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❤️ Bhagavad Gita 🙏
Hare Krishna, to Everyone! ♥️
यह श्लोक हिन्दू ग्रंथ गीता का प्रमुख और प्रसिद्ध श्लोकों में से एक है। यह श्लोक गीता के अध्याय 4 का श्लोक 7 और 8 है।
"यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्"
"परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे"
अर्थ: मै प्रकट होता हूं, मैं आता हूं, जब जब धर्म की हानि होती है, तब तब मैं आता हूं, जब जब अधर्म बढता है तब तब मैं आता हूं, सज्जन लोगों की रक्षा के लिए मै आता हूं, दुष्टों के विनाश करने के लिए मैं आता हूं, धर्म की स्थापना के लिए में आता हूं और युग युग में जन्म लेता हूं।
"I am the Beginning, Middle, and End of all." — feeling blessed.
🌼𑜞᭄with ℒℴѵℯ 🌹💞
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spark-sst · 1 year ago
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भारत के पड़ोसी देशों के नाम | याद करने की TRICKS | HISTORY TRICKS
1. भारत के पडोसी देशों के नाम
      Trick :- "बचपन में M.B.A. किया" 
 ब-बांग्लादेश
 च-चीन
  प-पाकिस्तान
 न-नेपाल
 म-म्यांमार
 भ-भूटान
  अ-अफगानिस्तान
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bhagvadgita · 1 year ago
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Verse 11.18 - Vishwarup Darshan Yoga:
त्वमक्षरं परमं वेदितव्यं त्वमस्य विश्वस्य परं निधानम् | त्वमव्यय: शाश्वतधर्मगोप्ता सनातनस्त्वं पुरुषो मतो मे ||
I recognize You as the Supreme imperishable Being, the Ultimate Truth to be known by the scriptures. You are the support of all creation; You are the eternal protector of Sanātan Dharma (the Eternal Religion); and You are the everlasting Supreme Divine Personality.
This verse is part of Arjun's praise to Lord Krishna after seeing His Cosmic Form (viśhwarūp). Arjun expresses his realization that Krishna is not just his friend and teacher, but the Supreme Lord of all, who is beyond time, space, and causation. He acknowledges that Krishna is the Source and Sustainer of everything that exists, and the upholder of the eternal law of righteousness (dharma). He also affirms that Krishna is the supreme object of knowledge, as revealed by the Vedas and other scriptures.
This verse also implies that one should not be attached to the results of one's actions, but perform them as a service to God. One should not be disturbed by success or failure, but remain balanced and steady in all situations. One should not be swayed by the dualities of life, such as pleasure and pain, heat and cold, honor and dishonor, etc., but remain fixed in one's spiritual identity as a part of God. One should seek the ultimate goal of life, which is to attain union with God.
There are many verses from other Vedic texts that convey similar messages to this verse from the Bhagvad Gita.
Īśhopaniṣhad 1:
ईशावास्यमिदं सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत् |
तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा मा गृधः कस्यस्विद् धनम् ||
Everything animate or inanimate that is within the universe is controlled and owned by the Lord. One should therefore accept only those things necessary for oneself, which are set aside as one's quota, and one should not accept other things, knowing well to whom they belong.
This verse from the Īśhopaniṣhad  teaches us that God is the supreme proprietor and controller of everything in this world. We should not be greedy or covetous of anything that belongs to Him or others. We should be content with what He has allotted to us, and use it for His service and satisfaction.
Śhrīmad Bhāgavatam 10.14.21:
न तस्य प्रतिमा अस्ति यस्य नाम महद् यश: |
हिरण्यगर्भ: इति श्रुता: प्राक् तथा च स्मरामि तम् ||
He has no material form, but His greatness is Unlimited, and He is known as Hiraṇyagarbha. I have heard this from the revealed scriptures, and I also remember Him in this way.
This verse from the Śhrīmad Bhāgavatam is spoken by Lord Brahmā, the creator of the universe, who praises Lord Vishnu, the source of all creation. He states that Vishnu has no material form, but He manifests Himself in various ways to display His glories. He is also known as Hiraṇyagarbha, or the golden womb, from whom Brahmā and all other living beings are born. Brahmā remembers Vishnu as his Lord and Master, and worships Him with devotion.
Bhagvad Gita 4.7:
यदा यदा हि धर्मस���य ग्लानिर्भवति भारत |
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ||
Whenever and wherever there is a decline in righteousness, O descendant of Bharat, and a rise of unrighteousness, at that time I manifest Myself.
This verse from the Bhagvad Gita reveals that God is not indifferent or inactive in this world. He is always concerned about the welfare of His devotees and the maintenance of dharma. He incarnates Himself in various forms and ages to protect the righteous and destroy the wicked. He also inspires and empowers His devotees to act as His instruments in establishing dharma. He is thus the eternal protector of Sanātan Dharma, as mentioned in verse 11.18.
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deshbandhu · 8 days ago
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Bharat Mein Kitane Brahmaan Sansad Chunne Jaate Hain?
परिचय
भारतीय राजनीति में जातिगत प्रतिनिधित्व एक महत्वपूर्ण विषय रहा है। विभिन्न समुदायों की राजनीतिक भागीदारी और उनके प्रभाव का अध्ययन समय-समय पर किया जाता रहा है। इसी संदर्भ में, यह जानना रोचक होगा कि भारत में कितने ब्राह्मण सांसद हैं और भारतीय लोकतंत्र में उनकी भूमिका क्या है। इस लेख में, हम ब्राह्मण समुदाय के सांसदों की संख्या, उनके ऐतिहासिक प्रभाव, और राजनीति में उनकी स्थिति का विश्लेषण करेंगे।
भारतीय संसद में ब्राह्मणों का प्रतिनिधित्व
ब्राह्मण भारतीय समाज में एक प्रमुख समुदाय है, जिसे परंपरागत रूप से शिक्षा, ज्ञान और धार्मिक कार्यों से जोड़ा जाता है। भारतीय राजनीति में ब्राह्मणों की भागीदारी लंबे समय से रही है, लेकिन समय के साथ उनकी संख्या में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।
1. लोकसभा में ब्राह्मण सांसदों की संख्या
लोकसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि चुने जाते हैं, और प्रत्येक दल में विभिन्न जातियों एवं समुदायों के नेता शामिल होते हैं। भारत में ब्राह्मण सांसदों की संख्या प्रत्येक चुनाव के बाद बदलती रहती है। उदाहरण के लिए, 2019 के आम चुनाव में, कुल 543 लोकसभा सीटों में से लगभग 40-50 सीटों पर ब्राह्मण सांसदों का चयन हुआ था।
2. राज्यसभा में ब्राह्मण सांसदों की संख्या
राज्यसभा में भी ��्राह्मण समुदाय का प्रतिनिधित्व देखने को मिलता है। हालांकि, राज्यसभा में मनोनीत और चुने गए सद���्यों की संख्या अलग-अलग होती है, जिससे सटीक आंकड़ा हर समय बदलता रहता है। विभिन्न राज्यों में क्षेत्रीय राजनीति और जातिगत समीकरणों के अनुसार ब्राह्मण उम्मीदवारों को राज्यसभा में भेजा जाता है।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में ब्राह्मणों की भूमिका
ब्राह्मण समुदाय ने भारतीय राजनीति में लंबे समय से प्रभावी भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आधुनिक भारतीय राजनीति तक, कई बड़े नेता ब्राह्मण समुदाय से आए हैं।
1. स्वतंत्रता संग्राम और प्रारंभिक राजनीति
महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, बाल गंगाधर तिलक और मदन मोहन मालवीय जैसे कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ब्राह्मण समुदाय से थे।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और अन्य राजनीतिक संगठनों में ब्राह्मणों का प्रभावी योगदान रहा।
2. स्वतंत्र भारत में ब्राह्मणों का राजनीतिक प्रभाव
1950 और 1960 के दशक में, भारत की राजनीति में ब्राह्मणों की मजबूत पकड़ थी।
जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी जैसी कई प्रमुख हस्तियां इस समुदाय से थीं।
हालांकि, 1990 के दशक के बाद जातिगत राजनीति और मंडल आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का प्रभाव बढ़ा, जिससे ब्राह्मणों का राजनीतिक दबदबा कुछ हद तक कम हुआ।
वर्तमान राजनीति में ब्राह्मण सांसदों की स्थिति
