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#मानसून सत्र समाचार
navinsamachar · 2 months
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उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण विधानसभा का मानसून सत्र आरंभ, जानें क्या हो रहा है लाइव...
नवीन समाचार, देहरादून, 21 अगस्त 2024 (Monsoon session-Uttarakhand Gairsain Vidhansabha)। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में आज बुधवार से विधानसभा का मानसून सत्र आरंभ हो गया है। तीन दिवसीय मानसून सत्र के दौरान धामी सरकार 5000 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट एवं उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश, नगर पालिका एवं नगर निगम संबंधित अधिनियमों सहित…
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lok-shakti · 3 years
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पेगासस के विरोध में विपक्षी दलों के एकजुट होने के कारण गुरुवार सुबह से लोकसभा दो बार स्थगित हो गई
पेगासस के विरोध में विपक्षी दलों के एकजुट होने के कारण गुरुवार सुबह से लोकसभा दो बार स्थगित हो गई
पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों के सदन के अंदर विरोध प्रदर्शन के बीच गुरुवार सुबह से लोकसभा को दो बार स्थगित करना पड़ा। सभी विपक्षी दलों द्वारा एकजुट विरोध ऐसे समय में आया है जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा से मुकाबला करने के लिए सभी मोर्चों को एक साथ लाने के अपने अभियान को तेज कर रही हैं। 19 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद पहली बार…
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trendingwatch · 2 years
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लोकसभा के मानसून सत्र के एजेंडे में सूचीबद्ध डिजिटल मीडिया को नियंत्रित करने के लिए नया कानून
लोकसभा के मानसून सत्र के एजेंडे में सूचीबद्ध डिजिटल मीडिया को नियंत्रित करने के लिए नया कानून
नई दिल्ली: इस सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र के लिए लोकसभा में कम से कम 24 नए विधेयक चर्चा के लिए सूचीबद्ध हैं और संभावित पारित होने की संभावना है। इनमें प्रेस और आवधिक विधेयक का पंजीकरण शामिल है जिसका उद्देश्य भारत में पहली बार डिजिटल मीडिया को विनियमित करना है। डिजिटल समाचार प्रकाशकों को पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा और कानून लागू होने के 90 दिनों के भीतर ऐसा करना होगा। प्रस्तावित नया कानून…
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rudrjobdesk · 2 years
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विधानसभा सत्र से पहले आखिर क्‍यों नहीं हुई NDA की बैठक? पढ़ें Inside Story
विधानसभा सत्र से पहले आखिर क्‍यों नहीं हुई NDA की बैठक? पढ़ें Inside Story
पटना. बिहार विधानसभा सत्र का मानसून सत्र चल रहा है. सदन में विपक्ष की ओर से उठाए गए सवालों का सत्‍ता पक्ष की ओर से लगातार जवाब दिया जा रहा है. कुछ मुद्दों पर गतिरोध भी चल रहा है. इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि मानसून सत्र के शुरू होने से पहले बिहार NDA के घटक दलों की होने वाली बैठक इस बार क्‍यों नहीं हुई? आखिर ऐसी कौन सी वजहें थीं, जिनके कारण सत्‍ता पक्ष की सहायोगी पार्टियों के नेताओं…
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लोकसभा मानसून सत्र के अचानक समाप्त होने के बाद स्पीकर की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सोनिया गांधी
लोकसभा मानसून सत्र के अचानक समाप्त होने के बाद स्पीकर की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सोनिया गांधी
