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मिर्जापुर: मिड डे मील के खौलते सब्जी के बर्तन में गिरने से 3 साल की मासूम की मौत
मिर्जापुर: मिड डे मील के खौलते सब्जी के बर्तन में गिरने से 3 साल की मासूम की मौत
खास बातें
सब्जी के खौलते बर्तन में गिरने से बच्ची की मौत
मिड डे मील के लिए स्कूल में बन रहा था खाना
डीएम ने स्कूल के हेडमास्टर को किया निलंबित
मिर्जापुर:
उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश) के मिर्जापुर (मिर्जापुर) में एक स्कूल में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील के लिए बनने वाली गर्म सब्जी के खुल्ते भगौने में गिरने से एक तीन साल की बच्ची की…
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पत्रकारों पर FIR करने वाले योगी- अर्नब की गिरफ्तारी पर बेचैन: राजभर
लखनऊ। मुबंई में वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तार पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी समेत (भाजपा) के नेताओं के बयानाे पर कटाक्ष करते हुये सुहेलदेव सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि एक साल में 40 पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने वाली योगी सरकार मुबंई में हुयी घटना पर बिलबिला रही है।
ओमप्रकाश राजभर ने बुधवार को ट्वीट किया ” एक साल मे चालीस पत्रकारों पर एफआईआर हुई। पत्रकारों की हत्या हो गयी। सरकार के खिलाफ ख़बर लिखने पर ईओडब्लू जैसी ऐजेंसी पीछे लगा दी गयी पर जो आज अर्नब की गिरफ्तारी पर बिलबिला रहे है वह ख़ामोश थे और अर्नब की गिरफ़्तारी से इनको लोकतंत्र की याद आ रही है। नौटंकी इसी को कहते है।”
उन्होने एक अन्य ट्वीट में लिखा ” योगी सरकार में मिड डे मील के नाम पर मासूम बच्चों को नमक रोटी परोसे जाने की खबर सामने लाने वाले मिर्जापुर के पत्रकार पवन जायसवाल, आज़मगढ़ के पत्रकार संजय जायसवाल, प्रशांत कनौजिया भ्रष्टाचार उजागर करने वाले मनीष पांडेय के साथ यूपी सरकार ने जो किया वो क्या था। इमरजेंसी या रामराज।”
योगी सरकार में मंत्री रह चुके राजभर ने लिखा ” पत्रकार गौरी लंकेश,नरेंद्र दाभोलकर पर जानलेवा हमले होते है। प्रशान्त कनोजिया को ��ेल में डाला जाता है। दलित पत्रकार मीना कोटवाल के साथ हाल ही में बिहार के मोतिहारी में बदसुलूकी की जाती है। तब अर्णव के समर्थन में उतरने वाले बीजेपी के लोग छुपे होते है या फंसे होते है।पूछता है भारत।”
https://is.gd/kgNunW #YogisWhoFiledFIRsOnJournalistsRestlessOverArnabSArrestRajbhar Yogis who filed FIRs on journalists - restless over Arnab's arrest: Rajbhar National, State, Top #National, #State, #Top KISAN SATTA - सच का संकल्प
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मिड-डे मील की कड़ाई में तीन साल की बच्ची ने तोड़ा दम , एसडीएम साहब के लिए गर्म की जा रही थी सब्जी मिर्जापुर :- देश में मिड-डे मिल तैयार करने के दौरान साग-सब्जी में कीड़े , किट पतंगे , छिपकली और ऐसे ही अन्य जीव जंतुओं के गिरने की खबर सुर्ख़ियों में रहती है | लेकिन इस बार आई हृदय विदारक घटना ने पालकों को झकझोर दिया है | दरअसल एमडीएम के लिए भगोने में तुरंत तैयार कर रखी सब्जी में तीन वर्षीय मासूम की गिरकर झुलसने व बाद में उसकी मौत का