#मकरध्वज
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✨ बुढ़वा मंगल विशेष Budhwa Mangal Specials
बुढ़वा मंगल उत्सव हनुमान जी के बूढ़े(वृद्ध) रूप को समर्पित है। यह उत्सव भाद्रपद/भादौं माह के अंतिम मंगलवार को आयोजित किया जाता है, जिसे प्रचलित भाषा में बूढ़े मंगल के नाम से भी जाना जाता है।
बुढ़वा मंगल क्यों, कब, कहाँ और कैसे?
❀ बुढ़वा मंगल - Budhwa Mangal
हनुमान आरती:
❀ श्री हनुमान आरती
❀ श्री बालाजी की आरती
❀ श्री राम स्तुति: श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
❀ त्रिमूर्तिधाम: श्री हनुमान जी की आरती
हनुमान चालीसा:
❀ श्री हनुमान चालीसा
मंत्र / नामावली:
❀ संकट मोचन हनुमानाष्टक
❀ श्रीहनुमत् पञ्चरत्नम्
❀ श्री हनुमान स्तवन - श्रीहनुमन्नमस्कारः
❀ श्री हनुमान अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली
❀ हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम
हनुमान भजन:
❀ हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन
❀ श्री बजरंग बाण पाठ
❀ राम ना मिलेगे हनुमान के बिना
❀ वीर हनुमाना अति बलवाना
❀ छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना
❀ बालाजी मने राम मिलन की आस
❀ संकट के साथी को हनुमान कहते हैं
❀ श्री हनुमान-बालाजी भजन
हनुमान कथा:
❀ श्री हनुमान! मंगलवार व्रत कथा
❀ सुन्दरकाण्ड पाठ
❀ श्री हनुमान गाथा
हनुमान मंदिर:
❀ दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
❀ हनुमान बरी, नगला खुशहाली
❀ श्री मकरध्वज हनुमान मंदिर, बेट द्वारिका
❀ डुल्या मारुति मंदिर, पुणे
❀ 108 फुट संकट मोचन धाम, दिल्ली
❀ बड़ा हनुमान मंदिर, ब्रिजघाट गढ़मुक्तेश्वर
❀ श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर, जयपुर
❀ श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर, जयपुर
❀ दर्शन मुखी श्री हनुमान मंदिर, शेरगढ़ किला धौलपुर
❀ पनकी हनुमान मंदिर, कानपुर
❀ रामचंडी हनुमान मंदिर, पुरी
भोग, प्रसाद बनाने की विधि:
❀ चूरमा के लड्डू
❀ साबूदाने की खीर
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West singhbhum teacher farewell : चक्रधरपुर के हाड़ीमारा उउवि के शिक्षक को दी गई भावभीनी विदाई, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं ने माला पहनाकर व उपहार प्रदान कर किया विदा, शिक्षक ने की समय-समय पर स्कूल को सेवाएं देते रहने की घोषणा
रामगोपाल जेना/चक्रधरपुर : हाड़ीमारा उत्क्रमित उच्च विद्यालय के अवकाश प्राप्त शिक्षक किशोर कुमार महतो को सोमवार के दिन स्कूल परिवार की ओर से भावभीनी विदाई दी गई. श्री महतो के विदाई समारोह में विद्यालय के छात्र-छात्राओं, प्रखंड शिक्षक संघ के अध्यक्ष अध��र कुमार प्रधान, पूर्व अध्यक्ष यशवंत महतो, विद्यालय प्रबंध समिति के पूर्व अध्यक्ष मकरध्वज महतो, प्राथमिक विद्यालय सिम्बन्दा के प्रभारी निरंजन बेहरा,…
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कौन है मकरध्वज? जिसने हनुमानजी को ललकारा था?
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षड्ग्रही योग: ग्रहों का दुर्लभ योग 9 से 11 फरवरी 2021 तक, जानें कब तक रहेगा इसका प्रभाव
षड्ग्रही योग: ग्रहों का दुर्लभ योग 9 से 11 फरवरी 2021 तक, जानें कब तक रहेगा इसका प्रभाव
06 ग्रह एक साथ मकर राशि में, जानिए इसका क्या होगा परिणाम … योजनाओं की चाल ओर दिशा में जैसे के कारण लगातार समय समय पर अच्छे व बुरे योगों का निर्माण होता रहा है। जो हमारे जीवन को भी प्रभावित करते हैं। ऐसे में इस बार यज्ञ माघ कृष्ण त्रयोदशी पर 9 फरवरी 2021 को मकर राशि में षड्ग्रही योग (शद्रग्रह योग) बन रहा है। इस दौरान मकर राशि (मकर) में सूर्य, चन्द्रमा, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह एक साथ आएंगे।…
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ayurvedic sex medicine
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शीध्रपतन का ईलाज
शीध्रपतन का उपचार सेक्स के दौरान शीध्रपतन की समस्या से परेशान है तो अपनाएं ये उपाय पुरुषो में एक सामान्य यौन रोग शीध्रपतन है, जिससे लगभग 30 प्रतिशत से ज्यादा लोग पीडित है। सेक्स के दौरान वीर्य के जल्दी निकल जाने को शीध्रपतन कहते है । जल्दी स्खलीत होने के और भी बहुत से कारण होते है। ये समस्या तब और भी बढ जाती है। जब सेक्स के दौरान पुरुष अपनी महिला साथी को संतुष्ट नही कर पाता है। जिससे मन ही मन पुरुष में हीन भावना का शिकार होने लगता है। शीध्रपतन को हमेशा पुरुष अपनी मर्दानगी से जोडकर देखता है। उनकी मर्दानगी पर कोई षक न करे इसके लिए वह शीध्रपतन की इस समस्या को सबसे छुपा कर रखते है।
शीध्रपतन पुरुषों के लिए सबसे अहम यौन समस्या है। यह स्खलन पर नियंत्रण की कमी है, इसलिए अक्सर आदमी या उसके साथी की तुलना जल्दी होता है, जिससे एक या दोनों भागीदारों के लिए संकट पैदा होता है।
शीध्रपतन क्या है।
जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि शीध्रपतन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति यौन क्रिया शुरु करने के तुरत बाद तेजी से स्खलन करता है। कई मर्द फोरप्ले शुरु होते ही स्खलित हो जाते है। जब वे अपने लिंग को योनि में डालने की कोशिश करते है। तों कुछ पुरुष स्खलन पर नियंत्रण खो देते है, जबकि कुछ प्रवेश के बाद बहुत जल्दी स्खलित हो जाते है । जिससे उसका पार्टनर असंतुष्ट रह जाता है। जो भी हो शीध्रपतन संकट पैदा कर सकता है और एक आदमी और उसके साथी के बीच तनाव पैदा कर सकता है। कुछ पुरुषों को उनके पहले यौन अनुभव के समय से पहले स्खलन होगा, जबकि अन्य में यह सामान्य यौन गतिविधि की अवधि के बाद विकसीत होगा। कभी कभी स्खलन पर नियंत्रण खोना सामान्य है। शीध्रपतन की एक समस्या है अगर यह अक्सर होता है। ज्यादातर पुरुष कभी कभी जल्दी आरगेज्म तक पहुँच जाते है जितना वे चाहते भी नहीं है। उहाहरण के लिए, जब वह पहली बार सेक्स करते है तो पुरुष का जल्दी होना आम बात है। यह भी आम बात है कि अगर एक आदमी ने लबें समय तक स्खलन नहीं किया है । स्खलन की नि��ंत्रण की समायिक हानि का मतलब यह नहीं है की आदमी को एक यौन समस्या है।
शीध्रपतन कैसे होता है।
शीध्रपतन सबसे आम यौन समस्या है। यह तब होता है जब आप युवा होते है, स्खलन आमतौर पर अधिक समय लेता है जब आप बूढे हो जाते है, जब आप युवा होते है, तो शीध्रपतन हो जाता है। शीध्रपतन दो प्रकार का होता है। (1) आजीवन समय से पहले स्खलन जब होता है जब आप पहले यौन अनुभव को नियत्रित करने में सक्षम नहीं होते है। यदि इसे अनुपचारित छोड दिया जाता है तो शीध्रपतन आपके जीवन के बाकी हिस्सों के लिए जारी रह सकता है।
(2) एकावयड शीध्रपतन तब होता है जब आपको शीध्रपतन शुरु होने से पहले आरगास्म पर सामान्य नियंत्रण की अविध प्राप्त होती है।
शीध्रपतन के कारण
शीध्रपतन को पूरी तरह से मनोवैज्ञानिक माना जाता था हांलाकि, अब यह सांचा जाता गया है कि कुछ पुरुषों के पास इस कार्य को नियत्रित करने वाले मस्तिष्क केन्द्रों में से एक रसायनिक असंतुलन है। संबधित मनोवैज्ञानिक समस्याओं का जन्म दे सकता है, जैसे प्रदर्षन की चिंता
शीध्रपतन मनोवैज्ञानिक कारणों से हो सकता है जैसे:-
अवसाद या चिंता, विशेष रूप से यौन प्रदर्शन के बारे में,
यौन साथी द्वारा अस्वीकृति के बारे में चितिंत होना
असफलता की उम्मीद करना
बचपन में नकारात्मक यौन अनुभव
धार्मिक विश्वास
तनाव
रिश्ते के भीतर समस्याएं
कुछ पुरुषों में समय से पहले स्खलन का विकास होता है क्योकि उन्हें स्तभनदोष होता है (वे संभोग करने मे असमर्थ होते है या संभोग करने में सक्षम नहीं होते है) समय से पहले स्खलन बांझपन का कारण नहीं बनता है।
शीध्रपतन के उपचारः-
व्यवहार संबंधी तकनीक से शीध्रपतन का ईलाज
स्टाॅप-स्टार्ट तकनीक मे स्खलन से पहले संवेदनाओं को नियत्रित करना सीखना शामिल है। स्टाॅप-स्टार्ट तकनीक का विचार बार बार अपने आप को स्खलन के करीब लाने के लिए है, जब आप स्खलन के करीब हो तो तब रुकें और आराम करें। और थोडी ��ेर बाद फिर से सेक्स करना शुरु करना चाहिए। इससे स्खलन देर से होता है। यदि आप अक्सर ऐसा करते है तो आप अपने नो रिटर्न आफ प्वाइंट को पहचानना सीख जायेगें।
स्खलन से पहले की उत्तेजना को कम करने के लिए स्खलन से ठीक पहले लिंग के अंत को निचोडना या दबाना शामिल है। यह अभ्यास अकेले या एक साथी के साथ सेक्स के दौरान किया जाता है। निचोड विधि का उपयोग करने के लिए सेक्स के दौरान स्खलन बिन्दु से ठीक पहले लिंग को योनि से बाहर निकालें फिर लिंग के अगले हिस्से को तब तक निचोडें जब तक स्खलन की अनुभूति बिल्कुल खत्म न हो जाये। एक बार यह अनुभूति खत्म होने के बाइ आप फिर से सेक्स षुरु कर सकते है। शीध्रपतन से छुटकारा पाने के लिए य�� बहुत प्रभावशाली है। यह तरीका आपको लम्बे समय तक सेक्स करने में मदद कर सकता है।
कीगल व्यायाम वीर्य को जल्दी निकलने से कैसे रोकेंः-
कीगल व्यायाम शीध्रपतन की समस्या से छुटकारा पाने में आपकी मदद कर सकता है। ये अभ्यास श्रोणि मंजिल को मजबूत करने के लिए डिजाईन किए गये है। अपने पैल्विक फ्लोर की मांस पेशियों की पहचान करने के लिए, अपने आप को पेशाब करते समय मिडस्ट्रीम में रोकें और अपने पैल्विक फ्लोर की मांस पेशियों को पहचाने। यह वह क्रिया है जिसका अभ्यास आपको तब करना है। जब आपका मुत्राश्य खाली हो। कसकर मांसपेशियों को दबाने की कोशिश करें और 10 सेंकड के लिए रोंके। दिन में तीन बार 10 बार दोहराएं।
पुरुश कीगल व्यायाम करने के लिए सीधे खडे हो जाएं और पैल्विक मांस पेशियों को आप पेशाब करने के दौरान बीच बीच में पेशाब को रोकें या मांस पेशियों को दबाएं। उेसा आप दिन में 10 बार करें। यह शीध्रपतन को रोकने में सक्षम होता है। यह कीगल व्यायाम न केवल आपके प्राईवेट पार्ट को मजबूती देगा बल्कि यौन क्रिया में भरपूर आंनद की प्राप्ति के लिए आपको तैयार भी करेगी।
समयपूर्व स्खलन के ईलाज के लिए मनोचिकित्सक और परामर्श
एक अनुभवी सेक्स चिकित्सक के मार्गदर्षन के साथ सेक्स के बारे में ��िसी भी अंतत्रित चिंताओं का पता लगाया जा सकता है और आसानी से शीध्रपतन को दूर किया जा सकता है।
शीध्रपतन का उपचार लिंग की संवेदना को कम करना
