#मस्सा हटाने के घरेलू उपाय
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Wart Removal: लहसुन, केला और गर्म पानी जैसे 4 तरीके हटा देंगे मस्सा, घर बैठे ठीक हो जाएगी ये समस्या
Wart Removal: लहसुन, केला और गर्म पानी जैसे 4 तरीके हटा देंगे मस्सा, घर बैठे ठीक हो जाएगी ये समस्या
Wart Removal: मस्सा होना एक स्किन प्रॉब्लम है, जो कि एचपीवी वायरस के कारण होती है. कई बार शरीर पर एक ही जगह कई सारे मस्से (warts) हो जाते हैं, जो दिखने में भद्दे लगते हैं. इन मस्सों को हटाने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं, मगर मस्सों से छुटकारा नहीं मिल पाता. जिसके बाद सिर्फ सर्जरी का रास्ता दिखाई देता है. लेकिन इस आर्टिकल में बताए जा रहे 4 तरीके मस्सों को जड़ से हटा देते हैं और आप बिना…
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इस घरेलु नुस्खों से आसानी से हटाएं स्किन से मस्से
मस्से अगर चेहरे पर होतो भद्दे लगते है।वैसे तो मास्सा शरीर में कही भी दिखाई दे सकते है। लोग चेहरे पर हुए मस्सों को लेकर काफी घबरा जाते है। इसे हटाने के लिए कई तरह के जतन भी करते है। मस्सा होने का मुख्य कारण ह्युमन पैपिल्लोमा वाइरस है। इसे हटाने के लिए कई तरह के जतन भी करते है। मस्सा होने का मुख्य कारण ह्युमन पैपिल्लोमा वाइरस है lस्किन टैग या मस्से आमतौर पर बूढ़े लोगों की स्किन पर होते हैं। लेकिन कई बार यह युवाओं और वयस्कों में भी देखे जाते हैं। यह पिगमेंट कोशिकाओं का समूह होता है, जो देखने में काले या भूरे रंग का होता है। कम ही मामलों में यह हानिकारक होता है। चेहरे पर ये भद्दा दिखता है इसलिए कुछ लोग तो सर्जरी करवाकर इस बीमारी से निजात पा लेते हैं लेकिन अधिकतर लोग ऐसा कोई ट्रीटमेंट कराने से डरते हैं। मस्सों को कॉस्मेटिक प्रक्रिया से हटाया जा सकता है। लेकिन यह आपके जेब पर भारी पड़ सकता है। घर के किचन में मौजूद सामग्रियों से मस्सों से बेहद आसानी से छुटकारा पाया सकता है। दरअसल, स्किन टैग हटाने के घरेलू तरीके काफी प्रभावी और किफायती होते हैं-
केला ना सिर्फ सेहत के लिए अच्छा है बल्कि आपके मस्से के लिए भी एक बेहतर समाधान है। केले के छिलकों में ऑक्सीकरण रोधी तत्व पाए जाते हैं जो आपको मस्सों से छुटकारा दिला सकता है। इसके लिए एक केले का छिलका लें और जिस प्रकार कोई बैं���-एड या पट्टी घाव वाली जगह पर लगाते हैं छीक उसी प्र��ार मस्सों के ऊपर छिलका लगाते उसे उसे ढक दें। रात भर ऐसे ही लगा रहने दें। हालांकि अलग-अलग शरीरों पर इसके अलग-अलग प्रभाव दिखते हैं, लेकिन हो सकता है कि इससे आप सिर्फ एक दिन में ही मस्सों की समस्या से निजात पा लें। अगर रात में इसे ना कर कर सकें तो दिन में दो बार आधे-आधे खंटे के लिए उसी प्रकार इसे पट्टी की तरह मस्सों पर लगाएं। यह प्रक्रिया तब तक करते रहें, जब कि मस्से हट ना जाएं।
इसमें अम्ल मौजूद होता है जो स्किन टैग को धीरे-धीरे काट देता है। कॉटन में कुछ बूंद सेब का सिरका मिलाकर स्किन टैग पर लगाएं। कुछ घंटों बाद पानी से धो लें। दिन में दो बार यह घरेलू उपाय आजमाएं, मस्से गायब हो जाएंगे। इस तरह घरेलू तरीकों से त्वचा के मस्सों को बेहद आसानी से हटाया जा सकता है। खास बात यह है कि ये नुस्खे काफी प्रभावी होते हैं और आपके जेब पर भी भारी नहीं पड़ते हैं।
इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं। लहसुन की कलियों का पेस्ट बनाकर स्किन टैग पर दि��� में दो बार लगाएं और एक घंटे बाद ठंडे पानी से धो लें। इससे आपकी त्वचा के मस्से समाप्त हो जाएंगे।
अदरक में बायोएक्टिव कंपाउंड और एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो स्किन टैग को हटाने में प्रभावी होते हैं। दिन में 5 से 6 बार स्किन टैग पर कच्चे अदरक का टुकड़ा रगड़ें या अदरक का रस लगाएं। कुछ हफ्तों में मस्से खत्म हो जाएंगे।
अरंडी के तेल और बेकिंग सोडा का मिश्रण त्वचा के पीएच को बदल देता है। जिसके कारण स्किन टैग अपने आप खत्म हो जाता है। आधे चम्मच बेकिंग सोडा में अरंडी के तेल की कुछ बूंदें मिलाकर एक चिपचिपा पेस्ट बनाएं। इसे स्किन टैग पर लगाएं और 1 से 2 घंटे के लिए छोड़ दें। ऐसा रोजाना करने से दो से चार हफ्तों में त्वचा के मस्से गायब हो जाते हैं।
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ग्वार फली के फायदे और नुकसान – Guar Gum (Cluster Beans) Benefits and Side Effects in Hindi
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ग्वार फली के फायदे और नुकसान – Guar Gum (Cluster Beans) Benefits and Side Effects in Hindi
ग्वार फली के फायदे और नुकसान – Guar Gum (Cluster Beans) Benefits and Side Effects in Hindi Saral Jain Hyderabd040-395603080 December 26, 2019
सब्जियां स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी गुणकारी होती हैं। ऐसी ही एक सब्जी है, ग्वार फली, जो हरे रंग की फली होती है। यह लेगुमिनोसे (Leguminosae) परिवार से संबंध रखती है। इसका वैज्ञानिक नाम सिआमोप्सिस टेट्रागोनोलोबा (Cyamopsis tetragonoloba) है। इसका उपयोग सब्जी बनाने के अलावा औषधीय गुणों के कारण स्वास्थ्य के लिए भी किया जाता है। इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं और ये पोषक तत्व मधुमेह, कोल��स्ट्राॅल व हृदय की बीमारी जैसी कई समस्याओं से बचाने या फिर उनके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं (1)। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम विस्तार से ग्वार फली और इसके लाभ के बारे में बता रहे हैं।
चलिए, सबसे पहले बात करते हैं ग्वार फली के फायदे के बारे में।
विषय सूची
ग्वार फली के फायदे – Benefits of Guar Gum (Cluster Beans) in Hindi
ग्वार फली के गुण के कारण यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इससे होने वाले कुछ प्रमुख फायदों के बारे में नीचे विस्तार से बताया जा रहा है।
1. अच्छे पाचन के लिए ग्वार फली खाने के फायदे
ग्वार फली का सेवन पाचन संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, ग्वार फली में पाया जाने वाला फाइबर कब्ज और दस्त की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, इर्रिटेबल बॉवल सिंड्रोम यानी बड़ी आंत से संबंधित परेशानी के लक्षणों को दूर करने में लाभदायक हो सकता है। इस प्रकार ग्वार फली अच्छे पाचन के लिए कारगर हो सकती है (2)। इसका सेवन सलाद और सब्जी के रूप में किया जा सकता है।
2. ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए ग्वार फली के फायदे
ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए भी ग्वार फली फायदेमंद हो सकती है। दरअसल, रक्त में शुगर की मात्रा अधिक होने से मधुमेह यानी डायबिटीज की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में ब्लड शुगर को नियंत्रित करना जरूरी हो जाता है। एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक शोध के अनुसार, ग्वार फली के सेवन से न सिर्फ रक्त में शुगर का स्तर कम होता है, बल्कि मधुमेह भी नियंत्रित हो सकता है। इस रिसर्च के दौरान मधुमेह रोगियों को 10 ग्राम ग्वार को पानी में घोलकर भोजन से पहले दिया गया। इसके परिणामस्वरूप 3 हफ्ते बाद मधुमेह रोगियों के रक्त में मौजूद शुगर के स्तर में कमी पाई गई। ग्वार फली के पाउडर को पानी में घोलकर या फिर सब्जी बनाकर आहार में शामिल किया जा सकता है (3)।
3. कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए ग्वार फली के फायदे
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए ग्वार फली एक अच्छा विकल्प हो सकता है। शोध में पाया गया है कि इसमें मौजूद फाइबर रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, ग्वार फली में हाइपोलिपिडेमिक गुण भी होते हैं, जो रक्त में लिपिड यानी वसा की मात्रा को कम करके कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोक सकते हैं। रिसर्च के अनुसार, प्रतिदिन 15 ग्राम ग्वार फली का सेवन करने से टोटल कोलेस्ट्रॉल के साथ ही हानिकारक कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ट्राइग्लिसराइड्स (एक तरह का वसा) के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है (4) (5)। इसका सेवन पानी में उबाल कर काढ़े के रूप में किया जा सकता है।
4. वजन को कम करने के लिए ग्वार फली खाने के फायदे
अधिक वजन और माेटापा कई समस्याओं का कारण हो सकता है, जिसमें उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह और हृदय संबंधी समस्याएं शामिल हैं। ग्वार फली का सेवन वजन को कम करके उससे होने वाली समस्याओं को दूर कर सकता है। इसमें मौजूद फाइबर वजन को नियंत्रित करने के साथ ही मोटापे को कम करने में कारगर को सकता है। शोध में पाया गया है कि ग्वार फली के सेवन के बाद बार-बार कुछ खाने की इच्छा नहीं होती। इसकी वजह से ओवर इटिंग से बचा जा सकता है, जो सीधे तौर पर मोटापे को कम करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा, ग्वार फली पचने में भी समय लेती है, जिस कारण लंब समय तक भूख लगने का एहसास नहीं होता। इसकी मदद से वजन नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है और मोटापा कम हो सकता है (6)। भूख कम करने के लिए इसका सेवन सलाद के रूप में कर सकते हैं।
5. स्वस्थ हृदय के लिए ग्वार फली के फायदे
ग्वार फली का सेवन करने से हृदय को भी स्वस्थ रखा जा सकता है। इसमें पाया जाने वाला फाइबर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है (1)। यह न सिर्फ हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है, बल्कि इससे होने वाली हृदय संबंधी बीमारियों और हृदय रोग के जोखिम कारक जैसे कि डायबिटीज, मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी कम करने में फायदेमंद हो सकता है (7)। इसका सेवन सब्जी के रूप में किया जा सकता है।
ग्वार फली के फायदे के बाद इसमें मौजूद पोषक तत्वाें के बारे में जानना भी जरूरी है, जिसके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं।
ग्वार फली के पोषक तत्व – Cluster Beans (Gawar Phali) Nutritional Value in Hindi
ग्वार फली में पाए जाने वाले पोषक तत्व व उनकी मात्रा इस प्रकार हैं (8):
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम पानी 15 g कैलोरी 332 kcal ऊर्जा 1390 KJ प्रोटीन 4.6 g कुल फैट 0.5 g कार्बोहाइड्रेट 77.3 g फाइबर 77.3 g मिनरल्स कैल्शियम 294 mg सोडियम 125 mg लिपिड्स फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड 0.06 g फैटी एसिड टोटल ��ोनोअनसैचुरेटेड 0.22 g फैटी एसिड टोटल पोलीअनसैचुरेटेड 0.07 g
ग्वार फली के पोषक तत्वों के बाद हम इसके उपयोग के बारे में बता रहे हैं।
ग्वार फली का उपयोग – How to Use Guar Gum (Gawar Phali) in Hindi
ग्वार फली का उपयोग खाद्य पदार्थों में किया जाता है। यहां पर हम इसके कुछ प्रमुख उपयोग के बारे में बता रहे हैं।
ग्वार फली का ज्यादातर उपयोग सब्जी बनाने के लिए किया जा सकता है।
ग्वार फली को बेसन के साथ मिलाकर बेसनी ग्वार फली बनाई जा सकती है।
ग्वार फली की कढ़ी भी बनाई जा सकती है।
इसे उबालकर सलाद में मिक्स करके खाया जा सकता है।
बच्चों की मनपसंद जैली को भी ग्वार फली का पाउडर इस्तेमाल करके बना सकते हैं।
ग्वार फली के पाउडर का उपयोग ग्लुटेन फ्री ब्रेड बनाने के लिए कर सकते हैं।
आईसक्रीम बनाने के लिए भी ग्वार फली के पाउडर का उपयोग किया जा सकता है।
ग्वार फली को पानी में उबालकर काढ़े के रूप में सेवन किया जा सकता है।
मात्रा: प्रति दिन 30 ग्राम ग्वार फली का सेवन किया जा सकता है (9)। वहीं, अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी है, तो ग्वार फली को आहार में शामिल करने और इसकी सही मात्रा के संबंध में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
ग्वार फली खाने के फायदे और उपयोग के बाद हम ग्वार फली के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
ग्वार फली के नुकसान – Side Effects of Guar Gum (Cluster Beans) in Hindi
ग्वार फली का अधिक मात्रा में सेवन कई प्रकार से नुकसानदायक हो सकता है। ग्वार फली खाने के नुकसान कुछ इस प्रकार हैं:
ग्वार फली के अधिक सेवन से गैस्ट्रिक की समस्या हो सकती है (10)।
जिन्हें दस्त की समस्या हो, उन्हें भी इसके सेवन से बचना चाहिए (10)।
ग्वार फली में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है (8)। फाइबर का अधिक सेवन गैस, सूजन, और पेट में मरोड़ होने का कारण बन सकता है (11)।
किसी भी तरह की एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है (12)।
जी-मिचलाना (12)।
गैस्ट्रोइंटस्टाइनल संबंधी समस्या (12)।
इस लेख में हमने विस्तार से ग्वार फली के गुण के बारे में बताया हैं। साथ ही ग्वार फली के फायदे के साथ-साथ कुछ नुकसान भी हैं। ऐसे में अगर आप इसके सेवन के बारे में सोच रहे हैं, तो इस लेख को पढ़कर इसके फायदे और नुकसान दोनों को समझकर ही इसे अपने आहार में शामिल करें। ग्वार फली खाने के फायदे, उपयोग और ग्वार फली के नुकसान से संबंधित इस लेख को पढ़ने के बाद भी अगर आपके जहन में कुछ सवाल हों, तो उसे कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं। साथ ही यह ��र्टिकल आपके लिए किस प्रकार से फायदेमंद रहा यह बताना न भूलें।
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Saral Jain