बैठक के एक वीडियो में पीएम मोदी और सोनिया गांधी स्पीकर के बगल में लगे सोफे पर बैठे हैं हाइलाइट स्पीकर के बगल में लगे सोफे पर बैठे पीएम मोदी और ���ोनिया गांधी लोकसभा की कार्यवाही निर्धारित समय से दो दिन पहले आज स्थगित कर दी गई बैठक एक सत्र के समापन के बाद प्रथागत है नई दिल्ली: स्पीकर ओम बिरला के कमरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दोनों थे संसद दो दिन पहले बुधवार…
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mrdevsu · 3 years
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17वीं लोकसभा में सबसे कम उत्पादकता वाला रहा वर्तमान सत्र, 96 में से 75 घंटे नहीं हो सका कामकाज
17वीं लोकसभा में सबसे कम उत्पादकता वाला रहा वर्तमान सत्र, 96 में से 75 घंटे नहीं हो सका कामकाज
मानसून सत्र: संपर्क की स्थिति के लिए . 13 अगस्त तक चालू होने पर . इसका कारण मुख्य तौर पर विपक्षी दलों द्वारा पेगासस जासूसी कांड पर किया गया हंगामा रहा। . सदन की समाप्ति के बाद लोकसभा स्पीकर ने माना कि इस सत्र में अपेक्षा के अनुरूप कामकाज नहीं हो सकता और इसका उन्हें खेद है। यह कहा जाता है, ”अपने घर में काम करने के लिए व्यवस्थित और व्यवहार पर चर्चा और व्यवहार करें। सभी सदस्य चर्चा, जन के विषय। यह…
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mytracknews · 3 years
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पीएम मोदी ने सभी से किया टीकाकरण का आग्रह, कहा- COVID-19 वैक्सीन लेने वाले बन जाते हैं 'बाहुबली'
पीएम मोदी ने सभी से किया टीकाकरण का आग्रह, कहा- COVID-19 वैक्सीन लेने वाले बन जाते हैं ‘बाहुबली’
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (19 जुलाई) को कहा कि जो लोग COVID-19 वैक्सीन लेते हैं वे बीमारी के खिलाफ लड़ाई में ‘बाहुबली’ बन जाते हैं। उन्होंने सभी से टीकाकरण कराने का भी आग्रह किया। मानसून सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया से बात करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, “वैक्सीन ‘बाहु’ (हथियारों) में दी जाती है और जो इसे लेते हैं वे ‘बाहुबली’ बन जाते हैं।” उन्होंने यह भी कहा, “कोविड के खिलाफ लड़ाई में 40…
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navinsamachar · 3 months
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नैनी झील में एनडीआरएफ की नई पहल, परीक्षा परिणाम व आपदा प्रबंधन एवं मानसून सत्र की समीक्षा बैठक
एनडीआरएफ ने नैनी झील में मोटर युक्त हवा से भरी बचाव नौकाओं का किया परीक्षण नवीन समाचार, नैनीताल, 1 जुलाई 2024। एनडीआरएफ यानी राज्य आपदा मोचन बल की ओर से नैनी झील में आपदा की स्थिति में लोगों को बचाने के लिये ‘इंफ्लेटेबल रैस्क्यू बोट’ या ‘आउटबोर्ड मोटर बोट’ कही जाने वाली हवा से भरी व बाहरी मोटर से संचालिक बचाव नौकाओं का परीक्षण किया गया। बताया गया कि लगभग 83 किलोग्राम भार वाली यह नौकाएं 800 से…
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lok-shakti · 3 years
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30 मिनट का कारोबार: राज्यसभा में सांसदों के निलंबन पर गतिरोध जारी
30 मिनट का कारोबार: राज्यसभा में सांसदों के निलंबन पर गतिरोध जारी
एक दर्जन सदस्यों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर एकजुट विपक्ष के साथ, और सरकार माफी की मांग पर अडिग रही, राज्यसभा ने मंगलवार को मुश्किल से कोई कामकाज देखा। सरकार ने कहा कि वह हंगामे के बीच उच्च सदन में विधेयकों को पारित करने को तैयार नहीं है। विपक्ष के नेताओं ने निलंबन का विरोध जारी रखा, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस कदम को अलोकतांत्रिक बताया। मानसून सत्र के आखिरी दिन सदन में हुए…
