#मिर्जा
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siddique-social · 2 years ago
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टेनिस स्टार #सानिया #मिर्जा को WPL (महिला आईपीएल ) के लिए रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने मेंटर के रूप में नियुक्त किया गया है! RCB प्रबंधन की ओर से एक शानदार पहल❣️ सानिया ने RCB को दिए इंटरव्��ू में कहा, "संन्यास के बाद मैं चाहती थी कि महिलाओं को प्रेरित करूं कि वो खेल में अपना करियर बनाए। इसलिए मैं RCB की टीम का हिस्सा बनी हूं। दोनों खेल में एक ही तरह का प्रेशर होता है। उसे कैसे हैंडल करना है, ये शायद मुझे अच्छे से पता है। मैं अपनी खिलाड़ियों पर इसपर फोकस करने पर जोर दूंगी। अगर आप ये कर लेते हैं तो कोई खेल आपके लिए आसान होगा।" #WPL #Womencricket #cricket #sports #SaniaMirza #RCB https://www.instagram.com/p/CosGJU9tHAi/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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entertainmentnewshindi · 2 years ago
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gkcurrentaffairs · 2 years ago
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भारत की महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने संन्यास की घोषणा की।
भारत की स्टार महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने जनवरी 2023 में संन्यास लेने की घोषणा की है। इस साल का ऑस्ट्रेलियन ओपन और दुबई टेनिस चैंपियनशिप उनके आखिरी टूर्नामेंट होंगे। वह जनवरी 2023 में कजाकिस्तान की एना डेनिलिना के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपन में महिला युगल में खेलेंगी, जो किसी भी ग्रैंड स्लैम में उनकी अंतिम उपस्थिति होगी। सानिया मिर्जा के बारे में : सानिया ने 2009 में ऑस्ट्रेलियन ओपन, 2012…
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hum-suffer · 11 days ago
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एक बार बाहों में छुप लोगी?
थक गया हूं इस दुनिया से, थोड़ा सुकून उधर दोगी?
तुम्हें देख कर आराम आता है सासों में,
मेरी इस दिल्लगी की नज़र उतारोगी?
मैं क्यों बरबाद ना हो तुम्हारे इश्क में, जाना,
जो तुम मुझे इतनी फुर्सत से प्यार करोगी?
कागज़, कलाम, सियाही लेके एक किस्सा लिखोगी?
रांझे का इश्क, मिर्जा की मोहब्बत, महिवाल की आशिकी,
इन सबसे बड़ा लिखोगी?
अब किस्सा लिखोगी या फ़साना लिखोगी,
मेरा तुम्हारी मोहब्बत में उलझा हुआ हाल लिखोगी?
लिखोगी क्या अपने बारे में मेरी नजरों से?
बताओ, देखा है इन आँखों को और सोचा है
कि बस दुनिया की हर एक तस्वीर के हर एक रंग से बेहतर है ये आँखें?
अपने बालों को बिखरा हुआ देख कर सोचा है,
चाँद की दिखती हो, आफ़ताब की महकती हो
घुंघरू की आवाज़ जैसी मधुर हो, मोहब्बत जैसी ख़ूबसूरत हो
और बस, मेरी हो.
लो, ये तो तुमने फ़साने की जगह कहानी लिख दी, जाना
इस कहानी को एक कविता बना दोगी?
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secretearthquakecheesecake · 3 months ago
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‼️Very BIG SHOCKING & BREAKING NEWS National International and on Social media‼️
सुधीर 100% पत्रकारिता के साथ मिर्जा गालिब का मशहूर शेर भी सुना रहा है⚡
इस देश को हुआ क्या है, आखिर इस मिलावट की दवा क्या है? देश में मिलावटी घी के बाद अब मिलावटी दवाइयां खा रहें हैं आप!