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ से पत्रकारिता में बीए किया है। सरल को इलेक्ट्रानिक मीडिया का लगभग 8 वर्षों का एवं प्रिंट मीडिया का एक साल का अनुभव है। इन्होंने 3 साल तक टीवी चैनल के कई कार्यक्रमों में एंकर की भूमिका भी निभाई है। इन्हें फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, एडवंचर व वाइल्ड लाइफ शूट, कैंपिंग व घूमना पसंद है। सरल जैन संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी व कन्नड़ भाषाओं के जानकार हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/guar-fali-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi/
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मस्से हटाने के घरेलू उपाय
मस्सा त्वचा की सबसे आम समस्या है जो शरीर पर कहीं भी दिखाई दे सकते हैं लेकिन ये आमतौर पर हाथों और पैरों पर पाए जाते हैं। मस्सा समूह में या अकेले और किसी न किसी रूखी त्वचा पर निकल सकते हैं। कभी कभी एक काला धब्बा इसके मध्य में दिखाई देता है।
मानव पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) मस्से का कारण बनता है। वायरस किसी अन्य व्यक्ति से भी आ सकता है जो कट या खरोंच के माध्यम से किसी के भी शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल सकता है। मस्से कई प्रकार के होते हैं। मस्सों के प्रकार जैसे सामान्य मस्सा, फ्लैट मस्सा और प्लांटर मस्सा हैं। ज्यादातर मामलों में मस्से 6 महीने से 2 साल के भीतर गायब हो जाते हैं। लेकिन ये शर्मिंदगी का कारण बन सकते हैं। आप कुछ सरल घरेलू उपायों का उपयोग करके उनसे जल्दी से छुटकारा पा सकते हैं।
तो आज हम आपको मस्से के कुछ घरेलू उपाय बताने वाले हैं जिनके इस्तेमाल से आप अपने मस्से को हटा सकते हैं –
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख via http://www.myupchar.com/disease/warts-skin/home-remedies
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मात्र “1 प्याज” की मदद से घर पर ही हटाएं मस्से
जी हा मस्से दिखने में अच्छे नहीं लगते। कई बार ये मस्से, कैंसर का रुप भी धारण कर लेते हैं। तो ऐसी स्थिति में अच्छा है कि आप मस्सों को हटा दीजिए। इस लेख में मस्से हटाने के लिए प्याज का नुस्खा दिया गया है वो एक रामबाण इलाज है जो आप आसानी से घर में इस्तेमाल कर सकते हैं। मस्से हटाने के घरेलू उपाय के बारे में इस लेख में विस्तार से जानें। कैंसर कारक भी होते हैं मस्से अगर आपको जन्म के समय से ही कोई मस्सा है तो ये अहानिकारक है। लेकिन मस्से जन्म के बाद हुए हैं या बड़े होने पर हुए हैं तो समय बीतने के साथ ये कैंसर का रूप धारण कर सकते हैं। अगर ये मस्से किसी इंसान को 30 की उम्र के बाद होते हैं तो कैंसर होने का खतरा काफी बढ़ जाता हैं। इन स्थिति में मस्से हैं खतरे अगर शरीर के किसी भी मस्से से खून निकले तो इसे नजरअंदाज ना करें। मस्सों में होने वाली खुजली को भी हल्के में ना लें। इन स्थितियों में एक बार चिकित्सक से जरूर मिलना चाहिए और वर्तमान में जब कैंसर काफी सामान्य बीमारी होते जा रही है तो चिकित्सक से मिलने में कोई बुराई नहीं है। क्यों होते हैं ये मस्से पैदा होने के बाद होने वाले मस्सों का मुख्य कारण इंफैक्शन है। इन मस्सों का कारण पेपीलोमा नाम का वायरस है। त्वचा पर पेपीलोमा वायरस के कारण छोटे, खुरदुरे कठोर दाने उभर आते हैं जिसे मस्सा कहते हैं। सामान्य तौर पर मस्से काले और भूरे रंग के होते हैं लेकिन कई बार ये त्वचा के ही रंग के होते हैं जिस कारण लोगों को ये जल्दी दिखाई नहीं देते और इस कारण लोग भी इनके ब���रे में परवाह नहीं कर��े। मस्से 8 से 12 प्रकार के होते हैं। जिनसे आप मेडीकल ट्रीटमेंट या कुछ घरेलू उपचारों द्वारा हमेशा के लिए छुटकारा पा जा सकते है। लेकिन स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर को तुरंत दिखना चाहिए। ना काटें, ना फोड़ें कुछ लोग मस्सों को हटाने के लिए उसे कटवा देते हैं या घर पर ही खुद से काट व फोड़ लेते हैं। लेकिन ऐसा कभी नहीं करना चाहिए। मस्से को काटने और फोड़ने के कारण मस्से के वायरस का शरीर के अन्य हिस्सों में भी जाने का खतरा होता है। जिससे और मस्से हो जाते हैं। कई बार तो मस्से का वायरस एक आदमी से दूसरे आदमी की त्वचा पर भी चला जाता है। ऐसे करें प्याज का इस्तेमाल प्याज हर तरह से हमारे लिए फायदेमंद है। खाने से लेकर इसके रस को लगाने तक के फायदे हैं। मस्सों के लिए तो ये रामबाण है। मस्सों को हटाने के लिए लगातर बीस से तीस दिनों तक प्याज के रस को मस्सों में लगाएं। जब समय मिले तब प्याज को काटकर मस्सों पर रगड़ें। दिन में दो-तीन बार ऐसा करें। प्याज के रस से मस्सों का वायरस मर जाता है और मस्से जड़ से खत्म हो जाते हैं।
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मस्सा के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Warts Symptoms and Treatment in Hindi
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मस्सा क्या है? – What Are Warts in Hindi
मस्सा, आपकी त्वचा की बाहरी परत पर एक मोटी और कठोर गांठ जैसा होता है। ये अपके शरीर पर कहीं भी विकसित हो सकते हैं। हाथ और पैरों की त्वचा पर इनके विकसित होने की आशंका ज्यादा होती हैं। ये आपकी त्वचा पर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus) यानी एचपीवी संक्रमण के कारण होते हैं। खास बात यह है कि बेशक ये गांठ जैसे होता हैं, लेकिन कैंसर का कारण नहीं बनते हैं (1)।
आइए, अब यह जान लेते हैं कि मस्से कितने प्रकार के होते हैं।
मस्सा के प्रकार – Types of Warts in Hindi
मुख्य रूप से मस्से छह प्रकार के होते हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं (2):
कॉमन मस्सा (Common warts): यह सुई की नोक से लेकर मटर के आकार तक हो सकता है। यह अक्सर हाथों, उंगलियों, नाखूनों के आसपास की त्वचा और आपके पैरों पर पाया जाता है।
प्लांटार मस्सा (Plantar warts): यह काफी बड़ा हो सकता है। इस तरह के मस्से का इलाज करना थोड़ा मुश्किल होता है। यह ज्यादातर पैरों की एड़ियों और तलवों पर होता है।
मोजेक मस्सा (Mosaic warts): यह छोटे आकार का सफेद रंग का मस्सा होता है। यह आमतौर पर पैरों की उंगलियों के नीचे पाया जाता है, जो पूरे पैर में फैल सकता है।
फिलीफॉर्म मस्सा (Filiform warts): यह धागे जैसा पतला और आगे से नुकीला होता है। यह मुख्य रूप से चेहरे पर होता है। चेहरे पर होने के कारण यह आपको ज्यादा परेशान कर सकता है।
फ्लैट मस्सा (Flat warts): यह हल्के भूरे रंग का होता है और आमतौर पर चेहरे, माथे व गाल पर पाया जाता है। यह आपके अंडरआर्म्स पर भी हो सकता है।
जेनिटल मस्सा (Genital warts): ये मस्सा जननांग पर बैक्टीरिया के कारण होता है।
मस्सों के प्रकार के बाद हम आगे मस्सा होने के कारण के बारे में बता रहे हैं।
मस्सा के कारण – Causes of Warts in Hindi
मस्से मुख्य रूप से संक्रमण के कारण होते हैं। मस्सा होने के कारण और भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं (2):
