वहां कोई भी खरगोश नहीं मिला क्यूंकि वो वहां से जा चूका था. अब शेर काफ़ी दुखी हुआ और बहुत दिनों तक उसे भूखा ही रहना पड़ा. ----------------------------------------------- इस कहानी से हमें सीख मिलती है की अत्यधिक लोभ करना कभी भी फलदायक नहीं होता।
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आपा की कुंवारी बुर में भाई का लंड घुसा - 2023
मेरा नाम आसिफ अंसारी है. मेरी उम्र 19 साल है और कद 5 फुट 6 इंच का है.
अब मैं अपनी फैमिली के बारे में बता देता हूँ.मेरे घर में 4 लोग हैं. अम्मी अब्बू और मेरी आपा और मैं.
मेरी आपा का नाम सबीना अंसारी है और वो 20 साल की है. मेरे अब्बू काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं और अम्मी सरकारी टीचर हैं.
यह बड़ी बहन चुदाई कहानी हिंदी तब की है, जब अम्मी एक दिन किसी रिश्तेदार के घर शादी में गयी थीं. उन्हें एक…
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Akbar Birbal stories Hindi
Table of Contentsलापता नौकर | akbar and birbal stories hindi
Hindi Moral Stories for Class 6 | हिंदी नैतिक कहानियाँ
दो मूर्ख ब्राह्मण
top 10 moral stories in hindi pdf
दो गधों की कहानी | akbar and birbal stories hindi
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लापता नौकर | akbar and birbal stories hindi
एक दिन, सम्राट Akbar ने देखा कि उनका एक पसंदीदा नौकर, मुल्ला दो-पियाज़ा, शाही दरबार से गायब था। Akbar मुल्ला की मजाकिया कहानियों और हास्य के शौकीन थे, इसलिए उन्होंने Birbal से उसके ठिकाने के बारे में पूछा।
Birbal ने उत्तर दिया, "महाराज, मुल्ला दो-पियाज़ा अस्वस्थ हैं, और वह आज दरबार में आने में असमर्थ हैं।"
अपने नौकर के लिए चिंतित Akbar ने कहा, "बीरबल, कृपया जाकर उससे मिलें और उसे शीघ्र स्वस्थ होने के लिए मेरी शुभकामनाएं दें।"
Birbal मुल्ला दो-पियाज़ा के घर गए और उन्हें बीमार होने का नाटक करते हुए बिस्तर पर लेटे हुए पाया। उसने मुल्ला से पूछा, "आज तुम बीमार होने का नाटक क्यों कर रहे हो?"
Hindi Moral Stories for Class 6 | हिंदी नैतिक कहानियाँ
मुल्ला ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, "बीरबल, बादशाह ने मेरे स्वास्थ्य के बारे में पूछा,
और मैं दरबार से एक दिन की छुट्टी चाहता था, इसलिए मैंने बीमार होने का नाटक किया।"
Birbal ने मुल्ला की चाल को समझते हुए कहा, "मैं समझता हूं, लेकिन मेरे पास तुम्हें सबक सिखाने की एक योजना है।"
वह दरबार में वापस गया और Akbar को सूचित किया, "
महामहिम, मुल्ला दो-पियाज़ा वास्तव में अस्वस्थ हैं, और वह उन्हें शुभकामनाएँ भेजते हैं।"
Akbar ने यात्रा की सराहना की और पूछा, "अब वह कैसा महसूस कर रहे हैं?"
