#माइकल पात्रा
Explore tagged Tumblr posts
indlivebulletin · 24 days ago
Text
सरकार ने निकाली RBI के डिप्टी गवर्नर की वैकेंसी, हर महीने मिलेगी 2.25 लाख सैलरी
वित्त मंत्रालय ने आरबीआई के डिप्टी गवर्नर पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. यह नियुक्ति डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा के स्थान पर होगी जिनका विस्तारित कार्यकाल 14 जनवरी 2025 को समाप्त हो रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर का यह पद अर्थशास्त्रियों के लिए है. चयनित उम्मीदवार मौद्रिक नीति विभाग की देखरेख करेगा और दर निर्धारण समिति मौद्रिक नीति समिति का सदस्य भी होगा. आइए आपको…
0 notes
trendingwatch · 2 years ago
Text
प्रफुल्लित करने वाले चुटकुले और कार्ड ट्रिक्स: आरबीआई के डिप्टी गवर्नर नीति निर्माण के हल्के पक्ष पर
प्रफुल्लित करने वाले चुटकुले और कार्ड ट्रिक्स: आरबीआई के डिप्टी गवर्नर नीति निर्माण के हल्के पक्ष पर
श्री पात्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति निर्माण में हास्य अर्थव्यवस्था के बारे में गंभीर चिंताओं को दर्शाता है। (फ़ाइल) नई दिल्ली: मौद्रिक नीति वक्तव्य पढ़ना कई लोगों के लिए एक नीरस मामला है। नीति बनाना और भी नीरस हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा ने मुंबई में एक बैंकिंग एन्क्लेव में कहा, लेकिन मौद्रिक नीति निर्णय लेने से स्वाभाविक रूप से जीवन के विनोदी पक्ष का पता…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
mwsnewshindi · 2 years ago
Text
विलंबित आंकड़ों और बार-बार समीक्षा को देखते हुए मौद्रिक नीति कठिन कार्य: आरबीआई के डिप्टी गवर्नर
विलंबित आंकड़ों और बार-बार समीक्षा को देखते हुए मौद्रिक नीति कठिन कार्य: आरबीआई के डिप्टी गवर्नर
रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने गुरुवार को कहा कि लैग्ड डेटा इनपुट, जिनकी अक्सर समीक्षा की जाती है, मौद्रिक नीति तैयार करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। पात्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति को भविष्योन्मुखी होना चाहिए। वार्षिक एसबीआई कॉन्क्लेव में बोलते हुए, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने कहा, “एक महीने पहले और तीन महीने पहले के आंकड़ों के आधार पर, मुझे यह आकलन करना होगा कि मुद्रास्फीति क्या है और…
View On WordPress
0 notes
lazypenguinearthquake · 3 years ago
Text
आरबीआई के विचारों से क्रिप्टो बिल में देरी हो सकती है: डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा
आरबीआई के विचारों से क्रिप्टो बिल में देरी हो सकती है: डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने बुधवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के बारे में केंद्रीय बैंक के विचारों ने क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर सरकार के प्रस्तावित कानून में देरी की हो सकती है। इस बात पर जोर देते हुए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वित्त मंत्री की घोषणा के अनुसार FY23 में पेश किया जाएगा निर्मला सीतारमण बजट भाषण में पात्रा ने कहा कि भारत इस विषय पर बहुत धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा…
View On WordPress
0 notes
technofyworld · 3 years ago
Text
आरबीआई के विचारों से क्रिप्टो बिल में देरी हो सकती है: डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा
आरबीआई के विचारों से क्रिप्टो बिल में देरी हो सकती है: डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने बुधवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के बारे में केंद्रीय बैंक के विचारों ने क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर सरकार के प्रस्तावित कानून में देरी की हो सकती है। इस बात पर जोर देते हुए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वित्त मंत्री की घोषणा के अनुसार FY23 में पेश किया जाएगा निर्मला सीतारमण बजट भाषण में पात्रा ने कहा कि भारत इस विषय पर बहुत धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
everynewsnow · 4 years ago
Text
पैदावार पर लगाम लगाने के लिए और अधिक करने की आवश्यकता: एमपीसी