मस्सा एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) संक्रमण के कारण होता है। यह वायरस 100 से अधिक प्रकार का होता है, जो त्वचा में छोटे-छोटे कट के माध्यम से प्रवेश कर सकता है और अतिरिक्त कोशिकाओं की वृद्धि का कारण बन सकता है। इससे त्वचा की बाहरी परत मोटी और सख्त हो जाती है, जो मस्सा का रूप ले लेता है।
एचपीवी वायरस से प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी यह हो सकता है।
दूसराें का तौलिया या फिर रेजर इस्तेमाल करना भी मस्सा होने के कारण बन सकता है।
घाव वाली त्वचा के संक्रमित होने से भी इसके होने की आशंका अधिक हो जाती है।
मस्से होने के कारण जानने के बाद अब हम इसके लक्षणों के बारे में भी जान लेते हैं।
मस्सा के लक्षण – Warts Symptoms in Hindi
आप कुछ खास लक्षणों के जरिए जान सकते हैं कि आपको मस्से हैं या नहीं (2):
त्वचा के ऊपर गांठ जैसा दिखाई देना।
त्वचा के ऊपर गहरे रंग के धब्बे या तिल जैसे निशान बनना।
त्वचा पर अलग-अलग प्रकार के रंग का होना।
मस्से पर काले धब्बों की उपस्थिति, आपकी रक्त वाहिकाओं को बंद कर सकती है।
त्वचा पर बनी हुई गांठ मुलायम या फिर खुरदरी होना भी मस्से के लक्षण हो सकते हैं।
अब आर्टिकल के इस अहम हिस्से में आप जानेगे कि किन घरेलू उपायों की मदद से इस समस्या से निपटा जा सकता है।
मस्सा के लिए कुछ घरेलू उपाय – Home Remedies for Warts in Hindi
आम जिंदगी में मस्से का होना एक परेशानी का विषय बन सकता है। अगर आप भी इससे पीड़ित हैं और मस्सा हटाने के उपाय खोज रहे हैं, तो चिंता न करें। यहां पर हम आपको कुछ आसान से घरेलू उपायों के जरिए मस्से हटाने की विधि बता रहे हैं।
नोट: आप इन मस्सा हटाने के उपाय का उपयोग जेनिटल मस्से के लिए न करें। अगर आपको जेनिटल मस्सा है, तो इसके इलाज के लिए आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
1. लहसुन से मस्से का इलाज
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लहसुन में एंटीवायरल और एंटी कार्सिनोजेनिक गुण पाए जाते हैं। ये गुण वायरल से संक्रमित कोशिकाओं के प्रसार को रोकते हैं। इस प्रकार यह मस्सा का कारण बनने वाले वायरल संक्रमण का इलाज करने में आपकी मदद कर सकता है (3)।
सामग्री:
1-2 लहसुन की कलियां
क्या करें?
लहसुन को कुचल कर एक पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को मस्से से प्रभावित स्थान पर लगाएं।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसे दिन में दो से तीन बार उपयोग कर सकते हैं।
2. अरंडी का तेल
अरंडी का तेल मस्से हटाने की दवा के रूप में लाभकारी साबित हो सकता है (4)। इसमें पाया जाने वाला एंटीवायरल गुण मस्से के बैक्टीरिया को रोकने और उसे समाप्त करने में आपकी मदद कर सकता है (5)। एंटीवायलर गुण मस्से और इसके फैलान वाले ह्यूमन पेपिलोमा वायरस को दूर करने के लिए एक कारगर घटक हो सकता है (6)।
सामग्री:
1 चम्मच अरंडी का तेल
2-3 बूंदें एसेंशियल ऑयल
क्या करें?
एक कटोरी में एसेंशियल ऑयल की दो से तीन बूंदों के साथ एक चम्मच अरंडी का तेल मिलाएं।
इसे कॉटन की सहायता से मस्से पर लगाएं।
इसे कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें और फिर पानी से धो लें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग सुबह नहाने से पहले और रात को सोने से पहले कर सकते हैं।
3. टी ट्री का तेल
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टी ट्री का तेल मस्से की समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है। ये एटिऑलॉजिकल माइक्रोबियल (Aetiological Microbial) गुण से भरपूर होता है, जो त्वचा के संक्रमण को दूर करने में आपकी मदद करता है। इसके उपयोग से आप मस्से को फैलाने वाले बैक्टीरिया को समाप्त कर सकते हैं (7)। इसके अलावा, इस तेल में एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है, जो बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होने वाले मस्से को दूर कर सकता है (8)।
सामग्री:
टी ट्री ऑयल की 2-3 बूंदें
कॉटन बॉल
क्या करें?
कॉटन बॉल को टी ट्री के तेल में डुबाएं।
इसके बाद कॉटन बॉल को मस्से पर लगाएं।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप ऐसा हफ्ते में रोजाना सुबह और शाम को कर सकते हैं।
4. सिरके से मस्से का इलाज
आप सिरके का उपयोग करके भी मस्से की समस्या को दूर कर सकते हैं। सिरके में मौजूद असेटिक एसिड बैक्टीरिया द्वारा बढ़ने वाले संक्रमण को फैलने नहीं देता। इसे मस्से पर लगाने से आपको जल्दी ही फायदा हो सकता है (9)।
सामग्री:
2 चम्मच सिरका
एक कॉटन बॉल
क्या करेंं?
आप सिरके में कॉटन को भिगोकर प्रभावित स्थान पर लगाएं।
इसे कुछ देर ऐसे ही लगा रहने दें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग दिन में एक बार कभी भी कर सकते हैं।
5. एलोवेरा
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आमतौर पर एलोवेरा के जेल का उपयोग त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे मस्से हटाने की दवा के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, एलोवेरा में ए��टीवायरल गुण पाए जाते हैं, जो मस्से का क��रण बनने वाले बैक्टीरिया को न सिर्फ रोकते हैं, बल्कि उन्हें समाप्त भी करते हैं (10)।
सामग्री:
1 चम्मच एलोवेरा का गूदा
क्या करें?
एलोवेरा के गूदे को मस्से वाले स्थान पर लगाकर कुछ देर के लिए हल्के-हल्के हाथों से मलें।
मलने के बाद थोड़ी देर तक उसे ऐसा ही छोड़ दें और फिर धो लें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग रोजाना कभी कर सकते हैं।
6. बेकिंग सोडा से मस्से का इलाज
जैसा कि आप ऊपर पढ़ चुके हैं कि मस्सा एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) संक्रमण के कारण होता है (6)। माना जाता है कि बेकिंग सोडा जिसे सोडियम बायकार्बोनेट के भी कहा जाता है, इस समस्या को कम करने में मदद कर सकता है (11)। फिलहाल, इस संबंध में और वैज्ञानिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।
सामग्री:
2 चम्मच बेकिंग सोडा
1 चम्मच एसेंशियल ऑयल
क्या करें?
दोनों सामग्रियों को आपस में मिलाकर पेस्ट तैयार करें।
फिर इस पेस्ट को मस्से पर लगाएं।
कुछ देर बाद इसे साफ कर लें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इस विधि का प्रयोग हफ्ते में दो से तीन बार कर सकते हैं।
7. नींबू
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मस्से के मसले को सुलझाने के लिए नींबू बहुत ही काम की चीज हो सकती है। दरअसल, इसमें साइट्रिक एसिड पाया जाता है, जिसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह मस्से को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है (12)।
सामग्री:
1 चम्मच नींबू का रस
2 चम्मच पानी
कॉटन बॉल
क्या करें?