लिंग सवेदना को कम करने के लिए स्प्रे और क्रीम का उपयोग किया जा सकता है और इसे संभोग से 30 मिनट पहले लगाया जाना चाहिए। अपने साथी द्वारा अवशोषण को रोकने के लिए कंडोम के साथ इन उपचारो का उपयोग करें। दो कंडोम का उपयोग भी सनसनी को कम करने में मदद कर सकता है। लेकिन ऐसा करने पर कंडोम के फटने का डर बना रहता हैै।
शीध्रपतन को रोकने के लिए लिंग को दबाएं
अपने लिंग को जोर से दबाना भी शीध्रपतन को रोकने में प्रभावी होता है, हांलाकि यह तकनीक थोडी दर्दनाक हो सकती है। इस तकनीक को करने के लिए आप अपने लिंग को लिंग के सिर से लगभग आधा इंच दुरी पर नीचे की ओर पकड लें। और जब आप महसूस करें की आपका स्खलन होने वाला है तो इसे मजबूती से दबाएं। ऐसा करने से आपको महसूस होगा की आपका लिंग फंस गया है,लेकिन यह आपको अधिक समय तक संभोग करने मे मदद कर सकता है।
शीघ्रपतन का आयुर्वेदिक ईलाज
आयुर्वेदाचार्य आमतौर पर शीघ्रपतन की समस्या के लिये शिलाजीत, मकरध्वज, लौहभस्म, शतावर, सफेद मुसली, जावित्री, अश्वगंधा आदि जडी बुटियों का इस्तेमाल करते है। अगर आपको सेक्स समस्या को लेकर आयुर्वेदाचार्य से मिलने में संकोच है तो मर्द एक्ट्रसा टाईम वटी का प्रयोग करें। यह इन सभी जडी बुटियों का बेजोड निचोड है इसकी एक गोली लेने मात्र से आपकी शीघ्रपतन की समस्या में काफी आराम हो जायेगा। आप मर्द एक्ट्रसा टाईम वटी को किसी भी नजदीकी मेडीकल स्टोर से ले सकते है। अगर न मिले तो हमारे हेल्प लाईन न0 पर सम्पर्क करें सिर्फ सहार हर्बल की मर्द एक्ट्रसा टाईम वटी लें
शीध्रपतन से बचने के लिए धीरे धीरे सेक्स करें
धीरे धीरे सेक्स करा आपको शीध्रपतन होने से बचा सकता है। जब आप आराम से सेक्स करते है तो आपको खुद पर नियत्रण होता है जिससे आपका जल्दी स्खलन नही होता है। आप संभोग के दौरान कुछ सेकंड के लिए ब्रेक लें और फिर से षुरु करें। आप बीच बीच में फोरप्ले को भी अपना सकते है।
DIVYA KAMASUTRA KIT 9870161334
http://www.ayurvedicsexmedicine.com/
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सभी तरीके की यौन समस्याओ को कैसे करे जड़ से ख़तम?
आजकल लोग अपनी सेहत को लेकर ज्यादा चिंतित रहते हैं। इसी लिए बॉडी को फिट रखने के लिए, एनर्जी और स्टैमिना बढ़ाने के लिए जिम जाते है। (how to increase stamina naturally) और अगर हम जिम जाते है तो उसके साथ हमे खाने में एक डाइट चार्ट देते है उसके हिसाब से हमारा हर रोज का खाना होता है, लेकिन आज कल लोग खाने पिने के इतने शौखिन हो गए है की खाने पिने में हैल्थी खाना तो बिलकुल भी पसंद नहीं है और इसी वजह से हैल्थी खाना नहीं खाते है और अपनी हैल्थ पर बिलकुल भी ध्यान नहीं रखते है। आपको तो पता ही होगा की हमारी डाइट का और खाने पिने का सबसे ज्यादा असर हमारी सेक्सुअल हेल्थ पे होता है। आज कल ऐसा खाना पीना ज्यादा हो गया है जिससे हमारे देश में सेक्सुअल समस्या से पीड़ितो की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके आलावा मानसिक तनाव, कम नींद लेना, पारिवारिक परेशानिया, शारीरिक अस्वस्थता आदि से भी सेक्सुअल समस्याए हो सकती है।
आज के समय में 100 पुरुषो में से 70 पुरुषो को सेक्स से जुडी कोई न कोई समस्या होती है जैसे की शीघ्रपतन, ढीलापन, डिसइन्फेक्शन, इरेक्शन, सेक्स के दौरान थकान महसूस करना, कम कामेच्छा, हार्मोनल बदलाव, स्टैमिना की कमी। इसे कम करने लिए लोग इंटरनेट पे देख कर कई अलग अलग तरह के घरेलु नुस्खे आज़माते है।(natural supplements for male stamina) और कुछ लोग इसे जड़ से मिटाने के चक्कर में कई तरह की दवाइयाँ भी लेते है। लेकिन कई बार ऐसी दवाइयों से उन्हें साइड इफ़ेक्ट भी होते है।
यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जो वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुके हैं। जिससे आपको अपनी सभी यौन समस्याओं में आराम मिलेगा और उसे जड़ से खत्म करने में मदद मिलेगी।
योग और एक्सरसाइज:
अपनी सेक्स ड्राइव को सही रखने के लिए और सेक्सुअल टाइमिंग और स्टैमिना बढ़ाने के लिए कार्डियोवैस्कुलर व्यायाम कर सकते है। यह आपके रक्त परिसंचरण को तेज करता है। और आपके सेक्स करने के टाइम की बढ़ाता है। सेक्स के दौरान सहनशक्ति को भी बढ़ता है। इसके आलावा आप अपनी कामेच्छा बढ़ाने के लिए 75-150 मिनिट तक ऐसी एक्सरसाइज कर सकते हो जिससे ज्यादा से ज्यादा पसीना आये। जैसे की तैराकी और दौड़नाजैसी गतिविधियाँ आपकी कामेच्छा को बढ़ाने में चमत्कार रूप है।
सही डाइट और फ्रूट, वेजिटेबल:
खाना आपको आपके सेक्सुअल लाइफ पे बहोत ही ज्यादा इफ़ेक्ट करता है। आज कल के समय में लोग खाने पिने में इतने शौखिन है की लोगो को बहार का मसालेदार और फ़ास्ट फ़ूड कहते है जो सेहत के लिए बिलकुल भी सही नहीं है। जिससे खाने से हमारी एनर्जी कम ��ोती है और कोई पोषण भी नहीं मिलता है। अपनी सेक्स ड्राइव को बढ़ने के लिए और यौन सहनशक्ति बढ़ाने के लिए आप अखरोट, स्ट्रॉबेरी, एवोकाडो, तरबूज और बादाम इसका सेवन कर सकते हो।
आयुर्वेदिक उपचार:
आप अपनी यौन समस्या को जड़ से ख़तम करने के लिए आयुर्वेद का भी इस्तेमाल कर सकते हो जिससे आपको कोई भी साइड इफ़ेक्ट का भी डर नहीं रहेगा और आपकी सभी समस्या जड़ से ख़तम हो जाएगी। आप अश्वगंधा, शिलाजीत, शतावरी, कौचा, गोक्षुरा जैसी जड़ीबूटियों का भी इस्तेमाल कर सकते हो। इसके आलावा आप इन उपचार को भी इस्तेमाल कर सकते हो। योहिम्बाइन एक पेड़ की छाल का अर्क है जो लिंग में रक्त के प्रवाह को बढ़ाकर बेहतर स्तंभन कार्य को बढ़ावा देता है। एक अध्ययन के अनुसार, एथलेटिक गतिविधि से पहले कैफीन का सेवन करने वाले पुरुष अधिक शक्ति पैदा करने में सक्षम थे। कैफीन के उत्तेजक प्रभावों ने भी उनकी सहनशक्ति में वृद्धि की। जिनसेंग अपने संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाने के इच्छुक लोगों के लिए सबसे लोकप्रिय हर्बल उपचारों में से एक है। यह यौन क्षमता को भी बढ़ा सकता है।
आयुर्वेदिक और नेचुरल उपाय:
इन सभी के आलावा आप “Horse Fire Tablet” का भी इस्तेमाल कर सकते हो। यह मेडिसिन पूरी तरीके से आयुर्वेदिक हर्ब्स से तैयार की गई है। इसमें अश्वगंधा, शिलाजीत, शतावरी, कौचा, स्वेत मसूली, मकरध्वज जैसी 9+ जड़ीबूटियों से तैयार किया गया है। इस सभी जड़ीबूटियों का सही मात्रा में मिश्रण करके यौन पीड़ित पुरुषो के लिए तैयार की गई है। जिससे यौन सम्बंधित सभी तरीके की समस्या को जड़ से ख़तम करने में मदद करता है। । इससे कई सारे यौन पीड़ित पुरुषो की सभी समस्याओ को जड़ से ख़तम किया है और इस दवाई को गवर्नमेंट ने मंजूरी भी दे दी है। यह दवाई आरोग्य विभाग द्वारा प्रमाणित है तथा साथ ही इस कंपनी को GMP और ISO द्वारा स्वीकृत प्रदान किया गया है। इसके इस्तेमाल से किसी प्रकार की दुष्प्रभाव का खतरा नहीं है।
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शुक्ल त्���योदशी पर दंगल व मेला का किया गया आयोजन
शुक्ल त्रयोदशी पर दंगल व मेला का किया गया आयोजन
जमानिया क्षेत्र के सोनहरिया वन में बाबा सिद्धनाथ मंदिर पर हर वर्ष की तरह माघ शुक्ल त्रयोदशी पर सोमवार को दंगल व मेला का आयोजन किया गया।जिसमें सुबह ��े ही बाबा सिद्धनाथ का वार्षिक पूजन हवन के बाद बाबा का मुख्य प्रसाद पायस का वितरण के साथ ही शास्त्रीय संगीत में द्वारिका नाथ राय,सन्तोष तिवारी, मकरध्वज उपाध्याय,कौशल उपाध्यायआदि ने भजन व लाली छाय रही है उड़त अबीर गुलाल होरी प्रस्तुत कर लोगो को मन्त्र…
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श्री हनुमान जन्मोत्सव - Shri Hanuman Jayanti
हनुमान जयंती क्यों, कब, कहाँ और कैसे? ❀ श्री हनुमान जन्मोत्सव - Shri Hanuman Jayanti
हनुमान आरती: ❀ श्री हनुमान आरती❀ श्री बालाजी की आरती
हनुमान चालीसा: ❀ श्री हनुमान चालीसा
मंत्र / नामावली: ❀ श्रीहनुमत् पञ्चरत्नम्❀ श्री हनुमान स्तवन - श्रीहनुमन्नमस्कारः❀ श्री हनुमान अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली
हनुमान भजन: ❀ हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन❀ संकट मोचन हनुमानाष्टक❀ श्री बजरंग बाण पाठ❀ श्री राम स्तुति: श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन❀ राम ना मिलेगे हनुमान के बिना❀ वीर हनुमाना अति बलवाना❀ श्री हनुमान-बालाजी भजन
हनुमान कथा: ❀ सुन्दरकाण्ड पाठ ❀ श्री हनुमान गाथा
हनुमान मंदिर: ❀ दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर❀ हनुमान बरी, नगला खुशहाली❀ श्री मकरध्वज हनुमान मंदिर, बेट द्वारिका❀ डुल्या मारुति मंदिर, पुणे❀ 108 फुट संकट मोचन धाम, दिल्ली❀ बड़ा हनुमान मंदिर, ब्रिजघाट गढ़मुक्तेश्वर❀ श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर, जयपुर❀ श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर, जयपुर❀ दर्शन मुखी श्री हनुमान मंदिर, शेरगढ़ किला धौलपुर❀ पनकी हनुमान मंदिर, कानपुर❀ रामचंडी हनुमान मंदिर, पुरी
भक्तमाल: हनुमान भक्त ❀ नीब करौरी बाबा ❀ तुलसीदास जी ❀ धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री
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बजरंगबली का पंचमुखी रूप :------------ कहते हैं कि बजरंगबली के दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति के सारे दुख दूर हो जाते हैं। घर में आई हर तरह की विपदा को दूर करने के लिए हनुमान जी की पूजा की जाती है या फिर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। यहां तक की शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए भी हनुमान जी की पूजा-अर्चना की जाती है। हम सबने हनुमान जी के पंचमुखी रूप के दर्शन तो किए ही होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं इस पंचमुखी रूप का राज़। इसके पीछे एक बहुत ही खास कथा जुड़ी जिसके बारे में आज हम आपको रूबरू करवाएंगे। तो चलिए जानते हैं उस पौराणिक कथा के बारे में। पौराणिक कथा के अनुसार लंका में जब राम और रावण की सेना के बीच भयंकर युद्ध चल रहा था। तभी रावण को लगा कि अब उसकी हार करीब है। तो उसने इस समस्या से उबरने के लिए अपने मायावी भाई अहिरावन को याद किया जोकि मां भवानी का परम भक्त होने के साथ-साथ तंत्र-मंत्र का बड़ा ज्ञानी था। जब वह युद्ध में आया तो उसने अपने माया से भगवान राम की सारी