वर्तमान में, विभिन्न राजनीतिक दल ब्राह्मण समुदाय को अपने पक्ष में करने के लिए विशेष रणनीतियाँ अपनाते हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस (INC), समाजवादी पार्टी (SP), बहुजन समाज पार्टी (BSP) और अन्य क्षेत्रीय दल ब्राह्मण नेताओं को टिकट देते हैं ताकि वे ब्राह्मण मतदाताओं को आकर्षित कर सकें।
1. भारतीय जनता पार्टी (BJP) में ब्राह्मण सांसद
BJP में ब्राह्मण नेताओं की अच्छी खासी संख्या है। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में ब्राह्मण सांसदों की उपस्थिति अधिक देखी जाती है।
2. कांग्रेस (INC) में ब्राह्मण सांसद
कांग्रेस, जो ऐतिहासिक रूप से ब्राह्मणों को प्रमुख स्थान देती आई है, ने भी कई ब्राह्मण नेताओं को संसद में भेजा है। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में कांग्रेस का प्रभाव घटा है, जिससे ब्राह्मण सांसदों की संख्या भी प्रभावित हुई है।
3. अन्य क्षेत्रीय दलों में ब्राह्मण सांसद
समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, और शिवसेना जैसी पार्टियों में भी ब्राह्मण सांसद मौजूद हैं, लेकिन इनकी संख्या BJP और कांग्रेस की तुलना में कम होती है।
ब्राह्मणों की राजनीतिक चुनौतियाँ और भविष्य
हालांकि ब्राह्मण समुदाय की राजनीति में मजबू�� उपस्थिति रही है, लेकिन समय के साथ कुछ चुनौतियाँ भी आई हैं:
जातिगत राजनीति का बढ़ना: अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) को आरक्षण मिलने के कारण ब्राह्मणों का राजनीतिक प्रभाव कुछ हद तक घटा है।
नए राजनीतिक समीकरण: दलित, ओबीसी और मुस्लिम गठबंधनों के कारण ब्राह्मण उम्मीदवारों को टिकट मिलना मुश्किल हो गया है।
युवा ब्राह्मणों की राजनीति में घटती रुचि: आधुनिक समय में ब्राह्मण युवाओं का झुकाव राजनीति से अधिक शिक्षा और व्यवसाय की ओर बढ़ रहा है।
निष्कर्ष
भारत में कितने ब्राह्मण सांसद हैं – यह संख्या समय-समय पर बदलती रहती है और चुनावी परिणामों पर निर्भर करती है। लोकसभा और राज्यसभा में ब्राह्मण सांसदों की संख्या कुल सीटों की तुलना में कम होती जा रही है, लेकिन उनका प्रभाव अभी भी महत्वपूर्ण है।
भारतीय राजनीति में ब्राह्मणों का योगदान ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहा है और भविष्य में भी यह समुदाय अपनी भूमिका निभाता रहेगा। राजनीतिक दलों के लिए ब्राह्मण वोट बैंक अभी भी महत्वपूर्ण है, और इसी कारण सभी प्रमुख पार्टियाँ ब्राह्मण नेताओं को आगे बढ़ाने का प्रयास करती हैं।
भारत की राजनीति में जातिगत समीकरणों का विश्लेषण भविष्य में भी होता रहेगा और यह देखना दिलचस्प होगा कि ब्राह्मण सांसदों की संख्या आगामी चुनावों में क्या रुख अपनाती है।
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more-savi · 24 days ago
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Tourist Places to Visit in Patan
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Patan mai Ghumane ki Jagah-Tourist Places to Visit in Patan
Agar aap Tourist Places to Visit in Patan ki talash mai hai to aap sahi jagah pe aaye hai. Rani ki Vaav रानी की बावड़ी, जिसे रानी की वाव के नाम से जाना जाता है, पाटन, गुजरात, भारत में है।रानी उदयमती ने इसे 11वीं शताब्दी में अपने पति सोलंकी राजा भीमदेव प्रथम के सम्मान में बनवाया था। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है और भारत की सबसे अच्छी बावड़ियों में से एक है।रानी की वाव का सात मंजिला डिज़ाइन मानसून के मौसम के दौरान बावड़ी को बाढ़ से बचाता है।बावड़ी 64 मीटर गुणा 20 मीटर गुणा 27 मीटर है। इसमें लगभग 500 जटिल हिंदू देवता, जल अप्सराएँ और अप्सराएँ हैं। Sahastralinga Talav सहस्त्रलिंग तालाब पाटन, गुजरात, भारत में एक ऐतिहासिक मानव निर्मित झील है।14वीं सदी के सोलंकी राजा सिद्धराज जयसिंह ने इसे बनवाया था। झील छोटे-छोटे मंदिरों, मंडपों और बगीचों से घिरी हुई है।आयताकार झील 1.2 किलोमीटर लंबी और 227 मीटर चौड़ी है।पाटन का सहस्त्रलिंग तालाब अपनी ऐतिहासिक और स्थापत्य सुंदरता के लिए दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है। Panchasara Parshwanath Jain Derasar पंचसार पार्श्वनाथ जैन देरासर भारत के गुजरात राज्य के पाटन में एक प्रसिद्ध जैन मंदिर है।यह मंदिर जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर, भगवान पार्श्वनाथ का सम्मान करता है।16वीं सदी के इस मंदिर में सुंदर वास्तुकला और विस्तृत नक्काशी है।मंदिर में पांच सोने, चांदी, तांबे, पीतल और सीसे की भगवान पार्श्वनाथ की मूर्तियाँ हैं। मंदिर की जैन पौराणिक कथाओं पर आधारित नक्काशी और मूर्तियां प्रसिद्ध हैं।जैन मंदिर में एक केंद्रीय गुंबद और छोटे गुंबद और शिखर हैं।मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर जैन देवताओं और प्रतीकों को कलात्मक रूप से उकेरा गया है।भारत भर से जैन धर्मावलंबी भगवान पार्श्वनाथ की पूजा करने के लिए पंचसार पार्श्वनाथ जैन देरासर में आते हैं।   Patan Patola Heritage पाटन पटोला विरासत संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र पाटन, गुजरात, भारत में है।संग्रहालय दोहरी रेशम बुनाई तकनीक पाटन पटोला को संरक्षित और बढ़ावा देता है। पाटन की 700 साल पुरानी पटोला रेशम की बुनाई दुनिया की सबसे बेहतरीन और सबसे जटिल बुनाई में से एक है।पटोला साड़ियाँ, दुपट्टे और शॉल का निर्माण ताने और बाने के धागों को अलग-अलग रंगकर और उन्हें एक साथ बुनकर विस्तृत पैटर्न बनाकर किया जाता है। संग्रहालय जटिल पाटन पटोला बुनाई पैटर्न के साथ पटोला साड़ी, दुपट्टे और शॉल प्रदर्शित करता है।   Sankeshwar Jain Temple भारत के गुजरात राज्य के पाटन में संकेश्वर जैन मंदिर एक प्रमुख जैन मंदिर है।क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण जैन मंदिरों में से एक, यह जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर, भगवान महावीर का सम्मान करता है। 12वीं सदी के इस मंदिर में सुंदर वास्तुकला और जटिल नक्काशी है।मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर जैन देवताओं और प्रतीकों को अंकित किया गया है।मंदिर में जैन साहित्य की सबसे महत्वपूर्ण पांडुलिपियों और ग्रंथों का विशाल संग्रह है।विद्वान और शिक्षाविद् इन मंदिर-संरक्षित पांडुलिपियों का अध्ययन करते हैं।   Harihar Temple हरिहर मंदिर में भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा की जाती है, जो इन दोनों को समर्पित मंदि��� है।आंतरिक दीवारों पर विभिन्न प्रकार की सुंदर नक्काशी और मूर्तियां हैं। Panchmukhi Hanuman Temple: यहां एक मंदिर देखा जा सकता है जो भगवान हनुमान को समर्पित है, जिनके पांच मुख हैं।माना जाता है कि मंदिर क�� निर्माण 10वीं शताब्दी में हुआ था।   Tran Darwaza Patan पाटन शहर के केंद्र में यह स्मारक पाया जा सकता है।यह स्मारक पाटन के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है।इस स्मारक में आप तीन दरवाजे देख सकते हैं।प्राचीन काल में, यह दरवाज़ा शहर के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता था। इस दरवाजे के ऊपर एक बड़ी घड़ी है। इसीलिए इसे घंटाघर कहा जाता है।    Sidhpur Museum इस साइट में पुरावशेषों का एक बड़ा संग्रह है। पुरातत्व विभाग इस संग्रहालय का प्रबंधन करता है।पाटन जिले के बारे में बहुत सारी जानकारी यहां मिल सकती है और आप प्राचीन मूर्तियां देख सकते हैं।यह संग्रहालय बहुत ही कम प्रवेश शुल्क 5 रुपये लेता है।   Also Read – Kutch mai ghumane ki jagah – Top Places to Visit in Kutch   Famous Food of Patan:-   पतन, गुजरात, भारत का एक प्राचीन शहर है, जिसमें इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूरी है। यहां की भोजन परंपरा में गुजराती रसोई का प्रभाव दिखता है। कुछ खास और लोकप्रिय खाद्य पदार्थ पतन में मिलते हैं: फाफड़ा-जलेबी: गुजरात के प्रसिद्ध नाश्ता में से एक है फाफड़ा-जलेबी। फाफड़ा एक क्रिस्पी स्नैक है जो बेसन से बनता है, और इसे चटनी के साथ सर्व किया जाता है। इसके साथ मीठी जलेबी का सेवन होता है। ढोकला: ढोकला, जो एक फरमेंटेड स्टीम्ड केक होता है, गुजरात का प्रमुख व्यंजन है। यह खमीर और इनो से बनाया जाता है, और ढोकला चटनी के साथ सर्व किया जाता है। गाठिया: गाठिया एक अन्य प्रकार का पॉप्युलर स्नैक है जो बेसन से बनता है। इसका स्वाद गरमा-गरम चाय के साथ बहुत अच्छा लगता है। उंधीयु: उंधीयु एक स्थानीय सब्जी है जो विंटर सीजन में बनती है। इसमें कई प्रकार के सब्जियां, मुठिया (गुंदर) और मसाले शामिल होते हैं। उंधीयु को पुरी या रोटी के साथ सर्व किया जाता है। खांडवी: खांडवी एक और मीठा स्नैक है जो बेसन से बनता है। इसके छोटे छोटे रोल्स को कढ़ी पत्ता, नारियल, और तड़का के साथ सजाकर परोसा जाता है। Read the full article
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pooma-satsangam · 2 months ago
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𝗞𝗻𝗼𝘄𝗹𝗲𝗱𝗴𝗲 𝗼𝗳 𝗔𝘃𝗮𝘁𝗮𝗿𝗮 𝗮𝗻𝗱 𝗶𝘁𝘀 𝗿𝗲𝘀𝘂𝗹𝘁
Bhagvat Gita - Chapter 4: Jñāna Karm Sanyās Yog : The Yog of Knowledge and the Disciplines of Action
Verse 9
Tamil: யுகங்களின் தொடக்கத்தில் தர்மம் குறைந்து அநீதி பெருகும் போது, நானே அவதாரம் எடுப்பேன்.