# Modi's Naya Bharat
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khwabeeda-dreamy · 1 year ago
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आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक
कौन जीता है तेरे ज़ुल्फ़ के सर होने तक
आशिक़ी सब्र तलब और तमन्ना बेताब
दिल का क्या रँग करूँ खून-ए-जिगर होने तक
खून-ए-जिगर होने तक खून-ए-जिगर होने तक
हम ने माना के तगा कुल न करोगे लेकिन
खाक हो जाएंगे हम तुम को खबर होने तक
तुम को खबर होने तक तुम को खबर होने तक
ग़म-ए-हस्ती का असद किससे हो कुज़-मर्ग-ए-इलाज
शमा हर रँग में जलती है सहर होने तक
- मिर्जा गालिब
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fitsportsindia · 2 years ago
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livetimesnewschannel · 3 days ago
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Exploring Mirza Ghalib: 10 Interesting Facts You Must Know
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Introduction
10 interesting things about Mirza Ghalib: ‘हुई मुद्दत कि ‘ग़ालिब’ मर गया पर याद आता है, वो हर इक बात पर कहना कि यूं होता तो क्या होता’ मिर्जा गालिब को महान शायर बताने के लिए उनकी गजल का यह शेर ही काफी है. 200 साल बाद भी गालिब की शायरी सुनाई और गुनगुनाई जाती है. शायरी बदली, कहने का अंदाज बदला, वक्त बदला और सदियां बदल गईं, लेकिन मिर्जा गालिब की गजलों और नज्मों का जादू अब भी बरकरार है. उनकी गजलों के शेर जिंदगी का फलसफा हैं, जो लोगों के दिल को सुकून देते हैं. उन्होंने सिर्फ 11 साल की उम्र से ही कविताएं लिखनी शुरू कर दी थीं. एक कवि होने के साथ-साथ मिर्जा गालिब एक बेहतरीन पत्र लेखक भी थे.
खूबसूरत शब्दों में लिपटे उनके खत भी लाजवाब होते थे. उनकी नज्मों और गजलों की बात की जाए तो ये जीवन के दर्शन का लिबाज ओढ़े हुए हैं. यही वजह है कि हर उम्र के लोग उनकी शायरी को पसंद करते हैं. मिर्जा गालिब भले ही भारत में जन्में और शायरी की, लेकिन उनकी दीवानगी पूरे दक्षिण एशिया में है. इस स्ट���री में हम बताने जा रहे हैं मिर्जा गालिब की जिंदगी और शायरी से जुड़े अनसुने किस्से.
Table Of Content
मदिरापान के साथ गालिब को था जुआ खेलने का शौक
पंडित ने लगाया था गालिब के माथे पर टीका
वाह रे बड़े मियां, बर्फी हिंदू और इमरती मुसलमान
नहीं थी कोई संतान
बचपन में ही खो दिया था माता-पिता को
13 साल की उम्र में शादी
11 वर्ष की उम्र में शुरू कर दिया था लिखना
मिले थे कई पुरस्कार
गधे भी आम नहीं खाते
बल्लीमारान से गालिब का रिश्ता
मदिरापान के साथ गालिब को था जुआ खेलने का शौक
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पंडित ने लगाया था गालिब के माथे पर टीका
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वाह रे बड़े मियां, बर्फी हिंदू और इमरती मुसलमान
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नहीं थी कोई संतान
मिर्जा गालिब का पूरा नाम मिर्ज़ा असद-उल्लाह बेग ख़ां उर्फ ‘गालिब’ था. 27 दिसंबर, 1797 आगरा में जन्में गालिब को पूरी जिंदगी इस बात का मलाल रहा कि उनकी कोई औलाद नहीं थी. बीवी उमराव ने कई बच्‍चों को जन्‍म तो दिया लेकिन कोई भी संतान जी नहीं सकी. मिर्जा गालिब को पूरी जिंदगी औलाद की कमी खलती रही. गालिब की 7 संतानें हुईं, लेकिन उनमें से कोई भी कुछ महीनों से ज्यादा जिंदा नहीं रह पाईं. उनका यह दर्द उनकी गजलों और नज्मों में भी नजर आता है.
बचपन में ही खो दिया था माता-पिता को
बेशक हर मोहब्बत करने वाला आशिक मिर्जा गालिब की शायरी को जरूर पढ़ता है. जिंदगी की धुन गुनगुनानी हो तो उनकी शायरी कमाल है. बचपन में ही गालिब ने पिता को खो दिया. उनके पिता 1803 में एक युद्ध में शहीद हो गए. इसके बाद मामा ने उन्हें पालने की कोशिश की, लेकिन 1806 में हाथी से गिरकर उनकी भी मौत हो गई. मां के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि उनकी मृत्यु भी जल्दी ही हो गई थी.