पैदावार पर लगाम लगाने के लिए और अधिक करने की आवश्यकता: एमपीसी
मुंबई: कोविद वायरस के पुनरुत्थान पर हावी हो गया मौद्रिक नीति समिति चिंता करने वाले सदस्यों के साथ विचार-विमर्श आर्थिक, पुनः प्राप्ति स्टाल उनके लिए यह सुझाव दे सकता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक को आगे बढ़ने के लिए दीर्घकालिक ब्याज दरों को कम करने के लिए अपने शस्त्रागार में डुबकी लगाना चाहिए। दिशा निर्देश पैदावार पर ढक्कन रखने में विफल ��हा है। केंद्रीय बैंक के मार्गदर्शन की प्रभावकारिता के बारे में…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
vilaspatelvlogs · 4 years ago
Photo
Tumblr media
मौद्रिक नीति समिति के सदस्य ने इकॉनोमी पर जताई चिंता, जीडीपी में गिरावट की भरपाई करने में कई साल लग सकते हैं Hindi News Business RBI MPC Member Says It May Take Several Years To Make Up For The Decline In GDP…
0 notes
arthgyani-blog · 5 years ago
Link
#रिजर्वबैंक के नए डिप्टी गवर्नर नियुक्त हुए माइकल पात्रा |
0 notes
hariharan5901 · 2 years ago
Text
रुपये की गिरावट और महंगाई पर आरबीआई ने क्या कहा। यहां पढ़ें 10 पॉइंट्स में
रुपये की गिरावट और महंगाई पर आरबीआई ने क्या कहा। यहां पढ़ें 10 पॉइंट्स में
रुपये में गिरावट और बढ़ती मुद्रास्फीति पर आरबीआई ने कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणियां की हैं भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने आज रुपये में गिरावट और बढ़ती मुद्रास्फीति पर कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणी की। यहाँ कहानी के लिए आपकी 10-सूत्रीय मार्गदर्शिका है: “हम मुद्रास्फीति और मुद्रास्फीति की उम्मीदों को कम करने के लिए अच्छी तरह से ट्रैक पर हैं। दिसंबर तक, खुदरा…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
newskey21 · 2 years ago
Text
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भू-राजनीतिक तनाव में वृद्धि ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को एक क्रूर झटका दिया, जिसमें आपूर्ति श्रृंखला और रसद व्यवधान, बढ़ी हुई मुद्रास्फीति और वित्तीय बाजार में अशांति के दौर शामिल हैं। भारत डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने शुक्रवार को यह बात कही। “उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाएं (ईएमडीई) इन भू-राजनीतिक स्पिलओवर का खामियाजा भुगत रही हैं, जैसा कि मैं बोल रहा हूं,…
View On WordPress
0 notes
abhay121996-blog · 4 years ago
Text
आरबीआई बोर्ड ने सरकार को अधिशेष के रूप में 99,122 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने की मंजूरी दी Divya Sandesh
#Divyasandesh
आरबीआई बोर्ड ने सरकार को अधिशेष के रूप में 99,122 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने की मंजूरी दी
मुंबई, 21 मई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बोर्ड ने 31 मार्च 2021 को समाप्त नौ महीने की लेखा अवधि के लिए सरकार को अधिशेष के रूप में 99,122 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी। केंद्र सरकार को अधिशेष हस्तांतरित करने का निर्णय आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई बैठक में लिया गया। एक विज्ञप्ति के अनुसार आरबीआई बोर्ड ने अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप को कम करने के लिए वर्तमान आर्थिक स्थिति, वैश्विक और घरेलू चुनौतियों और हाल के नीतिगत उपायों की भी समीक्षा की। रिजर्व बैंक के लेखा वर्ष को अप्रैल-मार्च (पहले जुलाई-जून) में बदलने के साथ, बोर्ड ने नौ महीने (जुलाई 2020-मार्च 2021) की अवधि के दौरान आरबीआई के कामकाज पर चर्चा की।बैठक के दौरान गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में बोर्ड ने संक्रमण अवधि के लिए रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट और खातों को मंजूरी दी।बयान के मुताबिक, ‘‘बोर्ड ने 31 मार्च 2021 को समाप्त नौ महीने (जुलाई 2020-मार्च 2021) की लेखा अवधि के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 99,122 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी, जबकि आकस्मिक जोखिम बफर को 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया।’’ बैठक में डिप्टी गवर्नर महेश कुमार जैन, माइकल देवव्रत पात्रा, एम राजेश्वर राव और टी रवि शंकर शामिल हुए। केंद्रीय बोर्ड के अन्य निदेशक एन चंद्रशेखरन, सतीश के मराठे, एस गुरुमूर्ति, रेवती अय्यर और सचिन चतुर्वेदी भी बैठक में शामिल हुए। वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देवाशीष पांडा और आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने भी बैठक में भाग लिया।