English: Whenever there is a decline of righteousness, O Bharata, and a rise of unrighteousness, then I Myself come into being.
Sanskrit: यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत |
Verse 10
Tamil: தர்மத்தை நிலைநாட்��வும், துன்பப்பட்டவர்களை காக்கவும், அறியாதவர்களுக்கு ஞானம் அருளவும் நான் அவதரிப்பேன்.
English: For the protection of the righteous, for the destruction of the wicked, and for the establishment of righteousness, I am born in every Yuga.
Sanskrit: अभ्युत्थानमधर्मस्य तदाऽऽत्मनं सृजाम्यहम् |
Verse 11
Tamil: பிறவி, இறப்பு, முதுமை, நோய் ஆகியவற்றிலிருந்து விடுபட விரும்புபவர்கள் என்னை அடைய வேண்டும்.
English: He who knows Me thus to be the unborn, the beginningless, the supreme Lord of the worlds, he is not bewildered, and he is freed from all sins.
Sanskrit: परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् |
Verse 12
Tamil: ஞானம், ஞானம் என்றே சொல்லி, அறியாதவர்கள் என்னை அறிய மாட்டார்கள்.
English: Those who are always engaged in speculating about Me, saying, "He is," or "He is not," they do not know Me in reality; such deluded persons are on the wrong track.
Sanskrit: धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे |
Verse 13
Tamil: அறிவுடையவர்களே என்னை அறிவார்கள்.
English: The wise who know Me as the supreme Person, the eternal, the imperishable, the unborn, the all-pervading, the unchangeable, the support of all beings, they, having known Me thus, attain to My nature.
Sanskrit: बहूनि मे व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन |
Verse 14
Tamil: என்னை அறிந்த பிறகு, நீங்கள் உடனடியாக என்னிடம் ஐக்கியமாகி விடுவீர்கள்.
English: Having known Me in all beings, and all beings in Me, one does not hate any being; he sees Me everywhere.
Sanskrit: तान्यहं वेद सर्वाणि नातवान्येषां जन्म्य धीराः |
Verse 15
Tamil: எல்லாப் பிறவிகளிலும், என்னை அறிந்தவன் என்னை அடைகிறான்.
English: He who sees Me everywhere and sees everything in Me, he never loses Me, and I am never lost to him.
Sanskrit: मां चातो न विमोक्ष्येत पुनर्जन्मनि कदाचन |
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dayaramalok · 3 months ago
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airnews-arngbad · 3 months ago
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आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर प्रादेशिक बातम्या दिनांक: ०८ डिसेंबर २०२४ सकाळी ११.०० वाजता.
Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar Date: 08 December 2024 Time: 11.00 to 11.05 AM Language Marathi आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर प्रादेशिक बातम्या दिनांक: ०८ डिसेंबर २०२४ सकाळी ११.०० वाजता.
मणीपुरमध्ये सुरक्षा दलांनी भारत- म्यानमार दरम्यान असलेल्या सीमावर्ती भागातील कांगपोकपी जिल्ह्यात आज शोध मोहिम सुरू केली आहे. त्यामध्ये मोठ्या प्रमाणात शस्त्रसाठा सापडला असून, त्यात रायफल, पिस्तुल, हॅण्ड ग्रेनेड, डेटोनेटर अशा विविध प्रकारच्या शस्त्रसाठ्याचा समावेश आहे.
भारताचे संरक्षण मंत्री राजन���थ सिंह आजपासून तीन दिवसांच्या रशीया दौऱ्यावर रवाना होणार आहेत. या दौऱ्यात त्यांची समपदस्‍थ आंद्रेई बेलौसोव यांच्यासोबत संरक्षणासंदर्भात बैठक होणार असून, त्यात संरक्षणविषयक विविध करार होणार आहेत.
राज्य विधिमंडळाच्या विशेष अधिवेशनाला कालपासून सुरुवात झाली. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आणि अजित पवार यांच्यासह महायुतीच्या सदस्यांना सदस्यत्वाची शपथ देण्यात आली. काल शपथग्रहणावर बहिष्कार टाकलेल्या महाविकास आघाडीच्या आमदारांसह शपथ ग्रहण बाकी असलेल्या उर्वरित आमदारांचं शपथग्रहण आज प्रस्तावित आहे. दरम्यान, विधानसभा अध्यक्षांची निवड उद्या होणार असून, त्यासंदर्भातचा प्रस्ताव सादर करण्याची मुदत आज दुपारी बारा वाजेपर्यंत आहे.
देशाची राजधानी दिल्लीतील हवेची गुणवत्ता आज सकाळी अतिशय खराब होती. सकाळी ७ वाजता हवेचा गुणवत्ता निर्देशांक अर्थात एक्‍यूआय स्केल २६३ एवढा नोंदवला गेला. राजधानी दिल्लीतील वातावरण आगामी दोन दिवस सकाळ आणि संध्याकाळी दुषीतच राहण्याचा अंदाज दिल्लीच्या हवामान विभागानं वर्तवला आहे. दरम्यान, राज्यात येत्या दोन दिवसात कोकण, मध्य महाराष्ट्र आणि मराठवाड्यात हवामान कोरडं राहील तर विदर्भात तुरळक ठिकाणी पाऊस पडेल, असा अंदाज पुणे वेधशाळेनं वर्तवला आहे.
सीमेवर सैन्यदलाच्या जवानांच्या जागत्या पहाऱ्यामुळे देशातले नागरिक सुखाने राहू शकतात आणि देश प्रगती करू शकतो. ही जाणीव ठेवून प्रत्येकानं सशस्त्र सैन्यदल ध्वजनिधीला आपलं योगदान दिलं पाहिजे, असं प्रतिपादन राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन यांनी केलं आहे. सशस्त्र सेना ध्वज दिनाच्या ७५ व्या अर्थात अमृतमहोत्सवी वर्धापन दिनानिमित्त राज्यपाल राधाकृष्णन यांनी सशस्त्र सेना ध्वज निधी संकलन मोहिमेचा काल मुंबईत राजभवन इथं शुभारंभ केला, त्यावेळी ते बोलत होते. सैनिक कल्याण विभागाचे संचालक -निवृत्त कर्नल दीपक ठोंगे यांनी राज्यपालांच्या परिधानाला सैन्य दलाच्या ध्वजाची प्रतिकृती लावली आणि राज्यपालांनी ध्वजनिधीला आपलं योगदान यावेळी दिलं.
नंदुरबार जिल्ह्याच्या शहादा तालुक्यात असलोद गावात आज दारुबंदीसाठी मतदानाची प्रक्रीया सुरु असल्याचं आमच्या वार्ताहरानं कळवलं आहे. दारुमुळे नागरीकांचं होणारं नुकसान लक्षात घेत स्थानिकांच्या पुढाकारातून राज्य उत्पादन शुक्ल विभागाकडे दारु बंदीचा ठराव मांडण्यात आला होता. त्यानुसार नोटीस जारी करुन आज शहादाच्या तहसिलदारांच्या निगराणीमध्ये सकाळी आठवाजे पासून सायंकाळी पाच वाजेपर्यंत गावातील तीन मतदान केंद्रावर हि मतदान प्रक्रीया सुर राहणार आहे. सायंकाळी पाच नंतर लगेच च मतमोजणीही देखील होणार आहे.
बीड जिल्ह्यात अंबाजोगाई इथं श्री योगेश्वरी देवीच्या मार्गशीर्ष नवरात्र महोत्सवाला आज प्रारंभ झाला. थोड्याच वेळापूर्वी वर्णी देण्याचा कार्यक्रम पार पडला आहे.
ऑस्ट्रेलियाच्या ॲडलेड इथं सुरु असलेल्या बॉर्डर-गावस्कर चषक कसोटी क्रिकेट मालिकेच्या दुसऱ्या सामन्याचा आजचा चौथ्या दिवसाचा खेळ सुरु झाला आहे. भारतानं आपल्या दुसऱ्या डावात काल दिवस अखेरच्या पाच बाद १२८ धावांवरुन पुढे खेळायला सुरुवात करत शेवटचं वृत्त हाती आलं तेव्हा भारताच्या सर्वबाद १७५ धावा झाल्या असून, ऑस्ट्रेलियाला जिंकण्यासाठी केवळ १९ धावांची गरज आहे.
संयुक्त अरब अमिरातीच्या,दुबई इथं आयोजित १९ वर्षाखालील पुरुषांच्या एकदिवसीय क्रिकेट समन्यांच्या आशिया चषक स्पर्धेत भारत-बांग्लादेश दरम्यान अंतिम सामना सध्या सुरु आहे. नाणेफेक जिंकून भारतानं क्षेत्ररक्षणाचा निर्णय घेतल आहे. बांग्लादेशनं ४ षटकांत बिनबाद १४ धावा केल्या आहेत.