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13 साल की उम्र में शादी
बताया जाता है कि सिर्फ 13 वर्ष की उम्र में मिर्जा गालिब का निकाह हो गया. 1810 में नवाब इलाही बक्श की बेटी उमराव बेगम से गालिब का निकाह हुआ. मोहब्बत से लबरेज गालिब को अपनी पत्नी से बहुत लगाव था लेकिन उनका रिश्ता कभी मोहब्बत की दहलीज को पार नहीं कर पाया. गालिब ने अपने खतों में लिखा था कि शादी दूसरी जेल की तरह है यानी वह शादी से खुश नहीं थे. उन्होंने लिखा है- पहली जेल जिंदगी ही है जिसका संघर्ष उसके साथ ही खत्म होता है.
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11 वर्ष की उम्र में शुरू कर दिया था लिखना
मिर्जा गालिब का पूरा नाम मिर्जा असदुल्लाह बेग खां था. उनका जन्म 27 दिसंबर, 1797 में उत्तर प्रदेश के आगरा में हुआ. उनके पिता का नाम अबदुल्ला बेग और माता का नाम इज्जत उत निसा बेगम था. गालिब के पिता उज्बेकिस्तान से भारत आए थे. गालिब की उर्दू, पर्शियन और तुर्की तीनों भाषाओं पर अच्छी पकड़ थी. कहा जाता है कि उन्होंने 11 साल की उम्र में लिखना शुरू कर दिया था. उन्हें हिन्दी और अरबी की भी जानकारी थी.
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मिले थे कई पुरस्कार
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गधे भी आम नहीं खाते
ऐसा कहा जाता है कि मुसलमान होने के बावजूद गालिब ने कभी रोजा नहीं रखा था. शायद यही वजह है कि वह खुद को आधा मुसलमान कहते थे. एक बार एक अंग्रेज अफसर ने पूछा तो उन्होंने बताया था कि मैं शराब पीता हूं, लेकिन सूअर न���ीं खाता हूं. ऐसे में आधा मुसलमान हूं. गालिब महान शायर होने के साथ हाजिर जवाब इंसान भी थे. वह जवाब देने में जरा भी देर नहीं लगाते थे. कहा जाता है कि गालिब एक बार आम खा रहे थे.
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बल्लीमारान से गालिब का रिश्ता
मिर्ज़ा ग़ालिब दरअसल, गली कासिम जान बल्लीमारान (चांदनी चौक) के जिस घर में रहा करते थे उसको मूल स्वरूप में संरक्षित और पुनःस्थापित कराया गया है. वर्तमान में इस घर में गालिब के ��ीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करने के लिए एक संग्रहालय है. 27 दिसंबर 2000 को मिर्जा गालिब की जयंती पर इसका उद्घाटन किया गया था और इसे जनता के लिए भी खोला गया. आधिकारिक जानकारी के अनुसा, सोमवार और राजपत्रित अवकाशों को छोड़कर स्मारक सभी दिन (सुबह 11:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक) आम जनता के लिए खुला रहता है. मिर्जा गालिब की जयंती पर प्रत्येक वर्ष गालिब मेमोरियल में उत्सव मनाया जाता है.
Conclusion
मिर्जा असदुल्लाह खान, जिन्हें मिर्जा गालिब के नाम से भी जाना जाता है दरअसल, वर्तमान युग के सबसे महान, कामयाब और सबसे मशहूर उर्दू शायरों में से एक हैं. गम हो, खुशी हो या फिर जिंदगी की बात, हर मूड की गजलें शायर मिर्जा गालिब ने लिखी हैं. ग़ालिब के समकालीन और भी कई शायर थे, जिन्होंने उम्दा नज़्में और ग़ज़लें लिखी��, लेकिन ग़ालिब जैसी कामयाबी किसी दूसरे शायर को नहीं मिली. आलोचकों और उर्दू साहित्य के बारे में जानने वालों का कहना है कि फ़ारसी कविता के प्रवाह को हिंदुस्तानी जुबान में लोकप्रिय करवाने का श्रेय भी इनको दिया जाता है.