सेना को गहरी नींद में डाल दिया और राम व लक्ष्मण का अपरहण कर उन्हें पाताल लोक ले गया। कुछ समय बाद जब माया का प्रभाव कम हुआ तब विभिषण ये बात जान गया कि ये काम केवल अहिरावन का है। तभी उन्होंने हनुमान को श्री राम और लक्ष्मण की सहायता करने के लिए पाताल लोक जाने को कहा। पाताल लोक पहुंचने पर मुख्य द्वार पर उन्हें उनका पुत्र मकरध्वज मिला और युद्ध में उसे हराने के बाद बंधक बने श्री राम और लक्ष्मण मिले। लेकिन अचानक हनुमान जी की नजर वहां जल रहे पांच दीपक पर पड़ी जोकि पांच अलग-अलग दिशाओं में थे। उन दीपकों को अहिरावण ने मां भवानी के लिए जलाए थे। विभीषण ने बताया था कि अगर उन पांचों दीपक को एक साथ बुझा दें तो अहिरावन का वध हो जाएगा। इसलिए हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धरा। उत्तर दिशा में वराह मुख, दक्षिण दिशा में नरसिंह मुख, पश्चिम में गरुड़ मुख, आकाश की तरफ हयग्रीव मुख और पूर्व दिशा में हनुमान मुख। इस रूप को धरकर उन्होंने वे पांचों दीप बुझाए और अहिरावण का वध कर राम, लक्ष्मण को उससे मुक्त किया। तभी से ही हनुमान जी का पंचमुख रूप प्रचलित हुआ है। https://www.instagram.com/p/CYGCfMerM6X/?utm_medium=tumblr
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Part 2औषधि योग
(1 ) वट (बरगद)के दूध की 5 बूंदे बताशे(चीनी वाले) में भर कर खाइए
(2)असगंध और विधारा (ये चीझे आसानी से उपलब्ध हो जाएँगी) का कुटा पिसा तथा छाना हुआ चूर्ण बराबर मात्रा में लेकर मिला लीजिये /इसमे से 11ग्राम चूर्ण ,सुबह ही खाके ,तुरंत ही मिश्री मिला दूध पी लीजिये ,हर साल चार महीने (जाड़े में ) सेवन से 50 की उम्र वाला भी किसी मदमाती युवती को परास्त कर सकता है ( ह्रदय रोगी किसी अनुभवी वैद्य से सलाह लेकर ही सेवन करे)
(3) कौंच के बीजो का चूर्ण 3/2 ग्राम और खस खस के बीजो का चूर्ण 3/2 ग्राम ,दोनों को मिला कर ,लेने और ऊपर से गर्म मिश्री मिला दूध लेने से , पुष्ट होता है
(4)रतिवल्लभ चूर्ण -श��ाकुल मिश्री 98 ग्राम बहमन सफ़ेद 23 ग्राम, बहमन सुर्ख 23 ग्राम ,सालव मिश्री 23 ग्राम ,दालचीनी 23 ग्राम, सफ़ेद मूसली ,47 ग्राम स्याह मूसली 47 ग्राम , छुहारे (गुठली निकला गूदा) 47 ग्राम छोटी इलायची के बीज 2.5 ग्राम, गोखरू 2 ग्राम ,गावजवा २ ग्राम मिश्री 350 ग्राम इन सबको अलग अलग कूट पीस ,छान कर ,एक बोतल में भर लीजिये ,इसके सेवन से दिल दिमाग में ताकत आती है ,इस भाग दौड़,तनाव के माहौल मेंकमलगट्टे उपयोगी है ,जिनकी धातु पतली है ,उनके लिए लाभप्रद है ,(ध्यान रहे ,स्त्री के प्रति आपकी रूचि बढाता है)/
इसे 11 ग्राम मात्र ,सबेरे ही भोजन से पहले ले कर गर्म दूध पीना चाहिए /
(5) शक्तिदायक रस -सफ़ेद प्याज का रस 8 माशा ,अदरक का रस 6 माशा ,शहद 4 माशा ,घी 5/2 माशा ,यह एक मात्रा है ,इन सबको एक प्याली या कप में मिला कर पी लेने से सेक्स की इच्छा बढ जाती है /
एक महीने का सेवन से सेक्स के प्रति विरक्ति वाला भी औरत खोजने लगता है /इसकी तासीर गर्म है ,इसलिए इसे जाड़े में प्रयोग करना चाहिए
(6) त्रिफाले का चूर्ण ,शहद ,घी (शहद और घी बराबर मात्रा में न हो) और कान्तसार लौह भस्म इन सब को मिला कर नित्य रात को पीने से रात भर सेक्स हो सकता है,थकावट नहीं होती
(7) यदि आप को पैसे की कोई कमी नहीं तो आप अम्बरीन का प्रयोग कर सकते है
अम्बरीन-मकरध्वज, अभ्रक भस्म,संखिया भस्म ,कान्त लौह ,स्वर्ण,मुक्ता,रजत भस्म ,शिलाजीत ,कुचला, भांग का सत,असगंध,सतावर,केसर,कस्तूरी ,अम्बर इत्यादि /
(8)कस्तूरी वटी -कस्तूरी,केशर,जायफल,लवंग ,मकरध्वज पत्येक 11.5 ग्राम ,पान की जड़ 58 ग्राम
(9)स्तम्भक योग -करेले के पत्तो का स्वरस 116.64 ग्राम ,रात को छत पर ओस में रखिये ,सबेरे इसमे 30 ग्राम कुलंजन का चूर्ण मिला दीजिये ,सूख जाने पर सुरक्षित रखे , सेक्स के 1 घंटा पहले 3/4 ग्राम मात्रा ,एक पाव भैस के दूध के साथ ग्रहण करे ,यह योग अत्यंत कामोत्तेजक और स्तम्भक है /
मैंने विद्वानों की राय इस सेक्स प्रसंग पर ली ,उनमे कुछ ने कई तरह के रस्ते बताये ,यहाँ मै कुछ लेपन विधि ,और मंत्र-तंत्र विधि का वर्णन करना चाहूँगा ,उन लोगो का आभार मानते हुए /
शीघ्रपतन नाशक लेप -
(1) कमलगट्टेकी गिरी (जीरे समेत)को थोड़े से पानी ��ें पीस कर शहद मिला कर नाभि (सुडी) पर लेप करके सूखने पर लिंगेन्द्रिय(penis) कड़ा हो जाता है और सेक्स में timinng बढ जाता है ,
(2)जंगली कबूतर की बीट (आम तौर पर उसकी सफेदी)नमक और औरत के बालो की राख ,इन सबको बराबर बराबर लेकर शहद में अथवा चमेली के तेल में मिला कर शीशी में मिला कर भर ले,समय पर इसमे से थोडा लेप ,सुपारी छोड़ ,लिंग पर लगाये /
(3)6 माशे कुचला ,शराब में पीस कर उसका गाढ़ा गाढ़ा लेप नाखूनों पर लगाये ,जब सूख जाए तब सेक्स करने से स्टेबिलिटी बढ़ती है /
(4)थूहड़ (सेहुड़)का दूध 11.664 ग्राम और गाय का दूध उतनी ही मात्रा ,दोनों को दिन भर धुप में रखे ,रात को थोडा सा चमेली के तेल में मिला कर ,लिंग पर मालिश करे फिर एक घंटे बाद सेक्स करे /
(5)काले धतूरे की पत्तियों का रस टखनो पर लगाये ,जब रस सूख जाए तब सेक्स करे ,जल्दी फाल नहीं होगा