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kushagrat555 · 5 months ago
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11 अक्टूबर 2024
समय-12:23 AM
यह ब्लाग उस महान व्यक्तित्व को समर्पित है जिनके पीछे पीछे मैनें , Tumblr के प्लेटफार्म पर कदम रखा। शुरूआत कुछ एक पोस्ट करने के बाद तेजी से बदलती चली गई। लेकिन जीवन संघर्षों में, लगभग दो वर्षों से, मैनें निजी जीवन को संकीर्ण कर लिया था। इतना संकीर्ण की अपने जीवन और अपने ही विचारों के बीच संघर्षरत रहा। अकेलेपन की इन्ही दीवारों के बीच धीरे धीरे एक एकान्त का प्रकाश प्रदीप्तमान हुआ। जहाँ से जीवन नई ऊर्जा के प्रवाह को पाकर, विचारों में प्रोढ़ता लाता गया। और फिर से उठ चलने की चेतना जागृत हुई।
जिसके बाद मन और मस्तिष्क में वह छवि आपरूप आने लगी जिनसे रूबरू हुए अरसा हो गया था। जो प्रतिदिन यहाँ आते हैं, अपने विचार रखते हैं। और हमें और अपनी आभा से मंत्रमुग्ध कर देते हैं। मैं बात मेरे प्रिय अभिनेता, मेरी ऊर्जा, हमारे जीवन के आदर्श और हमारे सदी के महानायक श्री अमिताभ बच्चन सर @srbachchan सर की कर रहा हूँ। आज आपके जन्मदिवस पर एक खास बात कहना चाहता हूँ। वैसे तो हर एक जन्मदिवस पर कुछ न कुछ खास ही करना चाहा और किया भी पर लो आप तक कभी पहुँचा ही नहीं। कभी कविता लिखी कभी संदेश भेजा, कभी विडियो बनाई तो कभी ट्वीटर, ��न्सटा जाने कितने सोशल मीडिया आपके लिए अनगिनत पोस्ट कर डाले।
पर आज जो कहना चाहता हूँ वो वह संस्कार है जिसे आपने सिखाया है और आपने ही बनाया है। वह ऐसा संस्कार है जो आज की आपाधापी वाली पीढ़ी के लिए वरदान है।
सोशल मीडिया लगभग, हम सब के बीच पनप चुकी है, यह एक ऐसा गुड़ लगा हसिया है जो न लीला जा सकता है, न उघटा। ऐसे में हमें इसी के साथ चलना होगा, भले ही यह समय खपत करती हो, यह कलम भी है और ताकत भी। ऐसे में आपने जो किया वह एक कविपुत्र ही सोच सकता है क्योंकि कवि हमेशा व्यवस्थित रहते है, चाहे लेखन में हो, चाहे जीवन में।
ट्वीटर(X), टम्बलर, इन्सटा, यूट्यूब, फेसबुक और भी जाने कितनी सोशल मीडिया हैं, जो इजी टू यूज हैं, बस लॉग इन के साथ लाखों करोड़ों के बीच हम आ जाते हैं और एक अव्यवस्थित रूप से भीड़ का हिस्सा बन जाते हैं। मगर इन सब के बीच आपने हमें एक व्यवस्थित ढंग भी सिखाया है, जो यह है कि आप अपने द्वारा किये गए पोस्ट को क्रमबद्ध संख्या के साथ इंगित करते हैं। जो सच में आपकी गहरी सोच का उदाहरण है। आप अपने प्रशंसकों को भी एक उपाधि देते हैं वैसे तो मैं आपकी गिनती में कभी आया नहीं पर आपके प्रशंसक होनें में परास्नातक पूरा है।
आपके यही क्रमबद्ध तरीके से मैं खासा प्रभावित हूँ और आपके इस गुण का अनुकरण भी करता हूँ।
इसी के साथ आज @srbachchan सर आपको जन्मदिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ। मेरी ईश्वर से यही प्रार्थना है ईश्वर आपको स्वस्थ,सफल, समृद्ध जीवन के साथ दीर्घायु प्रदान करें।
सर आपके जन्मदिवस पर मेरे पिता जी के द्वारा एक स्व लिखित कृति जो आपको यहाँ संदेश के माध्यम से मैनें भेजी है कृपया उसका अवलोकन करें। मेरे पिता जी ने एक संदेश भी लिखा है जो इस प्रकार हैं-
"अभिनय के सर्वोच्च शिखर के ध्वजवाहक, सदी के महानायक, कवि पुत्र, हिन्दी फिल्म जगत के अभूतपूर्व एवं बेजोड बादशाह, हिन्दी भाषाई समृद्धि की सृजनात्मक संचेतनाओं के संवाहक गौरवशाली अतीत का वर्तमान के अद्भुत महान व्यक्तित्व के रूप में स्वर्णिम शिलालेख को क्षितिज की अन्तिम सत्ता तक दैदीप्यमान करनें वाले आदरित स्तम्भ श्री अमिताभ बच्चन जी को जन्मदिवस ��ी वर्षगांठ के अवसर पर "मैं सेवक समेत सुत नारी" सहित आपकी उत्तरोत्तर प्रगति ,सुख - समृद्धि,स्वस्थ जीवन यापन के साथ नित नूतन सोपानों के "सिद्ध हस्त भारत के रत्न के रूप में प्रतिष्ठित होकर "चिरञ्जीवी च यशस्वी भव "के साथ आपके हीरक जीवन शैली में मङ्गल मय जीवन यापन की शुभ कामनाओं साथ शुद्ध अन्तस की असकृत बधाई अर्पित करता हूॅ। "शुभमस्तु"।-
एक अनुनय-विनय के साथ विनम्र स्वरों में एक अनुरोध 👏👏
इसी सन्देश के साथ मेरे "स्व हस्त लेख में सम्पूर्ण कला प्रस्तुति" आपके कर कमलों में आदर स्वरूप अर्पित कर ता हूं ।
कृपया मेरी तुच्छ भे॓ट स्वीकारें । तथा यदि सम्भव हो तो कृपया "KBC" के मंच पर प्रदर्शित भी करना चाहें ।
व्यक्तिगत निवेदन-यह भेंट फ्रेम करवाकर आपको स्वयं आकर आपको हस्तगत करना चाहता हूॅ,कृपया उचित दिशानिर्देश, दिनांक, समय व स्थान प्रदान करनें की अनुकम्पा करें ।"👏👏
इसी के साथ आशा करता हूँ आप अवश्य अवलोकन करेगें ।
#AmitabhBachchan
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astrovastukosh · 5 months ago
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*🌞~ आज दिनांक - 02 अक्टूबर 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग, शुद्ध सटीक गणना के साथ और सर्वपित्री अमावस्या : 2 अक्टूबर 2024, श्राद्ध क्यों करें ?~🌞*
🙏Akshay Jamdagni ✍️🌹
9837376839 📱
*⛅दिनांक - 02 अक्टूबर 2024*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - आश्विन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अमावस्या रात्रि 12:18 अक्टूबर 03 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी दोपहर 12:33 तक तत्पश्चात हस्त*
*⛅योग - ब्रह्म रात्रि 03:22 अक्टूबर 03 तक तत्पश्चात इंद्र*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:29 से दोपहर 01:58 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:35*
*⛅सूर्यास्त - 06:22*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:43 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - कोई नही*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:05 अक्टूबर 03 से रात्रि 12:53 अक्टूबर 03 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - सर्वपित्री अमावस्या का श्राद्ध, अज्ञात तिथि वालों का श्राद्ध, शास्त्री जी जयंती, सर्वार्थ सिद्धि योग (दोपहर 12:23 से प्रातः 06:32 अक्टूबर 03 तक)*
*⛅विशेष - अमावस्या को स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹सर्वपित्री अमावस्या : 2 अक्टूबर 2024🔹*
*🔸जो जाने-अनजाने रह गये हों, जिनके मरण की तिथि का पता न हो उन सभीका श्राद्ध सर्वपित्री अमावस्या को होता है ।*
*🔸अमावस्या के दिन पितृगण वायुरूप में घर के दरवाजे पर उपस्थित रहते हैं और अपने स्वजनों से श्राद्ध की अभिलाषा करते हैं । जब तक सूर्यास्त नहीं हो जाता, तब तक वे भूख-प्यास से व्याकुल होकर वहीं खड़े रहते हैं । सूर्यास्त हो जाने के पश्चात वे निराश होकर दुःखित मन से अपने-अपने लोकों को चले जाते हैं । अतः अमावस्या के दिन प्रयत्नपूर्वक श्राद्ध अवश्य करना चाहिए । - गरुड़ पुराण*
*🔹श्राद्ध क्यों करें ?🔹*
*🔸गरुड़ पुराण (१०.५७-५९) में आता है कि 'समयानुसार श्राद्ध करने से कुल में कोई दुःखी नहीं रहता । पितरों की पूजा करके मनुष्य आयु, पुत्र, यश, स्वर्ग, कीर्ति, पुष्टि, बल, श्री, पशुधन, सुख, धन और धान्य प्राप्त करता है ।'*
*'हारीत स्मृति' में लिखा है :*
*न तत्र वीरा जायन्ते नारोग्यं न शतायुषः ।*
*न च श्रेयोऽधिगच्छन्ति यत्र श्राद्धं विवर्जितम् ॥*
*🔸'जिनके घर में श्राद्ध नहीं होता उनके कुल खानदान में वीर पुत्र उत्पन्न नहीं होते, कोई निरोग नहीं रहता । लम्बी आयु नहीं होती और किसी तरह कल्याण नहीं प्राप्त होता (किसी-न-किसी तरह की झंझट और खटपट बनी रहती है) ।'*
*🔹महर्षि सुमंतु ने कहा : “ श्राद्ध जैसा कल्याण मार्ग गृहस्थी के लिए और क्या हो सकता है ! अतः बुद्धिमान मनुष्य को प्रयत्नपूर्वक श्राद्ध करना चाहिए ।"*
*🔹श्राद्ध पितृलोक में कैसे पहुँचता है ?🔹*
*🔸श्राद्ध के दिनों में मंत्र पढ़कर हाथ में तिल, अक्षत, जल लेकर संकल्प करते हैं तो मंत्र के प्रभाव से पितरों को तृप्ति होती है, उनका अंतःकरण प्रसन्न होता है और कुल खानदान में पवित्र आत्माएँ आती हैं ।*
*🔹'यहाँ हमने अपने पिता का, पिता के पिता का और उनके कुल गोत्र का नाम लेकर ब्राह्मण को खीर खिलायी, विधिवत् भोजन कराया और वह ब्राह्मण भी दुराचारी, व्यसनी नहीं, सदाचारी है । बाबाजी ! हम श्राद्ध तो यहाँ करें तो पितृलोक में वह कैसे पहुँचेगा ?'*