मामला सामने आया है। घटना मिर्जापुर जिले के लालगंज थाना क्षेत्र के रामपुर अतरी गांव के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय में हुई | बताया जाता है कि खाने का परीक्षण करने इलाके के एसडीएम स्कूल पहुंचे थे | मिड-डे मिल तैयार करने वालों ने उनके लिए तरोताजा भोजन तैयार किया | दोपहर साढ़े 12 बजे एमडीएम का खाना परोसने के लिए रसोइया गर्म सब्जी से भरा भगौना बाहर रख अंदर चली गई। उसी समय बच्चों के खेल कूद और धक्का मुक्की से अबोध बालिका सब्जी के भगौने में गिर पड़ी। उसे किसी ने गिरते हुए नहीं देखा था , लिहाजा तीन वर्षीय बच्ची गर्म सब्जी से लबालब भरे भगोना में झुलस गई। उसे चीखता चिल्लाता देख एक अन्य छात्र ने शोर मचाया | …
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Mirzapur Midday Meal girl falls into boiled vegetable pan in school dies Uttar Pradesh – मिर्जापुर : मिड डे मील के खौलते सब्जी के बर्तन में गिरने से 3 साल की मासूम की मौत खास बातें सब्जी के खौलते बर्तन में गिरने से बच्ची की मौत मिड डे मील के लिए स्कूल में बन रहा था खाना
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अब योगी सरकार में सुरक्षित नहीं पत्रकारिता! मिड-डे मील में नमक-रोटी का वीडियो बनाने वाले पत्रकार पर मुकदमा।
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के प्राइमरी स्कूल में बच्चों के नमक-रोटी खाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया और स्कूल प्रबंधन को सस्पेंड कर दिया था। अब वीडियो बनाने वाले पत्रकार, फोटोग्राफर समेत गाँव के प्रधान पर FIR दर्ज कर ली गई है। FIR में पत्रकार के खिलाफ ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि के साथ मिलकर साजिशन नमक-रोटी खाने का…
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मिर्जापुर में मिड-डे मील में नमक-रोटी बंटवाने वाले शिक्षक निलंबित, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने रिपोर्ट की तलब
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Read full post at: https://www.cnnworldnews.info/2019/08/blog-post_139.html
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मुख्यमंत्री के तौर पर तीन साल पूरे कर लेने वाले उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए कानून वही है, जो वह सोचते हैं। और यह कोई राजनीतिक स्टेटमेंट नहीं है, इसके अनेकों उदाहरण ��ैं। इसका ताजा उदाहरण कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते खतरे को लेकर राज्य सरकार के फरमानों के विरोधाभास में देखा जा सकता है। दरअसल कई अन्य राज्यों की तरह कोरोना वायरस से बचाव के लिए यूपी में भी सभी स्कूल-काॅलेज, सिनेमा हाॅल वगैरह बंद कर दिए गए हैं, ताकि ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हों।
लेकिन योगी का प्रशासन इस बात पर अड़ा हुआ है कि अयोध्या में रामनवमी मेला होकर रहेगा। यह तीन दिवसीय मेला 1 अप्रैल से होना है। इसमें करीब 10 लाख लोगों के जुटने की संभावना है। अगर मेला हुआ, तो लोग 31 मा��्च की शाम से ही जुटना शुरू हो जाएंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) घनश्याम सिंह भले कह रहे हों कि इस वक्त इतने लोगों को स्वास्थ्य की दृष्टि से संभालना बहुत बड़ी चुनौती है, लेकिन जब योगी सत्ता में हों, तो राम नाम की इस राजनीतिक लूट में मेला टलने की संभावना नहीं के बराबर है।