(6)बेल और मुंडी के फूल तथा कपूर को एकत्र पीस कर लिंग पर इसका लेपन करके सेक्स करे
(7)नींबू के रस का लेप लिंग पर करके सूखने पर सेक्स करने से स्त्री जल्दी द्रवित हो जाती है
(8) गंघक को पत्थर पर रगड़ कर,उसमे शहद मिला कर लिंग पर उसका लेप करके सेक्स करने पर ,स्त्री बिना किसी मंत्र के ,तुरंत द्रवित हो जाती है /
(9)शहद में त्रिफाले का चूर्ण मिला कर स्त्री के भग में डाल कर .फिर उससे सेक्स करे /
स्त्री को जल्दी फाल कराने वाले मंत्र-तंत्र
1-"ॐ भगवते रुद्राय उद्दामरेश्वराय स्त्रीणम मदं द्रावय स्वाहा ठ: ठ:"
इस मंत्र को एकाग्रचित्त होकर 108 बार जपने से यह सिद्ध होता है ,सिद्ध हो जाने के बाद सेक्स् के समय पुरुष को मन ही मन ,इ सका जाप करना चाहिए
2 -लाल अपामार्ग -इसकी जड़ को सोमवार को उखाड़ लाये और उस दिन उसको शुक्र स्तम्भन मंत्र (मंत्र का 108 बार जप करके ) से अभिमंत्रित करे/ अगले दिन सुबह (मंगलवार को) स्नान करके पुरुष इसे कमर में बाँध ले सेक्स के समय जब तक ये कमर में रहेगी ,उसका वीर्य स्खलित होना मुश्किल होगा /
3 -"ॐ ह्री अग: शुक्र स्तम्भनकारी स्वाहा "
"ॐ मद मद ,मादय मादय ह्रीसौं ह्री रुपिणी स्वाहा "
इस मंत्र का 10000 बार एकाग्रचित्त होकर जाप करने और लाल फूलो का हवन करने से यह सिद्ध हो जाता है ,जब कभी पुरुष सम्भोग में रत हो तो मन ही मन इस मंत्र का जाप करके अपने बाए हाथ की अनामिका से स्त्री की योनि छू कर ,मंत्र उसमे प्रविष्ठ कर दे तो मैथुन में स्त्री पुरुष से पहले छरित होती है
Posted 16th June 2013 by Anonymous
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JUN
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sheeghra patan
शीघ्र पतन
सफल सेक्स की बड़ी समस्या ,शीघ्र पतन की होती है / इसके लिए बहुत सी दवाइया भी बाज़ार में अपना दावा पेश करने में लगी है / पर क्या आप जानते है की, सबसे अच्छी दवा आप खुद ही है ? मै इन दवाओ के बारे में कुछ न कह के केवल मतलब की बात बताना चाहूँगा /शीघ्र पतन यानी तुरन्त फाल हो जाना ,निःसंदेह स्त्री के फाल होने से पहले फाल होना एक शर्मिंदगी का कारण बनता है ,आदमी कुछ भी सहन कर लेता ही लेकिन ,स्त्री की नजर में नीचे होना ,,अतिशय कष्टदायक /यहाँ कुछ तरीका सुझाना चाहूँगा ,जिसे आप खुद करने का प्रयास कर सकते है /सबसे पहले तो ये भूल जाइये की ,किसी चमत्कार से या किसी जादुई ताकत से किसी ने आप को ठीक कर दिया /ये सारी छमता और ज्ञान आप में पहले से मौजूद है ,मै सिर्फ आप को याद दिला रहा हूँ /
स्तम्भन यानि जल्दी फाल न होना ,इसके लिए कई बिशेष प्रकार के व्यायाम है ,पर सिद्धांत सबका एक ही है ,गुदा व इंद्रिय की मांसपेशियों के संकोचन व प्रसारण पर नियंत्रण /जो व्यक्ति अभ्यास द्वारा उन मांस पेशियों क संकोचन व प्रसारण पर नियंत्रण कर सकता है, वह इच्छित काल तक वीर्य को स्खलित हों स रोक सकता है /ये कुछ तरीके है, परन्तु एक दिन करने का मतलब ये नहीं की , आप सुपर ह्यूमन हो गए , पर ये तरीके आप के पार्टनर को आश्चर्य चकित कर सकते है, जिससे उसे आप के बारे में और ज्यादा सोचने को मजबूर होना पड़ेगा /
सबसे पहला नियम ये की,आप की स्त्री या प्रमिका उदास या मायूस नहीं होनी चाहिये , आप के किसी अन्य कार्य व व्यवहार से ,
(१) सुबह स्नान ध्यान के बाद थोडा समय निकालिए ,एक पंजे के बल बैठिये एडी को गुदा और अंडकोष के बीच सटा दीजिये,दूसरे पैर को ,जिस पर आप बैठे हो ,उस कि जंघा पर रख कर सारा भार ,गुदा और अंडकोष क बीच डाल दीजिये , पर ध्यान रहे , य इतनी आसानी से नहीं होने वाला ,थोडा धैर्य तो रखना ही होगा /
इस प्रकार जितना देर बैठ सकते है, बैठिये/
(२) गुदा संकोचन क्रिया -सीधे खड़े हो जाइये ,फिर दोनों पंजो व घुटनों को बाहर की ऒर ,इस तरह मोड़िये ,की दोनों नितम्ब के किनारे आपस में मिल जाए ,अब प्राणवायु को ऊपर की तरफ खीच कर गुदा की पेशी का संकोचन कीजिये ,साथ साथ ��िंग की लिंगोथापनी पेशी (penis को hard )करने वाली पेशी के सहारे लिंग को ऊपर खीचे , पेशी को इसप्रकार संकुचित किये,आप लम्बे और धीमे श्वास लेकर , पेट को जितना अधिक से अधिक फुला और पचका सके,उतना अच्छा है ,शुरू शुरू में, गुदा की पेशी को संकुचित अवस्था में रखते हुए, पेट फुलाने पचकाने में थोड़ी समस्या होगी,परन्तु कुछ दिनों के अभ्यास से , ये कठिनाई दूर हो जायेगी ,ये क्रिया लेट कर भी की जा सकती है /परन्तु,इसे दोनों विधि से करना अच्छा है / यह क्रिया 71 बार तक प्रति दिन करनी चाहिये ,प्रारंभ में 5 मिनट सुबह और शाम को करना चाहिए / फिर ध्रीरे धीरे समय बढ़ा कर 15 से 20 मिनट तक करना चाहिए
(३)लघुशंका नियंत्रण क्रिया - पेशाब लगातार एक धार से नहीं करना चाहिए ,
बल्कि बीच बीच में पेशाब को कुछ सेकंड के लिए रोक -रोक कर छोड़ना चाहिए ,पेशाब करते समय,धार को एकदम रोके और पेडू गुदा और नितम्बो को संकुचित करे ,फिर पेशाब की धार छोड़े /संकोचन विकास की इस क्रिया से वीर्य स्खलन पर नियंत्रण प्राप्त होता है /