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jaksnews · 4 years
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लोकसभा के लिए, मानसून सत्र बुधवार को समाप्त होने की संभावना है
लोकसभा के लिए, मानसून सत्र बुधवार को समाप्त होने की संभावना है
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द्वारा: PTI | नई दिल्ली | 22 सितंबर, 2020 7:46:48 बजे
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मानसून सत्र 1 अक्टूबर (ANI) को समाप्त होने वाला है
मानसून सत्र के निर्धारित समय से आठ दिन पहले बुधवार को लोकसभा को स्थगित करने की संभावना है। कोरोनावाइरस सांसदों के बीच, सूत्रों ने मंगलवार को कहा।
सूत्रों ने कहा कि सदन बुधवार की दोपहर 3 बजे मुलाकात करेगा, जिसे विस्तारित शून्यकाल के…
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प्रधानमंत्री ने कागज छीनने, पापड़ी चाट का जिक्र किया
प्रधानमंत्री ने कागज छीनने, पापड़ी चाट का जिक्र किया
मानसून सत्र: पीएम मोदी आज सुबह बीजेपी संसदीय दल की बैठक को संबोधित कर रहे थे नई दिल्ली: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह विपक्ष पर अपने हमले को फिर से दोहराया, एक बार फिर संसद के मानसून सत्र को काम नहीं करने देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुखर विपक्ष द्वारा मजबूर बार-बार स्थगन “संविधान का अपमान है … लोकतंत्र और जनता के लिए”। प्रधान मंत्री ने आज एक बैठक में अपने सांसदों से कहा,…
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mrdevsu · 3 years
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Parliament Monsoon LIVE: संसद में आज भी जारी रह सकता है विपक्ष का हंगामा
Parliament Monsoon LIVE: संसद में आज भी जारी रह सकता है विपक्ष का हंगामा
संसद का मानसून सत्र लाइव: आज के वीडियों. आज भी वातावरण का संक्रमण है। कृषि क्षेत्र, कृषि पर्यावरण और पर्यावरण के हिसाब से ठीक है। कल्‍चिल के लिए ऐसा करने के लिए भी ऐसे व्यक्ति थे जो हमेशा के लिए पसंद करते थे। इस पर विचार करने वाले व्यक्ति भी ऐसे ही होते थे I I I I I I I I है है। गायन कांड, पे विपक्ष सदन स्वास्थ्य के लिहाज से ऐसा नहीं है। परीक्षा के दौरान पहली बारमानसून रहा खराब प्रदर्शन के दौरान…
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ashutentaran · 3 years
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संसद के मानसून सत्र को लेकर कल सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें पीएम मोदी के साथ कई बड़े नेता मौजूद थे। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि नियम के मुताबिक हम हर मुद्दे पर विचार करेंगे और चर्चा भी करेंगे।
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jhorar · 5 years
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सरकार (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); सरकार दो प्रकार की होती है :- केन्द्रीय/संघीय/भारत सरकार राज्य सरकार दोनो सरकारों के तीन अंग होते है :- व्यवस्थापिका :- कानून बनाना। कार्यपालिका :- कानून लागू करना। न्यायपालिका :- कानून की रक्षा / व्याख्या करना संसद         = राष्ट्रपति  + लोकसभा + राज्यसभा             विधानमण्डल = राज्यपाल + विधानसभा + विधानपरिषद प्रधानमंत्री - केन्द्रीय मंद्घत्रपरिषद - महान्यायवादी - S.C. मुख्यमंत्री - राज्यमंद्घत्रपरिषद - महाधिवक्ता - H.C. भारत सरकार केन्द्रीय व्यवस्थापिका :- केन्द्रीय व्यवस्थापिका/विधायिका = ससंद अनुच्छेद 79 :- इसमें संसद का उल्लेख है। संसद = राष्ट्रपति + लोकसभा + राज्यसभा संसद के अंग :- 3 सदन :- 2 (लोकसभा + राज्यसभा) संविधान के अनुसार वर्ष में कम से कम संसद के    अधिवेशन:-2 संसद के  दो अधिवेशनों के मध्य अधिकतम समय अन्तराल:- 6 माह अनुच्छेद 85 के अनुसार राष्ट्रपति संसद के सत्र को प्रारम्भ (सत्राहुत) व समाप्त (सत्रावसान) करता है। वर्तमान में संसद के अधिवेशन :- 3 ग्रीष्मकाल (बजट काल):- फ रवरी - मई मानसून काल :- जुलाई - सितम्बर शीत काल :- नवम्बर - दिसम्बर अनुच्छेद 118 संसदीय प्रक्रिया का उल्लेख है। संसद की प्रतिदिन की कार्यवाही :-समय 10-5 बजे तक इसे चार काल में विभाजित किया गया है:- 1. प्रश्रकाल 2. शून्यकाल 3. मध्यान्तर काल 4. प्रस्ताव काल आधे घण्टे की चर्चा  ताराकिंत, अताराकिंत या अल्प सूचना प्रश्न द्वारा दिये गये उत्तर में कोई तथ्य स्पष्ट न हुआ हो तो इस चर्चा को किया जाता है। यह चर्चा बैठक के अन्तिम आधे घण्टे (5.00-5.30) तक होती है लोकसभा में तीन दिन सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को की जाती है। राज्यसभा में सभापति की अनुमति से कभी भी की जा सकती है। प्रश्रकाल :-  प्रतिदिन संसद की दोनो सदनो की बैठक के बाद कार्यवाही का प्रथम घण्टा शून्यकाल होता है। संसद सदस्यों द्वारा लोकमहत्व के मामले में मंत्रीपरिषद से प्रश्र पूछे जाते है। यह प्रक्रिया सर्वप्रथम इंग्लैण्ड में 1721 में प्रारम्भ हुई। भारत में यह प्रक्रिया सर्वप्रथम 1892 के भारतीय परिषद अधिनियम से प्रारम्भ हुई। संसद में पूछे जाने वाले प्रश्र  1. ताराकिंत प्रश्र - जब संसद सदस्य द्वारा तुरन्त उत्तर प्राप्त करना हो तो वह प्रश्र के शीर्ष पर तारा लगा देता है। 10 दिन पूर्व आवेदन करना पड़ता है। इसका उत्तर मंत्री द्वारा तुरन्त मौखिक रूप में देना पड़ता है। प्रश्रों की संख्या सिमित होती है। पूरक प्रश्र भी पूछे जा सकते है। कोई प्रश्र ताराकिंत है या नही इस निर्णय अध्यक्ष या सभापति द्वारा किया जाता है। 2. अताराकिंत प्रश्र इसका उत्तर लिखित रूप में दिया जाता है 10 दिन पूर्व आवेदन करना पड़ता है। पूरक प्रश्र नही पूछा जा सकता। प्रश्रो की संख्या असिमित। 3. अल्प सूचना प्रश्र इनका सम्बन्ध किसी लोकमहत्व केे  तात्कालिन मामलों से होता है इसका जवाब 10 दिन की निर्धारित अवधि से पहले ही मंत्री द्वारा दिया जाता है। उत्तर मौखिक दिया जाता है। 4. गैर सरकारी सदस्यों से पूछे जाने वाले प्रश्र  मंत्री परिषद के अतिरिक्त अन्य सदस्यों से पूछे जाने वाले प्रश्र शून्य काल इस काल में बिना किसी सूचना के लोक महत्व का कोई भी प्रश्र उठाया जा सकता है तथा किसी मंत्री के उत्तर देने को कहा जा सकता है। इसे प्रश्र उत्तर सत्र भी कहते है। संसदीय व्यवस्था में शून्यकाल (1962) भारत की देन है। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव - अविलम्बनीय लोकमहत्व के किसी मामले की और किसी मंत्री का ध्यान आकर्षित करने हेतु। इसके स्त्रोत दैनिक समाचार पत्र होते है। यह नियम 1954 में बनाया गया। यह प्रस्ताव 10 बजे लिखित रूप में लिया जाता है। यह प्रस्ताव भारत की देन है। स्थगन प्रस्ताव/काम रोको प्रस्ताव - किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर वर्तमान कार्यवाही को रोककर सदन में चर्चा के लिए लाया जाता है। ऐसा मुद्दा/मामला स्पष्ट व तर्क पूर्ण होना चाहिए। इसके लिए सदन के 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है। इसके लिए स्पीक र की अनुमती आवश्यक है। प्रश्रकाल की समाप्ति पर यह पेश किया जाता है। विश्वास प्रस्ताव :- इसे राष्टपति के कहने पर पी.एम द्वारा लाया जाता है। इसके पारित होने पर 6 माह के लिए सरकार सुरक्षित हो जाती है। यह प्रस्ताव भारत की देन है। यदि यह बहुमत से स्वीकृत नही होता है तो सरकार को त्यागपत्र देना पड़ता है। अब तक 11 बार लगाया जा चुका है। अविश्वास प्रस्ताव :- यह विपक्षी दल या दलो द्वारा केवल लोकसभा में लाया जाता है। 