असल में योगी का यही स्टाइल है। वह जो ठान लेते हैं, वही करते हैं। इस मामले में वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी दो कदम आगे रहते हैं। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन करने वाले मुसलमानों और लिबरलों से निपटने के नाम पर वह कोर्ट तक को ठेंगे पर ऐसे ही नहीं रख रहे। योगी के प्रशासन ने लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी से लेकर मेरठ, अलीगढ़ तक उपद्रव करने के आरोप लगाते हुए कई लोगों के नाम और फोटो वाले पोस्टर चौक-चौराहों पर चस्पा कराए। यह सब प्रदर्शनों में हुए नुकसान की वसूली को लेकर कानूनी कार्यवाही के नाम पर किया गया।
राजधानी लखनऊ के चौराहों पर सीएए विरोधियों के पोस्टर चस्पा करने पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार से जवाब-तलब किया, तो योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट की शरण में चली गई। वहां भी राहत नहीं मिली तो कानून से बचने के लिए यूपी प्रेवेंशन ऑफ डैमेज टु पब्लिक एंड प्राइवेट प्राॅपर्टी, 2020 नाम से अध्यादेश ला दिया। राज्यपाल ने भी बगैर देरी किए अध्यादेश को मंजूरी दे दी। अब योगी सरकार एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में वसूली को लेकर क्लेम ट्रिब्यूनल बनाने की तैयारी में है। हालांकि यह अध्यादेश कानूनी तौर पर कितना अनुचित है, यह कोई भी समझ सकता है।
यह तो बहुचर्चित और आम प्रकरण है। लेकिन योगी सरकार पुराने विरोध को याद रखकर भी कड़ी कार्रवाई कर रही है, जिनकी मीडिया में कहीं चर्चा नहीं हो रही। इस कड़ी में पहला उदाहरण है गोरखपुर के सर्राफा कारोबारी शरद चन्द्र अग्रहरि का, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान पीएम मोदी की शव यात्रा निकाली थी। अब बीते 14 मार्च को कस्टम की विशेष टीम ने उन्हें सोना और चांदी की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
इसी तरह प्रयागराज में डॉ. माधवी मित्तल के क्लिनिक को सीज कर दिया गया। इसके पीछे कारण दरअसल ये है कि डॉ. मित्तल के एक्टिविस्ट पति आशीष पिछले दो महीनों से प्रयागराज के मंसूर पार्क में जारी एंटी-सीएए-एनपीआर-एनआरसी विरोध-प्रदर्शनों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उधर सहारनपुर के देवबंद में प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर सीधे कार्रवाई नहीं कर पाई पुलिस ने उनके परिवारों के पुरुष सदस्यों अपने लपेटे में ले लिया। पुलिस ने इन सबके खिलाफ बीमारी का संक्रमण फैलाने से लेकर छोटे बच्चों को जबरन विरोध में शामिल करने जैसे आरोपों में मुकदमा दर्ज किया है। एक व्यक्ति के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
योगी राज में पुलिस ने प्रदर्शन को कवर कर रहे पत्रकारों को भी नहीं बख्शा है। प्रदर्शन में शामिल एक शिक्षिका के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एक कोचिंग संस्थान में पढ़ाने वाले दिनेश त्रिपाठी कहते हैं कि प्रदर्शनकारी भले ही क्षतिपूर्ति से बचने के लिए कोर्ट की शरण में हों, लेकिन मुख्यमंत्री ने संदेश तो दे ही दिया कि उनका इरादा क्या है!