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latestnewsandjokes · 9 days ago
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सानिया मिर्जा ने पीवी सिंधु के वेडिंग रिसेप्शन में बेहद खूबसूरत साड़ी पहनी थी
साड़ियों शाश्वत हैं, और इसे टेनिस स्टार से बेहतर कोई साबित नहीं कर सकता सानिया मिर्जा. हाल ही में उन्होंने बैडमिंटन चैंपियन पीवी सिंधु के शो में सबको चौंका दिया शादी का रिसेप्शन हैदराबाद में, जहां उन्होंने शानदार अंदाज में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई वाइन-टोन्ड साड़ी. सानिया की पोशाक पसंद ने एक फैशन समर्थक के रूप में उनकी स्थिति की पुष्टि की, जिससे साबित हुआ कि टेनिस कोर्ट के बाहर उनकी शैली उतनी ही…
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rightnewshindi · 11 days ago
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आज का इतिहास, 27 दिसंबर; आज के दिन पहली बार गया गया था राष्ट्रीय गान 'जन-गण-मन', पढ़ें 27 दिसंबर का इतिहास
History, 27 December; उर्दू-फ़ारसी (Urdu-Persian) के मशहूर शायर मिर्जा गालिब (poet mirza ghalib) की आज जयंती है.  27 अक्टूबर 1797 में उत्तरप्रदेश के आगरा में मिर्जा असद-उल्लाह बेग ख़ां (गालिब) का जन्म हुआ था. उनके बारे में कहा जाता है कि वो ऐसे शेयर थे जो चलते-फिरते शेर बना देते थे. उनकी जुबां और कलम का जादू कुछ इस कदर लोगों पर छाया हुआ है कि उनके जाने के शताब्दियों बाद भी लोग उन्हें और उनकी…
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moviepopcorn-180 · 17 days ago
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भीड़ फिल्म समीक्षा/रिव्यु!
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कोरोना की व्यथा और मानव त्रासदी
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Image of Rajkumar Rao lead in the Reviewed Film प्लॉट: यह फिल्म कोरोना महामारी पर बनी है जब सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया था और सबको कहा था कि जो जहां पर है वहीं पर रहे पर विशेष कर मजदूर ऐसा करने में असमर्थ थे और वह पैदल ही अपने गंतव्य की तरफ निकल गए थे बीच में एक जगह पुलिस चेक पोस्ट पर उन सभी को रोक दिया जाता है और आगे क्रॉस करने नहीं दिया जाता? क्या वह चेक पोस्ट क्रॉस कर पाएंगे? क्या वह सभी अपने घर तक पहुंच पाएंगे? जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी| टोन और थीम: यह फिल्म सोशल ड्रामा टोन पर बनाई गई है, फिल्म की थीम मानवता और त्रासदी पर आधारित है, इस यह फिल्म यह सामाजिक संदेश देती है कि समाज में बदलाव के लिए अपना योगदान कैसे दे सकते हैं, जातियों पर भी कटाक्ष किया गया है सामाजिक और जाति भेदभाव भी दिखाया गया है| एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: सूर्यकुमार सिंह की भूमिका में राजकुमार राव ने शानदार अभिनय किया है एक पुलिस इंस्पेक्टर का रोल उन्होंने अत्यंत ईमानदारी से निभाया, उनका अभिनय अव्वल दर्जे का है वह जिस रोल को भी निभाते हैं अपनी पूरी ताकत झोंक देते हैं पूरी फिल्म उनके कंधों पर ही चलती हैं| रेनू शर्मा की भूमिका में भूमि पेडणेकर का अभिनय भी औसत दर्जे का ही कहा जा सकता है उनके रोल की लंबाई ज्यादा लंबी नहीं है पर जितना भी उनको रोल मिला उन्होंने अच्छे से निभा दिया| बलराम त्रिवेदी की भूमिका में पंकज कपूर का अभिनय भी अच्छा है उन्होंने एक क्रोध से भरे ऐसे इंसान का किरदार निभाया है जो किसी भी तरह से अपने घर पहुंचना चाहता है| Supporting Casts में आशुतोष राणा, दिया मिर्जा, कृतिका कामरा, आदित्य श्रीवास्तव, वीरेंद्र सक्सेना और ओमकार दास मानिकपुरी ने भी फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाने में मदद में मदद की| डायरेक्शन: इस फिल्म को अनुभव सिन्हा ने निर्देशित किया है इस फिल्म से पहले इन्होंने मुल्क,आर्टिकल 15 और थप्पड़ जैसी अनेक संवेदनशील फिल्में निर्देशित की है| इसमें कुछ फिल्में सफल रही साथ ही में कुछ फिल्मों को पुरस्कार और कुछ को अवार्ड नॉमिनेशन भी ��िले| इस फिल्म को भी उन्होंने बहुत अलग तरह से निर्देशित किया है, उन्होंने एक अलग तरह की कहानी को बहुत अच्छे से और सरल तरीके से बताने का प्रयास किया है, फिल्म की गति भी तेज है, दर्शक फिल्म से शुरू से लेकर अंत तक जुड़ा हुआ रहता है| स्क्रीनप्ले और डायलॉग: अनुभव सिन्हा, सौम्या तिवारी और सोनाली जैन के अच्छे और दमदार हैं, फिल्म की कहानी के अनुसार लिखे गए हैं, पटकथा भी अच्छे से लिखी गई है| सिनेमाटोग्राफी: सौमिक मुखर्जी की अच्छी है एरियल व्यूज दृश्य अच्छे बन पड़े हैं, इतनी भीड़ को कैमरे पर कैद करना इतना आसान नहीं होता पर उन्होंने अच्छे से किया है| प्रोडक्शन डिजाइन: निखिल कोवले का अच्छा है फिल्म की कहानी के अकॉर्डिंग है साउंड डिजाइन: अनिता कुशवाहा का बहुत ही दमदार है आप छोटी-छोटी चीजों को भी भारतीयों से सुन सकते हैं ऑडियो साउंड में बहुत क्लेरिटी है कॉस्ट्यूम डिजाइन: विशाखा विजय कुल्लवार के बढ़िया है ज्यादा स्कोप नहीं था एक्शन:रियाज-हबीब का संतुलित है बैकग्राउंड स्कोर: मंगेश धाकड़े का बहुत मजबूत और दमदार है म्यूजिक: अनुराग सैकिया का ठीक-ठाक है लिरिक्स: शकील आज़मी और डॉ सागर का ठीक-ठाक है क्लाइमैक्स: फिल्म का क्लाइमेक्स बहुत अच्छा बन पड़ा है ओपिनियन: वन टाइम वॉच! जो ऑफबीट फिल्मों को देखना पसंद करते हैं वह एक बार देख सकते हैं| फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड नॉमिनेशंस: इस फिल्म को बेस्ट एक्टर, बेस्ट फिल्म क्रिटिक्स, बेस्ट स्टोरी, और बेस्ट साउंड डिजाइन के नॉमिनेशंस मिले थे| Flaws: दिया मिर्जा के रोल की जरूरत नहीं थी उनके रोल को काटा जा सकता था| राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर के इंटिमेसी और फिजिकल रिलेशन वाले दृश्य जबरदस्त ठूँसे गए हैं एक तरफ तो आप ऑफबीटऔर सामाजिक मुद्दे पर फिल्म ब���ा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ऐसे दृश्य डालने की कोई जरूरत नहीं थी माता-पिता इस एक दृश्य के कारण बच्चों के साथ फिल्म नहीं देख सकते, अगर बच्चे छोटे हैं तो बिलकुल भी नहीं| जातीय वाले कांसेप्ट को कहानी में डालकर डायलॉग्स के माध्यम से सही संदेश दिया गया है और कटाक्ष भी किया गया है | मुसलमानों के साथ भेदभाव दिखाया गया है जो कि नहीं दिखाना चाहिए था| मुसलमानों के साथ जोड़कर यह बताया गया है कि कोरोना का कोई धर्म नहीं होता| Filmcast: Rajkumar Rao, Bhumi Padnekar, Dia Mirza, Ashutosh Rana, Aditya Srivastava, Pankaj Kapoor, Kritika Kamra, Veerendra Saxena Producer and Director: Anubhav Sinha, Story: Anubhav Sinha, Screenplay and Dialogues: Anubhav Sinha, Saumya Tiwari, Sonali Jain Cinematography: Soumik Mukherjee, Editor: Atanu Mukherjee, Production Design: Nikhil Kovale, Sound Design: Anita kushwaha Casting Director: Mukesh Chhabra, Costume Design: Visahka Vijay kullarwar, Script Consultant: Anjum Rajabali Action: Riaz-Habib, Background Score: Mangesh Dhakde, Music: Anurag Saikia, Lyrics: Shakeel Azmi, Dr.Sagar CBFC-U/A Movietime-2h.4mins Genre-Social Drama Backdrop-Lucknow (UP) Release Year-2023 Read the full article
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indlivebulletin · 17 days ago
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Sania Mirza: दुबई में सानिया मिर्जा यहां कर रही हैं काम, शेयर की तस्वीर