नींबू के रस को पानी में मिलाएं।
इस मिश्रण को आप मस्से पर कॉटन के द्वारा लगा सकते हैं।
कुछ देर इसे लगा रहने दें और फिर इसे धो लें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग कभी भी कर सकते हैं। सुबह नहाने से पहले इसका उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।
8. केला के छिल्के से मस्से का इलाज
केला खाने के बाद आप उसके छिल्के को फेंक देते होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि केले का छिल्का भी बहुत गुणकारी होता है। इसमें एंटीवायरल और एंटी बैक्टीरियल के साथ ही एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। केले के छिल्के में पाए जाने वाले ये गुण मस्से को दूर करने के लिए रामबाण साबित हाे सकते हैं (13)।
सामग्री:
एक पके केले का छिल्का
क्या करें?
आप केले के छिल्के को मस्से पर 5 से 10 मिनट तक रख सकते हैं।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग दो दिन में एक बार कर सकते हैं।
9. थूजा का तेल
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मस्से का इलाज करने के लिए होम्योपैथिक चिकित्सा में थूजा के तेल का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। थूजा एक सदाबहार पेड़ हैं और इसकी पत्तियों से तैयार दवा को त्वचा से जुड़ी बीमारियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें एक मस्सा भी है (14)। मस्से को दूर करने वाले गुण के लिए अभी थूजा के तेल पर और रिसर्च किए जाने की जरूरत है।
सामग्री:
2-3 बूंद थूजा का तेल
2-3 बूंद एसेंशियल ऑयल
1 कॉटन बॉल
क्या करें?
थूजा के तेल ��ो एसेंशियल ऑयल के साथ मिला लें।
फिर इसमें कॉटन बॉल के डुबो दें।
इस कॉटन को मस्से से प्रभावित वाले स्थान पर कुछ देर के लिए लगाएं।
बाद में इसे ऐसे ही छोड़ दें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग हफ्ते में दो बार किसी भी दिन कर सकते हैं।
10. हल्दी
हल्दी न सिर्फ हमारा रक्त साफ करती है, बल्कि यह अन्य मामलों में भी गुणकारी होती है। हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं (15)। हल्दी में पाए जाने वाले ये गुण मस्से का कारण बनने वाले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस को समाप्त करने में कारगर होते हैं। इसके अलावा, ये मस्से के प्रभाव को भी समाप्त करने में आपकी मदद कर सकते हैं (6)। फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध की जरूरत है।
सामग्री:
1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
1 छोटा चम्मच एसेंशियल ऑयल
क्या करें?
तेल और हल्दी काे मिलाकर पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाएं।
इसे लगाकर ऐसे ही छोड़ दें, ये अपने आप सूख कर झड़ जाएगा।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग रोजाना कभी भी कर सकते हैं।
11. बीटल जूस
बीटल जूस जिसे कैंथारिडिन (Cantharidin) के नाम से भी जानते हैं, मस्से के उपचार के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसको पॉडोफिलिन (Podophyllin) और सैलिसिलिक एसिड (Salicylic Acid) के साथ मिलाकर उपयोग करने पर मस्से की समस्या के साथ ही तिल की समस्या को भी दूर करने में कुछ मदद मिल सकती है (16)।
सामग्री:
2-3 बूंदें बीटल जूस
1-2 बूंद पॉडोफिलिन
2 बूंद सैलिसिलिक एसिड
एक बैंडेज
क्या करें?
सब को मिलाकर प्रभावित त्वचा पर लगाएं।
इसके ऊपर से बैंडेज या पट्टी को आराम से बांध लें।
इसे 24 घंटे के लिए बंधा रहने दें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप रोजाना रात को सोते समय इसका उपयोग कर सकते हैं।
12. नीम का तेल
नीम का नाम और इसके उपयोग के बारे में कौन नहीं जानता। इसमें मौजूद गुण हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इन्हीं गुणों में से एक गुण है एंटीवायरल गुण, जो मस्से को पैदा करने वाले बैक्टीरिया को न सिर्फ रोकता है, बल्कि इसके संक्रमण को भी समाप्त कर देता है और दोबारा पनपने नहीं देता (17)।
सामग्री:
1 चम्मच नीम का तेल
1 कॉटन बॉल
क्या करें?
कॉटन बॉल को नीम के तेल में भिगाएं।
इसे मस्से वाले स्थान पर आराम-आराम से लगाएं।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप इसका उपयोग दिन में 2 बार कभी भी कर सकते हैं।
13. अजवायन का तेल
छोटी-सी दिखाई देने वाली अजवायन कई बीमारियों को ठीक कर सकती है। इसका तेल मस्से की समस्या को कुछ हद तक दूर कर सकता है। अजवायन का तेल एंटीवायरल गुणों से संपन्न होता है (18)। इसमें पाया जाने वाला यह गुण एचपीवी नामक वायरस को समाप्त करके मस्से की समस्या से आपको निजात दिलाने में मदद कर सकता है (19)। वहीं, सीडीसी (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) की रिसर्च के अनुसार, एचपीवी के उपचार में एंटीवायरस का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है (20)। ऐसे में बेहतर होगा कि इस संबंध में एक बार डॉक्टर की राय जरूर ली जाए।
सामग्री:
4-5 बूंद अजवायन का तेल
1 कॉटन बॉल
क्या करें?
मस्से वाले स्थान को साफ कर लें।
कॉटन बॉल पर अजवायन के तेल को डालें।
इसे मस्से वाली जगह पर लगाए और थोड़ी देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
आप नहाने से पहले रोजाना इस विधि का उपयोग कर सकते हैं।
14. विटामिन ए
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मस्सों की समस्या को दूर करने के लिए विटामिन-ए को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आपको उन पदार्थों का सेवन करें, जो विटामिन-ए से भरपूर हों। आप डॉक्टर की सलाह पर विटामिन-ए के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं। विटामिन-ए मस्से का कारण बनने वाले एचपीवी नामक वायरस पर अपना प्रभाव दिखाता है और इसे धीरे-धीरे कम करके समाप्त कर सकता है (21)।
लेख के इस अंतिम हिस्से में हम आपको मस्से की समस्या से बचने के लिए कुछ उपाय बता रहे हैं।
मस्सा से बचाव – Prevention Tips for Warts in Hindi
अगर आपको मस्से नहीं है, तो जरूरी नहीं की भविष्य भी में न हो। अगर आप इससे बचना चाहते हैं, तो नीचे दिए कुछ जरूरी उपाय को फाॅलो करें, जो इस प्रकार हैं:
अपने हाथ और पैरों को नियमित रूप से धोएं।
अपने नाखूनों को जंग लगे या संक्रमित औजारों द्वारा कटने से बचना चाहिए।
ध्यान रखें कि अपनी वस्तुओं जैसे तौलिया व जूते-चप्पल आदि हर किसी के साथ शेयर न करें।
अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज रखें।
अपने पैरों को हमेशा सार्वजनिक स्थानों पर ढक कर रखें।