पूर्व कैबिनेट मंत्री और एसपी नेता आजम खां से योगी के रिश्ते शुरू से ही 36 के रहे हैं। अब उनके और उनके परिवार के खिलाफ बकरी, किताब चोरी से लेकर जमीन हड़पने तक के 86 मुकदमों का दर्ज होना बताता है कि मुख्यमंत्री किस हद तक जाने को तैयार हैं। यूपी में यह संभवतः पहला अवसर है जब कोई पूर्व कैबिनेट मंत्री बेटे और पत्नी के साथ जेल भेजा गया है। वहीं गोरखपुर मेडिकल काॅलेज में तीन साल पूर्व हुए ऑक्सीजन कांड में फंसाए गए चिकित्सक डाॅ. कफील खान के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी की सख्ती जगजाहिर है। डाॅ. कफील को आपत्तिजनक भाषण देने के आरोप में रासुका तक की कार्रवाई झेलनी पड़ रही है।
दरअसल सीएम योगी को किसी तरह का विरोध तनिक भी पसंद नहीं है। पिछले तीन वर्षों में ��त्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में दो दर्जन से अधिक लोगों को आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में जेल भेजा गया या फिर कार्रवाई की गई। उदाहरण के तौर पर बहराइच के एक युवक को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की वजह से पुलिस ने हिरासत में लिया। वहीं, अमेठी में अनीस अहमद को, तो बरेली में भी एक युवक को गिरफ्तार किया गया। मिर्जापुर में मिड डे मील की खबर दिखाने वाले पत्रकार को भी मुख्यमंत्री के ही इशारे पर जेल भेजा गया।
सेंसरशिप से सब कंट्रोल
नरेंद्र मोदी-अमित शाह की तरह योगी भी जान गए हैं कि असली खबरें कैसे छिपाई और दबाई जा सकती हैं। वह जिस साल 2017 में, मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे, उसी साल गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल काॅलेज में ऑक्सीजन की कमी से 100 से अधिक मासूमों की मौत हो गई थी। इसके बाद से काॅलेज में सुविधाएं तो जरूर बढ़ी हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन मौतों के आंकड़े पर सेंसरशिप लगाए हुए है।
पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि 2019 में मेडिकल काॅलेज में 1,000 से अधिक मौतें हुई हैं। ��न्होंने आंकड़ा सार्वजनिक करने की चुनौती भी दी थी। लेकिन काॅलेज के प्र��ानाचार्य और बाल रोग विभाग की अध्यक्ष ने भी बच्चों की मौत के आंकड़े बताने से इंकार कर दिया। बाल रोग विभाग की अध्यक्ष प्रो. अनिता मेहता कहती हैं कि बीआरडी में बच्चों की मौत में 50 फीसदी की कमी आई है, लेकिन हम फीगर नहीं बताएंगेे। आंकड़ों में घालमेल करने के लिए मेडिकल काॅलेज प्रशासन ने मरीजों का एक नया ग्रुप बना दिया है। एक्यूट फेब्राइल इलनेस (एएफआई ) नाम से बने इस ग्रुप में 1,600 से अधिक मरीज भर्ती हुए। इनमें से कितनों की मौत हुई, इसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में, कर लीजिए तफ्तीश!
शुरू से ही स्पष्ट है रोड मैप
19 मार्च, 2017 को सूबे की सत्ता संभालने के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने स्लाॅटर हाउस बंद करने से लेकर एंटी रोमियो अभियान चलाकर संकेत दे दिया था कि उनकी सियासत का रोड मैप क्या है। गो-वंश संरक्षण के लिए क्या हुआ, यह पक्का बताना इसलिए मुश्किल है कि आवारा पशुओं से खेती-किसानी करने वाले ग्रामीण ही नहीं, सड़कों पर चलने वाले आम लोग भी परेशान हैं।
जौनपुर के प्रगतिशील किसान रामाज्ञा कुशवाहा कहते भी हैं कि अब तक नील गायों का ही आतंक था, पर अब तो छुट्टा पशुओं से फसल बर्बाद हो रही है। उधर योगी सरकार गोशालाओं के निर्माण और रखरखाव के लिए 248 करोड़ खर्च करने का दा��ा कर रही है। पर यह रकम किसकी जेब में जा रही है, किसी को खबर नहीं। हां, प्रदेश में खेती का हाल जर्जर है, पर योगी की बला से!