*🔸जैसे मनी ऑर्डर करते हैं और सही पता लिखा होता है तो मनी ऑर्डर पहुँचता है, ऐसे ही जिसका श्राद्ध करते हो उसका और उसके कुल गोत्र का नाम लेकर तर्पण करते हो कि 'आज हम इनके निमित्त श्राद्ध करते हैं' तो उन तक पहुँचता है । देवताओं व पितरों के पास यह शक्ति होती है कि दूर होते हुए भी हमारे भाव और संकल्प स्वीकार करके वे तृप्त हो जाते हैं । मंत्र और सूर्य की किरणों के द्वारा तथा ईश्वर की नियति के अनुसार वह आंशिक सूक्ष्म भाग उनको पहुँचता है ।*
*🔹 यहाँ खिलायें और वहाँ कैसे मिलता है ?🔹*
*🔸भारत में रुपये जमा करा दें तो अमेरिका में डॉलर और इंग्लैंड में पाउंड होकर मिलते हैं । जब यह मानवीय सरकार, वेतन लेनेवाले ये कर्मचारी तुम्हारी मुद्रा (करंसी) बदल सकते हैं तो ईश्वर की प्रसन्नता के लिए जो प्रकृति काम करती है, वह ऐसी व्यवस्था कर दे तो इसमें ईश्वर व प्रकृति के लिए क्या बड़ी बात है ! आपको इस बात में संदेह नहीं करना चाहिए ।*
*🔹नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए🔹*
*🔸घर में हर अमावस्या अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इसस�� नेगेटिव एनर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण ��र्क भी डाल सकते हैं ।*
*🔹अमावस्या विशेष🔹*
*🔸1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है ।*
*(स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)*
*🔸2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)*
*🔸3. अमावस्या के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितरों को अर्पण करें । सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें । आज जो मैंने पाठ किया मेरे घर में जो गुजर गए हैं, उनको उसका पुण्य मिल जाए । इससे उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पत्ति बढ़ेगी ।*
🙏Akshay Jamdagni ✍️🌹
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more-savi · 28 days ago
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Tourist Places to Visit in Patan
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Patan mai Ghumane ki Jagah-Tourist Places to Visit in Patan
Agar aap Tourist Places to Visit in Patan ki talash mai hai to aap sahi jagah pe aaye hai. Rani ki Vaav रानी की बावड़ी, जिसे रानी की वाव के नाम से जाना जाता है, पाटन, गुजरात, भारत में है।रानी उदयमती ने इसे 11वीं शताब्दी में अपने पति सोलंकी राजा भीमदेव प्रथम के सम्मान में बनवाया था। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है और भारत की सबसे अच्छी बावड़ियों में से एक है।रानी की वाव का सात मंजिला डिज़ाइन मानसून के मौसम के दौरान बावड़ी को बाढ़ से बचाता है।बावड़ी 64 मीटर गुणा 20 मीटर गुणा 27 मीटर है। इसमें लगभग 500 जटिल हिंदू देवता, जल अप्सराएँ और अप्सराएँ हैं। Sahastralinga Talav सहस्त्रलिंग तालाब पाटन, गुजरात, भारत में एक ऐतिहासिक मानव निर्मित झील है।14वीं सदी के सोलंकी राजा सिद्धराज जयसिंह ने इसे बनवाया था। झील छोटे-छोटे मंदिरों, मंडपों और बगीचों से घिरी हुई है।आयताकार झील 1.2 किलोमीटर लंबी और 227 मीटर चौड़ी है।पाटन का सहस्त्रलिंग तालाब अपनी ऐतिहासिक और स्थापत्य सुंदरता के लिए दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है। Panchasara Parshwanath Jain Derasar पंचसार पार्श्वनाथ जैन देरासर भारत के गुजरात राज्य के पाटन में एक प्रसिद्ध जैन मंदिर है।यह मंदिर जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर, भगवान पार्श्वनाथ का सम्मान करता है।16वीं सदी के इस मंदिर में सुंदर वास्तुकला और विस्तृत नक्काशी है।मंदिर में पांच सोने, चांदी, तांबे, पीतल और सीसे की भगवान पार्श्वनाथ की मूर्तियाँ हैं। मंदिर की जैन पौराणिक कथाओं पर आधारित नक्काशी और मूर्त��यां प्रसिद्ध हैं।जैन मंदिर में एक केंद्रीय गुंबद और छोटे गुंबद और शिखर हैं।मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर जैन देवताओं और प्रतीकों को कलात्मक रूप से उकेरा गया है।भारत भर से जैन धर्मावलंबी भगवान पार्श्वनाथ की पूजा करने के लिए पंचसार पार्श्वनाथ जैन देरासर में आते हैं।   Patan Patola Heritage पाटन पटोला विरासत संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र पाटन, गुजरात, भारत में है।संग्रहालय दोहरी रेशम बुनाई तकनीक पाटन पटोला को संरक्षित और बढ़ावा देता है। पाटन की 700 साल पुरानी पटोला रेशम की बुनाई दुनिया की सबसे बेहतरीन और सबसे जटिल बुनाई में से एक है।पटोला साड़ियाँ, दुपट्टे और शॉल का निर्माण ताने और बाने के धागों को अलग-अलग रंगकर और उन्हें एक साथ बुनकर विस्तृत पैटर्न बनाकर किया जाता है। संग्रहालय जटिल पाटन पटोला बुनाई पैटर्न के साथ पटोला साड़ी, दुपट्टे और शॉल प्रदर्शित करता है।   Sankeshwar Jain Temple भारत के गुजरात राज्य के पाटन में संकेश्वर जैन मंदिर एक प्रमुख जैन मंदिर है।क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण जैन मंदिरों में से एक, यह जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर, भगवान महावीर का सम्मान करता है। 12वीं सदी के इस मंदिर में सुंदर वास्तुकला और जटिल नक्काशी है।मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर जैन देवताओं और प्रतीकों को अंकित किया गया है।मंदिर में जैन साहित्य की सबसे महत्वपूर्ण पांडुलिपियों और ग्रंथों का विशाल संग्रह है।विद्वान और शिक्षाविद् इन मंदिर-संरक्षित पांडुलिपियों का अध्ययन करते हैं।   Harihar Temple हरिहर मंदिर में भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा की जाती है, जो इन दोनों को समर्पित मंदिर है।आंतरिक दीवारों पर विभिन्न प्रकार की सुंदर नक्काशी और मूर्तियां हैं। Panchmukhi Hanuman Temple: यहां एक मंदिर देखा जा सकता है जो भगवान हनुमान को समर्पित है, जिनके पांच मुख हैं।माना जाता है कि मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में हुआ था।   Tran Darwaza Patan पाटन शहर के केंद्र में यह स्मारक पाया जा सकता है।यह स्मारक पाटन के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है।इस स्मारक में आप तीन दरवाजे देख सकते हैं।प्राचीन काल में, यह दरवाज़ा शहर के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता था। इस दरवाजे के ऊपर एक बड़ी घड़ी है। इसीलिए इसे घंटाघर कहा जाता है।    Sidhpur Museum इस साइट में पुरावशेषों का एक बड़ा संग्रह है। पुरातत्व विभाग इस संग्रहालय का प्रबंधन करता है।पाटन जिले के बारे में बहुत सारी जानकारी यहां मिल सकती है और आप प्राचीन मूर्तियां देख सकते हैं।यह संग्रहालय बहुत ही कम प्रवेश शुल्क 5 रुपये लेता है।   Also Read – Kutch mai ghumane ki jagah – Top Places to Visit in Kutch   Famous Food of Patan:-   पतन, गुजरात, भारत का एक प्राचीन शहर है, जिसमें इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूरी है। यहां की भोजन परंपरा में गुजराती रसोई का प्रभाव दिखता है। कुछ खास और लोकप्रिय खाद्य पदार्थ पतन में मिलते हैं: फाफड़ा-जलेबी: गुजरात के प्रसिद्ध नाश्ता में से एक है फाफड़ा-जलेबी। फाफड़ा एक क्रिस्पी स्नैक है जो बेसन से बनता है, और इसे चटनी के साथ सर्व किया जाता है। इसके साथ मीठी जलेबी का सेवन होता है। ढोकला: ढोकला, जो एक फरमेंटेड स्टीम्ड केक होता है, गुजरात का प्रमुख व्यंजन है। यह खमीर और इनो से बनाया जाता है, और ढोकला चटनी के साथ सर्व किया जाता है। गाठिया: गाठिया एक अन्य प्रकार का पॉप्युलर स्नैक है जो बेसन से बनता है। इसका स्वाद गरमा-गरम चाय के साथ बहुत अच्छा लगता है। उंधीयु: उंधीयु एक स्थानीय सब्जी है जो विंटर सीजन में बनती है। इसमें कई प्रकार के सब्जियां, मुठिया (गुंदर) और मसाले शामिल होते हैं। उंधीयु को पुरी या रोटी के साथ सर्व किया जाता है। खांडवी: खांडवी एक और मीठा स्नैक है जो बेसन से बनता है। इसके छोटे छोटे रोल्स को कढ़ी पत्ता, नारियल, और तड़का के साथ सजाकर परोसा जाता है। Read the full article
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danzer91 · 7 months ago
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पाकिस्तानी लड़की भारत ही वर्ल्ड कप जीतने वाला है🏆🇮🇳South Africa का कोई च...