(४) पौरष ग्रन्थि की मालिश -गुदा में लगभग एक इंच अन्दर की ओर स्थित पौरष ग्रंथि को अंगुल��� द्वारा घीरे धीरे मालिश करना चाहिये ,इसके फलस्वरूप,स्तम्भन शक्ति में बृद्धि होती है ,अंगुली द्वारा मलते समय स्वछता एवं सावधानी का विशेष ख्याल रखना चाहिए ,नाखून इत्यादि कटे होने चाहिए / किसी किस्म का कोई तनाव, शारीरिक या मानसिक नहीं होना चाहिए / सम्भॊग १/२ घंटा पहले ,,शौच जरूर जाना चाहिए एवं इस क्रिया को करने के बाद ,लिंग को पानी से थोड़ी देर तक धोये ,इससे जल्दी फाल नहीं होता
(५) कभी भूल कर भी सम्भॊग से पहले पोर्न न देखे ,पोर्न से सेक्स बढने की बात केवल बेवकूफ बनाना ही है
ये तो कुछ यो सम्बन्धी क्रियाये है,इसके अलावा औषधीय चिकित्सा भी है ,जो स्तम्भन में सहायक होती है , लेकिन ये बाज़ार में शुद्ध रूप से जल्दी मिलती नहीं आप को खुद तैयार करना होगा
वीर्यवर्धक चूर्ण -गोखुर,शतावर ,कंकोली बंगला ,तालमखाना ,शिवलिंगी सफ़ेद कौञ्च के बीज ,इसबगोल की भूसी निर्धारित मात्रा में चूर्ण बना कर खाने से कितना भी निराश व्यक्ति हो, २-३ महीने में ही बलिष्ठ हो जाता है
इसके अलावा भी बहुत सी औषधि योग ,शीघ्र पतन नाशक लेप एवं स्त्री को पहले स्खलित कराने वाले मंत्र- तंत्र पर , अपने मित्रो से चर्चा करने के बाद लिखूंगा , पर ध्यान रहे मंत्र इत्यादि ,���िना पूरी एकाग्रता और सावधानी के सिद्ध नहीं होता
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भक्त हनुमान के सन्यासी होने के बाद भी उनका एक पुत्र था लेकिन उनके पुत्र हुआ कैसे? आज हम आपको उसी घटनाक्रम के बारे में बताएँगे।
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बी डिभिजन क्लब बाँसबारीलाई अराउण्ड द हिमालयजको प्रायोजन
४ फागुन, काठमाडौं । शहीद स्मारक ‘बी’ डिभिजन लिग खेल्ने तयारीमा रहेको बाँसबारी क्लबलाई अराउन्ड द हिमालयज प्रालिले मुख्य प्रायोजन गरेको छ ।
बी डिभिजन लिग यही फागुन १२ गतेदेखि हुँदैछ । बाँसबारी क्लबले आइतबार अराउन्ड द हिमालयजसँग एक वर्षको लागि प्रायोजन सम्झौता गरेको हो । अराउण्ड द हिमालयज पर्यटन क्षेत्रमा काम गर्ने संस्था हो ।
बाँकसबारी क्लबका अध्यक्ष प्रेम थापा र हिमालयजका प्रबन्ध निर्देशक सुधा रमनले सम्झौता पत्रमा हस्ताक्षर गरे । सम्झौतासँगै अराउन्ड द हिमालयजले बाँसबारी क्लबलाई १० लाख नगद उपलब्ध ��राउने छ ।
यस्तै क्लबले अराउन्ड द हिमालयज बाँसबारीको नामबाट ‘बी’ डिभिजन लिग खेल्नेछ भने क्लबको जर्सीमा पनि प्रायोजकको लोगो राखिनेछ । प्रायोजकले क्लबलाई राम्रो फुटबल खेल्ने उर्जा प्राप्त हुने र आउने दिनमा पनि सहकार्य निरन्तर हुने अपेक्षा राखेको छ ।
स्थापना भएको ४ दशक भइसकेको बाँसबारीले यस वर्ष ए डिभिजनमा उक्लने लक्ष्यका साथ तयारी शुरु गरिरसकेको छ ।
क्लबले यस सिजन लिगका लागि २२ खेलाडी र ३ प्रशिक्षकसँग सम्झौता गरिसकेको छ । क्लबको मुख्य प्रशिक्षकमा राष्ट्रिय टोलीका पूर्वखेलाडी युगल किशोर राई तथा सहायक प्रशिक्षकमा निशान श्रेष्ठ छन् । यस्तै भारतबाट कण्डिसनिङ प्रशिक्षकमा कपिल फोगटलाई अनुबन्ध गरेको क्लबले जनाएको छ ।
बाँसबारीको टिम : अन्जन देवकोटा (कप्तान), टंकप्रसाद गुरुङ, सुलेमान थापा मगर, अनिल गुरुङ, अनुज भण्डारी, अमृत श्रेष्ठ, भीष्मराज घिमिरे, शिव गुरुङ, निशान सुनार, सजिन थापा मगर, सुरेश कुमाल, विशाल स्याङतान, सुदिस जबेगु, केशव खड्का, विपिन गुरुङ, रोशन नेपाल, सञ्जय सुब्बा, अजय राजवंशी, दिपान्शु राउत, मकरध्वज गुरुङ, कमल खवास, अमृत गुरुङ
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जीवन मंत्र डेस्क. भगवान हनुमान को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। हनुमान एक ऐसे देवता हैं, जिनका मंदिर हर स्थान पर आसानी से मिल जाता है। कलियुग में सबसे ज्यादा भगवान शंकर के ग्यारहवें रुद्र अवतार श्रीहनुमानजी को ही पूजा जाता है। इसीलिए, हनुमानजी को कलियुग का जीवंत देवता भी माना जाता है। आज हम हम आपको कुछ विशेष मंदिरों के बारे में बता रहे हैं। 1. हनुमान मंदिर, इलाहबाद (उत्तर प्रदेश) इलाहबाद किले से सटा यह मंदिर लेटे हुए भगवान हनुमान की प्रतिमा वाला प्राचीन मंदिर है। इसमें हनुमान जी लेटी हुई मुद्रा में हैं। मूर्ति 20 फीट लम्बी है। जब बारीश में बाढ़ आती है तो मंदिर जलमग्न हो जाता है, तब मूर्ति को कहीं ओर ले जाकर सुरक्षित रखा जाता है। 2. हनुमानगढ़ी, अयोध्या अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्मस्थली है। हनुमानगढ़ी मंदिर प्रसिद्ध है। यह मंदिर राजद्वार के सामने ऊंचे टीले पर बना है। मंदिर के चारों ओर निवास साधु-संत रहते हैं। हनुमानगढ़ी के दक्षिण में सुग्रीव टीला व अंगद टीला नामक जगह हैं। मंदिर की स्थापना 300 साल पहले स्वामी अभयारामदासजी ने की थी। 3. सालासर हनुमान मंदिर, सालासर(राजस्थान) यह मंदिर राजस्थान के चूरू जिले में है। गांव का नाम सालासर है, इसलिए सालासर बालाजी के नाम यह प्रसिद्ध है। यह प्रतिमा दाड़ी व मूंछ वाली है। यह एक किसान को खेत में मिली थी, जिसे सालासर में सोने के सिंहासन पर स्थापित किया गया है। 