आपने आर्टिकल में पढ़ा की थोड़ी-सी भी लापरवाही कैसे किसी भी वायरस के फैलने का कारण बन सकती है। उन्हीं में से एक मस्से को फैलाने वाला वायरस भी है। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपसे मस्से के लक्षण और उसको फैलाने वाले वायरस की जानकारी साझा की है। साथ ही मस्से हटाने की विधि और उससे बचने के उपायों को भी बताया है। ये घरेलू नुस्खे मस्से की समस्या को कम कर सकते हैं और मेडिकल ट्रीटमेंट के प्रभाव को बढ़ा सकते हैं। साथ ही इन्हें उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। ये आर्टिकल आपके लिए किस प्रकार से फायदेमंद रहा नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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Saral Jain
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ से पत्रकारिता में बीए किया है। सरल को इलेक्ट्रानिक मीडिया का लगभग 8 वर्षों का एवं प्रिंट मीडिया का एक साल का अनुभव है। इन्होंने 3 साल तक टीवी चैनल के कई कार्यक्रमों में एंकर की भूमिका भी निभाई है। इन्हें फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, एडवंचर व वाइल्ड लाइफ शूट, कैंपिंग व घूमना पसंद है। सरल जैन संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी व कन्नड़ भाषाओं के जानकार हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/massa-ke-karan-lakshan-gharelu-ilaj-in-hindi/
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बेकिंग सोडा के 21 फायदे, उपयोग और नुकसान – Baking Soda Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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बेकिंग सोडा के 21 फायदे, उपयोग और नुकसान – Baking Soda Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Nripendra Balmiki May 2, 2019
सफेद पाउडर सा दिखने वाला बेकिंग सोडा एक गुणकारी पदार्थ है। यह कई शारीरिक समस्याओं का इलाज आसानी से कर सकता है। इसका रासायनिक नाम सोडियम बाइकार्बोनेट (NaHCO3) है। इसे अंग्रेजी और हिंदी दोनों में बेकिंग सोडा ही कहा जाता है। त्वचा संबंधी परेशानियों के लिए यह सटीक घरेलू उपाय है। इसका इस्तेमाल कर आप कील-मुंहासों से लेकर माउथ अल्सर तक से छुटकारा पा सकते हैं। इस लेख में जानिए कि बेकिंग सोडा आपके लिए किस प्रकार फायदेमंद हो सकता है। साथ ही हम इसे इस्तेमाल करने के विभिन्न तरीके और कुछ नुकसान भी बताएंगे।
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बेकिंग सोडा के फायदे – Benefits of Baking Soda in Hindi
1. चमकती त्वचा
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सामग्री :
2 बड़े चम्मच संतरे का रस
1 बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा
कैसे करें इस्तेमाल :
बेकिंग सोडा और संतरे के रस को मिलाकर स्मूद पेस्ट बना लें।
इसे लगाने से पहले चेहरे और हाथों को अच्छे से धो लें।
तौलिए से चेहरे को साफ कर लें।
अब फेस मास्क की तरह इस पेस्ट को लगाएं।
15 मिनट बाद चेहरे पर पानी की छीटें डालें और एक-दो मिनट तक धीरे-धीरे रगड़ें।
अब ठंडे पानी से चेहरे को धो लें और ��ौलिए से चेहरा साफ कर लें।
अंत में चेहरे पर मॉइस्चराइजर जरूर लगाएं।
कितनी बार करें :
सप्ताह में एक बार यह प्रक्रिया दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
संतरे में थोड़ी एसिडिक मात्रा होती है, जो त्वचा के पीएच संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है। संतरा विटामिन-सी से भी समृद्ध होता है (1), जो त्वचा के कोलेजन को बूस्ट करने में मदद करता है। वहीं, बेकिंग सोडा में मौजूद क्लींजिंग गुण चेहरे से दाग-धब्बे और कील-मुंहासों को हटाने के काम करते हैं। इसके अलावा, यह रोम छिद्रों को खोलने का काम करता है और त्वचा को बेहतर बनाता है (2), (3)।
2. कील-मुंहासे
सामग्री :
1 चम्मच बेकिंग सोडा
1 चम्मच पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
बेकिंग सोडा और पानी को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें।
अपने हाथों व चेहरे को धो लें और तौलिए से चेहरे की नमी को साफ कर लें।
कील-मुंहासों से प्रभावित त्वचा पर बेकिंग सोडा का पेस्ट लगाएं और कुछ मिनटों तक उंगलियों की मदद से धीरे-धीरे त्वचा की मसाज करें।
मसाज के दो-तीन मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें।
अब अपने चेहरे पर मॉइस्चराइजर का उपयोग करें।
कितनी बार करें :
यह प्रक्रिया आप सप्ताह में दो बार दोहरा सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
बेकिंग सोडा स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह पिंपल्स, ब्लैकहेड्स और मुंहासों पर प्रभावी रूप से काम करता है। बेकिंग सोडा में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं (4), जो मुंहासों को पैदा करने वाले जीवाणुओं को मारने का काम करते हैं।
3. ऑयली स्कीन
सामग्री :
एक बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा
एक से डेढ़ चम्मच पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
बेकिंग सोडा को पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें।
अपने चेहरे को पानी से धोएं और एक साफ तौलिए से पोंछ लें।
आंखों के आसपास की त्वचा को छोड़कर इस पेस्ट को पूरे चेहरे पर लगाएं और लगभग 15 सेकंड तक स्क्रब करें।
अंत में ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
कितनी बार करें :
हफ्ते में दो बार यह प्रक्रिया दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
बेकिंग सोडा का इस्तेमाल तैलीय त्वचा के लिए भी किया जा सकता है। बेकिंग सोडा चेहरे से मृत कोशिकाओं को हटाने और त्वचा को मॉइस्चराइज करने का काम करता है।
सावधानी : अत्यधिक संवेदनशील त्वचा वाले लोग बेकिंग सोडा का इस्तेमाल स्क्रबिंग के लिए न करें।
4. सनबर्न
Shutterstock
सामग्री :
एक कप बेकिंग सोडा
दो-चार कप ओट्स पाउडर
नहाने योग्य पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
टब को पानी से भर दें।
अब उसमें बेकिंग सोडा और ओट्स पाउडर डाल दें।
लगभग 20 मिनट तक इस पानी में स्नान करें।
कितनी बार करें :
सनबर्न होने पर रोजाना बेकिंग सोडा बाथ लें।
कैसे है लाभदायक :
सोडियम बाइकार्बोनेट का इस्तेमाल सनबर्न की स्थिति में प्रयोग किया जा सकता है। बेकिंग सोडा एंटीइंफ्लेमेटरी गुण से समृद्ध होता है (5), जो सनबर्न से प्रभावित त्वचा को आराम पहुंचाने का काम करता है।
5. डार्क स्पोर्ट
सामग्री :
एक बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा एक चम्मच नींबू का रस
कैसे करें इस्तेमाल :
बेकिंग सोडा और नींबू के रस को अच्छी तरह मिला लें।
अब प्रभावित त्वचा पर इस मिश्रण को लगाएं।
मिश्रण को तीन-चार मिनट तक त्वचा पर लगा रहने दें।
अब गुनगुने पानी से चेहरा धो लें।
इसके बाद किसी मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल जरूर करें।
कितनी बार करें :
हफ्ते में तीन-चार बार इस प्रकिया को दोहराया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
डार्क स्पोर्ट का इलाज करने के लिए बेकिंग सोडा एक कारगर उपाय रहेगा। बेकिंग सोडा एक कारगर एक्सफोलिएटर है (6), जो मृत कोशिकाओं को हटाने का काम करता है। वहीं, नींबू त्वचा की चमक बढ़ाता है।