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pooma-satsangam · 3 months ago
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𝗕𝗵𝗮𝗴𝘃𝗮𝘁 𝗚𝗶𝘁𝗮
𝗖𝗵𝗮𝗽𝘁𝗲𝗿 𝟯: 𝗞𝗮𝗿𝗺𝗮 𝗬𝗼𝗴𝗮
𝗧𝗛𝗘 𝗥𝗢𝗟𝗘 𝗢𝗙 𝗔 𝗪𝗜𝗦𝗘 𝗣𝗘𝗥𝗦𝗢𝗡
𝗦𝗔𝗡𝗦𝗞𝗥𝗜𝗧
Verse 3.20 (Second Line) कर्मणैव हि संसिद्धिमास्थिता जनकादयः | लोकसंग्रहमेवापि सम्पश्यन्कर्तुमर्हसि ||
Verse 3.21 यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जनः | स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते ||
Verse 3.22 न मे पार्थास्ति कर्तव्यं त्रिषु लोकेषु किञ्चन | नानवाप्तमवाप्तव्यं वर्त एव च कर्मणि ||
Verse 3.23 यदि ह्यहं न वर्तेयं जातु कर्मण्यतन्द्रितः | मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः ||
Verse 3.24 उत्सीदेयुरिमे लोका न कुर्यां कर्म चेदहम् | सङ्करस्य च कर्ता स्यामुपहन्यामिमाः प्रजाः ||
Verse 3.25 सक्ताः कर्मण्यविद्वांसो यथा कुर्वन्ति भारत | कुर्याद्विद्वांस्तथासक्तश्चिकीर्षुर्लोकसंग्रहम् ||
Verse 3.26 न बुद्धिभेदं जनयेदज्ञानां कर्मसङ्गिनाम् | जोषयेत्सर्वकर्माणि विद्वान्युक्तः समाचरन् ||
Verse 3.27 प्रकृतेः क्रियमाणानि गुणैः कर्माणि सर्वशः | अहङ्कारविमूढात्मा कर्ताहमिति मन्यते ||
Verse 3.28 तत्त्ववित्तु महाबाहो गुणकर्मविभागयोः | गुणा गुणेषु वर्तन्त इति मत्वा न सज्जते ||
Verse 3.29 प्रकृतेर्गुणसम्मूढा�� सज्जन्ते गुणकर्मसु | तानकृत्स्नविदो मन्दान्कृत्स्नविन्न विचालयेत् ||
𝗘𝗡𝗚𝗟𝗜𝗦𝗛
Verse 3.20 (Second Line) “By performing their prescribed duties, King Janaka and others attained perfection. You should also perform your duties to set an example for the good of the world.”
Verse 3.21 “Whatever actions great persons perform, common people follow. Whatever standards they set, all the world pursues.”
Verse 3.22 “O Partha, there is no duty for Me to do in all the three worlds, nor is there anything unattained that should be attained; yet I engage in action.”
Verse 3.23 “For if I did not engage in action, O Partha, certainly all men would follow My path.”
Verse 3.24 “If I did not perform prescribed duties, all these worlds would be put to ruination. I would be the cause of creating unwanted population, and I would thereby destroy the peace of all living beings.”
Verse 3.25 “As the ignorant perform their duties with attachment to results, O Bharata, so should the wise act without attachment, for the sake of leading people on the right path.”
Verse 3.26 “The wise should not unsettle the minds of the ignorant who are attached to fruitive work. They should engage them in all actions, performing them with devotion.”
Verse 3.27 “The bewildered spirit soul, under the influence of the three modes of material nature, thinks himself to be the doer of activities which are in actuality carried out by nature.”
Verse 3.28 “But one who is in knowledge of the Absolute Truth, O mighty-armed, does not engage himself in the senses and sense gratification, knowing well the differences between work in devotion and work for fruitive results.”
Verse 3.29 “Bewildered by the modes of material nature, the ignorant fully engage themselves in material activities and become attached. But the wise should not unsettle them, although these duties are inferior due to the performers’ lack of knowledge.”
𝗧𝗔𝗠𝗜𝗟
Verse 3.20 (Second Line) “செயல்களால் மட்டுமே ஜனகன் போன்றோர் சித்தியை அடைந்தனர். நீயும் உலக நன்மைக்காக உன் கடமைகளைச் செய்ய வேண்டும்.”
Verse 3.21 “மிகுந்தோர் செய்யும் செயல்களை மற்றவர்கள் பின்பற்றுவர். அவர்கள் அமைக்கும் தரங்களை உலகம் பின்பற்றும்.”
Verse 3.22 “பார்த்தா, மூன்று உலகங்களிலும் எனக்கு செய்ய வேண்டிய கடமையில்லை, அடைய வேண்டியதும் எதுவுமில்லை; இருந்தாலும் நான் செயல்களில் ஈடுபடுகிறேன்.”
Verse 3.23 “நான் செயல்களில் ஈடுபடாவிட்டால், பார்த்தா, நிச்சயமாக எல்லா மனிதர்களும் என் பாதையைப் பின்பற்றுவார்கள்.”
Verse 3.24 “நான் நிர்ணயிக்கப்பட்ட கடமைகளைச் செய்யாவிட்டால், இந்த உலகங்கள் அனைத்தும் அழிவுக்கு உள்ளாகும். நான் தேவையற்ற மக்கள் தொகையை உருவாக்கும் காரணமாக இருப்பேன், இதனால் அனைத்து உயிரினங்களின் அமைதியை அழித்துவிடுவேன்.”
Verse 3.25 “அறியாமையால் செயல்களைச் செய்யும் அறியாதவர்கள் போலவே, பாரதா, அறிவுடையவர்களும் பற்றற்றவர்களாக செயல்பட வேண்டும், மக்களை சரியான பாதையில் வழிநடத்துவதற்காக.”
Verse 3.26 “பழுதான செயல்களில் ஈடுபட்டுள்ள அறியாமையுள்ளவர்களின் மனதை அறிவுடையவர்கள் குழப்பக்கூடாது. அவர்கள் அனைத்து செயல்களிலும் ஈடுபட வேண்டும், பக்தியுடன் அவற்றைச் செய்ய வேண்டும்.”
Verse 3.27 “மூன்று வகையான இயற்கையின் குணங்களின் தாக்கத்தில், மயக்கமடைந்த ஆன்மா, செயல்களைச் செய்யும் செயல்வீரன் என்று நினைக்கின்றது, ஆனால் உண்மையில் அவற்றை இயற்கையே செய்கின்றது.”
Verse 3.28 “ஆனால் பரம சத்தியத்தை அறிந்த ஒருவர், மாபெரும் ஆயுதம் கொண்டவரே, உணர்ச்சிகளிலும் உணர்ச்சி திருப்தியிலும் ஈடுபடாமல், பக்தியில் செய்யும் வேலைகளுக்கும், பலனை எதிர்பார்த்து செய்யும் வேலைகளுக்கும் இடையிலான வேறுபாட்டை நன்கு அறிந்திருப்பார்.”
Verse 3.29 “மூன்று வகையான இயற்கையின் குணங்களால் மயக்கமடைந்த அறியாமையுள்ளவர்கள், முழுமையாக பொருட்செயல்களில் ஈடுபட்டு, அதில் பற்றுகொள்கின்றனர். ஆனால் அறிவுடையவர்கள் அவர்களை குழப்பக்கூடாது, இவை குறைவானவை என்றாலும், செயல் புரிபவர்களின் அறிவின்மையால்.”