इनके अलावा प्रयागराज में कुंभ और अयोध्या में दीपोत्सव- जैसे भव्य आयोजनों से योगी ने साफ जता दिया है कि उनका टारगेट ग्रुप क्या है। इसी एजेंडे के तहत इलाहाबाद, फैजाबाद और मुगलसराय के नाम आनन-फानन में बदल दिए गए। अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला तो बाद में आया, वहां योगी ने पहले ही भगवान श्रीराम की सबसे ऊंची प्रतिमा का शिलान्यास कर दिया।
और तो और इन तीन साल में पूरे प्रदेश पर चटख भगवा रंग चढ़ा दिया गया। रोडवेज की बसों से लेकर सरकारी दफ्तरों के पर्दे का भगवा होना साबित करता है कि यह रंग पिछले तीन वर्षों में किस कदर चापलूसी का रंग बन चुका है। योगी के कार्यक्रमों में टेंट का रंग अब अनिवार्य रूप से केसरिया ही है। स्थिति यह है कि बिजली के केबल, पंखे, बिजली के खंभे से लेकर पुलिस थानों के दरो-दीवार भी भगवामय दिखने लगे हैं। इन सब पर योगी शाही का रंग चढ़ चुका है।
पहले भी थे ऐसे ही
हालांकि, योगी शुरू से ऐसे ही हैं। 2002 में भी वह गोरखपुर की नुक्कड़ सभाओं में साफ कहते सुनाई देते थे- ‘सभा में मुस्लिम हों, तो हट जाएं। उन्हें मेरी बातें अच्छी नहीं लगेंगी। हमें मुसलमानों के वोट नहीं चाहिए और यदि किसी को वोट देना है तो पहले गंगाजल से अपने को पवित्र करे।’
दरअसल, विरोध और हठधर्मिता योगी आदित्यनाथ की सियासी स्टाइल है। वह किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं। मुख्यमंत्री के करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर बलात्कार के आरोप लगे, तब भी वह बिना लाग-लपेट उनके साथ खड़े दिखे। इतना ही नहीं, आरोप लगाने वाली पीड़िता को जेल भेजने से भी वह ठिठके नहीं। बलात्कारी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का भी पक्ष लेने का आरोप योगी आदित्यनाथ ने झेला। प्रदेश में फर्जी मुठभेड़ को लेकर सरकार पर जमकर सवाल उठे, लेकिन योगी फ्रंटफुट पर ही खेलते दिखे।
योगी की इन्हीं हरकतों के कारण पूर्व सांसद और एसपी नेता कुंवर अखिलेश सिंह साफ कहते हैं कि पिछले तीन वर्षों में योगी सरकार की इकलौती उपलब्धि ‘नफरत’ है। मुख्यमंत्री सिर्फ बदले की भावना रखकर काम करते हैं। वहीं वरिष्ठ रंगकर्मी एसआर पांडेय का कहना है कि “पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में कुछ भौतिक विकास तो हुआ है, लेकिन सांस्कृतिक और सद्भाव के मामले में हम क��फी पिछड़ गए हैं। आपसी विश्वास कम हुआ है। भ्रष्टाचार में कोई कमी नहीं आई है।”
वहीं साहित्यकार देवेन्द्र कुमार कहते हैं कि तीन साल के कार्यकाल में नया ट्रेन्ड देखने को मिला है। अब पाॅलिटिकल ट्रोलिंग का दौर शुरू हो गया है। विपक्षियों और विरोध का सुर ऊंचा करने वालों के साथ बर्बरता इसी का परिणाम है। जो काम जिसका है, उसी को सूट करता है। योगी का काम योग-साधना करना है। पुजारी को दूसरा काम दे देंगे तो कैसा होगा। देखिए सांसद बनना अलग बात है, पर मुख्यमंत्री बनकर सरकार चलाना दूसरी बात है। सरकार चलाने के लिए प्रबंधन और अनुभव की आवश्यकता होती है, जिसके लिए इंसान के पास कोई विजन होना चाहिए!