Birbal ने उत्तर दिया, "वह बिल्कुल भी ठीक नहीं है, महाराज। वास्तव में, उन्होंने मुझसे यह बताने के लिए कहा था
कि उन्हें ठीक होने के लिए कम से कम एक सप्ताह की छुट्टी की आवश्यकता होगी।"
Akbar को आश्चर्य हुआ और कहा, "एक सप्ताह की छुट्टी? यह काफी गंभीर है। हमें उसकी जांच के लिए शाही चिकित्सक को भेजना चाहिए।"
शाही चिकित्सक को बुलाया गया और मुल्ला दो-पियाज़ा में कुछ भी गलत नहीं पाया गया।
Akbar को एहसास हुआ कि मुल्ला चालाकी कर रहा था, और वह वास्तव में बीमार नहीं था।
उन्होंने अनुरोध के अनुसार मुल्ला को एक सप्ताह की छुट्टी देने का फैसला किया।
मुल्ला दो-पियाज़ा ने अपना सबक सीखा और फिर कभी Akbar और Birbal को धोखा देने की कोशिश नहीं की। यह कहानी परिस्थितियों से निपटने में Birbal की चतुराई और हास्य के माध्यम से भी मूल्यवान सबक सिखाने की उनकी क्षमता को प्रदर्शित करती है।
दो मूर्ख ब्राह्मण
एक बार, Akbar और Birbal ने दो ब्राह्मणों की बुद्धि की परीक्षा लेने का फैसला किया जो अपनी मूर्खता के लिए जाने जाते थे।
वे दोनों ब्राह्मणों को दरबार में ले आये और उन्हें चुनौती दी।
Akbar ने कहा, "हमारे पास एक बैग कपास से भरा है और दूसरा बैग हंस के पंखों से भरा है।
आपका काम यह निर्धारित करना है कि किस बैग में कपास है और किस बैग में हंस के पंख हैं।
आप बैग को छू सकते हैं, लेकिन आप उन्हें खोल नहीं सकते।"
दोनों ब्राह्मणों ने कुछ देर सोचा और फिर अपना उत्तर दिया।
पहले ब्राह्मण ने आत्मविश्वास से कहा, "महाराज, इस थैले में कपास है,"
जबकि दूसरे ब्राह्मण ने घोषणा की, "महाराज, इस थैले में कपास है।"
Akbar और Birbal मुस्कुराए और ब्राह्मणों के साथ कुछ मौज-मस्ती करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, "क्या आप अपने उत्तरों के बारे में निश्चित हैं? हम अब बैग खोलेंगे और देखेंगे कि क्या आप सही हैं।"
top 10 moral stories in hindi pdf
जब बैग खोले गए तो पता चला कि दोनों बैग में हंस के पंख हैं। ब्राह्मणों ने गलत अनुमान लगाया था.
Akbar और Birbal ने पहले ब्राह्मण से पूछा, "तुमने कैसे तय किया कि इस थैले में कपास है?"
ब्राह्मण ने उत्तर दिया, “महाराज, मैंने सोचा कि यह रुई की तरह बहुत नरम होगी, इसलिए मैंने यह थैली चुनी।”
फिर उन्होंने दूसरे ब्राह्मण से पूछा, "और तुमने यह थैला क्यों उठाया?"
उसने उत्तर दिया, "महाराज, मैंने भी सोचा कि यह कपास जैसा होगा, इसलिए मैंने यह थैला चुना।"
Akbar और Birbal हँस पड़े और ब्राह्मणों को समझाया कि वे दोनों गलत थे।
परीक्षण का उद्देश्य यह दिखाना था कि उचित ज्ञान या परीक्षण के बिना, कोई गलत धारणाएँ बना सकता है।
ब्राह्मणों ने तार्किक तर्क के महत्व और निष्कर्ष पर न पहुंचने के बारे में एक मूल्यवान सबक सीखा। यह कहानी इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे Akbar और Birbal ने अपने आस-पास के लोगों को ज्ञान प्रदान करने के लिए हास्य और चतुर परीक्षणों का उपयोग किया।
दो गधों की कहानी | akbar and birbal stories hindi
एक दिन, Akbar और Birbal शाही उद्यान में टहल रहे थे, तभी उन्होंने दो गधों को एक साथ बंधे देखा। ये गधे एक दूसरे से बहुत अलग दिखते थे; एक सफ़ेद था, जबकि दूसरा काला था।
Akbar ने शरारत करते हुए Birbal से पूछा, "बीरबल, क्या तुम बता सकते हो कि कौन सा पति है
और कौन सी पत्नी है?"
बीरबल, जो तेज़-तर्रार थे, ने उत्तर दिया, "महाराज, यह बिल्कुल सरल है।
जो अधिक सफ़ेद दिखता है वह पति है, और जो अधिक काली दिखती है वह पत्नी है।"
Birbal की चतुराईपूर्ण प्रतिक्रिया पर Akbar हँस पड़े और बोले,
"आपको निश्चित रूप से मेरे प्रश्न का उत्तर देने का एक मनोरंजक तरीका मिल गया है!"