50 सदस्यों का समर्र्थन आवश्यक बहुमत से पारित होन पर सरकार गिर जाती है। अब तक 27 बार पेश किया गया। 1978  में अविश्वास प्रस्ताव द्वारा मोराजी देसाई की सरकार को गिरा दिया गया।  27 वां 21 जुलाई 2008 मनमोहन सिह के विरूद्ध (19 वोटो से गिरा) प्रथम बार जे.एल. नेहरू के विरूद्ध 1963 में जे.बी. कृपलानी द्वारा लाया गया। निन्दा प्रस्ताव:- विपक्ष द्वारा लाया जाता है। 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक किसी एक मंत्री के विरूद्ध लाया जाता है। इसके लिए लिखित कारण/विशेष आरोप बताने होते है। पारित होने पर सरकार नही गिरती है। अनुच्छेद 108 - के द्वारा राष्ट्रपति संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाता है। संसद के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता :- लोकसभा अध्यक्ष करता है। संसद के सदस्यों की योग्यता व अयोग्यता का निर्णय निर्वाचन आयोग के परामर्श से राष्ट्रपति करता है। दल-बदल कानून के आधार पर संसद के सदस्यों की योग्यता व आयोग्यता का निर्णय सदन के अध्यक्ष करते है। नोट :- अगर कोई संसद सदस्य लगातार बिना सूचित किये 60 दिनो तक संसद के सभी अधिवेशनों में अनुपस्थित रहता है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है। अनुच्छेद 120 (1) के , द्वारा लोकसभा व राज्यसभा का अध्यक्ष किसी सदस्य को जो हिन्दी और अंगे्रजी में अपनी पर्याप्त अभिव्यक्ति नही कर सकता है उसकी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुमति दे सकता है। अनुच्छेद 88 के द्वारा के न्द्रीय मंत्रीपरिषद का कोई भी सदस्य तथा महान्यायवादी को यह अधिकार होगा की वह संसद के किसी भी सदन की कार्यवाही में भाग ले सक ते है परन्तु महान्यायवादी को किसी विधेयक पर मतदान करने का अधिकार नही है तथा मंत्री केवल उसी सदन में मतदान करता है जिसका वह सदस्य होता है। संसद की प्रथम बैठक 13 मई, 1952 को हुई थी। गणपूर्ति (कोरम) - सदन के अध्यक्ष सहित सदन की कुल सदस्य संख्या का 1/10 भाग  संसदीय समितियाँ :- 1. प्राकलन समिति :- 1950 में तत्कालीन वित्त मंत्री जॉन मथाई की सिफारीश पर इसका गठन किया गया। कु ल सदस्य = 30 इसमें सभी सदस्य लोकसभा के सदस्य होते है। इसके अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा अध्यक्ष इन सदस्यों में से करते है जो सत्ता रूढ़ दल का होता है। वर्तमान अध्यक्ष :- मुरली मनोहर जोशी कार्यकाल 1 वर्ष कार्य :- सरकारी व्यय में मितव्ययता लाने के लिए सूझाव देना तथा वार्षिक बजट अनुमोदन की जाँच करना। संसद की स्थाई समिति। 2. लोकलेखा समिति :- कुल सदस्य - 22 15 लोकसभा से और 7 राज्य सभा से वर्तमान अध्यक्ष :- मल्लिकार्जुन खडग़े अध्यक्ष की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा कि जाती है, जो विपक्षी दल का सदस्य होता है। कोई भी मंत्री इसका सदस्य नही बन सकता। कार्य :- नियंत्रक महालेखा परिक्षक द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट की सूक्ष्म जाँच करना। नोट :- इस समिति को प्राकलन समिति की जुडवा बहन कहते है। यह संसद की स्थायी समिति है। राज्यसभा (अनुच्छेद - 80)  मूल संविधान में नाम Council of State 23 अगस्त 1954 को इसका नाम बदलकर राज्यसभा कर दिया गया। गठन - 3 अप्रैल 1952  प्रथम बैठक - 13 मई 1952 विशेषताएँ :- संसद का द्वितीय/उच्च/स्थायी सदन है। संसद का ऐसा सदन जो कभी भंग नही होता है। योग्यता -   न्यूनतम आयु :- 30 वर्ष  भारत का नागरिक हो पागल दिवालिया व लाभ के पद पर न हो। संसद द्वारा निर्धारित योग्यताऐ निर्वाचन प्रणाली :- आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणी खुली मतदान प्रणाली। निर्वाचक मंडल :- देश की सभी विधानसभा के केवल निर्वाचित सदस्य अर्थाता निर्वाचित एम.