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मिर्जापुर. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में सोमवार दोपहर मिड-डे-मील के लिए बनाई गई सब्जी के भगौने में गिरकर एक तीन वर्षीय बच्ची की झुलसने के बाद मौत हो गई। ये मामला लालगंज थाना इलाके के रामपुर अतरी गांव के प्राथमिक विद्यालय का है। बच्ची जिद कर अपने भाईयों के साथ स्कूल गई थी। हादसे के वक्त रसोइया इयर फोन लगाकर गाना सुनने में लगी थी। बालिका को भगौने से निकालने के जगह सभी रसोइया स्कूल से भाग निकलीं। डीएम सुशील कुमार पटेल ने हेड मास्टर को निलंबित कर दिया है। साथ ही हादसे के लिए जिम्मेदार रसोइया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का आदेश दिया है।
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दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंची प्रियंका गांधी ने कहा- भाजपा शासित राज्य में बच्चों को मिड डे मील में मिल रहा बेकार खाना
भाई के चीखने पर दौड़े बच्चे शिक्षक व बच्चे
रामपुर अतरी प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सोमव��र दोपहर बच्चों के लिए मिड-डे-मील बनाया गया। खाना परोसने की तैयारी हो रही थी। इस दौरान खाना बनाने वाली रसोइया ईयर फोन लगाकर गाना सुनने लगी। तभी स्कूल में पढ़ने वाला सात वर्षीय गणेश जोर से चीखने लगा कि, उसकी बहन आंचल सब्जी के भगौने में गिर गई है। शोर सुनकर बच्चे व शिक्षक किचन के पास जमा हो गए। शिक्षकों ने किसी तरह आंचल को बाहर निकाला और उसे निजी अस्पताल पहुंचाया।
पिता ने स्कूल प्रशासन को मौत के लिए ठहराया जिम्मेदार
करीब 80 फीसदी झुलसी बच्ची को डॉक्टरों ने मंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया। जहां देर शाम इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पिता भागीरथ ने आंचल की मौत के लिए स्कूल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। बच्ची को भगौने में गिरी देख स्कूल में तैनात छह रसोइया मौके से भाग निकलीं थीं। खंड शिक्षा अधिकारी राम मिलन यादव ने कहा- पड़ताल जारी है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बच्ची के पिता बैंक में चतुर्थ श्रेणी कर���मचारी हैं। आंचल का अभी स्कूल में नाम नहीं लिखा था। वह अभी अपने भाइयों के साथ स्कूल में बैठना सीख रही थी।
क्या बोले अधिकारी?
हादसे की जानकारी पाकर बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह मंडलीय अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने भी जांच के बाद विधिक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं, जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने कहा- हादसे की गम्भीरता को देखते हुए प्रधानाध्यापक को निलम्बित करने का आदेश दिया गया है। प्राथमिकी दर्जकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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आंचल ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा। -फाइल
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#News Updates#मिड-डे-मील के बनी गर्म सब्जी के भगौने में गिरकर 3 वर्षीय बच्ची की मौत; इयरफोन लगाकर गा
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उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के लालगंज थानाक्षेत्र के रामपुर अतरी गांव में विद्यालय में मिड-डे मील में पक रही... from Khaskhabar.com News RSS Feeds https://ift.tt/2UmBTiT
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उत्तर प्रदेश में मिड-डे मील में पक रही सब्जी के भगौने में गिरने से 3 साल की
उत्तर प्रदेश में मिड-डे मील में पक रही सब्जी के भगौने में गिरने से 3 साल की
मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के लालगंज थानाक्षेत्र के रामपुर अतरी गांव में विद्यालय में मिड-डे मील में पक रही सब्जी के भगौने में गिरने से तीन साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई। सोमवार दोपहर को जब प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के लिए मिड-डे-मील पकने के बाद पर���सने की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान आंचल नामक बच्ची इसमें गिरकर बुरी तरह झुलस गई। जिला कलेक्टर सुशील कुमार पटेल ने हेड मास्टर को…
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मिर्जापुर: मिड डे मील में नमक के साथ रोटी, वीडियो बनाने वाले पत्रकार को राहत