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dayaramalok · 5 months ago
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airnews-arngbad · 5 months ago
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date – 24 September 2024
Time 18.10 to 18.20
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक – २४ सप्टेंबर २०२४ सायंकाळी ६.१०
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तीर्थक्षेत्र विकासाच्या ३०५ कोटी ६३ लाख रुपयांच्या आराखड्यांना राज्यस्तरीय शिखर समितीच्या बैठकीत मंजूरी
एसटीचं उत्पन्न वाढवण्यासाठी चालक आणि वाहकांना रोख प्रोत्साहन भत्ता देण्याचा निर्णय
श्री तुळजाभवानी देवीच्या नवरात्रापूर्वीच्या मंचकी निद्रेला आजपासून प्रारंभ
आणि
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राज्यातील विविध तीर्थक्षेत्र विकासाच्या सुमारे ३०५ कोटी ६३ लाख रुपयांच्या आराखड्यांना आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांच्या अध्यक्षतेखाली झालेल्या राज्यस्तरीय शिखर समितीच्या बैठकीत मंजूरी देण्यात आली. यात श्री क्षेत्र पंढरपूर इथला दर्शन मंडप तसंच दर्शन रांग या सुविधेसाठी १२९ कोटी ४९ लाख रुपयांच्या कामांचाही समावेश आहे. या सर्वच ठिकाणची कामे दर्जेदार आणि गूणवत्तापूर्ण व्हावीत याची काळजी घेण्याचे निर्देशही मुख्यमंत्री शिंदे यांनी या बैठकीत दिले. नाशिक जिल्ह्यात भगूर इथं स्वातंत्र्य��ीर विनायक दामोदर सावरकर यांच्या जीवनावर आधारित थीमपार्क, जळगाव जिल्ह्यात अमळनेर इथल्या मंगळग्रह देवस्थान विकास आराखडा, अमरावती जिल्ह्यात दर्यापूर इथं संत गाडगेबाबा कर्मभूमी ऋणमोचन विकास आराखडा, बीड जिल्ह्यात श्री क्षेत्र गहिनीनाथगड विकास आराखडा, दहशतवादी अजमल कसाबला जिवंत पकडणारे हुतात्मा तुकाराम ओंबळे यांच्या मूळगावी सातारा जिल्ह्यात केंडबे इथं स्मारक उभारण्यास या बैठकीत मान्यता देण्यात आली. या सर्व कामांसाठी निधीच्या तरतुदीलाही शिखर बैठकीत मंजुरी देण्यात आली. पुणे महानगर विकास प्राधिकरणाच्या ३ हजार ८३८ कोटी ६१ लाखांच्या अर्थसंकल्पालाही या बैठकीत मंजूरी देण्यात आली.
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नवी मुंबई आंतरराष्ट्रीय विमानतळाच्या एका धावपट्टीवर ५ ऑक्टोबर रोजी भारतीय वायू दलाचं एक विमान उतरवणं हे सिडकोचं उद्दिष्ट आहे. विमानाच्या भू अवतरणाचा हा कार्यक्रम पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या उपस्थितीत व्हावा, त्यासाठी पंतप्रधानांना विनंती करणार असल्याचं, सिडकोचे अध्यक्ष संजय शिरसाट यांनी सांगितलं आहे. शिरसाट यांनी आज नवी मुंबई आंतरराष्ट्रीय विमानतळ प्रकल्पाची पाहणी केली, त्यानंतर ते सिडको भवनात पत्रकार परिषदेत बोलत होते. विमानतळ उभारणीचं काम अत्यंत समाधानकारक पद्धतीनं सुरू असून, वायू दलाचं विमान धावपट्टीवर उतरल्यानंतर मार्च महिन्यात देशांतर्गत प्रवासी वाहतुक सुरू करण्याचा तर जून महिन्यात आंतरराष्ट्रीय उड्डाणं सुरू करण्याचा सिडकोचा प्रयत्न असल्याचंही शिरसाट यांनी सांगितलं.
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केंद्रीय गृह आणि सहकार मंत्री अमित शाह यांचं आज नागपूर इथं आगमन झालं, रेशीमबाग इथं सुरेश भट सभागृहात त्यांची भाजपा कार्यकर्त्यांशी संवाद बैठक होत आहे. दरम्यान अमित शाह आज आणि उद्या छत्रपती संभाजीनगरच्या दौऱ्यावर येत आहेत. आगामी विधानसभा निवडणुकीच्या अनुषंगाने ते पक्ष कार्यकर्त्यांशी तसंच अधिकाऱ्यांशी संवाद साधणार आहेत. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हे देखील विधानसभा निवडणुकीच्या अनुषंगाने आज छत्रपती संभाजीनगर इथं येत आहेत.
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पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या वाढदिवसानिमित्त १७ सप्टेंबर ते १७ ऑक्टोबर या कालावधीत उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्या विशेष वैद्यकीय मदत कक्षाच्या माध्यमातून राज्यभर मोफत सामुदायिक आरोग्य शिबिरं राबवण्यास सुरुवात झाली आहे. या शिबिरांच्या तपासणी दरम्यान मणक्यांशी संबंधित आजारांवर शस्त्रक्रीया करण्यासाठी स्पाईन फाऊंडेशनकडून पुढाकार घेण्यात आला आहे. विविध जिल्ह्यांत मणक्याशी संबंधित आजाराचं ��िदान झालेल्या रुग्णांवर त्या त्या जिल्ह्यात मोफत शस्त्रक्रिया करण्यात येणार असल्याचं, स्पाईन फाऊंडेशनचे विश्वस्त आणि मणक्यांच्या आजारावरील विशेषज्ञ डॉ शेखर भोजराज यांनी सांगितलं आहे.
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शाश्वत विकास उद्दिष्टपूर्ती बरोबरच भारताला समृद्ध आणि विकसित राष्ट्र बनवण्यासाठी महाराष्ट्राचं योगदान सर्वाधिक महत्त्वाचं ठरत असल्याचं, विधानसभेचे अध्यक्ष राहुल नार्वेकर यांनी म्हटलं आहे. ते दिल्लीत इथं राष्ट्रकुल संसदीय मंडळाच्या १० व्या परिषदेत बोलत होते. लोकसभा अध्यक्ष आणि राष्ट्रकुल संसदीय मंडळाचे भारत विभागाचे प्रमुख यांच्या अध्यक्षतेखाली ही परिषद “शाश्वत आणि सर्वसमावेशक विकासासंदर्भात विधानमंडळांची भूमिका” या विषयावर घेण्यात येत आहे. महाराष्ट्र हे देशातील सर्वाधिक नागरीकरणाचा वेग असलेलं राज्य असल्याने सार्वजनिक वाहतुकीचे विस्तारते जाळे, इलेक्ट्रिक वाहने, सुनियोजित गृहनिर्माण प्रकल्प या मुद्यांकडे नार्वेकर यांनी आपल्या भाषणात उपस्थितांचं लक्ष वेधलं.
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राज्य मार्ग परिवहन महामंडळाचं उत्पन्न वाढवण्याच्या दृष्टीने जास्तीत जास्त उत्पन्न आणणारे चालक आणि वाहक यांना एसटीतर्फे रोख प्रोत्साहन भत्ता देऊन त्यांचा गौरव करण्यात येणार आहे. त्यासाठी प्रत्येक फेरीच्या उत्पन्नाचं उद्दिष्ट देऊन ते उद्दिष्ट पूर्ण करुन अतिरिक्त उत्पन्न आणणाऱ्या चालक वाहकांना उद्दिष्टापेक्षा वाढीव उत्पन्नापैकी २० टक्के रक्कम प्रोत्साहन भत्ता म्हणून दोघांना सम प्रमाणात वाटण्यात येणार आहे. सदर रक्कम त्यांची कामगिरी संपवून आगारात आल्यानंतर त्याच दिवशी रोख स्वरूपात मिळणार आहे.
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येत्या दहा नोव्हेंबरला होणाऱ्या टीईटी, अर्थात महाराष्ट्र शिक्षक पात्रता परीक्षेसाठी ऑनलाइन अर्ज भरण्याची प्रक्रिया सुरू असून, त्यासाठी अंतिम मुदत येत्या ३० तारखेपर्यंत आहे. महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषदेचे उपायुक्त संजयकुमार राठोड यांनी ही माहिती दिली.
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तुळजापूर इथल्या तुळजाभवानी देवीच्या मंचकी निद्रेला आजपासून प्रारंभ झाला. आज सायंकाळच्या अभिषेक पूजेनंतर तुळजाभवानी माता शेजगृहातील चांदीच्या पलंगावर विसावली. तत्पूर्वी सेवेकरी पलंगे कुटुंबियांनी मंचकी निद्रेसाठी चांदीचा पलंग स्वच्छ केला. तर आराधी महिलांनी गाद्यांचा कापूस पिंजला. दरम्यान, नऊ दिवसांची मंचकी निद्रा संपवून ३ ऑक्टोबरला घटस्थापनेच्या पहाटे देवी तुळजाभवानी सिंहासनावर विराजमान होईल. त्याच दिवसापासून शारदीय नवरात्र महोत्सवाची सुरुवात होईल.
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सोलापूर जिल्हा एकात्मिक पर्यटन विकास आराखडा अंतर्गत मंजूर झालेल्या विविध विकास कामांचं आज उपमुख्यमंत्री अजित पवार यांच��या हस्ते भूमिपूजन करण्यात आलं. एकात्मिक पर्यटन विकास आराखडा आणि प्रशासकीय इमारतीचं भूमिपूजन, रस्ते कामांचा शुभारंभ पवार यांच्या हस्ते करण्यात आला.
दरम्यान, यंदा साखर कारखान्यांचा ऊस गळीत हंगाम १५ नोव्हेंबरपासून सुरू होणार आहे. त्यानुसार साखर कारखान्यांनी आणि आयुक्तालयानं कार्यवाही करावी, अशा सूचना उपमुख्यमंत्री अजित पवार यांनी दिल्या आहेत. आगामी सण, आणि राज्य विधानसभा निवडणुका लक्षात घेऊन, ऊस गळीत हंगाम सुरू करण्याबाबत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांच्याशी चर्चा करून गाळप हंगामाची तारीख निश्चित करण्यात आली आहे. 
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छत्रपती संभाजीनगर महानगरपालिका आणि देवगिरी महाविद्यालय यांच्या संयुक्त विद्यमाने स्वच्छता ही सेवा या या स्वच्छता पंधरवड्यानिमित्ताने मानवी साखळी करत विद्यार्थ्यांना एकतेचा संदेश देण्यात आला. या प्रसंगी छत्रपती संभाजीनगर महानगरपालिकेचे उपायुक्त तथा घनकचरा व्यवस्थापन विभाग प्रमुख रवींद्र जोगदंड, राष्ट्रीय सेवा योजनेच्या संचालिका डॉ. सोनाली क्षीरसागर, देवगिरी महाविद्यालयाचे प्राचार्य डॉ. अशोक तेजनकर आणि कर्मचारी उपस्थित होते. मानवी साखळीद्वारे भारताचा नकाशा साकारण्याच्या या उपक्रमात तेराशे विद्यार्थी सहभागी झाले.