0 notes
mwsnewshindi · 2 years ago
Text
RBI बुलेटिन: बढ़ती महंगाई के खिलाफ लड़ाई होगी लंबी, लंबी
RBI बुलेटिन: बढ़ती महंगाई के खिलाफ लड़ाई होगी लंबी, लंबी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को अपने लेख में कहा कि मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई लंबी और लंबी होगी, जिसे देखते हुए मौद्रिक नीति संचालित होती है। यह लेख आरबीआई के अक्टूबर बुलेटिन में प्रकाशित हुआ है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा की अगुवाई वाली टीम द्वारा लिखे गए अर्थव्यवस्था की स्थिति पर लेख के अनुसार, “फिर भी, अगर हम सफल होते हैं, तो हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती…
View On WordPress
0 notes
hariharan5901 · 2 years ago
Text
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर पात्रा को उम्मीद है कि मुद्रास्फीति तीन तिमाहियों में 6% से अधिक हो जाएगी
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर पात्रा को उम्मीद है कि मुद्रास्फीति तीन तिमाहियों में 6% से अधिक हो जाएगी
NEW DELHI: भारत की खुदरा मुद्रास्फीति तीन सीधी तिमाहियों के लिए अनिवार्य मुद्रास्फीति लक्ष्य 2-6% को तोड़ने की संभावना है, लेकिन यह चरम पर पहुंचने के संकेत दिखा रहा है, भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पेट्रा शुक्रवार को कहा। “द भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में कहा गया है कि यदि मुद्रास्फीति लक्ष्य लगातार तीन तिमाहियों तक पूरा नहीं होता है, जो संभावित परिदृश्य है, तो आरबीआई केंद्र सरकार को…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
abhay121996-blog · 4 years ago
Text
रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा, रुख को उदार बनाये रखा Divya Sandesh
#Divyasandesh
रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा, रुख को उदार बनाये रखा
मुंबई, पांच फरवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया और रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि लोगों के आवास, वाहन समेत अन���य कर्ज की किस्तों में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने नीतिगत उदार रुख को बनाये रखा है। जिसका मतलब है कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर कोविड-19 संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिये मुद्रास्फीति को काबू में रखते हुए नीतिगत दर में कटौती की जा सकती है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी के निर्णय की जानकारी देते हुए अपने ‘ऑनलाइन’ संबोधन में कहा, ‘‘नीतिगत दर रेपो को एमपीसी के सदस्यों ने आम सहमति से 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया।’’ इस निर्णय के बाद रेपो दर 4 प्रतिशत, जबकि रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी। रेपो वह दर है, जिसपर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को एक दिन का उधार देता है। रिवर्स रेपो दर वह दर है, जिस पर बैंक अपना जमा राशि केंद्रीय बैंक के पास रखते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही एमपीसी के सभी सदस्यों ने उदार रुख को जबतक जरूरी है और कम-से-कम चालू वित्त वर्ष तथा अगले वित्त वर्ष में इसे बनाये रखने का निर्णय किया।’’ दास ने कहा, ‘‘यह निर्णय आर्थिक वृद्धि को समर्थन देते हुए मध्यम अवधि में 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने के लक्ष्य के अनुरूप है।’’ आर्थिक वृद्धि के बारे में आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बयान में कहा गया है, ‘‘अन्य उपायों के साथ वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, नवप्रवर्तन और अनुसंधान समेत विभिन्न क्षेत्रों पर दिये गये जोर को देखते हुए 2021-22 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।’’ इसमें अगले वित्त वर्ष पहली छमाही में वृद्धि दर 26.2 प्रतिशत से 8.3 प्रतिशत के बीच रहने और तीसरी तिमाही में 6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने गैर बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों (एनबीएफसी इकाइयों) को संकटग्रस्त क्षेत्र तक कर्ज पहुंचाने के लिए दीर्घकालिक लक्षित रेपो सुविधा (टीएलटीआरओ) के तहत बैंकों से धन सुलभ कराने का प्रस्ताव भी किया है। बयान के अनुसार, ‘‘कृषि क्षेत्र में बेहतर संभावना को देखते हुए गांवों में मा���ग मजबूत बने रहने की उम्मीद है। कोविड-19 मामलों में कमी और टीकाकरण अभियान के साथ शहरों में भी मांग अच्छी रहने की संभावना है जिससे वृद्धि को गति मिलेगी।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘उपभोक्ताओं में भरोसा बढ़ रहा है और विनिर्माण, सेवा तथा बुनियादी ढांचा क्षेत्र में व्यापार को लेकर अपेक्षाएं उत्साहजनक हैं।’’ ‘‘इसके अलावा आत्मनिर्��र भारत दो और तीन के तहत सरकर की घोषित योजनाओं से सार्वजनिक निवेश में तेजी आएगी। हालांकि निजी निवेश कम क्षमता उपयोग से धीमा बना हुआ है।’’ मुद्रास्फीति के बारे में मौद्रिक नीति बयान में कहा गया है, ‘‘दिसंबर महीने में सब्जियों के दाम में नरमी से सकल मुद्रास्फीति लक्ष्य के करीब आयी है और आने वाले समय में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर निकट भविष्य के परिदृश्य को निर्धारित करेगी।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘आपूर्ति व्यवस्था बेतहर होने से मुख्य मुद्रास्फीति (कोर इनफ्लेशन) पर सकारात्मक असर पड़ने की उम्मीद है। हालांकि सेवा क्षेत्र और विनिर्माण में औद्योगिक कच्चे माल के दाम में वृद्धि से लागत दबाव पड़ सकता है।’’ इन सबके आधार पर आरबीआई ने 2020-21 की चौथी तिमाही के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर को संशोधित कर 5.2 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही 2021-22 की पहली छमाही के लिये इसे 5.2 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत तथा तीसरी तिमाही के लिये 4.3 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई के बयान में नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को दो चरणों में पूर्व स्तर पर लाने की भी बात कही गयी है। बैंकों को कोविड-19 संकट से उत्पन्न समस्या से राहत देने के लिये सीआरआर को एक प्रतिशत कम कर 3 प्रतिशत कर दिया गया था। 28 मार्च, 2020 को लागू यह व्यवस्था एक साल 26 मार्च, 2021 तक के लिये थी। इसमें कहा गया है, ‘‘मौद्रिक और नकदी की स्थिति की समीक्षा के बाद सीआरआर को दो चरणों में पूर्व स्तर पर लाने का निर्णय किया गया है। इसके तहत बैंकों को 27 मार्च, 2021 से शुरू पखवाड़े से एनडीटीएल (शुद्ध मांग और समय देनदारी) का 3.5 प्रतिशत और 22 मई, 2021 से शुरू पखवाड़े से 4 प्रतिशत के स्तर पर लाना है।’’ आरबीआई के बयान के अनुसार, देश में बढ़ते डिजिटल भुगतान को देखते हुए सुरक्षा के कई उपाय किये गये हैं। केंद्रीय बैंक के भुगतान प्रणाली दृष्टिकोण दस्तावेज के तहत 24 घंटे काम करने वाला हेल्पलाइन स्थापित करने पर जोर दिया गया है, जो ग्राहकों की विभिन्न डिजिटल भुगतान से जुड़े सवालों का समाधान करेगा। इसमें कहा गया है, ‘‘भुगतान प्रणाली से जुड़े बड़े परिचालकों को केंद्रीयकृत 24 घंटे सातों दिन काम करने वाली हेल्पलाइन व्यवस्था सितंबर 2021 तक करने की जरूरत है। इसका मकसद विभिन्न डिजिटल भुगतान के संदर्भ में ग्राहकों के सवालों के जवाब देना और शिकायतों की स्थिति के बारे में जानकारी देनी है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘आने वाले समय में इस हेल्पलाइन के जरिये ग्राहकों की शिकायतों के पंजीकरण और उसके समाधान पर विचार किया जाएगा।’’ छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की यह 27वीं बैठक थी। इसके सदस्य आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिडे (बाह्य सदस्य), डा. मृदुल के सागर, डा. माइकल देबव्रत पात्रा और शक्तिकांत दास हैं। समिति की यह तीन दिवसीय बैठक तीन फरवरी को शुरू हुई थी। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 5-7 अप्रैल, 2021 को होगी।
0 notes