4. हनुमान धारा, चित्रकूट उत्तर प्रदेश में सीतापुर के पास यह हनुमान मंदिर है। यह पर्वतमाला के मध्य में है। हनुमान की मूर्ति के ठीक ऊपर दो कुंड हैं, जो हमेशा भरे रहते हैं। उनमें से पानी बहता रहता है। इस धारा का जल मूर्ति के ऊपर से बहता है। इसीलिए, इसे हनुमान धारा कहते हैं। 5. श्री संकटमोचन मंदिर, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में है। इस मंदिर के चारों ओर एक छोटा सा वन है। ��ंदिर के प्रांगण में भगवान हनुमान की दिव्य प्रतिमा है। ऐसी मान्यता है कि हनुमानजी की यह मूर्ति गोस्वामी तुलसीदासजी के तप एवं पुण्य से प्रकट हुई स्वयंभू मूर्ति है। 6. भेट-द्वारका, गुजरात भेज-द्वारका से चार मील की दूरी पर मकरध्वज के साथ में भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित है। कहते हैं कि पहले मकरध्वज की मूर्ति छोटी थी परंतु अब दोनों मूर्तियां एक सी ऊंची हो गई हैं। मकरध्वज को हनुमानजी का पुत्र बताया गया है, जिसका जन्म हनुमानजी के पसीने द्वारा एक मछली से हुआ था। 7. बालाजी हनुमान मंदिर, मेहंदीपुर (राजस्थान) राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाडिय़ों के बीच बसा हुआ मेहंदीपुर है। यह मंदिर जयपुर-बांदीकुई-बस मार्ग पर जयपुर से लगभग 65 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर करीब 1 हजार साल पुराना है। यहां चट्टान में हनुमान की आकृति स्वयं उभर आई थी। इसे ही श्री हनुमान जी का स्वरूप माना जाता है। 8. डुल्या मारुति, पूना (महाराष्ट्र) पूना के गणेशपेठ में बना यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। श्रीडुल्या मारुति का मंदिर संभवत: 350 वर्ष पुराना है। मूल रूप से डुल्या मारुति की मूर्ति एक काले पत्थर पर अंकित की गई है। इस मूर्ति की स्थापना श्रीसमर्थ रामदास स्वामी ने की थी। 9. श्री कष्टभंजन हनुमान मंदिर, सारंगपुर (गुजरात) अहमदाबाद-भावनगर के पास स्थित बोटाद जंक्शन से सारंगपुर 12 मील दूर है। महायोगिराज गोपालानंद स्वामी ने इस मूर्ति की प्रतिष्ठा की थी। जनश्रुति है कि प्रतिष्ठा के समय मूर्ति में भगवान हनुमान का आवेश हुआ और यह हिलने लगी। यह मंदिर स्वामीनारायण सम्प्रदाय का एकमात्र हनुमान मंदिर है। 10. हंपी, कर्नाटक बेल्लारी जिले के हंपी शहर में एक हनुमान मंदिर है। इन्हें यंत्रोद्धारक हनुमान कहा जाता है। यही क्षेत्र प्राचीन किष्किंधा नगरी है। संभवतः यहीं किसी समय वानरों का विशाल साम्राज्य स्थापित था। आज भी यहां अनेक गुफाएं हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Lord Hanuman10 special temples of Lord Hanuman, where devotees have the most faith
http://poojakamahatva.blogspot.com/2020/01/10_6.html
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हनुमान जी का पुत्र 'मकरध्वज' | Hanuman's son 'Makardhwaj' - Religious - CreativeCorners99 - क्या आप जानते हैं, हनुमान जी का एक पुत्र भी था। जिसका नाम था - मकरध्वज।
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✨ बुढ़वा मंगल विशेष Budhwa Mangal Specials
बुढ़वा मंगल उत्सव हनुमान जी के बूढ़े(वृद्ध) रूप को समर्पित है। यह उत्सव भाद्रपद/भादौं माह के अंतिम मंगलवार को आयोजित किया जाता है, जिसे प्रचलित भाषा में बूढ़े मंगल के नाम से भी जाना जाता है।
बुढ़वा मंगल क्यों, कब, कहाँ और कैसे?❀ बुढ़वा मंगल - Budhwa Mangal
हनुमान आरती:❀ हनुमान आरती❀ बालाजी आरती❀ श्री राम स्तुति: श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन❀ त्रिमूर्तिधाम: श्री हनुमान जी की आरती
हनुमान चालीसा:❀ हनुमान चालीसा
मंत्र / नामावली:❀ संकट मोचन हनुमानाष्टक❀ श्रीहनुमत् पञ्चरत्नम्❀ श्री हनुमान स्तवन - श्रीहनुमन्नमस्कारः❀ श्री हनुमान अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली❀ हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम
हनुमान भजन:❀ हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन❀ बजरंग बाण❀ राम ना मिलेगे हनुमान के बिना❀ वीर हनुमाना अति बलवाना❀ छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना❀ बालाजी मने राम मिलन की आस❀ संकट के साथी को हनुमान कहते हैं❀ हनुमान भजन
हनुमान कथा:❀ श्री हनुमान! मंगलवार व्रत कथा❀ सुन्दरकाण्ड पाठ❀ श्री हनुमान गाथा
हनुमान मंदिर:❀ दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर❀ हनुमान बरी, नगला खुशहाली❀ श्री मकरध्वज हनुमान मंदिर, बेट द्वारिका❀ डुल्या मारुति मंदिर, पुणे❀ 108 फुट संकट मोचन धाम, दिल्ली❀ बड़ा हनुमान मंदिर, ब्रिजघाट गढ़मुक्तेश्वर❀ श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर, जयपुर❀ श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर, जयपुर❀ दर्शन मुखी श्री हनुमान मंदिर, शेरगढ़ किला धौलपुर❀ पनकी हनुमान मंदिर, कानपुर❀ रामचंडी हनुमान मंदिर, पुरी
भोग, प्रसाद बनाने की विधि:❀ चूरमा के लड्डू❀ साबूदाने की खीर 📲 https://www.bhaktibharat.com/blogs/budhwa-mangal-specials
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🚩 बुढ़वा मंगल - Budhwa Mangal 📲 https://www.bhaktibharat.com/festival/budhwa-mangal
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