यह कहानी Akbar और Birbal के बीच की हल्की-फुल्की और विनोदी बातचीत का उदाहरण देती है, जिसमें Birbal की सम्राट की चंचल पूछताछ का बुद्धि और आकर्षण के साथ जवाब देने की क्षमता दिखाई देती है।
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Meri Hindi Kahani
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Dosti Shayari 2 Line (2 लाइन दोस्ती शायरी) In Hindi
क्या आप छवियों के साथ एकदम सही Dosti Shayari 2 Line खोज रहे हैं? अब और मत देखिए! आप Friendship Day Shayari के लिए अंतिम गंतव्य पर पहुँच गए हैं, जो सिर्फ़ दो पंक्तियों में तैयार की गई है, जो आपके प्यारे दोस्तों के लिए आदर्श है। यहाँ, आप हिंदी और रोमन अंग्रेजी दोनों में 2 Line Dosti Shayari के नवीनतम संग्रह को आसानी से पढ़ और कॉपी कर सकते हैं।.
हिंदी में लिखी गई ताज़ा और दिल को छू लेने वाली 2 Line Dosti Shayari की इस पोस्ट को पढ़ें। हमने दोस्ती पर छोटी शायरियों का एक शक्तिशाली संग्रह इकट्ठा किया है जिसे आप अपने दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं, जो अटूट साथ का वादा करता है। हमें उम्मीद है कि आपको ये शायरियाँ उतनी ही पसंद आएंगी जितनी हमें!.
Dosti Shayari 2 Line (2 लाइन दोस्ती शायरी)
मैंने तो सिर्फ थोडा सा वक्त माँगा था
उन्होंने ने तो पूरी ज़िन्दगी दे दी ✔
दोस्ती का लम्हा ऐसा होता है,
जो कभी तनहा नहीं रहने देता।
खींच कर उतार देते है उम्र की चादर,
कम्बख्त ये दोस्त कभी बूढ़ा नहीं होने देते।
वातावरण को जो महका दे उसे ‘इत्र’ कहते हैं,
जीवन को जो महका दे उसे ही ‘मित्र’ कहते हैं
हमारी दोस्ती एक दूजे से ही पूरी है,
वरना रास्ते के बिना तो मंज़िल अधूरी है।
नयी दोस्ती का रंग नया होता है,
जो दिल में उतरता है वो अलग होता है।
Dosti Shayari in English 2 Line
Dosti Ka Rishta Aisa Hota Hai
Jo Todane Par Bhi Nahi Tutata
Dost Wo Nahi Jo
Muskil Me Sath Chhod De
Sathi Wo Hai Jo
Har Paristhiti Me Sath De
Dosti Ka Rishta Sabse Khas Hota Hai
Isame Har Dost Dil Ke Paas Hota Hai
Kuchh Dost Sirf Dost Nahi Hote
Jaan Ban Jaate Hai ❤❤❤😘
Sachi Dosti Shayari in English
Dosti Ka Yeh Rishta Hamesha Nibhana,
Kyunki Ek Sachcha Dost Milna Kismat Ka Khel Hai
Kuchh Dost Sirf Dost Nahi Hote
Hamare Apano Se Bhi Badh Kar Hote Hai
Dosti Ka Rishta 100% Pure Hota Hai
Isame Har Adami Secure Hota Hai
My Best Friend Shayari Hindi
जब दोस्ती सच्ची और मजबूत होती है, तो उसे जताने की ज़रूरत नही होती है,
चाहे दोस्त कितना भी दूर चला जाये, उसे पास लाने की ज़रूरत नही होती है.
वो दोस्त मेरी जिंदगी में बहुत मायने रखते है,
वक्त आने पर सामने जो मेरे आइने रखते है।
यार हर मुखड़े की चमकान होती है, यारी ही सुख-दुःख की पहचान होती है,
कोई रूठ भी जाये तो दिल पे मत लेना, क्योंकि दोस्ती जरा-सी नादान होती है.
सफर है दोस्ती का,
जिसका कभी अंत नही होता,
दोस्ती है हमारी सबसे प्यारी,
जो कभी खत्म नहीं होता.