एल.ए. राज्यसभा का कार्यकाल :- स्थायी सदन होता है। राज्यसभा कभी भंग नहीं होती है। संविधान में राज्यसभा सदस्यों की पदावधि निर्धारित नही कि और इसे संसद पर छोड़ दिया गया। जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 के आधार पर संसद ने कहा कि राज्यसभा के सदस्यों की पदावधि 6 वर्ष से अधिक नही होगी। सदस्यों का कार्यकाल :- 6 वर्ष तथा प्रत्येक दो वर्ष बाद कुल सदस्यों का 1/3 सदस्य सेवानिवृत हो जाते है तथा इतने ही सदस्य नये आ जाते है। निम्र अनुच्छेद में राज्यसभा क ो विशेष अधिकार दिये गये है। अनुच्छेद 249 -राज्यसभा राज्यसूची के किसी विषय को संघ सूचि का विषय घोषित कर सकती है। अनुच्छेद 312 :- नयी अखिल भारतीय सेवाओं का गठन /सर्जन और समाप्त कर सकती है। संविधान की अनूसूची 4 में राज्यसभा की सीटों के आंवटन का वर्णन है। राज्यसभा में राज्यो को समान प्रतिनिधित्व प्राप्त नही है बल्कि जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व दिया गया है। 50 लाख की जनसंख्या तक प्रत्येक 10 लाख पर 1 सीट तथा 50 लाख से अधिक जनसंख्या पर 20 लाख की जनसंख्या पर 1 सीट  राज्यसभा की अधिकतम सीटें - 250  अधिकतम निर्वाचित सदस्य 238 अनुच्छेद 80 के द्वारा राष्ट्रपति अधिकतम मनोनीत करता है 12 जो किसी कला साहित्य विज्ञान व समाज सेवा से जुडे होते है। वर्तमान में सीटे - 245 वर्तमान में राज्यों से कुल निर्वाचित :- 229 वर्तमान में केन्द्र शासित प्रदेशों में निर्वाचित :- 4 नोट :-वर्तमान में केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली से - 3 तथा  पाण्डिचेरी से -1 सर्वाधिक राज्यसभा की सीटे :- यू.पी. - 31, महाराष्ट्र - 19, तमिलनाडु - 18 सबसे कम राज्यसभा की सीटें :- अरूणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम, गोवा  नोट :- इन सभी राज्यों में राज्यसभा की सीट एक-एक राजस्थान में राज्यसभा की सीटें :- 10 अनुच्छेद 89 (1) राज्यसभा का सभापति - उपराष्ट्रपति.   उपसभापति - सदस्यो द्वारा निर्वाचित सभापति को निर्णायक मत देने का अधिकार होता है। उपसभापति अपना त्याग - पत्र सभापति को व सभापति अपना त्याग-पत्र राष्ट्रपति को देता है लोकसभा (अनुच्छेद - 81) प्रथम लोकसभा का गठन-17 अप्रैल, 1952 प्रथम बैठक- 13 मई 1952 प्रथम आम चुनाव - 1951-52 विशेषताएँ :-  संसद का प्रथम/ निम्र/ अस्थाई सदन है। सबसे लोकप्रिय सदन है। जनप्रतिनिधि सदन है। योग्यता :- न्यूनतम आयु :- 25 वर्ष निर्वाचन प्रणाली:-  लोक सभा के सदस्यों का निर्वाचन जनता द्वारा प्रत्य���्ष रूप से व्यस्यक मताधिकार द्वारा किया जाता है। नोट:- राजीव गांधी सरकार के समय 61 वें संविधान संशोधन, 1989 के द्वारा मत डालने की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया। अनुच्छेद 83, कार्यकाल :- सामान्यत: 5 वर्ष/ अनिश्चित काल/ लोकसभा के विश्वास तक।  नोट:- 42 वें स. सशो.  1976 द्वारा लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष से बढ़ाकर छ: वर्ष कर दिया गया। 44 वें स. सविधान 1978 द्वारा लोकसभा का कार्यकाल 6 वर्ष से घटाकर पुन: 5 वर्ष कर दिया गया। अनुच्छेद 85 (2) समय से पूर्व प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति लोकसभा को भंग कर सकता है ऐसा अब तक 9 बार हुआ है। आपातकाल में संसद कानून बना कर एक बार में एक वर्ष तक लोकसभा का कार्यकाल बढ़ा सकती है। नोट - 1976 में दो बार एक-एक वर्ष के लिए लोकसभा का कार्यलकाल बढ़ाया गया था। समान्य स्थिति में लोकसभा का कार्यकाल एक बार के लिए 6 माह तक बढ़ाया जा सकता है। नोट :- संसद के लिए क ोरम/गणपूर्ती कु ल सदस्यों का 1/10 होती चाहिए। मूल संविधान में लोकसभा की अधिकतम सीटे :- 500 31 वें संविधान संशोधन, 1973 के द्वारा लोकसभा की सीटों को 500 से बढ़ाकर 550 + 2 = 552 कर दिया गया। वर्तमान में लोकसभा की सीटों का निर्धारण 1971 की जनगणना के आधार पर किया गया है। 