6. चकत्ते
सामग्री :
एक बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा
एक बड़ा चम्मच नारियल तेल
कैसे करें इस्तेमाल :
बेकिंग सोडा और नारियल तेल को मिलाकर पेस्ट बना लें।
इस मिश्रण को प्रभावित जगह पर लगाएं और लगभग 5 मिनट तक लगा रहने दें।
अब ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
कितनी बार करें :
समस्या के दिनों में रोजाना इस प्रक्रिया को दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
नारियल तेल एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है (7)। यह बेकिंग सोडा के साथ मिलकर दोगुनी शक्ति से त्वचा पर काम करता है। ये दोनों सामग्रियां चकत्तों से प्रभावित त्वचा को आराम पहुंचाने का काम करती हैं।
7. दाग-धब्बे
सामग्री :
दो चम्मच बेकिंग सोडा
एक चम्मच सेब का सिरका
कैसे करें इस्तेमाल :
दोनों सामग्रियों को मिलाकर पेस्ट बना लें और प्रभावित जगह पर लगाएं।
पेस्ट को सूखने दें।
अब ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
कितनी बार करें :
समस्या के दिनों में रोजाना इस प्रक्रिया को दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
दाग-धब्बों को हटाने के लिए आप बेकिंग सोडा का इस्तेमाल सेब के सिरके के साथ कर सकते हैं। बेकिंग सोडा एक्सफोलिएटिंग गुणों से समृद्ध होता है (6), जो त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने का काम करता है। वहीं, सेब का सिरका त्वचा को टोन और त्वचा के पीएच को संतुलित करता है।
8. गहरे छिद्रों के लिए
सामग्री :
एक चम्मच बेकिंग सोडा
एक कप पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
पानी में बेकिंग सोडा मिला लें।
अब चेहरे को पानी से साफ करें और तौलिए से पोछ लें।
अब मिश्रण को चेहरे पर लगाएं और कुछ मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
अब चेहरे को ठंडे पानी से धोएं और मॉइस्चराइजर लगा लें।
कितनी बार करें :
हफ्ते में तीन-चार बार करें।
कैसे है लाभदायक :
त्वचा के गहरे छिद्रों के लिए बेकिंग सोडा का इस्तेमाल किया जा सकता है। बेकिंग सोडा एंटीसेप्टिक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है (5), जो त्वचा के गहरे छिद्रों को कम करने का काम करता है।
9. कारगर मॉइस्चराइजर
सामग्री :
एक चम्मच बेकिंग सोडा
एक चम्मच पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
बेकिंग सोडा को पानी में मिलाकर अच्छी तरह पेस्ट बना लें।
अपने चेहरे को धोकर साफ तौलिए से पोंछ लें।
आखों के आसपास की त्वचा को छोड़कर इस पेस्ट को पूरे चेहरे पर लगाएं और 10 से 15 सेकंड तक मसाज करें।
अब ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
कितनी बार करें :
यह प्रक्रिया आप हफ्ते में दो से तीन बार दोहरा सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
बेकिंग सोडा मॉइस्चराइजिंग गुणों से समृद्ध होता है, जो त्वचा के सूखेपन को दूर कर नमी को बरकरार रखने में मदद कर सकता है।
10. काले होंठों के लिए
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सामग्री :
1 चम्मच शहद
1 चम्मच बेकिंग सोडा
कैसे करें इस्तेमाल :
शहद और बेकिंग सोडा को मिलाकर पेस्ट तैयार करें।
अब इस मिश्रण को होठों पर लगाएं और लगभग 2 मिनट के लिए छोड़ दें।
अब धीरे-धीरे उंगलियों की मदद से होठों को रगड़ें।
कितनी बार करें :
सप्ताह में दो-तीन बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
बेकिंग सोडा एक्सफोलिएटिंग गुण से समृद्ध होता है (6), जो त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने का काम करता है। वहीं, शहद त्वचा को मुलायम बनाता है। होंठों को प्राकृतिक रंग देने के लिए आप शहद व बेकिंग सोडा का यह मिश्रण अपना सकते हैं।
11. चेहरे के बाल
सामग्री :
1 बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा
200 ml गर्म पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
गर्म पानी में बेकिंग सोडा मिलाएं और घोल को ठंडा होने दें।
अब एक पट्टी को घोल में भिगोकर हल्का निचोड़ लें।
पट्टी को चेहरे पर लगाएं और रात भर के लिए छोड़ दें।
अगली सुबह पट्टी हटा दें और अपने चेहरे को साफ पानी से धो लें।
चेहरे को तौलिए से पोंछ कर मॉइस्चराइजर लगाएं।
कितनी बार करें :
जब तक सकारात्मक परिणाम न मिलें, इसे तब तक लगाते रहें।
कैसे है लाभदायक :
बेकिंग सोडा ब्लीचिंग एजेंट के रूप में काम करता है, जो चेहरे से अतिरिक्त बालों को हटाने में मदद कर सकता है। हालांकि, संवेदनशील त्वचा पर बेकिंग सोडा जलन भी पैदा कर सकता है, इसलिए इस उपाय को आजमाने से पहले एक बार पैच टेस्ट जरूर कर लें (8), (9)।
12. मस्सा (मोल्स) हटाने के लिए
सामग्री :
एक कप बेकिंग सोडा
एक कप हाइड्रोजन पेरोक्साइड
एक कप सेंधा नमक
एक चौथाई कप गर्म पानी
एक चौथाई सफेद सिरका
कैसे करें इस्तेमाल :
सेंधा नमक और हाइड्रोजन पेरोक्साइड के साथ बेकिंग सोडा मिलाएं।
फिर इस मिश्रण में गर्म पानी व सिरका डालकर मिक्स करें।
अब इस मिश्रण को किसी बोतल में डालकर स्टोर कर लें।
फिर जहां-जहां मस्से हैं, वहां-वहां इसे लगाएं और 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें।
बाद में साफ पानी से त्वचा को धो लें।
कितनी बार करें :
अच्छे परिणाम के लिए रोजाना उपयोग करें।
कैसे है लाभदायक :
मस्से हटाने के लिए बेकिंग सोडा आपकी मदद कर सकता है। बेकिंग सोडा में मौजूद ब्लीचिंग गुण मस्से को त्वचा से हटाने का काम करता है (10)।
13. दांतों की चमक
सामग्री :
आधा चम्मच बेकिंग सोडा
पानी की कुछ बूंदें
कैसे करें इस्तेमाल :
पानी की कुछ बूंदों के साथ बेकिंग सोडा मिलाकर पेस्ट बना लें।
अपने टूथब्रश पर बेकिंग सोडा पेस्ट लगाएं और धीरे-धीरे दांतों को ब्रश करें।
तीन-चार मिनट अच्छी तरह ब्रश करने के बाद पानी से कुल्ला कर लें।
कितनी बार करें :
एक सप्ताह तक हर दूसरे दिन करें।
कैसे है लाभदायक :
यहां भी बेकिंग सोडा का ब्लीचिंग प्रभाव देखा जा सकता है। बेकिंग सोडा दांतों की सतह से दाग को हटाने में मदद करता है, जिससे दांतों की प्राकृतिक चमक बरकरार रहती है (11)।
14. अंडरआर्म्स की सफाई
Shutterstock
सामग्री :
एक बड़ा चम्मच कुचला हुआ खीरा
दो बड़े चम्मच जैतून का तेल
एक बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा
तीन चम्मच नींबू का रस
कैसे करें इस्तेमाल :
एक कटोरी में सभी सामग्रियों को मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें।
अब इस मिश्रण को 10 मिनट के लिए अपने अंडरआर्म्स पर लगाएं।
अब गुनगुने पानी से अंडरआर्म्स को धो लें और साफ तौलिए से पोंछ लें।
कितनी बार करें :
हफ्ते में दो बार कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
बेकिंग सोडा का इस्तेमाल बगल की सफाई के लिए भी किया जा सकता है। बेकिंग सोडा एंटीबैक्टीरियल गुणों ��े समृद्ध होता है, जो गंदगी और तन की दुर्गंध बढ़ाने वाले जीवाणुओं को ��ूर भगाने का काम करता है (4)।