ये दोस्ती का गणित है साहब,
यहाँ दो में एक गया तो कुछ नहीं बचता।
Dosti Shayari in Hindi 2 Line
बेशक दोस्त से फासला हो जाए ,
मगर उसकी दोस्ती से फासला कभी मत करना।
फूलों-सा ताज़ा रहता है समां मेरा ,
जब मिल जाता है ए-दोस्त साथ तेरा।
ना तुम दूर जाना ना हम दूर जाएंगे,
अपने-अपने हिस्से की दोस्ती हम निभाएंगे।
नयी दोस्ती का रंग नया होता है,
जो दिल में उतरता है वो अलग होता है।
अगर दोस्ती हो जाए रूह से,
तो उसका रुतबा भी मोहब्बत से कम थोड़ी ना हैं।
2 Line Attitude Dosti Shayari
तूने क्या सोचा डर जाऊँगा,
बेटा बाप हूँ तेरे घर तक आऊँगा…!!
जब यार ने उठा कर ज़ुल्फ़ों के बाल बाँधे
तब मैं ने अपने दिल में लाखों ख़याल बाँधे
दोस्ती का रिश्ता, बिना शर्त का प्यार,
दिल से दिल मिलाना, ये है सच्ची दोस्ती का इज़हार।
हाय! इज़हार करके पछताए
उसको इक दोस्त की ज़रूरत थी
Sachi Dosti Shayari in English 2 Line
Mai Apni Dosti Ko Shehar Mein Ruswa Nahi Karti,
Mohabbat Mein Bhi Karti Hoon Magar Charcha Nahi Karti
Jhuki Jhuki Si Nazar Be-Qaraar Hai Ki Nahin
Daba Daba Sa Sahi Dil Mein Pyaar Hai Ki Nahin
Ae Dost 😘 Teri Dosti 👫 Ke Lie🤝
Duniya 🙌 Chhod Denge 🙆♀ Teri Taraf Aae💢
Har Tufan 🌪🌨 Ko Mod Denge😘
Lekin 💁♀Tune 🙆♀Jo Sath 👫Chhoda To😣
Kasam Se 😕
Teri✌ Haddiya 💪 Tod Denge.😡
😂😂😂
Best Quotes On Friendship In Hindi
दिल मे तुम्हारे अपनी कमी छोड़ जाएंगे,
आँखों मे इंतेज़ार की लकीर छोड़ जाएंगे,
याद रखना ढूंढ़ते रहोगे हमे,
दोस्ती की ऐसी कहानी छोड़ जाएंगे.
हम इस दोस्ती का कर्ज कैसे अदा करेंगे,
जब हम ही न रहेंगे तो दोस्ती किससे करेंगे,
या रब मेरे दोस्तों को महफूज़ रखना,
क्योंकि मेरे दोस्त ही मेरे जीने की दुआ करेंगे.
दोस्ती करो मुस्कुरा के।धोखा ना दो अपना बना के।
कर लो याद जब तक जिंदा है।
फिर ना कहना चले गए दिल में यादें बसा के.||
आज दिल पूछ बैठा अपनी ही तस्वीर से,
तुने क्या पाया है तकदीर से,
तेरी तस्वीर दिल मे बसा कर,
मेने ये प्यारा सा दोस्त पाया है दुनियां की भीड़ से.
शुक्रिया मेरे ज़िंदगी में आने के लिए,
हर लम्हे को खूबसूरत बनाने के लिए,
तू है तो हर ख़ुशी में मेरा नाम लिख गया,
शुक्रिया मुझे इतना खुसनसीब बनाने के लिए।
Dosti Sad Shayari in Hindi 2 Line
मत करो भरोसा ऐसे यारो का,
जो बस नाम के लिए तुम्हारे साथ खड़े है…!
अब ऐसे में दुश्मनों से क्या उम्मीद करू,
मेरे खुद के दोस्त मुझे नीचा दिखाते है…!
गिला किसी से भी नही है बस इतना सी बात है,
एक दोस्त था समय आने पर वो भी धोका दे गया…!
Punjabi Dosti Shayari 2 Line
Dosti Sohni Te Pyari Zindagi Di Shaan,
Dost Yaar Dil De, Sada Rahan Teri Shaan.
Dostan De Naal Khushiyan Di Guarantee,
Rab Rakhe Har Pal Tuhade Yaar Nu Khushiyon Di Bheri."
Dost Yaari Da Asli Matlab Samajhda Ae,
Jeda Har Mod Te Saath Nibhanda Ae."
Dostan De Naal Har Pal Khusiyan De Raste,
Dil De Raaz Sanjhe, Har Musibat Vich Saath Te."
Dost Yaari Di Shaan Hai, Pyaar Di Pehchaan Hai,
Jiven Rang Di Tuhade Jiven Saath Nibhaun Da Jazba."
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