84 वें संविधान संशोधन 2001 के द्वारा लोकसभा की अधिकतम सीटें 2026 तक 552 सीटे निर्धारित की गयी। लोकसभा में अधिकतम सीटे :- 552 सीट अधिकतम निर्वाचित सदस्य - 550 अधिकतम मनोनीत सदस्य -2 (एग्लो इण्डियन) अधिकतम राज्यों से निर्वाचित सदस्य - 530 अधिकतम केन्द्र शासित प्रदेशो से निर्वाचित सदस्य-20 लोकसभा में वर्तमान में सीटे - 545 वर्तमान में कुल निर्वाचित सदस्य - 543 वर्तमान में कुल मनोनित - 2 (रिचर्ड हे - केरल व जॉर्ज बेकर-पं. बंगाल) वर्तमान में राज्यों से कुल निर्वाचित - 530 वर्तमान में के न्द्रशासित प्रदेशों से कुल निर्वाचित - 13 केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली से वर्तमान में कुल निर्वाचित सात तथा अन्य केन्द्र शासित प्रदेशो में कुल निर्वाचित एक-एक सीटें है। लोक सभा की सर्वाधिक सीटे :- यू.पी. -  80, महाराष्ट्र - 48, पश्चिम बंगाल - 42 नोट - सबसे कम सीटे - नागालेण्ड, सिक्कीम, मिर्जोरम व दिल्ली के अलावा प्रत्येक केन्द्र शासित प्रदेश में लोकसभा की सीटे एक है। राजस्थान में लोकसभा सीटे :- 25 विशेष तथ्य - एक व्यक्ति अधिकतम दो स्थानों से लोकसभा का चुनाव लड़ सकता है। जमानत राशि -  एस.सी. व एस.टी. - 12500 सामान्य - 25000 चुनावी खर्च राशि -  अरूनाचल प्रदेस व गोवा - 54 लाख। अन्य राज्यों में 70 लाख। दिल्ली में 70 लाख। अन्य केन्द्र शासित प्रदेशों में 54 लाख। आरक्षण - अनुच्छेद 330  एस.सी. -  79 -   84 (वर्तमान) एस.टी. -  41    -  47 (वर्तमान) नोट : 95 संविधान संशोधन 2009 के द्वारा आरक्षण को बढ़ाकर 2020 तक कर दिया गया है। राजस्थान में - एस.सी. - 4 एस.टी. - 3 सामान्य - 18 एस.सी. लोकसभा सीटें - भरतपुर, बीकानेर, गंगानगर व करौली-धौलपुर एस.टी. लोकसभा सीटें - बांसवाड़ा, दौसा व उदयपुर
http://advancestudytricks.blogspot.com/2020/01/government-indian-government.html
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trendingwatch · 2 years
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विधानसभा में मुद्दे उठाने के लिए महिला विधायकों का दिन तय
विधानसभा में मुद्दे उठाने के लिए महिला विधायकों का दिन तय
एक्सप्रेस समाचार सेवा लखनऊ: एक अनूठी और अनूठी पहल में, यूपी विधानसभा ने आगामी 19 सितंबर को शुरू होने वाले मानसून सत्र के दौरान अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों को उठाने के लिए विशेष रूप से उनके लिए एक दिन रखते हुए महिला सांसदों को एक प्रमुख आवाज देने का फैसला किया है। इस आशय का निर्णय विधानसभा अध्यक्ष सतीश महान ने लिया, जिन्होंने महिला विधायकों के विचारों को स्वीकार करते हुए, उनके…
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joinnoukri · 2 years
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Daily brief: RS functions without disruption for 1st time during current session | Latest News India
Daily brief: RS functions without disruption for 1st time during current session | Latest News India
यहां आज की प्रमुख खबरें, विश्लेषण और राय दी गई हैं। हिंदुस्तान टाइम्स से सभी नवीनतम समाचारों और अन्य समाचार अपडेट के बारे में जानें। राज्यसभा वर्तमान सत्र के दौरान पहली बार बिना किसी व्यवधान के कार्य कर रही है राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसदों द्वारा बहिर्गमन को छोड़कर, राज्यसभा ने बुधवार को 18 जुलाई को मानसून सत��र शुरू होने के बाद पहली बार बिना स्थगन और व्यवधान के…
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