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माजीमंत्री तथा लातूरचे आमदार अमित देशमुख यांनी आज लातूर इथल्या बार्शी रोडवरील मुलींच्या औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थेला भेट देत छत्रपती शाहू महाराज प्रशिक्षण आणि मानव विकास, संशोधन संस्था कार्यालय आणि वसतिगृह, अभ्यासिका, ग्रंथालय, प्रशिक्षण केंद्र इमारत बांधकामांची पाहणी केली. काम वेळेत आणि गुणवत्तापूर्ण करण्याच्या त्यांनी यावेळी अधिकाऱ्यांना सूचना केल्या.
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परभणी जिल्ह्यात विजेच्या कडकडाटासह मुसळधार पाऊस पडत आहे. छत्रपती संभाजीनगर शहर परिसरातही आज पावसाच्या जोरदार सरी कोसळल्या. परभणी, नांदेड, हिंगोली, बीड या चार जिल्ह्यांसाठी यलो अलर्ट जारी करण्यात आला असून, उद्याही मुसळधार ते मध्यम स्वरूपाचा पाऊस पडण्याचा अंदाज वसंतराव नाईक मराठवाडा कृषी विद्यापीठाच्या हवामान विभागाचे डॉ. कैलास डाखोरे यांनी व्यक्त केला आहे. या दोन दिवसांदरम्यान सोयाबीन काढणी करतांना पावसामुळे पिकांचं नुकसान होणार नाही, याची दक्षता शेतकऱ्यांनी घ्यावी, तसंच पशुधन सुरक्षित स्थळी बांधण्याचं आवाहन करण्यात आलं आहे.
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बीड जिल्ह्यातलं मांजरा धरण ९० टक्क्यांहून अधिक भरलं आहे. आवक वाढल्यास कोणत्याही क्षणी धरणातून पाणी सोडण्यात येईल असं पाटबंधारे ��िभागाचे धनेगाव इथले शाखा अधिकारी सुरज निकम यांनी सांगितलं आहे. छत्रपती संभाजीनगर जिल्ह्यात पैठण इथलं जायकवाडी धरणही साडे ९९ टक्क्यांहून अधिक भरलं आहे.
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गडचिरोली जिल्ह्याच्या सीमेला लागून असलेल्या छत्तीसगड राज्यातील नारायणपूर जिल्ह्यात पोलिसांसोबत झालेल्या चकमकीत तीन नक्षलवादी मारले गेले. यात दंडकारण्य झोनल समितीचा सदस्य रुपेश मडावी याचाही समावेश आहे. रुपेश मडावी हा गडचिरोलीच्या अहेरी तालुक्यातील रहिवासी होता. गडचिरोली जिल्ह्यात त्याच्याविरोधात हत्या आणि जाळपोळीसह ६६ गुन्हे दाखल होते. महाराष्ट्र शासनाने त्याच्यावर २५ लाख रुपयांचे बक्षीस जाहीर केलं होतं.
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जागतिक पर्यटन दिनानिमित्त २७ सप्टेंबर रोजी धाराशिव जिल्ह्यात तेर इथं हेरिटेज वॉकचं आयोजन करण्यात आलं आहे. तेर इथल्या त्रिविक्रम मंदिरापासून हेरिटेज वॉकची सुरुवात होणार आहे. तेर परिसराचा ऐतिहासिक वारसा पर्यटकांना माहिती व्हावा, आणि जिल्ह्यात पर्यटन वृद्धी व्हावी, या हेतूने पर्यटन जनजागृती संस्थेच्या वतीने हा वॉक घेण्यात येणार आहे.
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छत्रपती संभाजीनगर जिल्ह्यात फुलंब्री इथं तहसील कार्यालयात आज दोन जणांनी तहसीलदारांची खुर्ची पेटवून दिली. या प्रकरणी पोलिसांनी मंगेश साबळे आणि वसंत बनसोड या दोघांना ताब्यात घेतलं असून, त्यांच्याविरोधात गुन्हा दाखल करण्याची कार्यवाही सुरू असल्याचं, फुलंब्री पोलिस ठाण्याकडून सांगण्यात आलं. मराठा आरक्षणाच्या मागणीसंदर्भात हे आंदोलन करण्यात आल्याचं वृत्त आहे.
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सांगली, मिरज आणि कुपवाड शहर महानगरपालिकेच्या वतीनं ‘स्वच्छता हीच सेवा’ अंतर्गत आज सायकल फेरी काढण्यात आली. या फेरीमध्ये पर्यावरण रक्षणाचा संदेश देत महानगरपालिकेचे अधिकारी, कर्मचारी, सामाजिक संस्था आणि सायकल प्रेमी मोठ्या संख्येनं सहभागी झाले होते.
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drrupal-helputrust · 8 months ago
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11स्थापना दिवस | 11 Foundation Day | Help U Educational and Charitable Trust | Harsh Vardhan Agarwal
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लखनऊ, 28.04.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना के 11 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर "स्थापना दिवस कार्यक्रम" तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर” का आयोजन सी एम एस ऑडिटोरियम, विशाल खंड, गोमती नगर, लखनऊ में किया गया |
इस मौके पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि, "आज के मुख्य अतिथि आदरणीय श्री बृजेश पाठक जी प्रदेश में निकाय चुनाव में व्यस्तता के कारण कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो पा रहे हैं, वह आज इस समय व��राणसी में हैं | परन्तु समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने के हमारे लक्ष्य को पूर्ण करने में हमें हमारे मुख्य अतिथि आदरणीय श्री बृजेश पाठक जी का भरपूर प्रोत्साहन मिला है |
हमारे लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने अपनी स्थापना के 11 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं | अपने पूज्य बाबा श्री राधेश्याम अग्रवाल जी व अपने पिताजी श्री राजीव अग्रवाल जी के जनहित के कार्यों से प्रभावित होकर 28 अप्रैल, 2012 को हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की | तत्कालीन मेयर परम आदरणीय श्री दिनेश शर्मा जी ने ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान किया | आगे समाज के सवेदनशील लोगों की मदद से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का कारवां आगे बढ़ता गया तथा हमें संरक्षक के रूप में महाकवि पदम भूषण डॉ श्री गोपाल दास नीरज जी, पदम श्री अनवर जलालपुरी तथा भजन सम्राट पदम श्री अनूप जलोटा जी का सानिध्य प्राप्त हुआ | जिनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन में ट्रस्ट के जनहित के कार्यों को एक नई दिशा मिली | यह कहना उचित होगा कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में जनसेवा के क्षेत्र में एक नई पहचान मिली |
आज यह आप सबका ही आशीर्वाद है कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट निरंतर ही जनसेवा तथा समाज सेवा के कार्यों में कार्य कर रहा है जिसका विवरण ट्रस्ट की वेबसाइट एवं सोशल मीडिया फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टम्बलर तथा youtube पर उपलब्ध है |
साथ ही देश के सभी राज्यों की राजधानियों तथा अन्य देशो में ट्रस्ट के कार्यालय स्थापित कर जनहित के कार्यों को और विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है जिससे हम सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में जनहित के कार्यों में अपना योगदान दे सकें |
वर्तमान समय में माननीय प्रधानमंत्री परम आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास का अनुसरण करते हुए समाज के हर क्षेत्र में लोगों की मदद कर रहे हैं |
आप यदि समाजसेवा में अपना योगदान करना चाहें तो आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकते हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से समाजसेवा कर सकते हैं I यह आवश्यक नहीं है कि आप ट्रस्ट को आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही प्रदान करें बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्य, समन्वयक, सद्भावना राजदूत, स्वयंसेवक बनकर, संयुक्त तत्वावधान मं  आयोजन करके, भी अपना बहुमूल्य योगदान जनहित में प्रदान कर सकते हैं I
आपसे सादर अनुरोध है कृपया ट्रस्ट द्वारा विगत 11 वर्षों से निरंतर किये जा रहे जनहित में समाज उत्थान व समाज कल्याण के ��ार्यों के दृष्टिगत, लाभार्थियों के हित में तथा ट्रस्ट को प्रभावशाली कार्य करने हेतु अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान करना चाहें l                               
"स्थापना दिवस कार्यक्रम" में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट की न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की विवरण पुस्तिका का विमोचन किया गया | विवरण पुस्तिका में ट्रस्ट के विगत 11 वर्षों के कार्यों का विवरण उपलब्ध है |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विगत 11 वर्षों में ट्रस्ट को महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने वाली 7 विभूतियों का हेल्प यू सम्मान तथा वैश्विक महामारी कोरोना काल में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने हेतु 119 कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया गया |
सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर” में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक पद्माभूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज, पद्माश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी तथा वर्तमान संरक्षक पद्माश्री अनूप जलोटा की रचनाओं, गीतों, शायरी तथा भजनों की प्रस्तुति प्रदीप अली, आकांक्षा सिंह, मल्लिका शुक्ला ने की तथा भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत भाव नृत्य राम भी रहीम भी, अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम, महारास, राजस्थानी लोक नृत्य घूमर, की प्रस्तुति उर्मिला पाण्डेय ग्रुप द्वारा की गयी |
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