भारत की मशहूर टेनिस स्टार सानिया मिर्जा अपने खेल के साथ ही अपनी पर्सनल लाइफ से भी चर्चा में रहती हैं. पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शोएब मलिक संग उनके रिश्ते ने खूब सुर्खियां बटोरी. हालांकि दोनों अब तलाक लेकर अलग हो चुके हैं. सानिया मिर्जा अब अपने बेटे की परवरिश में व्यस्त हैं. आए दिन सानिया सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें और वडियों भी पोस्ट करती हैं. फिलहाल उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी शेयर की…
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narmadanchal · 2 months ago
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नायाब मिर्जा, भारत क्लब, वीर शिवाजी, किंग्स इलेवन ने मुकाबले जीते
इटारसी। किंग्स इलेवन क्लब के तत्वावधान में आयोजित श्री गुरु नानक कप क्रिकेट प्रतियोगिता के दूसरे दिन नायाब मिजा, भारत क्लब, वीर शिवाजी क्लब और किंग्स इलेवन ने अपने-अपने मुकाबले जीते। पहला मुकाबला फ्लाइंग ईगल और नायाब मिर्जा के मध्य खेला गया। टॉस जीत कर फ्लाइंग ईगल ने पहले गेंदबाजी की। बल्लेबाजी करने उतरी नायाब मिर्जा की टीम ने निर्धारित 8 ओवर में 6 विकेट खोकर 92 रन बनाये। फ्लाइंग ईगल की टीम मात्र…
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deshbandhu · 2 months ago
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Sania Mirza Ko Dubai Ke Liye Khel Rajdoot Niyukt Kiya Gaya
दुबई। टेनिस की दिग्गज हस्ती और लाखों लोगों की प्रेरणास्रोत सानिया मिर्जा ने दुबई के लिए खेल राजदूत नियुक्त होकर अपनी उपलब्धियों में एक और उपलब्धि जोड़ ली है।
यह नियुक्ति वैश्विक खेल समुदाय पर उनके स्थायी प्रभाव और इस क्षेत्र के साथ उनके मजबूत संबंध को दर्शाती है, जहां उन्हें लगातार उनकी उपलब्धियों और खेलों में महिलाओं की वकालत के लिए सराहा जाता रहा है। उनकी नई भूमिका शहर की संस्कृति और अंतरराष्ट्रीय अपील के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में खेलों को बढ़ावा देने के लिए दुबई की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
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bikanerlive · 2 months ago
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*राजस्थान पेंशनर्स इंजीनियर्स सोसायटी ने दीपावली मिलन समारोह धूमधाम से मनाया*
राजस्थान पेंशनर्स इंजीनियर्स सोसायटी के मिडिया प्रभारी इं रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि आज सोसायटी के सद्स्यों द्वारा दीपावली मिलन समारोह राज मंदिर मैरिज पैलेस, रानी बाजार इंडस्ट्रियल एरिया में धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर सोसायटी के सदस्य इं जावेद मिर्जा, इं कमल कान्त सोनी, इं जगदीश लाल टेलर, इं अयोध्या प्रसाद शर्मा सपत्नीक, इं अनुराग नागर सपत्नीक इं एम.एम. मूंधड़ा व इं विधिय्या भूषण द्वारा गायन…
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sharpbharat · 2 months ago
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jamshedpur rural- हेंदलजुड़ी में झामुमो में शामिल हुए 70 लोग, मंत्री ने किया स्वागत
गालूडीह: गालूडीह थाना क्षेत्र के हेंदलजुड़ी गांव में मंगलवार को विधायक सह मंत्री रामदास सोरेन के विकास कार्यों से खुश होकर 70 महिला-पुरुष ने मिर्जा हांसदा, दुर्लभ सोरेन, सामु टुडू के नेतृत्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थामा. मंत्री रामदास सोरेन द्वारा सबको पार्टी का पट्टी पहनाकर और माला पहनाकर झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल किया गया. रामदास सोरेन ने सभी युवाओं का पार्टी में स्वागत करते हुए…
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