मिर्जापुर: मिड डे मील में नमक के साथ रोटी, वीडियो बनाने वाले पत्रकार को राहत
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में एक प्राइमरी स्कूल में मिड डे मील में बच्चों को नमक रोटी दिए जाने का मामला सामने लाने वाले पत्रकार पवन जायसवाल को बड़ी राहत मिली है. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के दखल के बाद मिर्जापुर पुलिस ने केस से पत्रकार का नाम हटा दिया है. इस बात की जानकारी खुद पत्रकार मामलों से जुड़ी सर्वोच्च संस्था प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रमौली कुमार प्रसाद ने प्रयागराज…
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मिड डे मील में नमक-रोटी पत्रकार पर दर्ज हुई एफआईआर
Rohit Sharma:- उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद स्थित जमालपुर विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय शिउर में पिछले दिनों मिड डे मील में नमक-रोटी परोसे जाने का एक वीडियो सामने आया था, जिसे वहां के स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल ने ब्रेक किया था। इस खबर का खुलासा करने वाले पत्रकार पर खंड शिक्षा अधिकारी की शिकायत एफआईआर दर्ज कर दी गई है।
जानकारी के मुताबिक मिड डे मील में नमक-रोटी परोसे जाने वाली खबर कवर करने…
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स्कूल में बच्चों को पत्ते पर मिड डे मील परोसने का आरोप
प्राइमरी स्कूल में बच्चों को पत्ते पर मिड डे मील परोसने का आरोप
मिर्जापुर (Mirzapur) के एक प्राइमरी स्कूल (Primary School) में बच्चों को मिड डे मील (Mid Day Meal) में नमक-रोटी परोसने का मामला अभी शांत ही नहीं हुआ था कि बलिया (Ballia) से एक और वीडियो सामने आया है. इसमें अलग समुदाय के बच्चों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगा है. आरोप है कि स्कूल में मुस्लिम बच्चों को थाली की जगह पत्तों में खाना परोसा गया. वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. मामले में जांच रिपोर्ट भी जिलाधिकारी को सौंपी जा चुकी है.
बताया जा रहा है कि यह वायरल वीडियो तीन हफ्ते पुराना है. आरोप है कि ऊभांव थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय चौकिया में मिड डे मिल का खाना परोसने में भेदभाव किया गया, जबकि स्कूल में पर्याप्त मात्रा में थालियां मौजूद थीं. हालांकि, मामले में खंड शिक्षाधिकारी निर्भय नारायण सिंह का कहना है कि बच्चों ने अपने मन से पत्ते पर खाना खाया. उधर, बीएसए ने बताया कि मामले की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी के पास भेजी जा चुकी है.
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यूपी के मिर्जापुर जिले से एक शर्मनाक घटना सामने आई,मिड-डे मील के नाम पर बच्चों को बांटा रोटी-नमक
यूपी के मिर्जापुर जिले से एक शर्मनाक घटना सामने आई,मिड-डे मील के नाम पर बच्चों को बांटा रोटी-नमक
मिर्जापुर:यूपी के मिर्जापुर जिले से एक शर्मनाक घटना सामने आई है। जिले के एक प्राथमिक स्कूल के अंदर कम से कम 100 बच्चों को मिड-डे मील के नाम पर नमक और रोटी बांटा गया। बच्चों को नमक और रोटी बांटे जाने का विडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। उधर, विडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया और मामले की जांच के बाद दो शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है।
बच्चों को नमक बांटने की घटना मिर्जापुर…
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मिर्जापुर : बच्ची के मृत्यु का मामला : मिड-डे-मील हादसे में छह रसोइया गिरफ्तार
मिर्जापुर : बच्ची के मृत्यु का मामला : मिड-डे-मील हादसे में छह रसोइया गिरफ्तार
Read full post at: https://cnnworldwidenews.blogspot.com/2020/02/blog-post_99.html
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यूपी के मिर्जापुर में मिड-डे मील के खौलते सब्जी के बर्तन में गिरी तीन साल की बच्ची, हुई मौत
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में एक स्कूल में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां एक प्राथमिक विद्यालय में मिड-डे मील के लिए बन रहे गर्म सब्जी के बर्तन में गिरने से तीन साल की बच्ची की मौत हो गई। घटना के बाद जिला अधिकारी ने स्कूल के हेडमास्टर को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच की जा रही है।
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