15. नाखूनों के फंगल
सामग्री :
चार-पांच चम्मच बेकिंग सोडा
एक कप सफेद सिरका
पानी
पेपर टॉवल (आवश्यकतानुसार)
एक तिहाई बाल्टी पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
बाल्टी को एक तिहाई पानी से भरें और इसमें सिरका मिलाएं।
अपने पैरों को लगभग 15 मिनट के लिए सिरके के पानी में डुबोकर रखें।
अब पैरों को पेपर टॉवल से सुखाएं।
बाल्टी से सिरके का पानी निकाल दें और उसमें फिर से एक-तिहाई साफ पानी भरें।
इसमें बेकिंग सोडा मिलाएं और अपने पैरों को 15 मिनट के लिए डुबोकर रखें।
अब पैरों को पेपर टॉवल से सुखाएं।
कितनी बार करें :
समस्या के दिनों में दिन में दो बार करें।
कैसे है लाभदायक :
सिरका और बेकिंग सोडा दोनों एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होते हैं, जो नाखुनों से फंगल और जीवाणुओं को हटाने का काम कर सकते हैं (12), (13)।
16. माउथ अल्सर
सामग्री :
एक बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा
एक चम्मच पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
बेकिंग सोडा और पानी को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें।
इस पेस्ट को मुंह के अल्सर पर लगाएं और सूखने के लिए छोड़ दें।
एक बार सूख जाने पर बेकिंग सोडा पेस्ट हटा दें और पानी से गार्गल करें।
कितनी बार करें :
समस्या के दिनों में रोजाना एक बार।
कैसे है लाभदायक :
माउथ अल्सर में होंठों के नीचे, जीभ और मसूडों में जलन व दर्द होती है। इससे निजात पाने के लिए आप बेकिंग सोडा का इस प्रकार इस्तेमाल कर सकते हैं। बेकिंड सोडा एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है, जो आपको माउथ अल्सर से छुटकारा दिलाने का काम करता है। क्लोरहेक्सिडिन और अल्कोहल आधारित माउथ वॉश के मुकाबले बेकिंग सोडा सस्ता और प्रभावी विकल्प है (5), (15)।
17. रूसी के लिए
सामग्री :
एक बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा
कैसे करें इस्तेमाल :
अपने बालों को हल्का गीला कर लें और बेकिंग सोडे को सीधा स्कैल्प पर लगाएं।
फिर उंगलियों की मदद से धीरे-धीरे कुछ सेकंड तक स्कैल्प की मालिश करें।
अब अपने बालों को सीधा कंडीशन करें।
कितनी बार करें :
सप्ताह में दो बार।
कैसे है लाभदायक :
बेकिंग सोडा एक्सफोलिएटिंग गुणों से समृद्ध होता है (6), जो स्कैल्प से मृत कोशिकाओं को हटाने का काम करता है। रूसी को दूर करने के लिए आप बेकिंग सोडा का इस्तेमाल ऊपर बताई गई विधि के अनुसार कर सकते हैं।
18. बालों को घना करने के लिए
सामग्री :
तीन कप पानी
एक कप बेकिंग सोडा
20 बूंदें अरंडी का तेल
कैसे करें इस्तेमाल :
सभी सामग्रियों को मिलाएं और किसी बोतल में स्टोर कर लें।
बालों को हल्का गीला कर लें और बेकिंग सोडे के घोल को सीधा स्कैल्प पर लगाएं।
इसके बाद धीरे-धीरे बालों की मालिश करें।
कितनी बार करें :
हफ्ते में दो-तीन बार।
कैसे है लाभदायक :
बेकिंग सोडा एक्सफोलिएटिंग और एंटीबैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है (6), (4), जो स्कैल्प से मृत कोशिकाओं को हटाने और बैक्टीरियल संक्रमण को दूर कर बालों को स्वस्थ रखता है, जिससे बालों को घना होने में मदद मिल सकती है ।
19. जलने से आराम
सामग्री :
एक बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा
एक बड़ा चम्मच पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
बेकिंग सोडा और पानी को मिलाकर पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को अपने जलने वाली जगह पर लगाएं और सूखने दें।
पेस्ट सूख जाने के बाद प्रभावित जगह को ठंडे पानी से धो लें।
कितनी बार करें :
जरूरत पड़ने पर बेकिंग सोडा से बने इस पेस्ट का इस्तेमाल करें।
कैसे है लाभदायक :
बेकिंग सोडा एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है (5), जो जलने की स्थिति में त्वचा को आराम देने का काम करता है।
20. पैरों के लिए
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सामग्री :
3 बड़े चम्मच बेकिंग सोडा
एक तिहाई बाल्टी पानी
फूट स्क्रबर
मॉइस्चराइजिंग लोशन/तेल
कैसे करें इस्तेमाल :
बाल्टी में एक तिहाई गुनगुना पानी भरें और इसमें बेकिंग सोडा मिलाएं।
पानी में अपने पैरों को लगभग 15-20 मिनट तक डुबोकर रखें।
प्यूमिस पत्थर या फूट स्क्रबर की मदद से धीरे-धीरे अपने तलवों और पैरों को स्क्रब करें।
एक बार जब आप मृत त्वचा को हटा दें, तो अपने पैरों की मॉइस्चराइजिंग लोशन या नारियल/जैतून के तेल से मालिश करें।
अपने पैरों को मोजे से कवर करें।
कितनी बार करें :
सप्ताह में तीन बार।
कैसे है लाभदायक :
बेकिंग सोडा कारगर एक्सफोलिएटिंग एजेंट के रूप में काम करता है (6), जो मृत कोशिकाओं को हटाकर त्वचा को नर्म करने का काम करता है।
21. स्किन क्लींजर
सामग्री :
एक चम्मच बेकिंग सोडा
एक चम्मच पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
बेकिंग सोडा में पानी मिलाकर पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को त्वचा पर लगाएं और दो-तीन मिनट तक हल्की मालिश करें।
अब गुनगुने पानी से त्वचा को धो लें।
कितनी बार करें :
सप्ताह में दो से तीन बार यह प्रक्रिया दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
बेकिंग सोडा क्षारीय (Alkaline) प्रकृति और एक्सफोलिएट गुणों से समृद्ध होता है (6), जो मृत कोशिकाओं व दाग-धब्बों को हटाकर त्वचा को साफ और नर्म करने का काम करता है। एक प्राकृतिक स्किन क्लींजर के रूप में आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
नोट – बेकिंग सोडा संवदेनशील त्वचा के लिए नहीं है। इसे प्रयोग करने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें।
बेकिंग सोडा के नुकसान – Side Effects of Baking Soda in Hindi
शरीर के लिए बेकिंग सोडा के कई फायदे हैं, लेकिन इसके कई दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। नीचे जानिए बेकिंग सोडा के नुकसानों के बारे में (17)।
बढ़ाता है प्यास
पेट में ऐंठन
गैस
सिरदर्द
जी-मिचलाना
उल्टी
भूख में कमी
चिड़चिड़ापन
कमजोरी
बार-बार पेशाब करने की इच्छा
धीमी गति से सांस लेना
पैरों में सूजन
खूनी व काला मल
मूत्र में रक्त
अब तो आप बेकिंग सोडा के विभिन्न फायदों के बारे में जान गए होंगे। अगर आप लेख में बताई गई किसी भी समस्या से पीड़ित हैं, तो इसे प्रयोग में ला सकते हैं। इस बात का ध्यान जरूर रखें कि अगर बेकिंग सोडा के इस्तेमाल के दौरान ऊपर बताए गए दुष्प्रभाव दिखाई देते हैं, तो तुरंत इसका इस्तेमाल बंद ��रें और त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क करें। आपको यह लेख कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। अन्य जानकारी के लिए आप हमसे सवाल भी पूछ सकते हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/baking-soda-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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